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Incest अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया

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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कहानी का नया अपडेट 33
पेज नं 138 पर पोस्ट कर दिया गया है
Kindly read & review
 
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DREAMBOY40

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College Basketball Dancing GIF by NCAA March Madness


Super Update ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏❤️❤️❤️💯💯💯💯💯💯 Awesome ❤️ keep going ❤️❤️
Thank you bro
 

DREAMBOY40

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धन्यवाद शानदार अपडेट देने के लिये
देर कर देते हो आने में
पर जब आते हो एक नया सस्पेंस बना जाते हो
अब अगला अपडेट जल्दी कर देना भाई धन्यवाद....🙏
Shukriya
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 029

नई सीख नया अहसास

मेरा कलेजा धकधक हो रहा था और हलक सूखने को हुआ जा रहा था । समझ नहीं आ रहा था आगे क्या होगा
अभी 2 मिनट पहले की बात थी कि अम्मी इतने प्यार से बोल रही थी और अब तो पक्का है फिर से मार पड़नी थी ।

: ये सब क्या है शानू ( अम्मी उलझन भरे भाव में बोली )
: जी ,जी वो सॉरी ( मै डरते हुए बोला )
अम्मी मुझे घूरे जा रही थी और मै हिम्मत कर उन्हें चोर नजरो से देखा तो जैसे ही उनकी नजरे मुझसे टकराई एक लकीर भर की मुस्कान उसके होठों पर आई और उन्होंने छिपा लिया ।
: तो इसलिए तांक झांक बंद कर दिया था तू , मुझे लगा कि तू सुधर गया है ( अम्मी वो फोटो हाथ में पकड़े हुए मुझे दिखाते हुए बोली ) मगर नवाब साहब ने तो नई तरकीब निकाल ली ।
: सॉरी अम्मी ( मै मुंह लटकाए बोला )
: कब निकाला इसे और कहा ? बोल बोलता क्यों नहीं ( अम्मी ने हड़काया )
: आ आज , आज ही निकाला है नदीम के यहां ( मै एकदम से घबराया ) अम्मी प्लीज मारना मत प्लीज
: क्या आज ही ( अम्मी चौक कर हंसी फिर अगले ही पल नॉर्मल हो गई )
शायद वो भी मेरी किस्मत पर हस रही थी कि एक ही दिन में पकड़ा गया मै
: तुझे शर्म नहीं आई , अपनी अम्मी की नंगी तस्वीरें उससे निकलवाते हुए ( अम्मी ने हड़काया फिर से ) हा शर्म क्यों आएगी उसी से सब सीखता है न ये सब ( अम्मी गुस्से में बोली )
: नहीं नहीं अम्मी , वो दुकान पर नहीं था मैने चुपके से निकाली है इसीलिए छोटी निकली ( मै सफाई देते हुए चुप हो गया जब मेरी नजरे उनकी नाराज आंखों से मिली तो )
: तो क्या अब तू मेरे पोस्टर चिपकाएगा कमरे में अपने ( अम्मी हड़काते हुए बोली ) बोल न
एक पल को अम्मी का इडिया पसंद आया कैसा होगा जब मेरे कमरे की दीवारें अम्मी ने नंगे पोस्टर से भरी होंगी और कई उन्हें देख कर हिलाऊंगा
: सॉरी न अम्मी
: सॉरी न अम्मी ( अम्मी ने मुंह बना कर मुझे डांटा और हाथ उठा कर मारने को हुई ) मारूंगी अभी कमीना कही का ।

मै मुंह बना कर चुप रहा , गनीमत थी कि मार नहीं पड़ी
: ये उठा सब और लेकर चल नीचे ( अम्मी का इशारा बेडशीट और दूसरे कपड़े पर था )
मै उन्हें समेटा और चुपचाप निकल आया नीचे
कुछ ही देर बाद अम्मी भी नीचे आ गई ।
सारे कपड़े बारी बारी से वाशिंग मशीन में मैने खुद लगाए और छत पर फैलाने भी गया ।
अम्मी रात के खाने की तैयारी करने लगी ।
वो तस्वीरें अभी भी अम्मी के पास थी , एक तो न मै अच्छे से हिला पाया और मेहनत भी डांड गई ।
अम्मी कान में इयरफोन लगा कर खाना बनाते हुए बातें कर रही थी
ये बदलाव अब्बू के पास से आने के बाद आया था । इससे पहले अम्मी कभी भी कान में इयरफोन नहीं लगाती थी ।
मै अपनी तैयारी वाली किताबें खोलकर हाल में बैठा हुआ था मगर मेरी नजरे अम्मी की ओर ही थी ।
बीच बीच वो भी मेरी ओर देख लेती थी ।

: हा देखती हु क्या करु मै इसका पागल कर देगा ये मुझे ( अम्मी धीरे से फोन पर फुसफुसाई मगर उनकी आवाज मुझ तक आ रही थी )
: ..............
: हा भेज दूंगी ( अम्मी बोली )
: ..............
: अब मार खाएगी कमीनी हीही ( अम्मी एकदम से खिलखिलाई )
उन्हें हंसता देख कर मेरा मन भी खुश हुआ चलो अम्मी में बदलाव हो रहा है । अब इसमें जैसे ही मेरे मन के डर कम हुए दबी हुई अधूरी हवस फिर से हावी होने लगी ।

अम्मी ने खाना बनाया और मुझे दे दिया और खुद अपना खाना लेकर कमरे में चली गई । उनकी नगमा मामी से आज की बात काफी लंबी चल रही थी ।
मै भी खाना खाया और हाथ धूल कर किचन से बाहर आया और अपने बुक लेकर छत पर जा रहा था कि अम्मी ने मुझे रोक

: कहा जा रहा है ( अम्मी एक कान से इयरफोन निकाल कर बोली )
: जी ऊपर जा रहा हु अम्मी कमरे में ( मै दब्बू सा होकर बोला )
: ऊपर बिस्तर नहीं लगा है आज यही सो जा ( अम्मी का इशारा उनके कमरे में था )
दिल खुश हो गया कितने दिनों बाद अम्मी के साथ वापस सोने को मिलेगा काश अम्मी फिर से नंगी होकर तस्वीरें निकलवाए और अब्बू को भेजे उफ्फ सोच कर ही लोवर में हरकत होने लगी ।
मै अपनी किताब लेकर अम्मी के कमरे में चला गया और कुछ देर बाद अम्मी किचन से निकली और हाल में सोफे पर रखे हुए धूल कर सूख चुके कपड़े लेकर कमरे में आई
उनका मोबाइल अभी भी चालू था , ना जाने क्या बाते हो रही थी या फिर आज शायद आज अब्बू बिजी थे कही नहीं तो अबतक अब्बू का फोन आ ही जाता था ।
मै बिस्तर में आकर किताबें खोलकर करवट लेकर लेट गया था
अम्मी कमरे में आई और आयरन टेबल पर कपड़े प्रेस करने की तैयारी करने लगी ।
वो ठीक मेरे आगे थी , जैसे ही नीचे बोर्ड में प्लग लगाने के लिए झुकी उफ्फ बड़ा चौड़ा कूल्हा फैल गया उम्मम देखते ही लंड बगावत पर आ गया


GIF-20250402-160941-208
मैने लपक कर चादर खींच ली कमर तक
अम्मी बाते करते हुए कपड़े प्रेस करने लगी । वो और नगमा मामी कही जाने की प्लानिंग कर रहे थे ।

: हा उसकी फिक्र मत कर मै गाड़ी के लिए कह दूंगी , तू मना मत कर देना समझी ( अम्मी मुझे एक नजर देख कर धीरे से बोली कही मै उन्हें सुन तो नहीं रहा )

मगर मेरी नजर उनके चूतड़ों में फंसी हुई नाइटी पर थी जिससे उनकी गाड़ के शेप बीजिबल थे , साफ था अम्मी नीचे से नंगी थी ।
मेरा लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था उसपे से अम्मी और नगमा मामी की प्लानिंग गाड़ी से कही जाने की । अम्मी ने बड़ी विश्वास के साथ कहा था कि वो गाड़ी के लिए बेफिकर है । मुझे शक हुआ कि कही वो गाड़ी वाला वही तो नहीं जो अम्मी को छोड़ने आया था ।
फिर ध्यान आया कि कही अम्मी नगमा मामी को अब्बू के पास तो नहीं लेकर जा रही है चुदवाने के लिए

ये ख्याल आते ही पूरे बदन में अकड़न होने लगी , लंड एकदम अकड़ गया और मैने उसे हौले से बाहर निकाला चादर के नीचे
मेरी कल्पनाएं एक बार फिर मुझे पागल करने लगी ये सोच कर कि क्या होगा जब अम्मी अब्बू और नगमा मामी थ्रीसम करेंगे । मेरे आंखों के आगे अम्मी की बड़ी सी गाड़ दिख रही थी
उफ्फ अम्मी की गाड़ इतनी बड़ी है अब्बू तो उन्हें अपने मुंह पर बिठा लेंगे और नगमा मामी कितनी sexy है वो अब्बू के लंड पर खूब उछलेंगी
अह्ह्ह्ह्ह मजा आ जाएगा अम्मी के बुर की गंध उम्मम अम्मी मेरे ऊपर बैठ जाओ न अह्ह्ह्ह्ह क्या मस्त गाड़ है इसको खूब चाटूंगा खूब चूसूंगा अह्ह्ह्ह सीईईईईई


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मै दबी हुई सिसकिया लेने लगा और चादर में लंड को हिलाने लगा
अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म अम्मीई अह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् ओह्ह्ह्ह अमीईई उम्मम
मै झड़ने लगा अपने ही ऊपर अपने पेट पर आगे मेरे अम्मी मेरी ओर अपनी गाड़ किए हुए कपड़े प्रेस करती रही ।


GIF-20250402-161311-668
मै आंखे उलटने लगा और जिस्म पूरा अकड़ने लगा जब मेरा लंड झटके खा कर वीर्य उगल रहा था
रैंडमली अम्मी घूमी और उन्होंने मुझे देखा । वो एकदम फिकर में चीख पड़ी क्योंकि उन्होंने मेरे चेहरे के भाव देखे थे मेरा लंड तो चादर में छिपा हुआ
: शानू क्या हुआ ( अम्मी चीखी ) फोन रख मै करती हूं अभी
अम्मी फोन बेड पर फेक कर मेरे पास आई और तबतक मेरा नशा मेरा सुरूर उतर चुका था । मेरी आँखें खुली।

अम्मी मेरे पास थी मैंने चादर से हाथ बाहर खींच लिए
अम्मी मेरे करीब बैठ कर : क्या हो रहा था तुझे तेरी आँखें उलटती देखी मैने
मै क्या बोलता मेरी हालत खराब हुई पड़ी थी , मेरे आंखों के सामने अम्मी के बड़े बड़े खरबूजे जैसे चूचे नाइटी में झूल रहे । बदन से आती मादक गंध से लंड फिर से हरकत करने लगा
मगर उससे पहले ही मेरी चोरी पकड़ी गई क्योंकि लंड की पिचकारी से चादर गीली होने लगी और अम्मी को समझते देर नहीं कही

उन्होंने झटके से मेरे कमर के ऊपर से चादर झटका और सफेद गाढ़े वीर्य में लसराया मेरा लंड पूरी ताकत से तन कर सीधा खड़ा हो गया । मेरे वीर्य मेरे पेडू और आड तक गए थे ।

: सॉरी अम्मी ( मै आगे कुछ बोलता कि एक जोर का तमाशा मेरे चेहरे पर पड़ा और फिर गर्दन कंधे कनपटी पर तीन चार पड़े )
: हरामजादा , जा यहां से और कभी भी मुझसे बात मत करना ( अम्मी गुस्से से आग बबूला होकर बोली )
मै डर गया और बिस्तर पूरा सिस्टम झन्नाया हुआ था उठ कर लोवर पकड़े हुए बाथरूम में चला गया ।

लंड हाथ मुंह धूल कर मै बाहर आया
तो अम्मी के सिसकने की आवाज आई
मेरा दिल पिघल गया और अम्मी की कही हुई बात याद आई कि "कभी मुझसे बात नहीं करना "
कजेला कांप उठा भीतर से , पहले नानी और अब अम्मी भी । अम्मी से दूरी मै बर्दाश्त नहीं कर सकता था ।

चोरों के जैसे मै हिम्मत करके अम्मी के कमरे के दरवाजे पर आया
अम्मी बेड से टेक लगा कर फर्श पर बैठी हुई थीं और मेरे आने की आहट से अपनी नम लाल आंखों से मुझे देखा : मैने कहा न जा यहां से

अम्मी को रोता देख मै भी तड़प उठा भीतर से मगर फिर भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कि एक भी कदम कमरे की दहलीज से भीतर रख सकू ।
: शायद मेरी ही परवरिश में कोई कमी रही होगी या फिर मेरी हरकते ऐसी है कि तू ऐसा बन गया ( अम्मी सुबकती हुई बिना मुझे देखे बोली )
अम्मी ने जैसे ही पहल की मुझे लगा यही मौका है अम्मी के पास जाने का उन्हें संभालने शायद वो मान जाए
मै भागकर उनके पास गया और उनके कंधे पकड़ कर बैठ गया
: नहीं अम्मी नहीं , आपकी कोई गलती नहीं है । बस मै ही बुरा हू ( मै रुआस होकर बोला )
: छोड़ मुझे और मुझसे बात मत कर बोला न ( अम्मी ने छलकते हुए आंखों से मुझे गुस्से में घूरा )
: प्लीज अम्मी इस बार माफ कर दो , अब कभी भी मै ऐसा कुछ नहीं करूंगा । आपकी कसम पक्का सच में ।

अम्मी कसम वाली बात पर मेरी ओर देखी और एकदम से चुप हो गई ।
अम्मी को शांत देखकर मै उनके बगल में बैठ गया और उनकी बाह पकड़ ली
: सॉरी अम्मी , पता नहीं मुझे क्या हो जाता है आपको देख कर । आपकी और अब्बू की बातें सुनकर
: लेकिन ये सब गलत है बेटा , और तू अभी कितना छोटा है ( अम्मी के भीतर बदलाव हुए तो दिल को राहत हुई )
: हम्म्म जानता हु अम्मी , मगर ना जाने क्या है आपमें जो मै आपकी ओर खींचा चला आता हूं। जैसे अब्बू को होता है वैसे मुझे भी । ( मैने उनके कंधे पर सर रखकर बोला )
: तेरे अब्बू की मै बीवी हु और तेरी अम्मी, फर्क नहीं समझ आता क्या ? ( अम्मी ने समझाया )
: आता है , मगर ?
: मगर क्या ? ( अम्मी मेरी ओर देख आकर बोली ) बोल ?
: आई लव यू अम्मी , दुनिया में सबसे ज्यादा अपनी जान से भी ज्यादा । सोचता हु अगर अब्बू नहीं होते तो मै आपसे निगाह भी कर लेता ( मैने भोलेपन पर अपने दिल की बात अम्मी से कह दी )
: हीही, तेरे अब्बू नहीं होते तो तू भी नहीं होता , पागल कही का ( अम्मी खिलखिलाई और हसने लगी )
मै भी उनकी बातें समझ कर मुस्कुराया
: तूने हमारी उम्र के बारे में भी नहीं सोचा , निगाह के लिए सोचने के पहले ( अम्मी हल्के होकर बोली )
: उन्हू , मुझे तो मेरी अम्मी की चाहिए न जैसे हो आप वैसे ही ( मैने उनकी बाह पकड़ कर उनसे लिपटा उसके गर्दन के पास की नर्माहट से बदन में गुदगुदी होने लगती )
: ठीक है फिर चल तेरे अब्बू से कह देती हूं कि मुझे तलाक देदो और तू मुझसे निगाह करेगा , ठीक है ( अम्मी ने मजाक में बोला )
: अरे नहीं , फिर अब्बू का क्या होगा ? ( मै बच्चों के जैसे घबराया )
: हीही पागल , बेटा तुझे समझना होगा कि इन सब की एक उम्र होती है , तू जो कर रहा है इससे तेरा विकास रुक सकता है । भविष्य ने तकलीफें आ सकती है । ( अम्मी ने मेरे हाथ पकड़ कर कहा )

मै चुप रहा
: देख मै कभी नहीं चाहती थी कि इनसब को लेकर तुझसे बात आग बढ़ाऊं क्योंकि एक मां के लिए कितना कठिन होगा अपने ही बेटे को समझाना वो भी ऐसे बात के लिए ( अम्मी फिकर में बोली )
: तो क्या करूं अम्मी आप बताओ न , कौन समझाएगा फिर मुझे । न मेरे कोई दोस्त है न भाई और अब्बू तो चिढ़े रहते है बस ( मै उखड़ कर बोला ) मै समझता हूं कि मेरे भीतर बदलाव हो रहे और जिधर की ओर मै भटकता हूं वो भी समझ आता है कि मै गलत कर रहा हूं मगर मै खुद को रोक नहीं पाता ।
अम्मी मुझे सुन रही थी
: बाहर समाज में देखता हूं और बातें जो सुनता हूं तो लोग बस मजे लेते हुए नजर आते है । जो मेरी उम्र के है उनके अपने रिश्ते सही नहीं है , एक दूसरे को धोखे दे रहे है । मैने तो बचपन से आपको ही देखा है मेरे लिए प्यार का मतलब ही मेरी अम्मी है । जब भी आने वाले कल के लिए सोचता हूं तो आपका ही ख्याल आता है मुझे मेरे जीवनसाथी के रूप में आपके जैसा ही साथी चाहिए । आपके जैसी मीठी प्यारी चंचल और थोड़ी शरारती ( मै बोलते हुए मुस्कुराया )
: पागल मै शरारती हू, शरारतें तो तू करता है ( अम्मी मुस्कुरा कर बोली )
: वो शरारत जो आप अब्बू के साथ करते हो .. ( मै बोलते हुए रुक गया और हसने लगा )
: कमीना कही का बहुत मार खायेगा ( अम्मी ने मुझे हस्ते है घुरा )
: फिर भी बेटा ये गलत है , हर नजरिए से मै तेरी मां हूँ । हा इतना कर सकती हू कि तेरे लिए एक गाइड की तरह एक दोस्त के जैसे तुझे अब सही गलत के मायने सिखा सकती हूं। तुझे चीजों को कंट्रोल करना सिखा सकती हूं मगर तू जो चाहता है वो मै नहीं कर सकती । मै ता उम्र तेरी अम्मी ही रहूंगी और मै यही चाहती जब मेरी सांसे चले मेरा लाडला मेरी आंखो के सामने मुस्कुराता रहे । हंसता रहे ।

: पर अम्मी , आई लव यू
: मै भी करती हूं मेरे बेटे से उसके अब्बू से भी ज्यादा ।
: सच्ची में अम्मी ( मै खुश होकर )
: हा और क्या , मेरा राजा बेटा उम्माह ( अम्मी मुझे सीने से लगा कर मेरे माथे को चूम लिया )
: आई लव यू सो मच अम्मी , मै प्रोमिस करता हूं आगे से कभी ऐसा कुछ नहीं करूंगा ।
: मेरा बच्चा , और अगर तुझे परेशानी हो तो मुझे बताना ठीक है ( अम्मी ने कबूलवाया )
: ठीक है अम्मी ( मै खुश होकर बोला )
: चल सो जा अब ( अम्मी उठते हुए बोली )
: आपके साथ ?
: हा और क्या , अब जब तक तेरे अब्बू नहीं आते तो रोज मेरे साथ सोएगा ठीक है ( अम्मी खुश होकर बोली )
: थैंक यू अम्मी ( मैने उनके गाल चूम लिए और बिस्तर पर भाग गया )
: धत्त गंदा कर दिया ( अम्मी अपने गाल पोंछ कर बोली और मुंह धुलने किचन में चली गई ।

मै मेरे किताबें किनारे किया और पैर फैला कर लेट ही रहा था कि अम्मी कमरे में मेरे लिए दूध लेकर आई: ले इसे पी ले और अब से रोज दूध पिया कर ठीक है
मैने दूध का ग्लास गटकते हुए अम्मी को गर्दन हिला कर सहमति दिखाई
फिर थोड़ा सा दूध छोड़ दिया
: अम्मी आप पी लो ( मैने तकरीबन 50ml दूध छोड़ा होगा )
: नहीं नहीं तू पी ले , मुझे दिक्कत होती है
: कैसी दिक्कत है ?
: वो तू नहीं समझेगा ( अम्मी मुंह बनाते हुए बोली )
: अब्बू की याद आती है न ( मै उन्हें छेड़ कर बोला )
: क्या नहीं रे पागल , वो बादाम वाला दूध पीने से मुझे सफेद पानी आने लगता है । ( अम्मी ने संशय में मुझे देखा कि मै समझ पाया या नहीं )
: क्या ? फिर मुझे क्यों पिलाया ? मेरा रात में गिरने लगा तो ( मैने थोड़ा ड्रामा करके बोला )
: धत्त पागल ऐसे थोड़ी होगा ( अम्मी हसी )
: अरे मैं आपका ही बेटा हूं न , मेरे अंदर भी आपके जैसे गुण दोष होंगे न ( मैने उनको समझाया )
: हा लेकिन तुझे नहीं होगा , मै जानती हु ( अम्मी मुस्कुरा कर गिलास किनारे रखते हुए बोली )
: कैसे ?
: अगर तुझे होता तो मुझे पता चल जाता , ये सब चीजें 15-16 साल की उम्र से ही होने लगती है । उससे कमजोरी आने लगती है । ( अम्मी मुस्कुरा कर बिस्तर पर आते हुए बोली )
: तो क्या वो जो आप करते हो , उससे कमजोरी नहीं आती ( मैने मासूम होकर बोला )
अम्मी शर्म से झेप गई और मुस्कुराने लगी : होती है उससे भी मगर वो दोनों अलग अलग असर करते है ।
: अलग अलग कैसे ?
: ओफ्फो अब कैसे समझाऊं तुझे , मुझे बड़ा अजीब लग रहा है । तुझे डांटना और मारना ज्यादा सहज था मेरे लिए
: हीही लेकिन अब समझाओ मुझे ( मै सरककर उनके करीब आकर बोला )
: वो जो मै और तेरे अब्बू करते है वो दूसरा होता है वो सिर्फ वो सब करने पर ही होता है और ये दूध वाला जो होता है वो लगातार होता है इससे कमर दर्द और सुस्ती रहती है

: क्या कैसे होता मतलब मुझे तो समझ ही नहीं आया ( मै उलझ कर बोला )
: अरे दादा , मै ये कह रही हूं कि जब सफेद पानी आता है वो लगातार होता है पूरा दिन कच्छी गीली हो जाती है उससे कमर दर्द रहता सारा सारा दिन तकलीफ होती और वो जो मै और तेरे अब्बू करते है वो अलग होता है उससे शरीर के दर्द में आराम होता है समझा

: पर मै जब करता हूं या मेरा ढेर सारा निकल जाता है तो मै तो जैसे बेहोश ही हो जाता हूं ऐसा क्यों ? ( मैने सवाल किया )
: वो होता है बस खान पान सही न करने और गलत तरीके से करने से होता है ( अम्मी ने समझाया )
: गलत तरीके से मतलब ? ( मै सोच के पड़ गया )
: वही जो तू करता है , ठंडे हाथों से या फिर पेंट के ऊपर से उसको रगड़ना और सारा दिन बस उसी के बारे में सोचना ये सब गलत तरीके है ( अम्मी समझा रही थी )
: फिर सही तरीका क्या है ?
: सही तरीका ? तूने तो कहा है कि अब तू ये सब नहीं करेगा ? ( अम्मी मेरी ओर देख कर बोली )
: हा लेकिन जानने में क्या बुराई है , बताओ न प्लीज अम्मी ( मै थोड़ा सा रिड़का)
: वो ... सबसे पहले उसको बाहर निकालते है और किसी आराम दायक जगह पर बैठ कर करते है । हाथ गर्म रहे और थोड़ा सा तेल भी लगा कर धीरे धीरे करते है । उससे उसकी नसे और भी तंदुरुस्त रहती है और टाइट भी रहता है ।
: किसकी नसे हाथों की ( मैने मस्ती की )
: धत्त नहीं रे , वो तेरे नुनु की समझा ( अम्मी लजाती हुई बोली ) और अब हो गया चल सो जा अब ।
मै चुप रहा , आज पहली बार अम्मी से इनसब पर बाते की थी । कितना अच्छा लग रहा था अम्मी की बातों से लगा कि वो भी मुझपर नजर रखती थी । धीरे धीरे मेरा मन लालची होने लगा और मेरे जहन में चतुराई हावी होने लगी । हालांकि मैं अम्मी की कसम खा चुका था कि अब मै नहीं हिलाऊंगा मगर मेरा करामाती दिमाग मेरे बोले गए शब्दों में भी खेल करने की फिराक में था । तभी मेरे जहन में अम्मी की एक बात याद आई "अगर तुझे परेशानी हो तो मुझे बताना" , बस यही रास्ता मिल गया था मुझे ।

करीब 10 मिनट हो गए थे
: अम्मी सो गई क्या ( मैने आवाज दी उनको )
: हम्मम बोल ( अम्मी ने हुंकारी भरी )
: अम्मी वो नीचे फिर से बड़ा हो रहा है नुनु मेरा ( मै धड़कते दिल के साथ कहा )
: नुनु को बोल सो जाए और तू भी सो जा ( अम्मी करवट लेती हुई मेरे ओर अपनी पीठ कर दी और उनके बड़े चौड़े कूल्हे नाइट बल्ब मेरे आगे उठे हुए थे देखते ही लंड एकदम फड़फड़ाने लगा )
: ऊहू मुझे नीद नहीं आएगी ऐसे , अम्मी प्लीज बताओ न क्या करु ( मै उनके पीछे से हग करते हुए बोला और अपना लंड का टोपा लोवर के नीचे से उनकी नरम चर्बीदार गाड़ में चुभोया )
: शानू !! मै सब समझ रही हु तेरी शरारत , सो जा चुपचाप और वहां से हटा उसको ( अम्मी ने हाथ पीछे ले जाकर मेरे लंड को अपने हथेली से धकेला अपने गाड़ पर से उनके नरम हथेली का स्पर्श पहली बार पाते ही मेरे लंड में पंपिंग होने लगी )
: अम्मी प्लीज , दर्द होता है अंदर ( मै थोड़ा सा नाटक किया )
: तो बाहर निकाल कर सो जा न , कौन सा मैने तेरा देखा नहीं है ( अम्मी मजे लेते हुए बोली )
: अम्मी बक्क सुनो न ( मै अब पैर पटकने के जैसे हो गया )
: क्या है ? क्यों नाटक कर रहा है ( अम्मी घूम गई मेरे तरफ )
: वो परेशान कर रहा है क्या करु ( मै भुनभुना कर बोला )
: तू उसको परेशान मत कर , जरूर कुछ चल रहा होगा तेरे दिमाग । वो सोचना बंद कर दे सही हो जाएगा तो ( अम्मी ने तो जैसे मेरे नस ही पकड़ ली , ना जाने कैसे इतनी तेज थी वो )उम्मम बोल क्या सोच रहा है ?
: यही कि तेल लगा कर कैसे लगता होगा ? ( मै हिचक कर बोला )
: पागल कही का , जा देख के तेल लगाकर कैसा लगता है ( अम्मी हस कर बोली )
: लेकिन मै कैसे करूंगा मैने तो कसम खाई है न ( मै सफाई देते हुए बोला )
: तो क्या अब मै लगाऊं तेल तेरे नुनु पर ( अम्मी चौक कर बोली )
: लगा दो चाहो तो ( मै गुनगुनाते हुए बोला )
: क्या ? ( अम्मी चौकी ) मारूंगी इतना की सब नाटक भूल जाएगा सो जा चुप चाप
: प्लीज न अम्मी ( मै उन्हें मनाता हुआ ) बस एक बार
: नहीं मतलब नहीं ( अम्मी सीधा हो गई )
: प्लीज अम्मी ( मै उनकी बाहों पर उंगलियों से खुजाता हुआ उन्हें मनाने लगा ) प्लीज अम्मी प्लीज एक बार बस
अम्मी की तेज धड़कने मै साफ सुन पा रहा था, उनकी चुप्पी और उलझन को मै भी समझ रहा था मगर मेरा लालची मन कहा मानने वाला था ।

: जा किचन से तेल लेकर आ , तू भी तेरे अब्बू जितना जिद्दी है ( अम्मी चिढ़ कर बोली )
अम्मी का इतना कहना था कि मेरे तन बदन में फुर्ती सी फेल गई । लंड एकदम से अकड़ने लगा । यकीन नहीं हो पा रहा था कि अम्मी इसके लिए तैयार हो गई थी । मेरी योजना रंग ला रही थी
मैने झट से बत्ती चालू की और किचन में तेल की शीशी लेकर आ गया ।
: हमम्म ( मैने खुश होकर अम्मी को तेल की शीशी थमाई वो नारियल तेल की थी नीली बॉटल , मेरे भीतर का बचपन अंदर खूब उछल कूद कर रहा था मानो मुझे मेरा पसंदीदा खिलौना मिलने जा रहा हो )
मुझे मुस्कुरा देख अम्मी भी गुस्सा होने का नाटक की मगर मुस्कुराने से खुद को रोक नहीं पाई
: चल लेट जा ( अम्मी ने डांट लगाई , जैसे जता रही हो कि उन्हें सब करना बिल्कुल भी नहीं भा रहा हो )
यहां अंदर से मै बेचैन हुआ पड़ा था , मैने अपना लोवर और अंडरवियर एक साथ सरका कर लेट गया , बिना किसी हिचक के


Ga-D4-Et-Bb0-AM103-C

पूरे 8 इंच का रॉकेट अपने बारूद गोले के साथ पेट पर मेरे सुस्ता रहा था ।
अम्मी कभी मुझे निहारती तो कभी मेरे आकार लेते लंड को । पंखे की हवा में अचानक से सर्दी सी बढ़ गई थी , जिस्म में अजीब सी कंपकपी होने लगी और दिल रुक रुक कर धड़कने लगा ।
: कितना बड़ा करके रखा है कभी साफ नहीं करता क्या ? ( अम्मी का इशारा मेरे घुंघराले बालों पर था जो मेरे लंड की जड़ों पर फैले हुए थे )
मै कुछ नहीं बोला , अजीब सा लग रहा था अम्मी से इनसब पर बातें करना । शायद शुरू शुरू में ऐसा ही लगता हो मगर अम्मी के चेहरे पर सिकन की एक रेखा नहीं थी । मानो वो किसी मिशन पर हो ।
तेल की शीशी खोलकर ड्रॉप गिराने लगी लंड पर सुपाड़े के गांठ से नीचे आड़ तक एक लाइन पर वो तेल टिप टिप करके गिराती चली गई और फिर शीशी को बगल में रख दिया ।
तेल मेरे लंड पर फैलने लगा मगर मेरा कलेजा उस अहसास के लिए धड़क रहा था जो अब अम्मी करने वाली थी ।
अम्मी लंड को छूने वाली है ये सोच कर ही लंड की नसे फड़कने लगी और लंड धीरे धीरे ऊपर उठने लगा, और देखते ही देखते रॉकेट के जैसे सीधा खड़ा हो गया ऊपर की छत को निहारता ।
लंड में हरकत होते ही अम्मी के चेहरे पर मुस्कुराहट आई मगर जैसे ही उनकी नजरे मुझसे जुड़ी उन्होंने खुद को रोक लिया।
मै मेरे भीतर बदलाव महसूस कर पा रहा था आंखे बंद हो रही थी और धड़कने मद्धम हो रही थी , कि तभी एक गर्म मुलायम और हल्के दबाव के साथ उंगलियां मेरे लंड के तने पर महसूस हुई
मानो मेरे जिस्म के तारो को बिजली से जोड़ दिया गया हो , एकदम से मेरे जिस्म मेरे दिल और दिमाग हलचल सी हुई आंखे पूरी फेल गई , धकधक करके दिल जोरो से धड़कने लगा । हलक ऐसे सूखने लगा मानो गाड़ी के इंजन से पेट्रोल

और अगले ही पल अम्मी ने जैसे अपनी हथेली में मेरे लंड को हल्का कसे हुए ऊपर से नीचे सरकाया , लंड की नसे खुद ही पंप होने लगी ।

: उम्ममम अह्ह्ह्ह ( मै तड़प उठा बिस्तर पर )
तभी अम्मी का दूसरा हाथ मेरे आड़ों को मलने लगा दर्द और मजे का ऐसा संगम मैने आजतक नहीं महसूस किया था । आड़ो पर गोल गोल रेंगती उनकी हथेली मुझे किसी तरह के हेलोसुनेशन में डाल रही थी । मेरी सांसे फिर से हल्की पड़ने लगी ।
मगर अलगे ही पल तेल की कुछ बूंदे सीधा मेरे सुपाड़े की टिप पर गिरी
क्षण पर शांत और ठंडा अहसास और अगले ही पल अम्मी ने उसपे पर भी अपनी उंगलियां नचाने लगी


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: अह्ह्ह्ह्ह अमीईइ ( अकड़ कर मैने अपनी टांगे तान दी )
: सही से नहीं रह सकता क्या , इतना क्या उछल रहा है ( अम्मी ने डांट लगाई और अगले ही पल उनका अंगूठा मेरे सुपाड़े की गांठ पर )
एक ऐसा अनोखा संवेदनशील स्पर्श , जोर भीतर एक डर पैदा कर रहा था जल्दी झड़ने का , लंड में खरोच का और मुझे पागल हो जाने का ।
दांत पिस कर मै अकड़ गया और कोहनीयो के बल उठ कर अम्मी के हाथों की जादू देखने लगा


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जब जब उनका अंगूठा मेरे सुपाड़े के नीचे घर्षण करता मानो अब मेरा लंड छलक पड़ेगा , मगर अम्मी भी कम शैतान नहीं थी उन्होंने नीचे मेरे आड़ो को दूसरे हाथ से जकड़ रखा था । कमर पेडू में अजीब सी गर्मी अजीब सा तनाव हुआ पड़ा था ।

तभी अम्मी ने अपनी हथेली की कटोरी बनाई और मेरे सुपाड़े पर घुमाने लगी , उनकी गुदाज हथेली का घर्षण मेरे संवेदनशील सुपाड़े पर होते ही पूरे बदन में गुदगुदी होने लगी


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: अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह सीईईईई अह्ह्ह्ह सीजीईईई उम्मम अम्मी रुक जाओ आह्ह्ह्ह ( मै आंखे बंद कर बिस्तर पर गिर पड़ा )
: चुप कर पागल , नहीं तो मारूंगी ( अम्मी ने डांटा मुझे )
: अम्मीई वहा नहीं , पता नहीं क्याअह ( मै आंखे उलटने लगा ) सीईईईई ओह गॉड फक्क्क् ओह्ह्ह्ह पागल हो जाऊंगा अम्मीई आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह छोड़ दो आयेगा आयेगा अह्ह्ह्ह

मेरे कहने की देरी थी अम्मी ने मेरे आड़ो को रिहा किया और दूसरे हाथ से उंगलियों का छल्ला बना कर नीचे से ऊपर की ओर ले जाने लगी
एक दो तीन पिच्च फिच्च करता हुआ मेरा लंड पिचकारी छोड़ने लगा


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: अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अमीईईई अह्ह्ह्ह सीईईईईई आई लव यू अम्मी आई लव यू अह्ह्ह्ह
मै मुंह खोल कर हांफता हुआ सुस्त होने लगा मेरी आंखे बंद थी । मेरे चेहरे पर मुस्कान एक संतुष्टि भरी , एक सुकून और वो चरम आनंद जिसके लिए मानो इतने वर्षों तक तड़प रहा था । मेरे दिल की धड़कने हल्की होने लगी और आंखों में नीद घेरने लगी । कमरे में एकदम शांति थी सीलिंग फैन की हनहनाहट साफ सुनाई दे रही थी और हवाएं अब गर्म महसूस हो रही थी । मगर दूर कही सपनों में मुझे कोई आवाज दे रहा था बाहें फैलाए जैसे चांदनी रात में सफेद पारदर्शी पोशाक में अम्मी ही खड़ी थी , उनकी रेशमी कपड़ों में उभरा उनका गदराया जिस्म बहुत ही मुलायम महसूस हो रहा था । एक हल्की मीठी महीन सी आवाज धीरे धीरे और मंदिम होती जा रही थी
: ....आब..साहब... सो गए.... आफ भी मै ही करु .... ( अम्मी के कुछ धुंधले अल्फ़ाज़ मेरे कानो को छू कर निकल गए )
जल्द ही मै गहरी नींद में सो गया ।

जारी रहेगी।
 
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