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Ajju Landwalia

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हेलो दोस्तों

बहोत दुःख के साथ कह रही हु


आज शायद मैं अपडेट नहीं दे पाउंगी क्यों की कुछ कोमेंट ने मुझे विचलित कर दिया है, शायद मुझे फिर से अपने लिखावट पर रिव्यू करना चाहिए

लिखना मेरा शौक है पेशा नहीं, और मैं भी यहाँ अपने आप को मनोरंजन देने के लिए हूँ पर कुछ लोग ऐसा कर रहे है की हमारे लिए असहनीय है. हम लिख के अपने आप को मनोरंजन देते है और दूसरो की कहानी भी पढ़ के प्लोट बनाते है अगली कहानी के लिए.

कृपया....प्लीज़ आप अपने आप पर काबू रखे और आपकी उत्तेजना किसी को दुःख पहुचा सकती है

सब से निवेदन है ..........प्लीज़

Dear Funlover Ji

Please aap aise negative aur bhdde comments ko ignore kijiye.........

Public forum par ye sab to aam baat he.......

Ek achchi lekhika ki tarah aap apne kaam karti rahiye
 

sunoanuj

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जी शुक्रिया दोस्त

शायद आप सही कह रहे है पर एक महिला होने के नाते और वैसे भी किसी को पसंद ना हो ऐसा करके अपने आप को आनंद देना सही नहीं है

हा अगर सामनेवाले को पसंद है तो आप उससे कीजिये जो लोग आपकी उत्तेजना को बढ़ावा दे सके लेकिन जिन को नही पसंद उस्नको हेरस कर के क्या फायदा????????????

क्या कहे सेक्सुअल सिक !!!!!!!!!!
बिल्कुल सही नाम दिया आपने सेक्सकूल सिक ऐसे ही कुछ लोग होते हैं !

अब अगले भाग की प्रतीक्षा रहेगी ! उम्मीद है आप जल्द ही पोस्ट करेंगे !
 

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
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Madam, one suggestion....."ignore" all the negative comments.it is impossible to satisfy everyone. Your story is liked by many people and you are getting good comments as well.
My suggestion: do go ahead with the story that you have in mind..or the plots that you have thought of wrt the story. The story is picking pace and people are following and they appreciate as well.

Funlover
जी आपने सही कहा

हाथी तो चलता भला

शुक्रिया दोस्त बने रहने के लिए

वैसे मैं जानती हु ऐसा हो जाता है कभी कभी लेकिन अगर रिएक्शन ना दो तो खुली छुट समजा जाता है
 

Funlover

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Dear Funlover Ji

Please aap aise negative aur bhdde comments ko ignore kijiye.........

Public forum par ye sab to aam baat he.......

Ek achchi lekhika ki tarah aap apne kaam karti rahiye
जी अच्छा लगा आपके सुझाव को ...............
 

Funlover

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बिल्कुल सही नाम दिया आपने सेक्सकूल सिक ऐसे ही कुछ लोग होते हैं !

अब अगले भाग की प्रतीक्षा रहेगी ! उम्मीद है आप जल्द ही पोस्ट करेंगे !
जी अगला अपडेट कुछ ही टाइम में पोस्ट कर दूंगी
 

Funlover

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“सब सुंदरी की इतनी तारीफ़ करते है, कभी तुझे अपनी माँ को चोदने का मन नहीं करता…!!!”

“मेरा मन तो बस तेरी बेटी रेखा को दम भर के चोदने को करता है…”

“फिर खाली, चाट के छोड़ दिया! चोदा क्यों नहीं…चोद देता तो मैं मना नहीं करती बेटे, तेरे लंड से वह चुद सकती है!!!”

"साली, उसकी माँ को चोदु, शादी के पहले सील नहीं तुड़वाना चाहती है, मैं उसे प्यार करता हूं इस लिए छोड़ दिया। लेकिन अपना लंड तो उसकी चूत में आधा घुसा ही दिया है। अब जब ससुराल से वापस आएगी तो कुतिया को तेरे सामने भी चोदूंगा। चुदवायेगी ना अपनी बेटी को तेरे सामने!" कहते हुए परम ने जोर से धक्का दिया और मोटी झड़ गयी। झड़ते ही शेठानी से अपने दोनों हाथो और टांगो से परम को पकड़ लिया। परम चूत के अंदर धंस गया और लंड ने चूत को पानी से भर दिया। थोड़ी देर तक दोनों चिपक रहे फिर शेठानी ने परम को अपने शरीर पर से उठाया, तब उसकी चूत में से काफी चुतरस और विर्या का मिलाझुला रस बहार की तरफ आ गया तभी उसने पूछा,

“रेखा की टाइट चूत का मजा लेने के बाद मेरा भोसडा (चूत) कैसा लगा…!!!”

परम ने चूत को मसलते हुए कहा “दिन रात इस चूत में लंड डाल कर बैठा रहूंगा, साली बहुत मस्त माल है तेरे पास। साली…मुझे तुम दोनों की चूत का भोसड़ा बनाने में मजा आएगी।”

शेठानी झुककर परम के लंड को थोड़ी देर चूसा और फिर कहा कि वो सुंदरी को चुदते देखना चाहती है। परम ने शेठानी को कहा कि वो सुंदरी को शेठानी के सामने शेठ से चुदवाने के लिए तैयार करेगा। शेठानी ने कहा कि शेठ उसकी चूत तो चोद ही नहीं पाता, सुंदरी को क्या चोदेगा!

शेठानी को क्या मालूम कि वही समय शेठ सुंदरी को अपने ऑफिस में खूब मजा लेकर चोद रहा है। शेठानी लंड चुस्ती रही और अपने चुतरस और वीर्य का मिलाजूला रस को चाट कर साफ़ कर रही थी पर लंड फिर अकडने लगा तो शेठानी ने कहा;

“अब तू जा नहीं तो फिर से लंड मेरी भोस में भर लुंगी।” शेठानी नंगी ही कमरे में गई और वापस आकर परम को कुछ रुपये दिए और बोली बीच में मौका निकाल कर लंड चूसा जाना, मुझे तेरा पानी पिने में मजा आता है, और हां, कभी-कभी रेखा को भी अपना पानी पिला दिया कर। उसे भी तो मजा देता रह अपने पानी से उसका पेट भरते रहना, और बस इशारा कर देना की रखा के मुह को चोदने जा रहा है मुझे कोई आपत्ति नहीं है की उसका मुह तुम कितनी बार चोद रहे हो। मेरी तरफ से बेपरवाह रह। बस उसकी गांड और मुह में तेरा लंड पेलता रह।

“जी, ठीक है।“ परम ने सेठानी के मुंह में अपना लंड को हिलाया और बची हुई बुँदे भी लंड को दबाते हुए उसके मुंह में दाल दिया।

“चल मेरे लंड की रानी अब मैं जाता हूँ।“

परम के जाने के बाद शेठानी ने अंदर से दरवाजा बंद किया और नंगी अपनी बेटी के बगल में सो गई। रेखा ने एक आँख खोल कर देखा और मुस्कुराई अपनी माँ को नंगी देख कर और निचे गीली देख कर समज गई की परम का लोडा वहा सफ़र कर के गया है। वह मन ही मन खुश हुई की अब वह उसकी माँ के सामने परम का लोडा ले सकती है उसके सामने ही वह बिना डर और संकोच अपनी गांड मरवा सकती है।

परम बहार आकर टाइम देखा तो 3.30 बजे थे। सुंदरी को शेठ के साथ डेढ़ घंटा हो गया था। परम ने कल्पना किया कि शेठ सुंदरी को खुश नहीं कर पाया होगा और चूत में लंड घुसा ही झड़ेगा।

चलो अब वहा जाते है और सुंदरी और सेठजी की खबर भी लेते है।।।।।


अभी के लिए बस इतना लिख पाई हूँ .......बने रहिये अपनी राय देते रहिये ..........
 

Napster

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“पुछ मत बेटा, उसको देख-देखकर मैंने जितना पानी गिराया है उतना मैंने तेरी शेठानी को चोदकर भी नहीं गिराया होगा। लेकिन साली सुंदरी ने कभी मौका ही नहीं दिया, अभी तक मैं उसका हाथ नहीं पकड़ पाया, पर अब तुम साथ दे रहे हो तो तेरी माँ को चोदने का मौक़ा मिलेगा, कल तेरी माँ को चोदूँगा।“

सेठ ने आगे कहा, "तुम्हें पता है, तुम्हारी माँ समय के साथ और भी अच्छी होती जा रही है। वो इतनी चुदासी कभी नहीं थी जितनी अब दिखती है। इस गाव का सब से अच्छा माल बस मेरे नजरिये से सिर्फ और सिर्फ तेरी माँ है।"
सेठ बिल्कुल युवा लोगो की तरह मस्त हो गया था। 50 साल से ऊपर था और 18 साल के लड़के के साथ चुदाई की बात कर रहा था।
“अब क्या कहू बेटा, तेरी माँ की चूत ही मेरे लंड को शांत कर ने के काबिल है, उसे लंड चूसा-चूसा कर चोदूँगा…”, शेठ वासना के नशे में बडबडाता रहा,

“ बढती उम्र के साथ-साथ तुम्हारी मां की जवानी भी खिलती जा रही है…और मैं बहनचोद अभी तक मेरे लंड को उसकी चूत का भोसड़ा बनाने का मौक़ा नहीं मिला,कभी-कभी मुज पर लानत समजता हु बेटे, मुझे तेरी माँ की चूत और गांड चाहिए बेटा उसके लिए कुछ भी कर और कुछ भी करने को तैयार हु।“

शेठजी ने अपने लंड को दबाते हुए कहा: “वो पहले कभी इतनी चुदासी नही दिखी।।…जितनी अब दिखती है। जब देखो साली लंड को परेशान करती रहती है।”

शेठ बिल्कुल जवान लौन्डो की तरह मस्ता गया था।

परम ने मौके को समजते हुए, परम शेठ की बहुओं के बारे में भी गंदी बाते करना चाह रहा था…। इसलिए उसने पूछा,

“ शेठजी, अगर आपको मेरी बहन महेक, रेखा और आपकी दोनों बहुओं में से सिर्फ किसी एक को चोदनेका मौका दिया जाए, तो आप किसको चोदना चाहेंगे?”

शेठ गहरी सोंच में डूब गया। परम को लगा की कहीं यह सुनकर शायद शेठ उस पर गुस्सा न हो जाये। थोड़ी सी गांड फटी उसकी। लेकिन शेठ तो मन ही मन चारों लडकियोंकी तुलना करने में मशगुल था।

थोड़ी देर सोचने के बाद उसने कहा, “ युं तो तुम्हारी बहन उम्र में सबसे छोटी होने की वजह से माल बहोत ही कसा हुआ होगा, चुदाई का बहूत मजा देगी, और उसको चोद ने में भी ज्यादा मजा आएगा, तेरी बहन सिलपेक होगी और ऐसा अवसर बार-बार नहीं मिलता की उसका सिल मेरे लंड से टूटे, लेकिन फिर भी मै अपनी छोटी बहु लीला को चोदना पसंद करूँगा …वो गजब की सुन्दर और चुस्त शरीर की मालकिन है…। इसलिए सुंदरी के अलावा अगर मै किसी और के चूत में अपना लंड डालने के लिए बेक़रार हूँ तो वोह है मेरी छोटी बहु…लीला!”
मैत्री और नीता की अनुवादित रचना

परम:- “लेकिन मैं तो आपकी बेटी रेखा को चोदना चाहता हूँ…। साली बहुत मस्त-मस्त और चुस्त माल है…क्या बेटी पैदा की है आपके इस लंड ने।“

परम भी अपने दाव खेलने लगा,”क्या आपने कभी अपनी छोटी बहु को नंगा देखा है?”

शेठने इधर-उधर देखा और कहा- “देखा तो नहीं है लेकिन देखना चाहता हूँ…मादरचोद को मादरजात स्वरुप में देखना चाहता हु।”

शेठने परम की पीठ थपथपाई और फिर से कहा, “मैंने लीला बहू को कपड़े बदलते हुए देखा है और चोरी-चोरी कई बार कुतिया को खाली पेटीकोट और ब्रा में देखा है, क्या टाइट माल है,बेटा।

सुंदरी को पटाने के बाद उसे ही बोलूँगा की वो मेरी छोटी बहू को मेरा लंड के लिए तैयार करे…!”


दरवाज़े पर दस्तक हुई और परम के पिता की आवाज़ आई जो शेठ को किसी व्यापारी के आने की खबर दे रहे थे। शेठ उठे और परम से कहा कि “बेटा,कल दोपहर 2 बजे सुंदरी-मेरी माल को पिछले गेट से ले आना।“

“जी शेठजी आप फिकर ना करे, समजो आपकी परी आपके लंड पर आ गई,” परम ने 50,000 रुपये से भरा बैग लिया और अपने घर के लिए निकल पड़ा।

क्रमश:
बडा ही मस्त और शानदार लाजवाब अपडेट है मजा आ गया
 

rkv66

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“सब सुंदरी की इतनी तारीफ़ करते है, कभी तुझे अपनी माँ को चोदने का मन नहीं करता…!!!”

“मेरा मन तो बस तेरी बेटी रेखा को दम भर के चोदने को करता है…”

“फिर खाली, चाट के छोड़ दिया! चोदा क्यों नहीं…चोद देता तो मैं मना नहीं करती बेटे, तेरे लंड से वह चुद सकती है!!!”

"साली, उसकी माँ को चोदु, शादी के पहले सील नहीं तुड़वाना चाहती है, मैं उसे प्यार करता हूं इस लिए छोड़ दिया। लेकिन अपना लंड तो उसकी चूत में आधा घुसा ही दिया है। अब जब ससुराल से वापस आएगी तो कुतिया को तेरे सामने भी चोदूंगा। चुदवायेगी ना अपनी बेटी को तेरे सामने!" कहते हुए परम ने जोर से धक्का दिया और मोटी झड़ गयी। झड़ते ही शेठानी से अपने दोनों हाथो और टांगो से परम को पकड़ लिया। परम चूत के अंदर धंस गया और लंड ने चूत को पानी से भर दिया। थोड़ी देर तक दोनों चिपक रहे फिर शेठानी ने परम को अपने शरीर पर से उठाया, तब उसकी चूत में से काफी चुतरस और विर्या का मिलाझुला रस बहार की तरफ आ गया तभी उसने पूछा,

“रेखा की टाइट चूत का मजा लेने के बाद मेरा भोसडा (चूत) कैसा लगा…!!!”

परम ने चूत को मसलते हुए कहा “दिन रात इस चूत में लंड डाल कर बैठा रहूंगा, साली बहुत मस्त माल है तेरे पास। साली…मुझे तुम दोनों की चूत का भोसड़ा बनाने में मजा आएगी।”

शेठानी झुककर परम के लंड को थोड़ी देर चूसा और फिर कहा कि वो सुंदरी को चुदते देखना चाहती है। परम ने शेठानी को कहा कि वो सुंदरी को शेठानी के सामने शेठ से चुदवाने के लिए तैयार करेगा। शेठानी ने कहा कि शेठ उसकी चूत तो चोद ही नहीं पाता, सुंदरी को क्या चोदेगा!

शेठानी को क्या मालूम कि वही समय शेठ सुंदरी को अपने ऑफिस में खूब मजा लेकर चोद रहा है। शेठानी लंड चुस्ती रही और अपने चुतरस और वीर्य का मिलाजूला रस को चाट कर साफ़ कर रही थी पर लंड फिर अकडने लगा तो शेठानी ने कहा;

“अब तू जा नहीं तो फिर से लंड मेरी भोस में भर लुंगी।” शेठानी नंगी ही कमरे में गई और वापस आकर परम को कुछ रुपये दिए और बोली बीच में मौका निकाल कर लंड चूसा जाना, मुझे तेरा पानी पिने में मजा आता है, और हां, कभी-कभी रेखा को भी अपना पानी पिला दिया कर। उसे भी तो मजा देता रह अपने पानी से उसका पेट भरते रहना, और बस इशारा कर देना की रखा के मुह को चोदने जा रहा है मुझे कोई आपत्ति नहीं है की उसका मुह तुम कितनी बार चोद रहे हो। मेरी तरफ से बेपरवाह रह। बस उसकी गांड और मुह में तेरा लंड पेलता रह।

“जी, ठीक है।“ परम ने सेठानी के मुंह में अपना लंड को हिलाया और बची हुई बुँदे भी लंड को दबाते हुए उसके मुंह में दाल दिया।

“चल मेरे लंड की रानी अब मैं जाता हूँ।“

परम के जाने के बाद शेठानी ने अंदर से दरवाजा बंद किया और नंगी अपनी बेटी के बगल में सो गई। रेखा ने एक आँख खोल कर देखा और मुस्कुराई अपनी माँ को नंगी देख कर और निचे गीली देख कर समज गई की परम का लोडा वहा सफ़र कर के गया है। वह मन ही मन खुश हुई की अब वह उसकी माँ के सामने परम का लोडा ले सकती है उसके सामने ही वह बिना डर और संकोच अपनी गांड मरवा सकती है।

परम बहार आकर टाइम देखा तो 3.30 बजे थे। सुंदरी को शेठ के साथ डेढ़ घंटा हो गया था। परम ने कल्पना किया कि शेठ सुंदरी को खुश नहीं कर पाया होगा और चूत में लंड घुसा ही झड़ेगा।


चलो अब वहा जाते है और सुंदरी और सेठजी की खबर भी लेते है।।।।।


अभी के लिए बस इतना लिख पाई हूँ .......बने रहिये अपनी राय देते रहिये ..........
good story. Keep going. What has to be ignored you must ignore royally. Don't react.
 

Mr moon knight x

A thinker is always one step ahead
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हो सकता है की आप ने जितना पढ़ा वह cuckold लगा हो, पर मेरे ख़याल से ऐसा नहीं है

आशा करती हु की आप आगे भी पढेंगे
Ju Agar future mein kuchh romance and monogamy pe stroy likho ge to woh jarur padhunga.
But ye wali stroy mujhse padhi nahi jayegi, it is just out of my test, I'm sorry.

But don't be demotivated, keep writing.
 
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