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समीना सोच में डूब गयी और उसके हाथ से पर्दा छूट गया। विक्की अब एक दम पास से टॉवल में लिपटी समीना को देखने लगा। टॉवल काफी छोटा था, बड़ी मुश्किल से समीना की जाँघों से शुरू हो कर उसके मम्मों के ऊपर तक आया था। समीना का कमसिन गीला जिस्म, टॉवल के ऊपर से झाँक रहे मम्मे, उसकी गोरी टाँगें, उसका हुस्न देख कर विक्की का लंड लूँगी में उछलने लगा। समीना के सीने पे नज़र गड़ा कर वो बोला, “बोल मैं कैसे मदद करूँ तेरी? वार्डरोब तोड़ डालूँ क्या तेरे लिये?”
समीना को विक्की की बात और नज़र से ख्याल आया कि वो टॉवल में विक्की के सामने खड़ी है पर अब वो बिना झिझक उसी हाल में रूम में घूमते हुए सोचने लगी। कमरे में घूमते वक्त उसकी नज़र विक्की के तने हुए लौड़े पर पड़ी। वो विक्की के लंड की तरफ़ देख कर बोली, “नहीं... नहीं वार्डरोब ना तोड़ो… लेकिन कुछ सोचो ना।” समीना की नज़र अपने लंड पर देख कर अंजान बन कर विक्की अपने पैर थोड़े और खोलते हुए बोला, “एक काम कर सकते हैं अगर तू हाँ बोले तो। चाहे तो मेरी शॉट्र्स और बनियान पहन सकती है तू।” विक्की को अजीब नज़रों से देखते हुए समीना बोली, “क्या आपकी शॉट्र्स और बनियान पहनूँ मैं?”
समीना के पास जा कर विक्की बोला, “हाँ, क्यों? कोई प्रॉब्लम है तुझे? या तुझे इस टॉवल में ही रहना है समीना?” समीना ज़रा सोच कर बोली, “पर... वो मैं... ठीक है दे दो अपनी शॉट्र्स और बनियान मुझे।” समीना का हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले जा कर विक्की ने उसे एक दम छोटा बनियान और छोटी सी शॉट्र्स दी। समीना शॉट्र्स और बनियान देख कर दंग हो गयी। शॉट्र्स पे जगह-जगह दाग लगे थे और बनियान भी बड़ी छोटी साइज़ का था। दोनों कपड़े देख कर समीना बोली, “ये कपड़े? ये शॉट्र्स तो बिकिनी से भी छोटी है, बनियान कितना छोटा और टाइट है।”
विक्की समीना के हाथ से कपड़े ले कर बिस्तर पर फ़ैलाते हुए बोला, “अब हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है, देख कम से कम इससे तेरे बदन पे कपड़े तो होंगे ना? भले ये कपड़े छोटे हैं पर तेरी इस टॉवल से अच्छे हैं, चल वो शॉट्र्स और बनियान पहन ले जल्दी।
और कोई रास्ता नहीं था तो समीना कपड़े उठाने के लिये झुकी। जैसे ही वो झुकी, उसका टॉवल खुल गया। समीना ने झट से टॉवल से वापस अपना जिस्म ढक लिया पर तब तक उसने विक्की को अपने नंगे जिस्म का पूरा नज़ारा दिखा दिया था। वो टॉवल बाँध कर, कपड़े उठा कर ज़रा शर्माते हुए बोली, “उफ्फ, इस टॉवल को भी अभी गिरना था क्या? पर अब ठीक है... क्या करें? ये कपड़े तो पहनने ही पड़ेंगे... नहीं तो टॉवल बार-बार खुलेगा। लेकिन यह दाग धब्बे कैसे हैं इस शॉट्र्स पर?” समीना के पूरे नंगे जिस्म की झलक देख कर विक्की का लंड और तन गया। होंठों पे जीभ घुमा कर मुस्कुराते हुए वो समीना के पास आ कर टॉवल की गाँठ पक्की करते हुए बोला, “वो दाग काहे के हैं... बाद में बताऊँगा तुझे, पर एक बात अभी सुन, तू बिना कपड़ों के बड़ी मस्त दिखती है, दिल करता है तेरा टॉवल बार-बार निकल जाये ।” विक्की की बात से समीना एक दम फीकी पड़ गयी और शरमा कर अपने रूम में कपड़े लेकर दौड़ गयी। दरवाज़ा बंद करके बिना लॉक किये वो टॉवल निकाल कर विक्की के दिये हुए कपड़े पहनने लगी। सिर्फ़ दो कपड़ों में वो खुद को आइने में देख कर शर्माते हुए फिर बाहर आयी।
समीना को विक्की की बात और नज़र से ख्याल आया कि वो टॉवल में विक्की के सामने खड़ी है पर अब वो बिना झिझक उसी हाल में रूम में घूमते हुए सोचने लगी। कमरे में घूमते वक्त उसकी नज़र विक्की के तने हुए लौड़े पर पड़ी। वो विक्की के लंड की तरफ़ देख कर बोली, “नहीं... नहीं वार्डरोब ना तोड़ो… लेकिन कुछ सोचो ना।” समीना की नज़र अपने लंड पर देख कर अंजान बन कर विक्की अपने पैर थोड़े और खोलते हुए बोला, “एक काम कर सकते हैं अगर तू हाँ बोले तो। चाहे तो मेरी शॉट्र्स और बनियान पहन सकती है तू।” विक्की को अजीब नज़रों से देखते हुए समीना बोली, “क्या आपकी शॉट्र्स और बनियान पहनूँ मैं?”
समीना के पास जा कर विक्की बोला, “हाँ, क्यों? कोई प्रॉब्लम है तुझे? या तुझे इस टॉवल में ही रहना है समीना?” समीना ज़रा सोच कर बोली, “पर... वो मैं... ठीक है दे दो अपनी शॉट्र्स और बनियान मुझे।” समीना का हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले जा कर विक्की ने उसे एक दम छोटा बनियान और छोटी सी शॉट्र्स दी। समीना शॉट्र्स और बनियान देख कर दंग हो गयी। शॉट्र्स पे जगह-जगह दाग लगे थे और बनियान भी बड़ी छोटी साइज़ का था। दोनों कपड़े देख कर समीना बोली, “ये कपड़े? ये शॉट्र्स तो बिकिनी से भी छोटी है, बनियान कितना छोटा और टाइट है।”
विक्की समीना के हाथ से कपड़े ले कर बिस्तर पर फ़ैलाते हुए बोला, “अब हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं है, देख कम से कम इससे तेरे बदन पे कपड़े तो होंगे ना? भले ये कपड़े छोटे हैं पर तेरी इस टॉवल से अच्छे हैं, चल वो शॉट्र्स और बनियान पहन ले जल्दी।
और कोई रास्ता नहीं था तो समीना कपड़े उठाने के लिये झुकी। जैसे ही वो झुकी, उसका टॉवल खुल गया। समीना ने झट से टॉवल से वापस अपना जिस्म ढक लिया पर तब तक उसने विक्की को अपने नंगे जिस्म का पूरा नज़ारा दिखा दिया था। वो टॉवल बाँध कर, कपड़े उठा कर ज़रा शर्माते हुए बोली, “उफ्फ, इस टॉवल को भी अभी गिरना था क्या? पर अब ठीक है... क्या करें? ये कपड़े तो पहनने ही पड़ेंगे... नहीं तो टॉवल बार-बार खुलेगा। लेकिन यह दाग धब्बे कैसे हैं इस शॉट्र्स पर?” समीना के पूरे नंगे जिस्म की झलक देख कर विक्की का लंड और तन गया। होंठों पे जीभ घुमा कर मुस्कुराते हुए वो समीना के पास आ कर टॉवल की गाँठ पक्की करते हुए बोला, “वो दाग काहे के हैं... बाद में बताऊँगा तुझे, पर एक बात अभी सुन, तू बिना कपड़ों के बड़ी मस्त दिखती है, दिल करता है तेरा टॉवल बार-बार निकल जाये ।” विक्की की बात से समीना एक दम फीकी पड़ गयी और शरमा कर अपने रूम में कपड़े लेकर दौड़ गयी। दरवाज़ा बंद करके बिना लॉक किये वो टॉवल निकाल कर विक्की के दिये हुए कपड़े पहनने लगी। सिर्फ़ दो कपड़ों में वो खुद को आइने में देख कर शर्माते हुए फिर बाहर आयी।