- 23,466
- 63,088
- 259
फागुन के दिन चार भाग ४१ पृष्ठ ४३५
फेलू दा
अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और हो सके तो कमेंट जरूर करें
फेलू दा
अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और हो सके तो कमेंट जरूर करें
Your comments are always from the heart, true to what you believe, and that is why I always look forward to thatFinally found some time to go thru' the updates.....Wont bore much with my sentences...but just to say...a true masterpiece!!! A story that has everything...thrill, romance, erotica and terror...not easy to write combining all these things!!
komaalrani
बस जल्द ही, इसी सप्ताह तीनो कहानियों पर अपडेट आएगा, इस कहानी का अपडेट लिख रही हूँ बस फाइनल स्टेज पर है।
बहुत बहुत आभार नमनएक अत्यंत ही मुश्किल परिस्थिति का सामना करने के बाद अंततः आनंद ने गुंजा को उसके घर पहुंचा ही दिया ।
जिस विकट सिचुएशन से गुंजा गुजरी थी वह वही समझ सकता है जिसका ऐसे हालात से पाला पड़ा हुआ हो । और यही बात उसके परिवार वालों के साथ भी कही जा सकती है । घर का चिराग और वह टेररिस्ट के कब्जे मे , यह सोचकर भी दिल दहल जाता है ।
गुंजा और उसकी मम्मी चंदा के बीच इस संवेदनशील लम्हे को बहुत ही खूबसूरती से कलमबद्ध किया है आपने ।
शहर मे बलवा और घर के अंदर टेलीविजन पर एंकर का एवं ड्रेगन भाभी का अतिशयोक्तिपूर्ण बवाल इस अपडेट का एक अद्भुत प्रसंग था । गांव या छोटे छोटे शहर मे छोटी सी बात भी बहुत बड़ी बात बन जाती है , और यह वाकई मे बहुत बहुत बड़ी घटना थी । यह सब होना ही था ।
खूबसूरत अपडेट कोमल जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
बहुत बहुत आभार,कहानी कुछ इस तरह बांध कर रखती है कि अगले अपडेट कि चाह कुछ ज्यादा ही जोर मारने लगती है। सस्पेंस, सेक्स, और थिर्ल का जबरदस्त मिश्रण है पूरी कहानी में, जल्द अपडेट कि कामना में आपकी लेखनी का प्रशंसक।