Sach batao bhai log, agar story sahi chal rahi hai, aur aap sabko badhiya lag rahi hai to ise aage badhaau? Warna 4-5 update me nipta du?

Kyun ki ab agar aage badhaya to lagbhag 50-60 update aur ho jayenge,l

Kyuki iska plat kaafi bada hai fir, aap sabki kya raay hai?
kamdev99008 ,
dhalchandarun
SANJU ( V. R. ) avsji
Dhakad boy ,
parkas
Ajju Landwalia Seen@12
sunoanuj and all my readers
राज भाई साहब - मानता हूँ कि एक समय आता है जब लेखक को अपनी ही कहानी से ऊब होने लगती है।
कई कारण हैं इस बात के - श्रम, समय, शोध, और चिंतन! ऊपर से अपना रोज़गार, परिवार, अन्य दैनिक क्रियाएँ! लेकिन ऊब कर कहानी को जल्दी निबटाना कोई सही काम नहीं है। आप आराम से लिखें, अपने मन मुताबिक - अपने संतोष मुताबिक - लिखें!
यहाँ अधिकतर पाठक (मैं भी उन्ही में हूँ) वो सोच ही नहीं सकते जैसा आप लिख रहे हैं। इसलिए कहानी के बारे में उनकी राय लेना अनावश्यक है।
सुप्रीम के सफ़र में हम आपके साथ हैं। जल्दी ही आपकी कहानी के साथ चलने लगूँगा।