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Romance Love in College. दोस्ती प्यार में बदल गई❣️ (completed)

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

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Update 10.

वीर: (मुस्कान के साथ) देखते हैं भाई थोड़े दिन रुक जा पता लग जाएगा ।
ये लोग ऐसे ही बात करते रहते हैं, फिर क्लास शुरू हो जाती है, लंच में सब लोग पहले कैंटीन में जाते हैं, लेकिन आज कुछ भी अप्रिय घटना नहीं घटी। ऐसे ही एक-एक करके दिन गुजर रहे थे की एक दिन.....!

अब आगे:

अगले दिन सुबह के नौ बजे क्लास में सब लोग बैठे हुए पढ़ रहे थे! (आज कल वीर का भी मन प्रिया के बार-2 कहने से पढ़ने को होने लगा था) तो वीर भी मन लगा कर पढ़ रहा था।

तभी त्रिपाठी जी और स्पोर्ट्स कोच दोनो क्लास में आते हैं। त्रिपाठी जी और हमारे क्लास टीचर के बीच कुछ बात होती है, तभी कॉल्स टीचर बोलते हैं:

सभी छात्र ध्यान से सुनें, अगले हफ्ते कॉलेज टूर मनाली के लिए जा रहा है! जो भी छात्र अपना नाम लिखाना चाहता है तो उसे अपना नाम त्रिपाठी सर या कोच सर को दे देना !!
नाम देने का समय 4 दिन का है, उसके बाद नाम नहीं लिखा जाएगा,
नाम के साथ 5000/- रुपये की राशि भी जमा करवा देना।

सनी: क्यू वीरे हो जाए तक धीना धिन..

वीर: हो जाये बन्धु ! पर अकेले जाओगे? प्रिया को भी तो पूछ ले!!

सनी: ये हुई ना बात! बेरो थो मन्ने(पता था मुझे) तू उसके बिना कहीं नहीं जाने वाला..इसीलिए तो मैं बोलता हूं कि ये कुछ तो और है !(मुस्कुराते हुए). साले वो भी अकेली थोड़ी जाएगी, उसको बोलना कंचन को भी साथ ले ले।

वीर: हसते हुए : मैं भी जाने थो बेटा तू भी कुछ बोलेगो (मुस्कुराते हुए मुझे भी पता था बेटा कि तू भी कुछ तो बोलेगा!),
देख वो मैं नहीं कर सकता वो तो केवल प्रिया ही कर सकती है उसको मनाने का काम।
क्यू की वो उसकी दोस्त है, और मैंने तो ज्यादा बात भी नहीं की कभी उससे।

सनी: ये नहीं चलेगा बंधु! तेरे वाली तेरे साथ जाएगी तो मुझे भी कोई कंपनी मिलनी चाहिए।

वीर: (कुछ सोचते हुए) हम्म! समझ गया बेटा माजरा क्या है? तो आग इधर लगी है! और कमीना मुझे बोलता है, कि तुझे ये हुआ वो हुआ!!

सनी: अबे ऐसा कुछ नहीं है मैं तो कंपनी के लिए बोल रहा था और कुछ नहीं।

वीर: रहने दे बेटा, मुझसे होशियारी नहीं चलेगी! तेरी हर रग से वाकिफ हूं मैं, साथ-2 में बड़े हुए हैं भाई मुझसे कुछ नहीं छुप सकता तेरा।

सनी: (नजरे चुराके) छोड़ ना भाई तेरी तो आदत हो गई है झूठी टांग खींचने की।

वीर: चल जा क्या याद रखेगा छोड़ देता हूँ आज! पर ये मत समझना तू मुझे गोली दे सकता है।

ना किसी से दुश्मनी है, सबसे अपनी यारी है,
मेरा तो बादमें देखेंगे, पहले तेरी बारी है!
कोई भी ना टिक सके सामने, ऐसी अपनी यारी है,
कर ले बेटा अपने दिल की, काहे हिम्मत हारी है..”


चल लंच में प्रिया से बात करते हैं। तू उसको मनाने में मेरी मदद करदेना! पता नहीं जाएगा या नहीं.

सनी: भाई मानेगी कैसे नहीं हम मना लेंगे।

क्लास चलती रहती है, इसी तरह लंच हो जाता है! और वो दोनों दोस्त खड़े हो गए कैंटीन जाने के लिए ।।

वीर ने एक नज़र सुप्रिया की और देखा तो पाया कि वो वही अपनी सहेली के साथ ही बैठी थी।

वीर: प्रिया आज कैंटीन नहीं चल रही क्या घंटी लगे हुए इतना टाइम हो गया।

सुप्रिया: (रहस्यमय -मुस्कान) ना वीर आज मूड नहीं है तुम दोनों जाओ..

वीर: ?? यार अब ऐसा क्यों कर रही है? चल चुप-चाप तू नहीं जाएगी तो मैं भी नहीं जाऊँगा.

सुप्रिया: चलो श्रीमान ! जैसे मेरे बिना तो रात को खाना भी नहीं खाते होगे आप? हे..हे..हे....चलो क्या याद रखोगे किस रहीस से पाला पड़ा है तुम्हारा।

ये बोलते हुए खड़े हो जाती है और अपनी सहेली को साथ लेकर कैंटीन की और निकल जाती है वीर के साथ। सबलोग कैंटीन में बैठ कर कॉफी पी रहे थे..
तभी वीर बोलता है कि प्रिया टूर का क्या करना है?

प्रिया: मैं क्या बताऊं (मुस्कुराते हुए) तुम देख लो जाना है तो फोरम भर दो! मैं तो जाउंगी नहीं. वो क्या है ना घर पर भी काम रखता है, माँ के पास रुकना पड़ता है पापा भी मना कर देंगे वैसे।

वीर: यार प्रिया ऐसे मत कर ना चिकुड़ी!! तू नहीं जाएगी तो मैं भी नहीं जाऊँगा! ये पक्की बात है.

प्रिया: (हाथ पे मुक्का मरते हुए, झूठे गुस्से से) तुझे कितनी बार बोला है तोते. कि मुझे इस नाम से मत बुलाया कर यहां सबके सामने अब मैं बिल्कुल भी नहीं जाऊंगी। तू हर बार ऐसे ही रो धो कर मुझे मना लेता है।

वीर:
“काश तू पूछे मुझसे मेरा हाल-ए-दिल, मैं तुझे भी रुला दू तेरे सितम सुना सुना कर."

और

"कटी हुई टहनियां कहा छाव देती है,
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती है ..”

जा प्रिया तूने भी दिखाया दी अपनी दोस्ती अब ये वीर कभी तुझे मजबूर नहीं करेगा।

प्रिया: कर दी ना गंवारों वाली बात बस हमेंसा का यही रोना है तेरा! जब देखो ये रोने धोने वाली शायरी सुनाकर इमोशनल ब्लैकमेल करता रहता है,
(कुछ सोच के) ठीक है-ठीक है अब रो मत माँ को पटाऊँगी शाम को और वो बाबा से बात कर लेगी, तो शायद हो जाए।

वीर: ये हुई ना बात मेरी चीकू..! सोरी प्रिया वाली. वैसे कंचन को भी साथ ले-ले.

प्रिया: (कंचन की और मुस्कुराहट से देख कर) वो क्यों भला?

वीर: वो क्या है ना तेरा भी तो मन लगना चाहिए।

प्रिया: पर ये तो मना कर रही है!! ये टूर पर जाती नहीं है, मतलब इसको पसंद नहीं है।

ये सुनते ही सनी का मुंह उतर जाता है, जिसे देख कर वीर प्रिया को प्लीज वाला इशारा करता है और आंख से सनी की तरफ इशारा करता है जो प्रिया समझ जाती है।

प्रिया: सुन यार कंचन तू भी चल ना मजा आएगा, मैं भी वहा अकेली बोर हो जाऊंगी ये लोग तो अपनी मस्ती मजाक में लगे रहेंगे मैं किससे बात करूंगी?

कंचन: ठीक है प्रिया जब तुम इतना बोल ही रही हो तो मैं भी चलूंगी, आख़िर तू ही तो मेरी एकलौती दोस्त है।

इतना सुनते ही सनी जोश जोश में जोर से चिल्लाता है ।

सनी: हुर्रे..... :rock1:सभी उसकी तरफ देखने लगे,
तब उसे एहसास हुआ कि वो क्या कह रहा है। और तुरन्त माफ़ी माँगता है।
सॉरी मुझे बस इसी बात की खुशी हो रही है कि हमारा ग्रुप साथ में जा रहा है, इसके लिए।

ये देख कर कंचन को भी हंसी आती है जब सनी की नजर कंचन पर पड़ती है तो वो अपनी नजर झुका लेती है।


तो दोस्तों इस अपडेट को यहीं विराम देते हैं और अगले अपडेट में आपको मनाली की ख़ूबसूरती मिलेगी..

अपने सुझाव और अपनी समीक्षा जरूर दे. dhanyawaad.


जारी है...:writing:
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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Pahle wale updates ke baare mein bhi baat karenge :lol:
Iss character ka naam rakhna hua to Lalit rakhne ka...... :lol1: kuch acche scenes yaad dila diye isne....

:?: Kahani acchi jaa rahi hai.....
Ek college mein ek Sarpanch ka ladka jo khud ke dum pe to kuch hai nahi....Papa Papa karne wala ladka hai....usko pel diya.....
Tripathi sir ke sath bura hua.....conditions hi aise banne ki unko wo karna pada.....

Baaki ye nainmatakka thoda jyada ho raha men.....isko thoda slow leke jaane ka yaa phir picche ka kuch flashback dikhao ki inki chemistry aisi kyun hai....
:chair: ye Sunny aur Kajal naam hai naa uss dost ka :?: inka bhi kuch dikhao pahle ka yaa naya banao....
Baaki kahani mast jaa rahi aise to...

:bat: Ye itna CC kaahe kar rahe men idhar.....Update dhundhne mein dikkat hoti hai.....

:idea: ek aur baat thoda present karne ka tarika casual hai aapka usko thoda maintain kariye....
Jab Shayri aaye to uska color differ kardijiye yaa Italic wagera....thoda alag rakhiye usko....

Sorry dosto
Khas taur par Raj_sharma Bhai
Ajkal bete ke sath jyada samay de raha hu, isliye ap sab ko samay nahi de pata

Is problem ka easy solution hai
"Browser settings me jakar site settings me image display band kar dijiye.... Page extremely fast load honge"

आपको नही devil Maximum k liye लिखा है😁

ـــــــــــــــﮩ٨ـ❤️️जिंदगी की राहों में तेरा साथ जो नहीं है,फिर भी हर कदम पर तेरा एहसास यही है,
तेरे बिना जीना है जैसे सांसों का सिलसिला, तेरी यादें हर पल, मेरी दुआ में शामिल हैं ﮩ٨ـﮩﮩ٨ـ♡ﮩ٨ـﮩﮩ٨ـ

already visited ........ but due to time shortage no going thr frequently............

Shandar update

Bhai behtarin lekhni adhbhut Jabardast superb mast dhasu update :rock1:

Nice update 👌👌👌

Wow yaar. Mast romantic update hai. Hero ko pyar to hai. Par use ehsas nahi hai. Shukar hai ki sunny to samaz gaya. Amazing moment create kiya hai. Dill gudguda dene vala. Sayari to la jawab hai. Usme to panditji aval hai hi.

Bahut hi Awesome update bhai

Es update me to kahani se jyada to shayari hai bhai
Ekdm mast 👍🏻

Awesome update, Dono dost ke दूसरे की कॉपी लग रहे है और एक दूसरे के मन की बात को अच्छे से समझ रहे है,
सनी ने आराम से मालूम कर लिया की वीर सुप्रिया को चाहता है, अब बारी वीर की है वो भी सनी के मन की बात जाने

Nice update....

Chalana hi padega or koi option bhi to nahi h

Are maza hi aa gya. Kya khatarnak lines likhi hai.. lekhak sahab ne... Maza aa gaya

waiting for the next update....

Waiting for next blockbuster update….

Besabari se intezaar rahega next update ka Raj_sharma bhai....

Beautiful story

waiting for the next update....

आज के अपडेट का इंतजार कर रहा था ।

Bhai aaram se koi jaldi nahi
Jitna aaram se aayga update
Utna jada majedar hogi story bhai👍👍
Riky007 bhai
Adirshi bhai
Samar_Singh
 

Raj_sharma

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DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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ना किसी से दुश्मनी है, सबसे अपनी यारी है,
मेरा तो बादमें देखेंगे, पहले तेरी बारी है!
कोई भी ना टिक सके सामने, ऐसी अपनी यारी है,
कर ले बेटा अपने दिल की, काहे हिम्मत हारी है..”

GIF-20240503-160628-550


“काश तू पूछे मुझसे मेरा हाल-ए-दिल, मैं तुझे भी रुला दू तेरे सितम सुना सुना कर."
OOOOOOHHHHHHHOOOOO
GIF-20240503-160230-916


"कटी हुई टहनियां कहा छाव देती है,
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती है ..”
AAAAAAAAYYYYYYEEEEEEEHHHHHHHHYYYYYEEEEEEEEEEEE

Update 10.

वीर: (मुस्कान के साथ) देखते हैं भाई थोड़े दिन रुक जा पता लग जाएगा ।
ये लोग ऐसे ही बात करते रहते हैं, फिर क्लास शुरू हो जाती है, लंच में सब लोग पहले कैंटीन में जाते हैं, लेकिन आज कुछ भी अप्रिय घटना नहीं घटी। ऐसे ही एक-एक करके दिन गुजर रहे थे की एक दिन.....!

अब आगे:

अगले दिन सुबह के नौ बजे क्लास में सब लोग बैठे हुए पढ़ रहे थे! (आज कल वीर का भी मन प्रिया के बार-2 कहने से पढ़ने को होने लगा था) तो वीर भी मन लगा कर पढ़ रहा था।

तभी त्रिपाठी जी और स्पोर्ट्स कोच दोनो क्लास में आते हैं। त्रिपाठी जी और हमारे क्लास टीचर के बीच कुछ बात होती है, तभी कॉल्स टीचर बोलते हैं:

सभी छात्र ध्यान से सुनें, अगले हफ्ते कॉलेज टूर मनाली के लिए जा रहा है! जो भी छात्र अपना नाम लिखाना चाहता है तो उसे अपना नाम त्रिपाठी सर या कोच सर को दे देना !!
नाम देने का समय 4 दिन का है, उसके बाद नाम नहीं लिखा जाएगा,
नाम के साथ 5000/- रुपये की राशि भी जमा करवा देना।

सनी: क्यू वीरे हो जाए तक धीना धिन..

वीर: हो जाये बन्धु ! पर अकेले जाओगे? प्रिया को भी तो पूछ ले!!

सनी: ये हुई ना बात! बेरो थो मन्ने(पता था मुझे) तू उसके बिना कहीं नहीं जाने वाला..इसीलिए तो मैं बोलता हूं कि ये कुछ तो और है !(मुस्कुराते हुए). साले वो भी अकेली थोड़ी जाएगी, उसको बोलना कंचन को भी साथ ले ले।

वीर: हसते हुए : मैं भी जाने थो बेटा तू भी कुछ बोलेगो (मुस्कुराते हुए मुझे भी पता था बेटा कि तू भी कुछ तो बोलेगा!),
देख वो मैं नहीं कर सकता वो तो केवल प्रिया ही कर सकती है उसको मनाने का काम।
क्यू की वो उसकी दोस्त है, और मैंने तो ज्यादा बात भी नहीं की कभी उससे।

सनी: ये नहीं चलेगा बंधु! तेरे वाली तेरे साथ जाएगी तो मुझे भी कोई कंपनी मिलनी चाहिए।

वीर: (कुछ सोचते हुए) हम्म! समझ गया बेटा माजरा क्या है? तो आग इधर लगी है! और कमीना मुझे बोलता है, कि तुझे ये हुआ वो हुआ!!

सनी: अबे ऐसा कुछ नहीं है मैं तो कंपनी के लिए बोल रहा था और कुछ नहीं।

वीर: रहने दे बेटा, मुझसे होशियारी नहीं चलेगी! तेरी हर रग से वाकिफ हूं मैं, साथ-2 में बड़े हुए हैं भाई मुझसे कुछ नहीं छुप सकता तेरा।

सनी: (नजरे चुराके) छोड़ ना भाई तेरी तो आदत हो गई है झूठी टांग खींचने की।

वीर: चल जा क्या याद रखेगा छोड़ देता हूँ आज! पर ये मत समझना तू मुझे गोली दे सकता है।

ना किसी से दुश्मनी है, सबसे अपनी यारी है,
मेरा तो बादमें देखेंगे, पहले तेरी बारी है!
कोई भी ना टिक सके सामने, ऐसी अपनी यारी है,
कर ले बेटा अपने दिल की, काहे हिम्मत हारी है..”


चल लंच में प्रिया से बात करते हैं। तू उसको मनाने में मेरी मदद करदेना! पता नहीं जाएगा या नहीं.

सनी: भाई मानेगी कैसे नहीं हम मना लेंगे।

क्लास चलती रहती है, इसी तरह लंच हो जाता है! और वो दोनों दोस्त खड़े हो गए कैंटीन जाने के लिए ।।

वीर ने एक नज़र सुप्रिया की और देखा तो पाया कि वो वही अपनी सहेली के साथ ही बैठी थी।

वीर: प्रिया आज कैंटीन नहीं चल रही क्या घंटी लगे हुए इतना टाइम हो गया।

सुप्रिया: (रहस्यमय -मुस्कान) ना वीर आज मूड नहीं है तुम दोनों जाओ..

वीर: ?? यार अब ऐसा क्यों कर रही है? चल चुप-चाप तू नहीं जाएगी तो मैं भी नहीं जाऊँगा.

सुप्रिया: चलो श्रीमान ! जैसे मेरे बिना तो रात को खाना भी नहीं खाते होगे आप? हे..हे..हे....चलो क्या याद रखोगे किस रहीस से पाला पड़ा है तुम्हारा।

ये बोलते हुए खड़े हो जाती है और अपनी सहेली को साथ लेकर कैंटीन की और निकल जाती है वीर के साथ। सबलोग कैंटीन में बैठ कर कॉफी पी रहे थे..
तभी वीर बोलता है कि प्रिया टूर का क्या करना है?

प्रिया: मैं क्या बताऊं (मुस्कुराते हुए) तुम देख लो जाना है तो फोरम भर दो! मैं तो जाउंगी नहीं. वो क्या है ना घर पर भी काम रखता है, माँ के पास रुकना पड़ता है पापा भी मना कर देंगे वैसे।

वीर: यार प्रिया ऐसे मत कर ना चिकुड़ी!! तू नहीं जाएगी तो मैं भी नहीं जाऊँगा! ये पक्की बात है.

प्रिया: (हाथ पे मुक्का मरते हुए, झूठे गुस्से से) तुझे कितनी बार बोला है तोते. कि मुझे इस नाम से मत बुलाया कर यहां सबके सामने अब मैं बिल्कुल भी नहीं जाऊंगी। तू हर बार ऐसे ही रो धो कर मुझे मना लेता है।

वीर:

“काश तू पूछे मुझसे मेरा हाल-ए-दिल, मैं तुझे भी रुला दू तेरे सितम सुना सुना कर."

और

"कटी हुई टहनियां कहा छाव देती है,
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती है ..”

जा प्रिया तूने भी दिखाया दी अपनी दोस्ती अब ये वीर कभी तुझे मजबूर नहीं करेगा।

प्रिया: कर दी ना गंवारों वाली बात बस हमेंसा का यही रोना है तेरा! जब देखो ये रोने धोने वाली शायरी सुनाकर इमोशनल ब्लैकमेल करता रहता है,
(कुछ सोच के) ठीक है-ठीक है अब रो मत माँ को पटाऊँगी शाम को और वो बाबा से बात कर लेगी, तो शायद हो जाए।

वीर: ये हुई ना बात मेरी चीकू..! सोरी प्रिया वाली. वैसे कंचन को भी साथ ले-ले.

प्रिया: (कंचन की और मुस्कुराहट से देख कर) वो क्यों भला?


वीर: वो क्या है ना तेरा भी तो मन लगना चाहिए।

प्रिया: पर ये तो मना कर रही है!! ये टूर पर जाती नहीं है, मतलब इसको पसंद नहीं है।

ये सुनते ही सनी का मुंह उतर जाता है, जिसे देख कर वीर प्रिया को प्लीज वाला इशारा करता है और आंख से सनी की तरफ इशारा करता है जो प्रिया समझ जाती है।

प्रिया: सुन यार कंचन तू भी चल ना मजा आएगा, मैं भी वहा अकेली बोर हो जाऊंगी ये लोग तो अपनी मस्ती मजाक में लगे रहेंगे मैं किससे बात करूंगी?

कंचन: ठीक है प्रिया जब तुम इतना बोल ही रही हो तो मैं भी चलूंगी, आख़िर तू ही तो मेरी एकलौती दोस्त है।

इतना सुनते ही सनी जोश जोश में जोर से चिल्लाता है ।

सनी: हुर्रे..... :rock1:सभी उसकी तरफ देखने लगे,
तब उसे एहसास हुआ कि वो क्या कह रहा है। और तुरन्त माफ़ी माँगता है।
सॉरी मुझे बस इसी बात की खुशी हो रही है कि हमारा ग्रुप साथ में जा रहा है, इसके लिए।

ये देख कर कंचन को भी हंसी आती है जब सनी की नजर कंचन पर पड़ती है तो वो अपनी नजर झुका लेती है।


तो दोस्तों इस अपडेट को यहीं विराम देते हैं और अगले अपडेट में आपको मनाली की ख़ूबसूरती मिलेगी..

अपने सुझाव और अपनी समीक्षा जरूर दे. dhanyawaad.


जारी है...:writing:
Solid wala update dia hai bhai
Lagta hai Manali ki thand asar Manali jane se pehle dikh raha hai yha per to
.
Jane Ab Manali me ky ho ga 😉😉😉😉
.
Super se bi uper Raj_sharma bhai👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
 

DesiPriyaRai

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Update 10.

वीर: (मुस्कान के साथ) देखते हैं भाई थोड़े दिन रुक जा पता लग जाएगा ।
ये लोग ऐसे ही बात करते रहते हैं, फिर क्लास शुरू हो जाती है, लंच में सब लोग पहले कैंटीन में जाते हैं, लेकिन आज कुछ भी अप्रिय घटना नहीं घटी। ऐसे ही एक-एक करके दिन गुजर रहे थे की एक दिन.....!

अब आगे:

अगले दिन सुबह के नौ बजे क्लास में सब लोग बैठे हुए पढ़ रहे थे! (आज कल वीर का भी मन प्रिया के बार-2 कहने से पढ़ने को होने लगा था) तो वीर भी मन लगा कर पढ़ रहा था।

तभी त्रिपाठी जी और स्पोर्ट्स कोच दोनो क्लास में आते हैं। त्रिपाठी जी और हमारे क्लास टीचर के बीच कुछ बात होती है, तभी कॉल्स टीचर बोलते हैं:

सभी छात्र ध्यान से सुनें, अगले हफ्ते कॉलेज टूर मनाली के लिए जा रहा है! जो भी छात्र अपना नाम लिखाना चाहता है तो उसे अपना नाम त्रिपाठी सर या कोच सर को दे देना !!
नाम देने का समय 4 दिन का है, उसके बाद नाम नहीं लिखा जाएगा,
नाम के साथ 5000/- रुपये की राशि भी जमा करवा देना।

सनी: क्यू वीरे हो जाए तक धीना धिन..

वीर: हो जाये बन्धु ! पर अकेले जाओगे? प्रिया को भी तो पूछ ले!!

सनी: ये हुई ना बात! बेरो थो मन्ने(पता था मुझे) तू उसके बिना कहीं नहीं जाने वाला..इसीलिए तो मैं बोलता हूं कि ये कुछ तो और है !(मुस्कुराते हुए). साले वो भी अकेली थोड़ी जाएगी, उसको बोलना कंचन को भी साथ ले ले।

वीर: हसते हुए : मैं भी जाने थो बेटा तू भी कुछ बोलेगो (मुस्कुराते हुए मुझे भी पता था बेटा कि तू भी कुछ तो बोलेगा!),
देख वो मैं नहीं कर सकता वो तो केवल प्रिया ही कर सकती है उसको मनाने का काम।
क्यू की वो उसकी दोस्त है, और मैंने तो ज्यादा बात भी नहीं की कभी उससे।

सनी: ये नहीं चलेगा बंधु! तेरे वाली तेरे साथ जाएगी तो मुझे भी कोई कंपनी मिलनी चाहिए।

वीर: (कुछ सोचते हुए) हम्म! समझ गया बेटा माजरा क्या है? तो आग इधर लगी है! और कमीना मुझे बोलता है, कि तुझे ये हुआ वो हुआ!!

सनी: अबे ऐसा कुछ नहीं है मैं तो कंपनी के लिए बोल रहा था और कुछ नहीं।

वीर: रहने दे बेटा, मुझसे होशियारी नहीं चलेगी! तेरी हर रग से वाकिफ हूं मैं, साथ-2 में बड़े हुए हैं भाई मुझसे कुछ नहीं छुप सकता तेरा।

सनी: (नजरे चुराके) छोड़ ना भाई तेरी तो आदत हो गई है झूठी टांग खींचने की।

वीर: चल जा क्या याद रखेगा छोड़ देता हूँ आज! पर ये मत समझना तू मुझे गोली दे सकता है।

ना किसी से दुश्मनी है, सबसे अपनी यारी है,
मेरा तो बादमें देखेंगे, पहले तेरी बारी है!
कोई भी ना टिक सके सामने, ऐसी अपनी यारी है,
कर ले बेटा अपने दिल की, काहे हिम्मत हारी है..”


चल लंच में प्रिया से बात करते हैं। तू उसको मनाने में मेरी मदद करदेना! पता नहीं जाएगा या नहीं.

सनी: भाई मानेगी कैसे नहीं हम मना लेंगे।

क्लास चलती रहती है, इसी तरह लंच हो जाता है! और वो दोनों दोस्त खड़े हो गए कैंटीन जाने के लिए ।।

वीर ने एक नज़र सुप्रिया की और देखा तो पाया कि वो वही अपनी सहेली के साथ ही बैठी थी।

वीर: प्रिया आज कैंटीन नहीं चल रही क्या घंटी लगे हुए इतना टाइम हो गया।

सुप्रिया: (रहस्यमय -मुस्कान) ना वीर आज मूड नहीं है तुम दोनों जाओ..

वीर: ?? यार अब ऐसा क्यों कर रही है? चल चुप-चाप तू नहीं जाएगी तो मैं भी नहीं जाऊँगा.

सुप्रिया: चलो श्रीमान ! जैसे मेरे बिना तो रात को खाना भी नहीं खाते होगे आप? हे..हे..हे....चलो क्या याद रखोगे किस रहीस से पाला पड़ा है तुम्हारा।

ये बोलते हुए खड़े हो जाती है और अपनी सहेली को साथ लेकर कैंटीन की और निकल जाती है वीर के साथ। सबलोग कैंटीन में बैठ कर कॉफी पी रहे थे..
तभी वीर बोलता है कि प्रिया टूर का क्या करना है?

प्रिया: मैं क्या बताऊं (मुस्कुराते हुए) तुम देख लो जाना है तो फोरम भर दो! मैं तो जाउंगी नहीं. वो क्या है ना घर पर भी काम रखता है, माँ के पास रुकना पड़ता है पापा भी मना कर देंगे वैसे।

वीर: यार प्रिया ऐसे मत कर ना चिकुड़ी!! तू नहीं जाएगी तो मैं भी नहीं जाऊँगा! ये पक्की बात है.

प्रिया: (हाथ पे मुक्का मरते हुए, झूठे गुस्से से) तुझे कितनी बार बोला है तोते. कि मुझे इस नाम से मत बुलाया कर यहां सबके सामने अब मैं बिल्कुल भी नहीं जाऊंगी। तू हर बार ऐसे ही रो धो कर मुझे मना लेता है।

वीर:

“काश तू पूछे मुझसे मेरा हाल-ए-दिल, मैं तुझे भी रुला दू तेरे सितम सुना सुना कर."

और

"कटी हुई टहनियां कहा छाव देती है,
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती है ..”

जा प्रिया तूने भी दिखाया दी अपनी दोस्ती अब ये वीर कभी तुझे मजबूर नहीं करेगा।

प्रिया: कर दी ना गंवारों वाली बात बस हमेंसा का यही रोना है तेरा! जब देखो ये रोने धोने वाली शायरी सुनाकर इमोशनल ब्लैकमेल करता रहता है,
(कुछ सोच के) ठीक है-ठीक है अब रो मत माँ को पटाऊँगी शाम को और वो बाबा से बात कर लेगी, तो शायद हो जाए।

वीर: ये हुई ना बात मेरी चीकू..! सोरी प्रिया वाली. वैसे कंचन को भी साथ ले-ले.

प्रिया: (कंचन की और मुस्कुराहट से देख कर) वो क्यों भला?


वीर: वो क्या है ना तेरा भी तो मन लगना चाहिए।

प्रिया: पर ये तो मना कर रही है!! ये टूर पर जाती नहीं है, मतलब इसको पसंद नहीं है।

ये सुनते ही सनी का मुंह उतर जाता है, जिसे देख कर वीर प्रिया को प्लीज वाला इशारा करता है और आंख से सनी की तरफ इशारा करता है जो प्रिया समझ जाती है।

प्रिया: सुन यार कंचन तू भी चल ना मजा आएगा, मैं भी वहा अकेली बोर हो जाऊंगी ये लोग तो अपनी मस्ती मजाक में लगे रहेंगे मैं किससे बात करूंगी?

कंचन: ठीक है प्रिया जब तुम इतना बोल ही रही हो तो मैं भी चलूंगी, आख़िर तू ही तो मेरी एकलौती दोस्त है।

इतना सुनते ही सनी जोश जोश में जोर से चिल्लाता है ।

सनी: हुर्रे..... :rock1:सभी उसकी तरफ देखने लगे,
तब उसे एहसास हुआ कि वो क्या कह रहा है। और तुरन्त माफ़ी माँगता है।
सॉरी मुझे बस इसी बात की खुशी हो रही है कि हमारा ग्रुप साथ में जा रहा है, इसके लिए।

ये देख कर कंचन को भी हंसी आती है जब सनी की नजर कंचन पर पड़ती है तो वो अपनी नजर झुका लेती है।


तो दोस्तों इस अपडेट को यहीं विराम देते हैं और अगले अपडेट में आपको मनाली की ख़ूबसूरती मिलेगी..

अपने सुझाव और अपनी समीक्षा जरूर दे. dhanyawaad.


जारी है...:writing:
Chota update tha, but sweet tha.
 

kas1709

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Update 10.

वीर: (मुस्कान के साथ) देखते हैं भाई थोड़े दिन रुक जा पता लग जाएगा ।
ये लोग ऐसे ही बात करते रहते हैं, फिर क्लास शुरू हो जाती है, लंच में सब लोग पहले कैंटीन में जाते हैं, लेकिन आज कुछ भी अप्रिय घटना नहीं घटी। ऐसे ही एक-एक करके दिन गुजर रहे थे की एक दिन.....!

अब आगे:

अगले दिन सुबह के नौ बजे क्लास में सब लोग बैठे हुए पढ़ रहे थे! (आज कल वीर का भी मन प्रिया के बार-2 कहने से पढ़ने को होने लगा था) तो वीर भी मन लगा कर पढ़ रहा था।

तभी त्रिपाठी जी और स्पोर्ट्स कोच दोनो क्लास में आते हैं। त्रिपाठी जी और हमारे क्लास टीचर के बीच कुछ बात होती है, तभी कॉल्स टीचर बोलते हैं:

सभी छात्र ध्यान से सुनें, अगले हफ्ते कॉलेज टूर मनाली के लिए जा रहा है! जो भी छात्र अपना नाम लिखाना चाहता है तो उसे अपना नाम त्रिपाठी सर या कोच सर को दे देना !!
नाम देने का समय 4 दिन का है, उसके बाद नाम नहीं लिखा जाएगा,
नाम के साथ 5000/- रुपये की राशि भी जमा करवा देना।

सनी: क्यू वीरे हो जाए तक धीना धिन..

वीर: हो जाये बन्धु ! पर अकेले जाओगे? प्रिया को भी तो पूछ ले!!

सनी: ये हुई ना बात! बेरो थो मन्ने(पता था मुझे) तू उसके बिना कहीं नहीं जाने वाला..इसीलिए तो मैं बोलता हूं कि ये कुछ तो और है !(मुस्कुराते हुए). साले वो भी अकेली थोड़ी जाएगी, उसको बोलना कंचन को भी साथ ले ले।

वीर: हसते हुए : मैं भी जाने थो बेटा तू भी कुछ बोलेगो (मुस्कुराते हुए मुझे भी पता था बेटा कि तू भी कुछ तो बोलेगा!),
देख वो मैं नहीं कर सकता वो तो केवल प्रिया ही कर सकती है उसको मनाने का काम।
क्यू की वो उसकी दोस्त है, और मैंने तो ज्यादा बात भी नहीं की कभी उससे।

सनी: ये नहीं चलेगा बंधु! तेरे वाली तेरे साथ जाएगी तो मुझे भी कोई कंपनी मिलनी चाहिए।

वीर: (कुछ सोचते हुए) हम्म! समझ गया बेटा माजरा क्या है? तो आग इधर लगी है! और कमीना मुझे बोलता है, कि तुझे ये हुआ वो हुआ!!

सनी: अबे ऐसा कुछ नहीं है मैं तो कंपनी के लिए बोल रहा था और कुछ नहीं।

वीर: रहने दे बेटा, मुझसे होशियारी नहीं चलेगी! तेरी हर रग से वाकिफ हूं मैं, साथ-2 में बड़े हुए हैं भाई मुझसे कुछ नहीं छुप सकता तेरा।

सनी: (नजरे चुराके) छोड़ ना भाई तेरी तो आदत हो गई है झूठी टांग खींचने की।

वीर: चल जा क्या याद रखेगा छोड़ देता हूँ आज! पर ये मत समझना तू मुझे गोली दे सकता है।

ना किसी से दुश्मनी है, सबसे अपनी यारी है,
मेरा तो बादमें देखेंगे, पहले तेरी बारी है!
कोई भी ना टिक सके सामने, ऐसी अपनी यारी है,
कर ले बेटा अपने दिल की, काहे हिम्मत हारी है..”


चल लंच में प्रिया से बात करते हैं। तू उसको मनाने में मेरी मदद करदेना! पता नहीं जाएगा या नहीं.

सनी: भाई मानेगी कैसे नहीं हम मना लेंगे।

क्लास चलती रहती है, इसी तरह लंच हो जाता है! और वो दोनों दोस्त खड़े हो गए कैंटीन जाने के लिए ।।

वीर ने एक नज़र सुप्रिया की और देखा तो पाया कि वो वही अपनी सहेली के साथ ही बैठी थी।

वीर: प्रिया आज कैंटीन नहीं चल रही क्या घंटी लगे हुए इतना टाइम हो गया।

सुप्रिया: (रहस्यमय -मुस्कान) ना वीर आज मूड नहीं है तुम दोनों जाओ..

वीर: ?? यार अब ऐसा क्यों कर रही है? चल चुप-चाप तू नहीं जाएगी तो मैं भी नहीं जाऊँगा.

सुप्रिया: चलो श्रीमान ! जैसे मेरे बिना तो रात को खाना भी नहीं खाते होगे आप? हे..हे..हे....चलो क्या याद रखोगे किस रहीस से पाला पड़ा है तुम्हारा।

ये बोलते हुए खड़े हो जाती है और अपनी सहेली को साथ लेकर कैंटीन की और निकल जाती है वीर के साथ। सबलोग कैंटीन में बैठ कर कॉफी पी रहे थे..
तभी वीर बोलता है कि प्रिया टूर का क्या करना है?

प्रिया: मैं क्या बताऊं (मुस्कुराते हुए) तुम देख लो जाना है तो फोरम भर दो! मैं तो जाउंगी नहीं. वो क्या है ना घर पर भी काम रखता है, माँ के पास रुकना पड़ता है पापा भी मना कर देंगे वैसे।

वीर: यार प्रिया ऐसे मत कर ना चिकुड़ी!! तू नहीं जाएगी तो मैं भी नहीं जाऊँगा! ये पक्की बात है.

प्रिया: (हाथ पे मुक्का मरते हुए, झूठे गुस्से से) तुझे कितनी बार बोला है तोते. कि मुझे इस नाम से मत बुलाया कर यहां सबके सामने अब मैं बिल्कुल भी नहीं जाऊंगी। तू हर बार ऐसे ही रो धो कर मुझे मना लेता है।

वीर:

“काश तू पूछे मुझसे मेरा हाल-ए-दिल, मैं तुझे भी रुला दू तेरे सितम सुना सुना कर."

और

"कटी हुई टहनियां कहा छाव देती है,
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती है ..”

जा प्रिया तूने भी दिखाया दी अपनी दोस्ती अब ये वीर कभी तुझे मजबूर नहीं करेगा।

प्रिया: कर दी ना गंवारों वाली बात बस हमेंसा का यही रोना है तेरा! जब देखो ये रोने धोने वाली शायरी सुनाकर इमोशनल ब्लैकमेल करता रहता है,
(कुछ सोच के) ठीक है-ठीक है अब रो मत माँ को पटाऊँगी शाम को और वो बाबा से बात कर लेगी, तो शायद हो जाए।

वीर: ये हुई ना बात मेरी चीकू..! सोरी प्रिया वाली. वैसे कंचन को भी साथ ले-ले.

प्रिया: (कंचन की और मुस्कुराहट से देख कर) वो क्यों भला?


वीर: वो क्या है ना तेरा भी तो मन लगना चाहिए।

प्रिया: पर ये तो मना कर रही है!! ये टूर पर जाती नहीं है, मतलब इसको पसंद नहीं है।

ये सुनते ही सनी का मुंह उतर जाता है, जिसे देख कर वीर प्रिया को प्लीज वाला इशारा करता है और आंख से सनी की तरफ इशारा करता है जो प्रिया समझ जाती है।

प्रिया: सुन यार कंचन तू भी चल ना मजा आएगा, मैं भी वहा अकेली बोर हो जाऊंगी ये लोग तो अपनी मस्ती मजाक में लगे रहेंगे मैं किससे बात करूंगी?

कंचन: ठीक है प्रिया जब तुम इतना बोल ही रही हो तो मैं भी चलूंगी, आख़िर तू ही तो मेरी एकलौती दोस्त है।

इतना सुनते ही सनी जोश जोश में जोर से चिल्लाता है ।

सनी: हुर्रे..... :rock1:सभी उसकी तरफ देखने लगे,
तब उसे एहसास हुआ कि वो क्या कह रहा है। और तुरन्त माफ़ी माँगता है।
सॉरी मुझे बस इसी बात की खुशी हो रही है कि हमारा ग्रुप साथ में जा रहा है, इसके लिए।

ये देख कर कंचन को भी हंसी आती है जब सनी की नजर कंचन पर पड़ती है तो वो अपनी नजर झुका लेती है।


तो दोस्तों इस अपडेट को यहीं विराम देते हैं और अगले अपडेट में आपको मनाली की ख़ूबसूरती मिलेगी..

अपने सुझाव और अपनी समीक्षा जरूर दे. dhanyawaad.


जारी है...:writing:
Nice update....
 

DesiPriyaRai

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Raj_sharma

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OOOOOOHHHHHHHOOOOO
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AAAAAAAAYYYYYYEEEEEEEHHHHHHHHYYYYYEEEEEEEEEEEE


Solid wala update dia hai bhai
Lagta hai Manali ki thand asar Manali jane se pehle dikh raha hai yha per to
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Jane Ab Manali me ky ho ga 😉😉😉😉
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Super se bi uper Raj_sharma bhai👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
Thank you very much DEVIL MAXIMUM bhai for your amazing review :hug: :thanx:
 

Raj_sharma

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