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Funlover

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शेठ सुंदरी को बिस्तर पर बैठा देख मस्त हो गया। वो बिस्तर पर सुंदरी के बगल में बैठ गया और उसे अपनी गोदी पर गिरा लिया।

“ओह, सुंदरी…” शेठ कुछ कह रहा था तो सुंदरी ने उसके मुंह पर उंगली रख कर कहा ” नाम से मत पुकारो, आपका मुनीम और मेरा सुहाग सुनेगा तो समझ जाएगा कि शेठ उसकी बीबी की चूत की खबर ले रहा है और पेल रहा है…!”

शेठ ने उसे बाहों में ले लिया और ज़ोर से चूमा मानो सालों से किसी औरत को छुआ ही न हो। यह सच था, उसने अपनी पत्नी को छह महीने से ज़्यादा समय से नहीं चोदा था और सुंदरी के बेटे ने कुछ ही दिनों में उसे दो बार चोदा। शेठ ने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए। सुंदरी ने कोई विरोध नहीं किया और जल्द ही वह नंगी हो गई। शेठ ने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया। वह उससे थोड़ा दूर हुआ और उसे ऊपर से नीचे तक देखा।

वह वास्तव में एक परी थी। अच्छे, छोटे पैर। बहुत ही सुडौल पिंडलियाँ और टांगें जो लगातार मोटी होती जा रही थीं और ऊपरी जांघें केले के तने की तरह मज़बूती से जमी हुई थीं। कहीं भी अतिरिक्त मांस नहीं। छोटा जघन क्षेत्र, उसकी पत्नी के विपरीत, जिसका आकार सुंदरी की चूत से दोगुना से भी ज़्यादा था। चूत सूजी हुई थी और पेट के स्तर पर उठी हुई थी। चूत के दो होंठ लगभग जुड़े हुए थे मानो ज़्यादा चुदी हुई न हो। भगनासा दिखाई दे रही थी और इसलिए चूत की पंखुड़ियाँ चूत की दरार से बाहर निकल रही थीं। भगनासा लगभग 1 इंच लंबी, दोनों गोलार्द्धों के बीच लगभग कोई अंतर नहीं था और दोनों उसकी छाती पर मजबूती से जमे हुए थे, मतलब ज्यादा दबाया हुआ नहीं लगता था। ये समान रूप से उभर रहे थे। निप्पल भी मोटे, लंबे और उभरे हुए थे। एरोला का व्यास लगभग 1 इंच से थोड़ा ज़्यादा और रंग गहरा काला था। उसके कंधे चौड़े लेकिन गोल थे और गर्दन चिकनी और लंबी थी। उसकी ऊपरी भुजाएँ उसकी कामुकता को और बढ़ाने के लिए तराशी हुई और मोटी थीं। उसका चेहरा गोल था, गालों पर गड्ढे थे और होंठ छोटे और अच्छे से सेट थे। उसने उसके होंठों की तुलना चूत के होंठों से की और उसने देखा कि चूत के होंठ उसके मुँह के होंठों से लगभग दोगुने आकार के थे।

"रानी पलट जाओ,मुझे तुम्हारी गांड देखने दो औरपना पीछे का खजाना दिखाओ की तुम्हारी गांड का छेद कैसा है।" शेठ फुसफुसाया और सुंदरी ने अपना पेट पलट दिया। उसकी नज़रें उसके दोनों कूल्हों पर टिक गईं जो गोल, बड़े और मज़बूत थे। बिल्कुल भी ढीले नहीं थे। उसने कुछ देर तक सुंदरी की खूबसूरती को निहारा और उसके सामने खड़ा हो गया। उसने अपना कुर्ता और फिर गंजी उतार दी। सुंदरी उसके 'तोंद' (फूले हुए पेट) को देखकर मुस्कुराई। उसे आश्चर्य हुआ कि वह चुदाई कैसे कर पाएगा। तभी उसने देखा कि शेठ धोती खोल रहा है। वह सिर्फ़ सूती सफ़ेद अंडरवियर में था। सुंदरी ने हाथ बढ़ाकर नाड़ा खींचा और अंडरवियर ज़मीन पर गिर गया। उसने जो देखा उससे वह हैरान रह गई। उसने जो सोचा था उसके विपरीत शेठ का लौड़ा उसके पति या उसके बेटे परम से भी बड़ा था,लेकिन अपने पति जैसा तो नहीं था, उसका सुपारा तो वाह। यह उसकी निचली कलाई जितना मोटा था। और यह पूरी तरह से तना हुआ, लोहे के खंभे जैसा सख्त था।


अब सुंदरी क्या सोच रही है वो कल .........
 

Ek number

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“सब सुंदरी की इतनी तारीफ़ करते है, कभी तुझे अपनी माँ को चोदने का मन नहीं करता…!!!”

“मेरा मन तो बस तेरी बेटी रेखा को दम भर के चोदने को करता है…”

“फिर खाली, चाट के छोड़ दिया! चोदा क्यों नहीं…चोद देता तो मैं मना नहीं करती बेटे, तेरे लंड से वह चुद सकती है!!!”

"साली, उसकी माँ को चोदु, शादी के पहले सील नहीं तुड़वाना चाहती है, मैं उसे प्यार करता हूं इस लिए छोड़ दिया। लेकिन अपना लंड तो उसकी चूत में आधा घुसा ही दिया है। अब जब ससुराल से वापस आएगी तो कुतिया को तेरे सामने भी चोदूंगा। चुदवायेगी ना अपनी बेटी को तेरे सामने!" कहते हुए परम ने जोर से धक्का दिया और मोटी झड़ गयी। झड़ते ही शेठानी से अपने दोनों हाथो और टांगो से परम को पकड़ लिया। परम चूत के अंदर धंस गया और लंड ने चूत को पानी से भर दिया। थोड़ी देर तक दोनों चिपक रहे फिर शेठानी ने परम को अपने शरीर पर से उठाया, तब उसकी चूत में से काफी चुतरस और विर्या का मिलाझुला रस बहार की तरफ आ गया तभी उसने पूछा,

“रेखा की टाइट चूत का मजा लेने के बाद मेरा भोसडा (चूत) कैसा लगा…!!!”

परम ने चूत को मसलते हुए कहा “दिन रात इस चूत में लंड डाल कर बैठा रहूंगा, साली बहुत मस्त माल है तेरे पास। साली…मुझे तुम दोनों की चूत का भोसड़ा बनाने में मजा आएगी।”

शेठानी झुककर परम के लंड को थोड़ी देर चूसा और फिर कहा कि वो सुंदरी को चुदते देखना चाहती है। परम ने शेठानी को कहा कि वो सुंदरी को शेठानी के सामने शेठ से चुदवाने के लिए तैयार करेगा। शेठानी ने कहा कि शेठ उसकी चूत तो चोद ही नहीं पाता, सुंदरी को क्या चोदेगा!

शेठानी को क्या मालूम कि वही समय शेठ सुंदरी को अपने ऑफिस में खूब मजा लेकर चोद रहा है। शेठानी लंड चुस्ती रही और अपने चुतरस और वीर्य का मिलाजूला रस को चाट कर साफ़ कर रही थी पर लंड फिर अकडने लगा तो शेठानी ने कहा;

“अब तू जा नहीं तो फिर से लंड मेरी भोस में भर लुंगी।” शेठानी नंगी ही कमरे में गई और वापस आकर परम को कुछ रुपये दिए और बोली बीच में मौका निकाल कर लंड चूसा जाना, मुझे तेरा पानी पिने में मजा आता है, और हां, कभी-कभी रेखा को भी अपना पानी पिला दिया कर। उसे भी तो मजा देता रह अपने पानी से उसका पेट भरते रहना, और बस इशारा कर देना की रखा के मुह को चोदने जा रहा है मुझे कोई आपत्ति नहीं है की उसका मुह तुम कितनी बार चोद रहे हो। मेरी तरफ से बेपरवाह रह। बस उसकी गांड और मुह में तेरा लंड पेलता रह।

“जी, ठीक है।“ परम ने सेठानी के मुंह में अपना लंड को हिलाया और बची हुई बुँदे भी लंड को दबाते हुए उसके मुंह में दाल दिया।

“चल मेरे लंड की रानी अब मैं जाता हूँ।“

परम के जाने के बाद शेठानी ने अंदर से दरवाजा बंद किया और नंगी अपनी बेटी के बगल में सो गई। रेखा ने एक आँख खोल कर देखा और मुस्कुराई अपनी माँ को नंगी देख कर और निचे गीली देख कर समज गई की परम का लोडा वहा सफ़र कर के गया है। वह मन ही मन खुश हुई की अब वह उसकी माँ के सामने परम का लोडा ले सकती है उसके सामने ही वह बिना डर और संकोच अपनी गांड मरवा सकती है।

परम बहार आकर टाइम देखा तो 3.30 बजे थे। सुंदरी को शेठ के साथ डेढ़ घंटा हो गया था। परम ने कल्पना किया कि शेठ सुंदरी को खुश नहीं कर पाया होगा और चूत में लंड घुसा ही झड़ेगा।


चलो अब वहा जाते है और सुंदरी और सेठजी की खबर भी लेते है।।।।।


अभी के लिए बस इतना लिख पाई हूँ .......बने रहिये अपनी राय देते रहिये ..........
Nice update
 

Napster

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घर पहुँचकर उसने देखा कि उसकी बहन के साथ उसकी बहन की उम्र की एक नई लड़की बैठी है। महेक ने उसका परिचय सुधा (वह लड़की जो अपनी नौकरानी को अपने पिता से चुदते हुए देखती है) के रूप में कराया। परम मुस्कुराया और बेडरूम में चला गया। सुंदरी भी उसके पीछे-पीछे गई। परम ने उसे गोद में खींच लिया और उसकी बोब्लो को दबाया।

“तुम्हारी बहन और उसकी सहेली देख लेगी तो क्या सोचेगी…!”

“यही कि कुतिया अपने बेटे से चुदवाती है।” कहते हुए परम ने सारी के नीचे हाथ घुसाकर चूत को मसल दिया।

"कल साला मोटा शेठ तेरी चूत को चोदेगा, पूरा 50000/- दिया है, तेरे इस पुरे माल के लिए, अब बेच दिया है तेरे इस प्यारे माल को,खूब प्यार से चुदवाना और उसका लंड भी चूसना और खाली कर देना। और मस्ती से चुदवाना रानी उस से आगे भी काम लेना पड़ेगा, समज गई ना!"

“यह तो कोई कहने की बात है,बेटे! मेरा माल अब उसके लिए रेडी है। हसती हुई परम से सुंदरी ने बैग लेकर अलमारी में रख दिया और कहा: “साला को इतना मजा दूंगी कि अपनी पूरी प्रॉपर्टी मेरे नाम कर देगा…भोसचोदिका साला।”

वह कमरे से बाहर चली गयी।

सुधा उनके घर पर ही रही। रात के खाने के बाद सुधा महेक के साथ उसके बिस्तर पर बैठ गई और परम भी उसी बेड पर लेट गया। महेक ने अंदर से दरवाज़ा बंद कर लिया और सीधे वहाँ आ गई।

सुधा उनके घर पर ही रही।

आपने पढ़ा कि परम ने शेठजी से अपनी माँ सुंदरी के माल और चुदाई का मामला तय किया और 50,000 रुपये लेकर माँ को दे दिए, जो उसकी और उसके माँ की कल्पना के बहार का सौदा था, अब तक उन्हें अंदाजा नहीं था की सुदरी के खजाने का भाव बाज़ार में काफी ऊपर तक है, दोनों इस सौदे से खुश थे। खास कर सुंदरी जो की उसकी सेठानी ने भी कहा था की उसका खजाना थोडा शेठजी को लुटाने दे पर साथ-साथ पैसे भी मिलेंगे वो पता नहीं था। वह अपने आप पर और अपने दोनों छेदों पर गर्व महसूस कर रही थी।

घर पर उसकी बहन की सहेली सुधा से मुलाक़ात हुई जो रात भर वहीं रुकी.... उसके बाद????


जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ इस कानी में ................... आप की राय के प्रतीक्षा में ..........
बहुत ही शानदार लाजवाब और मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
 

Napster

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Update 04



रात के खाने के बाद सुधा महेक के साथ उसके बिस्तर पर बैठी और परम उसके बिस्तर पर लेटा। महेक ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और सीधे मुद्दे पर आ गयी।


जब परम रूम में घुसा उस से पहले दोनों सहेलिया आपस में बात करती हुई....

महक: “आजा सुधा यहाँ आके बैठ।“

सुधा उसके पास जाके पलंग पर बैठी और बोलती है, “हां बोल क्या बात है?”

महक; “वैसे तो तुजे सब पता है अब बोलने में क्या है जो है अब एक्शन ही होगा ना!” उसने सुधा को अपनी ओर खींचते हुए और उसके बोबले को थोडा पकड़ते हुए बोली।

सुधा: “अरे यार ये क्या कर रही हो! छोडो यह सब तुम जानती तो हो की मेरा बाप और नौकरानी की चुदाई देख-देख के मई कितनी चुदासी महसूस कर रही हु और तू है की खजाने पर हाथ रख के उस आग को भडका रही हो।

महक: “हां, तो क्या बुरा है इस आग को बढ़ने दे ना यहाँ कौनसा तेरा बाप आके तुजे रोकनेवाला है!”

वैसे महक ने सुबह से ही तय किया था की आज अपने भाई को एक नया ताज़ा माल देगी और उसके लिए उसे सुधा से बात कर के थोड़ी गरम कर के उसकी चूत को गीली कर के भाई के सामने पेश करना होगा। और उसके लिए ही वह आज उसके साथ बाते करके सुधा को अपने भाई के लिए तैयार करने में लगी हुई थी।
आप मैत्री और नीता की अनुवादित रचना पढ़ रहे है

सुधा:”हा बात तो सही है लेकिन क्या करू कुछ समज नहीं आता! एक तरफ लगता है की कोई लंड ले लू और दूसरी तरफ डर भी लगता है की कही कुछ ऐसा वैसा ना हो जाए जिस से मेरी और माँ-बाप की इज्जत पर लांछन ना लग जाए।

महक:”अब इतना सोचेगी तो कुछ होनेवाला नहीं है, चल छोड़ अब ऐसी बाते नहीं करते जिस से तुम्हारी इज्जत जाने का डर बना रहे।

सुधा को लगा की बात कुछ बिगड़ गई, तो उसने तुरंत जवाब दिया; “अरे ऐसा भी नहीं है की हम बात नहीं कर सकते, वैसे भी मैंने कहा ना मुझे चुदासी का अनुभव होता है पर डर भी लगता है, वैसे एक बात कहू कोई भरोसेमंद लड़का भी तो मिलना चाहिए।“

महक को लगा ली अब रेलगाड़ी पटरी पे आई है;”देख ऐसा है और तू तैयार है तो मई आने भाई से बात करके तेरा शील तोड़ने का प्रबंध कर सकती हु। लेकिन तेरी रजामंदी होनी जरुरी है आखिर मैं भी तो फिमेल हु और मुझे तेरी फिकर भी है। महक ने दाना डाला।

सुधा: ”तू तो मेरी सबसे अच्छी सहेली है अब तुज से कुछ छुपा नहीं है , पर क्या परम मेरे बारे में ऐसा सोचता होगा!”

महक: “अरे, सोचता क्या होगा! वह तो कब से तेरी आस लगाए बैठा हुआ है तुम्हे क्या पता मेरी डार्लिंग!”

धीरे-धीरे महक ने सुधा के पेड़ो को चौड़ा कर दिया और उसकी परी पर अपना हाथ रखते हुए बोली: “देख अगर तू तेरा शील मेरे भाई के लंड को गिफ्ट करेगी तो मैं भी कुछ सोचूंगी ना तेरे बाप के बारे में!”

“ओह्ह तो तू भी मेरे बाप के साथ......!” सुध ने महक का हाथ थोडा दबाते हुए कहा।

अब हमारी चूत है की लंड के हाथ मार खाने को तो फिर सोच्नेवाल्ली क्या बात है हम दोनों मिल के कुछ करेंगे. लेकिन अभी नहीं, अभी तो सिर्फ तू मेरे भाई के लंड को ठंडा कर और खुद भी चुदाई का मजा ले, बस सिर्फ तू चाहे तो!”

थोड़ी सोचने के बाद सुधा ने हामी भर दी लेकिन शर्त राखी के वह अकेली नहीं रहेगी और महक भी साथ रहे गी और कुछ साथ भी देगी। इसतरह दोनों की सम्मति हो गई और दोनों ने मुस्कुराते हुए अपने-अपने हाथ एकदुसरे के बोबले पे रख दिया। और महक ने बता भी दीया की वह और परम एकदूसरे के साथ सोते है और एक दुसरे के साथ खेल भी चुके है बस चुदाई नहीं हुई।

तभी परम ने रूम में एंट्री मारी....
बहुत ही गरमागरम कामुक और मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
 

Napster

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"भैया तुम भी मेरी चूत चाट-चाट कर चूत चोद ने के लिए ब्याकुल हो और सुधा भी रेनू को अपने बाप से रोज चुदवाते देख-देख कर लंड की दीवानी बन गई है। इसकी चूत भी लंड खाने के लिए तरस रही है। आ जाओ, साली को चोद-चोद कर पूरा मजा लो और दो, कुतिया की अभी तक सील भी नहीं टूटी है। एक दम कुंवारी है…समजे ना एकदम पेटी पेक माल है सभी जगह से! बस अपने चूत का टला खुलने की राह देख रही है। तुमने तो मेरी चूत को मसल-मसल कर और चाट-चाट कर फूला दिया है लेकिन इसकी चूत बिल्कुल कोरी है…। अपने इस मुसल चाबी से उसकी चूत का ताला खोलो और उसकी चूत के अन्दर अपने लोहे का सलिया डालो।”

महेक ने परम को अपने बिस्तर पर खींच लिया और उसको फटा-फट नंगा कर दिया। नंगा होते ही परम सुधा पर झपट पड़ा और उसका फ्रॉक और पैंटी उतार कर उसे भी नंगा कर दिया।

सुधा और महेक एक ही उम्र की थीं और शारीरिक बनावट भी लगभग एक जैसी थी। सुधा महेक की तरह गोरी तो नहीं थी लेकिन त्वचा पर चमक जरुर थी। उसके स्तन 34" आकार के थे और कूल्हे भी उसी आकार के थे। उसकी कमर पतली थी और जघन क्षेत्र बालों से भरा हुआ था। परम ने उसे बिस्तर पर सपाट लेटा दिया। उसने उसके प्रत्येक पैर को पकड़ लिया और जितना संभव हो उतना अलग कर दिया। पैरो के फैलते ही सुधा की चूत अपने आप बहार आके अपना मुह दिखाई देने लगी। उसकी जांघें पूरी तरह से विकसित हो गई हैं और सुंदरी की तरह मोटी नहीं हैं। परम ने सुधा की चूत पर अपने हाथ फेरे और चूत के होंठ और भगनासा को रगड़ा। महेक सुधा के पास बैठी थी और वह उसके बोब्लो को सहला रही थी। वह सुधा की चूत में लंड को घूमते और घुसते हुए देखने के लिए उत्सुक थी।

"भैया, माल (सुधा) पूरी गर्म है। चूत को चोदो और चूसो, सब से पहले साली को चुदाई का मजा दो, लंड चूत में पेल कर साली को एक मस्त औरत बना दो, चूत फाड़ डालो। मुझे चोदने के लिए तो रोज तैयार रहते हो और आज जब नंगी और अनछुई चूत सामने पड़ी है तो लंड छिपा रहा हो।” उसने अपने भाई का लंड हाथ में पकड़ा और अपने सहेली की चूत के सामने रख दिया। आप मैत्री और नीता की अनुवादित रचना पढ़ रहे है

परम कुंवारी चूत के छेद में प्रवेश करने के लिए तैयार ही था। सुबह उसने अपनी मां की पूरी तरह से चुदाई की थी और दोपहर के बाद परम ने रेखा की गांड मारी थी और करीब करीब चूत को चोद ही डाला था। यही सोचते-सोचते उसका जोश आया वह जोश उसके लंड पे चला गया और जोर से धक्का मारा।

“ओह माँ...ऊऊऊ ईईइ....म...आ...आआ....” सुधा चिल्लायी…”बाप रे बहुत दर्द करता है.... लंड बाहर निकालो…”

परम ने कस कर सुधा का कमर को जकड़ा और फिर जोर से धक्का मारा…”

सुधा को पसीना आने लगा। इस समय उसका मुंह और आंखें चौड़ी हो गईं थी, महेक ने सुधा के बोबे को बेरहमी से दबा दिया।। “चुदासी चिल्ला क्यों रही है।। अभी तक तो लौड़ा खाने के लिए मर रही थी और अब जब लौड़ा चूत में घुस रहा है तो बाप को याद कर रही है… तेरा बाप तो तुझे चोदेगा ही…” उसने परम की तरफ देखा और कहा भैया रुकना मत, साली की चूत फाड़ डालो…उसकी चूत को अब भोसड़ा बना दो।”

सुधा सचमुच दर्द में थी। उसे महसूस हुआ कि उसकी चूत से तरल पदार्थ की एक धारा उसकी जांघों तक बह रही है। उसने अपना हाथ वहाँ रखा और उसे देखा।

“बाप रे....मेरी चूत फाड़ डाला.... खून निकल रहा है… साला हरामी इतना ही चोदने का जोश है तो मेरे चूत से लंड निकाल कर अपनी बहन के चूत में डाल दो।। बहुत प्यार से चुदवाएगी… रोज तो चटवाती है आज लंड को चूत के अन्दर भी ले लेगी… मा....र डा....ला सा....ला… जा कर अपनी माँ को चोद ह....रा....मी... बाप रे बाप बहुत दर्द कर रहा है....नहीं चुदना है मुझे।
आप मैत्री और नीता की अनुवादित रचना पढ़ रहे है

अब तक पूरा लंड सुधा की चूत में जा चुका था और अब परम हल्के-हल्के धक्के लगा रहा था। अब सिल की परदी तो वह चूत में थी ही नहीं, और हलके धक्को से अब सुधा का दर्द भी कम होने लगा और जल्द ही उसने परम को अपनी बाहों में जकड़ लिया। "आआह्ह्ह.... राजा.... आह्ह्ह.... अच्छा लग रहा है!"

महेक ने सुधा के गालों पर चुटकी लेते हुए कहा, "साली, अभी तक तो बाप-बाप चिल्ला रही थी और अब पूरा लंड अंदर गपक गई है। मरवाले बापचोदी, चूत को ढीला कर ले, अपने बाप से चुदवाने के लिए। तेरा सिल मेरे भाई के लंड से टूटना था तो तूट गया।"

सुधा ने अपने कूल्हे उचकाए: ”मादरचोद तू क्यों बक-बक कर रही है…तुझे चुदाई का इतना दुख है तो चल अपने बाप के मोटे लंड से चुदवा दूंगी…। बहुत मजा आएगा हरामजादी…। लेगी ना मेरे बाप का लंड तेरी इस खुबसूरत चूत में!”


इतनी देर में महेक भी चुदासी होकर नंगी हो गई थी। परम सुधा की चूत को चोद रहा था और महेक के चूत को प्यार से देख कर सोच रहा था कि अब जल्दी से अपनी बहन की चूत भी चोदेगा…

बने रहिये
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजक अपडेट है मजा आ गया
 

Napster

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दो-दो चूत को देखते-देखते परम खूब जोर-जोर से सुधा के चूत में धक्का लगाने लगा। हर धक्के के साथ सुधा अपनी कमर उछालती थी और आह…ओह्ह…कह कर मजा ले रही थी। इधर महेक चूत के अंदर बाहर जाते अपने भैया के लंड को पकड़ कर सहला रही थीं और बीच-बीच में लंड के साथ सुधा के चूत में लंड के साथ अपनी उंगली घुसेड़ देती थीं। चुदाई करते करते परम और सुधा दोनो झड़ गए और महेक भी चुदाई देख कर पूरी गीली हो गयी, उसकी चूतसे उसके चुतरस उसकी झांग तक रिस ने लगा था। लंड ढीला होते ही चूत के बाहर निकल गया और महेक झट से परम के लंड को दोनों हाथों में लेकर रगड़ने लगी।

"इससे अभी फिर से गरम करूंगी"

“क्यों, अपनी चूत में लोगी क्या!” सुधा ने परम को जकड़े हुए कहा।

“नहीं, हरामजादी तेरी गांड मारवाऊंगी!” महेक ने जवाब दिया।

“अरे जब चूत दीया तो गांड भी मरवा लुंगी...उसमे कौन सी बड़ी बात है।”

परम उठ कर बारी-बारी से अपनी बहन और सुधा दोनो की चूत और निपल से खेलने लगा। दोनों की चूत को मसल रहा था और दोनों लड़कियाँ एक दूसरे के स्तनों मसल-मसल कर गरम हो रही थीं।

“भैया, मेरी भी चूत ठंडी कर दो।” महेक ने कहा।

परम ने सुधा को पकड़ कर अपनी बहन के टैंगो के बीच बैठा दिया और उसे महेक का चूत चाटने को कहा। सुधा ने पहले तो मना किया फिर परम ने जबरदस्त उसका माथा पकड़ कर बहन के चूत से सटा दिया। सुधा अपने बाप को नौकरानी रेनू का चूत चाटते कई बार देख चुकी थी। उसने होले-होले महेक की चूत पर जीभ चलाना शुरू किया। महेक के टांगो को पूरी तरह फेला कर क्लिट को चूसने लगी और साथ ही चूत में फिंगरिंग भी कर रही थी। सुधा को महेक का चूत चटाते देख कर परम का लंड फिर टन गया। वह सुधा के पीछे आया और लंड से उसके चुताद को रगड़ने लगा। धीरे धीरे परम ने सुधा के चूतड को फैलाया और लंड को सुधा के चूत में पेल दिया।

“आहहह…!फिर चोदोगे?” सुधा ने कहा।

“साली तू मेरी चूत चाटती रह,बहुत मजा आ रहा है।” कहते हुए महेक ने सुधा के सिर को अपनी चूत पर दबा दिया। परम का लंड सुधा के चूत में फचा-फच अंदर बाहर हो रहा था। परम खूब जोर-जोर से धक्का मार रहा और हर धक्के के साथ सुधा महेक के चूत को और जोर से चूसने लगती थी। महेक अपनी गोल-गोल बोबले मसलती हुई अपनी चूत चुसाई का मजा ले रही थी। तीनो मजा ले रहे थे। परम ने धक्का मारते-मारते सुधा के गांड में उंगली घुसा दी, सुधा ने अपनी गांड को ऊपर खीचा, लेकिन महेक ने सुधा के मुंह को अपनी चूत पर दबाए रखा। परम का लंड सुधा के चूत को ढीला कर रहा था और उसकी उंगली गांड के टाइट छेद में नीचे आ-जा रहा थी। उंगली निकाल कर परम ने चूत के रस में डुबकी लगाई और फिर गांड में घुसा दिया। इस तरह चूतरस में उंगली को गांड में पेलता रहा। गांड गीला होने लगा और दो उंगली आराम से गांड में घुस गई।
मैत्री और फनलव की अनुवादित रचना पढ़ रहे है

"महेक तेरी सहेली की गांड भी लंड खाने को तैयार हो गई है। साली की गांड भी मार दूं? " परम ने पूछा।

लेकिन महेक ने कहा कि आज खाली चूत का बाजा बजाएंगे अगली बार जब मिलेगी तो गांड मारना।


आप बताये की यह अपडेट कैसा लगा................
बडा ही मस्त लाजवाब और मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
 
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