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कहानी का नया अपडेट 33
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Bahut hi lajawaab jabrdast updateUPDATE 028
सॉरी अम्मी
उफ्फफ अलीना के विजिबल ब्रा पैंटी में उसके रसीले मम्में और चूत के फांके देखते ही मै पागल हो उठा और फौरन वीडियो काल कर दिया
: ऊहू देखो तो मेरे बावरे साजन को फट से वीडियो काल उम्मम ( अलीना ने छेड़ा मुझे )
मै मुस्कुराया मगर तभी मेरी नगर उसके सूट पर गई और मेरा चेहरा उतर गया ये सोच कर कि उसने कपड़े पहन रखे है ।
: चेंज क्यों किया ? ( मै उखड़ कर बोला )
: अरे मैं तो ट्राई कर रही थी साइज वाइज ठीक है न तो सोचा तुम्हे भी दिखा दु ( अलीना मुस्कुराई )
: सिर्फ़ दिखाती भर हो चिखाती जरा भी नहीं हूह ( मै भी भूनका)
: हीही आव मेरा बेटा , दूदू चाहिए मेरे बेबी को
मैने बच्चों जैसी शकल बना कर वीडियो कॉल पर हा में सर हिलाया और सामने से अलीना ने अपना सूट उठाया
उफ्फ लाल ब्रा में कैद उसके गुलाबी चूचे देख कर ही लंड अकड़ गया और ब्रा में उसके उभरे हुए कड़क निप्पल को देखते ही मै झुक कर अपने मोबाइल स्क्रीन दिख रही उसकी गुदाज रसीली छातियां चूमने लगा ।
: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई कुछ कुछ हो रहा है जान उम्मम अह्ह्ह्ह्ह प्लीज आजाओ न ( अलीना सिसकी )
: मै नहीं तुम आने की तैयारी करो हिहीही ( मैने उलझाया उसे )
: मतलब ?
: अम्मी आ रही है मेरे पास रहने ( मै खुश होकर बोला )
: क्या सच में ? कब ? ( अलीना खुशी से उछल ही पड़ी )
: संडे बाद कभी भी ...
: वाव लेकिन कैसे ? वो तो नाराज थी न ? ( अलीना ने सवाल किया )
: हा थी मगर अब सब ठीक है ( मै मुस्कुरा कर बोला ) और पता है इतने साल बाद नानी से भी बात हुई ।
: ओहो सही है लेकिन एक बात पूछूं ( अलीना थोड़ा सोच कर बोली )
: हा बोलो न
: तुमने बताया नहीं कि उस रोज ऐसा क्या हुआ था कि तुम घर से गुस्से में चले आए थे । कुछ ज्यादा बात हो गई थी क्या ? ( अलीना ने सवाल किया)
अलीना के सवाल ने मुझे बेजुबान कर दिया था रह रह कर उस शाम की वो बहस जहन में लहरों के जैसे उठ रही थी और मै उन्हें झटकता और वो फिर वापस लौट आती ।
: क्या हुआ जान ( अलीना ने कहा)
: अह कुछ नहीं , छोड़ो न ( मै थोड़ा सा खीझ कर बोला )
: तुम आज भी उस दिन को लेकर परेशान हो न ( अलीना थोड़ा रुक कर बोली )
: हम्म्म थोड़ा बहुत ( मै उखड़े हुए मन से बोला )
: क्या इतना मुश्किल है मुझसे शेयर करना ? ( अलीना ने सवाल किया और उसके सवाल ने मुझे ऐसे कटघरे में खड़ा कर दिया था कि अगर मै उसे ना कह दूं तो कही वो ऐसा न सोच ले कि उसका मुझ पर जरा भी हक नहीं है । )
: जान मैने तुम्हे अपने आप से जुड़ा वो पहलू बताया है जो मै कभी अपनी अम्मी से भी नहीं कह पाया मगर अब जब उस रोज की बात सोचता हूं तो डरता हूं कि कही तुम मेरी अम्मी को गलत न समझ बैठो । ( मै उदास होकर बोला )
: एक बात कहूं बेबी ( अलीना ने बड़े प्यार से मुझे कहा )
: हम्मम बोलो न
: जिस दिन से तुमने मुझे अपनाया था न उस दिन से ही मैने अपना सब कुछ तुम्हे सौंप दिया था यहां तक कि मुझे मेरे नजरो से इस दुनिया को देखना भी नहीं पसंद अब , मै तो तुम्हारी आंखों से ये खूबसूरत दुनिया देखना चाहती हूं, तुम्हारे सुनाए सुनना चाहती हूं जैसे तुम जीते हो वैसे जीना चाहती हूं और तुम्हारी सांसों में अपनी सास जोड़ कर खुद को भी तुम्हे सौंप देना चाहती हूं हर तरह से । ( अलीना के कहे एक एक अल्फ़ाज़ ने मै अन्दर से पिघलता गया )
: और एक बात कहूं
: हा कहो न जान ( कितना प्यारा लग रहा था उसे सुनना )
: मुझे तुम्हारे साथ तुम्हारा हाथ पकड़ कर तुम्हारी sexy फैंटेसी दुनिया की सीढ़िया उतरना चाहती हूं । क्योंकि मुझे पता है तुम बहुत नॉटी हो हिहीही ( अलीना के मीठे जादूई शब्द ने मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट और लंड में अकड़न पैदा कर दी )
: उम्मम सच्ची में क्या ? जानती हो न कितना गंदा बच्चा हू मै ( मै मुस्कुरा कर अंगड़ाई लेता हुआ बोला )
: जैसे भी हो मेरे हो न , आई लव यू जान
: आई लव यू सो मच बेबी उम्मम्मआह ( मैने मोबाईल स्क्रीन पर उसको किस किया बदले ने वो भी अपने लिप्स कैमरे के पास लाकर किस कर दी मुझे )
अलीना से बातें करके आज जितना गर्व मुझे कभी भी नहीं हुआ था , शायद ये मेरे जीवन के लिए हुए फैसलों में सबसे उचित फैसला था जब मैने अपने जीवनसाथी के लिए उसे चुना ।
बहुत खास फर्क नहीं था उसमें और अम्मी में , थोड़ी सी शरारत या चतुराई करना दोनो मुझे पकड़ लेती थी । मगर अम्मी की बात ही और थी , उनसे जुड़ी बाते सोच कर ही बदन में अजीब सी हड़बड़ाहट होने लगती थी । मगर आज अलीना ने मेरा वो विश्वास हासिल कर लिया था जो शायद मै अपनी अम्मी पर भी नहीं दिखा पाता।
: अरे कहा खो गए ( वीडियो काल पर अलीना बोली )
: कही नहीं बस सोच रहा हु कि कहा से बताऊं तो तुम समझ पाओ सारी बातें , मेरा अतीत बहुत उलझा हुआ है । चीजे बहुत उलट पलट है ( मै हल्का होकर बोला )
: उलझा हुआ नहीं मिस्ट्री थ्रिलर बोलो हाहा ( अलीना खिलखिलाई )
: हा और क्या अम्मी के नए अफेयर के बारे में पता लगा पाना किसी सस्पेंस मूवी से कम थोड़ी न था ( मै अलीना से बोला )
: लेकिन तुमने पता कैसे लगाया कि उस रोज अम्मी जिस गाड़ी से आई वो उनके नए साथी की थी । ( अलीना ने बड़ी उत्सुकता से बोली )
: आसान नहीं था नानी के जाने के बाद अम्मी के साथ रहना । वो पहले से ज्यादा चिड़चिड़ी और नाराज रह रही थी । कभी कभी तो अब्बू से भी उनकी बहस हो जाती थी मगर ना जाने कैसे अब्बू उनको बहला ले जाते और फिर अम्मी सेक्सुअली हो जाती । पर अब जब सोचता हूं तो शायद लगता कि जैसे तुम्हे पसंद है मेरे नजरिए से जीना शायद अम्मी को भी अब्बू के वासना और सेक्स के नजरिए की दीवानगी हो गई थी । तभी तो वो दिन ब दिन और भी ज्यादा कामुक हुई जा रही थी ।
: क्या सच में ? वैसे सासू मां से मिलना तो पड़ेगा ही मै भी देखूं ऐसा क्या है उनमें जो मेरे हीरो को इतने साल से अपना दीवाना बना रखा है हिहीही ( अलीना हस कर बोली )
: उफ्फ यार क्या ही बताऊं , जब कभी भी मुझे अम्मी के किसी हरकत पर नाराजगी होती वो मुझे अपने अगले कामुक अवतार से चौंका देती थी और मै सब कुछ भूल कर उनको देखने के लिए उनकी और अब्बू की बाते सुनने के लिए पागल हो जाता था ।
: हीही ऐसा क्या ? ( अलीना चहक कर बोली )
: हा और फिर वो जब अम्मी ने झूठ बोला था कि वे बस से आई थीं। मुझे तो बहुत नाराजगी थी उस टाइम । थोड़ा खुद पर भी गुस्सा था कि मेरी नादानी की वजह से नानी भी मुझसे अलग हो गई मगर अम्मी से मै खासा नाराज था उस टाइम क्योंकि उन्होंने नानी को साफ साफ मुझसे मिलने और बात करने के लिए मना कर दिया था ।
सारा दिन मै खुद को कमरे में बंद रखता था , बस जब खाना पीना होता तभी बाहर आता और वापस कमरे में । 2 दिन ऐसे ही बीत गए थे । अम्मी भी आश्वत हो गई थी कि मै सुधर रहा हूं और शायद कहीं न कही उन्हें लगने लगा था कि नानी को मुझसे अलग करना उनका सही फैसला था ।
मै बोर हो गया था 2 दिन में और मेरे साथ मेरे भीतर की चंचल वासना भी , मगर अंदर के अहम ने मुझे सख्त लौंडा बना रखा था लेकिन लालची मन चाहता था कि थोड़ी नरमी बरत कर अम्मी से बातें शुरू करूं उनके कमरे में फिर से ताक झांक शुरू करूं । शायद ईगो ने ये लड़ाई बाहर से जीत ली थी मगर असल लड़ाई को मेरे लालची कामुक मन ने ही जीता था । अम्मी के वापस आने से पहले ही मैने अब्बू के लेपटॉप से कुछ तस्वीरें वीडियो अपने एक गुप्त मेल ड्राइव में सेव कर रखी थी । मेरा लालची मन बार बार उसी ओर इशारा करता मगर भरे इगो में मै अम्मी से मोबाइल मांगने से रहा ।
दुपहर में 11 बज रहे थे और मै एक फाइल लेकर नीचे आया जिसमें कुछ डॉक्यूमेंट थे मेरे ।
: कहा जा रहा है शानू ( अम्मी ने हाल में सवाल किया था , वो सब्जियां काट रही थी दुपहर के खाने के लिए लेकिन कान में उनके एक ईयर फोन लगा था वायर वाला जो मोबाइल से जुड़ा था । शायद किसी से बात कर रही थी वो )
: जी वो एक फॉर्म आया **** पोस्ट के लिए वही जा रहा हूं ( मै थोड़ा टाइट होकर बोला )
: पैसे है? ( अम्मी ने भी घुड़क कर जवाब दिया , पसंद नहीं आया मुझे )
: हा है । नानी ने दिए थे 1000 ( मैने भी जानबूझ कर नानी को शामिल किया ताकि उनको भी तकलीफ हो उनका भी कलेजा जले )
: जल्दी आना इधर उधर मत जाना ( मै निकल रहा था वहा से कि पीछे से अम्मी ने आवाज दी मगर मै बिना बोले ही बाहर आ गया )
थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा था अम्मी से भीड़ कर मगर इतना भी नहीं कि जश्न मनाया जाए । मै घर से निकल कर सीधा एक साइबर कैफे गया । मै यहाँ कई बार आया था 9वी से लेकर ग्रेजुएशन तक स्कॉलरशिप से लेकर हर तक के आवेदन यही से होते थे खोवामंडी में । कैफे के मालिक का लड़का नदीम मेरा ही क्लास मेट था तो उसके यहां मुझे बहुत रियायत मिलती थी । कभी कभी कैफे के केबिन वाले सिस्टम पर बैठ कर भी मैने अपने काम किए थे । आज भी आने के बाद मै नदीम से मिल और मै उसको चेयर से उठा कर बगल में किया
: अबे हट ने साले ( मैने उसे कुर्सी से हटाया )
: क्या करना है बोल न , अब्बू देखते है तो गुस्सा करते है ( नदीम भुनभुनाया )
: अबे तेरा बाप तो मै ही हु दूसरा कहा से पैदा हो गया ? हूं ? ( मैने उसकी पहिए वाली आराम दायक कुर्सी पर बैठता हुआ बोला तो वो मेरे गर्दन की पीछे से दबोचने लगा )
: अबे मर जाऊंगा बे छोड़ ( मै क्रोम पर अपना मेल लोग इन करने लगा ) .. समोसा मगा दे भाई
: भोसड़ी के सुबह हड्डी नहीं मिली क्या जो यहां आ गया ( वो भी गरियाते हुए बोला और चला गया )
मै झट से अपना मेल खोलकर कुछ फोटो सेलेक्ट किए और प्रिंटर में पेपर लगाया , चीजे उतनी आसान थी नहीं मगर इतना पता था कि कैसे निकालना है फोटो । न कुछ एडिट किया और न कुछ सेटिंग डायरेक्ट प्रिंट मार दिया । कच्च फच कच्च फच होने लगा और देखते ही देखते एक ही पेज पर पासपोर्ट साइज से थोड़े से बड़े आकार ने वो तस्वीरें प्रिंट होकर आई
: सत्यानाश बहीनचोद ( तस्वीरें देख कर मै बड़बड़ाया ) इससे पहले कि मै दुबारा से पेज लगाकर प्रिंट मारता मुझे सड़क उस पार से नदीम एक काली पन्नी हाथ में झुलाता हुआ दिखा । मैने झट से वो प्रिंट हुआ पेज पूरा का पूरा बिना काट पिट किए फोन में छिपा दिया और सिस्टम से अपना डाटा हटाने लगा ।
: साले BP देख रहा था क्या ( वो मुझे हड़बड़ाया देख कर बोला )
: है क्या इसमें ? ( मैने भी उसको छेड़ा )
: भक्क भोसड़ी के अब्बू ने देख लिया तो फाड़ देंगे मेरी ( वो घबरा कर बोला ) ले ठूस
फिर मै उसके साथ बैठ कर समोसा खाया और एक फॉर्म अप्लाई करके निकल गया घर के लिए।
घर आकर मैने हाल ने एक तरफ रखी हुई सिलाई मशीन से कैंची उठाई और चुपचाप ऊपर निकल गया । हालांकि अम्मी ने किचन से मुझे ऐसा करते देखा जरूर मगर कुछ बोली नहीं और मुझे डर भी नहीं था ।
मै मेरे कमरे में आया और दरवाजा लगा कर बिस्तर पर आया । झट से फाइल खोलकर वो प्रिंट पेज निकाला उफ्फ अम्मी की कातिल अदाएं और उनके नंगे जिस्म की तस्वीरें देख मै पागल हो उठा । मैने बड़े आराम से तस्वीरें काट कर अलग की
कुछ पल मै जिस चीज के लिए परेशान था कि मेरी नासमझी की वजह से मै सही साइज के फोटो प्रिंट नहीं कर पाया अब वो मेरे लिए लकी साबित हो रही थी । क्योंकि अम्मी के इस साइज की तस्वीरें तो मै अब पर्स में रख कर भी घूम सकता था ।
मै अम्मी की तस्वीरें उनके बड़े भड़कीले चूचों को देखकर अपना लंड मसल रहा था कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई ।
: शानू खाना हो गया है , दरवाजा क्यों बंद किया है तूने ( अम्मी की आवाज आई और मेरी फट गई )
मै झट से वो फोटू फाइल में डाला और सारा कूड़ा करकट वैसे ही रख कर दरवाजा खोलकर बाहर आया
: क्या कर रहा था अंदर तू और कैची किस लिए लाया था ( अम्मी ने सवाल किया )
वो मैने फोटो निकलवाए है फॉर्म में लगाने के लिए तो वही काट रहा था , हो गया है ला रहा हूं ( मै भी हिम्मत करके बोला , मगर भीतर ही भीतर सहमा हुआ था । )
फिर अम्मी जवाब पाकर चुप होकर चली गई और मै कैची लेकर नीचे आया खाना खाने के लिए।
खाते हुए भी मै न अम्मी से बात कर रहा था और न ही उन्हें देख रहा था ।
: कब होगी परीक्षा इसकी ( अम्मी ने सवाल किया )
: किसकी ? ( मैने सरल होकर पूछा )
: अरे वही जो फार्म भरने गया था , कहा होगी परीक्षा और कब ( अम्मी चिढ़ कर बोली जैसे उन्हें पसंद नहीं आया हो दुबारा पूछना )
: दिल्ली में होगी सोच रहा हूं तैयारी के लिए भी वही जाऊं ( मैने अम्मी का मन टटोला )
: दिल्ली ? उतना दूर क्यों जाना यहां लखनऊ में भी तो .... (अम्मी एकदम से बोलते हुए चुप हो गई ... शायद उनके जहन में नानी की कही हुई बात उठ आई थी उस वक्त आंखे उनकी खाते हुए नम होने लगी और वो थाली लेकर किचन में चली गई )
मैने बहुत परवाह नहीं की और खाना खा कर ऊपर चला गया ।
एक लंबी नींद के बाद शाम को आंखे खुली तो देखा कमरे का दरवाजा भड़का हुआ है और मैने धीरे से फाइल से फोटो निकाले और उन्हें देखने लगा
: उफ्फ अम्मी अपने बूब्स उम्मम कितने सेक्सी है ( आप लंड बाहर निकाल कर उन्हें सहलाते हुए बड़बड़ाए जा रहा था )
सारी की सारी तस्वीरों में अम्मी के सेक्सी लुक और उनकी बड़ी बड़ी गाड़ को देख कर मै आंखे उलटता हुआ लंड हिला रहा था कि तभी मुझे अम्मी की आहट आई और इससे पहले ही वो कमरे में आती झट से मैने सारी तस्वीरें तकिए के नीचे छिपा दी और लेट कर बगल में रखी एक बुक को करवट होकर पढ़ने लगा ।
: शानू .. उठ जा बेटा शाम हो गई है ( अम्मी बड़ी मीठी होकर बोली )
एकदम से चौक गया मै कि इन्हें क्या हुआ जो ऐसे बदल गई
मै अपने पैर फैलाता हुआ अकड़ा और उठने लगा
अम्मी कमरे से मेरे गंदे कपड़े निकाल कर एक बाल्टी के रखने लगी ।
: उठ जा शाम हो गई बिस्तर पर नहीं सोते बेटा , चल नीचे आजा ( अम्मी मेरे कपड़े लेकर निकल गई और मै उठ कर ऊपर वाले बाथरूम में घुस गया)
कुछ देर बाद मै अपना लंड साफ कर बाहर आया कि आंखे फेल गई अम्मी तो वापस कमरे में आ गई थी और मेरे गंदे बेडशीट को खींच रही थी
मेरी तो एकदम फटी और मै समझ गया कि अब फिर एक थप्पड़ पड़ेगा ही क्योंकि तकिए के नीचे छिपा कर रखा हुआ उनका फोटो तो देख ही लेंगी ।
मै उनके पीछे था और
वो जैसे ही तकिया उठाई वो फोटोज वहां पड़ी मिली , उन्हें देखते ही अम्मी की आंखे बड़ी हो गई और वो फोटोज अपने हाथ में लेकर देख कर एकदम से चौक गई
मेरी किस्मत भी साली इतनी चुदी थी कि क्या ही कहता मै सहमा हुआ मै उनके पीछे से खड़ा होकर बस इतना ही बोला : सॉरी अम्मी !!!
जारी रहेगी