abida jahan
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Kitne ache se pativrata stree randi ban rahi haiकुछ और मिनट उनके लंड को चूसने के बाद उन्होंने मुझे सोफे पर ही लिटा लिया और मेरी बुर चाटने लगे|
में सिसकिया लेने लगी “आह आह मेरे डर्लिन चोदू ऐसे ही चाटो अपनी बहू की मस्तानी चूत को, आह खा जाओ पूरी चूत को। मे कब से अपनी चूत चाटने के लिए तरस रही थी और चाटो मेरे डर्लिन चोदू और ज़ोर से चाटो आह आह बस चाटते रहो, सी सी आह आह… !! शाबाश मेरे डर्लिन चोदू ऐसे ही खूब चूसो अंकल मेरी इन बातो को सुन कर और ज़ोर से मेरी फूली हुई बुर चाटने लगे । तभी अंकल ने मेरी छूत के दाने को अपने दोनो होंठो के बीच दबा कर कस के चूसना शुरू कर दिया और में उनका सर अपनी मस्तानी बुर पर दबाने लगी और सीसीयाने लगी आह आह ..सी ..सी..में अब ज़ोर ज़ोर से अपनी गांड उपर की ओर उठाने लगी और अपना रस अंकल के मूह मे छोड़ने लगी और उसका नमकीन रस के स्वाद ने अंकल को पागल कर दिया और वह मेरी चूत के छेद पर अपनी चीभ लगा कर उसका रस चूसने लगे। में अपनी चुत का सारा रस अंकल के मूह मे छोड़ दि जिसे अंकल बड़े चाव से पूरा का पूरा चाट गए और में झाड़ गई । अंकल ने जब अपना मूह हटाकर मेरी चूत देखी तो वह एक दम लाल हो चुकी थी और अब अंकल से ऐसी लाल फूली हुई भोसड़ी देख कर रहा नही गया और उन्होंने अपना लंड मेरी चूत मे लगा कर एक ज़ोर का झटका मारा और पूरा लंड मेरी मस्तानी चूत मे उतार दिया.
मेरा बदन उस झटके से आकड़ गया और अंकल ने मेरी मोटी गंद के नीचे अपने दोनो हाथ लेजाकर मेरे मोटे चुतदो को दबोच कर तगड़े धक्के मारना शुरू कर दिए और में मज़े से अंकल का लंड लेते हुए अपनी गांड हिलाने लगी. करीब दस मिनिट तक मुझे चोदने के बाद अंकल ने मुझे उल्टा करके झुका दिया और मेरी मोटी गांड को देखते ही पागलो की तरह मेरी गांड और चूत को पीछे की तरफ़ से बुरी तरह चाटने लगे , में ज़ोर ज़ोर से सीसीयाने लगी और अंकल मेरी गांड और चूत की मदहोश कर देने वाली महक को शुंघ कर पागलो की तरह मेरी गांड का छेद और बुर को अपनी जीभ से दबा दबा कर चाटने और चूसने लगे । करीब 5 मिनिट तक चूत और मोटी गांड़ की चटाई के बाद अंकल ने फिर अपने मोटे लंड को मेरी चूत मे एक तगड़े झटके के साथ अंदर पेल दिया और वैसे करते ही मेरे मूह से एक घुटि हुई चीख निकल गई और अंकल सटासट अपना लंड मेरी चूत मे पीछे से ठोकने लगे । करीब 10 मिनिट की तगड़ी ठुकाई ने मेरी चूत को बिल्कुल लाल कर दिया था ।
अंकल अब और ज़ोर ज़ोर से कस कस कर धक्के मारने लगे और में हाय हाय उफ्फ mmmm डार्लिंग करने लगी और पूरे कमरे मे मेरी ठुकाई से ठप ठप का संगीत गूंजने लगी।
अंकल ने कुछ देर मेरी ऐसी ठुकाई की और फिट से अपना लंड मेरी बुर से बाहर निकालकर अंकल ने अपने लण्ड मेरी चूत के होठों को थोड़ा अलग करते हुए रगड़ना शुरू किया।
अंकल अपने लण्ड को चूत पर रगड़ते हुए मुझे और भी उत्तेजित करने लगे।
‘हाँ, हाँ, मुझे चोद दो, इस लम्बे तगड़े लण्ड से मेरी चूत को चोद दो!’ में बोली ।
अंकल यही सब सुनना चाहते थे , और अब अंकल एक विजयी भाव से मेरी गीली चूत को छोड़ते रहे ।
अंकल ने अपना लण्ड मेरी चूत के बीच में टिकाया और मेरे मुंह से एक सुख भरी आह निकल गई।
अंकल ने एक झटके में अपना पूरा लन्ड मेरी गीली गर्म चूत में फिर से डाल दिया और मुझे चोदने लगे।
अंकल मेरी चूत के अपने लण्ड पर कसी हुई पकड़ से उत्तेजित थे और में अंकल के लण्ड के चूत में अन्दर तक जाकर चोदने से उत्तेजित हुई ।
जैसे ही अंकल ने मेरी चूतड़ों को पकड़ा और अपने लण्ड को जितना अन्दर वह डाल सकते थे उसे डाल दिया और फिर में भी उनके धक्कों को और महसूस करने अपने पैरों को उपर उठाकर अंकल के इर्द गिर्द लपेटे उन्हें क़स कर जकड़ ली।
अंकल अपने लण्ड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगे
जब में उत्तेजना से कराहने और चिल्लाने की आवाज करने लगी, तब अंकल और तेजी से मुझे चोदने लगे।
मेरे निप्पल सख्त होकर पसीने से चमक रहे थे, और मेरे चेहरे पर आनन्द के भाव साफ झलक रहे थे, जैसे जैसे में उफ्फ यू क्ले मेरी बुर की ठुकाई करोये और करिए सिसकियाँ मारती रही उन्होंने अपने कूल्हों को तेजी से आगे पीछे चलाने लगे और मेरी ठुकाई करते रहे ।में भी उनके हर धक्कों का पूरा मज्जा लेने के लिए अपने पैरों को और अधिक जोर से अंकल को जकड़ रही थी-
आअह हहह आआअहहह हहहह अंकल ! चोदो मुझे! हाँ चोद दो, और जोर से चोदो मेरी चूत को।
‘चोदो, हाँ चोद दो मेरी चूत को…’ अंकल के द्वारा दिए गए हर झटके के साथ में अपने सर को पीछे की तरफ फेंक रही थी और अपने बदन को धनुष की तरह मोड़ने लगी, जिससे जंक लंड मी छूत की और गहराईमें जाने लगा और वह मेरी बुर पेलते रहे अपने तगड़े और मोटे लंड से ।
अंकल ने एक हाथ से मुझे अपनी ओर खींचे और मेरे निप्पल को चूसने लगे।
मुझे एक पूर्ण आनन्द की अनुभूति करवाने के लिए अंकल मेरे निप्पल्स को जोरदार तरीके से चूसने लगे और में आनन्द के सागर में गोते लगाने लगी।
फिर अंकल थोड़ा रेस्ट करने अपने लिंड को मेरी बुर से एक plop की आवाज़ से निकला।
लगभग दो मिनट तक हम शांत हो गए।
अंकल मेरी स्थिति को निहार रहे थे।
मेरी आंखें बन्द थी, में जोर जोर से साँसें ले रही थी, मेरा पूरा शरीर पसीने से चमक रहा था।
अभी तक अंकल स्खलित नहीं हुए थे । कुछ २ मिन बाद उन्होंने अपना लण्ड अपने हाथों में फॉर से लिए और मेरे साइड में आकर मुझे पीछे घूमने को कहा।
में वैसे सी सोफा पर घूमकर लेट गई और अपने चूतड़ अंकल की तरफ कर दिए।
मेरे पैर पूरी तरह से सोफे पर। अहि टिक रहे थे ।
अंकल ने दुबारा से अपना लण्ड पीछे से मेरी चूत में डाल , बहुत तेज गति से मेरी चूत को पीछे से चोदने लगे। में अंकल के लण्ड को पीछे की तरफ से अनुभवी तरीके से अपनी चूत में ले रही थी।
अंकल अर्थपूर्ण नजरों से मेरी गान्ड को देख रहे थे । अंकल ने अब मेरी गांड को निशाना बनाने के बारे में सोचा। आखिरकार अंकल मेरी गांड को पकड़ उसे फैलाने लगे। उन्होंने अपनी एक उंगली को मेरी गांड के छेद में डाल दिया।
‘हे! जरा रूको। यह क्या कर रहे हो? मैं गान्ड नहीं मरवाऊँगी, अपनी गान्ड तो मैंने कभी अपने पति से भी नहीं मरवाई है।’ में ये पीछे घूमकर अंकल को डदेख की इस हरकत का झूट मूठ का विरोध करी।
(में तो काफ़ी बार अपनी गांड मरवाई थी )
अंकल बस मुझे देखे और एक शरारती मुस्कुराहट दी और अपनी दूसरी उंगली भी मेरी गांड में डाल दी।
मेरी गांड को चोदने के लिए वह उंगलियों को अन्दर बाहर करने लगे और गांड के अन्दर घुमाने लगे।
पूरी तैयारी के साथ अंकल ने अपने लण्ड को मेरी गांड के छेद पर रखे ।
अंकल ने अपने लंड पर तेल लगाया और पूरे जोर के साथ अपना लण्ड मेरी गांड में पेलने की कोशिश की।
मुझे अहसास हुआ कि अंकल अब मेरी गान्ड मारे बिन मानेगा नहीं । अंकल ने मेरी चूत की वाकयी अच्छी चुदाई की थी और अब में अपनी गांड मरवाने वाली थी और में अपनी गांड को ढीली छोड़ दि और अंकल ने मेरी कसी हुई गांड में अपना लण्ड घुसा ही दिया।
अंकल ने मेरी कूल्हों को पीछे से जकड़ा हुआ था और उनका लण्ड मेरी गांड में पूरी तरह से घुसा जा रहा था।
जब लण्ड पूरी तरह से अन्दर चला गया तो अंकल अपने लंग को मेरी गांड के छेद में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगे।
में इस नए आनन्द को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी।
एक तरफ तो गांड पर हुआ यह हमला जोरों का था तो दूसरी तरफ गांड में गहराई तक समाए हुए लण्ड का स्खलन मेरे लिए आनन्ददायक था।
में बस जोरों से कराहती हुई आवाजे निकली और में अपनी गांड मरवाने का मजा लेने लगी।
अब मेरे मुंह से ‘आहहम्म्म आअहह आह…’ की आवाजें आने लगी।
अंकल मुझे सोफे पर दबाए हुए लगातार मेरी गांड में धक्के मार रहे थे।
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में अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गई और अपनी चूत को उंगली से सहलाने लगी।
अंकल भी अब अपने चरम सीमा पर लग रहे थे , वह कराहते बोले की वह ज्यादा देर नहीं रूक सकते थे ।
में तो दुबारा से झड़ गई थी और मेरी चूत से निकला पानी मेरी गोरी चिकनी जांघों से होकर बहने लगी थी।
अंकल ने अपना लन्ड बाहर निकाला और मुझे सामने घुमाकर मेरे चेहरे पर अपने लंड से निशाना बनाये। उनका लण्ड अब मेरी मांसल चूचियों के ऊपर था।
अंकल अब मेरी चुच्छियों के बीच अपने मोटे लंड को रख मेरी चूचुकों को मसलने लगे, और में पागलों की तरह चीख रही थी- हाँ हाँ आओ, मेरे चेहरे पर झड़ जाओ डार्लिंग …
आहहह हहहम्म्म ओेहह!
मेरे मुंह से आवाजें आ रही थी।
सन्तुष्टि भरी आवाज के साथ अंकल ने अपना पूरा गाढ़ा सफेद माल मेरे चेहरे और चूचियों पर निचोड़ दिया।
अंकल के लण्ड से निकलने वाली पहली धारा ऊपर जाते हुए मेरे प्लंप गुलाबी होंठों पर गिरी, बाकी बचा हुआ मेरे गले और चुचों पर गिर गया।
सब कुछ समाप्त हो जाने के बाद वह २ मिन बाद मेरे नंगे बदन के ऊपर से हटे और अंकल वाशरूम चले गए।
में अभी वहीं लेटी हुई थी और अपनी सांसों को नियंत्रित करने की कोशिश रही थी।
अंकल के लण्ड का गधा सफेद माल मेरे चेहरे से बह रहा था,
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तो में ने अपनी जीभ निकाल कर अपने होंठों पर लगे वीर्य को चाट ली।
उधर अंकल वाशरूम से बाहर मेरे पास आए, उनके चेहरे पर संतुष्टि छायी हुई की उन्होंने एक जवान घोड़ी जैसे महिला की जबरदस्त चुदाई करने का नायाब मौका मिला था। और अब तो रात भी बाक़ी थी और चुदाई भरा वीकेंड भी।












