धिरेनको समजमे नही आरहा था.. की पुनमको डीवोर्स देनेके बाद भी लखन उनके साथ अच्छेसे बात कैसे करता हे..? कही लखन उनके साथ कोइ गेम तो नही खेल रहा..? तो इधर साम पांच बजते ही लखन नीलमको स्कुलसे घरपे ड्रोप करदेता हे.. ओर होस्टेलपे चला जाता हे.. तो बेन्कसे छुटी होते ही धिरेन थोडा गभराते होस्टेलपे लखनके पास आजाता हे.. लखन उसे स्माइल करते हाथ मीलाता हे ओर चेरपे बीठा देता हे.. तब..
लखन : (मुस्कुराते) धिरेन भैया.. कैसे हो..?
धिरेन : (थोडा गभराते) भाइ मे तो ठीक हु.. आप बताओ.. मुजे कैसे याद कीया..?
लखन : (मुस्कुराते डीवोर्सके पेपर देते) ये लीजीये.. बडे भैयाने दीये हे.. आपके ओर पुनोदीदीके डीवोर्सके पेपर.. यही चाहीयेथानां आपको..? लीजीये..
धिरेन : (आस्चर्यसे देखते पेपर लेते) जी.. भाइ.. पुनोतो केह रही थी ये सबकी हाजरीमे देगी.. तो फीर..?
लखन : (मुस्कुराते) भाइ.. अब आपको वहा आनेकी जरुरत नही हे.. क्युकी भाभीने आपसे रीस्ता तोड दीया हे.. उन्होने आपको दो तीन बार फोन कीया था.. लेकीन आपने उठाया ही नही.. तो भाइने ये पेपर आपको देनेके लीये कहा था.. भाभी बहुत परेसान हे.. वो बहुत रोइ..
धिरेन : (नजर चुराते) भाइ.. मे वहा कीस मुहसे जाता..? आप तो जानते हे सब.. लेकीन मुजे अेक बात समजमे नही आइ..? आपको तो सब पता हे.. फीर भी आप मेरे साथ इतना अच्छा व्यवहार कैसे करते हे..?
लखन : (मुस्कुराते थोडा जुठ बोलते) भाइ.. मत भुलो आप मेरे जीजासे पहेले अच्छे दोस्त भी हे.. खैर अब जीजा तो नही रहे.. लेकीन हम अभी दोस्त तो हे.. मेने आपसे दोस्ती अैसे ही नही की.. मे जीसे दोस्त बनाता हु उनके साथ कभी रीलेशन खराब नही करता.. ये कहो.. आपने भाभीसे बात क्यु नही की..?
धिरेन : (थोडा गभराते) भाइ.. सच कहु..? अेक डरकी वजहसे.. मुजे पता हे मम्मी मुजे खुब खरी खोटी सुनाअेगी.. इसीलीये उनका फोन उठानेकी हींमत नही हुइ..
लखन : (मुस्कुराते) खैर जाने दीजीये.. जो होनाथा सो होगया.. कहीये.. आगेका क्या प्लान हे आपका..?
धिरेन : भाइ.. बस.. ओर कुछ नही.. कल मकानका रजीस्ट्रेशन होगया.. ओर मकानकी चाबी भी मील गइ.. अब मे नीलुसे सादी करना चाहता हु.. भाइ.. इनमे मुजे आपकी मदद चाहीये.. क्या आप हमारी मदद कर सकते हे..?
लखन : (मुस्कुराते) हां क्यु नही..? पता हे मुजे तुम नीलुसे सादी करना चाहते हो.. इसीलीयेतो आपने पुनोको डीवोर्स दिया हे.. भाइ.. अेक बात समजमे नही आइ.. क्या मुजे बता सकते हो..?
धिरेन : (मुस्कुराते) भाइ क्यु सर्मीन्दा कर रहे हो..? हम दोस्त हे.. पुछनेमे कैसी परमीसन..? पुछो..
लखन : (मुस्कुराते) हंम.. आपको भी पता हे अगर आप नीलुसे सादी करलेते तो पुनोदी कभी अेतराज नही करती.. वो नीलुको अेक्सेप्ट करलेती.. क्युकी हमनेभी दो दो तीन तीन सादीया कीहे.. तो फीर मुजे नही लगता पुनोको इस बातपे अेतराज हो.. क्या पुनोको डीवोर्स देनेकी असली वजह जान सकता हु..?
धिरेन : (नजरे चुराते धीरेसे) भाइ.. इनकी असली वजह ना जानोतो ही बहेतर हे.. क्युकी मुछ पर्सनल बाते हे जो मे आपको नही बता सकता.. क्युकी आप पुनोके भाइ हो..
लखन : (मुस्कुराते) तो क्या हुआ..? हम दोस्त भी तो हे.. ओर हमने अैसी कइ बाते कीहे.. तो मुजे नही लगता तुजे बतानेमे कोइ अेतराज हो.. बता..
धिरेन : (नजरे चुराते धीरेसे) भाइ.. वो.. वो.. हम दोनोकी सेक्स लाइफ अच्छी नही थी.. मुजसे दुसरी ओरत तो संतुस्ट होजाती थी.. लेकीन इस बातपे पुनो हमेसा मुजसे खरी खोटी सुनाती थी.. बस.. इसीलीये हम दोनो अलग होगये.. बाकी कुछ नही था..
लखन : (मुस्कुराते) धिरेन.. पुनोको संतुस्ट करना तेरा काम भी नही हे.. क्युकी तुजे पता नही वो कौन हे.. खैर.. छोड ये सब.. बता.. क्या कर रही हे पायल भाभी..? अब उसे मीलते होकी नही..? हें..हें..हें..
धिरेन : (हसते) नही भाइ.. इस बारेमे पुनोको सब पता चल गया.. इसीलीये तो हमारे बीच जगडा हुआ.. ओर बात डीवोर्स तक आगइ.. जीसकी वजहसे अब पायल भाभीके साथ भी रीलेशन खतम होगया.. भाइ.. वो.. वो.. पुनो..? क्या उसने कुछ सोचा हे..? आइ मीन.. दुसरी सादी..
लखन : (मुस्कुराते) धिरेन.. अब तुम पुनोकी चीन्ता क्यु करते हो..? अब इनका जो भी कुछ करना हे.. हम देख लेगे.. आप पुनोके बोरेमे पुछनेका हक खो चुके हो..
धिरेन : (सामने देखते) हां भाइ.. सही कहा आपने.. लेकीन मे ये अेक दोस्तके नाते पुछ रहा हु.. बाकी कुछ नही..
लखन : (मुस्कुराते) हां तो फीर ठीक हे.. सुनो.. अब पुनो सीर्फ मेरी जीम्वेवारी हे.. पता हे क्यु..? क्युकी मे ओर पुनो आपसमे सादी कर रहे हे..
धिरेन : (आस्चर्यसे देखते) व्होट..? लेकीन भाइ.. वो.. वो तो आपकी बहेन हेनां..? फीर भी..?
लखन : (मुस्कुराते सांत लहजेमे) हां.. तुमतो जानते हो.. हमारे खानदानमे सभीने अपनी बहेनसे ही सादी कीहे.. तो मेभी मेरी बहेनसे ही सादी कर रहा हु.. ओर थेन्क्स.. क्युकी ये सब आपकी वजहसे ही मुमकीन हुआ.. अगर आप उनको डीवोर्स नही देते तो मुजे इतनी खुबसुरत बहेन कैसे मीलती..? खैर.. जाने दिजीये ये सब अब हमारे घरकी बात हे.. बस.. आपसे अेक रीक्वेस्ट करनी हे..
धिरेन : भाइ.. आपने मेरे लीये इतना कुछ किया हे.. तो फीर बार बार मुजे क्यु सरर्मीन्दा कर रहे हे.. कहीये क्या करना हे मुजे..?
लखन : (मुस्कुराते) भाइ.. हो सकेतो आज ही आप अेक बार भाभीसे फोनपे बात करलो.. वो आपके लीये बहुत परेसान हे.. क्युकी आप उसे लेने भी नही आये थे.. बाकी.. अब आपकी ओर नीलुकी सादीकी जीम्वेवारी मेरी.. वो भी अेक सर्तपे.. क्युकी मे नीलुकी पढाइको डीस्टर्ब करना नही चाहता..
धिरेन : ठीक हे भाइ.. मम्मीसे बात तो मे करलुगा.. लेकीन आपकी सर्त क्या हे..?
लखन : भाइ सर्त तो कुछ नही हे लेकीन मेने ओर लताने नीलुकी पढाइकी जीम्वेवारी ली हे.. तो मे चाहता हु.. नीलु सादीके बाद भी हमारे घरपे रहेगी.. ओर अपनी पढाइ पुरी करेगी.. जब वो ग्रेज्युअेशन कंपलीट करले.. तब आप उसे लेजाना.. तबतक वो बीच बीचमे आपसे मीलती रहेगी.. ओर आपसे मीलवानेकी जीम्वेवारी भी मेरी.. बोलो क्या कहेते हो..? अगर आपको मंजुर हे तो मे वादा करता हु नीलुकी सादी आपसे करवा दुगा..
धिरेन : (मुस्कुराते) भाइ ये बात तो नीलु भी केह रही थी.. ठीक हे मुजे कोइ अेतराज नही हे.. डन..
लखन : (मुस्कुराते) ठीक हे धिरेन.. तो फीर तुम कल कोर्टमे मेरेजकी अेप्लीकेशन डालदो.. तब जाके तुमको अेक दो महीनेके बादकी डेट मीलेगी.. तब मे नीलुको लेकर आजाउगा.. तुम दोनो सादी करलेना.. ओर मे वादा करता हु.. उस दिन वो पुरा दिन ओर रात तुम्हारे साथ रहेगी.. तो तुम अपनी सुहागरात भी मनालेना..
धिरेन : (सरमाते हसते) क्या भाइ.. क्यु मजाक करते हो..? ठीक हे तो फीर मे चलता हु.. ओर मे आज ही मम्मीसे बात करलेता हु..
लखन : (मुस्कुराते) धिरेन.. अेक ओर बात.. मेने नीलुकी सादी तुमसे करवादी हे.. इस बातका उनकी फेमीलीको कभी पता नही चलना चाहीये.. अगर उसे पता चला.. तो फीर तुम्हारी ओर पायल भाभीकी क्लीप मेरे पास हे.. तुम समज गयेनां..
धिरेन : (थोडा गभराते) भाइ.. मुजे मरना हे क्या..? आप मेरी इतनी मदद कर रहे हो.. तो फीर मे क्यु बताउगा..? भाइ यकीन करो.. कीसीको कुछ पता नही चलेगा.. चलो मे चलता हु.. बाय..