Ajju Landwalia
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फिर विनोद परम को घर के अंदर और शयनकक्ष में ले गया। उसने अपनी माँ को बुलाया जो लगभग 41-42 की थी, थोड़ी मांसल और इतनी पतली फिगर वाली नहीं थी। जैसे ही वह कमरे में दाखिल हुई, विनोद ने उसकी साड़ी उतार दी और कहा,
“परम को खुश करो…जो चाहता है सब करने दो, और उसके लंड को खाली कर के छोड़ना।” विनोद ने अपनी माँ की चुची दबाते हुए कहा जल्दी से नंगी हो जा और परम के लंड को चूस। विनोद की माँ ने बिना कुछ कहे अपना पेटीकोट और ब्लाउज़ उतारा और बिस्तर पर लेट गईं और पैरों को फैला कर चुतर उठाया। विनोद की मां ने झांट साफ किया था, एक दम क्लीन चूत थी। उसकी चुची सुंदरी के चुची से बड़ी और मोटी थी लेकिन पूरी पेट तक आकर लटक गई थी। परम ने अपना कपड़ा उतारा और विनोद की माँ की चूत को चूमने लगा।
"परम, चूत चाटने के लिए नहीं होती, लौड़ा नीचे डाल कर चोदो!" विनोद चिल्लाया। लेकिन परम को चूत का स्वाद पता था। उसने अपने दोस्त की माँ को चूसा और चोदा। उस औरत के मुँह में स्खलित होने के बाद विनोद ने अपनी माँ से गरम दूध लाने को कहा। वो अंदर गई और तभी विनोद की बहन बिन्नी आ गई। विनोद ने उसे बाँहों में भर लिया और उसके कपड़े उतार दिए।
"जाओ साली परम से मरवाओ!" विनोद ने उसे परम पर धकेल दिया। परमने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसे भी वैसे ही संतुष्ट किया जैसे उसने उसकी माँ को किया था। बिन्नी और उसकी माँ, दोनों के लिए यह पहली बार था जब किसी ने उनकी चूत चूसी थी। दोनों को यह चुदाई से ज़्यादा पसंद था। हालाँकि विनोद पिछले एक साल से उसे और उसकी माँ को चोद रहा था, उसने न तो कभी उनकी चूत को मुँह में लिया था, ना ही कलकत्ता के होटलों में किसी और को, न ही उसके पति को, जो हर महीने कुछ दिन उससे मिलने आता है। उन्होंने परम से कहा कि वह ज़्यादा बार आकर उनको चोदे। जी भर के चोदे, वह दोनों चूते अब परम के लंड के लिए तैयार रहेगी। परम ने भी कहा जब भी समय मिलेगा तुम दोनों की चूत की मरमत करने आ जाऊंगा। और दोनों औरतो ने उसे मुस्कुराते हुए विदा किया।
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अपनी कोमेंट देना ना भूलियेगा प्लीज़............
Dono hi updates ek se badhkar ek he Funlover Ji
Param ki to pancho ungaliya ghee me aur sar kadhai me ho gaya he......
Keep rocking dear