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(UPDATE-66)
विराट तेजिसे जल्लाद के तरफ बधरहा था अपने तलवार को लिए और विराट जेशे ही जल्लाद के करीब पहुँचता है तभी जल्लाद को बँधे रखे हुए सारे धागे टूट जाते हैं और फिर जल्लाद एक तेज मुक्का विराट को झड़ देता है इसे से विराट दूर जाकर गिरता है
उन्न धगगों से आज़ाद होने के बाद जल्लाद फौरन उठ खड़ा होता है और विराट के तरफ गुस्से से देखता है , विराट फिरसे तेजिसे जल्लाद के तरफ बढ़ता है और जेशे ही अपने तलवार को वार करने के लिए निकलता है तभी जल्लाद तेजिसे आगे बढ़ता है और एक जोरदार मुक्का विराट को झड़ देता है इसे से विराट कुछ कदम पीछे चला जाता है
और फिर जल्लाद अपने दोनों हाथों के मुठीोन को बंद करता है और अपनी सभी ऊर्जा ताक़तों को इकट्ठा करने लगता है , इसे से उस महेल के अंदर चारों तरफ से हवाएँ बहने लगती है , देखते ही देखते जल्लाद के हाथों के मुठीोन में आग लगज़ाती है और वो अपने उन्न जलते हुए मुठीोन को ऊपर उठता है और पीछे की तरफ खींचने लगता है इसे से उस महेल के अंदर और तेजिसे भी हवाएँ बहने लगती हैं
हवाएँ इतने तेजिसे बहने लगती हैं की विराट का ठीक से खड़े होपना तक मुश्किल हो जाता है , हवाएँ इतने तेजिसे बहने लगी थी की विराट भी उनके साथ साथ आगे की तरफ फिसल के जाने लगता है , विराट अपने तलवार को ज़मीन में गड़ देता है और तलवार को ज़ोर से पकड़कर खड़ा हो जाता है तकिी ये तेज हवाएँ उसे हिल्ला भी ना पाएँ
जल्लाद फिरसे अपने उन्न जलते हुए मुठीोन को पूरी ताक़त लगाकर पीछे की तरफ खींचने लगता है और इसे से महेल में हवाएँ और भी तेजिसे बहन लगती हैं और इसे से विराट भी आगे की तरफ फिसल के जाने लगता है उसका तलवार अब उसे रोक नहीं पा रही थी , विराट उन्न तेज हवाओं में फिसलते हुए जल्लाद के तरफ तरफ रहा था
तुम्हारा आखिरी वक्त आ गया है विराट , जब विराट जल्लाद के पास फिसलते हुए पहुँच जाता है तब जल्लाद ये बात विराट से कहता है , और फिर जल्लाद अपने उन्न दोनों मुठीोन को काश लेता है इसे से उन्न दोनों मुठीोन में आग और ज़ोर से रफ्तार पकाड़लेटी है और तेजिसे जलने लगती है
विराट अपनी पूरी ताक़त लगा रहा था पीछे हटने के लिए लेकिन विराट उन्न तेज हवाओं के कारण हिल भी नहीं परहा था और इधर जल्लाद एक तेज चीख के साथ विराट के ऊपर अपने दोनों जलते हुए मुठीोन से वार करने लगता है
लेकिन इसे से पहले की जल्लाद के वो जलते हुए दोनों मुट्ठी विराट तक पहुँचते की तभी अचानक कहीं से एक जोरदार मुक्का आकर जल्लाद के सीने में पड़ता है और जल्लाद कुछ कदम पीछे चला जाता है
ये मुक्का झड़ने वाला कोई और नहीं बल्कि सम्राट था और ईश्वक़्त सम्राट की आँखें लाल रंग से चमक रही थी , सम्राट को देख विराट खुश हो जाता है और जल्लाद सम्राट को देख बहुत गुस्सा होता है
जल्लाद गुस्से से सम्राट के तरफ देखते हुए अपने दोनों हाथों को जोड़ता और उनमें ऊर्जा शक्तियाँ भरने लगता है , जल्लाद को शा करता हुआ देख विराट भी तैयार हो जाता है और अपने तलवार को ऊपर उठा लेता है
सम्राट सतर्क होजाओ लगता है अब जल्लाद हुंपे कोई घातक हमला करने वाला है , विराट सम्राट से ये कहता है
सम्राट पीछे पलट था है और विराट को देखने लगता है और विराट के हाथ में तलवार देख सम्राट भड़क जाता है और अपने दोनों हाथों को काश लेता है और अपने ऊर्जा शक्टिओं को इकट्ठा करने लगता है और देखते ही देखते सम्राट के हाथों में लाल रंग की ऊर्जा शक्ति आ जाती है
और फिर बिना देर किए सम्राट अपनी लाल रंग की ऊर्जा शक्तियों से विराट के ऊपर हमला करना शुरू करदेता है , जब विराट ये देखता है की सम्राट उसपर हमला कार रहा है तो वो फौरन सामने से कुदड जाता है और सम्राट के ऊर्जा हमले से बच जाता है
सम्राट ये तू क्या कार रहा है तू मुझपर क्यों हमला कार रहा है तुझे जल्लाद पे हमला करना चाहिए वो हमारा दुश्मन है , विराट ने इतना ही कहा था की तभी सम्राट फिरसे विराट के ऊपर अपनी ऊर्जा शक्तियों से हमला करता है
जब ये नज़ारा जल्लाद देखता है तो वो हैरान रहजता है और साथ में खुश भी होता है और हो भी क्यों ना आख़िर कर उसके दो सबसे बारे दुश्मन जो उसे हराने की ताक़त रखते हैं वो ईश्वक़्त आपस में जो लध रहे थे
सम्राट विराट के ऊपर अपने ऊर्जा शक्तियों से एक के बाद एक वार करने लगता है और विराट वहाँ से कूद कूदके सम्राट के हमलो से अपने आप को बचाने लगता है , विराट अगर चाहता तो सम्राट को उसके हमले का जवाब भी दे सकता था लेकिन विराट जनता था की सम्राट पे ईश्वक़्त शैतानियत हावी है जिसके वजह से सम्राट उसे पहचान नहीं परहा है और उसे अपना दुश्मन समझ के हमला कार रहा है
दोनों भाईओं के बीच के जंग को जल्लाद बारे आराम से खड़े होकर हस्सते हुए देख रहा था , सम्राट विराट के ऊपर एक के बाद एक ऊर्जा शक्तियों का गोला फेंक के वार कार रहा था और विराट बहुत ही मुश्किल से अपने आप को बच्चा रहा था और फिर विराट को जब मौका मिला तब वो चुप जाता है सम्राट के नर्जों से कुछ ही दूरी पर
जब विराट गायब हो जाता है तो सम्राट की नज़र पड़ती है जल्लाद के ऊपर और सम्राट फौरन उसके तरफ तेजिसे बदहजता है , सम्राट को अपने तरफ आता हुआ देख जल्लाद सतर्क हो जाता है
जल्लाद के पास पहुँचते ही सम्राट एक तेज मुक्का जल्लाद को झड़ देता है इसे से जल्लाद कुछ कदम पीछे हॅट जाता है और जल्लाद भी तेजिसे आगे बढ़ता है और सम्राट के मुक्के का जवाब मुक्के से देता है और फिर दोनों के बीच लधाई शुरू होजती है कभी जल्लाद सम्राट को मुक्के और लात से मरता तो कभी सम्राट जल्लाद को मुक्के और लात से मरता
और दोनों अपने अपने शरीर को काश लेते हैं और अपने ऊर्जा शक्तियों को बाहर निकल लेते हैं और एक दूसरे पे हमला करना शुरू करदेटे हैं , विराट एक जगह पे चुपके ये सब नज़ारा देख रहा था और सोच रहा था की वो क्या करे , और तभी विराट को कुछ याद आता है जो उसे ट्रेनिंग के वक्त गुरु धर्मानंद ने कहा था
गुरु धर्मानंद ने कहा था की ” जल्लाद के पास बहुत से शैतानी शक्तियाँ है और उसकी सबसे बड़ी शक्ति उसकी काली शक्तियों से बना उसका कवच है जो उसके शरीर पे हमेशा मौजूद रहता है , अगर तुम लोग उसके कवच को तोड़ने में कामयाब हो गये तो फिर जल्लाद को हराना तुम्हारे लिए बहुत आसान होज़ायगा , उसका कवच ही है जो उसे बारे से बारे हमले से बचाता है अगर उसका कवच ही नहीं रहेगा तो वो अपने आप को बचाएगा केशे
गुरु धर्मानंद के कहे गये इसे बात का याद आ ही विराट समझ जाता है उसे क्या करना है , उसे किसी भी हाल में जल्लाद के कवच को तोड़ना है , इधर विराट सोचने में लगा हुआ था उधर सम्राट जल्लाद से लड़ने में
सम्राट अपने हाथ में पकड़े हुए ऊर्जा के गोलों को जल्लाद के ऊपर फेंक रहा था और जल्लाद अपने आप को बचाते हुए सम्राट के ऊपर अपने ऊर्जा के गोलों से वार कार रहा था और फिर एक गोला सीधा जाकर सम्राट को लगता है और सम्राट जाकर महेल के दीवार से टकरा जाता है और उसके बाद जल्लाद अपने शक्तियों को इकट्ठा करता है और अपने हाथ को काश लेता है इसे से उसके हाथ में फिरसे आग के ज्वाले उठने लगते हैं और वो हवा को नियंत्रण करने लगता है उसके बाद जल्लाद हवा को काबू में करके सम्राट को अपने तरफ खींच ने लगता है और सम्राट जल्लाद के तरफ खींचता हुआ चला आता है
सम्राट हिल भी नहीं परहा था और जब सम्राट खींचते हुए जल्लाद के पास पहुँच जाता है तब जल्लाद अपने जलते हुए मुट्ठी को कसके एक जोरदार मुक्का सम्राट को झड़ देता है और सम्राट हवा में उड़ते हुए जाकर दूर गिरता है
इसे बीच विराट सामने अचुका था और विराट तेजिसे आगे बढ़ता है और अपने तलवार को निकल लेता है और फिर कुछ मंत्र पढ़कर विराट अपने तलवार को जल्लाद के तरफ करके वार करता है इसे से विराट के तलवार से अनगिनत तेजधार चाकू और बहुत से छोटे छोटे धार धार तलवार निकलकर तेजिसे जल्लाद के तरफ तरफ जाते हैं
और जल्लाद सामने कूदके अपने आप को बचाने लगता है बहुत से चाकू और तलवार जल्लाद के शरीर को बिना लगे चले जाते हैं लेकिन कुछ चाकू और तलवार सीधे जाकर जल्लाद के शरीर से टकराते हैं वेशे जल्लाद का कुछ होता तो नहीं है पर जल्लाद का कवच इसे हमले से थोड़ा सा फट जाता है
और जब जल्लाद ये देखता है तो उसे बहुत गुस्सा आता है और वो तेजिसे विराट के तरफ बढ़ने लगता है लेकिन इसे से पहले जल्लाद विराट तक पहुँचता विराट फिरसे जल्लाद पे अपने तलवार से वार करदेता है और विराट के तलवार से फिरसे वो तेज धार चाकू और तलवार निकलकर जल्लाद के तरफ तरफ जाते हैं और जल्लाद उनसे अपने कवच को बचाने की कोशिश में लग जाता है
इसे बीच सम्राट भी वहाँ वापस अचुका था और ईश्वक़्त सम्राट पे भी शैतानी शक्तियों का प्रभाव थोड़ा सा कम हो चुका था इसलिए वो वहाँ आ ही विराट से पूछता है ये क्या हो रहा है
विराट सम्राट को ठीक हालत में देख खुश होता है और कहता है अपने शक्तियों को तैयार कर लो हमें सबसे पहले जल्लाद के कवच को तोड़ना है उसके बाद उसे हराना आसान होजएगा और उसके बाद दोनों भाई सम्राट और विराट दोनों मिलकर अपने अपने शक्तियों का इस्तेमाल करके जल्लाद के कवच पे हमले करने लगते हैं और जल्लाद अपने आप को और अपने कवच को बचाने की कोशिश करने लगता है लेकिन आख़िरकार दोनों भाइयों की मेहनत रंग लाती है और दोनों भाइयों का एक साथ हमला कामयाब रहता है
विराट के तलवार से निकले धार धार चाकू और तलवार और सम्राट की ऊर्जा शक्ति दोनों जाकर टकराते हैं जल्लाद के कवच से और देखते ही देखते जल्लाद का कवच टूट के बिखर जाता है ज़मीन पे और सम्राट का शरीर धीरे धीरे सूखने गलने लगता है
और फिर विराट आगे बढ़ता है और अपने तलवार को जल्लाद के सीने में घुसेड़ देता है और उसके बाद सम्राट अपने एक ऊर्जा के गोले को जल्लाद के शरीर पे फेंक देता है उसके बाद एक तेज विस्पोट के साथ जल्लाद के शरीर के चिथड़े उड़ जाते हैं और जल्लाद हमेशा हमेशा के लिए ख़ात्मा हो जाता है
जल्लाद के मौत के बाद अचानक वहाँ पे बहुत से काले ढुईं इकट्ठे होने लगते हैं , ये सारे काले ढुईं काली शक्तियाँ थी जो की अब तक जल्लाद के कंट्रोल में थी और जल्लाद के मरते ही उसके शरीर से आज़ाद हो चुकी थी
वो सभी काली शक्तियाँ धीरे धीरे सम्राट के तरफ बढ़ती हैं और देखते ही देखते वो सभी काली शक्तियाँ सम्राट में समा जाती हैं , विराट सिर्फ़ देखता ही रहजता है और वो सभी काली शक्तियाँ सम्राट के शरीर में समा जाती हैं और सम्राट के दिल को और भी काला करदेटी हैं
विराट आगे बढ़ता है और सम्राट को समझने की कोशिश करता है की वो इन सभी काली शक्तियों को अपने अंदर से निकल फेंकने की कोशिश करे लेकिन विराट के इन बातों का सम्राट पे कोई भी असर नहीं होता है क्योंकि सम्राट के दिलों दिमाग पे सिर्फ़ ुषवक़्त काली शक्तियाँ चाय हुई थी और सम्राट आगे बढ़ता है और एक तेज मुक्का विराट को झड़ देता है
इसे से विराट हवा में उड़ता हुआ जाता है और एक चट्टान से जा टकराता है , विराट फौरन उठ खड़ा होता है और सम्राट के तरफ बढ़ने की कोशिश करता है लेकिन जब तक विराट सम्राट तक पहुँचता तब तक सम्राट अपने नये काली शक्तियों के मदद से वहाँ से गायब हो जाता है
विराट सिर्फ़ अपना हाथ माल्टा रहजता है वो सम्राट को भागने से रोक नहीं पता है और आख़िर में विराट मायूस होकर गुरु धर्मानंद के आश्रम में लौट आता है , विराट गुरु धर्मानंद और बाकी सभी को वहाँ उस जंग में जो जो हुआ वो सब कुछ बता देता है
फिर गुरु धर्मानंद कहते हैं की सम्राट अब बदल चुका है और शायद ही वो कभी वापस अचाई के राषते पर लौट सके लेकिन गुरु धर्मानंद के इसे बात को विराट नहीं मानता है और कहता है , चाहे जो कुछ भी होजए लेकिन वो हार नहीं मानेगा वो सम्राट को ढूंढ. के उसे वापिस अचाई के रशे पे ला कर ही रहेगा
उस हाधसे के बाद विराट और हम सबने बहुत दिन , महीनों और सालों तक सम्राट के तलाश में मायवी दुनिया का छापा छापा छान मारा लेकिन हमें सम्राट कहीं भी नहीं मिला , सम्राट के ना मिलने से हम सब मायूस होकर वापिश अपने अपने स्टेट’से में लौट आए , राजकुमारी पद्मिनी अपने टूटे हुए दिल को लेकर परिलोक लौट गयी और में विराट और डर्कलॉर्ड हम तीनों वापिश गंडर लौट आए
जब हम सब सम्राट के तलाश में मायवी दुनिया के हर एक कोने को तलाश कार रहे थे उस वक्त सम्राट मायवी दुनिया के एक इसे इलाके में छुपा हुआ था जिसके बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते थे , सम्राट खून्नी जुंगेल के काले पहाड़ी पे छुपा हुआ था और अपने काली शक्तियों को अपने कंट्रोल में लानेकिी कोशिश कार रहा था और साथ में उन्न काली शक्तियों को बढ़ा भी रहा था और हर बिट्ट ते हुए दिन के साथ सम्राट अपने शक्तियों को और भी ज्यादा बढ़ता जा रही था
और जब सम्राट ने बहुत से काली शक्तियों को अपने कंट्रोल में कर लिया तब उसने अपने काली शक्तियों के मदद से अपने लिए एक खुदका स्टेट बनाया , काले पहाड़ी के उस तरफ एक नदी बहता था उस नदी के दूसरे तरफ एक बर्फीला पहाड़ी इलाका था , उस बर्फीले पहाड़ी इलाके को उसने अपने शक्तियों के मदद से एक स्टेट का रूप दे दिया और उसने अपने स्टेट का नाम रखा थे डेत वाली , और डेत वाली में सम्राट ने काली दुनिया के हर उस दरिंदे को रहने की जगह दी जो काली दुनिया से था और शैतानियत उसका धर्म था
और फिर सम्राट ने अपना खुदका एक शैतानी फौज भी बणलिया जिनका मक्षद सिर्फ़ एक ही था पूरे मायवी दुनिया के ऊपर शैतानियत का राज और इसे मक्षद को पूरा करने के लिए सम्राट को कुछ भरोसेमंद शती चाहिए थे जो वक्त आने पर उसके लिए अपनी जान भी देने से पीछे नहीं हॅट ते , इसे लिए एक रात सम्राट चुपके से अपना भेष बदल के गंडर में दाखिल हुआ और मुझसे और डर्कलॉर्ड से मिला और उसने हम दोनों को ये याद दिलाया की उसने हम दोनों की जान बचाई थी और हम दोनों ने उसे वादा किया था की हमेशा उसका साथ देंगे चाहे वो सही हो या गलत
और फिर उस वादे के वजह से में और डर्कलॉर्ड हम दोनों ना चाहते हुए भी सम्राट के साथ जुड़ गये उसके शैतानी मक्षद को पूरा करने के लिए , उसके बाद सम्राट ने मायवी दुनिया के हर एक छोटे बारे स्टेट’से पे हमला किया और जीता और जीतने के बाद सम्राट उस स्टेट को पूरी तरह से तबाह करदेता था , सम्राट को लोगों को मरते हुए देखना दूश्रों के खून से नहाना अच्छा लगने लगा था इसे लिए सम्राट ने एक शैतानी फैसला किया सम्राट जिस भी जंग को जीिट था उस जंग में जिन्न लोगों को बंदी बनाया जाता था उन्हें मारकर उसने डेत वाली के साफ नदी को कोन से भरने लगा देखते ही देखते कुछ ही महीनों में वो पूरा नदी खून से भर गयी और इसे तरह उस नदी का नाम थे रिवर ऑफ ब्लड पड़ गया सम्राट उस खून से भरे हुए नदी में रोजाना नहाया करता था
दिन बीए दिन सम्राट की शैतानियत और दरिंदगी बढ़ती ही जा रही थी और उसके इन दरिंदगिओं का शिकार मायवी दुनिया के बेकसूर और मासूम लोग बन रहे थे इसे लिए जो स्टेट सम्राट के आतंक से बच गये थे या फिर जिनकी बड़ी आई ही नहीं थी वो सब धीरे धीरे इकट्ठे होने लगे सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए और वो स्टेट’से थे , गंधर्व नगरी – स्टेट ऑफ हॉबैट’से – जंगल ऑफ WअरेWओल्फ’से और कुछ छोटे छोटे स्टेट’से
ये सारे स्टेट’से सम्राट के खिलाफ इकट्ठे हो तो गये थे लेकिन ये सभी जानते थे की इन सबका सम्राट के सामने कोई मुकाबला नहीं सम्राट की शैतानी फौज इन सबकी फौज को बारे ही आसानी से हरा शक्ति है इसलिए इन्हें एक इसे योढ़ा की जरूरत थी जिसके बाजुओं में धर्म की ताक़त हो और उसके तलवार में सचाई की धार और शा योढ़ा पूरे मायवी दुनिया में सिर्फ़ एक ही था और वो था गंडर का सहजादा विराट जो की सम्राट का जुड़वा भाई था और विराट अब गंडर का युवराज भी था
इन सभी स्टेट’से के राजा मिलकर गंडर गये और विराट से सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए कहा क्योंकि पूरे मायवी दुनिया में विराट ही एक शा योढ़ा था जो सम्राट से टकरा सकता था और उसके शैतानी इरादों को रोक सकता था , लेकिन विराट ने इसे बात के लिए साफ तौरपे उन्न सभी राजाओं को मना कर दिया विराट ने कहा की वो अपने भाई के खिलाफ जंग नहीं लध सकता है क्योंकि वो अपने भाई से जान से भी ज्यादा प्यार करता है
बिना विराट के साथ के सम्राट के खिलाफ जंग में उतरे तो निश्चित ही उनकी हार पकिी थी
इसलिए अब सिर्फ़ उनके पास एक ही राष्टा था की वो सब केशे भी करके विराट को इसे जंग को लड़ने के लिए तैयार करे और विराट को शायद सिर्फ़ एक ही इंसान मना सकता था और वो थे गुरु धर्मानंद इसलिए सभी राजा मिलकर गुरु धर्मानंद के आश्रम के तरफ चालदीए
सभी राजाओं से उनकी परेशानी सुन ने के बाद गुरु धर्मानंद ने विराट को राजी करवाने की ज़िमेदारी अपने सर पे ले लिया और गंडर के तरफ रबाना हो गये
जब गुरु धर्मानंद विराट से मिले तब गुरु दरमानंद ने विराट को अपना सौगंध याद दिलाया की जब तक शरीर में आखिरी सांस होगी तब तक शैतानियत और अधर्म के खिलाफ लधता रहूँगा यही सौगंध लिया था ना तुमने विराट , तो अब क्या हो गया तुम्हें तुम अपना धर्म पालन क्यों नहीं कार रहे हो , गुरु धर्मानंद ने ये बात विराट से कही
जवाब में विराट ने कहा गुरु जी में केशे अपने जान से भी प्यारे भाई के खिलाफ जंग लध सकता हूँ में केशे अपने जान से भी प्यारे भाई को मर दम
विराट में समझ सकता हूँ की तुम अपने भाई से बहुत प्यार करते हो लेकिन तुम खुद ही सोचो क्या सम्राट अब तुम्हारा वही भाई है जो तुमसे बहुत प्यार करता था , नहीं विराट अब सम्राट वो सम्राट नहीं रहा जो दूश्रों के लिए जिया करता था जो सबकी जान बचाने के लिए अपने जान देने से भी पीछे नहीं हॅट था था , अब सम्राट बिलकुल शैतान बन चुका है जब तक सम्राट दूश्रों के खून से नहा नहीं लेता तब तक उसे नींद नहीं आती इसलिए ये जंग जरूरी है हम सबको मिलकर किसी भी हाल में सम्राट को रोकना होगा , ये बोलकर गुरु धर्मानंद ने अपनी बात खत्म की , उसके बाद विराट चुप ही रहा जिसका मतलब वो इसे जंग के लिए राजी था
उसके बाद सभी स्टेट’से मिलकर जंग की तैयारी में लग गये और ये खबर सम्राट तक भी पहुँच गयी थी लेकिन सम्राट इसे से बिलकुल भी परेशान नहीं था क्योंकि वो समझता था की जीिट उसकी ही होगी
और इसे बीच सम्राट से मिलने विराट और राजकुमारी पद्मिनी दोनों बड़ी बड़ी डेत वाली में गये थे और उन्न दोनों ने सम्राट को समझने की कोशिश भी की अब भी मौका है बुराई का रासता छोड़कर अचाई के राषते पे आ जाओ लेकिन सम्राट ने उन्न दोनों को मना कर दिया
इधर गुरु धर्मानंद ने सभी राजाओ को अपने पास बुलाया और ये बताया की सम्राट को हम इसे जंग में हरा तो सकते हैं लेकिन मर नहीं सकते , जब ये बात सबको पता चली तो सभी के होश उड़ गये क्योंकि बिना सम्राट को मारे उनकी जीिट नमुनकीन थी
फिर उन में से एक राजा ने पूछा , क्यों हम सम्राट को मर क्यों नहीं सकते हैं गुरु जी
विराट तेजिसे जल्लाद के तरफ बधरहा था अपने तलवार को लिए और विराट जेशे ही जल्लाद के करीब पहुँचता है तभी जल्लाद को बँधे रखे हुए सारे धागे टूट जाते हैं और फिर जल्लाद एक तेज मुक्का विराट को झड़ देता है इसे से विराट दूर जाकर गिरता है
उन्न धगगों से आज़ाद होने के बाद जल्लाद फौरन उठ खड़ा होता है और विराट के तरफ गुस्से से देखता है , विराट फिरसे तेजिसे जल्लाद के तरफ बढ़ता है और जेशे ही अपने तलवार को वार करने के लिए निकलता है तभी जल्लाद तेजिसे आगे बढ़ता है और एक जोरदार मुक्का विराट को झड़ देता है इसे से विराट कुछ कदम पीछे चला जाता है
और फिर जल्लाद अपने दोनों हाथों के मुठीोन को बंद करता है और अपनी सभी ऊर्जा ताक़तों को इकट्ठा करने लगता है , इसे से उस महेल के अंदर चारों तरफ से हवाएँ बहने लगती है , देखते ही देखते जल्लाद के हाथों के मुठीोन में आग लगज़ाती है और वो अपने उन्न जलते हुए मुठीोन को ऊपर उठता है और पीछे की तरफ खींचने लगता है इसे से उस महेल के अंदर और तेजिसे भी हवाएँ बहने लगती हैं
हवाएँ इतने तेजिसे बहने लगती हैं की विराट का ठीक से खड़े होपना तक मुश्किल हो जाता है , हवाएँ इतने तेजिसे बहने लगी थी की विराट भी उनके साथ साथ आगे की तरफ फिसल के जाने लगता है , विराट अपने तलवार को ज़मीन में गड़ देता है और तलवार को ज़ोर से पकड़कर खड़ा हो जाता है तकिी ये तेज हवाएँ उसे हिल्ला भी ना पाएँ
जल्लाद फिरसे अपने उन्न जलते हुए मुठीोन को पूरी ताक़त लगाकर पीछे की तरफ खींचने लगता है और इसे से महेल में हवाएँ और भी तेजिसे बहन लगती हैं और इसे से विराट भी आगे की तरफ फिसल के जाने लगता है उसका तलवार अब उसे रोक नहीं पा रही थी , विराट उन्न तेज हवाओं में फिसलते हुए जल्लाद के तरफ तरफ रहा था
तुम्हारा आखिरी वक्त आ गया है विराट , जब विराट जल्लाद के पास फिसलते हुए पहुँच जाता है तब जल्लाद ये बात विराट से कहता है , और फिर जल्लाद अपने उन्न दोनों मुठीोन को काश लेता है इसे से उन्न दोनों मुठीोन में आग और ज़ोर से रफ्तार पकाड़लेटी है और तेजिसे जलने लगती है
विराट अपनी पूरी ताक़त लगा रहा था पीछे हटने के लिए लेकिन विराट उन्न तेज हवाओं के कारण हिल भी नहीं परहा था और इधर जल्लाद एक तेज चीख के साथ विराट के ऊपर अपने दोनों जलते हुए मुठीोन से वार करने लगता है
लेकिन इसे से पहले की जल्लाद के वो जलते हुए दोनों मुट्ठी विराट तक पहुँचते की तभी अचानक कहीं से एक जोरदार मुक्का आकर जल्लाद के सीने में पड़ता है और जल्लाद कुछ कदम पीछे चला जाता है
ये मुक्का झड़ने वाला कोई और नहीं बल्कि सम्राट था और ईश्वक़्त सम्राट की आँखें लाल रंग से चमक रही थी , सम्राट को देख विराट खुश हो जाता है और जल्लाद सम्राट को देख बहुत गुस्सा होता है
जल्लाद गुस्से से सम्राट के तरफ देखते हुए अपने दोनों हाथों को जोड़ता और उनमें ऊर्जा शक्तियाँ भरने लगता है , जल्लाद को शा करता हुआ देख विराट भी तैयार हो जाता है और अपने तलवार को ऊपर उठा लेता है
सम्राट सतर्क होजाओ लगता है अब जल्लाद हुंपे कोई घातक हमला करने वाला है , विराट सम्राट से ये कहता है
सम्राट पीछे पलट था है और विराट को देखने लगता है और विराट के हाथ में तलवार देख सम्राट भड़क जाता है और अपने दोनों हाथों को काश लेता है और अपने ऊर्जा शक्टिओं को इकट्ठा करने लगता है और देखते ही देखते सम्राट के हाथों में लाल रंग की ऊर्जा शक्ति आ जाती है
और फिर बिना देर किए सम्राट अपनी लाल रंग की ऊर्जा शक्तियों से विराट के ऊपर हमला करना शुरू करदेता है , जब विराट ये देखता है की सम्राट उसपर हमला कार रहा है तो वो फौरन सामने से कुदड जाता है और सम्राट के ऊर्जा हमले से बच जाता है
सम्राट ये तू क्या कार रहा है तू मुझपर क्यों हमला कार रहा है तुझे जल्लाद पे हमला करना चाहिए वो हमारा दुश्मन है , विराट ने इतना ही कहा था की तभी सम्राट फिरसे विराट के ऊपर अपनी ऊर्जा शक्तियों से हमला करता है
जब ये नज़ारा जल्लाद देखता है तो वो हैरान रहजता है और साथ में खुश भी होता है और हो भी क्यों ना आख़िर कर उसके दो सबसे बारे दुश्मन जो उसे हराने की ताक़त रखते हैं वो ईश्वक़्त आपस में जो लध रहे थे
सम्राट विराट के ऊपर अपने ऊर्जा शक्तियों से एक के बाद एक वार करने लगता है और विराट वहाँ से कूद कूदके सम्राट के हमलो से अपने आप को बचाने लगता है , विराट अगर चाहता तो सम्राट को उसके हमले का जवाब भी दे सकता था लेकिन विराट जनता था की सम्राट पे ईश्वक़्त शैतानियत हावी है जिसके वजह से सम्राट उसे पहचान नहीं परहा है और उसे अपना दुश्मन समझ के हमला कार रहा है
दोनों भाईओं के बीच के जंग को जल्लाद बारे आराम से खड़े होकर हस्सते हुए देख रहा था , सम्राट विराट के ऊपर एक के बाद एक ऊर्जा शक्तियों का गोला फेंक के वार कार रहा था और विराट बहुत ही मुश्किल से अपने आप को बच्चा रहा था और फिर विराट को जब मौका मिला तब वो चुप जाता है सम्राट के नर्जों से कुछ ही दूरी पर
जब विराट गायब हो जाता है तो सम्राट की नज़र पड़ती है जल्लाद के ऊपर और सम्राट फौरन उसके तरफ तेजिसे बदहजता है , सम्राट को अपने तरफ आता हुआ देख जल्लाद सतर्क हो जाता है
जल्लाद के पास पहुँचते ही सम्राट एक तेज मुक्का जल्लाद को झड़ देता है इसे से जल्लाद कुछ कदम पीछे हॅट जाता है और जल्लाद भी तेजिसे आगे बढ़ता है और सम्राट के मुक्के का जवाब मुक्के से देता है और फिर दोनों के बीच लधाई शुरू होजती है कभी जल्लाद सम्राट को मुक्के और लात से मरता तो कभी सम्राट जल्लाद को मुक्के और लात से मरता
और दोनों अपने अपने शरीर को काश लेते हैं और अपने ऊर्जा शक्तियों को बाहर निकल लेते हैं और एक दूसरे पे हमला करना शुरू करदेटे हैं , विराट एक जगह पे चुपके ये सब नज़ारा देख रहा था और सोच रहा था की वो क्या करे , और तभी विराट को कुछ याद आता है जो उसे ट्रेनिंग के वक्त गुरु धर्मानंद ने कहा था
गुरु धर्मानंद ने कहा था की ” जल्लाद के पास बहुत से शैतानी शक्तियाँ है और उसकी सबसे बड़ी शक्ति उसकी काली शक्तियों से बना उसका कवच है जो उसके शरीर पे हमेशा मौजूद रहता है , अगर तुम लोग उसके कवच को तोड़ने में कामयाब हो गये तो फिर जल्लाद को हराना तुम्हारे लिए बहुत आसान होज़ायगा , उसका कवच ही है जो उसे बारे से बारे हमले से बचाता है अगर उसका कवच ही नहीं रहेगा तो वो अपने आप को बचाएगा केशे
गुरु धर्मानंद के कहे गये इसे बात का याद आ ही विराट समझ जाता है उसे क्या करना है , उसे किसी भी हाल में जल्लाद के कवच को तोड़ना है , इधर विराट सोचने में लगा हुआ था उधर सम्राट जल्लाद से लड़ने में
सम्राट अपने हाथ में पकड़े हुए ऊर्जा के गोलों को जल्लाद के ऊपर फेंक रहा था और जल्लाद अपने आप को बचाते हुए सम्राट के ऊपर अपने ऊर्जा के गोलों से वार कार रहा था और फिर एक गोला सीधा जाकर सम्राट को लगता है और सम्राट जाकर महेल के दीवार से टकरा जाता है और उसके बाद जल्लाद अपने शक्तियों को इकट्ठा करता है और अपने हाथ को काश लेता है इसे से उसके हाथ में फिरसे आग के ज्वाले उठने लगते हैं और वो हवा को नियंत्रण करने लगता है उसके बाद जल्लाद हवा को काबू में करके सम्राट को अपने तरफ खींच ने लगता है और सम्राट जल्लाद के तरफ खींचता हुआ चला आता है
सम्राट हिल भी नहीं परहा था और जब सम्राट खींचते हुए जल्लाद के पास पहुँच जाता है तब जल्लाद अपने जलते हुए मुट्ठी को कसके एक जोरदार मुक्का सम्राट को झड़ देता है और सम्राट हवा में उड़ते हुए जाकर दूर गिरता है
इसे बीच विराट सामने अचुका था और विराट तेजिसे आगे बढ़ता है और अपने तलवार को निकल लेता है और फिर कुछ मंत्र पढ़कर विराट अपने तलवार को जल्लाद के तरफ करके वार करता है इसे से विराट के तलवार से अनगिनत तेजधार चाकू और बहुत से छोटे छोटे धार धार तलवार निकलकर तेजिसे जल्लाद के तरफ तरफ जाते हैं
और जल्लाद सामने कूदके अपने आप को बचाने लगता है बहुत से चाकू और तलवार जल्लाद के शरीर को बिना लगे चले जाते हैं लेकिन कुछ चाकू और तलवार सीधे जाकर जल्लाद के शरीर से टकराते हैं वेशे जल्लाद का कुछ होता तो नहीं है पर जल्लाद का कवच इसे हमले से थोड़ा सा फट जाता है
और जब जल्लाद ये देखता है तो उसे बहुत गुस्सा आता है और वो तेजिसे विराट के तरफ बढ़ने लगता है लेकिन इसे से पहले जल्लाद विराट तक पहुँचता विराट फिरसे जल्लाद पे अपने तलवार से वार करदेता है और विराट के तलवार से फिरसे वो तेज धार चाकू और तलवार निकलकर जल्लाद के तरफ तरफ जाते हैं और जल्लाद उनसे अपने कवच को बचाने की कोशिश में लग जाता है
इसे बीच सम्राट भी वहाँ वापस अचुका था और ईश्वक़्त सम्राट पे भी शैतानी शक्तियों का प्रभाव थोड़ा सा कम हो चुका था इसलिए वो वहाँ आ ही विराट से पूछता है ये क्या हो रहा है
विराट सम्राट को ठीक हालत में देख खुश होता है और कहता है अपने शक्तियों को तैयार कर लो हमें सबसे पहले जल्लाद के कवच को तोड़ना है उसके बाद उसे हराना आसान होजएगा और उसके बाद दोनों भाई सम्राट और विराट दोनों मिलकर अपने अपने शक्तियों का इस्तेमाल करके जल्लाद के कवच पे हमले करने लगते हैं और जल्लाद अपने आप को और अपने कवच को बचाने की कोशिश करने लगता है लेकिन आख़िरकार दोनों भाइयों की मेहनत रंग लाती है और दोनों भाइयों का एक साथ हमला कामयाब रहता है
विराट के तलवार से निकले धार धार चाकू और तलवार और सम्राट की ऊर्जा शक्ति दोनों जाकर टकराते हैं जल्लाद के कवच से और देखते ही देखते जल्लाद का कवच टूट के बिखर जाता है ज़मीन पे और सम्राट का शरीर धीरे धीरे सूखने गलने लगता है
और फिर विराट आगे बढ़ता है और अपने तलवार को जल्लाद के सीने में घुसेड़ देता है और उसके बाद सम्राट अपने एक ऊर्जा के गोले को जल्लाद के शरीर पे फेंक देता है उसके बाद एक तेज विस्पोट के साथ जल्लाद के शरीर के चिथड़े उड़ जाते हैं और जल्लाद हमेशा हमेशा के लिए ख़ात्मा हो जाता है
जल्लाद के मौत के बाद अचानक वहाँ पे बहुत से काले ढुईं इकट्ठे होने लगते हैं , ये सारे काले ढुईं काली शक्तियाँ थी जो की अब तक जल्लाद के कंट्रोल में थी और जल्लाद के मरते ही उसके शरीर से आज़ाद हो चुकी थी
वो सभी काली शक्तियाँ धीरे धीरे सम्राट के तरफ बढ़ती हैं और देखते ही देखते वो सभी काली शक्तियाँ सम्राट में समा जाती हैं , विराट सिर्फ़ देखता ही रहजता है और वो सभी काली शक्तियाँ सम्राट के शरीर में समा जाती हैं और सम्राट के दिल को और भी काला करदेटी हैं
विराट आगे बढ़ता है और सम्राट को समझने की कोशिश करता है की वो इन सभी काली शक्तियों को अपने अंदर से निकल फेंकने की कोशिश करे लेकिन विराट के इन बातों का सम्राट पे कोई भी असर नहीं होता है क्योंकि सम्राट के दिलों दिमाग पे सिर्फ़ ुषवक़्त काली शक्तियाँ चाय हुई थी और सम्राट आगे बढ़ता है और एक तेज मुक्का विराट को झड़ देता है
इसे से विराट हवा में उड़ता हुआ जाता है और एक चट्टान से जा टकराता है , विराट फौरन उठ खड़ा होता है और सम्राट के तरफ बढ़ने की कोशिश करता है लेकिन जब तक विराट सम्राट तक पहुँचता तब तक सम्राट अपने नये काली शक्तियों के मदद से वहाँ से गायब हो जाता है
विराट सिर्फ़ अपना हाथ माल्टा रहजता है वो सम्राट को भागने से रोक नहीं पता है और आख़िर में विराट मायूस होकर गुरु धर्मानंद के आश्रम में लौट आता है , विराट गुरु धर्मानंद और बाकी सभी को वहाँ उस जंग में जो जो हुआ वो सब कुछ बता देता है
फिर गुरु धर्मानंद कहते हैं की सम्राट अब बदल चुका है और शायद ही वो कभी वापस अचाई के राषते पर लौट सके लेकिन गुरु धर्मानंद के इसे बात को विराट नहीं मानता है और कहता है , चाहे जो कुछ भी होजए लेकिन वो हार नहीं मानेगा वो सम्राट को ढूंढ. के उसे वापिस अचाई के रशे पे ला कर ही रहेगा
उस हाधसे के बाद विराट और हम सबने बहुत दिन , महीनों और सालों तक सम्राट के तलाश में मायवी दुनिया का छापा छापा छान मारा लेकिन हमें सम्राट कहीं भी नहीं मिला , सम्राट के ना मिलने से हम सब मायूस होकर वापिश अपने अपने स्टेट’से में लौट आए , राजकुमारी पद्मिनी अपने टूटे हुए दिल को लेकर परिलोक लौट गयी और में विराट और डर्कलॉर्ड हम तीनों वापिश गंडर लौट आए
जब हम सब सम्राट के तलाश में मायवी दुनिया के हर एक कोने को तलाश कार रहे थे उस वक्त सम्राट मायवी दुनिया के एक इसे इलाके में छुपा हुआ था जिसके बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते थे , सम्राट खून्नी जुंगेल के काले पहाड़ी पे छुपा हुआ था और अपने काली शक्तियों को अपने कंट्रोल में लानेकिी कोशिश कार रहा था और साथ में उन्न काली शक्तियों को बढ़ा भी रहा था और हर बिट्ट ते हुए दिन के साथ सम्राट अपने शक्तियों को और भी ज्यादा बढ़ता जा रही था
और जब सम्राट ने बहुत से काली शक्तियों को अपने कंट्रोल में कर लिया तब उसने अपने काली शक्तियों के मदद से अपने लिए एक खुदका स्टेट बनाया , काले पहाड़ी के उस तरफ एक नदी बहता था उस नदी के दूसरे तरफ एक बर्फीला पहाड़ी इलाका था , उस बर्फीले पहाड़ी इलाके को उसने अपने शक्तियों के मदद से एक स्टेट का रूप दे दिया और उसने अपने स्टेट का नाम रखा थे डेत वाली , और डेत वाली में सम्राट ने काली दुनिया के हर उस दरिंदे को रहने की जगह दी जो काली दुनिया से था और शैतानियत उसका धर्म था
और फिर सम्राट ने अपना खुदका एक शैतानी फौज भी बणलिया जिनका मक्षद सिर्फ़ एक ही था पूरे मायवी दुनिया के ऊपर शैतानियत का राज और इसे मक्षद को पूरा करने के लिए सम्राट को कुछ भरोसेमंद शती चाहिए थे जो वक्त आने पर उसके लिए अपनी जान भी देने से पीछे नहीं हॅट ते , इसे लिए एक रात सम्राट चुपके से अपना भेष बदल के गंडर में दाखिल हुआ और मुझसे और डर्कलॉर्ड से मिला और उसने हम दोनों को ये याद दिलाया की उसने हम दोनों की जान बचाई थी और हम दोनों ने उसे वादा किया था की हमेशा उसका साथ देंगे चाहे वो सही हो या गलत
और फिर उस वादे के वजह से में और डर्कलॉर्ड हम दोनों ना चाहते हुए भी सम्राट के साथ जुड़ गये उसके शैतानी मक्षद को पूरा करने के लिए , उसके बाद सम्राट ने मायवी दुनिया के हर एक छोटे बारे स्टेट’से पे हमला किया और जीता और जीतने के बाद सम्राट उस स्टेट को पूरी तरह से तबाह करदेता था , सम्राट को लोगों को मरते हुए देखना दूश्रों के खून से नहाना अच्छा लगने लगा था इसे लिए सम्राट ने एक शैतानी फैसला किया सम्राट जिस भी जंग को जीिट था उस जंग में जिन्न लोगों को बंदी बनाया जाता था उन्हें मारकर उसने डेत वाली के साफ नदी को कोन से भरने लगा देखते ही देखते कुछ ही महीनों में वो पूरा नदी खून से भर गयी और इसे तरह उस नदी का नाम थे रिवर ऑफ ब्लड पड़ गया सम्राट उस खून से भरे हुए नदी में रोजाना नहाया करता था
दिन बीए दिन सम्राट की शैतानियत और दरिंदगी बढ़ती ही जा रही थी और उसके इन दरिंदगिओं का शिकार मायवी दुनिया के बेकसूर और मासूम लोग बन रहे थे इसे लिए जो स्टेट सम्राट के आतंक से बच गये थे या फिर जिनकी बड़ी आई ही नहीं थी वो सब धीरे धीरे इकट्ठे होने लगे सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए और वो स्टेट’से थे , गंधर्व नगरी – स्टेट ऑफ हॉबैट’से – जंगल ऑफ WअरेWओल्फ’से और कुछ छोटे छोटे स्टेट’से
ये सारे स्टेट’से सम्राट के खिलाफ इकट्ठे हो तो गये थे लेकिन ये सभी जानते थे की इन सबका सम्राट के सामने कोई मुकाबला नहीं सम्राट की शैतानी फौज इन सबकी फौज को बारे ही आसानी से हरा शक्ति है इसलिए इन्हें एक इसे योढ़ा की जरूरत थी जिसके बाजुओं में धर्म की ताक़त हो और उसके तलवार में सचाई की धार और शा योढ़ा पूरे मायवी दुनिया में सिर्फ़ एक ही था और वो था गंडर का सहजादा विराट जो की सम्राट का जुड़वा भाई था और विराट अब गंडर का युवराज भी था
इन सभी स्टेट’से के राजा मिलकर गंडर गये और विराट से सम्राट के खिलाफ जंग लड़ने के लिए कहा क्योंकि पूरे मायवी दुनिया में विराट ही एक शा योढ़ा था जो सम्राट से टकरा सकता था और उसके शैतानी इरादों को रोक सकता था , लेकिन विराट ने इसे बात के लिए साफ तौरपे उन्न सभी राजाओं को मना कर दिया विराट ने कहा की वो अपने भाई के खिलाफ जंग नहीं लध सकता है क्योंकि वो अपने भाई से जान से भी ज्यादा प्यार करता है
बिना विराट के साथ के सम्राट के खिलाफ जंग में उतरे तो निश्चित ही उनकी हार पकिी थी
इसलिए अब सिर्फ़ उनके पास एक ही राष्टा था की वो सब केशे भी करके विराट को इसे जंग को लड़ने के लिए तैयार करे और विराट को शायद सिर्फ़ एक ही इंसान मना सकता था और वो थे गुरु धर्मानंद इसलिए सभी राजा मिलकर गुरु धर्मानंद के आश्रम के तरफ चालदीए
सभी राजाओं से उनकी परेशानी सुन ने के बाद गुरु धर्मानंद ने विराट को राजी करवाने की ज़िमेदारी अपने सर पे ले लिया और गंडर के तरफ रबाना हो गये
जब गुरु धर्मानंद विराट से मिले तब गुरु दरमानंद ने विराट को अपना सौगंध याद दिलाया की जब तक शरीर में आखिरी सांस होगी तब तक शैतानियत और अधर्म के खिलाफ लधता रहूँगा यही सौगंध लिया था ना तुमने विराट , तो अब क्या हो गया तुम्हें तुम अपना धर्म पालन क्यों नहीं कार रहे हो , गुरु धर्मानंद ने ये बात विराट से कही
जवाब में विराट ने कहा गुरु जी में केशे अपने जान से भी प्यारे भाई के खिलाफ जंग लध सकता हूँ में केशे अपने जान से भी प्यारे भाई को मर दम
विराट में समझ सकता हूँ की तुम अपने भाई से बहुत प्यार करते हो लेकिन तुम खुद ही सोचो क्या सम्राट अब तुम्हारा वही भाई है जो तुमसे बहुत प्यार करता था , नहीं विराट अब सम्राट वो सम्राट नहीं रहा जो दूश्रों के लिए जिया करता था जो सबकी जान बचाने के लिए अपने जान देने से भी पीछे नहीं हॅट था था , अब सम्राट बिलकुल शैतान बन चुका है जब तक सम्राट दूश्रों के खून से नहा नहीं लेता तब तक उसे नींद नहीं आती इसलिए ये जंग जरूरी है हम सबको मिलकर किसी भी हाल में सम्राट को रोकना होगा , ये बोलकर गुरु धर्मानंद ने अपनी बात खत्म की , उसके बाद विराट चुप ही रहा जिसका मतलब वो इसे जंग के लिए राजी था
उसके बाद सभी स्टेट’से मिलकर जंग की तैयारी में लग गये और ये खबर सम्राट तक भी पहुँच गयी थी लेकिन सम्राट इसे से बिलकुल भी परेशान नहीं था क्योंकि वो समझता था की जीिट उसकी ही होगी
और इसे बीच सम्राट से मिलने विराट और राजकुमारी पद्मिनी दोनों बड़ी बड़ी डेत वाली में गये थे और उन्न दोनों ने सम्राट को समझने की कोशिश भी की अब भी मौका है बुराई का रासता छोड़कर अचाई के राषते पे आ जाओ लेकिन सम्राट ने उन्न दोनों को मना कर दिया
इधर गुरु धर्मानंद ने सभी राजाओ को अपने पास बुलाया और ये बताया की सम्राट को हम इसे जंग में हरा तो सकते हैं लेकिन मर नहीं सकते , जब ये बात सबको पता चली तो सभी के होश उड़ गये क्योंकि बिना सम्राट को मारे उनकी जीिट नमुनकीन थी
फिर उन में से एक राजा ने पूछा , क्यों हम सम्राट को मर क्यों नहीं सकते हैं गुरु जी