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काफ़ी दिनों से कोई अच्छी सी कविता नहीं लिखी थी। कहीं कविता लिखनी भूल न जाउ इसलिए एक छोटा सा प्रयास
नामर्द पति खड़ा खिड़की में अपने बेडरूम में झाँके
छोटा भाई मस्ती में चाट रहा भाभी की गीली फाँके

Background to story
बचपन की सब वो गलत आदतें आज पड़ गई भारी
बिस्तर में जल्दी झड़ जाता बीवीप्यासी रहतीबेचारी
इसी बात पर रोज-रोज अब दोनों में लगा थाझगड़ा
बीवी बोले मेरी आग बुझाने को मर्द चाहिए तगड़ा

जरा भी गैरत हो तो मेरी बात का देना साफ जवाब
इस बेजान लंड से मेरी जिंदगी काहे को करी खराब
अगर मैंने कदम बाहर रखा तो होगी काफी बदनामी
सबको पता चलजाएगा गांडू बिस्तर में तेरीनाकामी
अगर तुम्हे इज्जत प्यारी है तो बसमान लो मेरी बात
अब तेरे छोटे भाई के नीचे बीतेगी मेरी हर इक रात
कई बार देखा है मैंने उसके कमरे के आगे से जाते
मेरा नाम ले के उसको अपना फ़ौलादी लंड हिलाते
कभी-कभार अपनी प्रेमिका को घर पर भी है लाता
ले जाकर पिछले कमरे में फिर उसकी खूब बजाता

उसे पता कैसी भोगी जाती हैऔरत की गरम जवानी
एक घंटे से पहले गिरता नहीं है उसके लंड का पानी
जल्दी से बात करो देवर से अब करो ना कोईबहाना
तेरे बस का रहा नहीं अब मेरी चूत की आग बुझाना
सुन बातें पत्नी की पति को लगा जोर का झटका
समझ गया बीवी का दिलहै देवर के लंडपर अटका

जातेजाते बोला बीवी कोआगे तुम्ही बढ़ाओ बातको
इतना जान लो आज घर नहींआऊंगा वापस रातको
चाहो तोअपने देवर को रात कोअपनापास सुला लो
अगर चोदना चाहे तुमको तो अपनी चूत मारवा लो
Current scene
बैठ गई बाहर आंगन में भाभी गिरा साड़ी का पल्लू
समझ गया भाभी की मर्जी देवर भी कहां था लल्लू
घाट घाट का पिया था पानी-देवर था बड़ा हरामी
देख भाभी की नंगी चुची को लंड देने लगा सलामी

मन-मंद देख मुस्कती भाभी को देवर आया पास
ऐसे मुझे क्यों देख रही हो बात है क्या कुछ खास
तेरे भैया मान गए हैं और मैंने भी बना लिया है मन
मुझे चूत में लेना है अब हर रात को तेरा मोटा लन
चलो भाभी कमरे में रात का इंतज़ार क्यों करना
भैया ने दे दी है इज्जाजत तो फिर काहे को डरना
अपने देवर के लंड पे भाभी तुम जरूर करोगी नाज़
चूत तो तेरी लेनी है मुझको फाड़ूगा गांड भी आज
नंगी कर भाभी पीछे से गांड पर लौड़ा लगा दबाने
थूक से गिलीकर उंगली को वो चूत में लगा घुसाने
खोल जांघें देखी तो चूत पर झांटो का नहीं निशान
रख मुँह गुलाबी फाँको पे देवर बनाने लगा रसपान
जांघें चूमी नाभि चूमी फ़िर होठों से लगा चूमने गर्दन
हाथो में ले नरम सुडोलचूचिया कर रहाजी भर मर्दन
तड़प के बोली भाभी देवर से अब और ना मुझे सताओ
डाल के लंड जल्दी से चूत में बरसो की प्यास बुझाओ
देवर ने गदरायी भाभी को फिर झट बिस्तर पर पटका
रख लंड चुत के गी छेद पर दिया जोर का झटका
सरसरता लंड घुस गया चूत में जोर से भाभी चिल्लाई
देवरके मोटे लंड से भाभी को दिन में तारे दिए दिखायी
बना घोड़ी बिस्तर पर भाभी को फिर चूत में लंड ढकेला
पकड़ बाल की चोटी भाभी की देवर ने दो घंटेतक पेला
चूं चूं करता पलंग और नीचे चुदती भाभी की सिसकारी
तस्सली करवाभाभी की देवर ने मुँह में मार दी पिचकारी

नामर्द पति खड़ा खिड़की में अपने बेडरूम में झाँके
छोटा भाई मस्ती में चाट रहा भाभी की गीली फाँके

Background to story
बचपन की सब वो गलत आदतें आज पड़ गई भारी
बिस्तर में जल्दी झड़ जाता बीवीप्यासी रहतीबेचारी
इसी बात पर रोज-रोज अब दोनों में लगा थाझगड़ा
बीवी बोले मेरी आग बुझाने को मर्द चाहिए तगड़ा

जरा भी गैरत हो तो मेरी बात का देना साफ जवाब
इस बेजान लंड से मेरी जिंदगी काहे को करी खराब
अगर मैंने कदम बाहर रखा तो होगी काफी बदनामी
सबको पता चलजाएगा गांडू बिस्तर में तेरीनाकामी
अगर तुम्हे इज्जत प्यारी है तो बसमान लो मेरी बात
अब तेरे छोटे भाई के नीचे बीतेगी मेरी हर इक रात
कई बार देखा है मैंने उसके कमरे के आगे से जाते
मेरा नाम ले के उसको अपना फ़ौलादी लंड हिलाते
कभी-कभार अपनी प्रेमिका को घर पर भी है लाता
ले जाकर पिछले कमरे में फिर उसकी खूब बजाता

उसे पता कैसी भोगी जाती हैऔरत की गरम जवानी
एक घंटे से पहले गिरता नहीं है उसके लंड का पानी
जल्दी से बात करो देवर से अब करो ना कोईबहाना
तेरे बस का रहा नहीं अब मेरी चूत की आग बुझाना
सुन बातें पत्नी की पति को लगा जोर का झटका
समझ गया बीवी का दिलहै देवर के लंडपर अटका

जातेजाते बोला बीवी कोआगे तुम्ही बढ़ाओ बातको
इतना जान लो आज घर नहींआऊंगा वापस रातको
चाहो तोअपने देवर को रात कोअपनापास सुला लो
अगर चोदना चाहे तुमको तो अपनी चूत मारवा लो
Current scene
बैठ गई बाहर आंगन में भाभी गिरा साड़ी का पल्लू
समझ गया भाभी की मर्जी देवर भी कहां था लल्लू
घाट घाट का पिया था पानी-देवर था बड़ा हरामी
देख भाभी की नंगी चुची को लंड देने लगा सलामी

मन-मंद देख मुस्कती भाभी को देवर आया पास
ऐसे मुझे क्यों देख रही हो बात है क्या कुछ खास
तेरे भैया मान गए हैं और मैंने भी बना लिया है मन
मुझे चूत में लेना है अब हर रात को तेरा मोटा लन
चलो भाभी कमरे में रात का इंतज़ार क्यों करना
भैया ने दे दी है इज्जाजत तो फिर काहे को डरना
अपने देवर के लंड पे भाभी तुम जरूर करोगी नाज़
चूत तो तेरी लेनी है मुझको फाड़ूगा गांड भी आज
नंगी कर भाभी पीछे से गांड पर लौड़ा लगा दबाने
थूक से गिलीकर उंगली को वो चूत में लगा घुसाने
खोल जांघें देखी तो चूत पर झांटो का नहीं निशान
रख मुँह गुलाबी फाँको पे देवर बनाने लगा रसपान
जांघें चूमी नाभि चूमी फ़िर होठों से लगा चूमने गर्दन
हाथो में ले नरम सुडोलचूचिया कर रहाजी भर मर्दन
तड़प के बोली भाभी देवर से अब और ना मुझे सताओ
डाल के लंड जल्दी से चूत में बरसो की प्यास बुझाओ
देवर ने गदरायी भाभी को फिर झट बिस्तर पर पटका
रख लंड चुत के गी छेद पर दिया जोर का झटका
सरसरता लंड घुस गया चूत में जोर से भाभी चिल्लाई
देवरके मोटे लंड से भाभी को दिन में तारे दिए दिखायी
बना घोड़ी बिस्तर पर भाभी को फिर चूत में लंड ढकेला
पकड़ बाल की चोटी भाभी की देवर ने दो घंटेतक पेला
चूं चूं करता पलंग और नीचे चुदती भाभी की सिसकारी
तस्सली करवाभाभी की देवर ने मुँह में मार दी पिचकारी



























