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Fantasy MAYAVI DUNIYA (completed)

AK 25

Supreme
22,167
35,963
259
(UPDATE-33)



जागु – आबे साले कुत्ते तुझे मेरे सर से बहराहा खून रंग दिखाई देता है साले तेरा ऊपर फेंका हुआ पठार ने मेरे सर को फोड़ दिया और तू साले कह रहा है मेरे ऊपर रंग गिरा है रुक्क साले अभी तुझे बताता हूँ ,ये बोलकर जागु उसी पठार को नीचे से उठता है जिस से उसका सर फटा था , और ये देख देव वहाँ से भागने लगता है

जागु – आबे रुक साले भाग कहाँ रहा है कुत्ते अभी तुझे बताता हूँ खून और रंग में क्या फर्क होता है , ये बोलकर जागु उस पठार को भागते हुए देव के तरफ फेंक के मरता है और आगे भाग रहा देव ये देख लेता है और साइड में हॅट जाता है और दूसरी तरफ भागजता है

देव के सामने से हटने के कारण देव तो बच जाता है लेकिन उस पठार का शिकार और कोई बनजता है वो पठार देव के बदले सामने से साइकिल पे अरहे एक मोटे से लड़के के सर पे लगता है और वो साइकिल समेट नीचे गिरजता है उसका भी सर फॅट जाता है

और ये नज़ारा देख राज़ मिलन और जागु तीनों मुंह फाड़े रहजाते हैं

जागु – आबे यार ये क्या हो गया मैंने इसे बेचारे लड़के का सर फोड़ दिया

राज़ & मिलन – आबे ये तूने क्या किया भी जागु तूने इसे बेचारे लड़के का सर फोड़ दिया

जागु – आबे मैंने तो देव के तरफ ही पठार फेंका था लेकिन वो साला साइड में हाथ गया और वो पठार इसे लड़के को लगा , इधर वो लड़का जिसका सर फटा था जागु के फेंके गये पठार से वो नीचे ज़मीन से उठता है और

मोटा लड़का – आबे कौन है साला वो कुत्ता कमीना जिसने मुझे पठार से मारकर मेरा सर फोड़ा भी , उस स्टॉल के पास खड़ा एक और लड़का जागु के तरफ इशारा करके उस मोटे लड़के को बता देता है की जागु ने ही वो पठार फेंका है , फिर वो मोटा लड़का गुस्से में नीचे पड़े अपने साइकिल को उठता है और जागु के ऊपर ही फेंक देता है , उस स्टॉल में खड़े बहुत सारे लोग इसे बात का मजा ले रहे थे यहाँ तक की वो वो स्टॉल वाला दुकानदार भी बारे मजे से इसे बकया का मजा उठा रहा था

जब जागु साइकिल को अपने तरफ आता देखता है तो वो सामने से कूद जाता है और जागु के सामने से हटने से वो साइकिल सीधा जाकर उसी ब्रकफ़स्ट स्टॉल के अंदर घुस जाता है और उस स्टॉल का सारा समान इधर उधर जाकर गिरता है ये झगड़ा यहीं पे नहीं रुकता है उस स्टॉल का मलिक जो साइकिल दुकान के अंदर घुसने से पहले ही बाहर कुदड गया था वो अब गुस्से में अचुका था

मिलन – आबे यारो ये हमारे वजह से यहाँ क्या हो रहा है भी यहाँ तो दंगा होने लगा है अब तो ये साला दुकानदार भी गुस्से में लगता है बेटा भागलो भी , वो दुकानदार गुस्से में जागु से कहता है – आबे साले तेरे वजह से मेरे दुकान की ये हालत हो गयी भी में तुझे नहीं चोदूंगा , ये बोलकर वो दुकानदार गुस्से में अपने दुकान के चूल्‍हे पे चढ़ाया हुआ कढ़ाई उथलेटा है उस कढ़ाई में अभी भी गरमा गर्म तेल थे वो दुकानदार उसमें भाजिया जो तलराहा था ईश्वजह से वो तेल बहुत ज्यादा गर्म था

वो दुकानदार गुस्से में उस कढ़ाई को अपने हाथ में लिए वो सारे तेल जागु के तरफ ही फेंकडेता है लेकिन जागु इसे से बचने के लिए फिरसे सामने से कूड्जाता है इसे से जागु तो बाचहजाता है लेकिन वो सारे तेल सामने से अरहे कुछ लोगों पे जाकर गिरती है और वो लोग चटपटाते हुए गिरने लगते हैं

जिन लोगों के ऊपर अभी अभी तेल गिरा था उनके हाथ में घास्सलेट की बोतलें थी शायद वो किसको देने के लिए जा रहे थे की तभी उनके ऊपर तेल गिरने से वो घास्सलेट के सारे बॉटल उनके हाथ से चुत के उसी ब्रेकफास्ट स्टॉल में जा घुसते हैं और सारे बोतलें जाकर गिरती हैं चूल्‍हे के ऊपर जहाँ पे अभी भी आग लगी हुई थी फिर क्या होना था , आग के ऊपर घास्सलेट गिरने से वहाँ एक विस्पोट सा होता हां बूंमम्मममममममममम

और इसे विस्पोट से उस ब्रेकफास्ट स्टॉल की चिथड़े उड़ जाते हैं उस स्टॉल के पास मौजूद सभी लोग इधर उधर भागने लगते हैं जागु मिलन और राज़ भी भागने लगते हैं लेकिन इनकी किस्मत ही खराब थी क्योंकि ये ज्यादा दूर भागे भी नहीं थे की पुलिस इन्हें पकड़ लेती है

किसने पुलिस को फोन करके यहाँ होरहे झगड़े के बारे में बता दिया था और यहाँ पे वही स्प आया था जिसने इन सबको पिछले रात को ढाबे पे अरेस्ट किया था , वो स्प इन्हें फिरसे पकड़ लेता है दंगा भड़काने के जुर्म मेराज़ , जागु , मिलन को पुलिस पकड़कर पुलिस वन में दलदेटी है और वहीं खड़ा स्प उस जगह के चारों तरफ नज़र दौड़ने लगता है , स्प को यूँ चारों तरफ देखता हुआ देख एक हवलदार कहता है

हवलदार – सर क्या देख रहे हैं , सबको पकड़ लिया है

स्प – नहीं सबको कहाँ पकड़ा है एक तो यहाँ है ही नहीं वो साला असली कमीना जिसने मेरा चेहरा जलाया था वो तो यहाँ है ही नहीं मुझे पूरा यकीन है ये सब किया धारा उसी का होगा

इधर स्प उस हवलदार के साथ खड़ा होकर देव के बारे में बात कर रहा था वहीं देव उस जगह से थोड़े दूरी पे चुपके ये सब नज़ारा देख रहा था और जैसे ही स्प अपने पुलिस वन में बैठ के वहाँ से निकला वो भी राज़ के घर के तरफ निकल पड़ा

अगले कुछ मिनट में राज़ जागु और मिलन फिरसे वहीं पहुँच चुके थे जहाँ पे वो सब पिछली रात थे यनेकिी जेल के अंदर और उनके बगल वाले सेल में अनिल और उसके दोस्त अभी तक मौजूद थे बस फर्क सिर्फ़ इतना था की अनिल और उसके दोस्तों का नक्शा ही बदल चुका था और नक्शा बदलने वाला कोई और नहीं स्प ही था

जब राज़ के पापा ने इन सबको चुड़के ले गये तो स्प का सारा का सारा गुस्सा अनिल और उसके दोस्तों के ऊपर पड़ा , स्प ने सबको मर मर के लाल कर दिया था स्प के मर से अनिल और उसके दोस्तों के सर से लेकर पांव तक सब सूझ गया था वो लोग ठीक से खड़े भी नहीं होपराहे थे , जब इंसबकी सकल राज़ मिलन और जागु देखते हैं तो उनकी हँसी चुत जाती है

मिलन – क्यूंबे लाउडन तुम लोग कल रात से यहीं हो क्या और तुम्हारी ये हालत किसने कर दिया

अनिल – साले कमीने हमारी हालत पे हशता है , सालों हमारी ये हालत तुम लोगों के वजह से हुआ कामीणों , तुम लोगों ने उस स्प का चेहरा जलाया और तुम सबको तुम्हारे बाप ने आसानी से निकल के लेगया इसे लिए स्प का सारा गुस्सा हमारे ऊपर पड़ा , उस साले कमीने स्प ने रात भर मारा भी मर मर भी आगे से लेकर पीछे तक सब सूझा दिया अब तो ठीक से बैठा भी नहीं जाता अगर बैठ गये तो उठा भी नहीं जाता , उमाआ मर गया रे , सालों तुम लोगों को किडडे पड़े सालों तुम लोग कुत्तों की मौत मरो भी

अनिल और उसके दोस्तों की ये हालत देख राज़ जागु और मिलन पेट पकड़कर हस्सने लगते हैं और उनका मज़ाक उड़ाने लगते हैं की तभी वहाँ पे स्प अपहुँचता है और स्प को देख सबकी हँसी गायब होजती है

स्प – हस्सो हस्सो तुम सब रुक क्यों गये मेरे लदलों और ज़ोर से हस्सो , लेकिन सुन लो तुम सबकी भी हालत इन सबकी तरह होनेवाली है कुछ देर में , में कुछ भी भुला नहीं हूँ कल का सारा बदला में अब तुम सबके ऊपर उतरूँगा और ईश्वर तुम्हारा बाप भी तुम्हें बच्चा नहीं पाएगा क्योंकि तुम्हारे ऊपर दंगा भड़काने का केस लगाया है मैंने अब तो तुम सब गये

और फिर स्प हवलदार को इन तीनों को उस 3र्ड डिग्री रूम में लाने को कहता है और फिर हवलदार इन सबको एक एक करके उस रूम में लेकर जाता है और इन सबको उस रूम में जाता देख अनिल और उसके सारे दोस्त बहुत ज्यादा खुश थे और ईश्वक़्त वो सब हंस रहे थे

ईश्वक़्त राज़ जागु और मिलन 3र्ड डिग्री रूम में खड़े थे और ये तीनों बहुत डरे हुए थे , इसे रूम में ज्यादा कुछ था नहीं इसे रूम में एक टेबल और दो कुर्शियाँ पड़ी थी ठीक टेबल के ऊपर एक 200 पावर का बल्ब जल रहा था और इसे रूम के सारे खिड़कियाँ ईश्वक़्त बंद थी और स्प उन्न दोनों कुर्सी मेशे एक कुर्सी पे बेत्के इन सबको देख मुस्करा रहा था

स्प – मेरे लड़लो तुम सबको तो बहुत भूख लग रही होगी सुबह नाश्ता जो ठीक से नहीं किया क्यों , क्यों सही कहा ना

मिलन – हाँ सर आप ने सही कहा बहुत भूख लग रही है कुछ नाश्ता पानी करवाईए ना सुबह से कुछ भी नहीं खाया है

स्प – अरे हाँ हाँ जरूर बेटा क्यों नहीं जरूर खिलाएँगे , तो तुम सब क्या खाना पसंद करोगे , लात घुसा थप्पड़ मुक्का

मिलन – बस बस सर रहने दीजिए नाम सुनकर ही हमारा पेट भर गया क्यों दोस्तों

जागु & राज़ – हाँ सर नाम सुनकर ही हमारा पेट भार्गया है अब और भूख नहीं लग रही है

स्प – अच्छा शा क्या लेकिन क्या करे खाना तो तुम लोगों को खाना ही पड़ेगा वो क्या है ना हम मेहमानों की खातिर डरी बहुत अच्छे से करते हैं और शुरूआत तुमसे करते हैं , ये बोलकर स्प जागु के तरफ इशारा करदेता है

फिर क्या दो हवलदार जागु को ज़बरदस्ती उस टेबल पे लिटा देते हैं और स्प एक हाथ में बड़ा सा डंडा लिए उसपर तेल मालिश करने लगता है , इधर ये सब देख राज़ और मिलन की बोलती बंद होचुकी थी वहीं जागु मर पड़ने से पहले ही चिल्लाने लगा था , मार्गया रे बचाओ मार्गया रे मुझे बचाओ

ये सब नज़ारा देख वहाँ पे स्प और वो दोनों हवलदार हस्सने लगते हैं फिर जैसे ही वो स्प जागु के तरफ बढ़ता है डंडे को हाथ में लिए बाहर से एक हवलदार आता है और स्प को कहता है सर बाहर द.सी.पे(डेप्युटी कमिशनर ऑफ पुलिस) सर आए हैं , द.सी.पे का नाम सुनते ही स्प और वो दोनों हवलदार फौरन बाहर निकल जाते हैं और यहाँ जागु राहत की सांस लेता है

जब स्प बाहर आता है तो देखता है सामने द.सी.पे खड़ा है और उसके साथ राज़ के पापा और वर्षा के पापा यानि की दिग्बिजय सिंग ठाकुर और एक वॅकिल और इन सबके साथ देव भी खड़ा था इन सबको साथ में देख स्प थोड़ा सा हड़बड़ा जाता है

स्प – सर आप यहाँ पे मुझे बुला लिया होता में आप के ऑफिस में चला आता , स्प ये बात कमिशनर को कहता है

कमिशनर – आप ने जिनको आज सुबह झगड़े के जुर्म में अरेस्ट किया है उनमें से एक मिस्टर , दिग्बिजय सिंग ठाकुर के होनेवाले दामाद हैं इसलिए उन्हें फौरन छोड़िए

स्प – ई आम सॉरी सर पर केस बन चुका है और केस दंगा भड़काने का है इसे लिए में उन्न सबको नहीं चोद सकता

कमिशनर – स्प आप भूल रहे हैं ईश्वक़्त आप के सामने कौन खड़ा है इसलिए चुप चाप आर्डर मनके उन्न सबको रेअलएसए कार्दिजिए वरना अच्छा नहीं होगा , ये सब कमिशनर गुस्से में स्प को कहता है कमिशनर के इतना बोलते ही स्प भी भड़क जाता है और वो भी गुस्से में कमिशनर को कहता है
 

AK 25

Supreme
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(UPDATE-34)



स्प – में उन्हें नहीं चोदूंगा जो करना है जाकर करले इन लड़कों ने कल रात मेरे चेहरे को जलाया था इसका बदला तो में इनसे लेकर ही रहूँगा इसलिए तुम सब अपनी ये मंडली लेकर चलते बनो और हाँ मुझे सुस्पंडे करने की सोचना भी मत क्योंकि अगर मुझे सुस्पंडे किया तो तुम सबके लिए अच्छा नहीं होगा ये केस मेरे अंदर है और अगर में सुस्पंडे हुआ तो में मीडिया के सामने ये कह दूँगा की मुझे जान बुझ के हटाया गया तकिी मुजरिमों को आसानी से रिहा किया जा सके

ये बोलकर स्प देव के तरफ हाथ बढ़ता है और देव के गिरेगान को पकड़ के अपने तरफ खींचता है और कहता है ये लड़का भी इसे जुर्म में शामिल है इसे लिए अब ये भी अंदर जाएगा , लेकिन तभी दिग्बिजय सिंग ठाकुर स्प को एक धक्का देता है जिस से स्प पीछे जाकर गिरता है और दिग्बिजय सिंग ठाकुर देव को अपने तरफ फिरसे लेआतए हैं

दिग्बिजय सिंग ठाकुर – वॅकिल साहेब इसे स्प को पेपर’से दिखाइए , फिर दिग्बिजय सिंग ठाकुर के साथ आया हुआ वॅकिल स्प को एक फाइल पकड़ा देता है जिसे देखते ही स्प के चेहरे का रंग उड़ जाता है , जो स्प कुछ देर पहले बहुत उड़ रहा था बहुत गुस्सा हो रहा था अब वो स्प मुंह फाड़े कभी उन्न फाइल को देखता तो कभी दिग्बिजय सिंग ठाकुर को

वॅकिल – स्प साहेब इन पेपर’से के मुताबिक जिन्न लोगों के बयान के दम पर आप ने मेरे क्लाइंट’से को दंगा भड़काने के जुर्म में अरेस्ट किया है वो सभी लोग अब अपने बयान से बदल चुके हैं अब उनके मुताबिक अपने उन्हें ज़बरदस्ती ये बयान लिखवाया था मेरे क्लाइंट्स के खिलाफ इसे लिए अब कोई केस बनता ही नहीं इसलिए अब मेरे क्लाइंट्स को रिहा कीजिए और ये एक और लॅटर लीजिए

ये बोलकर वो वॅकिल उस स्प को एक और लॅटर पकड़ा देता है और जब स्प इसे लॅटर को देखता है तो उसके होश उड़ जाते हैं

दिग्बिजय सिंग ठाकुर – स्प तू जबसे इसे शहर में आया है तबसे लेकर आज तक तूने कोई भी काम ठीक से नहीं किया है तूने सिर्फ़ और सिर्फ़ यहाँ के आम लोगों बहुत परेशान किया है , यहाँ के छोटे मोटे सड़क के किनारे दुकान डालने वालों से तूने जबरन हफ्ता वसूला है और गुनेहगरों को छोड़कर मासूम और बेकसूर लोगों को जेल में डाला और इसे तरह के न जाने तूने कितने क्राइम्स किया है इन सभी बातों के बाद भी में चुप था लेकिन तूने मेरे राषते में आकर अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती किया इसलिए तुझे ये सजा मिल रहा है

दिग्बिजय सिंग ठाकुर ने स्प का दिमोटिओं और ट्रांसफर करवा दिया था नक्षलिते इलाके में और नक्षलिते इलाके में ट्रांसफर की बात सुनकर स्प की कलेजा तो जैसे निकलकर मुंह में अचुका था , स्प फौरन अपना रंग बदल के दिग्बिजय सिंग ठाकुर के परॉन में गिरजता है और माफी माँगने लगता है लेकिन दिग्बिजय सिंग ठाकुर उसकी एक नहीं सुनता है और वो राज़ मिलन देव जागु को अपने साथ लेकर वहाँ से चलजता है और स्प वहीं मुंह लटकाए खड़ा रहजता है

राज़ देव जागु मिलन जेल से तो चुटज़ते हैं लेकिन इन्हें सजा जरूर मिलती है राज़ के पापा सबको घर के अंदर ही बंद करदेटे हैं और सबके बाहर जाने के लिए मना करदेटे हैं

और जब राज़ के पापा इन सबको कमरे में बंद करके चले जाते हैं तो राज़ जागु और मिलन ये तीनों गुस्से में देव के तरफ बढ़ने लगते हैं क्योंकि ये सारा लाफद देव के ही कारण जो हुआ था ये तीनों देव को पकड़कर मरने लगते हैं और देव इन तीनों से बचते हुए उसी कमरे के अंदर भागने लगता है और ये तीनों उसके पीछे उसे मरने के लिए भागते हैं कुछ दिन बाद मायवी दुनिया में

घने अंधेरे रात के वक्त डेत वाली में मौत का सन्नाटा था और उसके महेल के चारों तरफ बहुत ही तगड़ा पहरा था वहाँ पे महेल को पूरी तरह से दानव और ख़ूँख़ार दरिंदों ने घर रखा था ईश्वक़्त महेल को छावनी में तब्दील करवा दिया गया था शायद किसी कुछ मक्षद के वजह से

और महेल के अंदर भी कुछ कम भीड़ नहीं थी महेल के दरवर ए आम में इसे वक्त कुछ लोग काले लबादे पहने हुए खड़े थे ये लोग अंधेरी दुनिया के रक्षक थे और ये सब ईश्वक़्त दरवर ए आम में एक कबाड़ को घेरे हुए खड़े थे और कुछ मंत्र पढ़ रहे थे उनके मंत्रों के उचरण से पूरा महेल गूँज रहा था

और ठीक उसी वक्त डेत वाली के घने जंगल में मौजूद रिवर ऑफ ब्लड को भी चारों तरफ से कुछ वेमपाइर’से योढ़ा घेरे खड़े थे सुरक्षा के लिए और वहाँ पे उस नदी के किनारे दो और शॅक्स भी खड़े थे वो दोनों कोई और नहीं बल्कि ईविल प्रिन्स अग्नि के माता पिता यानि की शीतल और विशाल थे

रिवर ऑफ ब्लड ये डेत वाली का एक शा नदी था जिसमें पानी के बदले खून बहता था और ये खून था मायवी दुनिया के मासूम लोगों की , स्टेट ऑफ हॉबैट के फौज के हॉबिट्स सिपाहियों की , गंधर्व नगरी के योधाओं की , गंडर के जाँबाज़ों की और वारएवोल्फ’से की

पहले ये नदी भी एक आम नदी था जिसमें साफ और स्वच पानी बहता था लेकिन कोई था जो इसे नदी को खून से भरने लगा और देखते ही देखते ये साफ और स्वच नदी बन गया रिवर ऑफ ब्लड

और इसे रिवर ऑफ ब्लड को बनाने वाला कोई और नहीं किंग ऑफ डार्कनेस अंधेरे का मलिक सम्राट था , सम्राट अपने डुस्मानो को मारकर उनके शरीर से खून निकल लेता था और उस खून को इसे तलब में डाल देता था और देखते ही देखते ये आम तलब बन गया पूरे मायवी दुनिया का सबसे खतरनाक खूनी तलब जिसे लोग रिवर ऑफ ब्लड के नाम से जानते हैं

और इसे रिवर ऑफ ब्लड में सम्राट रोजाना नहाया करता था अपने सभी दुश्मनों के खून से उसका मान ना था की इसे नदी में अपने दुश्मनों के खून से नहाने से उसे दर्द और तकलीफ से मुक्ति मिलती है और जितना भी बड़ा चोट उसे लगे इसे नदी में नहाने के वजह से उसे दर्द और तकलीफ नहीं होगा

और ईश्वक़्त रिवर ऑफ ब्लड में कोई नहा रहा था ये कोई और नहीं ये ईविल प्रिन्स अग्नि ही था और जब अग्नि इसे रिवर ऑफ ब्लड से नहा के निकलता है तो उसके शरीर से खून के बूंदें गिरने लगते हैं अग्नि इसे वक्त पूरी तरह से लाल खून में नहाया हुआ नदी से बाहर निकलता है और अपने महेल के तरफ चल देता है और उसके पीछे पीछे उसके माता पिता और उसकी वेमपाइर’से के योढ़ा भी

कुछ ही देर में अग्नि अपने महेल में पहुँच जाता है और जब अग्नि को महेल में आता हुआ सब देखते हैं तो सब झुक के उसे सलाम करते हैं और फिर उन्न अंधेरे के रक्षक में से एक अग्नि के सामने आता है और अपने सर को झुकाके कहता है

रक्षक – मलिक अब वक्त अचुका है क्या आप तैयार हैं

अग्नि – हाँ में तैयार हूँ आप अपना काम शुरू करिए , फिर वो रक्षक अपने काम में लग जाता है और अग्नि के माता पिता उसके पास आजाते हैं और उसे कुछ कहने लगते हैं

अग्नि’से आंटी & अंकल – बेटा ये सब तुम क्यों कर रहे हो ये तुम्हें करने की जरूरत नहीं है बेटा इसे से तुम्हें बहुत तकलीफ होगी बेटा

अग्नि – पापा ये काम करना जरूरी है आप अच्छे तरीके से जानते हैं की में ये जिंदगी जीना नहीं चाहता हूँ इसलिए में इंसान बन ने के लिए कोई भी तकलीफ उठाने के लिए तैयार हूँ , अग्नि के ये बोलने के बाद अग्नि के माता पिता और कुछ भी नहीं बोलते हैं

और इधर वो सारे रक्षक जो उस कबाड़ को घेरे हुए खड़े थे उस कबाड़ को खोलने लगते हैं और जब कबाड़ पूरी तरह से खुल जाती है तो उसमें से अचानक ही बहुत सारे चिंगादद बाहर निकलते हैं जिन्हें देख सब कुछ पल के लिए पीछे हाथ जाते हैं और जब सब सामान्य होता है तो वो सारे रक्षक फिरसे आगे बढ़ते हैं और उस कबाड़ में से एक शब यानि की एक लाश को बाहर निकलते हैं और उस लाश को एक बारे से टेबल के ऊपर लिटा देते हैं

वो लाश एक काले कपड़े में लिपटा हुआ था और फिर सभी रक्षक उस काले कपड़े को उस लाश के ऊपर से हटते हैं और जब उस लाश का चेहरा सबके सामने आता है तो कुछ पल के लिए सब चौंक जाते हैं क्योंकि उस लाश की शकल और अग्नि की शकल बिलकुल मिलती थी यानि की वो लाश किंग ऑफ डार्कनेस सम्राट की थी

सम्राट के लाश की शकल और सूरत और शरीर सबकुछ वैसा ही था जैसा 400 साल पहले मरते वक्त था उसके लाश को देख कोई भी ये कह नहीं सकता था की सम्राट सच मच मार्चूका है या अभी सो रहा है जो भी सम्राट के लाश को देखेगा वो यही कहेगा की सम्राट अभी नींद में है और कभी भी उठ के बैठ सकता है

फिर सभी रक्षक सम्राट के बदन से कपड़े को हटते हैं तो सबके सामने सम्राट का सीना आता है , सम्राट के सीने का दिलवाला हिस्सा अभी भी कटा हुआ था जैसा उसने मरने से पहले अपने सीने को फाड़ के अपना दिल को बाहर निकाला था

और फिर एक रक्षक अपने हाथ में एक थाली लिए अग्नि के सामने जाता है और फिर अग्नि उस थाली के ऊपर से रखे लाल कपड़े को हटता है और कपड़ा हाथ ते ही अग्नि के सामने एक खंजर आता है और ये खंजर बकीके सारे खंजर से अलग था क्योंकि ये खंजर किसी इंसान की हदियों से बनाई गयी थी

कुछ देर तक अग्नि उस खंजर को देखता रहता है फिर अग्नि उस खंजर को उथलेटा है और सम्राट के लाश के पास चला जाता है और लाश के पास पहुँच के अग्नि अपने घुटनों के बॉल बैठ जाता है और कहता है

अग्नि – है अंधेरे के मलिक किंग ऑफ डार्कनेस में आप का अंश ईविल प्रिन्स अग्नि अपने सीने को फड़के अपना दिल निकल रहा हूँ आप को पुनर्जीवित करने के लिए बदले में आप से इतना ही चाहता हूँ की मुझे अपनी इंसानी जिंदगी फिरसे लौटा दीजिए

इतना कहकर अग्नि उस खंजर को अपने सीने पे रखता है और अंदर घुसेड़ देता जिस से अग्नि के सीने से खून बहने लगता है और अग्नि के सीने से बहराहे खून के कुछ चीते सीधे जाकर पड़ती है सम्राट के मुंह में और इधर अग्नि अपने सीने को कुछ हड़त्ाक काट देता है और फिर अपने एक हाथ को अपने सीने के अंदर घुसा देता है और अपने सीने में धड़क रहे दिल को खींच के बाहर निकल देता है

ईश्वक़्त अग्नि के हाथों में उसका जलता हुआ दिल था थे बर्निंग हार्ट , अग्नि को ईश्वक़्त बहुत तकलीफ हो रही थी फिर भी अग्नि अपने तकलीफ को भूलके उस खंजर को फिरसे उठता है और उस खंजर से दिल के ऊपर वार करता है जिस से अग्नि के दिल के दो टुकड़े होजते हैं अग्नि एक टुकड़ा एक रक्षक के तरफ बढ़ा देता है और अपने जलते हुए दिल के दूसरे टुकड़े को फिरसे अपने सीने में डालने लगता है

सभी रक्षक अग्नि से उसके दिल के आधे हिस्से को लेजते हैं और उस आधे जलते हुए दिल को सम्राट के सीने में लगा देते हैं और कुछ मंत्र पढ़ने लगते हैं , इधर अग्नि ईश्वक़्त बहुत कमजोर होचुका था और अपने घुटनों के बाल बैठा हुआ था कुछ देर में रक्षक अपने मंत्र पाठ खत्म करदेटे हैं और सम्राट के तरफ ही सभी देखने लगते हैं की तभी

अचानक सम्राट की आँखें खुलती हैं जो ईश्वक़्त बहुत ही खतरनाक और भयंकर लग रही थी सम्राट की आँखें ईश्वक़्त पूरी तरह से लाल थी सम्राट फौरन उस टेबल से हवा में उतज़ता है और उड़ते हुए आकर सीधा अग्नि के सामने खड़ा हो जाता है , अग्नि अभी भी अपने घुटनों के बाल बैठा हुआ था उसके शरीर में अब बिलकुल भी ताक़त नहीं बची थी वो कभी भी बेहोश होकर गिर सकता था

सम्राट अग्नि के सामने खड़ा अग्नि को अपने उन्हीं ख़ूँख़ार आँखों से देखता है फिर सम्राट अग्नि के गर्दन को ज़ोर से पकड़कर ऊपर उथलेटा है और अग्नि चटपटाते हुए सम्राट के तरफ देखने लगता है और जब अग्नि की आँखें सम्राट के आँखों से टकराती हैं तो अग्नि देखता है की सम्राट की आँखें जल रही थी उसके आँखों में से आग निकल रही थी और अग्नि के शरीर से सारे एनर्जी को खींच रही थी इन सबसे अग्नि के मुंह से एक दर्दनाक चीखह निकल पड़ती है

अहह , अग्नि ये चीखते हुए उठ बेतता है और बुरी तरह से हाँफने लगता है और बहुत ज़ोर ज़ोर से शंस लेने लगता है और फिर अपने मान में अपने आप से कहता है

अग्नि – फिर से वही डरावना सपना!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! अग्नि ईश्वक़्त एक पहाड़ी के छोटी पे बैठा चाँद के तरफ ही देख रहा था और अपने सपने के बारे में सोच रहा था जो अभी अभी उसने देखा था , अग्नि जबसे मायवी दुनिया में आया था तबसे हर एक दूसरे रात में अग्नि को ये सपना आता था और अग्नि जनता था की ये सिर्फ़ एक सपना नहीं है ये आनेवाले कल का एक झलक है , अग्नि बैठे बैठे यही सोच रहा था की तभी उसे पीछे से किसी के अनेका आभाष होता है और वो पीछे पलट के देखता है

जब अग्नि पीछे पलट के देखता है तो पता है की उसके फौज का सेनापति जब्बार उशिके तरफ ही आ रही था , कुछ ही देर में जब्बार अग्नि के पास पहुँच जाता है और झुक के सलाम करता है

जब्बार – क्या बात है मलिक आप अभी तक सोए नहीं और कुछ परेशान से लगते हैं

अग्नि – हाँ जब्बार हम आनेवाले कल के बारे में सोच के परेशान हैं

जब्बार – में कुछ समझा नहीं मलिक आप क्या कहना चाहते हैं
 

AK 25

Supreme
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(UPDATE-35-36)





अग्नि – (बात को बदलते हुए) जब्बार हम हमारे अगले मुहिन को लेकर परेशान हैं

जब्बार – मलिक आप का मतलब कहीं गंधर्व नगरी के तरफ इशारा तो नहीं

अग्नि – हाँ जब्बार तुमने सही समझा हमारा इशारा गंधर्व नगरी के तरफ ही था , हमने सुना है की गंधर्व नगरी में प्रवेश करना इतना आशण नहीं है बिना गंधर्व नगरी के राजा के अनुमति के

जब्बार – हाँ मलिक मैंने भी यही सुना है की गंधर्व नगरी में बिना उसके राजा के अनुमति लिए घुसना नमुनकीन है और ये भी सुना है की गंधर्व नगरी के प्रवेश दरवाजे को ताक़त के जरिए तोड़ना भी नमुनकीन ही है

अग्नि – लेकिन जब्बार कोई तो शा राष्टा होगा जिसके मदद से हम गंधर्व नगरी में घुस सकें

जब्बार – मलिक एक राष्टा है और वो राष्टा जहन्नुम से होता हुआ जाता है

अग्नि – क्या मतलब है तुम्हारा जब्बार में कुछ समझा नहीं ठीक से समझाओ

जब्बार – मलिक जब सम्राट जिंदा थे तब उनके दो भरोशे के साथी थे एक था डर्कलॉर्ड जो सम्राट के फौज का सबसे ताकतवर सेनापति था और उसे सारी ताक़तें सम्राट से ही मिली थी डर्कलॉर्ड उनका सबसे अच्छा दोस्त भी था और दूसरा था जोरब्बर वो एक काला जादूगर था और अंधेरी दुनिया का एक रक्षक(प्रोटेक्टर) भी था और दोनों में सम्राट सबसे ज्यादा भरोसा जोरब्बर पे ही करते थे , इसलिए सम्राट अपने सारे राज़ जोरब्बर के साथ ही बाँट ते थे और यही बात डर्कलॉर्ड को हमेशा सताती थी

और इसी वजह से डर्कलॉर्ड हमेशा जोरबार से जलता था और जब डेत वाली में वो आखिरी जंग हुआ तब डर्कलॉर्ड ने सम्राट को धोका दे दिया और अपने साथ आधे फौज को बहका के जंग शुरू होने से पहले ही लेगया ये भी एक वजह थी उस जंग में सम्राट के हार का

अग्नि – फिर , फिर क्या हुआ जब्बार

जब्बार – मलिक उस जंग में सम्राट की हार हुई क्योंकि उनके बहुत सारे साथियों ने उन्हें उस जंग में धोका देकर जंग शुरू होने से पहले ही चले गये , सम्राट ने वो जंग सिर्फ़ अपने कुछ ही भरोशे के साथियों के साथ मिलकर लाधा था और उसका नतीजा तो आप जानते ही हैं

उस जंग में मरने से पहले सम्राट ने जोरब्बर को वहाँ से भगा दिया क्योंकि एक वही था जो सम्राट के सभी ताक़तों का और वापस जिंदा होने का राज़ जनता था , उस जंग के बाद डर्कलॉर्ड ने अपने साथ लिए हुए सिपाहियों को लेकर जहन्नुम चला गया और जहन्नुम को अपना घर बना लिया और वहाँ का लॉर्ड बंबेता फिर उसने अपने सिपाहियों को जोरब्बर के तलाश में भेज दिया

जंग के बाद जोरब्बर सालों तक यहाँ से वहाँ और वहाँ से यहाँ भागता रहा डर्कलॉर्ड के सिपाहियों से बचते हुए लेकिन ज्यादा दिन तक वो उनसे बच ना पाया एक दिन जोरब्बर डर्कलॉर्ड के हाथों लग ही गया , डर्कलॉर्ड ने जोरब्बर को अपना बंदी बना दिया और उसपर जुल्म शुरू करवा दिया सम्राट के सारे राज़ जान ने के लिए लेकिन जोरब्बर भी आज तक टूटता नहीं वो आज भी डर्कलॉर्ड के कब्जे में है और डर्कलॉर्ड के सारे जुल्म सहराहा है मगर उसने आज तक सम्राट का एक भी राज़ डर्कलॉर्ड के सामने नहीं खोला है

और मलिक आज के वक्त में एक जोरब्बर ही है जो हमारी मदद करसकता है आगे बढ़ने के लिए लेकिन जहन्नुम में जाकर डर्कलॉर्ड के चंगुल से जोरब्बर को चुड़के लाना नमुनकीन है

अग्नि – जब्बार मुझे नमुनकीन काम को मुनकीन करने में बहुत मजा आता है इसलिए में जाऊंगा जोरब्बर को छुड़ाने के लिए डर्कलॉर्ड के चंगुल से

जब्बार – पर मैल्क ये काम इतना भी आसान नहीं है क्योंकि हमारी फौज के ज्यादातर सिपाही जहन्नुम के गर्मी को झेल नहीं सकेंगे , ड्रागें’से और दानव बहुत बारे हैं वो सब जहन्नुम में घुस भी नहीं सकेंगे क्योंकि जहन्नुम में जानेवाला राष्टा बहुत छोटा है और वेमपाइर’से जहन्नुम के गर्मी को झेल नहीं सकेंगे सिर्फ़ खूनी दरिंदे ही हैं जो अंदर जा सकते हैं लेकिन वो अंदर नहीं जाएँगे क्योंकि डर्कलॉर्ड के सीना में सिर्फ़ और सिर्फ़ खूनी दरिंदे भरे पड़े हैं और खूनी दरिंदे आपस में नहीं लढ़ते इसलिए वो शायद ही अंदर जाएँ

अग्नि – तुम फिक्र मत करो जब्बार अंदर किसको जाने की जरूरत नहीं है में अकेला ही अंदर जाऊंगा और जहन्नुम की आग और डर्कलॉर्ड की सीना और खुद डर्कलॉर्ड ये सब मेरा कुछ भी उखाड़ नहीं सकते समझे , इसलिए कल सुबह हम यहाँ से जहन्नुम के लिए निकलेंगे

मायवी दुनिया के इसे घने अंधेरी रात में कुंवर विक्रांत अपने सिपहीों के साथ एक जंगल में ठहरा हुआ था , जंगल में ईश्वक़्त ठंड बहुत जोरों से पड़ रही थी इसलिए सभी आग जलके उस आग के पास बैठे हुए थे सभी एक दूसरे से बातें कर रहे थे और शराब पी रहे थे सर्दी से बचने के लिए

लेकिन कुंवर विक्रांत बिलकुल चुप चाप बैठा हुआ अपने तलवार को एक पठार के ऊपर घिश घिश के धार दहाड़ा था कुछ ही वक्त में उस तलवार की धार बहुत तेज होजती है और फिर कुंवर विक्रांत उस तलवार पे कुछ पत्तों को पीशके लगाने लगता है , और जब कुंवर विक्रांत तलवार पे कुछ लगता है तो उसके सभी सिपाही इसे बात को गौर से देखने लगते हैं

उन्न पीशे हुए पत्तों को अच्छे से तलवार पे लगाने के बाद कुंवर विक्रांत अपनी जगह से उठज़ता है और चलता हुआ उस जलते हुए आग के पास चला जाता है फिर कुंवर विक्रांत उस तलवार को उस आग में फेंक देता है , ये देख कुंवर विक्रांत के सभी सिपाही चौंक जाते हैं उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रही था और उनमें कुछ पूछने की हिम्मत भी नहीं थी कुंवर विक्रांत से क्योंकि उन्न सबको अच्छी तरह से पता था कुंवर विक्रांत का गुस्सा कितना खतरनाक है इसलिए सभी चुप चाप बस कुंवर विक्रांत को ही देखे जा रहे थे

फिर कुछ देर कुंवर विक्रांत उस आग के सामने ही खड़ा उस तलवार को देखते रहता है फिर कुछ देर बाद कुंवर विक्रांत उस जलते हुए आग मेशे एक बाँस के डंडे के मदद से उस तलवार को निकल लेता है और फिर उस तलवार को एक पानी के बाल्टी में दलदेटा है और पानी में तलवार गिरते ही उस बाल्टी से भाँप निकालने लगता है क्योंकि तलवार बहुत गर्म था इसलिए

कुछ ही देर में उस बाल्टी का सारा पानी भाँप बनकर उड़ जाता है और फिर कुंवर विक्रांत उस बाल्टी में हाथ डालकर उस तलवार को निकलता है और जब कुंवर विक्रांत उस तलवार को निकलता है तो वहाँ मौजूद सभी चौंक जाते हैं सीबे कुंवर विक्रांत के क्योंकि उस तलवार का रंग अब बिलकुल बदल चुका था और उस तलवार को देख कुंवर विक्रांत मुस्करा रहा था

ये सब देख सारे सिपाही परेशान थे आख़िरकार उंमेसए एक सिपाही हिम्मत करके कुंवर विक्रांत से पूछता है

सिपाही – कुंवर आख़िर ये चीज़ है क्या?

कुंवर विक्रांत – कुछ देर तक वो मुश्कूराता रहता है फिर कहता है – ये एक ऐशी तलवार है जिसके वार से कितनी भी ताकतवर चुड़ैल क्यों ना हो वो बच नहीं पाएगी इसके वार से वो वहीं के वहीं मर जाएगी क्योंकि इसे तलवार में मैंने इसे मायवी दुनिया का सबसे खतरनाक ज़हेर डाला है इसे ज़हेर का कोई भी तोड़ नहीं है

और इसे ज़हेर की खासियत ये है की जब भी कोई चुड़ैल इसे तलवार के आस पास होगी तो ये तलवार हारे रंग से चमकने लगेगी उस से हमें पता लग जाएगा की हमारे पास कोई चुड़ैल है और तो और इसे तलवार के मदद से उन्न चुड़ेलों का जादुई वार भी नाकाम किया जासकता है

अब इसे तलवार की मदद से में उन्न सभी चुड़ेलों को जिन्होंने मेरे भाई की हत्या की उन्न सबको मौत के घाट उतार दूँगा , अब मुझे बस इंतजार है ुषवक़्त का जब मेरा उन्न सभी चुड़ैल बहनों से सामना होगा और में उन्न सबको एक एक करके मौत के घाट उतरूँगा ,,,,,,,,,, ये बोलकर कुंवर विक्रांत ज़ोर ज़ोर से हँसने लगता है

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ठीक उशिवक़्त जंगल में एक गुफा के अंदर चुड़ैल दूसतीनी और उसकी बहने बैठ के बातें कर रही थी वो सब एक दूसरे के ऊपर ही आरोप लगा रही थी की सुनहेरी उनके वजह से हाथ से निकल गयी और अब वो उस समुंदरी शिकारी थे रों के साथ है जिसके वजह से ये सब उस तक पहुँच भी नहीं पा रहे हैं , ये सब इसे ही छिलम चिल्ली कार रही थी की तभी दूसतीनी इन सबकी बातें सुनते सुनते छिड़ जाती है और ज़ोर से छिलाती है

दूसतीनी – चुप हो जऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ , बंद करो सब अपनी अपनी ये बकवास , भले ही सुनहेरी पिछली बार हमारे हाथों से निकल गयी है पर अगली बार शा नहीं होगा , फिर दूसतीनी की बहन रुसतीनी खड़ी होती है और कुछ कहती है

रुसतीनी – बहन दूसतीनी शायद तुम भूल रही हो की वो सुनहेरी ईश्वक़्त रों के साथ है और उस रों ने बहुत ही आसानी से हमारी दो बहनों को मर्डिया है और हम सब मिलकर भी अभी तक रों का कुछ भी नहीं कर पाए हैं , फिर दूसतीनी की एक और बहन बोलती है

कास्तीनी – हाँ बहन दूसतीनी जो भी बहन रुसतीनी ने कहा वो सही कहा और हमें उस लड़के को भी नहीं भूलना चाहिए जिसने हमारे सराय से सुनहेरी को लेकर भगा था , और मुझे लगता है की पहले हमें उन्न दोनों यानि की रों और उस लड़के राषते से हटाना होगा तब जाकर हमें वो सुनहेरी मिलेगी और हमारा मक्षद पूरा होगा

दूसतीनी – में जानती हूँ जो तुम दोनों कह रही हो वो सही कह रही हो लेकिन में तुम सब से ये भी कहना चाहूँगी की तुम सबको ईश्वक़्त अपने दिमाग को शांत रखना चाहिए क्योंकि हम तभी जीिट सकते हैं जब हम अपने दिमाग को शांत रखकर आगे का खेल खेलें और वैसे में तुम सबको केहदेना चाहूँगी की मैंने इन सारी मूषिबट का हाल ढूंढ. लिया है

रुसतीनी & कास्तीनी – वो केशे बहन दूसतीनी हमें भी बताओ

दूसतीनी – तो सुनो ईश्वक़्त हमारे राषते का सबसे बड़ा काँटा है वो समुंदरी शिकारी थे रों इसलिए सबसे पहले हमें उसके बारे में सोचना होगा और रों को अगर कोई टक्कर दे सकता है और हरा सकता है तो वो है उसका बड़ा भाई यानि की गेब्रीयल जो ईश्वक़्त बर्निंग माउंटन आइलॅंड का राजा है और रों और गेब्रीयल दोनों भाई तो हैं लेकिन साथ में एक दूसरे के जानी दुश्मन भी हैं

इसलिए रों के मामले में हमें गेब्रीयल की मदद लेनी चाहिए वो हमारी इसे मामले में मदद जरूर करेगा गेब्रीयल रों को जरूर मर्देगा इसे से हमारी परेशानी भी मिट जाएगी और राषते से रों भी हाथ जाएगा , और रही बात उस लड़के की जिसने सुनहेरी को हमारे सराय से लेकर भगा था तो वो कोई कुछ परेशानी नहीं है उसे हम में से कोई भी बड़ी आसानी से संभाल लेगा

इसलिए हम में से दो कल सुबह ही गेब्रीयल से मिलने के लिए निकलेंगे और बाकी हम सब रों और उसके जहाज़ और सुनहेरी पे नज़र रखेंगे , इसे बार जीिट हमारी ही होगी और सुनहेरी भी हमारे हाथ ही लगेगी , ये बोलकर दूसतीनी ज़ोर ज़ोर से हँसने लगती है और उसके साथ उसकी सभी बहने भी
सुबह का वक्त था और ईश्वक़्त स्पिरिचुयल शिप में काफी भीड़ भाड़ थी क्योंकि सभी ईश्वक़्त जहाज़ के ऊपर इकहते होकर खड़े थे रुद्रा और सुनहेरी को बिदा करने के लिए , इन कुछ दीनों में रों ने रुद्रा को अच्छे तरीके से ट्रेन कर दिया था तलवारबाज़ी धनुर्धारी काला में और बंधुक चलना भी सिखाया था रुद्रा अब पहले वाला रुद्रा नहीं था अब रुद्रा में भी बहुत हिम्मत अचूकी थी वो मूषिबतों का सामना करना सिख चुका था और सुनहेरी भी इन कुछ दीनों में इंसानो के साथ रहते रहते कुछ हड़त्ाक इंसान बंचुकी थी , और इन कुछ दीनों में रुद्रा और सुनहेरी काफिई करीब अचुके थे

सभी ईश्वक़्त जहाज़ के ऊपर मौजूद थे सभी रुद्रा और सुनहेरी के गले मिलकर उन्हें उनके आगे की यात्रा के लिए सुबह कामना दरहे थे फिर रों रुद्रा से गले मिलता है और कहता है

रों – रुद्रा तुम्हारे लिए एक अच्छी खबर है और एक बुरी खबर भी है पहले कौनसा सुन ना चाहोगे

रुद्रा – रों भाई कोई भी खबर सुना दो क्या फर्क पड़ता है
 

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रों – अच्छा तो ठीक है सुनो अच्छी खबर ये है की तुम्हारी मां का पता चल गया है और बुरी खबर ये है की तुम्हारी मां ईश्वक़्त एक चुड़ैल के कैद में है और उस चुड़ैल का नाम मोहिनी है , उस छेदेल मोहिनी ने तुम्हारी मां को अपना गुलाम बनकर रखा है

रुद्रा – रों भाई मुझे वो चुड़ैल कहाँ पे मिलेगी

रों – रुद्रा तुम्हें वो चुड़ैल उतार दिशा में मिलेगी , ये लो मेरा कोमपूस ये तुम्हें तुम्हारे मंजिल तक पहुँचने में मदद करेगी और ये लो , ये एक जादुई पाउडर है जब तुम्हारा सामना दूसतीनी या फिर उसके बहनों से हो तो ये पाउडर इस्तेमाल करना कुछ देर के लिए उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं देगा फिर तुम दोनों वहाँ से भाग सकते हो

रुद्रा – थॅंक्स रों भाई आप ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है हम आप के एहसान को कभी भी भुला नहीं सकते हैं अगर आप ना होते तो में और सुनहेरी दूसतीनी के हाथों कबका मारे जाते

रों – एक तरफ भाई भी कहता है और दूसरी तरफ एहसान की भी बात करता है अगर तूने ये लफ़्ज़ दुबारा बोला तो तुझसे कभी आइन्दा से बात नहीं करूँगा

रुद्रा – ठीक है रों भाई आइन्दा से ये बात कभी नहीं बोलूँगा

रों – और एक बात अगर कभी मेरी जरूरत पड़े या याद आए तो अपने दिल के ऊपर हाथ रखकर मुझे याद कर लेना तेरा संदेशा मुझ तक पहुँच जाएगा

रुद्रा – वो केशे रों भाई

रों – वो इसे भाई ये मायवी दुनिया है और यहाँ पे हम एक दूसरे से इसे ही बात करते हैं इसे हम टेलिपती कहते हैं ये तरीका बिलकुल तुम्हारे दुनिया के मोबाइल के तरह ही है अब समझे

फिर रुद्रा रों के और मटरू के गले लगता है और सुनहेरी भी इन दोनों से बिदा लेती है फिर रुद्रा और सुनहेरी स्पिरिचुयल शिप से नीचे उतरके चालदेते हैं अपनी मंजिल के तरफ और जहाज़ पे मौजूद सभी इन्हें देखते रहते हैं और जब वो दोनों सबके आँखों से ओझल होजते हैं तो सब फिरसे अपने अपने काम में लगजते हैं , रों और मटरू अब भी दोनों एक कोने में खड़े थे

मटरू – रों आना अब तो बता दो आख़िर वो क्या बात है जिसके वजह से आप ने रुद्रा का इतना मदद किया

रों – (मुस्कुराते हुए) रुद्रा गंडर का होनेवाला राजा है रुद्रा की मां यानि की मोना वो कोई आम औरत नहीं है एमेम , वो गंडर की राजकुमारी है जो पिछले कई सालों से उस चुड़ैल कामिनी के कैद में है , और रुद्रा की किस्मत उसे उसकी मां के तरफ नहीं गंडर के राजा के उतराधिकारी के कुर्सी के तरफ लेजराही है

मटरू – क्य्ाआआअ सच में रों आना , क्या आप सच बोल रहे हैं

रों – हाँ में सच बोल रहा हूँ

मटरू – अच्छा अच्छा ये बात तो समझ में आ गाई की हमारा रुद्रा गंडर का होनेवाला राजा है पर ये समझ में नहीं आया की इसमें आप का क्या फायदा होगा

रों – बेटा एमेम फायदा अभी नहीं तब होगा जब रुद्रा गंडर का राजा बनेगा तब में गंडर के महेल में घुस के उस नायाब चीज़ को चुरा सकूँगा

मटरू – नायाब चीज़ में कुछ समझा नहीं आना ठीक से बताओ मेरे को कौनसी नायाब चीज़

रों – तुझे कुछ भी समझ ने की कोई जरूरत नहीं है बससस्स इतना समझले की गंडर के महेल के अंदर एक ऐशी चीज़ है जो हमें एक ऐशी जगह पे लेजाएगा जहाँ पे तिलशमीी अंत हीं खजाना दफ़न है

मटरू – क्य्ाआआआ अंत हीं खजाना यानि की कभी खत्म ना होने वाला खजाना

रों – हाँ वही कभी खत्म ना होनेवाला खजाना

मटरू – तो फिर रों आना आप ने रुद्रा को अकेला क्यों चोद दिया वो सारी चुड़ैल उसे मर सकती हैं और तो और उसके पास कोई जादुई हथियार भी नहीं है उनसे लड़ने के लिए

रों – तू फिक्र मत कर एमेम रुद्रा का किस्मत बहुत तगड़ा है उसे कुछ भी नहीं होगा और वैसे भी ये उसका इम्तहान है इसलिए उसे इसे सफ़र पर अकेला ही चलना होगा अगर इसे पूरे सफ़र में उसका कोई साथ देगा तो वो है सुनहेरी

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और इधर रुद्रा और सुनहेरी दोनों चलते हुए उतार दिशा के तरफ बढ़ते ही जा रहे थे बढ़ते ही जा रहे थे , दोनों इन कुछ दीनों में एक दूसरे के काफिई करीब अचुके थे , दोनों बहुत अच्छे दोस्त बंचुके थे इन दीनों में , यहाँ तक की दोनों एक दूसरे से प्यार करने भी लगे थे

सुनहेरी रुद्रा से प्यार तो बहुत करती थी पर उसने रुद्रा को इसे बारे में कभी बताया नहीं क्योंकि वो सोचती थी की रुद्रा अभी भी उस सोना से प्यार करता है और रुद्रा सिर्फ़ उसे अपना एक अच्छा दोस्त समझता है , इसलिए उसने रुद्रा को कभी अपने प्यार के बारे में बताया नहीं क्योंकि उसे डर था की कहीं ये बात जान के रुद्रा उस से दोस्ती का भी रिश्ता तोड़ ना दे , इसलिए सुनहेरी रुद्रा की दोस्त के रूप में ही बहुत खुश थी क्योंकि रुद्रा हमेशा उसके साथ जो रहता था

और इधर रुद्रा सुनहेरी के भोलेपन से , सचाई से , हस्सने के अंदाज़ से , रूथेंे के अंदाज़ से प्यार कर बैठा था अगर सुनहेरी को एक खरॉच भी आती तो रुद्रा परेशान हो उठ था था , अब सुनहेरी के साथ रहते हुए रुद्रा समझ चुका था की प्यार किसे कहते हैं और मतलबी प्यार किसे कहते हैं , अब उसे समझ में अचुका था की उसका दोस्त सन्नी हमेशा सोना के बारे में सच ही कहा करता था की सोना मतलबी है स्वार्थी है

और सुनहेरी सही में एक सच्चे दिलवली लड़की थी जिसे प्यार का मतलब बहुत अच्छे से पता था , रुद्रा सुनहेरी से इन कुछ दीनों में बेंतिहा प्यार करने लगा था लेकिन वो कहने से डरता था , क्योंकि सुनहेरी एक असमनी सितारा थी और रुद्रा एक आम इंसान उसे डर था की जब सुनहेरी उस से बिछुड़ के वापस आसाम में चली जाएगी तो वो उस दर्द को से नहीं पाएगा इसलिए उसने सुनहेरी को इसे बारे में कभी भी कुछ नहीं बताया और अपने प्यार को अपने दिल में रख के सुनहेरी के एक अच्छे दोस्त के रूप में ही खुश रहने लगा

रुद्रा और सुनहेरी दोनों चलते चलते बहुत आगे अचुके थे वो दोनों ईश्वक़्त एक जंगल में थे और अब रात भी होचुकी थी इसलिए दोनों ने मिलकर वहीं पे उस रात को रुकने का इरादा किया और एक पेड़ के पास बैठ गये और थोड़ी देर सुसताने लगे

दोनों इतने देर तक चलते चलते बहुत तक चुके थे इसलिए उन्न दोनों को बहुत भूख भी लगने लगी थी इसलिए सुनहेरी ने अपने साथ लाए हुए खाने के ठेले को खोलने लगी और फिर दोनों रुद्रा और सुनहेरी मिलकर खाना खाने लगे की तभी कहीं से कुछ आवाजें आनी लगी
रात का सन्नाटा चारों तरफ फैला हुआ था रुद्रा और सुनहेरी दोनों बैठ के खाना कहा रहे थे जो वो दोनों अपने साथ लाए थे स्पिरिचुयल शिप से चलते वक्त , और ईश्वक़्त रुद्रा और सुनहेरी दोनों चुप चाप अपने पेट की भूख मिटा ही रहे थे की तभी इसे रात के सन्नाटे को चीरती हुई एक आवाज़ आती है

सुनहेरिइईईईईईईई , सुनहेरिइईईईईईईईई , सुनहेरिइईईईईईईईई – ये आवाज़ सुनते ही रुद्रा और सुनहेरी दोनों की रोंगटे खड़े होजते हैं वो दोनों खाने को वहीं चोद के चारों तरफ देखने लगते हैं लेकिन उन्हें अंधेरे के सीबे कुछ भी नहीं दिखता है फिर रुद्रा सुनहेरी के नज़दीक आकर सुनहेरी को कहता है

रुद्रा – सुनहेरी डरो मत लगता है हमारे कान बज रहे हैं , यहाँ पे हवा बहुत तेज बह रही है इसलिए हमें कोई गलत फहमी हुई होगी चलो बैठो और खाना खाओ

सुनहेरी – शायद तुम ठीक कह रहे हो रुद्रा , ठीक है चलो अपना खाना खत्म करते हैं , और फिर दोनों दुबारा बैठ जाते हैं खाना खाने के लिए

फिर कुछ ही देर में दोनों अपना खाना खत्म करते हैं और पेड़ से लग के बैठ जाते हैं थोड़ा आराम करने के लिए , की तभी फिरसे वो आवाज़ आती है और इषबर बहुत करीब से

और फिर वो आवाज़ बार बार लगातार आने लगती है और ये आवाज़ सुनकर दोनों रुद्रा और सुनहेरी काफिई डर चुके थे कुछ करके सुनहेरी डर के मारे काँपने लगी थी

सुनहेरी – रुद्रा ये सब क्या हो रहा है कौन मेरे नाम को बार बार लेकर पुकार रही है , कहीं ये वो तो नहीं

रुद्रा – सुनहेरी देखो डरो मत कुछ भी नहीं होगा हमें , चाहे वो कोई भी हो , फिर अंधेरे को चीरती हुई एक खतरनाक हँसी की आवाज़ सुनाई देती है और फिर वो हस्सने वाला शॅक्स अंधेरे से निकल के सामने आता है

वो शॅक्स कोई और नहीं चुड़ैल दूसतीनी और उसकी दो बहने थी रुसतीनी और कास्तीनी , ये तीनों खौफनाक हँसी हंसते हुए आगे तरफ रहे थे रुद्रा और सुनहेरी के तरफ , इन तीनों को देख सुनहेरी थर थर काँपने लगी थी और रुद्रा का भी दिमाग कुछ ठीक से काम नहीं कर रहा था

कुछ ही पल में दूसतीनी और उसकी दोनों बहने रुद्रा और सुनहेरी को घर लेते हैं और हस्सने लगते हैं फिर दूसतीनी आगे बढ़ती है और

दूसतीनी – वाहह ये तो बहुत अच्छा हुआ की तुम लोग अपने आप ही रों के जहाज़ से बाहर निकल आए अब हमें कोई भी तकलीफ उठाने की जरूरत नहीं है अब हम तुम दोनों को आसानी से मर सकते हैं
 

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रुद्रा – (थोड़ा सा हिम्मत करके) तुम्हारी ये इचाअ कभी भी पूरी नहीं होगी दूसतीनी कभी नहीं , तुम सब हम दोनों का कुछ भी नहीं उखाड़ सकते

रुद्रा के मुंह से ऐशी बातें सुन कास्तीनी भड़क जाती है और जाकर रुद्रा के गर्दन को अपने हाथों से पकड़ के ऊपर उठा लेती है फिर वो रुद्रा से कहती है

कास्तीनी – तो हमें कौन रोकेगा , तू रोकेगा हमें चल रोक हमें , ये बोलकर कास्तीनी रुद्रा को उठाकर हवा में उछाल देती है और रुद्रा जाकर एक पेड़ से टकरा जाता है

फिर रुद्रा उठने लगता है की तभी दूसतीनी की दूसरी बहन रुसतीनी वहाँ पहुँच जाती है और रुद्रा के गर्दन को पकड़कर उत्ादेटी है और फिर रुसतीनी भी रुद्रा को हवा में उछाल के दूर फेंक देती है और रुद्रा सीधा जा टकराता है एक बारे से पठार से जिस से रुद्रा को बहुत चोटें लगती हैं और रुद्रा का खून बहने लगता है

रुद्रा की ये हालत देख सुनहेरी रोने लगती है और रुद्रा के तरफ भाग के जाने लगती है लेकिन दूसतीनी सुनहेरी के हाथ को पकड़ के रोक लेती है और रुद्रा और सुनहेरी की ये हालत देख दूसतीनी और उसकी दोनों बहने ज़ोर ज़ोर से हँसने लगती हैं

फिर कास्तीनी रुद्रा के पास जाती है और उसके सीने के ऊपर पर रखकर कूदने लगती है इसे से रुद्रा को और भी तकलीफ होने लगती है और ये देख वो तीनों चुड़ैल बहने और भी हस्सने लगती हैं की तभी कुछ असीहा होता है जिस से इन तीनों बहनों की हँसी अचानक गायब होजती है

अचानक से एक तेजधर तलवार कहीं से हवा में उड़ती हुई आती है और कास्तीनी के दिल को चीरती हुई बाहर निकल जाती है इसे से कास्तीनी एक तेज चीत्कार के साथ नीचे ज़मीन पे ढाम्म्म्ममम करके गिरजति है और छटपटाने लगती है कुछ ही देर में कास्तीनी का पूरा शरीर नीला पादजता है

और फिर कास्तीनी के मुंह से झाग निकालने लगता है , कास्तीनी के ऊपर ज़हेरिले तलवार से वार किया गया था कुछ ही सेकेंड में कास्तीनी मरिजाति है और ये नज़ारा देख दूसतीनी और रुसतीनी सकते में आजाते हैं और दूसतीनी चिल्लाने लगती है

दूसतीनी – कौन है वो जिसने हमारी बहन के ऊपर वार किया और उसे मौत के घाट उतरा , सामने आओ अगर हिम्मत है तो सामने आओ , फिर जंगल के अंधेरे में से सामने आता है गंडर का राजकुमार कुंवर विक्रांत अपने सिपाहियों के साथ और ईश्वक़्त कुंवर विक्रांत के चेहरे पे एक मुश्कूराहट थी

इन सभी बातों में दूसतीनी ने सुनहेरी का हाथ चोद दिया था ये उसे पता ही नहीं था सुनहेरी रुद्रा के तरफ भागती है और वहाँ पहुँच के रुद्रा को उठाने लगती है और इधर दूसतीनी कुंवर विक्रांत को देख बहुत गुस्से में थी और

दूसतीनी – कौन हो तुम और तुम्हारी हिम्मत केशी हुई हमारी बहन को मरने की

कुंवर विक्रांत – में वो हूँ जिसके भाई को तुमने कुछ दिन पहले अपने सराय में मारदला था धोके से , हाँ में कुंवर यश का बड़ा भाई कुंवर विक्रांत हूँ और अपने छोटे भाई के मौत का बदला लेने के लिए आया हूँ

रुसतीनी – अच्छा तो तू उसी का भाई है चल अच्छा हुआ तू भी आ गया अपने भाई की तरह मरने के लिए हमारे हाथों चल अब आजा , फिर कुंवर विक्रांत अपने सिपाहियों के साथ दोनों चुड़ैल बहनों के तरफ बदहजता है

और दोनों चुड़ैल बहने अपने जादुई झाड़ू पे बैठ के हवा में उठ जाती हैं और कुंवर विक्रांत के सिपाहियों के ऊपर अपने जादुई चड्डी से जादुई वार करने लगती हैं कभी उनके जादुई चड्डी से बहुत सारे खंजर निकलकर सिपाहियों के सीना चलनी कार रहे थे तो कभी उनके जादुई चड्डी में से बिजलियाँ गिरती थी जो उन्न सिपाहियों को जला देती तो कभी उनके जादुई चड्डी में से बहुत सारे पठार निकलते जो सीधा जा टकराते उन्न सिपाहियों से

और देखते ही देखते कुंवर विक्रांत के सिपाहियों की तादात कम होने लगती है , कुंवर विक्रांत के सिपाही तेजधर वालों और तीरों से और तलवार से उनके ऊपर वार कर रहे थे लेकिन उनका हर वार नाकाम जा रहा था क्योंकि वो दोनों चुड़ैल बहने कभी भी एक जगह पे ठहेरती ही नहीं थी

इसे बीच रुद्रा अब खड़ा होचुका था और सुनहेरी के साथ खड़े होकर वहाँ के जंग को देख रहा था , कुंवर विक्रांत अपने सामने अपने सिपाहियों को एक एक करके मरते देख बहुत गुस्से में अचुका था और देखते ही देखते कुछ ही वक्त में दूसतीनी और रुसतीनी दोनों चुड़ैल बहने कुंवर विक्रांत के 100 सिपाहियों के फौज को कुछ ही मिनट में खत्म करदेटे हैं , ये देख कुंवर विक्रांत चिल्लाता है

कुंवर विक्रांत – अगर तुम दोनों में थोड़ी से भी हिम्मत है तो मेरा सामना करो नीचे आकर , ये सुन दोनों बहने हस्सने लगती हैं और फिर वो दोनों नीचे उतार आती हैं , और फिर रुसतीनी दूसतीनी को वहीं छोड़कर आगे बदहजति है कुंवर विक्रांत के तरफ

रुसतीनी – लो राजकुमार में आ गाई अब क्या करोगे मरोगे चलो मारकर दिखाओ

फिर कुंवर विक्रांत रुसतीनी के तरफ बदहजता है और कुंवर विक्रांत को अपने तरफ बढ़ते देख रुसतीनी फौरन अपनी जादुई चड्डी निकलती है और उसमें से बहुत सारे खंजर निकलकर कुंवर पे वार करती है लेकिन कुंवर विक्रांत अपने जादुई ज़हेरिली तलवार के मदद से रुसतीनी के उस वार को बेकार करदेता है


ये देख रुसतीनी गुस्से में फिरसे अपनी जादुई चड्डी निकलती है और उसमें से बहुत बारे बारे पठार निकल के कुंवर के ऊपर फेंकती है लेकिन इषबर भी कुंवर विक्रांत रुसतीनी के उस वार को बेकार करदेता है , ये देख रुसतीनी और भी गुस्से में आ जाती है और कुंवर विक्रांत के ऊपर अपने जादुई चड्डी के मदद से बिजलियों से वार करती है और तब तक करती रहती है जब तब सब कुछ जल्के रख नहीं हो जाता

रुसतीनी अपने जादुई चड्डी को नीचे करती है और सामने देखती है लेकिन उसे कुछ भी दिखाई नहीं देता क्योंकि सामने सिर्फ़ धुआँ ही धुआँ था कुछ भी साफ दिखाई नहीं दहाड़ा था और ये देख रुसतीनी को लगता है की कुंवर अबकी वार से मारा गया इसलिए रुसतीनी हस्सने लगती है और रुसतीनी को हस्सता देख दूर खड़ी दूसतीनी भी हस्सने लगती है

लेकिन तभी उन्न धुआँ में से निकलकर कुंवर विक्रांत सामने आता है और अपने तलवार के हैंडिल से एक जोरदार वार करता है रुसतीनी के चेहरे के ऊपर इसे से रुसतीनी नीचे ज़मीन पे गिर जाती है और फिर कुंवर विक्रांत आगे बढ़के रुसतीनी के सीने के ऊपर पर रखता है और अपने हाथ में लिए तलवार को रुसतीनी के तरफ मौूद देता है

और फिर जैसे ही कुंवर विक्रांत रुसतीनी के सीने में तलवार उतरने को होता ही है की तभी अचानक से बहुत सारे खंजर उड़ती हुई आती है और कुंवर विक्रांत के सीने को चलनी करके निकल जाती है

इसे हमले से कुंवर विक्रांत हवा में उड़ते हुए दूर जाकर गिरता है ठीक रुद्रा और सुनहेरी के पास , कुंवर विक्रांत के ऊपर वो वार दूसतीनी ने पीछे से और धोके से किया था ईश्वक़्त कुंवर विक्रांत का शरीर पूरी तरह से खंजारों से चलनी होचुका था और उसके शरीर से जेशे मानो खून की नदी बहराहि हो किसी भी वक्त कुंवर विक्रांत मर सकता था

कुंवर विक्रांत की ये हालत करने के बाद दूसतीनी बहुत जोरों से हस्सने लगती है और साथ में रुसतीनी भी इधर कुंवर विक्रांत ईशर करके रुद्रा को अपने पास बुलाता है और रुद्रा उसके पास जाता है

कुंवर विक्रांत – रुद्रा शायद तुम मुझे नहीं जानते पर में तुम्हें अच्छी तरह से जनता हूँ में कुंवर यश का बड़ा भाई कुंवर विक्रांत हूँ में इन चुड़ेलों को मारकर अपने भाई के मौत का बदला लेना चाहता था पर मेरी ये इच्छा अधूरी रही जाएगी लगता है इसलिए में ये जादुई ज़हेरिली तलवार तुम्हें देना चाहता हूँ और और ये भी चाहता हूँ की तुम मेरे और मेरे भाई की मौत का बदला इन बहनों को मारकर लो

रुद्रा – कुंवर विक्रांत यश मेरा भी दोस्त था हाँ हमारी दोस्ती इतनी गहरी तो नहीं थी लेकिन फिर भी वो मेरा दोस्त था इसलिए में आप से वादा करता हूँ की कुंवर यश और आप को मरने वाली इसे चुड़ैल दूसतीनी को में अपने ही हाथों से मारूँगा

कुंवर विक्रांत – शुक्रिया रुद्रा तुम अभी सुनहेरी को लेकर यहाँ से चले जाओ क्योंकि ये वक्त उन्न दोनों बहनों का है उन्हें हराना आसान नहीं है अभी , इसलिए अभी यहाँ से भाग जाओ इनसे बाद में अपनी और हमारी बदला लेलेना , ये बोलकर कुंवर विक्रांत अपनी आँखें हमेशा हमेशा के लिए बंद करदेता है

इधर दूसतीनी और रुसतीनी रुद्रा और सुनहेरी के तरफ बढ़ने लगती हैं की तभी रुद्रा अपने जेब से रों का वो दिया हुआ जादुई पाउडर निकलता है और दूसतीनी और रुसतीनी के ऊपर फेंक देता है जिस से दूसतीनी और रुसतीनी के शरीर कुछ देर के लिए अकड़ जाती हैं और इसी मौके का फायदा उठाकर रुद्रा सुनहेरी का हाथ पकड़ता है और भागने लगता है

बहुत देर तक दोनों रुद्रा और सुनहेरी भागते रहते हैं , वो दोनों बिना रुके ही घंटों तक भागते रहते हैं और इसी बीच दूसतीनी और रुसतीनी का शरीर भी ठीक होचुका था इसलिए वो दोनों भी गुस्से में अपने जादुई झाड़ू पे सवार होकर रुद्रा और सुनहेरी के पीछे लगे थे कुछ ही देर में उन्हें रुद्रा और सुनहेरी भागते हुए दिखाई देते हैं

और इधर रुद्रा और सुनहेरी जान लगाकर आगे भाग रहे थे उन्हें पता चल चुका था की उनके पीछे ही दूसतीनी और रुसतीनी हैं और कभी भी उन्हें पकड़ सकती हैं इसलिए दोनों पूरी जान लगाकर भाग रहे थे की तभी सुनहेरी और रुद्रा दोनों जंगल के अंधेरे में किसी चट्टान जेशे चीज़ से टकरा जाते हैं और नीचे गिरजते हैं

रुद्रा और सुनहेरी को नीचे गिरता देख दूसतीनी और रुसतीनी भी अपने जादुई झाड़ू से नीचे उतार आती हैं और इन दोनों के तरफ ही चलते हुए आगे बढ़ने लगती हैं

और इधर जब रुद्रा और सुनहेरी अपने सामने देखते हैं तो पाते हैं की वो किसी पठार से नहीं किसी शॅक्स से टकराए थे जो अभी उनके सामने अपने पीठ करके खड़ा था

रुद्रा और सुनहेरी जब पीछे देखते हैं तो पाते हैं दूसतीनी और रुसतीनी दोनों उनके ही तरफ तरफ रहे हैं इसलिए वो दोनों खड़े होते हैं और उस शॅक्स से जिस से वो दोनों अभी अभी टकराए थे उस कहते हैं

रुद्रा & सुनहेरी – देखिए प्लेआस्ीई हमारी मदद कीजिए हमारे पीछे दो चुड़ैल पड़ी हैं जो हमें मारना चाहती हैं प्लेआस्ीई मदद करिए हमारी
 

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फिर वो शॅक्स जो इन दोनों के तरफ अपना पीठ करके खड़ा था वो शॅक्स पीछे पलट था है और कुछ कदम आगे बढ़ता है जिस से उसके चेहरे पे चाँद की रोशनी पड़ती है , और जब रुद्रा और सुनहेरी की नज़र उस शॅक्स के चेहरे के ऊपर पड़ती है तो दोनों के शरीर डर और खौफ में मारे कांप उठते हैं , दोनों के मुंह से सिर्फ़ एक ही नाम निकलता है और वो नाम था – ईविल प्रिन्स अग्नि अग्नि और उसकी शैतानी फौज निकल चुकी थी जहन्नुम के सफ़र पर , सम्राट के कुछ आदमी जादूगर जोरबार को डर्कलॉर्ड के चंगुल से छुड़ाने के लिए और इसी सफ़र पर चलते हुए अग्नि और उसकी फौज रात होने के कारण एक जुंगेल में ईश्वक़्त पढ़ाव डाले हुए थे

रात काफी होचुकी थी इसलिए अग्नि की फौज के ज्यादातर योढ़ा सो चुके थे लेकिन अग्नि के आँखों से नींद कोषो दूर थी इसलिए अग्नि ईश्वक़्त उस जंगल में अकेला टहल रहा था की तभी अचानक से कोई आकर अग्नि के पीठ से टक्रजता है

और जब अग्नि पीछे पलट था है तो देखता है की दो शॅक्स उस से टकराके ज़मीन पे पड़े हुए हैं , एक लड़का और एक लड़की और ये दोनों कोई और नहीं रुद्रा और सुनहेरी थे और दोनों पूरी तरह से डरे हुए थे उन्न में से सुनहेरी अग्नि को कहती है

सुनहेरी – प्लीज़ हमारी मदद कीजिए हमारे पीछे दो चुड़ैल पड़ी हुई हैं और वो हमें मारना चाहती हैं प्लीज़ हमारी मदद कीजिए वरना वो हम दोनों को मर डालेंगी

फिर अग्नि अपने कुछ कदम आगे बढ़ता है जिस से अग्नि अंधेरे से निकल के चाँद की रोशनी में आता है और अग्नि का चेहरा उन्न दोनों को रुद्रा और सुनहेरी को दिखाई देता है जिसे देख वो दोनों और भी डर जाते हैं और उन्न दोनों को डरता हुआ देख अग्नि उनसे कहता है

अग्नि – घबरा मत कुछ नहीं होगा तुम दोनों को , ये चुड़ैल तुम्हारा कुछ भी बिगड़ नहीं सकती जब तक में तुम दोनों के पास हूँ , ये बोलकर अग्नि रुद्रा और सुनहेरी के आगे खड़ा हो जाता है

उठने ही देर में दूसतीनी और रुसतीनी इन सबके पास अपहुँचते हैं और आते ही रुसतीनी अग्नि के ऊपर दहाड़ती है

रुसतीनी – ओये लड़के कौन है भी तू चल क़त्ले इन दोनों के सामने से वरना बेकार में ही मारा जाएगा समझा

ये सुन अग्नि हस्सने लगता है और फिर ज़ोर ज़ोर से हस्सने लगता अपने पेट को पकड़कर ये सब देख वहाँ मौजूद दूसतीनी और रुसतीनी अपने मुंह फाड़े एक दूसरे को देखने लगते हैं और अग्नि को बारे बारे आँखों से देखने लगते हैं

अग्नि – बहुत अच्छा मज़ाक था मेरी प्यारी चुड़ेलों , मान ना पड़ेगा तुम दोनों को काफिई अच्छा मज़ाक करलेटे हो

ये सुन दूसतीनी और रुसतीनी बहुत ज्यादा भड़क जाती हैं और ये सब रुद्रा और सुनहेरी भी काफिई हैरानी के साथ देख रहे थे

रुसतीनी – लड़के तूने हमारा मज़ाक उड़के बहुत बड़ी गलती किया है अब तुझे इसकी सजा भुगतनी ही पड़ेगी , में तुझे मौत दूँगी मौत तैयार होज़ा लड़के

अग्नि – हम तो मौत के इंतजार करते करते तक चुके हैं लेकिन मौत है की हमें लेती ही नहीं, न जाने कितनों ने हमें मौत की नींद सुलानी चाही लेकिन वो खुद ही मौत को प्यारे हो गये , चलो कोई बात नहीं चुड़ैल आंटी आप भी कोशिश करके देखलो

अग्नि के मुंह से ऐशी बातें सुन दूसतीनी और रुसतीनी बहुत गुस्से में आजाते हैं और अपनी जादुई चड्डी निकल लेती हैं और उस जादुई चड्डी के मदद से दोनों अग्नि के ऊपर हमला बोल देती हैं , दूसतीनी जादुई चड्डी के मदद से अग्नि के ऊपर खंजर और तलवारों की बरसात करने लगती है वहीं रुसतीनी अपनी जादुई चड्डी के मदद से अग्नि के ऊपर बिजलियों की बरसात करने लगती हैं कुछ देर तक

कुछ देर बाद दोनों चुड़ैल बहने अपनी अपनी हमले को रोकती हैं और सामने देखने लगती हैं सामने सिर्फ़ धुआँ ही धुआँ था बिजलियाँ गिरने के कारण , सामने से कोई भी आवाज़ नहीं आ रही थी इसलिए दोनों बहने समझती हैं वो लड़का मारा गया इसलिए दोनों बहने ज़ोर ज़ोर से हस्सने लगती हैं

लेकिन तभी वहाँ से धुआँ हटने लगता है और जब धुआँ पूरा हटजता है तो वहाँ का नज़ारा देख दूसतीनी और रुसतीनी दोनों अपने मुंह फाड़े पागलों की तरह सामने देखने लगती हैं क्योंकि अग्नि सही सलामत उनके सामने खड़ा था और मुस्करा रहा था उसे एक खरॉच भी नहीं आई थी

अग्नि – क्या हुआ चुड़ैल आंटी लगता है आप की सकतियों की हवा निकल गयी इसलिए मुझे कुछ नहीं हुआ चलो कोई बात नहीं एक और चान्स देता हूँ आप दोनों को मुझे मर दो अगर दूसरी बार भी नाकाम रहे तो फिर मेरी बड़ी आएगी तुम दोनों को अपनी शक्ति दिखाने की

फिर कुछ देर तक दूसतीनी और रुसतीनी अग्नि को देखते रहते हैं फिर दोनों अपनी अपनी जादुई चड्डी उठती हैं और फिरसे अग्नि के ऊपर तन देती हैं इसे बार उनका हमला होता है आग से , दोनों चुड़ैल बहने अग्नि के ऊपर अपनी जादुई चड्डी के मदद से आग से हमला करने लगते हैं बहुत देर तक लेकिन उनका ये हमला भी नाकाम रहता है

उसके बाद दोनों बहने अपनी जादुई चड्डी के मदद से और भी बहुत से हमले करते हैं लेकिन उन्न दोनों के सारे वार बेकार जाते हैं , अपने सारे वार इसे तरह बेकार जाता देख दोनों के होश उड़ चुके थे वो दोनों बहने समझ चुके थे की ये जो उनके सामने खड़ा है कोई मामूली शॅक्स नहीं है

अब अग्नि इन दोनों बहनों की तरफ धीरे धीरे बढ़ने लगता है और कुछ ही सेकेंड’से में अग्नि उन्न दोनों बहनों के सामने पहुँच जाता है और अग्नि को सामने देख दोनों के चेहरे का रंग पूरी तरह से उड़ जाता है और दोनों के मुंह से घबराते हुए एक ही बात निकलती है , कौन हो तुम,,,,,,,,,,

अग्नि – (गुस्से में ) में वो हूँ जिसका नाम सुनकर पूरी मायवी दुनिया कांप उत्टीई है , में वो हूँ जिस से टकराने से पहले ऊपरवाला भी हज़ारों बार सोचता है की मेरा सामना करे या नहीं , में इन अंधेरी और शैतानी दुनिया का मल्लिक हूँ और मुझे पूरी दुनिया पूरी काईनात ईविल प्रिन्स अग्नि के नाम से जानती है , इतना कहते ही वहाँ आश्मन में बिजलियाँ कड़कड़ने लगती हैं , क्योंकि अग्नि ये सब बहुत गुस्से में कह रहा था और मौसम भी अग्नि के साथ था


अग्नि का असलियत जानके दोनों चुड़ैल बहने काफिई डर चुकी थी वो दोनों वहीं खड़े खड़े काँपने लगती हैं , फिर अग्नि रुसतीनी के गर्दन को पकड़ लेता है और ऊपर उठा देता है

अग्नि – में खुद ही आग हूँ और आग को आग से जलाया नहीं जाता चुड़ैल आंटी , अब मेरी बड़ी है अपनी शक्तियों को दिखाने की

रुसतीनी अग्नि के हाथों में पड़ी छटपटा रही थी लेकिन अग्नि उसे चोदने के वजह और ज़ोर से उसकी गर्दन पकड़ता है और फिर अग्नि अपनी आँखें बंद करदेता है फिर अग्नि अपनी आँख खोलता है और चिल्लाता है , हाईईईईईईईईईईईईईईईई

और इसी चिल्लाहट के साथ अग्नि का खतरनाक रूप भी सबके सामने आ जाता है , अग्नि के पूरे शरीर से आग निकलनी लगती है , आग की बड़ी बड़ी लपटें अग्नि के शरीर से निकालने लगती हैं और ईश्वक़्त सही माएनए में अग्नि अग्नि था यानि की आग का बवंडर था और उस आग के लपटों में चुड़ैल रुसतीनी भी आ जाती है और उसका शरीर जलने लगता है

रुसतीनी छटपटाने लगती है वो चिल्लाना चाहती है लेकिन चिल्ला नहीं पति क्योंकि अग्नि ने उसके गर्दन को काश के पकड़ रखा था और रुसतीनी की ये हालत देख चुड़ैल दूसतीनी अपनी बहन को वहीं छोड़कर वहाँ से फौरन भाग जाती है , कुछ ही मिनट’से में रुसतीनी जल्के रख बनजाति है और रुसतीनी के रख बनते ही अग्नि फिरसे नॉर्मल होनेलगता है उसके शरीर से आग की लपटें धीरे धीरे गायब होजती है

रुद्रा और सुनहेरी अभी भी उस जागार से थोड़ी दूरी पे खड़े ये सब देख रहे थे और ईश्वक़्त उनका मुंह पूरा का पूरा खुला हुआ था उनको तो जैसे यकीन ही नहीं हो रहा था की ये सब क्या हो रहा है , रुसतीनी को खत्म करके अग्नि चारों तरफ देखता है लेकिन दूसतीनी को कहीं भी नहीं पता वो समझ जाता है की दूसतीनी भाग गयी है इसलिए अग्नि रुद्रा और सुनहेरी के तरफ चल देता है और उनके पास पहुँच के रुद्रा से कहता है

अग्नि – रुद्रा तुम इसे मायवी दुनिया में क्या कर रहे हो और ये लड़की कौन है तुम्हारे साथ और ये दोनों चुड़ैल तुम्हारे पीछे क्यों पड़े थे
______ लधाई की आवाज़ सुनकर अग्नि के फौज का सेनापति जब्बार और उसके कुछ साथी यहाँ तक अचुके थे और ईश्वक़्त अग्नि के पास ही खड़े थे और अग्नि से पूछ रहे थे की मलिक क्या हुआ लेकिन अग्नि उनका सवाल का जवाब दिए बिना रुद्रा और सुनहेरी के पास जाता है और

अग्नि – रुद्रा तुम इसे मायवी दुनिया में क्या कर रहे हो और ये लड़की कौन है तुम्हारे साथ और ये दोनों चुड़ैल तुम्हारे पीछे क्यों पड़े थे

रुद्रा – आप को मेरा नाम केशे पता , क्या आप मुझे जानते हैं (रुद्रा परेशान सा होते हुए अग्नि से कहता है)

अग्नि – साले क्या तू मुझे भूल गया पहचान नहीं परहा है मुझे , में अग्नि हूँ तेरा दोस्त कमीने , ये सुन रुद्रा अग्नि को घूरने लगता है कुछ देर तक और फिर रुद्रा सीधे जाकर अग्नि के गले लग जाता है

रुद्रा – अग्नि मेरे दोस्त मेरे भाई तू यहाँ पे कब आया और ये ईविल प्रिन्स का क्या लाफद है यार , और अपने चांगू माँगूँ यानि की देव और जागु केशे हैं और कहाँ है और सबसे बड़ी बात जहाँ केशी है

रुद्रा एक साथ बहुत सारे सवाल पूछ बैठ था है अग्नि से और इधर वहाँ मौजूद सभी यानि की सुनहेरी , जब्बार और जब्बार के कुछ साथी मुंह फाड़े इनके तरफ ही देख रहे थे

सुनहेरी – रुद्रा क्या तुम इन्हें जानते हो ?

रुद्रा – सुनहेरी ये अग्नि है मेरा बहुत अच्छा दोस्त , कुछ सालों पहले अग्नि अपने दोस्तों के साथ कालेज के स्टडी टूर पे शिमला आया था और शिमला के पास ही हमारा गाँव है सरहादपुरा , हमारे गाँव में कुछ कहीं भी ना मिलने वाले पेड़ फूल और पौधे मौजुट हैं जिन्हें देखने के लिए इनकी कालेज के सभी स्टूडेंट’से आए थे हमारे गाँव में , उशिवक़्त में अग्नि से मिला था और अगले कुछ ही दीनों में हम दोनों बहुत ही गहरे दोस्त बन बैठे थे , ये सब सुनहेरी को बताने के बाद रुद्रा अग्नि के तरफ मुड़ता है और

रुद्रा – अग्नि यार तूने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया की अपने देव और जागु केशे हैं और जहाँ कहाँ पे है और तू ईविल प्रिन्स केशे बन गया

जहाँ का नाम सुनकर अग्नि के आँखों से आस्यू आजाते हैं और अग्नि के आँखों में आस्यू देख रुद्रा के चेहरे से हँसी गायब होजती है जो अग्नि से मिलने के कारण थी

रुद्रा – क्या हुआ अग्नि मैंने कुछ गलत कह दिया क्या , सब ठीक तो है ना

अग्नि – (अपने आँखों से आस्यू पोछते हुए) नहीं भाई कुछ भी ठीक नहीं है जहाँ अब इसे दुनिया में नहीं रही , ये बात सुनकर रुद्रा के चेहरे का रंग उद्जाता है वो आँखें फाड़े अग्नि की तरफ देखता है और

रुद्रा – क्य्ाआआआअ पर ये सब कब और केशे हुआ अग्नि

अग्नि – जिस दिन में तुझसे आखिरी वार मिला था उसके अगले दो दीनों में ही ये सब हुआ था और फिर अग्नि रुद्रा को जहाँ की मौत केशे हुई सब कुछ बताने लगता है एक एक करके सब कुछ , सारी बातें बताने के बाद अग्नि चुप हो जाता है ईश्वक़्त अग्नि के आँखों के साथ साथ रुद्रा और सुनहेरी के आँखों से भी आस्यू बह रहे थे जहाँ की कहानी सुनकर

फिर रुद्रा आगे बढ़ता है और अग्नि को गले लगलेटा है और कहता है
 

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रुद्रा – मुझे माफ करदे यार मुझे ये सब बिलकुल पता नहीं था और ना ही में उस कठिन वक्त में तेरे पास था

अग्नि – बाकी बातें हम हमारे ठिकाने पे करेंगे चलो मेरे साथ , ये बोलकर अग्नि अपने साथ रुद्रा और सुनहेरी को लेकर चल देता है और उसके पीछे जब्बार और उसके साथी चल देते हैं

कुछ ही देर में वो सब अपने ठिकाने पे पहुँच जाते हैं जब सुनहेरी अग्नि की शतानी फौज को देखती है तो कांप उठती है उसके कदम वहीं पे जम जाते हैं वो आगे नहीं तरफ पति है और ये देख अग्नि उसके पास जाता है और

अग्नि – देखिए आप दारिय मत कुछ भी नहीं होगा आपको यहाँ पे और ये सब जिन्हें देख आप डर रही हैं ये सभी मेरे फौज के योढ़ा हैं इसलिए दारिय मत ये आप का कुछ भी नहीं करेंगे , अग्नि के समझने के बाद सुनहेरी आगे बदहजति है

फिर रुद्रा और सुनहेरी अग्नि के साथ एक जगह बैठ जाते हैं और जब्बार और उसके साथी चल देते हैं पहरा देने के लिए , और बैठ ते ही रुद्रा फिर से अग्नि से पूछता है की अग्नि तू ईविल प्रिन्स केशे बन बैठा

फिर अग्नि कुछ देर चुप रहता है और फिर सबकुछ बताना चालू करदेता है पहली वार वर्षा से मिलने से लेकर आखिरी बार जब उसने अपनी जान दी थी वर्षा के लिए तब तक की कहानी अग्नि रुद्रा को सुना देता है और फिर कहता है

अग्नि – रुद्रा मेरी मौत के बाद मुझे पुनर्जीवित किया गया और मायवी दुनिया में लाया गया और यहाँ आकर में बन बैठा थे ईविल प्रिन्स , और फिर अग्नि रुद्रा को अपना मक्षद भी बताता है की वो फिरसे इंसान बन ना चाहता है इसलिए वो सम्राट को वापस जिंदा करना चाहता है तकिी सम्राट उसे इंसानी जिंदगी वापस लौटा दे और इसी मक्षद के वजह से उसने मायवी दुनिया में अपनी जूँगी मुहिम छेद रखी है

ये सारी बातें सुन रुद्रा और सुनहेरी बस अग्नि के तरफ ही देख रहे थे उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था की एक शॅक्स इतने दर्द केशे झेल सकता है

सुनहेरी – अग्नि जीि आप ने सच में बहुत दर्द झेले हैं अपनी जिंदगी में , आप बहुत हिम्मतवाले हैं अगर आप की जगह कोई और होता तो इतना दर्द कभी भी से नहीं पता

अग्नि (ये सुन एक फीकी मुश्कं लिए)

इश्क में ऐसे अरमान भी होते हैं,
खुली आँखों में भी ख्वाब होते हैं,
गम में ही ाश्क़ बहते हैं,
पर हँसती आँखों में भी शैलाब होते हैं…

अग्नि – चोदा इन बातों को तुम दोनों दर्द सहना तो मेरी आदत से बन चुकी है और शायद ही ये दर्द मेरा कभी पीछा चोदे , इसलिए मेरी चोदा और रुद्रा तू ये बता की तू यहाँ इसे मायवी दुनिया में क्या कर रहा है

फिर रुद्रा अपनी दास्तान बयान करने लगता है की केशे वो इंसानी दुनिया में एक लड़की से प्यार करता था और फिर केशे उसे पता चला की उसकी मां यहाँ इसे दुनिया में किसी चुड़ैल के कैद में है और फिर वो केशे इसे मायवी दुनिया में आया और फिर केशे वो सुनहेरी से टकराया इसे ही हर एक बात रुद्रा अग्नि को बता देता है सब कुछ बताने के बाद फिर

अग्नि – अच्छा तो ये है सारी कहानी तो तुम यहाँ अपनी मां को छुड़ाने के लिए आए हो और ईश्वक़्त उसी मक्षद से निकले हुए थे की तुम्हारे पीछे फिरसे चुड़ैल पड़ गये

रुद्रा – हाँ अग्नि सही कहा तुमने अगर आज सही वक्त पे तुम ना आते तो हम दोनों मारे जाते

अग्नि – अच्छा ये बता क्या नाम बताया था तुमने उस चुड़ैल का

रुद्रा – उस चुड़ैल का नाम मोहिनी है जिसने मेरी मां को अपने कैद में रखा है गुलाम बनकर , फिर अग्नि अपने सेनापति जब्बार को आवाज़ देकर बुलाता है और फिर जब्बार के आने के बाद अग्नि जब्बार से पूछता है

अग्नि – जब्बार ये बताओ क्या तुम किसी चुड़ैल मोहिनी को जानते हो

जब्बार – जब्बार कुछ देर सोचता है और फिर वो कहता है , अरे हाँ मलिक चुड़ैल मोहिनी तो डर्कलॉर्ड की बहन है जो आज कल डर्कलॉर्ड के साथ ही जहन्नुम में रही रही है

अग्नि – (ये सुन अग्नि चौक जाता है) क्य्ाआआअ , क्या तुम सच बॉलरहे हो

जब्बार – हाँ मलिक में सच बोल रहा हूँ , लेकिन बात क्या है मलिक

अग्नि – कुछ नहीं जब्बार जिस तरह हम डर्कलॉर्ड के पास जा रहे हैं हमारे साथी को छुड़ाने के लिए ठीक उसी तरह मेरा ये दोस्त डर्कलॉर्ड की बहन चुड़ैल मोहिनी के पास जा रहा है अपनी मां को छुड़ाने के लिए

रुद्रा – यानि की हमारा मक्षद एक है अग्नि तब तो हम दोनों तुम्हारे साथ चलेंगे

अग्नि – क्यों नहीं रुद्रा जरूर

ये सब बातें करते करते सुबह होचुकी थी – और ठीक उसी वक्त जेहनुं में
जहन्नुम का किंग डर्कलॉर्ड दिखने में वो बहुत खतरनाक दिखता था , मजबूत शरीर 7 से 8 फिइत की लंबाई और चेहरे से तो पूछो ही मत क्योंकि उसके चेहरे के ऊपर चाँदी ही नहीं थी इसलिए वो बहुत ही खतरनाक दिखता था
ईश्वक़्त जहन्नुम में डर्कलॉर्ड अपने कुछ सिपाहियों के साथ कैद खाने के तरफ तरफ रहा था और कुछ ही देर में डर्कलॉर्ड कैद खाने के अंदर पहुँच जाता है लेकिन डर्कलॉर्ड नहीं रुकता है वो और आगे तरफ जाता है और फिर एक जगह पे पहुँच के वो रुकता है

वो जगह थी जहन्नुम के कैद खाने की सबसे अंतिम और खतरनाक जगह क्योंकि वहाँ पे चारों तरह आग ही आग थी फिर डर्कलॉर्ड आगे बढ़ता है और अपना हाथ उठाकर उन्न चारों तरफ फैले हुए आग को इशारा करता है जिस से वो चारों तरफ फैले हुए आग अपने आप बुझने लगते हैं

जब आग बुझ जाती है तो सामने आता है एक पिंजरा जो इन चारों तरफ फैले हुए आग के ठीक बीच में थी और उस पिंजरे में कैद था एक साक्ष् और वो शॅक्स कोई और नहीं सम्राट का कुछ आदमी जादूगर जोरबार था जिसकी हालत ईश्वक़्त बहुत खराब थी वो ईश्वक़्त बुरी तरह से घायल था


जादूगर जोरबार को डर्कलॉर्ड ने इन पिंजरों में कैद करके रखा हुआ था और कहीं जोरबार भागने की कोशिश ना करे इसे लिए डर्कलॉर्ड ने पिंजरे के चारों तरफ आग फैला रखा था , डर्कलॉर्ड चलते हुए उस पिंजरे तक जाता है और

डर्कलॉर्ड – जोरबार मेरे दोस्त केशा है तू , सब कुछ ठीक है ना तुझे इन पिंजरों में कुछ तकलीफ तो नहीं हो रही है ना

जोरबार – मेरी फिक्र मत कर डर्कलॉर्ड में ठीक हूँ , तू मुझपर कितना भी सितम ढले लेकिन में तेरे जैसे एक गदर के आगे कभी भी नहीं झूकुंगा

डर्कलॉर्ड – देख मेरे यार तू मानता क्यों नहीं मेरे बात को , क्यों तू इतनी तकलीफ झेल रहा है मेरी बात मान और मेरे साथ मिलजा और मुझे सम्राट के शरीर में मौजूद बकीके आधी शक्तियाँ मुझे दिलवा दे , फिर में तुझे आज़ाद भी कार्दूंगा और तुझे अपना बाज़ीर भी बना दूँगा सोचले

जोरबार – (चेहरे पे मुश्कं लिए) क्या बात है हमेशा जुल्म करने वाला डर्कलॉर्ड आज मुझसे इतनी मीठी मीठी बोली बोल रहा है लगता है कुछ गड़बड़ है , अरे कहीं मेरा दोस्त सम्राट ईविल प्रिन्स के रूप में वापस तो नहीं आ गया

जोरबार के द्वारा कही गयी आखिरी बात का डर्कलॉर्ड कोई भी जवाब नहीं देता सिर्फ़ गुस्से भारी नजरों से जोरबार को देखता रहता है इसे से जोरबार समझ जाता है की उसका अंदाज़ा सही है

जोरबार – तो ये बात सच है ईविल प्रिन्स अचुका है मायवी दुनिया में तब तो तेरी मौत पकिी है डर्कलॉर्ड , क्योंकि ईविल प्रिन्स कभी भी गदारों को नहीं बकषेगा

डर्कलॉर्ड – (गुस्से में) ये तेरी गलत फहमी है जोरबार की ईविल प्रिन्स मेरा कुछ बिगड़ पाएगा शायद तू भूल रहा है की ये जहन्नुम है और जहन्नुम में मुझे मारना नमुनकीन है इसलिए अगर ईविल प्रिन्स यहाँ जहन्नुम में आया तो उसकी मौत मेरे ही हाथों होगी

और रही बात सम्राट के शक्तियाँ हासिल करने की तो वो में हासिल करके ही रहूँगा और वो भी तेरी मदद से , चाहे तू अपने मर्जी से मदद कर या अपने मर्जी के बिना

फिर डर्कलॉर्ड अपने सिपाहियों को इशारा करता है और उसके सिपाही उस पिंजरे का ताला खोल के पिंजरे के अंदर जाते हैं और जादूगर जोरबार के ऊपर चाबुक से कोडे मरने लगते हैं बहुत देर तक मरते रहते हैं और जोरबार के मुंह से दर्द की चीखें गूंजने लगती है अहह अहह अहह , और जब तक जोरबार कोडॉन की मर सहम कर सकता था करता है फिर वो बेहोश हो जाता है और ये देख डर्कलॉर्ड

डर्कलॉर्ड – रुक जाओ तुम सब , ये बेहोश होचुका है इसलिए अभी ईश्वक़्त चलो यहाँ से कुछ देर बाद वापस आएँगे और फिरसे इश्पर कोडे बरसाएनगे देखते हैं कब तक चुप रहता है ये , एक ना एक दिन तो इसे टूटना ही पड़ेगा

फिर डर्कलॉर्ड अपने सिपाहियों के साथ उस पिंजरे के पास से दूर हाथ था है और फिर डर्कलॉर्ड अपने हाथ से इशारा करता है और फिरसे पिंजरे के चारों तरफ आग उठने लगते हैं और उस पिंजरे को चारों तरफ से घर लेते हैं और फिर डर्कलॉर्ड अपने सिपाहियों के साथ वहाँ से चला जाता है

**************************************

इधर 3 दिन और 3 रातें बीत चुके थे अग्नि और उसकी फौज और साथ में रुद्रा और सुनहेरी के जहन्नुम के लिए निकले हुए , इन 3 दीनों में अग्नि और रुद्रा फिरसे अच्छे दोस्त बन चुके थे और रुद्रा भी सुनहेरी के दिन बीए दिन करीब होता जा रही था लेकिन उसे अपने प्यार का इजहार करने से डरता था और रुद्रा का सुनहेरी के लिए प्यार अग्नि भी जान चुका था लेकिन अग्नि ने रुद्रा से इसे बारे में अभी तक कोई भी बात नहीं किया था

और अग्नि ने जहन्नुम के लिए निकालने से पहले अपने कुछ खूनी दरिंदे सिपाहियों को राजी करके जहन्नुम में पहले ही भेज दिया था जहन्नुम की अंदरूनी खबर निकालने के लिए और जहन्नुम में मौजूद डर्कलॉर्ड के फौज के खूनी दरिंदों को अपने साथ शामिल करने के लिए राजी करने के वास्ते

और अग्नि अपने फौज के साथ आगे तरफ ही रहा था की तभी उसे सामने ही अपने फौज के खूनी दरिंदे दिख जाते हैं और उनके साथ कुछ और खूनी दरिंदे भी , फिर अग्नि की फौज वहीं पे रुकजाति है और अग्नि अपने फौज के उन्न खूनी दरिंदे सिपाहियों के तरफ बढ़ता है और उनके लीडर जिसका नाम डोरे था उस से कहता है

अग्नि – डोरे क्या खबर है

डोरे – मलिक खबर अच्छी है ये जो मेरे साथ ईश्वक़्त खड़ा है ये वोरे है मेरा दोस्त और ये डर्कलॉर्ड के फौज का सिपाही है और ये अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर हमारी मदद करने के लिए राजी हो गया है

अग्नि – डोरे ये तो बहुत अच्छी बात है , वोरे तुम्हारा हमारे फौज में स्वागत है

वोरे – आज से आप ही हमारे मलिक हैं और हम सब आप के वफादार सिपाही मलिक , लेकिन मलिक हम सब आप से एक बात कहना चाहेंगे की हम खूनी दरिंदे आपस में नहीं लढ़ते इसलिए इसे जंग में हम सिर्फ़ आप की मदद जहन्नुम के अंदर आप को रास्तों से पहचान करके ही कर सकते हैं , हम आप के साथ मिलकर इसे जंग में लध नहीं सकते क्योंकि डर्कलॉर्ड के साथ अभी भी बहुत सारे खूनी दरिंदे मौजुट हैं जो उसके वफादार हैं

अग्नि – कोई बात नहीं वोरे मुझे इसे जंग में किसी की मदद की जरूरत नहीं है में अकेला ही डर्कलॉर्ड को संभाल सकता हूँ
 

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(UPDATE-41)

रुद्रा – तुम अकेले नहीं हो मेरे दोस्त में भी हूँ तुम्हारे साथ अग्नि , हम दोनों मिलकर लाढेंगे ये जंग

अग्नि – नहीं रुद्रा ये जंग बहुत खतरनाक होगी डर्कलॉर्ड और उसकी चुड़ैल बहन बहुत ज्यादा ताकतवर हैं उनसे भी ज्यादा जिन चुड़ेलों से तुम भिड़े थे इसलिए मुझे अकेले ही लड़ने दो और मुझपर भरोसा रखो में तुम्हारी मां को सही सलंत निकल लूँगा वहाँ से

रुद्रा – नहीं अग्नि में तुम्हें अकेले जाने नहीं दूँगा में भी जाऊंगा तुम्हारे साथ इसे जंग को लड़ने के लिए , पहली बार मुझे अपनी मां के लिए कुछ करने का मौका मिल रहा है इसलिए में पीछे नहीं हटूँगा और वैसे भी मेरी मां को यकीन है की उनका बेटा एक दिन आएगा और उस चुड़ैल को मारकर उनको आज़ाद करके लेजाएगा इसे लिए में तुम्हारे साथ जरूर जाऊंगा प्लीज़ अग्नि मुझे भी आने दो अपने साथ

अग्नि – अगर तेरी यही इच्छा है तो यही सही में तुझे नहीं रोकुंगा अब चल हमारे साथ

फिर वोरे अपने साथ लाए हुए कुछ खूनी दरिंदों के कपड़े अग्नि और रुद्रा को देता है पहन ने के लिए जिस से वो दोनों भी डर्कलॉर्ड के फौज के सिपाही लगें और अंदर चुप चाप घुस सकें , अग्नि और रुद्रा दोनों उन्न कपड़ों को पहन ते हैं और अपने सर को ढक लेते हैं और चलने के लिए तैयार होजते हैं , चलने से पहले रुद्रा सुनहेरी के पास जाता है और

रुद्रा – सुनहेरी में अग्नि के साथ जा रहा हूँ अपनी मां को छुड़ाने के लिए तुम यहीं रुकना और कोई भी तकलीफ हो तो जब्बार से कह देना अग्नि ने उसे कहा है तुम्हारा ख्याल रखने के लिए

सुनहेरी – ठीक है रुद्रा लेकिन तुम अपना ख्याल रखना ज्यादा हेरोगीरि मत दिखना समझे और अपनी मां को लेकर जल्दी से जल्दी लौट आना

फिर रुद्रा सुनहेरी से बिदा लेता है और अग्नि के साथ मिलकर जहन्नुम के तरफ चल देता है फिर रुद्रा सुनहेरी से विदा लेता है और अग्नि के साथ मिलकर जहन्नुम के तरफ चल देता है , कुछ देर चलने के बाद सब एक बारे से पहाड़ के पहुँच जाते हैं फिर रुद्रा वोरे से पूछता है

रुद्रा – वोरे सामने तो पहाड़ है जहन्नुम का राष्टा कहाँ है?

वोरे – रुद्रा भाई जहन्नुम का राष्टा पहाड़ के ऊपर है यानि की हमें पहाड़ चढ़के ऊपर तक जाना पड़ेगा तब जाकर आएगा जहन्नुम के अंदर जाने वाली गुफा

फिर अग्नि रुद्रा और वोरे के साथ आए हुए सभी खूनी दरिंदे सिपाही एक एक करके पहाड़ के ऊपर चढ़ने लगते हैं , शाम ढाल चुकी थी और अंधेरा भी होने लगा था , इसे पहाड़ी राषते में ज्यादातर फिसलन भी थी और और रास्ता कच्छा भी था और साथ में खतरनाक भी फिर भी सभी बिना रुके पहाड़ी के ऊपर धीरे धीरे चढ़ रहे थे

और कुछ घंटों में सभी पहाड़ के ऊपर पहुँच भी जाते हैं किसको कुछ भी नहीं होता है फिर सभी आगे तरफ जाते हैं कुछ देर चलने के बाद अग्नि और रुद्रा को एक गुफा दिखाई देता है उस गुफा के बाहर कुछ मसलें जल रही थी

रुद्रा – वोरे क्या यही है जहन्नुम की गुफा ?

वोरे – हाँ रुद्रा भाई यही है जहन्नुम का गुफा , फिर सभी आगे बढ़ने लगते हैं गुफा के तरफ और फिर चलते हुए अग्नि रुद्रा से कहता है

अग्नि – रुद्रा तुम्हारे पास जो तलवार है उसके बारे में कुछ जानते हो या नहीं

रुद्रा – हाँ जनता हूँ अग्नि मरने से पहले कुंवर विक्रांत ने बताया था की ये एक ज़हेरिलिी तलवार है कुछ करके ये तलवार चुड़ेलों को मरने के लिए बनाया जाता है और जब भी कोई चुड़ैल मेरे पास होगी तो ये हारे रंग से जगमगाने लगेगा इसके मदद से मुझे पता चल जाएगा चुड़ैल के बारे में

अग्नि – सही कहा रुद्रा तुमने और ये तलवार इसे लधाई में तुम्हारे बहुत काम आनेवाली है उस छेदेल मोहिनी को मरने के लिए , बातें करते करते सब उस गुफा तक पहुँच चुके थे फिर सब एक एक करके गुफा के अंदर घुसते हैं

अग्नि और रुद्रा ने खूनी दरिंदों के सिपाही वाले कपड़े पहने हुए थे और अपने सर को धक्का हुआ था इसे लिए उन्हें गुफा के बाहर मौजूद पहरेदार भी नहीं पहचान सके थे इसे लिए अग्नि और रुद्रा को आसानी होती है अंदर घुसने के लिए

गुफा में घुसते ही उन्हें पता चला की आगे जाने के लिए जो रास्ता है वो नीचे जाता है इसलिए वो सब सीढ़ियों से होते हुए नीचे उतरने लगते हैं कुछ देर चलने के बाद वो सब नीचे पहुँच गये , नीचे एक बसा बसाया छोटा सा शहर था जहेंनुम का और यहाँ गर्मी बहुत थी करीबन 100 डिग्री की गर्मी होगी यहाँ पे चारों तरफ लाल रोशनी फैली हुई थी इसे शहर में

छोटे छोटे झोंपड़े जेशे घर थे इसे जहन्नुम के शहर में और यहाँ पे सभी खूनी दरिंदे अपने परिवार समेट बस गये थे इसे जहन्नुम को उन्होंने अपना घर बना लिया था और यहाँ के बाज़ार में इतनी रात को भी बहुत भीड़ लगी हुई थी और इन भीड़ से होते हुए अग्नि और रुद्रा वोरे और उसके साथियों के साथ आगे तरफ जाते हैं कुछ ही देर में ये सब एक बारे से दीवार के सामने खड़े थे शायद यहीं राष्टा खत्म होता था

रुद्रा – वोरे ये क्या राष्टा तो यहीं पे खत्म हो रहा है , ये डर्कलॉर्ड का महेल कहाँ पे है

अग्नि – सब्र करो रुद्रा सब्र करो मुझे लगता है की रास्ता यहीं से है इसे दीवार से होते हुए क्यों वोरे सही कहा ना मैंने


वोरे – जी मलिक आप ने बिलकुल सही कहा रास्ता यहीं से होते हुए जाता है ये एक मायवी दीवार है इसके दूसरे तरफ ही महेल में जाने का राष्टा है लेकिन मलिक

अग्नि – लेकिन क्या वोरे

वोरे – मलिक आगे का राष्टा बहुत खतरनाक है

रुद्रा – क्या मतलब वोरे

वोरे – रुद्रा भाई इसे मायवी दीवार को तो हम सब पर करलेंगे लेकिन इसे मायवी दीवार को पर करने के बाद जो आगे का राष्टा है वो भी हम खूनी दरिंदे पर करलेंगे लेकिन आप और मलिक के लिए वो राष्टा इतना आसान नहीं होगा

अग्नि – क्या मतलब है तुम्हारा वोरे जो भी कहना है साफ साफ कहो

वोरे – मलिक इसे दीवार के दूसरे तरफ एक आग का दरिया है और महेल तक जाने के लिए हम सबको वो आग का दरिया पर करके जाना होगा

रुद्रा – क्या मतलब की तुम खूनी दरिंदे पर कार्लोगे लेकिन हम दोनों नहीं कर पाएँगे

वोरे – रुद्रा भाई ये सब डर्कलॉर्ड की चुड़ैल बहन मोहिनी का जाल है , डर्कलॉर्ड को डर था की कहीं उसका कोई ताकतवर दुश्मन उसके महेल में घुसके उसे मारना दे इसलिए उसने अपनी बहन को अपने महेल को और भी ज्यादा सुरक्षित करने के लिए कहा

और तब डर्कलॉर्ड की बहन चुड़ैल मोहिनी ने अपने जादू से पहले यहाँ पे एक मायवी दीवार बनाया जिसको सिर्फ़ वही लोग पार करसकते थे जो महेल के मलिक हो या फिर महेल में काम करने वाले नौकर या फिर सिपाही , लेकिन मोहिनी के जादू ठीक से काम नहीं कर पाया और हुआ ये की अगर बाहर का कोई शॅक्स इसे दीवार को पर करने की कोशिश करता तो वो नाकाम रहता था लेकिन वो अगर किसी महेल में काम करने वाले नौकर या किसी सिपाही के साथ घुसे तो वो भी इसे दीवार को पार कर लेता था

और जब ये बात मोहिनी को पता चला तो उसने फिरसे अपने जादू के मदद से इसे दीवार के उस तरफ एक आग का दरिया बना दिया जिसे पर करने के बाद ही हम महेल में पहुँच सकते थे

रुद्रा – तो इसमें केशी परेशानी आग का दरिया भी हम तुम सबके साथ मिलकर पार करलेंगे

वोरे – नहीं रुद्रा भैया ये मुमकिन नहीं है

रुद्रा – क्यों ?

वोरे – क्योंकि जब मोहिनी ने ये आग का दरिया अपने जादू से बनाया तो उसने अपने जादू में बदलाव किए और हुआ ये की उस आग के दारिय को भी सिर्फ़ वही लोग पार कर सकते थे जो महेल के सिपाही हो या नौकर और अगर किसी बाहर वाले ने इनके साथ उस आग के दारिय को पार करने की कोशिश किया तो वो बाहर वाला शॅक्स वहीं जल्के मारा जाएगा और साथ में वो महेल में काम करने वाला भी

रुद्रा – क्य्ाआआआ , तो अब हम क्या करे तूने हमें ये पहले क्यों नहीं बताया

वोरे – सॉरी रुद्रा भाई में ये आग के दारिय वाली बात को भूल गया था

रुद्रा – आबे अग्नि तू चुप क्यों है कुछ बोल यार अब हम क्या करेंगे , इसे परेशानी से केशे निकलेंगे

अग्नि – रुद्रा परेशानी सिर्फ़ तेरी है क्योंकि मुझे उस आग के दारिय से कुछ भी नहीं होगा क्योंकि तू जनता है में खुद ही आग का बवंडर हूँ तो वो आग का दरिया मेरा क्या बिगड़ लेगा , लेकिन में परेशान तेरे लिए हूँ तू उस आग को झेल नहीं पाएगा और जल्के रख होज़ायगा

रुद्रा – अग्नि मेरे भाई कुछ कर यार में यहाँ तक आकर अब पीछे नहीं हटना चाहता हूँ कुछ कर यार , कुछ देर तक अग्नि सोचता रहता है फिर अग्नि कहता है

अग्नि – पहले दीवार को पर करते हैं फिर देखेंगे आगे क्या करना है , वोरे दीवार को करने का बंदों बस्त करो

वोरे – ठीक है मलिक , ये बोलकर वोरे उस मायवी दीवार के नज़दीक जाता है उस मायवी दीवार के नज़दीक एक पठार का बना हुआ शेयर(लाइयन) की मूर्ति थी वोरे उस मूर्ति के सामने जाता है और उस शेयर के मूर्ति के खुले हुए मुंह में अपना हाथ डाल देता है कुछ ही सेकेंड’से बाद उस मायवी दीवार से एक आवाज़ आती है —- महेल के रक्षक सिपाही वोरे आप का स्वागत है

और उसके बाद वहाँ पे उस दीवार से एक तेज रोशनी निकलती है और उस तेज रोशनी के कारण सबके आँखों में कुछ देर के लिए उजाला छाजता है , सबको सिर्फ़ सफेद रंग की एक रोशनी दिखाई देती है और कुछ नहीं दिखता फिर धीरे धीरे वो तेज रोशनी कम होती है और कुछ ही सेकेंड’से में वहाँ से वो रोशनी गायब होजती है

और उस रोशनी के जगह पे वहाँ एक दरवाजा सबको दिखाई देता है और फिर वोरे सबको अंदर चलने को कहता है और फिर सब एक एक करके उस दरवाजे के अंदर घुसने लगते हैं , और फिर सभी उस दरवाजे के उस तरफ निकलते हैं और फिर वो दरवाजा गायब हो जाता है और फिर सब आगे बढ़ते हैं और जेशे ही सब आगे बढ़ते हैं तो सबको सामने वो आग का दरिया दिखाई देता है
 

AK 25

Supreme
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(UPDATE-42)


अग्नि , रुद्रा , वोरे और उसके साथी ईश्वक़्त आग के दारिय के सामने खड़े थे , उस दरिया का नाम सिर्फ़ आग का दरिया नहीं था वो सच मच में आग का दरिया था , उस दरिया में पानी के बदले आग बह रही थी लावा के जेशे गर्म आग

रुद्रा ईश्वक़्त बहुत परेशान था की वो आगे केशे जाए और वहीं अग्नि भी सोच रहा था की वो क्या करे जिस से सभी सही सलामत आग के दारिय को पार करलेन , कुछ देर बाद अग्नि के दिमाग में कुछ आता है और वो सबसे कहता है

अग्नि – तुम सभी पीछे हाथ जाओ सभी आग के दारिय के सामने से हटज्ाओ और याद रखना जब में तुमको कहूँ के आगे बढ़ने को तो फौरन तरफ जाना , फिर सभी हाँ में सर हिलाते हैं

फिर अग्नि अपनी आँखों को कुछ देर के लिए बंद करता है और अपने दोनों हाथों को आग के दारिय के तरफ करके खोल देता है फिर अग्नि अपने आँखों को खोलता है , और जब अग्नि अपने आँखों को खोलता है तो अग्नि का एक अलग ही चेहरा सबके सामने आता है एक शा चेहरा जिसे देख किसी के भी हाथ पर काँपने लगे जिसे देख किसी के भी दिल की धड़कन जोरों से धड़कने लगे

ये चेहरा अग्नि का नहीं किसी एक बेरहम शैतान का लग रहा था जिसके चेहरे पे कठोरता , दरिंदगी , हैवानियत , शैतानियत सब कुछ देखा जा सकता था , अग्नि के आँखें पूरी तरह से बदल चुकी थी उसके आँखों से आग के लपटें निकल रही थी , अग्नि के आँखों से इसे वक्त अँगारे बरस रहे थे , ईश्वक़्त अग्नि के आँखों में आग का बवंडर देखा जा सकता था

अग्नि को इसे रूप में देख वहाँ मौजूद सभी रुद्रा , वोरे और उसके साथी सभी के दिल में डर बैठ चुका था और सबके दिल के धड़कन ईश्वक़्त बहुत तेजिसे दौड़ रहे थे

फिर अग्नि आग के दरिया के तरफ तरफ जाता है और कुछ कदम उसके अंदर घुस जाता है और फिर अग्नि अपने दोनों हाथों को ऊपर उठता है और आग के दारिय के तरफ करके इशारा करता है जिस से उस आग के दारिय में हलचल होने लगती है और उस आग के दारिय में उथल पुथल मचने लगती है

कुछ देर इसे ही चलने के बाद वो आग का दरिया धीरे धीरे शांत होता है और फिर देखते ही देखते वो आग का दरिया दो हिस्सों में बात जाता है यानि की उस आग के दारिय के बीच से होते हुए एक राष्टा निकलता है जो सीधे आग के दारिय के उस पार लेजता है

ये सब नज़ारा देख वहाँ मौजूद रुद्रा वोरे और उसके साथी अपने अपने मुंह फाड़े कभी अग्नि के तरफ देख रहे थे तो कभी उस आग के दारिय के तरफ जहाँ पे ईश्वक़्त उस आग के दारिय के बीच से एक राष्टा बन चुका था , ये सब इसे ही मुंह फाड़े देख ही रहे थे की तभी उन्न सबके कानों में अग्नि की कठोरता से भारी आवाज़ पड़ती है

अग्नि – तुम सब इसे क्या देख रहे हो जल्दी से जल्दी इसे राषते से होते हुए इसे आग के दारिय को पार करो , फिर रुद्रा वोरे और उसके साथी सभी तेजिसे उस रास्ते से होते हुए उस आग के दारिय को पार करने लगते हैं , कुछ ही समय में सभी दरिया के उस तरफ पहुँच जाते हैं और जैसे ही वो सब दरिया के उस तरफ पहुंकते हैं वो राष्टा जिस से वो सब यहाँ तक पहुँचे थे वो राष्टा बंद हो जाता है और वो राष्टा फिर से उस आग के दारिय के संग मिल जाता है

ये देख रुद्रा परेशान हो जाता है और साथ में वोरे और उसके साथी भी उन्न सबको ये चिंता सटा रही थी की अग्नि केशे इसे आग के दारिय को पर करके आएगा और ये सब यही सोच रहे थे की तभी उनके सामने से अग्नि उस आग के दारिय के अंदर से बाहर निकलता है अग्नि के आँखों से अभी भी आग की लपटें निकल रही थी और ये देख रुद्रा को याद आ जाता है अग्नि का कहा हुआ वो बात जो अग्नि ने मायवी दीवार को पार करने से पहले कही थी

” रुद्रा परेशानी सिर्फ़ तेरी है क्योंकि मुझे उस आग के दारिय से कुछ भी नहीं होगा क्योंकि तू जनता है में खुद ही आग का बवंडर हूँ तो वो आग का दरिया मेरा क्या बिगड़ लेगा ” ये बात याद आते ही रुद्रा के चेहरे पे एक मुस्कान आ जाती है और इधर आग के दारिय से बाहर निकालने के बाद अग्नि ईश्वक़्त अपने आँखों को बंद करके खड़ा था और जब वो अपनी आँखें खोलता है तो उसके आँखें फिरसे नॉर्मल होचुकी थी और अग्नि के चेहरे से वो हैवानियत और शैतानियत गायब होचुकी थी और अग्नि को नॉर्मल होता देख रुद्रा उसके पास जाता है और अग्नि के कंधे पे हाथ रख के कहता है

रुद्रा – अग्नि यार वो सब क्या था यार , तेरा इतना खतरनाक रूप ?

अग्नि – रुद्रा ये मेरा एक शा रूप है जिसे में कभी भी सामने लाना नहीं चाहता था इसे रूप के सामने आते ही में पूरी तरह से एक बेरहम शैतान में बदल जाता हूँ , मेरे अंदर मौजुट बची खुची अचाई भी मेरा साथ चोद देती है , उस वक्त अगर कोई मुझे ललकारे तो में बेकाबू हो जाता हूँ में अपने आप पे कंट्रोल खो देता हूँ और और उस शॅक्स को मरने से पहले एक पल भी नहीं सोचता हूँ , इसलिए मुझे अपने इसे शैतानी रूप से नफरत है , में अपने आप से यही दुआ करता हूँ की मेरे सामने ऐशी नौबत कभी ना आए जिस से मुझे इसे रूपमे फिरसे आना पड़े

ये दोनों बातें कार रहे थे की तभी इन्हें वोरे बीच में टोकता है और आगे बढ़ने को कहता है और फिर सभी एक बार फिरसे आगे बढ़ने लगते हैं वहाँ से चलने के बाद करीबन एक घंटे बाद ये सब डर्कलॉर्ड के महेल के पास पहुँच जाते हैं और उसके महेल में घुस जाते हैं


महेल में घुसने में इनको परेशानी नहीं होती है क्योंकि ये सब डर्कलॉर्ड के सिपाहियों के कपड़े में थे फिर कुछ देर अंदर चलने के बाद अग्नि वोरे को रोकता है और पूछता है

अग्नि – वोरे ये बताओ की क्या तुम चुड़ैल मोहिनी के गुलाम मोना को जानते हो?

वोरे – हाँ मलिक जनता हूँ , मोना एक अच्छी और नएक्दील औरत है जिसे चुड़ैल मोहिनी ने सालों से ज़बरदस्ती अपना गुलाम बना रखा है लेकिन आप मोना के बारे में क्यों पूछ रहे हैं

रुद्रा – वो इसलिए क्योंकि मोना कोई और नहीं मेरी मां हैं जिन्हें उस चुड़ैल ने अपना गुलाम बना रखा है , क्या तुम हमें बता सकते हो की वो चुड़ैल कहाँ पे होगी और मेरी मां भी

वोरे – हाँ रुद्रा भाई जरूर बता सकता हूँ , भाई वो चुड़ैल मोहिनी महेल के पूर्व(ईस्ट) दिशा में रहती है

अग्नि – और डर्कलॉर्ड ने जादूगर जोरबार को कहाँ रखा है?

वोरे – मलिक डर्कलॉर्ड ने जादूगर जोरबार को उतार(नॉर्थ) दिशा में मौजूद अपने कैद खाने में रखा है काफिई तगड़े बंदों बस्त के अंदर

अग्नि – अच्छा तो ऐशी बात है , रुद्रा हमारे पास वक्त बहुत कम है इसलिए तुम वोरे और उसके साथियों के साथ चुड़ैल मोहिनी के तरफ जाओगे और अपनी मां को बचाओगे और में वोरे के एक साथी के साथ कैद खाने के तरफ जाऊंगा जोरबार को बचाने के लिए हम सब वापिस इसी जगह पे मिलेंगे

रुद्रा – शायद तुम ठीक कह रहे हो रुद्रा , ठीक है यही करते हैं

अग्नि – तो ठीक है रुद्रा अपना ख्याल रखना और उस चुड़ैल के खिलाफ अपनी ज़हेरिलिी तलवार को अच्छे से इस्तेमाल करना समझे और वोरे तुम रुद्रा का साथ देना

वोरे – ठीक है मलिक आप चिंता मत कीजिए

फिर रुद्रा वोरे और उसके कुछ साथियों के साथ निकल पड़ता है महेल के पूर्व दिशा में चुड़ैल मोहिनी के तरफ और इधर अग्नि वोरे के एक साथी के साथ निकल पड़ता है महेल के उतार दिशा के तरफ मौजूद कैद खाने के तरफ जादूगर जोरबार को बचाने के लिए अग्नि ईश्वक़्त डर्कलॉर्ड के महेल के अंदर उतार दिशा में आगे तरफ रहा था और वोरे का एक साथी अग्नि को आगे का राष्टा दिखता हुआ चल रहा था कुछ देर बाद दोनों कैद खाने तक पहुँच जाते हैं , कैद खाने के बाहर बहुत सारे सिपाही मौजूद थे जो कैद खाने में पहरे डरी कर रहे थे वोरे का वो साथी उनको दूसरे देखलेता है और अग्नि से सचेत रहने के लिए कहता है

जब ये दोनों कैद खाने में घुसने को होते हैं तो वहाँ मौजूद सिपाही इन दोनों को रोकते हुए पूछते हैं कहाँ जा रहे हो अंदर जाना सबको मना है ये महाराज डर्कलॉर्ड का हुकुम है

ये सुन अग्नि आगे बढ़ता है और अपने सर को ढकने वाला कपड़ा हटा देता है जिस से अग्नि का चेहरा उन्न सिपाहियों के सामने आ जाता है और अग्नि को देख वो सिपाही गुस्से में कहते हैं

सिपाही – कौन हो तुम और तुम्हारे यहाँ पे आने की हिम्मत केशे हुई , ये बोलकर सभी सिपाही अग्नि के तरफ बढ़ने लगते हैं उसे पकड़ने के लिए लेकिन इसे से पहले की वो सारे सिपाही अग्नि को पकड़े

अग्नि अपना हाथ ऊपर उठता है और उन्न सभी सिपाहियों के तरफ करदेता है जिस से वो सभी सिपाही वहीं जम जाते हैं उन्न में से कोई भी एक तिनका भी हिल नहीं पता है , ये सब अग्नि ने थे ग्रॅविटी फोर्स शक्ति के मदद से किया था

वो सभी सिपाही ईश्वक़्त एक जगह पे खड़े थे वो जितना भी हिलने की कोशिश करते नाकाम रहते क्योंकि उनका पर जम्म चुका था पर जमने के बावजूद वो सब अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे ये देख अग्नि अपने मान में सोचता है की अब मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं है मुझे इन सबसे जल्दी से निपटना होगा

फिर अग्नि अपने हाथों का डाइरेक्षन चेंज कर देता है और अपने हाथों को ऊपर उठाने लगता है और अग्नि के हाथों के साथ साथ वो सभी सिपाही भी हवा में उठने लगते हैं फिर अग्नि बहुत तेजिसे अपने हाथों को एक तरफ चटक देता है जिस से वो सभी सिपाही भी जाकर आस पास के दीवारों से बहुत जोरों से टकरा जाते हैं और बेहोश होजते हैं

ये देख अग्नि के साथ आया हुआ वोरे का साथी डर जाता है और कहता है – मलिक ये आप ने क्या किया आप ने इन सबको मर दिया फिर अग्नि उस से कहता है

अग्नि – देखो मुझे पता है की ये तुम्हारे क्लांत के हैं और तुम्हारे भाई जेशे हैं इसे लिए मैंने इन्हें मारा नहीं सिर्फ़ बेहोश किया है और कुछ देर में इन सबको होश भी आजाएगा इसलिए हमें जल्दी से जल्दी अपना काम खत्म करना होगा , चलो यहाँ से

फिर अग्नि और वोरे का वो साथी आगे तरफ जाते हैं कैद खाने के अंदरूनी हिस्सों के तरफ जहाँ पे जादूगर जोरबार कैद था
 

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(UPDATE-43)


इधर रुद्रा भी वोरे और उसके साथियों के साथ आगे तरफ रहा था महेल के अंदर पूर्व दिशा में और कुछ देर चलने के बाद रुद्रा और वोरे और उसके साथी महेल के एक इसे इलाके में आजाते हैं जहाँ पे अंधेरा फैला हुआ था

रोशनी के नाम पे उस इलाके में दूर दूर पे एक छोटी से मसलें जल रही थी और ये नज़ारा रुद्रा को अजीब लगता है और वो वोरे के तरफ मुड़ता है और उस से पूछता है

रुद्रा – वोरे आख़िर ये सब क्या है महेल का इसे इलाके में इतना अंधेरा क्यों है बाकी के इलाक़ों के मुकाबले

वोरे – रुद्रा भाई वो इसलिए क्योंकि ये इलाका मोहिनी का है और उसे अंधेरे से प्यार है बस आप तैयार होजाए हम मोहिनी के कमरे के पास पहुँच ने वाले हैं

फिर रुद्रा और वोरे और उसके साथी आगे बदहजते हैं और कुछ ही पल चले होज्ने की वोरे रुद्रा को रोकता है और एक कमरे के तरफ इशारा करके कहता है रुद्रा भाई वो रहा मोहिनी का कमरा

रुद्रा – तो ये है उस चुड़ैल मोहिनी का कमरा

वोरे – हाँ रुद्रा भाई यही है वो कमरा , फिर सभी मोहिनी के कमरे के करीब जाते हैं और फिर वोरे मोहिनी के कमरे के खिड़की के पर्दे को थोड़ा सा हल्के से सरकता है फिर रुद्रा और वोरे चुपके से मोहिनी के कमरे में झाँकने लगते हैं

ईश्वक़्त मोहिनी के कमरे में अंधेरा फैला हुआ था रोशनी के नाम पे सिर्फ़ एक छोटि से मसाल जाली हुई थी लेकिन वो मसाल भी बहुत धीमे से जल रहा था लेकिन उस धीमे से जलती हुई मसाल से थोड़ा बहुत कमरे को देखा जा सकता था

और उसी धीमे रोशनी से ये पता चलता था की उस कमरे के खतिए(बेड) के ऊपर कोई सोरहा था शायद ये मोहिनी थी और वो बहुत जोरों से खरते मरते हुए सोराही थी , वोरे अपनी नज़र चारों तरफ दौड़ता है और रुद्रा के कान में चुपके से कहता है

वोरे – रुद्रा भाई लगता है मोहिनी सोराही है लेकिन फिर भी आप को होशियार रहना होगा और वो देखिए (एक तरफ इशारा करते हुए) रुद्रा भाई आप जो वो टेबल के ऊपर रखी हुई पिंजरा देख रहे हैं ना और उस उस पिंजरे में जो चिड़िया है वही आप की मां मोना है

रुद्रा ये सुन चौक्क जाता है और बड़ी बड़ी आँखें करके वोरे के तरफ देखने लगता है जेशे यकीन नहीं हो रहा हो फिर र्डूरा वोरे से पूछता है पर ये केशे हो सकता है

वोरे – भाई यही सच है जब वो चुड़ैल जागती रहती है तो वो मोना को अपने नौकरों की तरफ काम करवाती है और जब वो चुड़ैल सोने जाती है तो वो मोना को चिड़िया बनकर उस पिंजरे में बंद करदेटी है

रुद्रा – आज के बाद शा कभी नहीं होगा क्योंकि आज के बाद वो चुड़ैल जिंदा ही नहीं रहेगी किसको अपना गुलाम बनाने के लिए , ये बोलकर रुद्रा खिड़की के पास से उठने लगता है की तभी वोरे रुद्रा का हाथ पकड़कर बिता देता है

वोरे – भाई अभी मेरी बात खत्म नहीं हुई है और वो देखिए उस दीवार की तरफ (इशारा करते हुए) भाई आप को उस दीवार पे लटकी हुई वो चड्डी दिखाई डर रही है ना

रुद्रा – हाँ , लगता है किसी जादूगर की चड्डी है वो

वोरे – भाई आप का अंदाज़ा बिलकुल सही है वो चड्डी किसी और का नहीं जादूगर जोरबार का है आप को वो चड्डी वापस लानी होगी चुड़ैल को मरने के बाद , जब जादूगर जोरबार को बंदी बनाया गया तब इसे चड्डी को चुड़ैल मोहिनी ने अपने पास रख लिया इसे चड्डी के बिना जादूगर जोरबार भी बेबस है

रुद्रा – अच्छा ये बताओ की उस चुड़ैल की चड्डी कहाँ होगी तकिी में पहले उसे अपने कब्जे में ले लंड तकिी वो अगर जगह गयी तो कुछ कर ना पाए

वोरे – भाई वो मोहिनी अपने जादुई चड्डी को हमेशा अपने पास ही रखती है एक पल के लिए भी दूर नहीं करती है

रुद्रा – कोई बात नहीं वोरे वो चुड़ैल अभी सोराही है अभी जाता हूँ उसके कमरे में चुपके से और जाकर उसके सीने में अपना ये ज़हेरिली तलवार उतार दूँगा उसके सीने में

ये बोलकर रुद्रा वहाँ से उठता है और अपने जेब से एक फूल को निकलकर अपने शर्ट पे लगा देता है ये वही फूल था जो उसके मां मोना ने उसके पैदा होते ही रुद्रा के टोकरी में रख के रुद्रा को इंसानी दुनिया में भिजवा दिया था , इसे फूल का नाम स्न्ड्रोप था और जो भी इसे फूल को अपने पास रखता था ये फूल उसकी किस्मत जागती थी उसे हमेशा कामयाबी दिलाती थी रुद्रा इसे फूल को अपने शर्ट पे लगाकर अपने आप से कहता है – अब मुझे अपनी मां को आज़ाद करने से कोई भी रोक नहीं सकता है

और फिर रुद्रा चुपके से हल्के हल्के से मोहिनी के कमरे में घुस जाता है और दबे पांव मोहिनी के बिस्तर के तरफ बढ़ने लगता है और ठीक मोहिनी के बिस्तर के पास पहुँच के मोहिनी को देखने लगता है

मोहिनी दिखने में एक खूबसूरत औरत थी , बहुत ही आकर्षक शरीर था और लंबे लंबे बाल थे और उसके बदन से एक अजीब से खुशबू आ रही थी जो किसी को भी उसका दीवाना बनडे लेकिन उसकी ये खुशबू रुद्रा के ऊपर कोई असर नहीं कर रही थी क्योंकि रुद्रा ने अपने शर्ट में किस्मत जगाने वाली फूल को लगा रखा था

रुद्रा इन सभी बातों को पीछे छोड़कर मोहिनी के नज़दीक बढ़ता है और अपने कमर से अपने ज़हेरिली तलवार को निकालने लगता है और ठीक उसी वक्त अचानक कहीं से एक जोरदार प्रहार उसके सीने में पड़ती है और रुद्रा हवा में उड़ता हुआ बहुत जोरों से जा टकराता है दीवार से और फिर रुद्रा नीचे ज़मीन पे गिरजता है

रुद्रा सीने के बाल जा टकराया था दीवार से इसे लिए उसे बहुत दर्द होता है और फिर भी रुद्रा हिम्मत करके उठने लगता है और सामने देखता है जब रुद्रा सामने देखता है तो चौक्क जाता है क्योंकि सामने बिस्तर पे चुड़ैल मोहिनी बैठी हुई थी और खजाने वाली निगाहों से रुद्रा को देख रही थी और रुद्रा पे वो खतरनाक वार भी मोहिनी ने ही किया था


मोहिनी – तुम्हें क्या लगा बेवकूफ्फ इंसान में सो रही हूँ , नहीं में सोने की नाटक कर रही थी बेवकूफ्फ इंसान , मैंने तो तुम्हारी इंसानी बदन की खुशबू बहुत दूर से सूंघ लिया था और तुम्हारे यहाँ आने की इंतजार कर रही थी तकिी तुम्हें मारकर तुम्हें कहा सकूँ

तुमने सोचा होगा की में तो अपने बिस्तर पे सोराही हूँगी इसलिए तुम मेरे कमरे में घुसोगे और बड़ी आसानी से मुझे मर डालोगे लेकिन शायद तुम्हें पता नहीं बेवकूफ्फ इंसान की तुम किस से टकराए हो , में मोहिनी हूँ मोहिनी , और मेरे जाल से बच पाना मुश्किल ही नहीं नमुनकीन है , ये बोलकर मोहिनी बहुत ज़ोर से हस्सने लगती है अग्नि ईश्वक़्त वोरे के एक साथी के साथ कैद खाने के अंदर घुस चुका था और आंद्रूणई हिस्सों के तरफ ही तरफ रहा था की तभी उन्हें एक बहुत बड़ा सा दरवाजा दिखाई देता है

वोरे का साथी – मलिक यही है वो दरवाजा जिसके पीछे जादूगर जोरबार को डर्कलॉर्ड ने एक पिंजरे में बंदी बनकर रखा हुआ है , ये सुनकर अग्नि वोरे के साथी को थोड़ा सा पीछे हटने को कहता है और फिर अग्नि आगे बढ़के दरवाजे के सामने खड़ा हो जाता है और अपने दोनों हाथ आगे करता है

देखते ही देखते अग्नि के हाथों के मुट्ठी चमकने लगती है नीले रंग की रोशनी से फिर अग्नि अपने हाथों को काश लेता है जिस से उसके शरीर से कुछ ऊर्जा निकलकर अग्नि के हाथों में आजाते हैं और फिर अग्नि उन्न उर्जाओं से दरवाजे पे वार करता है

अग्नि के वार से उस दरवाजे के चिथड़े उड़ जाते हैं और फिर अग्नि वोरे के उस साथी को वहीं रुकने को कहता है और खुद आगे तरफ जाता है और जब अग्नि अंदर घुसता है तो उसके सामने आता है चारों तरफ फैला हुआ आग ही आग

फिर अग्नि अपने आँखों को बंद करता है और ध्यान लगता है कुछ देर बाद जब अग्नि आँखें खोलता है तो अपने आप से कहता है – आग का सुरक्षा चकरा , अच्छा बंदोबस्त किया है डर्कलॉर्ड ने लेकिन वो नहीं जनता की ये आग का सुरक्षा चकरा मेरे सामने बेअसर है , ये बोलकर अग्नि आगे बढ़ता है और अपने हाथों को उस आग के सुरक्षा चकरा के तरफ करके इशारा करता है जिस से वो आग का सुरक्षा चकरा अपने आप बुझ जाती है

जब वो आग का सुरक्षा चकरा गायब होजती है तो अग्नि को एक पिंजरा दिखाई देता है और उस पिंजरे में कैद था एक शॅक्स जिसके कपड़ों पे खून के दाग ही दाग थे वो शॅक्स शायद सोरहा था , अग्नि उस पिंजरे के तरफ तरफ जाता है और उसके करीब पहुँच के उस शॅक्स को आवाज़ देता है

अग्नि – सुनिए सुनिए क्या आप ही जादूगर जोरबार हैं , अग्नि की आवाज़ सुनकर वो सोया हुआ शॅक्स जगह उठ था है और अग्नि के तरफ देखने लगता है और जब वो शॅक्स अग्नि को देखता है तब उसकी आँखें खुशी के मारे बारे होजते हैं और वो कहता है

जोरबार – मुझे पता था मुझे पूरी तरह से यकीन था की आप मुझे छुड़ाने के लिए एक ना एक दिन जरूर आएँगे मेरे सहजादे और मेरा यकीन सही साबित हुआ सहजादे आप आ गाए मुझे छुड़ाने के लिए , हाँ सहजादे में ही जादूगर जोरबार हूँ

ये सुन ने के बाद अग्नि उस पिंजरे के एक हिस्से को पकड़ता है और ज़ोर से खिच लेता है इसे से उस पिंजरे का एक हिस्सा उखाड़ जाता है और फिर अग्नि उस पिंजरे से जादूगर जोरबार को बाहर निकल लेता है , फिर अग्नि अपने एक हाथ को जादूगर जोरबार के सर के ऊपर रखता है और अपनी आँखें बंद कर लेता है कुछ ही सेकेंड’से के बाद अग्नि का हाथ जो ईश्वक़्त जोरबार के सर के ऊपर थे वो चमकने लगते हैं और देखते ही देखते जोरबार के जिस्म के ऊपर बने सभी घाओ और जखम गायब होने लगते हैं और साथ में जोरबार की दर्द भी कुछ देर बाद जब अग्नि आँखें खोलता है तब तक जोरबार के शरीर के सारे जखम गायब होचुके थे

अग्नि – जोरबार अब आप को केशा लग रहा है

जोरबार – (थोड़ा सा इधर उधर चलते हुए) पहले से बेहतर मेरे सहजादे , अब मुझे अच्छा लग रहा है में आप का शुक्र गुजर हूँ मेरे सहजादे की आप ने मुझे डर्कलॉर्ड के चंगुल से छुड़ाया

अग्नि – जोरबार ये मेरा फर्ज था आप को छुड़ाना और जोरबार हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है चलिए हमें यहाँ से निकलना होगा , फिर अग्नि जोरबार को अपने साथ लेकर बाहर निकल जाता है

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इधर चुड़ैल मोहिनी ईश्वक़्त रुद्रा को खजाने वाली निगाहों से देख रही थी वहीं रुद्रा सोच रहा था की अब वो क्या करे की तभी उसे रों की सिखाई हुई बात याद आती है की चालक दुश्मन से चालाकी से लड़ने में ही समझदारी है इसलिए रुद्रा को अब पता था उसे क्या करना है इधर मोहिनी गुस्से में रुद्रा से कहती है

चुड़ैल मोहिनी – आ बेवकूफ्फ इंसान कौन है भी तू और यहाँ क्यों आया है तू , क्या तू मुझे मारना चाहता है (ये सब मोहिनी बहुत गुस्से में बोलती है)

रुद्रा – (थोड़ा सा मुस्कुराते हुए) नहीं नहीं मेरी जान में तो तुम्हें मरने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकता और रही मेरी पहचान की तो , में एक इंसान हूँ जो इंसानी दुनिया से आया हूँ और तुम्हारा सबसे बड़ा दीवाना हूँ , ये सुनकर चुड़ैल मोहिनी का गुस्सा थोड़ा सा कम हो जाता है और वो थोड़े से नर्म स्वर में कहती है

चुड़ैल मोहिनी – तुम झूठ बोल रहे हो अभी भी वक्त है सच सच बोलो तुम कौन हो और यहाँ क्यों आए हो
 
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