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Incest मुझे प्यार करो,,,

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rohnny4545

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अंकित की नानी अंकित को ब्लाउज का बटन खोलने के लिए बोल रही थी क्योंकि जिस तरह से अंकित अपनी नानी का ब्लाउज खोल रहा था उससे ब्लाउज फटने की संभावना पूरी तरह से बढ़ जा रही थी और अंकित की उत्तेजना और उसकी उत्सुकता देखकर अंकित कि नानी भी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,, अंकित की नानी को एहसास होने लगा था कि उसकी दी हुई शिक्षा काम आ रही थी अंकित एक ही रात में बहुत कुछ सीख गया था इसीलिए तो उसके होठों को बिल्कुल भी अपने होठों से अलग नहीं कर रहा था उसके होठों का रस पीता हुआ वह अपनी नानी की बात मानकर उसके ब्लाउज का बटन खोलना शुरू कर दिया था,,, अंकित का दिल जोरो से धड़क रहा था उसकी उत्तेजना संपूर्ण रूप से परम शिखर पर थी, वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था। ब्लाउज का बटन खोलने में भी उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी वैसे तो वह अपनी मां के कपड़े अपने हाथों से उतार चुका था लेकिन आज पहली बार उसे अपनी नानी का ब्लाउज का बटन खोलने का अवसर मिल रहा है इसलिए उसकी उत्सुकता और उत्तेजना अद्भुत होती चली जा रही थी।





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अंकित की नानी की चुचिया बड़ी-बड़ी थी और चूचियों के आकार की अपेक्षा ब्लाउज का आकर थोड़ा छोटा था इसलिए वह बड़े कस के बटन को बंद की थी जिसे उतारने में अंकित के पसीने छूट रहे थे,,,, अंकित ऊपर के दो बटन खोल चुका था तीसरा बटन खोलने में उसे बड़ी जहमत उठानी पड़ रही थी,,,, यह देखकर उसकी नानी बोली,,,।

क्या करता है अंकित तू औरत का ब्लाउज का बटन नहीं खोल पा रहा है तो उसे खुश कैसे कर पाएगा,,,,


कुछ नहीं नानी लगता है कि ब्लाउज बहुत कस हुआ है,,,(अपने होठों को अपनी नानी के होठों से अलग करता हुआ वह बोला और उसकी बात सुनकर उसकी नानी बोली,,,,)

ब्लाउज कसा हुआ नहीं है मेरी चूचियां बड़ी-बड़ी है,,,, क्या तुझे नहीं लगता कि मेरी चूची बड़ी है,,,।

लगता तो है नानी एकदम खरबूजे की तरह है,,,,(ब्लाउज के चौथे बटन को खोलता हुआ वह बोला और जैसे ही चौथा बटन खुला उसके चेहरे के मुस्कान बढ़ने लगी,,,)

तुझे छोटी-छोटी चूची अच्छी लगती है कि बड़ी बड़ी,,,,।

पहले तो ऐसा कुछ भी नहीं था नई लेकिन कल रात से सब कुछ बदलता हुआ नजर आ रहा है मुझे तो तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूची अच्छी लगती है,,,(आखरी बटन को खोलने का प्रयास करता हुआ अंकित बोला उसकी बात सुनकर उसकी नानी मंद मंद मुस्कुरा रही थी,,,, और अगले पल अंकित अपने प्रयास को सफल करता हुआ अपनी नानी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल चुका था और उसके दोनों पल्लू को पकड़ कर एक दूसरे से अलग कर दिया था ब्लाउज के खुलते ही अंकित की नई की बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम से हवा में लहराने लगी ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे कबूतर कैद से आजाद हो गए हो,,, अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचियों की तरफ देखकर मुस्कुराता हुआ अंकित बोला,,,)





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सच में नानी तुम्हारी चुची बहुत खूबसूरत है,,,।

तेरे लिए ही है जैसा मन करे वैसा इसके साथ खेल,,,,।
(इतना सुनते ही अंकित अपने दोनों हाथों को आगे बढ़कर अपनी नानी की चूचियों पर रख दिया और गहरी सांस लेता हुआ उसे दबाना शुरू कर दिया अंकित की हथेलियों में पूरी तरह से मर्दाना ताकत भरी हुई थी, जिसका एहसास अंकित के नानी को भी अच्छी तरह से हो रहा था अंकित उत्तेजना के चलते बड़ी जोर-जोर से उसकी चूचियों को मसल रहा था दबा रहा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देखकर उसकी नानी का बुर का पानी पिघल रहा था,,,, अंकित की नानी से रहा नहीं गया और वह पेट में बने तंबू को अपने हाथ में पकड़ ली और उसे जोर-जोर से पेट के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दी जिससे अंकित की हालत और ज्यादा खराब होने लगी,,,

अंकित तो अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचीयो को अपने हाथ में लेकर पागल हो गया था कुछ अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि वाकई में औरत की चूचियों से खेलने में कितना मजा आता है,,, और से जोर-जोर से मसलता हुआ वह धीरे से अपने होठों को चूचियों की तरफ ले गया उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया अंकित की हरकत से उसकी नानी उत्तेजना और प्रसन्नता से गदगद हुए जा रही थी क्योंकि उसकी नानी को लगने लगा था कि आज उसे कुछ सीखाने की जरूरत नहीं है,,,, अंकित अपनी हरकतों से अपनी नानी का पानी छुडा रहा था,,,, वह बारी-बारी से अपनी नानी की दोनों चीजों को मुंह में लेकर पी रहा था उसकी कड़ी निप्पल को कैडबरी चॉकलेट की तरह अपने दांतों के बीच लेकर दबा दे रहा था और जब-जब अंकित यह हरकत करता था तब तक अंकित की नानी के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगती थी,,,,।




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आज भी कमरे में ट्यूबलाइट चल रही थी उसके दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था।
अंकित अपने मन में यही सोच रहा था कि अच्छा हुआ आज भी ट्यूब लाइट जल रही है क्योंकि अंधेरे में अपनी नानी का खूबसूरत नंगा बदन वह देख नहीं पाता ,,, बस बात को अच्छी तरह से जानता था कि उसके घर में बाकी के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे होंगे क्योंकि उसकी आंखों के सामने ही उसकी मां पेशाब करने के बाद अपने कमरे में सोने के लिए गई थी उसकी बहन तृप्ति तो पहले ही अपने कमरे में जाकर सो रही थी इस समय सिर्फ उसकी नानी और वह खुद जाग रहे थे उन दोनों की आंखों से नींद कोसों दूर जा चुकी थी क्योंकि समय दोनों जवानी का मजा लूट रहे थे,,, अंकित पागलों की तरह अपनी नानी की चूची को दबा भी रहा था उसे मुंह में लेकर पी रहा था ऐसा लग रहा था कि बरसों की हसरत को हुआ आज ही पूरी कर लेना चाहता हो,,, और अक्सर अंकित की नानी को ऐसे ही मर्द पसंद रहते हैं जो औरत के हर एक अंग से जी भर कर खेलें जी भर कर प्यार करें और अंकित वैसा ही कर रहा था,,,।





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कुछ देर तक किसी तरह से अपनी नानी की चूची से खेलने के बाद अंकित अपनी नानी को पूरी तरह से लग्नावस्था में देखना चाहता था उसके बदन से बाकी के वस्त्र को उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी कर देना चाहता था और वैसे भी अंकित की नई की तरफ सबसे पूरी छूट मिली हुई थी आज की रात में उसकी नानी के लिए उसका पति था और वह अपनी नानी के साथ एक बीवी की तरह,,, अपनी नानी की चूचियों से मुंह हटाने के बाद वह गहरी गहरी सांस लेता हुआ अपनी नानी की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था उसकी नानी भी उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी अंकित की नानी को है लगने लगा था कि उसका नाती आज सफल हो जाएगा,,, वह भी मदहोश हुए जा रही थी उसे भी अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसकी बुर से पानी निकल रहा है,,,,,,, अपनी नानी के द्वारा दिए गए छुट का फायदा उठाते हुए वह अपनी नानी की बाहों को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे बिस्तर पर से खड़ी करने लगा उसकी नानी भी उसका इशारा समझ कर बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई वह मुस्कुरा रही थी वह देखना चाहती थी कि उसका नाती अब क्या करता है,,,,।






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उसकी नानी एकदम हैरान हो गई जब अंकित उसका हाथ पकड़ कर एकदम से उसके पीछे चला गया और पीछे से उसे अपनी बाहों में जाकर लिया पीछे से वह अपने दोनों हाथों को अपनी नानी की चूची पर रखकर से दबाते हुए उसके गर्दन पर चुंबन करने लगा यह अंकित की नानी के लिए हैरान कर देने वाली बात थी क्योंकि यह समर्थ तभी करता है जब वह पूरी तरह से औरत को समझने लगता है उसे औरत को खुश करने का हर एक कला आती हो लेकिन यह सब तो अंकित के लिए पहली बार था कल रात वह जितना सिखाई थी यह उससे ज्यादा ही था,,,, लेकिन अंकित की हरकत उसे आनंदित कर रही थी अंकीत उसे पीछे से अपनी बाहों में भरकर उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलते है उसके गर्दन पर चुंबन करते हुए पीछे से ही अपने लंड को उसकी गांड के बीचों बीच चुका रहा था जिसका हिस्सा अंकित को भी था और अंकित की नानी को भी अंकित की नानी पूरी तरह से मचल रही थी मदहोश हो रही थी,,, अंकित की रानी को अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसका लंड किसी भाले से कम नहीं था जो बड़े आराम से गांड के बीचों बीच साड़ी के ऊपर से भी पहुंच जा रहा था,,,। अंकित की हरकत से अंकित की नानी की सिसकारी छूट रही थी,,,।

सहहहह आहहहहहहह,,,,अंकीत मेरे राजा तू तो एक ही रात में पूरा मर्द बन गया है,,,,,आहहहहह,,,,,।






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(अपनी नानी के मुंह से कहे गए इस शब्द को सुनकर उसका हौसला बढ़ने लगा था उसकी हिम्मत बढ़ने लगी थी वह मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और इस बात की खुशी उसके मन में और ज्यादा थी कि अच्छा हुआ उसकी नानी उसे यह सब सीख रही है अगर उसे सच में मौका मिल गया अपनी मां की चुदाई करने का तो अपनी नानी के साथ जो कुछ भी सीखा है वह उसका पूरा उपयोग अपनी मां के साथ करेगा और उसे पूरी तरह से खुश कर देगा,,,, अपनी नानी की गर्दन पर चुंबनों की बौछार करते हुए अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा,,, यह उसकी नानी के द्वारा उसके हिम्मत की तारीफ करने का ही नतीजा था जो अंकित इस कदर अपनी नानी के साथ खुलने लगा था,,, अंकित की नई अच्छी तरह से समझ रही थी कि अंकित उसे पूरी तरह से नंगी देखना चाहता है उसके नंगे बदन का दर्शन करना चाहता है,,,, अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा और अगले ही पल अपनी नानी की साड़ी को खोलकर वह साड़ी को जमीन पर गिरा दिया,,,,।






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इन सब के बावजूद अभी भी उसके बदन पर ब्लाउज टिका हुआ था और उसकी नग्नता को छुपाने के लिए पेटिकोट उसके बदन पर अभी भी बरकरार था,,,, अंकित अपने दोनों हाथों से अपनी नानी का ब्लाउज पकड़ कर उसकी बाहों से उसे अलग करने लगा उसकी नानी भी इसमें उसका सहयोग करने लगी अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ कर दी ताकि बड़े आराम से अंकित उसके ब्लाउस को उधर सके और अगले पर वह अपनी नानी के बदन पर से ब्लाउज को भी उतार कर नीचे जमीन पर गिरा दिया था अब केवल पेटिकोट उतरना बाकी रह गया था लेकिन पेटिकोट उतारते से पहले वह एक बार फिर से अपनी नानी के बदन से सट गया और अपनी हथेली को सीधे-सीधे उसके पेटिकोट के ऊपर से ही उसकी बुर पर रख दिया और उसे पेटिकोट के ऊपर से ही मसलनी शुरू कर दिया अंकित की नानी को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि अंकित इस तरह की हरकत कर देगा,,, इसलिए वह एकदम से मदहोश हो गई थी और मदहोशी भरे स्वर में बोली।


सहहहहह आहहहहहह,,,,, अंकित तू तो पूरा चालू है मैं कभी सोचती नहीं थी कि तू एक ही रात में इतना कुछ सीख जाएगा,,,।

जब सिखाने वाली तुम जैसी गुरु हो नानी तब चेला कैसे आगे नहीं बढ़ पाएगा,,,(अंकित इस तरह से पेटीकोट के ऊपर से ही अपनी नानी की बुर को मसलता हुआ बोला और अपनी बात को आगे बढ़ाता हुआ बोला,,,) नानी तुम्हारी बुर तो बहुत गीली गीली लग रही है कहीं पेशाब तो नहीं कर दी हो,,,,।

कल तुझे बताई थी,, यह पेशाब नहीं है जब औरत मत हो जाती है तो इसी तरह से लार टपकती है जैसे स्वादिष्ट भोजन देखकर मुंह में पानी आ जाता है ना उसी तरह से जब लगने लगता है कि औरत को मजा आने वाला है तभी इसी तरह से बोलने से लार टपकने लगता है समझा कि नहीं,,,,।





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ओहहह नानी बिल्कुल समझ गया,,,,, अब तो मैं तुम्हारी बुर का पानी निकालते हुए देखना चाहता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही अंकित अपनी नानी के पेटीकोट की डोरी को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे ज़ोर से एक झटके से खींच दिया अगले ही पल अंकित की नई की पेटिकोट एकदम से ढीली हो गई लेकिन फिर भी उसकी कमर पर टिकी हुई थी जिसे अंकित अपने दोनों हाथों की उंगलियों का सहारा देकर उसे कमर पर से ढीला किया और उसे उसी अंदाज में ऊपर से ही नीचे छोड़ दिया और अगले ही पल पेटिकोट उसके कदमों में जा गिरा,,,, लेकिन अंकित एकदम से हैरान हो गया जब देखा कि उसकी नानी पैंटी पहनी हुई थी यह देखकर उसके चेहरे पर उत्तेजना और मदहोशी के भाव और भी ज्यादा बढ़ गए और वह अपनी नानी से बोला,,,,)

क्या बात है नानी आज तो तुम पैंटी पहनी हो,,,,।

तेरे लिए ही पहनी हूं शायद तु नहीं जानता मर्द जब औरत के कपड़े उतारता है तो उसकी चड्डी उसकी पेंटि उतारने में उसे और भी ज्यादा मजा आता है और मुझे पूरा यकीन है कि तू मेरे बदन पर मेरी पैंटी देखकर और भी ज्यादा मस्त हो गया होगा।





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क्या बात है नई बिल्कुल सही नहीं तो हैरान हो गया तुम्हारे बदन पर पेटी देखकर इसे सच में अपने हाथों से उतारने में बहुत मजा आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित को उसकी मां याद आ गई जब वह दवा खाने में अपने हाथों से अपनी मां की पेंटिं उतारा था,,, लेकिन वह दवा खाना था और आज वह अपने घर में है और आज वह अपनी मां की नहीं बल्कि अपनी नानी की पेंटिं उतारने जा रहा है जिसके साथ कुछ भी करने कि उसे इजाजत प्राप्त है,,,, अपनी नानी को पेंटि में देखकर एक बार फिर से उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और बार फिर से उसे एकदम से अपनी बाहों में भर लिया और इस बार वह आगे से उसे अपनी बाहों में भर लिया था,,,, उसके लाल लाल होठों का रसपान करते हुए वह पेंटी के उपर से ही अपने लंड को उसकी बुर पर धंसा रहा था,,,,अंकीत की हरकत उसकी नानी को बावली बना रही थी,,,। अंकित की नानी सोची भी नहीं थी कि अंकित इतना कुछ उसके साथ करेगा और वाकई में वह एक मर्द की तरह ही उसके साथ पैस आ रहा था औरतों को जिस जिस हरकत से आनंद प्राप्त होता है वही हरकत अंकित कर रहा था,,,।




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थोड़ी देर बाद वह धीरे से घुटनों के बल बैठ गया,,, और जी भर कंपनी नानी की पेंटी की तरफ देखने के बाद,, वह दोनों हाथों से अपनी नानी की पेंटि को पकड़ लिया उतारना शुरू कर दिया और देखते-देखते वह अपनी नानी की पेंटि को उसके घुटनों तक खींच दिया,,,, अंकित की आंखों के सामने उसकी नानी की कचोरी की तरह फुली हुई उसकी बुर थी जिसमें से मदन रस टपक रहा था और उसे अपने होठों से लगाकर उसे पीने का मन कर रहा था,,, अंकित की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी उसकी सांसों की गति ऊपर नीचे हो रही थी,,, अंकित अच्छी तरह से जानता था कि अब उसे क्या करना है,,, वह अपनी नजर को ऊपर की तरफ उठाया उसकी नानी भी उसकी तरफ ही देख रही थी दोनों की नजरे आपस में मिली और दोनों के होठों पर मुस्कान तैरने लगे अंकित धीरे से अपने होठों को अपनी नानी की फुली हुई बुर पर रख दिया,,, अंकित की नानी अंकित की हरकत पर पूरी तरह से मदहोश हो गई और एकदम से गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथ को अंकित के सर पर रख दी,,, अंकित को बुर चाटने का अनुभव प्राप्त हो चुका था और यह अनुभव उसे सर्वप्रथम सुमन के द्वारा प्राप्त हुआ था और दोबारा राहुल की मां और तीसरी बार उसकी खुद की नई जो पूरी तरह से उसे संभोग का अध्याय कंठस्थ करा रही थी,,,।






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अंकित पागलों की तरह पूरी तरह से अपनी नानी के बुरे को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया था मानो के जैसे कोई रसमलाई हो वह पागल की तरह अपनी नानी की बुर को चाट रहा था और उसकी यही अदाकारी उसकी नानी को पूरी तरह से पानी पानी कर रही थी ,,,वह मदहोश हुए जा रही थी,,, अंकित पूरी तरह से अपनी नानी की जवानी पर छाने लगा था वह अपनी नानी की तालाब नुमा बुर का पानी पीकर अपनी प्यास बुझा लेना चाहता था,,,, अभी भी उसके घुटनों में उसकी पैंटी फांसी हुई थी और अंकित अपने दोनों हाथों को उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर रखकर उसे जोर से दबाते हुए बुर का स्वाद ले रहा था,,,, अंकित की नई की हालत खराब हो रही थी वह पागल हुए जा जा रही थी उसका पूरा बदन कसमसा रहा था और उसके मुख से गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकल रही थी,,,। अपनी नानी के मुंह से निकलने वाली शिसकारी की आवाज को सुनकर अंकित का हौसला और भी ज्यादा बुलंद होता चला जा रहा था,,, अंकित जितना हो सकता था उतनी अपनी जीभ को अपनी नानी की बुर के अंदर डालकर उसकी मलाई को चाट रहा था,,,।





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अंकित अपनी नानी की बुर को अपने दूसरे हाथ के अंगूठे और उंगली से फैला कर आनंद ले रहा था अपनी एक उंगली को उसमें डालकर अंदर बाहर करते हुए उसकी बुर चाट रहा था अंकित की तरफ से यह हरकत अंकित की नानी को पूरी तरह से ध्वस्त कर रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कल का छोकरा उसके छक्के छुड़ा रहा था,,, अंकित का एहसास हो रहा था कि पेंटी घुटनों में फांसी होने की वजह से उसकी नानी ठीक तरह से खड़ी नहीं हो पा रही थी इसलिए वह उसकी पैंटी को उतारने लगा लेकिन इस बीच वह उसकी बुर को लगातार चाट रहा था और देखते-देखते वह उसकी पेंटिं को एकदम नीचे तक ले आया तो उसकी नानी खुद अपने पैरों को एक-एक करके ऊपर करके अपने पैरों में से पेंटी को बाहर निकलवा दी,,, पेटी के निकलते ही जैसे भाभी किसी कैदी से आजाद हो गई हो इस तरह से अपनी एक टांग को घुटनों से मोड़कर एकदम से अंकित के कंधों पर रख दी और दोनों हाथों से उसका सिर पकड़ कर अपनी बुर को उसके चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दि,, अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी और एक तरह से वह अपनी कमर को धक्का मार रही थी अंकित के चेहरे पर,,, देखते ही देखते अंकित का पूरा चेहरा उसकी बुर में से निकलने वाले मदन रस से पूरी तरह से गिला हो गया लेकिन फिर भी अंकित को मजा आ रहा था वह अपनी चीज से जितना हो सकता था उतनी अपनी नानी की मलाई को चाट रहा था,,,,।






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और देखते ही देखते अंकित की उंगलियों की करामात और उसकी जीभ की जादूगरी से अपने चरम सुख के करीब पहुंचने लगी उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी और वह अंकित के बालों को कस के पकड़ के उसके होठों को अपनी बर से एकदम से दबा दी और भलभला कर झड़ने लगी,,, अंकित अपनी नानी की बुर में से निकलने वाले बदन रस की एक भी बुंद को जमीन पर गिरने नहीं दिया उसे लगातार चट्टा हुआ उसे अपने गले के अंदर गटक गया,,, मानो की जैसे वह बुर से निकला पानी नहीं कोई अमृत की बूंद हो,,,, अंकित की नानी झड़ चुकी थी गहरी गहरी सांस ले रही थी अंकित भी अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसने क्या किया है एक अद्भुत कार्य को अंजाम दिया था इसलिए चेहरे पर मुस्कान लिए वह धीरे से उठकर खड़ा हो गया और एक बार फिर से अपनी नानी के होठों से अपनी होंठ को सत दिया अंकित की रानी अच्छी तरह से जानते थे कि अंकित के होठों पर उसकी ओर से निकलने वाली मलाई लगी है लेकिन फिर भी बेझिझक वह भी उसके होंठों को अपने मुंह में भरकर चाटना शुरू कर दी,,,,।

अंकित की नई पूरी तरह से नंगी थी लेकिन अंकित के बदन पर अभी भी पूरे वस्त्र थे उसने अपने वस्त्र है उतरे नहीं थे और इस बार वह अपनी नानी को बिस्तर पर ले गया और उसे बिस्तर पर बैठ कर अपना शर्ट निकाल कर उसे भी अपनी नानी के वस्त्र पर फेंक दिया लेकिन अभी तक वह अपना पेटं नहीं उतारा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देख कर उसकी नानी के मुंह में पानी आ रहा था,,,, अंकित देखते ही देखते अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे बिस्तर पर लेट आने लगा और देखते ही देखते उसकी नानी बिस्तर पर पीठ के बाल एकदम से लेट गई ,,, नग्नावस्था में उसका बदन ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा था,,,, अंकित ने अपनी सूझबूझ और जो कुछ भी सीखा था उसके अनुभव से वह अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त कर दिया था जिसका एहसास उसकी नानी के चेहरे को देख कर एकदम साफ दिखाई दे रहा था,,,,।





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अंकित अभी भी बिस्तर के नीचे था वह धीरे से अपने पेट की बटन खोलने लगा और अपना पेंट उतार कर उसे भी एक तरफ रख दिया और इस समय वह अपनी नानी के सामने केवल अंडरवियर में था और उसके अंडरवियर में उसका तंबू पूरी तरह से गोले दागने के लिए किसी तोप की तरह खड़ा था,,,, पेंट उतारने के बाद उसने अपनी अंडरवियर नहीं उतारा और अपने हाथ का सहारा लेकर वह अपनी नानी को घूमने का इशारा करते हो उसे घूमने लगा वह उसे पेट के बल लेटाना चाहता था,,, और उसकी नानी भी उसके इशारे को समझ गई थी और भाभी पेट के बल लेट गई थी उसकी बड़ी-बड़ी गांड एकदम से ट्यूबलाइट की रोशनी में चमक रही थी जिसे देख कर अंकित मुस्कुराते हुए बोला,,,।

वह नानी कितनी खूबसूरत गांड है तुम्हारी और कितनी बड़ी-बड़ी है,,,,।

(इतना सुनते ही उसकी नानी तपाक से बोली,,,)

तेरी मां से भी ज्यादा खूबसूरत है क्या,,,!

(इस सवाल को सुनकर अंकित थोड़ा झेंप गया और अपने आप को संभालते हुए बोला,,,)

मुझे क्या मालूम नहीं मैं तो अब तक सिर्फ तुम्हारी ही गांड देखा हूं और वाकई में तुम्हारी गांड बहुत ज्यादा खूबसूरत है,,।





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लेकिन तेरी मां से ज्यादा खूबसूरत नहीं है और यह बात तू भी अच्छी तरह से जानता है,,,।

मैं भला कैसे जानुंगा मैं कभी देखा थोड़ी हूं,,,।(अंकित पूरी तरह से अपनी भावनाओं पर काबू करता हुआ बोला,,, और बिस्तर पर बैठकर अपनी नानी की नंगी गांड पर हथेली रखकर उसे चलने लगा,,,,)

चल झूठ मत बोल मैं सब जानती हूं अभी कुछ देर पहले ही तो घर के पीछे दीवार के पीछे छुप कर देख रहा था,,,,।

(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित एकदम से हक्का-बक्का रह गया उसे ऐसा था कि यह बात किसी को मालूम नहीं होगी लेकिन उसकी नानी सब जान गई थी इसलिए कुछ छुपाने से फायदा नहीं था इसलिए वह अपनी तरफ से सफाई देता हुआ बोला,,)

लेकिन वह तो अनजाने में देख लिया था मैं तो तुम्हें देखने के लिए गया था मुझे क्या मालूम था कि मम्मी भी वही होगी,,,,।

मुझे देखने के लिए अभी कल रात को ही तो हम दोनों के बीच सब कुछ हुआ फिरभी,,,।

हां जब मुझे लगा कि तुम पेशाब करने जा रही हो तो मैं तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता था सच में तुम पेशाब करते हुए बहुत खूबसूरत लगती हो लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि मम्मी भी वही है,,,।

चल कोई बात नहीं मालूम था कि नहीं मालूम था यह मैं नहीं जानती लेकिन इस समय तूने अपनी मां की भी गांड देखा ना पेशाब करते हुए उसे भी देखा तो सच सच बताना हम दोनों में से सबसे ज्यादा खूबसूरत नजारा किसका दिखाई दे रहा था,,,,।





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(अंकित की नानी इस सवाल से अंकित के मन में क्या चल रहा है यह जानना चाहती थी और यह भी देखना चाहती थी कि यह जो चोरी छुपे देखा था कि हो रही है उसके जाने के बाद कितना आगे बढ़ सकती है,,, अंकित अपनी नानी का सवाल सुनकर बोला,,,)

ऐसा कुछ भी नहीं है नानी मैं तो सिर्फ तुम्हारी ही गांड को देख रहा था,,,।

चल झूठ मत बोल मैं भी तिरछी नजर से देख रही थी तू अपनी मां की गांड की तरफ देख रहा था सच सच बताना क्या पहले भी तू इसी तरह से चोरी छिपे अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है,,,।

(अंकित को समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी नानी के सवाल का जवाब हुआ कैसे दिन ऐसा तो बहुत बार हो चुका था लेकिन ऐसा कहना बहुत गलत होगा क्योंकि उसकी मां सफाई दे चुकी है कि अंकित ऐसा लड़का नहीं है इसलिए वह बोला)

पहले तो मैंने कभी नहीं देखा आज पहली बार देख रहा था लेकिन सच कहूं तो मन से ज्यादा बड़ी गांड तुम्हारी है,,,।

वह तो है ही आखिरकार मैं उसकी मां हूं लेकिन गांड कैसी हुई किसकी ज्यादा है,,,, सच-सच बताना झूठ बिल्कुल भी मत बोलना और हम दोनों के बीच किसी भी तरह का पर्दा नहीं रहना चाहिए हम दोनों के बीच इस तरह का रिश्ता कायम हो चुका है इससे हम दोनों को एक दूसरे से बिल्कुल भी शर्म करने की जरूरत नहीं है,,, और हां हम दोनों के बीच इस तरह की बात हो रही है मैं यह किसी को नहीं बताऊंगी,,,।





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(अपनी नानी की बातें सुनकर अंकित थोड़ा सोच में पड़ गया था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन इतना तो वह जान ही गया था कि उसकी नानी है सब किसी को नहीं बताएगी अगर यह सब किसी को बताएगी तो उसका भी राज राज नहीं रह पाएगा,,, और यह सब बातें तो होता है अपनी बेटी को नहीं बता सकती क्योंकि वह खुद एक नंबर की छिनार है तो भला हुआ अपनी बेटी से कैसे बता पायेगी की रात भर वह अपनी ही नाती के साथ चुदवाती रही है,,,, इस तरह की बातें अपने मन में सोच कर अंकित को थोड़ी तसल्ली महसूस हो रही थी और उसे भी अपनी मां की इस तरह की बातें करने में अपनी नानी के साथ मजा आ रहा था उसके उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ रही थी इसलिए वह अपनी नानी से बोला,,,)

सच कहुं तो अगर उमर को लेकर अंतर देखा जाए तो फिर भी तुम इस उम्र में भी एकदम कड़क हो और वैसे तो सही मांगने में इस समय मन की गांड ज्यादा कसी हुई है लेकिन इससे मुझे क्या मुझे तो तुमसे मजा लेना है और इसीलिए मेरे लिए तुम ही मेरे सपनों की रानी हो,,,,।
(अंकित अपनी नानी से एकदम फिल्मी स्टाइल के हीरो जैसी बातें कर रहा था और अंकित की नई भी उसकी बातों से एकदम मस्त हो रही थी प्रसन्न हो रही थी लेकिन अंकित की यह बात कि मुझे तो तुमसे मजा लेना है इस बात पर वह बोली,,,)




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अच्छा अंकित सच-सच बताना अगर मेरी तरह तेरी मां भी तुझे मौका दे तब तू क्या करेगा,,,।
(अंकित की नानी एकदम से मुद्दे वाला सवाल पूछ ली थी,,, इसलिए अंकित एकदम से हैरान हो गया था और अपनी नानी के सवाल को सुनकर वह हैरानी जताते हुए बोला,,,)

यह क्या कह रही हो नानी ऐसा भला हो सकता है क्या,,,,(ऐसा कहते हुए भी वह अपनी मां का जिक्र सुनकर उत्तेजित हो चुका था और उसकी उत्तेजना उसकी हथेली के दबाव पर एकदम साफ दिखाई दे रही थी वह अपनी नानी की गांड को कस के दबोच रहा था और उसका यह व्यवहार उसकी नानी को शंका के दायरे में ला रहा था वह समझ गई थी कि अगर मौका मिलेगा तो वह इसी तरह से अपनी मां के साथ भी मजा ले लेगा बिल्कुल भी इनकार नहीं कर पाएगा)

अरे मैं सच कह रही हूं मैं भी तो तेरी नानी हूं लेकिन तुझे मौका देना अगर तेरी मां भी इसी तरह से तुझे मौका देगी तो क्या तो इंकार कर पाएगा बिल्कुल भी नहीं तू भी अपनी मां पर ही चढ़ जाएगा,,,,।

(अपनी नानी किस तरह की खुली बातें उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रही थी उसे मदहोशी जा रही थी और उसे अपनी नानी के मुंह से अपनी बेटी के बारे में इस तरह की बातें सुनने में और भी ज्यादा मजा आ रहा था लेकिन फिर भी वह जानबूझकर इनकार करते हुए बोला)

नहीं नानी ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता मम्मी इस तरह की बिल्कुल भी नहीं है,,,।




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लेकिन तू तो है ना,,,, मैं भी तो तेरी नानी हूं तो मेरे साथ क्यों यह सब कर रहा है क्योंकि मैं जानती हूं मर्द की फीतरत ही ऐसी होती है उन्हें बुर मिलना चाहिए फिर भले ही वह किसी की भी हो मां की और नानी की हो या बहन की हो,,,(एकदम से खुद से घूम कर पीठ के बल लेटते हुए,, और अपने हाथ के कोहनी का सहारा लेकर,,, उठकर बैठते हुए,,,) वैसे भी तेरी मां बहुत सेक्सी है,,, पहले ही मेरी बेटी है लेकिन में औरत के बारे में अच्छी तरह से जानती हूं मेरी बेटी बरसों से अकेली रह रही है उसकी भी इच्छा करती होगी जिस्मानी भूख शांत करने के लिए तू जरा सोच इस उम्र में जब मेरा यह हाल है अभी तो वह पूरी तरह से जवान है उसकी क्या हालत होती होगी उसका भी मन भटकता होगा बस कोई राह दिखाई नहीं दे रही है वरना वह भी अपने मंजिल को प्राप्त कर लेती,,,

यह सब कैसी बातें कर रही हो मम्मी के बारे में,,,।

अरे बुद्धू तेरी मम्मी के बारे में नहीं मैं बल्कि हर एक औरत के बारे में बता रही हूं हर रिश्ते के पहले वह एक औरत होती है उसे भी प्यास लगती है भूख लगती है जिस्म की भूख लगती है,,,, मैं सच कह रही हूं भले ही तो अनजाने में अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है लेकिन देखना जब मैं चली जाऊंगी ना फिर भी तेरा मन बार-बार अपनी ही मा को नग्न अवस्था में नहाते हुए कपड़े बदलते हुए पेशाब करते हुए देखने की इच्छा करेगी और अगर यह सब तेरी मां को मालूम पड़ गया अगर वह अपने आप को संभाल ली तो ठीक वरना वह भी भावनाओं में बह जाएगी तो उसका भी मेरी तरह हल हो जाएगा लेकिन मजा बहुत आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित की नानी उत्तेजित होते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाकर अंडरवियर में बने तंबू को पकड़ ली और उसे ज़ोर से दबोच ली अंकित एकदम से उत्तेजित हो गया,,, अपनी मां के बारे में खुली बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था इसलिए अपनी नानी की सरकार पर वह एकदम से बिस्तर पर घुटनों के बल अपनी नानी के करीब पहुंच गया और खुद ही अपने अंडरवियर को अपने हाथों से नीचे की तरफ खींच कर अपने खड़े लंड को एकदम से बाहर निकाल लिया,,, उसकी नानी अभी इस नजारे को देख ही रही थी कि वह खुद अपना हाथ आगे बढ़कर अपनी नानी के सर को पकड़ लिया और उसे नीचे की तरफ दबाव बनाता हुआ अपने लंड की तरफ लाने लगा,,,,,।




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वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसे क्या करना है और वह अगले ही पल अंकित के लंड को मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दी,,, अपनी मां के बारे में अपनी नानी के मुंह से गंदी बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था उत्तेजना एकदम परम शिखर पर पहुंच चुकी थी और जैसे ही अपने लंड को अपनी नानी के मुंह में महसूस किया हुआ पूरी तरह से बेकाबू हो गया और अपनी नानी के सर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलना शुरू कर दिया वह अपनी नानी के मुंह को ही चोदना शुरू कर दिया था,,,, अंकित की मदहोशी है और उसका बेकाबूपन देखकर अंकित की नानी भी,,, मदहोश हो चुकी थी,,, वह भी अपने गले तक लेकर अंकित के लंड की चुसाई कर रही थी पूरी तरह से चुसाई कर लेने के बाद,,,,,, वह धीरे से अंकित के लंड को अपने मुंह में से बाहर निकाली क्योंकि उसकी बुर में भी चीटियां रेंग रही थी,,, उसे भी अंकित के लंड को अपनी बुर में लेना था,,,। अंकित समझ गया था कि अब उसे क्या करना है,,, वह धीरे से अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे पीठ के बल लेटा दिया,,,,

एक बार फिर से अंकित की नई कल रात वाली मुद्रा में हो चुकी थी,,,, अंकित कल की तरह ही घुटनों के पर अपनी नानी के टांगों के बीच पहुंच गया और उसकी कमर में हाथडालकर उसे अपनी जांघों पर खींच लिया,,, अंकित के चेहरे पर उत्साह साफ झलक रहा था,,,, अगले ही पर अपने लंड को अपनी नानी की बुर में डालकर अपनी कमर हीलाना शुरू कर दिया वह अपनी नानी को एकदम से हुमच हुमच कर चोद रहा था,,,, कुछ देर पहले ही अंकित की जीभ से ही वह झढ़ गई थी लेकिन अब अंकित उसकी बुर में अपने मर्दाना अंग का उपयोग कर रहा था क्योंकि पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा था वह इतना गरम था कि अंकित की नानी को ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी बुर में कोई गरम लोहे का रोड डाल रहा हो,,, वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी।
शुरू से ही अंकीत अपने धक्कों को तेज किए हुए था और अंकित कि ईस मर्दानगी को देखकर उसकी नानी पानी पानी हुई जा रही थी।




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इस बार अत्यधिक उत्तेजना के चलते अंकित ज्यादा देर टिक नहीं पाया और 20 मिनट के बाद ही वह भी देर हो गया लेकिन अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त करने के बाद,,,,,।
 
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अपने मामा के घर से अंकित अपनी मां के साथ बस में वापस लौट रहा था वापस लौटते समय अपने मन यही सोच रहा था कि काश बस में पहले की तरह ही भीड़ भाड़ होती और दोनों को खड़े-खड़े ही जाने को मिलता तो कितना मजा आता,,, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था दोनों समय सेपहुंच जाने की वजह से बस में दोनों को अच्छी तरह से बैठने की जगह मिल गई थी,,, दोनों एक दूसरे की तरफ चिंतित मुद्रा में देख रहे थे,, दोनों के चेहरे पर बस में जगह मिल जाने का मलाल साफ दिखाई दे रहा था,,, लेकिन कर क्या सकते थेजगह मिल गई थी तो बैठना ही पड़ता थोड़ी ही देर में बस पूरी तरह से भर चुकी थी ठीक वैसे ही भीड़ थी जैसे आने के समय की यह देखकरअंकित और उसकी मां यही सोच रहे थे कि कुछ देर बाद आती तो कितना मजा आता।






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दोनों मां बेटे को यह सफर जिंदगी भर याद कर रहने वाला था क्योंकि जो कुछ भी सफर के दौरान हुआ था इसकी दोनों ने हीं कल्पना नहीं की थी,,, बस के सफर के दौरान दोनों के बीच जिस तरह काआकर्षक और घर्षण हुआ था वह बेहद उन्माद जाकर उत्तेजित कर देने वाला था जिसे याद करके इस समय भी सुगंधा गीली हो जा रही थी,,, और बची कुची कसरघर पर पूरी हो गई थी रात में जब सुगंध पानी पीने के लिए रसोई घर की तरफ जा रही थी और वह रास्ते में ही अपने भाई के कमरे के सामने रुक गई थी क्योंकि खिड़की से वह अपने भाई और बाकी दोनों की चुदाई को देख रही थी उसे नहीं मालूम था कि इस समय उसका बेटा भी वहां आ जाएगा और वह भी ठीक उसके पीछे खड़ा होकर वही दृश्य को देख कर मदहोश हो जाएगा जिसे वह देख रही थी।




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खैर जो कुछ भी हुआ वह मां बेटे दोनों के लिए बेहद उनमादक और अतुलनीय था,, जिसे वह दोनों जिंदगी भर नहीं बोलने वाले थे लेकिन इस दौरान तृप्ति के साथ भी उन दोनों से कुछ अलग नहीं हुआ था वह भी इस रात को कभी भूलने वाली नहीं थी,,,वैसे तो सुबह-सुबह अपने भाई के मोटे तगड़े लंड के दर्शन करके वह पूरी तरह से एक स्त्रीत्व का एहसास कर रही थी पहली बार उसे एहसास हो रहा था किएक औरत होकर उसे कितना आनंद प्राप्त होने वाला है,,, अपने भाईके मुसल को देखकर ही वह पूरी तरह से आनंदित हो चुकी थी यह उसके जीवन में दूसरी बार हुआ था जब अपने भाई के लंड को देख रही थी,,, पहली बार तब हुआ था जब वह गहरी नींद में सो रहा था और दूसरी बार तब जब वह पूरी तरह से नंगा होकर अपने कमरे में कपड़ा ढूंढ रहा था,,, अंकित को नहीं मालूम था कि दरवाजे पर उसकी बहन खड़ी है ,, वह तो अपनी ही धुन में नंगा होकर कपड़े ढूंढ रहा था,,,।




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लेकिन इस दृश्य को देखकर तृप्ति का शांत मन एकदम से डामाडोल होने लगा था ऐसा लग रहा था कि मानव जैसे शांत तालाब में कोई कंकर फेंक दिया हो,,, बड़ी मुश्किल से तृप्तिइन सब से बाहर निकल पाई थी संदीप के जाने के बाद वह पूरी तरह से टूट गई थी लेकिन जैसे-जैसे हिम्मत करके वहां फिर से अपने आप को मजबूत करके खड़ी हो गई थी जब तक संदीप के साथ थी तो उसे भी ऐसा लगता था कि वह कभी ना कभी अपनी मर्यादा को लांघ जाएगी,,क्योंकि संदीप हमेशा उसके अंगों से छेड़खानी कर देता था और उसकी यह छेड़खानी उसे भी मदहोश कर देती थी एक बार तो अपनी मैडम के बर्थडे में जाने पर उसके घर पर जो कुछ भी हुआ था उसी समय वह संदीप के साथ अपनी मर्यादा को लांघ गई होती,,, लेकिन एन मौके पर किसी के आ जाने की वजह से दोनों अलग हो चुके थे,,,,,उसे समय संदीप के द्वारा उसके तन-बाद में उत्तेजना की मदहोशी का संचार बड़ी तेजी से हो रहा था और वह भी इन तरह की कल्पना में अपने आप को पिरोने लगी थी,लेकिन संदीप के एकाएक चले जाने के बाद वह धीरे-धीरे इन सब बातों से अपने आप को बाहर निकाल देती लेकिन एक बार फिर से अपने ही भाई के मर्दाना अंग को देखकर उसकी पुरानी भावनाएं फिर से जागरूक होने लगी थी,, जिसके चलते हैं उसे अपनी जवानी की आगबुझाने के लिए अपनी उंगली का सहारा लेना पड़ा था और इस खेल में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति भी हुई थी।




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रात कोखाना खाने के लिए उसे सुषमा आंटी के घर जाना था और रात को वहीं रुकना भी था वैसे तो दिन भर जिस तरह की कल्पना उसके दिलों दिमाग पर छाई हुई थी उसे देखते हुए वह सुषमा आंटी के घर सोने के लिए नहीं जाना चाहती थी क्योंकि वह रात को एक बार फिर से अपनी जवानी की आग को अपनी उंगली से ही बुझाना चाहती थी,,, लेकिन जब सुषमा आंटी के घर गई तो खाना खाने के बाद,,, उन्होंनेबहुत जोर दिया रात को रोकने के लिए और यह भी कहा कि रात को इस तरह से घर पर अकेला रहना ठीक नहीं है तो ना चाहते हुए भी तृप्ति को सुषमा के घर रुकना पड़ा और सोने के लिए उसे सुमन के कमरे में जाना पड़ा वैसे भी सुमन बहुत खुश नजर आ रही थी,,, क्योंकि वह तृप्ति से दोस्ती बढ़ाना चाहती थी,,, और इस दोस्ती से वह अंकित के और करीब पहुंचना चाहती थी वैसे तो सुमन जानते थे कि वैसे भी अंकित पूरी तरह से उसके आकर्षण में कैद हो चुका है जैसा वह कहेंगीवैसा ही अंकित करेगा लेकिन फिर भी ज्यादा मेल जोल के लिए तृप्ति के साथ दोस्ती बढ़ाना उचित था,,।



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रात को दोनों इधर-उधर की खूब बातें की हैतृप्ति और सुमन दोनों एक दूसरे में घुल मिल गए थे दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत अच्छा लग रहा था बातों ही बातों में सुमन तृप्ति से बोली।

कोई बॉयफ्रेंड बनाई कि नहींवैसे तो इतनी खूबसूरत है मुझे नहीं लगता कि तुझे बनाने की कोई जरूरत होगी खुद ही तेरे पीछे लट्टु बनकर घूमते होंगे मजनू,,,।
(सुमन की यह बात सुनकर उसे पर भर में ही संदीप का ख्याल आने लगा उसके जीवन में केवल संदीप ही था और वह संदीप से बहुत प्यार करती थी लेकिन शायद उसके जीवन में संदीप के साथ आगे बढ़ना नहीं लिखा था लेकिन सुमन की बात सुनकर वह थोड़ा उदास होते हुए बोली,,,)

नहीं यार इन सब के चक्कर में मैं नहीं पड़ी हूं अभी तो पूरा ध्यान पढ़ाई में है,,,।





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लेकिन तेरे बदन की बनावट देखकर तो ऐसा ही लगता है कि तू चाहे की ना चाहे 10 15 दीवाने तो होंगे ही,, सही बताना,,,।

अब मैं क्या बताऊं मुझे थोड़ी मालूम है कि मेरे पीछे कौन घूमता है मैं तो अपनी ही धुन में रहती हूं अच्छा छोड़ तू तो जरूर बनाई होगी,,।

क्या करूं नहीं चाहती हूं फिर भी लड़के पीछे पड़ ही जाते हैं,,।

अच्छा कितने बॉयफ्रेंड है तेरे,,,(तृप्ति उत्सुकता दिखाते हुए बोली)

अब तक पांच,,,(मुस्कुराते हुए सुमन बोली)

एकदम सीरियस या टाइम पास,,,।

अब क्या कहूं कुछ समझ में नहीं आता की किसके साथ सीरियस रहूं सच कहूं तो सब मुझे टाइम पास ही लगते हैं क्योंकि जितने भी बॉयफ्रेंड मिलेंगे आखिरकार सबको एक ही चीज चाहिए लड़कियों की,,, तू तो समझ ही गई होगी,,,।





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(सुमन की बात सुनकर वह शर्मा गई और शर्मा कर मुस्कुरा दे यह देखकर सुमन अपनी आंखों को नचाते हुए बोली,,,)

चल शुक्र है इतना तो तुझे समझ में आता है मुझे तो लगा कि कुछ भी समझ में नहीं आता होगा,,,।

आप इतना तो समझ में आता ही है इतना भी नादान नहीं है इसलिए तो मैं इन सब चीजों में नहीं पड़ती,, अच्छा यह बात किसी के साथ आगे बड़ी है या,,,(तृप्ति इससे ज्यादा बोल नहीं पाई क्योंकि वह इस तरह की बातें कभी कि नहीं थी वह एकदम से रुक गई थी और उसकी बात का मतलब सुमन अच्छी तरह से समझ रही थी उसकी बात को सुनकर वह मुस्कुराते हुए बोली)

सही कहूं तो अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है मैं जैसा तुझे पता है कि सभी लड़कों को हम लड़कियों की एक ही चीज चाहिए इसके बाद बोलोरिलेशनशिप तोड़ देते हैं इसीलिए मैं इन सब चीजों में आगे नहीं बढ़ रही हूं एक तो बदनाम होने का डर बना रहता है,,।




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सच कह रही है सुमन तू,,एक बार समझ में बदनामी हो गई तो फिर घर से बाहर निकल पाना मुश्किल हो जाएगा और फिर तुम चाहे जैसे भी हो घर के बाहर तो सब तुम्हें दूसरी लड़कियों की तरह ही समझेंगे,,,।

बात एकदम सही है अभी अगले मोहल्ले में मेरी एक सहेली होती है उसके पड़ोस में ही एक लड़की है जो दो-तीन लडको के साथ रिलेशनशिप में थीअब पता नहीं कि उसे लड़की का उन लड़कों के साथ संबंध बना या नहीं लेकिन समाज में तो बात करने लगी और फिर आज तक होगा घर से बाहर निकलना उसके लिए मुश्किल हो गया है,,,।

इसलिए तो कहती हूं की लड़कियों का,, एक-एक कदम आगे बढ़ाना बहुत मुश्किल हो जाता है,,,।
(दोनों की बातें हो ही रही थी कि तभी दरवाजे पर सुषमा आंटी आ गई और वह बोली)

अरे लड़कियों घड़ी में तो देखो कितना बज रहा है 12:00 बजने वाले हैं और तुम दोनों अभी तक बातें कर रही हो चलो अब जल्दी से सो जाओ,,।

ठीक है आंटी मुझे भी नींद आ रही है,,।

वह तो ठीक है लेकिन कपड़े तो बदल लो सलवार कमीज में कैसे नींद आएगी कुछ ढीला ढाला सा पहन लो,,,।




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वह तो आंटी में घर पर ही भुल आई हूं,,,।

चलो कोई बात नहीं सुमन का गाउन पहन लो,,,।

(इतना सुनते ही सुमन अपने बिस्तर पर से चहकते हुए नीचे उतर गई और अलमारी की तरफ बढ़ते हुए बोली,)

मैं अभी देती हूं मुझे भी कपड़े बदलना है,,,।
(इतना कहकर वह अलमारी की तरफ आगे बढ़ गई थी और सुषमा यह कहकर वहां से चली गई थी कि कपड़े बदलने के बाद सो जाना,,, सुषमा आंटी से चली गई थी और सुमन अलमारी में से तृप्ति के लिए एक गाउन निकाल रही थी,,, और गाऊन निकालने के बाद उसे तृप्ति की तरफ बढ़ाते हुए बोली,,,)

लो तुम यह पहन लो,,, मैं अपने लिए फ्रॉक ले लेती हूं,,,,(ऐसा कहते हुए अलमारी में से वह अपने लिए एक फ्रॉक निकाल ली और अलमारी को बंद कर दी अभी तक तृप्ति इस तरह से गाउन को हाथ में लेकर बैठी हुई थी और सुमन उसकी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर केवल ब्रा और पेटी में खड़ी थी यह देखकर तृप्ति के बदन में अजीब सी हलचल होने लगी वह यह देख रही थी कि सुमन उसकी आंखों के सामने बिल्कुल भी शर्म नहीं कर रही है,,, देखते ही देखते वह फ्रॉक को पहन ली थी,,, और सुमन को इस तरह से बिस्तर पर बैठे हुए देखकर वह बोली,,,)




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क्या हुआ पहन लो,,,,।

पहनती हूं,,,(ऐसा कहकर वह भी बिस्तर से नीचे उतरने लगी वैसे तो उसने आज तक किसी के भी सामने कपड़े बदली नहीं थी वह या तो बाथरूम में कपड़े बदलती थी या तो अपने कमरे में दरवाजा बंद करके लेकिन सुमन बेझिझक अपने कपड़े बदल ली थीइन सब के बीच तृप्ति की नजर उसकी दोनों चूचियों पर ही थी वह देखकर हैरान थी की सुमन की चुचीया कितनी बड़ी थी,,, उसकी चूचियां अभी भी छोटे से अमरूद की तरह थी,,,तृप्ति इस बात को अच्छी तरह से जानती थी की लड़कियों की खूबसूरती में उसकी चूचियों की गोलाई और उसके उभार ही ज्यादा आकर्षण बढ़ाते हैं,,,इस बात से उसे भी इनकार नहीं था कि वह सुमन से ज्यादा खूबसूरत थी लेकिन बदन की बनावट में इस समय सुमन उससे दो कदम आगे थी,,, यही सब सोचते हुएवह अपनी कमीज पर दोनों हाथ रखकर उसे ऊपर उठने वाली थी कि उसकी आंखों के सामने ही सुमन अपनी पेंटि को भी निकाल कर एक तरफ रख दी थी,,, यह देखकर तृप्ति बोली,,)




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अरे तुम तो पेंटी भी उतार दी,,।

सच कहूं तो रात को मुझे बिना कपड़े पहन कर सोने में ही ज्यादा मजा आता है,,, वह तो तुम हो इसलिए ईतना पहन रही हुं नहीं तो नंगी ही सोती हूं,,,
(सुमन कि ईस तरह की बातों को सुनकर तृप्ति थोड़ा हैरान भी थी क्योंकि उसे यकीन नहीं हो रहा था कि सुमन उससे इस तरह से खुलकर बातें कर रही है जबकि वह इस तरह की बातें कभी कि नहीं थी इसलिए सुमन के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर उसे हैरानी भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था,,, सुमन की बातों को सुनकर वह गहरी सांस लेते हुए बोली,,,)

बाप रे तुम्हारी आदत तो बहुत जानलेवा है,,।

क्यों क्यों,,,?

अरे वह तो अच्छा है किआंटी हैं तुम्हारे कमर में आ जाती होगी तो तुम्हें इस तरह की हालत में देख कर हिरानी नहीं होती होगी अगर सोचो तुम्हारा घर में कोई मर्द होता तो तुम्हारे पापा को छोड़कर समझ लोतुम्हारा कोई भाई होता है और तुम्हें इस तरह की हालत में देख लेता तो क्या होता,,,।
(तृप्ति सुमन से अपने मन की बात बता रही थी जो उसके साथ सुबह में हुआ था,, क्योंकि वह जानती थी कि अचानक से कोई भी कमरे में आ सकता है और उसे इस तरह की हालत में दैखेगा तो क्या सोचेगा,,, लेकिन उसके हैरानी के बीच सुमन मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराते हुए बोली,,,)




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यार तब तो मजा नहीं आ जाता सोच घर में अगर अंकित जैसा जवान भाई होता और मुझे इस तरह की हालत में देखता तो उसके मन पर क्या गुजरती,, वह तो मेरी जवानी देखकर पागल ही हो जाता,,,(एकदम से खुश होते हुए सुमन बोली और उसकी बात सुनकर तृप्ति हैरान रह गई और हैरानी जताते हुए बोली)

बाप रे यह क्या बोल रही है अपने ही भाई के बारे में,,, क्या सच में तुझे शर्म नहीं आती,,,!

बिल्कुल भी नहीं आती,,,, वैसे तृप्तितेरे घर में तो जवान लड़का है तेरा भाई क्या तुझे कभी अस्त-व्यस्त हालत में उसने कभी नहीं देखा,,,।

यार यह कैसी बातें कर रही है तू,,,

अरे मैं सच कह रही हूं बताना,,,,।

धत्,,,, मुझे इस तरह की बातें नहीं करनी,,,(ऐसा कहते हुए तृप्ति अपनी कमीज को दोनों हाथों से ऊपर की तरफ ले जाने लगी और अपने मन में सुमन की कही गई बात के बारे में सोच रही थी वैसे तो इस समय सुमन कि ईस तरह की बातें उसे बेहद अच्छी लग रही थी,,, लेकिन वह इस तरह की बातें करना नहीं चाहती थी लेकिन सुमन अपनी जीद पर अड गई थी,,,वह फिर से अपने सवाल को दोहराते हुए बोली,,,)




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बताना मुझे कैसी शर्म मैं तो तुझे बता दी हूं,,,।

तू इसलिए बताई है कि तेरे घर में जवान लड़का नहीं है इसलिए अपनी कल्पना को अपने शब्दों में ढाल रही है,,,,(अपनी कमीज को उतार कर बिस्तर पर रखते हुए वह बोली,,,,)

तू तो सच में एकदम बेवकूफ है इस उम्र में भी तुझे यह सब बातें अच्छी नहीं लगती,,, सच कहूं तो सभी घरों में ऐसा होता ही होगा लड़के अपनी बहन को या अपनी मम्मी को ऐसी हालात में देखा ही लेते होंगे जैसे हालात में उन्हें नहीं देखना चाहिए,,,।

तेरी बात मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही है कैसे हालात में,,,,।

अरे मेरा मतलब है कपड़े बदलते हुए अब जिस घर में जवान लड़का जवान लड़कीमम्मी पापा रहते होंगे तो उसे घर में कोई ना कोई तो एक दूसरे को देखा ही होगा लड़का अपनी मां को ही अपनी बहन को कपड़े बदलते हुए या बाथरूम में नहाते हुए या फिर पेशाब करते हुए भी देख तो लिया ही होगा और लड़कियां भी अपने भाई को किसी ने किसी हालत में देख लेती होगी या नहाते हुए या नंगा नहाते हुए उनके लंड को,,,,।




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(सुमन के मुंह से इस बात को सुनकर तो तृप्ति के तो होश ही उड़ गए खास करके उसके मुंह से लंड शब्द सुनकर उसकी दोनों टांगों के बीच अजीब सी हलचल होने लगी,,,, और पल भर में उसकी आंखों के सामने सुबह वाला दृश्य नजर आने लगा इस समय सुमन की यह बात एकदम सच साबित हो रही थी उसने अपने भाई को नंगा देखी थी उसके लंड को देखी थी,,,, सुमन की बात को सुनकर तृप्ति कुछ बोल नहीं पाई बस जानबूझकरऐसा जताने की कोशिश करने लगी कि उसकी बातें उसे अच्छी नहीं लग रही है इसलिए मुंह बनाने लगी और मुंह बनाते हैं वह अपनी सलवार की डोरी पर हाथ रख दी उसे खोलने के लिए,,, तृप्ति का स्तर का मिजाज देख कर सुमन बोली,,,)

तुझे तो यह सब बकवास लग रहा है पता नहीं जानबूझकर ऐसा कर रही है कि सच में जैसा मैं कह रही हूं वैसा देख चुकी है ऐसा सच में होता है तृप्ति मैंने एक इंग्लिश मूवी में देखी थी,,,।

तो तू इस तरह की फिल्में भी देखती है,,,(हैरान होते हुए तृप्ति बोली)




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तो क्या हो गया मेरी सहेलियां भी देखती हैं उन्हीं लोगों ने तो मुझे दिखाई थी,,, एकदम खुला नजारा,,, तुझे पता है उसमे मैंने देखी थी किलड़की अपने भाई को नंगा देख लेती है और उसके मोटे तगड़े लैंड को देखकर उसकी हालत खराब हो जाती है और वह खुद ही अपनी बुर में उंगली डालकर अपनी जवानी की आग बुझाने की कोशिश करती है ऐसा वह दो-तीन बार करती है,,,,(सुमन के मुंह सेऔरत के खूबसूरत अंग का नाम सुनकर तो तृप्ति के होश उड़ गए थे वह अपने मन में सोच रही थी कि वह कभी सपने में भी इस तरह से अपने ही अंगों का नाम उसने खुलकर नहीं ली थी,,,,, लेकिन सुमन थी कि इस तरह की असली शब्दों का प्रयोग हुआ पड़े खुलकर कर रही थी उसके चेहरे पर बिल्कुल भी शर्म का भाव नहीं था वह अपनी बात आगे बढ़ाती हुई बोली,,,)

ऐसा वह तीन-चार बार की लेकिन वह समझ गई थी कैसे उसकी जवानी के पाट्सास बुझने वाली नहीं है क्योंकि उसकी आंखों के सामने बार-बार उसके भाई का मोटा तगड़ा लंड दिखाई देता था जिसे देखकर जिसकी कल्पना करके वह पागल हुए जा रही थी,,,।



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फिर उसने क्या की,,,!(एकदम से उत्सुकता दिखाते हुए तृप्ति बोली)

वह समझ गई थी कि अब उसे कुछ ऐसा करना है जिसे देखकर उसका भाई खुद ही उसका दीवाना हो जाए और उसे चोदने के लिए तड़प उठे,,,,।
(सुमन कि ईस तरह की बातेंतृप्ति के होश उड़ा रही थी उसकी दोनों टांगों के बीच की हलचल बढ़ती जा रही थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें सुमन की बातें उसे बेहद लुभावनी लग रही थी जिसे बड़े गौर से वह सुन रही थी,,, गहरी सांस लेते हुए तृप्ति उत्सुकता दिखाते हुए बोली,,,)

फिर उसने क्या की,,,?(इस बार तृप्ति के शब्दों में मदहोशी और मादकता छलक रही थी जिसे अनुभव से भरी हुई सुमन पहचान ली थी और मुस्कुराते हुए बोली,,,)




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फिर क्या था वह लड़की अपने भाई के सामने जानबूझकर कपड़े बदलने लगे उतरने लगी पहनने लगी उसके सामने अश्लील हरकतें करने लगी और ऐसा जताती थी कि जैसे उसे नहीं मालूम है कि वह देख रहा है लेकिन एक दिन वह पूरी तरह से मदहोशी में पागल होने लगी थी और फिर ऐसा कुछ कर दी की उसके मन की इच्छा पूरी हो गई,,,.

ऐसा क्या कर दिया उसने,,,?(उत्सुकता दिखाते हुए तृप्ति बोली,,)

उसकी बहन अच्छी तरह से जानती थी कि उसका भाई किस समय बाथरूम में जाता है और वह उसके जाने से पहले ही बाथरूम में घुस गई और पेशाब करने के लिए बैठ गएऔर इस समय उसका भाई भी बाथरुम में घुस गया उसे नहीं मालूम था कि बाथरूम में पहले से ही उसकी बहन है लेकिन जब उसेइस बात का एहसास हुआ कि बाथरूम में उसकी बहन है तब तक क्लियर हो चुकी थी क्योंकि उसकी नजर उसकी बहन की बड़ी-बड़ी नंगी गांड पर पड़ चुकी थी और वह एकदम से उत्तेजित होने लगा था उसकी बहन पीछे नजर घूमर उसकी तरफ देखने लगी और दोनों की नजरे आपस में टकरा गई,,,, उसका भाईअब पीछे मुड़ना उचित नहीं समझ रहा था और वह धीरे से आगे बड़ा और अपनी बहन का हाथ पकड़ कर उसे खड़ी कर दिया और फिर उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों का रसपान करने लगा और फिर थोड़ी ही देर में उसका लंड उसकी बुर में घुसा हुआ था,,,।




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(सुमन के मुंह से गंदी फिल्म की कहानी और अश्लील शब्दों को सुनकर तृप्ति की हालत पूरी तरह से खराब हो गई थी उसके चेहरे का रंग पूरी तरह से बदलने लगा था वह आश्चर्य से मुंह खोले उसकी बातों को सुन रही थी,, और धीरे से बोली,,,)

बाप रे इंग्लिश फिल्म में ऐसा भी होता है,,।

तो क्या यही सब होता है मेरे पास तो एककिताब भी है जिसमें इस तरह की कहानी लीखी हुई है रुक मैं तुझे बताती हूं,,,(ऐसा कहने के साथ ही वह अलमारी खोलकर झुक गई औरउसे किताब को ढूंढने लगी लेकिन झुकने के साथ ही उसकी नंगी गांड एकदम से हवा में लहराने लगी जिसे देखकर तृप्ति की हालत खराब होने लगी वाकई में गांड का घेराव भी उसकी गांड से कुछ ज्यादा ही था और बेहद आकर्षक लग रहा था,,,सुमन की नंगी गांड को देखकर कृति अपने मन में सोचने लगी कि भले ही खूबसूरती में वह सुमन से एक कदम आगे है लेकिन बदन के आकर्षण में वह उससे भी दो कदम आगे हैं,,,, थोड़ी ही देर मेंसुमन उसे किताब को अलमारी से बाहर निकाल कर उसके पन्नों को पलटते हुए तृप्ति के पास आगे बढ़ने लगी,,,, उस किताब में रंगीन पन्ने भी थे जिसमें संभोग के अलग-अलग आसन में दृश्य छपे हुए थे और उन दृश्य को दिखाते हुए सुमन बोली,,,)

देख कितनी सारी तस्वीरें हैं चुदाई की,,,।

(सुमन की बातें सुनकरतृप्ति अपनी नजरों को अन रंगीन पन्नों से हटा नहीं पाई और उनमें छपे रंगीली संभोग दृश्य को देखने लगी जिंदगी में पहली बार तृप्ति इस तरह की किताब को देख रही थी,,, अलग-अलग संभोग की दृश्य बेहद आकर्षक लग रहे थे और तृप्ति के भी होश उड़ा रहे थे तृप्ति बड़े गौर से उन पन्नों को देख रहे थे वाकई में संभोग का दृश्य कितना लुभावना होता है आज पहली बार तृप्ति को इस बात का एहसास हो रहा था,,, ज्यादातर तृप्ति की नजर रंगीन पन्ने में छपे हीरो केमोटे तगड़े लंड पर टिकी रहती थी और उस मोटे तगड़े लंड को देखकर उसे उसके भाई का लंड याद आ रहा था,,, और वह अपने मन में सोच रही थी कि ऐसा तो बिल्कुल उसके भाई के पास भी है देखो तो सही कैसा लड़की की बुर में घुसा हुआ हैऐसा अपने मन में सोचते ही अनायास उसके मन में ख्याल आ गया कि,,,।




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अगर उसके भाई का लंड उसकी बुर में घुसेगा तो बिल्कुल ऐसा ही नजर आएगा,,, ऐसा खयाल उसके मन में आते ही उसकी बुर से मदन रस की बूंदे टपकने लगी,,,,वह पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी वह जिस तरह से किताब देखने में रस ले रही थी उसे देखकर सुमन मन ही मन प्रसन्न हो रही थी क्योंकि उसकी युक्ति पूरी तरह से काम कर रही थी,,,, वह धीरे से तृप्ति से बोली,,,।

कैसी लगी,,,,!

(उसकी बात सुनकर तृप्ति कुछ बोल नहीं पाई उसका मुंह आश्चर्य से खुला हुआ था और वह नजर उठाकर सुमन की तरफ देखी लेकिन कुछ बोली नहीं और वापस पन्ने पलट कर दूसरे दृश्य को देखने लगी, जिसमें हीरोहीरोइन को घोड़ी बनाया हुआ था और पीछे से उसकी बुर में लंड डाल रहा थायह सब नजर तृप्ति के लिए पहली बार था लेकिन वह पूरी तरह से इसमें डूबती चली जा रही थी,,,, यह देखकर सुमन बोली,,,)

तू देखती रह मैं बाथरुम जाकर आती हूं,,,,(और इतना कहकर वह दरवाजा खोलकर कमरे से बाहर निकल गई बाथरूम करने के लिए और सुमन की गैर हाजिरी मेंअपनी सलवार को खोले बिना ही वह बिस्तर पर बैठ गई और उस कीताब के पन्नों को खोलकर बड़े चाव से देखने लगी,,।
बहुत ही कामुक गरमा गरम अपडेट है सुमन अंकित के करीब आने के लिए तृप्ति से दोस्ती बड़ा रही है साथ ही तृप्ति को गंदी किताब दिखा कर उसके साथ भी मजा करने वाली है
 
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Ajju Landwalia

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अपनी मां से नसीहत की बातें सुनकर सुगंध अपने कमरे में जा चुकी थी और अपनी मां और नानी को एक साथ पेशाब करते हुए इस अद्भुत नजारे को देखकर अंकित भी अपने कमरे में प्रवेश कर चुका था और फिर अंकित की नानी के कमरे में प्रवेश करके अपने हाथ से दरवाजा बंद करके उसकी कड़ी लगा दी थी,,, कमरे में आने की उत्सुकता अंकित से कहीं ज्यादा उसकी नानी की थी क्योंकि वह जानती थी कि आज की रात अंकित के साथ आखिरी रात थी और वह कल गांव चली जाने वाली थी और वह एक मर्द की ताकत को अच्छी तरह से पहचानती थी और जिस तरह से उसने अपनी नाती के साथ संभोग करके संतुष्टि प्राप्त की थी वह उसके लिए बेहद अद्भुत कार्य था,,, और इस संतुष्टि को एक बार फिर से वह प्राप्त करना चाहती थी। वैसे तो अंकित की नानी फिर से वैसे ही शुरुआत करना चाहती थी लेकिन कुछ देर पहले अंकित को घर के पीछे देख कर उसके दिल में कुछ-कुछ होने लगा था और वह अंकित के साथ मजा लेना चाहती थी अपने तरीके से,,,,।

एक बार अपनी नानी के साथ खुल चुका अंकित अपनी नानी को कमरे में देख कर बेहद उत्साहित होता हुआ बोला,,,।

क्या नानी कितनी देर लगा दी,,,

क्या करूं फिल्म इतनी अच्छी चल रही थी कि उठने का मन नहीं कर रहा था,,,,।(बिस्तर पर बैठते हुए वह बोली,,,)

लेकिन तुम्हें तो पता होना चाहिए कि आज की रात हम दोनों के लिए आखिरी रात है कल तो तुम चली जाओगी,,,(अंकित थोड़ा नाराज होते हुए बोला,,, उसकी तरह की बातों को सुनकर,, अंदर ही अंदर प्रसन्न हो रही थी उसे अंकित की आंखों में साफ दिखाई दे रहा था कि वह फिर से वही खेल खेलना चाहता है जिसे खेलकर वह इतना मस्त हो चुका है,,, उसकी बात सुनकर वह मुस्कुराते हुए बोली,,,)

अरे तो इसमें क्या हो गया अभी तो पूरी रात बाकी है,,,

लेकिन नानी अगर मुझे नींद आ जाती तो सारा मजा खिड़की राह हो जाता आज की रात तो ऐसे ही चली जाती और फिर कल तुम चली जाती फिर क्या होता,,,।(अंकित की आंखों में ढेर सारे सवाल थे,,, जिसका जवाब इस समय शायद उसकी नानी के पास नहीं था फिर भी वह मुस्कुराते हुए बोली,,)

सोच में क्या होगा कल तो वैसे भी मैं चली जाऊं कि उसके बाद क्या होगा इस बारे में सोचा हे जरा,,,,।

यह सोच कर तो बहुत दुख हो रहा है कुछ भी और रुक जाती तो कितना अच्छा होता ,,,।

तेरी भावनाओं को में समझ सकती हुं,,, लेकिन कर भी क्या सकती हुं,,,,,,


अच्छा कोई बात नहीं नानी मैं तुम्हारी मालिश कर दुं,,,,,
(अंकित की यह बात सुनकर उसकी नानी मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली)

मैं जानती हूं तो क्यों इतना मस्का मार रहा है तु फिर से मुझे चोदना चाहता है ना,,,,(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित शर्मा के और शर्मा कर अपनी नजर को नीचे झुका लिया और उसकी नानी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,) मैं समझ सकती हूं तेरा बहुत मन कर रहा होगा क्योंकि तूने पहली बार किया है ना और वैसे भी चाहे जितनी बार चुदाई करें लेकिन थोड़ी देर बाद फिर मन चोदने को करता ही है,,,,

ऐसी बात नहीं है नानी ,,,,(अंकित एकदम से शरमाते हुए बोला)

अरे मुझे मत सीखा मैं सब जानती हूं तुम लड़कों का हाल,,,, इसमें कोई बुरी बात नहीं है यह तो एक नहीं दिन होना ही था मैं नहीं कोई और सही लेकिन तुझे यहां से सीखा कर जा रही हूं ताकि आगे तुझे काम आए,,,, अच्छा सच-सच बताना कुछ सीखने को मिला कि नहीं,,,,।

(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित कुछ बोला नहीं बस शर्मा गया यह देखकर उसकी नानी बोली)

शर्माने से काम नहीं चलेगा बात तो सही कुछ सीखा कि नहीं चल तुझे अच्छी थी तुझे कुछ नहीं आता था तुझे पल पल हर एक चीज सीखना पड़ा था औरत को कैसे सुख दिया जाता है कैसे मजा लिया जाता है सब तुझे सीखाना पड़ा था,,,, अच्छा सही बताइए इससे पहले कभी किसी नंगी औरत को देखा था,,,।

बिल्कुल भी नहीं नानी,,,,

किसी औरत की चुदाई किया था,,,,


क्या नई जब किसी औरत को नंगी दिखाई नहीं तो चोदने का तो सवाल ही नहीं उठता,,,,,।
(अंकित भी अपनी नानी के सामने हीम्मत दिखाते हुए चोदने जैसे शब्दों का प्रयोग करने लगा था,,, और इस शब्द को सुनकर उसकी नानी मां ही मन प्रसन्न हो रही थी उसे दिखाई दे रहा था कि उसका नाती अब असली मर्द बन रहा है,,,, उसका जवाब सुनकर उसकी नानी मुस्कुराते हुए बोली,,,)

अच्छा यह बता मेरी बुर तुझे कैसी लगी,,,,(जानबूझकर साड़ी के ऊपर से अपनी बर को खुजलाते हुए बोली और यह हरकत अंकित अपनी नजरों से देखकर मदहोश हो जा रहा था उसकी नजर अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचियों पर भी थी जो कि उसके सांस लेने के साथ-साथ ऊपर नीचे हो रही थी,,,)

एकदम रसीली नानी ऐसा लग रहा था कि जैसे,,, रसमलाई एकदम रस में डूबी हुई,,,।

रसमलाई,,, बड़ा ही रसीला नाम दिया है तूने मेरी बुर को,,,, अच्छा यह बता,,, मेरी बुर में लंड डालने के बाद तुझे कैसा लग रहा था,,,,।
(अपनी नानी किस तरह की बातें सुनकर एक बार फिर से अंकित के तन-बाद में उत्तेजना की लहर उठने लगी थी उसके बदन में मदहोशी का रस घुलने लगा था वह उत्तेजित होने लगा था,,,, वह जानता था कि अपनी नानी के सवाल का जवाब देना भेज जरूरी है क्योंकि अब उसे भी खुलना पड़ेगा,,, वह जानता था कि आप उसे अपनी नानी के सामने शर्माने की कोई जरूरत नहीं है जब नानी है इतनी छिनार हो तो फिर नाती क्या करेगा यही सोच कर वह मुस्कुराते हुए बोला,,,)

बहुत गर्म पानी इतना गम की मैंने कभी तवे को भी इतना गरम नहीं देखा,,, तुम्हारी बुर अंदर से एकदम भट्टी की तरह तप रही थी मैं तो डर रहा था कि कहीं कुछ हो ना जाए,,,।

क्या हो जाएगा ज्यादा से ज्यादा तेरा पानी निकल जाएगा और वैसे भी उसे तो निकलना ही है,,,, तुझे आज एक अच्छी हिदायत देती हूं औरत की चुदाई करते समय कभी भी जल्दबाजी मत दीखना एकदम आराम से धीरे-धीरे आगे बढ़ाना हड़बड़ाहट में ना तो तुझे मजा आएगा नहीं औरत मजा ले पाएगी,,, और घबराना तो बिल्कुल भी नहीं जितना आराम से साथ दिमाग से आगे बढ़ेगा उतनी देर तक तू औरत की चुदाई कर पाएगा,,,।

ठीक है नानी,,,,(अंकित का मन अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचियों को पकड़ कर दबाने का कर रहा था लेकिन वह अपने आप को संभाले हुए था वह जानता था कि आज की रात फिर से हसीन होने वाली है,,,, इसलिए वह चाह कर भी अपनी तरफ से कोई हरकत नहीं कर रहा था,,,,, कुछ देर कमरे में खामोशी छाई रही,,, और फिर खामोशी को तोड़ते हुए उसकी नानी बोली,,,)

फिर से चोदना चाहेगा मुझे,,,।
(अपनी नानी की यह बात सुनते ही अंकित का मन उत्तेजना और प्रसन्नता से भरने लगा उसके होठों से शब्द नहीं फूट रहे थे लेकिन उसकी आंखें सब कुछ बता रही थी कि वह क्या चाहता है उसकी आंखों में वासना और औरत की प्यास एकदम साफ दिखाई दे रही थी और यही प्यास तो उसकी नानी देखना चाहती थी,,,, अंकित की रानी उसकी आंखों में देखकर उसके मन की बात को पढ़ ली थी इसलिए अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)

लेकिन आज मैं कुछ नहीं करूंगी और ना ही तुझे कुछ बताऊंगी तुझे सब अपने आप ही करना होगा,,,।
(अपनी नानी किस बात को सुनकर अंकित थोड़ा परेशान हो गया और हैरानी भरी नजरों से अपनी नानी की तरह देखने लगा तो उसकी नानी उसे समझाते हुए बोली)

अरे बुद्धू अब तु पूरा मर्द हो गया है,,, औरत के कहने पर चलना तेरी फितरत नहीं है बल्कि अपने इशारे पर औरत को नाचना तेरी मर्दाना ताकत का सही इस्तेमाल है तो नहीं जानता कि तेरे पास क्या है जिस औरत की बुर में तो अपना लंड डालने के बाद पूरी तरह से तेरी गुलाम हो जाएगी लेकिन इसका सही उपयोग करने के बाद ही,,,।

मैं कुछ समझा नहीं नानी,,,,,!(आश्चर्य जताते हुए अंकित बोला,,,)

अरे बुद्धू अगर तेरी शादी हो गई तो सुहागरात की रात को करेगा क्या अगर सब कुछ औरत से पूछेगा और सुहागरात की रात को औरत तेरी सरकत पर समझ जाएगी कि तू एकदम बुद्धू है बेवकूफ है तुझे कुछ नहीं आता और तुझे छोड़कर चली जाएगी कुछ समझ में आ रहा है कि नहीं,,,,।

लेकिन नई मैं करूंगा क्या,,,?

अच्छा सुन अब मान ले की तेरी शादी हो गई,,, मैं तेरी दुल्हन और यह कमरा हमारी सुहागरात का कमरा है,,, और यह बिस्तर सुहागरात की सेज है,,,,, समझ रहा है कि नहीं,,।

जी नानी,,,,,

जी नानी के बच्चे सिर्फ लंड खड़ा हो जाने से आदमी मर्द नहीं बन जाता बल्कि उसका सही तरीका आना चाहिए उसका उपयोग करना आना चाहिए,,,,,,, अब सुन मेरी बात,,, मैं तेरी बीवी और तू इतना तो जानता है ना की सुहागरात को पति अपनी पत्नी के साथ क्या करता है,,,।

(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित कुछ बोला नहीं बस हां मैं सिर हिला दिया तो यह देखकर उसकी नानी बोली,,,)

बोल कर बता क्या करता है,,,,।

पत्नी की चुदाई,,,(एकदम से अंकित बोल पड़ा उसकी बात सुनकर उसकी नानी मुस्कुराने लगी और बोली,,)

हां,, चलो इतना तो समझ में आता है तुझे लेकिन चुदाई करने के लिए सबसे पहले पहल कौन करता है पता है,,,,।

पति,,,,।

अरे वाह एक ही रात में सब कुछ सीख गया,,,, लेकिन कल रात को तो सब कुछ मुझे सीखाना पड़ रहा था,,,।

कुछ आता नहीं था इसके लिए,,,।

लेकिन अब लगता है सब कुछआ गया है,,,।

थोड़ा-थोड़ा,,,( अंकित मुस्कुराते हुए बोला,,,)

चल कोई बात नहीं आप पूरा आ जाएगा,,,, इतना तो समझ में आ गया ना की औरत के साथ पहल ज्यादातर मर्द ही करता है तभी तो वह मर्द कहलाता है और आज तुझे मेरे साथ अपने मन से सब कुछ करना होगा मैं तुझे कुछ भी नहीं बताऊंगी,,,, अब कैसे करना है तू जाने और तेरा काम जाने लेकिन मजा बराबर आना चाहिए,,,।

(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित का दील जोरों से धड़कने लगा,,, अंकित समझ गया था कि उसकी नानी पूरी खिलाड़ी है,,, लेकिन इतना भी जानता था कि उसकी नानी सर दामोदार उसके ऊपर छोड़कर एक तरह से उसे सीखा रही है,,, और कभी इसी तरह की हालत उसके और उसकी मां के बीच बने तो यह अनुभव उस दिन बहुत काम आएगा यह सोचकर वह अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था,,,, अपनी नानी की बात सुनकर वह शंका जताते हुए बोला,,,)

लेकिन कुछ गड़बड़ हो गई तो,,,।

अरे बुद्धू गड़बड़ होगी तो कैसी गड़बड़ होगी आखिरकार लंड तो बुर में ही जाएगा ना और तुझे धक्का लगाना तो आता है,,,, अब कोई सवाल नहीं बस शुरू हो जा मैं भी तो देखूं कितना बड़ा मर्द है तु,,,,(इतना कहकर वह मुस्कुराते हुए अंकित की तरह देखने लगी वह बिस्तर पर पैर नीचे जमीन पर टीकाए हुए बैठीथी,,,उसी तरह से अंकित भी बैठा हुआ था,,,, उसकी नानी बेहद उत्सुक नजर आ रही थी क्योंकि उसे भी यही पसंद था कि मर्द अपने तरीके से उसका इस्तेमाल करें उसे पटक कर चोदे इसलिए वह सब कुछ अंकित पर छोड़ दी थी और वह देखना चाहती थी कि वह इस परीक्षा में उत्तीर्ण होता है कि नहीं,,,,, अंकित की हालत खराब होती जा रही थी,,,,, तभी उसे राहुल की मां याद आ गई जिसके साथ वह अपने मन से हिम्मत दिखाते हुए मनमानी किया था,,, और इतना समझ गया था कि डर के आगे ही जीत है,,,,

इसलिए वह अपनी नानी के खूबसूरत चेहरे को देखने लगा इस उम्र में भी उसका चेहरा एकदम मिला-मिला था उसकी आंखें एकदम गहरी काली थी जिसमें डूब जाने का उसका मन कर रहा था उसके लाल-लाल होंठ उसे अपनी तरफ आकर्षित कर रहे थे,,, और इसी आकर्षण के चलते अंकित अपनी नानी की हथेली में अपनी हथेली देखकर उसे कसके पकड़ लिया और अपनी उत्तेजना को संग्रहित करते हुए वह धीरे-धीरे अपने होठों को अपनी नानी के होठों के पास ले जाने लगा उसकी नानी का भी दिल जोरो से धड़कने लगा था उसे लग रहा था कि उसका नाती इस परीक्षा में एकदम उत्तरीण हो जाएगा,,, और अंकित देखते ही देखते अपने प्यार से होठों को अपनी नानी के लाल-लाल होठों पर रख दिया और उसका चुंबन करने लगा,,,, अपनी तरफ से यह अंकित का पहला चुंबन था जो कि अपनी नानी के साथ ही था लेकिन उसे बेहद उत्तेजना का अनुभव हो रहा था जैसे ही उसके होंठ उसकी नानी के लाल लाल होठों पर इस पर सुबह वह एकदम से मदहोश हो गया और अपनी नानी के होठों को अपने होठों के बीच रखकर उसका रस पीने लगा उसकी नानी भी अपने नाती के ईस हरकत से पूरी तरह से मदहोश हो गई,,,,।

देखते ही देखते यह चुंबन एकदम गहरा होने लगा
अंकित पागल होने लगा मदहोश होने लगा और देखते ही देखते उसकी हथेलियां कब उसकी नानी की चूची पर चली गई उसे भी पता नहीं चला,,, वह ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचियों को दबा रहा था उसके उत्तेजना और हिम्मत दोनों बढ़ती जा रही है और यह सब उसकी नानी के लिए बड़ी खुशी की बात थी वह अपने नाती की हरकत से मदहोश हुए जा रही थी और वह भी चुंबन में उसका पूरा सहकार दे रही थी,,,। देखते ही देखते अंकित बिस्तर पर से उठकर खड़ा हो गया और ठीक अपनी नानी के सामने झुकी हुई स्थिति में ही उसके होठों से अपने होठों को अलग किया भी नहीं उसके होठों का रसपान करते हुए अब अपने दूसरे हाथ का भी उपयोग करते हुए एक साथ उसके दोनों चूचियों को दबाना शुरू कर दिया था उसके ब्लाउज के ऊपर से ही वह पूरी तरह से अपनी नानी की चूची को मसल कर देना चाहता था,,,,,।

उसके नानी के मदहोशी और अंकित की उत्तेजना पूरी तरह से बढ़ने लगी थी ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी नानी की चूची को दबाते दबाते अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रहा था उसके पेंट में तंबू बना हुआ था,,,,,, उसकी नानी अपने मन में यही सोच रही थी कि उसके दिए गए छुट का उसका नाती कितना सही उपयोग कर पाता है,,,, क्योंकि अब उसके मन में बहुत सी बातें चल रही थी अपनी बेटी सुगंधा को लेकर अपने नाती अंकित को लेकर,,,, क्योंकि जिस तरह से उसे और उसकी बेटी को पेशाब करते हुए अंकित प्यासी आंखों से देख रहा था उसकी आंखों में उसे बहुत कुछ नजर आ रहा था,,,, उसे एहसास होने लगा था कि घर की चार दिवारी के अंदर मां बेटे के बीच बहुत कुछ पकने वाला है,,, क्योंकि अनुभव से भरी हुई अंकित की नई इस बात से भली भांति परिचित थी कि उसकी बेटी सुगंधा बहुत ज्यादा खूबसूरत और आकर्षक बदन की मालकिन है उसकी जवानी पुरे बहार में खीली हुई है,,,, ऐसे में घर में एक जवान लड़का उसे औरत को भले ही वह उसकी मां क्यों ना हो किस नजरिए से देखता है अंकित की नानी से अनजान नहीं था,,,


अंकित की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी वह अपनी नानी की चूची को जोर-जोर से दबाता हुआ ब्लाउज को बिना खोले नीचे ब्लाउज के अंदर अपनी उंगलियों को डालकर उसे ऊपर करने की कोशिश कर रहा था यह देखकर उसकी नानी एकदम से बोल पड़ी,,,।

अरे बुद्धू ऐसे करेगा तो ब्लाउज फट जाएगा बटन खोल,,,

Bahut hi mast update he rohnny4545 Bhai,

Ankit ab apni Nani ke sath sex karte huye command apne hath me rakhne wala he..........

Nani bhi is adhbut maje ke liye betaab lag rahi he...........

Keep rocking Bro
 
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Ajju Landwalia

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अंकित की नानी अंकित को ब्लाउज का बटन खोलने के लिए बोल रही थी क्योंकि जिस तरह से अंकित अपनी नानी का ब्लाउज खोल रहा था उससे ब्लाउज फटने की संभावना पूरी तरह से बढ़ जा रही थी और अंकित की उत्तेजना और उसकी उत्सुकता देखकर अंकित कि नानी भी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,, अंकित की नानी को एहसास होने लगा था कि उसकी दी हुई शिक्षा काम आ रही थी अंकित एक ही रात में बहुत कुछ सीख गया था इसीलिए तो उसके होठों को बिल्कुल भी अपने होठों से अलग नहीं कर रहा था उसके होठों का रस पीता हुआ वह अपनी नानी की बात मानकर उसके ब्लाउज का बटन खोलना शुरू कर दिया था,,, अंकित का दिल जोरो से धड़क रहा था उसकी उत्तेजना संपूर्ण रूप से परम शिखर पर थी, वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था। ब्लाउज का बटन खोलने में भी उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी वैसे तो वह अपनी मां के कपड़े अपने हाथों से उतार चुका था लेकिन आज पहली बार उसे अपनी नानी का ब्लाउज का बटन खोलने का अवसर मिल रहा है इसलिए उसकी उत्सुकता और उत्तेजना अद्भुत होती चली जा रही थी।

अंकित की नानी की चुचिया बड़ी-बड़ी थी और चूचियों के आकार की अपेक्षा ब्लाउज का आकर थोड़ा छोटा था इसलिए वह बड़े कस के बटन को बंद की थी जिसे उतारने में अंकित के पसीने छूट रहे थे,,,, अंकित ऊपर के दो बटन खोल चुका था तीसरा बटन खोलने में उसे बड़ी जहमत उठानी पड़ रही थी,,,, यह देखकर उसकी नानी बोली,,,।

क्या करता है अंकित तू औरत का ब्लाउज का बटन नहीं खोल पा रहा है तो उसे खुश कैसे कर पाएगा,,,,


कुछ नहीं नानी लगता है कि ब्लाउज बहुत कस हुआ है,,,(अपने होठों को अपनी नानी के होठों से अलग करता हुआ वह बोला और उसकी बात सुनकर उसकी नानी बोली,,,,)

ब्लाउज कसा हुआ नहीं है मेरी चूचियां बड़ी-बड़ी है,,,, क्या तुझे नहीं लगता कि मेरी चूची बड़ी है,,,।

लगता तो है नानी एकदम खरबूजे की तरह है,,,,(ब्लाउज के चौथे बटन को खोलता हुआ वह बोला और जैसे ही चौथा बटन खुला उसके चेहरे के मुस्कान बढ़ने लगी,,,)

तुझे छोटी-छोटी चूची अच्छी लगती है कि बड़ी बड़ी,,,,।

पहले तो ऐसा कुछ भी नहीं था नई लेकिन कल रात से सब कुछ बदलता हुआ नजर आ रहा है मुझे तो तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूची अच्छी लगती है,,,(आखरी बटन को खोलने का प्रयास करता हुआ अंकित बोला उसकी बात सुनकर उसकी नानी मंद मंद मुस्कुरा रही थी,,,, और अगले पल अंकित अपने प्रयास को सफल करता हुआ अपनी नानी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल चुका था और उसके दोनों पल्लू को पकड़ कर एक दूसरे से अलग कर दिया था ब्लाउज के खुलते ही अंकित की नई की बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम से हवा में लहराने लगी ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे कबूतर कैद से आजाद हो गए हो,,, अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचियों की तरफ देखकर मुस्कुराता हुआ अंकित बोला,,,)

सच में नानी तुम्हारी चुची बहुत खूबसूरत है,,,।

तेरे लिए ही है जैसा मन करे वैसा इसके साथ खेल,,,,।
(इतना सुनते ही अंकित अपने दोनों हाथों को आगे बढ़कर अपनी नानी की चूचियों पर रख दिया और गहरी सांस लेता हुआ उसे दबाना शुरू कर दिया अंकित की हथेलियों में पूरी तरह से मर्दाना ताकत भरी हुई थी, जिसका एहसास अंकित के नानी को भी अच्छी तरह से हो रहा था अंकित उत्तेजना के चलते बड़ी जोर-जोर से उसकी चूचियों को मसल रहा था दबा रहा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देखकर उसकी नानी का बुर का पानी पिघल रहा था,,,, अंकित की नानी से रहा नहीं गया और वह पेट में बने तंबू को अपने हाथ में पकड़ ली और उसे जोर-जोर से पेट के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दी जिससे अंकित की हालत और ज्यादा खराब होने लगी,,,

अंकित तो अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचीयो को अपने हाथ में लेकर पागल हो गया था कुछ अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि वाकई में औरत की चूचियों से खेलने में कितना मजा आता है,,, और से जोर-जोर से मसलता हुआ वह धीरे से अपने होठों को चूचियों की तरफ ले गया उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया अंकित की हरकत से उसकी नानी उत्तेजना और प्रसन्नता से गदगद हुए जा रही थी क्योंकि उसकी नानी को लगने लगा था कि आज उसे कुछ सीखाने की जरूरत नहीं है,,,, अंकित अपनी हरकतों से अपनी नानी का पानी छुडा रहा था,,,, वह बारी-बारी से अपनी नानी की दोनों चीजों को मुंह में लेकर पी रहा था उसकी कड़ी निप्पल को कैडबरी चॉकलेट की तरह अपने दांतों के बीच लेकर दबा दे रहा था और जब-जब अंकित यह हरकत करता था तब तक अंकित की नानी के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगती थी,,,,।

आज भी कमरे में ट्यूबलाइट चल रही थी उसके दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था।
अंकित अपने मन में यही सोच रहा था कि अच्छा हुआ आज भी ट्यूब लाइट जल रही है क्योंकि अंधेरे में अपनी नानी का खूबसूरत नंगा बदन वह देख नहीं पाता ,,, बस बात को अच्छी तरह से जानता था कि उसके घर में बाकी के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे होंगे क्योंकि उसकी आंखों के सामने ही उसकी मां पेशाब करने के बाद अपने कमरे में सोने के लिए गई थी उसकी बहन तृप्ति तो पहले ही अपने कमरे में जाकर सो रही थी इस समय सिर्फ उसकी नानी और वह खुद जाग रहे थे उन दोनों की आंखों से नींद कोसों दूर जा चुकी थी क्योंकि समय दोनों जवानी का मजा लूट रहे थे,,, अंकित पागलों की तरह अपनी नानी की चूची को दबा भी रहा था उसे मुंह में लेकर पी रहा था ऐसा लग रहा था कि बरसों की हसरत को हुआ आज ही पूरी कर लेना चाहता हो,,, और अक्सर अंकित की नानी को ऐसे ही मर्द पसंद रहते हैं जो औरत के हर एक अंग से जी भर कर खेलें जी भर कर प्यार करें और अंकित वैसा ही कर रहा था,,,।

कुछ देर तक किसी तरह से अपनी नानी की चूची से खेलने के बाद अंकित अपनी नानी को पूरी तरह से लग्नावस्था में देखना चाहता था उसके बदन से बाकी के वस्त्र को उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी कर देना चाहता था और वैसे भी अंकित की नई की तरफ सबसे पूरी छूट मिली हुई थी आज की रात में उसकी नानी के लिए उसका पति था और वह अपनी नानी के साथ एक बीवी की तरह,,, अपनी नानी की चूचियों से मुंह हटाने के बाद वह गहरी गहरी सांस लेता हुआ अपनी नानी की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था उसकी नानी भी उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी अंकित की नानी को है लगने लगा था कि उसका नाती आज सफल हो जाएगा,,, वह भी मदहोश हुए जा रही थी उसे भी अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसकी बुर से पानी निकल रहा है,,,,,,, अपनी नानी के द्वारा दिए गए छुट का फायदा उठाते हुए वह अपनी नानी की बाहों को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे बिस्तर पर से खड़ी करने लगा उसकी नानी भी उसका इशारा समझ कर बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई वह मुस्कुरा रही थी वह देखना चाहती थी कि उसका नाती अब क्या करता है,,,,।

उसकी नानी एकदम हैरान हो गई जब अंकित उसका हाथ पकड़ कर एकदम से उसके पीछे चला गया और पीछे से उसे अपनी बाहों में जाकर लिया पीछे से वह अपने दोनों हाथों को अपनी नानी की चूची पर रखकर से दबाते हुए उसके गर्दन पर चुंबन करने लगा यह अंकित की नानी के लिए हैरान कर देने वाली बात थी क्योंकि यह समर्थ तभी करता है जब वह पूरी तरह से औरत को समझने लगता है उसे औरत को खुश करने का हर एक कला आती हो लेकिन यह सब तो अंकित के लिए पहली बार था कल रात वह जितना सिखाई थी यह उससे ज्यादा ही था,,,, लेकिन अंकित की हरकत उसे आनंदित कर रही थी अंकीत उसे पीछे से अपनी बाहों में भरकर उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलते है उसके गर्दन पर चुंबन करते हुए पीछे से ही अपने लंड को उसकी गांड के बीचों बीच चुका रहा था जिसका हिस्सा अंकित को भी था और अंकित की नानी को भी अंकित की नानी पूरी तरह से मचल रही थी मदहोश हो रही थी,,, अंकित की रानी को अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसका लंड किसी भाले से कम नहीं था जो बड़े आराम से गांड के बीचों बीच साड़ी के ऊपर से भी पहुंच जा रहा था,,,। अंकित की हरकत से अंकित की नानी की सिसकारी छूट रही थी,,,।

सहहहह आहहहहहहह,,,,अंकीत मेरे राजा तू तो एक ही रात में पूरा मर्द बन गया है,,,,,आहहहहह,,,,,।

(अपनी नानी के मुंह से कहे गए इस शब्द को सुनकर उसका हौसला बढ़ने लगा था उसकी हिम्मत बढ़ने लगी थी वह मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और इस बात की खुशी उसके मन में और ज्यादा थी कि अच्छा हुआ उसकी नानी उसे यह सब सीख रही है अगर उसे सच में मौका मिल गया अपनी मां की चुदाई करने का तो अपनी नानी के साथ जो कुछ भी सीखा है वह उसका पूरा उपयोग अपनी मां के साथ करेगा और उसे पूरी तरह से खुश कर देगा,,,, अपनी नानी की गर्दन पर चुंबनों की बौछार करते हुए अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा,,, यह उसकी नानी के द्वारा उसके हिम्मत की तारीफ करने का ही नतीजा था जो अंकित इस कदर अपनी नानी के साथ खुलने लगा था,,, अंकित की नई अच्छी तरह से समझ रही थी कि अंकित उसे पूरी तरह से नंगी देखना चाहता है उसके नंगे बदन का दर्शन करना चाहता है,,,, अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा और अगले ही पल अपनी नानी की साड़ी को खोलकर वह साड़ी को जमीन पर गिरा दिया,,,,।

इन सब के बावजूद अभी भी उसके बदन पर ब्लाउज टिका हुआ था और उसकी नग्नता को छुपाने के लिए पेटिकोट उसके बदन पर अभी भी बरकरार था,,,, अंकित अपने दोनों हाथों से अपनी नानी का ब्लाउज पकड़ कर उसकी बाहों से उसे अलग करने लगा उसकी नानी भी इसमें उसका सहयोग करने लगी अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ कर दी ताकि बड़े आराम से अंकित उसके ब्लाउस को उधर सके और अगले पर वह अपनी नानी के बदन पर से ब्लाउज को भी उतार कर नीचे जमीन पर गिरा दिया था अब केवल पेटिकोट उतरना बाकी रह गया था लेकिन पेटिकोट उतारते से पहले वह एक बार फिर से अपनी नानी के बदन से सट गया और अपनी हथेली को सीधे-सीधे उसके पेटिकोट के ऊपर से ही उसकी बुर पर रख दिया और उसे पेटिकोट के ऊपर से ही मसलनी शुरू कर दिया अंकित की नानी को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि अंकित इस तरह की हरकत कर देगा,,, इसलिए वह एकदम से मदहोश हो गई थी और मदहोशी भरे स्वर में बोली।


सहहहहह आहहहहहह,,,,, अंकित तू तो पूरा चालू है मैं कभी सोचती नहीं थी कि तू एक ही रात में इतना कुछ सीख जाएगा,,,।

जब सिखाने वाली तुम जैसी गुरु हो नानी तब चेला कैसे आगे नहीं बढ़ पाएगा,,,(अंकित इस तरह से पेटीकोट के ऊपर से ही अपनी नानी की बुर को मसलता हुआ बोला और अपनी बात को आगे बढ़ाता हुआ बोला,,,) नानी तुम्हारी बुर तो बहुत गीली गीली लग रही है कहीं पेशाब तो नहीं कर दी हो,,,,।

कल तुझे बताई थी,, यह पेशाब नहीं है जब औरत मत हो जाती है तो इसी तरह से लार टपकती है जैसे स्वादिष्ट भोजन देखकर मुंह में पानी आ जाता है ना उसी तरह से जब लगने लगता है कि औरत को मजा आने वाला है तभी इसी तरह से बोलने से लार टपकने लगता है समझा कि नहीं,,,,।

ओहहह नानी बिल्कुल समझ गया,,,,, अब तो मैं तुम्हारी बुर का पानी निकालते हुए देखना चाहता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही अंकित अपनी नानी के पेटीकोट की डोरी को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे ज़ोर से एक झटके से खींच दिया अगले ही पल अंकित की नई की पेटिकोट एकदम से ढीली हो गई लेकिन फिर भी उसकी कमर पर टिकी हुई थी जिसे अंकित अपने दोनों हाथों की उंगलियों का सहारा देकर उसे कमर पर से ढीला किया और उसे उसी अंदाज में ऊपर से ही नीचे छोड़ दिया और अगले ही पल पेटिकोट उसके कदमों में जा गिरा,,,, लेकिन अंकित एकदम से हैरान हो गया जब देखा कि उसकी नानी पैंटी पहनी हुई थी यह देखकर उसके चेहरे पर उत्तेजना और मदहोशी के भाव और भी ज्यादा बढ़ गए और वह अपनी नानी से बोला,,,,)

क्या बात है नानी आज तो तुम पैंटी पहनी हो,,,,।

तेरे लिए ही पहनी हूं शायद तु नहीं जानता मर्द जब औरत के कपड़े उतारता है तो उसकी चड्डी उसकी पेंटि उतारने में उसे और भी ज्यादा मजा आता है और मुझे पूरा यकीन है कि तू मेरे बदन पर मेरी पैंटी देखकर और भी ज्यादा मस्त हो गया होगा।

क्या बात है नई बिल्कुल सही नहीं तो हैरान हो गया तुम्हारे बदन पर पेटी देखकर इसे सच में अपने हाथों से उतारने में बहुत मजा आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित को उसकी मां याद आ गई जब वह दवा खाने में अपने हाथों से अपनी मां की पेंटिं उतारा था,,, लेकिन वह दवा खाना था और आज वह अपने घर में है और आज वह अपनी मां की नहीं बल्कि अपनी नानी की पेंटिं उतारने जा रहा है जिसके साथ कुछ भी करने कि उसे इजाजत प्राप्त है,,,, अपनी नानी को पेंटि में देखकर एक बार फिर से उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और बार फिर से उसे एकदम से अपनी बाहों में भर लिया और इस बार वह आगे से उसे अपनी बाहों में भर लिया था,,,, उसके लाल लाल होठों का रसपान करते हुए वह पेंटी के उपर से ही अपने लंड को उसकी बुर पर धंसा रहा था,,,,अंकीत की हरकत उसकी नानी को बावली बना रही थी,,,। अंकित की नानी सोची भी नहीं थी कि अंकित इतना कुछ उसके साथ करेगा और वाकई में वह एक मर्द की तरह ही उसके साथ पैस आ रहा था औरतों को जिस जिस हरकत से आनंद प्राप्त होता है वही हरकत अंकित कर रहा था,,,।

थोड़ी देर बाद वह धीरे से घुटनों के बल बैठ गया,,, और जी भर कंपनी नानी की पेंटी की तरफ देखने के बाद,, वह दोनों हाथों से अपनी नानी की पेंटि को पकड़ लिया उतारना शुरू कर दिया और देखते-देखते वह अपनी नानी की पेंटि को उसके घुटनों तक खींच दिया,,,, अंकित की आंखों के सामने उसकी नानी की कचोरी की तरह फुली हुई उसकी बुर थी जिसमें से मदन रस टपक रहा था और उसे अपने होठों से लगाकर उसे पीने का मन कर रहा था,,, अंकित की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी उसकी सांसों की गति ऊपर नीचे हो रही थी,,, अंकित अच्छी तरह से जानता था कि अब उसे क्या करना है,,, वह अपनी नजर को ऊपर की तरफ उठाया उसकी नानी भी उसकी तरफ ही देख रही थी दोनों की नजरे आपस में मिली और दोनों के होठों पर मुस्कान तैरने लगे अंकित धीरे से अपने होठों को अपनी नानी की फुली हुई बुर पर रख दिया,,, अंकित की नानी अंकित की हरकत पर पूरी तरह से मदहोश हो गई और एकदम से गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथ को अंकित के सर पर रख दी,,, अंकित को बुर चाटने का अनुभव प्राप्त हो चुका था और यह अनुभव उसे सर्वप्रथम सुमन के द्वारा प्राप्त हुआ था और दोबारा राहुल की मां और तीसरी बार उसकी खुद की नई जो पूरी तरह से उसे संभोग का अध्याय कंठस्थ करा रही थी,,,।

अंकित पागलों की तरह पूरी तरह से अपनी नानी के बुरे को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया था मानो के जैसे कोई रसमलाई हो वह पागल की तरह अपनी नानी की बुर को चाट रहा था और उसकी यही अदाकारी उसकी नानी को पूरी तरह से पानी पानी कर रही थी ,,,वह मदहोश हुए जा रही थी,,, अंकित पूरी तरह से अपनी नानी की जवानी पर छाने लगा था वह अपनी नानी की तालाब नुमा बुर का पानी पीकर अपनी प्यास बुझा लेना चाहता था,,,, अभी भी उसके घुटनों में उसकी पैंटी फांसी हुई थी और अंकित अपने दोनों हाथों को उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर रखकर उसे जोर से दबाते हुए बुर का स्वाद ले रहा था,,,, अंकित की नई की हालत खराब हो रही थी वह पागल हुए जा जा रही थी उसका पूरा बदन कसमसा रहा था और उसके मुख से गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकल रही थी,,,। अपनी नानी के मुंह से निकलने वाली शिसकारी की आवाज को सुनकर अंकित का हौसला और भी ज्यादा बुलंद होता चला जा रहा था,,, अंकित जितना हो सकता था उतनी अपनी जीभ को अपनी नानी की बुर के अंदर डालकर उसकी मलाई को चाट रहा था,,,।

अंकित अपनी नानी की बुर को अपने दूसरे हाथ के अंगूठे और उंगली से फैला कर आनंद ले रहा था अपनी एक उंगली को उसमें डालकर अंदर बाहर करते हुए उसकी बुर चाट रहा था अंकित की तरफ से यह हरकत अंकित की नानी को पूरी तरह से ध्वस्त कर रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कल का छोकरा उसके छक्के छुड़ा रहा था,,, अंकित का एहसास हो रहा था कि पेंटी घुटनों में फांसी होने की वजह से उसकी नानी ठीक तरह से खड़ी नहीं हो पा रही थी इसलिए वह उसकी पैंटी को उतारने लगा लेकिन इस बीच वह उसकी बुर को लगातार चाट रहा था और देखते-देखते वह उसकी पेंटिं को एकदम नीचे तक ले आया तो उसकी नानी खुद अपने पैरों को एक-एक करके ऊपर करके अपने पैरों में से पेंटी को बाहर निकलवा दी,,, पेटी के निकलते ही जैसे भाभी किसी कैदी से आजाद हो गई हो इस तरह से अपनी एक टांग को घुटनों से मोड़कर एकदम से अंकित के कंधों पर रख दी और दोनों हाथों से उसका सिर पकड़ कर अपनी बुर को उसके चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दि,, अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी और एक तरह से वह अपनी कमर को धक्का मार रही थी अंकित के चेहरे पर,,, देखते ही देखते अंकित का पूरा चेहरा उसकी बुर में से निकलने वाले मदन रस से पूरी तरह से गिला हो गया लेकिन फिर भी अंकित को मजा आ रहा था वह अपनी चीज से जितना हो सकता था उतनी अपनी नानी की मलाई को चाट रहा था,,,,।

और देखते ही देखते अंकित की उंगलियों की करामात और उसकी जीभ की जादूगरी से अपने चरम सुख के करीब पहुंचने लगी उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी और वह अंकित के बालों को कस के पकड़ के उसके होठों को अपनी बर से एकदम से दबा दी और भलभला कर झड़ने लगी,,, अंकित अपनी नानी की बुर में से निकलने वाले बदन रस की एक भी बुंद को जमीन पर गिरने नहीं दिया उसे लगातार चट्टा हुआ उसे अपने गले के अंदर गटक गया,,, मानो की जैसे वह बुर से निकला पानी नहीं कोई अमृत की बूंद हो,,,, अंकित की नानी झड़ चुकी थी गहरी गहरी सांस ले रही थी अंकित भी अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसने क्या किया है एक अद्भुत कार्य को अंजाम दिया था इसलिए चेहरे पर मुस्कान लिए वह धीरे से उठकर खड़ा हो गया और एक बार फिर से अपनी नानी के होठों से अपनी होंठ को सत दिया अंकित की रानी अच्छी तरह से जानते थे कि अंकित के होठों पर उसकी ओर से निकलने वाली मलाई लगी है लेकिन फिर भी बेझिझक वह भी उसके होंठों को अपने मुंह में भरकर चाटना शुरू कर दी,,,,।

अंकित की नई पूरी तरह से नंगी थी लेकिन अंकित के बदन पर अभी भी पूरे वस्त्र थे उसने अपने वस्त्र है उतरे नहीं थे और इस बार वह अपनी नानी को बिस्तर पर ले गया और उसे बिस्तर पर बैठ कर अपना शर्ट निकाल कर उसे भी अपनी नानी के वस्त्र पर फेंक दिया लेकिन अभी तक वह अपना पेटं नहीं उतारा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देख कर उसकी नानी के मुंह में पानी आ रहा था,,,, अंकित देखते ही देखते अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे बिस्तर पर लेट आने लगा और देखते ही देखते उसकी नानी बिस्तर पर पीठ के बाल एकदम से लेट गई ,,, नग्नावस्था में उसका बदन ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा था,,,, अंकित ने अपनी सूझबूझ और जो कुछ भी सीखा था उसके अनुभव से वह अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त कर दिया था जिसका एहसास उसकी नानी के चेहरे को देख कर एकदम साफ दिखाई दे रहा था,,,,।

अंकित अभी भी बिस्तर के नीचे था वह धीरे से अपने पेट की बटन खोलने लगा और अपना पेंट उतार कर उसे भी एक तरफ रख दिया और इस समय वह अपनी नानी के सामने केवल अंडरवियर में था और उसके अंडरवियर में उसका तंबू पूरी तरह से गोले दागने के लिए किसी तोप की तरह खड़ा था,,,, पेंट उतारने के बाद उसने अपनी अंडरवियर नहीं उतारा और अपने हाथ का सहारा लेकर वह अपनी नानी को घूमने का इशारा करते हो उसे घूमने लगा वह उसे पेट के बल लेटाना चाहता था,,, और उसकी नानी भी उसके इशारे को समझ गई थी और भाभी पेट के बल लेट गई थी उसकी बड़ी-बड़ी गांड एकदम से ट्यूबलाइट की रोशनी में चमक रही थी जिसे देख कर अंकित मुस्कुराते हुए बोला,,,।

वह नानी कितनी खूबसूरत गांड है तुम्हारी और कितनी बड़ी-बड़ी है,,,,।

(इतना सुनते ही उसकी नानी तपाक से बोली,,,)

तेरी मां से भी ज्यादा खूबसूरत है क्या,,,!

(इस सवाल को सुनकर अंकित थोड़ा झेंप गया और अपने आप को संभालते हुए बोला,,,)

मुझे क्या मालूम नहीं मैं तो अब तक सिर्फ तुम्हारी ही गांड देखा हूं और वाकई में तुम्हारी गांड बहुत ज्यादा खूबसूरत है,,।

लेकिन तेरी मां से ज्यादा खूबसूरत नहीं है और यह बात तू भी अच्छी तरह से जानता है,,,।

मैं भला कैसे जानुंगा मैं कभी देखा थोड़ी हूं,,,।(अंकित पूरी तरह से अपनी भावनाओं पर काबू करता हुआ बोला,,, और बिस्तर पर बैठकर अपनी नानी की नंगी गांड पर हथेली रखकर उसे चलने लगा,,,,)

चल झूठ मत बोल मैं सब जानती हूं अभी कुछ देर पहले ही तो घर के पीछे दीवार के पीछे छुप कर देख रहा था,,,,।

(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित एकदम से हक्का-बक्का रह गया उसे ऐसा था कि यह बात किसी को मालूम नहीं होगी लेकिन उसकी नानी सब जान गई थी इसलिए कुछ छुपाने से फायदा नहीं था इसलिए वह अपनी तरफ से सफाई देता हुआ बोला,,)

लेकिन वह तो अनजाने में देख लिया था मैं तो तुम्हें देखने के लिए गया था मुझे क्या मालूम था कि मम्मी भी वही होगी,,,,।

मुझे देखने के लिए अभी कल रात को ही तो हम दोनों के बीच सब कुछ हुआ फिरभी,,,।

हां जब मुझे लगा कि तुम पेशाब करने जा रही हो तो मैं तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता था सच में तुम पेशाब करते हुए बहुत खूबसूरत लगती हो लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि मम्मी भी वही है,,,।

चल कोई बात नहीं मालूम था कि नहीं मालूम था यह मैं नहीं जानती लेकिन इस समय तूने अपनी मां की भी गांड देखा ना पेशाब करते हुए उसे भी देखा तो सच सच बताना हम दोनों में से सबसे ज्यादा खूबसूरत नजारा किसका दिखाई दे रहा था,,,,।
(अंकित की नानी इस सवाल से अंकित के मन में क्या चल रहा है यह जानना चाहती थी और यह भी देखना चाहती थी कि यह जो चोरी छुपे देखा था कि हो रही है उसके जाने के बाद कितना आगे बढ़ सकती है,,, अंकित अपनी नानी का सवाल सुनकर बोला,,,)

ऐसा कुछ भी नहीं है नानी मैं तो सिर्फ तुम्हारी ही गांड को देख रहा था,,,।

चल झूठ मत बोल मैं भी तिरछी नजर से देख रही थी तू अपनी मां की गांड की तरफ देख रहा था सच सच बताना क्या पहले भी तू इसी तरह से चोरी छिपे अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है,,,।

(अंकित को समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी नानी के सवाल का जवाब हुआ कैसे दिन ऐसा तो बहुत बार हो चुका था लेकिन ऐसा कहना बहुत गलत होगा क्योंकि उसकी मां सफाई दे चुकी है कि अंकित ऐसा लड़का नहीं है इसलिए वह बोला)

पहले तो मैंने कभी नहीं देखा आज पहली बार देख रहा था लेकिन सच कहूं तो मन से ज्यादा बड़ी गांड तुम्हारी है,,,।

वह तो है ही आखिरकार मैं उसकी मां हूं लेकिन गांड कैसी हुई किसकी ज्यादा है,,,, सच-सच बताना झूठ बिल्कुल भी मत बोलना और हम दोनों के बीच किसी भी तरह का पर्दा नहीं रहना चाहिए हम दोनों के बीच इस तरह का रिश्ता कायम हो चुका है इससे हम दोनों को एक दूसरे से बिल्कुल भी शर्म करने की जरूरत नहीं है,,, और हां हम दोनों के बीच इस तरह की बात हो रही है मैं यह किसी को नहीं बताऊंगी,,,।

(अपनी नानी की बातें सुनकर अंकित थोड़ा सोच में पड़ गया था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन इतना तो वह जान ही गया था कि उसकी नानी है सब किसी को नहीं बताएगी अगर यह सब किसी को बताएगी तो उसका भी राज राज नहीं रह पाएगा,,, और यह सब बातें तो होता है अपनी बेटी को नहीं बता सकती क्योंकि वह खुद एक नंबर की छिनार है तो भला हुआ अपनी बेटी से कैसे बता पायेगी की रात भर वह अपनी ही नाती के साथ चुदवाती रही है,,,, इस तरह की बातें अपने मन में सोच कर अंकित को थोड़ी तसल्ली महसूस हो रही थी और उसे भी अपनी मां की इस तरह की बातें करने में अपनी नानी के साथ मजा आ रहा था उसके उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ रही थी इसलिए वह अपनी नानी से बोला,,,)

सच कहुं तो अगर उमर को लेकर अंतर देखा जाए तो फिर भी तुम इस उम्र में भी एकदम कड़क हो और वैसे तो सही मांगने में इस समय मन की गांड ज्यादा कसी हुई है लेकिन इससे मुझे क्या मुझे तो तुमसे मजा लेना है और इसीलिए मेरे लिए तुम ही मेरे सपनों की रानी हो,,,,।
(अंकित अपनी नानी से एकदम फिल्मी स्टाइल के हीरो जैसी बातें कर रहा था और अंकित की नई भी उसकी बातों से एकदम मस्त हो रही थी प्रसन्न हो रही थी लेकिन अंकित की यह बात कि मुझे तो तुमसे मजा लेना है इस बात पर वह बोली,,,)

अच्छा अंकित सच-सच बताना अगर मेरी तरह तेरी मां भी तुझे मौका दे तब तू क्या करेगा,,,।
(अंकित की नानी एकदम से मुद्दे वाला सवाल पूछ ली थी,,, इसलिए अंकित एकदम से हैरान हो गया था और अपनी नानी के सवाल को सुनकर वह हैरानी जताते हुए बोला,,,)

यह क्या कह रही हो नानी ऐसा भला हो सकता है क्या,,,,(ऐसा कहते हुए भी वह अपनी मां का जिक्र सुनकर उत्तेजित हो चुका था और उसकी उत्तेजना उसकी हथेली के दबाव पर एकदम साफ दिखाई दे रही थी वह अपनी नानी की गांड को कस के दबोच रहा था और उसका यह व्यवहार उसकी नानी को शंका के दायरे में ला रहा था वह समझ गई थी कि अगर मौका मिलेगा तो वह इसी तरह से अपनी मां के साथ भी मजा ले लेगा बिल्कुल भी इनकार नहीं कर पाएगा)

अरे मैं सच कह रही हूं मैं भी तो तेरी नानी हूं लेकिन तुझे मौका देना अगर तेरी मां भी इसी तरह से तुझे मौका देगी तो क्या तो इंकार कर पाएगा बिल्कुल भी नहीं तू भी अपनी मां पर ही चढ़ जाएगा,,,,।

(अपनी नानी किस तरह की खुली बातें उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रही थी उसे मदहोशी जा रही थी और उसे अपनी नानी के मुंह से अपनी बेटी के बारे में इस तरह की बातें सुनने में और भी ज्यादा मजा आ रहा था लेकिन फिर भी वह जानबूझकर इनकार करते हुए बोला)

नहीं नानी ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता मम्मी इस तरह की बिल्कुल भी नहीं है,,,।

लेकिन तू तो है ना,,,, मैं भी तो तेरी नानी हूं तो मेरे साथ क्यों यह सब कर रहा है क्योंकि मैं जानती हूं मर्द की फीतरत ही ऐसी होती है उन्हें बुर मिलना चाहिए फिर भले ही वह किसी की भी हो मां की और नानी की हो या बहन की हो,,,(एकदम से खुद से घूम कर पीठ के बल लेटते हुए,, और अपने हाथ के कोहनी का सहारा लेकर,,, उठकर बैठते हुए,,,) वैसे भी तेरी मां बहुत सेक्सी है,,, पहले ही मेरी बेटी है लेकिन में औरत के बारे में अच्छी तरह से जानती हूं मेरी बेटी बरसों से अकेली रह रही है उसकी भी इच्छा करती होगी जिस्मानी भूख शांत करने के लिए तू जरा सोच इस उम्र में जब मेरा यह हाल है अभी तो वह पूरी तरह से जवान है उसकी क्या हालत होती होगी उसका भी मन भटकता होगा बस कोई राह दिखाई नहीं दे रही है वरना वह भी अपने मंजिल को प्राप्त कर लेती,,,

यह सब कैसी बातें कर रही हो मम्मी के बारे में,,,।

अरे बुद्धू तेरी मम्मी के बारे में नहीं मैं बल्कि हर एक औरत के बारे में बता रही हूं हर रिश्ते के पहले वह एक औरत होती है उसे भी प्यास लगती है भूख लगती है जिस्म की भूख लगती है,,,, मैं सच कह रही हूं भले ही तो अनजाने में अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है लेकिन देखना जब मैं चली जाऊंगी ना फिर भी तेरा मन बार-बार अपनी ही मा को नग्न अवस्था में नहाते हुए कपड़े बदलते हुए पेशाब करते हुए देखने की इच्छा करेगी और अगर यह सब तेरी मां को मालूम पड़ गया अगर वह अपने आप को संभाल ली तो ठीक वरना वह भी भावनाओं में बह जाएगी तो उसका भी मेरी तरह हल हो जाएगा लेकिन मजा बहुत आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित की नानी उत्तेजित होते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाकर अंडरवियर में बने तंबू को पकड़ ली और उसे ज़ोर से दबोच ली अंकित एकदम से उत्तेजित हो गया,,, अपनी मां के बारे में खुली बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था इसलिए अपनी नानी की सरकार पर वह एकदम से बिस्तर पर घुटनों के बल अपनी नानी के करीब पहुंच गया और खुद ही अपने अंडरवियर को अपने हाथों से नीचे की तरफ खींच कर अपने खड़े लंड को एकदम से बाहर निकाल लिया,,, उसकी नानी अभी इस नजारे को देख ही रही थी कि वह खुद अपना हाथ आगे बढ़कर अपनी नानी के सर को पकड़ लिया और उसे नीचे की तरफ दबाव बनाता हुआ अपने लंड की तरफ लाने लगा,,,,,।

वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसे क्या करना है और वह अगले ही पल अंकित के लंड को मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दी,,, अपनी मां के बारे में अपनी नानी के मुंह से गंदी बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था उत्तेजना एकदम परम शिखर पर पहुंच चुकी थी और जैसे ही अपने लंड को अपनी नानी के मुंह में महसूस किया हुआ पूरी तरह से बेकाबू हो गया और अपनी नानी के सर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलना शुरू कर दिया वह अपनी नानी के मुंह को ही चोदना शुरू कर दिया था,,,, अंकित की मदहोशी है और उसका बेकाबूपन देखकर अंकित की नानी भी,,, मदहोश हो चुकी थी,,, वह भी अपने गले तक लेकर अंकित के लंड की चुसाई कर रही थी पूरी तरह से चुसाई कर लेने के बाद,,,,,, वह धीरे से अंकित के लंड को अपने मुंह में से बाहर निकाली क्योंकि उसकी बुर में भी चीटियां रेंग रही थी,,, उसे भी अंकित के लंड को अपनी बुर में लेना था,,,। अंकित समझ गया था कि अब उसे क्या करना है,,, वह धीरे से अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे पीठ के बल लेटा दिया,,,,

एक बार फिर से अंकित की नई कल रात वाली मुद्रा में हो चुकी थी,,,, अंकित कल की तरह ही घुटनों के पर अपनी नानी के टांगों के बीच पहुंच गया और उसकी कमर में हाथडालकर उसे अपनी जांघों पर खींच लिया,,, अंकित के चेहरे पर उत्साह साफ झलक रहा था,,,, अगले ही पर अपने लंड को अपनी नानी की बुर में डालकर अपनी कमर हीलाना शुरू कर दिया वह अपनी नानी को एकदम से हुमच हुमच कर चोद रहा था,,,, कुछ देर पहले ही अंकित की जीभ से ही वह झढ़ गई थी लेकिन अब अंकित उसकी बुर में अपने मर्दाना अंग का उपयोग कर रहा था क्योंकि पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा था वह इतना गरम था कि अंकित की नानी को ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी बुर में कोई गरम लोहे का रोड डाल रहा हो,,, वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी।
शुरू से ही अंकीत अपने धक्कों को तेज किए हुए था और अंकित कि ईस मर्दानगी को देखकर उसकी नानी पानी पानी हुई जा रही थी।

इस बार अत्यधिक उत्तेजना के चलते अंकित ज्यादा देर टिक नहीं पाया और 20 मिनट के बाद ही वह भी देर हो गया लेकिन अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त करने के बाद,,,,,।

Wah rohnny4545 Bhai Wah,

Kya mast update post ki he ................

Nani ne bato bato me ankit ke man me sugandha ke prati aur bhi lalsa jaga di he.............

Nani aur uski bahan ke jane ke baad ankit jara bhi der nahi krega apni maa ko chodne ki...........

Gazab Bhai.....................Keep rocking
 

romani roy

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अंकित की नानी अंकित को ब्लाउज का बटन खोलने के लिए बोल रही थी क्योंकि जिस तरह से अंकित अपनी नानी का ब्लाउज खोल रहा था उससे ब्लाउज फटने की संभावना पूरी तरह से बढ़ जा रही थी और अंकित की उत्तेजना और उसकी उत्सुकता देखकर अंकित कि नानी भी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी,,,, अंकित की नानी को एहसास होने लगा था कि उसकी दी हुई शिक्षा काम आ रही थी अंकित एक ही रात में बहुत कुछ सीख गया था इसीलिए तो उसके होठों को बिल्कुल भी अपने होठों से अलग नहीं कर रहा था उसके होठों का रस पीता हुआ वह अपनी नानी की बात मानकर उसके ब्लाउज का बटन खोलना शुरू कर दिया था,,, अंकित का दिल जोरो से धड़क रहा था उसकी उत्तेजना संपूर्ण रूप से परम शिखर पर थी, वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था। ब्लाउज का बटन खोलने में भी उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी वैसे तो वह अपनी मां के कपड़े अपने हाथों से उतार चुका था लेकिन आज पहली बार उसे अपनी नानी का ब्लाउज का बटन खोलने का अवसर मिल रहा है इसलिए उसकी उत्सुकता और उत्तेजना अद्भुत होती चली जा रही थी।

अंकित की नानी की चुचिया बड़ी-बड़ी थी और चूचियों के आकार की अपेक्षा ब्लाउज का आकर थोड़ा छोटा था इसलिए वह बड़े कस के बटन को बंद की थी जिसे उतारने में अंकित के पसीने छूट रहे थे,,,, अंकित ऊपर के दो बटन खोल चुका था तीसरा बटन खोलने में उसे बड़ी जहमत उठानी पड़ रही थी,,,, यह देखकर उसकी नानी बोली,,,।

क्या करता है अंकित तू औरत का ब्लाउज का बटन नहीं खोल पा रहा है तो उसे खुश कैसे कर पाएगा,,,,


कुछ नहीं नानी लगता है कि ब्लाउज बहुत कस हुआ है,,,(अपने होठों को अपनी नानी के होठों से अलग करता हुआ वह बोला और उसकी बात सुनकर उसकी नानी बोली,,,,)

ब्लाउज कसा हुआ नहीं है मेरी चूचियां बड़ी-बड़ी है,,,, क्या तुझे नहीं लगता कि मेरी चूची बड़ी है,,,।

लगता तो है नानी एकदम खरबूजे की तरह है,,,,(ब्लाउज के चौथे बटन को खोलता हुआ वह बोला और जैसे ही चौथा बटन खुला उसके चेहरे के मुस्कान बढ़ने लगी,,,)

तुझे छोटी-छोटी चूची अच्छी लगती है कि बड़ी बड़ी,,,,।

पहले तो ऐसा कुछ भी नहीं था नई लेकिन कल रात से सब कुछ बदलता हुआ नजर आ रहा है मुझे तो तुम्हारी बड़ी-बड़ी चूची अच्छी लगती है,,,(आखरी बटन को खोलने का प्रयास करता हुआ अंकित बोला उसकी बात सुनकर उसकी नानी मंद मंद मुस्कुरा रही थी,,,, और अगले पल अंकित अपने प्रयास को सफल करता हुआ अपनी नानी के ब्लाउज के सारे बटन को खोल चुका था और उसके दोनों पल्लू को पकड़ कर एक दूसरे से अलग कर दिया था ब्लाउज के खुलते ही अंकित की नई की बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम से हवा में लहराने लगी ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे कबूतर कैद से आजाद हो गए हो,,, अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचियों की तरफ देखकर मुस्कुराता हुआ अंकित बोला,,,)

सच में नानी तुम्हारी चुची बहुत खूबसूरत है,,,।

तेरे लिए ही है जैसा मन करे वैसा इसके साथ खेल,,,,।
(इतना सुनते ही अंकित अपने दोनों हाथों को आगे बढ़कर अपनी नानी की चूचियों पर रख दिया और गहरी सांस लेता हुआ उसे दबाना शुरू कर दिया अंकित की हथेलियों में पूरी तरह से मर्दाना ताकत भरी हुई थी, जिसका एहसास अंकित के नानी को भी अच्छी तरह से हो रहा था अंकित उत्तेजना के चलते बड़ी जोर-जोर से उसकी चूचियों को मसल रहा था दबा रहा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देखकर उसकी नानी का बुर का पानी पिघल रहा था,,,, अंकित की नानी से रहा नहीं गया और वह पेट में बने तंबू को अपने हाथ में पकड़ ली और उसे जोर-जोर से पेट के ऊपर से ही मसलना शुरू कर दी जिससे अंकित की हालत और ज्यादा खराब होने लगी,,,

अंकित तो अपनी नानी की बड़ी-बड़ी चूचीयो को अपने हाथ में लेकर पागल हो गया था कुछ अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि वाकई में औरत की चूचियों से खेलने में कितना मजा आता है,,, और से जोर-जोर से मसलता हुआ वह धीरे से अपने होठों को चूचियों की तरफ ले गया उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया अंकित की हरकत से उसकी नानी उत्तेजना और प्रसन्नता से गदगद हुए जा रही थी क्योंकि उसकी नानी को लगने लगा था कि आज उसे कुछ सीखाने की जरूरत नहीं है,,,, अंकित अपनी हरकतों से अपनी नानी का पानी छुडा रहा था,,,, वह बारी-बारी से अपनी नानी की दोनों चीजों को मुंह में लेकर पी रहा था उसकी कड़ी निप्पल को कैडबरी चॉकलेट की तरह अपने दांतों के बीच लेकर दबा दे रहा था और जब-जब अंकित यह हरकत करता था तब तक अंकित की नानी के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगती थी,,,,।

आज भी कमरे में ट्यूबलाइट चल रही थी उसके दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था।
अंकित अपने मन में यही सोच रहा था कि अच्छा हुआ आज भी ट्यूब लाइट जल रही है क्योंकि अंधेरे में अपनी नानी का खूबसूरत नंगा बदन वह देख नहीं पाता ,,, बस बात को अच्छी तरह से जानता था कि उसके घर में बाकी के सभी लोग गहरी नींद में सो रहे होंगे क्योंकि उसकी आंखों के सामने ही उसकी मां पेशाब करने के बाद अपने कमरे में सोने के लिए गई थी उसकी बहन तृप्ति तो पहले ही अपने कमरे में जाकर सो रही थी इस समय सिर्फ उसकी नानी और वह खुद जाग रहे थे उन दोनों की आंखों से नींद कोसों दूर जा चुकी थी क्योंकि समय दोनों जवानी का मजा लूट रहे थे,,, अंकित पागलों की तरह अपनी नानी की चूची को दबा भी रहा था उसे मुंह में लेकर पी रहा था ऐसा लग रहा था कि बरसों की हसरत को हुआ आज ही पूरी कर लेना चाहता हो,,, और अक्सर अंकित की नानी को ऐसे ही मर्द पसंद रहते हैं जो औरत के हर एक अंग से जी भर कर खेलें जी भर कर प्यार करें और अंकित वैसा ही कर रहा था,,,।

कुछ देर तक किसी तरह से अपनी नानी की चूची से खेलने के बाद अंकित अपनी नानी को पूरी तरह से लग्नावस्था में देखना चाहता था उसके बदन से बाकी के वस्त्र को उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी कर देना चाहता था और वैसे भी अंकित की नई की तरफ सबसे पूरी छूट मिली हुई थी आज की रात में उसकी नानी के लिए उसका पति था और वह अपनी नानी के साथ एक बीवी की तरह,,, अपनी नानी की चूचियों से मुंह हटाने के बाद वह गहरी गहरी सांस लेता हुआ अपनी नानी की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था उसकी नानी भी उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी अंकित की नानी को है लगने लगा था कि उसका नाती आज सफल हो जाएगा,,, वह भी मदहोश हुए जा रही थी उसे भी अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसकी बुर से पानी निकल रहा है,,,,,,, अपनी नानी के द्वारा दिए गए छुट का फायदा उठाते हुए वह अपनी नानी की बाहों को दोनों हाथों से पकड़ा और उसे बिस्तर पर से खड़ी करने लगा उसकी नानी भी उसका इशारा समझ कर बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई वह मुस्कुरा रही थी वह देखना चाहती थी कि उसका नाती अब क्या करता है,,,,।

उसकी नानी एकदम हैरान हो गई जब अंकित उसका हाथ पकड़ कर एकदम से उसके पीछे चला गया और पीछे से उसे अपनी बाहों में जाकर लिया पीछे से वह अपने दोनों हाथों को अपनी नानी की चूची पर रखकर से दबाते हुए उसके गर्दन पर चुंबन करने लगा यह अंकित की नानी के लिए हैरान कर देने वाली बात थी क्योंकि यह समर्थ तभी करता है जब वह पूरी तरह से औरत को समझने लगता है उसे औरत को खुश करने का हर एक कला आती हो लेकिन यह सब तो अंकित के लिए पहली बार था कल रात वह जितना सिखाई थी यह उससे ज्यादा ही था,,,, लेकिन अंकित की हरकत उसे आनंदित कर रही थी अंकीत उसे पीछे से अपनी बाहों में भरकर उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को मसलते है उसके गर्दन पर चुंबन करते हुए पीछे से ही अपने लंड को उसकी गांड के बीचों बीच चुका रहा था जिसका हिस्सा अंकित को भी था और अंकित की नानी को भी अंकित की नानी पूरी तरह से मचल रही थी मदहोश हो रही थी,,, अंकित की रानी को अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसका लंड किसी भाले से कम नहीं था जो बड़े आराम से गांड के बीचों बीच साड़ी के ऊपर से भी पहुंच जा रहा था,,,। अंकित की हरकत से अंकित की नानी की सिसकारी छूट रही थी,,,।

सहहहह आहहहहहहह,,,,अंकीत मेरे राजा तू तो एक ही रात में पूरा मर्द बन गया है,,,,,आहहहहह,,,,,।

(अपनी नानी के मुंह से कहे गए इस शब्द को सुनकर उसका हौसला बढ़ने लगा था उसकी हिम्मत बढ़ने लगी थी वह मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और इस बात की खुशी उसके मन में और ज्यादा थी कि अच्छा हुआ उसकी नानी उसे यह सब सीख रही है अगर उसे सच में मौका मिल गया अपनी मां की चुदाई करने का तो अपनी नानी के साथ जो कुछ भी सीखा है वह उसका पूरा उपयोग अपनी मां के साथ करेगा और उसे पूरी तरह से खुश कर देगा,,,, अपनी नानी की गर्दन पर चुंबनों की बौछार करते हुए अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा,,, यह उसकी नानी के द्वारा उसके हिम्मत की तारीफ करने का ही नतीजा था जो अंकित इस कदर अपनी नानी के साथ खुलने लगा था,,, अंकित की नई अच्छी तरह से समझ रही थी कि अंकित उसे पूरी तरह से नंगी देखना चाहता है उसके नंगे बदन का दर्शन करना चाहता है,,,, अपनी नानी की साड़ी को खोलने लगा और अगले ही पल अपनी नानी की साड़ी को खोलकर वह साड़ी को जमीन पर गिरा दिया,,,,।

इन सब के बावजूद अभी भी उसके बदन पर ब्लाउज टिका हुआ था और उसकी नग्नता को छुपाने के लिए पेटिकोट उसके बदन पर अभी भी बरकरार था,,,, अंकित अपने दोनों हाथों से अपनी नानी का ब्लाउज पकड़ कर उसकी बाहों से उसे अलग करने लगा उसकी नानी भी इसमें उसका सहयोग करने लगी अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ कर दी ताकि बड़े आराम से अंकित उसके ब्लाउस को उधर सके और अगले पर वह अपनी नानी के बदन पर से ब्लाउज को भी उतार कर नीचे जमीन पर गिरा दिया था अब केवल पेटिकोट उतरना बाकी रह गया था लेकिन पेटिकोट उतारते से पहले वह एक बार फिर से अपनी नानी के बदन से सट गया और अपनी हथेली को सीधे-सीधे उसके पेटिकोट के ऊपर से ही उसकी बुर पर रख दिया और उसे पेटिकोट के ऊपर से ही मसलनी शुरू कर दिया अंकित की नानी को बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि अंकित इस तरह की हरकत कर देगा,,, इसलिए वह एकदम से मदहोश हो गई थी और मदहोशी भरे स्वर में बोली।


सहहहहह आहहहहहह,,,,, अंकित तू तो पूरा चालू है मैं कभी सोचती नहीं थी कि तू एक ही रात में इतना कुछ सीख जाएगा,,,।

जब सिखाने वाली तुम जैसी गुरु हो नानी तब चेला कैसे आगे नहीं बढ़ पाएगा,,,(अंकित इस तरह से पेटीकोट के ऊपर से ही अपनी नानी की बुर को मसलता हुआ बोला और अपनी बात को आगे बढ़ाता हुआ बोला,,,) नानी तुम्हारी बुर तो बहुत गीली गीली लग रही है कहीं पेशाब तो नहीं कर दी हो,,,,।

कल तुझे बताई थी,, यह पेशाब नहीं है जब औरत मत हो जाती है तो इसी तरह से लार टपकती है जैसे स्वादिष्ट भोजन देखकर मुंह में पानी आ जाता है ना उसी तरह से जब लगने लगता है कि औरत को मजा आने वाला है तभी इसी तरह से बोलने से लार टपकने लगता है समझा कि नहीं,,,,।

ओहहह नानी बिल्कुल समझ गया,,,,, अब तो मैं तुम्हारी बुर का पानी निकालते हुए देखना चाहता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही अंकित अपनी नानी के पेटीकोट की डोरी को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे ज़ोर से एक झटके से खींच दिया अगले ही पल अंकित की नई की पेटिकोट एकदम से ढीली हो गई लेकिन फिर भी उसकी कमर पर टिकी हुई थी जिसे अंकित अपने दोनों हाथों की उंगलियों का सहारा देकर उसे कमर पर से ढीला किया और उसे उसी अंदाज में ऊपर से ही नीचे छोड़ दिया और अगले ही पल पेटिकोट उसके कदमों में जा गिरा,,,, लेकिन अंकित एकदम से हैरान हो गया जब देखा कि उसकी नानी पैंटी पहनी हुई थी यह देखकर उसके चेहरे पर उत्तेजना और मदहोशी के भाव और भी ज्यादा बढ़ गए और वह अपनी नानी से बोला,,,,)

क्या बात है नानी आज तो तुम पैंटी पहनी हो,,,,।

तेरे लिए ही पहनी हूं शायद तु नहीं जानता मर्द जब औरत के कपड़े उतारता है तो उसकी चड्डी उसकी पेंटि उतारने में उसे और भी ज्यादा मजा आता है और मुझे पूरा यकीन है कि तू मेरे बदन पर मेरी पैंटी देखकर और भी ज्यादा मस्त हो गया होगा।

क्या बात है नई बिल्कुल सही नहीं तो हैरान हो गया तुम्हारे बदन पर पेटी देखकर इसे सच में अपने हाथों से उतारने में बहुत मजा आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित को उसकी मां याद आ गई जब वह दवा खाने में अपने हाथों से अपनी मां की पेंटिं उतारा था,,, लेकिन वह दवा खाना था और आज वह अपने घर में है और आज वह अपनी मां की नहीं बल्कि अपनी नानी की पेंटिं उतारने जा रहा है जिसके साथ कुछ भी करने कि उसे इजाजत प्राप्त है,,,, अपनी नानी को पेंटि में देखकर एक बार फिर से उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और बार फिर से उसे एकदम से अपनी बाहों में भर लिया और इस बार वह आगे से उसे अपनी बाहों में भर लिया था,,,, उसके लाल लाल होठों का रसपान करते हुए वह पेंटी के उपर से ही अपने लंड को उसकी बुर पर धंसा रहा था,,,,अंकीत की हरकत उसकी नानी को बावली बना रही थी,,,। अंकित की नानी सोची भी नहीं थी कि अंकित इतना कुछ उसके साथ करेगा और वाकई में वह एक मर्द की तरह ही उसके साथ पैस आ रहा था औरतों को जिस जिस हरकत से आनंद प्राप्त होता है वही हरकत अंकित कर रहा था,,,।

थोड़ी देर बाद वह धीरे से घुटनों के बल बैठ गया,,, और जी भर कंपनी नानी की पेंटी की तरफ देखने के बाद,, वह दोनों हाथों से अपनी नानी की पेंटि को पकड़ लिया उतारना शुरू कर दिया और देखते-देखते वह अपनी नानी की पेंटि को उसके घुटनों तक खींच दिया,,,, अंकित की आंखों के सामने उसकी नानी की कचोरी की तरह फुली हुई उसकी बुर थी जिसमें से मदन रस टपक रहा था और उसे अपने होठों से लगाकर उसे पीने का मन कर रहा था,,, अंकित की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी उसकी सांसों की गति ऊपर नीचे हो रही थी,,, अंकित अच्छी तरह से जानता था कि अब उसे क्या करना है,,, वह अपनी नजर को ऊपर की तरफ उठाया उसकी नानी भी उसकी तरफ ही देख रही थी दोनों की नजरे आपस में मिली और दोनों के होठों पर मुस्कान तैरने लगे अंकित धीरे से अपने होठों को अपनी नानी की फुली हुई बुर पर रख दिया,,, अंकित की नानी अंकित की हरकत पर पूरी तरह से मदहोश हो गई और एकदम से गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथ को अंकित के सर पर रख दी,,, अंकित को बुर चाटने का अनुभव प्राप्त हो चुका था और यह अनुभव उसे सर्वप्रथम सुमन के द्वारा प्राप्त हुआ था और दोबारा राहुल की मां और तीसरी बार उसकी खुद की नई जो पूरी तरह से उसे संभोग का अध्याय कंठस्थ करा रही थी,,,।

अंकित पागलों की तरह पूरी तरह से अपनी नानी के बुरे को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया था मानो के जैसे कोई रसमलाई हो वह पागल की तरह अपनी नानी की बुर को चाट रहा था और उसकी यही अदाकारी उसकी नानी को पूरी तरह से पानी पानी कर रही थी ,,,वह मदहोश हुए जा रही थी,,, अंकित पूरी तरह से अपनी नानी की जवानी पर छाने लगा था वह अपनी नानी की तालाब नुमा बुर का पानी पीकर अपनी प्यास बुझा लेना चाहता था,,,, अभी भी उसके घुटनों में उसकी पैंटी फांसी हुई थी और अंकित अपने दोनों हाथों को उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर रखकर उसे जोर से दबाते हुए बुर का स्वाद ले रहा था,,,, अंकित की नई की हालत खराब हो रही थी वह पागल हुए जा जा रही थी उसका पूरा बदन कसमसा रहा था और उसके मुख से गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकल रही थी,,,। अपनी नानी के मुंह से निकलने वाली शिसकारी की आवाज को सुनकर अंकित का हौसला और भी ज्यादा बुलंद होता चला जा रहा था,,, अंकित जितना हो सकता था उतनी अपनी जीभ को अपनी नानी की बुर के अंदर डालकर उसकी मलाई को चाट रहा था,,,।

अंकित अपनी नानी की बुर को अपने दूसरे हाथ के अंगूठे और उंगली से फैला कर आनंद ले रहा था अपनी एक उंगली को उसमें डालकर अंदर बाहर करते हुए उसकी बुर चाट रहा था अंकित की तरफ से यह हरकत अंकित की नानी को पूरी तरह से ध्वस्त कर रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि कल का छोकरा उसके छक्के छुड़ा रहा था,,, अंकित का एहसास हो रहा था कि पेंटी घुटनों में फांसी होने की वजह से उसकी नानी ठीक तरह से खड़ी नहीं हो पा रही थी इसलिए वह उसकी पैंटी को उतारने लगा लेकिन इस बीच वह उसकी बुर को लगातार चाट रहा था और देखते-देखते वह उसकी पेंटिं को एकदम नीचे तक ले आया तो उसकी नानी खुद अपने पैरों को एक-एक करके ऊपर करके अपने पैरों में से पेंटी को बाहर निकलवा दी,,, पेटी के निकलते ही जैसे भाभी किसी कैदी से आजाद हो गई हो इस तरह से अपनी एक टांग को घुटनों से मोड़कर एकदम से अंकित के कंधों पर रख दी और दोनों हाथों से उसका सिर पकड़ कर अपनी बुर को उसके चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दि,, अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दी और एक तरह से वह अपनी कमर को धक्का मार रही थी अंकित के चेहरे पर,,, देखते ही देखते अंकित का पूरा चेहरा उसकी बुर में से निकलने वाले मदन रस से पूरी तरह से गिला हो गया लेकिन फिर भी अंकित को मजा आ रहा था वह अपनी चीज से जितना हो सकता था उतनी अपनी नानी की मलाई को चाट रहा था,,,,।

और देखते ही देखते अंकित की उंगलियों की करामात और उसकी जीभ की जादूगरी से अपने चरम सुख के करीब पहुंचने लगी उसकी सांसे ऊपर नीचे होने लगी और वह अंकित के बालों को कस के पकड़ के उसके होठों को अपनी बर से एकदम से दबा दी और भलभला कर झड़ने लगी,,, अंकित अपनी नानी की बुर में से निकलने वाले बदन रस की एक भी बुंद को जमीन पर गिरने नहीं दिया उसे लगातार चट्टा हुआ उसे अपने गले के अंदर गटक गया,,, मानो की जैसे वह बुर से निकला पानी नहीं कोई अमृत की बूंद हो,,,, अंकित की नानी झड़ चुकी थी गहरी गहरी सांस ले रही थी अंकित भी अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसने क्या किया है एक अद्भुत कार्य को अंजाम दिया था इसलिए चेहरे पर मुस्कान लिए वह धीरे से उठकर खड़ा हो गया और एक बार फिर से अपनी नानी के होठों से अपनी होंठ को सत दिया अंकित की रानी अच्छी तरह से जानते थे कि अंकित के होठों पर उसकी ओर से निकलने वाली मलाई लगी है लेकिन फिर भी बेझिझक वह भी उसके होंठों को अपने मुंह में भरकर चाटना शुरू कर दी,,,,।

अंकित की नई पूरी तरह से नंगी थी लेकिन अंकित के बदन पर अभी भी पूरे वस्त्र थे उसने अपने वस्त्र है उतरे नहीं थे और इस बार वह अपनी नानी को बिस्तर पर ले गया और उसे बिस्तर पर बैठ कर अपना शर्ट निकाल कर उसे भी अपनी नानी के वस्त्र पर फेंक दिया लेकिन अभी तक वह अपना पेटं नहीं उतारा था उसके पेंट में अच्छा खासा तंबू बना हुआ था जिसे देख कर उसकी नानी के मुंह में पानी आ रहा था,,,, अंकित देखते ही देखते अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे बिस्तर पर लेट आने लगा और देखते ही देखते उसकी नानी बिस्तर पर पीठ के बाल एकदम से लेट गई ,,, नग्नावस्था में उसका बदन ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा था,,,, अंकित ने अपनी सूझबूझ और जो कुछ भी सीखा था उसके अनुभव से वह अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त कर दिया था जिसका एहसास उसकी नानी के चेहरे को देख कर एकदम साफ दिखाई दे रहा था,,,,।

अंकित अभी भी बिस्तर के नीचे था वह धीरे से अपने पेट की बटन खोलने लगा और अपना पेंट उतार कर उसे भी एक तरफ रख दिया और इस समय वह अपनी नानी के सामने केवल अंडरवियर में था और उसके अंडरवियर में उसका तंबू पूरी तरह से गोले दागने के लिए किसी तोप की तरह खड़ा था,,,, पेंट उतारने के बाद उसने अपनी अंडरवियर नहीं उतारा और अपने हाथ का सहारा लेकर वह अपनी नानी को घूमने का इशारा करते हो उसे घूमने लगा वह उसे पेट के बल लेटाना चाहता था,,, और उसकी नानी भी उसके इशारे को समझ गई थी और भाभी पेट के बल लेट गई थी उसकी बड़ी-बड़ी गांड एकदम से ट्यूबलाइट की रोशनी में चमक रही थी जिसे देख कर अंकित मुस्कुराते हुए बोला,,,।

वह नानी कितनी खूबसूरत गांड है तुम्हारी और कितनी बड़ी-बड़ी है,,,,।

(इतना सुनते ही उसकी नानी तपाक से बोली,,,)

तेरी मां से भी ज्यादा खूबसूरत है क्या,,,!

(इस सवाल को सुनकर अंकित थोड़ा झेंप गया और अपने आप को संभालते हुए बोला,,,)

मुझे क्या मालूम नहीं मैं तो अब तक सिर्फ तुम्हारी ही गांड देखा हूं और वाकई में तुम्हारी गांड बहुत ज्यादा खूबसूरत है,,।

लेकिन तेरी मां से ज्यादा खूबसूरत नहीं है और यह बात तू भी अच्छी तरह से जानता है,,,।

मैं भला कैसे जानुंगा मैं कभी देखा थोड़ी हूं,,,।(अंकित पूरी तरह से अपनी भावनाओं पर काबू करता हुआ बोला,,, और बिस्तर पर बैठकर अपनी नानी की नंगी गांड पर हथेली रखकर उसे चलने लगा,,,,)

चल झूठ मत बोल मैं सब जानती हूं अभी कुछ देर पहले ही तो घर के पीछे दीवार के पीछे छुप कर देख रहा था,,,,।

(अपनी नानी की बात सुनकर अंकित एकदम से हक्का-बक्का रह गया उसे ऐसा था कि यह बात किसी को मालूम नहीं होगी लेकिन उसकी नानी सब जान गई थी इसलिए कुछ छुपाने से फायदा नहीं था इसलिए वह अपनी तरफ से सफाई देता हुआ बोला,,)

लेकिन वह तो अनजाने में देख लिया था मैं तो तुम्हें देखने के लिए गया था मुझे क्या मालूम था कि मम्मी भी वही होगी,,,,।

मुझे देखने के लिए अभी कल रात को ही तो हम दोनों के बीच सब कुछ हुआ फिरभी,,,।

हां जब मुझे लगा कि तुम पेशाब करने जा रही हो तो मैं तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता था सच में तुम पेशाब करते हुए बहुत खूबसूरत लगती हो लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि मम्मी भी वही है,,,।

चल कोई बात नहीं मालूम था कि नहीं मालूम था यह मैं नहीं जानती लेकिन इस समय तूने अपनी मां की भी गांड देखा ना पेशाब करते हुए उसे भी देखा तो सच सच बताना हम दोनों में से सबसे ज्यादा खूबसूरत नजारा किसका दिखाई दे रहा था,,,,।
(अंकित की नानी इस सवाल से अंकित के मन में क्या चल रहा है यह जानना चाहती थी और यह भी देखना चाहती थी कि यह जो चोरी छुपे देखा था कि हो रही है उसके जाने के बाद कितना आगे बढ़ सकती है,,, अंकित अपनी नानी का सवाल सुनकर बोला,,,)

ऐसा कुछ भी नहीं है नानी मैं तो सिर्फ तुम्हारी ही गांड को देख रहा था,,,।

चल झूठ मत बोल मैं भी तिरछी नजर से देख रही थी तू अपनी मां की गांड की तरफ देख रहा था सच सच बताना क्या पहले भी तू इसी तरह से चोरी छिपे अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है,,,।

(अंकित को समझ में नहीं आ रहा था कि अपनी नानी के सवाल का जवाब हुआ कैसे दिन ऐसा तो बहुत बार हो चुका था लेकिन ऐसा कहना बहुत गलत होगा क्योंकि उसकी मां सफाई दे चुकी है कि अंकित ऐसा लड़का नहीं है इसलिए वह बोला)

पहले तो मैंने कभी नहीं देखा आज पहली बार देख रहा था लेकिन सच कहूं तो मन से ज्यादा बड़ी गांड तुम्हारी है,,,।

वह तो है ही आखिरकार मैं उसकी मां हूं लेकिन गांड कैसी हुई किसकी ज्यादा है,,,, सच-सच बताना झूठ बिल्कुल भी मत बोलना और हम दोनों के बीच किसी भी तरह का पर्दा नहीं रहना चाहिए हम दोनों के बीच इस तरह का रिश्ता कायम हो चुका है इससे हम दोनों को एक दूसरे से बिल्कुल भी शर्म करने की जरूरत नहीं है,,, और हां हम दोनों के बीच इस तरह की बात हो रही है मैं यह किसी को नहीं बताऊंगी,,,।

(अपनी नानी की बातें सुनकर अंकित थोड़ा सोच में पड़ गया था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें लेकिन इतना तो वह जान ही गया था कि उसकी नानी है सब किसी को नहीं बताएगी अगर यह सब किसी को बताएगी तो उसका भी राज राज नहीं रह पाएगा,,, और यह सब बातें तो होता है अपनी बेटी को नहीं बता सकती क्योंकि वह खुद एक नंबर की छिनार है तो भला हुआ अपनी बेटी से कैसे बता पायेगी की रात भर वह अपनी ही नाती के साथ चुदवाती रही है,,,, इस तरह की बातें अपने मन में सोच कर अंकित को थोड़ी तसल्ली महसूस हो रही थी और उसे भी अपनी मां की इस तरह की बातें करने में अपनी नानी के साथ मजा आ रहा था उसके उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ रही थी इसलिए वह अपनी नानी से बोला,,,)

सच कहुं तो अगर उमर को लेकर अंतर देखा जाए तो फिर भी तुम इस उम्र में भी एकदम कड़क हो और वैसे तो सही मांगने में इस समय मन की गांड ज्यादा कसी हुई है लेकिन इससे मुझे क्या मुझे तो तुमसे मजा लेना है और इसीलिए मेरे लिए तुम ही मेरे सपनों की रानी हो,,,,।
(अंकित अपनी नानी से एकदम फिल्मी स्टाइल के हीरो जैसी बातें कर रहा था और अंकित की नई भी उसकी बातों से एकदम मस्त हो रही थी प्रसन्न हो रही थी लेकिन अंकित की यह बात कि मुझे तो तुमसे मजा लेना है इस बात पर वह बोली,,,)

अच्छा अंकित सच-सच बताना अगर मेरी तरह तेरी मां भी तुझे मौका दे तब तू क्या करेगा,,,।
(अंकित की नानी एकदम से मुद्दे वाला सवाल पूछ ली थी,,, इसलिए अंकित एकदम से हैरान हो गया था और अपनी नानी के सवाल को सुनकर वह हैरानी जताते हुए बोला,,,)

यह क्या कह रही हो नानी ऐसा भला हो सकता है क्या,,,,(ऐसा कहते हुए भी वह अपनी मां का जिक्र सुनकर उत्तेजित हो चुका था और उसकी उत्तेजना उसकी हथेली के दबाव पर एकदम साफ दिखाई दे रही थी वह अपनी नानी की गांड को कस के दबोच रहा था और उसका यह व्यवहार उसकी नानी को शंका के दायरे में ला रहा था वह समझ गई थी कि अगर मौका मिलेगा तो वह इसी तरह से अपनी मां के साथ भी मजा ले लेगा बिल्कुल भी इनकार नहीं कर पाएगा)

अरे मैं सच कह रही हूं मैं भी तो तेरी नानी हूं लेकिन तुझे मौका देना अगर तेरी मां भी इसी तरह से तुझे मौका देगी तो क्या तो इंकार कर पाएगा बिल्कुल भी नहीं तू भी अपनी मां पर ही चढ़ जाएगा,,,,।

(अपनी नानी किस तरह की खुली बातें उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रही थी उसे मदहोशी जा रही थी और उसे अपनी नानी के मुंह से अपनी बेटी के बारे में इस तरह की बातें सुनने में और भी ज्यादा मजा आ रहा था लेकिन फिर भी वह जानबूझकर इनकार करते हुए बोला)

नहीं नानी ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता मम्मी इस तरह की बिल्कुल भी नहीं है,,,।

लेकिन तू तो है ना,,,, मैं भी तो तेरी नानी हूं तो मेरे साथ क्यों यह सब कर रहा है क्योंकि मैं जानती हूं मर्द की फीतरत ही ऐसी होती है उन्हें बुर मिलना चाहिए फिर भले ही वह किसी की भी हो मां की और नानी की हो या बहन की हो,,,(एकदम से खुद से घूम कर पीठ के बल लेटते हुए,, और अपने हाथ के कोहनी का सहारा लेकर,,, उठकर बैठते हुए,,,) वैसे भी तेरी मां बहुत सेक्सी है,,, पहले ही मेरी बेटी है लेकिन में औरत के बारे में अच्छी तरह से जानती हूं मेरी बेटी बरसों से अकेली रह रही है उसकी भी इच्छा करती होगी जिस्मानी भूख शांत करने के लिए तू जरा सोच इस उम्र में जब मेरा यह हाल है अभी तो वह पूरी तरह से जवान है उसकी क्या हालत होती होगी उसका भी मन भटकता होगा बस कोई राह दिखाई नहीं दे रही है वरना वह भी अपने मंजिल को प्राप्त कर लेती,,,

यह सब कैसी बातें कर रही हो मम्मी के बारे में,,,।

अरे बुद्धू तेरी मम्मी के बारे में नहीं मैं बल्कि हर एक औरत के बारे में बता रही हूं हर रिश्ते के पहले वह एक औरत होती है उसे भी प्यास लगती है भूख लगती है जिस्म की भूख लगती है,,,, मैं सच कह रही हूं भले ही तो अनजाने में अपनी मां को पेशाब करते हुए देखा है लेकिन देखना जब मैं चली जाऊंगी ना फिर भी तेरा मन बार-बार अपनी ही मा को नग्न अवस्था में नहाते हुए कपड़े बदलते हुए पेशाब करते हुए देखने की इच्छा करेगी और अगर यह सब तेरी मां को मालूम पड़ गया अगर वह अपने आप को संभाल ली तो ठीक वरना वह भी भावनाओं में बह जाएगी तो उसका भी मेरी तरह हल हो जाएगा लेकिन मजा बहुत आएगा,,,,(ऐसा कहते हुए अंकित की नानी उत्तेजित होते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाकर अंडरवियर में बने तंबू को पकड़ ली और उसे ज़ोर से दबोच ली अंकित एकदम से उत्तेजित हो गया,,, अपनी मां के बारे में खुली बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था इसलिए अपनी नानी की सरकार पर वह एकदम से बिस्तर पर घुटनों के बल अपनी नानी के करीब पहुंच गया और खुद ही अपने अंडरवियर को अपने हाथों से नीचे की तरफ खींच कर अपने खड़े लंड को एकदम से बाहर निकाल लिया,,, उसकी नानी अभी इस नजारे को देख ही रही थी कि वह खुद अपना हाथ आगे बढ़कर अपनी नानी के सर को पकड़ लिया और उसे नीचे की तरफ दबाव बनाता हुआ अपने लंड की तरफ लाने लगा,,,,,।

वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसे क्या करना है और वह अगले ही पल अंकित के लंड को मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दी,,, अपनी मां के बारे में अपनी नानी के मुंह से गंदी बातें सुनकर वह पूरी तरह से मदहोश हो चुका था उत्तेजना एकदम परम शिखर पर पहुंच चुकी थी और जैसे ही अपने लंड को अपनी नानी के मुंह में महसूस किया हुआ पूरी तरह से बेकाबू हो गया और अपनी नानी के सर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर को आगे पीछे करके हिलना शुरू कर दिया वह अपनी नानी के मुंह को ही चोदना शुरू कर दिया था,,,, अंकित की मदहोशी है और उसका बेकाबूपन देखकर अंकित की नानी भी,,, मदहोश हो चुकी थी,,, वह भी अपने गले तक लेकर अंकित के लंड की चुसाई कर रही थी पूरी तरह से चुसाई कर लेने के बाद,,,,,, वह धीरे से अंकित के लंड को अपने मुंह में से बाहर निकाली क्योंकि उसकी बुर में भी चीटियां रेंग रही थी,,, उसे भी अंकित के लंड को अपनी बुर में लेना था,,,। अंकित समझ गया था कि अब उसे क्या करना है,,, वह धीरे से अपनी नानी के कंधों को पकड़ कर उसे पीठ के बल लेटा दिया,,,,

एक बार फिर से अंकित की नई कल रात वाली मुद्रा में हो चुकी थी,,,, अंकित कल की तरह ही घुटनों के पर अपनी नानी के टांगों के बीच पहुंच गया और उसकी कमर में हाथडालकर उसे अपनी जांघों पर खींच लिया,,, अंकित के चेहरे पर उत्साह साफ झलक रहा था,,,, अगले ही पर अपने लंड को अपनी नानी की बुर में डालकर अपनी कमर हीलाना शुरू कर दिया वह अपनी नानी को एकदम से हुमच हुमच कर चोद रहा था,,,, कुछ देर पहले ही अंकित की जीभ से ही वह झढ़ गई थी लेकिन अब अंकित उसकी बुर में अपने मर्दाना अंग का उपयोग कर रहा था क्योंकि पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा था वह इतना गरम था कि अंकित की नानी को ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी बुर में कोई गरम लोहे का रोड डाल रहा हो,,, वह पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी।
शुरू से ही अंकीत अपने धक्कों को तेज किए हुए था और अंकित कि ईस मर्दानगी को देखकर उसकी नानी पानी पानी हुई जा रही थी।

इस बार अत्यधिक उत्तेजना के चलते अंकित ज्यादा देर टिक नहीं पाया और 20 मिनट के बाद ही वह भी देर हो गया लेकिन अपनी नानी को पूरी तरह से मस्त करने के बाद,,,,,।
पूरी तरह से मस्त कर देने वाला अपडेट rohnny4545
 

Herry

Prince_Darkness
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Happy The Office GIF by Cameo
nice wow wow wee wow GIF
 
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