एक अत्यंत ही मुश्किल परिस्थिति का सामना करने के बाद अंततः आनंद ने गुंजा को उसके घर पहुंचा ही दिया ।
जिस विकट सिचुएशन से गुंजा गुजरी थी वह वही समझ सकता है जिसका ऐसे हालात से पाला पड़ा हुआ हो । और यही बात उसके परिवार वालों के साथ भी कही जा सकती है । घर का चिराग और वह टेररिस्ट के कब्जे मे , यह सोचकर भी दिल दहल जाता है ।
गुंजा और उसकी मम्मी चंदा के बीच इस संवेदनशील लम्हे को बहुत ही खूबसूरती से कलमबद्ध किया है आपने ।
शहर मे बलवा और घर के अंदर टेलीविजन पर एंकर का एवं ड्रेगन भाभी का अतिशयोक्तिपूर्ण बवाल इस अपडेट का एक अद्भुत प्रसंग था । गांव या छोटे छोटे शहर मे छोटी सी बात भी बहुत बड़ी बात बन जाती है , और यह वाकई मे बहुत बहुत बड़ी घटना थी । यह सब होना ही था ।
खूबसूरत अपडेट कोमल जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।