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Fantasy MAYAVI DUNIYA (completed)

Killerpanditji(pandit)

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(UPDATE-64)


ये कहानी बहुत पुरानी है करीबन 450 साल पुरानी , 450 साल पहले के मायवी दुनिया में और अबकी मायवी दुनिया में ज़मीन असमान का फर्क है , तब इसे मायवी दुनिया में बहुत सारे स्टेट’से हुआ करते थे और अननगिनत शहर और कस्बे भी हुआ करते थे , और उस वक्त के मायवी दुनिया में चारों तरफ शांति ही शांति हुआ करती थी क्योंकि मायवी दुनिया में खुद देवता रहा करते थे जो पूरे मायवी दुनिया का ख्याल रखते थे

और उस वक्त गंडर स्टेट इसे पूरे मायवी दुनिया की सबसे अमन और शांति पसंद स्टेट हुआ करती थी और ुषवक़्त गंडर के राजा थे महाराज प्रताप सिंग , महाराज प्रताप सिंग दिल के बहुत ही अच्छे थे और अपने प्रजा को अपने बच्चों के तरह प्यार करते थे और अपने प्रजा का बहुत ख्याल रखते थे उनके राज़ में सभी खुश थे

महाराज प्रताप सिंग जितना प्यार अपने प्रजा से करते थे उतना ही अपने पत्नी महारानी अलका से भी करते थे , महारानी अलका सिंग बहुत ही दयालु थी और वो गंडर के हर एक छोटे बचे को अपने खुदके बच्चों की तरह प्यार करती थी गंडर में उन्हें हर एक बच्चा रानी मां कहकर ही बुलाते थे

महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका सिंग के पास सबकुछ था धन दौलत महेल राजपथ और जान से भी ज्यादा चाहनेवाली प्रजा सबकुछ था उनके पास लेकिन उनके पास सबकुछ होते हुए भी कुछ भी नहीं था , महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका दोनों निसंतान थे , दोनों ने न जाने कितने यांगया करवाए न जाने कितने ब्राह्मानो और मुनि ऋषि को खाना खिलाया और उनके हर एक इच्छा को पूरा किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ आख़िर में महाराज और महरनी ने संतान प्राप्त करने का लालच छोड़ दिया और अपने प्रजा को अपने बच्चों के रूप में देख अपनी जिंदगी जीने लगे थे लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था

एक दिन महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका दोनों समंदर में शेयर करने निकले हुए थे अपने शाही जहाज़ में सवार होकर और बीच समंदर में दोनों महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका अपने जहाज़ के देख पे खड़े समंदर के खूबसूरती का मजा लेरहे थे की तभी अचानक महारानी अलका की नज़र पड़ती है समंदर में बहती हुई आ रही एक बादेसे बकषे पर और वो महाराज प्रताप सिंग का भी ध्यान उस तरफ करते हैं

समंदर में बहके आ रही वो बक्षा बहुत जोरों से चमक रहा था इसे लिए महाराज और महारानी का ध्यान उस तरफ आकर्षित हो जाता है और महाराज अपने सिपाहियों से कहकर उस बकषे को समंदर से अपने जहाज़ पे खिचवाके लेआतए हैं , और जब सिपाही वो बक्षा ला कर महाराज को देते हैं तो महाराज उस बकषे को देख दंग रहजाते हैं क्योंकि उस बकषे पे एक सोने का चिन्ह(मर के) बनाया हुआ था और वो मर के था मायवी दुनिया के सबसे ताकतवर स्टेट की यानि की वो गोल्डन मर के था देवताओं के राज्य देवनागरी की

महाराज प्रताप सिंग उस बकषे को देख दंग रहजाते हैं क्योंकि देवनागरी का बक्षा यूँ बीच समंदर में बहके आना ये बहुत ही अजीब बात थी और फिर महाराज प्रताप सिंग अपने सिपाहियों को उस बकषे को खोलने को कहते हैं

सिपाही उस बकषे को खोलते हैं और जेशे ही वो बक्षा खुलता है वहाँ मौजूद सभी के आँखें हैरानी से फैल जाती हैं क्योंकि उस बकषे में दो प्रारे और नन्हे मासूम बचे थे और वो दोनों सोए हुए थे और जब उस बकषे का दरवाजा खुला तो सूरज की रोशनी उस बकषे के अंदर पड़ती है और वो दोनों मासूम बचे जगह उठते हैं और रोने लगते हैं और दोनों बच्चों को रोता हुआ देख महारानी अलका फौरन उस बकषे मेशे उन्न दोनों बच्चों को निकल लेती हैं

महारानी अलका जब उन्न दोनों बच्चों को उस बकषे से बाहर निकलती हैं तो उन्हें पता चलता है की ये दोनों बचे एक दूसरे से जीशमनी तौरपे जुड़े हुए हैं , महारानी अलका के गोद में आ ही दोनों बचे रोना बंद करदेटे हैं और अपने चेहरे से मासूम मुश्कं बिखेरने लगते हैं और उन्न दोनों मासूम बच्चों को यूँ मुश्कूराता देख महारानी अलका को शा लगता है जेशे उन्हें आज सबकुछ मीलगया है इसे पूरे दुनिया की सबसे कीमती चीज़ उन्हें मीलगई हो , महारानी अलका उन्न दोनों बच्चों को अपने गोदी में लिए खेलने लगते हैं प्यार करने लगते हैं

महाराज प्रताप सिंग और जहाज़ पे मौजूद सभी ये देख खुश होजते हैं तभी महर्ज को उस बकषे में एक खत दिखाई देता है और महाराज प्रताप सिंग उस खत को बाहर निकल के पढ़ने लगते हैं

और उस खत को पढ़ने के बाद महाराज प्रताप सिंग उस खत को बंद करते हैं और अपने जेब में रख देते हैं , उस खत को पढ़ने के बाद अब महाराज प्रताप सिंग के आँखों में आस्यू आजाते हैं लेकिन वो उन्न आस्यू को फौरन पोचलेते हैं लेकिन महारानी अलका ये बात देख लेती हैं और वो अपने गोद में उन्न दोनों बच्चों को लिए महाराज प्रताप सिंग के करीब आ हैं और पूछते आख़िर क्या बात है आप के आँखों में ?

महाराज जवाब देते हैं की ये दोनों बचे कोई आम बचे नहीं है , ये दोनों इसे मायवी दुनिया को प्रतीस्ता करने वाली इसे मायवी दुनिया का निभ रखने वाली देवी माया के बचे हैं और अब ये दोनों आखिरी देवता बचे हैं इसे मायवी दुनिया में , शैतानो ने देवनागरी को तबाह कर दिया है और सभी देवताओं को भी मर्डिया है देवी माया को भी मर्डाला है , अब इन दोनों बच्चों के कोई भी नहीं है

ये आप क्या कहराहे हैं ये बचे अकेले नहीं हैं ये अबसे मेरे बचे हैं और में इनकी मां और ये बचे आज से हमारे बच्चों के रूप में इसे मायवी दुनिया में जाने जाएँगे

हाँ महारानी अलका आप ठीक कह रही हैं अब से ये बचे हमारे हैं और हम दोनों इनके माता और पिता हैं और ये दोनों अब से गंडर के सहजादे हैं

हाँ महाराज और अब्बसे ये दोनों इसे मायवी दुनिया में सम्राट और विराट के नाम से जाने जाएँगे

जादूगर जोरबार जुड़वा सहजादों की कहानी रुद्रा को सुना ही रहा था की तभी अचानक वहाँ कुछ आवाज़ होती है , कद्द्दद्ड कद्द्दद्ड क़ास्स्स्सस्स और इसे आवाज़ को सुन जादूगर जोरबार का ध्यान उस तरफ आकर्षित हो जाता है और जादूगर जोरबार अपनी जगह से उठके चारों तरफ देखने लगता है

और जादूगर जोरबार को यूँ कहानी के बीच से उठता हुआ देख रुद्रा जोरबार से पूछता है , क्या हुआ जोरबार आप यूँ कहानी के बीच से उठ क्यों गये कहानी काफिई इंटरेस्टिंग थी कंटिन्यू करिए ना

रुद्रा मैंने अभी अभी कुछ आवाज़ सुना जैसे कोई यहाँ हो और मुझे भी शा लगता है की हुंपे ईश्वक़्त कोई नज़र रख रहा है , जादूगर जोरबार कहता है

आस कम ऑन जोरबार आप भी ना , अरे इतनी सर्दी रात में एक हल्का हवा का झोंका भी सबको चौका देता है आप के साथ भी वेषा ही हुआ होगा और वेशे भी आप ही ने तो कहा था ना की इसे खून्नी जंगल के आस पास कोई भटकता ही नहीं है तो फिर कौन होगा , अब आप रिलॅक्स होकर आइये और बेत्के कहानी कंटिन्यू कीजिए , रुद्रा जोरबार से कहता है


जादूगर जोरबार को रुद्रा के बात में दम लगती है और वो चुप चाप जाकर अपने जगह पे बैठ जाता है और फिरसे आग में अपना हाथ सेखने लगता है और रुद्रा के तरफ देख एक बार फिरसे कहानी शुरू करने लगता है

लेकिन जादूगर जोरबार का शक सही था , कोई था जो ईश्वक़्त अंधेरे में चुपके एक पेड़ पे बेत्के इन दोनों के ऊपर नज़र रख रहा था और इनके बातों को सुन्न रहा था , कौन हो सकता है वो ? लेकिन जादूगर जोरबार का शक सही था , कोई था जो ईश्वक़्त अंधेरे में चुपके एक पेड़ पे बेत्के इन दोनों के ऊपर नज़र रख रहा था और इनके बातों को सुन्न रहा था , कौन हो सकता है वो ?

जादूगर जोरबार आकर अपनी जगह पे फिरसे बैठ जाता है और अपने दोनों हाथों को आग में सेखने लगता है , रुद्रा जादूगर जोरबार को कहानी फिरसे शुरू करने के लिए कहता है और जादूगर जोरबार कहानी फिरसे शुरू करता है

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उसके बाद महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका दोनों वापस अपने राज्य गंडर लौट आए और अपने साथ अपने दोनों बच्चों सम्राट और विराट को भी लेअए , सम्राट और विराट दोनों दुश्मनों तौरपे एक दूसरे से जुड़े हुए थे दोनों के जिस्म में सिर्फ़ एक ही दिल धड़कता था जो इन दोनों भाइयों को एक दूसरे से बँधे हुए था , लेकिन इन दोनों को अलग करना भी जरूरी था इसलिए महाराज प्रताप सिंग ने अपने शाही जादूगर से कहकर दोनों सहजादों को जादू के मदद से एक दूसरे से अलग करवाया

जादू के मदद से दोनों सहजादे एक दूसरे से सही सलामत अलग तो हो गये लेकिन इनके जिस्म के साथ साथ इनके दिल भी दो हिस्सों में बट्ट गये , दिल का एक हिस्सा सम्राट के सीने में चला गया और दिल का दूसरा हिस्सा विराट के जिस्म में रही गया , इन दोनों के दिल और जिस्म तो अलग हो गये लेकिन फिर भी ये दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए थे , अगर एक नीचे गिरजता तो दूसरे को दर्द होता था , अगर एक को चोट लगती तो दूसरे के जिस्म से खून निकलता था , एक दूसरे से दुश्मनों तौरपे अलग होने के बावजूद भी ये दोनों भाई एक अलग ही तरह के बंधन में बँधे हुए थे जो इन दोनों को कभी भी अलग नहीं कर सकती थी और हमेशा एक दूसरे से बँधे रखती थी

इसके बाद महाराज प्रताप सिंग ने एक बहुत बड़ा सा जश्न्ञ का एलन किया जिसमें उनके राज्य के सभी प्रजा और आस पड़ोस के राज्य के सभी राजा उस जश्न्ञ में शामिल हुए

महाराज प्रताप सिंग ने सबसे अपने दोनों बच्चों को मिलबाया और ये कहा की ये दोनों बचे महारानी अलका को जादू से हुए हैं परियों की रानी के आशिरबाद से और इन दोनों सहजादों का नाम सम्राट और विराट रखा गया है , ये बात सुनकर गंडर के प्रजा के खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा वो सब बहुत खुश थे और आस पड़ोस के राजाओं ने भी महाराज प्रताप सिंग को बधाई दिए , महाराज प्रताप सिंग और महारानी अलका और महाराज के कुछ कुछ सिपाहियों को छोड़ड़के किसी और को ये पता ही नहीं था की सम्राट और विराट आख़िर असलियत में है कौन , महाराज ने इसे बात को छुपाने का फैसला कर लिया था इसलिए उन्होंने अपने कुछ सिपाहियों को भी इसे बारे में तगीड कर दिया था की इसे बारे में किसी और को पता ही ना चले

इसके बाद दोनों सहजादे सम्राट और विराट महारानी अलका के प्यार के चाओं में बढ़ने लगे , दोनों सहजादे महारानी अलका के दिल में बस्ते थे महारानी अलका एक पल के लिए भी सम्राट और विराट को अकेला नहीं छोड़ड़ती थी वो हमेशा उन्न दोनों को अपने पास रखती थी अगर वो दोनों कुछ देर के लिए महारानी के आँखों से ओझल होजते तो महारानी बेचैन से हो उठती थी

सम्राट स्वभाव से बिलकुल शांत और सरल था तो वहीं विराट स्वभाव से थोड़ा सा गुस्सा वाला था बात बात पे विराट चिद्ड़ जाता था और गुस्सा हो जाता था , लेकिन ये दोनों थे बहुत प्यारे हर कोई इन्हें देखते ही अपने सारे दर्द तकलीफ और गम भुला देता था

इसे ही दोनों सहजादे धीरे धीरे बारे होने लगे जब दोनों के उमर 15 का हुआ तब महाराज प्रताप सिंग ने ये फैसला किया की अब वक्त आ गया है इन दोनों सहजादों को योधाओं का तालीम डेनेका , इसलिए उन्होंने महारानी अलका के मुहनबोले भाई खुड़बक्ष को गंडर में बुलवाया

खुड़बक्ष सभी वारएवोलफ्स का राजा था और साथ में महारानी अलका का मुहनबोला भाई भी था , महाराज प्रताप सिंग ने खुड़बक्ष को दोनों सहजादों को युध तालीम डेनएके लिए कहा और महाराज के इसे प्रस्तब में खुड़बक्ष राजी भी हो गया

बहुत जल्द गंडर में दोनों सहजादों की तालीम शुरू करदी गयी और इसी तालीम के बीच में सम्राट और विराट मिले जोरबार और डर्कलॉर्ड से ये चारों हम उमर(एक ही आगे के) थे इसलिए ये चारों कुछ ही दीनों में बहुत ही पक्के दोस्त बानगाए और एक साथ मिलकर तालीम लेने लगे , जहाँ पे सम्राट , विराट और डर्कलॉर्ड खुड़बक्ष से युध काला का तालीम लेते थे ठीक वहीं जोरबार अपने पिता से जादुई काला की तालीम लेता था , जोरबार के पिता गंडर के शाही जादूगर थे और वो अपने बेटे को भी अपने तरह एक बहुत बड़ा जादूगर बनाना चाहते थे तकिी वो बड़ा होकर गंडर के लिए काम कार सके

कुछ सालों बाद इन सबकी तालीम खत्म हो गयी और तालीम खत्म होते होते ये सब बहुत ताकतवर होचुके थे , सम्राट और विराट युध काला के दो माहिर और अचुक्क योढ़ा बंचुके थे डर्कलॉर्ड भी युध काला में काफी माहिर होचुका था और जोरबार अब जादूगर जोरबार बन चुका था और जादुई काला में वो अपने पिता से भी आगे निकल चुका था

अपने तालीम को पूरी करने के बाद ये सभी गंडर के लिए काम करने लग गये गंडर को शैतानी सीना से रक्षा करना ही इनका काम था इसे बीच शैतानो का प्रभाव मायवी दुनिया में धीरे धीरे बधरहा था , अब शैतानी सीना मायवी दुनिया के ज्यादातर स्टेट’से पे हमला करना शुरू करचुके थे इसे बीच उन्होंने गंडर पे भी हमला किया लेकिन शैतानी सीना जितनी बार भी गंडर पे हमला करती वो हारके ही वापस लौट टीी

सम्राट और विराट इन दोनों के वजह से गंडर पे एक हल्की आँच तक भी नहीं आती थी , सम्राट और विराट कुछ ही दीनों में गंडर के घर घर में माशुर हो गये , गंडर का हर एक शॅक्स के दिल में सम्राट और विराट ने अपनी जगह बणलिया था और तो और गंडर के बचे तो सम्राट और विराट को अपना हीरो मानते थे वो सभी भी सम्राट और विराट की तरह महान योढ़ा बन ना चाहते थे
Mind-blowing update bro
 

Killerpanditji(pandit)

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तुम मेशे किसी एक को काली शक्तियों को कुछ दीनों के लिए अपना ना होगा तकिी काली शक्तियों के मदद से हम जल्लाद को हरा सके , हम सब जल्लाद को किसी भी किम्मत पे हराना चाहते थे इसलिए हम गुरु धर्मानंद के उस सलाह पे राजी हो गये और फिर गुरु धर्मानंद ने हम सबकी संयम और दिमाग का परीक्षा लिया , वो ये जान ना चाहते थे की हम में से कौन सबसे ज्यादा शांत और सरल है और किसी भी परिस्थिटी में अपने दिमाग को शांत और काबू में रख सके और इसे परीक्षा में सम्राट हम सबमेसए ज्यादा काबिल निकला इसलिए गुरु धर्मानंद ने सम्राट को छूना काली शक्तियों को अपने काबू में करने के लिए

उसके बाद गुरु धर्मानंद ने सम्राट को काली शक्तियों को केशे काबू में करना है वो सिखाया और बाकी हम सबको भी अलग से जल्लाद के खिलाफ लड़ने की ट्रनिंग दी गयी , इसे बीच गुरु धर्मानंद ने विराट में भी कुछ कुछ बात नज़र की इसलिए उन्होंने विराट को खास तौरपे हम सबसे अलग ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया

कुछ महीनों तक इसे ही ट्रेनिंग चलती रही गुरु धर्मानंद ने सम्राट को सबसे अलग रखा हुआ था , उस से किसी को भी मिलने की इजाज़त नहीं थी सम्राट को काली शक्तियों को अपने अधीन में लाने में कोई परेशानी ना हो इसे लिए गुरु धर्मानंद ने ये फैसला लिया था

और गुरु धर्मानंद के ट्रेनिंग से हम सब भी ताकतवर होचुके थे लेकिन हम मेशे सबसे ज्यादा बदलाव विराट में आया था गुरु धर्मानंद के कुछ ट्रेनिंग से विराट अब एक महा योढ़ा बन चुका था सचाई और धर्म का सबसे बड़ा और ताकतवर योढ़ा बन चुका था उसके तलवार में इतनी धार थी की उसके तलवार के एक वार से बारे से बारे पहाड़ की भी धज्जियाँ उड़ जाती थी

और इसे बीच जल्लाद ने हम सबको ढूंढ़ने के लिए ज़मीन आश्मन एक कर दिया था और आख़िरकार उसे एक दिन पता चल ही गया की हम सब गुरु धर्मानंद के आश्रम में हैं और उनसे कुछ ट्रेनिंग लेरहे हैं उसे हराने के लिए इसलिए जल्लाद ने अपने फौज की एक खास टुकड़ी को भेज दिया हम पर हमला करने के लिए

जब जल्लाद के फौज ने गुरु धर्मानंद के आश्रम पे हमला किया ुषवक़्त विराट कुछ कुछ काम से गुरु धर्मानंद के चेलए ब्रह्मानंद के साथ कहीं गया हुआ था इसलिए आश्रम की हिफ़ाज़त की ज़िमेदारी हम पर आ गाई थी और में , डर्कलॉर्ड , राजकुमारी पद्‍मिनी और गुरु धर्मानंद ने मिलकर उन्न सभी शैतानो का सामना किया लेकिन हम सब बुरी तरह से हार गये

वो सभी शैतान राजकुमारी पद्‍मिनी की खूबसूरती को देख भड़क गये और उनके साथ बतामीज़ी करने लगे और फिर उनके साथ जबारजस्ति करने लगे लेकिन ठीक उसी वक्त , सम्राट को जिस कुछ कोठरी में गुरु धर्मानंद ने बंद किया हुआ था तकिी उसे कोई उसकी ट्रेनिंग में परेशान ना कार सके , उस कोठरी के दरवाजा की एक तेज धमाके के साथ धज्जियाँ उड़ गयीं

और फिर उस कोठरी के अंदर से सम्राट बाहर निकला सम्राट का पूरा शरीर हरा पदचुका था और आँखें पूरी तरह से लाल थी , जब सम्राट को हम सबने देखा तो हम सबकी आँखें छोन्दया गयीं सम्राट के रूप को देख के हम सब के होश उड़ गये थे ुषवक़्त लेकिन हमसे भी बुरी हालत किसी की थी और वो थे गुरु धर्मानंद

उनके मुंह से ुषवक़्त यही निकला था , है मेरे ख़ुदाया ये क्या हो गया , ये तो अनर्थ हो गया सम्राट की ट्रेनिंग बीच में ही रुक्क गयी इसका मतलब अब सम्राट को शैतान बन ने से कोई नहीं रोक सकता , हम सबने जब ये बात सुनी तो हम सबके होश उड़ गये थे

सम्राट उस कोठरी से बाहर निकलते ही उन्न शैतानो के ऊपर हमला करदेता है , सम्राट के एक एक मुक्के में वो शैतान मौत के घाट उतार रहे थे सम्राट उन्न सबको बड़ी ही बेरेहमी के साथ मरता हुआ आगे बधरहा था , सम्राट अपना मुंह खोलता तो उसमें से आग का बवंडर निकलता और उस आग के बवंडर में वो शैतान जल्के रख होजते

सम्राट ने कुछ ही मिनिट्स में शैतानो की उस टुकड़ी को बारे ही आसानी से खत्म कार्दिया था और उसके बाद सम्राट वहाँ से अपने नयी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए तेज रफ्तार के साथ वहाँ से चला गया

आश्रम में चारों तरफ लाशें ही लाशें गिरी पड़ी हुई थी जब विराट और ब्रह्मानंद वापाश आए थे और आश्रम की ये हालत देख दोनों तेजिसे अंदर की तरफ दौड़ गये वहाँ उन्हें सभी मीलगए , विराट ने गुरु धर्मानंद से पूछा की ये सब यहाँ क्या हुआ तो गुरु धर्मानंद ने विराट को सबकुछ बता दिया केशे यहाँ पे शैतानो ने हमला किया और केशे सम्राट की ट्रेनिंग बीच में रुक्क गयी और वो बाहर निकल आया और गुरु धर्मानंद ने विराट को ये भी बताया की अब शायद ही कोई सम्राट को शैतान बन ने से रोक सके

विराट ने ये सुनते ही कहा की में अपने भाई को कभी भी शैतान बन ने नहीं दूँगा कभी नहीं , ये बोलकर विराट ने मेरे तरफ देखा और मुझसे कहा की जल्दी से जल्दी अपनी जादू का इंटेमाल करके पता लगाओ सम्राट ईश्वक़्त कहाँ है और मैंने फौरन पता लगा लिया , सम्राट तेज रफ्तार से जल्लाद के इल्लाके के तरफ तरफ रहा था


सम्राट कहाँ है ये पता चलते ही विराट भी अपने भाई के तरफ तेजिसे तरफ गया , कुछ ही घंटों में सम्राट जल्लाद के किल्ले तक पहुँच चुका था और सम्राट के राषते में जो भी आता सम्राट उसे मौत के घर उतरके आगे तरफ जाता और विराट भी तेजिसे आगे तरफ रहा था , कुछ ही वक्त के अंदर सम्राट ने जल्लाद के सभी गुलामो को शैतानो को हरके जल्लाद के महेल के अंदर घुस गया

तब तक विराट भी वहाँ पहुँच चुका था महेल में घुसते ही सम्राट को जल्लाद दिख गया और सम्राट फौरन जल्लाद के ऊपर हमला करदेता है सम्राट और जल्लाद के बीच में एक घमासान लधाई शुरू होजती है , सम्राट का हर एक वार जानलेवा था लेकिन जल्लाद सम्राट के हर एक वार से बड़ी ही आसानी से बाचहजाता है अपनी जादुई कवच के वजह से सम्राट का हर एक वार बेकार जाने लगता है इसलिए सम्राट कमजोर पड़ने लगता है और हारने लगता है लेकिन तभी
सम्राट ईश्वक़्त जल्लाद से अकेला लध रहा था और सम्राट का हर एक वार जल्लाद पे नाकाम हो रहा था इसलिए सम्राट जल्लाद के सामने कमजोर पड़ रहा था हार रहा था

जल्लाद अपने दोनों हाथों को जोड़ता है और उसका रुख सम्राट के तरफ करता और फिर देखते ही देखते जल्लाद के हाथों से लाल रंग की ऊर्जा निकलती है और सम्राट से जा टकराती है और सम्राट दूर जाकर गिरता है और फिर जल्लाद अपने चेहरे पे मुश्कं लिए सम्राट के तरफ बढ़ने लगता है लेकिन तभी वहाँ विराट अपहुँचता है , अपने भाई को हरता हुआ देख विराट तेजिसे उस तरफ भागता है और लधाई में कुदड पड़ता है

विराट तेजिसे अपना तलवार निकलता है और उसका रुख जल्लाद के तरफ करके वार करता है इसे से विराट के तलवार से नीले रंग की ऊर्जा निकलती है और सीधे जा टकराती है जल्लाद से और जल्लाद उड़ते हुए अपने महेल के दीवार से जा टकराता है

और फिर विराट अपने तलवार को ऊपर असमान के तरफ उठता है और कुछ मंत्र पढ़ता है और फिर अपने तलवार के रुख को महेल के चारों तरफ करते हुए वार करने लगता है इसे से विराट के तलवार से काले धुएन्ँन निकालने लगते हैं और चारों तरफ तेजिसे मंडराने लगते हैं , जल्लाद ये सब हैरानी से देखने लगता है , वो काले धुएन्ँन जल्लाद के शरीर से टकराते हुए निकालने लगते हैं , जल्लाद को कुछ भी समझ में नहीं आ रही था और फिर कुछ देर बाद वो सारे काले धुएन्ँ गायब होजते हैं

विराट के आँखों में एक अजीब तरह की चमक थी ुषवक़्त और विराट के आँखों में चमक देख जल्लाद समझ जाता है की विराट ने जरूर कुछ किया है इसलिए जल्लाद अपने दोनों आँखों को बंद करता है और ध्यान लगता है , जल्लाद को फौरन पता चल जाता है की विराट ने उन्न काले धुएन्ँन के मदद से अड्रिस्या(इनविज़िबल) तेज और धार धार धागों से उसे बाँध दिया है , ये जानते ही जल्लाद को बहुत गुस्सा आता है और वो आगे बढ़ने की कोशिश करता है लेकिन जल्लाद एक कदम भी हिल नहीं पता है , जल्लाद एक कदम तो दूर वो इधर उधर मूंड़ भी नहीं परहा था

जल्लाद को कुछ भी समझ में नहीं आ रही था वो क्या करे फिर उसने ध्यान लगाने का सोचा और उसने अपनी आँखों को कुछ देर के लिए बंद कर दिया और फिर कुछ देर बाद जब उसने अपनी आँखें खोली तो उसे वो अड्रिस्या धागे दिखाई देने लगे और ये भी दिखाई देने लगा की वो सारे धागों की शुरूआत कहाँ से हुई है

वो सारे धागे विराट के तलवार से निकले थे और विराट ने उन्न धागों को उन्न काले धुएन्ँन के मदद से जल्लाद के शरीर के चारों तरफ फैला दिया था और ईश्वक़्त विराट अपने तलवार को ज़मीन में थोड़ा सा अंदर धसाके ज़ोर से पकड़े हुए खड़ा था इसे से वो सारे धागे बहुत ही टाइट काश गये थे जिसके वजह से जल्लाद हिल भी नहीं परहा था

जल्लाद धीरे धीरे उन्न धागों को तोड़ने की कोशिश करने लगता है , बहुत मुश्किल से एक दो धागे टूट जाते हैं इसे से जल्लाद को थोड़ा हिलने को मिलजाता है और वो बकीके धागे भी तोड़ने की कोशिश करता है लेकिन तभी विराट फिरसे अपने तलवार को काश देता है और ज़मीन के अंदर और थोड़ा सा घुसा देता है इसे से जलद अपने कमर के बॉल आ जाता है , जल्लाद झुके हुए खड़ा था और हिल भी नहीं परहा था

विराट के द्वारा तलवार काशे जाने पर वो सारे धागे भी बहुत ज्यादा टाइट हो गये थे और इसे वजह से जल्लाद के कवच में भी क्रॅक पड़ने शुरू होचुके थे

और फिर विराट अपने तलवार को और थोड़ा सा काश देता है जिस से जल्लाद और थोड़ा सा नीचे झुकक जाता है और फिर विराट तेजिसे उठता है और अपने तलवार को तेजिसे ज़मीन के अंदर से निकलता है और जल्लाद के तरफ तरफ जाता है उसका सर काटने के लिए , और विराट को अपने तरफ तेजिसे आता हुआ देख जल्लाद फिर से अपने सभी ताक़तों को इकट्ठा करता है और फिरसे उठने की कोशिश करने लगता है वो धागे एक एक करके टूठत्ने लगते हैं
Super duper update
 

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विराट तेजिसे जल्लाद के तरफ बधरहा था अपने तलवार को लिए और विराट जेशे ही जल्लाद के करीब पहुँचता है तभी जल्लाद को बँधे रखे हुए सारे धागे टूट जाते हैं और फिर जल्लाद एक तेज मुक्का विराट को झड़ देता है इसे से विराट दूर जाकर गिरता है

उन्न धगगों से आज़ाद होने के बाद जल्लाद फौरन उठ खड़ा होता है और विराट के तरफ गुस्से से देखता है , विराट फिरसे तेजिसे जल्लाद के तरफ बढ़ता है और जेशे ही अपने तलवार को वार करने के लिए निकलता है तभी जल्लाद तेजिसे आगे बढ़ता है और एक जोरदार मुक्का विराट को झड़ देता है इसे से विराट कुछ कदम पीछे चला जाता है

और फिर जल्लाद अपने दोनों हाथों के मुठीोन को बंद करता है और अपनी सभी ऊर्जा ताक़तों को इकट्ठा करने लगता है , इसे से उस महेल के अंदर चारों तरफ से हवाएँ बहने लगती है , देखते ही देखते जल्लाद के हाथों के मुठीोन में आग लगज़ाती है और वो अपने उन्न जलते हुए मुठीोन को ऊपर उठता है और पीछे की तरफ खींचने लगता है इसे से उस महेल के अंदर और तेजिसे भी हवाएँ बहने लगती हैं

हवाएँ इतने तेजिसे बहने लगती हैं की विराट का ठीक से खड़े होपना तक मुश्किल हो जाता है , हवाएँ इतने तेजिसे बहने लगी थी की विराट भी उनके साथ साथ आगे की तरफ फिसल के जाने लगता है , विराट अपने तलवार को ज़मीन में गड़ देता है और तलवार को ज़ोर से पकड़कर खड़ा हो जाता है तकिी ये तेज हवाएँ उसे हिल्ला भी ना पाएँ

जल्लाद फिरसे अपने उन्न जलते हुए मुठीोन को पूरी ताक़त लगाकर पीछे की तरफ खींचने लगता है और इसे से महेल में हवाएँ और भी तेजिसे बहन लगती हैं और इसे से विराट भी आगे की तरफ फिसल के जाने लगता है उसका तलवार अब उसे रोक नहीं पा रही थी , विराट उन्न तेज हवाओं में फिसलते हुए जल्लाद के तरफ तरफ रहा था

तुम्हारा आखिरी वक्त आ गया है विराट , जब विराट जल्लाद के पास फिसलते हुए पहुँच जाता है तब जल्लाद ये बात विराट से कहता है , और फिर जल्लाद अपने उन्न दोनों मुठीोन को काश लेता है इसे से उन्न दोनों मुठीोन में आग और ज़ोर से रफ्तार पकाड़लेटी है और तेजिसे जलने लगती है

विराट अपनी पूरी ताक़त लगा रहा था पीछे हटने के लिए लेकिन विराट उन्न तेज हवाओं के कारण हिल भी नहीं परहा था और इधर जल्लाद एक तेज चीख के साथ विराट के ऊपर अपने दोनों जलते हुए मुठीोन से वार करने लगता है

लेकिन इसे से पहले की जल्लाद के वो जलते हुए दोनों मुट्ठी विराट तक पहुँचते की तभी अचानक कहीं से एक जोरदार मुक्का आकर जल्लाद के सीने में पड़ता है और जल्लाद कुछ कदम पीछे चला जाता है

ये मुक्का झड़ने वाला कोई और नहीं बल्कि सम्राट था और ईश्वक़्त सम्राट की आँखें लाल रंग से चमक रही थी , सम्राट को देख विराट खुश हो जाता है और जल्लाद सम्राट को देख बहुत गुस्सा होता है

जल्लाद गुस्से से सम्राट के तरफ देखते हुए अपने दोनों हाथों को जोड़ता और उनमें ऊर्जा शक्तियाँ भरने लगता है , जल्लाद को शा करता हुआ देख विराट भी तैयार हो जाता है और अपने तलवार को ऊपर उठा लेता है

सम्राट सतर्क होजाओ लगता है अब जल्लाद हुंपे कोई घातक हमला करने वाला है , विराट सम्राट से ये कहता है

सम्राट पीछे पलट था है और विराट को देखने लगता है और विराट के हाथ में तलवार देख सम्राट भड़क जाता है और अपने दोनों हाथों को काश लेता है और अपने ऊर्जा शक्टिओं को इकट्ठा करने लगता है और देखते ही देखते सम्राट के हाथों में लाल रंग की ऊर्जा शक्ति आ जाती है

और फिर बिना देर किए सम्राट अपनी लाल रंग की ऊर्जा शक्तियों से विराट के ऊपर हमला करना शुरू करदेता है , जब विराट ये देखता है की सम्राट उसपर हमला कार रहा है तो वो फौरन सामने से कुदड जाता है और सम्राट के ऊर्जा हमले से बच जाता है

सम्राट ये तू क्या कार रहा है तू मुझपर क्यों हमला कार रहा है तुझे जल्लाद पे हमला करना चाहिए वो हमारा दुश्मन है , विराट ने इतना ही कहा था की तभी सम्राट फिरसे विराट के ऊपर अपनी ऊर्जा शक्तियों से हमला करता है

जब ये नज़ारा जल्लाद देखता है तो वो हैरान रहजता है और साथ में खुश भी होता है और हो भी क्यों ना आख़िर कर उसके दो सबसे बारे दुश्मन जो उसे हराने की ताक़त रखते हैं वो ईश्वक़्त आपस में जो लध रहे थे
सम्राट विराट के ऊपर अपने ऊर्जा शक्तियों से एक के बाद एक वार करने लगता है और विराट वहाँ से कूद कूदके सम्राट के हमलो से अपने आप को बचाने लगता है , विराट अगर चाहता तो सम्राट को उसके हमले का जवाब भी दे सकता था लेकिन विराट जनता था की सम्राट पे ईश्वक़्त शैतानियत हावी है जिसके वजह से सम्राट उसे पहचान नहीं परहा है और उसे अपना दुश्मन समझ के हमला कार रहा है

दोनों भाईओं के बीच के जंग को जल्लाद बारे आराम से खड़े होकर हस्सते हुए देख रहा था , सम्राट विराट के ऊपर एक के बाद एक ऊर्जा शक्तियों का गोला फेंक के वार कार रहा था और विराट बहुत ही मुश्किल से अपने आप को बच्चा रहा था और फिर विराट को जब मौका मिला तब वो चुप जाता है सम्राट के नर्जों से कुछ ही दूरी पर

जब विराट गायब हो जाता है तो सम्राट की नज़र पड़ती है जल्लाद के ऊपर और सम्राट फौरन उसके तरफ तेजिसे बदहजता है , सम्राट को अपने तरफ आता हुआ देख जल्लाद सतर्क हो जाता है

जल्लाद के पास पहुँचते ही सम्राट एक तेज मुक्का जल्लाद को झड़ देता है इसे से जल्लाद कुछ कदम पीछे हॅट जाता है और जल्लाद भी तेजिसे आगे बढ़ता है और सम्राट के मुक्के का जवाब मुक्के से देता है और फिर दोनों के बीच लधाई शुरू होजती है कभी जल्लाद सम्राट को मुक्के और लात से मरता तो कभी सम्राट जल्लाद को मुक्के और लात से मरता

और दोनों अपने अपने शरीर को काश लेते हैं और अपने ऊर्जा शक्तियों को बाहर निकल लेते हैं और एक दूसरे पे हमला करना शुरू करदेटे हैं , विराट एक जगह पे चुपके ये सब नज़ारा देख रहा था और सोच रहा था की वो क्या करे , और तभी विराट को कुछ याद आता है जो उसे ट्रेनिंग के वक्त गुरु धर्मानंद ने कहा था

गुरु धर्मानंद ने कहा था की ” जल्लाद के पास बहुत से शैतानी शक्तियाँ है और उसकी सबसे बड़ी शक्ति उसकी काली शक्तियों से बना उसका कवच है जो उसके शरीर पे हमेशा मौजूद रहता है , अगर तुम लोग उसके कवच को तोड़ने में कामयाब हो गये तो फिर जल्लाद को हराना तुम्हारे लिए बहुत आसान होज़ायगा , उसका कवच ही है जो उसे बारे से बारे हमले से बचाता है अगर उसका कवच ही नहीं रहेगा तो वो अपने आप को बचाएगा केशे

गुरु धर्मानंद के कहे गये इसे बात का याद आ ही विराट समझ जाता है उसे क्या करना है , उसे किसी भी हाल में जल्लाद के कवच को तोड़ना है , इधर विराट सोचने में लगा हुआ था उधर सम्राट जल्लाद से लड़ने में

सम्राट अपने हाथ में पकड़े हुए ऊर्जा के गोलों को जल्लाद के ऊपर फेंक रहा था और जल्लाद अपने आप को बचाते हुए सम्राट के ऊपर अपने ऊर्जा के गोलों से वार कार रहा था और फिर एक गोला सीधा जाकर सम्राट को लगता है और सम्राट जाकर महेल के दीवार से टकरा जाता है और उसके बाद जल्लाद अपने शक्तियों को इकट्ठा करता है और अपने हाथ को काश लेता है इसे से उसके हाथ में फिरसे आग के ज्वाले उठने लगते हैं और वो हवा को नियंत्रण करने लगता है उसके बाद जल्लाद हवा को काबू में करके सम्राट को अपने तरफ खींच ने लगता है और सम्राट जल्लाद के तरफ खींचता हुआ चला आता है

सम्राट हिल भी नहीं परहा था और जब सम्राट खींचते हुए जल्लाद के पास पहुँच जाता है तब जल्लाद अपने जलते हुए मुट्ठी को कसके एक जोरदार मुक्का सम्राट को झड़ देता है और सम्राट हवा में उड़ते हुए जाकर दूर गिरता है

इसे बीच विराट सामने अचुका था और विराट तेजिसे आगे बढ़ता है और अपने तलवार को निकल लेता है और फिर कुछ मंत्र पढ़कर विराट अपने तलवार को जल्लाद के तरफ करके वार करता है इसे से विराट के तलवार से अनगिनत तेजधार चाकू और बहुत से छोटे छोटे धार धार तलवार निकलकर तेजिसे जल्लाद के तरफ तरफ जाते हैं

और जल्लाद सामने कूदके अपने आप को बचाने लगता है बहुत से चाकू और तलवार जल्लाद के शरीर को बिना लगे चले जाते हैं लेकिन कुछ चाकू और तलवार सीधे जाकर जल्लाद के शरीर से टकराते हैं वेशे जल्लाद का कुछ होता तो नहीं है पर जल्लाद का कवच इसे हमले से थोड़ा सा फट जाता है

और जब जल्लाद ये देखता है तो उसे बहुत गुस्सा आता है और वो तेजिसे विराट के तरफ बढ़ने लगता है लेकिन इसे से पहले जल्लाद विराट तक पहुँचता विराट फिरसे जल्लाद पे अपने तलवार से वार करदेता है और विराट के तलवार से फिरसे वो तेज धार चाकू और तलवार निकलकर जल्लाद के तरफ तरफ जाते हैं और जल्लाद उनसे अपने कवच को बचाने की कोशिश में लग जाता है

इसे बीच सम्राट भी वहाँ वापस अचुका था और ईश्वक़्त सम्राट पे भी शैतानी शक्तियों का प्रभाव थोड़ा सा कम हो चुका था इसलिए वो वहाँ आ ही विराट से पूछता है ये क्या हो रहा है

विराट सम्राट को ठीक हालत में देख खुश होता है और कहता है अपने शक्तियों को तैयार कर लो हमें सबसे पहले जल्लाद के कवच को तोड़ना है उसके बाद उसे हराना आसान होजएगा और उसके बाद दोनों भाई सम्राट और विराट दोनों मिलकर अपने अपने शक्तियों का इस्तेमाल करके जल्लाद के कवच पे हमले करने लगते हैं और जल्लाद अपने आप को और अपने कवच को बचाने की कोशिश करने लगता है लेकिन आख़िरकार दोनों भाइयों की मेहनत रंग लाती है और दोनों भाइयों का एक साथ हमला कामयाब रहता है

विराट के तलवार से निकले धार धार चाकू और तलवार और सम्राट की ऊर्जा शक्ति दोनों जाकर टकराते हैं जल्लाद के कवच से और देखते ही देखते जल्लाद का कवच टूट के बिखर जाता है ज़मीन पे और सम्राट का शरीर धीरे धीरे सूखने गलने लगता है


और फिर विराट आगे बढ़ता है और अपने तलवार को जल्लाद के सीने में घुसेड़ देता है और उसके बाद सम्राट अपने एक ऊर्जा के गोले को जल्लाद के शरीर पे फेंक देता है उसके बाद एक तेज विस्पोट के साथ जल्लाद के शरीर के चिथड़े उड़ जाते हैं और जल्लाद हमेशा हमेशा के लिए ख़ात्मा हो जाता है

जल्लाद के मौत के बाद अचानक वहाँ पे बहुत से काले ढुईं इकट्ठे होने लगते हैं , ये सारे काले ढुईं काली शक्तियाँ थी जो की अब तक जल्लाद के कंट्रोल में थी और जल्लाद के मरते ही उसके शरीर से आज़ाद हो चुकी थी

वो सभी काली शक्तियाँ धीरे धीरे सम्राट के तरफ बढ़ती हैं और देखते ही देखते वो सभी काली शक्तियाँ सम्राट में समा जाती हैं , विराट सिर्फ़ देखता ही रहजता है और वो सभी काली शक्तियाँ सम्राट के शरीर में समा जाती हैं और सम्राट के दिल को और भी काला करदेटी हैं

विराट आगे बढ़ता है और सम्राट को समझने की कोशिश करता है की वो इन सभी काली शक्तियों को अपने अंदर से निकल फेंकने की कोशिश करे लेकिन विराट के इन बातों का सम्राट पे कोई भी असर नहीं होता है क्योंकि सम्राट के दिलों दिमाग पे सिर्फ़ ुषवक़्त काली शक्तियाँ चाय हुई थी और सम्राट आगे बढ़ता है और एक तेज मुक्का विराट को झड़ देता है

इसे से विराट हवा में उड़ता हुआ जाता है और एक चट्टान से जा टकराता है , विराट फौरन उठ खड़ा होता है और सम्राट के तरफ बढ़ने की कोशिश करता है लेकिन जब तक विराट सम्राट तक पहुँचता तब तक सम्राट अपने नये काली शक्तियों के मदद से वहाँ से गायब हो जाता है

विराट सिर्फ़ अपना हाथ माल्टा रहजता है वो सम्राट को भागने से रोक नहीं पता है और आख़िर में विराट मायूस होकर गुरु धर्मानंद के आश्रम में लौट आता है , विराट गुरु धर्मानंद और बाकी सभी को वहाँ उस जंग में जो जो हुआ वो सब कुछ बता देता है

फिर गुरु धर्मानंद कहते हैं की सम्राट अब बदल चुका है और शायद ही वो कभी वापस अचाई के राषते पर लौट सके लेकिन गुरु धर्मानंद के इसे बात को विराट नहीं मानता है और कहता है , चाहे जो कुछ भी होजए लेकिन वो हार नहीं मानेगा वो सम्राट को ढूंढ. के उसे वापिस अचाई के रशे पे ला कर ही रहेगा

उस हाधसे के बाद विराट और हम सबने बहुत दिन , महीनों और सालों तक सम्राट के तलाश में मायवी दुनिया का छापा छापा छान मारा लेकिन हमें सम्राट कहीं भी नहीं मिला , सम्राट के ना मिलने से हम सब मायूस होकर वापिश अपने अपने स्टेट’से में लौट आए , राजकुमारी पद्‍मिनी अपने टूटे हुए दिल को लेकर परिलोक लौट गयी और में विराट और डर्कलॉर्ड हम तीनों वापिश गंडर लौट आए

जब हम सब सम्राट के तलाश में मायवी दुनिया के हर एक कोने को तलाश कार रहे थे उस वक्त सम्राट मायवी दुनिया के एक इसे इलाके में छुपा हुआ था जिसके बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते थे , सम्राट खून्नी जुंगेल के काले पहाड़ी पे छुपा हुआ था और अपने काली शक्तियों को अपने कंट्रोल में लानेकिी कोशिश कार रहा था और साथ में उन्न काली शक्तियों को बढ़ा भी रहा था और हर बिट्ट ते हुए दिन के साथ सम्राट अपने शक्तियों को और भी ज्यादा बढ़ता जा रही था

और जब सम्राट ने बहुत से काली शक्तियों को अपने कंट्रोल में कर लिया तब उसने अपने काली शक्तियों के मदद से अपने लिए एक खुदका स्टेट बनाया , काले पहाड़ी के उस तरफ एक नदी बहता था उस नदी के दूसरे तरफ एक बर्फीला पहाड़ी इलाका था , उस बर्फीले पहाड़ी इलाके को उसने अपने शक्तियों के मदद से एक स्टेट का रूप दे दिया और उसने अपने स्टेट का नाम रखा थे डेत वाली , और डेत वाली में सम्राट ने काली दुनिया के हर उस दरिंदे को रहने की जगह दी जो काली दुनिया से था और शैतानियत उसका धर्म था

और फिर सम्राट ने अपना खुदका एक शैतानी फौज भी बणलिया जिनका मक्षद सिर्फ़ एक ही था पूरे मायवी दुनिया के ऊपर शैतानियत का राज और इसे मक्षद को पूरा करने के लिए सम्राट को कुछ भरोसेमंद शती चाहिए थे जो वक्त आने पर उसके लिए अपनी जान भी देने से पीछे नहीं हॅट ते , इसे लिए एक रात सम्राट चुपके से अपना भेष बदल के गंडर में दाखिल हुआ और मुझसे और डर्कलॉर्ड से मिला और उसने हम दोनों को ये याद दिलाया की उसने हम दोनों की जान बचाई थी और हम दोनों ने उसे वादा किया था की हमेशा उसका साथ देंगे चाहे वो सही हो या गलत

और फिर उस वादे के वजह से में और डर्कलॉर्ड हम दोनों ना चाहते हुए भी सम्राट के साथ जुड़ गये उसके शैतानी मक्षद को पूरा करने के लिए , उसके बाद सम्राट ने मायवी दुनिया के हर एक छोटे बारे स्टेट’से पे हमला किया और जीता और जीतने के बाद सम्राट उस स्टेट को पूरी तरह से तबाह करदेता था , सम्राट को लोगों को मरते हुए देखना दूश्‍रों के खून से नहाना अच्छा लगने लगा था इसे लिए सम्राट ने एक शैतानी फैसला किया सम्राट जिस भी जंग को जीिट था उस जंग में जिन्न लोगों को बंदी बनाया जाता था उन्हें मारकर उसने डेत वाली के साफ नदी को कोन से भरने लगा देखते ही देखते कुछ ही महीनों में वो पूरा नदी खून से भर गयी और इसे तरह उस नदी का नाम थे रिवर ऑफ ब्लड पड़ गया सम्राट उस खून से भरे हुए नदी में रोजाना नहाया करता था

दिन बीए दिन सम्राट की शैतानियत और दरिंदगी बढ़ती ही जा रही थी और उसके इन दरिंदगिओं का शिकार मायवी दुनिया के बेकसूर और मासूम लोग बन रहे थे इसे लिए जो स्टेट सम्राट के आतंक से बच गये थे या फिर जिनकी बड़ी आई ही नहीं थी वो सब धीरे धीरे इकट्ठे होने लगे सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए और वो स्टेट’से थे , गंधर्व नगरी – स्टेट ऑफ हॉबैट’से – जंगल ऑफ WअरेWओल्फ’से और कुछ छोटे छोटे स्टेट’से

ये सारे स्टेट’से सम्राट के खिलाफ इकट्ठे हो तो गये थे लेकिन ये सभी जानते थे की इन सबका सम्राट के सामने कोई मुकाबला नहीं सम्राट की शैतानी फौज इन सबकी फौज को बारे ही आसानी से हरा शक्ति है इसलिए इन्हें एक इसे योढ़ा की जरूरत थी जिसके बाजुओं में धर्म की ताक़त हो और उसके तलवार में सचाई की धार और शा योढ़ा पूरे मायवी दुनिया में सिर्फ़ एक ही था और वो था गंडर का सहजादा विराट जो की सम्राट का जुड़वा भाई था और विराट अब गंडर का युवराज भी था

इन सभी स्टेट’से के राजा मिलकर गंडर गये और विराट से सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए कहा क्योंकि पूरे मायवी दुनिया में विराट ही एक शा योढ़ा था जो सम्राट से टकरा सकता था और उसके शैतानी इरादों को रोक सकता था , लेकिन विराट ने इसे बात के लिए साफ तौरपे उन्न सभी राजाओं को मना कर दिया विराट ने कहा की वो अपने भाई के खिलाफ जंग नहीं लध सकता है क्योंकि वो अपने भाई से जान से भी ज्यादा प्यार करता है
बिना विराट के साथ के सम्राट के खिलाफ जंग में उतरे तो निश्चित ही उनकी हार पकिी थी

इसलिए अब सिर्फ़ उनके पास एक ही राष्टा था की वो सब केशे भी करके विराट को इसे जंग को लड़ने के लिए तैयार करे और विराट को शायद सिर्फ़ एक ही इंसान मना सकता था और वो थे गुरु धर्मानंद इसलिए सभी राजा मिलकर गुरु धर्मानंद के आश्रम के तरफ चालदीए

सभी राजाओं से उनकी परेशानी सुन ने के बाद गुरु धर्मानंद ने विराट को राजी करवाने की ज़िमेदारी अपने सर पे ले लिया और गंडर के तरफ रबाना हो गये

जब गुरु धर्मानंद विराट से मिले तब गुरु दरमानंद ने विराट को अपना सौगंध याद दिलाया की जब तक शरीर में आखिरी सांस होगी तब तक शैतानियत और अधर्म के खिलाफ लधता रहूँगा यही सौगंध लिया था ना तुमने विराट , तो अब क्या हो गया तुम्हें तुम अपना धर्म पालन क्यों नहीं कार रहे हो , गुरु धर्मानंद ने ये बात विराट से कही

जवाब में विराट ने कहा गुरु जी में केशे अपने जान से भी प्यारे भाई के खिलाफ जंग लध सकता हूँ में केशे अपने जान से भी प्यारे भाई को मर दम

विराट में समझ सकता हूँ की तुम अपने भाई से बहुत प्यार करते हो लेकिन तुम खुद ही सोचो क्या सम्राट अब तुम्हारा वही भाई है जो तुमसे बहुत प्यार करता था , नहीं विराट अब सम्राट वो सम्राट नहीं रहा जो दूश्‍रों के लिए जिया करता था जो सबकी जान बचाने के लिए अपने जान देने से भी पीछे नहीं हॅट था था , अब सम्राट बिलकुल शैतान बन चुका है जब तक सम्राट दूश्‍रों के खून से नहा नहीं लेता तब तक उसे नींद नहीं आती इसलिए ये जंग जरूरी है हम सबको मिलकर किसी भी हाल में सम्राट को रोकना होगा , ये बोलकर गुरु धर्मानंद ने अपनी बात खत्म की , उसके बाद विराट चुप ही रहा जिसका मतलब वो इसे जंग के लिए राजी था

उसके बाद सभी स्टेट’से मिलकर जंग की तैयारी में लग गये और ये खबर सम्राट तक भी पहुँच गयी थी लेकिन सम्राट इसे से बिलकुल भी परेशान नहीं था क्योंकि वो समझता था की जीिट उसकी ही होगी

और इसे बीच सम्राट से मिलने विराट और राजकुमारी पद्‍मिनी दोनों बड़ी बड़ी डेत वाली में गये थे और उन्न दोनों ने सम्राट को समझने की कोशिश भी की अब भी मौका है बुराई का रासता छोड़कर अचाई के राषते पे आ जाओ लेकिन सम्राट ने उन्न दोनों को मना कर दिया

इधर गुरु धर्मानंद ने सभी राजाओ को अपने पास बुलाया और ये बताया की सम्राट को हम इसे जंग में हरा तो सकते हैं लेकिन मर नहीं सकते , जब ये बात सबको पता चली तो सभी के होश उड़ गये क्योंकि बिना सम्राट को मारे उनकी जीिट नमुनकीन थी

फिर उन में से एक राजा ने पूछा , क्यों हम सम्राट को मर क्यों नहीं सकते हैं गुरु जी
Nice update bro
 

Killerpanditji(pandit)

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(UPDATE-67)


क्योंकि सम्राट कोई मामूली शैतान नहीं है , सम्राट और विराट दोनों का जन्म देवी माया के कोक से हुआ था इसलिए वो दोनों भी देवताओं के संतान हैं या यूँ कह सकते हो की वो दोनों आखिरी देवता हैं इसे मायवी दुनिया के और सम्राट अब एक शैतान बन चुका है इसलिए बारे से बड़ा हथियार उसे सिर्फ़ घायल कर सकता है लेकिन उसे मर नहीं सकता इसलिए सम्राट को मरने के लिए हमें एक दिव्यास्त्रा की जरूरत है

तो अब हम इसे दिव्यास्त्रा को कहाँ से लाएँ गुरु जी जिसके मदद से हम सम्राट को मर सकें और तो और हमारे पास इतना वक्त भी नहीं है की उस दिव्यास्त्रा के खोज में निकले

कहीं भी किसी भी खोज में जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि दिव्यास्त्रा का बंदोबस्त हो गया है , गुरु धर्मानंद के मुंह से इसे बात को सुन ने के बाद सभी के चेहरे पे एक चमक से आ गाई थी और सभी गुरु जी से उस दिव्यास्त्रा को देखने के लिए डर्कवास्त करने लगे

जवाब में गुरु धर्मानंद ने कहा , में ही वो दिव्यास्त्रा हूँ मैंने अपने जिंदगी में जीतने भी पुण्या कियेन हैं उसका फल मुझे मिला मेरे शरीर की रीद्द की हड्डी दिव्या होचुकी है इसलिए तुम लोग मेरे शरीर के रीद्द की हड्डी से दिव्यास्त्रा का निर्माण करके उस से सम्राट का अंत कर सकते हो , ये बोलकर गुरु धर्मानंद चुप हो गये

उसके बाद एक राजा ने कहा , पर गुरु जी अगर हम आप के रीद्द की हड्डी से दिव्यास्त्रा का निर्माण करेंगे तो फिर आप की तो मौत होज़ायगी , जवाब में गुरु धर्मानंद ने मुश्कूरके जवाब दिया धर्म और अचाई की रक्षा करने के लिए जान देने में जो आनंद है वो किसी और चीज़ में कहाँ

उसके बाद गुरु धर्मानंद ने लकड़ियों की चीता जलाई और खुद जाकर उस जलते हुए चीता में बैठ गये और उन्होंने इसे दुनिया से समधी ले ली , जेशा की उन्होंने समधी लेने से पहले कहा था ठीक उसी तरह से सभी ने गुरु धर्मानंद के रीद्द की हड्डी से एक बहुत ही ताकतवर दिव्यास्त्रा खंजर का निर्माण किया जिस से सम्राट को मारा जा सके और उस दिव्यास्त्रा का बागडोर विराट के हाथों में देदी गयी तकिी वो वक्त आने पे उस दिव्यास्त्रा को सम्राट के सीने में उतार सके और सम्राट को मर सके

दिव्यास्त्रा के बन ने के बाद सभी तैयार थे सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए सभी राजाओं ने मिलकर जंगल ऑफ वारएवोल्फ’से के राजा खुड़बक्ष को अचाई के फौज का सेनापति बनाया और फिर मायवी दुनिया के सभी राजा मिलकर अपने अचाई के फौज को लेकर सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने निकल पड़े
इधर जंग से पहले ही डर्कलॉर्ड ने सम्राट को धोका दे दिया , डर्कलॉर्ड ने सम्राट के आधी फौज को सम्राट के खिलाफ भड़कके उन्हें लेकर वहाँ से भाग गया इसे से सम्राट की फौज की तादाद बहुत कम हो गयी , सम्राट की शैतानी फौज की तादाद कम थी लेकिन फिर भी सम्राट की फौज बहुत ही ताकतवर थी

वो जंग खून्नी जंगल के सरहद और डेत वाली के सरहद के बीच में लधि गयी थी बहुत ही खतरनाक जंग थी वो , जब जंग शुरू हुई तो सम्राट के फौज ने पागलों की तरह अचाई के फौज के ऊपर हमला बोल दिया जो भी उनके सामने आता सम्राट की फौज उसे कुचलती हुई आगे तरफ जाती और इसे तरह अचाई के योधाओं को मरता हुआ देख विराट भी जंग के मैदान में उतार पड़ा

उसके बाद तो जेशे जंग का माहौल ही बदल गया जहाँ कुछ देर पहले ये लग रहा था की बुराई की फौज आज आसानी से जीिट जाएगी अब विराट के जंग में उतरने के बाद उसका उल्टा होने लगा अचाई बुराई पर हावी होने लगी , विराट के तलवार के धार के सामने सभी शैतानी योढ़ा गाजर मूली की तरह कटके गिरने लगे जंग का माहौल तेजिसे बदलने लगा बुराई के योढ़ा तेजिसे मरने और घटने लगे

और अपने योधाओं को यूँ मरता हुआ देख सम्राट को खुद जंग के मैदान में उतरना पड़ा , और जब सम्राट जंग के मैदान में उतरा तो तेजिसे वहाँ का मौसम बदलने लगा जहाँ पे कुछ देर पहले दिन का उजाला था अब वहाँ पे धीरे धीरे काली अंदरी रात गहराने लगी थी

सम्राट अपने सामने आने वाले सभी अचाई के योधाओं को मारकर उनके लाशों पे पर रखकर आगे तरफ रहा था जो भी उसके सामने आता सम्राट उसे अपने तलवार से बीच में से कटके दो हिस्सों में बाँट देता इसे तरह सम्राट क़हर बनकर अचाई के फौज के ऊपर बरस ने लगा था

और फिर कुछ देर बाद सम्राट और विराट का आमना सामना हो ही गया दोनों भाई एक दूसरे के आमने सामने खड़े थे दोनों ने अपने अपने हाथों में अपनी अपनी तलवार पकड़ रखी थी

जब विराट ने सम्राट को देखा तो उसने एक बार फिर से सम्राट से कहा , मेरे भाई प्लीज़ वापिश लौट आऊ अभी भी वक्त है उस राषते को चोद दो और मेरा हाथ पकड़ लो

इसका जवाब सम्राट के तलवार ने दिया , सम्राट ने विराट पे पहला वार करते हुए कहा , कभी भी नहीं मेरे भाई कभी नहीं

इसके बाद दोनों भाइयों के बीच में घमासान जंग का अगाज़ हो गया दोनों ही एक दूसरे पे एक के बाद एक हमले करने लगे दोनों की तलवार जब एक दूसरे से टकराती थी तब आश्मन में बिजलियाँ कड़कड़ने लगती थी

और फिर सम्राट ने अपने तलवार से एक खतरनाक वार विराट पे किया जिस से विराट का लेफ्ट हेंड थोड़ा सा कट गया और उस में से खुन्ण बहने लगा और विराट के मुंह से एक हल्की से चीख भी निकल पड़ी लेकिन उस वार का असर सम्राट पे भी हुआ सम्राट का भी लेफ्ट हेंड थोड़ा सा कट गया था और उस में से भी खुन्ण बहने लगा था , सम्राट चौंकते हुए विराट के तरफ देखने लगता है

शायद तू भूल रहा है मेरे भाई हम दोनों जुड़वा हैं हम दोनों के सीने में एक ही दिल के दो टुकड़े धड़क रहे हैं हम दोनों दो जिस्म एक जान हैं , अगर हम में से किसको चोत्त लगेगी तो दूसरे को भी चोट लगेगी और दर्द भी होगा अगर हम में से कोई एक मेरेगा तो दूसरा भी अपने आप मर जाएगा , इसे लिए कहता हूँ अभी भी वक्त है मेरे भाई बुराई का साथ छोड़ दे और अचाई के राषते पे लौट आ

में बुराई का साथ कभी नहीं चोदूंगा मेरे बेवकूफ्फ भाई तुझे क्या पता बुराई में जो बात है वो अचाई में कहाँ ये बोलते हुए सम्राट फिर से विराट पे हमला करता है लेकिन विराट सम्राट के इसे हमले के लिए पहले से ही तैयार था इसे लिए विराट ने सम्राट के हमले से अपने आप को बचाते हुए एक खतरनाक वार सम्राट पे करता है जिस से सम्राट अपने आप को बचाने के लिए अपने तलवार को विराट के सामने करदेता है जिस से सम्राट की तलवार टूट के ज़मीन पे बिखर जाती है और फिर विराट एक तेज मुक्का सम्राट को झड़ देता है जिस से सम्राट पेट के बाल ज़मीन पे गिरजता है

मुझे माफ करना मेरे प्यारे भाई पर तुमने मेरे सामने और कोई राष्टा ही नहीं चोदा है इसके अलावा , ये कहते हुए विराट अपने कमर से उस दिव्या खंजर को निकलता है जिसे गुरु धर्मानंद के रीद्द की हड्डियों से बनाया गया था , विराट अपने हाथ में उस दिव्या खंजर को पकड़े तेजिसे सम्राट के तरफ बढ़ता है

लेकिन जेशे ही विराट सम्राट के ऊपर वार करने को होता है तभी सम्राट पीछे पलट था है और तभी विराट की नज़र सम्राट के आँखों पे पड़ती है जिस से विराट को अपने बचपन के दिन याद आजाते हैं , विराट को अपने बचपन के हसीना पल याद आजाते हैं जो उसने अपने जान से भी प्यारे भाई सम्राट के साथ गुजरे थे

और यहीं पे विराट चूक जाता है वो सम्राट को मर नहीं पता है जिसका फायदा सम्राट उठता है और सम्राट फौरन ज़मीन से उठ खड़ा होता है और एक लात विराट के सीने पे झड़ देता है इसे से विराट कुछ कदम पीछे जाकर गिरता है

फिर सम्राट नीचे ज़मीन पे पड़े विराट के तरफ देखते हुए कहता है , मेरे भाई ना ही तू मुझे मर सकता है और ना ही में तुझे मर सकता हूँ , तू मुझे इसे लिए नहीं मर सकता क्योंकि तू अभी भी मुझे प्यार करता है और में तुझे इसे लिए नहीं मर सकता हूँ क्योंकि तुझे मारकर में अपने आप को मारना नहीं चाहता हूँ , इसे लिए हम दोनों का एक दूसरे से ना टकराना ही बेहतर होगा

ये कहते हुए सम्राट विराट को वहाँ छोड़कर वहाँ से दूसरे तरफ चल देता है और अचाई के फौज के दूसरे योधाओं पे क़हर बनकर हमला करने लगता है , सम्राट अपने ऊर्जा शक्तियों से अचाई के योधाओं को तेजिसे मरता जा रही था , सम्राट अपने काली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए हवा में उड़ते हुए अचाई के फौज के ऊपर आग के गोले बरसाने लगता है , काली शक्तियों के मदद से सम्राट उनपर आश्मन से बिजलियाँ गिरने लगता है और उन्न सभी अचाई के योधाओं पे ऊर्जा के गोले भी फेंक ने लगता है

सम्राट के हाथों तेजिसे अचाई की फौज का नामो निशान मिट रहा था अब सिर्फ़ कुछ ही अचाई के योढ़ा बच गये थे , सेनापति खुड़बक्ष तेजिसे दौड़ता हुआ विराट के तरफ आता है और विराट से कहता है , विराट ये तुमने क्या कर दिया तुम्हारे पास एक अच्छा मौका था तुम सम्राट को मर सकते थे , तुमने उसे मारा क्यों नहीं देखो तुमसे बचने के बाद उसने किस तरह हमारे योधाओं को किडडे माक्कोदॉन की तरह मारना शुरू कर दिया है , अब सिर्फ़ हमारे कुछ ही योढ़ा बचे हैं

मुझे माफ कार्दिजिए खुड़बक्ष पर में क्या करता जब मैंने उसके आँखों में देखा तो मुझे वो पुराना वाला सम्राट याद आ गया और में उसे मर नहीं पाया , विराट आँखों में आस्यू लिए ये बात खुड़बक्ष को कहता है

विराट ये वक्त कमजोर पड़ने का नहीं है तुम्हें वो सारी बातें भूलनी होंगी और सम्राट को मारना होगा , विराट क्या तुम भूल गये गुरु धर्मानंद की क़ुर्बानी , क्या गुरु जी की क़ुर्बानी नाकामयाब होज़ायगी बताओ विराट बताओ , विराट अगर आज सम्राट बच गया तो फिर हम उसे कभी नहीं मर पाएँगे और इसे मायवी दुनिया पे बुराई का राज होज़ायगा और रोजाना निर्दोष और बेगुनाह लोग बिना किसी वजह के मारे जाएँगे , खुड़बक्ष ये कहते हुए विराट के तरफ देखते हैं

नहीं खुड़बक्ष में सम्राट को नहीं मर सकता हूँ , क्योंकि अभी भी मेरे दिल के किसी कोने में सम्राट के लिए प्यार है इसे लिए में उसे मर नहीं पाऊँगा , ये काम आप को करना होगा आप को सम्राट को मारना होगा , ये लीजिए दिव्या खंजर और जाकर घुसेड़ दीजिए सम्राट के सीने में , ये कहते हुए विराट उस दिव्या खंजर को सेनापति खुड़बक्ष के तरफ बढ़ा देता है

विराट ये तुम क्या कह रहे हो सम्राट को अगर हराने की और मरने की ताक़त कोई रखता है तो वो सिर्फ़ तुम हो में तो उसके पास भी नहीं जा पाऊँगा और वो मुझे अपने काली शक्तियों के जरिए मर देगा , खुड़बक्ष परेशान होते हुए ये कहता है

नहीं खुड़बक्ष आज जीिट सचाई और अचाई की ही होगी सम्राट मरेगा और वो भी आप के हाथों और साथ में में भी मारूँगा , खुड़बक्ष शायद आप भूल रहे हैं सम्राट और में हम दोनों जुड़वा हैं दो जिस्म एक जान हैं , अगर हम में से किसको चोत्त लगेगी तो दूसरे को दर्द होगा , इसलिए में यहाँ अपने दोनों हाथों के नशे काट लूँगा जिस मेरे साथ साथ सम्राट के भी दोनों हाथ की नशे कट जाएँगी इसे से मेरे साथ साथ सम्राट भी कमजोर होज़ायगा उसकी शक्तियाँ ठीक से काम नहीं करेंगी और उसी मौके का फायदा उठाकर आप उसके सीने में खंजर उतार देना , विराट ये कहते हुए अपने बात को खत्म करता है

इसका मतलब सम्राट के साथ साथ तुम भी मर जाओगे , नहीं विराट ये में नहीं कर सकता , तुम एक सच्चे धर्म के योढ़ा हो तुम्हारे जेशा सच्चा योढ़ा लाखों करदों साल में एक बार पेड़ा होता और में तुम्हें मारकर इसे दुनिया को एक अचाई के योढ़ा से बंचित नहीं रखना चाहता हूँ विराट , खुड़बक्ष ये कहता है

हमारे पास और कोई राष्टा नहीं है खुड़बक्ष आप को वही करना होगा जो मैंने आप को कहा है , अब वक्त आ गया है की में भी गुरु जी की तरह सचाई के लिए अपने जान को क़ुरबान कार्दुन , अब जाए आप और सम्राट के सीने में खंजर को उतार दीजिए


और फिर खुड़बक्ष विराट के हाथों से उस दिव्या खंजर को लेता है और आगे तरफ जाता है सम्राट के तरफ और इधर विराट अपने तलवार को उठता है और उस से अपने दोनों हाथों के नशे काट लेता है , इसे से विराट के हाथों से तेजिसे खून बहने लगता है और उसका असर सम्राट पे भी होता है सम्राट के दोनों हाथों के नशें भी काट जाती हैं और उनमें से तेजिसे खून बहने लगते हैं इसे से सम्राट को दर्द और कमज़ोरी महसूष होने लगती है और वो जो हवा में उड़ रहा था नीचे ज़मीन पे उतार आता है और गिरजता है और इसी मौके का फायदा उठाकर खुड़बक्ष उस दिव्या खंजर को सम्राट के सीने में उतार देता है

इसे से उस जंग के मैदान में दो लोगों के मुंह से तेज चीत्कार निकलती है एक था सम्राट और दूसरा था विराट , सम्राट के साथ साथ विराट के सीने में भी एक बड़ा सा छेद हो गया था और उस में से खुन्ण की ढर्र बहने लगी थी

इसके बाद सम्राट ने अपने आप को संभालते हुए अपने एक हाथ को अपने उस छेद हुए सीने में जहाँ पे खुड़बक्ष ने खंजर गाड़ा था , उस छेद में सम्राट अपने एक हाथ को डालता है और अपने शरीर में मौजूद अपने आधे दिल को निकल लेता है और कुछ मंत्र बोलने लगता है और फिर अपने उस आधे दिल को ऊपर आश्मन के तरफ उछाल देता है , सम्राट का आधा दिल हवा में उड़ता हुआ जाता है और हवा में अटक जाता है और देखते ही देखते उस दिल में आग लगज़ाती है

ये नज़ारा वहाँ मौजूद सभी देख के हैरान थे किसी के भी समझ में कुछ भी नहीं आ रही था की ये क्या हो रहा है की तभी एक चीत्कार सुनाई देता है और वो चीत्कार थी विराट की , विराट चिल्ला रहा था क्योंकि उसे बहुत दर्द हो रहा था उसके सीने के उस बारे छेद से उसका आधा दिल अपने आप बाहर निकल रहा था और देखते ही देखते विराट का भी दिल उसके शरीर से निकल के आसहमन में उद्जाता है जहाँ पे सम्राट का दिल था और फिर वो दोनों आधा दिल यानि की सम्राट का आधा दिल और विराट का आधा दिल दोनों दिल मिलकर एक दिल होजते हैं और फिर वो दिल तेज रफ्तार के साथ आश्मन में कहीं गायब हो जाता है , ये नज़ारा सबको हैरान करदेता है , हर कोई अपने अपने आँखें फाड़े कभी आश्मन के तरफ तो कभी विराट के तरफ तो कभी सम्राट के तरफ देखे ही जा रहे थे की तभी उनके कानों में सम्राट की आवाज़ पड़ती है

सम्राट अपने दर्द को थोड़ा सा कंट्रोल करते हुए थोड़ा सा रुकते रुकते कहने लगता है , भले ही आज तुम लोगों ने मेरे भाई विराट के क़ुर्बानी के वजह से मुझे मर दिया है भले ही आज तुम लोग ये जंग जीिट चुके हो लेकिन एक दिन में लौटूँगा जरूर लौटूँगा और मुझे वापिश लाएगा मेरे और विराट का अंश जिसका नाम अग्नि होगा वही मुझे फिरसे जिंदा करेगा , अग्नि मेरा और विराट दोनों का अंश होगा लेकिन वो उस बार बुराई का राष्टा चुनेगा और मुझे वापिश इसे दुनिया में लाएगा

अबकी बार विराट तुम लोगों के साथ था इसलिए तुम सब जीिट गये लेकिन अगली बार मेरे साथ अग्नि होगा यानि की मेरा भाई विराट होगा मेरे साथ अगली बार और उस बार में जीतूँगा और बदले में तुम सबको मौत दूँगा , ये कहते हुए सम्राट हस्सने लगता है और हस्स्ते हस्स्ते ही सम्राट की जान उसके शरीर को छोड़कर चली जाती है

इधर विराट की शंसें तेज चल रही थी उसकी भी शंसें किसी भी वक्त उसका साथ छोड़ सकती थी इसलिए अपने उखड़ते हुए शंसों से खुड़बक्ष को बुलाता है और खुड़बक्ष दौड़ते हुए विराट के पास जाता है

खुड़बक्ष मेरे पास अब ज्यादा वक्त नहीं है आप ने सुना ही होगा सम्राट ने जो कहा वो लौटने की कोशिश जरूर करेगा इसे लिए आप ये लीजिए मेरे तलवार को , आप इसे तलवार को परिलोक की सहजादी पद्‍मिनी को सूप दीजिएगा और उन्हें कहिएगा मेरे और सम्राट का अंश अग्नि जब जन्म लेगा और इसे मायवी दुनिया में आएगा तब उसके सामने दो राषते होंगे एक होगा अचाई का और दूसरा होगा बुराई का और हो सकता है किसी वजह से वो बुराई के राषते को छूने इसे लिए अगर वो कभी बुराई के राषते पे चलने लगे तो सहजादी पद्‍मिनी से कहिएगा की वो मेरे तलवार अग्नि को सूप दे मेरा ये सचाई का तलवार अग्नि को मेरे क़ुर्बानी का अहसास दिलाएगा और मुझे पूरा यकीन है इसे से अग्नि अचाई के राषते पे अजइईईईई

ये कहकर विराट भी अपनी आखिरी सांस चोद देता है और सचाई और धर्म का महयोढ़ा विराट मायवी दुनिया के लिए सचाई और धर्म के लिए क़ुरबान हो जाता है
रुद्रा – अच्छा तो ये थी सारी कहानी अग्नि के पिछले जन्म की यानि की सम्राट और विराट की

जोरबार – हाँ यही थी सारी कहानी

रुद्रा – अच्छा तो जोरबार विराट के उस तलवार का क्या हुआ , अगर विराट ने कहा था की उसका तलवार अग्नि को उसके क़ुर्बानी की याद दिलाएगी और उसे अचाई के राषते पे लेअएगी तो फिर राजकुमारी पद्‍मिनी ने अभी तक वो तलवार अग्नि को दी क्यों नहीं

जोरबार – पहली बात ये के राजकुमारी पद्‍मिनी अब राजकुमारी नहीं रही वो तो उस जंग के बाद ही परिलोक की रानी बन गयी थी और रही उस तलवार की बात तो , वो तलवार आज के वक्त में कहाँ है ये किसी को भी नहीं पत्ता है

रुद्रा – क्य्ाआआआआअ , ये आप क्या कह रहे हैं , आप ही ने तो कहा था की विराट ने उस तलवार को खुड़बक्ष को दिया था राजकुमारी पद्‍मिनी तक पहुँचने के लिए

जोरबार – बात ये है रुद्रा , जब जंग खत्म हुआ तो उसी रात को खुड़बक्ष और उसके कुछ साथी उड़ते हुए घोड़े यानि की यूनिकॉर्न के ऊपर सवार होकर परिलोक के तरफ उड़ते हुए आश्मन में आगे तरफ रहे थे उस तलवार को राजकुमारी पद्‍मिनी तक पहुँचने के लिए , लेकिन तभी सम्राट के रूह यानि की आत्मा ने उनपर हमला कर दिया , सम्राट के आत्मा ने विराट की कही गयी बात सुनलीया था इसलिए उसने उनपर हमला कर दिया था

सम्राट की आत्मा उतनी ताकतवर तो नहीं थी लेकिन फिर भी उसके यूँ अचानक हमला करने से सभी चौंक गये और इसी दौरान खुड़बक्ष के हाथों से वो तलवार फिसल के कहीं आश्मन से नीचे गिरगई , खुड़बक्ष के साथियों में कुछ जादूगर थे जिन्होंने अपनी जादुई शक्ति के मदद से सम्राट के आत्मा को बंदी बणलिया और उन्न सबने मिलकर सम्राट के आत्मा को कहीं पे दफ़न कर दिया कैद कर दिया उसके बाद उन्होंने बहुत सालों तक उस तलवार को दूँगा लेकिन वो उन्हें नहीं मिला

में भी उस जंग के बाद सबसे छिपता फिरता रहा और अपनी पहचान चुपके उस तलवार के खोज में लगा रहा लेकिन वो तलवार मुझे भी नहीं मिली वो तलवार तो जेशे इसे दुनिया से कहीं गायब ही हो गयी , में उसी तलवार के खोज में एक दिन लगा हुआ था की डर्कलॉर्ड ने मुझे कैद कर लिया और अपना बंदी बना लिया सम्राट के सारे राज़ जान ने के लिए , बस यही थी सारी कहानी

रुद्रा – अच्छा तो इसका मतलब वो तलवार खोचुकी है इसलिए वो अग्नि को तलवार नहीं दे सके , अच्छा जोरबार अगर हम अग्नि को सारी सचाई से वाकिफ करदें तो क्या वो सचाई के रही पर लौट नहीं आएगा ?

जोरबार – नहीं क्योंकि हमारे बताने और उसके खुदके महसूस करने में ज़मीन आश्मन का फर्क है जब तक वो उस क़ुर्बानी को महसूस नहीं करेगा तब तक वो अपना रही नहीं बदलेगा , अच्छा चोदा ये सब बातें चलो जल्दी से तैयार होजाओ सुबह होचुकी है और सूरज भी निकल चुका है हमें जल्द से जल्द इसे खून्नी जंगल में घुसना है और अपने काम को अंजाम देना है

उसके बाद रुद्रा और जोरबार तैयार होजते हैं अपने अपने घोड़ों को वहीं एक पेड़ से बाँध देते हैं और जंगल में घुसने को होते ही हैं की तभी जोरबार रुद्रा को रोकता है और कुछ कहता है

जोरबार – रुद्रा देखो अब हम इसे जंगल में घुसने वाले हैं इसलिए में तुम्हें पहले ही बता रहा हूँ ये जंगल बहुत ही खतरनाक है इसलिए हमेशा मेरे साथ ही रहना और पीछे मुदके कभी मत देखना समझे

रुद्रा – अरे जोरबार आप तो जादूगर हैं आप शा क्यों नहीं करते की जादू से सीधे काले पहाड़ी पे हम दोनों को लेजते

जोरबार – रुद्रा में मानता हूँ की में एक बहुत बड़ा जादूगर हूँ लेकिन इसे खून्नी जंगल को जादू के मदद से पार करने के लिए बहुत सारी जादुई ताक़तों की जरूरत होगी जो ईश्वक़्त मेरे पास नहीं है , जब में डर्कलॉर्ड के कैद में था तब उसने मेरी बहुत से जादुई ताक़तों को मुझसे छीन लिया था और मुझे अपनी पुरानी जादुई ताक़त को हासिल करने में और भी कई महीने लग जाएँगे इसलिए हमें इसे जंगल को आम इंसानों की तरह पार करना होगा , और मैंने इसे से पहले जो जो कहा था याद रखना और पीछे तो मुदके बिलकुल मत देखना समझे

और उसके बाद रुद्रा और जोरबार दोनों उस खून्नी जंगल में दाखिल होजते हैं और आगे बढ़ने लगते हैं , उन्न दोनों के जंगल में घुसने के बाद जंगल के बाहर मौजूद बरगत के पेड़ के ऊपर से कोई नीचे कूड़ता है , उस शक्ष ने सर से लेकर पांव तक काला कपड़ा पहना हुआ था उसका चेहरा भी काले कपड़े से धक्का हुआ था उसके शरीर का एक हिस्सा भी दिखाई नहीं दहाड़ा था सिबाई उसके दोनों आँखों के

उस शक्ष के आंखें हारे रंग के थे वो शक्ष जंगल के तरफ ही देखे जा रही था और फिर देखते ही देखते उस शक्ष का शरीर चमकने लगता है और कुछ ही सेकेंड’से के अंदर उस शक्ष का रूप बदल जाता है वो एक इंसान से एक काला कावा(करो) बनजता है और उड़ते हुए उस जंगल में दाखिल हो जाता है

जोरबार और रुद्रा दोनों जंगल के अंदर आहिस्ते आहिस्ते आगे तरफ रहे थे , जंगल के चारों तरफ खामोशी ही खामोशी थी कहीं से भी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी ये बात रुद्रा को परेशान कर रही थी फिर भी रुद्रा चुप चाप जोरबार के पीछे चल रहा था , दोनों आगे बढ़ते ही जा रहे थे की तभी आगे उनको बहुत सारे ढूंढ.(फॉग) दिखाई देती है , जोरबार वहीं रुक्क जाता है और बिना पीछे मुड़े ही कहता है

जोरबार – रुद्रा सतर्क होजाओ क्योंकि आगे से ढूंढ. शुरू हो रही है ये ढूंढ. कोई मामूली ढूंढ. नहीं है ये एक चालबा है ये इसे तरफ से गुजरने वाले लोगों को अपने चालबा से चलती है और जो उस चालबे में फ़ासस जाता है ये ढूंढ. उसकी जान ले लेती है इसलिए सतर्क रहना और पीछे बिलकुल मात देखना समझे

रुद्रा – ठीक है जोरबार समझ गया

उसके बाद ये दोनों फिरसे आगे बढ़ने लगते हैं और ढूंढ. के अंदर घुस जाते हैं , जेशे जेशे दोनों आगे तरफ रहे थे धीरे धीरे ढूंढ. भी उतना ही बढ़ता जा रही था दोनों अपने राषते पे दत्ते हुए थे की तभी कुछ सुनाई देता है

चामम्म्मम चामम्म्मम चामम्म्मम ऐशी आवाजें रुद्रा और जोरबार को सुनाई देने लगती है

रुद्रा – जोरबार आप ने ये आवाज़ सुना किसी लड़की की पायल की आवाज़ लगती है ये लगता है हमारे आस पास कोई लड़की है

जोरबार – रुद्रा मैंने तुम्हें कहा था चुप चाप आगे बढ़ते रहना ये सभी आवाजें चालबा है तुम इन पर बिलकुल भी ध्यान मात दो और पीछे तो बिलकुल भी मत देखना

उसके बाद फिरसे हवाओं में वही आवाज़ गूँजती है चामम्म्मममम चामम्म्ममम और इसे आवाज़ के साथ साथ किसी लड़की के हल्की हल्की हँसी की भी आवाज़ सुनाई देती है हुहह हुहह हूउहह

रुद्रा – जोरबार तुमने सुना फिरसे वो आवाज़ आ रही है और इसे बार तो किसी लड़की की हस्सने की भी आवाज़ आ रही है , मुझे लगता है सच में हमारे आस पास कोई लड़की है

जोरबार – रुद्रा मैंने तुम्हें कहा ना बिलकुल चुप चाप मेरे पीछे चलो इन सब आवाज़ों पर बिलकुल ध्यान मत दो ये सब चालबा हैं अगर तुम इनके जाल में फ़ासस गये तो तुम्हारी मौत पक्की

उसके बाद ये दोनों फिरसे आगे बढ़ने लगते हैं और ये कुछ कदम चले ही होंगे की इनके कानों में एक सुरीली मीठी आवाज़ पड़ती है , रुद्रााआअ रुद्रााआआ रुद्रााआअ , इषबार रुद्रा चिढ़ जाता है और चिल्लाते हुए कहता है

रुद्रा – बंद करो ये नाटक मुझे पत्ता है तुम कोई चुड़ैल बुदेल हो और मुझे भटकने की कोशिश कार रही हो लेकिन में तुम्हारे झस्से में नहीं आनेवाला चुड़ैल कहीं की चल निकलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल

रुद्रा के इतना कहते ही ढूंढ. धीरे धीरे घटने लगता है और वो आवाज़ भी आने बंद होजती है
Zabardast update dost
 

Killerpanditji(pandit)

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(UPDATE-68)


जोरबार – बहुत अच्छे रुद्रा तुमने बहुत बढ़िया काम किया देखो ढूंढ. भी थोड़ा थोड़ा घाट्ट रहा है

रुद्रा – लगता है अब वो आवाजें नहीं आएँगी , लगता है भाग गयी वो चुड़ैल

जोरबार – नहीं रुद्रा अभी खतरा टल्ला नहीं हम अभी भी ढूंढ. के घेरे में हैं इसलिए अभी भी सतर्क रहना वो आवाजें फिरसे शुरू होसकती है

रुद्रा और जोरबार फिरसे आगे तरफ जाते है कुछ कदम आगे बढ़ते ही ढूंढ. फिरसे बढ़ने लगती है और उन्हें घेरने लगती है लेकिन रुद्रा और जोरबार बिना रूक्के आगे बढ़ते ही रहते हैं की तभी फिरसे वो आवाजें आने शुरू होजती हैं लेकिन इसे बार और भी खतरनाक रूप से

रुद्रा बेटा बचऊऊऊऊ रुद्रा बेटा बचऊऊऊऊ रुद्रा बेटा बचऊऊऊऊ मेरी और सुनहेरी की जान को खतरा है

जोरबार – रुद्रा पीछे बिलकुल मात देखना ये सब चालबा है , ये आवाजें तुम्हारी मां और सुनहेरी की नहीं है वो ईश्वक़्त हमारी फौज के साथ सुरक्षित हैं , हम बस ढूंढ. के इल्लाके से निकालने ही वाले हैं इसलिए ये सब और तेजिसे हो रहा है पीछे बिलकुल मत देखना रुद्रा बिलकुल नहीं

रुद्रा बचाओ हमें रुद्रा बचाओ हमें वो लोग मां जी को मर डालेंगे रुद्रा बचाओ हमें , मां जीिइईईईईईईईईईईईईई नहिंन्ननननननननणणन्

इसे आखिरी चीख से रुद्रा हड़बड़ा जाता है और फौरन पीछे मुदके देखने लगता है

रुद्रा – नहिंन्नननननननननननननणणन्!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
रुद्रा के चीख को सुनते ही जोरबार के पांव अपने आप रुक्क जाते हैं और जोरबार डरते हुए बिना पीछे मुड़े ही पूछता है

जोरबार – क्या हुआ रुद्रा तुम चीख क्यों रहे हो , कहीं तुमने पीछे मुड़कर देख तो नहीं लिया ना

रुद्रा – जोरबार मुझे बचऊऊऊ में यहाँ फ़ससस्स गया हूँ जल्दी करो मुझे बचाओ नहीं तो में मारा जाऊंगा

जोरबार – बेवकूफ्फ कहीं के मेरे इतना कहने के बाद भी तुम नहीं मैंने और पीछे मुदके देख ही लिया , अब तुम्हारे वजह से हम दोनों मरेंगे

रुद्रा – अरे जोरबार तनने बाद में मारलेणा अभी फिलहाल मेरी मदद करो मुझे बचऊूऊ

उसके बाद जोरबार धीरे धीरे आहिस्ते आहिस्ते करके पीछे पलटने लगता है , जब जोरबार पूरी तरह से पीछे पलट जाता है तब वो देखता है की रुद्रा एक दलदल में फ़ससा हुआ है और हर बिट्ट ते हुए वक्त के साथ वो ओर भी अंदर धस्ता जा रही है

ये नज़ारा देखने के बाद जोरबार अपना एक कदम आगे बढ़ता है रुद्रा की मदद करने के लिए लेकिन तभी , जिधर जोरबार खड़ा था उसके नीचे की ज़मीन धीरे धीरे नर्म होने लगती है और नर्म मिट्टी से ज़मीन कीचड़ में बदल जाती है और उसके बाद फौरन ही ज़मीन वहाँ से गायब होकर वो जगह एक दलदल बनजता है और जोरबार उस में धसने लगता है

जोरबार – देखा रुद्रा तुम्हारी वजह से अब में भी फ़ासस गया इसे दलदल में अब हम केशे निकले यहाँ से

रुद्रा – अरे ये भी में आप को बताऊं , अरे किसने आप को जादूगर बनडिया यार , आप ने उस जादुई चड्डी को क्यों अपने हाथों में पकड़ा हुआ है दांडिया खेनले के लिए क्या , अरे जोरबार कुछ जादू बादू दिखाओ यार और हमें बचाओ नहीं तो हम दोनों का राम नाम सत्या होज़ायगा

जोरबार – हम दोनों अगर यहाँ फंसे हैं तो उसके वजह तुम हो मियाँ एक बार यहाँ से निकल जाऊं फिर तुम्हारी खबर लेता हूँ

ये बोलते हुए जोरबार उस दलदल में फंसे हुए ही अपने जादुई दंड को असमान के तरफ करता है और कुछ मंत्र पढ़ने लगता है और फिर जोरबार के जादुई दंड से कुछ चमकदार रोशनी निकालने लगती है और फिर जोरबार और रुद्रा दोनों उस दलदल में से धीरे धीरे बाहर निकालने लगते हैं

जब ये दोनों दलदल से बाहर निकालने लगते हैं तब इन दोनों के चेहरे पे एक हल्की से मुस्कान आ जाती है लेकिन ये मुस्कान ज्यादा देर तक नहीं रेहपति है क्योंकि अचानक ही कोई दलदल के अंदर से जोरबार के परॉन को अंदर की और खींचने लगता है

इसे से जोरबार हड़बड़ा जाता है और उसके हाथों से उसका जादुई दंड गिरजता है और वो जादुई दंड दलदल के अंदर कहीं घुस जाता है और उसके बाद रुद्रा और जोरबार दोनों फिरसे दलदल के अंदर धसने लगते हैं

अब इन दोनों के पास कोई चारा नहीं था मदद के लिए पुकारने के अलावा लेकिन इसे सुनसान जंगल में उनकी मदद करेगा कौन यही सोचकर वो दोनों चुप हो गये , दोनों धीरे धीरे दलदल के अंदर धंस रहे थे दोनों के शरीर पूरी तरह से दलदल के अंदर जा चुके थे सिर्फ़ दोनों के सर ही दलदल के बाहर रहगए थे

रुद्रा – काश कोई आए और हम दोनों को बचले नहीं तो हम दोनों के साथ साथ मेरे दोस्त अग्नि की भी जान चली जाएगी

और फिर दोनों के सर भी धीरे धीरे दलदल में घुसने लगते हैं और जब सर दलदल में घुसने लगता है तब रुद्रा रही सही आस भी चोद देता है और अपनी आँखें बंद कर लेता है

एक काला कावा(करो) उड़ता हुआ आता है और दलदल के पास के एक बारे से पेड़ के बड़ी से डाली पे जाकर बैठ जाता है और देखते ही देखते वो काला कावा इंसानी रूप लेलेटा है , वो काला कावा जो की अब एक इंसानी रूप में था वो सर से लेकर पांव तक काले कपड़े से धक्का हुआ था उसके सिर्फ़ आंखें ही दिख रहे थे

वो उस पेड़ पे बैठे बैठे ही अपने हाथ को उस दलदल के तरफ करता है और कुछ शब्द बड़बड़ाने लगता है और फिर देखते ही देखते रुद्रा और जोरबार धीरे धीरे उस दलदल से बाहर निकालने लगते हैं , जब रुद्रा और जोरबार को एहसास होता है की वो दोनों बाहर अरहे हैं तो वो दोनों खुश होजते हैं और आस पास देखने लगते हैं की कौन उनकी मदद कार रहा है , उन्न दोनों की नज़र पड़ती है उस काले कपड़े से ढके हुए शक्ष पे जो की ईश्वक़्त एक पेड़ पे बैठा उनकी मदद कार रहा था जादू से उन्हें बाहर निकालने के लिए

रुद्रा और जोरबार धीरे धीरे बाहर निकल रहे थे की तभी अचानक फिरसे कोई दलदल के अंदर से उन्हें अंदर खींच ने लगता है और वो दोनों फिरसे दलदल के अंदर धसने लगते हैं

जब ये बात पेड़ पे बैठा हुआ वो अंजान शक्ष देखता है तो वो अपनी आँखों को बंद करता है और असमान के तरफ अपने हाथ को करता है इसे से अचानक से उसके हाथों में एक जादुई दंड आ जाता है और फिर वो शक्ष अपनी आँखों को खोलता है और अपने जादुई दंड के रुख को दलदल के तरफ करता है और कुछ मंत्र पढ़ने लगता है


देखते ही देखते उस अंजान शक्ष के जादुई दंड से एक तेज रोशनी का गोला निकलता है और सीधे उड़ते हुए जाकर दलदल के अंदर घुस जाता है उसके बाद उस दलदल के अंदर एक धमाका होता है , और धमाके के वजह से उस दलदल के अंदर से कीचड़ और गीली मिट्टी इधर उधर जाकर आस पास गिरने लगती है

उस धमाके के बाद अब वो दलदल पूरी तरह से खाली होचुका था और उस जगह पे एक बहुत बड़ा सा गद्दा बन चुका था , और जब उस दलदल में से कीचड़ और गीली मिट्टी गायब होजती है तब रुद्रा और जोरबार की नज़र पड़ती उनके साथ उस गद्दे में मौजूद एक बारे से काले रंग के ओक्तोपुश पे जिसके पूरे शरीर में कीचड़ ही कीचड़ लगी हुई थी

ये ओक्तोपुश वही था जो दलदल के अंदर से इन दोनों के पर को अंदर की ओर खींच रहा था तकिी इन दोनों को कहा सके , वो ओक्तोपुश बहुत बड़ा था और जब दलदल की गीली मिट्टी और कीचड़ धमाके में उड़ गयी तो वो ओक्तोपुश गुस्से में रुद्रा और जोरबार पे हमला करदेता है उन्न दोनों को अपना खाना बनाने के लिए

रुद्रा फौरन अपने कमर में लटके हुए तलवार को निकलता है और उस बारे से ओक्तोपुश के तरफ तेजिसे फेंक देता है रुद्रा की तलवार हवा को चीरती हुई सीधे जाकर उस ओक्तोपुश के चेहरे के आर पार होजती है और वो बड़ा सा ओक्तोपुश रुद्रा के तलवार से दो हिस्सों में बट्ट जाता है और नीचे ज़मीन पे पड़े पड़े छटपटाने लगता है और देखते ही देखते अपना दम तोड़ देता है

उसके बाद रुद्रा और जोरबार उस बारे गद्दे से बाहर निकलते हैं और उस पेड़ के तरफ चल देते हैं जिस पेड़ पे वो अंजान शक्ष बैठा हुआ था , वहाँ पहुँच के रुद्रा उस अंजान शॅक्स से कहता है

रुद्रा – आप का बहुत बहुत शुक्रिया अगर आप ने हमारी मदद ना की होती तो हम दोनों उस बारे से ओक्तोपुश का खाना बंचुके होते , पर आप है कौन और इसे खतरनाक जंगल में कार क्या रही हैं

और फिर वो अंजान शक्ष धीरे धीरे अपने चेहरे से उस काले कपड़े को निकालने लगता है और जेशे ही वो अंजान शक्ष अपने चेहरे से कपड़ा हटा देता है उस अंजान शक्ष के चेहरे को देख रुद्रा के चेहरे का रंग उड़ जाता है और रुद्रा के मुंह से सिर्फ़ एक ही बात निकलता है

रुद्रा – जहाँ तूमम्म्ममम!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!रुद्रा – जहाँ तूमम्म्म , जहाँ तुम जिंदा हो , पर इसे केशे हो सकता है अग्नि ने तो कहा था की तुम शिमला में पहाड़ से गिरके मारगाई थी या फिर तुम जहाँ की बहुत हो

जहाँ – रुद्रा में जिंदा हूँ और ईश्वक़्त सही सलामत तुम्हारे सामने खड़ी हूँ और मैंने ही तुम दोनों की जान भी बचाई है अभी अभी

रुद्रा – पर जहाँ इसे केशे हो सकता है अग्नि ने तो कहा था की तुम शिमला में पहाड़ से गिरके मारगाई थी , तुम बच केशे गयी

अग्नि का नाम सुनते ही जहाँ के आँखों में आंसू आजाते हैं और जहाँ अपने आँखों से आंसू पोछते हुए

जहाँ – रुद्रा जब मेरे पर फिसले और में पहाड़ी से नीचे गिरी तब में पेड़ों के दहनिओन से टकराते हुए आकर नीचे पथरीली ज़मीन पे गिरी थी , में बहुत बुरी तरह से घायल थी ुषवक़्त में मरने के कगार पे थी मेरी साँसें किसी भी वक्त मेरा साथ छोड़ शक्ति थी में किसी भी वक्त मर सकती थी

लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी मुझे महा मैं ने वहाँ से उधर किया और मुझे यहाँ इसे मायवी दुनिया में ले आई और मुझे अपने जादू से उन्होंने ठीक कर दिया , कुछ महीने लगे लेकिन में पूरी तरह ठीक हो गयी और जब में ठीक हुई तब उन्होंने मुझे बताया की उन्होंने मुझे बचाने के लिए मुझे एक यक्षिणी बनडिया है

रुद्रा – एक मिनट रुको , जहाँ ये बताओ ये महा मैं कौन हैं और ये यक्षिणी क्या चीज़ है यार

रुद्रा के सवाल का जवाब जहाँ देने के लिए अपने मुंह खोल ही रही थी की तभी जोरबार रुद्रा को उसके सवाल का जवाब देने लगा

जोरबार – रुद्रा महा मैं इसे पूरे दुनिया में जीतने भी चुड़ैल हैं उनकी महारानी हैं और यक्षिणी यानि की चुड़ैल का एक और रप है

रुद्रा – क्य्ाआआ जहाँ तुम एक चुड़ैल हो , रुद्रा ये कहते हुए थोड़ा सा पीछे हॅट जाता है

जहाँ – डरो मत रुद्रा में एक अच्छी वाली चुड़ैल हूँ , नहीं तो में तुम दोनों की जान क्यों बचाती

रुद्रा – हाँ ये तो सही कहा तुमने , पर मेरे समझ में ये नहीं आया की अगर तुम जिंदा बच गयी थी तो तुम वापस अग्नि के पास क्यों नहीं गयी

जहाँ – महा मैं के वजह से , महा मैं ने मुझे कहा था की अग्नि कोई मामूली इंसान नहीं है वो काररोदों में एक है और वो काली दुनिया का होने वाला महाराज है और वो जल्द ही इस मायवी दुनिया में आएगा

रुद्रा – अच्छा तो ये बात है , पर अब तो अग्नि मायवी दुनिया में भी अचुका है और डेत वाली का प्रिन्स भी बन चुका है तो तुम उस से मिली क्यों नहीं , वो आज भी यही समझता है की तुम अब जिंदा नहीं हो

जहाँ – रुद्रा तुम्हें क्या लगता है में अग्नि से मिलना नहीं चाहती , रुद्रा में तो अग्नि से मिलने के लिए तड़प रही हूँ उसे अपने गले से लगाने के लिए में मर रही हूँ लेकिन महा मैं ने कहा है की अभी अग्नि से मिलने का सही वक्त नहीं आया है इसे लिए में अग्नि से दूर हूँ और उस पल का इंतजार कार रही हूँ जब सही वक्त आएगा और में अपने जान से भी प्यारे अग्नि को गले से लगा सकूँ

रुद्रा और जहाँ के चुप होते ही जोरबार जहाँ से पूछता है

जोरबार – जहाँ जी आप एक बात बताइए आप ईश्वक़्त यहाँ पे इसे जंगल में क्या कार रही हैं

जहाँ – जिशवक़्त अग्नि और डर्कलॉर्ड के बीच जंग चल रही थी ुषवक़्त में और महा मैं उस लधाई को जादुई गोले(क्रिस्टल बॉल) में बैठ के देख रहे थे और जब अग्नि की ये हालत हुई तो में अपने आप को रोक नहीं पाई और यहाँ पे आप लोगों का पीछा करते हुए आ गाई तकिी अग्नि को बचाने में में भी कुछ मदद कार सकूँ

रुद्रा – अच्छा तो तुम इसे यहाँ पे पहुँची , चलो अच्छा हुआ अगर तुम सही वक्त पे ना आती तो हम दोनों का राम नाम सत्या हो जाता

जहाँ – हाँ

जोरबार – अब हमें आगे बढ़ना चाहिए दोस्तों देर हो रही है , हमारे लिए हरर एक मिनट कीमती है
Fabulous update bro
 

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और उसके बाद जोरबार रुद्रा और जहाँ तीनों आगे बदहजते हैं अपने मंजिल के तरफ , जंगल के चारों तरफ सूखे हुए पेड़ और पौधे थे हरियाली तो थी ही नहीं और ज़मीन तो जेशे बंजार होचुकी थी

और इन्हीं सूखे हुए पेड़ पोढ़ों से होते हुए ये तीनों आगे तरफ रहे थे , तीनों घंटों तक चलते रहते हैं और आगे बढ़ते रहते हैं और फिर इन्हें आगे हारे भरे पेड़ और पौधे दिखाई देने लगते हैं आगे कुछ ही दूरी पर

और जब ये तीनों उन्न हारे भरे पेड़ और पोढ़ों के पास पहुँच ते हैं तो इन्हें पता चलता है की वहाँ पे एक छोटा सा तलब भी है , ये तीनों पिछले कुछ घंटों से चलते चलते थक्क चुके थे इसलिए ये तीनों तय करते हैं की कुछ देर यहीं पे आराम करेंगे तलब के किनारे उसके बाद फिरसे आगे बढ़ेंगे

रुद्रा और जहाँ वहीं पे बैठ जाते हैं और जोरबार तलब के करीब जाने लगता है तकिी अपने प्यास को बुझा सके थोड़ा सा पानी पीके , रुद्रा और जहाँ बैठे बैठे आराम कार रहे थे की तभी रुद्रा की नज़र पड़ती है वहाँ के आस पास में लगे हुए तरह तरह के खूबसूरत फूलों(फ्लवर’से) के पोढ़ों पर ये सारे के सारे फूल बहुत ही खूबसूरत थे और साथ में बहुत बारे बारे भी आम फूलों के मुकाबले में

ये सारे के सारे खूबसूरत फूल रुद्रा का मान मो लेते हैं और रुद्रा की सारी थकान गएब होजती है इन फूलों को देख के और रुद्रा वहाँ से उठके चल देता है उन्न फूलों को पास से देखने के लिए

रुद्रा आगे बढ़ते हुए उन्न खूबसूरत फूल तक जा पहुँचता है और उन्हें निहारने लगता है , वहाँ पे तरह तरह के फूल थे रुद्रा बस उन्हें देखे जा रही था और फिर रुद्रा एक बहुत बारे से फूल के करीब जा पहुँचता है जो की बाकी सभी फूलों के मुकाबले बहुत बड़ी थी

रुद्रा को वो फूल थोड़ी से अजीब लगती है इसलिए रुद्रा आगे बढ़ता है और उस फूल को चुन के उसका निरीक्षण करने लगता है लेकिन तभी अचानक उस फूल का आकर और भी बड़ा हो जाता है और उस फूल के मुंह खुल जाते हैं , और देखते ही देखते वो फूल एक खतरनाक फूल में बदल जाता है और उसके लटाएँ रुद्रा को जकड़ लेती हैं और वो फूल अपने मुंह को खोले रुद्रा को निगलने के लिए रुद्रा के तरफ बढ़ने लगता है

रुद्रा – जोरबार , जहाँ मुझे बचऊऊओ!!!!!!!!!!रुद्रा की चीख सुनकर जहाँ उसके तरफ दौड़ पड़ती है और जब जहाँ रुद्रा के करीब पहुंकति है तब वो देखती है की एक बड़ा सा और अजीब सा फूल अपने लातों से रुद्रा को जकड़ के उसे खाने की कोशिश कार रही है , जहाँ फौरन अपने जादुई दंड को निकलती है और उसके रुख को उस अजीब से फूल के तरफ करके वार करती है

जहाँ के जादुई दंड से कुछ चाकू और छुरियँ निकलती हैं और सीधे जाकर उस अजीब से फूल को चीरते हुए आर पार होजती हैं और रुद्रा उनके कब्जे से आज़ाद हो जाता है , वो बड़ा सा और खतरनाक सा फूल टुकड़ों में बता हुआ नीचे ज़मीन पे पड़े पड़े छटपटाता है और अपना दम तोड़ देता है

रुद्रा उनके कब्जे से आज़ाद होते ही हांपने लगता है और हंपते हुए जहाँ से पूछता है

रुद्रा – आस तेरी की ये साली क्या बाला थी यार , मरते मरते बच्चा में यार

जहाँ – ये एक मॉन्स्टर फ्लवर था

रुद्रा – क्या ?

जहाँ – वो एक मॉन्स्टर फ्लवर था एक राक्षसी फूल जो इंसानो को खाती है समझे और अब अपना तलवार उथलो क्योंकि अब हुंपे हमला होनेवाला है

रुद्रा – ये राक्षसी फूल तो खत्म हो गया अब हुंपे कौन हमला करेगा

जहाँ – इसे फूल के रिश्तेदार हुंपे हमला करेंगे

जहाँ ने इतना कहा ही था की तभी आस पास के सारे बारे बारे फूल अपने आप हिलने लगते हैं और देखते ही देखते वो सभी फूल बारे होने होने लगते हैं

ये नज़ारा देख रुद्रा फौरन चौकना हो जाता है और अपने तलवार को काश के पकड़ लेता है , वो सभी फूल रुद्रा और जहाँ के तरफ बढ़ने लगते हैं और बहुत ही अजीब दिखने लगते हैं उनमें से कुछ फूल के लटाएँ बहुत लंबी थी

और वो फूल अपने अपने लताओं से रुद्रा और जहाँ के ऊपर हमला करने लगते हैं , उन्न फूलों के लाटाएँ तेजी से किसी चाबुक की तरह रुद्रा और जहाँ के तरफ आती है लेकिन रुद्रा और जहाँ वहाँ से कूदके अपने आप को उन्न लताओं के वार से बच्चा लेते हैं

जहाँ – रुद्रा ये फूल बहुत ही खतरनाक हैं और इनके लटाएँ और भी खतरनाक हमें इनसे बचते बचाते हुए इनपे हमला करना होगा हम जितनी देरी करेंगे उतना ही खतरा बढ़ता जाएगा हुंपे

रुद्रा – ठीक है जहाँ

और फिर रुद्रा और जहाँ अपने आप को उन्न फूलों के लताओं के वार से बचाते हुए उनपर हमला करने लगते हैं , रुद्रा अपने तेज धार तलवार से उन्न फूलों पे हमला करने लगता है तो वहीं जहाँ अपने जादुई दंड से तलवार और चाकू छुरी निकलकर उन्न फूलों और उनके लताओं पे हमला करने लगती है

रुद्रा की तलवार की धार कमाल की थी रुद्रा उन्न राक्षसी फूलों को बुरी तरह से कट रहा था वहीं जहाँ भी अपने जादुई दंड के मदद से उन्न फूलों को नॅस्ट कार रही थी , देखते ही देखते कुछ ही वक्त के अंदर रुद्रा और जहाँ दोनों मिलकर उन्न सभी राक्षसी फूलों को कट के खत्म कार देते हैं , सभी मॉन्स्टर फ्लवर’से के ख़ात्मे के बाद रुद्रा और जहाँ दोनों चैन की सांस लेते हैं

रुद्रा – साला क्या मुस्सिबत है , ये जंगल तो सचमुच में बहुत खतरनाक है रे बाबा यहाँ तो हर एक कदम फूँक फूँक के रखना पड़ेगा नहीं तो कब जान चली जाएगी और हमें पता भी नहीं चलेगा

जहाँ – हाँ रुद्रा तुमने सही कहा यहाँ इसे जंगल में फूँक फूँक के कदम रखने पड़ेंगे खास तौरपे तुम्हारे लिए , तुम हमेशा ही इन चक्करों में फ़ासस जाते हो

रुद्रा – हाँ हाँ पता है पता है मुझे और बोलने की जरूरत नहीं है , वेशे जहाँ हम दोनों जब यहाँ इन राक्षसी फूलों का मुकाबला कार रहे थे तब ये जोरबार कहाँ था और अभी भी नहीं दिख रहा है

रुद्रा ने जोरबार की बात छेड़दी ही थी की तभी अचानक तलब के तरफ से कुछ पानी में गिरने की आवाज़ आती है और साथ में किसी के चिल्लाने की भी

बचऊऊऊ बचाओ मेरी मदद करो

रुद्रा – जहाँ ये आवाज़ तो जोरबार की है लगता है जोरबार किसी खतरे में है

जहाँ – हाँ रुद्रा मुझे भी यही लगता है , चलो जल्दी से तलब के तरफ

ये कहते हुए रुद्रा और जहाँ दोनों तलब के तरफ दौड़ पड़ते हैं !
जिशवक़्त रुद्रा और जहाँ दोनों उन्न मॉन्स्टर फ्लवर’से से लध रहे थे ठीक उशिवक़्त जोरबार इसे बात से अंजान तलब के किनारे पे बैठ के झुक के तलब में से पानी पीरहा था और अपनी प्यास बुझा रहा था

जोरबार इसे बात से अंजान की आनेवाले पल में उसके साथ क्या होनेवाला है वो बससस्स तलब में पानी पीके अपनी प्यास बुझा रहा था की तभी अचानक तलब में कुछ हलचल होने लगी

तलब के अंदर से बहुत सारे बुलबुले अपने आप बाहर निकालने लगते हैं जिसे देख कर जोरबार पानी पीना बंद करदेता है और पीछे हॅट जाता है , जोरबार थोड़ा सा डरा हुआ था साथ में हैरान भी , जोरबार की आँखें तलब पे गाड़ी हुई थी जोरबार तलब में हुई हर एक हलचल को बड़ी ध्यान से देख रहा था

तलब के अंदर पानी के बुलबुले धीरे धीरे उबाल रहे थे और तरफ रहे थे और कुछ ही देर में वो सारे बुलबुले इकट्ठे होने लगते हैं और वो सारे पानी के बुलबुले इकट्ठे होकर एक बहुत बारे शरीर का रूप लेने लगते हैं , कुछ ही वक्त के अंदर वो सारे पानी के बुलबुले इकट्ठे होकर एक पानी के दानव के रूप में बदल जाते हैं

वो जल दानव बहुत बड़ा था वो जल दानव इतना बड़ा था की उसके सामने बारे से बड़ा पेड़ भी छोटा नज़र आए , उस जल दानव का शरीर पूरी तरह से पानी से बना हुआ था , वो जल दानव गुस्से में जोरबार की तरफ देखता है और गुर्रटे हुए कहता है

जल दानव – कौंन्ञणन् हो तुम बड़जात तुम्हारी इतनी हिम्मत के तुम अपने गंदे शरीर से मेरे साफ सूत्रे तलब को गंदे कार रहे हो , तुम्हारी हिम्मत केशे हुई यहाँ आने की बड़जात , तुमने यहाँ आकर और मेरे तलब को गंदा करके अपनी मौत को बुलाया है


जोरबार – में जादूगर जोरबार हूँ शैतानी दुनिया के मलिक सम्राट का ख़ास्साम ख़ास्स्स और वफादार साथी और शायद तुम भूल रहे हो बेवकूफ्फ जल दानव की डेत वाली के साथ साथ ये इल्लाका भी सम्राट का है और तुम उसके गुलाम हो इसे लिए अपना गुर्राना बंद काररो और मुझे झुक के सलाम करो बेवकूफ्फ

जल दानव – अच्छा तो तू ही है वो जादूगर जोरबार सम्राट का ख़ास्स्स साथी लेकिन जादूगर जोरबार तू खुद भूल रहा है की सम्राट अब नहीं रहा और में अब किशिका गुलाम नहीं हूँ और तूने मुझे गुलाम और बेवकूफ्फ कहकर अपनी मौत को और भी दर्दनाक बनडिया है

ये कहते हुए जल दानव फौरन अपना हाथ जोरबार के तरफ बढ़ता है , जल दानव का हाथ अपने आप देखते ही देखते लंबा होता जाता है और तेजिसे जोरबार के तरफ बढ़ने लगता है , जैसे ही जल दानव का हाथ जोरबार के करीब पहुँचता है जोरबार को पकड़ने के लिए जोरबार फौरन उस जगह से कुदड जाता है जिस से जोरबार उस जल दानव के हाथ में नहीं आता है

इसे से जल दानव और भी गुस्सा हो जाता है और अपने दोनों हाथों को जोरबार के तरफ बढ़ता है उसे पकड़ने के लिए लेकिन इसे बार भी जोरवार वहाँ से कुदड जाता है और जल दानव के हाथ में नहीं आता है

इसे से जल दानव पूरी तरह से गुस्से में पागल हो जाता है और वो चिल्लाता है , हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई , जल दानव अपनी सारी ताक़तों को इकट्ठा करता है और उस तलब के पनीओन से एक बहुत बड़ा सा घेरा बना लेता है जोरबार के चारों तरफ

जोरबार अब चारों तरफ से घिर चुका था अब उसे बाहर निकालने का कोई भी राष्टा नज़र नहीं आ रही था उसका दिमाग सुन्न पड़ चुका था उसे कुछ समझ में नहीं आ रही था की क्या करे और तो और अब तो जोरबार के पास उसका जादुई दंड भी नहीं था जिस से वो अपने आप को इसे जल दानव से बच्चा सके , और फिर तभी जल दानव अपने दोनों हाथों को जोरबार के तरफ बढ़ते हुए उसे बहुत ही आसानी से पकड़ लेता है

जल दानव अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए एक बहुत बड़ा सा पानी का गोला बनता और जोरबार को उसमें दलदेटा है , जोरबार उस गोले से बाहर निकालने की बहुत कोशिश करता है लेकिन वो कामयाब नहीं हो पता है , और उसके बाद जल दानव उस पानी के बारे से गोले को हवा में घूमने लगता है इसे से उसके अंदर कैद जोरबार को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और वो घुटन के मारे चिल्लाने लगता है

जोरबार – बचऊऊऊ बचाओ मेरी मदद करो , रुद्रा ,,,,,,, जहाँ मेरी मदद करो मुझे बचऊऊऊओ

इसे तरफ जब रुद्रा और जहाँ जोरबार की चीख सुनते हैं तो दोनों दौड़ पड़ते हैं तलब के तरफ , पर जेशे ही वो दोनों तलब के करीब पहुंकते हैं तो दोनों दंग रहजाते हैं जल दानव को देख
रुद्रा और जहाँ जब तलब के करीब पहुँचते हैं तो जल दानव को देख दंग रहजाते हैं , जल दानव ुषवक़्त जोरबार को पानी के गोले में कैद करले उसे घुमा रहा था इसे से जोरबार को बहुत तकलीफ हो रही थी और जोरबार को तकलीफ में देख जल दानव को बड़ा मजा आ रही था

रुद्रा – जहाँ ये क्या चीज़ है यार और जोरबार उस बारे से पानी के गोले में केशे पहुँच गया

जहाँ – रुद्रा लगता है ये कोई जल दानव है जिसने जोरबार को उस पानी के गोले में कैद कर लिया है

रुद्रा – फिर तो हमें जोरबार को जल्द से जल्द छुड़ाना होगा

जहाँ – सही कहा तुमने रुद्रा

और फिर जहाँ उस जल दानव को आवाज़ देती है

जहाँ – है जल दानव तुमने हमारे दोस्त को क्यों बंदी बनाया है अगर अपनी सलामती चाहते हो तो चुप चाप हमारे दोस्त को आज़ाद करदो बर्ना अच्छा नहीं होगा

जहाँ की आवाज़ सुन्न नेके बाद वो जल दानव जहाँ के तरफ गुस्से से देखने लगता है और फिर वो जल दानव गरजते हुए जहाँ से कहता है

जल दानव – कौन हो तुम और तुम्हारी ये हिम्मत मुझसे इतनी ऊंची आवाज़ में बात कार रहे हो

जहाँ – जिसे तुमने उस पानी के गोले में कैद किया है उसके दोस्त हैं हम और तुम्हारी भलाई इशहिमे है उसे तुम छोड़ दो नहीं तो

जल दानव – नहीं तो क्या , नहीं तो क्या कार लाओगी तुम , तुम दोनों को भी में तुम्हारे इस दोस्त की तरह तड़पा तड़पा के मारूँगा , हाहहाहा हाहहाहा

ये बोलते हुए वो जल दानव ज़ोर ज़ोर से हस्सने लगता है , उसके ठहाकों से पूरा जंगल गूँज उठता है

वो जल दानव जब हस्सने में ब्यासत था ठीक उसी वक्त जहाँ ने अपनी जादुई दंड को निकाला और जल दानव के हाथ के तरफ निशाना करके वार कर दिया इसे से जहाँ के जादुई दंड से एक तेज रोशनी निकलती है और सीधे जाकर उस बारे से पानी के गोले पे लगती है इसे से वो पानी का गोला फट जाता है और जोरबार उस में से आज़ाद होकर नीचे ज़मीन पे गिरजता है

जेशे ही जोरबार नीचे गिरता है रुद्रा फौरन भागके जाता है और जोरबार को संभालते हुए खड़ा करने लगता है और इधर पानी के गोले के फट जाने के वजह से जल दानव बहुत गुस्से में आ जाता है

जल दानव गुस्से में गुराटते हुए अपनी सभी शक्तियों को इकट्ठा करने लगता है और फिर वो अपने दोनों हाथों को काश के ऊपर की तरफ उठा देता है जिस से चारों तरफ एक मोटी से पानी का दीवार बनजता है और जहाँ , रुद्रा और जोरबार उस दीवार में फास्के रहजाते हैं

पानी से दीवार बनाने के बाद जल दानव पानी के बारे बारे गोले बनता है और उनको इन तीनों पे फेंक के हमला करने लगता है , रुद्रा जोरबार और जहाँ ये तीनों इधर उधर कूदके उन्न बारे बारे पानी के गोलों से अपने आप को बचाने लगते हैं , लेकिन ज्यादा देर तक बच नहीं पाते हैं

जोरबार और रुद्रा को एक एक पानी का गोला लग जाता है जिस से जोरबार और रुद्रा दोनों उस पानी के गोले में कैद होजते हैं और जब ये बात जहाँ देखती है तो वो समझ जाती है की कुछ भी करके उसे इन पानी के गोलों से बचना है और साथ में उस जल दानव पे हमला भी करना है

रुद्रा और जोरबार दोनों पानी के गोलों में कैद होचुके थे सिर्फ़ अकेली जहाँ ही बची हुई थी और इसलिए जल दानव अपना हमला और तेज करचूका था , जल दानव और तेजिसे बारे बारे पानी के गोले फेंक रहा था जहाँ के ऊपर

जहाँ इधर उधर कूदके अपने आप को उन्न पानी के गोलों से बच्चा रही थी और फिर जहाँ को एक मौका मिला , जब जल दानव कुछ सेकेंड्स के लिए रुकता है अपनी खत्म हो रही ताक़तों को फिरसे इकट्ठा करने के लिए तभी जहाँ समझ जाती है की यही सही मौका है हमला करने का और जहाँ अपने जादुई दंड को उठती है और जल दानव के तरफ करके वार करती है

इसे से जहाँ के जादुई दंड से बर्फ़िल्ला धुआँ निकालने लगता है और वो बर्फ़िल्ला धुआँ सीधे जाकर जल दानव के शरीर से टकराती है और जल दानव के शरीर के ऊपर बर्फ की परत चढ़ने लगती है और देखते ही देखते उस जल दानव का शरीर बर्फ में जम्म जाता है

जल दानव के बर्फ में जम जाने से जहाँ के चेहरे पे हल्की से मुस्कान आ जाती है और जहाँ चल देती है रुद्रा और जोरबार के तरफ , जहाँ कुछ ही वक्त के अंदर उन्न दोनों को उस पानी के गोले के कैद से आज़ाद करती है और उस पानी के दीवार को भी जहाँ अपने जादुई दंड के मदद से तोड़ देती है

रुद्रा – चलो अच्छा हुआ साला ये जल दानव जम्म गया बर्ना साला हमें पानी के अंदर जमा देता

जहाँ – चलो चलते है यहाँ से

जहाँ ने ये बात कहा ही था की तभी जल दानव के शरीर के ऊपर चढ़ा बर्फ की परत धीरे धीरे टूटने लगती है और कुछ ही वक्त के अंदर जल दानव के शरीर से सारे के सारे बर्फ के परत टूट के बिखर जाते हैं

जल दानव बर्फ की कैद से आज़ाद हो जाता है और गुस्से से इन तीनों के तरफ देख के गुर्राने लगता है

रुद्रा – जहाँ ये क्या , ये तो आसानी से आज़ाद हो गया , अब हम क्या करे , जहाँ जल्दी कुछ करो नहीं तो ये साला जल दानव हमारे साथ बहुत कुछ करेगा

जोरबार – जहाँ इस बार जल दानव के जड़ों पे बर्फीला हमला करो
Excellent update bro
 

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जहाँ – जल दानव के जड़ें मतलब क्या है तुम्हारा जोरबार

जोरबार – जेशे पेड़ों की जड़ों पर हमला करने से पेड़ मर जाते हैं ठीक उसी तरह जल दानव के जड़ों पे हमला करो जहाँ से उसे ताक़त मिलती है यानि की इसे तलब को बर्फ में जमदो जल दानव भी हमेशा के लिए जम्म जाएगा

जल दानव गुस्से से जेशे ही इन तीनों के ऊपर हमला करने को होता है ठीक उशिवक़्त जहाँ तेजिसे अपने जादुई दंड से जल दानव के ऊपर फिरसे वार करने लगती है , जहाँ के जादुई दंड से फिरसे बर्फिल्ली धुआँ निकालने लगती है जो सीधे जाकर उस जल दानव के शरीर से टकराने लगती है और उसे बर्फ में जंमाने लगती है और उस जल दानव को बर्फ में जमाने के बाद जहाँ अपने जादुई दंड को उस तलब के तरफ भी मोड़ देती है जिस से कुछ ही देर में वो तलब भी बर्फ में जम्म जाता है

जोरबार – जहाँ अब देखना ये जल दानव हमेशा हमेशा के लिए यहाँ कैद हो गया ये अब कभी भी आज़ाद नहीं हो पाएगा

रुद्रा – जोरबार तुम कनफॉर्म तो हो ना , क्योंकि अगर ये इसे बार भी आज़ाद हो गया तो साला हमें बहुत मरेगा और वो भी ठंडे ठंडे पानी से

जहाँ – तुम चुप करो रुद्रा , इसे तरह की मनहुष् बातें मात किया करो कितने मुश्किल से उस जल दानव को कैद किया है

जहाँ ने इतना कहा ही था की उस तलब में और जल दानव के शरीर में क्रॅक पड़ने लगते हैं , तलब और जल दानव के ऊपर चड्डी हुई मोटी बर्फ़फ़ की परत धीरे धीरे टूठत्ने लगती है , जहाँ और रुद्रा जब ये नज़ारा देखते हैं तो दोनों गुस्से से जोरबार की तरफ देखने लगते हैं

रुद्रा – क्यों मियाँ जोरबार अभी तो आप बड़ी बड़ी हांक रहे थे की ये जल दानव हमेशा हमेशा के लिए कैद हो गया है तो ये क्या है जनाब

जोरबार – लगता है मेरा अंदाज़ा गलत निकला कुछ और सोचना पड़ेगा इसे जल दानव को हराने के वेस्ट

जहाँ – तुम दोनों अपनी अपनी बकवास बंद करो , हमें यहाँ से जल्द से जल्द भागना पड़ेगा क्योंकि वेशे भी अग्नि के जान को बचाने के लिए हमारे पास बहुत कम वक्त रही गया है अगर हम यहाँ इसे जल दानव के साथ लड़ने में लगे रहे तो हम सही वक्त पे काले पहाड़ी पे नहीं पहुँच पाएँगे इसलिए जीतने तेजिसे बिना रुके भाग सकते हो भागो

जल दानव धीरे धीरे आज़ाद हो रहा था और जहाँ ने सच ही कहा था की इसे जल दानव को हराने में काफी वक्त लगेगा जो ईश्वक़्त उनके पास नहीं था , उन्हें जल्द से जल्द काली पहाड़ी पे पहुँच ना था तकिी वो उस ब्लैक रोज़ को हासिल कार सके , इसे लिए इन तीनों का यहाँ से ईश्वक़्त भागने में ही अचाई थी

इसलिए तीनों , जोरबार रुद्रा और जहाँ तीनों जीतने तेजिसे भाग सकते थे भागने लगे , जल दानव को उसी हालत में छोड़ ये तीनों उस जगह से भागने लगे , तीनों भागते रहे और भागते रहे सबसे आगे जोरबार था क्योंकि आगे का राष्टा उसे ही मालूम जो था , कई घंटों तक और कई मीलों तक तीनों भागते रहे और फिर अचानक जोरबार किसी से जा टकराता है

जोरबार आगे आगे भाग रहा था और ठीक उसके पीछे पीछे रुद्रा और जहाँ थे जब जोरबार किसी से टकराता है तो रुद्रा जाकर जोरबार से टकराता है और जहाँ रुद्रा से इसे से तीनों जोरबार रुद्रा और जहाँ ज़मीन पे गिरजते है

और फिर तीनों अपने अपने सर को सहलाते हुए उठने लगते हैं और फिर तीनों जोरबार जिस से टकराया था उसे देखने लगते हैं , जेशे ही इन तीनों की नज़र उसपर पड़ती है जिस से जोरबार टकराया था , इन तीनों की हालत पतली होजती है और गला सुख जाता है

जोरबार एक प्राण भक्षी से टकराया था और उस प्राण भक्षी के पीछे पूरी प्राण भक्ष्िोन की फौज थी जो ईश्वत इन तीनों को चारों तरफ से घेरे खड़ी थी , सभी प्राण भक्ष्िोन के मुंह से ईश्वक़्त लार टपक रहे थे और सभी प्राण भक्षियाँ इन तीनों को घेरे खड़े थे अपना खाना बनाने के इरादे से
प्राण भक्ष्िोन को देख जहाँ रुद्रा और जोरबार तीनों के होश लगभग उड़ ही चुके थे तीनों की पीठ एक दूसरे से चिपक चुकी थी और उन्न तीनों को चारों तरफ से प्राण भक्ष्िोन की फौज घेरे खड़ी थी

रुद्रा – आबे जोरबार ये तूने अब किस मुस्सिबत में फँसा दिया यार , ये साले भद्दे और बदबूदार जीभ क्या चीज़ हैं भी और ये सब हमें इसे क्यों देख रहे हैं

जोरबार – ये सब प्राण भक्षी हैं और लगता है ये हमें खाना चाहते हैं

रुद्रा – क्य्ाआअ , ये साले हमें अपना खाना बनाना चाहते हैं , तो इसलिए इन सालों के मुंह से लार टपक रही है

ये तीनों बात कार ही रहे थे की तभी प्राण भक्ष्िोन की फौज धीरे धीरे इन तीनों के और नज़दीक आने लगते हैं और जेशे ही प्राण भक्ष्िोन की फौज इन तीनों पर हमला करने लगती है तभी हवाओं में एक आवाज़ गूँजती है , और वो आवाज़ थी सम्राट के अक्ष की

सम्राट का अक्ष – रूकको,,,,,,,,,,,,,,, उनन्ं को छूना भी मात,,,,,,,,,,,,,,,,,,

इसे आवाज़ के गूंजते ही सारे के सारे प्राण भक्षी रुक्क जाते हैं , कोई भी इन तीनों पे हमला नहीं करता है , जोरबार जहाँ और रुद्रा ये तीनों उस आवाज़ के तरफ देखने लगते हैं जो की काले पहाड़ी के ऊपर से आया था

जोरबार दूर से ही सम्राट के अक्ष को देख के समझ जाता है की वो सम्राट का अक्ष है इसलिए जोरबार वहीं से झुक के सम्राट के अक्ष को सलाम करता है , और जब रुद्रा और जहाँ दोनों ये देखते हैं तो जोरबार से पूछते हैं

रुद्रा & जहाँ – जोरबार ये क्या तुम झुक के किसे सलाम कार रहे हो

जोरबार – में अंधेरी दुनिया के मलिक को सलाम कार रहा हूँ यानि की सम्राट के अक्ष को

रुद्रा – पर जोरबार तुमने तो कहा था की सम्राट के अक्ष को कैद कर लिया गया था तो फिर वो आज़ाद केशे हो गया

जोरबार – वो तो मुझे भी पता नहीं रुद्रा , इसे सवाल का जवाब हमें सम्राट का अक्ष ही दे सकता है इसलिए हमें उस काले पहाड़ी पे जाना पड़ेगा

और फिर ये तीनों उस काले पहाड़ी के ऊपर चढ़ने लगते हैं और वो तीनों कुछ घंटों में उस पहाड़ी के छोटी पे पहुँच ही जाते हैं , जब तीनों उस काले पहाड़ी के छोटी पे पहुंकते हैं तब वो देखते हैं की उनके सामने बुराई और अंधेरी दुनिया का मलिक सम्राट का अक्ष खड़ा है , जोरबार फिरसे झुक के सम्राट के अक्ष को सलाम करता है

जोरबार – है अंधेरी दुनिया के मलिक मेरे सलाम को कबूल कार , मेरे मलिक आप को तो कैद कर लिया गया था , आप को उस कैद में से किशणे छुड़ाया

सम्राट का अक्ष – मुझे उस कैद से छुड़ाने में कहीं ना कहीं हाथ अग्नि का है और फिर जोरबार अपने आज़ादी की कहानी उन्न तीनों को बताता है की केशे डर्कलॉर्ड को जो उसने अपनी शक्तियाँ डिति वो उसके मरने के बाद उसके पास लौट आई और वो आज़ाद हो गया

जोरबार – अच्छा तो आप इसे आज़ाद हुए पर अफ़सोस मलिक आप तो आज़ाद हो गये लेकिन उस हाधसे उस जंग में अग्नि बुरी तरह से घायल होचुका है और ईश्वक़्त मौत और जिंदगी में झूल रहा है और हमारे पास वक्त बहुत कॅम है

सम्राट का अक्ष – नहिंन्नणणन् शा नहीं होसकता है अग्नि नहीं मर सकता है , में अग्नि को कुछ भी होने नहीं दूँगा

जोरबार – मुझे माफ करना मेरे मलिक पर अग्नि को बचाने में आप की भी ताक़तें काम नहीं आएँगी , ईश्वक़्त अग्नि को सिर्फ़ डार्क रोज़ फ्लवर ही बच्चा शक्ति है और हम उस फ्लवर को ढूंढ़ने के लिए यहाँ आए हुए हैं

सम्राट का अक्ष – पर जोरबार तुम तो जानते हो की डार्क रोज़ फ्लवर को सिर्फ़ एक इंसान ही हासिल कार सकता है जो इंसानी दुनिया से हो जिसके पास कोई भी जादुई ताक़त ना हो


जोरबार – हाँ मेरे मलिक में जनता हूँ और इसलिए तो मेरे साथ अग्नि का दोस्त रुद्रा है और ये रुद्रा एक मामूली इंसान है इसके पास कोई भी जादुई ताक़त नहीं है लेकिन इसके पास हिम्मत की काम्मी नहीं है और साथ में इसके इरादे भी बहुत मजबूत हैं

सम्राट का अक्ष – वो तो इसे मामूली इंसान को देख के ही पत्ता चल गया है क्योंकि इसे खून्नी जंगल को पार करके यहाँ इसे काले पहाड़ी तक आना इतना आसान काम नहीं था फिर भी इसने उस काम को कार दिखाया इसे से ये साबित होता है ये इंसान कोई मामूली इंसान नहीं है जरूर इसमें कुछ खास बात होगी , लेकिन जोरबार तुम्हारे साथ ये चुड़ैल क्या कार रही है

सम्राट जहाँ को देखते ही समझ जाता है की वो एक चुड़ैल है और ये बात की वो इनके साथ क्या कार रही है जोरबार से पूछ ही लेता है

जहाँ – में यहाँ इन की मदद करने आई हूँ अगर में यहाँ ना आती तो ये दोनों कब्के मर चुके होते

जोरबार – हाँ मलिक ये सच कह रही है , उसके बाद जोरबार इसे खून्नी जंगल के सफ़र के बारे में सारी बातें सम्राट को बता देता है

सम्राट का अक्ष – वो तो में समझ गया लेकिन में ये जान ना चाहता हूँ की चुड़ेलें कब से इतने दरिया दिल हो गयी हैं की वो किसी की मदद करे और वो भी बिना मतलब के , सम्राट अपना सवाल जहाँ की और देख के पूछ ही लेता है

जहाँ – में कोई बिना मतलब के मदद नहीं कार रही हूँ , में और अग्नि एक दूसरे से प्यार करते हैं और वो भी तबसे जब अग्नि और में हम दोनों मामूली इंसान थे और इसे मायवी दुनिया के बारे में कुछ जानते भी नहीं थे तबसे हम दोनों एक दूसरे पे जान छिड़कते थे और में अपने अग्नि को इसे तरह इसे हालत में नहीं देख शक्ति हूँ

सम्राट का अक्ष – अच्छा तो ये बात है , तो तुम अपने दिल के हाथों मजबूर हो चलो अच्छा लगा ये बात सुनकर

जोरबार – मलिक हमारे पास वक्त बहुत कम है हमें जल्द से जल्द उस डार्क रोज़ को हासिल करना होगा नहीं तो हम अग्नि को बच्चा नहीं पाएँगे

सम्राट का अक्ष – तुम्हें वो डार्क रोज़ उस तिल्लइसमी गुफा के अंदर मिलेगा वहीं से शुरू होता है उस डार्क रोज़ को हासिल करने का सफ़र , अब तुम लोग जाओ और उस फ्लवर को हासिल करो और अग्नि को बचलो लेकिन होशियार रहना क्योंकि उस डार्क रोज़ को हासिल करना इतना भी आसान नहीं

और उसके बाद सम्राट अपनी शक्तियों से कुछ शक्तियाँ जोरबार को देता है साथ में एक जादुई दंड भी और फिर सम्राट एक गुफा के तरफ इशारा करदेता है और फिर ये तीनों जोरबार रुद्रा और जहाँ चल देते हैं उस गुफा के तरफ उस डार्क रोज़ को हासिल करने के लिए
रुद्रा जहाँ और जोरबार ये तीनों उस तिल्लइसमी गुफा में दाखिल होचुके थे और पूरी सतर्कता के साथ धीरे धीरे आगे तरफ रहे थे , उस गुफा के अंदर चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा था इसे लिए जोरबार ने अपने जादुई दंड के मदद से जादुई दंड को एक मस्सल में बदल दिया था और जोरबार उस मस्सल को हाथ में पकड़े हुए आगे चल रहा था और रुद्रा और जहाँ उसके पीछे पीछे चल रहे थे

तीनों आगे बढ़ते ही जा रहे थे कुछ देर आगे चलने के बाद तीनों को सामने एक दरवाजा दिखाई देता है और तीनों उस दरवाजे के ठीक सामने रुक्क जाते हैं, लेकिन उस दरवाजे के उस तरफ से अजीब अजीब आवाजें आ रही थी

जहाँ – ये किस तरह की आवाजें हैं

रुद्रा – ये तो बहुत ही डरावनी आवाजें हैं

जोरबार – जो भी आगे तो बढ़ना ही पड़ेगा ना

और फिर जोरबार आगे बढ़ते हुए उस दरवाजे को आहिस्ते से खोलता है, और फिर ये तीनों उस कमरे में चुप के छुपे के झाँकने लगते हैं कहीं कोई खतरा तो नहीं है आगे

लेकिन जेशे ही तीनों उस कमरे में झांकते हैं तो दंग रहजाते हैं क्योंकि उस बारे से कमरे में एक बहुत बड़ा शेयर(लाइयन) था करीबन 20 फुट के हाइट वाला और उसके 3सर(3 हेड) थे और वो शेयर ईश्वक़्त सोया हुआ था और बारे जोरों से खरते मारे जा रही था और उसी शेयर की खरतों की आवाज़ उस कमरे के बाहर तक गूँज रही थी

रुद्रा – अरे ये तो बहुत बड़ा शेयर है और वो भी 3 सरों वाला अब हम आगे केशे बढ़ेंगे

जोरबार एक बार फिरसे अंदर झाँकने लगता है, जोरबार अपनी नज़र चारों तरफ उस कमरे में दौड़ता है और उसे आगे का राष्टा मिलजाता है और वो राष्टा उस 3 सरों वाले शेयर में पंजों के नीचे था, यानि की वो शेयर जहाँ पे सोया हुआ था ठीक उसके नीचे

जोरबार – राष्टा मीलगया, वो देखो उस शेयर के पंजे में नीचे है राष्टा, उस शेयर के पंजे के नीचे जो पठार है उसे थोड़ा सा सरकाना होगा तब जाकर हम आगे तरफ सकते हैं

रुद्रा – पर हम इसे शेयर का क्या करेंगे अगर वो उठ गया तो

जहाँ – जो होगा देखा जाएगा चलो दोस्तों आगे बढ़ते हैं

और फिर तीनों आहिस्ते आहिस्ते अपने कदम रखते हुए आगे बढ़ते हैं, तीनों उस शेयर के करीब पहुँच जाते हैं, और रुद्रा आहिस्ते आहिस्ते कुछ कहने लगता है

रुद्रा – दोस्तों उस पठार को अपने जगह से सरकने से पहले हमें इसे शेयर के पंजे को यहाँ से सरकाना होगा, और ये खतरनाक काम कौन करेगा

जोरबार – और कौन करेगा तुम करोगे

रुद्रा – तुम सबको और कोई नहीं मिलता क्या हमेशा मुझे आगे करदेटे हो जब भी कोई खतरा सामने देखते हो तो

जहाँ – रुद्रा हम तीनों मेशे सबसे बहादुर तुम ही तो हो इसलिए ये काम और कौन कर्षकता है तुम्हारे शिबे बोलो

रुद्रा – हाँ हाँ चढ़ाओ मुझे, किसी दिन तुम लोगों के चक्कर में में बिचारा मारा जाऊंगा

ये कहते हुए रुद्रा आगे बढ़ता है और झुक के उस शेयर के पंजे को हटाने लगता है, शेयर के पाँजा बहुत बड़ा था रुद्रा अपने दोनों हाथों से उसे पकड़कर उठाने की कोशिश करता है लेकिन रुद्रा की कोशिश नाकाम रहती है, शेयर के पंजे को सरकाना तो दूर की बात रुद्रा उसे हिला भी नहीं पता है

रुद्रा – आबे दोस्तों ये तो बहुत भारी है भी, इसे सरकाना तो दूर की बात में तो इसे हिला भी नहीं पाया, लगता है तुम सबको भी मेरी मदद करनी पड़ेगी

और उसके बाद जहाँ और जोरबार भी रुद्रा की मदद करने के लिए झुकते हैं और तीनों मिलकर उस शेयर के पंजे को हटाने में लगजते हैं, बहुत मेहनत के बाद आख़िरकार तीनों कामयाब होते हैं, तीनों बहुत मुश्किल से उस बारे से शेयर के पंजे को सरका ही देते हैं उसके बाद रुद्रा झुक के शेयर के पंजे के नीचे दबे उस पठार को भी अकेला सरका देता है

उस पठार का वहाँ से सरकने के बाद उनके एक सुरंग दिखाई देता है और यही सुरंग उनके आगे बढ़ने का आगे का राष्टा था

रुद्रा – लो दोस्तों आगे का राष्टा मीलगया है, लगता है हमें इसके अंदर कूदके जाना पड़ेगा पर में एक सवाल पूछना चाहता हूँ कहीं इसे सुरंग में कूदने के बाद हमें चोट तो नहीं लगेगी ना

जोरबार – वो तो हमें कूदने के बाद ही पता चलेगा

रुद्रा – अच्छा शा क्या तो फिर जोरबार उनकील पहले आप कूदो फिर में कुदूँगा

जोरबार – नहीं नहीं में पहले नहीं कुदूँगा मेरी उमर अब कूदने फुड़ने की नहीं है भाई इसलिए पहले आप ही कूदो या फिर जहाँ को कूदने के लिए कहो
Nice update bro
 

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जहाँ – क्य्ाआआअ, आप दोनों मर्द के होते हुए में इसे गहरे सुरंग में कुदूँगी क्या आप लोगों को शर्म नहीं आती

ये तीनों अपने अपने बीच में पहले कौन कुदेगा सुरंग में इसे बात को लेकर लधरहे थे की तभी अचानक रुद्रा के कंधे पे आकर कुछ गिरता है कुछ चिप छिपा सा

रुद्रा उस चिप छिपे से चीज़ को अपने हाथ में पकड़ता है

रुद्रा – च्ीईीईईईईईईई , ये तो किशिका लार लगता है जो मुंह से निकलता है, इसे से कितना बदबू आ रही है

जहाँ – इतने सारा लार मतलब की कहीं वो शेयर जगह तो नहीं गया

ये कहते हुए तीनों पीछे पलटके देखने लगते हैं तो पाते हैं की वो शेयर अब जगह चुका है और बड़ी ख़ूँख़ार निगाहों से इन सबको घूरे जा रही है

वाहह, वो शेयर अपनी पूरी ताक़त से दहाड़ मरता है इसे से वो पूरा कमरा हिल जाता है साथ में ये सब भी, उसके बाद वो 3 सार्वाला बड़ा सा शेयर तेजिसे इन तीनों के तरफ बढ़ता है इन्हें अपना खाना बनाने के वेस्ट लेकिन तभी जोरबार तेजिसे अपने जादुई दंड को निकलता है और कुछ मंत्र पढ़ता है जिस से जोरबार के जादुई दंड से कुछ नशीले धुआँ निकलता है और सीधे जाकर उस बारे 3 सार्वाले शेयर के नाक में घुस जाता है

उस नशीले ढुईं के नाक में घुसते ही उस शेयर को चक्कर आने लगता है और वो शेयर नीचे गिरने लगता है, वो शेयर बड़ी तेजिसे गिरने लगता है और वो इन सबके ऊपर ही गिरर रहा था

रुद्रा – आबे ये तो सीधे आकर हमारे ऊपर ही गिरेगा चलो जल्दी से सुरंग में कूदो नहीं तो हम इसे शेयर के नीचे दबा कर चटनी बंजएँगे भी

ये कहते हुए रुद्रा सबसे पहले उस सुरंग में कुदड जाता है और उसके पीछे पीछे जहाँ और जोरबार
अहह अहह अहह, रुद्रा जहाँ और जोरबार इसे तरह से चीखते हुए सुरंग से होते हुए ज़मीन पे आकर गिरते हैं, वो सुरंग ज्यादा बड़ी नहीं थी इसलिए इनको ज्यादा चोत्त नहीं लगती है

रुद्रा – मार्गया रे बाप रे मेरा तो कमर ही टूट गया लगता है

{रुद्रा ज़मीन से उठते हुए अपने पिछवाड़े को सहलाते हुए कहता है}

जहाँ – बंद करो नाटक रुद्रा सुरंग इतना भी बड़ा नहीं था जो चोत्त लगे

जोरबार – हाँ हाँ अब आगे बढ़ते हैं

और फिर तीनों आगे बढ़ने लगते हैं, आगे का राष्टा बिलकुल सीधा था तीनों बिना रुके आगे बढ़ते ही चले जा रहे थे और फिर कुछ देर चलने के बाद तीनों के सामने एक दरवाजा आता है

जहाँ – लगता है इसे दरवाजे के पीछे हमारा मंजिल है

रुद्रा – या फिर मज़िल के जगह पे आगे बढ़ने का राष्टा हो और कोई साथ में रक्षक भी हो जेशे पीछे वो तीन सार्वाला शेयर था

जोरबार – जहाँ हो सकता तुम्हारी बातें सच हो या फिर रुद्रा की बात भी सही हो सकती है, वो जो भी हो हमें आगे तो बढ़ना ही होगा

रुद्रा – हाँ जोरबार तुम सही कह रहे हो हमें आगे बढ़ना ही होगा

जहाँ – तो फिर इंतजार किस बात का चलो दरवाजा खोलो

और फिर जोरबार आगे बढ़ते हुए उस दरवाजे को खोलता है और जब दरवाजा खुलजाता है तो ये तीनों एक एक करके उस कमरे में घुस जाते हैं तीनों के अंदर घुसते ही वो दरवाजा अपने आप बंद हो जाता है

वो कमरा पूरी तरह से खाली था उस कमरे में कुछ भी नहीं था सिबाए एक पुराने पठार के मूर्ति के यहाँ तक की अब उस कमरे से बाहर निकालने का राष्टा भी कहीं भी नहीं दिख रहा था ये तीनों जिस दरवाजे से अंदर घुसे थे वो दरवाजा भी अब वहाँ से गएब होचुका था

रुद्रा – ये क्या हुआ जोरबार अब हम क्या करे लगता है हम यहाँ फ़ासस गये हैं और बाहर निकालने का या फिर आगे बढ़ने का कोई भी राष्टा नहीं दिख रहा है

जोरबार – कोई ना कोई तो राष्टा होगा ही यहाँ से निकालने के लिए बॅस हमें उस राषते को ढूंढ़ना बाकी है

जहाँ – हाँ जोरबार सही कहराहा है कहीं ना कहीं तो यहाँ से निकालने का राष्टा होगा ही, चलो वो राष्टा ढूंढ़ते हैं

कहीं भी कुछ भी ढूंढ़ने की जरूरत नहीं है

जब ये तीनों बाहर निकालने के लिए राष्टा ढूंदे लगते हैं तो ये आवाज़ उस कमरे में गूँज उठ थी है, जोरबार रुद्रा और जहाँ उस कमरे के चारों तरफ देखने लगते हैं ताकि ये जान सके की वो आवाज़ कहाँ से आई, लेकिन उन्हें कुछ भी पता नहीं चलता है

में इसे कमरे में मौजूद पठार का मूर्ति बोल रहा हूँ

ये आवाज़ उस कमरे में मौजूद उस पठार के मूर्ति की थी, ये तीनों उस मूर्ति के तरफ घूरते हुए देखने लगते हैं

पठार का मूर्ति – में इसे कमरे का रक्षक हूँ और में आगे के राषते का पहरेदार भी हूँ

जोरबार – अच्छा तो आप रक्षक हैं इसे कमरे का, दया करके हमें आगे बढ़ने का राष्टा बताइए मूर्ति महाशय

पठार का मूर्ति – अब तुम आगे नहीं तरफ सकते तुम्हारा सफ़र यहीं तक का था

जहाँ – क्या पर क्यों, हम आगे क्यों नहीं तरफ सकते हैं

पठार का मूर्ति – क्योंकि तुम एक चुड़ैल हो और तुम एक जादूगर और इसे डार्क रोज़ को हाशील करने के आगे के मुहिम में अब सिर्फ़ एक मामूली इंसान ही आगे तरफ सकता है जीशके पास नहीं कोई जादुई ताक़त हो और नहीं कोई दिव्या शक्ति, और तुम तीनों में सिर्फ़ एक ही मामूली इंसान है इसलिए आगे का सफ़र अब उसे ही तय करना होगा अगर फिर भी तुम दोनों इसके साथ आगे बढ़े तो तुम दोनों जल्के भसम होजाओगे

जहाँ – अब हम क्या करे जोरबार

जोरबार – मुझे भी कुछ समझ में नहीं आ रही है

रुद्रा – तुम दोनों को कुछ भी समझने की जरूरत नहीं है अब आगे जो करना होगा वो में करूँगा, अब आगे का सफ़र में अकेला ही तय करूँगा

जहाँ – पर रुद्रा आगे और भी बड़ी बड़ी खतरे होसकते हैं

रुद्रा – जो भी हो मुझे उनका सामना करना ही होगा अपने दोस्त अग्नि को बचाने के लिए में कुछ भी करूँगा, अगर अग्नि के जान को बचाने के चाह कर में मेरी जान भी चले जाए तो कोई गम नहीं है

जोरबार – हाँ जहाँ रुद्रा सही कह रहा है अब आगे का सफ़र उसे ही तय करना है अब अग्नि की जान रुद्रा के हवाले है अब रुद्रा को कुछ भी करके इसे मुहिम में कामयाब होना ही होगा

जहाँ – रुद्रा अब सबकुछ तुम पर है, रुद्रा मुझसे वादा करो तुम अग्नि के जान को जरूर बचाओगे

रुद्रा – में वादा करता हूँ जहाँ अग्नि के जान को में बचके ही रहूँगा

जोरबार – है पठार के मूरत हम तीनों ने तय कर लिया है, हम दोनों अब आगे नहीं बढ़ेंगे, अब आगे का सफ़र रुद्रा काएँ रखेगा, अब रुद्रा को आगे बढ़ने का राष्टा दो

पठार का मूर्ति – अच्छी बात है, अब रुद्रा को आगे बढ़के मेरे मुंह के अंदर हाथ डालना होगा और मेरे मुंह के अंदर एक छोटा सा पठार है उसे दबाना होगा

और फिर उसके बाद रुद्रा आगे बढ़ते हुए उस पठार के मूर्ति के पास जा पहुँचता है और कुछ देर उस मूर्ति को घूरने के बाद रुद्रा अपना हाथ उस मूर्ति के मुंह में दलदेटा है, उस पठार के मूर्ति के मुंह के अंदर हाथ डालने के बाद रुद्रा अपने हाथ को उसके मुंह के अंदर घूमने लगता है और फिर रुद्रा का हाथ एक छोटे से पठार से जा टकराता है और रुद्रा उस छोटे से पठार को दबा देता है

जब रुद्रा उस छोटे से पठार को दबाता है तब वो कमरा बारे जोरों से हिलने लगता है जेशे कोई भूकंप सा आ रही हो, रुद्रा जहाँ और जोरबार तीनों पीछे हॅट जाते हैं और पीछे के दीवार से जा चिपकते हैं
उस कमरे के नीचे के ज़मीन को चीरते हुए दो दरवाजे सामने आ हैं जिसे जहाँ,जोरबार और रुद्रा बारे गौर से देखने लगते हैं, जब वो दोनों दरवाजे नीचे ज़मीन से निकलते हैं तो उसके बाद उस कमरे में आया हुआ भूकंप अपने आप रुक्क जाता है

जोरबार – ये दोनों दरवाजे किस लिए हैं मूर्ति महासे

पठार का मूर्ति – ये जो दो दरवाजे आप देख रहे हैं इनमें से एक दरवाजा आप दोनों को इसे कमरे और इसे गुफा से बाहर लेजाएगा और दूसरा दरवाजा रुद्रा के लिए है, उस दूसरे दरवाजे को पार करते ही रुद्रा अपने मंजिल के और करीब पहुँच जाएगा, अब आप दोनों इसे पहले कमरे से होते हुए बाहर चले जाए

जोरबार – रुद्रा अब हमारे बिछुड़ने का वक्त आ गया है अब सबकुछ तुमपर है


जहाँ – हाँ रुद्रा अब सबकुछ तुमपर है, अब अग्नि की जान बचाने की सारे दारोमदार तुमपर है तुम्हें किसी भी कीमत पे कामयाब होना होगा

रुद्रा – तुम फिक्र मत करो जहाँ अग्नि मेरा सबसे अच्छा दोस्त है उसके लिए में अपनी जान की बाज़ी लगा दूँगा पर उसे कुछ भी होने नहीं दूँगा

जोरबार – रुद्रा एक बात का ध्यान रखना हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं है इसलिए जितनी जल्दी होसके उस डार्क रोज़ को हाशील करने की कोशिश करना

रुद्रा – ठीक है जोरबार

और फिर उसके बाद जोरबार और जहाँ दोनों उस पहले दरवाजे को खोल के उसके अंदर घुस जाते हैं और जब जोरबार और जहाँ उस दरवाजे के दूसरे तरफ पहुंकते हैं तो दोनों अपने आप को उस गुफा के बाहर पत्ते हैं और उनसे कुछ दूरी पर सम्राट खड़ा था, यानि की जहाँ से इन्होंने सफ़र शुरू किया था ये दोनों फिरसे वहीं अपहुँचे थे

सम्राट इन दोनों को देख इनके तरफ बढ़ता है और पूछता है की तुम दोनों इतने जल्दी केशे लौट आए तब जोरबार सम्राट को सारी बातें बताता है और इधर रुद्रा उस कमरे के अंदर उस दूसरे दरवाजे के तरफ बधरहा था

रुद्रा आहिस्ते आहिस्ते उस दूसरे दरवाजे के तरफ बढ़ता ही जा रही था और फिर रुद्रा उस दरवाजे के दूसरे तरफ चला जाता है, दरवाजे के दूसरे तरफ एक बड़ा और लंबा पूल(ब्रिड्ज) था, रुद्रा उस पूल पे खड़े दूसरे तरफ देखने लगता है तो उसे पूल के दूसरे तरफ एक बड़ा सा कमरा दिखाई देने लगता है

रुद्रा – वो कमरा तो बहुत बड़ा है, लगता है उस कमरे के अंदर ही मुझे वो डार्क रोज़ मिलेगा तब तो मुझे जल्द से जल्द इसे पूल को पार करना पड़ेगा ताकि में जल्दी से उस कमरे तक पहुँच सकूँ और उस डार्क रोज़ को हाशील कार सकूँ

उसके बाद रुद्रा तेजिसे उस पूल के ऊपर चलने लगता है और आगे बढ़ने लगता है, रुद्रा तेजिसे चलते हुए उस बारे से पूल को पार करने लगता है कुछ ही मिनट में रुद्रा उस पूल के आखिरी चोर तक पहुँच जाता है लेकिन जेशे ही रुद्रा उस पूल के आखिरी चोर तक पहुँचता है उसके पर अपने आप रुक्क जाते हैं

जब रुद्रा उस पूल के आखिरी चोर तक पहुँचता है तो देखता है की पूल के आगे का राष्टा टूटता हुआ है और नीचे एक बहुत बड़ी अंधेरी खाई है, रुद्रा के आगे बढ़ते कदम अब थाम चुके थे और रुद्रा को कुछ भी समझ में नहीं आ रही था की क्या करे

पूल के दूसरे तरफ वो बड़ा सा कमरा था जिसके अंदर वो डार्क रोज़ होसकता था लेकिन उस कमरे के इतने करीब पहुँच के भी रुद्रा अब आगे नहीं तरफ परहा था इसकी वजह वो टूटता हुआ पूल था

रुद्रा – अब क्या करूँ ये पूल तो टूटता हुआ है अब आगे केशे बढ़ुन, और कोई दूसरा राष्टा भी नज़र नहीं आ रही है उस कमरे तक पहुँचने के लिए

रुद्रा कुछ देर तक वहीं खड़े होकर सोचता रहता है की क्या करे लेकिन उसे कुछ भी समझ में नहीं आता है और वो चिढ़ते हुए अपने आप से कहता है

रुद्रा – बसस्स्स्स्स्स्स्सस्स बहुत हो गया अब जो होगा देखा जाएगा, मुझे आगे बढ़ना ही होगा मेरे पास अब ज्यादा वक्त नहीं है, में जनता हूँ अगर में पूल से नीचे गिरा तब उस खाई में गिरने से मेरी मौत तय है लेकिन फिर भी मुझे आगे बढ़ना ही होगा, अग्नि के लिए मुझे आगे बढ़ना ही होगा

ये बोलते हुए रुद्रा अपने आप को तैयार करता है और अपनी आँखें बंद करके अपनी मां अपने बाबा और सुनहेरी को याद कर लेता है उनके चेहरों को याद करके उनसे माफी माँगता है और फिर अपनी आँखों को खोल के आगे बढ़ने लगता है

रुद्रा अपना पहला कदम डरते हुए उठता है और उस टूटते हुए पूल के तरफ बढ़ा देता है, रुद्रा धीरे धीरे अपना कदम उस टूटते हुए पूल या ये भी कह सकते हो की उस खाई के ऊपर में रखता है, जेशे ही रुद्रा अपना कदम उस खाई के ऊपर में रखता है तो चौक्क जाता है

रुद्रा पूरी तरह से आश्चर्य चकित होकर कभी नीचे खाई के तरफ देखता तो कभी अपने एक पर को सुनया में रखा हुआ देखता है, रुद्रा ने सोचा था की जब वो अपना पहला कदम उस टूटते हुए पूल के ऊपर रखेगा तब वो नीचे उस खाई में गिरके मारजाएगा लेकिन शा कुछ भी नहीं हुआ

रुद्रा अपना दूसरा पर भी आगे बढ़ा देता है और अब रुद्रा पूरी तरह से सुनया में खड़ा था ना तो उसके पैरों के नीचे कोई ज़मीन थी और नहीं वो नीचे उस खाई में गिरर रहा था, रुद्रा अब समझ चुका था की ये पूल का टूटता हुआ राष्टा नहीं बल्कि एक अड्रिस्या राष्टा है और वो ईश्वक़्त उस अड्रिस्या राषते पे ही खड़ा है

और फिर रुद्रा धीरे धीरे अपने कदम उस अड्रिस्या राषते पे बढ़ने लगता है, रुद्रा संभालते संभालते और आहिस्ते आहिस्ते उस अड्रिस्या राषते पे चलते हुए पूल के दूसरे तरफ उस बारे से कमरे तक पहुँच जाता है, और उस बारे से कमरे में घुस जाता है
रुद्रा अपने हाथ में मसाल लिए उस गुफा के बारे से कमरे के अंदर घुस चुका था और ईश्वक़्त आहिस्ते आहिस्ते आगे तरफ रहा था, उस कमरे के अंदर बहुत घना अंधेरा था लेकिन रुद्रा के हाथों में मसाल था इसलिए रुद्रा को आगे बढ़ने का राष्टा अच्छे से दिखाई दहाड़ा था

उस कमरे के चारों तरफ एक अजीब से बदबू पहली हुई थी और तो और उस कमरे के चारों तरफ इंसानों के शरीर के हद पिंजर(स्केलिटन) पड़े हुए थे सिर्फ़ इतना ही नहीं उस कमरे के अंदर ज़मीन पे साप और बिछु भी जगह जगह पे चल रहे थे

रुद्रा आहिस्ते आहिस्ते और संभालते संभालते उस कमरे में हाथ में मसाल लिए आगे तरफ रहा था, रुद्रा थोड़ा सा डरा हुआ था, रुद्रा उस कमरे के अंदर आगे बढ़ता ही जा रही था की तभी अचानक कहीं से कोई आवाज़ आती है

कौन हो तूमम्म्मममम और यहाँ क्या कार रहे हो

रुद्रा ये आवाज़ सुनकर थोड़ा सा डर जाता है और हड़बड़ाकर इधर उधर देखने लगता है

रुद्रा – कौन हो तुम, तुम जो भी हो अगर तुम में हिम्मत है तो सामने आओ

और फिर अचानक उस कमरे के किसी अंधेरे कोने से कुछ नुकीले पठार तेजिसे रुद्रा के तरफ उड़ते हुए आ हैं, लेकिन इसे से पहले की वो पठार रुद्रा को लगते रुद्रा को वो पठार दिख जाते हैं और रुद्रा उस जगह से कूदके अपने आप को बच्चा लेता है

और फिर रुद्रा अपने एक हाथ में तलवार और दूसरे में मसाल लिए चारों तरफ घूम घूम के देखने लगता है, रुद्रा चारों तरफ अपना नज़र दौड़ा ही रहा था की तभी अचानक कहीं से एक बहुत बड़ा और तगड़ा शक्ष रुद्रा के सामने आ जाता है इसे से रुद्रा डार्क कुछ कदम पीछे हॅट जाता है

और फिर रुद्रा अपने डर के ऊपर काबू करते हुए उस बारे से शक्ष के ऊपर अपने तलवार को तंन देता है, लेकिन वो शक्ष अपने चेहरे पे मुश्कं लिए रुद्रा के तरफ बढ़ता है और रुद्रा के तलवार को अपने उंगली से हल्के हल्के से मरने लगता है इसे से कुछ ही सेकेंड्स के अंदर रुद्रा का तलवार पूरी तरह से गरम हो जाता है, रुद्रा का तलवार इतना गरम हो जाता है की रुद्रा उसे संभाल नहीं पता है और वो तलवार रुद्रा के हाथों से चुत के नीचे ज़मीन पे गिरजता है

अब वो शक्ष रुद्रा को खजनेवाले नजरों से देखने लगता है उसके आँखों में गुस्सा और नफरत साफ साफ देखा जासकता था

वो शक्ष – कमाल है आज तक मेरा जीतने भी इंसानों से सामना हुआ है उनमें से तुम सबसे अलग हो, इसे से पहले जीतने भी इंसान यहाँ तक पहुँचे मुझे देखते ही वो सब डार्क मारे इधर उधर भागने लगते थे लेकिन तुम उनमें से सबसे अलग हो तुम्हारी आँखों में डर नाम का कोई चीज़ ही नहीं है

रुद्रा – कौन हैं आप?

अचानक ही वो शक्ष रुद्रा के गर्दन को पकड़ता है और तेजिसे से लेजा कर एक दीवार से चिपका के ऊपर उठा देता है इसे से रुद्रा उस दीवार से चिपका हुआ चाट पटाने लगता है और फिर वो शक्ष कहता है
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FINAL UPDATE


वो शक्ष – में वो हूँ जो तुम्हारा आखिरी इम्तहान लेगा अगर तुम उसमें नाकाम हुए तो में तुम्हें कच्छा खजौंगा, जिस तरह से मैंने इन सभी को खाया था (वो शक्ष नीचे ज़मीन पे पड़े उन्न हद पिंजर के तरफ इशारा करते हुए रुद्रा से कहता है), और मेरा नाम काल है और में इसे डार्क रोज़ का रक्षक हूँ

और फिर वो शक्ष जिसका नाम काल था वो रुद्रा के गर्दन को छोड़ देता है और रुद्रा नीचे गिरजता है, रुद्रा नीचे ज़मीन से उठ था है

काल – तुम इसे डार्क रोज़ को क्यों हासिल करना चाहते हो

रुद्रा – में इसे डार्क रोज़ को अपने दोस्त अग्नि के लिए हाशील करना चाहता हूँ, वो ईश्वक़्त मौत के कगार पे है और में उसे किसी भी हालत में बचना चाहता हूँ और फिर रुद्रा काल को अग्नि के बारे में सब कुछ बता देता है

काल – मक्षद तो तुम्हारा अच्छा है लेकिन डार्क रोज़ हाशील करना इतना भी आसान नहीं है बचे

रुद्रा – डार्क रोज़ को हाशील करने में जीतने भी परेशानी क्यों ना आए में उसे हाशील करके ही रहूँगा

काल – लगता है तुम में बहुत हिम्मत है चलो आजमा लेते हैं तुम्हारे हिम्मत को

ये कहते हुए काल अपने एक हाथ को उस कमरे के एक कोने के तरफ करता है तो उस पूरे कमरे में बहुत सारे मसले जलने लगती हैं और फिर उस कमरे के एक कोने में एक छोटा सा पौधा दिखाई देता है जीशमे एक फूल उगा हुआ था और वो फूल डार्क रोज़ था

काल – अब यहाँ क्यों खड़े हो तुम जाओ आगे बढ़ो और हाशील कर लो डार्क रोज़ को

ये सुनकर रुद्रा का चेहरा खिल उठ था है और वो अपने चेहरे पे मुश्कं लिए आगे बढ़ता है लेकिन जेशे रुद्रा डार्क रोज़ के तरफ बढ़ने लगता है तभी फौरन डार्क रोज़ के चारों तरफ आग(फायर) का सुरक्षा कवच बनजता है

आग के सुरक्षा कवच को देख रुद्रा के बढ़ते कदम अपने आप रुक्क जाते हैं और वो पीछे पलट के काल के तरफ देखने लगता है

काल – तुम्हें क्या लगा था बचे तुम आसानी से चलते हुए जाओगे और डार्क रोज़ को हाशील कार्लोगे और वो भी बिना कोई इम्तहान दिए, हाहहहा हाहहाहा

रुद्रा – तो में डार्क रोज़ को हाशील केशे करूँगा

काल – वो तुम जानो की तुम किस तरह डार्क रोज़ को हाशील करोगे पर जो भी करना जल्दी करना क्योंकि अब डार्क रोज़ का सुरक्षा कवच आक्टीवेट होचुका है और हरर बिट्ट ते हुए वक्त के साथ सुरक्षा कवच का दयरा यानि की उस आग के घेरे का दयरा बढ़ता ही जाएगा और कुछ ही मिनिट्स में पूरे कमरे में फेल जाएगा
रुद्रा को कुछ भी समझ में नहीं आ रही था की वो केशे उस आग के दएरे को पार करे उसे ईश्वक़्त जोरबार और जहाँ की बहुत याद आ रही थी

रुद्रा – काश ईश्वक़्त यहाँ पे मेरे साथ जोरबार और जहाँ होते तो इसे आग के दएरे को में आसानी से पार कर लेता, खैर चोदा अब इन बातों को सोचने से क्या फायदा मुझे अपने आप ही कुछ करना होगा और वो भी जल्दी से, रुद्रा ये सब अपने मन में ही खुदको कहराहा था

इधर रुद्रा सोच रहा था की क्या करे और उधर वो आग का दयरा धीरे धीरे तरफ रहा था और धीरे धीरे उस कमरे में फेलने लगा था और उस आग के दएरे को यूँ इतने तेजिसे फैलता हुआ देख रुद्रा फैसला लेता है की चाहे जो हो वो बिना किसी मदद और कवच के उस आग के दएरे में घुसेगा चाहे इसका अंजाम उसकी मौत ही क्यों ना हो

और फिर रुद्रा धीरे धीरे उस तरफ रहे आग के दएरे के तरफ बढ़ने लगता है, रुद्रा हिम्मत करके आगे तो तरफ रहा था लेकिन उसका दिल बहुत जोरों से धड़क रहा था

और उसी धड़कते हुए दिल के साथ रुद्रा उस आग के दएरे के सामने जा पहुँचता है और देखते ही देखते उस आग के दएरे के अंदर दाखिल हो जाता है, जब रुद्रा उस आग के दएरे में घुशता है तभी फौरन रुद्रा के शरीर में आग लगज़ाती है और देखते ही देखते वो आग रुद्रा के पूरे शरीर में फेलजाति है इसे से रुद्रा के मुंह से दर्दभरी दिल को दहला देनेवाली चिल्लाने की आवाज़ निकल पड़ती है

आहह आहह आअहह आआहह

अहह आहह आअहह आआहह

रुद्रा के पूरे शरीर पे अब आग लग चुकी थी और उसका पूरा शरीर किसी सुखी लकड़ी की तरह आग में जल रहा था और रुद्रा दर्द के मारे चिल्लाए जा रही था और इधर काल उस कमरे के एक कोने में खड़ा रुद्रा की इसे हालत को देख बारे जोरों से हंस रहा था

काल – बहुत बड़ी बड़ी बातें करता था अब पता चल रहा होगा बातें करने और काम करने में बहुत फर्क होता है अब उसे पत्ता चलेगा डार्क रोज़ को हाशील करना नमुनकीन है, कोई भी डार्क रोज़ को हाशील नहीं कार सकता, हाहहहााअ हाहहहााआ हाहहााआअ

ये सारी बातें कहते हुए काल वहाँ खड़ा रुद्रा के ऊपर हंसे जा रही था, और इधर उस आग के दएरे के अंदर रुद्रा की हालत बहुत खराब होचुकी थी अब उसमें ज्यादा ताक़त नहीं बची थी और ना ही हिम्मत, रुद्रा की हिम्मत धीरे धीरे टूटने लगी थी और उसकी आँखें धीरे धीरे बंद होने लगी थी

पर जेशे ही रुद्रा की आँखें बंद होती हैं तब रुद्रा को अग्नि दिखने लगता और अग्नि के साथ बिताए हुए पल दिखने लगते हैं और साथ में अग्नि ने जिस तरह से उसकी मदद किया था और सुनहेरी और उसकी जान बचाई थी वो भी दिखाई देने लगता है

और फिर क्या बसस्स्सस्स इतनी ही यादें काफिई थी रुद्रा के अंदर फिरसे हिम्मत को जगाने के लिए

रुद्रा – मुझे कुछ भी करके दत्ते रहना होगा तकिी में अग्नि को बच्चा सकूँ अग्नि ने मेरी बहुत बार जान बचाई है और में यूँ अग्नि को मरने नहीं देसाकता, में अग्नि के जेशा एक सच्चा दोस्त खोना नहीं चाहता हूँ

ये बात अपने आप से कहते हुए रुद्रा फिरसे उठ खड़ा होता है और फिरसे आगे बढ़ने लगता है, रुद्रा अपने दर्द और तकलीफ को सहम करते हुए फिरसे आगे बढ़ने लगता है और कुछ ही मिनट’से के अंदर रुद्रा उस आग के दएरे को पार करके उस पौधे के करीब पहुँच जाता है जिस पे वो डार्क रोज़ था

रुद्रा के आग में जलने के वजह से उसका शरीर पूरी तरह से झुलस गया था उसके शरीर के बहुत से हिस्सों के माँस बुरी तरह जल चुके थे और लटक रहे थे और उसके शरीर के अंदर की हड्डी अब साफ साफ देखी जासकती थी

रुद्रा अपने दर्द को दबाते हुए धीरे धीरे आगे बढ़ता है और अपने एक हाथ को उस पौधे के तरफ करता है उस डार्क रोज़ को उस पौधे से तोड़ने के लिए, जब रुद्रा अपना हाथ उस पौधे के तरफ बढ़ता है तब उसका हाथ उस पौधे के पट्टियों से थोड़ा सा टकराता है और फिर तो जेशे चमत्कार सा हो जाता है उस पत्ते के रुद्रा के हाथों से टकराने के वजह से रुद्रा के शरीर पे ईश्वक़्त जीतने भी जलने के वजह से जखम थे वो सारे अपने आप बड़ी तेजिसे ठीक होने लगते हैं

रुद्रा के शरीर के सारे जखम अपने आप बड़ी तेजिसे ठीक होने लगते हैं और रुद्रा को अब दर्द भी महसूस नहीं हो रहा था ये सब देख रुद्रा थोड़ा चौका हुआ था साथ में खुश भी था और इधर वो आग का दयरा उस कमरे से अपने आप गएब होने लगा था

रुद्रा कुछ ही सेकेंड’से के अंदर पूरी तरह से स्वस्त हो जाता और फिर रुद्रा अपने हाथ को बढ़ता है और उस डार्क रोज़ को उस पौधे से तोड़ लेता है, और जेशे ही रुद्रा उस डार्क रोज़ को उस पौधे से तोड़ता है वो पौधा अपने आप जल्के खख हो जाता है और साथ में वो डार्क रोज़ देखते ही देखते रूप बदलके एक दिल बनजता है, वो डार्क रोज़ अब डार्क हार्ट बन चुका था

रुद्रा ये सारे नज़रे देख हैरान था रुद्रा कभी उस डार्क हार्ट के तरफ देखता तो कभी कमरे के दूसरे कोने में खड़े काल के तरफ

काल – वाहह मान ना पड़ेगा तुम्हें बचे तुम सच मच कबीले तारीफ हो तुम्हारी हिम्मत और जज़्बा देख दिल खुश हो गया, और तुम्हारी दोस्ती को भी सलाम करता हूँ बचे, तुम्हारा वो दोस्त सचमुच में बहुत लक्की है जो उसे तुम्हारे जेशा दोस्त मिला है

रुद्रा – लक्की वो नहीं में हूँ क्योंकि अग्नि जेशा दोस्त बहुत कम खुश नसीब को मिलता है और में उन्न खुश नसीब मेशे एक हूँ, पर मेरी एक बात समझ में नहीं आई ये डार्क रोज़ ने अपना रूप क्यों बदल दिया ये एक डार्क हार्ट क्यों बन गया

काल – क्योंकि ये डार्क रोज़ अब तुम्हारे दोस्त अग्नि के दिल की जगह लेगा

रुद्रा – मतलब?

काल – मतलब ये की जब तुम अपने दोस्त पे पास पहुँचोगे तो तुम इसे डार्क हार्ट को अग्नि के सीने के ऊपर रख देना जिस साइड में दिल होता है और फिर बकिका काम ये डार्क हार्ट अपने आप करड़ेगा, ये डार्क हार्ट अग्नि के सीने में अपने आप घुसेगा और उसके पुराने दिल को बाहर निकलकर उसकी जगह लेलेगा और फिर कुछ ही वक्त के बाद अग्नि फिरसे जिंदा होजएगा

रुद्रा – पर अगर ये डार्क हार्ट अग्नि के पुराने दिल की जगह लेलेगा तो अग्नि के उस पुराने दिल में मौजूद उसके फ़ीलिंग’से और उसके इम्मोटिओं’से का क्या होगा उसके बिना तो अग्नि हम सबको शायद पहचान भी नहीं पेएगा

काल – जब डार्क हार्ट अग्नि के सीने से होते हुए अंदर जाएगा तब वो अग्नि के पुराने दिल के अंदर से होते हुए नीचे जाएगा तब वो अग्नि के पुराने दिल में मौजूद सारे फ़ीलिंग’से और इमोटिओं’से को अपने अंदर समा लेगा और उस पुराने दिल को बाहर भेजड़ेगा, और ये काला कपड़ा लो और उस डार्क हार्ट को इसमें लपेट लो, ये कहते हुए काल रुद्रा को एक काला कपड़ा देता है डार्क हार्ट को ढकने के लिए

रुद्रा उस काले कपड़े से उस डार्क हार्ट को धकता है और फिर कहता है

रुद्रा – अच्छा तो ये डार्क रोज़ आस सॉरी ये डार्क हार्ट इसे काम करेगा चालो अच्छा है, अच्छा काल जी अब मुझे चलना चाहिए मेरे पास अब ज्यादा वक्त नहीं है मुझे जल्द से जल्द अग्नि के पास पहुँचना होगा

काल – अच्छा ठीक है में तुम्हारे लिए राष्टा खोल देता हूँ

ये कहते हुए काल कुछ मंत्र पढ़ता है इसे से उस कमरे में बड़ी जोरों से भूकंप आने लगता है और वो कमरा पूरी तरह से हिलने लगता है उस कमरे के ज़मीन को चीरती हुई एक बड़ा सा दरवाजा सामने आता है और फिर कुछ देर बाद भूकंप बंद हो जाता है

काल – लो बचे इसे दरवाजे से होते हुए बाहर चले जाओ तुम सीधे काले पहाड़ी पे पहुँच जाओगे जहाँ से तुमने अपने दोस्तों के साथ ये सफ़र शुरू किया था

उसके बाद रुद्रा काल को शुक्रिया कहता है और धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए उस दरवाजे में घुस जाता है और फिर रुद्रा बाहर निकल आता है

काल – जाओ बचे जाओ, पर तुम्हें पता नहीं बचे तुम अपने दोस्त को जिंदगी नहीं बल्कि एक ऐशी जिंदगी देने वाले हो जिसका कल्पना तुम कभी नहीं कार सकते, इसे डार्क हार्ट के वजह से तुम्हारा दोस्त अमर(इमोर्टल) होज़ायगा, उसके पास बेहिसाब ताक़त होंगी वो इसे पूरे काईनात का सबसे बड़ा ताकतवर योढ़ा बन जाएगा उसे हरा पाना मुश्किल ही नहीं नमुनकीन भी होगा लेकिन उसे इन ताक़तों के साथ साथ श्राप(कर्स) भी मिलेगा हमेशा अकेले रहने का श्राप, वो जिसे भी प्यार करेगा उसे कभी भी हाशील नहीं कार पाएगा हमेशा उसे प्यार में दर्द और तकलीफ ही मिलेगी वो इसे दुनिया के खत्म होने तक अकेला भटकता रहेगा
जहाँ ईश्वक़्त काले पहाड़ी के उस गुफा के सामने खड़ी थी जिसके अंदर रुद्रा था और इधर काले पहाड़ी के दूसरे कोने में खड़ा जोरबार सम्राट से कुछ बातें कार रहा था

सम्राट – जोरबार अब और कितना दिन लगेगा मुझे अपने शरीर को वापिस हाशील करने के लिए

जोरबार – सम्राट आप को जिंदा करने के लिए पहले हमें उस दिव्या खंजर को हाशील करना होगा लेकिन वो दिव्या खंजर कहाँ है ये कोई नहीं जनता है और उस दिव्या खंजर को ढूंढ़ने का सिर्फ़ एक ही राष्टा है और वो है जादुई आइना(मॅजिकल मिरर), और वो मिरर ईश्वक़्त गंधर्व नगरी में है और गंधर्व नगरी का राजा तो हमें वो मिरर देगा नहीं इसलिए अग्नि का ठीक होना बहुत जरूरी है क्योंकि उसके बिना हम गंधर्व नगरी से जीिट नहीं शकते

सम्राट – जंग की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी जोरबार क्योंकि मुझे पता है वो दिव्या खंजर कहाँ है

जोरबार – क्य्ाआआआआआ, आप को पता है वो दिव्या खंजर कहाँ है, पर आप को केशे पता की वो दिव्या खंजर कहाँ है

सम्राट – जंग के बाद जब खुड़बक्ष और उसके साथी मेरे भाई विराट के तलवार को लेकर परिलोक के तरफ असमान से होते हुए जा रहे थे तब मेरे रूहह ने यानि की मैंने उनके ऊपर हमला किया था, और उस हमले में विराट का तलवार नीचे गिरके कहीं खोगआई थी, उनके साथ कुछ जादूगर भी थे जिन्होंने अपने जादुई शक्तियों के मदद से मेरे रूहह को कैद कर लिया और मुझे इसे काले पहाड़ी में एक समधी के अंदर बंद कर दिया, और जब वो जादूगर मुझे उस समधी में बंद करके वापिश जा रहे थे तब वो लोग आपस में बात चित कार रहे थे की उन्न लोगों ने उस दिव्या खंजर को इसे मायवी दुनिया के आखिरी चोर्रर पे यानि की सुंशन पर्वत के किसी गुफा के अंदर छुपा रखा है, तो अब जोरबार तुम्हें सुंशन पर्वत पे जाना होगा और उस दिव्या खंजर को हाशील करना होगा


जोरबार – अच्छा तो वो दिव्या खंजर सुंशन पर्वत पे है तब तो में कल ही उस सुंशन पर्वत के तरफ चल पड़ूँगा उस दिव्या खंजर को हाशील करने के लिए और उसके बाद में सबकुछ आसानी से संभाल लूँगा

सम्राट – सबकुछ इतना आसान भी नहीं है जोरबार, पहली बात उस दिव्या खंजर को जरूर उन्न लोगों ने किसी कुछ सुरक्षा के बीच रखा होगा, दूसरी बात अगर तुम उस खंजर को हाशील कार भी लोगे तो तुम उसका इशटेमाल नहीं कार पाओगे

जोरबार – क्यों, में उस दिव्या खंजर को इशटेमाल क्यों नहीं कार पाऊँगा?

सम्राट – क्योंकि वो दिव्या खंजर गुरु धर्मानंद के रीद्द की हड्डी से बनाई गयी थी और उसे वही इशटेमाल कार सकते थे जिनके ऊपर गुरु धर्मानंद सबसे ज्यादा यकीन करते थे और वो 3 लोग थे और वो 3 लोग थे गुरु ब्रह्मानंद, विराट और खुड़बक्ष और उन्न तीनों में से गुरु ब्रह्मानंद को मैंने कुछ दिन पहले मर दिया है खुड़बक्ष का कुछ पता नहीं वो आज कल कहाँ है और बच्चा सिर्फ़ एक और वो विराट है और अग्नि ही विराट का दूसरा रूप है, इसलिए एक अग्नि ही है जो मुझे अपने शरीर को हाशील करने में मदद कार सकता है

जोरबार – तब तो अग्नि का ठीक होना और भी जरूरी है

सम्राट – हाँ तुमने बिलकुल सही कहा जोरबार एक अग्नि ही है जो मुझे मेरे शरीर को हाशील करने में मदद कार सकता है

ये दोनों एक दूसरे से बातें कार ही रहे थे की तभी जहाँ जोरबार को आवाज़ देती है

जहाँ – जोरबार जल्दी से इधर आओ गुफा का दरवाजा खुलराहा है शायद रुद्रा लौट रहा है

ये सुनते ही सम्राट और जोरबार उस गुफा के तरफ चल देते हैं

गुफा का दरवाजा खुलता है और उसके अंदर से रुद्रा बाहर निकलता है और रुद्रा को देखते ही जहाँ और जोरबार के चेहरे पे मुश्कं आ जाती है और दोनों उसके करीब चले जाते हैं

जहाँ – रुद्रा क्या हुआ, क्या तुमने डार्क रोज़ हाशील कर लिया

जोरबार – हाँ रुद्रा बताओ अंदर क्या हुआ

रुद्रा – हाँ में कामयाब रहा और मैंने डार्क रोज़ को हाशील कर लिया है, ये कहते हुए रुद्रा उस कपड़े से लपेटे हुए डार्क हार्ट को इन सब को दिखता है

जोरबार – रुद्रा ये क्या है, तुम्हें तो डार्क रोज़ हाशील करना था पर ये तो एक दिल लगता है

रुद्रा – हाँ जोरबार ये दिल ही है ये डार्क हार्ट है और फिर रुद्रा जोरबार और जहाँ को अंदर की सारी बातें बता देता है की केशे उसने उस डार्क रोज़ को हाशील किया और केशे वो डार्क रोज़ डार्क हार्ट में बदल गया

जोरबार – अच्छा तो ऐशी बात है, तो अब ये दिल अग्नि के पुराने दिल की जगह लेगी

रुद्रा – हाँ जोरबार तुमने बिलकुल सही कहा

जहाँ – चलो जो हुआ अच्छा हुआ अब हम अग्नि को बच्चा सकते हैं, तो अब हम किस बात का इंतजार कार रहे हैं चलो जल्दी से हमें अग्नि के पास पहुँचना है

रुद्रा – हाँ सही कहा तुमने जहाँ अब हमें जल्द से जल्द अग्नि के पास पहुँचना होगा हमारे पास वक्त बहुत कम है

जोरबार – हाँ ठीक कहा तुम दोनों ने, कोई बात नहीं में सम्राट के दिए हुए अपने नयी जादूई शक्ति के मदद से सब को अग्नि के पास पहुँचा देता हूँ

और फिर जोरबार सम्राट को जल्द ही मिलने का बोलकर अलविदा कहता है और सम्राट जोरबार से कहता है की अग्नि के पुराने दिल को संभाल के रखे क्योंकि उसपर अब उसका हक़्क़ है और फिर जोरबार सम्राट से विदा लेता है

जोरबार अपने जादूई दंड को उठता है और कुछ मंत्र पढ़ता है जिस से एक बहुत बड़ा और तेज रोशनी का गोला सबके सामने आता है और फिर ये तीनों जोरबार रुद्रा और जहाँ उस रोशनी के गोले के अंदर घुस जाते हैं

उस बारे से रोशनी के गोले के जरिए होते हुए ये तीनों उस जंगल तक जा पहुँचते हैं जहाँ पे अग्नि, सुनहेरी रुद्रा की मां और अग्नि की पूरी शैतानी फौज थी लेकिन जेशे ही ये तीनों उस जंगल में पहुँचते हैं तो चौक्ककककक जाते हैं

जंगल का हाल बेहाल था, जंगल अब पूरी तरह से उजाड़ चुका था और तो और चारों तरफ बहुत सारे लाश पड़े थे और वो सारे लाश अग्नि के फौज के योधाओं के थे, जोरबार और रुद्रा का दिमाग चकरा चुका था ये नज़ारा देख उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रही था की ये सब केशे हो गया जब वो दोनों यहाँ से निकले थे तब यहाँ पे तो सब कुछ ठीक ठाक था

रुद्रा – जोरबार ये क्या हो गया ये सारी लाशें तो हमारे फौज के योधाओं के हैं इन्हें किशणे मारा होगा

जोरबार – मुझे भी कुछ समझ में नहीं आ रही है रुद्रा पत्ता नहीं ये सब कब और केशे हो गया

में बताता हूँ ये सब कब और केशे हुआ, ये आवाज़ रुद्रा जहाँ और जोरबार के पीछे से आता है और वो तीनों पीछे पलट ते हैं तो अपने सामने सेनापति जब्बार को पत्ते हैं

रुद्रा – जब्बार तुम, जब्बार ये सब क्या है और ये सब कब और किसने किया

जब्बार – रुद्रा जब तुम दोनों डार्क रोज़ के सफ़र पर निकले उसके बाद यहाँ पे बहुत कुछ हो गया

जोरबार – क्या हुआ था यहाँ जब्बार साफ साफ बताओ

जब्बार – ड्रागें’से, ड्रागें’से को हमेशा एक राजा की जरूरत होती है नियंत्रण में रहने के लिए अगर राजा नाहो तो ये ड्रागें’से अपने अपने बीच ही लड़ने लगते हैं प्रिन्स अग्नि इनके राजा थे और जब प्रिन्स अग्नि घायल हुए उसके कुछ घंटों बाद यानि की आप के जाने के कुछ देर बाद ही ये ड्रागें’से अपने अपने बीच में लाढ़ना शुरू हो गये हम सब ने बहुत मुश्किल से उन्न सभी ड्रागें’से को कंट्रोल किया और शांत किया लेकिन अगले ही दिन यहाँ कुछ इसे शक्ष आ गाए जिन्होंने उन्न सभी ड्रागें’से को फिरसे भड़का दिया

रुद्रा – कौन आए थे यहाँ जब्बार और अग्नि मेरी मां और सुनहेरी कहाँ है

जब्बार – यहाँ इन ड्रागें’से का पुराना राजा गेब्रीयल आया था और उसके साथ चुड़ैल दूसतीनी और उसकी बहन थी इन तीनों ने ड्रागें’से को फिरसे भड़का दिया और फिर सारे ड्रागें’से ने गेब्रीयल को फिरसे अपना राजा मान लिया और उन्न ड्रागें’से ने उन्न तीनों गेब्रीयल दूसतीनी और उसकी बहन के साथ मिलकर हम पे हमला कर दिया, उस हमले में हमारे बहुत सारे योढ़ा मरेगए उस हमले में हमारी हालत बहुत खराब हो गयी थी बिना प्रिन्स अग्नि के हमारी हार तय थी इसे लिए जो योढ़ा और सिपाही बच गये थे वो सब इधर उधर भागके अपने जान को बचाने लगे और फिर उसके बाद जो हुआ वो आप के सामने है

रुद्रा – अग्नि मेरी मां और सुनहेरी ये तीनों ठीक तो हैं ना

जब्बार – रुद्रा हमने प्रिन्स अग्नि को और आप के मां को तो बच्चा लिया लेकिन सुनहेरी को बच्चा नहीं पाए, चुड़ैल दूसतीनी ने सुनहेरी को बंदी बनकर अपने साथ लेगाई

रुद्रा – क्य्ाआआआआअ, जब्बार ये तुम क्या कह रहे हो तुमने सुनहेरी को उस चुड़ैल से क्यों नहीं बचाया बताओ, तुमने तो मुझसे वादा किया था ना की तुम मेरे अपनों का हिफ़ाज़त करोगे

जब्बार – मुझे माफ करदो रुद्रा पर जब में तुम्हारे मां और प्रिन्स अग्नि को बच्चा रहा था ुषवक़्त उस चुड़ैल दूसतीनी ने अपने जादूई शक्ति से सुनहेरी को अपना बंदी बणलिया

जहाँ – रुद्रा शांत होजाओ सुनहेरी को कुछ नहीं होगा हम सुनहेरी को उस चुड़ैल के चंगुल से बच्चा लेंगे, जब्बार ये बताओ अग्नि और रुद्रा की माताजी कहाँ हैं

जब्बार – हम उन्न दोनों को डेत वाली लगाए हैं वहाँ वो दोनों सुरक्षित हैं और में यहाँ आप लोगों का लौटने का इंतजार कार रहा था

रुद्रा – मुझे कुछ भी करके सुनहेरी को उस दूसतीनी के कैद से छुड़ाना होगा वरना वो उसे मर डालेंगी, मुझे अभी और इषिवक़्त दूसतीनी के पास जाना होगा

जहाँ – ठीक है रुद्रा तो फिर में भी चलती हूँ तुम्हारे साथ मुझे पता है वो दूसतीनी ईश्वत कहाँ पे होगी

रुद्रा – ठीक है, जोरबार में और जहाँ सुनहेरी की जान बचाने के लिए जा रहे हैं तुम ये लो( रुद्रा जोरबार को वो डार्क हार्ट देते हुए कहता है ) जोरबार अग्नि को बचलो और मेरी मां का भी ध्यान रखना

जब्बार – रुद्रा तुम उनकी चिंता मत करो वो ईश्वक़्त डेत वाली के पॅलेस में हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं तुम बससस्स अपना ख्याल रखना क्योंकि वो दूसतीनी बहुत खतरनाक है और अब तो उसके साथ गेब्रीयल और उसकी ड्रागें’से की फौज भी है

रुद्रा – वो दूसतीनी चाहे कितनी भी ताकतवर हो और उसके साथ जो कोई भी हो में उस से नहीं डरता, चलो जहाँ

और फिर जहाँ अपने जादूई दंड को बारे से जादूई झाड़ू में बदल देती है और फिर उस जादूई झाड़ू पे सवार होकर जहाँ और रुद्रा असमान में उड़ते हुए चले जाते हैं दूसतीनी के तरफ

इधर जोरबार डार्क हार्ट को साथ लिए जब्बार के साथ डेत वाली के तरफ चल देता है

जोरबार अपने जादूई शक्ति के मदद से कुछ ही वक्त के अंदर डेत वाली के पॅलेस में पहुँच जाता है और वो वक्त ना गबते हुए सीधे अग्नि के पास चला जाता है उसके कमरे में, अग्नि घायल हालत में अपने बिस्तर पे लेता हुआ था और अग्नि के करीब उसकी मां शीतल और पापा विशाल और रुद्रा की मां राजकुमारी मोना थे

राजकुमारी मोना – जोरबार आप लौट आए क्या आप वो डार्क रोज़ लाए और रुद्रा कहाँ है

जोरबार – हाँ राजकुमारी हम कामयाब रहे उस डार्क रोज़ को हाशील करने में और रुद्रा ईश्वक़्त जहाँ के साथ सुनहेरी को बचाने गया है

राजकुमारी मोना – क्य्ाआआ, पर वो चुड़ैल बहुत खतरनाक है और उसके साथ गेब्रीयल भी है रुद्रा अकेला उनके साथ मुकाबला केशे करेगा

जोरबार – आप उसकी फिक्र ना करिए राजकुमारी रुद्रा के साथ जहाँ भी है और वो दोनों मिलकर सुनहेरी को जरूर बच्चा लेंगे

और फिर जोरबार सबको अग्नि के करीब से हॅट जाने को कहता है और सभी थोड़ा सा दूर्र हॅट जाते हैं और फिर जोरबार आगे बढ़ते हुए अग्नि के करीब जाता है और फिर उस डार्क हार्ट को अग्नि के सीने के ऊपर रखता है जिस साइड दिल होता है, अग्नि के सीने के ऊपर उस डार्क हार्ट को रखते ही वो धीरे धीरे धड़कना शुरू करदेता है

और फिर देखते ही देखते वो डार्क हार्ट धीरे धीरे अग्नि के सीने के अंदर घुसने लगता है, कुछ ही देर में वो डार्क हार्ट अग्नि के सीने के अंदर पूरी तरह से घुस जाता है, उसके बाद अग्नि का शरीर बड़ी जोरों से फड़फड़ने लगता है, उस कमरे में मौजूद सभी आँखें फाड़े ये नज़ारा बारे ध्यान से देख रहे थे

अग्नि का शरीर कुछ मिनिट्स तक युहीन बारे जोरों से फड़फड़ाता रहता है और फिर उसका शरीर धीरे धीरे शांत पड़ने लगता है, उसके बाद अग्नि के सीने से कुछ निकालने लगता है और वो अग्नि का पुराना दिल बर्निंग हार्ट था जब अग्नि के सीने से वो हार्ट पूरी तरह से निकल जाता है तब जोरबार अपने जादुई शक्ति के मदद से उस बर्निंग हार्ट को एक जादूई बॉक्स में रख देता है

उसके बाद सभी अग्नि के तरफ देखने लगते हैं और उसके होश में आने का इंतजार करने लगते हैं की तभी अचानक अग्नि के आँखें खुलती हैं उसकी आँखें पूरी तरह से नीली(ब्लू) थी, और फिर अग्नि दर्द से चिल्लाते हुए उठ खड़ा होता है अहह अहह, अग्नि अपने दोनों हाथों से अपने कंधे को पकड़ने की कोशिश कार रहा था उसके कंधे और पीठ में बहुत दर्द हो रहा था

अग्नि दर्द के मारे चिल्लाए जा रही था और फिर अग्नि के कंधे में से खून नीलने लगता है, ये नज़ारा देख उस कमरे में मौजूद सभी के सर चकराने लगते हैं उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आ रही था की ये सब क्या हो रहा है, अग्नि के कंधे को चीरते हुए अग्नि के कंधे के दोनों साइड’से पे दो पंख उगने लगते हैं और देखते ही देखते वो पंख बड़ा होने लगता है, कुछ देर बाद अग्नि को और दर्द नहीं होता है और अग्नि अपने नये पंख और अपनी नयी ताक़त के साथ बड़ी तेजिसे एडजस्ट करने लगता है और कुछ ही वक्त के अंदर अग्नि अपने नये शक्तियों को अपने कंट्रोल में करके तैयार खड़ा था अपने नये चुनतियों का सामना करने के लिए….

THE END
Nice update bro
 
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