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Awesome, jabardast,behad madak update dear lovely Malika sis, tumari kalam ko Raji ka salam.कामिनी के दृष्टिकोण से -
दोपहर में मेरे ससुरजी को एक्सपो प्रेजेंटेशन के लिए जाना था और मैंने प्राइवट रिज़ॉर्ट के समुद्र तट का आनंद लेने का फैसला किया था। होटेल की स्टेर्ज़ पर एक मर्द की निघाएँ मेरे बदन पर टिकी हुयी पायी।
मैंने उसे मेरी तरफ़ घूरते देख लिया था , उसे खुलेआम निगाहों से में भी देखने लगी, जब वह मुझे और घूरने लगे तो में नीचे झुक गयी ताकि मेरी टोप से उसे मेरे स्तनों का एक बेदाग नजारा मिल जाए।
वह 35 साल की उम्र के आसपास एक अच्छे दिखने वाले मर्द लग रहे थे। कठोर शरीर और मोटा लंड जैसा कि मैं उसके तंग शॉर्ट्स में उसके लंड की रूपरेखा मेरे आँखों से बना सकती थी।
मैं उस पर झपटना चाहती थी, उसके लंड को अपनी उंगलियों में महसूस करना, उसे चूमना, उसे चाटना, उसे चूसना चाहती थी। उस लंड को मेरी योनी में, मेरी गाँड में डालना, मेरे स्तनों के बीच निचोड़ना, उसकी चिपचिपी गर्मी को महसूस करना चाहती थी। में उसे लगातार देख रही थी, उसके शरीर की सेक्सी सुंदरता में, उसकी मांसपेशियों की रोमांचकारी लहर पीते हुए।
मुझे उसके काले, सख्त शरीर, बड़ी छाती, छोटे, सख्त निपल्स, चट्टान के एक स्लैब की तरह पेट, उभरी हुई बाइसेप्स का नजारा बहुत पसंद था। मेरी नज़र काफ़ी देर तक टिकी रही उस पर।
हम करीब आ रहे थे और जब हम गलियारे में गुजर रहे थे, हमारे हाथ एक दूसरे से ब्रश करे, हमारी टच से में रोमांचित हुयी। हम एक टाइट गलियारे में फंसे हुए थे। फिर मैं आगे बधी, और हम दोनों झिझके और एक-दूसरे के गुजरने के लिए जगह बनाने की कोशिश करी।
अब सीन यह था कि हम दोनों को एक-दूसरे को वहाँ से गुजरना था तो एक दूसरे के बदन को स्क्वीज़ करके जाना होगा। जब मैं उसे स्क्वीज़ करना शुरू करी तो मेरी हथेली उसके क्रॉच क्षेत्र पर चली गयी जहाँ मैं महसूस की , उसका बहुत बड़ा उभार बना हुआ लंड जो बस और बढ़ते जा रहा था .. उनका लंड इतना बड़ा और मोटा महसूस करी कि मेरी चुत गीली हो गई।
उन्होंने भी मेरी गांड पर हाथ रखा और आगे बढ़ने की कोशिश करते हुए उसे निचोड़ने लगे।
अब ऐसी बात हुयी कि जैसे ही उसने मेरी गांड को हाथों से निचोड़ा, में अपने हाथों से उनके मोटा लंड को उनकी शॉर्ट्स के ऊपर से दबाई। अंत में हम एक दूसरे को निचोड़ने में कामयाब रहे।
फिर जैसे ही मैं आगे बढ़ी, में पीछे मुड़कर उसकी तरफ देखी और मुस्कुरा दी। वह भी वापस मुस्कुराया। फिर मेरी कूल्हों को जानबूझकर हिलाते हिलाते मैं आगे जाने लगी। बेशक वो मेरी गाँड को देख रहे होंगे सोचकर में ख़ुश हुयी।
में बस अपने Bikini में उस घटना के बारे में सोच ही रही थी ।
अब में बीच पर बस अपने बिकिनी और बिकिनी ब्रा में लेट रही थी और आँखें बंद करी हुयी थी। मेरे चेहरे पर एक परछाई पाई तो में आँख खोलकर देखा तो मुझे उस शकस जिसके साथ उस गलियारे में मिली थी उनका चेहरा दिखा।
"Hi मैं रमेश हूँ, तुम्हारा नाम क्या है।"
मैं शरमा कर मुस्कुरायी और जवाब दी
“हाय मैं कामिनी हूँ।”
रमेश के दृष्टिकोण से -
पहली बार जब मैंने उसे देखा था तो मैं दंग रह गया था। मैंने उसे एक फ्रिली लेकिन टाइट टॉप और मिनी शॉर्ट्स में देखा था।
उसकी नुकीली ठुड्डी, पतली, सीधी नाक के साथ एक सुंदर अंडाकार चेहरा था। उसका चेहरा कुछ कोणों से, ऐसा लग रहा था कि उसके गाल मोटे हैं पर उसके चीकबोन्स ऊंचे थे। उसकी आँखें सुंदर, बड़ी, गहरे भूरे रंग के जादू से भरी थीं।
उसके होंठ हल्के और भरे हुए लग रहे थे। उसकी आँखों में एक चमकीली हंसी थी जो चमक रही थी। वह मर्दों को स्वाभाविक रूप से अपनी ओर आकर्षित कर सकती थी।
उसकी त्वचा सोने की तरह थी, चिकनी और स्पष्ट, अंगूर की तरह दृढ़, उसके शरीर पर बालों का निशान बिलकुल नहीं था, और वह बात मुझे महिलाओं में अच्छी लगती थी । मुझे उसके प्यारे गुलाबी होठं जिससे में बेथाहाश चूमना चाहता था और मुँह जो मेरा लंड आसानी से ले सके दिख रहे थे।
उसके बाल काले थे और उसके कंधों के चारों ओर झुके हुए थे। उसकी गर्दन शानदार थी, उसकी फर्म, नुकीली ठुड्डी के नीचे एक असाधारण लंबा, पतला, सुंदर स्तंभ था। उसके हाथ और पैर अच्छी तरह से स्मूथ और पतले थे, आकर्षक टखनों और कलाई और पतली उंगलियों और पैर की उंगलियों के साथ, खूबसूरती से आकार और धनुषाकार। उसके स्तन रसीले फलों की तरह उभरे हुए, भरे और पके और ऊंचे थे। उसका पेट दृढ़ और सपाट था।
वह मुझे उसके नंगे, दृढ़ पेट, उसके जांघ, उसके स्तनों की सूजन की क्षणभंगुर झलक दे रही थी। मैं उसके कपड़े उतारना चाहता था, उसके स्तनों को निचोड़ना, उसे उसके पैरों को चौड़ा करके, मेरे लंड को उसकी योनी में धकेलना था और बस उसकी चुदाई ही करना चाहता था।
उसने एक कामुकता का परिचय दिया था जिसे अनदेखा करना असंभव था। उसका चेहरा, उसका शरीर, उसका चलना, उसका रूप - सभी मर्दों के लिए एक खुला निमंत्रण लग रहा था की मर्द उसके शरीर के साथ बहुत चुदाई का आनंद ले।
अब में उसी हुस्न की मल्लिका के पास खड़ा था और में बोला
“क्या में आपके बाजू में लेट सकता हूँ!l”
कामिनी कही – “हाँ ज़रूर क्यूँ नहीं, आख़िर में यह पब्लिक बीच हैं।”
मेंने कहा - “वैसे एक सुझाव दूँ आपको, आपने sunscreen लगाना चाहिए नहीं तो sunburn हो जाएगा। आपकी गोरी त्वचा हैं ना इसलिए ज़्यादा sunburn होने के सम्भावनाएँ होगी।”
“अच्छा ऐसे हैं रमेश जी तो प्लीज़ क्या आप लगा सकेंगे sunscreen , और कोई नहीं हैं sunscreen लगाने के लिए।”
मैंने मेरे शॉर्ट्स से sunscreen का बॉटल निकलके sunscreen lotion हाथों में डालकर उसके बग़ल घुटने टेक दिए,
कामिनी ने शायद अब तक की सबसे सेक्सी बिकनी पहनी हुई थी। मुझे पता था कि कामिनी एक आकर्षक महिला है, लेकिन बिकनी में वह बहुत अधिक आकर्षक लग रही थी । समुद्र तट पर कामिनी से बेहतर कोई और महिला नहीं दिख रही थी।
कामिनी बोल उथी
"रमेश जी सनस्क्रीन लगाओ?"
मैं बगल में घुटने टेक कर कामिनी की पीठ में लोशन रगड़ने लगा। मैंने अपने लंड की उत्तेजित अवस्था को ढँक लिया था। आगे झुककर मैंने कामिनी की पीठ पर लोशन लगाया। जैसे ही मेरे हाथ उसकी पीठ पर चले गए, में उसकी त्वचा के चिकने एहसास पर अचंभा था।
मेरे मजबूत हाथों ने उसकी पीठ में लोशन पूरी तरह से मल दी थी, कामिनी ने फिर अपना सिर घुमाया और वह मेरी लंड ढकने वाली तंग सामग्री में फंसे मेरे खड़े लंड को देख रही थी।
मैंने उसके पैरों और मोटी लेकिन चिकनी मलाई भरी जांघों पर सन स्क्रीन लगाना शुरू कर दिया। अब मैं उसके चेहरे के बगल में घुटने टेक रहा था क्योंकि मैंने उसके पेट पर लोशन रगड़ना शुरू किया था और फिर उसके दूधिया दरार के ठीक ऊपर भी sunscreen मलने लगा। इस बीच मेरा लंड मेरी शॉर्ट्स में सख्त हो गया था और उसके चेहरे के बहुत क़रीब मँडरा रहा था। मैं ऐसे अभिनय कर रहा था जैसे मुझे इसका एहसास ही न हो और मैं उसके शरीर पर लोशन मलते रहा और आख़िर में उसकी सुदोल चूतदों पर।
कामिनी के दृष्टिकोण से -
उफफ़्फ़्फ रमेश का सक्थ लंड उसकी शॉर्ट्स में से उभर रहा था । उनका लंड बहुत बड़ा और ख़ासकर मोटा लग रहा था । वो मेरे चेहरे के इतने क़रीब था की चाहती तो उनके लंड के उभर को चूम सकती थी । उनका तना हुआ लंड अब मेरे होठों के आगे बस १ इंच दूरी पर मंडरा रहा था । में तो काफ़ी गीली हो चुकी थी।
अब पूरी मालिश के बाद हम वैसे ही क़रीब लेटे रहे।
फिर उन्होंने मुझे उनके साथ resort के पूल बार तक आने के लिए कहा। मेरे ससुरजी 2 घंटे में आने वाले थे तो क्यों न कुछ वक्त रमेश के साथ बिताया जाए में सोचने लगी।
हम पूल बार के पास जाकर कुछ देर बैठें। हम बार जा रहे थे तब रमेश जी बोले,
“माफ़ कीजिए अगर ये बोल्ड बात कह रहा हूँ लेकिन मुझे लग रहा हैं कि आपको ऐसी ही बिकनी में रहनी चाहिए।”
में मुस्कुरायी और कुछ बोली नहीं।
रमेश अब मेरे बगल में एक बार स्टूल में बैठ गया। उसने अपना हाथ मेरे चारों ओर रखा और अपना हाथ मेरे कूल्हे पर टिका दिया। मुझे अच्छा लगा। उसने मेरी गांड पर एक और नज़र डालने का भी मौका लिया और मुझसे कहा कि मैं अद्भुत लग रही हूँ ।
वह मेरे कूल्हे को हल्के से सहलाने लगे। मैं जान गयी थी कि वह मेरी गांड को छूना चाहता था, मुझे धीरे-धीरे लगा कि उसका हाथ नीचे जा रहा है, और मेरे कूल्हे से मेरे गाँड की गाल की ओर बढ़ रहा है। में कुछ नहीं कही बस देखना चाहती थी कितने बोल्ड हैं रमेश जी।
आखिरकार उनका हाथ मेरी गांड के गाल पर पहुँच गया, और धीरे से उसे सहला रहे थे। मैं इसका आनंद ले रही थी लेकिन एक मासूम महिला की तरह अनजान बन रही थी । मुझे हमेशा वहां छुआ जाना पसंद था और उसके अंगूठे ने उसे इतनी कोमलता से सहलाया - उसका इतना कोमल स्पर्श था। में बस उसकी तरफ देखी
और मुस्कुरायी और वह वापस मुस्कुराया -
“कामिनी क्या तुम यहीं मेरा विला हैं उसे देखने आओगी।”
में उसे नहीं बोली की में भी एक villa में रहती हूँ वो भी मेरे ससुरजी के साथ। अमीर मर्दों को अपने पैसों का रुबाब दिखाकर मेरी जैसी युवा लड़कियों को रिझाने में बहुत मज्जा आता हैं , यह मुझे पता था। में बस शर्म से सिर हिलायी और कही
“ठीक है रमेश जी दिखाइए”
में आगे अपनी नितम्बों को हिलाते हुए जा रही थी और बेशक रमेश मेरी हिलती चूतदों को घूरे जा रहे होंगे ।
Shukriya Dr Raji …. Dil se !!Awesome, jabardast,behad madak update dear lovely Malika sis, tumari kalam ko Raji ka salam.![]()
Haan jaroor !!Mast update Mallika Ji....
Matlab ek aur ghamasan kamkrida hone wali hai...
Ohhhh wowwwwकामिनी के दृष्टिकोण से -
दोपहर में मेरे ससुरजी को एक्सपो प्रेजेंटेशन के लिए जाना था और मैंने प्राइवट रिज़ॉर्ट के समुद्र तट का आनंद लेने का फैसला किया था। होटेल की स्टेर्ज़ पर एक मर्द की निघाएँ मेरे बदन पर टिकी हुयी पायी।
मैंने उसे मेरी तरफ़ घूरते देख लिया था , उसे खुलेआम निगाहों से में भी देखने लगी, जब वह मुझे और घूरने लगे तो में नीचे झुक गयी ताकि मेरी टोप से उसे मेरे स्तनों का एक बेदाग नजारा मिल जाए।
वह 35 साल की उम्र के आसपास एक अच्छे दिखने वाले मर्द लग रहे थे। कठोर शरीर और मोटा लंड जैसा कि मैं उसके तंग शॉर्ट्स में उसके लंड की रूपरेखा मेरे आँखों से बना सकती थी।
मैं उस पर झपटना चाहती थी, उसके लंड को अपनी उंगलियों में महसूस करना, उसे चूमना, उसे चाटना, उसे चूसना चाहती थी। उस लंड को मेरी योनी में, मेरी गाँड में डालना, मेरे स्तनों के बीच निचोड़ना, उसकी चिपचिपी गर्मी को महसूस करना चाहती थी। में उसे लगातार देख रही थी, उसके शरीर की सेक्सी सुंदरता में, उसकी मांसपेशियों की रोमांचकारी लहर पीते हुए।
मुझे उसके काले, सख्त शरीर, बड़ी छाती, छोटे, सख्त निपल्स, चट्टान के एक स्लैब की तरह पेट, उभरी हुई बाइसेप्स का नजारा बहुत पसंद था। मेरी नज़र काफ़ी देर तक टिकी रही उस पर।
हम करीब आ रहे थे और जब हम गलियारे में गुजर रहे थे, हमारे हाथ एक दूसरे से ब्रश करे, हमारी टच से में रोमांचित हुयी। हम एक टाइट गलियारे में फंसे हुए थे। फिर मैं आगे बधी, और हम दोनों झिझके और एक-दूसरे के गुजरने के लिए जगह बनाने की कोशिश करी।
अब सीन यह था कि हम दोनों को एक-दूसरे को वहाँ से गुजरना था तो एक दूसरे के बदन को स्क्वीज़ करके जाना होगा। जब मैं उसे स्क्वीज़ करना शुरू करी तो मेरी हथेली उसके क्रॉच क्षेत्र पर चली गयी जहाँ मैं महसूस की , उसका बहुत बड़ा उभार बना हुआ लंड जो बस और बढ़ते जा रहा था .. उनका लंड इतना बड़ा और मोटा महसूस करी कि मेरी चुत गीली हो गई।
उन्होंने भी मेरी गांड पर हाथ रखा और आगे बढ़ने की कोशिश करते हुए उसे निचोड़ने लगे।
अब ऐसी बात हुयी कि जैसे ही उसने मेरी गांड को हाथों से निचोड़ा, में अपने हाथों से उनके मोटा लंड को उनकी शॉर्ट्स के ऊपर से दबाई। अंत में हम एक दूसरे को निचोड़ने में कामयाब रहे।
फिर जैसे ही मैं आगे बढ़ी, में पीछे मुड़कर उसकी तरफ देखी और मुस्कुरा दी। वह भी वापस मुस्कुराया। फिर मेरी कूल्हों को जानबूझकर हिलाते हिलाते मैं आगे जाने लगी। बेशक वो मेरी गाँड को देख रहे होंगे सोचकर में ख़ुश हुयी।
में बस अपने Bikini में उस घटना के बारे में सोच ही रही थी ।
अब में बीच पर बस अपने बिकिनी और बिकिनी ब्रा में लेट रही थी और आँखें बंद करी हुयी थी। मेरे चेहरे पर एक परछाई पाई तो में आँख खोलकर देखा तो मुझे उस शकस जिसके साथ उस गलियारे में मिली थी उनका चेहरा दिखा।
"Hi मैं रमेश हूँ, तुम्हारा नाम क्या है।"
मैं शरमा कर मुस्कुरायी और जवाब दी
“हाय मैं कामिनी हूँ।”
रमेश के दृष्टिकोण से -
पहली बार जब मैंने उसे देखा था तो मैं दंग रह गया था। मैंने उसे एक फ्रिली लेकिन टाइट टॉप और मिनी शॉर्ट्स में देखा था।
उसकी नुकीली ठुड्डी, पतली, सीधी नाक के साथ एक सुंदर अंडाकार चेहरा था। उसका चेहरा कुछ कोणों से, ऐसा लग रहा था कि उसके गाल मोटे हैं पर उसके चीकबोन्स ऊंचे थे। उसकी आँखें सुंदर, बड़ी, गहरे भूरे रंग के जादू से भरी थीं।
उसके होंठ हल्के और भरे हुए लग रहे थे। उसकी आँखों में एक चमकीली हंसी थी जो चमक रही थी। वह मर्दों को स्वाभाविक रूप से अपनी ओर आकर्षित कर सकती थी।
उसकी त्वचा सोने की तरह थी, चिकनी और स्पष्ट, अंगूर की तरह दृढ़, उसके शरीर पर बालों का निशान बिलकुल नहीं था, और वह बात मुझे महिलाओं में अच्छी लगती थी । मुझे उसके प्यारे गुलाबी होठं जिससे में बेथाहाश चूमना चाहता था और मुँह जो मेरा लंड आसानी से ले सके दिख रहे थे।
उसके बाल काले थे और उसके कंधों के चारों ओर झुके हुए थे। उसकी गर्दन शानदार थी, उसकी फर्म, नुकीली ठुड्डी के नीचे एक असाधारण लंबा, पतला, सुंदर स्तंभ था। उसके हाथ और पैर अच्छी तरह से स्मूथ और पतले थे, आकर्षक टखनों और कलाई और पतली उंगलियों और पैर की उंगलियों के साथ, खूबसूरती से आकार और धनुषाकार। उसके स्तन रसीले फलों की तरह उभरे हुए, भरे और पके और ऊंचे थे। उसका पेट दृढ़ और सपाट था।
वह मुझे उसके नंगे, दृढ़ पेट, उसके जांघ, उसके स्तनों की सूजन की क्षणभंगुर झलक दे रही थी। मैं उसके कपड़े उतारना चाहता था, उसके स्तनों को निचोड़ना, उसे उसके पैरों को चौड़ा करके, मेरे लंड को उसकी योनी में धकेलना था और बस उसकी चुदाई ही करना चाहता था।
उसने एक कामुकता का परिचय दिया था जिसे अनदेखा करना असंभव था। उसका चेहरा, उसका शरीर, उसका चलना, उसका रूप - सभी मर्दों के लिए एक खुला निमंत्रण लग रहा था की मर्द उसके शरीर के साथ बहुत चुदाई का आनंद ले।
अब में उसी हुस्न की मल्लिका के पास खड़ा था और में बोला
“क्या में आपके बाजू में लेट सकता हूँ!l”
कामिनी कही – “हाँ ज़रूर क्यूँ नहीं, आख़िर में यह पब्लिक बीच हैं।”
मेंने कहा - “वैसे एक सुझाव दूँ आपको, आपने sunscreen लगाना चाहिए नहीं तो sunburn हो जाएगा। आपकी गोरी त्वचा हैं ना इसलिए ज़्यादा sunburn होने के सम्भावनाएँ होगी।”
“अच्छा ऐसे हैं रमेश जी तो प्लीज़ क्या आप लगा सकेंगे sunscreen , और कोई नहीं हैं sunscreen लगाने के लिए।”
मैंने मेरे शॉर्ट्स से sunscreen का बॉटल निकलके sunscreen lotion हाथों में डालकर उसके बग़ल घुटने टेक दिए,
कामिनी ने शायद अब तक की सबसे सेक्सी बिकनी पहनी हुई थी। मुझे पता था कि कामिनी एक आकर्षक महिला है, लेकिन बिकनी में वह बहुत अधिक आकर्षक लग रही थी । समुद्र तट पर कामिनी से बेहतर कोई और महिला नहीं दिख रही थी।
कामिनी बोल उथी
"रमेश जी सनस्क्रीन लगाओ?"
मैं बगल में घुटने टेक कर कामिनी की पीठ में लोशन रगड़ने लगा। मैंने अपने लंड की उत्तेजित अवस्था को ढँक लिया था। आगे झुककर मैंने कामिनी की पीठ पर लोशन लगाया। जैसे ही मेरे हाथ उसकी पीठ पर चले गए, में उसकी त्वचा के चिकने एहसास पर अचंभा था।
मेरे मजबूत हाथों ने उसकी पीठ में लोशन पूरी तरह से मल दी थी, कामिनी ने फिर अपना सिर घुमाया और वह मेरी लंड ढकने वाली तंग सामग्री में फंसे मेरे खड़े लंड को देख रही थी।
मैंने उसके पैरों और मोटी लेकिन चिकनी मलाई भरी जांघों पर सन स्क्रीन लगाना शुरू कर दिया। अब मैं उसके चेहरे के बगल में घुटने टेक रहा था क्योंकि मैंने उसके पेट पर लोशन रगड़ना शुरू किया था और फिर उसके दूधिया दरार के ठीक ऊपर भी sunscreen मलने लगा। इस बीच मेरा लंड मेरी शॉर्ट्स में सख्त हो गया था और उसके चेहरे के बहुत क़रीब मँडरा रहा था। मैं ऐसे अभिनय कर रहा था जैसे मुझे इसका एहसास ही न हो और मैं उसके शरीर पर लोशन मलते रहा और आख़िर में उसकी सुदोल चूतदों पर।
कामिनी के दृष्टिकोण से -
उफफ़्फ़्फ रमेश का सक्थ लंड उसकी शॉर्ट्स में से उभर रहा था । उनका लंड बहुत बड़ा और ख़ासकर मोटा लग रहा था । वो मेरे चेहरे के इतने क़रीब था की चाहती तो उनके लंड के उभर को चूम सकती थी । उनका तना हुआ लंड अब मेरे होठों के आगे बस १ इंच दूरी पर मंडरा रहा था । में तो काफ़ी गीली हो चुकी थी।
अब पूरी मालिश के बाद हम वैसे ही क़रीब लेटे रहे।
फिर उन्होंने मुझे उनके साथ resort के पूल बार तक आने के लिए कहा। मेरे ससुरजी 2 घंटे में आने वाले थे तो क्यों न कुछ वक्त रमेश के साथ बिताया जाए में सोचने लगी।
हम पूल बार के पास जाकर कुछ देर बैठें। हम बार जा रहे थे तब रमेश जी बोले,
“माफ़ कीजिए अगर ये बोल्ड बात कह रहा हूँ लेकिन मुझे लग रहा हैं कि आपको ऐसी ही बिकनी में रहनी चाहिए।”
में मुस्कुरायी और कुछ बोली नहीं।
रमेश अब मेरे बगल में एक बार स्टूल में बैठ गया। उसने अपना हाथ मेरे चारों ओर रखा और अपना हाथ मेरे कूल्हे पर टिका दिया। मुझे अच्छा लगा। उसने मेरी गांड पर एक और नज़र डालने का भी मौका लिया और मुझसे कहा कि मैं अद्भुत लग रही हूँ ।
वह मेरे कूल्हे को हल्के से सहलाने लगे। मैं जान गयी थी कि वह मेरी गांड को छूना चाहता था, मुझे धीरे-धीरे लगा कि उसका हाथ नीचे जा रहा है, और मेरे कूल्हे से मेरे गाँड की गाल की ओर बढ़ रहा है। में कुछ नहीं कही बस देखना चाहती थी कितने बोल्ड हैं रमेश जी।
आखिरकार उनका हाथ मेरी गांड के गाल पर पहुँच गया, और धीरे से उसे सहला रहे थे। मैं इसका आनंद ले रही थी लेकिन एक मासूम महिला की तरह अनजान बन रही थी । मुझे हमेशा वहां छुआ जाना पसंद था और उसके अंगूठे ने उसे इतनी कोमलता से सहलाया - उसका इतना कोमल स्पर्श था। में बस उसकी तरफ देखी
और मुस्कुरायी और वह वापस मुस्कुराया -
“कामिनी क्या तुम यहीं मेरा विला हैं उसे देखने आओगी।”
में उसे नहीं बोली की में भी एक villa में रहती हूँ वो भी मेरे ससुरजी के साथ। अमीर मर्दों को अपने पैसों का रुबाब दिखाकर मेरी जैसी युवा लड़कियों को रिझाने में बहुत मज्जा आता हैं , यह मुझे पता था। में बस शर्म से सिर हिलायी और कही
“ठीक है रमेश जी दिखाइए”
में आगे अपनी नितम्बों को हिलाते हुए जा रही थी और बेशक रमेश मेरी हिलती चूतदों को घूरे जा रहे होंगे ।
Shukriya Kalpana ji .. aur ras bhare updates aaenge !!Ohhhh wowwww