उस रात मंजुने देवायतको पुछकर पहेली बार चंदाको नींदकी गोली देकर सुला दीया.. लेकीन फीर भी चंदाको लेकर देवायतका मुड आज ठीक नही था.. तो दया ओर मंजु भी समज गइ.. ओर सबलोग अैसे ही सो गये.. भावना लता भी पुनमसे बाते करते नींदकी आगोसमे चली गइ.. लेकीन पुनमकी आंखोसे नींद कोसो दुर थी.. वो धीरेसे चलकर बहार नीकल गइ.. ओर अंधेरेमे होलमे जाकर बैठ गइ.. ओर उसने देर रात सृतीको फोन लगा दीया..
सृती : (धीरेसे) हां दीदी.. बहुत देर करदी आपने.. मे आपके ही फोनका इन्तजार कर रही थी.. सो गये सब..?
पुनम : (धीरेसे) हां दीदी.. तभी तो मे होलमे आकर आपसे बात कर रही हु.. सो गइ थी क्या..?
सृती : (मुस्कुराते धीरेसे) अरे नहीं दीदी.. आपकी तराह मुजे भी नींद कहा आती हे.. तो जागते पडी थी.. कहीये..
पुनम : (मुस्कुराते धीरेसे) दीदी.. आपको अेक खुस खबर देनी थी.. तो मुजसे रहा नही गया ओर फोन कदीया..
सृती : (मुस्कुराते) अरे वाह.. अैसी भी क्या खुस खबर हे जो मेरी दीदीने इतनी रातको फोन कीया.. हें..हें..हें..
पुनम : (सरमाते धीरेसे) दीदी.. मंजुदी मेरी सादी लखन भैयासे करवाना चाहती हे.. ओर ये बात आज उसने सबको बता दीया.. तो इस रीस्तेसे सब लोग बहुत खुस हुअे..
सृती : (खुस होते) क्या..? सब राजी होगये..? क्या चंदादीदी भी.. मतलब.. उनको सब पता चल गया..?
पुनम : (धीरेसे) हां दीदी.. क्या बताउ..? आज उनकी धिरेनसे बात हुइ.. तो वो बहुत ही अपसेट होगइ हे.. ओर अेक बार बेहोस भी होगइ थी.. तो भुमी आंटीने उनको सरबत पीलाया.. खैर.. छोडीये ये सब.. कहीये.. क्या केह रहे थे भाइ..? वहा आयेथेनां..?
सृती : हां.. कुछ नही.. वो तो मुजे सोरी बोल रहे थे.. केह रहे थे.. भाभीमांने तो मुजे आपको कानके नीचे अेक देकर आपको घसीटकर लानेको कहा हे.. लेकीन मे अैसा करना नही चाहता.. हें..हें..हें.. दीदी.. वो बहुत ही अकडके बात कर रहे थे.. तो मुजे तो बहुत हसी आरही थी.. बडी मुस्कीलसे हसीको रोखके रखी..
पुनम : (मुस्कुराते) अच्छा..? आप उनसे क्या केह रही थी..? जरा वो सर्तके बारेमे बताइअेतो..?
सृती : (सरमाकर हसते) अच्छा तो आपको सब पता चल गया.. क्या करु.. सोचा मे भी थोडी मस्तीया करलु.. लेकीन वोतो बहारसे ही चले गये.. अंदर भी नही आये.. दीदी.. वो कीतना क्युट लग रहे थे.. मेरा तो मनथा उनको यही रोकलु.. मेने उनको रोकनेकी कोसीस भी की.. लेकीन नही रुके.. खैर जाने दीजीये.. ओर कहीये.. चंदा दीदी अब कैसी हे..?
पुनम : (धीरेसे) दीदी.. देर साम धिरेनने भाभीको फोन कीया था.. भाभीने उसे खुब खरी ओटी सुनाइ.. ओर जायदासे बेदखल करनेकी बात की.. तो उनके केरेक्टरके बारेमे भी भला बुरा कहेने लगा.. ओर भाभी उनपे बहुत गुस्से होगइ.. उनका बीपी भी बढ गया था ओर वो बेहोस होगइ थी.. दीदी.. लगता हे चंदा भाभीकी तबीयत ठीक नही हे.. वो सारा दिन विजयको लेकर बैठी रही.. ओर उसे अपना दुध पीलाने लगती हे.. तो लगता हे उनकी दिमागी हालत भी ठीक नही हे..
सृती : (आस्चर्यसे) दीदी.. क्या केह रही हो..? इतना कुछ हो गया.. तो फीर आपको मुजे बताना चाहीयेनां..? दीदी.. उनको कीसी साइक्रीयाके डोक्टरको दीखाना चाहीये.. तभी वो ठीक हो पायेगी..
पुनम : दीदी.. इसीलीये तो आपको फोन कीया.. मे कल मंजु दीदीसे बात करलुगी.. ओर अब हो सके तो आप भी हमारे घरपे आजाओ.. अेकना अेक दिन तो आना ही हे.. तो फीर अभी क्यु नही..?
सृती : हां दीदी.. सच कहा आपने.. मे आजाउगी.. आप लोग चंदा दीदीको लेकर यहा आओ तो मुजे कोल करदेना.. मे भी आजाउगी.. बस.. मम्मी ओर देवुसे थोडी नाराजगी हे.. लेकीन मुजे उनकी परवा नही हे.. बस.. चंदा दीदी जल्द ठीक होजाये..
पुनम : (धीरेसे) दीदी.. कुछ बात हे जो मे अभी आपको बता नही सकती.. सीर्फ इतना कहुगी.. वो अैसे तो ठीक नही होगी.. बस.. अेक हादसेने उनका दिमाग खराब करदीया.. ओर दुसरे हादसेसे वो ठीक होजायेगी..
सृती : (मुस्कुराते) दीदी.. आपकी ओर मंजुकी बात जटसे समजमे नही आती.. पता नही आप कौनसे हादसेकी बात कर रही हो..? इनसे पहेले भी मंजु दीदी या फीर आपसे ये बात हुइ थी.. लेकीन मेतो सब भुल जाती हु.. कुछ याद ही नही रहेता.. अब तो उनको भी कुछ नही पुछ सकती.. दीदी.. अेक बात कहु..? भले ही मे प्रेगनेन्ट होगइ.. लेकीन मुजे मां बननेकी इतनी खुसी क्यु नही होती..? कोइ खास रीजन..?
पुनम : (मुस्कुराते धीरेसे) दीदी.. रीजन तो हे.. लेकीन मे ओर मंजुदीदी सीर्फ जान जाती हे.. उनको टाल नही सकती.. बस.. अेक हादसा आपके साथ भी हो सकता हे.. तो कल आप अपना खयाल रखीयेगा.. हें..हें..हें.. ओर बाकी आपके प्रेगनेन्ट होनेकी बात.. तो मे वहा आउगी तब आपको रुबरु मीलकर बताउगी..
सृती : (मुस्कुराते) दीदी.. तो फीर आप कीस हादसेकी बात कर रही थी..? तो बताइअेनां ताकी मे सतर्क रेह सकु..
पुनम : (मुस्कुराते) दीदी.. मेने कहाना हम उसे टाल नही सकते.. मे तो सीर्फ आपको आगाह कर रही हु.. क्या पता उसी हादसे से आपकी जींदगी बदल जाये.. तो कभी कभी अैसे हादसे हमारी जींदगीके लीये बहुत जरुरी हे.. जैसे मेरे ओर धिरेनके बीच हुआ.. चलीये रात बहुत होगइ हे.. तो फीर सोना भी हे.. बस.. जानेसे पहेले इतना बता देती हु.. की आपकी मंजील बहुत करीब हे.. दीदी.. बेस्ट ओफ लक.. गुड नाइट..