• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest All short story collected from Net

आप केसी सेक्स स्टोरी पढना चाहते है. ??

  • माँ - बेटा

  • भाई - बहेन

  • देवर - भाभी

  • दामाद – सासु

  • ससुर – बहु


Results are only viewable after voting.

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
Bahut badiya short stories likhi hai bhai maza aagaya..keep rocking
I just wanted to take a moment to express my heartfelt gratitude for your encouraging comments on my posts. Your kind words truly mean a lot to me and motivate me to keep sharing my stories.
 

Napster

Well-Known Member
6,262
16,436
188
I just wanted to take a moment to express my heartfelt gratitude for your encouraging comments on my posts. Your kind words truly mean a lot to me and motivate me to keep sharing my stories.
अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
  • Like
Reactions: junglecouple1984

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Update soon
 
  • Like
Reactions: Enjoywuth

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
विधवा भाभी की चुदाई से अकेलापन दूर किया



दोस्तो, मेरा नाम विक्की है.
मैं एक 22 साल का युवक हूँ और काफी स्मार्ट दिखता हूँ.


मेरी भाभी का फिगर 34-30-36 का है.
वे दिखने में कयामत लगती हैं. उनका नाम सोनम है और वे 27 साल की बेहद खूबसूरत महिला हैं.
उन्हें देख कर अच्छे अच्छों का लंड खड़ा हो जाए.

मेरे ताऊ जी के लड़के यानि मेरे बड़े भाई, जो उनके पति थे … उनका बीमारी के चलते देहांत हो गया था.
इस कारण से भाभी जी बहुत दुखी रहने लगी थीं.

फिर जैसे जैसे समय बीता, वह उस सदमे से बाहर आने लगीं.

हम सब उन्हें खुश रखने की पूरी कोशिश करते थे.
मैंने भी उनसे दोस्ती की ताकि वे मुझे अपना फ्रेंड समझ कर अपनी फीलिंग्स मुझसे साझा करें.

मेरे मन में उस समय तक भाभी जी के लिए कोई ग़लत भाव या विचार नहीं थे.

मैंने नोटिस किया था कि भाभी जी बहुत अकेलापन महसूस करती हैं तो मैं उनसे मजाक मस्ती करने लगा था.
भाभी जी भी धीरे धीरे सामान्य होने लगी थीं.

अब हाल यह हो गया था कि मैं उन्हें मजाक में इधर-उधर टच भी कर देता था तो वे बुरा नहीं मानती थीं.

एक दिन मैं उनके कमरे में टीवी देख रहा था और मुझे नींद आने लगी तो मैं वहीं सो गया.
भाभी ने भी मुझे नहीं उठाया और वे भी मेरे साथ ही लेट गईं.

नींद में होने के कारण मेरा लंड खड़ा हो गया था जिसका मुझे पता भी नहीं चला था.

अचानक से मैंने करवट ली तो भाभी जी मेरी बांहों में आ गईं जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी गांड में घुस गया.

भाभी की गांड की गर्मी से मुझे अच्छा महसूस होने लगा.

फिर जैसे ही मेरी नींद टूटी और मैंने देखा कि भाभी जी मेरी बांहों में हैं, तो मैं सकपका गया.

मैंने उस टाइम तो कोई रिएक्शन नहीं किया, वैसे ही लेटा रहा.
पर मुझे बड़ा अजीब सा भी महसूस हो रहा था और अच्छा भी लग रहा था.

मैं कुछ ही देर में अपना संयम खो बैठा और मैंने कुछ सोचते हुए आगे की ओर एक धक्का मारा. इससे मेरा लंड सलवार के ऊपर से ही उनकी गांड की दरार में अन्दर को घुस गया.

उसी वक्त भाभी जी के मुँह से आह निकल गई.
मैं डर गया और वैसे ही ढीला होकर पड़ा रहा.

फिर भाभी जी उठीं तो उन्होंने मुझे नींद में समझ कर कुछ नहीं कहा.

शायद उन्हें भी अच्छा लगने लगा था तो वे वैसे ही पड़ी रहीं.
शायद उनके अन्दर की वासना जागने लगी थी.

कुछ टाइम बाद वे वहां से उठ कर चली गईं और मैं भी कुछ देर बाद उनके बिस्तर से उठ कर चला गया.

लेकिन अब मेरा उस सीन को याद कर करके और सोच सोच कर बुरा हाल हो गया था.
मेरा लंड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था.

मैं भाभी को पटा कर चोदने की सोचने लगा.

इस घटना के दो दिन बाद की बात है.
मैं नहाने जा रहा था तो मैंने भाभी से मजाक में कहा दिया- भाभी जी, एक साथ नहाने चलें क्या?

तो भाभी बोलीं- अच्छा बच्चू, ये शौक भी रखते हो … फिलहाल तो तुम अकेले ही जाओ आज मेरे कंधे में दर्द है.
मैंने तपाक से पलट कर कहा- लाओ, मैं आपको मसाज देकर थोड़ा आराम दे देता हूँ.

यह कह कर मैं भाभी के कंधे दबाने लगा और उनके बदन के स्पर्श से मेरा लंड कड़क होने लगा.

कंधे दबाते हुए ही मेरा लंड उनकी कमर से बार बार टच होकर गुर्राने लगा था.
शायद भाभी को महसूस हो गया था तो उन्होंने मुझे मना करते हुए कहा- बस रहने दो अब तुम नहा लो.

मैं भी समझ गया था कि लंड का अहसास भाभी को कुछ कुछ करने लगा था तो वे मना कर रही हैं.
तब मैं नहाने चला गया.

दोपहर के वक्त मैं भाभी के कमरे में गया.
वह उस वक्त लेटी हुई फोन चला रही थीं.

मैं उनसे मजाक करते हुए डबल मीनिंग बातें करने लगा.

लेटी होने की वजह से उनका कुर्ता थोड़ा ऊपर को हो गया था, जिससे उनकी नाभि दिख रही थी.
वे बहुत हॉट लग रही थीं.

मैं तो बस उन्हें चोदना चाह रहा था.

मैंने भाभी से कहा- भाभी आपकी नाभि बहुत हिट लग रही है, आपका पेट और नाभि कितनी क्यूट है!
भाभी- अच्छा … थैंक्स!
यह कहते हुए उन्होंने नॉटी स्माइल पास की.

मैं- भाभी आपका पेट इतना मोटा क्यों होता जा रहा है?

भाभी से मैं इस सब पर खुल कर बात कर लेता था.

भाभी- अरे छोड़ो, ये तो सब कॉपर-टी के कारण हो रहा है!
मैं- भाभी, वह क्या होता है?

भाभी- अरे कॉपर-टी बच्चे होने से रोकती है. तुम्हें पता ही नहीं है क्या?
मैं मजे लेते हुए कहने लगा- ओह … मतलब भैया ने पूरा इंतज़ाम कर रखा था!

इस बीच मैं उनके पेट को सहला भी रहा था.

भाभी- हट बदमाश!
यह कह कर वे हंस दीं- हा हा.

इधर मैं उनके पेट को सहलाता जा रहा था, तो मुझे उनकी सलवार के नाड़े से उनकी झांटों के कुछ बाल दिख गए.

मैं मजे लेते हुआ बोला- भाभी आपके नीचे के बाल दिख गए … शेम शेम!
भाभी ये सब सुन कर हंस दीं और बोलीं- हट बदमाश, क्या क्या देखता रहता है!

मैं अभी भी उनके पेट को सहलाता जा रहा था और वे कुछ भी नहीं बोल रही थीं.
शायद उन्हें अच्छा लगने लगा था.

मैंने हिम्मत की और अपने हाथ को हल्का सा उनकी नाभि से नीचे ले गया.
मैंने देखा कि भाभी अभी भी कुछ नहीं बोल रही थीं. वे बस आंखें बंद की हुई लेटी थीं.

इससे मेरी हिम्मत कुछ और बढ़ गई और मैं अपना हाथ थोड़ा और नीचे ले गया.
ऐसा करते करते मैं उनकी चूत के बाल तक हाथ फेरने लगा.

भाभी बस आंखें बंद की हुई लेटी थीं, तो मैं समझ गया कि भाभी जी चुदासी हो रही हैं.
मैंने देरी न करते हुए उनकी चूत को टच कर दिया और झांटों के साथ साथ चूत को भी सहलाने लगा.

उनकी आह आह निकलने लगी.

अब मुझे कोई डर नहीं रह गया था.
भाभी मादक सिसकारियां लेने लगी थीं.

मैं उन्हें किस करने लगा तो भाभी ने अपने होंठ मेरे होंठों से जोड़ दिए.
हम दोनों में लिप किस शुरू हो गया.
वे अब मेरा पूरा साथ दे रही थीं.

मैंने धीरे से उनकी सलवार का नाड़ा खींच दिया.
तो भाभी ने अपनी टांगों को हिला कर सलवार बाहर निकाल दी.

उनकी सलवार हटने लगी तो मैंने एक कदम आगे बढ़ कर उनके कुर्ते को भी निकाल दिया.

अब वे मेरे सामने ब्रा पैंटी में थीं.

मैंने उनकी ब्रा के हुक को खोल कर उसे भी उनकी चूचियों से अलग कर दी.
इसके जवाब में उन्होंने खुद अपने हाथों से अपनी पैंटी उतार दी.

उनकी प्यारी चूत को झांटों से घिरा देख कर मेरे लंड ने एक झटका मारा.
उनकी चूत गुलाब के फूल की तरह खिली हुई थी.

मुझसे रुका नहीं गया और मैंने अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया और चाटने लगा.
भाभी मादक सिसकारियां लेती हुई अपने जिस्म को कसमसाने लगीं- आह ऑश … यह क्या कर दिया है आह!

उनकी मदभरी आवाजें निकलने लगी थीं और वे मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी थीं.
कुछ टाइम बाद भाभी अकड़ने लगीं और झड़ गईं.

मैंने देरी न करते हुए अपना सख्त लंड उनकी चूत पर रखा और हल्के से दबा दिया.
कड़क लंड के दबाव से भाभी की चूत चिरती चली गई और मेरा लंड एक इंच तक अन्दर घुसता चला गया.

काफी दिनों के बाद चूत में लंड घुसने की वजह से उन्हें दर्द हुआ और वे हल्के से चीख उठीं.
मैंने उनके मुँह पर हाथ रख दिया और हल्के हल्के शॉट लगाने लगा. अब उनके मुँह से ‘आह आह आउच …’ निकल रहा था.

अगले ही पल मैंने एक तेज शॉट मारा, जिस वजह से मेरा पूरा लंड उनकी चूत में जड़ तक उतर गया.
तेज दर्द के मारे उनकी चीख निकल गई और उनकी आँखों में आंसू आ गए थे.

वे मुझे धक्का देने लगीं पर मैं हटा ही नहीं.
थोड़ी देर तक मैं वैसे ही बिना हिले-डुले उनकी चूत में लंड को पेले पड़ा रहा.

कुछ देर बाद मैंने धक्के लगाना शुरू किया.
तो अब वे भी मेरा साथ दे रही थीं ‘आहह आह चोद दे आहह!’

मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और कुछ देर बाद मैंने उनको कुतिया बनने को कहा.
वे झट से कुतिया बन गईं.

मैंने पीछे से लंड चूत में पेल दिया और उन्हें धकापेल चोदना चालू कर दिया.

कुछ 15 मिनट बाद भाभी झड़ गईं और अब वे कंपकंपाने लगीं.

मैं अभी नहीं झड़ा था तो उन्हें चोदता रहा.
इस बीच वे दूसरी बार भी झड़ गईं.

अब उन्होंने कहा- जल्दी फारिग हो जाओ.
यह सुनकर मैंने भी तेज तेज से धक्के मारे और उनकी चूत में ही झड़ गया.

हम दोनों ऐसे ही नंगे बेड पर पड़े रहे.

कुछ देर बाद मैं और भाभी जी एक दूसरे को किस कर रहे थे.
फिर ऐसे ही थोड़ी देर लेटे रहे.

मैंने भाभी के एक दूध को दबाते हुए कहा- अपने देवर को नंबर तो दे दो भाभी … मैं पास हुआ हूँ या फेल?

हॉट विडो Xxx भाभी ने मेरे लंड को सहलाते हुए कहा- सौ में से एक सौ दस नंबर पाए हैं मेरे देवर ने. बस जरा देर कर दी.
मैंने कहा- हां जरा फ़ट्टू किस्म का है न आपका देवर!

वे हंसने लगीं और बोलीं- उस दिन जब तुम मेरे पीछे से हमला करने के मूड में थे न … तभी से मेरी वासना भड़की हुई है!

मैंने कहा- हां भाभी, उसी दिन से मेरी भी आग भड़की हुई है.
वे मेरी नाक पकड़ कर बोलीं- फिर बुझाई क्यों नहीं!

मैंने कहा- गांड फट रही थी कि कहीं रायता न फैल जाए!
वे हो हो करके हंसने लगीं.

उसके बाद मैं उन्हें अपने सीने से लगा कर प्यार करने लगा.
वे मुझे अपने दूध पिलाने लगीं- विक्की मेरे दूध चूसो न … इन्हें किसी मर्द की बड़ी जरूरत है.

मैंने उनके एक दूध को अपने होंठों में दबाया और खींच खींच कर चूसने लगा.

मेरी और भाभी की जल्द ही दूसरी चुदाई भी होना शुरू हो गई.
अब हम दोनों कभी भी चुदाई कर लेते हैं. उन्हें भी अकेलापन महसूस नहीं होता है.
 
Last edited:

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
चुदासी मामी की चूत की प्यास बुझाई


फ्रेंड्स, मेरा नाम मुकुंद है.
मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ.

मेरे परिवार में मैं मेरी मम्मी और मैं ही रहता हूँ.

मेरी मम्मी का मायका प्रतापगढ़ में है.
काफी दिन से मैं अपने मामा के यहां ही रहता हूँ क्योंकि मेरे मामा का एक्सिडेंट हो गया था, जिससे वे चलने में असमर्थ हो गए थे. अब वे बस लेटे रहते थे, कुछ कर नहीं पाते थे.
उनकी सेवा करने के लिए मैं उनके घर आ गया था.

मेरे मामा 38 साल के हैं.
उन्हें बिस्तर पर पड़े पड़े दो साल हो गए थे.
लैट्रीन के लिए भी उन्हें सहारा देकर उठा कर ले जाना पड़ता था. उस वजह से उन्हें मेरी ज़रूरत पड़ती थी.
मैं और मामी उनकी सेवा करते थे.

मामी घर में अकेली थीं.
उनका एक लड़का जो अभी छोटा था तो उन्हें मेरी जरूरत थी.

यह हॉट मामी वांट सेक्स कहानी इसी मामी की है.

मामी की उम्र अभी 36 साल है.
मेरी मामी जवान हैं और मामा की असमर्थता के कारण वे चुदासी रहने लगी थीं, जबकि वे काफ़ी चुदक्कड़ किस्म की महिला हैं.
वे अपनी चूत की प्यास अपनी चूत में उंगली डालकर करती हैं.

लेकिन पहले मुझे यह सब पता नहीं था.

मामी मुझे बहुत प्यार करती थीं, मुझे गले से लगा लेती थीं.

मैं सोच रहा था कि वे मुझसे प्यार करती हैं इसलिए ऐसा करती हैं.
जबकि मैं गलत था, वे मुझसे चुदवाना चाहती थीं.

जब मैंने उन्हें देखने का नजरिया बदला और उन्हें किसी माल की नजर देखा तो समझ में आया कि वे तो एकदम रेडी टू फक वाली आइटम हैं.

उन दिनों हुआ यूं कि मामी जी की भी तबीयत खराब रहने लगी थी.
एक दिन उनकी कमर में दर्द हो रहा था तो उन्होंने मुझसे कहा- मोनू, मेरी कमर में तेल मालिश कर दो!

वे मुझे प्यार से मोनू बुलाती थीं.
मैं बोला- ठीक है मामी!

उनकी कमर में तेज दर्द हो रहा था.
वे बिस्तर पर लेट गईं.

मैं उनके पीछे ही तेल लेकर बैठ गया और तेल लगाने लगा.

मामी ने साड़ी पहनी हुई थी.
मैंने साड़ी का पल्लू नीचे किया और मामी का ब्लाउज पीछे से खोल दिया.
उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.

मैं उनकी कमर में तेल लगाने लगा.

मामी की ब्रा की पट्टी हाथ में अटक रही थी.
तो मैं मामी से बोला- मामी इसे भी खोल दूँ?
मामी बोलीं- ठीक है.

मैं उनके बदन पर मालिश करता रहा और मामी की गांड पर बैठ गया.

थोड़ी देर में ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मामी की गांड पर रगड़ मारने लगा था.
मामी बोलीं- मोनू ये मुझे क्या चुभ रहा है?

यह कहते हुए उन्होंने अपने हाथ से मेरे लंड को सहला दिया.
मामी बहुत मजाकिया टाइप की थीं तो मैं शर्मा गया और हँसने लगा. मैं समझ गया कि हॉट मामी वांट सेक्स!

वे बोलीं- कोई बात नहीं, सही कर लो … मुझे चुभ रहा है!
मैं बोला- ठीक है मामी.

थोड़ी देर बाद फिर से मामी की गांड में मेरा लंड घुसने लगा.
मामी को लंड चुभने के साथ अच्छा भी लग रहा था लेकिन वे कुछ बोल नहीं रही थीं.

अब मैं उठा और कहा- मामी आपका हो गया!

अभी वे कुछ कहतीं, तभी मामा की आवाज़ आई- मोनू!
मैं बोला- हां मामा!
वे बोले- यहां आओ, मुझे बाथरूम जाना है, थोड़ा करवा लाओ!
मैं बोला- ठीक है मामा.

मैं चला गया.

कुछ देर बाद मैंने चाय बनाई और हम सब लोग बैठ कर चाय नाश्ता करने लगे.
मैं बाहर घूमने चला गया.

शाम को वापस आया तो मामी रसोई में खाना बना रही थीं.
खाना बनने के बाद मामा, मामी और मैंने एक साथ खाना खाया और सब लोग लेट गए.

रात में मामी मेरे पास आईं और बोलीं- मोनू प्लीज मेरी कमर में तेल मालिश कर दो यार … मेरी कमर में फिर से दर्द हो रहा है!
मैं बोला- ठीक है, आप लेट जाओ अभी कर देता हूँ.

मामी- ठीक है.
मैं उनकी कमर में तेल मालिश करने लगा.

मैं मामी से बोला- मामी अपने कपड़े उतार दो, तेल लग रहा है. कपड़ों में लग जाएगा.
उन्होंने तुरंत अपनी साड़ी ऐसे निकाल दी, मानो वे यही सुनने का इंतजार कर रही थीं.

मैं फिर से तेल मालिश करने लगा और मैंने उनके ब्लाउज के बटन व ब्रा को भी खोल दिया.
मामी ने अपने ब्लाउज के बटन और ब्रा का हुक खुलते ही अपने उन दोनों कपड़ों को खुद ही उतार दिया.

अब वे ऊपर से नग्न हो गई थीं लेकिन वे औंधी लेट गई थीं इसलिए मुझे उनके दूध न दिख सके.

पर मेरे जैसे युवा को अपने सामने अपने सपनों की रानी के नग्न दूध की कल्पना मात्र से रहा नहीं जा रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि बस अभी ही अपने हाथ बढ़ा कर मामी के मम्मों को पकड़ कर भींच लूँ और उनकी चुदाई करना शुरू कर दूँ.

मैं उन्हें देख रहा था और वे औंधी लेट गई थीं.
तभी मामी ने कहा- मोनू क्या सोच रहे हो … आ जाओ न और फिर से करो मेरी मालिश!

मैं हां कहते हुए उन्हें देखने लगा. मामी केवल पेटीकोट और पैंटी में थीं.
मैंने मामी से कहा- अब इन्हें भी निकाल दो न … तो मैं आपकी सही से मालिश कर दूंगा.

मामी बोलीं- हां ठीक है. मैं उतार देती हूँ.
उन्होंने पेटीकोट का नाड़ा ढीला किया और नीचे सरका कर निकाल दिया.

उसके बाद मामी केवल चड्डी में रह गई थीं.
मैं उनकी गांड के जरा ऊपर तेल से मालिश कर रहा था और धीरे से मामी की चड्डी को सरका कर उनकी गांड पर भी हाथ फेर दे रहा था.

वे मजे में मेरे हाथ का आनन्द ले रही थीं.
वे बोलीं- जरा ऊपर को भी करो न!

यह सुनकर मैं उनकी गांड पर बैठ गया और उनकी पीठ को तेज तेज मसलते हुए मालिश करने लगा.
उस वजह से मेरा लंड उनकी गांड से रगड़ने लगा और जल्द ही खड़ा हो गया.

मेरा लंड मामी की गांड की दरार में लग रहा था.

इस बार मामी स्पष्ट शब्दों में बोलीं- तुम्हारा लंड मेरी गांड पर लगा रहा है!

मैं वासना से तप्त हो गया था तो बिंदास उनकी एक चूची को साइड से दबाता हुआ बोला- कोई बात नहीं, लगने दो … आपको अच्छा लग रहा है न!

मामी बोलीं- हां अच्छा तो लग रहा है लेकिन तुम उसे पैंटी के ऊपर से क्यों रगड़ रहे हो, मेरी पैंटी भी निकाल दो!

मैंने तुरंत उनकी पैंटी को निकाल दिया.
वे भी तुरंत मुड़ कर मुझे देखने लगीं.

अब मामी मेरे सामने नंगी एकदम थीं और अपने होंठ दबा कर मुझे वासना से देख रही थीं.
उनके होंठों पर जहरीली मुस्कान थी.

मैंने अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और उनके गाल को सहला दिया.

वे अपने एक हाथ को पीछे उठा कर मेरे लंड को टच करते हुए कुछ इशारा करने लगीं.
मैं समझ गया और उन्हें नंगी देख कर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए.

अब मैंने पीछे से ही मामी की गांड में अपना लंड को सैट कर दिया और तेल लगाने लगा.
मामी बोलीं- बहुत मजा आ रहा है, जरा और अन्दर तक करो!

यह सुनकर मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और मामी की गांड में घुसेड़ने लगा.
मामी चिल्लाईं- उइ … यह क्या कर रहे हो?

मैं बोला- कुछ नहीं मामी बस आपको मजा देने की कोशिश कर रहा हूँ!

वे बोलीं- मजा देने की जगह तुम दर्द दे रहे हो … पीछे वाले छेद में मत डालो … उधर बहुत दर्द होता है! अभी तक मैं कभी अपनी गांड नहीं मरवाई हूँ. मेरी चूत में पेलो.
मैंने कहा- ओके!

मैंने पीछे से ही अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर मामी की चूत में पेल दिया और लंड घुसेड़ कर उनकी चूचियों की तेल से मालिश करने लगा.

थोड़ी देर बाद मामी बोलीं- तेल मालिश बंद कर दो और मेरी चूत की आग को बुझा दो. जब से तुम्हारे मामा का एक्सिडेंट हुआ है, तब से अभी तक मेरी चूत की आग भभक रही है. आज तुम मेरी चूत की आग को बुझा दो.

यह कह कर मामी सीधी हो गईं और मुझे प्यासी नजरों से देखने लगीं.

मेरा लंड अभी सही से नहीं लगा था तो उनके मुड़ते ही चूत से निकल गया.

मैंने मामी से अलग होकर उन्हें पलटने को कहा.
वे झट से सीधी हो गईं और मैंने मामी की चूत में ज़बरदस्ती अपना मुँह लगा दिया.

मैं मामी की प्यासी बुर को चाटने लगा.
पानी की बुर से अजब सी महक आ रही थी लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था.

मैं मामी की बुर चूसने लगा और उनकी बुर में अपनी पूरी जीभ को अन्दर घुसेड़ दिया.

मामी को बहुत मजा आने लगा.
वे मेरा हाथ पकड़ कर बोलीं- अब जल्दी से चूत को पूरा मजा दे दे.

मैंने पोज बनाया और उनकी चूत में अपनी एक उंगली को पेल दिया.
मामी को अपनी चूत में मेरी उंगली को लेते ही गजब का नशा हो गया.

वे बोलीं- दूसरी उंगली भी अन्दर डालो.
मैंने दूसरी उंगली भी अन्दर पेल दी.
उनकी आह निकली और वे अपनी टांगों को फैलाती हुई बोलीं- तीन उंगलियां डालो.

मैंने तीसरी उंगली को भी डाल दिया और चूत की रगड़ाई करने लगा.
मैं अपनी उंगली से मामी की चूत चोदने लगा था तो वे बोलीं- मोनू बस कर अब लंड पेलो.

मैं बोला- हां मामी, मैं अभी अपना पूरा हथियार डाल देता हूँ.

मैंने पोज बनाया और उनकी चूत में अपना लंड का सुपारा रख दिया.

मैं उनके ऊपर चढ़ गया.
मामी मुझे वासना से देख रही थीं.

मैंने अपने होंठ उनके होंठों से लगा दिए.
मामी ने अपने हाथों से मेरी गांड को अपनी तरफ खींचा तो मेरा लंड उनकी चूत में घुस गया.

अब मामी दर्द से बिलबिलाने लगीं- आह मोनू, जरा धीरे से अन्दर करना … मेरी चूत एकदम चिपक गई है.

मैंने उनकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और चूसते हुए उसे खींचने लगा.
मामी को अब मजा आ रहा था.

फिर मैंने थोड़ा सा लंड मामी की चूत में और अन्दर पेला.

मामी को बेहद दर्द होने लगा था और उनकी चूत से पानी रिसने लगा था.

धीरे धीरे मैंने अपना लंड पूरा मामी की चूत में पेल दिया और उनके ऊपर लेट गया.
अब मैं लंड अन्दर पेले हुए ही मामी के होंठों की चुसाई के साथ अपने दोनों हाथों से उनकी चूचियों को मसल रहा था.

इस वजह से मेरा पूरा वजन मामी के ऊपर था.
वे भी मुझे अपने ऊपर चढ़वा कर जरा सा भी वजन महसूस नहीं कर रही थीं.

मामी सेक्स के बहुत नशे में थीं शायद, जिससे उनको मेरा भार पता ही नहीं चल रहा था.
कुछ देर बाद मैं सही से हुआ और उनकी चूत में लंड को अन्दर बाहर करने लगा.

मामी मेरे लंड के मज़े ले रही थीं.

अब तो उनकी मादक आहें निकलने लगी थीं.
वे बोल रही थीं- आआह अया मोनू … मजा आ गया आह खूब तेज तेज मालिश कर दो मेरी चूत की … आह इसकी अन्दर तक की खुजली मिटा दो … मैं दो साल से प्यासी हूँ.

कामुक भाव से मामी मुझे तेज चोदने के लिए बोल रही थीं.

मैंने उनकी चूत से लंड निकाला और अपने लंड पर थोड़ा सा और तेल लगा कर मामी की चूत में वापस घुसेड़ दिया.

करीब 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और वे भी झड़ गईं.
फिर हम दोनों नंगे ही लेटे रहे.

कुछ देर बाद मामा की आवाज आई- मोनू कहां हो?
मैं तुरंत उठा और कपड़े पहन कर मामा के पास चला गया.

शायद मामा को पेशाब के लिए बाहर जाना था.
मैं उनको लेकर पेशाब करवाने ले गया.

तब तक मामी भी कपड़े पहन कर आ गईं. मामी ने मेरा हाथ पकड़ कर मामा को सहारा दिया और मैं उनके हाथ को अपने हाथ में लेकर मुस्कुराने लगा.

कुछ देर बाद मैं मामा को वापस लिटा कर अपने कमरे में आ गया.
मामी मामा के पास ही लेट गईं.

ऐसे ही अब मैं और मामी हमेशा चुदाई करने लगे थे.
 
Last edited:

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
मम्मी और पापा की चुदाई देखती पकड़ी गई



मेरा नाम श्रुति है और मैं राजस्थान की रहने वाली हूँ।
मेरे घर में मैं, मेरा छोटा भाई और मम्मी पापा रहते हैं।
असल में मेरे मम्मी पापा मेरे चाचा चाची हैं. उन्होंने ही मुझे पाला है.

पापा कृषि यानि खेती का काम करते है और मम्मी घर के काम करती हैं।

यह पोर्न पोर्न फॅमिली सेक्स कहानी तब की है जब मैं अपने कॉलेज के छुट्टियों में घर आई थी।
मेरी यह पहली कहानी है, मुझसे कोई गलती हो जाए हो जाए तो मुझे अपनी दोस्त समझ कर माफ कर देना.

मैं बहुत खुश थी क्योंकि बहुत दिन बाद मैं घर आई थी।

मुझे घर आई देख कर मम्मी भी बहुत खुश हो गई।
उस समय पापा खेत गए हुए थे और भाई बाहर दोस्तों के साथ खेलने गया था।

मैंने हाथ मुंह धो लिया.
तब तक मम्मी ने खाने के लिए परोसा.
मैं फ्रेश होकर आई और खाना खाने बैठ गई।

मेरे घर में रसोई, एक हॉल और एक बेडरूम है. उसमें मेरा भाई मम्मी पापा के साथ सोता है.

मैंने मम्मी से बातें की और फिर मेरी सहेली से मिलने चली गई।

मैं शाम को लौट आई.
तब तक पापा भी आ गए थे।

पापा ने मुझे देखा और वे बोले- कब आई बेटी?
तो मैंने कहा- पापा दोपहर में आई. मम्मी ने बताया नहीं क्या?

पापा ने कुछ बातें की और बाहर चले गए.

फिर मैं और भाई बात करने लगे.
मेरे भाई का नाम करण है वह नवम कक्षा में पढ़ता था.

फिर मैं मम्मी के साथ खाना बनाने में मदद करने लगी।

फिर हम लोगों ने खाना खाया.
और सोने के लिए तो एक बेडरूम ही था.
पापा और मम्मी नीचे सो गए और मैं और भाई बिस्तर पर सो गये।

रात के 12 बजे मुझे कुछ आवाज आने लगी.
मैंने ऊपर से देखा तो क्या … पापा मम्मी के मम्मे मसल रहे थे ब्लाउज के ऊपर से!

मैं कुछ नही बोली, मैं सिर्फ देखती रही.

फिर पापा ने मम्मी का ब्लाउज निकाला और साड़ी भी निकाल दी.
मैं मम्मी को सिर्फ ब्रा और पैंटी में देखती ही रह गई।
गोरी मम्मी काली ब्रा पेंटी में माल लग रही थी.

मेरी चूत से पानी निकलने लगा था, मैं भी गर्म होने लगी थी।

फिर पापा ने मम्मी को चूमा ऊपर से नीचे तक! फिर उन्होंने मम्मी की पैंटी निकाली और माँ की चूत में उंगली करने लगे.
मेरी मम्मी बहुत तेज सिसकारियां ले रही थी।

5 मिनट बाद पापा ने अपनी जीभ को मॅाम की चूत में डाल दिया और चूत को चाटने लगे.
मम्मी ने पापा को जोर से पकड़ कर रखा था.

पापा ने कुछ समय बाद अपना मोटा लन्ड मम्मी की चूत पर रगड़णा शुरू कर दिया.
फिर पापा ने मम्मी की चूचियों के ऊपर से ब्रा भी निकाल दी.
क्या माल लग रही थी मेरी मम्मी!

फिर पापा अपने दोनों हाथों से मम्मी के मम्मे दबाने लगे.
मम्मी जोर से आह आह कर रही थी।

पापा ने फिर मम्मी के निप्पल दांतों से काट दिए तो मम्मी की जोर से चिल्लाई- आह मर गई!
तभी पापा ने मम्मी का मुख अपने हाथ से दबा लिया.

फिर पापा ने अपना लन्ड मम्मी के चूत पर सेट किया और एक हाथ में मम्मे को पकड़ा और जोर से धक्का मारा.
पापा का आधा लन्ड मम्मी की गीली चूत में घुसता चला गया.

पापा ने मम्मी के मुंह के ऊपर हाथ रख दिया था क्योंकि हम भाई बहन पास में सोये थे.

कुछ देर पापा रुके और फिर से धक्का मारा.
मामी हिल कर रह गई.

और फिर पापा जोर जोर से अपने आप को आगे पीछे कर रहे थे.

कुछ मिनट के बाद मम्मी पापा के ऊपर आ गई और पापा के लन्ड पर चढ़ गई और ऊपर नीचे होने लगी.

फिर कुछ देर बाद पापा ने मम्मी को घोड़ी बनाया.
मम्मी बोल रही थी- पीछे वाले छेद में नहीं घुसाना.

लेकिन पापा नहीं माने, पापा ने उनगली पर थूक लगाई और मम्मी के पीछे वाले छेद में आगे पीछे करने लगे.

उंगली से ही मम्मी की हालत खराब हो गई थी.
फिर भी पापा नहीं मान रहे थे.

उन्होंने अपने लन्ड के ऊपर थूक लगाया और मम्मी के मुंह पर हाथ रख दिया और लन्ड का टोपा सेट किया.
फिर पापा ने देरी न करते हुए लन्ड को मम्मी की गांड के अंदर डाल दिया.

उनका लन्ड आधा गांड में चला गया और मम्मी की आंखों से आंसू आने लगे थे.

पापा ने मम्मी के मम्मे दबाए और जोर से झटका मारा.
मम्मी कराह उठी.
पर पापा ने मम्मी को दबा के रखा और अपने लन्ड को आगे पीछे करने लगे.

कुछ समय बाद पापा मम्मी की गांड में ही झड़ गए और वे अपने लन्ड को मम्मी की गांड में डाले डाले सो गए।

बाद मैं मैंने अपना मोबाइल निकाला और उसमें पोर्न देखने लगी और अपनी चूत सहलाने लगी।

दूसरे दिन फिर वैसे ही हुआ.
उस दिन भी पापा मेरी मम्मी की चूत में लंड पेल रहवे थे और मैं देख रही थी.

पर मैं देखती हुई पकड़ी गई. मम्मी की नजर मेरे ऊपर पड़ी तो मुझे जागी देख वे थोड़ी घबरा गई.
उन्होंने पापा को बताया.
तभी पापा ने चादर ओढ़ ली.

फिर मम्मी मेरे पास आई और मुझे पापा के पास ले गई.

मम्मी ने मेरे कपड़े उतारे और मेरी ब्रा को उतार फेंका और वे मेरे मम्मे दबाने लगी.
मैं सिसकारियां ले रही थी.

पापा शांत थे ओ कुछ भी नही बोल रहे थे।
फिर मम्मी मेरे मम्मे को चूसने लगी और मेरे हाथों से अपने मम्मे दबाने लगी.
मैं भी मम्मी के मम्मे दबाने लगी.

फिर मम्मी ने मेरी पैंटी निकाली और मेरी चूत को सहलाने लगी.
मैं गर्म हो चुकी थी, मेरी चूत से पानी आ रहा था.

फिर मम्मी ने मेरा हाथ लिया और पापा के लन्ड पर रख दिया.

मैं डर गई.

मेरा हाथ लेकर मम्मी पापा का लन्ड सहला रही थी.

फिर पापा ने भी मेरे मम्मे को दबाया और मुंह में लेकर चूसने लगे।

कुछ देर बाद पापा ने अपना लन्ड मेरे मुंह के पास लेकर आए और बोले- मुंह में लेकर चूस!

मैं मम्मी की तरफ देखने लगी.
मम्मी बोली- कुछ नहीं होगा!

फिर मैंने लन्ड मुंह में लिया.
मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था मुंह में!

पापा ने मेरा सर पकड़ा और जोर से हिलाने लगे.
उनका लन्ड मेरे मुंह में नहीं जा रहा था.

फिर पापा ने मुझे लेटाया और मेरी चूत को चाटने लगे।

मम्मी ने अपनी चूत मेरी मुंह पर रख दी.
मैं उनकी चूत को चाटने लगी थी.

फिर पापा ने मेरी टांगें ऊपर की और मेरी चूत पर वैसलीन लगाई और उंगली करने लगे.

5 मिनट बाद पापा ने अपना लन्ड मेरी चूत के ऊपर सेट किया और झटका मारा.
मेरी चीख निकल गई.

मम्मी मुझे सहला रही थी.
मैं दर्द के मारे बोल नहीं रही थी, मैंने सिर्फ कराह रही थी.

पापा बोले- बेटी पहली बार है, बाद में मजे आयेंगे.

तभी पापा ने और एक जोर का झटका मारा और मेरी सील टूट गई.

मेरी बेचारी चूत से खून निकलने लगा था.
पापा ने कुछ भी नहीं देखा और जोर से झटके मारने लगे.

इतने में मैं झड़ गई थी लेकिन पापा का अभी नहीं हुआ था.
पापा बहुत जोर से झटके मार रहे थे.

कुछ देर बाद उनका होने को था तो उन्होंने उनका माल उन्होंने मेरे मुंह के ऊपर डाल दिया।
हम तीनों ऐसे ही लेट गए.
मम्मी मुझे होंठों पर चूमने लगी, मुझे प्यार करने लगी.
मैं भी खुश थी, मुझे अच्छा लगा था.
पर आगे क्या होने वाला है, इसका मुझे आभास नहीं था.

कुछ देर बाद पापा का लंड फिर से खड़ा हो गया.
अब मम्मी ने मेरी गांड में वैसलीन लगाईं और उंगली अंदर घुसाने लगी.
मुझे दर्द हो रहा था.

मैं समझ गई कि अब पापा मेरी गांड मारेंगे. मैं इसके लिए तैयार थी.

पापा मेरी गांड में अपना लंड डालने के लिए तैयार थे.

तब पापा ने अपनी उंगली मेरी गांड में लगाई. वे मेरी गांड में उंगली करके उसे लंड लेने लायक बनाने लगे.

फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और लंड को मेरी गांड के छेद पर रख कर जोर लगाया.
धीरे धीरे लंड आधा लंड चला गया.

पोर्न पोर्न फॅमिली सेक्स में मुझे काफी दर्द हो रहा था, मैं रो रही थी.

कुछ देर रुकने के बाद पापा ने एक झटका मारा और जोर से झटके मारने लगे.
मेरी गांड फट गई, ऐसा लगा मुझे.
मुझे मजा नहीं आ रहा था.

ल्व्किन मैं पापा से अपनी गांड मरवाती रही.

थोड़ी देर बाद पापा ने मेरी गांड के अंदर ही अपना माल गिरा दिया और सो गए।

अगले दिन मुझसे चला भी नहीं हो रहा था.
मम्मी ने मुझे हल्दी डाल कर दूध पिलाया.

अगली रात तो भाई के सोते ही मैं खुद मम्मी पापा के बीच में आकर लेट गई.
और पिछली रात वाली पूरी चुदाई क्रिया दोहराई गयी.
मुझे बहुत मजा आया.

अभी भी हम तीनों रोज रात को थ्रीसम करते हैं।
 

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
  • Like
Reactions: Napster

junglecouple1984

Active Member
893
1,153
139
विधवा देहाती मम्मी को चुदाई का सुख दिया



फ्रेंड्स, मेरा नाम अविनाश है.
मैं अमरेली गुजरात में रहता हूँ.

मेरी उम्र 25 साल है.
मैं एम. बी. बी. एस. की पढ़ाई कर रहा हूँ.

मॅाम फक माँ चोद कहानी मेरी मम्मी की है. मेरी मम्मी का नाम शिल्पा है.
उनकी उम्र 42 साल है और उनका फिगर 34-32-36 का है.

मेरी मम्मी गांव से हैं तो उनकी शादी उनके पिताजी ने कम उम्र में ही करवा दी थी.
मेरे पिताजी आर्मी में थे, जो शादी के 2 साल बाद ही गुज़र गए थे.

तो मेरी मम्मी ने ही मुझे पाला और मेरी मम्मी को बहुत दिक्कत सहनी पड़ी.

पापा के आर्मी में शहीद होने से हमें सरकार से बहुत सारे पैसे मिले थे, तकरीबन 25 लाख रूपए.

मेरी मम्मी को उनके पिताजी ने भी उनके हिस्से के 12 लाख रूपए दिए थे.
घर में पैसों की कोई टेंशन नहीं थी लेकिन लोग मम्मी को बुरा भला कहते थे.

वे बोलते थे कि ये अपनी पति को खा गयी … और पता नहीं कितनों से चक्कर चल रहा होगा!
मेरे नानाजी ने मम्मी से कहा- तुम लोग गांव से दूर किसी बड़े शहर में चले जाओ और उधर रह कर बच्चे की पढ़ाई के बारे में सोचो. अपना पुराना सब भूल जाओ और नयी ज़िंदगी शुरू करो.

मम्मी ने भी सोचा कि मैं अपने बेटे के लिए यह सब करूंगी और दुबारा शादी भी नहीं करूँगी. अपने बेटे को लायक इंसान बनाऊंगी.
उसके बाद हम दोनों मम्मी बेटा 2-3 महीने बाद मुंबई में रहने आ गए.

मम्मी अनपढ़ थीं इसलिए पैसे घर में अल्मारी में साड़ी के नीचे रखती थीं.
मम्मी को बैंक का चक्कर समझ नहीं आता था.

फिर मम्मी ने मुझको यहीं मुंबई में ही पाला पोसा और बड़ा किया.

बचपन से ही मुझे मम्मी नहलाया करती थीं और वे खुद भी मेरे साथ नहाती थीं.
जब मैं छोटा था, तब एक बार मैंने मम्मी से पूछा था- मम्मी तुम कहाँ से सुसू करती हो, तुम्हारे पास तो मेरे जैसी सुसू नहीं है?

तो मम्मी ने कहा था- बेटा, तुम लड़के हो और मैं लड़की … हम दोनों का सुसू अलग अलग होता है.
मैं समझ नहीं पाया था, पर मैंने कुछ ज्यादा पूछा नहीं.

कुछ साल बाद मम्मी ने मुझे इंग्लिश मीडियम के स्कूल में अड्मिशन दिलवाया और सोचा कि मैं अच्छे से पढ़ूँगा.
मम्मी मुझे डॉक्टर बनाना चाहती थीं.

एक दिन मैं सुबह के 4 बजे सुसू करने के लिए उठा तो देखा मम्मी की सलवार के ऊपर खून लगा हुआ था.

मैं डर गया और मैंने उसी वक्त मम्मी को जगा कर उन्हें बताया कि मम्मी आपके कपड़ों में खून लगा है!
मम्मी ने मुझसे कहा- बेटा, चिंता मत करो … यह खून सभी महिलाओं को हर महीने निकलता है. ये सामान्य बात है.

मैंने कहा- मम्मी पर आपको दर्द हो रहा होगा ना!
मम्मी ने कहा- नहीं, मुझे कुछ नहीं हो रहा है.

फिर मम्मी बाथरूम में चली गईं. मैं उनके पीछे पीछे गया.

मम्मी ने मेरे सामने अपनी सलवार निकाली और मैंने मम्मी को बिना कपड़ों के देखा.
मम्मी ने अपनी टांगों के बीच में दिखाते कहा कि देखो बेटा, यहां से खून निकलता है. यह हर महिला को निकलता है और यह सामान्य बात है.

फिर मम्मी ने अपने पूरे कपड़े निकाले और मुझे भी कपड़े हटाने को बोला.
वे मुझे नहलाने लगीं और खुद भी नहाने लगीं.

मेरी नज़र मम्मी की दोनों टांगों के बीच में टिकी थी, जहां से वे सुसू करती हैं.
मम्मी मुझे देख रही थीं.

वे बोलीं- बेटा कुछ नहीं है वहां, दर्द नहीं हो रहा है, देखो खून भी नहीं आ रहा है!
मैंने वह जगह छूकर देखी और कहा- अच्छा ठीक है मम्मी.

फिर नहाने के बाद मम्मी ने एक बड़ा सा कपड़ा लिया और उसने अपनी टांगों के बीच से होते हुए पूरे पिछवाड़े से निकालते हुए लंगोटी के जैसे बांध लिया.

मैंने पूछा- यह क्या कर रही हो मम्मी?
तो उन्होंने कहा- बेटा, दुबारा खून कपड़े पर ना लगे, इसलिए ऐसा कर रही हूँ. अब ये 5 दिन तक रुक रुक कर खून आएगा, लेकिन मुझे दर्द नहीं होगा.

मम्मी ब्रा-पैंटी, पैड, माहवारी के समय इस्तेमाल करने वाली महिलाओं के काम आने वाली वस्तुओं से पूरी तरह अनजान थीं.
चूंकि वे गांव में रहती थीं ना इसलिए ऐसा था … और उन्होंने कोई पढ़ाई भी नहीं की थी.
अब यह सब चलता रहा.

जब मैं स्कूल की बड़ी क्लास में आया, तो मैंने अपने स्कूल में टॉप किया.
मम्मी मेरी सफलता से बहुत खुश थीं.

उसके बाद मैंने साइन्स विषय ले लिए और बायलॉजी भी ले ली.

अपनी कड़ी मेहनत से मैंने अपनी बोर्ड की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए व साइन्स में 90% स्कोर किया.

मेरी मम्मी बहुत ज़्यादा खुश हुईं.
उन्होंने मुझे बाइक खरीद दी और नया फोन भी.

हम मम्मी बेटे ने मेरा रिज़ल्ट अच्छा आने से खूब एंजाय किया, हम दोनों बाहर गए रेस्टोरेंट में डिनर किया.
बाहर नयी बाइक पर घूमे और देर रात को घर वापस आ गए.

मैं और मम्मी रात को सोने के लिए कपड़े चेंज करके बेड पर आ रहे थे, तब मैंने देखा कि मम्मी फिर से अपने पैरों के बीच में पहले जैसा कपड़ा बांध रही थीं.

मैंने मम्मी से कहा- मम्मी आप ये कपड़ा मत बांधो, आजकल बाजार में सैनिटरी पैड आ गए हैं. लड़कियां उसी का इस्तेमाल करती हैं.
मम्मी कुछ समझ नहीं पाईं.

मैंने मम्मी से कहा- मैं कल ले आऊंगा.
सुबह उठते ही मैं मम्मी के लिए सैनिटरी पैड का पैकेट ले आया और साथ में 4-5 जोड़ी ब्रा और पैंटी भी मम्मी की साइज़ की ले आया.

जब मम्मी नहाने जा रही थीं, तब मैंने उन्हें इस सबके बारे में बताया.
मम्मी ने कहा- ठीक है, इसे इस्तेमाल करूँगी, पर मुझे नहीं पता कि कैसे पहनना होता है.

मैंने उन्हें बताया कि दो पैरों के बीच में पैंटी के अन्दर पैड को रख कर पहनना होता है.
वे नहाने चली गईं.

अब मैं बड़ा हो गया था, इसलिए मम्मी के साथ नहाने नहीं जाता था.
फिर थोड़ी देर बाद बाथरूम से आवाज़ आई- अवि बेटा, यहां आना ज़रा!

मैं अन्दर गया तो देखा कि मम्मी मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थीं.
उन्हें यूं देख कर मैं एकदम से बौखला सा गया.
आज पहली बार मुझे कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था.

उन्होंने कहा- बताओ, कैसे इस्तेमाल करते हैं?
मैंने कहा- मम्मी मैंने आपको बताया था तो सही!

फिर मैंने ही मम्मी को पैंटी पहनाई, पैंटी में पैड खोल कर उनकी सुसू वाले स्थान पर लगाया और पहना कर सैट कर दिया.

फिर मैंने ही मम्मी को ब्रा भी पहनाई.
इसी बीच मेरा लंड एकदम हार्ड हो गया था.

आज पहली बार मुझे मम्मी को ऐसा देख कर हुआ था.

मम्मी मेरे फूले हुए लंड को देख रही थीं.
वे बोलीं- अरे तुम्हारी सुसू को क्या हुआ … यह इतना बड़ा कैसे हो गया और पजामे के ऊपर से काफी बड़ा दिख रहा है?
मैंने कहा- कुछ नहीं मम्मी ऐसे ही!

मम्मी को ये सब नहीं पता था कि यह बड़ा क्यों हुआ, क्योंकि मुझे लगा कि मम्मी को इन सब बातों का कोई खास ज्ञान नहीं हुआ होगा.

उनके साथ पिता जी ने एक या दो बार ही सेक्स किया होगा और वह भी अंधेरे कमरे में … तो मम्मी को लंड के आकार के बारे में और सेक्स से रिलेटेड कुछ भी पता नहीं था.

मम्मी के पीरियड्स खत्म हो गए थे.

उसके बाद मम्मी ने कहा- बेटा, मेरे महीने के दिन खत्म हो गए हैं, अब इन सब चड्डी ब्रा आदि का क्या करना है?

मैंने कहा- मम्मी इसे पहने रखा करो. ऐसे ही रहना अच्छा नहीं होता. सभी लेडीज लोग पहनती हैं.
मम्मी ने कहा- इसे पहन कर मुझे कुछ अजीब अजीब सा लगता है, पर ठीक है पहनने में मजा भी आ रहा है. धीरे धीरे पहनने की आदत हो जाएगी.

फिर एक रात कुछ ऐसा हुआ कि मैं और मम्मी रात को सो रहे थे, तो मम्मी का नाइट गाउन उनके घुटनों तक चढ़ गया था.
मैं मम्मी के पैर और जाँघ देख रहा था.

पता नहीं कैसे, मेरा हाथ उन्हें छूने को आगे आ गया.
फिर धीरे धीरे मैं उन्हें सहलाने लगा.

धीरे धीरे मैं मम्मी की गांड को सहलाने लगा.
मम्मी ने पैंटी नहीं पहनी थी. मैंने ही कहा था कि रात को पैंटी ब्रा मत पहनना, नींद अच्छी आएगी.

मैं मम्मी की गांड को मसलने लगा.
क्या गांड थी … एकदम मुलायम.

मेरा लंड एकदम से टाइट हो गया.
मैंने कंट्रोल खो दिया और मैं उनकी गांड पर अपना लंड घिसने लगा.

तुरंत ही मेरे लंड वीर्य की पिचकारी छूटी और मम्मी की गांड पूरी मेरे माल से भर गयी.
फिर मैंने मम्मी के गाउन को ठीक किया और सो गया.

सुबह देखा तो सब सामान्य था.
मम्मी को कुछ पता नहीं था.

पर मेरे मन में मम्मी के बारे में गंदे ख्याल आ रहे थे.

अब मैंने मम्मी को गंदी नज़र से देखना चालू कर दिया.
तभी सुबह मम्मी जब नहा कर आईं, तो वे बोलीं- बेटा मुझे ये वाली पैंटी ब्रा पहन कर बहुत अच्छा लग रहा है. तुम्हारा शुक्रिया इनके बारे में बताने के लिए!

मैंने कहा- इसमें शुक्रिया कैसा! आप मेरी मम्मी हो … आपके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ.

पर मैं तो अब मम्मी को बिना अंडरगार्मेंट्स में देखना चाहता था.

मेरा मम्मी को चोदने का मन कर रहा था. मेरा दिमाग़ काम नहीं कर रहा था; सब जगह मुझे मम्मी की चूत, गांड दिख रही थी.

मैंने मम्मी को चोदने का सोच लिया था.
मुझे पता था कि मम्मी के पीरियड्स 3 दिन बाद शुरू होने वाले हैं.

तो मुझे 2 दिन में मम्मी को कैसे भी करके चोदना होगा ताकि मैं मम्मी की चूत चोद भी लूं और मम्मी प्रेग्नेंट भी ना हों.

फिर रात को मैं मम्मी के सोने का इंतजार कर रहा था. लगभग 12 बजे मम्मी सो गयी थीं.

मैंने धीरे धीरे मम्मी का गाउन ऊपर उठाया.
तभी मम्मी ने तुरंत मेरे मुँह के सामने करवट ले ली.

मेरी मम्मी की चूत उनके गाउन के ऊपर से मेरे लंड को छू रही थी.

फिर मैं मम्मी के गाउन के ऊपर से उनके बूब्स दबाने लगा.
क्या बूब्स थे … एकदम मुलायम!

मैंने मम्मी के गाउन के ऊपर के बटन खोले और अन्दर हाथ डाल कर बूब्स दबाने ही जा रहा था कि मम्मी जाग गईं.

वे बोलीं- अवि बेटा, क्या कर रहा है?
मेरा हाथ उनके गाउन के अन्दर था.

मैंने कहा- कुछ नहीं मम्मी, आपका बटन खुला था तो बंद कर रहा था.
मम्मी ने कहा- अच्छा ठीक है, कर दे बंद!

थोड़ी देर बाद मैंने मम्मी से पूछा- मम्मी, आपके स्तनों से दूध निकलता है क्या अब?
मुझे तो पता था कि नहीं निकलता है.
वह तो बच्चे की डिलेवरी के बाद ही आता है!

मम्मी- नहीं बेटा, अब दूध तो नहीं निकलता है, पर पता नहीं क्यों ऐसा हो गया! अचानक जब तू 5 साल का हुआ, तो तूने दूध पीना बंद कर दिया था, तभी से शायद दूध बनना बंद हो गया है!
मैं- अच्छा ऐसा है मम्मी, क्या मैं एक बार और चूस सकता हूँ शायद दूध निकलने लगे!

मम्मी- हट … अब तू बड़ा हो गया है अब तू थोड़ी ना दूध पी सकता है!
मैं- क्यों नहीं पी सकता? आप पिलाइए … मैं देखता हूँ … शायद दूध आ जाए!
मम्मी- ठीक है, ले पी ले मेरा दूध!

मैंने मम्मी के बटन खोल कर उनके बूब्स बाहर निकाले और उनसे चिपक कर उनकी एक चूची को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा.
मम्मी ने हँसते हुए कहा- आ रहा क्या दूध? मुझे पता था कि नहीं आएगा … चल छोड़ अब!

पर मैंने कहा- मम्मी चूसने दो ना, बहुत साल हो गए, मजा आ रहा है चूसने में!
मम्मी बोलीं- ठीक है बेटा!

मैं चूसते चूसते मम्मी का दूसरा उरोज दबा रहा था.
मम्मी बोलीं- दर्द हो रहा बेटा, दबा मत!

मैंने कहा- सॉरी मम्मी.
तभी मेरा लंड एकदम सख़्त हो गया जो मम्मी को पेट में चुभ रहा था.

मम्मी- ये तो उस दिन के जैसे कड़क हो गया … यह कैसे हो गया?
बस मम्मी मेरे लंड को छूकर देखने लगीं.

मैंने नादान बनते हुए कहा- पता नहीं मम्मी, शायद मैं बड़ा हो रहा हूँ तो ऐसा होता होगा!

मैं सोच रहा था कि मम्मी को पता होगा.
मम्मी ने पापा का लौड़ा अपनी चूत में लिया होगा, तभी तो मैं पैदा हुआ … फिर भी मम्मी एसा क्यों पूछ रही हैं?

मम्मी- हां ऐसा ही होता होगा शायद!

मैं- मम्मी एक बात पूंछू?
मम्मी- हां बोल ना बेटा!

मैं- बच्चा कैसे पैदा होता है?
मम्मी- बेटा जब तुम्हारी शादी होगी तब तुम अपनी पत्नी के साथ रहोगे तो बच्चे हो जाएंगे.

मैं- अच्छा … और क्या इसके लिए कुछ करना नहीं पड़ेगा?
मम्मी- नहीं बेटा, कुछ नहीं करना पड़ेगा!

मैं सोच में पड़ गया कि यह कैसे हो सकता है. जब मम्मी पापा से चुदी होंगी … तभी तो मैं पैदा हुआ होगा. क्या मम्मी को सच में कुछ नहीं पता है? या वे अपनी भावनाएं मुझसे खुल कर नहीं बता पा रही हैं.

मैं- अच्छा ठीक है!
मम्मी- अब जल्दी सो जाओ, कल पढ़ने भी जाना है ना?

मैं- हां मम्मी, ठीक है … चलो सो जाते हैं.
तभी मैं बाथरूम में जाकर मुठ मार कर आया और मम्मी के साथ चिपक कर सोने लगा.

मैंने सोचा कि अब एक ही दिन है कल या परसों से मम्मी के पीरियड्स शुरू हो जाएंगे.

आज रात को कैसे भी करके मम्मी को चोदना ही होगा.
मैंने दिमाग़ के घोड़े दौड़ाए और मुझे मम्मी को चोदने का आइडिया मिल गया.

अब बस कल का इंतजार था. मैं मीठे सपने देखने लगा और सो गया.
करीब दो घंटा बाद मुझे अपने लंड पर कुछ हरकत सी होती महसूस हुई.

मैंने अपनी आंख को हल्के से खोला तो देखा कि मम्मी जाग रही थीं और उनका हाथ मेरे लंड को सहला रहा था.

वे उसे बड़े ही प्यार से सहला रही थीं उससे मेरा लंड कड़क होने लगा.
कुछ ही देर में मेरे लौड़े में एकदम से तनाव आ गया और मम्मी उसे पकड़ कर कुछ सोचने लगी थीं.

तभी मैंने अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और उनके साथ चिपक गया.

मम्मी भी मेरे साथ चिपक गईं, उनकी सांसें तेज तेज चल रही थीं.

मैंने ठान लिया था कि यह मौन ही ठीक है और इसी मौन में सेक्स हो जाने देता हूँ.

कुछ ही पलों बाद मैंने मम्मी के गाउन को ऊपर उठा दिया और उनके एक दूध को चूसने लगा.

मम्मी भी गर्म आहें भर रही थीं. मैंने अपने लोअर को हटाया और अपने लंड को मम्मी के हाथ में दे दिया.
कुछ ही देर बाद मैंने मम्मी को सीधा लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया.

मैंने उनकी चूत में लंड को लगाया और पेल दिया.

मम्मी चीखने की कोशिश करतीं कि मैंने उनके मुँह को अपने मुँह से बंद कर दिया और उनकी चुदाई चालू कर दी.

आधा घंटा के लगातार मॅाम फक के बाद मैं मम्मी की चूत में ही झड़ गया.
उसके बाद हम दोनों नंगे ही सो गए.
मैं माँ चोद बन गया था.

अगले दिन मम्मी मुझे नजरें नहीं मिला रही थीं.
मैंने उनको अपनी बांहों में भर लिया और कहा- मम्मी, मैं आपका बेटा हूँ और आपको सुख से वंचित नहीं रख सकता था. समाज की नजरों में भले ही यह गलत हो लेकिन मैं आपको स्त्री सुख देना उचित समझता हूँ.

मम्मी भी रोती हुई मेरे सीने से लग गईं और हम दोनों फिर से एक होने लगे.

उसके बाद से मम्मी मेरी माशूका बन गईं और हम दोनों मम्मी बेटे अपनी इस नई जिंदगी से खुश रहने लगे.
 
  • Like
Reactions: rkv66
Top