• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,892
22,274
189
कहानी का नया अपडेट 33
पेज नं 138 पर पोस्ट कर दिया गया है
Kindly read & review
 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,892
22,274
189
बहुत ही रोचक और कामुक अपडेट था मित्र, एक साथ कई कहानियां आगे चल रहीं हैं और उन्हें पढ़ कर बहुत मज़ा भी आ रहा है, हालांकि व्यक्तिगत रूप से कुछ कुछ पक्षों पर मेरे मन में कुछ मतभेद भी हैं,
जैसे कि रागिनी का दोहरा चरित्र, एक ओर आप उसे खुले विचारों की और आनंद लेने वाली महिला दिखाते हैं पर साथ ही उसे इतना बचा के रखते है, जबकि पूरे घर में चुदाई का इतना खुला वातावरण है, तो उस अनुसार अब तक छोटे बेटे और देवर आदि से उसका मिलन हो जाना चाहिए था, आपके ही जोड़ीदार ठरकी पो भाई ने भी नायक की मां को आरंभ में बचा कर रखा पर जब उन्हें सही समय लगा तो उसे भी पूरी छूट दी। पर आपकी कहानी में अभी तक वो देखने को नहीं मिला, हो सकता है ये आपकी लेखनी हो या किरदारों को लेकर इंसिक्योरिटी।
दूसरा जो किरदार चुदाई में पहले ही इतना आगे बढ़ चुके हैं उनके बीच धीरे धीरे सेडक्शन समझ नहीं आता नए किरदारों का तो बनता है अब अनुज और रागिनी दोनों ही काफी चुदाई कर भी चुके हैं और देख भी चुके है तो उनके बीच धीरे धीरे आगे बढ़ना भी मेरी समझ से परे है।
कहानी के दूसरे सीजन से मुझे आशा थी वो सब देखने को मिलेगा जो पहले में नहीं मिला, और ये सीजन कुछ ज़्यादा धमाकेदार होगा।
खैर काफी कुछ मैं चाह कर भी समझा नहीं पाया हूं ये सब मेरे व्यक्तिगत विचार हैं इन्हें अन्यथा न लें। आपकी कहानी मुझे काफी प्रिय है DREAMBOY40 इसलिए भावनाओं को रोक नहीं पाता।

आपका मित्र

Shaandar jabardast super hot Mast Lajwab Update 🔥🔥🔥🔥🔥 ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️💯 Super ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ waiting for next update keep going ❤️❤️❤️❤️❤️❤️

Jbrdast lajawaab update

Nice update bro 💯 Waiting for new seen 😀 with new members 😁

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है अमन के तो मजे हो रहे हैं साली और सोनल के साथ दमदार चुदाई चल रही है वहीं मुरारी मंजू के पीछे पागल है शीला और रज्जो की मस्तियां शुरू हो गई है

Masaledar update :boobyattack::boobyattack::boobyattack::boobyattack::boobyattack::boobyattack::boobyattack::boobyattack::bj2::bj2::bj2::bj2::bj2::bj2::bj2::bj2::bj2::bj2::boobyattack::boobyattack::boobyattack::boobyattack::dogwizz::dogwizz::boobyattack::boobyattack::dogwizz::dogwizz::dogwizz::boobyattack::boobyattack::boobyattack::boobyattack::boobyattack::boobyattack:

Bahut khoob likha hai, murari utsuk behta hai manju ke size jaane ko...aah maza aayega agle update mai

khoob likha hai :perfect::perfect::perfect::perfect::perfect:


बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से

Nice update

Superb update bhai...but humme toh sonal ka intezar hai

Super update

College Basketball Dancing GIF by NCAA March Madness

Hot seductive update


धन्यवाद शानदार अपडेट देने के लिये
देर कर देते हो आने में
पर जब आते हो एक नया सस्पेंस बना जाते हो
अब अगला अपडेट जल्दी कर देना भाई धन्यवाद....🙏

Nice jaldi update diya karo

Bahut hi lajawaab jabrdast update 🥰

huzoor kuch aage badhein ab to eid bhi ho gyi.

good story

Update???

Bhai tadpao mat update ayega ki nanhi batado please
कहानी की अगली कड़ी पोस्ट कर दी गई है
पढ़ कर रेवो जरूर करें
 

Raj Kumar Kannada

Good News
1,349
1,631
144
सपना या हकीकत Update Waiting
 
  • Like
Reactions: DREAMBOY40

ajaydas241

Member
107
233
43
UPDATE 029

नई सीख नया अहसास

मेरा कलेजा धकधक हो रहा था और हलक सूखने को हुआ जा रहा था । समझ नहीं आ रहा था आगे क्या होगा
अभी 2 मिनट पहले की बात थी कि अम्मी इतने प्यार से बोल रही थी और अब तो पक्का है फिर से मार पड़नी थी ।

: ये सब क्या है शानू ( अम्मी उलझन भरे भाव में बोली )
: जी ,जी वो सॉरी ( मै डरते हुए बोला )
अम्मी मुझे घूरे जा रही थी और मै हिम्मत कर उन्हें चोर नजरो से देखा तो जैसे ही उनकी नजरे मुझसे टकराई एक लकीर भर की मुस्कान उसके होठों पर आई और उन्होंने छिपा लिया ।
: तो इसलिए तांक झांक बंद कर दिया था तू , मुझे लगा कि तू सुधर गया है ( अम्मी वो फोटो हाथ में पकड़े हुए मुझे दिखाते हुए बोली ) मगर नवाब साहब ने तो नई तरकीब निकाल ली ।
: सॉरी अम्मी ( मै मुंह लटकाए बोला )
: कब निकाला इसे और कहा ? बोल बोलता क्यों नहीं ( अम्मी ने हड़काया )
: आ आज , आज ही निकाला है नदीम के यहां ( मै एकदम से घबराया ) अम्मी प्लीज मारना मत प्लीज
: क्या आज ही ( अम्मी चौक कर हंसी फिर अगले ही पल नॉर्मल हो गई )
शायद वो भी मेरी किस्मत पर हस रही थी कि एक ही दिन में पकड़ा गया मै
: तुझे शर्म नहीं आई , अपनी अम्मी की नंगी तस्वीरें उससे निकलवाते हुए ( अम्मी ने हड़काया फिर से ) हा शर्म क्यों आएगी उसी से सब सीखता है न ये सब ( अम्मी गुस्से में बोली )
: नहीं नहीं अम्मी , वो दुकान पर नहीं था मैने चुपके से निकाली है इसीलिए छोटी निकली ( मै सफाई देते हुए चुप हो गया जब मेरी नजरे उनकी नाराज आंखों से मिली तो )
: तो क्या अब तू मेरे पोस्टर चिपकाएगा कमरे में अपने ( अम्मी हड़काते हुए बोली ) बोल न
एक पल को अम्मी का इडिया पसंद आया कैसा होगा जब मेरे कमरे की दीवारें अम्मी ने नंगे पोस्टर से भरी होंगी और कई उन्हें देख कर हिलाऊंगा
: सॉरी न अम्मी
: सॉरी न अम्मी ( अम्मी ने मुंह बना कर मुझे डांटा और हाथ उठा कर मारने को हुई ) मारूंगी अभी कमीना कही का ।

मै मुंह बना कर चुप रहा , गनीमत थी कि मार नहीं पड़ी
: ये उठा सब और लेकर चल नीचे ( अम्मी का इशारा बेडशीट और दूसरे कपड़े पर था )
मै उन्हें समेटा और चुपचाप निकल आया नीचे
कुछ ही देर बाद अम्मी भी नीचे आ गई ।
सारे कपड़े बारी बारी से वाशिंग मशीन में मैने खुद लगाए और छत पर फैलाने भी गया ।
अम्मी रात के खाने की तैयारी करने लगी ।
वो तस्वीरें अभी भी अम्मी के पास थी , एक तो न मै अच्छे से हिला पाया और मेहनत भी डांड गई ।
अम्मी कान में इयरफोन लगा कर खाना बनाते हुए बातें कर रही थी
ये बदलाव अब्बू के पास से आने के बाद आया था । इससे पहले अम्मी कभी भी कान में इयरफोन नहीं लगाती थी ।
मै अपनी तैयारी वाली किताबें खोलकर हाल में बैठा हुआ था मगर मेरी नजरे अम्मी की ओर ही थी ।
बीच बीच वो भी मेरी ओर देख लेती थी ।

: हा देखती हु क्या करु मै इसका पागल कर देगा ये मुझे ( अम्मी धीरे से फोन पर फुसफुसाई मगर उनकी आवाज मुझ तक आ रही थी )
: ..............
: हा भेज दूंगी ( अम्मी बोली )
: ..............
: अब मार खाएगी कमीनी हीही ( अम्मी एकदम से खिलखिलाई )
उन्हें हंसता देख कर मेरा मन भी खुश हुआ चलो अम्मी में बदलाव हो रहा है । अब इसमें जैसे ही मेरे मन के डर कम हुए दबी हुई अधूरी हवस फिर से हावी होने लगी ।

अम्मी ने खाना बनाया और मुझे दे दिया और खुद अपना खाना लेकर कमरे में चली गई । उनकी नगमा मामी से आज की बात काफी लंबी चल रही थी ।
मै भी खाना खाया और हाथ धूल कर किचन से बाहर आया और अपने बुक लेकर छत पर जा रहा था कि अम्मी ने मुझे रोक

: कहा जा रहा है ( अम्मी एक कान से इयरफोन निकाल कर बोली )
: जी ऊपर जा रहा हु अम्मी कमरे में ( मै दब्बू सा होकर बोला )
: ऊपर बिस्तर नहीं लगा है आज यही सो जा ( अम्मी का इशारा उनके कमरे में था )
दिल खुश हो गया कितने दिनों बाद अम्मी के साथ वापस सोने को मिलेगा काश अम्मी फिर से नंगी होकर तस्वीरें निकलवाए और अब्बू को भेजे उफ्फ सोच कर ही लोवर में हरकत होने लगी ।
मै अपनी किताब लेकर अम्मी के कमरे में चला गया और कुछ देर बाद अम्मी किचन से निकली और हाल में सोफे पर रखे हुए धूल कर सूख चुके कपड़े लेकर कमरे में आई
उनका मोबाइल अभी भी चालू था , ना जाने क्या बाते हो रही थी या फिर आज शायद आज अब्बू बिजी थे कही नहीं तो अबतक अब्बू का फोन आ ही जाता था ।
मै बिस्तर में आकर किताबें खोलकर करवट लेकर लेट गया था
अम्मी कमरे में आई और आयरन टेबल पर कपड़े प्रेस करने की तैयारी करने लगी ।
वो ठीक मेरे आगे थी , जैसे ही नीचे बोर्ड में प्लग लगाने के लिए झुकी उफ्फ बड़ा चौड़ा कूल्हा फैल गया उम्मम देखते ही लंड बगावत पर आ गया


GIF-20250402-160941-208
मैने लपक कर चादर खींच ली कमर तक
अम्मी बाते करते हुए कपड़े प्रेस करने लगी । वो और नगमा मामी कही जाने की प्लानिंग कर रहे थे ।

: हा उसकी फिक्र मत कर मै गाड़ी के लिए कह दूंगी , तू मना मत कर देना समझी ( अम्मी मुझे एक नजर देख कर धीरे से बोली कही मै उन्हें सुन तो नहीं रहा )

मगर मेरी नजर उनके चूतड़ों में फंसी हुई नाइटी पर थी जिससे उनकी गाड़ के शेप बीजिबल थे , साफ था अम्मी नीचे से नंगी थी ।
मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था उसपे से अम्मी और नगमा मामी की प्लानिंग गाड़ी से कही जाने की । अम्मी ने बड़ी विश्वास के साथ कहा था कि वो गाड़ी के लिए बेफिकर है । मुझे शक हुआ कि कही वो गाड़ी वाला वही तो नहीं जो अम्मी को छोड़ने आया था ।
फिर ध्यान आया कि कही अम्मी नगमा मामी को अब्बू के पास तो नहीं लेकर जा रही है चुदवाने के लिए

ये ख्याल आते ही पूरे बदन में अकड़न होने लगी , लंड एकदम अकड़ गया और मैने उसे हौले से बाहर निकाला चादर के नीचे
मेरी कल्पनाएं एक बार फिर मुझे पागल करने लगी ये सोच कर कि क्या होगा जब अम्मी अब्बू और नगमा मामी थ्रीसम करेंगे । मेरे आंखों के आगे अम्मी की बड़ी सी गाड़ दिख रही थी
उफ्फ अम्मी की गाड़ इतनी बड़ी है अब्बू तो उन्हें अपने मुंह पर बिठा लेंगे और नगमा मामी कितनी sexy है वो अब्बू के लंड पर खूब उछलेंगी
अह्ह्ह्ह्ह मजा आ जाएगा अम्मी के बुर की गंध उम्मम अम्मी मेरे ऊपर बैठ जाओ न अह्ह्ह्ह्ह क्या मस्त गाड़ है इसको खूब चाटूंगा खूब चूसूंगा अह्ह्ह्ह सीईईईईई


GIF-20250402-161046-814
मै दबी हुई सिसकिया लेने लगा और चादर में लंड को हिलाने लगा
अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म अम्मीई अह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् ओह्ह्ह्ह अमीईई उम्मम
मै झड़ने लगा अपने ही ऊपर अपने पेट पर आगे मेरे अम्मी मेरी ओर अपनी गाड़ किए हुए कपड़े प्रेस करती रही ।


GIF-20250402-161311-668
मै आंखे उलटने लगा और जिस्म पूरा अकड़ने लगा जब मेरा लंड झटके खा कर वीर्य उगल रहा था
रैंडमली अम्मी घूमी और उन्होंने मुझे देखा । वो एकदम फिकर में चीख पड़ी क्योंकि उन्होंने मेरे चेहरे के भाव देखे थे मेरा लंड तो चादर में छिपा हुआ
: शानू क्या हुआ ( अम्मी चीखी ) फोन रख मै करती हूं अभी
अम्मी फोन बेड पर फेक कर मेरे पास आई और तबतक मेरा नशा मेरा सुरूर उतर चुका था । मेरी आँखें खुली।

अम्मी मेरे पास थी मैंने चादर से हाथ बाहर खींच लिए
अम्मी मेरे करीब बैठ कर : क्या हो रहा था तुझे तेरी आँखें उलटती देखी मैने
मै क्या बोलता मेरी हालत खराब हुई पड़ी थी , मेरे आंखों के सामने अम्मी के बड़े बड़े खरबूजे जैसे चूचे नाइटी में झूल रहे । बदन से आती मादक गंध से लंड फिर से हरकत करने लगा
मगर उससे पहले ही मेरी चोरी पकड़ी गई क्योंकि लंड की पिचकारी से चादर गीली होने लगी और अम्मी को समझते देर नहीं कही

उन्होंने झटके से मेरे कमर के ऊपर से चादर झटका और सफेद गाढ़े वीर्य में लसराया मेरा लंड पूरी ताकत से तन कर सीधा खड़ा हो गया । मेरे वीर्य मेरे पेडू और आड तक गए थे ।

: सॉरी अम्मी ( मै आगे कुछ बोलता कि एक जोर का तमाशा मेरे चेहरे पर पड़ा और फिर गर्दन कंधे कनपटी पर तीन चार पड़े )
: हरामजादा , जा यहां से और कभी भी मुझसे बात मत करना ( अम्मी गुस्से से आग बबूला होकर बोली )
मै डर गया और बिस्तर पूरा सिस्टम झन्नाया हुआ था उठ कर लोवर पकड़े हुए बाथरूम में चला गया ।

लंड हाथ मुंह धूल कर मै बाहर आया
तो अम्मी के सिसकने की आवाज आई
मेरा दिल पिघल गया और अम्मी की कही हुई बात याद आई कि "कभी मुझसे बात नहीं करना "
कजेला कांप उठा भीतर से , पहले नानी और अब अम्मी भी । अम्मी से दूरी मै बर्दाश्त नहीं कर सकता था ।

चोरों के जैसे मै हिम्मत करके अम्मी के कमरे के दरवाजे पर आया
अम्मी बेड से टेक लगा कर फर्श पर बैठी हुई थीं और मेरे आने की आहट से अपनी नम लाल आंखों से मुझे देखा : मैने कहा न जा यहां से

अम्मी को रोता देख मै भी तड़प उठा भीतर से मगर फिर भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि एक भी कदम कमरे की दहलीज से भीतर रख सकू ।
: शायद मेरी ही परवरिश में कोई कमी रही होगी या फिर मेरी हरकते ऐसी है कि तू ऐसा बन गया ( अम्मी सुबकती हुई बिना मुझे देखे बोली )
अम्मी ने जैसे ही पहल की मुझे लगा यही मौका है अम्मी के पास जाने का उन्हें संभालने शायद वो मान जाए
मै भागकर उनके पास गया और उनके कंधे पकड़ कर बैठ गया
: नहीं अम्मी नहीं , आपकी कोई गलती नहीं है । बस मै ही बुरा हू ( मै रुआस होकर बोला )
: छोड़ मुझे और मुझसे बात मत कर बोला न ( अम्मी ने छलकते हुए आंखों से मुझे गुस्से में घूरा )
: प्लीज अम्मी इस बार माफ कर दो , अब कभी भी मै ऐसा कुछ नहीं करूंगा । आपकी कसम पक्का सच में ।

अम्मी कसम वाली बात पर मेरी ओर देखी और एकदम से चुप हो गई ।
अम्मी को शांत देखकर मै उनके बगल में बैठ गया और उनकी बाह पकड़ ली
: सॉरी अम्मी , पता नहीं मुझे क्या हो जाता है आपको देख कर । आपकी और अब्बू की बातें सुनकर
: लेकिन ये सब गलत है बेटा , और तू अभी कितना छोटा है ( अम्मी के भीतर बदलाव हुए तो दिल को राहत हुई )
: हम्म्म जानता हु अम्मी , मगर ना जाने क्या है आपमें जो मै आपकी ओर खींचा चला आता हूं। जैसे अब्बू को होता है वैसे मुझे भी । ( मैने उनके कंधे पर सर रखकर बोला )
: तेरे अब्बू की मै बीवी हु और तेरी अम्मी, फर्क नहीं समझ आता क्या ? ( अम्मी ने समझाया )
: आता है , मगर ?
: मगर क्या ? ( अम्मी मेरी ओर देख आकर बोली ) बोल ?
: आई लव यू अम्मी , दुनिया में सबसे ज्यादा अपनी जान से भी ज्यादा । सोचता हु अगर अब्बू नहीं होते तो मै आपसे निगाह भी कर लेता ( मैने भोलेपन पर अपने दिल की बात अम्मी से कह दी )
: हीही, तेरे अब्बू नहीं होते तो तू भी नहीं होता , पागल कही का ( अम्मी खिलखिलाई और हसने लगी )
मै भी उनकी बातें समझ कर मुस्कुराया
: तूने हमारी उम्र के बारे में भी नहीं सोचा , निगाह के लिए सोचने के पहले ( अम्मी हल्के होकर बोली )
: उन्हू , मुझे तो मेरी अम्मी की चाहिए न जैसे हो आप वैसे ही ( मैने उनकी बाह पकड़ कर उनसे लिपटा उसके गर्दन के पास की नर्माहट से बदन में गुदगुदी होने लगती )
: ठीक है फिर चल तेरे अब्बू से कह देती हूं कि मुझे तलाक देदो और तू मुझसे निगाह करेगा , ठीक है ( अम्मी ने मजाक में बोला )
: अरे नहीं , फिर अब्बू का क्या होगा ? ( मै बच्चों के जैसे घबराया )
: हीही पागल , बेटा तुझे समझना होगा कि इन सब की एक उम्र होती है , तू जो कर रहा है इससे तेरा विकास रुक सकता है । भविष्य ने तकलीफें आ सकती है । ( अम्मी ने मेरे हाथ पकड़ कर कहा )

मै चुप रहा
: देख मै कभी नहीं चाहती थी कि इनसब को लेकर तुझसे बात आग बढ़ाऊं क्योंकि एक मां के लिए कितना कठिन होगा अपने ही बेटे को समझाना वो भी ऐसे बात के लिए ( अम्मी फिकर में बोली )
: तो क्या करूं अम्मी आप बताओ न , कौन समझाएगा फिर मुझे । न मेरे कोई दोस्त है न भाई और अब्बू तो चिढ़े रहते है बस ( मै उखड़ कर बोला ) मै समझता हूं कि मेरे भीतर बदलाव हो रहे और जिधर की ओर मै भटकता हूं वो भी समझ आता है कि मै गलत कर रहा हूं मगर मै खुद को रोक नहीं पाता ।
अम्मी मुझे सुन रही थी
: बाहर समाज में देखता हूं और बातें जो सुनता हूं तो लोग बस मजे लेते हुए नजर आते है । जो मेरी उम्र के है उनके अपने रिश्ते सही नहीं है , एक दूसरे को धोखे दे रहे है । मैने तो बचपन से आपको ही देखा है मेरे लिए प्यार का मतलब ही मेरी अम्मी है । जब भी आने वाले कल के लिए सोचता हूं तो आपका ही ख्याल आता है मुझे मेरे जीवनसाथी के रूप में आपके जैसा ही साथी चाहिए । आपके जैसी मीठी प्यारी चंचल और थोड़ी शरारती ( मै बोलते हुए मुस्कुराया )
: पागल मै शरारती हू, शरारतें तो तू करता है ( अम्मी मुस्कुरा कर बोली )
: वो शरारत जो आप अब्बू के साथ करते हो .. ( मै बोलते हुए रुक गया और हसने लगा )
: कमीना कही का बहुत मार खायेगा ( अम्मी ने मुझे हस्ते है घुरा )
: फिर भी बेटा ये गलत है , हर नजरिए से मै तेरी मां हूँ । हा इतना कर सकती हू कि तेरे लिए एक गाइड की तरह एक दोस्त के जैसे तुझे अब सही गलत के मायने सिखा सकती हूं। तुझे चीजों को कंट्रोल करना सिखा सकती हूं मगर तू जो चाहता है वो मै नहीं कर सकती । मै ता उम्र तेरी अम्मी ही रहूंगी और मै यही चाहती जब मेरी सांसे चले मेरा लाडला मेरी आंखो के सामने मुस्कुराता रहे । हंसता रहे ।

: पर अम्मी , आई लव यू
: मै भी करती हूं मेरे बेटे से उसके अब्बू से भी ज्यादा ।
: सच्ची में अम्मी ( मै खुश होकर )
: हा और क्या , मेरा राजा बेटा उम्माह ( अम्मी मुझे सीने से लगा कर मेरे माथे को चूम लिया )
: आई लव यू सो मच अम्मी , मै प्रोमिस करता हूं आगे से कभी ऐसा कुछ नहीं करूंगा ।
: मेरा बच्चा , और अगर तुझे परेशानी हो तो मुझे बताना ठीक है ( अम्मी ने कबूलवाया )
: ठीक है अम्मी ( मै खुश होकर बोला )
: चल सो जा अब ( अम्मी उठते हुए बोली )
: आपके साथ ?
: हा और क्या , अब जब तक तेरे अब्बू नहीं आते तो रोज मेरे साथ सोएगा ठीक है ( अम्मी खुश होकर बोली )
: थैंक यू अम्मी ( मैने उनके गाल चूम लिए और बिस्तर पर भाग गया )
: धत्त गंदा कर दिया ( अम्मी अपने गाल पोंछ कर बोली और मुंह धुलने किचन में चली गई ।

मै मेरे किताबें किनारे किया और पैर फैला कर लेट ही रहा था कि अम्मी कमरे में मेरे लिए दूध लेकर आई: ले इसे पी ले और अब से रोज दूध पिया कर ठीक है
मैने दूध का ग्लास गटकते हुए अम्मी को गर्दन हिला कर सहमति दिखाई
फिर थोड़ा सा दूध छोड़ दिया
: अम्मी आप पी लो ( मैने तकरीबन 50ml दूध छोड़ा होगा )
: नहीं नहीं तू पी ले , मुझे दिक्कत होती है
: कैसी दिक्कत है ?
: वो तू नहीं समझेगा ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली )
: अब्बू की याद आती है न ( मै उन्हें छेड़ कर बोला )
: क्या नहीं रे पागल , वो बादाम वाला दूध पीने से मुझे सफेद पानी आने लगता है । ( अम्मी ने संशय में मुझे देखा कि मै समझ पाया या नहीं )
: क्या ? फिर मुझे क्यों पिलाया ? मेरा रात में गिरने लगा तो ( मैने थोड़ा ड्रामा करके बोला )
: धत्त पागल ऐसे थोड़ी होगा ( अम्मी हसी )
: अरे मैं आपका ही बेटा हूं न , मेरे अंदर भी आपके जैसे गुण दोष होंगे न ( मैने उनको समझाया )
: हा लेकिन तुझे नहीं होगा , मै जानती हु ( अम्मी मुस्कुरा कर गिलास किनारे रखते हुए बोली )
: कैसे ?
: अगर तुझे होता तो मुझे पता चल जाता , ये सब चीजें 15-16 साल की उम्र से ही होने लगती है । उससे कमजोरी आने लगती है । ( अम्मी मुस्कुरा कर बिस्तर पर आते हुए बोली )
: तो क्या वो जो आप करते हो , उससे कमजोरी नहीं आती ( मैने मासूम होकर बोला )
अम्मी शर्म से झेप गई और मुस्कुराने लगी : होती है उससे भी मगर वो दोनों अलग अलग असर करते है ।
: अलग अलग कैसे ?
: ओफ्फो अब कैसे समझाऊं तुझे , मुझे बड़ा अजीब लग रहा है । तुझे डांटना और मारना ज्यादा सहज था मेरे लिए
: हीही लेकिन अब समझाओ मुझे ( मै सरककर उनके करीब आकर बोला )
: वो जो मै और तेरे अब्बू करते है वो दूसरा होता है वो सिर्फ वो सब करने पर ही होता है और ये दूध वाला जो होता है वो लगातार होता है इससे कमर दर्द और सुस्ती रहती है

: क्या कैसे होता मतलब मुझे तो समझ ही नहीं आया ( मै उलझ कर बोला )
: अरे दादा , मै ये कह रही हूं कि जब सफेद पानी आता है वो लगातार होता है पूरा दिन कच्छी गीली हो जाती है उससे कमर दर्द रहता सारा सारा दिन तकलीफ होती और वो जो मै और तेरे अब्बू करते है वो अलग होता है उससे शरीर के दर्द में आराम होता है समझा

: पर मै जब करता हूं या मेरा ढेर सारा निकल जाता है तो मै तो जैसे बेहोश ही हो जाता हूं ऐसा क्यों ? ( मैने सवाल किया )
: वो होता है बस खान पान सही न करने और गलत तरीके से करने से होता है ( अम्मी ने समझाया )
: गलत तरीके से मतलब ? ( मै सोच के पड़ गया )
: वही जो तू करता है , ठंडे हाथों से या फिर पेंट के ऊपर से उसको रगड़ना और सारा दिन बस उसी के बारे में सोचना ये सब गलत तरीके है ( अम्मी समझा रही थी )
: फिर सही तरीका क्या है ?
: सही तरीका ? तूने तो कहा है कि अब तू ये सब नहीं करेगा ? ( अम्मी मेरी ओर देख कर बोली )
: हा लेकिन जानने में क्या बुराई है , बताओ न प्लीज अम्मी ( मै थोड़ा सा रिड़का)
: वो ... सबसे पहले उसको बाहर निकालते है और किसी आराम दायक जगह पर बैठ कर करते है । हाथ गर्म रहे और थोड़ा सा तेल भी लगा कर धीरे धीरे करते है । उससे उसकी नसे और भी तंदुरुस्त रहती है और टाइट भी रहता है ।
: किसकी नसे हाथों की ( मैने मस्ती की )
: धत्त नहीं रे , वो तेरे नुनु की समझा ( अम्मी लजाती हुई बोली ) और अब हो गया चल सो जा अब ।
मै चुप रहा , आज पहली बार अम्मी से इनसब पर बाते की थी । कितना अच्छा लग रहा था अम्मी की बातों से लगा कि वो भी मुझपर नजर रखती थी । धीरे धीरे मेरा मन लालची होने लगा और मेरे जहन में चतुराई हावी होने लगी । हालांकि मैं अम्मी की कसम खा चुका था कि अब मै नहीं हिलाऊंगा मगर मेरा करामाती दिमाग मेरे बोले गए शब्दों में भी खेल करने की फिराक में था । तभी मेरे जहन में अम्मी की एक बात याद आई "अगर तुझे परेशानी हो तो मुझे बताना" , बस यही रास्ता मिल गया था मुझे ।

करीब 10 मिनट हो गए थे
: अम्मी सो गई क्या ( मैने आवाज दी उनको )
: हम्मम बोल ( अम्मी ने हुंकारी भरी )
: अम्मी वो नीचे फिर से बड़ा हो रहा है नुनु मेरा ( मै धड़कते दिल के साथ कहा )
: नुनु को बोल सो जाए और तू भी सो जा ( अम्मी करवट लेती हुई मेरे ओर अपनी पीठ कर दी और उनके बड़े चौड़े कूल्हे नाइट बल्ब मेरे आगे उठे हुए थे देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगा )
: ऊहू मुझे नीद नहीं आएगी ऐसे , अम्मी प्लीज बताओ न क्या करु ( मै उनके पीछे से हग करते हुए बोला और अपना लंड का टोपा लोवर के नीचे से उनकी नरम चर्बीदार गाड़ में चुभोया )
: शानू !! मै सब समझ रही हु तेरी शरारत , सो जा चुपचाप और वहां से हटा उसको ( अम्मी ने हाथ पीछे ले जाकर मेरे लंड को अपने हथेली से धकेला अपने गाड़ पर से उनके नरम हथेली का स्पर्श पहली बार पाते ही मेरे लंड में पंपिंग होने लगी )
: अम्मी प्लीज , दर्द होता है अंदर ( मै थोड़ा सा नाटक किया )
: तो बाहर निकाल कर सो जा न , कौन सा मैने तेरा देखा नहीं है ( अम्मी मजे लेते हुए बोली )
: अम्मी बक्क सुनो न ( मै अब पैर पटकने के जैसे हो गया )
: क्या है ? क्यों नाटक कर रहा है ( अम्मी घूम गई मेरे तरफ )
: वो परेशान कर रहा है क्या करु ( मै भुनभुना कर बोला )
: तू उसको परेशान मत कर , जरूर कुछ चल रहा होगा तेरे दिमाग । वो सोचना बंद कर दे सही हो जाएगा तो ( अम्मी ने तो जैसे मेरे नस ही पकड़ ली , ना जाने कैसे इतनी तेज थी वो )उम्मम बोल क्या सोच रहा है ?
: यही कि तेल लगा कर कैसे लगता होगा ? ( मै हिचक कर बोला )
: पागल कही का , जा देख के तेल लगाकर कैसा लगता है ( अम्मी हस कर बोली )
: लेकिन मै कैसे करूंगा मैने तो कसम खाई है न ( मै सफाई देते हुए बोला )
: तो क्या अब मै लगाऊं तेल तेरे नुनु पर ( अम्मी चौक कर बोली )
: लगा दो चाहो तो ( मै गुनगुनाते हुए बोला )
: क्या ? ( अम्मी चौकी ) मारूंगी इतना की सब नाटक भूल जाएगा सो जा चुप चाप
: प्लीज न अम्मी ( मै उन्हें मनाता हुआ ) बस एक बार
: नहीं मतलब नहीं ( अम्मी सीधा हो गई )
: प्लीज अम्मी ( मै उनकी बाहों पर उंगलियों से खुजाता हुआ उन्हें मनाने लगा ) प्लीज अम्मी प्लीज एक बार बस
अम्मी की तेज धड़कने मै साफ सुन पा रहा था, उनकी चुप्पी और उलझन को मै भी समझ रहा था मगर मेरा लालची मन कहा मानने वाला था ।

: जा किचन से तेल लेकर आ , तू भी तेरे अब्बू जितना जिद्दी है ( अम्मी चिढ़ कर बोली )
अम्मी का इतना कहना था कि मेरे तन बदन में फुर्ती सी फेल गई । लंड एकदम से अकड़ने लगा । यकीन नहीं हो पा रहा था कि अम्मी इसके लिए तैयार हो गई थी । मेरी योजना रंग ला रही थी
मैने झट से बत्ती चालू की और किचन में तेल की शीशी लेकर आ गया ।
: हमम्म ( मैने खुश होकर अम्मी को तेल की शीशी थमाई वो नारियल तेल की थी नीली बॉटल , मेरे भीतर का बचपन अंदर खूब उछल कूद कर रहा था मानो मुझे मेरा पसंदीदा खिलौना मिलने जा रहा हो )
मुझे मुस्कुरा देख अम्मी भी गुस्सा होने का नाटक की मगर मुस्कुराने से खुद को रोक नहीं पाई
: चल लेट जा ( अम्मी ने डांट लगाई , जैसे जता रही हो कि उन्हें सब करना बिल्कुल भी नहीं भा रहा हो )
यहां अंदर से मै बेचैन हुआ पड़ा था , मैने अपना लोवर और अंडरवियर एक साथ सरका कर लेट गया , बिना किसी हिचक के


Ga-D4-Et-Bb0-AM103-C

पूरे 8 इंच का रॉकेट अपने बारूद गोले के साथ पेट पर मेरे सुस्ता रहा था ।
अम्मी कभी मुझे निहारती तो कभी मेरे आकार लेते लंड को । पंखे की हवा में अचानक से सर्दी सी बढ़ गई थी , जिस्म में अजीब सी कंपकपी होने लगी और दिल रुक रुक कर धड़कने लगा ।
: कितना बड़ा करके रखा है कभी साफ नहीं करता क्या ? ( अम्मी का इशारा मेरे घुंघराले बालों पर था जो मेरे लंड की जड़ों पर फैले हुए थे )
मै कुछ नहीं बोला , अजीब सा लग रहा था अम्मी से इनसब पर बातें करना । शायद शुरू शुरू में ऐसा ही लगता हो मगर अम्मी के चेहरे पर सिकन की एक रेखा नहीं थी । मानो वो किसी मिशन पर हो ।
तेल की शीशी खोलकर ड्रॉप गिराने लगी लंड पर सुपाड़े के गांठ से नीचे आड़ तक एक लाइन पर वो तेल टिप टिप करके गिराती चली गई और फिर शीशी को बगल में रख दिया ।
तेल मेरे लंड पर फैलने लगा मगर मेरा कलेजा उस अहसास के लिए धड़क रहा था जो अब अम्मी करने वाली थी ।
अम्मी लंड को छूने वाली है ये सोच कर ही लंड की नसे फड़कने लगी और लंड धीरे धीरे ऊपर उठने लगा, और देखते ही देखते रॉकेट के जैसे सीधा खड़ा हो गया ऊपर की छत को निहारता ।
लंड में हरकत होते ही अम्मी के चेहरे पर मुस्कुराहट आई मगर जैसे ही उनकी नजरे मुझसे जुड़ी उन्होंने खुद को रोक लिया।
मै मेरे भीतर बदलाव महसूस कर पा रहा था आंखे बंद हो रही थी और धड़कने मद्धम हो रही थी , कि तभी एक गर्म मुलायम और हल्के दबाव के साथ उंगलियां मेरे लंड के तने पर महसूस हुई
मानो मेरे जिस्म के तारो को बिजली से जोड़ दिया गया हो , एकदम से मेरे जिस्म मेरे दिल और दिमाग हलचल सी हुई आंखे पूरी फेल गई , धकधक करके दिल जोरो से धड़कने लगा । हलक ऐसे सूखने लगा मानो गाड़ी के इंजन से पेट्रोल

और अगले ही पल अम्मी ने जैसे अपनी हथेली में मेरे लंड को हल्का कसे हुए ऊपर से नीचे सरकाया , लंड की नसे खुद ही पंप होने लगी ।

: उम्ममम अह्ह्ह्ह ( मै तड़प उठा बिस्तर पर )
तभी अम्मी का दूसरा हाथ मेरे आड़ों को मलने लगा दर्द और मजे का ऐसा संगम मैने आजतक नहीं महसूस किया था । आड़ो पर गोल गोल रेंगती उनकी हथेली मुझे किसी तरह के हेलोसुनेशन में डाल रही थी । मेरी सांसे फिर से हल्की पड़ने लगी ।
मगर अलगे ही पल तेल की कुछ बूंदे सीधा मेरे सुपाड़े की टिप पर गिरी
क्षण पर शांत और ठंडा अहसास और अगले ही पल अम्मी ने उसपे पर भी अपनी उंगलियां नचाने लगी


GIF-20250402-141555-336
: अह्ह्ह्ह्ह अमीईइ ( अकड़ कर मैने अपनी टांगे तान दी )
: सही से नहीं रह सकता क्या , इतना क्या उछल रहा है ( अम्मी ने डांट लगाई और अगले ही पल उनका अंगूठा मेरे सुपाड़े की गांठ पर )
एक ऐसा अनोखा संवेदनशील स्पर्श , जोर भीतर एक डर पैदा कर रहा था जल्दी झड़ने का , लंड में खरोच का और मुझे पागल हो जाने का ।
दांत पिस कर मै अकड़ गया और कोहनीयो के बल उठ कर अम्मी के हाथों की जादू देखने लगा


GIF-20250402-141654-479
जब जब उनका अंगूठा मेरे सुपाड़े के नीचे घर्षण करता मानो अब मेरा लंड छलक पड़ेगा , मगर अम्मी भी कम शैतान नहीं थी उन्होंने नीचे मेरे आड़ो को दूसरे हाथ से जकड़ रखा था । कमर पेडू में अजीब सी गर्मी अजीब सा तनाव हुआ पड़ा था ।

तभी अम्मी ने अपनी हथेली की कटोरी बनाई और मेरे सुपाड़े पर घुमाने लगी , उनकी गुदाज हथेली का घर्षण मेरे संवेदनशील सुपाड़े पर होते ही पूरे बदन में गुदगुदी होने लगी


GIF-20250402-141746-511
: अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह सीईईईई अह्ह्ह्ह सीजीईईई उम्मम अम्मी रुक जाओ आह्ह्ह्ह ( मै आंखे बंद कर बिस्तर पर गिर पड़ा )
: चुप कर पागल , नहीं तो मारूंगी ( अम्मी ने डांटा मुझे )
: अम्मीई वहा नहीं , पता नहीं क्याअह ( मै आंखे उलटने लगा ) सीईईईई ओह गॉड फक्क्क् ओह्ह्ह्ह पागल हो जाऊंगा अम्मीई आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह छोड़ दो आयेगा आयेगा अह्ह्ह्ह

मेरे कहने की देरी थी अम्मी ने मेरे आड़ो को रिहा किया और दूसरे हाथ से उंगलियों का छल्ला बना कर नीचे से ऊपर की ओर ले जाने लगी
एक दो तीन पिच्च फिच्च करता हुआ मेरा लंड पिचकारी छोड़ने लगा


10542115
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अमीईईई अह्ह्ह्ह सीईईईईई आई लव यू अम्मी आई लव यू अह्ह्ह्ह
मै मुंह खोल कर हांफता हुआ सुस्त होने लगा मेरी आंखे बंद थी । मेरे चेहरे पर मुस्कान एक संतुष्टि भरी , एक सुकून और वो चरम आनंद जिसके लिए मानो इतने वर्षों तक तड़प रहा था । मेरे दिल की धड़कने हल्की होने लगी और आंखों में नीद घेरने लगी । कमरे में एकदम शांति थी सीलिंग फैन की हनहनाहट साफ सुनाई दे रही थी और हवाएं अब गर्म महसूस हो रही थी । मगर दूर कही सपनों में मुझे कोई आवाज दे रहा था बाहें फैलाए जैसे चांदनी रात में सफेद पारदर्शी पोशाक में अम्मी ही खड़ी थी , उनकी रेशमी कपड़ों में उभरा उनका गदराया जिस्म बहुत ही मुलायम महसूस हो रहा था । एक हल्की मीठी महीन सी आवाज धीरे धीरे और मंदिम होती जा रही थी
: ....आब..साहब... सो गए.... आफ भी मै ही करु .... ( अम्मी के कुछ धुंधले अल्फ़ाज़ मेरे कानो को छू कर निकल गए )

जल्द ही मै गहरी नींद में सो गया ।

जारी रहेगी।
Bahut hi lajawaab jabrdast update ❤️
 
Last edited:

Raj Kumar Kannada

Good News
1,349
1,631
144
UPDATE 029

नई सीख नया अहसास

मेरा कलेजा धकधक हो रहा था और हलक सूखने को हुआ जा रहा था । समझ नहीं आ रहा था आगे क्या होगा
अभी 2 मिनट पहले की बात थी कि अम्मी इतने प्यार से बोल रही थी और अब तो पक्का है फिर से मार पड़नी थी ।

: ये सब क्या है शानू ( अम्मी उलझन भरे भाव में बोली )
: जी ,जी वो सॉरी ( मै डरते हुए बोला )
अम्मी मुझे घूरे जा रही थी और मै हिम्मत कर उन्हें चोर नजरो से देखा तो जैसे ही उनकी नजरे मुझसे टकराई एक लकीर भर की मुस्कान उसके होठों पर आई और उन्होंने छिपा लिया ।
: तो इसलिए तांक झांक बंद कर दिया था तू , मुझे लगा कि तू सुधर गया है ( अम्मी वो फोटो हाथ में पकड़े हुए मुझे दिखाते हुए बोली ) मगर नवाब साहब ने तो नई तरकीब निकाल ली ।
: सॉरी अम्मी ( मै मुंह लटकाए बोला )
: कब निकाला इसे और कहा ? बोल बोलता क्यों नहीं ( अम्मी ने हड़काया )
: आ आज , आज ही निकाला है नदीम के यहां ( मै एकदम से घबराया ) अम्मी प्लीज मारना मत प्लीज
: क्या आज ही ( अम्मी चौक कर हंसी फिर अगले ही पल नॉर्मल हो गई )
शायद वो भी मेरी किस्मत पर हस रही थी कि एक ही दिन में पकड़ा गया मै
: तुझे शर्म नहीं आई , अपनी अम्मी की नंगी तस्वीरें उससे निकलवाते हुए ( अम्मी ने हड़काया फिर से ) हा शर्म क्यों आएगी उसी से सब सीखता है न ये सब ( अम्मी गुस्से में बोली )
: नहीं नहीं अम्मी , वो दुकान पर नहीं था मैने चुपके से निकाली है इसीलिए छोटी निकली ( मै सफाई देते हुए चुप हो गया जब मेरी नजरे उनकी नाराज आंखों से मिली तो )
: तो क्या अब तू मेरे पोस्टर चिपकाएगा कमरे में अपने ( अम्मी हड़काते हुए बोली ) बोल न
एक पल को अम्मी का इडिया पसंद आया कैसा होगा जब मेरे कमरे की दीवारें अम्मी ने नंगे पोस्टर से भरी होंगी और कई उन्हें देख कर हिलाऊंगा
: सॉरी न अम्मी
: सॉरी न अम्मी ( अम्मी ने मुंह बना कर मुझे डांटा और हाथ उठा कर मारने को हुई ) मारूंगी अभी कमीना कही का ।

मै मुंह बना कर चुप रहा , गनीमत थी कि मार नहीं पड़ी
: ये उठा सब और लेकर चल नीचे ( अम्मी का इशारा बेडशीट और दूसरे कपड़े पर था )
मै उन्हें समेटा और चुपचाप निकल आया नीचे
कुछ ही देर बाद अम्मी भी नीचे आ गई ।
सारे कपड़े बारी बारी से वाशिंग मशीन में मैने खुद लगाए और छत पर फैलाने भी गया ।
अम्मी रात के खाने की तैयारी करने लगी ।
वो तस्वीरें अभी भी अम्मी के पास थी , एक तो न मै अच्छे से हिला पाया और मेहनत भी डांड गई ।
अम्मी कान में इयरफोन लगा कर खाना बनाते हुए बातें कर रही थी
ये बदलाव अब्बू के पास से आने के बाद आया था । इससे पहले अम्मी कभी भी कान में इयरफोन नहीं लगाती थी ।
मै अपनी तैयारी वाली किताबें खोलकर हाल में बैठा हुआ था मगर मेरी नजरे अम्मी की ओर ही थी ।
बीच बीच वो भी मेरी ओर देख लेती थी ।

: हा देखती हु क्या करु मै इसका पागल कर देगा ये मुझे ( अम्मी धीरे से फोन पर फुसफुसाई मगर उनकी आवाज मुझ तक आ रही थी )
: ..............
: हा भेज दूंगी ( अम्मी बोली )
: ..............
: अब मार खाएगी कमीनी हीही ( अम्मी एकदम से खिलखिलाई )
उन्हें हंसता देख कर मेरा मन भी खुश हुआ चलो अम्मी में बदलाव हो रहा है । अब इसमें जैसे ही मेरे मन के डर कम हुए दबी हुई अधूरी हवस फिर से हावी होने लगी ।

अम्मी ने खाना बनाया और मुझे दे दिया और खुद अपना खाना लेकर कमरे में चली गई । उनकी नगमा मामी से आज की बात काफी लंबी चल रही थी ।
मै भी खाना खाया और हाथ धूल कर किचन से बाहर आया और अपने बुक लेकर छत पर जा रहा था कि अम्मी ने मुझे रोक

: कहा जा रहा है ( अम्मी एक कान से इयरफोन निकाल कर बोली )
: जी ऊपर जा रहा हु अम्मी कमरे में ( मै दब्बू सा होकर बोला )
: ऊपर बिस्तर नहीं लगा है आज यही सो जा ( अम्मी का इशारा उनके कमरे में था )
दिल खुश हो गया कितने दिनों बाद अम्मी के साथ वापस सोने को मिलेगा काश अम्मी फिर से नंगी होकर तस्वीरें निकलवाए और अब्बू को भेजे उफ्फ सोच कर ही लोवर में हरकत होने लगी ।
मै अपनी किताब लेकर अम्मी के कमरे में चला गया और कुछ देर बाद अम्मी किचन से निकली और हाल में सोफे पर रखे हुए धूल कर सूख चुके कपड़े लेकर कमरे में आई
उनका मोबाइल अभी भी चालू था , ना जाने क्या बाते हो रही थी या फिर आज शायद आज अब्बू बिजी थे कही नहीं तो अबतक अब्बू का फोन आ ही जाता था ।
मै बिस्तर में आकर किताबें खोलकर करवट लेकर लेट गया था
अम्मी कमरे में आई और आयरन टेबल पर कपड़े प्रेस करने की तैयारी करने लगी ।
वो ठीक मेरे आगे थी , जैसे ही नीचे बोर्ड में प्लग लगाने के लिए झुकी उफ्फ बड़ा चौड़ा कूल्हा फैल गया उम्मम देखते ही लंड बगावत पर आ गया


GIF-20250402-160941-208
मैने लपक कर चादर खींच ली कमर तक
अम्मी बाते करते हुए कपड़े प्रेस करने लगी । वो और नगमा मामी कही जाने की प्लानिंग कर रहे थे ।

: हा उसकी फिक्र मत कर मै गाड़ी के लिए कह दूंगी , तू मना मत कर देना समझी ( अम्मी मुझे एक नजर देख कर धीरे से बोली कही मै उन्हें सुन तो नहीं रहा )

मगर मेरी नजर उनके चूतड़ों में फंसी हुई नाइटी पर थी जिससे उनकी गाड़ के शेप बीजिबल थे , साफ था अम्मी नीचे से नंगी थी ।
मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था उसपे से अम्मी और नगमा मामी की प्लानिंग गाड़ी से कही जाने की । अम्मी ने बड़ी विश्वास के साथ कहा था कि वो गाड़ी के लिए बेफिकर है । मुझे शक हुआ कि कही वो गाड़ी वाला वही तो नहीं जो अम्मी को छोड़ने आया था ।
फिर ध्यान आया कि कही अम्मी नगमा मामी को अब्बू के पास तो नहीं लेकर जा रही है चुदवाने के लिए

ये ख्याल आते ही पूरे बदन में अकड़न होने लगी , लंड एकदम अकड़ गया और मैने उसे हौले से बाहर निकाला चादर के नीचे
मेरी कल्पनाएं एक बार फिर मुझे पागल करने लगी ये सोच कर कि क्या होगा जब अम्मी अब्बू और नगमा मामी थ्रीसम करेंगे । मेरे आंखों के आगे अम्मी की बड़ी सी गाड़ दिख रही थी
उफ्फ अम्मी की गाड़ इतनी बड़ी है अब्बू तो उन्हें अपने मुंह पर बिठा लेंगे और नगमा मामी कितनी sexy है वो अब्बू के लंड पर खूब उछलेंगी
अह्ह्ह्ह्ह मजा आ जाएगा अम्मी के बुर की गंध उम्मम अम्मी मेरे ऊपर बैठ जाओ न अह्ह्ह्ह्ह क्या मस्त गाड़ है इसको खूब चाटूंगा खूब चूसूंगा अह्ह्ह्ह सीईईईईई


GIF-20250402-161046-814
मै दबी हुई सिसकिया लेने लगा और चादर में लंड को हिलाने लगा
अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म अम्मीई अह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् ओह्ह्ह्ह अमीईई उम्मम
मै झड़ने लगा अपने ही ऊपर अपने पेट पर आगे मेरे अम्मी मेरी ओर अपनी गाड़ किए हुए कपड़े प्रेस करती रही ।


GIF-20250402-161311-668
मै आंखे उलटने लगा और जिस्म पूरा अकड़ने लगा जब मेरा लंड झटके खा कर वीर्य उगल रहा था
रैंडमली अम्मी घूमी और उन्होंने मुझे देखा । वो एकदम फिकर में चीख पड़ी क्योंकि उन्होंने मेरे चेहरे के भाव देखे थे मेरा लंड तो चादर में छिपा हुआ
: शानू क्या हुआ ( अम्मी चीखी ) फोन रख मै करती हूं अभी
अम्मी फोन बेड पर फेक कर मेरे पास आई और तबतक मेरा नशा मेरा सुरूर उतर चुका था । मेरी आँखें खुली।

अम्मी मेरे पास थी मैंने चादर से हाथ बाहर खींच लिए
अम्मी मेरे करीब बैठ कर : क्या हो रहा था तुझे तेरी आँखें उलटती देखी मैने
मै क्या बोलता मेरी हालत खराब हुई पड़ी थी , मेरे आंखों के सामने अम्मी के बड़े बड़े खरबूजे जैसे चूचे नाइटी में झूल रहे । बदन से आती मादक गंध से लंड फिर से हरकत करने लगा
मगर उससे पहले ही मेरी चोरी पकड़ी गई क्योंकि लंड की पिचकारी से चादर गीली होने लगी और अम्मी को समझते देर नहीं कही

उन्होंने झटके से मेरे कमर के ऊपर से चादर झटका और सफेद गाढ़े वीर्य में लसराया मेरा लंड पूरी ताकत से तन कर सीधा खड़ा हो गया । मेरे वीर्य मेरे पेडू और आड तक गए थे ।

: सॉरी अम्मी ( मै आगे कुछ बोलता कि एक जोर का तमाशा मेरे चेहरे पर पड़ा और फिर गर्दन कंधे कनपटी पर तीन चार पड़े )
: हरामजादा , जा यहां से और कभी भी मुझसे बात मत करना ( अम्मी गुस्से से आग बबूला होकर बोली )
मै डर गया और बिस्तर पूरा सिस्टम झन्नाया हुआ था उठ कर लोवर पकड़े हुए बाथरूम में चला गया ।

लंड हाथ मुंह धूल कर मै बाहर आया
तो अम्मी के सिसकने की आवाज आई
मेरा दिल पिघल गया और अम्मी की कही हुई बात याद आई कि "कभी मुझसे बात नहीं करना "
कजेला कांप उठा भीतर से , पहले नानी और अब अम्मी भी । अम्मी से दूरी मै बर्दाश्त नहीं कर सकता था ।

चोरों के जैसे मै हिम्मत करके अम्मी के कमरे के दरवाजे पर आया
अम्मी बेड से टेक लगा कर फर्श पर बैठी हुई थीं और मेरे आने की आहट से अपनी नम लाल आंखों से मुझे देखा : मैने कहा न जा यहां से

अम्मी को रोता देख मै भी तड़प उठा भीतर से मगर फिर भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि एक भी कदम कमरे की दहलीज से भीतर रख सकू ।
: शायद मेरी ही परवरिश में कोई कमी रही होगी या फिर मेरी हरकते ऐसी है कि तू ऐसा बन गया ( अम्मी सुबकती हुई बिना मुझे देखे बोली )
अम्मी ने जैसे ही पहल की मुझे लगा यही मौका है अम्मी के पास जाने का उन्हें संभालने शायद वो मान जाए
मै भागकर उनके पास गया और उनके कंधे पकड़ कर बैठ गया
: नहीं अम्मी नहीं , आपकी कोई गलती नहीं है । बस मै ही बुरा हू ( मै रुआस होकर बोला )
: छोड़ मुझे और मुझसे बात मत कर बोला न ( अम्मी ने छलकते हुए आंखों से मुझे गुस्से में घूरा )
: प्लीज अम्मी इस बार माफ कर दो , अब कभी भी मै ऐसा कुछ नहीं करूंगा । आपकी कसम पक्का सच में ।

अम्मी कसम वाली बात पर मेरी ओर देखी और एकदम से चुप हो गई ।
अम्मी को शांत देखकर मै उनके बगल में बैठ गया और उनकी बाह पकड़ ली
: सॉरी अम्मी , पता नहीं मुझे क्या हो जाता है आपको देख कर । आपकी और अब्बू की बातें सुनकर
: लेकिन ये सब गलत है बेटा , और तू अभी कितना छोटा है ( अम्मी के भीतर बदलाव हुए तो दिल को राहत हुई )
: हम्म्म जानता हु अम्मी , मगर ना जाने क्या है आपमें जो मै आपकी ओर खींचा चला आता हूं। जैसे अब्बू को होता है वैसे मुझे भी । ( मैने उनके कंधे पर सर रखकर बोला )
: तेरे अब्बू की मै बीवी हु और तेरी अम्मी, फर्क नहीं समझ आता क्या ? ( अम्मी ने समझाया )
: आता है , मगर ?
: मगर क्या ? ( अम्मी मेरी ओर देख आकर बोली ) बोल ?
: आई लव यू अम्मी , दुनिया में सबसे ज्यादा अपनी जान से भी ज्यादा । सोचता हु अगर अब्बू नहीं होते तो मै आपसे निगाह भी कर लेता ( मैने भोलेपन पर अपने दिल की बात अम्मी से कह दी )
: हीही, तेरे अब्बू नहीं होते तो तू भी नहीं होता , पागल कही का ( अम्मी खिलखिलाई और हसने लगी )
मै भी उनकी बातें समझ कर मुस्कुराया
: तूने हमारी उम्र के बारे में भी नहीं सोचा , निगाह के लिए सोचने के पहले ( अम्मी हल्के होकर बोली )
: उन्हू , मुझे तो मेरी अम्मी की चाहिए न जैसे हो आप वैसे ही ( मैने उनकी बाह पकड़ कर उनसे लिपटा उसके गर्दन के पास की नर्माहट से बदन में गुदगुदी होने लगती )
: ठीक है फिर चल तेरे अब्बू से कह देती हूं कि मुझे तलाक देदो और तू मुझसे निगाह करेगा , ठीक है ( अम्मी ने मजाक में बोला )
: अरे नहीं , फिर अब्बू का क्या होगा ? ( मै बच्चों के जैसे घबराया )
: हीही पागल , बेटा तुझे समझना होगा कि इन सब की एक उम्र होती है , तू जो कर रहा है इससे तेरा विकास रुक सकता है । भविष्य ने तकलीफें आ सकती है । ( अम्मी ने मेरे हाथ पकड़ कर कहा )

मै चुप रहा
: देख मै कभी नहीं चाहती थी कि इनसब को लेकर तुझसे बात आग बढ़ाऊं क्योंकि एक मां के लिए कितना कठिन होगा अपने ही बेटे को समझाना वो भी ऐसे बात के लिए ( अम्मी फिकर में बोली )
: तो क्या करूं अम्मी आप बताओ न , कौन समझाएगा फिर मुझे । न मेरे कोई दोस्त है न भाई और अब्बू तो चिढ़े रहते है बस ( मै उखड़ कर बोला ) मै समझता हूं कि मेरे भीतर बदलाव हो रहे और जिधर की ओर मै भटकता हूं वो भी समझ आता है कि मै गलत कर रहा हूं मगर मै खुद को रोक नहीं पाता ।
अम्मी मुझे सुन रही थी
: बाहर समाज में देखता हूं और बातें जो सुनता हूं तो लोग बस मजे लेते हुए नजर आते है । जो मेरी उम्र के है उनके अपने रिश्ते सही नहीं है , एक दूसरे को धोखे दे रहे है । मैने तो बचपन से आपको ही देखा है मेरे लिए प्यार का मतलब ही मेरी अम्मी है । जब भी आने वाले कल के लिए सोचता हूं तो आपका ही ख्याल आता है मुझे मेरे जीवनसाथी के रूप में आपके जैसा ही साथी चाहिए । आपके जैसी मीठी प्यारी चंचल और थोड़ी शरारती ( मै बोलते हुए मुस्कुराया )
: पागल मै शरारती हू, शरारतें तो तू करता है ( अम्मी मुस्कुरा कर बोली )
: वो शरारत जो आप अब्बू के साथ करते हो .. ( मै बोलते हुए रुक गया और हसने लगा )
: कमीना कही का बहुत मार खायेगा ( अम्मी ने मुझे हस्ते है घुरा )
: फिर भी बेटा ये गलत है , हर नजरिए से मै तेरी मां हूँ । हा इतना कर सकती हू कि तेरे लिए एक गाइड की तरह एक दोस्त के जैसे तुझे अब सही गलत के मायने सिखा सकती हूं। तुझे चीजों को कंट्रोल करना सिखा सकती हूं मगर तू जो चाहता है वो मै नहीं कर सकती । मै ता उम्र तेरी अम्मी ही रहूंगी और मै यही चाहती जब मेरी सांसे चले मेरा लाडला मेरी आंखो के सामने मुस्कुराता रहे । हंसता रहे ।

: पर अम्मी , आई लव यू
: मै भी करती हूं मेरे बेटे से उसके अब्बू से भी ज्यादा ।
: सच्ची में अम्मी ( मै खुश होकर )
: हा और क्या , मेरा राजा बेटा उम्माह ( अम्मी मुझे सीने से लगा कर मेरे माथे को चूम लिया )
: आई लव यू सो मच अम्मी , मै प्रोमिस करता हूं आगे से कभी ऐसा कुछ नहीं करूंगा ।
: मेरा बच्चा , और अगर तुझे परेशानी हो तो मुझे बताना ठीक है ( अम्मी ने कबूलवाया )
: ठीक है अम्मी ( मै खुश होकर बोला )
: चल सो जा अब ( अम्मी उठते हुए बोली )
: आपके साथ ?
: हा और क्या , अब जब तक तेरे अब्बू नहीं आते तो रोज मेरे साथ सोएगा ठीक है ( अम्मी खुश होकर बोली )
: थैंक यू अम्मी ( मैने उनके गाल चूम लिए और बिस्तर पर भाग गया )
: धत्त गंदा कर दिया ( अम्मी अपने गाल पोंछ कर बोली और मुंह धुलने किचन में चली गई ।

मै मेरे किताबें किनारे किया और पैर फैला कर लेट ही रहा था कि अम्मी कमरे में मेरे लिए दूध लेकर आई: ले इसे पी ले और अब से रोज दूध पिया कर ठीक है
मैने दूध का ग्लास गटकते हुए अम्मी को गर्दन हिला कर सहमति दिखाई
फिर थोड़ा सा दूध छोड़ दिया
: अम्मी आप पी लो ( मैने तकरीबन 50ml दूध छोड़ा होगा )
: नहीं नहीं तू पी ले , मुझे दिक्कत होती है
: कैसी दिक्कत है ?
: वो तू नहीं समझेगा ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली )
: अब्बू की याद आती है न ( मै उन्हें छेड़ कर बोला )
: क्या नहीं रे पागल , वो बादाम वाला दूध पीने से मुझे सफेद पानी आने लगता है । ( अम्मी ने संशय में मुझे देखा कि मै समझ पाया या नहीं )
: क्या ? फिर मुझे क्यों पिलाया ? मेरा रात में गिरने लगा तो ( मैने थोड़ा ड्रामा करके बोला )
: धत्त पागल ऐसे थोड़ी होगा ( अम्मी हसी )
: अरे मैं आपका ही बेटा हूं न , मेरे अंदर भी आपके जैसे गुण दोष होंगे न ( मैने उनको समझाया )
: हा लेकिन तुझे नहीं होगा , मै जानती हु ( अम्मी मुस्कुरा कर गिलास किनारे रखते हुए बोली )
: कैसे ?
: अगर तुझे होता तो मुझे पता चल जाता , ये सब चीजें 15-16 साल की उम्र से ही होने लगती है । उससे कमजोरी आने लगती है । ( अम्मी मुस्कुरा कर बिस्तर पर आते हुए बोली )
: तो क्या वो जो आप करते हो , उससे कमजोरी नहीं आती ( मैने मासूम होकर बोला )
अम्मी शर्म से झेप गई और मुस्कुराने लगी : होती है उससे भी मगर वो दोनों अलग अलग असर करते है ।
: अलग अलग कैसे ?
: ओफ्फो अब कैसे समझाऊं तुझे , मुझे बड़ा अजीब लग रहा है । तुझे डांटना और मारना ज्यादा सहज था मेरे लिए
: हीही लेकिन अब समझाओ मुझे ( मै सरककर उनके करीब आकर बोला )
: वो जो मै और तेरे अब्बू करते है वो दूसरा होता है वो सिर्फ वो सब करने पर ही होता है और ये दूध वाला जो होता है वो लगातार होता है इससे कमर दर्द और सुस्ती रहती है

: क्या कैसे होता मतलब मुझे तो समझ ही नहीं आया ( मै उलझ कर बोला )
: अरे दादा , मै ये कह रही हूं कि जब सफेद पानी आता है वो लगातार होता है पूरा दिन कच्छी गीली हो जाती है उससे कमर दर्द रहता सारा सारा दिन तकलीफ होती और वो जो मै और तेरे अब्बू करते है वो अलग होता है उससे शरीर के दर्द में आराम होता है समझा

: पर मै जब करता हूं या मेरा ढेर सारा निकल जाता है तो मै तो जैसे बेहोश ही हो जाता हूं ऐसा क्यों ? ( मैने सवाल किया )
: वो होता है बस खान पान सही न करने और गलत तरीके से करने से होता है ( अम्मी ने समझाया )
: गलत तरीके से मतलब ? ( मै सोच के पड़ गया )
: वही जो तू करता है , ठंडे हाथों से या फिर पेंट के ऊपर से उसको रगड़ना और सारा दिन बस उसी के बारे में सोचना ये सब गलत तरीके है ( अम्मी समझा रही थी )
: फिर सही तरीका क्या है ?
: सही तरीका ? तूने तो कहा है कि अब तू ये सब नहीं करेगा ? ( अम्मी मेरी ओर देख कर बोली )
: हा लेकिन जानने में क्या बुराई है , बताओ न प्लीज अम्मी ( मै थोड़ा सा रिड़का)
: वो ... सबसे पहले उसको बाहर निकालते है और किसी आराम दायक जगह पर बैठ कर करते है । हाथ गर्म रहे और थोड़ा सा तेल भी लगा कर धीरे धीरे करते है । उससे उसकी नसे और भी तंदुरुस्त रहती है और टाइट भी रहता है ।
: किसकी नसे हाथों की ( मैने मस्ती की )
: धत्त नहीं रे , वो तेरे नुनु की समझा ( अम्मी लजाती हुई बोली ) और अब हो गया चल सो जा अब ।
मै चुप रहा , आज पहली बार अम्मी से इनसब पर बाते की थी । कितना अच्छा लग रहा था अम्मी की बातों से लगा कि वो भी मुझपर नजर रखती थी । धीरे धीरे मेरा मन लालची होने लगा और मेरे जहन में चतुराई हावी होने लगी । हालांकि मैं अम्मी की कसम खा चुका था कि अब मै नहीं हिलाऊंगा मगर मेरा करामाती दिमाग मेरे बोले गए शब्दों में भी खेल करने की फिराक में था । तभी मेरे जहन में अम्मी की एक बात याद आई "अगर तुझे परेशानी हो तो मुझे बताना" , बस यही रास्ता मिल गया था मुझे ।

करीब 10 मिनट हो गए थे
: अम्मी सो गई क्या ( मैने आवाज दी उनको )
: हम्मम बोल ( अम्मी ने हुंकारी भरी )
: अम्मी वो नीचे फिर से बड़ा हो रहा है नुनु मेरा ( मै धड़कते दिल के साथ कहा )
: नुनु को बोल सो जाए और तू भी सो जा ( अम्मी करवट लेती हुई मेरे ओर अपनी पीठ कर दी और उनके बड़े चौड़े कूल्हे नाइट बल्ब मेरे आगे उठे हुए थे देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगा )
: ऊहू मुझे नीद नहीं आएगी ऐसे , अम्मी प्लीज बताओ न क्या करु ( मै उनके पीछे से हग करते हुए बोला और अपना लंड का टोपा लोवर के नीचे से उनकी नरम चर्बीदार गाड़ में चुभोया )
: शानू !! मै सब समझ रही हु तेरी शरारत , सो जा चुपचाप और वहां से हटा उसको ( अम्मी ने हाथ पीछे ले जाकर मेरे लंड को अपने हथेली से धकेला अपने गाड़ पर से उनके नरम हथेली का स्पर्श पहली बार पाते ही मेरे लंड में पंपिंग होने लगी )
: अम्मी प्लीज , दर्द होता है अंदर ( मै थोड़ा सा नाटक किया )
: तो बाहर निकाल कर सो जा न , कौन सा मैने तेरा देखा नहीं है ( अम्मी मजे लेते हुए बोली )
: अम्मी बक्क सुनो न ( मै अब पैर पटकने के जैसे हो गया )
: क्या है ? क्यों नाटक कर रहा है ( अम्मी घूम गई मेरे तरफ )
: वो परेशान कर रहा है क्या करु ( मै भुनभुना कर बोला )
: तू उसको परेशान मत कर , जरूर कुछ चल रहा होगा तेरे दिमाग । वो सोचना बंद कर दे सही हो जाएगा तो ( अम्मी ने तो जैसे मेरे नस ही पकड़ ली , ना जाने कैसे इतनी तेज थी वो )उम्मम बोल क्या सोच रहा है ?
: यही कि तेल लगा कर कैसे लगता होगा ? ( मै हिचक कर बोला )
: पागल कही का , जा देख के तेल लगाकर कैसा लगता है ( अम्मी हस कर बोली )
: लेकिन मै कैसे करूंगा मैने तो कसम खाई है न ( मै सफाई देते हुए बोला )
: तो क्या अब मै लगाऊं तेल तेरे नुनु पर ( अम्मी चौक कर बोली )
: लगा दो चाहो तो ( मै गुनगुनाते हुए बोला )
: क्या ? ( अम्मी चौकी ) मारूंगी इतना की सब नाटक भूल जाएगा सो जा चुप चाप
: प्लीज न अम्मी ( मै उन्हें मनाता हुआ ) बस एक बार
: नहीं मतलब नहीं ( अम्मी सीधा हो गई )
: प्लीज अम्मी ( मै उनकी बाहों पर उंगलियों से खुजाता हुआ उन्हें मनाने लगा ) प्लीज अम्मी प्लीज एक बार बस
अम्मी की तेज धड़कने मै साफ सुन पा रहा था, उनकी चुप्पी और उलझन को मै भी समझ रहा था मगर मेरा लालची मन कहा मानने वाला था ।

: जा किचन से तेल लेकर आ , तू भी तेरे अब्बू जितना जिद्दी है ( अम्मी चिढ़ कर बोली )
अम्मी का इतना कहना था कि मेरे तन बदन में फुर्ती सी फेल गई । लंड एकदम से अकड़ने लगा । यकीन नहीं हो पा रहा था कि अम्मी इसके लिए तैयार हो गई थी । मेरी योजना रंग ला रही थी
मैने झट से बत्ती चालू की और किचन में तेल की शीशी लेकर आ गया ।
: हमम्म ( मैने खुश होकर अम्मी को तेल की शीशी थमाई वो नारियल तेल की थी नीली बॉटल , मेरे भीतर का बचपन अंदर खूब उछल कूद कर रहा था मानो मुझे मेरा पसंदीदा खिलौना मिलने जा रहा हो )
मुझे मुस्कुरा देख अम्मी भी गुस्सा होने का नाटक की मगर मुस्कुराने से खुद को रोक नहीं पाई
: चल लेट जा ( अम्मी ने डांट लगाई , जैसे जता रही हो कि उन्हें सब करना बिल्कुल भी नहीं भा रहा हो )
यहां अंदर से मै बेचैन हुआ पड़ा था , मैने अपना लोवर और अंडरवियर एक साथ सरका कर लेट गया , बिना किसी हिचक के


Ga-D4-Et-Bb0-AM103-C

पूरे 8 इंच का रॉकेट अपने बारूद गोले के साथ पेट पर मेरे सुस्ता रहा था ।
अम्मी कभी मुझे निहारती तो कभी मेरे आकार लेते लंड को । पंखे की हवा में अचानक से सर्दी सी बढ़ गई थी , जिस्म में अजीब सी कंपकपी होने लगी और दिल रुक रुक कर धड़कने लगा ।
: कितना बड़ा करके रखा है कभी साफ नहीं करता क्या ? ( अम्मी का इशारा मेरे घुंघराले बालों पर था जो मेरे लंड की जड़ों पर फैले हुए थे )
मै कुछ नहीं बोला , अजीब सा लग रहा था अम्मी से इनसब पर बातें करना । शायद शुरू शुरू में ऐसा ही लगता हो मगर अम्मी के चेहरे पर सिकन की एक रेखा नहीं थी । मानो वो किसी मिशन पर हो ।
तेल की शीशी खोलकर ड्रॉप गिराने लगी लंड पर सुपाड़े के गांठ से नीचे आड़ तक एक लाइन पर वो तेल टिप टिप करके गिराती चली गई और फिर शीशी को बगल में रख दिया ।
तेल मेरे लंड पर फैलने लगा मगर मेरा कलेजा उस अहसास के लिए धड़क रहा था जो अब अम्मी करने वाली थी ।
अम्मी लंड को छूने वाली है ये सोच कर ही लंड की नसे फड़कने लगी और लंड धीरे धीरे ऊपर उठने लगा, और देखते ही देखते रॉकेट के जैसे सीधा खड़ा हो गया ऊपर की छत को निहारता ।
लंड में हरकत होते ही अम्मी के चेहरे पर मुस्कुराहट आई मगर जैसे ही उनकी नजरे मुझसे जुड़ी उन्होंने खुद को रोक लिया।
मै मेरे भीतर बदलाव महसूस कर पा रहा था आंखे बंद हो रही थी और धड़कने मद्धम हो रही थी , कि तभी एक गर्म मुलायम और हल्के दबाव के साथ उंगलियां मेरे लंड के तने पर महसूस हुई
मानो मेरे जिस्म के तारो को बिजली से जोड़ दिया गया हो , एकदम से मेरे जिस्म मेरे दिल और दिमाग हलचल सी हुई आंखे पूरी फेल गई , धकधक करके दिल जोरो से धड़कने लगा । हलक ऐसे सूखने लगा मानो गाड़ी के इंजन से पेट्रोल

और अगले ही पल अम्मी ने जैसे अपनी हथेली में मेरे लंड को हल्का कसे हुए ऊपर से नीचे सरकाया , लंड की नसे खुद ही पंप होने लगी ।

: उम्ममम अह्ह्ह्ह ( मै तड़प उठा बिस्तर पर )
तभी अम्मी का दूसरा हाथ मेरे आड़ों को मलने लगा दर्द और मजे का ऐसा संगम मैने आजतक नहीं महसूस किया था । आड़ो पर गोल गोल रेंगती उनकी हथेली मुझे किसी तरह के हेलोसुनेशन में डाल रही थी । मेरी सांसे फिर से हल्की पड़ने लगी ।
मगर अलगे ही पल तेल की कुछ बूंदे सीधा मेरे सुपाड़े की टिप पर गिरी
क्षण पर शांत और ठंडा अहसास और अगले ही पल अम्मी ने उसपे पर भी अपनी उंगलियां नचाने लगी


GIF-20250402-141555-336
: अह्ह्ह्ह्ह अमीईइ ( अकड़ कर मैने अपनी टांगे तान दी )
: सही से नहीं रह सकता क्या , इतना क्या उछल रहा है ( अम्मी ने डांट लगाई और अगले ही पल उनका अंगूठा मेरे सुपाड़े की गांठ पर )
एक ऐसा अनोखा संवेदनशील स्पर्श , जोर भीतर एक डर पैदा कर रहा था जल्दी झड़ने का , लंड में खरोच का और मुझे पागल हो जाने का ।
दांत पिस कर मै अकड़ गया और कोहनीयो के बल उठ कर अम्मी के हाथों की जादू देखने लगा


GIF-20250402-141654-479
जब जब उनका अंगूठा मेरे सुपाड़े के नीचे घर्षण करता मानो अब मेरा लंड छलक पड़ेगा , मगर अम्मी भी कम शैतान नहीं थी उन्होंने नीचे मेरे आड़ो को दूसरे हाथ से जकड़ रखा था । कमर पेडू में अजीब सी गर्मी अजीब सा तनाव हुआ पड़ा था ।

तभी अम्मी ने अपनी हथेली की कटोरी बनाई और मेरे सुपाड़े पर घुमाने लगी , उनकी गुदाज हथेली का घर्षण मेरे संवेदनशील सुपाड़े पर होते ही पूरे बदन में गुदगुदी होने लगी


GIF-20250402-141746-511
: अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह सीईईईई अह्ह्ह्ह सीजीईईई उम्मम अम्मी रुक जाओ आह्ह्ह्ह ( मै आंखे बंद कर बिस्तर पर गिर पड़ा )
: चुप कर पागल , नहीं तो मारूंगी ( अम्मी ने डांटा मुझे )
: अम्मीई वहा नहीं , पता नहीं क्याअह ( मै आंखे उलटने लगा ) सीईईईई ओह गॉड फक्क्क् ओह्ह्ह्ह पागल हो जाऊंगा अम्मीई आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह छोड़ दो आयेगा आयेगा अह्ह्ह्ह

मेरे कहने की देरी थी अम्मी ने मेरे आड़ो को रिहा किया और दूसरे हाथ से उंगलियों का छल्ला बना कर नीचे से ऊपर की ओर ले जाने लगी
एक दो तीन पिच्च फिच्च करता हुआ मेरा लंड पिचकारी छोड़ने लगा


10542115
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अमीईईई अह्ह्ह्ह सीईईईईई आई लव यू अम्मी आई लव यू अह्ह्ह्ह
मै मुंह खोल कर हांफता हुआ सुस्त होने लगा मेरी आंखे बंद थी । मेरे चेहरे पर मुस्कान एक संतुष्टि भरी , एक सुकून और वो चरम आनंद जिसके लिए मानो इतने वर्षों तक तड़प रहा था । मेरे दिल की धड़कने हल्की होने लगी और आंखों में नीद घेरने लगी । कमरे में एकदम शांति थी सीलिंग फैन की हनहनाहट साफ सुनाई दे रही थी और हवाएं अब गर्म महसूस हो रही थी । मगर दूर कही सपनों में मुझे कोई आवाज दे रहा था बाहें फैलाए जैसे चांदनी रात में सफेद पारदर्शी पोशाक में अम्मी ही खड़ी थी , उनकी रेशमी कपड़ों में उभरा उनका गदराया जिस्म बहुत ही मुलायम महसूस हो रहा था । एक हल्की मीठी महीन सी आवाज धीरे धीरे और मंदिम होती जा रही थी
: ....आब..साहब... सो गए.... आफ भी मै ही करु .... ( अम्मी के कुछ धुंधले अल्फ़ाज़ मेरे कानो को छू कर निकल गए )

जल्द ही मै गहरी नींद में सो गया ।

जारी रहेगी।
Super Update ❤️❤️ Guru Ji ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ keep it up ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏❤️ :cumbuddy::cumbuddy::cumbuddy::cumbuddy::cumbuddy::cumbuddy::cumbuddy::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker::jerker:
 
  • Love
Reactions: DREAMBOY40

fuckre

New Member
57
105
33
Mera bhi maal nikal gaya bh
UPDATE 018

जन्नत की सैर

रात ढल रही थी और अम्मी अब पहले से बेहतर लग रही थी । खाना भी उन्होंने ही बनाया था ।
खाने के बाद मै अम्मी के कमरे से किताबें लेकर ऊपर जाने लगा

: कहा जा रहा है ( अम्मी ने टोका )
: जी ऊपर अपने कमरे में ( मै बोला )
: यही सो जा तू भी ( अम्मी बोली तो लेकिन तभी अब्बू का फोन आने लगा )
: अभी भी रुकूं या जाऊ ( मैने मुस्कुरा कर कहा )
: मार खायेगा तू ( अम्मी हस कर बोली ) वैसे भी मुझे तेरे अब्बू से कोई बात नहीं करनी है आज
: क्यों ? ( मैने पूछा )
: बस ऐसे ही , चल सो जा ( अम्मी ने बत्तियां बुझाई )

इधर फिर से फोन बजने लगा
: अम्मी उठा लो न
: तू नहीं जानता , इनकी आदत बिगड़ गई है फिर अभी ... ( अम्मी बोलते हुए चुप हो गई )
: तस्वीरें मागेंगे? ( मैने हिचक कर पूछा )
: हम्ममम
: तो भेज दो न , आप तो हमेशा भेजते ही हो न
: नहीं , तू दोपहर में सही कह रहा था , और मैने उसपे सोचा तो लगा कि इस बार वो आयेंगे पहले उनसे बात करूंगी कि क्यों चाहिए होती है उनको इतनी तस्वीरें।
: वो तो आप अभी भी पूछ लो ( मैने बड़े कैजुअली होकर कहा )
: तू नहीं जानता वो मुझे लपेटना जानते है , इसीलिए बात नहीं कर रही हूं ( अम्मी ने जवाब दिया )
: अम्मी ऐसे तो अब्बू जब साथ होंगे तो आप और भी कमजोर पड़ जाओगे ( मैंने थोड़ी सी बात छेड़ी)
अम्मी चुप रही और फिर फोन निकाल कर डायल करने लगी ।

फोन पर ..
: कहा बिजी थी जानेमन
: कही भी रहु आपको क्या ( अम्मी ने तुनक कर जवाब दिया और मै मुस्कुराने लगा )
: हाय हाय मेरी बेगम आज रुसवा है क्या ( अब्बू ने पुचकारा )
: हा हूं ( अम्मी ने भी नखरे दिखाए )
: दोपहर में गाड़ में नहीं डाला तो गुस्सा हो गई मेरी जान उम्मम ( अब्बू से एकदम से अपना अंदाज बदला और अम्मी ने हड़बड़ा कर फोन स्पीकर से हटाकर कान से लगा दिया और मेरा लंड एकदम से फ़नफ़नाने लगा )
अंधेरे में ये सोच कर कि दोपहर में अम्मी ने अब्बू से वीडियो काल पर मस्ती की , मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा और मै लंड सहलाने लगा लोवर के ऊपर से ।
: शर्म करो शानू के अब्बू , आप कभी भी शुरू हो जाते हो ( अम्मी ने मेरे सामने अब्बू को डांट लगाई )
: मेरी जान तेरी मोटी चौड़ी गाड़ के लिए बेशर्म होना पड़ेगा तभी तू उनका दीदार करवाती है , अह्ह्ह्ह्ह दिखा दे न फरीदा मेरी जान
: धत्त चुप रहो आप और फोन रखो ( अम्मी ने लाज से फोन काट दी और मैं मेरा मूसल थामे भीतर से खुश हो रहा था )

: सुना न कैसे दीवाने है तेरे अब्बू
: हीहिही हम्मम ( मै हंसा )
: इसीलिए फोन नहीं उठा रही थी ( अम्मी बोली लेकिन फिर से अब्बू का फोन आने लगा और मेरी हसी छूट गई )
: चुप कर तू कमीना कही का ( अम्मी ने शर्माते हुए मुझे डांटा)

अम्मी ने फिर से फोन उठाया ।
फोन पर ..
: हा कहिए
: क्या जान इतना भी क्या सताना , दिखा दो न , अच्छा फोटो ही भेज दो ( अब्बू सिहर कर बोले )
: करते क्या है आप मेरी इतनी सारी तस्वीरों का उम्मम पहले इसका जवाब दीजिए ( अम्मी ने ताव दिखा कर अब्बू से सवाल किया )
: अह्ह्ह्ह मेरी जान क्या बताऊं , कभी कभी तो जी चाहता है कि यहां कमरे में सारी दीवारें छत सब पर तेरी नंगी तस्वीरों से भर दूं और उनको अपने रस से नहलाऊ रोज अह्ह्ह्ह्ह तू नहीं जानती मै तेरे उन भड़कीले चूतड़ों का कितना दीवाना हु अह्ह्ह्ह फरीदा दिखा दे ना ( अब्बू की फैंटेसी के बारे में सोच कर ही लंड झटके खाने लगा और मै भी उस कमरे के बारे में कल्पनाएं करने लगा कि कितना कामुक माहौल होगा जब उस कमरे अम्मी को नंगी को उनके ऊपर मै अपने रस से उनको नहाऊंगा ओह्ह्ह्ह सोच कर लंड अकड़ गया )
: छीइइइ शानू के अब्बू आप बहुत गंदे हो ( अम्मी ने अब्बू की बातों को नकारा )
: अब तू जो समझे मै तो शादी के पहले ही तेरे नायब हिलते चूतड़ों का दीवाना हु और अब तो पल की दूरी सही नहीं जाती , बिना देखे नींद तक नहीं आती ओह्ह्ह्ह देख तेरे कसे मोटे मोटे चूतड़ के बारे में सोच कर मेरा लंड एकदम अकड़ गया है
: बस करिए शानू के अब्बू , अब सो जाइए बहुत हो गई आपकी दीवानी बातें , सब्बा खैर हम्ममम ( अम्मी ने अब्बू की बातें को इगनोर करती हुई बोली)
: अरे जान सुनो तो ( अब्बू बोलते रहे लेकिन अम्मी ने काल काट दिया )


कुछ देर तक चुप्पी रही और बीच बीच में अब्बू का काल आता तो अम्मी फोन काट देती ।
: अम्मी !!
: हम्म्म बोल ?
: भेज दो न तस्वीरें उनको आप , मै ऊपर जा रहा हूं
: नहीं , तू ऊपर नहीं जायेगा मै समझ रही हुं तेरी चालाकी, यही सो जा चुपचाप ( अम्मी ने डांट लगाई मुझे )
: अम्मी पक्का मै बाहर नहीं रहूंगा , अब्बू परेशान हो रहे है ( मैने उन्हें समझाया

: होने दे तेरे अब्बू को परेशान , तू क्यों हो रहा है परेशान चुप चाप सो जा
: अम्मी सॉरी , मुझे लगता है कि शायद आप मेरी वजह से अब्बू से बात नहीं कर रही है ( मै मासूम होकर बोला )
: ऐसा नहीं है बेटा , सच में इन दिनों उनकी आदत बिगड़ गई है
: अच्छा ठीक है , अभी फिलहाल एक फोटो भेज दो बाद में आए तो उनकी क्लास ले लेना आप हीहीहीही कबसे फोन पर फोन कर रहे है वो ।
: तू न तेरे अब्बू की ही साइड लेगा , कमीना कही का ( अम्मी खीझी और बत्ती जला दी )
: हीहीहीही ओके मै बाहर हु
: नहीं रुक और पीछे से मेरी फोटो निकाल दे ( अम्मी थोड़ा ठहर कर बोली )
: क्या मै ? अम्मी मै कैसे , अब्बू को क्या कहोगी कि कैसे निकाला तो ? ( सवाल मेरे जायज थे , मगर शायद एक औरत मर्दों से बेहतर उन्हें समझती है )
: तू उसकी फिक्र न कर , तेरे अब्बू को मै समझा लूंगी ( अम्मी खड़ी होकर सलवार के नाडे खोलने लगी )

अम्मी की इस हरकत से मै भीतर से कांपने लगा , लंड एकदम रॉड जैसा मोटा हो गया और सुपाड़ा पूरी तरह से लाल होकर फूलने लगा ,


Gcl-KKP8b-YAACC5x
अम्मी ने अपना सूट ऊपर कर सलवार नीचे की , एक बार फिर अम्मी की बड़ी गाड़ मेरे आगे थी, पूरी गोल मटोल शेप और कसे कसे चिपके हुए चूतड़ , देखते ही गले से लार गटकने की नौबत आ है
सांसे पूरी उफान पर थी , अभी कल की बात थी कि अम्मी ने अपने सलवार मुझसे खुलवाए थे और आज अम्मी खुद मेरे आगे सलवार खोल कर मुझे ही तस्वीरें निकालने को कह रही थी ।
रहा नहीं जा रहा था ,लग रहा था पूरे बदन का खून मेरे लंड के इर्द गिर्द दौड़ रहा था
अजीब सी हड़बड़ाहट मची थी भीतर , सास उफना रही थी , लंड लोवर में ही पंप हो रहा था और सुपाड़े की गांठ पर जो कुलबुलाहट हो रही थी , मैने मुठ्ठी में भर कर मिजा तो लगा भलभला कर उगल ही देगा सब कुछ

एक तो अब्बू की गरम गर्म बातें उसपे से अम्मी की मोटी नंगी गाड़ ,
पिछले आधे घंटे से लंड अकड़ा हुआ था तो ये हाल जायज था ।

: बेटा अच्छी तो आ रही है न ( अम्मी ने गाड़ बाहर की ओर निकालकर कहा )
: जी ? जी अम्मी वो सूट ...( चूतड़ की ओर से सूट का किनारा अम्मी के कूल्हे ढके हुए था )
: रुक इसको निकाल देती हु (और अम्मी ने खड़े होकर अपने जिस्म से सूट निकाल दिया )
लंड की हालत और खराब , डर से मै मेरे सुपाड़े को हाथ नहीं लगाना चाह रहा था कब लावा फूट जाए , आड़ एकदम से भरे भरे महसूस हो रहे थे , नसे एकदम तनी हुई टपक रही थी अंदर से , पेडू में जोर पड़ रहा था


Gb-UD0-U1ak-AA6s5e
अम्मी अब ब्रा में मेरे आगे खड़ी थी और नीचे से पूरी नंगी
आंखे फाड़ कर अम्मी की बेशर्मी मै निहार रहा था
: शानू !!
: जी अम्मी ( मेरी सांसे चढ़ने लगी थी , आंखो में नशा सा हो रहा था )
: निकाल न , देख क्या रहा है ( अम्मी ने मुस्कुरा कर कहा )
: जी वो ... ( मै अटक रहा था , अपने भीतर की कामवासना को खुल कर अम्मी से जाहिर करने में )
: ऊपर हो जाऊ ( अम्मी ने पूछा )
: हम्म्म ( क्या बोलता एकदम बदहवासी छाई थी मन में दिमाग काम करना बंद हो गया था )
मेरी अम्मी जिनके हसीन और गदराई हुस्न को कभी सपनो में तो कभी छिप कर देखा करता था आज अम्मी खुद ही दीदार करवा रही थी और तस्वीरें भी मुझसे ही निकलवा रही थी ।
अगले ही पल अम्मी घुटने के बल चढ़ती हुई बिस्तर पर आ गई


GVj4hgkbg-AQ3jv5
अम्मी के बड़े बड़े मटके जैसे चूतड़ मेरे आगे थे , मोटी मोटी जांघें और उनके बीच कही झांकती झांटों की झाड़ियां

: अह्ह्ह्ह सीईईईईई अम्मीईइ ( रहा नहीं गया मै सिसक पड़ा )
: क्या हुआ
: अम्मी पेशाब लगी है करके आऊ ( मै अपना सुपाड़ा मुट्ठी में घिसते हुए कहा )
: बस एक फोटो निकाल दे तब जा ( अम्मी उसी हालत में झुके हुए बोली)
: अम्मी समझो जोर की लगी ( मै अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: बस एक और बेटा , मेरा राजा बेटा न फिर से मै ये सब नहीं कर पाऊंगी प्लीज बेटा
(और अगले ही पल अम्मी आगे पूरी झुक गई )
उनके दोनो पहाड़ जैसे चूतड़ हवा में साथ ही पिछे से अम्मी की चूत के फांके भी साफ साफ बिजिबल
अम्मी ने दोनों हाथ पीछे ले जाकर दोनों चूतड़ों को पकड़ कर फाड़ने लगी
: बेटा बस ये वाला निकाल दे ( अम्मी अपने गाड़ फैलाते हुए बोली )


GW-Duj-b-YAAkeuk
मेरी आंखे सन्न रह गई और मेरे सबर का फब्बारा अम्मी के कसे हुए गाड़ के सुराख और फटे हुए भोसड़े को देख कर फूट पड़ा
: अह्ह्ह्ह अम्मीआईईईई अह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् कितनी सेक्सीईई हो आप उम्ममाअह ( मै लोवर में ही झड़ने लगा मेरा सुपाड़ा सारा का सारा माल बाहर उगलने लगा )


GIF-20250113-194412-737
मै हर झटके के साथ मै हवा में उड़ता रहा बंद किए आंखो के अम्मी के पहाड़ जैसे गाड़ की छवि को बसाए
और फिर ऐसा सुस्त पड़ा कि कुछ पल तक मुझे होश ही नहीं रहा ।
अम्मी की गालियां और गुस्से भरी बकबक कानो में आ रही थी , वो मुझे पकड़ कर हिला रही थी , मगर मै तो अपने ख्यालों में कही खोया हुआ था मानो जन्नत की सैर कर रहा था , मेरी अम्मी के नंगे जिस्म पर पारियों जैसे पर उग आए थे और वो नंगी ही मेरे आगे नाच रही थी खुले आसमान में और मै उन्हें निहार रहा था बस निहार रहा था ।

*********************************

रात के 11 बजने को हो रहे थे
अलीना से बातें करके मै सोने जा रहा था कि शबनम का मैसेज आया

: kaha ho , ghar waps aa gaye ??

उसका मैसेज देखकर मैने उसको फोन मिला दिया

फोन पर ....
: हाय
: कहा हो ( वो बोली )
: यहीं हु यार इतनी रात में जाने नहीं दिया मैम ने ( मै थोड़ा खीझ कर बोला )
: जाने नहीं दिया या तुम्हारा ही मन नहीं था जाने का हूह ( वो तुनक कर बोली , जैसे मेरी प्रेमिका हो )
: अरे यार मैम है ऐसा नहीं सोचते उनके बारे में ( मैने थोड़ा सा छेड़ा फिर से उसे )
: अच्छा , तो क्या मेरे बारे ने सोचने का लाइसेंस बनवाए हो ( वो थोड़ी खीझ कर बोली )
: यार तुम्हे सोच कर ही नीचे पंप होने लगता है अह्ह्ह्ह दिखा दो न ( मै सिहर कर बोला )
: धत्त गंदा , जाओ मैम का देखो हूह ( वो इतराई )
मैने झट से मोबाईल से अपने खड़े लंड को हिलाते हुए सेल्फी निकाली और उसको भेज दिया बातें करते हुए ही
: सच में झूठ नहीं कर रहा , देखो भेजा हु कुछ


GHqgdf-Ia-AAAJ1q
: छीइईईई गंदा, तुम नंगे हो क्या कमरे में ( वो तस्वीर देखकर भिनक कर बोली )
: यार मैम के नाइटी में गाड़ मटका मटका कर हालत खराब कर दी है , वो तो तरसा रही है तुम तो ना तसराओ न शबनम प्लीज भेजो न लेगी उतार कर
: ऊहू , शानू प्लीज ऐसी बाते मत करो उम्मम्म ( वो सिहर उठी )
: अह्ह्ह्ह्ह बस एक वीडियो लेगी उतार कर प्लीज , बस एकबार मान जाओ न । नहीं तो सारी रात मुझे नीद नहीं आएगी
: तुम बहुत गंदे हो शानू ( वो थोड़ा थोड़ा रास्ते पर आ रही थी
: प्लीज न शबनम बस एक बार अह्ह्ह्ह्ह शब्बू उम्मम्म
: उम्मम्म शानू नहीं मुझसे नहीं हो पाएगा ( उसकी चढ़ती सांसे मै महसूस कर रहा था )
: प्लीज न प्लीज
: ओके, बस एक ही
: हम्म्म जल्दी
फोन कट गया और मै वेट करने लगा

4 मिनट बाद एक वीडियो आई पूरे डेढ़ मिनट की
वीडियो देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगा
शबनम ने लेगी उतार कर सुबह वाली कुर्ती में थी और उसकी नरम नरम चूतड़ पर ब्लैक लेस वाली पैंटी थी एकदम चुस्त और टाइट वो कैमरे के आगे अपने गाड़ घुमा घुमा कर दिखा रही थी और सिसक कर थी


GIF-20250113-192956-054
: यू वांट इट बेबी उम्मम ( वीडियो में शबनम के अल्फ़ाज़ जब वो अपने चूतड़ पर पंजे जड़ रही थी )
ओह्ह्ह यस्स बेबी आई वांट इट ( शबनम की भेजी हुई वीडियो देखकर मै लंड हिलाते हुए बोला और देखते ही देखते शबनम ने वीडियो में कुर्ती भी निकाल दी )


GIF-20250113-193139-053
मैचिंग ब्लैक लेस वाली ब्रा पैंटी में उसका जिस्म एकदम कसा कसा और भरा भरा था , उसके नारंगी जैसे चूचे खूब चुस्त और टाइट नजर आ रहे थे और पतली कमर देख कर लंड सलामी दिए जा रहा था ।
वीडियो खत्म होने को थी कि फिर से शबनम का काल आने लगा

फोन पर ...
: कर लिए न मन की , अब खुश ( वो इठलाई )
: अह्ह्ह्ह शब्बू शब्बू उम्मम क्या पटाखा हो तुम यार उम्मम लंड बैठ ही नहीं रहा है सीईईईई अह्ह्ह्ह क्या करूं इसका आजाओ न ( मै कामवासना में लिप्त होकर उससे बोला )
: शानू तुम भी मुझे बेचैन कर देते और तुम्हारा वो ... अह्ह्ह्ह मुझे भी मिलना है तुमसे
: आजाओ न मेरे पास कल रूम पर मेरे ओह्ह्ह्ह ( मै अपना लंड मसल कर बोला )
: नहीं नहीं उधर तो मामू ड्यूटी के लिए जाते है कही और मिले ( शबनम ने चहकपने में कहा और मै समझ गया कि जरूर वो अपना अड्डा बताएगी इससे पहले मै ही अपना दाव चल दू)
: मेरा रूम बहुत ही सेफ है शब्बू , तुम बुरखा डाल लेना न ( मैने उसे सजेस्ट किया )
: अरे बुरखे में निकलऊंगी तो घर पर लोग सवाल करेंगे ( वो परेशान होकर बोली जैसे कितने जवाब तैयार हो उसके पास मगर मैने भी अपना इरादा तय कर रखा था )
: ओहो यार बुर्का बैग में रख लेना और किसी रेस्तरां में चल कर पहन लेना , देखो अब कोई बहाना नहीं, प्लीज मान जाओ न
: तुम यार ( शबनम उलझी हुई थी )
: प्लीज यार भरोसा तो रखो , अब और नहीं रहा जायेगा मुझसे
: ठीक है , लेकिन कहा मिलेंगे हम लोग ।
: जहां तुम्हे कंफर्टेबल लगे ( मैने उसे रिलैक्स किया ताकि उसे शक न हो )

: उम्मम तो फैंटम रेस्तरां में मिले ( शबनम ने तपाक से जवाब दिया )
: वहां ? वहां तो ड्रिंक वगैरह भी होती है न , रिस्की नहीं है ( मैने थोड़ा बात को गंभीरता से लिया क्योंकि मैं जानता था फैंटम रेस्तरां के बारे में , कई बार सिराज के साथ जा चुका था और आहूजा का भी फेवरेट बार उसी में था । वहां के रेस्तरां में जमकर अय्याशी डांस क्लब और खाना पीना होता था । मगर शबनम जैसी लड़की जो समाज की नजरो ने इतनी सीधी और सरल है उसका वहां से नाता होना ताज्जुब की बात थी )
: अरे ड्रिंक होता है इसलिए तो उधर जाना है क्योंकि वो रेस्तरां मेरे मामू को बिल्कुल पसंद नहीं तो वहां कोई डर नहीं है इसीलिए ( वो खुश होकर बोली )
: ओह्ह्ह्ह फिर ठीक है ( मैने उसकी बातों पर सहमति दिखाई क्योंकि उसकी सभी बातें काटना मुनासिब भी नहीं था )
उसके बाद फिर हम दोनो थोड़ी बातें करके सो गए


********************************

अगली सुबह मेरी आंख खुली अजीब सी सुस्ती थी बदन में अड़ाई ली तो लंड एकदम फ़नफ़नाया हुआ , पता चला जिस्म पर एक कपड़ा भी नहीं ।
चौक कर बगल में देखा तो अम्मी बेसुध सोई हुई थी नंगी
अम्मी ने अपना बदन भी नहीं ढक रखा था , उनके बड़े बड़े रसीले मम्में चोंच उठाए मुझे ही देख रहे थे ।


IMG-20250111-WA0019

नजर पड़ते ही होठ रसाने लगे मेरे और लंड पूरा लोहे के जैसे

नीचे देख तो एक पैंटी जो अम्मी के चूतड़ों के कही खो गई थी बस कमर के पास ही नजर आ रही थी और उनकी विशाल गोरी गाड़ देखकर सिहर उठा मै
रात की यादें ताजा हो गई थी
उलझन भी थी कि रात में अम्मी की तस्वीरें निकालने के बाद मै एकदम से झड़ने लगा था और फिर पता नहीं क्या हुआ मुझे एकदम से याद नहीं था ।

घड़ी देखा तो अभी 5 बजने में भी समय था ।

रह रह कर अम्मी का नंगा कामुक बदन मुझे कामोत्तेजित किए जा रहा था , मगर हैरान करने वाली बात थी कि अम्मी ने क्या रात में मेरे कपड़े उतारे तो क्या अम्मी ने मेरे लंड को साफ भी किया होगा
कैसे हाथों से है फिर अपने होठों से
सोच कर ही लंड फौलादी हुआ जा रहा था
मैं हौले से बिस्तर से उतरा और अपना अंडर बाथरूम से लेकर आया
लंड अभी भी कड़क था , अम्मी के गुलगुले चूतड़ मुझे ललचा रहे थे , भोर की बेला में हार्मोन पिक पर थे रहा नहीं गया मुझसे और मै अम्मी के पास पहुंचा
उनके नंगे मखमली बदन पर हाथ फिराने लगा , और फिर कूल्हे छुते हुए लंड सहलाने लगा ।


GIF-20250113-190900-244
: उह्ह्ह्ह अम्मीईइ अह्ह्ह्ह्ह कितनी मुलायम गाड़ है आपकी , उम्मम कितनी मोटी और सेक्सी है अह्ह्ह्ह जी कर रहा है पेल दु आपको उम्मम्म अमीजीईई
रह रह कर आंखे बंद कर अम्मी के मुलायम विशाल चूतड़ को महसूस कर अम्मी की रात की बातें याद कर रहा था
कैसे अम्मी धीरे धीरे खुद को मेरे आगे नंगी किए जा रही और कैसे धीरे धीरे अम्मी का पिछवाड़ा बढ़ता जा रहा था
अम्मी की मोटी मोटी जांघें और उनसे झांकती चूत के बार में ख्याल आते ही मेरे तन बदन में सनसनी फैल गई मै जोरो से अपना लंड भींचने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी अम्मीईई आह्ह्ह्ह खोलो न रात के जैसे अपनी गाड़ उठाओ न ओह्ह्ह फैला दो हा हा यस्स अम्मीईई हा अम्मीईई खोल दो ( मेरी कल्पनाओं में अम्मी की वो छवियां चल रही थी जब अम्मी बिस्तर पर झुक कर अपने पहाड़ जैसे चूतड़ फैला रही थी )

: ओह्ह्ह्ह गॉड अमीजीईईई अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह अम्मीीईईई अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म


big-ass-001-31
मै चिंघाड़ते हुए जोरो से लंड हिलाने और एक बार फिर मेरे सबर का फब्बारा फूटा और एक के बाद एक पिचकारिया अम्मी के बड़े भड़कीले चूतड पर जाती रही जाती रही
जबतक मै झड़ कर शांत नहीं हो गया

: शानू , कुत्ते ये क्या किया ( अम्मी जोर से गरजी )


जारी रहेगी
UPDATE 018

जन्नत की सैर

रात ढल रही थी और अम्मी अब पहले से बेहतर लग रही थी । खाना भी उन्होंने ही बनाया था ।
खाने के बाद मै अम्मी के कमरे से किताबें लेकर ऊपर जाने लगा

: कहा जा रहा है ( अम्मी ने टोका )
: जी ऊपर अपने कमरे में ( मै बोला )
: यही सो जा तू भी ( अम्मी बोली तो लेकिन तभी अब्बू का फोन आने लगा )
: अभी भी रुकूं या जाऊ ( मैने मुस्कुरा कर कहा )
: मार खायेगा तू ( अम्मी हस कर बोली ) वैसे भी मुझे तेरे अब्बू से कोई बात नहीं करनी है आज
: क्यों ? ( मैने पूछा )
: बस ऐसे ही , चल सो जा ( अम्मी ने बत्तियां बुझाई )

इधर फिर से फोन बजने लगा
: अम्मी उठा लो न
: तू नहीं जानता , इनकी आदत बिगड़ गई है फिर अभी ... ( अम्मी बोलते हुए चुप हो गई )
: तस्वीरें मागेंगे? ( मैने हिचक कर पूछा )
: हम्ममम
: तो भेज दो न , आप तो हमेशा भेजते ही हो न
: नहीं , तू दोपहर में सही कह रहा था , और मैने उसपे सोचा तो लगा कि इस बार वो आयेंगे पहले उनसे बात करूंगी कि क्यों चाहिए होती है उनको इतनी तस्वीरें।
: वो तो आप अभी भी पूछ लो ( मैने बड़े कैजुअली होकर कहा )
: तू नहीं जानता वो मुझे लपेटना जानते है , इसीलिए बात नहीं कर रही हूं ( अम्मी ने जवाब दिया )
: अम्मी ऐसे तो अब्बू जब साथ होंगे तो आप और भी कमजोर पड़ जाओगे ( मैंने थोड़ी सी बात छेड़ी)
अम्मी चुप रही और फिर फोन निकाल कर डायल करने लगी ।

फोन पर ..
: कहा बिजी थी जानेमन
: कही भी रहु आपको क्या ( अम्मी ने तुनक कर जवाब दिया और मै मुस्कुराने लगा )
: हाय हाय मेरी बेगम आज रुसवा है क्या ( अब्बू ने पुचकारा )
: हा हूं ( अम्मी ने भी नखरे दिखाए )
: दोपहर में गाड़ में नहीं डाला तो गुस्सा हो गई मेरी जान उम्मम ( अब्बू से एकदम से अपना अंदाज बदला और अम्मी ने हड़बड़ा कर फोन स्पीकर से हटाकर कान से लगा दिया और मेरा लंड एकदम से फ़नफ़नाने लगा )
अंधेरे में ये सोच कर कि दोपहर में अम्मी ने अब्बू से वीडियो काल पर मस्ती की , मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा और मै लंड सहलाने लगा लोवर के ऊपर से ।
: शर्म करो शानू के अब्बू , आप कभी भी शुरू हो जाते हो ( अम्मी ने मेरे सामने अब्बू को डांट लगाई )
: मेरी जान तेरी मोटी चौड़ी गाड़ के लिए बेशर्म होना पड़ेगा तभी तू उनका दीदार करवाती है , अह्ह्ह्ह्ह दिखा दे न फरीदा मेरी जान
: धत्त चुप रहो आप और फोन रखो ( अम्मी ने लाज से फोन काट दी और मैं मेरा मूसल थामे भीतर से खुश हो रहा था )

: सुना न कैसे दीवाने है तेरे अब्बू
: हीहिही हम्मम ( मै हंसा )
: इसीलिए फोन नहीं उठा रही थी ( अम्मी बोली लेकिन फिर से अब्बू का फोन आने लगा और मेरी हसी छूट गई )
: चुप कर तू कमीना कही का ( अम्मी ने शर्माते हुए मुझे डांटा)

अम्मी ने फिर से फोन उठाया ।
फोन पर ..
: हा कहिए
: क्या जान इतना भी क्या सताना , दिखा दो न , अच्छा फोटो ही भेज दो ( अब्बू सिहर कर बोले )
: करते क्या है आप मेरी इतनी सारी तस्वीरों का उम्मम पहले इसका जवाब दीजिए ( अम्मी ने ताव दिखा कर अब्बू से सवाल किया )
: अह्ह्ह्ह मेरी जान क्या बताऊं , कभी कभी तो जी चाहता है कि यहां कमरे में सारी दीवारें छत सब पर तेरी नंगी तस्वीरों से भर दूं और उनको अपने रस से नहलाऊ रोज अह्ह्ह्ह्ह तू नहीं जानती मै तेरे उन भड़कीले चूतड़ों का कितना दीवाना हु अह्ह्ह्ह फरीदा दिखा दे ना ( अब्बू की फैंटेसी के बारे में सोच कर ही लंड झटके खाने लगा और मै भी उस कमरे के बारे में कल्पनाएं करने लगा कि कितना कामुक माहौल होगा जब उस कमरे अम्मी को नंगी को उनके ऊपर मै अपने रस से उनको नहाऊंगा ओह्ह्ह्ह सोच कर लंड अकड़ गया )
: छीइइइ शानू के अब्बू आप बहुत गंदे हो ( अम्मी ने अब्बू की बातों को नकारा )
: अब तू जो समझे मै तो शादी के पहले ही तेरे नायब हिलते चूतड़ों का दीवाना हु और अब तो पल की दूरी सही नहीं जाती , बिना देखे नींद तक नहीं आती ओह्ह्ह्ह देख तेरे कसे मोटे मोटे चूतड़ के बारे में सोच कर मेरा लंड एकदम अकड़ गया है
: बस करिए शानू के अब्बू , अब सो जाइए बहुत हो गई आपकी दीवानी बातें , सब्बा खैर हम्ममम ( अम्मी ने अब्बू की बातें को इगनोर करती हुई बोली)
: अरे जान सुनो तो ( अब्बू बोलते रहे लेकिन अम्मी ने काल काट दिया )


कुछ देर तक चुप्पी रही और बीच बीच में अब्बू का काल आता तो अम्मी फोन काट देती ।
: अम्मी !!
: हम्म्म बोल ?
: भेज दो न तस्वीरें उनको आप , मै ऊपर जा रहा हूं
: नहीं , तू ऊपर नहीं जायेगा मै समझ रही हुं तेरी चालाकी, यही सो जा चुपचाप ( अम्मी ने डांट लगाई मुझे )
: अम्मी पक्का मै बाहर नहीं रहूंगा , अब्बू परेशान हो रहे है ( मैने उन्हें समझाया

: होने दे तेरे अब्बू को परेशान , तू क्यों हो रहा है परेशान चुप चाप सो जा
: अम्मी सॉरी , मुझे लगता है कि शायद आप मेरी वजह से अब्बू से बात नहीं कर रही है ( मै मासूम होकर बोला )
: ऐसा नहीं है बेटा , सच में इन दिनों उनकी आदत बिगड़ गई है
: अच्छा ठीक है , अभी फिलहाल एक फोटो भेज दो बाद में आए तो उनकी क्लास ले लेना आप हीहीहीही कबसे फोन पर फोन कर रहे है वो ।
: तू न तेरे अब्बू की ही साइड लेगा , कमीना कही का ( अम्मी खीझी और बत्ती जला दी )
: हीहीहीही ओके मै बाहर हु
: नहीं रुक और पीछे से मेरी फोटो निकाल दे ( अम्मी थोड़ा ठहर कर बोली )
: क्या मै ? अम्मी मै कैसे , अब्बू को क्या कहोगी कि कैसे निकाला तो ? ( सवाल मेरे जायज थे , मगर शायद एक औरत मर्दों से बेहतर उन्हें समझती है )
: तू उसकी फिक्र न कर , तेरे अब्बू को मै समझा लूंगी ( अम्मी खड़ी होकर सलवार के नाडे खोलने लगी )

अम्मी की इस हरकत से मै भीतर से कांपने लगा , लंड एकदम रॉड जैसा मोटा हो गया और सुपाड़ा पूरी तरह से लाल होकर फूलने लगा ,


Gcl-KKP8b-YAACC5x
अम्मी ने अपना सूट ऊपर कर सलवार नीचे की , एक बार फिर अम्मी की बड़ी गाड़ मेरे आगे थी, पूरी गोल मटोल शेप और कसे कसे चिपके हुए चूतड़ , देखते ही गले से लार गटकने की नौबत आ है
सांसे पूरी उफान पर थी , अभी कल की बात थी कि अम्मी ने अपने सलवार मुझसे खुलवाए थे और आज अम्मी खुद मेरे आगे सलवार खोल कर मुझे ही तस्वीरें निकालने को कह रही थी ।
रहा नहीं जा रहा था ,लग रहा था पूरे बदन का खून मेरे लंड के इर्द गिर्द दौड़ रहा था
अजीब सी हड़बड़ाहट मची थी भीतर , सास उफना रही थी , लंड लोवर में ही पंप हो रहा था और सुपाड़े की गांठ पर जो कुलबुलाहट हो रही थी , मैने मुठ्ठी में भर कर मिजा तो लगा भलभला कर उगल ही देगा सब कुछ

एक तो अब्बू की गरम गर्म बातें उसपे से अम्मी की मोटी नंगी गाड़ ,
पिछले आधे घंटे से लंड अकड़ा हुआ था तो ये हाल जायज था ।

: बेटा अच्छी तो आ रही है न ( अम्मी ने गाड़ बाहर की ओर निकालकर कहा )
: जी ? जी अम्मी वो सूट ...( चूतड़ की ओर से सूट का किनारा अम्मी के कूल्हे ढके हुए था )
: रुक इसको निकाल देती हु (और अम्मी ने खड़े होकर अपने जिस्म से सूट निकाल दिया )
लंड की हालत और खराब , डर से मै मेरे सुपाड़े को हाथ नहीं लगाना चाह रहा था कब लावा फूट जाए , आड़ एकदम से भरे भरे महसूस हो रहे थे , नसे एकदम तनी हुई टपक रही थी अंदर से , पेडू में जोर पड़ रहा था


Gb-UD0-U1ak-AA6s5e
अम्मी अब ब्रा में मेरे आगे खड़ी थी और नीचे से पूरी नंगी
आंखे फाड़ कर अम्मी की बेशर्मी मै निहार रहा था
: शानू !!
: जी अम्मी ( मेरी सांसे चढ़ने लगी थी , आंखो में नशा सा हो रहा था )
: निकाल न , देख क्या रहा है ( अम्मी ने मुस्कुरा कर कहा )
: जी वो ... ( मै अटक रहा था , अपने भीतर की कामवासना को खुल कर अम्मी से जाहिर करने में )
: ऊपर हो जाऊ ( अम्मी ने पूछा )
: हम्म्म ( क्या बोलता एकदम बदहवासी छाई थी मन में दिमाग काम करना बंद हो गया था )
मेरी अम्मी जिनके हसीन और गदराई हुस्न को कभी सपनो में तो कभी छिप कर देखा करता था आज अम्मी खुद ही दीदार करवा रही थी और तस्वीरें भी मुझसे ही निकलवा रही थी ।
अगले ही पल अम्मी घुटने के बल चढ़ती हुई बिस्तर पर आ गई


GVj4hgkbg-AQ3jv5
अम्मी के बड़े बड़े मटके जैसे चूतड़ मेरे आगे थे , मोटी मोटी जांघें और उनके बीच कही झांकती झांटों की झाड़ियां

: अह्ह्ह्ह सीईईईईई अम्मीईइ ( रहा नहीं गया मै सिसक पड़ा )
: क्या हुआ
: अम्मी पेशाब लगी है करके आऊ ( मै अपना सुपाड़ा मुट्ठी में घिसते हुए कहा )
: बस एक फोटो निकाल दे तब जा ( अम्मी उसी हालत में झुके हुए बोली)
: अम्मी समझो जोर की लगी ( मै अपना लंड सहलाते हुआ बोला )
: बस एक और बेटा , मेरा राजा बेटा न फिर से मै ये सब नहीं कर पाऊंगी प्लीज बेटा
(और अगले ही पल अम्मी आगे पूरी झुक गई )
उनके दोनो पहाड़ जैसे चूतड़ हवा में साथ ही पिछे से अम्मी की चूत के फांके भी साफ साफ बिजिबल
अम्मी ने दोनों हाथ पीछे ले जाकर दोनों चूतड़ों को पकड़ कर फाड़ने लगी
: बेटा बस ये वाला निकाल दे ( अम्मी अपने गाड़ फैलाते हुए बोली )


GW-Duj-b-YAAkeuk
मेरी आंखे सन्न रह गई और मेरे सबर का फब्बारा अम्मी के कसे हुए गाड़ के सुराख और फटे हुए भोसड़े को देख कर फूट पड़ा
: अह्ह्ह्ह अम्मीआईईईई अह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् कितनी सेक्सीईई हो आप उम्ममाअह ( मै लोवर में ही झड़ने लगा मेरा सुपाड़ा सारा का सारा माल बाहर उगलने लगा )


GIF-20250113-194412-737
मै हर झटके के साथ मै हवा में उड़ता रहा बंद किए आंखो के अम्मी के पहाड़ जैसे गाड़ की छवि को बसाए
और फिर ऐसा सुस्त पड़ा कि कुछ पल तक मुझे होश ही नहीं रहा ।
अम्मी की गालियां और गुस्से भरी बकबक कानो में आ रही थी , वो मुझे पकड़ कर हिला रही थी , मगर मै तो अपने ख्यालों में कही खोया हुआ था मानो जन्नत की सैर कर रहा था , मेरी अम्मी के नंगे जिस्म पर पारियों जैसे पर उग आए थे और वो नंगी ही मेरे आगे नाच रही थी खुले आसमान में और मै उन्हें निहार रहा था बस निहार रहा था ।

*********************************

रात के 11 बजने को हो रहे थे
अलीना से बातें करके मै सोने जा रहा था कि शबनम का मैसेज आया

: kaha ho , ghar waps aa gaye ??

उसका मैसेज देखकर मैने उसको फोन मिला दिया

फोन पर ....
: हाय
: कहा हो ( वो बोली )
: यहीं हु यार इतनी रात में जाने नहीं दिया मैम ने ( मै थोड़ा खीझ कर बोला )
: जाने नहीं दिया या तुम्हारा ही मन नहीं था जाने का हूह ( वो तुनक कर बोली , जैसे मेरी प्रेमिका हो )
: अरे यार मैम है ऐसा नहीं सोचते उनके बारे में ( मैने थोड़ा सा छेड़ा फिर से उसे )
: अच्छा , तो क्या मेरे बारे ने सोचने का लाइसेंस बनवाए हो ( वो थोड़ी खीझ कर बोली )
: यार तुम्हे सोच कर ही नीचे पंप होने लगता है अह्ह्ह्ह दिखा दो न ( मै सिहर कर बोला )
: धत्त गंदा , जाओ मैम का देखो हूह ( वो इतराई )
मैने झट से मोबाईल से अपने खड़े लंड को हिलाते हुए सेल्फी निकाली और उसको भेज दिया बातें करते हुए ही
: सच में झूठ नहीं कर रहा , देखो भेजा हु कुछ


GHqgdf-Ia-AAAJ1q
: छीइईईई गंदा, तुम नंगे हो क्या कमरे में ( वो तस्वीर देखकर भिनक कर बोली )
: यार मैम के नाइटी में गाड़ मटका मटका कर हालत खराब कर दी है , वो तो तरसा रही है तुम तो ना तसराओ न शबनम प्लीज भेजो न लेगी उतार कर
: ऊहू , शानू प्लीज ऐसी बाते मत करो उम्मम्म ( वो सिहर उठी )
: अह्ह्ह्ह्ह बस एक वीडियो लेगी उतार कर प्लीज , बस एकबार मान जाओ न । नहीं तो सारी रात मुझे नीद नहीं आएगी
: तुम बहुत गंदे हो शानू ( वो थोड़ा थोड़ा रास्ते पर आ रही थी
: प्लीज न शबनम बस एक बार अह्ह्ह्ह्ह शब्बू उम्मम्म
: उम्मम्म शानू नहीं मुझसे नहीं हो पाएगा ( उसकी चढ़ती सांसे मै महसूस कर रहा था )
: प्लीज न प्लीज
: ओके, बस एक ही
: हम्म्म जल्दी
फोन कट गया और मै वेट करने लगा

4 मिनट बाद एक वीडियो आई पूरे डेढ़ मिनट की
वीडियो देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगा
शबनम ने लेगी उतार कर सुबह वाली कुर्ती में थी और उसकी नरम नरम चूतड़ पर ब्लैक लेस वाली पैंटी थी एकदम चुस्त और टाइट वो कैमरे के आगे अपने गाड़ घुमा घुमा कर दिखा रही थी और सिसक कर थी


GIF-20250113-192956-054
: यू वांट इट बेबी उम्मम ( वीडियो में शबनम के अल्फ़ाज़ जब वो अपने चूतड़ पर पंजे जड़ रही थी )
ओह्ह्ह यस्स बेबी आई वांट इट ( शबनम की भेजी हुई वीडियो देखकर मै लंड हिलाते हुए बोला और देखते ही देखते शबनम ने वीडियो में कुर्ती भी निकाल दी )


GIF-20250113-193139-053
मैचिंग ब्लैक लेस वाली ब्रा पैंटी में उसका जिस्म एकदम कसा कसा और भरा भरा था , उसके नारंगी जैसे चूचे खूब चुस्त और टाइट नजर आ रहे थे और पतली कमर देख कर लंड सलामी दिए जा रहा था ।
वीडियो खत्म होने को थी कि फिर से शबनम का काल आने लगा

फोन पर ...
: कर लिए न मन की , अब खुश ( वो इठलाई )
: अह्ह्ह्ह शब्बू शब्बू उम्मम क्या पटाखा हो तुम यार उम्मम लंड बैठ ही नहीं रहा है सीईईईई अह्ह्ह्ह क्या करूं इसका आजाओ न ( मै कामवासना में लिप्त होकर उससे बोला )
: शानू तुम भी मुझे बेचैन कर देते और तुम्हारा वो ... अह्ह्ह्ह मुझे भी मिलना है तुमसे
: आजाओ न मेरे पास कल रूम पर मेरे ओह्ह्ह्ह ( मै अपना लंड मसल कर बोला )
: नहीं नहीं उधर तो मामू ड्यूटी के लिए जाते है कही और मिले ( शबनम ने चहकपने में कहा और मै समझ गया कि जरूर वो अपना अड्डा बताएगी इससे पहले मै ही अपना दाव चल दू)
: मेरा रूम बहुत ही सेफ है शब्बू , तुम बुरखा डाल लेना न ( मैने उसे सजेस्ट किया )
: अरे बुरखे में निकलऊंगी तो घर पर लोग सवाल करेंगे ( वो परेशान होकर बोली जैसे कितने जवाब तैयार हो उसके पास मगर मैने भी अपना इरादा तय कर रखा था )
: ओहो यार बुर्का बैग में रख लेना और किसी रेस्तरां में चल कर पहन लेना , देखो अब कोई बहाना नहीं, प्लीज मान जाओ न
: तुम यार ( शबनम उलझी हुई थी )
: प्लीज यार भरोसा तो रखो , अब और नहीं रहा जायेगा मुझसे
: ठीक है , लेकिन कहा मिलेंगे हम लोग ।
: जहां तुम्हे कंफर्टेबल लगे ( मैने उसे रिलैक्स किया ताकि उसे शक न हो )

: उम्मम तो फैंटम रेस्तरां में मिले ( शबनम ने तपाक से जवाब दिया )
: वहां ? वहां तो ड्रिंक वगैरह भी होती है न , रिस्की नहीं है ( मैने थोड़ा बात को गंभीरता से लिया क्योंकि मैं जानता था फैंटम रेस्तरां के बारे में , कई बार सिराज के साथ जा चुका था और आहूजा का भी फेवरेट बार उसी में था । वहां के रेस्तरां में जमकर अय्याशी डांस क्लब और खाना पीना होता था । मगर शबनम जैसी लड़की जो समाज की नजरो ने इतनी सीधी और सरल है उसका वहां से नाता होना ताज्जुब की बात थी )
: अरे ड्रिंक होता है इसलिए तो उधर जाना है क्योंकि वो रेस्तरां मेरे मामू को बिल्कुल पसंद नहीं तो वहां कोई डर नहीं है इसीलिए ( वो खुश होकर बोली )
: ओह्ह्ह्ह फिर ठीक है ( मैने उसकी बातों पर सहमति दिखाई क्योंकि उसकी सभी बातें काटना मुनासिब भी नहीं था )
उसके बाद फिर हम दोनो थोड़ी बातें करके सो गए


********************************

अगली सुबह मेरी आंख खुली अजीब सी सुस्ती थी बदन में अड़ाई ली तो लंड एकदम फ़नफ़नाया हुआ , पता चला जिस्म पर एक कपड़ा भी नहीं ।
चौक कर बगल में देखा तो अम्मी बेसुध सोई हुई थी नंगी
अम्मी ने अपना बदन भी नहीं ढक रखा था , उनके बड़े बड़े रसीले मम्में चोंच उठाए मुझे ही देख रहे थे ।


IMG-20250111-WA0019

नजर पड़ते ही होठ रसाने लगे मेरे और लंड पूरा लोहे के जैसे

नीचे देख तो एक पैंटी जो अम्मी के चूतड़ों के कही खो गई थी बस कमर के पास ही नजर आ रही थी और उनकी विशाल गोरी गाड़ देखकर सिहर उठा मै
रात की यादें ताजा हो गई थी
उलझन भी थी कि रात में अम्मी की तस्वीरें निकालने के बाद मै एकदम से झड़ने लगा था और फिर पता नहीं क्या हुआ मुझे एकदम से याद नहीं था ।

घड़ी देखा तो अभी 5 बजने में भी समय था ।

रह रह कर अम्मी का नंगा कामुक बदन मुझे कामोत्तेजित किए जा रहा था , मगर हैरान करने वाली बात थी कि अम्मी ने क्या रात में मेरे कपड़े उतारे तो क्या अम्मी ने मेरे लंड को साफ भी किया होगा
कैसे हाथों से है फिर अपने होठों से
सोच कर ही लंड फौलादी हुआ जा रहा था
मैं हौले से बिस्तर से उतरा और अपना अंडर बाथरूम से लेकर आया
लंड अभी भी कड़क था , अम्मी के गुलगुले चूतड़ मुझे ललचा रहे थे , भोर की बेला में हार्मोन पिक पर थे रहा नहीं गया मुझसे और मै अम्मी के पास पहुंचा
उनके नंगे मखमली बदन पर हाथ फिराने लगा , और फिर कूल्हे छुते हुए लंड सहलाने लगा ।


GIF-20250113-190900-244
: उह्ह्ह्ह अम्मीईइ अह्ह्ह्ह्ह कितनी मुलायम गाड़ है आपकी , उम्मम कितनी मोटी और सेक्सी है अह्ह्ह्ह जी कर रहा है पेल दु आपको उम्मम्म अमीजीईई
रह रह कर आंखे बंद कर अम्मी के मुलायम विशाल चूतड़ को महसूस कर अम्मी की रात की बातें याद कर रहा था
कैसे अम्मी धीरे धीरे खुद को मेरे आगे नंगी किए जा रही और कैसे धीरे धीरे अम्मी का पिछवाड़ा बढ़ता जा रहा था
अम्मी की मोटी मोटी जांघें और उनसे झांकती चूत के बार में ख्याल आते ही मेरे तन बदन में सनसनी फैल गई मै जोरो से अपना लंड भींचने लगा
: अह्ह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह मेरी सेक्सी अम्मीईई आह्ह्ह्ह खोलो न रात के जैसे अपनी गाड़ उठाओ न ओह्ह्ह फैला दो हा हा यस्स अम्मीईई हा अम्मीईई खोल दो ( मेरी कल्पनाओं में अम्मी की वो छवियां चल रही थी जब अम्मी बिस्तर पर झुक कर अपने पहाड़ जैसे चूतड़ फैला रही थी )

: ओह्ह्ह्ह गॉड अमीजीईईई अह्ह्ह्ह फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह अम्मीीईईई अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह फक्क्क् उह्ह्ह्ह उम्मम्म


big-ass-001-31
मै चिंघाड़ते हुए जोरो से लंड हिलाने और एक बार फिर मेरे सबर का फब्बारा फूटा और एक के बाद एक पिचकारिया अम्मी के बड़े भड़कीले चूतड पर जाती रही जाती रही
जबतक मै झड़ कर शांत नहीं हो गया

: शानू , कुत्ते ये क्या किया ( अम्मी जोर से गरजी )


जारी रहेगी
Bhai Mera bhi nikal gaya pant main ahhhh ummm😂
 
  • Love
Reactions: DREAMBOY40
Top