insotter
Member
- 493
- 844
- 94
अगले दिन दोपहर को हम घर में बैठे थे, बाबूजी और बेटा टीवी देख रहे थे. मेरा मन उनके पास बैठने का बिलकुल नहीं था, क्योंकि बाबूजी मुझे बड़े अजीब ढंग से देखते थे और मेरे शरीर पर ही ध्यान रखते थे. मुझे यह सब ठीक नहीं लगता था. इसलिए मैं अपने कमरे में ही बैठी कुछ काम कर रही थी. थोड़ी देर बाद पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मन कर रहा था कि मैं किसी बहाने से जा कर बाबूजी के पास बैठ जाऊँ, आखिर थी तो मैं एक औरत ही, कहीं ना कहीं मुझे भी अच्छा लगता था कि एक मर्द मेरे ऊपर इस तरह लट्टू है.
![]()
कहीं दिल में था कि बाबूजी मुझे किसी बहाने से छेड़ें और वो मुझे अंदर ही अंदर अच्छा लगता था. पर अब मैं बैठी तो अपने कमरे में थी, तो किस मुंह से खुद जा कर उनके पास बैठ जाओं. मन बाबूजी के पास जाने का हो रहा था. जब वो मुझे देखते हुए अपना मोटा सा लण्ड मसलते थे तो एक अजीब सी एहसास होता था.
![]()
तभी गली में एक आइसक्रीम वाले की आवाज आई. मेरा बेटा तो आइसक्रीम का बहुत शौकीन है. मैं भी आइसक्रीम तो खुश होकर खाती हूँ. बाबूजी को भी यह पता है. आइसक्रीमवाले की आवाज सुन कर शायद मेरे बेटे ने बाबूजी से आइसक्रीम खाने के लिए कहा. बाबूजी को भी मुझे बुलाने का बहाना मिल गया. उन्होंने मुझे जोर से आवाज दी
"सुषमा! बहुरानी आओ आइसक्रीम वाला आया है, रोहित (मेरा बेटा) भी आइसक्रीम लेने लगा है. तुम भी आओ और आइसक्रीम लेलो."
![]()
मुझे आइसक्रीम से ज्यादा ख़ुशी बाबूजी की आवाज से हुई. मैं उठ कर बहार आ गयी.
बाबूजी ने सब के लिए आइसक्रीम ली. बेटे ने कुल्फी ली और जा कर टीवी के आगे बैठ कर टीवी देखने और कुल्फी खाने लगा.
मैंने आइसक्रीम का डिब्बा लिया.
![]()
बाबूजी ने मुझे कहा
"बहुरानी! यह तुम ने क्या ले लिया. मैं तो तुम्हे एक बड़ी सी चॉकोबार खिलाना चाहता हूँ. यह आइसक्रीम तो मुझे पसंद है."
चॉकोबार कहते हुए बाबूजी मेरी आंखो में आंखे डाल कर एक हाथ से अपना लौड़ा सहलाने लगे. उनका लौड़ा तो मुझे देख कर ही खड़ा होने लग गया था.
![]()
![]()
मैं समज गहि कि बाबूजी किस चॉकोबार को मुझे खिलाने की बात कर रहे थे. मैं शर्मा गयी और कुछ नहीं बोली. बाबूजी कहाँ चुप रहने वाले थे वो फिर मुझे छेड़ते हुए बोलने लगे
"सुषमा! मैं तो तुम्हे बड़ा सा चॉकोबार चूसने को देना चाहता हूँ. औरतों को कुल्फी या आइसक्रीम की बजाए चॉकोबार ज्यादा अच्छा लगता है. तुम्हारी सास को भी मैं रोज चॉकोबार ही चूसने को देता था और वो रोज बड़े मजे से चॉकोबार लेती थी. एक दिन भी वो इसके बिना नहीं रहती थी. तुम्हारी सास तो जब तक पूरी चॉकोबार को मुंह में पूरा अंदर ले कर न चूस ले उसे तो नींद ही नहीं आती थी. तुम यह आइसक्रीम छोडो और एक बार चॉकोबार चूस कर देखो."
![]()
![]()
उनकी आँखों की शरारत और एक हाथ से लण्ड सहलाने से यह तो साफ़ था कि बाबूजी मुझे अपनी चोकोबार चुसवाना चाहते हैं. बाबूजी की दो अर्थी बातों से मुझे भी कुछ कुछ अच्छा लगने लगा था. साला बुड्ढा जरा सा मौका मिलते ही दो अर्थी बातें शुरू कर देता है और उसका लण्ड भी देखो कैसे एकदम से अकड़ जाता है. मेरे शराबी पति का लौड़ा तो कितनी देर लगा कर खड़ा होता था.
![]()
पर मैं बाबूजी की बातों का क्या जवाब देती. पर थोड़ा शरारत करते और मजा लेते मैं बोली
"बाबूजी! आपका बेटा (मेरा पति) तो मुझे कभी चॉकोबार नहीं देता. कभीकभार मुझे चॉकोबार चूसने को देते हैं पर छोटी सी चॉकोबार 2 मिनट में ही मुंह में पिघल जाती है. बिलकुल मजा नहीं आता. सासुमां को क्या आइसक्रीम पसंद नहीं थी?, जो आप उसे चॉकोबार देते थे?"
![]()
अब मैं भी उनकी दो अर्थी बातों में आनंद ले रही थी, मेरी आँखों में जो शरारत की एक चमक थी उस से बाबूजी समज गए कि मैं मजे ले रही हूँ और नाराज नहीं हूँ. उधर मेरा बेटा तो अपनी कुल्फी और टीवी में ही मस्त था. तो वो भी बात को आगे बढ़ाते हुए बोले
"अरे बेटी! तुम्हारी सास को तो चॉकोबार ही अच्छी लगती थी. और मैं भी उसे छोटी सी नहीं बल्कि बढ़िया और कम से कम 8 इंच बड़ी और ४ इंच मोटी बड़ी सी चॉकोबार चूसने को देता था.
![]()
तुम्हारी सास मजे ले ले कर चूसती थी, वो तो पूरी चॉकोबार को मुंह में ले लेती थी, इतनी मोटी चॉकोबार चूसने के लिए उसे पूरा मुंह खोलना पड़ता था. वो कम से कम 20 मिनट तक जोर जोर से चूसती थी तब कहीं चॉकोबार उसके मुंह में पिघल कर रस छोड़ती थी."
![]()
![]()
बाबूजी ने अपने लौड़े का साइज इशारे से बता दिया था. मेरे पति का लंड तो मुश्किल से 5 इंच का था और इतना मोटा भी नहीं था. मुझे बाबूजी के अपने लण्ड को सहलाने से इतना तो आईडिया था कि उनका लौड़ा मेरे पति से बड़ा है पर उनका साइज इतना बड़ा है तो मैं तो हैरान ही हो गयी, और मेरे मुंह से अपने आप निकल गया
![]()
"बाबूजी इतना बड़ा? हे राम. सासुमा कैसे मुंह में ले पाती होंगी इतनी बड़ी चॉकोबार? और 20 मिनट तक चूसती थी, उन्हें तो बहुत मजा आता होगा. आप झूठ बोल रहे हैं."
मेरे थोड़ा खुलने से बाबूजी भी खुश हो गए और बोले
![]()
"लो. मैं कोई तुमसे झूठ थोड़े ही बोलूंगा. तुम जब चाहो तब मैं तुम्हे भी चॉकोबार चुसवा दूंगा. तुम एक बार हाँ तो करो. तुम्हारी सास को चॉकोबार बहुत अच्छा लगती थी, तुम्हे भी बहुत पसंद आएगी. जब तुम्हारी सास चॉकोबार चूसती थी तो मैं आइसक्रीम चाटता था."
![]()
![]()
मैं भी अब थोड़ा खुल कर बोलने लगी थी, मैंने कहा
"आप को आइसक्रीम पसंद है? बाबूजी?"
![]()
बाबूजी मेरी आँखों में आँखें डालते और उसी तरह अपने लण्ड को खुजलाते बोले
"हाँ बहुरानी ! मैं तो आइसक्रीम चाटता था. कई बार पहले तुम्हारी सास चॉकोबार चूसती और फिर मैं आइसक्रीम चाटता था और कई बार हम इकठे ही करते यानि उधर जब वो चॉकोबार चूसती तो इधर मैं आइसक्रीम चाट ता था.
![]()
मैं तो सदा आइसक्रीम में पूरी जीभ घुसा कर चाटता था. आइसक्रीम चाटने का तो मजा ही तब है जब पूरी जीभ आइसक्रीम के अंदर डाल दी हो और खूब अच्छी तरह से चाट चाट कर खाया जाए. अक्सर मेरा मुंह नाक और होंठ आइसक्रीम के रस से भर जाते थे,
![]()
पर मैं अच्छी तरह से ही आइसक्रीम चाट ता था. मेरे गीले मुंह को देख कर तुम्हारी सास हंसती थी पर उसे भी मेरा आइसक्रीम चाटना बहुत पसंद था. मैं तो तब तक आइसक्रीम चाटता रहता था, जब तक सारी आइसक्रीम ख़तम न हो जाये. तुम्हारा पति भी तो ऐसे ही आइसक्रीम खाता होगा ना ?"
![]()
बात चीत बहुत मादक और सेक्सी हो गयी थी, मेरी चूत से पानी चू रहा था. लगता था मेरा पानी चूत से बाहर बह कर मेरी टांगों पर आ रहा था. मन कर रहा था कि अपनी चूत जोर से खुजला लू और उसमे ऊँगली डाल लूँ पर सामने ससुर जी खड़े थे.
![]()
हम दोनों ही कोई बच्चे तो थे नहीं तो दोनों को क्लियर था कि किस चॉकोबार और किस आइसक्रीम की बात हो रही है. अब सरेआम उन्होंने मुझसे मेरी चूत की चटवाई का पूछ लिया तो मैं भी अपना दुःख उन्हें बतलाते हुए बोली
"बाबूजी! क्या बताऊँ आपके बेटे को तो आइसक्रीम चाटना बिलकुल भी पसंद नहीं है. जैसे आप बता रहे हैं उन्होंने तो कभी भी इस तरह आइसक्रीम नहीं खाई."
![]()
बाबूजी गुस्सा दिखाते बोले
"पागल है साला. आइसक्रीम चाटना तो उसका फर्ज बनता है, उसकी जगह मैं होता तो रोज तुम्हे चॉकोबार चूसने को देता और रोज जी भर के आइसक्रीम चाटता। कोई बात नहीं तुम चाहो तो मैं तुम्हारी यह कमी पूरी कर दूंगा."
बाबूजी ने अब खुले रूप से मुझे लण्ड चूसने और अपनी चूत चटवाने का इशारा कर दिया था.
![]()
मुझे बहुत शर्म आ रही थी, मैं बोलती तो बोलती भी क्या?
बस चुप चाप मुस्कुराती खड़ी रही और बाबूजी के हाथ से चॉकोबार पकड़ कर अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी और अपने हाथ की आइसक्रीम का डिब्बा उन्हें दे दिया. बाबूजी ने जब मुझे चॉकोबार चूसते देखा तो उनके चेहरे पर ख़ुशी की चमक आ गयी. वो समझ गए की इशारे से उनकी बहु ने उनकी चॉकोबार (लौड़ा) चूसने की हामी भर ली है,
![]()
![]()
बाबूजी ने भी तुरंत आइसक्रीम का डिब्बा खोला और अपनी पूरी जीभ उसमे घुसेड़ दी और जीभ को आइसक्रीम में घुमा घुमा कर चाटने लगे. आइसक्रीम चाटते हुए उनकी आँखें मेरे चेहरे पर ही टिकीं थी, मानो वो मुझे समझा रहे हो कि इस तरह वो मेरी चूत में पूरी जीभ डाल कर उसे चाटना चाहते हैं.
![]()
शर्म से मेरा मुंह लाल हो गया था. मुझ से अब बाबूजी के सामने खड़ा नहीं हुआ जा रहा था. मैं चुपचाप चॉकोबार चूसती हुई और बाबूजी को देख कर मुस्कुराती हुई अपने कमरे की ओर भाग गयी और दौड़ कर कमरे में चली गयी और अंदर जा कर कमरा बंद कर लिया..
मेरा सारा बदन कामुकता से कांप रहा था. मेरी सांस धौकनी जैसे चल रही थी, काफी देर बैठ कर मैंने अपने आप को संयत किया और लेट गयी.
सारी रात मुझे बाबूजी के ही सपने आते रहे.
![]()
बहुत ही उत्तेजना से भरी अपडेट थी मित्र इसी तरह धीरे धीरे मिलन होने देना कोई जल्दी नहीं है। Slow and steady movement