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कहेते पुनमने फोन काट दीया तो सृती फोनकी ओर देखकर हसने लगी.. फीर वो भी सोनेकी कोसीस करने लगी.. उधर पुनम भी अपने रुममे जाकर सोगइ.. तो इधर लखन बीना लंड बहार नीकाले राधीकाकी दुसरी बार धामेकेदार चुदाइ कर रहा था.. इस पुरी रात सुबह चार बजे तब लखन राधीकाकी चुतमे धमाके करता रहा.. ओर उनकी चुतको अपने गाढे...
उस रात मंजुने देवायतको पुछकर पहेली बार चंदाको नींदकी गोली देकर सुला दीया.. लेकीन फीर भी चंदाको लेकर देवायतका मुड आज ठीक नही था.. तो दया ओर मंजु भी समज गइ.. ओर सबलोग अैसे ही सो गये.. भावना लता भी पुनमसे बाते करते नींदकी आगोसमे चली गइ.. लेकीन पुनमकी आंखोसे नींद कोसो दुर थी.. वो धीरेसे चलकर बहार...
उनकी आंखसे लगातार पानी बहेने लगा.. वो हांथ पावं मारते लखनसे छुटनेकी कोसीस करने लगी.. तभी लखनने अेक ओर जटका मारदीया.. ओर अपना पुरा लंड राधीकाकी चुतमे उतार दीया.. तो राधीकाकी चीख उनके गलेमे ही अटक गइ.. ओर वो चीखते ही बेहोस होगइ.. उनकी चुतसे थोडासा खुन नीकल गया..
लखनने भी देरना करते हाथके बल उचा...
फीर पुनमने फोन रख दीया तो थोडी देरमे राधीका भी अेक दुल्हनकी तराह सजके आगइ.. ओर आते ही उसने दरवाजा बंध करलीया.. फीर कुछ ही देरके बाद दोनो प्यारकी आगोसमे चले गये.. प्यार करते करते दोनोके जीस्मसे अेक अेक कपडे नीकलते गये.. तब लखन राधीकाका ये रुप देखकर बहुत ही उतेजीत हो गया.. ओर अंतमे दोनोके...
रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - २३८
कहेते पुनम सर्मसार होते मुस्कुराते वहासे दोडकर अपने रुममे चली गइ.. तो सबलोग उनको देखकर हसने लगे.. चंदा भी मुस्कुरा उठी.. ओर उसने मंजुकी ओर देखते दोनो हाथ जोड लीया.. तो मंजुने उसे कसके अपने गले लगा लेती हे.. चंदाकी आंख खुसीके मारे गीली होगइ.. ओर वो अचानक...
नीलम : (रजीयाकी ओर मुस्कुराते) दीदी.. आज मे भी आपके साथ मम्मीके रुममे सोजाउगी..
रजीया : (मुस्कुराते) हां.. चेन्ज करके आजाना.. आज हम दोनो मम्मीके पास ही सो जायेगे..
कहातो राधीका बहुत ही सर्मसार होते मुस्कुराने लगी.. फीर डीनर खतम होते ही रजीया दोनोके लीये दुध गरम करके उपर रखने चली गइ.. तो साथमे...
फीर धिरेन चला गया.. तो लखन उनकी ओर देखते कातील मुस्कान करने लगा.. फीर खडा होकर होस्टेलके कीचनमे चला गया ओर वहा सभी लडकीयोके खानेका जायजा लेकर वहासे नीकल गया.. ओर सीधा ही सृतीकी क्लीनीकपे चला गया.. देखा तो सृती क्लीनक्ससे आज जल्दी नीकल चुकी थी.. ओर अपने घरपे आगइ थी.. तो लखन वहासे नीकलकर सीधा...
धिरेनको समजमे नही आरहा था.. की पुनमको डीवोर्स देनेके बाद भी लखन उनके साथ अच्छेसे बात कैसे करता हे..? कही लखन उनके साथ कोइ गेम तो नही खेल रहा..? तो इधर साम पांच बजते ही लखन नीलमको स्कुलसे घरपे ड्रोप करदेता हे.. ओर होस्टेलपे चला जाता हे.. तो बेन्कसे छुटी होते ही धिरेन थोडा गभराते होस्टेलपे लखनके...
जब जानेका समय हुआ तो सबलोग अेक दुसरेको गले मीलने लगे.. बी्रन्दा जवेरीलालके पांव छुने लगी.. तो जवेरीलालने ब्रीन्दाको आशीर्वाद देते जयश्रीका खयाल रखने कहा.. आज वृंन्दा ओर जीतुलाल बहुत खुस लग रहे थे.. ओर जीतुलालने अपनी कार लेली.. तो जवेरीलाल जीतुके पास बैठ गये.. तभी वृन्दा ब्रीन्दाके पास आकर उनके...
रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - २३७
कहेते दोनोने फोन कट करदीये.. फोन रखते ही सृती खुस होते हसने लगी.. जब उनको पता चलाकी लखन उनसे रुठनेका नाटक कर रहा हे.. तब वो अपनी मम्मी ओर देवायतकी बाते भुल गइ.. सृतीने मंजुकी डीलीवरीके बाद उनकी चुतको भी चेक करते देखा था.. उसे भी मंजुकी चुत अेक कुआरी लडकीकी...
पुनम : (फोनपे) हाइ दीदी.. कैसी हो..?
सृती : (भारी मनसे) दीदी ठीक ही हु.. मे आपहीके फोनका इन्तजार कर रही थी.. कहीये.. कैसी हे आप..?
पुनम : (मुस्कुराते फोनपे) दीदी.. मे तो ठीक हु.. क्या आप मुजसे भी नाराज हो..? कमसे कम अेक फोन तो करती..
सृती : (फोनपे) नही दीदी.. मे आपसे क्यु नाराज होने लगी...
राधीका सरमाकर देवायतके पांव छुने लगी.. तो देवायत भी सर्मीन्दा हो गया.. फीर लखनने उनकी सांसको मीलवाया तो देवायतने उनका हाल चाल पुछा.. फीर रजीयाने तीनोको चाइ नास्तेके लीये कहा तो देवायतने मना करदीया ओर सीर्फ चाइ पीकर लखनको कहेकर वहासे नीकल गया.. राधीका ओर रजीया दोनो लखनको देखकर खुस होने लगी.. तो...
दोनो ही रातके अंधेरेमे गांवके बहारकी ओर पैदल चलने लगे.. दोनोमेसे कोइ कुछ नही बोल रहा था.. दोनो चलते गांवके काफी बहार नीकल गये.. ओर अेक पेडके नीचे खडे होकर देवायतका इन्तजार करने लगे.. रमेशने अेक बार फीर देवायतको फोन करदीया तभी देवायत नास्ता कर रहा था.. तो दोनो इनका इन्तजार करते रातके अंधेरेमे...