शेठजी ने उस कमरे का दरवाजा खोला और अंदर से बंद कर लिया। सुंदरी को बिस्तर पर बैठा देखकर वह बहुत प्रसन्न हुए।
परम ने पैसे जेब में रखे और शेठजी के घर की ओर भागा। उसने पिछले दिन की तरह फिर से शेठजी की बेटी से भोग लगाने की सोची। वह शेठजी के घर में दाखिल हुआ और उसने देखा कि रेखा शेठानी और अन्य चार महिलाओं के साथ बैठी थी। वे बंडलों में से साड़ियाँ और अन्य कपड़े चुन रहे थे। परम को देखते ही रेखा के गांड में लपालप होने लगी और चूत गीली हो गई। बोब्लो में तनाव आ गया, रेखा का मन किया कि वही सबके सामने परम को अपना चूत चाटने को बोले।
इधर शेठानी की चूत भी चुदने के लिए फडफडाने लगी। शेठानी की चूत यह सोच कर ही अपना थोडा सा चूतरस को छोड़ दिया और लंड के आगमन के लिए अपने पैर थोड़े खोल दिए। लेकिन उन महिलाओं के सामने कुछ नहीं हो सकता था। परम भी सबके सामने रेखा या शेठानी को नहीं चोद सकता था। उसने शेठानी से पूछा “मालकिन आज कौन सा काम साफ कर दूं?”
शेठानी इशारा समझ गई और बोली, “बेटे आज इलाज वाला काम साफ कर दो। थोड़ी देर में मैं भी आती हूं…” फिर शेठानी ने रेखा की देख कर कहा, बेटी तू जाकर परम की मदद कर दे।”
“नहीं माँ, मुझे नींद आ रही है।” रेखा ने कहा और उठाकर नीचे चली गई। बहार बैठी औरतों को पता ही नहीं चला कि कौन किस काम के लिए गया। जब तक वो औरतें कुछ सोचती थी तब तक रेखा पूरी नंगी होकर बिस्तर पर पसर गई थी और परम उसकी चूत और गांड चाटने लगा था। बाहर औरतें साड़िया देखने और सिलेक्ट करने में ब्यस्त थे और रूम अंदर परम रेखा की गांड को कल जैसा ढीला कर रहा था। रेखा ने आज कल जैसा कोई नाटक नहीं किया। जब परम अन्दर आया उसने अपने आप ही अपने पैरो को फैला दिया और अपनी चूत को उजागर कर के परम को निमंत्रण दिया, उसकी चूत को चाट-चाट के ठंडा करे, और थोड़ी देर बाद उसने अपनी गांड पर एक ऊँगली रख के एक इशारा किया की उसकी गांड तेरे लंड से मार खाने के लिए तैयार है। परम भी इंतज़ार नहीं कर सकता था और उसका मुह तुरंत ही रेखा की चूत पे जा के चिपक गया और एक ऊँगली रेखा की गांड में चली गई। रेखा ने अपनी गांड को थोडा ढीला किया और गांड के होल में ऊँगली की प्रवेश को आसानी दे दी। आज रेखा ने जैमकार और खुश होकर अपनी गांड परम के लोडे को दे दिया और जैम कर अपनी गांड की मरामत करवा ली। उसकी गांड में परम का वीर्य से लबालब हो गई। रेखा गांड मरवा कर और चूत में कल दिन जैसा लंड रगड़वा कर बिल्कुल ठंडी हो गई थी और नंगे ही सोने की कोशिश करने लगी और सो भी गई।
बहार, औरतें साड़ी देख कर जाने की तैयारी में थी। परम कपडे पहन कर बाहर आया तो शेठानी ने उसे सबके लिए कोल्ड ड्रिंक बनाने को कहा। चारो औरतें ठंडा पी कर बाहर चली गईं और उनके जाते ही शेठानी ने अंदर से दरवाजा बंद कर परम को दबोच लिया।
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