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Incest मुझे प्यार करो,,,

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lovlesh2002

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अंकित की नानी अंकित को ब्लाउज का बटन खोलने के लिए बोल रही थी क्योंकि जिस तरह से अंकित अपनी नानी का ब्लाउज खोल रहा था उससे ब्लाउज फटने की संभावना पूरी तरह से बढ़ जा रही थी और अंकित की उत्तेजना और उसकी उत्सुकता देखकर अंकित कि नानी भी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,, अंकित की नानी को एहसास होने लगा था कि उसकी दी हुई शिक्षा काम आ रही थी अंकित एक ही रात में बहुत कुछ सीख गया था इसीलिए तो उसके होठों को बिल्कुल भी अपने होठों से अलग नहीं कर रहा था उसके होठों का रस पीता हुआ वह अपनी नानी की बात मानकर उसके ब्लाउज का बटन खोलना शुरू कर दिया था,,, अंकित का दिल जोरो से धड़क रहा था उसकी उत्तेजना संपूर्ण रूप से परम शिखर पर थी, वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था। ब्लाउज का बटन खोलने में भी उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी वैसे तो वह अपनी मां के कपड़े अपने हाथों से उतार चुका था लेकिन आज पहली बार उसे अपनी नानी का ब्लाउज का बटन खोलने का अवसर मिल रहा है इसलिए उसकी उत्सुकता और उत्तेजना अद्भुत होती चली जा रही थी।

अंकित की नानी की चुचिया बड़ी-बड़ी थी और चूचियों के आकार की अपेक्षा ब्लाउज का आकर थोड़ा छोटा था इसलिए वह बड़े कस के बटन को बंद की थी जिसे उतारने में अंकित के पसीने छूट रहे थे,,,, अंकित ऊपर के दो बटन खोल चुका था तीसरा बटन खोलने में उसे बड़ी जहमत उठानी पड़ रही थी,,,, यह देखकर उसकी नानी बोली,,,।

क्या करता है अंकित तू औरत का ब्लाउज का बटन नहीं खोल पा रहा है तो उसे खुश कैसे कर पाएगा,,,,


कुछ नहीं नानी लगता है कि ब्लाउज बहुत कस हुआ है,,,(अपने होठों को अपनी नानी के होठों से अलग करता हुआ वह बोला और उसकी बात सुनकर उसकी नानी बोली,,,,)

ब्लाउज कसा हुआ नहीं है मेरी चूचियां बड़ी-बड़ी है,,,, क्या तुझे नहीं लगता कि मेरी चूची बड़ी है,,,।

लगता तो है नानी एकदम खरबूजे की तरह है,,,,(ब्लाउज के चौथे बटन को खोलता हुआ वह बोला और जैसे ही चौथा बटन खुला उसके चेहरे के मुस्कान बढ़ने लगी,,,)

तुझे छोटी-छोटी चूची अच्छी लगती है कि बड़ी बड़ी,,,,।

पहले तो ऐसा कुछ भी नहीं था नई लेकिन कल रात से सब कुछ बदलता हुआ नजर आ रहा है मुझे तो तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूची अच्छी लगती है,,,(आखरी बटन को खोलने का प्रयास करता हुआ अंकित बोला उसकी बात सुनकर उसकी नानी मंद मंद मुस्कुरा रही थी,,,, और अगले पल अंकित अपने प्रयास को सफल करता हुआ अपनी नानी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल चुका था और उसके दोनों पल्लू को पकड़ कर एक दूसरे से अलग कर दिया था ब्लाउज के खुलते ही अंकित की नई की बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम से हवा में लहराने लगी ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे कबूतर कैद से आजाद हो गए हो,,, अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचियों की तरफ देखकर मुस्कुराता हुआ अंकित बोला,,,)

सच में नानी तुम्हारी चुची बहुत खूबसूरत है,,,।

तेरे लिए ही है जैसा मन करे वैसा इसके साथ खेल,,,,।
(इतना सुनते ही अंकित अपने दोनों हाथों को आगे बढ़कर अपनी नानी की चूचियों पर रख दिया और गहरी सांस लेता हुआ उसे दबाना शुरू कर दिया अंकित की हथेलियों में पूरी तरह से मर्दाना ताकत भरी हुई थी, जिसका एहसास अंकित के नानी को भी अच्छी तरह से हो रहा था अंकित उत्तेजना के चलते बड़ी जोर-जोर से उसकी चूचियों को मसल रहा था दबा रहा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देखकर उसकी नानी का बुर का पानी पिघल रहा था,,,, अंकित की नानी से रहा नहीं गया और वह पेट में बने तंबू को अपने हाथ में पकड़ ली और उसे जोर-जोर से पेट के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दी जिससे अंकित की हालत और ज्यादा खराब होने लगी,,,

अंकित तो अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचीयो को अपने हाथ में लेकर पागल हो गया था कुछ अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि वाकई में औरत की चूचियों से खेलने में कितना मजा आता है,,, और से जोर-जोर से मसलता हुआ वह धीरे से अपने होठों को चूचियों की तरफ ले गया उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया अंकित की हरकत से उसकी नानी उत्तेजना और प्रसन्नता से गदगद हुए जा रही थी क्योंकि उसकी नानी को लगने लगा था कि आज उसे कुछ सीखाने की जरूरत नहीं है,,,, अंकित अपनी हरकतों से अपनी नानी का पानी छुडा रहा था,,,, वह बारी-बारी से अपनी नानी की दोनों चीजों को मुंह में लेकर पी रहा था उसकी कड़ी निप्पल को कैडबरी चॉकलेट की तरह अपने दांतों के बीच लेकर दबा दे रहा था और जब-जब अंकित यह हरकत करता था तब तक अंकित की नानी के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगती थी,,,,।

आज भी कमरे में ट्यूबलाइट चल रही थी उसके दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था।
अंकित अपने मन में यही सोच रहा था कि अच्छा हुआ आज भी ट्यूब लाइट जल रही है क्योंकि अंधेरे में अपनी नानी का खूबसूरत नंगा बदन वह देख नहीं पाता ,,, बस बात को अच्छी तरह से जानता था कि उसके घर में बाकी के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे होंगे क्योंकि उसकी आंखों के सामने ही उसकी मां पेशाब करने के बाद अपने कमरे में सोने के लिए गई थी उसकी बहन तृप्ति तो पहले ही अपने कमरे में जाकर सो रही थी इस समय सिर्फ उसकी नानी और वह खुद जाग रहे थे उन दोनों की आंखों से नींद कोसों दूर जा चुकी थी क्योंकि समय दोनों जवानी का मजा लूट रहे थे,,, अंकित पागलों की तरह अपनी नानी की चूची को दबा भी रहा था उसे मुंह में लेकर पी रहा था ऐसा लग रहा था कि बरसों की हसरत को हुआ आज ही पूरी कर लेना चाहता हो,,, और अक्सर अंकित की नानी को ऐसे ही मर्द पसंद रहते हैं जो औरत के हर एक अंग से जी भर कर खेलें जी भर कर प्यार करें और अंकित वैसा ही कर रहा था,,,।

कुछ देर तक किसी तरह से अपनी नानी की चूची से खेलने के बाद अंकित अपनी नानी को पूरी तरह से लग्नावस्था में देखना चाहता था उसके बदन से बाकी के वस्त्र को उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी कर देना चाहता था और वैसे भी अंकित की नई की तरफ सबसे पूरी छूट मिली हुई थी आज की रात में उसकी नानी के लिए उसका पति था और वह अपनी नानी के साथ एक बीवी की तरह,,, अपनी नानी की चूचियों से मुंह हटाने के बाद वह गहरी गहरी सांस लेता हुआ अपनी नानी की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था उसकी नानी भी उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी अंकित की नानी को है लगने लगा था कि उसका नाती आज सफल हो जाएगा,,, वह भी मदहोश हुए जा रही थी उसे भी अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसकी बुर से पानी निकल रहा है,,,,,,, अपनी नानी के द्वारा दिए गए छुट का फायदा उठाते हुए वह अपनी नानी की बाहों को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे बिस्तर पर से खड़ी करने लगा उसकी नानी भी उसका इशारा समझ कर बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई वह मुस्कुरा रही थी वह देखना चाहती थी कि उसका नाती अब क्या करता है,,,,।

उसकी नानी एकदम हैरान हो गई जब अंकित उसका हाथ पकड़ कर एकदम से उसके पीछे चला गया और पीछे से उसे अपनी बाहों में जाकर लिया पीछे से वह अपने दोनों हाथों को अपनी नानी की चूची पर रखकर से दबाते हुए उसके गर्दन पर चुंबन करने लगा यह अंकित की नानी के लिए हैरान कर देने वाली बात थी क्योंकि यह समर्थ तभी करता है जब वह पूरी तरह से औरत को समझने लगता है उसे औरत को खुश करने का हर एक कला आती हो लेकिन यह सब तो अंकित के लिए पहली बार था कल रात वह जितना सिखाई थी यह उससे ज्यादा ही था,,,, लेकिन अंकित की हरकत उसे आनंदित कर रही थी अंकीत उसे पीछे से अपनी बाहों में भरकर उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलते है उसके गर्दन पर चुंबन करते हुए पीछे से ही अपने लंड को उसकी गांड के बीचों बीच चुका रहा था जिसका हिस्सा अंकित को भी था और अंकित की नानी को भी अंकित की नानी पूरी तरह से मचल रही थी मदहोश हो रही थी,,, अंकित की रानी को अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसका लंड किसी भाले से कम नहीं था जो बड़े आराम से गांड के बीचों बीच साड़ी के ऊपर से भी पहुंच जा रहा था,,,। अंकित की हरकत से अंकित की नानी की सिसकारी छूट रही थी,,,।

सहहहह आहहहहहहह,,,,अंकीत मेरे राजा तू तो एक ही रात में पूरा मर्द बन गया है,,,,,आहहहहह,,,,,।

(अपनी नानी के मुंह से कहे गए इस शब्द को सुनकर उसका हौसला बढ़ने लगा था उसकी हिम्मत बढ़ने लगी थी वह मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और इस बात की खुशी उसके मन में और ज्यादा थी कि अच्छा हुआ उसकी नानी उसे यह सब सीख रही है अगर उसे सच में मौका मिल गया अपनी मां की चुदाई करने का तो अपनी नानी के साथ जो कुछ भी सीखा है वह उसका पूरा उपयोग अपनी मां के साथ करेगा और उसे पूरी तरह से खुश कर देगा,,,, अपनी नानी की गर्दन पर चुंबनों की बौछार करते हुए अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा,,, यह उसकी नानी के द्वारा उसके हिम्मत की तारीफ करने का ही नतीजा था जो अंकित इस कदर अपनी नानी के साथ खुलने लगा था,,, अंकित की नई अच्छी तरह से समझ रही थी कि अंकित उसे पूरी तरह से नंगी देखना चाहता है उसके नंगे बदन का दर्शन करना चाहता है,,,, अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा और अगले ही पल अपनी नानी की साड़ी को खोलकर वह साड़ी को जमीन पर गिरा दिया,,,,।

इन सब के बावजूद अभी भी उसके बदन पर ब्लाउज टिका हुआ था और उसकी नग्नता को छुपाने के लिए पेटिकोट उसके बदन पर अभी भी बरकरार था,,,, अंकित अपने दोनों हाथों से अपनी नानी का ब्लाउज पकड़ कर उसकी बाहों से उसे अलग करने लगा उसकी नानी भी इसमें उसका सहयोग करने लगी अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ कर दी ताकि बड़े आराम से अंकित उसके ब्लाउस को उधर सके और अगले पर वह अपनी नानी के बदन पर से ब्लाउज को भी उतार कर नीचे जमीन पर गिरा दिया था अब केवल पेटिकोट उतरना बाकी रह गया था लेकिन पेटिकोट उतारते से पहले वह एक बार फिर से अपनी नानी के बदन से सट गया और अपनी हथेली को सीधे-सीधे उसके पेटिकोट के ऊपर से ही उसकी बुर पर रख दिया और उसे पेटिकोट के ऊपर से ही मसलनी शुरू कर दिया अंकित की नानी को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि अंकित इस तरह की हरकत कर देगा,,, इसलिए वह एकदम से मदहोश हो गई थी और मदहोशी भरे स्वर में बोली।


सहहहहह आहहहहहह,,,,, अंकित तू तो पूरा चालू है मैं कभी सोचती नहीं थी कि तू एक ही रात में इतना कुछ सीख जाएगा,,,।

जब सिखाने वाली तुम जैसी गुरु हो नानी तब चेला कैसे आगे नहीं बढ़ पाएगा,,,(अंकित इस तरह से पेटीकोट के ऊपर से ही अपनी नानी की बुर को मसलता हुआ बोला और अपनी बात को आगे बढ़ाता हुआ बोला,,,) नानी तुम्हारी बुर तो बहुत गीली गीली लग रही है कहीं पेशाब तो नहीं कर दी हो,,,,।

कल तुझे बताई थी,, यह पेशाब नहीं है जब औरत मत हो जाती है तो इसी तरह से लार टपकती है जैसे स्वादिष्ट भोजन देखकर मुंह में पानी आ जाता है ना उसी तरह से जब लगने लगता है कि औरत को मजा आने वाला है तभी इसी तरह से बोलने से लार टपकने लगता है समझा कि नहीं,,,,।

ओहहह नानी बिल्कुल समझ गया,,,,, अब तो मैं तुम्हारी बुर का पानी निकालते हुए देखना चाहता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही अंकित अपनी नानी के पेटीकोट की डोरी को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे ज़ोर से एक झटके से खींच दिया अगले ही पल अंकित की नई की पेटिकोट एकदम से ढीली हो गई लेकिन फिर भी उसकी कमर पर टिकी हुई थी जिसे अंकित अपने दोनों हाथों की उंगलियों का सहारा देकर उसे कमर पर से ढीला किया और उसे उसी अंदाज में ऊपर से ही नीचे छोड़ दिया और अगले ही पल पेटिकोट उसके कदमों में जा गिरा,,,, लेकिन अंकित एकदम से हैरान हो गया जब देखा कि उसकी नानी पैंटी पहनी हुई थी यह देखकर उसके चेहरे पर उत्तेजना और मदहोशी के भाव और भी ज्यादा बढ़ गए और वह अपनी नानी से बोला,,,,)

क्या बात है नानी आज तो तुम पैंटी पहनी हो,,,,।

तेरे लिए ही पहनी हूं शायद तु नहीं जानता मर्द जब औरत के कपड़े उतारता है तो उसकी चड्डी उसकी पेंटि उतारने में उसे और भी ज्यादा मजा आता है और मुझे पूरा यकीन है कि तू मेरे बदन पर मेरी पैंटी देखकर और भी ज्यादा मस्त हो गया होगा।

क्या बात है नई बिल्कुल सही नहीं तो हैरान हो गया तुम्हारे बदन पर पेटी देखकर इसे सच में अपने हाथों से उतारने में बहुत मजा आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित को उसकी मां याद आ गई जब वह दवा खाने में अपने हाथों से अपनी मां की पेंटिं उतारा था,,, लेकिन वह दवा खाना था और आज वह अपने घर में है और आज वह अपनी मां की नहीं बल्कि अपनी नानी की पेंटिं उतारने जा रहा है जिसके साथ कुछ भी करने कि उसे इजाजत प्राप्त है,,,, अपनी नानी को पेंटि में देखकर एक बार फिर से उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और बार फिर से उसे एकदम से अपनी बाहों में भर लिया और इस बार वह आगे से उसे अपनी बाहों में भर लिया था,,,, उसके लाल लाल होठों का रसपान करते हुए वह पेंटी के उपर से ही अपने लंड को उसकी बुर पर धंसा रहा था,,,,अंकीत की हरकत उसकी नानी को बावली बना रही थी,,,। अंकित की नानी सोची भी नहीं थी कि अंकित इतना कुछ उसके साथ करेगा और वाकई में वह एक मर्द की तरह ही उसके साथ पैस आ रहा था औरतों को जिस जिस हरकत से आनंद प्राप्त होता है वही हरकत अंकित कर रहा था,,,।

थोड़ी देर बाद वह धीरे से घुटनों के बल बैठ गया,,, और जी भर कंपनी नानी की पेंटी की तरफ देखने के बाद,, वह दोनों हाथों से अपनी नानी की पेंटि को पकड़ लिया उतारना शुरू कर दिया और देखते-देखते वह अपनी नानी की पेंटि को उसके घुटनों तक खींच दिया,,,, अंकित की आंखों के सामने उसकी नानी की कचोरी की तरह फुली हुई उसकी बुर थी जिसमें से मदन रस टपक रहा था और उसे अपने होठों से लगाकर उसे पीने का मन कर रहा था,,, अंकित की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी उसकी सांसों की गति ऊपर नीचे हो रही थी,,, अंकित अच्छी तरह से जानता था कि अब उसे क्या करना है,,, वह अपनी नजर को ऊपर की तरफ उठाया उसकी नानी भी उसकी तरफ ही देख रही थी दोनों की नजरे आपस में मिली और दोनों के होठों पर मुस्कान तैरने लगे अंकित धीरे से अपने होठों को अपनी नानी की फुली हुई बुर पर रख दिया,,, अंकित की नानी अंकित की हरकत पर पूरी तरह से मदहोश हो गई और एकदम से गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथ को अंकित के सर पर रख दी,,, अंकित को बुर चाटने का अनुभव प्राप्त हो चुका था और यह अनुभव उसे सर्वप्रथम सुमन के द्वारा प्राप्त हुआ था और दोबारा राहुल की मां और तीसरी बार उसकी खुद की नई जो पूरी तरह से उसे संभोग का अध्याय कंठस्थ करा रही थी,,,।

अंकित पागलों की तरह पूरी तरह से अपनी नानी के बुरे को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया था मानो के जैसे कोई रसमलाई हो वह पागल की तरह अपनी नानी की बुर को चाट रहा था और उसकी यही अदाकारी उसकी नानी को पूरी तरह से पानी पानी कर रही थी ,,,वह मदहोश हुए जा रही थी,,, अंकित पूरी तरह से अपनी नानी की जवानी पर छाने लगा था वह अपनी नानी की तालाब नुमा बुर का पानी पीकर अपनी प्यास बुझा लेना चाहता था,,,, अभी भी उसके घुटनों में उसकी पैंटी फांसी हुई थी और अंकित अपने दोनों हाथों को उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर रखकर उसे जोर से दबाते हुए बुर का स्वाद ले रहा था,,,, अंकित की नई की हालत खराब हो रही थी वह पागल हुए जा जा रही थी उसका पूरा बदन कसमसा रहा था और उसके मुख से गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकल रही थी,,,। अपनी नानी के मुंह से निकलने वाली शिसकारी की आवाज को सुनकर अंकित का हौसला और भी ज्यादा बुलंद होता चला जा रहा था,,, अंकित जितना हो सकता था उतनी अपनी जीभ को अपनी नानी की बुर के अंदर डालकर उसकी मलाई को चाट रहा था,,,।

अंकित अपनी नानी की बुर को अपने दूसरे हाथ के अंगूठे और उंगली से फैला कर आनंद ले रहा था अपनी एक उंगली को उसमें डालकर अंदर बाहर करते हुए उसकी बुर चाट रहा था अंकित की तरफ से यह हरकत अंकित की नानी को पूरी तरह से ध्वस्त कर रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कल का छोकरा उसके छक्के छुड़ा रहा था,,, अंकित का एहसास हो रहा था कि पेंटी घुटनों में फांसी होने की वजह से उसकी नानी ठीक तरह से खड़ी नहीं हो पा रही थी इसलिए वह उसकी पैंटी को उतारने लगा लेकिन इस बीच वह उसकी बुर को लगातार चाट रहा था और देखते-देखते वह उसकी पेंटिं को एकदम नीचे तक ले आया तो उसकी नानी खुद अपने पैरों को एक-एक करके ऊपर करके अपने पैरों में से पेंटी को बाहर निकलवा दी,,, पेटी के निकलते ही जैसे भाभी किसी कैदी से आजाद हो गई हो इस तरह से अपनी एक टांग को घुटनों से मोड़कर एकदम से अंकित के कंधों पर रख दी और दोनों हाथों से उसका सिर पकड़ कर अपनी बुर को उसके चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दि,, अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी और एक तरह से वह अपनी कमर को धक्का मार रही थी अंकित के चेहरे पर,,, देखते ही देखते अंकित का पूरा चेहरा उसकी बुर में से निकलने वाले मदन रस से पूरी तरह से गिला हो गया लेकिन फिर भी अंकित को मजा आ रहा था वह अपनी चीज से जितना हो सकता था उतनी अपनी नानी की मलाई को चाट रहा था,,,,।

और देखते ही देखते अंकित की उंगलियों की करामात और उसकी जीभ की जादूगरी से अपने चरम सुख के करीब पहुंचने लगी उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी और वह अंकित के बालों को कस के पकड़ के उसके होठों को अपनी बर से एकदम से दबा दी और भलभला कर झड़ने लगी,,, अंकित अपनी नानी की बुर में से निकलने वाले बदन रस की एक भी बुंद को जमीन पर गिरने नहीं दिया उसे लगातार चट्टा हुआ उसे अपने गले के अंदर गटक गया,,, मानो की जैसे वह बुर से निकला पानी नहीं कोई अमृत की बूंद हो,,,, अंकित की नानी झड़ चुकी थी गहरी गहरी सांस ले रही थी अंकित भी अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसने क्या किया है एक अद्भुत कार्य को अंजाम दिया था इसलिए चेहरे पर मुस्कान लिए वह धीरे से उठकर खड़ा हो गया और एक बार फिर से अपनी नानी के होठों से अपनी होंठ को सत दिया अंकित की रानी अच्छी तरह से जानते थे कि अंकित के होठों पर उसकी ओर से निकलने वाली मलाई लगी है लेकिन फिर भी बेझिझक वह भी उसके होंठों को अपने मुंह में भरकर चाटना शुरू कर दी,,,,।

अंकित की नई पूरी तरह से नंगी थी लेकिन अंकित के बदन पर अभी भी पूरे वस्त्र थे उसने अपने वस्त्र है उतरे नहीं थे और इस बार वह अपनी नानी को बिस्तर पर ले गया और उसे बिस्तर पर बैठ कर अपना शर्ट निकाल कर उसे भी अपनी नानी के वस्त्र पर फेंक दिया लेकिन अभी तक वह अपना पेटं नहीं उतारा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देख कर उसकी नानी के मुंह में पानी आ रहा था,,,, अंकित देखते ही देखते अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे बिस्तर पर लेट आने लगा और देखते ही देखते उसकी नानी बिस्तर पर पीठ के बाल एकदम से लेट गई ,,, नग्नावस्था में उसका बदन ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा था,,,, अंकित ने अपनी सूझबूझ और जो कुछ भी सीखा था उसके अनुभव से वह अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त कर दिया था जिसका एहसास उसकी नानी के चेहरे को देख कर एकदम साफ दिखाई दे रहा था,,,,।

अंकित अभी भी बिस्तर के नीचे था वह धीरे से अपने पेट की बटन खोलने लगा और अपना पेंट उतार कर उसे भी एक तरफ रख दिया और इस समय वह अपनी नानी के सामने केवल अंडरवियर में था और उसके अंडरवियर में उसका तंबू पूरी तरह से गोले दागने के लिए किसी तोप की तरह खड़ा था,,,, पेंट उतारने के बाद उसने अपनी अंडरवियर नहीं उतारा और अपने हाथ का सहारा लेकर वह अपनी नानी को घूमने का इशारा करते हो उसे घूमने लगा वह उसे पेट के बल लेटाना चाहता था,,, और उसकी नानी भी उसके इशारे को समझ गई थी और भाभी पेट के बल लेट गई थी उसकी बड़ी-बड़ी गांड एकदम से ट्यूबलाइट की रोशनी में चमक रही थी जिसे देख कर अंकित मुस्कुराते हुए बोला,,,।

वह नानी कितनी खूबसूरत गांड है तुम्हारी और कितनी बड़ी-बड़ी है,,,,।

(इतना सुनते ही उसकी नानी तपाक से बोली,,,)

तेरी मां से भी ज्यादा खूबसूरत है क्या,,,!

(इस सवाल को सुनकर अंकित थोड़ा झेंप गया और अपने आप को संभालते हुए बोला,,,)

मुझे क्या मालूम नहीं मैं तो अब तक सिर्फ तुम्हारी ही गांड देखा हूं और वाकई में तुम्हारी गांड बहुत ज्यादा खूबसूरत है,,।

लेकिन तेरी मां से ज्यादा खूबसूरत नहीं है और यह बात तू भी अच्छी तरह से जानता है,,,।

मैं भला कैसे जानुंगा मैं कभी देखा थोड़ी हूं,,,।(अंकित पूरी तरह से अपनी भावनाओं पर काबू करता हुआ बोला,,, और बिस्तर पर बैठकर अपनी नानी की नंगी गांड पर हथेली रखकर उसे चलने लगा,,,,)

चल झूठ मत बोल मैं सब जानती हूं अभी कुछ देर पहले ही तो घर के पीछे दीवार के पीछे छुप कर देख रहा था,,,,।

(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित एकदम से हक्का-बक्का रह गया उसे ऐसा था कि यह बात किसी को मालूम नहीं होगी लेकिन उसकी नानी सब जान गई थी इसलिए कुछ छुपाने से फायदा नहीं था इसलिए वह अपनी तरफ से सफाई देता हुआ बोला,,)

लेकिन वह तो अनजाने में देख लिया था मैं तो तुम्हें देखने के लिए गया था मुझे क्या मालूम था कि मम्मी भी वही होगी,,,,।

मुझे देखने के लिए अभी कल रात को ही तो हम दोनों के बीच सब कुछ हुआ फिरभी,,,।

हां जब मुझे लगा कि तुम पेशाब करने जा रही हो तो मैं तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता था सच में तुम पेशाब करते हुए बहुत खूबसूरत लगती हो लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि मम्मी भी वही है,,,।

चल कोई बात नहीं मालूम था कि नहीं मालूम था यह मैं नहीं जानती लेकिन इस समय तूने अपनी मां की भी गांड देखा ना पेशाब करते हुए उसे भी देखा तो सच सच बताना हम दोनों में से सबसे ज्यादा खूबसूरत नजारा किसका दिखाई दे रहा था,,,,।
(अंकित की नानी इस सवाल से अंकित के मन में क्या चल रहा है यह जानना चाहती थी और यह भी देखना चाहती थी कि यह जो चोरी छुपे देखा था कि हो रही है उसके जाने के बाद कितना आगे बढ़ सकती है,,, अंकित अपनी नानी का सवाल सुनकर बोला,,,)

ऐसा कुछ भी नहीं है नानी मैं तो सिर्फ तुम्हारी ही गांड को देख रहा था,,,।

चल झूठ मत बोल मैं भी तिरछी नजर से देख रही थी तू अपनी मां की गांड की तरफ देख रहा था सच सच बताना क्या पहले भी तू इसी तरह से चोरी छिपे अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है,,,।

(अंकित को समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी नानी के सवाल का जवाब हुआ कैसे दिन ऐसा तो बहुत बार हो चुका था लेकिन ऐसा कहना बहुत गलत होगा क्योंकि उसकी मां सफाई दे चुकी है कि अंकित ऐसा लड़का नहीं है इसलिए वह बोला)

पहले तो मैंने कभी नहीं देखा आज पहली बार देख रहा था लेकिन सच कहूं तो मन से ज्यादा बड़ी गांड तुम्हारी है,,,।

वह तो है ही आखिरकार मैं उसकी मां हूं लेकिन गांड कैसी हुई किसकी ज्यादा है,,,, सच-सच बताना झूठ बिल्कुल भी मत बोलना और हम दोनों के बीच किसी भी तरह का पर्दा नहीं रहना चाहिए हम दोनों के बीच इस तरह का रिश्ता कायम हो चुका है इससे हम दोनों को एक दूसरे से बिल्कुल भी शर्म करने की जरूरत नहीं है,,, और हां हम दोनों के बीच इस तरह की बात हो रही है मैं यह किसी को नहीं बताऊंगी,,,।

(अपनी नानी की बातें सुनकर अंकित थोड़ा सोच में पड़ गया था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन इतना तो वह जान ही गया था कि उसकी नानी है सब किसी को नहीं बताएगी अगर यह सब किसी को बताएगी तो उसका भी राज राज नहीं रह पाएगा,,, और यह सब बातें तो होता है अपनी बेटी को नहीं बता सकती क्योंकि वह खुद एक नंबर की छिनार है तो भला हुआ अपनी बेटी से कैसे बता पायेगी की रात भर वह अपनी ही नाती के साथ चुदवाती रही है,,,, इस तरह की बातें अपने मन में सोच कर अंकित को थोड़ी तसल्ली महसूस हो रही थी और उसे भी अपनी मां की इस तरह की बातें करने में अपनी नानी के साथ मजा आ रहा था उसके उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ रही थी इसलिए वह अपनी नानी से बोला,,,)

सच कहुं तो अगर उमर को लेकर अंतर देखा जाए तो फिर भी तुम इस उम्र में भी एकदम कड़क हो और वैसे तो सही मांगने में इस समय मन की गांड ज्यादा कसी हुई है लेकिन इससे मुझे क्या मुझे तो तुमसे मजा लेना है और इसीलिए मेरे लिए तुम ही मेरे सपनों की रानी हो,,,,।
(अंकित अपनी नानी से एकदम फिल्मी स्टाइल के हीरो जैसी बातें कर रहा था और अंकित की नई भी उसकी बातों से एकदम मस्त हो रही थी प्रसन्न हो रही थी लेकिन अंकित की यह बात कि मुझे तो तुमसे मजा लेना है इस बात पर वह बोली,,,)

अच्छा अंकित सच-सच बताना अगर मेरी तरह तेरी मां भी तुझे मौका दे तब तू क्या करेगा,,,।
(अंकित की नानी एकदम से मुद्दे वाला सवाल पूछ ली थी,,, इसलिए अंकित एकदम से हैरान हो गया था और अपनी नानी के सवाल को सुनकर वह हैरानी जताते हुए बोला,,,)

यह क्या कह रही हो नानी ऐसा भला हो सकता है क्या,,,,(ऐसा कहते हुए भी वह अपनी मां का जिक्र सुनकर उत्तेजित हो चुका था और उसकी उत्तेजना उसकी हथेली के दबाव पर एकदम साफ दिखाई दे रही थी वह अपनी नानी की गांड को कस के दबोच रहा था और उसका यह व्यवहार उसकी नानी को शंका के दायरे में ला रहा था वह समझ गई थी कि अगर मौका मिलेगा तो वह इसी तरह से अपनी मां के साथ भी मजा ले लेगा बिल्कुल भी इनकार नहीं कर पाएगा)

अरे मैं सच कह रही हूं मैं भी तो तेरी नानी हूं लेकिन तुझे मौका देना अगर तेरी मां भी इसी तरह से तुझे मौका देगी तो क्या तो इंकार कर पाएगा बिल्कुल भी नहीं तू भी अपनी मां पर ही चढ़ जाएगा,,,,।

(अपनी नानी किस तरह की खुली बातें उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रही थी उसे मदहोशी जा रही थी और उसे अपनी नानी के मुंह से अपनी बेटी के बारे में इस तरह की बातें सुनने में और भी ज्यादा मजा आ रहा था लेकिन फिर भी वह जानबूझकर इनकार करते हुए बोला)

नहीं नानी ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता मम्मी इस तरह की बिल्कुल भी नहीं है,,,।

लेकिन तू तो है ना,,,, मैं भी तो तेरी नानी हूं तो मेरे साथ क्यों यह सब कर रहा है क्योंकि मैं जानती हूं मर्द की फीतरत ही ऐसी होती है उन्हें बुर मिलना चाहिए फिर भले ही वह किसी की भी हो मां की और नानी की हो या बहन की हो,,,(एकदम से खुद से घूम कर पीठ के बल लेटते हुए,, और अपने हाथ के कोहनी का सहारा लेकर,,, उठकर बैठते हुए,,,) वैसे भी तेरी मां बहुत सेक्सी है,,, पहले ही मेरी बेटी है लेकिन में औरत के बारे में अच्छी तरह से जानती हूं मेरी बेटी बरसों से अकेली रह रही है उसकी भी इच्छा करती होगी जिस्मानी भूख शांत करने के लिए तू जरा सोच इस उम्र में जब मेरा यह हाल है अभी तो वह पूरी तरह से जवान है उसकी क्या हालत होती होगी उसका भी मन भटकता होगा बस कोई राह दिखाई नहीं दे रही है वरना वह भी अपने मंजिल को प्राप्त कर लेती,,,

यह सब कैसी बातें कर रही हो मम्मी के बारे में,,,।

अरे बुद्धू तेरी मम्मी के बारे में नहीं मैं बल्कि हर एक औरत के बारे में बता रही हूं हर रिश्ते के पहले वह एक औरत होती है उसे भी प्यास लगती है भूख लगती है जिस्म की भूख लगती है,,,, मैं सच कह रही हूं भले ही तो अनजाने में अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है लेकिन देखना जब मैं चली जाऊंगी ना फिर भी तेरा मन बार-बार अपनी ही मा को नग्न अवस्था में नहाते हुए कपड़े बदलते हुए पेशाब करते हुए देखने की इच्छा करेगी और अगर यह सब तेरी मां को मालूम पड़ गया अगर वह अपने आप को संभाल ली तो ठीक वरना वह भी भावनाओं में बह जाएगी तो उसका भी मेरी तरह हल हो जाएगा लेकिन मजा बहुत आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित की नानी उत्तेजित होते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाकर अंडरवियर में बने तंबू को पकड़ ली और उसे ज़ोर से दबोच ली अंकित एकदम से उत्तेजित हो गया,,, अपनी मां के बारे में खुली बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था इसलिए अपनी नानी की सरकार पर वह एकदम से बिस्तर पर घुटनों के बल अपनी नानी के करीब पहुंच गया और खुद ही अपने अंडरवियर को अपने हाथों से नीचे की तरफ खींच कर अपने खड़े लंड को एकदम से बाहर निकाल लिया,,, उसकी नानी अभी इस नजारे को देख ही रही थी कि वह खुद अपना हाथ आगे बढ़कर अपनी नानी के सर को पकड़ लिया और उसे नीचे की तरफ दबाव बनाता हुआ अपने लंड की तरफ लाने लगा,,,,,।

वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसे क्या करना है और वह अगले ही पल अंकित के लंड को मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दी,,, अपनी मां के बारे में अपनी नानी के मुंह से गंदी बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था उत्तेजना एकदम परम शिखर पर पहुंच चुकी थी और जैसे ही अपने लंड को अपनी नानी के मुंह में महसूस किया हुआ पूरी तरह से बेकाबू हो गया और अपनी नानी के सर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलना शुरू कर दिया वह अपनी नानी के मुंह को ही चोदना शुरू कर दिया था,,,, अंकित की मदहोशी है और उसका बेकाबूपन देखकर अंकित की नानी भी,,, मदहोश हो चुकी थी,,, वह भी अपने गले तक लेकर अंकित के लंड की चुसाई कर रही थी पूरी तरह से चुसाई कर लेने के बाद,,,,,, वह धीरे से अंकित के लंड को अपने मुंह में से बाहर निकाली क्योंकि उसकी बुर में भी चीटियां रेंग रही थी,,, उसे भी अंकित के लंड को अपनी बुर में लेना था,,,। अंकित समझ गया था कि अब उसे क्या करना है,,, वह धीरे से अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे पीठ के बल लेटा दिया,,,,

एक बार फिर से अंकित की नई कल रात वाली मुद्रा में हो चुकी थी,,,, अंकित कल की तरह ही घुटनों के पर अपनी नानी के टांगों के बीच पहुंच गया और उसकी कमर में हाथडालकर उसे अपनी जांघों पर खींच लिया,,, अंकित के चेहरे पर उत्साह साफ झलक रहा था,,,, अगले ही पर अपने लंड को अपनी नानी की बुर में डालकर अपनी कमर हीलाना शुरू कर दिया वह अपनी नानी को एकदम से हुमच हुमच कर चोद रहा था,,,, कुछ देर पहले ही अंकित की जीभ से ही वह झढ़ गई थी लेकिन अब अंकित उसकी बुर में अपने मर्दाना अंग का उपयोग कर रहा था क्योंकि पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा था वह इतना गरम था कि अंकित की नानी को ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी बुर में कोई गरम लोहे का रोड डाल रहा हो,,, वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी।
शुरू से ही अंकीत अपने धक्कों को तेज किए हुए था और अंकित कि ईस मर्दानगी को देखकर उसकी नानी पानी पानी हुई जा रही थी।

इस बार अत्यधिक उत्तेजना के चलते अंकित ज्यादा देर टिक नहीं पाया और 20 मिनट के बाद ही वह भी देर हो गया लेकिन अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त करने के बाद,,,,,।


सुपर सुपर सुपर डुपर अपडेट, मस्त अपडेट। नानी का रोल यहां रुकता है और अब अंकित और उसकी मां अगला अपडेट बड़ा और धांसू होना चाहिए बिलकुल ऐसा ही कामुक जितना तब था जब अंकित ने मां सुगंधा को ब्रा पैंटी पहने हुए देखा था जो उसने खरीदी थी
 
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lovlesh2002

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अच्छा अपडेट है, अगला बहुत धांसू होगा मुझे पूरा यकीन है क्योंकि असली मजा तो सुगंधा और अंकित का ही है।
 
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lovlesh2002

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सही है नानी के साथ कुछ ज्यादा ही हो गया जिसमें उतना मजा नहीं आया, जितना सुगंधा तड़प रही है उतना ही अंकित भी तड़पना चाहिए तभी दोनों की स्टोरी में काम सुख और उत्तेजना का मजा बना रहेगा। एक तरफ वो अकेली तरस रही है और अंकित दिन रात लगा हुआ है ये कुछ कमी रह गई कहानी की इसको बैलेंस करने के लिए अंकित का उतना भी मत दिखाओ कि उसको एक के बाद एक लाइन लग रही है वो भी अपने आप ही बिना कोशिश के। कहानी का असली सुख और मजा तो सुगंधा और अंकित की शरारतों का ही है अबंकिय तो नहीं तड़पेगा इतना
 

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अंकित की नानी अंकित को ब्लाउज का बटन खोलने के लिए बोल रही थी क्योंकि जिस तरह से अंकित अपनी नानी का ब्लाउज खोल रहा था उससे ब्लाउज फटने की संभावना पूरी तरह से बढ़ जा रही थी और अंकित की उत्तेजना और उसकी उत्सुकता देखकर अंकित कि नानी भी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,, अंकित की नानी को एहसास होने लगा था कि उसकी दी हुई शिक्षा काम आ रही थी अंकित एक ही रात में बहुत कुछ सीख गया था इसीलिए तो उसके होठों को बिल्कुल भी अपने होठों से अलग नहीं कर रहा था उसके होठों का रस पीता हुआ वह अपनी नानी की बात मानकर उसके ब्लाउज का बटन खोलना शुरू कर दिया था,,, अंकित का दिल जोरो से धड़क रहा था उसकी उत्तेजना संपूर्ण रूप से परम शिखर पर थी, वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था। ब्लाउज का बटन खोलने में भी उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी वैसे तो वह अपनी मां के कपड़े अपने हाथों से उतार चुका था लेकिन आज पहली बार उसे अपनी नानी का ब्लाउज का बटन खोलने का अवसर मिल रहा है इसलिए उसकी उत्सुकता और उत्तेजना अद्भुत होती चली जा रही थी।

अंकित की नानी की चुचिया बड़ी-बड़ी थी और चूचियों के आकार की अपेक्षा ब्लाउज का आकर थोड़ा छोटा था इसलिए वह बड़े कस के बटन को बंद की थी जिसे उतारने में अंकित के पसीने छूट रहे थे,,,, अंकित ऊपर के दो बटन खोल चुका था तीसरा बटन खोलने में उसे बड़ी जहमत उठानी पड़ रही थी,,,, यह देखकर उसकी नानी बोली,,,।

क्या करता है अंकित तू औरत का ब्लाउज का बटन नहीं खोल पा रहा है तो उसे खुश कैसे कर पाएगा,,,,


कुछ नहीं नानी लगता है कि ब्लाउज बहुत कस हुआ है,,,(अपने होठों को अपनी नानी के होठों से अलग करता हुआ वह बोला और उसकी बात सुनकर उसकी नानी बोली,,,,)

ब्लाउज कसा हुआ नहीं है मेरी चूचियां बड़ी-बड़ी है,,,, क्या तुझे नहीं लगता कि मेरी चूची बड़ी है,,,।

लगता तो है नानी एकदम खरबूजे की तरह है,,,,(ब्लाउज के चौथे बटन को खोलता हुआ वह बोला और जैसे ही चौथा बटन खुला उसके चेहरे के मुस्कान बढ़ने लगी,,,)

तुझे छोटी-छोटी चूची अच्छी लगती है कि बड़ी बड़ी,,,,।

पहले तो ऐसा कुछ भी नहीं था नई लेकिन कल रात से सब कुछ बदलता हुआ नजर आ रहा है मुझे तो तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूची अच्छी लगती है,,,(आखरी बटन को खोलने का प्रयास करता हुआ अंकित बोला उसकी बात सुनकर उसकी नानी मंद मंद मुस्कुरा रही थी,,,, और अगले पल अंकित अपने प्रयास को सफल करता हुआ अपनी नानी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल चुका था और उसके दोनों पल्लू को पकड़ कर एक दूसरे से अलग कर दिया था ब्लाउज के खुलते ही अंकित की नई की बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम से हवा में लहराने लगी ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे कबूतर कैद से आजाद हो गए हो,,, अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचियों की तरफ देखकर मुस्कुराता हुआ अंकित बोला,,,)

सच में नानी तुम्हारी चुची बहुत खूबसूरत है,,,।

तेरे लिए ही है जैसा मन करे वैसा इसके साथ खेल,,,,।
(इतना सुनते ही अंकित अपने दोनों हाथों को आगे बढ़कर अपनी नानी की चूचियों पर रख दिया और गहरी सांस लेता हुआ उसे दबाना शुरू कर दिया अंकित की हथेलियों में पूरी तरह से मर्दाना ताकत भरी हुई थी, जिसका एहसास अंकित के नानी को भी अच्छी तरह से हो रहा था अंकित उत्तेजना के चलते बड़ी जोर-जोर से उसकी चूचियों को मसल रहा था दबा रहा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देखकर उसकी नानी का बुर का पानी पिघल रहा था,,,, अंकित की नानी से रहा नहीं गया और वह पेट में बने तंबू को अपने हाथ में पकड़ ली और उसे जोर-जोर से पेट के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दी जिससे अंकित की हालत और ज्यादा खराब होने लगी,,,

अंकित तो अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचीयो को अपने हाथ में लेकर पागल हो गया था कुछ अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि वाकई में औरत की चूचियों से खेलने में कितना मजा आता है,,, और से जोर-जोर से मसलता हुआ वह धीरे से अपने होठों को चूचियों की तरफ ले गया उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया अंकित की हरकत से उसकी नानी उत्तेजना और प्रसन्नता से गदगद हुए जा रही थी क्योंकि उसकी नानी को लगने लगा था कि आज उसे कुछ सीखाने की जरूरत नहीं है,,,, अंकित अपनी हरकतों से अपनी नानी का पानी छुडा रहा था,,,, वह बारी-बारी से अपनी नानी की दोनों चीजों को मुंह में लेकर पी रहा था उसकी कड़ी निप्पल को कैडबरी चॉकलेट की तरह अपने दांतों के बीच लेकर दबा दे रहा था और जब-जब अंकित यह हरकत करता था तब तक अंकित की नानी के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगती थी,,,,।

आज भी कमरे में ट्यूबलाइट चल रही थी उसके दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था।
अंकित अपने मन में यही सोच रहा था कि अच्छा हुआ आज भी ट्यूब लाइट जल रही है क्योंकि अंधेरे में अपनी नानी का खूबसूरत नंगा बदन वह देख नहीं पाता ,,, बस बात को अच्छी तरह से जानता था कि उसके घर में बाकी के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे होंगे क्योंकि उसकी आंखों के सामने ही उसकी मां पेशाब करने के बाद अपने कमरे में सोने के लिए गई थी उसकी बहन तृप्ति तो पहले ही अपने कमरे में जाकर सो रही थी इस समय सिर्फ उसकी नानी और वह खुद जाग रहे थे उन दोनों की आंखों से नींद कोसों दूर जा चुकी थी क्योंकि समय दोनों जवानी का मजा लूट रहे थे,,, अंकित पागलों की तरह अपनी नानी की चूची को दबा भी रहा था उसे मुंह में लेकर पी रहा था ऐसा लग रहा था कि बरसों की हसरत को हुआ आज ही पूरी कर लेना चाहता हो,,, और अक्सर अंकित की नानी को ऐसे ही मर्द पसंद रहते हैं जो औरत के हर एक अंग से जी भर कर खेलें जी भर कर प्यार करें और अंकित वैसा ही कर रहा था,,,।

कुछ देर तक किसी तरह से अपनी नानी की चूची से खेलने के बाद अंकित अपनी नानी को पूरी तरह से लग्नावस्था में देखना चाहता था उसके बदन से बाकी के वस्त्र को उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी कर देना चाहता था और वैसे भी अंकित की नई की तरफ सबसे पूरी छूट मिली हुई थी आज की रात में उसकी नानी के लिए उसका पति था और वह अपनी नानी के साथ एक बीवी की तरह,,, अपनी नानी की चूचियों से मुंह हटाने के बाद वह गहरी गहरी सांस लेता हुआ अपनी नानी की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था उसकी नानी भी उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी अंकित की नानी को है लगने लगा था कि उसका नाती आज सफल हो जाएगा,,, वह भी मदहोश हुए जा रही थी उसे भी अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसकी बुर से पानी निकल रहा है,,,,,,, अपनी नानी के द्वारा दिए गए छुट का फायदा उठाते हुए वह अपनी नानी की बाहों को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे बिस्तर पर से खड़ी करने लगा उसकी नानी भी उसका इशारा समझ कर बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई वह मुस्कुरा रही थी वह देखना चाहती थी कि उसका नाती अब क्या करता है,,,,।

उसकी नानी एकदम हैरान हो गई जब अंकित उसका हाथ पकड़ कर एकदम से उसके पीछे चला गया और पीछे से उसे अपनी बाहों में जाकर लिया पीछे से वह अपने दोनों हाथों को अपनी नानी की चूची पर रखकर से दबाते हुए उसके गर्दन पर चुंबन करने लगा यह अंकित की नानी के लिए हैरान कर देने वाली बात थी क्योंकि यह समर्थ तभी करता है जब वह पूरी तरह से औरत को समझने लगता है उसे औरत को खुश करने का हर एक कला आती हो लेकिन यह सब तो अंकित के लिए पहली बार था कल रात वह जितना सिखाई थी यह उससे ज्यादा ही था,,,, लेकिन अंकित की हरकत उसे आनंदित कर रही थी अंकीत उसे पीछे से अपनी बाहों में भरकर उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलते है उसके गर्दन पर चुंबन करते हुए पीछे से ही अपने लंड को उसकी गांड के बीचों बीच चुका रहा था जिसका हिस्सा अंकित को भी था और अंकित की नानी को भी अंकित की नानी पूरी तरह से मचल रही थी मदहोश हो रही थी,,, अंकित की रानी को अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसका लंड किसी भाले से कम नहीं था जो बड़े आराम से गांड के बीचों बीच साड़ी के ऊपर से भी पहुंच जा रहा था,,,। अंकित की हरकत से अंकित की नानी की सिसकारी छूट रही थी,,,।

सहहहह आहहहहहहह,,,,अंकीत मेरे राजा तू तो एक ही रात में पूरा मर्द बन गया है,,,,,आहहहहह,,,,,।

(अपनी नानी के मुंह से कहे गए इस शब्द को सुनकर उसका हौसला बढ़ने लगा था उसकी हिम्मत बढ़ने लगी थी वह मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और इस बात की खुशी उसके मन में और ज्यादा थी कि अच्छा हुआ उसकी नानी उसे यह सब सीख रही है अगर उसे सच में मौका मिल गया अपनी मां की चुदाई करने का तो अपनी नानी के साथ जो कुछ भी सीखा है वह उसका पूरा उपयोग अपनी मां के साथ करेगा और उसे पूरी तरह से खुश कर देगा,,,, अपनी नानी की गर्दन पर चुंबनों की बौछार करते हुए अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा,,, यह उसकी नानी के द्वारा उसके हिम्मत की तारीफ करने का ही नतीजा था जो अंकित इस कदर अपनी नानी के साथ खुलने लगा था,,, अंकित की नई अच्छी तरह से समझ रही थी कि अंकित उसे पूरी तरह से नंगी देखना चाहता है उसके नंगे बदन का दर्शन करना चाहता है,,,, अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा और अगले ही पल अपनी नानी की साड़ी को खोलकर वह साड़ी को जमीन पर गिरा दिया,,,,।

इन सब के बावजूद अभी भी उसके बदन पर ब्लाउज टिका हुआ था और उसकी नग्नता को छुपाने के लिए पेटिकोट उसके बदन पर अभी भी बरकरार था,,,, अंकित अपने दोनों हाथों से अपनी नानी का ब्लाउज पकड़ कर उसकी बाहों से उसे अलग करने लगा उसकी नानी भी इसमें उसका सहयोग करने लगी अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ कर दी ताकि बड़े आराम से अंकित उसके ब्लाउस को उधर सके और अगले पर वह अपनी नानी के बदन पर से ब्लाउज को भी उतार कर नीचे जमीन पर गिरा दिया था अब केवल पेटिकोट उतरना बाकी रह गया था लेकिन पेटिकोट उतारते से पहले वह एक बार फिर से अपनी नानी के बदन से सट गया और अपनी हथेली को सीधे-सीधे उसके पेटिकोट के ऊपर से ही उसकी बुर पर रख दिया और उसे पेटिकोट के ऊपर से ही मसलनी शुरू कर दिया अंकित की नानी को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि अंकित इस तरह की हरकत कर देगा,,, इसलिए वह एकदम से मदहोश हो गई थी और मदहोशी भरे स्वर में बोली।


सहहहहह आहहहहहह,,,,, अंकित तू तो पूरा चालू है मैं कभी सोचती नहीं थी कि तू एक ही रात में इतना कुछ सीख जाएगा,,,।

जब सिखाने वाली तुम जैसी गुरु हो नानी तब चेला कैसे आगे नहीं बढ़ पाएगा,,,(अंकित इस तरह से पेटीकोट के ऊपर से ही अपनी नानी की बुर को मसलता हुआ बोला और अपनी बात को आगे बढ़ाता हुआ बोला,,,) नानी तुम्हारी बुर तो बहुत गीली गीली लग रही है कहीं पेशाब तो नहीं कर दी हो,,,,।

कल तुझे बताई थी,, यह पेशाब नहीं है जब औरत मत हो जाती है तो इसी तरह से लार टपकती है जैसे स्वादिष्ट भोजन देखकर मुंह में पानी आ जाता है ना उसी तरह से जब लगने लगता है कि औरत को मजा आने वाला है तभी इसी तरह से बोलने से लार टपकने लगता है समझा कि नहीं,,,,।

ओहहह नानी बिल्कुल समझ गया,,,,, अब तो मैं तुम्हारी बुर का पानी निकालते हुए देखना चाहता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही अंकित अपनी नानी के पेटीकोट की डोरी को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे ज़ोर से एक झटके से खींच दिया अगले ही पल अंकित की नई की पेटिकोट एकदम से ढीली हो गई लेकिन फिर भी उसकी कमर पर टिकी हुई थी जिसे अंकित अपने दोनों हाथों की उंगलियों का सहारा देकर उसे कमर पर से ढीला किया और उसे उसी अंदाज में ऊपर से ही नीचे छोड़ दिया और अगले ही पल पेटिकोट उसके कदमों में जा गिरा,,,, लेकिन अंकित एकदम से हैरान हो गया जब देखा कि उसकी नानी पैंटी पहनी हुई थी यह देखकर उसके चेहरे पर उत्तेजना और मदहोशी के भाव और भी ज्यादा बढ़ गए और वह अपनी नानी से बोला,,,,)

क्या बात है नानी आज तो तुम पैंटी पहनी हो,,,,।

तेरे लिए ही पहनी हूं शायद तु नहीं जानता मर्द जब औरत के कपड़े उतारता है तो उसकी चड्डी उसकी पेंटि उतारने में उसे और भी ज्यादा मजा आता है और मुझे पूरा यकीन है कि तू मेरे बदन पर मेरी पैंटी देखकर और भी ज्यादा मस्त हो गया होगा।

क्या बात है नई बिल्कुल सही नहीं तो हैरान हो गया तुम्हारे बदन पर पेटी देखकर इसे सच में अपने हाथों से उतारने में बहुत मजा आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित को उसकी मां याद आ गई जब वह दवा खाने में अपने हाथों से अपनी मां की पेंटिं उतारा था,,, लेकिन वह दवा खाना था और आज वह अपने घर में है और आज वह अपनी मां की नहीं बल्कि अपनी नानी की पेंटिं उतारने जा रहा है जिसके साथ कुछ भी करने कि उसे इजाजत प्राप्त है,,,, अपनी नानी को पेंटि में देखकर एक बार फिर से उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और बार फिर से उसे एकदम से अपनी बाहों में भर लिया और इस बार वह आगे से उसे अपनी बाहों में भर लिया था,,,, उसके लाल लाल होठों का रसपान करते हुए वह पेंटी के उपर से ही अपने लंड को उसकी बुर पर धंसा रहा था,,,,अंकीत की हरकत उसकी नानी को बावली बना रही थी,,,। अंकित की नानी सोची भी नहीं थी कि अंकित इतना कुछ उसके साथ करेगा और वाकई में वह एक मर्द की तरह ही उसके साथ पैस आ रहा था औरतों को जिस जिस हरकत से आनंद प्राप्त होता है वही हरकत अंकित कर रहा था,,,।

थोड़ी देर बाद वह धीरे से घुटनों के बल बैठ गया,,, और जी भर कंपनी नानी की पेंटी की तरफ देखने के बाद,, वह दोनों हाथों से अपनी नानी की पेंटि को पकड़ लिया उतारना शुरू कर दिया और देखते-देखते वह अपनी नानी की पेंटि को उसके घुटनों तक खींच दिया,,,, अंकित की आंखों के सामने उसकी नानी की कचोरी की तरह फुली हुई उसकी बुर थी जिसमें से मदन रस टपक रहा था और उसे अपने होठों से लगाकर उसे पीने का मन कर रहा था,,, अंकित की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी उसकी सांसों की गति ऊपर नीचे हो रही थी,,, अंकित अच्छी तरह से जानता था कि अब उसे क्या करना है,,, वह अपनी नजर को ऊपर की तरफ उठाया उसकी नानी भी उसकी तरफ ही देख रही थी दोनों की नजरे आपस में मिली और दोनों के होठों पर मुस्कान तैरने लगे अंकित धीरे से अपने होठों को अपनी नानी की फुली हुई बुर पर रख दिया,,, अंकित की नानी अंकित की हरकत पर पूरी तरह से मदहोश हो गई और एकदम से गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथ को अंकित के सर पर रख दी,,, अंकित को बुर चाटने का अनुभव प्राप्त हो चुका था और यह अनुभव उसे सर्वप्रथम सुमन के द्वारा प्राप्त हुआ था और दोबारा राहुल की मां और तीसरी बार उसकी खुद की नई जो पूरी तरह से उसे संभोग का अध्याय कंठस्थ करा रही थी,,,।

अंकित पागलों की तरह पूरी तरह से अपनी नानी के बुरे को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया था मानो के जैसे कोई रसमलाई हो वह पागल की तरह अपनी नानी की बुर को चाट रहा था और उसकी यही अदाकारी उसकी नानी को पूरी तरह से पानी पानी कर रही थी ,,,वह मदहोश हुए जा रही थी,,, अंकित पूरी तरह से अपनी नानी की जवानी पर छाने लगा था वह अपनी नानी की तालाब नुमा बुर का पानी पीकर अपनी प्यास बुझा लेना चाहता था,,,, अभी भी उसके घुटनों में उसकी पैंटी फांसी हुई थी और अंकित अपने दोनों हाथों को उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर रखकर उसे जोर से दबाते हुए बुर का स्वाद ले रहा था,,,, अंकित की नई की हालत खराब हो रही थी वह पागल हुए जा जा रही थी उसका पूरा बदन कसमसा रहा था और उसके मुख से गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकल रही थी,,,। अपनी नानी के मुंह से निकलने वाली शिसकारी की आवाज को सुनकर अंकित का हौसला और भी ज्यादा बुलंद होता चला जा रहा था,,, अंकित जितना हो सकता था उतनी अपनी जीभ को अपनी नानी की बुर के अंदर डालकर उसकी मलाई को चाट रहा था,,,।

अंकित अपनी नानी की बुर को अपने दूसरे हाथ के अंगूठे और उंगली से फैला कर आनंद ले रहा था अपनी एक उंगली को उसमें डालकर अंदर बाहर करते हुए उसकी बुर चाट रहा था अंकित की तरफ से यह हरकत अंकित की नानी को पूरी तरह से ध्वस्त कर रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कल का छोकरा उसके छक्के छुड़ा रहा था,,, अंकित का एहसास हो रहा था कि पेंटी घुटनों में फांसी होने की वजह से उसकी नानी ठीक तरह से खड़ी नहीं हो पा रही थी इसलिए वह उसकी पैंटी को उतारने लगा लेकिन इस बीच वह उसकी बुर को लगातार चाट रहा था और देखते-देखते वह उसकी पेंटिं को एकदम नीचे तक ले आया तो उसकी नानी खुद अपने पैरों को एक-एक करके ऊपर करके अपने पैरों में से पेंटी को बाहर निकलवा दी,,, पेटी के निकलते ही जैसे भाभी किसी कैदी से आजाद हो गई हो इस तरह से अपनी एक टांग को घुटनों से मोड़कर एकदम से अंकित के कंधों पर रख दी और दोनों हाथों से उसका सिर पकड़ कर अपनी बुर को उसके चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दि,, अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी और एक तरह से वह अपनी कमर को धक्का मार रही थी अंकित के चेहरे पर,,, देखते ही देखते अंकित का पूरा चेहरा उसकी बुर में से निकलने वाले मदन रस से पूरी तरह से गिला हो गया लेकिन फिर भी अंकित को मजा आ रहा था वह अपनी चीज से जितना हो सकता था उतनी अपनी नानी की मलाई को चाट रहा था,,,,।

और देखते ही देखते अंकित की उंगलियों की करामात और उसकी जीभ की जादूगरी से अपने चरम सुख के करीब पहुंचने लगी उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी और वह अंकित के बालों को कस के पकड़ के उसके होठों को अपनी बर से एकदम से दबा दी और भलभला कर झड़ने लगी,,, अंकित अपनी नानी की बुर में से निकलने वाले बदन रस की एक भी बुंद को जमीन पर गिरने नहीं दिया उसे लगातार चट्टा हुआ उसे अपने गले के अंदर गटक गया,,, मानो की जैसे वह बुर से निकला पानी नहीं कोई अमृत की बूंद हो,,,, अंकित की नानी झड़ चुकी थी गहरी गहरी सांस ले रही थी अंकित भी अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसने क्या किया है एक अद्भुत कार्य को अंजाम दिया था इसलिए चेहरे पर मुस्कान लिए वह धीरे से उठकर खड़ा हो गया और एक बार फिर से अपनी नानी के होठों से अपनी होंठ को सत दिया अंकित की रानी अच्छी तरह से जानते थे कि अंकित के होठों पर उसकी ओर से निकलने वाली मलाई लगी है लेकिन फिर भी बेझिझक वह भी उसके होंठों को अपने मुंह में भरकर चाटना शुरू कर दी,,,,।

अंकित की नई पूरी तरह से नंगी थी लेकिन अंकित के बदन पर अभी भी पूरे वस्त्र थे उसने अपने वस्त्र है उतरे नहीं थे और इस बार वह अपनी नानी को बिस्तर पर ले गया और उसे बिस्तर पर बैठ कर अपना शर्ट निकाल कर उसे भी अपनी नानी के वस्त्र पर फेंक दिया लेकिन अभी तक वह अपना पेटं नहीं उतारा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देख कर उसकी नानी के मुंह में पानी आ रहा था,,,, अंकित देखते ही देखते अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे बिस्तर पर लेट आने लगा और देखते ही देखते उसकी नानी बिस्तर पर पीठ के बाल एकदम से लेट गई ,,, नग्नावस्था में उसका बदन ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा था,,,, अंकित ने अपनी सूझबूझ और जो कुछ भी सीखा था उसके अनुभव से वह अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त कर दिया था जिसका एहसास उसकी नानी के चेहरे को देख कर एकदम साफ दिखाई दे रहा था,,,,।

अंकित अभी भी बिस्तर के नीचे था वह धीरे से अपने पेट की बटन खोलने लगा और अपना पेंट उतार कर उसे भी एक तरफ रख दिया और इस समय वह अपनी नानी के सामने केवल अंडरवियर में था और उसके अंडरवियर में उसका तंबू पूरी तरह से गोले दागने के लिए किसी तोप की तरह खड़ा था,,,, पेंट उतारने के बाद उसने अपनी अंडरवियर नहीं उतारा और अपने हाथ का सहारा लेकर वह अपनी नानी को घूमने का इशारा करते हो उसे घूमने लगा वह उसे पेट के बल लेटाना चाहता था,,, और उसकी नानी भी उसके इशारे को समझ गई थी और भाभी पेट के बल लेट गई थी उसकी बड़ी-बड़ी गांड एकदम से ट्यूबलाइट की रोशनी में चमक रही थी जिसे देख कर अंकित मुस्कुराते हुए बोला,,,।

वह नानी कितनी खूबसूरत गांड है तुम्हारी और कितनी बड़ी-बड़ी है,,,,।

(इतना सुनते ही उसकी नानी तपाक से बोली,,,)

तेरी मां से भी ज्यादा खूबसूरत है क्या,,,!

(इस सवाल को सुनकर अंकित थोड़ा झेंप गया और अपने आप को संभालते हुए बोला,,,)

मुझे क्या मालूम नहीं मैं तो अब तक सिर्फ तुम्हारी ही गांड देखा हूं और वाकई में तुम्हारी गांड बहुत ज्यादा खूबसूरत है,,।

लेकिन तेरी मां से ज्यादा खूबसूरत नहीं है और यह बात तू भी अच्छी तरह से जानता है,,,।

मैं भला कैसे जानुंगा मैं कभी देखा थोड़ी हूं,,,।(अंकित पूरी तरह से अपनी भावनाओं पर काबू करता हुआ बोला,,, और बिस्तर पर बैठकर अपनी नानी की नंगी गांड पर हथेली रखकर उसे चलने लगा,,,,)

चल झूठ मत बोल मैं सब जानती हूं अभी कुछ देर पहले ही तो घर के पीछे दीवार के पीछे छुप कर देख रहा था,,,,।

(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित एकदम से हक्का-बक्का रह गया उसे ऐसा था कि यह बात किसी को मालूम नहीं होगी लेकिन उसकी नानी सब जान गई थी इसलिए कुछ छुपाने से फायदा नहीं था इसलिए वह अपनी तरफ से सफाई देता हुआ बोला,,)

लेकिन वह तो अनजाने में देख लिया था मैं तो तुम्हें देखने के लिए गया था मुझे क्या मालूम था कि मम्मी भी वही होगी,,,,।

मुझे देखने के लिए अभी कल रात को ही तो हम दोनों के बीच सब कुछ हुआ फिरभी,,,।

हां जब मुझे लगा कि तुम पेशाब करने जा रही हो तो मैं तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता था सच में तुम पेशाब करते हुए बहुत खूबसूरत लगती हो लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि मम्मी भी वही है,,,।

चल कोई बात नहीं मालूम था कि नहीं मालूम था यह मैं नहीं जानती लेकिन इस समय तूने अपनी मां की भी गांड देखा ना पेशाब करते हुए उसे भी देखा तो सच सच बताना हम दोनों में से सबसे ज्यादा खूबसूरत नजारा किसका दिखाई दे रहा था,,,,।
(अंकित की नानी इस सवाल से अंकित के मन में क्या चल रहा है यह जानना चाहती थी और यह भी देखना चाहती थी कि यह जो चोरी छुपे देखा था कि हो रही है उसके जाने के बाद कितना आगे बढ़ सकती है,,, अंकित अपनी नानी का सवाल सुनकर बोला,,,)

ऐसा कुछ भी नहीं है नानी मैं तो सिर्फ तुम्हारी ही गांड को देख रहा था,,,।

चल झूठ मत बोल मैं भी तिरछी नजर से देख रही थी तू अपनी मां की गांड की तरफ देख रहा था सच सच बताना क्या पहले भी तू इसी तरह से चोरी छिपे अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है,,,।

(अंकित को समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी नानी के सवाल का जवाब हुआ कैसे दिन ऐसा तो बहुत बार हो चुका था लेकिन ऐसा कहना बहुत गलत होगा क्योंकि उसकी मां सफाई दे चुकी है कि अंकित ऐसा लड़का नहीं है इसलिए वह बोला)

पहले तो मैंने कभी नहीं देखा आज पहली बार देख रहा था लेकिन सच कहूं तो मन से ज्यादा बड़ी गांड तुम्हारी है,,,।

वह तो है ही आखिरकार मैं उसकी मां हूं लेकिन गांड कैसी हुई किसकी ज्यादा है,,,, सच-सच बताना झूठ बिल्कुल भी मत बोलना और हम दोनों के बीच किसी भी तरह का पर्दा नहीं रहना चाहिए हम दोनों के बीच इस तरह का रिश्ता कायम हो चुका है इससे हम दोनों को एक दूसरे से बिल्कुल भी शर्म करने की जरूरत नहीं है,,, और हां हम दोनों के बीच इस तरह की बात हो रही है मैं यह किसी को नहीं बताऊंगी,,,।

(अपनी नानी की बातें सुनकर अंकित थोड़ा सोच में पड़ गया था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन इतना तो वह जान ही गया था कि उसकी नानी है सब किसी को नहीं बताएगी अगर यह सब किसी को बताएगी तो उसका भी राज राज नहीं रह पाएगा,,, और यह सब बातें तो होता है अपनी बेटी को नहीं बता सकती क्योंकि वह खुद एक नंबर की छिनार है तो भला हुआ अपनी बेटी से कैसे बता पायेगी की रात भर वह अपनी ही नाती के साथ चुदवाती रही है,,,, इस तरह की बातें अपने मन में सोच कर अंकित को थोड़ी तसल्ली महसूस हो रही थी और उसे भी अपनी मां की इस तरह की बातें करने में अपनी नानी के साथ मजा आ रहा था उसके उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ रही थी इसलिए वह अपनी नानी से बोला,,,)

सच कहुं तो अगर उमर को लेकर अंतर देखा जाए तो फिर भी तुम इस उम्र में भी एकदम कड़क हो और वैसे तो सही मांगने में इस समय मन की गांड ज्यादा कसी हुई है लेकिन इससे मुझे क्या मुझे तो तुमसे मजा लेना है और इसीलिए मेरे लिए तुम ही मेरे सपनों की रानी हो,,,,।
(अंकित अपनी नानी से एकदम फिल्मी स्टाइल के हीरो जैसी बातें कर रहा था और अंकित की नई भी उसकी बातों से एकदम मस्त हो रही थी प्रसन्न हो रही थी लेकिन अंकित की यह बात कि मुझे तो तुमसे मजा लेना है इस बात पर वह बोली,,,)

अच्छा अंकित सच-सच बताना अगर मेरी तरह तेरी मां भी तुझे मौका दे तब तू क्या करेगा,,,।
(अंकित की नानी एकदम से मुद्दे वाला सवाल पूछ ली थी,,, इसलिए अंकित एकदम से हैरान हो गया था और अपनी नानी के सवाल को सुनकर वह हैरानी जताते हुए बोला,,,)

यह क्या कह रही हो नानी ऐसा भला हो सकता है क्या,,,,(ऐसा कहते हुए भी वह अपनी मां का जिक्र सुनकर उत्तेजित हो चुका था और उसकी उत्तेजना उसकी हथेली के दबाव पर एकदम साफ दिखाई दे रही थी वह अपनी नानी की गांड को कस के दबोच रहा था और उसका यह व्यवहार उसकी नानी को शंका के दायरे में ला रहा था वह समझ गई थी कि अगर मौका मिलेगा तो वह इसी तरह से अपनी मां के साथ भी मजा ले लेगा बिल्कुल भी इनकार नहीं कर पाएगा)

अरे मैं सच कह रही हूं मैं भी तो तेरी नानी हूं लेकिन तुझे मौका देना अगर तेरी मां भी इसी तरह से तुझे मौका देगी तो क्या तो इंकार कर पाएगा बिल्कुल भी नहीं तू भी अपनी मां पर ही चढ़ जाएगा,,,,।

(अपनी नानी किस तरह की खुली बातें उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रही थी उसे मदहोशी जा रही थी और उसे अपनी नानी के मुंह से अपनी बेटी के बारे में इस तरह की बातें सुनने में और भी ज्यादा मजा आ रहा था लेकिन फिर भी वह जानबूझकर इनकार करते हुए बोला)

नहीं नानी ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता मम्मी इस तरह की बिल्कुल भी नहीं है,,,।

लेकिन तू तो है ना,,,, मैं भी तो तेरी नानी हूं तो मेरे साथ क्यों यह सब कर रहा है क्योंकि मैं जानती हूं मर्द की फीतरत ही ऐसी होती है उन्हें बुर मिलना चाहिए फिर भले ही वह किसी की भी हो मां की और नानी की हो या बहन की हो,,,(एकदम से खुद से घूम कर पीठ के बल लेटते हुए,, और अपने हाथ के कोहनी का सहारा लेकर,,, उठकर बैठते हुए,,,) वैसे भी तेरी मां बहुत सेक्सी है,,, पहले ही मेरी बेटी है लेकिन में औरत के बारे में अच्छी तरह से जानती हूं मेरी बेटी बरसों से अकेली रह रही है उसकी भी इच्छा करती होगी जिस्मानी भूख शांत करने के लिए तू जरा सोच इस उम्र में जब मेरा यह हाल है अभी तो वह पूरी तरह से जवान है उसकी क्या हालत होती होगी उसका भी मन भटकता होगा बस कोई राह दिखाई नहीं दे रही है वरना वह भी अपने मंजिल को प्राप्त कर लेती,,,

यह सब कैसी बातें कर रही हो मम्मी के बारे में,,,।

अरे बुद्धू तेरी मम्मी के बारे में नहीं मैं बल्कि हर एक औरत के बारे में बता रही हूं हर रिश्ते के पहले वह एक औरत होती है उसे भी प्यास लगती है भूख लगती है जिस्म की भूख लगती है,,,, मैं सच कह रही हूं भले ही तो अनजाने में अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है लेकिन देखना जब मैं चली जाऊंगी ना फिर भी तेरा मन बार-बार अपनी ही मा को नग्न अवस्था में नहाते हुए कपड़े बदलते हुए पेशाब करते हुए देखने की इच्छा करेगी और अगर यह सब तेरी मां को मालूम पड़ गया अगर वह अपने आप को संभाल ली तो ठीक वरना वह भी भावनाओं में बह जाएगी तो उसका भी मेरी तरह हल हो जाएगा लेकिन मजा बहुत आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित की नानी उत्तेजित होते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाकर अंडरवियर में बने तंबू को पकड़ ली और उसे ज़ोर से दबोच ली अंकित एकदम से उत्तेजित हो गया,,, अपनी मां के बारे में खुली बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था इसलिए अपनी नानी की सरकार पर वह एकदम से बिस्तर पर घुटनों के बल अपनी नानी के करीब पहुंच गया और खुद ही अपने अंडरवियर को अपने हाथों से नीचे की तरफ खींच कर अपने खड़े लंड को एकदम से बाहर निकाल लिया,,, उसकी नानी अभी इस नजारे को देख ही रही थी कि वह खुद अपना हाथ आगे बढ़कर अपनी नानी के सर को पकड़ लिया और उसे नीचे की तरफ दबाव बनाता हुआ अपने लंड की तरफ लाने लगा,,,,,।

वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसे क्या करना है और वह अगले ही पल अंकित के लंड को मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दी,,, अपनी मां के बारे में अपनी नानी के मुंह से गंदी बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था उत्तेजना एकदम परम शिखर पर पहुंच चुकी थी और जैसे ही अपने लंड को अपनी नानी के मुंह में महसूस किया हुआ पूरी तरह से बेकाबू हो गया और अपनी नानी के सर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलना शुरू कर दिया वह अपनी नानी के मुंह को ही चोदना शुरू कर दिया था,,,, अंकित की मदहोशी है और उसका बेकाबूपन देखकर अंकित की नानी भी,,, मदहोश हो चुकी थी,,, वह भी अपने गले तक लेकर अंकित के लंड की चुसाई कर रही थी पूरी तरह से चुसाई कर लेने के बाद,,,,,, वह धीरे से अंकित के लंड को अपने मुंह में से बाहर निकाली क्योंकि उसकी बुर में भी चीटियां रेंग रही थी,,, उसे भी अंकित के लंड को अपनी बुर में लेना था,,,। अंकित समझ गया था कि अब उसे क्या करना है,,, वह धीरे से अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे पीठ के बल लेटा दिया,,,,

एक बार फिर से अंकित की नई कल रात वाली मुद्रा में हो चुकी थी,,,, अंकित कल की तरह ही घुटनों के पर अपनी नानी के टांगों के बीच पहुंच गया और उसकी कमर में हाथडालकर उसे अपनी जांघों पर खींच लिया,,, अंकित के चेहरे पर उत्साह साफ झलक रहा था,,,, अगले ही पर अपने लंड को अपनी नानी की बुर में डालकर अपनी कमर हीलाना शुरू कर दिया वह अपनी नानी को एकदम से हुमच हुमच कर चोद रहा था,,,, कुछ देर पहले ही अंकित की जीभ से ही वह झढ़ गई थी लेकिन अब अंकित उसकी बुर में अपने मर्दाना अंग का उपयोग कर रहा था क्योंकि पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा था वह इतना गरम था कि अंकित की नानी को ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी बुर में कोई गरम लोहे का रोड डाल रहा हो,,, वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी।
शुरू से ही अंकीत अपने धक्कों को तेज किए हुए था और अंकित कि ईस मर्दानगी को देखकर उसकी नानी पानी पानी हुई जा रही थी।

इस बार अत्यधिक उत्तेजना के चलते अंकित ज्यादा देर टिक नहीं पाया और 20 मिनट के बाद ही वह भी देर हो गया लेकिन अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त करने के बाद,,,,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
ये अंकित और नानी के बीच के चुदाई का खेल अब अपने अलग की अंजाम पर पहुंच गया नानी अंकित से उसके माँ के बारें में खुलकर बोल रही हैं और अंकित बहुत ही उत्तेजना महसुस करके अपनी नानी की पेलाई कर रहा हैं
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
 
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