(UPDATE-39)
फिर वो शॅक्स जो इन दोनों के तरफ अपना पीठ करके खड़ा था वो शॅक्स पीछे पलट था है और कुछ कदम आगे बढ़ता है जिस से उसके चेहरे पे चाँद की रोशनी पड़ती है , और जब रुद्रा और सुनहेरी की नज़र उस शॅक्स के चेहरे के ऊपर पड़ती है तो दोनों के शरीर डर और खौफ में मारे कांप उठते हैं , दोनों के मुंह से सिर्फ़ एक ही नाम निकलता है और वो नाम था – ईविल प्रिन्स अग्नि अग्नि और उसकी शैतानी फौज निकल चुकी थी जहन्नुम के सफ़र पर , सम्राट के कुछ आदमी जादूगर जोरबार को डर्कलॉर्ड के चंगुल से छुड़ाने के लिए और इसी सफ़र पर चलते हुए अग्नि और उसकी फौज रात होने के कारण एक जुंगेल में ईश्वक़्त पढ़ाव डाले हुए थे
रात काफी होचुकी थी इसलिए अग्नि की फौज के ज्यादातर योढ़ा सो चुके थे लेकिन अग्नि के आँखों से नींद कोषो दूर थी इसलिए अग्नि ईश्वक़्त उस जंगल में अकेला टहल रहा था की तभी अचानक से कोई आकर अग्नि के पीठ से टक्रजता है
और जब अग्नि पीछे पलट था है तो देखता है की दो शॅक्स उस से टकराके ज़मीन पे पड़े हुए हैं , एक लड़का और एक लड़की और ये दोनों कोई और नहीं रुद्रा और सुनहेरी थे और दोनों पूरी तरह से डरे हुए थे उन्न में से सुनहेरी अग्नि को कहती है
सुनहेरी – प्लीज़ हमारी मदद कीजिए हमारे पीछे दो चुड़ैल पड़ी हुई हैं और वो हमें मारना चाहती हैं प्लीज़ हमारी मदद कीजिए वरना वो हम दोनों को मर डालेंगी
फिर अग्नि अपने कुछ कदम आगे बढ़ता है जिस से अग्नि अंधेरे से निकल के चाँद की रोशनी में आता है और अग्नि का चेहरा उन्न दोनों को रुद्रा और सुनहेरी को दिखाई देता है जिसे देख वो दोनों और भी डर जाते हैं और उन्न दोनों को डरता हुआ देख अग्नि उनसे कहता है
अग्नि – घबरा मत कुछ नहीं होगा तुम दोनों को , ये चुड़ैल तुम्हारा कुछ भी बिगड़ नहीं सकती जब तक में तुम दोनों के पास हूँ , ये बोलकर अग्नि रुद्रा और सुनहेरी के आगे खड़ा हो जाता है
उठने ही देर में दूसतीनी और रुसतीनी इन सबके पास अपहुँचते हैं और आते ही रुसतीनी अग्नि के ऊपर दहाड़ती है
रुसतीनी – ओये लड़के कौन है भी तू चल क़त्ले इन दोनों के सामने से वरना बेकार में ही मारा जाएगा समझा
ये सुन अग्नि हस्सने लगता है और फिर ज़ोर ज़ोर से हस्सने लगता अपने पेट को पकड़कर ये सब देख वहाँ मौजूद दूसतीनी और रुसतीनी अपने मुंह फाड़े एक दूसरे को देखने लगते हैं और अग्नि को बारे बारे आँखों से देखने लगते हैं
अग्नि – बहुत अच्छा मज़ाक था मेरी प्यारी चुड़ेलों , मान ना पड़ेगा तुम दोनों को काफिई अच्छा मज़ाक करलेटे हो
ये सुन दूसतीनी और रुसतीनी बहुत ज्यादा भड़क जाती हैं और ये सब रुद्रा और सुनहेरी भी काफिई हैरानी के साथ देख रहे थे
रुसतीनी – लड़के तूने हमारा मज़ाक उड़के बहुत बड़ी गलती किया है अब तुझे इसकी सजा भुगतनी ही पड़ेगी , में तुझे मौत दूँगी मौत तैयार होज़ा लड़के
अग्नि – हम तो मौत के इंतजार करते करते तक चुके हैं लेकिन मौत है की हमें लेती ही नहीं, न जाने कितनों ने हमें मौत की नींद सुलानी चाही लेकिन वो खुद ही मौत को प्यारे हो गये , चलो कोई बात नहीं चुड़ैल आंटी आप भी कोशिश करके देखलो
अग्नि के मुंह से ऐशी बातें सुन दूसतीनी और रुसतीनी बहुत गुस्से में आजाते हैं और अपनी जादुई चड्डी निकल लेती हैं और उस जादुई चड्डी के मदद से दोनों अग्नि के ऊपर हमला बोल देती हैं , दूसतीनी जादुई चड्डी के मदद से अग्नि के ऊपर खंजर और तलवारों की बरसात करने लगती है वहीं रुसतीनी अपनी जादुई चड्डी के मदद से अग्नि के ऊपर बिजलियों की बरसात करने लगती हैं कुछ देर तक
कुछ देर बाद दोनों चुड़ैल बहने अपनी अपनी हमले को रोकती हैं और सामने देखने लगती हैं सामने सिर्फ़ धुआँ ही धुआँ था बिजलियाँ गिरने के कारण , सामने से कोई भी आवाज़ नहीं आ रही थी इसलिए दोनों बहने समझती हैं वो लड़का मारा गया इसलिए दोनों बहने ज़ोर ज़ोर से हस्सने लगती हैं
लेकिन तभी वहाँ से धुआँ हटने लगता है और जब धुआँ पूरा हटजता है तो वहाँ का नज़ारा देख दूसतीनी और रुसतीनी दोनों अपने मुंह फाड़े पागलों की तरह सामने देखने लगती हैं क्योंकि अग्नि सही सलामत उनके सामने खड़ा था और मुस्करा रहा था उसे एक खरॉच भी नहीं आई थी
अग्नि – क्या हुआ चुड़ैल आंटी लगता है आप की सकतियों की हवा निकल गयी इसलिए मुझे कुछ नहीं हुआ चलो कोई बात नहीं एक और चान्स देता हूँ आप दोनों को मुझे मर दो अगर दूसरी बार भी नाकाम रहे तो फिर मेरी बड़ी आएगी तुम दोनों को अपनी शक्ति दिखाने की
फिर कुछ देर तक दूसतीनी और रुसतीनी अग्नि को देखते रहते हैं फिर दोनों अपनी अपनी जादुई चड्डी उठती हैं और फिरसे अग्नि के ऊपर तन देती हैं इसे बार उनका हमला होता है आग से , दोनों चुड़ैल बहने अग्नि के ऊपर अपनी जादुई चड्डी के मदद से आग से हमला करने लगते हैं बहुत देर तक लेकिन उनका ये हमला भी नाकाम रहता है
उसके बाद दोनों बहने अपनी जादुई चड्डी के मदद से और भी बहुत से हमले करते हैं लेकिन उन्न दोनों के सारे वार बेकार जाते हैं , अपने सारे वार इसे तरह बेकार जाता देख दोनों के होश उड़ चुके थे वो दोनों बहने समझ चुके थे की ये जो उनके सामने खड़ा है कोई मामूली शॅक्स नहीं है
अब अग्नि इन दोनों बहनों की तरफ धीरे धीरे बढ़ने लगता है और कुछ ही सेकेंड’से में अग्नि उन्न दोनों बहनों के सामने पहुँच जाता है और अग्नि को सामने देख दोनों के चेहरे का रंग पूरी तरह से उड़ जाता है और दोनों के मुंह से घबराते हुए एक ही बात निकलती है , कौन हो तुम,,,,,,,,,,
अग्नि – (गुस्से में ) में वो हूँ जिसका नाम सुनकर पूरी मायवी दुनिया कांप उत्टीई है , में वो हूँ जिस से टकराने से पहले ऊपरवाला भी हज़ारों बार सोचता है की मेरा सामना करे या नहीं , में इन अंधेरी और शैतानी दुनिया का मल्लिक हूँ और मुझे पूरी दुनिया पूरी काईनात ईविल प्रिन्स अग्नि के नाम से जानती है , इतना कहते ही वहाँ आश्मन में बिजलियाँ कड़कड़ने लगती हैं , क्योंकि अग्नि ये सब बहुत गुस्से में कह रहा था और मौसम भी अग्नि के साथ था
अग्नि का असलियत जानके दोनों चुड़ैल बहने काफिई डर चुकी थी वो दोनों वहीं खड़े खड़े काँपने लगती हैं , फिर अग्नि रुसतीनी के गर्दन को पकड़ लेता है और ऊपर उठा देता है
अग्नि – में खुद ही आग हूँ और आग को आग से जलाया नहीं जाता चुड़ैल आंटी , अब मेरी बड़ी है अपनी शक्तियों को दिखाने की
रुसतीनी अग्नि के हाथों में पड़ी छटपटा रही थी लेकिन अग्नि उसे चोदने के वजह और ज़ोर से उसकी गर्दन पकड़ता है और फिर अग्नि अपनी आँखें बंद करदेता है फिर अग्नि अपनी आँख खोलता है और चिल्लाता है , हाईईईईईईईईईईईईईईईई
और इसी चिल्लाहट के साथ अग्नि का खतरनाक रूप भी सबके सामने आ जाता है , अग्नि के पूरे शरीर से आग निकलनी लगती है , आग की बड़ी बड़ी लपटें अग्नि के शरीर से निकालने लगती हैं और ईश्वक़्त सही माएनए में अग्नि अग्नि था यानि की आग का बवंडर था और उस आग के लपटों में चुड़ैल रुसतीनी भी आ जाती है और उसका शरीर जलने लगता है
रुसतीनी छटपटाने लगती है वो चिल्लाना चाहती है लेकिन चिल्ला नहीं पति क्योंकि अग्नि ने उसके गर्दन को काश के पकड़ रखा था और रुसतीनी की ये हालत देख चुड़ैल दूसतीनी अपनी बहन को वहीं छोड़कर वहाँ से फौरन भाग जाती है , कुछ ही मिनट’से में रुसतीनी जल्के रख बनजाति है और रुसतीनी के रख बनते ही अग्नि फिरसे नॉर्मल होनेलगता है उसके शरीर से आग की लपटें धीरे धीरे गायब होजती है
रुद्रा और सुनहेरी अभी भी उस जागार से थोड़ी दूरी पे खड़े ये सब देख रहे थे और ईश्वक़्त उनका मुंह पूरा का पूरा खुला हुआ था उनको तो जैसे यकीन ही नहीं हो रहा था की ये सब क्या हो रहा है , रुसतीनी को खत्म करके अग्नि चारों तरफ देखता है लेकिन दूसतीनी को कहीं भी नहीं पता वो समझ जाता है की दूसतीनी भाग गयी है इसलिए अग्नि रुद्रा और सुनहेरी के तरफ चल देता है और उनके पास पहुँच के रुद्रा से कहता है
अग्नि – रुद्रा तुम इसे मायवी दुनिया में क्या कर रहे हो और ये लड़की कौन है तुम्हारे साथ और ये दोनों चुड़ैल तुम्हारे पीछे क्यों पड़े थे
______ लधाई की आवाज़ सुनकर अग्नि के फौज का सेनापति जब्बार और उसके कुछ साथी यहाँ तक अचुके थे और ईश्वक़्त अग्नि के पास ही खड़े थे और अग्नि से पूछ रहे थे की मलिक क्या हुआ लेकिन अग्नि उनका सवाल का जवाब दिए बिना रुद्रा और सुनहेरी के पास जाता है और
अग्नि – रुद्रा तुम इसे मायवी दुनिया में क्या कर रहे हो और ये लड़की कौन है तुम्हारे साथ और ये दोनों चुड़ैल तुम्हारे पीछे क्यों पड़े थे
रुद्रा – आप को मेरा नाम केशे पता , क्या आप मुझे जानते हैं (रुद्रा परेशान सा होते हुए अग्नि से कहता है)
अग्नि – साले क्या तू मुझे भूल गया पहचान नहीं परहा है मुझे , में अग्नि हूँ तेरा दोस्त कमीने , ये सुन रुद्रा अग्नि को घूरने लगता है कुछ देर तक और फिर रुद्रा सीधे जाकर अग्नि के गले लग जाता है
रुद्रा – अग्नि मेरे दोस्त मेरे भाई तू यहाँ पे कब आया और ये ईविल प्रिन्स का क्या लाफद है यार , और अपने चांगू माँगूँ यानि की देव और जागु केशे हैं और कहाँ है और सबसे बड़ी बात जहाँ केशी है
रुद्रा एक साथ बहुत सारे सवाल पूछ बैठ था है अग्नि से और इधर वहाँ मौजूद सभी यानि की सुनहेरी , जब्बार और जब्बार के कुछ साथी मुंह फाड़े इनके तरफ ही देख रहे थे
सुनहेरी – रुद्रा क्या तुम इन्हें जानते हो ?
रुद्रा – सुनहेरी ये अग्नि है मेरा बहुत अच्छा दोस्त , कुछ सालों पहले अग्नि अपने दोस्तों के साथ कालेज के स्टडी टूर पे शिमला आया था और शिमला के पास ही हमारा गाँव है सरहादपुरा , हमारे गाँव में कुछ कहीं भी ना मिलने वाले पेड़ फूल और पौधे मौजुट हैं जिन्हें देखने के लिए इनकी कालेज के सभी स्टूडेंट’से आए थे हमारे गाँव में , उशिवक़्त में अग्नि से मिला था और अगले कुछ ही दीनों में हम दोनों बहुत ही गहरे दोस्त बन बैठे थे , ये सब सुनहेरी को बताने के बाद रुद्रा अग्नि के तरफ मुड़ता है और
रुद्रा – अग्नि यार तूने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया की अपने देव और जागु केशे हैं और जहाँ कहाँ पे है और तू ईविल प्रिन्स केशे बन गया
जहाँ का नाम सुनकर अग्नि के आँखों से आस्यू आजाते हैं और अग्नि के आँखों में आस्यू देख रुद्रा के चेहरे से हँसी गायब होजती है जो अग्नि से मिलने के कारण थी
रुद्रा – क्या हुआ अग्नि मैंने कुछ गलत कह दिया क्या , सब ठीक तो है ना
अग्नि – (अपने आँखों से आस्यू पोछते हुए) नहीं भाई कुछ भी ठीक नहीं है जहाँ अब इसे दुनिया में नहीं रही , ये बात सुनकर रुद्रा के चेहरे का रंग उद्जाता है वो आँखें फाड़े अग्नि की तरफ देखता है और
रुद्रा – क्य्ाआआआअ पर ये सब कब और केशे हुआ अग्नि
अग्नि – जिस दिन में तुझसे आखिरी वार मिला था उसके अगले दो दीनों में ही ये सब हुआ था और फिर अग्नि रुद्रा को जहाँ की मौत केशे हुई सब कुछ बताने लगता है एक एक करके सब कुछ , सारी बातें बताने के बाद अग्नि चुप हो जाता है ईश्वक़्त अग्नि के आँखों के साथ साथ रुद्रा और सुनहेरी के आँखों से भी आस्यू बह रहे थे जहाँ की कहानी सुनकर
फिर रुद्रा आगे बढ़ता है और अग्नि को गले लगलेटा है और कहता है