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जब तूफ़ान शाँत हुआ तो दोनों ढीले पड़ गये। दोनों के जिस्म पसीने से लथपथ थे। धीरे-धीरे साँसें शाँत होने लगी। वो एक दूसरे से कुछ बोल नहीं रहे थे... बस हल्के किस करते हुए एक दूसरे का जिस्म सहला रहे थे। फिर विक्की ने अपना लंड समीना की चूत से निकाला और अपने बनियान से समीना की चूत साफ़ करके अपना लंड साफ़ किया। समीना दर्द से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी तो विक्की उसे खड़ा करके बाथरूम ले गया और गरम पानी से उसकी चूत सेंकी।
दोनों आ कर हॉल में बैठे तो विक्की ने समीना द्वारा पहनी उसकी शॉट्र्स उठा कर उसको देते हुए कहा, “समीना यह शॉट्र्स पे दाग कैसे... तू पूछ रही थी ना, तो सुन, जब तेरा बाप घर पर होता है तब तेरी अम्मी मेरा लौड़ा चूसती थी। एक-दो बार ऐसा हुआ कि ठीक झड़ने के वक्त तेरे बाप की आहट सुनने से तेरी अम्मी लौड़ा छोड़ देती और मैं लंड शॉट्र्स में डालने की कोशिश करता पर तब तक लंड झड़ जाता था। तेरी अम्मी भी इतनी चुदक्कड़ है कि मुझे कहा कि जब मैं शॉट्र्स में झड़ जाऊँ तब मैं शॉट्र्स ना धोऊँ ताकि बाद में तेरी माँ मेरी शॉट्र्स चाट सके और इसी वजह से यह दाग है।” अपनी अम्मी की करतूत सुन कर समीना भी खुश हुई और उसने विक्की कि शॉट्र्स पहन ली पर ऊपर नंगी ही थी।
करीब आधे घंटे बाद सबरीना घर आयी। दरवाजा खोल कर उसने देखा कि विक्की और समीना दोनों शॉट्र्स में बैठे बातें कर रहे थे। सबरीना समझ गयी कि विक्की ने समीना का काम तमाम कर दिया था। जैसे ही सबरीना उनके पास आयी, विक्की ने उसे खींच कर अपनी गोद में ले लिया और चुमने लगा। माँ-बेटी के सामने एक दूसरे का राज़ खुल गया था इसलिये दोनों बेशर्म बनी रहीं। सबरीना को चूमने के बाद विक्की उनके बीच में बैठ गया और माँ-बेटी के मम्मों से खेलते हुए बोला, “सबरीना अब तुझे और समीना को तो चोद डाला पर तेरी वो दूसरे बेटी और मेरी समीना जान की जुड़वाँ बहन को कब और कैसे चोदुँगा?”
सबरीना के कुछ जवाब देने के पहले समीना ने विक्की का लंड पकड़ते हुए कहा, “विक्की, ज़हरा को घर आने में अभी २ महीने हैं, तब तक हम कोई प्लैन सोच लेंगे। लेकिन तब तक आप अम्मी को और मुझे चोदो ना, ज़हरा जब आयेगी तब देखेंगे क्या करना है।”
समीना की हर्कत पर खुश हो कर विक्की ने उसे बांहों में ले लिया और माँ-बेटी के साथ खेलने लगा।
दोनों आ कर हॉल में बैठे तो विक्की ने समीना द्वारा पहनी उसकी शॉट्र्स उठा कर उसको देते हुए कहा, “समीना यह शॉट्र्स पे दाग कैसे... तू पूछ रही थी ना, तो सुन, जब तेरा बाप घर पर होता है तब तेरी अम्मी मेरा लौड़ा चूसती थी। एक-दो बार ऐसा हुआ कि ठीक झड़ने के वक्त तेरे बाप की आहट सुनने से तेरी अम्मी लौड़ा छोड़ देती और मैं लंड शॉट्र्स में डालने की कोशिश करता पर तब तक लंड झड़ जाता था। तेरी अम्मी भी इतनी चुदक्कड़ है कि मुझे कहा कि जब मैं शॉट्र्स में झड़ जाऊँ तब मैं शॉट्र्स ना धोऊँ ताकि बाद में तेरी माँ मेरी शॉट्र्स चाट सके और इसी वजह से यह दाग है।” अपनी अम्मी की करतूत सुन कर समीना भी खुश हुई और उसने विक्की कि शॉट्र्स पहन ली पर ऊपर नंगी ही थी।
करीब आधे घंटे बाद सबरीना घर आयी। दरवाजा खोल कर उसने देखा कि विक्की और समीना दोनों शॉट्र्स में बैठे बातें कर रहे थे। सबरीना समझ गयी कि विक्की ने समीना का काम तमाम कर दिया था। जैसे ही सबरीना उनके पास आयी, विक्की ने उसे खींच कर अपनी गोद में ले लिया और चुमने लगा। माँ-बेटी के सामने एक दूसरे का राज़ खुल गया था इसलिये दोनों बेशर्म बनी रहीं। सबरीना को चूमने के बाद विक्की उनके बीच में बैठ गया और माँ-बेटी के मम्मों से खेलते हुए बोला, “सबरीना अब तुझे और समीना को तो चोद डाला पर तेरी वो दूसरे बेटी और मेरी समीना जान की जुड़वाँ बहन को कब और कैसे चोदुँगा?”
सबरीना के कुछ जवाब देने के पहले समीना ने विक्की का लंड पकड़ते हुए कहा, “विक्की, ज़हरा को घर आने में अभी २ महीने हैं, तब तक हम कोई प्लैन सोच लेंगे। लेकिन तब तक आप अम्मी को और मुझे चोदो ना, ज़हरा जब आयेगी तब देखेंगे क्या करना है।”
समीना की हर्कत पर खुश हो कर विक्की ने उसे बांहों में ले लिया और माँ-बेटी के साथ खेलने लगा।
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