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(UPDATE-33)
जागु – आबे साले कुत्ते तुझे मेरे सर से बहराहा खून रंग दिखाई देता है साले तेरा ऊपर फेंका हुआ पठार ने मेरे सर को फोड़ दिया और तू साले कह रहा है मेरे ऊपर रंग गिरा है रुक्क साले अभी तुझे बताता हूँ ,ये बोलकर जागु उसी पठार को नीचे से उठता है जिस से उसका सर फटा था , और ये देख देव वहाँ से भागने लगता है
जागु – आबे रुक साले भाग कहाँ रहा है कुत्ते अभी तुझे बताता हूँ खून और रंग में क्या फर्क होता है , ये बोलकर जागु उस पठार को भागते हुए देव के तरफ फेंक के मरता है और आगे भाग रहा देव ये देख लेता है और साइड में हॅट जाता है और दूसरी तरफ भागजता है
देव के सामने से हटने के कारण देव तो बच जाता है लेकिन उस पठार का शिकार और कोई बनजता है वो पठार देव के बदले सामने से साइकिल पे अरहे एक मोटे से लड़के के सर पे लगता है और वो साइकिल समेट नीचे गिरजता है उसका भी सर फॅट जाता है
और ये नज़ारा देख राज़ मिलन और जागु तीनों मुंह फाड़े रहजाते हैं
जागु – आबे यार ये क्या हो गया मैंने इसे बेचारे लड़के का सर फोड़ दिया
राज़ & मिलन – आबे ये तूने क्या किया भी जागु तूने इसे बेचारे लड़के का सर फोड़ दिया
जागु – आबे मैंने तो देव के तरफ ही पठार फेंका था लेकिन वो साला साइड में हाथ गया और वो पठार इसे लड़के को लगा , इधर वो लड़का जिसका सर फटा था जागु के फेंके गये पठार से वो नीचे ज़मीन से उठता है और
मोटा लड़का – आबे कौन है साला वो कुत्ता कमीना जिसने मुझे पठार से मारकर मेरा सर फोड़ा भी , उस स्टॉल के पास खड़ा एक और लड़का जागु के तरफ इशारा करके उस मोटे लड़के को बता देता है की जागु ने ही वो पठार फेंका है , फिर वो मोटा लड़का गुस्से में नीचे पड़े अपने साइकिल को उठता है और जागु के ऊपर ही फेंक देता है , उस स्टॉल में खड़े बहुत सारे लोग इसे बात का मजा ले रहे थे यहाँ तक की वो वो स्टॉल वाला दुकानदार भी बारे मजे से इसे बकया का मजा उठा रहा था
जब जागु साइकिल को अपने तरफ आता देखता है तो वो सामने से कूद जाता है और जागु के सामने से हटने से वो साइकिल सीधा जाकर उसी ब्रकफ़स्ट स्टॉल के अंदर घुस जाता है और उस स्टॉल का सारा समान इधर उधर जाकर गिरता है ये झगड़ा यहीं पे नहीं रुकता है उस स्टॉल का मलिक जो साइकिल दुकान के अंदर घुसने से पहले ही बाहर कुदड गया था वो अब गुस्से में अचुका था
मिलन – आबे यारो ये हमारे वजह से यहाँ क्या हो रहा है भी यहाँ तो दंगा होने लगा है अब तो ये साला दुकानदार भी गुस्से में लगता है बेटा भागलो भी , वो दुकानदार गुस्से में जागु से कहता है – आबे साले तेरे वजह से मेरे दुकान की ये हालत हो गयी भी में तुझे नहीं चोदूंगा , ये बोलकर वो दुकानदार गुस्से में अपने दुकान के चूल्हे पे चढ़ाया हुआ कढ़ाई उथलेटा है उस कढ़ाई में अभी भी गरमा गर्म तेल थे वो दुकानदार उसमें भाजिया जो तलराहा था ईश्वजह से वो तेल बहुत ज्यादा गर्म था
वो दुकानदार गुस्से में उस कढ़ाई को अपने हाथ में लिए वो सारे तेल जागु के तरफ ही फेंकडेता है लेकिन जागु इसे से बचने के लिए फिरसे सामने से कूड्जाता है इसे से जागु तो बाचहजाता है लेकिन वो सारे तेल सामने से अरहे कुछ लोगों पे जाकर गिरती है और वो लोग चटपटाते हुए गिरने लगते हैं
जिन लोगों के ऊपर अभी अभी तेल गिरा था उनके हाथ में घास्सलेट की बोतलें थी शायद वो किसको देने के लिए जा रहे थे की तभी उनके ऊपर तेल गिरने से वो घास्सलेट के सारे बॉटल उनके हाथ से चुत के उसी ब्रेकफास्ट स्टॉल में जा घुसते हैं और सारे बोतलें जाकर गिरती हैं चूल्हे के ऊपर जहाँ पे अभी भी आग लगी हुई थी फिर क्या होना था , आग के ऊपर घास्सलेट गिरने से वहाँ एक विस्पोट सा होता हां बूंमम्मममममममममम
और इसे विस्पोट से उस ब्रेकफास्ट स्टॉल की चिथड़े उड़ जाते हैं उस स्टॉल के पास मौजूद सभी लोग इधर उधर भागने लगते हैं जागु मिलन और राज़ भी भागने लगते हैं लेकिन इनकी किस्मत ही खराब थी क्योंकि ये ज्यादा दूर भागे भी नहीं थे की पुलिस इन्हें पकड़ लेती है
किसने पुलिस को फोन करके यहाँ होरहे झगड़े के बारे में बता दिया था और यहाँ पे वही स्प आया था जिसने इन सबको पिछले रात को ढाबे पे अरेस्ट किया था , वो स्प इन्हें फिरसे पकड़ लेता है दंगा भड़काने के जुर्म मेराज़ , जागु , मिलन को पुलिस पकड़कर पुलिस वन में दलदेटी है और वहीं खड़ा स्प उस जगह के चारों तरफ नज़र दौड़ने लगता है , स्प को यूँ चारों तरफ देखता हुआ देख एक हवलदार कहता है
हवलदार – सर क्या देख रहे हैं , सबको पकड़ लिया है
स्प – नहीं सबको कहाँ पकड़ा है एक तो यहाँ है ही नहीं वो साला असली कमीना जिसने मेरा चेहरा जलाया था वो तो यहाँ है ही नहीं मुझे पूरा यकीन है ये सब किया धारा उसी का होगा
इधर स्प उस हवलदार के साथ खड़ा होकर देव के बारे में बात कर रहा था वहीं देव उस जगह से थोड़े दूरी पे चुपके ये सब नज़ारा देख रहा था और जैसे ही स्प अपने पुलिस वन में बैठ के वहाँ से निकला वो भी राज़ के घर के तरफ निकल पड़ा
अगले कुछ मिनट में राज़ जागु और मिलन फिरसे वहीं पहुँच चुके थे जहाँ पे वो सब पिछली रात थे यनेकिी जेल के अंदर और उनके बगल वाले सेल में अनिल और उसके दोस्त अभी तक मौजूद थे बस फर्क सिर्फ़ इतना था की अनिल और उसके दोस्तों का नक्शा ही बदल चुका था और नक्शा बदलने वाला कोई और नहीं स्प ही था
जब राज़ के पापा ने इन सबको चुड़के ले गये तो स्प का सारा का सारा गुस्सा अनिल और उसके दोस्तों के ऊपर पड़ा , स्प ने सबको मर मर के लाल कर दिया था स्प के मर से अनिल और उसके दोस्तों के सर से लेकर पांव तक सब सूझ गया था वो लोग ठीक से खड़े भी नहीं होपराहे थे , जब इंसबकी सकल राज़ मिलन और जागु देखते हैं तो उनकी हँसी चुत जाती है
मिलन – क्यूंबे लाउडन तुम लोग कल रात से यहीं हो क्या और तुम्हारी ये हालत किसने कर दिया
अनिल – साले कमीने हमारी हालत पे हशता है , सालों हमारी ये हालत तुम लोगों के वजह से हुआ कामीणों , तुम लोगों ने उस स्प का चेहरा जलाया और तुम सबको तुम्हारे बाप ने आसानी से निकल के लेगया इसे लिए स्प का सारा गुस्सा हमारे ऊपर पड़ा , उस साले कमीने स्प ने रात भर मारा भी मर मर भी आगे से लेकर पीछे तक सब सूझा दिया अब तो ठीक से बैठा भी नहीं जाता अगर बैठ गये तो उठा भी नहीं जाता , उमाआ मर गया रे , सालों तुम लोगों को किडडे पड़े सालों तुम लोग कुत्तों की मौत मरो भी
अनिल और उसके दोस्तों की ये हालत देख राज़ जागु और मिलन पेट पकड़कर हस्सने लगते हैं और उनका मज़ाक उड़ाने लगते हैं की तभी वहाँ पे स्प अपहुँचता है और स्प को देख सबकी हँसी गायब होजती है
स्प – हस्सो हस्सो तुम सब रुक क्यों गये मेरे लदलों और ज़ोर से हस्सो , लेकिन सुन लो तुम सबकी भी हालत इन सबकी तरह होनेवाली है कुछ देर में , में कुछ भी भुला नहीं हूँ कल का सारा बदला में अब तुम सबके ऊपर उतरूँगा और ईश्वर तुम्हारा बाप भी तुम्हें बच्चा नहीं पाएगा क्योंकि तुम्हारे ऊपर दंगा भड़काने का केस लगाया है मैंने अब तो तुम सब गये
और फिर स्प हवलदार को इन तीनों को उस 3र्ड डिग्री रूम में लाने को कहता है और फिर हवलदार इन सबको एक एक करके उस रूम में लेकर जाता है और इन सबको उस रूम में जाता देख अनिल और उसके सारे दोस्त बहुत ज्यादा खुश थे और ईश्वक़्त वो सब हंस रहे थे
ईश्वक़्त राज़ जागु और मिलन 3र्ड डिग्री रूम में खड़े थे और ये तीनों बहुत डरे हुए थे , इसे रूम में ज्यादा कुछ था नहीं इसे रूम में एक टेबल और दो कुर्शियाँ पड़ी थी ठीक टेबल के ऊपर एक 200 पावर का बल्ब जल रहा था और इसे रूम के सारे खिड़कियाँ ईश्वक़्त बंद थी और स्प उन्न दोनों कुर्सी मेशे एक कुर्सी पे बेत्के इन सबको देख मुस्करा रहा था
स्प – मेरे लड़लो तुम सबको तो बहुत भूख लग रही होगी सुबह नाश्ता जो ठीक से नहीं किया क्यों , क्यों सही कहा ना
मिलन – हाँ सर आप ने सही कहा बहुत भूख लग रही है कुछ नाश्ता पानी करवाईए ना सुबह से कुछ भी नहीं खाया है
स्प – अरे हाँ हाँ जरूर बेटा क्यों नहीं जरूर खिलाएँगे , तो तुम सब क्या खाना पसंद करोगे , लात घुसा थप्पड़ मुक्का
मिलन – बस बस सर रहने दीजिए नाम सुनकर ही हमारा पेट भर गया क्यों दोस्तों
जागु & राज़ – हाँ सर नाम सुनकर ही हमारा पेट भार्गया है अब और भूख नहीं लग रही है
स्प – अच्छा शा क्या लेकिन क्या करे खाना तो तुम लोगों को खाना ही पड़ेगा वो क्या है ना हम मेहमानों की खातिर डरी बहुत अच्छे से करते हैं और शुरूआत तुमसे करते हैं , ये बोलकर स्प जागु के तरफ इशारा करदेता है
फिर क्या दो हवलदार जागु को ज़बरदस्ती उस टेबल पे लिटा देते हैं और स्प एक हाथ में बड़ा सा डंडा लिए उसपर तेल मालिश करने लगता है , इधर ये सब देख राज़ और मिलन की बोलती बंद होचुकी थी वहीं जागु मर पड़ने से पहले ही चिल्लाने लगा था , मार्गया रे बचाओ मार्गया रे मुझे बचाओ
ये सब नज़ारा देख वहाँ पे स्प और वो दोनों हवलदार हस्सने लगते हैं फिर जैसे ही वो स्प जागु के तरफ बढ़ता है डंडे को हाथ में लिए बाहर से एक हवलदार आता है और स्प को कहता है सर बाहर द.सी.पे(डेप्युटी कमिशनर ऑफ पुलिस) सर आए हैं , द.सी.पे का नाम सुनते ही स्प और वो दोनों हवलदार फौरन बाहर निकल जाते हैं और यहाँ जागु राहत की सांस लेता है
जब स्प बाहर आता है तो देखता है सामने द.सी.पे खड़ा है और उसके साथ राज़ के पापा और वर्षा के पापा यानि की दिग्बिजय सिंग ठाकुर और एक वॅकिल और इन सबके साथ देव भी खड़ा था इन सबको साथ में देख स्प थोड़ा सा हड़बड़ा जाता है
स्प – सर आप यहाँ पे मुझे बुला लिया होता में आप के ऑफिस में चला आता , स्प ये बात कमिशनर को कहता है
कमिशनर – आप ने जिनको आज सुबह झगड़े के जुर्म में अरेस्ट किया है उनमें से एक मिस्टर , दिग्बिजय सिंग ठाकुर के होनेवाले दामाद हैं इसलिए उन्हें फौरन छोड़िए
स्प – ई आम सॉरी सर पर केस बन चुका है और केस दंगा भड़काने का है इसे लिए में उन्न सबको नहीं चोद सकता
कमिशनर – स्प आप भूल रहे हैं ईश्वक़्त आप के सामने कौन खड़ा है इसलिए चुप चाप आर्डर मनके उन्न सबको रेअलएसए कार्दिजिए वरना अच्छा नहीं होगा , ये सब कमिशनर गुस्से में स्प को कहता है कमिशनर के इतना बोलते ही स्प भी भड़क जाता है और वो भी गुस्से में कमिशनर को कहता है
जागु – आबे साले कुत्ते तुझे मेरे सर से बहराहा खून रंग दिखाई देता है साले तेरा ऊपर फेंका हुआ पठार ने मेरे सर को फोड़ दिया और तू साले कह रहा है मेरे ऊपर रंग गिरा है रुक्क साले अभी तुझे बताता हूँ ,ये बोलकर जागु उसी पठार को नीचे से उठता है जिस से उसका सर फटा था , और ये देख देव वहाँ से भागने लगता है
जागु – आबे रुक साले भाग कहाँ रहा है कुत्ते अभी तुझे बताता हूँ खून और रंग में क्या फर्क होता है , ये बोलकर जागु उस पठार को भागते हुए देव के तरफ फेंक के मरता है और आगे भाग रहा देव ये देख लेता है और साइड में हॅट जाता है और दूसरी तरफ भागजता है
देव के सामने से हटने के कारण देव तो बच जाता है लेकिन उस पठार का शिकार और कोई बनजता है वो पठार देव के बदले सामने से साइकिल पे अरहे एक मोटे से लड़के के सर पे लगता है और वो साइकिल समेट नीचे गिरजता है उसका भी सर फॅट जाता है
और ये नज़ारा देख राज़ मिलन और जागु तीनों मुंह फाड़े रहजाते हैं
जागु – आबे यार ये क्या हो गया मैंने इसे बेचारे लड़के का सर फोड़ दिया
राज़ & मिलन – आबे ये तूने क्या किया भी जागु तूने इसे बेचारे लड़के का सर फोड़ दिया
जागु – आबे मैंने तो देव के तरफ ही पठार फेंका था लेकिन वो साला साइड में हाथ गया और वो पठार इसे लड़के को लगा , इधर वो लड़का जिसका सर फटा था जागु के फेंके गये पठार से वो नीचे ज़मीन से उठता है और
मोटा लड़का – आबे कौन है साला वो कुत्ता कमीना जिसने मुझे पठार से मारकर मेरा सर फोड़ा भी , उस स्टॉल के पास खड़ा एक और लड़का जागु के तरफ इशारा करके उस मोटे लड़के को बता देता है की जागु ने ही वो पठार फेंका है , फिर वो मोटा लड़का गुस्से में नीचे पड़े अपने साइकिल को उठता है और जागु के ऊपर ही फेंक देता है , उस स्टॉल में खड़े बहुत सारे लोग इसे बात का मजा ले रहे थे यहाँ तक की वो वो स्टॉल वाला दुकानदार भी बारे मजे से इसे बकया का मजा उठा रहा था
जब जागु साइकिल को अपने तरफ आता देखता है तो वो सामने से कूद जाता है और जागु के सामने से हटने से वो साइकिल सीधा जाकर उसी ब्रकफ़स्ट स्टॉल के अंदर घुस जाता है और उस स्टॉल का सारा समान इधर उधर जाकर गिरता है ये झगड़ा यहीं पे नहीं रुकता है उस स्टॉल का मलिक जो साइकिल दुकान के अंदर घुसने से पहले ही बाहर कुदड गया था वो अब गुस्से में अचुका था
मिलन – आबे यारो ये हमारे वजह से यहाँ क्या हो रहा है भी यहाँ तो दंगा होने लगा है अब तो ये साला दुकानदार भी गुस्से में लगता है बेटा भागलो भी , वो दुकानदार गुस्से में जागु से कहता है – आबे साले तेरे वजह से मेरे दुकान की ये हालत हो गयी भी में तुझे नहीं चोदूंगा , ये बोलकर वो दुकानदार गुस्से में अपने दुकान के चूल्हे पे चढ़ाया हुआ कढ़ाई उथलेटा है उस कढ़ाई में अभी भी गरमा गर्म तेल थे वो दुकानदार उसमें भाजिया जो तलराहा था ईश्वजह से वो तेल बहुत ज्यादा गर्म था
वो दुकानदार गुस्से में उस कढ़ाई को अपने हाथ में लिए वो सारे तेल जागु के तरफ ही फेंकडेता है लेकिन जागु इसे से बचने के लिए फिरसे सामने से कूड्जाता है इसे से जागु तो बाचहजाता है लेकिन वो सारे तेल सामने से अरहे कुछ लोगों पे जाकर गिरती है और वो लोग चटपटाते हुए गिरने लगते हैं
जिन लोगों के ऊपर अभी अभी तेल गिरा था उनके हाथ में घास्सलेट की बोतलें थी शायद वो किसको देने के लिए जा रहे थे की तभी उनके ऊपर तेल गिरने से वो घास्सलेट के सारे बॉटल उनके हाथ से चुत के उसी ब्रेकफास्ट स्टॉल में जा घुसते हैं और सारे बोतलें जाकर गिरती हैं चूल्हे के ऊपर जहाँ पे अभी भी आग लगी हुई थी फिर क्या होना था , आग के ऊपर घास्सलेट गिरने से वहाँ एक विस्पोट सा होता हां बूंमम्मममममममममम
और इसे विस्पोट से उस ब्रेकफास्ट स्टॉल की चिथड़े उड़ जाते हैं उस स्टॉल के पास मौजूद सभी लोग इधर उधर भागने लगते हैं जागु मिलन और राज़ भी भागने लगते हैं लेकिन इनकी किस्मत ही खराब थी क्योंकि ये ज्यादा दूर भागे भी नहीं थे की पुलिस इन्हें पकड़ लेती है
किसने पुलिस को फोन करके यहाँ होरहे झगड़े के बारे में बता दिया था और यहाँ पे वही स्प आया था जिसने इन सबको पिछले रात को ढाबे पे अरेस्ट किया था , वो स्प इन्हें फिरसे पकड़ लेता है दंगा भड़काने के जुर्म मेराज़ , जागु , मिलन को पुलिस पकड़कर पुलिस वन में दलदेटी है और वहीं खड़ा स्प उस जगह के चारों तरफ नज़र दौड़ने लगता है , स्प को यूँ चारों तरफ देखता हुआ देख एक हवलदार कहता है
हवलदार – सर क्या देख रहे हैं , सबको पकड़ लिया है
स्प – नहीं सबको कहाँ पकड़ा है एक तो यहाँ है ही नहीं वो साला असली कमीना जिसने मेरा चेहरा जलाया था वो तो यहाँ है ही नहीं मुझे पूरा यकीन है ये सब किया धारा उसी का होगा
इधर स्प उस हवलदार के साथ खड़ा होकर देव के बारे में बात कर रहा था वहीं देव उस जगह से थोड़े दूरी पे चुपके ये सब नज़ारा देख रहा था और जैसे ही स्प अपने पुलिस वन में बैठ के वहाँ से निकला वो भी राज़ के घर के तरफ निकल पड़ा
अगले कुछ मिनट में राज़ जागु और मिलन फिरसे वहीं पहुँच चुके थे जहाँ पे वो सब पिछली रात थे यनेकिी जेल के अंदर और उनके बगल वाले सेल में अनिल और उसके दोस्त अभी तक मौजूद थे बस फर्क सिर्फ़ इतना था की अनिल और उसके दोस्तों का नक्शा ही बदल चुका था और नक्शा बदलने वाला कोई और नहीं स्प ही था
जब राज़ के पापा ने इन सबको चुड़के ले गये तो स्प का सारा का सारा गुस्सा अनिल और उसके दोस्तों के ऊपर पड़ा , स्प ने सबको मर मर के लाल कर दिया था स्प के मर से अनिल और उसके दोस्तों के सर से लेकर पांव तक सब सूझ गया था वो लोग ठीक से खड़े भी नहीं होपराहे थे , जब इंसबकी सकल राज़ मिलन और जागु देखते हैं तो उनकी हँसी चुत जाती है
मिलन – क्यूंबे लाउडन तुम लोग कल रात से यहीं हो क्या और तुम्हारी ये हालत किसने कर दिया
अनिल – साले कमीने हमारी हालत पे हशता है , सालों हमारी ये हालत तुम लोगों के वजह से हुआ कामीणों , तुम लोगों ने उस स्प का चेहरा जलाया और तुम सबको तुम्हारे बाप ने आसानी से निकल के लेगया इसे लिए स्प का सारा गुस्सा हमारे ऊपर पड़ा , उस साले कमीने स्प ने रात भर मारा भी मर मर भी आगे से लेकर पीछे तक सब सूझा दिया अब तो ठीक से बैठा भी नहीं जाता अगर बैठ गये तो उठा भी नहीं जाता , उमाआ मर गया रे , सालों तुम लोगों को किडडे पड़े सालों तुम लोग कुत्तों की मौत मरो भी
अनिल और उसके दोस्तों की ये हालत देख राज़ जागु और मिलन पेट पकड़कर हस्सने लगते हैं और उनका मज़ाक उड़ाने लगते हैं की तभी वहाँ पे स्प अपहुँचता है और स्प को देख सबकी हँसी गायब होजती है
स्प – हस्सो हस्सो तुम सब रुक क्यों गये मेरे लदलों और ज़ोर से हस्सो , लेकिन सुन लो तुम सबकी भी हालत इन सबकी तरह होनेवाली है कुछ देर में , में कुछ भी भुला नहीं हूँ कल का सारा बदला में अब तुम सबके ऊपर उतरूँगा और ईश्वर तुम्हारा बाप भी तुम्हें बच्चा नहीं पाएगा क्योंकि तुम्हारे ऊपर दंगा भड़काने का केस लगाया है मैंने अब तो तुम सब गये
और फिर स्प हवलदार को इन तीनों को उस 3र्ड डिग्री रूम में लाने को कहता है और फिर हवलदार इन सबको एक एक करके उस रूम में लेकर जाता है और इन सबको उस रूम में जाता देख अनिल और उसके सारे दोस्त बहुत ज्यादा खुश थे और ईश्वक़्त वो सब हंस रहे थे
ईश्वक़्त राज़ जागु और मिलन 3र्ड डिग्री रूम में खड़े थे और ये तीनों बहुत डरे हुए थे , इसे रूम में ज्यादा कुछ था नहीं इसे रूम में एक टेबल और दो कुर्शियाँ पड़ी थी ठीक टेबल के ऊपर एक 200 पावर का बल्ब जल रहा था और इसे रूम के सारे खिड़कियाँ ईश्वक़्त बंद थी और स्प उन्न दोनों कुर्सी मेशे एक कुर्सी पे बेत्के इन सबको देख मुस्करा रहा था
स्प – मेरे लड़लो तुम सबको तो बहुत भूख लग रही होगी सुबह नाश्ता जो ठीक से नहीं किया क्यों , क्यों सही कहा ना
मिलन – हाँ सर आप ने सही कहा बहुत भूख लग रही है कुछ नाश्ता पानी करवाईए ना सुबह से कुछ भी नहीं खाया है
स्प – अरे हाँ हाँ जरूर बेटा क्यों नहीं जरूर खिलाएँगे , तो तुम सब क्या खाना पसंद करोगे , लात घुसा थप्पड़ मुक्का
मिलन – बस बस सर रहने दीजिए नाम सुनकर ही हमारा पेट भर गया क्यों दोस्तों
जागु & राज़ – हाँ सर नाम सुनकर ही हमारा पेट भार्गया है अब और भूख नहीं लग रही है
स्प – अच्छा शा क्या लेकिन क्या करे खाना तो तुम लोगों को खाना ही पड़ेगा वो क्या है ना हम मेहमानों की खातिर डरी बहुत अच्छे से करते हैं और शुरूआत तुमसे करते हैं , ये बोलकर स्प जागु के तरफ इशारा करदेता है
फिर क्या दो हवलदार जागु को ज़बरदस्ती उस टेबल पे लिटा देते हैं और स्प एक हाथ में बड़ा सा डंडा लिए उसपर तेल मालिश करने लगता है , इधर ये सब देख राज़ और मिलन की बोलती बंद होचुकी थी वहीं जागु मर पड़ने से पहले ही चिल्लाने लगा था , मार्गया रे बचाओ मार्गया रे मुझे बचाओ
ये सब नज़ारा देख वहाँ पे स्प और वो दोनों हवलदार हस्सने लगते हैं फिर जैसे ही वो स्प जागु के तरफ बढ़ता है डंडे को हाथ में लिए बाहर से एक हवलदार आता है और स्प को कहता है सर बाहर द.सी.पे(डेप्युटी कमिशनर ऑफ पुलिस) सर आए हैं , द.सी.पे का नाम सुनते ही स्प और वो दोनों हवलदार फौरन बाहर निकल जाते हैं और यहाँ जागु राहत की सांस लेता है
जब स्प बाहर आता है तो देखता है सामने द.सी.पे खड़ा है और उसके साथ राज़ के पापा और वर्षा के पापा यानि की दिग्बिजय सिंग ठाकुर और एक वॅकिल और इन सबके साथ देव भी खड़ा था इन सबको साथ में देख स्प थोड़ा सा हड़बड़ा जाता है
स्प – सर आप यहाँ पे मुझे बुला लिया होता में आप के ऑफिस में चला आता , स्प ये बात कमिशनर को कहता है
कमिशनर – आप ने जिनको आज सुबह झगड़े के जुर्म में अरेस्ट किया है उनमें से एक मिस्टर , दिग्बिजय सिंग ठाकुर के होनेवाले दामाद हैं इसलिए उन्हें फौरन छोड़िए
स्प – ई आम सॉरी सर पर केस बन चुका है और केस दंगा भड़काने का है इसे लिए में उन्न सबको नहीं चोद सकता
कमिशनर – स्प आप भूल रहे हैं ईश्वक़्त आप के सामने कौन खड़ा है इसलिए चुप चाप आर्डर मनके उन्न सबको रेअलएसए कार्दिजिए वरना अच्छा नहीं होगा , ये सब कमिशनर गुस्से में स्प को कहता है कमिशनर के इतना बोलते ही स्प भी भड़क जाता है और वो भी गुस्से में कमिशनर को कहता है