Not Ragini it's Jangi ne Shalini koBehatareen
Behatareen update mitra, Raj ne Rina ko pela to Jangi ne Ragini ko, ab Dekhna hai ye do naye jode kya kya karte hain. Kaunsi film banti hai ya dikhai jaati hai..
Aage ka intezar
3-4 chodo hafte mein 2 update bhi ajaye toh bohut hai Kam se Kam ye us sunhereh din ki umeed toh rahegi jis din anuj Apni ma ko chodega sonal Apne baap se raj anuj rangi sonal ragini sab sath honge aur Baki ek bada orgy par dis hisab se writer likha Raha wo din abhi bhi dur hai aur Jo update k speed hai pata nahi kab Hoga 196 update ho chuke agar hum Kuch update k A B C pakde toh aur jyada pehla foursome Wala update Aya 172 k Baad toh Raj anuj ragini sonal rangi ka kitne update mein Hoga in sab ka chodo kamse Kam anuj ragini ka kab Hoga Kya pataMazedaar update Bhai... waiting more..... Bhai aapne kaha tha week main 3-4 update aayega uska kya hua....yaaa Naya boss strict nikla....
MaafiNot Ragini it's Jangi ne Shalini ko
Kya ?Shi h bhai
मेरा क्या है Rinkp219 भाईMazedaar update Bhai... waiting more..... Bhai aapne kaha tha week main 3-4 update aayega uska kya hua....yaaa Naya boss strict nikla....
आपके लिए इतना कहुन्गा3-4 chodo hafte mein 2 update bhi ajaye toh bohut hai Kam se Kam ye us sunhereh din ki umeed toh rahegi jis din anuj Apni ma ko chodega sonal Apne baap se raj anuj rangi sonal ragini sab sath honge aur Baki ek bada orgy par dis hisab se writer likha Raha wo din abhi bhi dur hai aur Jo update k speed hai pata nahi kab Hoga 196 update ho chuke agar hum Kuch update k A B C pakde toh aur jyada pehla foursome Wala update Aya 172 k Baad toh Raj anuj ragini sonal rangi ka kitne update mein Hoga in sab ka chodo kamse Kam anuj ragini ka kab Hoga Kya pata
Mast UpdateUPDATE 196 B
अमन के घर
पलंग के हेडबोर्ड की टेक लिये सोनल निशा से कुछ नमकीन बातें कर रही थी कि तभी कमरे मे अमन दाखिल हुआ और निशा ने चैट बन्द कर मोबाइल स्क्रीन ऑफ करते हुए नजरे उठा कर सामने देखा तो अमन कमरे मे आ गया था
आस्तीन के बटन खोलकर उपर करता हुआ अमन मुस्कुरा कर उसकी ओर देखा तो सोनल भी लाज के मारे नजरे नीची कर मुस्कुरा दी ।
अमन - खाना खाई तुम
सोनल धीरे से मुस्कुरा कर - हम्म , आपकी भाभी लाई थी ।
अमन बिस्तर की ओर बढ़ता हुआ किनारे बैठ कर उसकी ओर देखा - फिर तो पक्का पेट भर ही गया होगा हिहिही दुलारी भाभी जब आई थी
सोनल - क्यू ! आपका नही भरा
अमन मुस्कुरा कर - मेरा पेट तो पापा ने लेक्चर देके ही भर दिया ।
सोनल उत्सुक होकर - कैसा लेक्चर ?
अमन हस कर - अरे कुछ नही , वही जो हर सुहागरात पर दूल्हे को मिलता है हाहाहाह मुझे मेरे पापा ने दिया ।
सोनल थोड़ी सी शर्माइ और हसी को होठों मे दबाती हुई मुस्कुरा दी ।
अमन - क्यू तुम्हे नही दिया मम्मी जी ( रागिनी) ने
सोनल लाज से गाढ़ होती हुई - धत्त नही
अमन थोड़े शरारती लहजे मे - अरे फिर हमारी सुहागरात कैसे होगी , सासु मा ने कुछ सिखाया पढाया नही जब
सोनल अमन की बात पर शर्मा कर हसती हुई - बक्क चुप रहो आप ! आपको पापा जी ( मुरारीलाल ) ने बताया है ना हिहिहिही
अमन एक गहरी आह भरता हुआ दोनो पैर उपर कर पालथी मारता हुआ सोनल के करीब बैठ कर - हा भाई , पापा ने तो जैसे सब खुल कर समझाया है मुझे
सोनल - मतलब ?
अमन हस कर - अरे सख्त आदेश हुआ है कि आज नाड़ा ढीला नही होना चाहिये हाहाहाह
सोनल अमन की बात पर मुह निचे किये हुए होठ भितर कर हसने लगी
अमन खसक कर उसके करीब होता हुआ - सच सच बताओ , कुछ भी नही बोली सासु मा इस बारे मे ।
सोनल हस कर - नही बाबा हिहिहिही , हा रीना भाभी अलबतक समझा रही थी ।
अमन - क्या ?
सोनल - यही कि ससुराल मे सुबह जल्दी उठना चाहिए , सास ससुर की सेवा करना चाहिए, चाय नासता सब टाईम पर हो
अमन मुह बिचका कर - क्या! यही सब ?
सोनल - हा तो ! और उन्हे क्या बताना चाहिए था
सोनल होठ दबा कर हसने लगी , अमन उसका मजाक समझ गया तो वो भी हस दिया
दोनो हस रहे थे कि अमन ने सोनल के हाथ के उपर से अपने हाथ रख दिये और सोनल चुप हो गयी ।
उसकी सासे उखड़ने लगी , जिस्म मे कपकपी सी उठने लगी ।
अमन का कलेजा भी जोरो से धड़क रहा था । हाथ पकड़े हुए वो भी नजर उठा कर सोनल की ओर देखता है
उसकी आंखे बन्द थी और चेहरे पर गर्मी चढ रही थी , होठ पर हल्की कपकफाहट सी थी ।
अमन उसके गोल सुन्दर चेहरे को देख कर खुश हो रहा था और उस्का दिल जोरो से उछल रहा था ।
हाथ बढा कर उसने सोनल के बाये गाल को छुआ और सोनल मानो उधर ही लुढक ही गयी हो , अमन के हाथो के स्पर्श से उसके जिस्म मे सनसनी सी फैल गयी, बदन की गर्मी भीतर से बढ़ रही थी जबकि उपरी हिस्से मे ठंडक सी हो रही थी
सिहरन ने सोनल के जिस्म के रोम रोम खिला दिये थे ।
अमन के हथेली मे अपने गाल और बाए गरदन के कुछ हिस्से घुमाती हुई सोनल अपने भीतर एक गुदगुदी सी मह्सूस कर मुस्कुरा देती है ।
उसके चेहरे पर चढ़ती खुमारी को देख कर अमन आगे लपक कर उसके दाहिये गाल को चूम लेता है और सोनल की मुस्कुराहट बड़ी हो जाती है ।
अमन अपने पैरो की स्थिति को बदलता हुआ कमर के उपर के बदन को खड़ा कर बाये हाथ से उसकी पीठ पर हाथ रख कर उसको अपनी ओर खिंचता हुआ उसके चेहरे को अपनी ओर करता है ।
सोनल अपनी कजरारी आंखो से उसकी आंखो मे देखती है और मुस्कुराने लगती है ।
अमन उसके बाये गाल को चुमता हुआ उसके कान से झुमके निकाल देता है और उसके नरम मुलायम कान को होठों मे भर कर दाँत गड़ाता है, जिससे सोनल सिस्क पड़ती है
सोनल - सीईईई उम्म्ंम क्या करते हो , बात करो ना
अमन मुस्कुरा कर उसके गरदन को चूमते हुए दाये तरफ से पीछे की ओर जाने लगता है और फिर उसके दाये कान के झुमके भी उतारता हुआ - इतने दिन तो सिर्फ बातें ही तो हुई है
सोनल शर्मा कर - धत्त उम्म्ंम्ं आह्ह
अमन पीछे से उसके डीप बैक वाली ब्लाऊज के बार्डर के पास सोनल की गोरी चिकनी पीठ पर हाथ फेरता है और गरदन के ठिक निचे हारों के गाठ के पास चूमने लगता है ।
सोनल का शरीर अकड़ने लगता है और अमन हौले से उसकी पीठ को चूमता हुआ उस्के गले से हार को खोल कर आगे सरका देता है
हार सरकर लड़ियों सहित सोनल के ब्लाउज के गले मे आगे फस कर लटक जाता है
सोनल - धत्त बदमाश , देखो ये अटक गया
अमन आगे होकर - कहा , दिखाओ जरा
सोनल शर्मा कर घूम गयी - नहीई हिहिहिही
फिर खुद से उसको अपने ब्लाउज से निकालने लगी , मगर उसके लहगे के ब्लाऊज पर पहले ही जरी वाला महिन काम हुआ था उसपे से चुन्नी खिचने का डर था
अमन मुस्कुरा कर - लाओ बाबा मै निकाल देता हु
सोनल मुस्कुराती हुई - ऊहु , नहीईई
अमन - अरे लाओ मै आराम से निकाल दू कढाई खुल जायेगा ब्लाउज का
सोनल हार कर शर्माते हुए उसकी ओर घूमी - लेकिन कोई शरारत नही , ओके
अमन ने मुस्कुरा कर उसकी ओर देख कर बिना कुछ बोले सहमती दी और फिर उसके कन्धे से चुन्नी का पिन हटा कर सरका दिया और थोड़ा कोसिस किया मगर वो हार के कुछ गोल्ड लरिया अन्दर की ओर उलझी हुई थी ।
उसने एक नजर सोनल की ओर देखा जो उसे ही निहार रही थी , दोनो मुस्कराये और अमन के सोनल के ब्लाउज के गले मे आगे से दो उंगली डाली
उंगलियों का स्पर्श सोनल को रोमांचित कर गया , उसकी सासे फिर से चढने लगी,
अमन ने उंगली डाले हुए ब्लाउज का हिस्सा आगे खींचा , सामने सोनल के 34B के मोटी गोलाई वाले दो सुन्दर गोरे चुचे ब्लाऊज मे भरे हुए सास ले रहे थे और उनकी चर्बीदार घाटी देख कर अमन का गल सुखने लगा ।
सोनल अमन की बेताबी से बखूबी परिचित थी , वो बस उसपे हसे जा रही थी अपने होठ भीतर किये हुए
वही अमन ने एक उंगली डाल कर वो हार निकाल लिया और फिर ब्लाउज को आगे खिंच कर भीतर उसकी मोटी चुचियों की गहरी घाटी निहारने लगा ।
सोनल मुस्कुरा कर - अब क्या देख रहे हो , हो गया ना !
अमन शरारत भरे लहजे मे - देख रहा हु , सोने की एक आध लरी छूट तो नही गयी भीतर
सोनल उसको धकेलती हुई - धत्त हटो अब हिहिहिही
अमन पीछे की ओर बिस्तर पर गिर गया हस्ता हुआ उसकी ओर देखने लगा , तभी उसके जेब मे मोबाइल रिंग हुआ
सोनल भी सतर्क होकर उसकी ओर देखी और इशारे से पूछी किसका फोन है ।
अमन ने जेब से मोबाइल निकाला और स्क्रिन पर नाम देख कर उसकी हसी छूट गयी
और उसने मोबाईल सोनल की ओर घुमा दिया
सोनल भी मोबाईल पर आ रही निशा की कॉल रिंग देख कर हसने लगी ।
राहुल के घर
राहुल के कमरे की बत्ती बुझी हुई थी और जंगी अपनी योजनानुसार थोड़ा टहल घूम कर खाना पचा कुचा कर एक फ्रेश बाथ लेके तरोताजा हो चुका था
उसने घड़ी पर निगाह मारी शालिनी को कमरे मे गये आधे घन्टे से उपर हो चुके थे ।
उसने हौले से कमरे का भिड़का दरवाजा धकेला और दरवाजा खुल गया ।
जंगी को राहत की सास मिली और उसने दरवाजे के पास से ही कमरे का बल्ब जलाया ।
कमरे मे रोशनी होते ही अनुज और शालिनी एकाएक कुनमुनाए
सोये तो दोनो ही नही थे बस सोने का नाटक चल रहा था ।
एक ओर शालिनी को यकीन था कि उसका पति आज की रात बिना उसे पेले बाज नही आयेगा
वही अनुज को भी घर मे होने वाले एक कामुक घटना का इन्तजार था ।
जन्गी ने देखा कमरे मे अनुज दुसरी ओर मुह किये करवट लेके सोया हुआ है और वही शालिनी सिर्फ ब्लाउज पेतिकोट मे टांग फ़ोल्ड किये हुए सो रही थी ।
टांग के बिच साये से हो रही हवाओ की आवाजाहि से जंगी और भी कामोत्तेजित हुआ
अपना मुसल मसलता हुआ वो हौले से कमरे मे दाखिल हुआ
गरदन फेर कर उसने अनुज को दुसरी ओर मुह करके करवट लेटे हुए देखा और फिर आगे बढ़ कर शालिनी के करीब आ गया
कमरे मे चल रही हल्की फुल्की आहत से दोनो परिचित थे और दोनो की सासे तेज हो रही थी ।
जंगीलाल ने एक बार सोई हुई बीवी का गदराय जिस्म निहारा और अपना जान्घिये मे उफनाता मुसल मसला फिर घुटनो के बल झुक कर
एक हाथ से उसके पेतिकोट का सिरा पकड कर उपर किया और कमरे का हनहनाता पंखा पेतिकोट मे हवा भर कर उसको और उठा दिया जिससे बिना पैंटी वाली शालिनी की झान्ट भरी बुर की लकीरे स्पष्ट दिखने लगी ।
जांघो के बीच मे हवा की तेज सरसराहट पाकर शालिनी ने झटके से अपनी आंखे खोली और जंगी की हरकत देख कर झट से उठ कर बैठती हुई अपना पेटिकोट झटपती हुई समेट लिया
शालिनी फुसफुसाकर- ये क्या कर रहे हो आप , देख नही रहे अनुज सो रहा है
जंगी मुह बना के अपना मुसल मसल कर अपनी परेशानी ब्यां करता हुआ - प्लीज ना जान , मान जाओ बहुत तडपा हु 3 दिनो से
शालिनी को उसकी स्थिति पर हसी आई मगर उसने अनुज का हवाला देकर साफ इन्कार कर दिया ।
जंगी - जान हमारे कमरे मे चलते है ना
शालिनी - नही मुझे नही जाना कही
जंगी अपने जान्घिये से लन्ड बाहर निकाल कर उसका सुपाडा खोलकर शालिनी के आगे हिलाता हुआ - आह्ह जान देखो ना परेशान कर रखा मुझे , प्लीज मान जाओ ना
ये बोलकर जन्गी ने शालिनी का हाथ पकड कर अपने तने हुए मुसल पर रख दिया
शालिनी जन्गी गर्म मुसल को छुते ही सिहर गयी और खुले सुपाड़े से आ रही भीनी सी गन्ध से उसको भी लालच उठने लगा
शालिनी जन्गी से बुदबुदाते हुए एक नजर अनुज को करवट लेके लेटे हुए देखा और उसका मुसल आगे पीछे करके हिलाने लगी ।
जंगी खुश होकर उस्के गाल दुलारने लगा और शालिनी मुह बनाने लगी ।
जंगी आगे बढ़ कर अपना लन्ड उसके मुह के पास किया और शालिनी ने भी मुह खोलकर उस्का सुपाडा मुह मे ले लिया
जन्गी सिस्का और वही अनुज के लोवर मे अलग ही बवाल मचा हुआ था ।
उसके पीछे ही कमरे मे एक जबरज्स्ट सीन चालू था मगर वो देख नही सकता था ।
वही जन्गी शालिनी के सर को दबा कर लन्ड को मुह मे दिये जा रहा था
जन्गी - अह्ह्ह जान उह्ह्ह कितना दिन बीत गया हो जैसे उम्म्ंम
शालिनी ने मुह मे लन्ड भरे हुए ही जन्गी की जांघ पर हाथ से थपेडी मारकर उसे चुप रहने का इशारा किया
जंगी ने भी मुस्कुरा कर अनुज की ओर देखा और उसका लन्ड पहले से ज्यादा उत्तेजित होने लगा ।
शालिनी के मूह मे भी उसे लन्ड फूलता मह्सुस हुआ
शालिनी ने लन्ड बाहर निकाल कर हल्के से फुसफुसाइ- क्या हुआ
जन्गी मुस्कुरा कर ना मे सर हिलाया लन्ड मसलते हुए उसे घोडी बनने को कहा
शालिनी तुनक कर बिस्तर के एक ओर अपना पेतिकोट उपर चढा कर घोडी बन गयी ।
उसके ठिक सामने अनुज लेटा हुआ था , जिसका कलेजा पहले से ही धकधक हो रहा था ।
बिस्तर पर हो रही हलचल से उसकी कामोत्तेजना और भी तीव्र हो रही थी , जांघों बीच हाथ फसाए वो बस अपना लन्ड बिस्तर पर खरोच रहा था , चालू बिजली मे अच्छे से अपना लन्ड तक नही मस्ल सकता था ।
तभी उसके कान मे शालिनी की कामुक सिसकी आई - आह्ह सीईई आराम सेह्ह्ह उम्म्ंम
जन्गी अपना मुसल शालिनी की चुत मे उतार चुका था और निचे खड़े खड़े ही खचाखच उसकी चुत मे लन्ड पेल रहा था
जांघ की थपेडों से शालिनी को गाड़ खुब हिल्कोरे खा रही थी और कमरे मे थपथप की आवाज आने लगी
जंगी मारे जोश मे लन्ड को खुब हचक हचक कर पेल रहा था
और बिस्तर पर आगे की ओर झुकी शालिनी जन्गी के झटके से मुह भिचे हुए उसके लन्ड को अपनी चुत की जड़ो मे महसुस कर रही थी ।
तेज झटको से बिस्तर भी पुरा हिलने लगा था , जिस्से अनुज और भी सतर्क हुआ वो भी बिस्तर पर हल्के झटके खाने लगा
उसका सुपाडा जो अब तक बस लोवर के भीतर से नरम बिस्तर को चुभो रहा था वो अब झटके खाने से बुरी तरफ से घिसने लगा था
उसकी आड़ और लन्ड दोनो के आकार बढ़ने लगे ऐसे उसने हौले से अपने फ़ोल्ड हुए टांगो को सीधा किया
शालिनी ने जैसे ही अनुज के शरीर मे हरकत देखी उसने हाथ पीछे ले जाकर जंगी के हाथ पर थपथपाया जो उसके कूल्हो को थामे हुए था ।
जंगी भी ठहर गया और बहुत ही आराम से लन्ड को रेंगता हुआ उसकी बुर मे पेलते हुए आगे झुक कर शालिनी से धीरे से बोला - क्या हुआ
शालिनी ने होठ पर उंगली रखती हुई उठने लगी
जंगी ने भी अपना लन्ड खिंच लिया और शालिनी उठ कर बिस्तर से उतरने लगी
जंगी अपना मुसल रगड़ता - क्या हुआ
शालिनी धीमी आवाज मे - वो जाग जायेगा बिस्तर तेज हिल रहा था
जन्गी मुस्कुरा कर उसको अप्नी ओर खिंच कर उसकी गाड़ मसलता हुआ - तो बाहर चले जान
शालिनी समझ रही थी कि अगर वो बाहर गयी तो जंगी प्कका उसे 3 4 राउंड से पहले सोने नही देगा और वो बस उससे किसी भी तरह निपटना चाहती थी क्योकि थकान उसे भी थी ।
शालिनी उस्का मुसल पकड़कर मुस्कुराती हुई उसकी आन्खो मे देखते हुए बोली - मुझे मेरे बेटे के कमरे मे ही पेलो ना जान
जन्गी का लन्ड उसकी हथेली मे फडका - ईईईस्स्स आह्ह जान
इधर अनुज थोड़ा संसय मे था कि क्या हुआ अचानक से सब रुक क्यू , दरवाजे या फिर कमरे मे कोई आहट भी नही हो रही थी ।
वो इतनी भी हिम्म्त नही कर पा रहा था कि गरदन घुमा के देख ले , क्योकि ऐसे मे कयी सारे सवाल खड़े हो जाते और शर्मिंदगी होती सो अलग
उसने हलके से अपना लन्ड भिन्चा और उसके कान शालिनी की चिख से फिर बज उठे
जंगी शालिनी को बिस्तर के निचे लिटा कर उसकी टाँगे उठाए हुए
खचाखच उसकी चुत मे लण्ड पेले जा रहा था और शालिनी जन्गी के जोश के आगे हारी जा रही थी, ना ही वो जन्गी के मजेदार लन्ड की थपेड़ को रोकना चाहती थी और ना ही खुद को सिस्कने से रोक पा रही थी ।
जोरदार और ताबड़तोड़ झटको के साथ जंगी ने अपनी पूरी ताकत के साथ शालिनी की चुत पेले जा रहा था और कुछ ही मिनटो मे उस्से रहा नही गया
वो झटके से अलग होते हुए शालिनी को टांगो को थपथपाते हुए उपर आने को कहा
शालिनी भी झटके से उठी और उसका लन्ड मुह मे भर लिया
जंगी उसका सर थामते हुए उसके मुह मे झडने लगा
फिर शालिनी ने अच्छे से उसका लन्ड साफ किया , दोनो मुस्कुरा रहे थे और गरदन घुमा कर दोनो ने अनुज की ओर देखा जो अभी भी वैसे ही सोया हुआ था ।
राज के घर
" क्या हुआ पता चला कौन बाहर निकला था ? "
" नही यार , दरवाजा तो बन्द ही लग रहा है " , गीता ने सोनल के कमरे के बाहर गैलरी मे खड़ी हो अनुज के कमरे मे दरवाजे पर खड़े हुए राहुल को फुसफुसाकर बोली ।
बबिता राहुल के पास खड़ी होकर - यार दरवाजा बन्द करना ठिक रहेगा और भी तक अनुज भी नही आया ।
राहुल - मुझे नही लगता अब अनुज वापस आयेगा या फिर उसकी जगह कोई और हमे डिस्टर्ब करेगा ।
गीता - तो ?
राहुल बगल मे खड़ी बबिता की कमर मे हाथ डाल लर - तो क्या ? अब हम तुम एक कमरे मे बन्द हो और चाबी खो जाये
बबिता शर्माती हुई मुस्कुराने लगी और गीता उन्हे देख कर मुस्कुराते हुए कमरे मे बिस्तर पर बैठे अरुण को देखा जो उसे अपने पास बुला रहा था ।
वही निचे राज के कमरे का दरवाजा अंदर से बन्द हो चुका था और रिना उसकी बाहो मे थी ।
राज उसके रसिले होठ चुसते हुए नाइटी के उपर से उसकी चर्बीदार गाड़ मिजता हुआ - आह्ह भौअजी बडा इन्तेजार करवाया आपने उम्म्ंम्ं
रीना उसकी बाहों मे कसम्साती हुई - ऊहह देवर जी सीईई क्या करती मामी जी सो ही नही रही थी उम्म्ंम्ं
राज - और निशा , वो भी तो आपके साथ ही ना
रिना मुस्कुरा कर उसकी आन्खो मे देखते हुए - आह्ह देवर जी मै तो निशा बहिनी को बोल के आई हु कि आज की रात देवर जी के साथ कटेगी हिहिहही
राज को लगा कि शायद ये महज मजाक है
मगर कुछ देर पहले....
" भाभीई , कहा ? "
रिना ने मुह पर उगली रख कर निशा को चुप करने का इशारा करती हुई - श्श्श्श , अभी आती हूँ
निशा इशारे से हाथ घुमा कर - किधर जा रही हो
रीना मुस्कुरा कर - तुम्हारे भैया के पास हिहिहिही या कहू तुम्हारे सईया के पास
ये बोलकर रिना ने निशा को आंख मारी
निशा आंखे बड़ी कर ताज्जुब से धीमी आवाज मे - क्या ? राज के पास ? कैसे कब ?
रिना खिलखिला कर -वो सब बाद मे हिहिहिही , कही मेरा हीरो सो ना जाये
निशा ने रिना को बेस्ट ऑफ लक बोला और खुश हुई , इस बात के लिए नही कि रीना राज के पास जा रही थी , बल्कि इस लिये कि उसे अमन से बात करनी थी और आज रात के लिए अमन ने उससे वीडियो काल का वादा किया था ।
रीना के जाते ही निशा भी लपक कर कमरे से एक तकिया और बिस्तर लेके बाल्किनी से लगे स्पेयर रूम मे घुस जाती है
राज के कमरे मे जबरदस्त कसमाहट और आहे उठ रही थी
राज रीना को पीछे से पकड कर नाइटी के उपर से ही उसके रस भरे जोबनो को रगड़ कर मसल रहा था - आह्ह भौजी क्या रसिली चुची है आपकी, लगता है रमन भैया खुब मेहनत करते है उम्म्ंम्ं
रीना उसके सीने पर लोटती हुई कसमसाती हुई -आह्ह देवर जी उम्म्ंम क्या कहू, एकदम तन्ग कर कर के मुझे गीला किए रहते है आह्ह अब नही हु उनके पास तो परेशान हु उम्म्ंम अह्ह्ह अराम्म्ं से बाबू
राज मुस्कुरा कर अपना तना हुआ मुसल उसकी गाड़ पर चुभोता हुआ - अह्ह्ह भौजी मै हु ना उम्म्ंम
राज उसकी नाइटी उठा कर उसकी चिकनी जान्घे बिस्तर पर रखता हुआ उन्हे मसलने लगा - ओह्ह भौजी क्या मलाई जैसा देह है तुम्हारा , उम्म्ंम
रीना- अह्ह्ह देवर जी बापू हलवाई है तो मलाई होगी ना उनकी बेटी उह्ह्ह्ह आह्ह्ह सीईई
राज ने उसको अपनी ओर घुमाया और उसकी नाइटी निकाल दी , अब रिना ब्रा पैंटी मे उसके सामने थे और राज उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे अपने शरीर से सटा कर उसके होठ चूमने लगा , राज का हाथ रिना की पीठ से लेकर उसकी उभरी हुई मोटी गाड़ पर रेन्ग रहा था ।
रिना उसको अपने छाती से कसे हुए सिस्किया ले रही थी ।
अगले ही पल उसने राज को दिवाल से लगाया और उसके शर्ट खोलते हुए उस्के सीने को चूमने लगी
राज के लिए ये बिल्कुल ही नया अह्सास था , रीना के नरम होठ उसके सीने पर मानो मोम के जैसे घिस रहे थे और उसके बदन की गर्मी बढ़ने लगी थी ,
उसने झुक कर निप्स पर अपनी गीली जीभ फिराई और राज की सासे अटक गयि पैंट मे उसका लन्ड फड़फ्ड़ा कर रहा गया ।
उससे अब बर्दाश्त नही हो रहा था वो अपना जल्दी जल्दी पैंट खोलकर उसे अंडरवियर सहित निचे कर दिया और उसने रिना के हाथ पकड कर उसको अपनी ओर खींचा
लन्ड की कठोर चुभन भरी ठोकर रीना ने अपनी पैंटी मे पावरोटी सी फूली हुइ बुर पर पाई तो उसकी सिसकी निकल गयी ।
राज उसकी चर्बीदार दबोचते हुए उसके रसिले होठ चुसता हुआ उसको घुमा कर वापस से पीछे से दबोचते हुए उसकी चुचिया मिजने लगा और ब्रा कन्धे से सरका कर उसकी नरम नरम चुचिया हाथो मे भरने लगा
राज का लन्ड वही बगल मे उसके कुल्हे मे ठोकर मार रहा था
रिना ने भी हाथ बढा कर उसे पकडते हुए भीचने लगी
राज भी हाथो मे भर रिना की 34C वाली चुचियां मिजता हुआ उसके कन्धे चूमने लगा
रीना - आह्ह राज बाबू क्या दमदार मुसटन्ड है उह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं रगड़ ही डालोगे क्या उम्म्ं माह्ह्ह
राज - अह्ह्ह भाऊजी आपकी ये नरम चुचिया उसको और भी मोटा कर रही है ओह्ह्ह क्या रसिला जोबन है आपका
रीना - उउऊ मेरे राजा बस मसलोगे ही उम्म्ंम चख के देखो ना उम्म्ं
राज ने तेजी से रीना को अपनी बाहो मे घुमाया और लपक कर उसकी रस भरी छातीया दोनो हाथो से पकड कर चुसने लगा
रीना एक हाथ से उसका लन्ड भींचती हुई उसके सर पर हाथ घुमा रही थी - ओह्ह मेरे राजाह्ह उह्ह्ह सीईई उम्म्ंम खा जाओ ऊहह कितना परेशान किया है दो दिन से उम्म्ंम्ं आह्ह्ह
राज बारि बारी से दोनो चुचिया मसल मसल कर चुस रहा था और वही रीना निचे से उसका मुसल मसल रही थी
राज थोड़ा अलग हुए और रीना के गाल थामते हुए उसके होठ चुस कर उसे निचे जाने का इशारा किया
रीना उसकी आंखो मे निहारती हुई उसके खुले नंगे जिस्म पर हाथ फेरती हुई एड़ियो के बल बैठ गयी और राज का लन्ड हाथो मे लेके उसको घुमा फिरा कर निहारती हुई उसका सुपाडा खोला और नजरे उठा कर राज को देखा जो उसे ही देखे जा रहा था
रिना ने एक हाथ राज का मोटा लन्ड पकडा और मुह खोलकर उसे भर लिया , राज को जैसे ही नरम अह्सास हुआ उसने रिना के बालो को सहलाने लगा
उसके जिस्म में नसो का सारा खुन उसकी जांघो की ओर खिचने लगा , जैसे जैसे रीना उसके लन्ड को मुह लेके सुरकती , राज की एडिया उचकने लगती और वो आहे भरने लगता - ओह्ह्ह भौजी उम्म्ंम क्या मस्त चुस रही हो उम्म्ं आह्हह मजा आ रहा है सीईई आह्हह फ्क्क्क्क और लो उम्म्ंम
रीना उसके लन्ड को चुबलाती उसके आड़ो पर हथेली बान्धती उन्हे कसती
आह्ह ऊहह उम्म्ंम फ्क्क्क्क ऊहह येस्स्स भाभीईई उम्म्ंम
रीना झुक कर उसके आड़ो को मुह मे भरती हुई राज के चुतड पर नाखून गड़ाती है और राज चिहुक पडता है - आह्हह भाभीई उह्ह्ह कमाल हो आप उह्ह्ह मजा आ गया उह्ह्ह स्क्क्क इट भाभीई उम्म्ंम वाह्ह्ह और
रिना ने अच्छे से राज का लन्ड दुलारा और उसकी चमडी आगे पीछे करते हुए खडी हो गयी और उसका लन्ड पकड़े हुए बिस्तर की ओर लेके बढ़ गयी ।
और फिर उसने राज का लन्ड छोड कर अपनी गाड़ फैलाते हुए बिस्तर पर अपनी कोहनी टिकाते हुए झुक गयी ।
फिर उसने बड़ी अदा से अपने बाल झटकते हुए गरदन घुमा कर आंखो से राज को अपनी गोरी फैली हुई हिलती गाड़ की ओर इशारा किया
राज मुस्कुरा कर अपना लन्ड हिलाता हुआ घुटनो के बल होकर रीना की गाड़ को सहलाते हुए उसमे फसी हुई पैंटी मे उगली कर उसे बाहर की ओर खिंचते हुए लपक कर अपनी थुक से लसराई जीभ को उसकी गाड़ के गुलाबी सुराख पर लगाते हुए कुरेदने लगा
रीना - आह्हह देवर जी उम्मममं आह्हह ऊहह ओह्ह्ह माह्ह्ह उफ्फ्फ
राज उसकी गाड़ पर एक जोर का थप्पड़ लगाता हुआ उसकी रस छोड़ती बुर मे मुह दे दिया
रीना का जिस्म एठने लगा और उसकी सिस्किया तेज होने लगी
राज खड़ा हुआ और अपना लन्ड उसकी बुर के मुहाने पर लगाते हुए बिना किसी हिचक के अगले ही पल रीना की बुर मे उतार दिया
उसका सुपाडा आधी बुर को चीरता हुआ एक करारी चोट अन्दर करता है जिस्से रीना की आन्ख उलटने को हो जाती है - आह्हह माईयाआ उह्ह्ह बाबुउउऊ ओह्ह्ह अराम्म्ं से उम्म्ंम्ं आह्हह
राज बिना थमे एक और तगड़ा झटका देते हुए लगातार जगह बनाता हुआ पेलाई चालू कर देता है
आअहह उह्ह्ह्ह उम्म्ंम मेरे राजाहहह ऊहह येस्स्स उम्म्ं और तेज्ज्ज ओह्ह्ह
राज बिना रुके तेजी से उसकी चुत मे लन्ड पेलने लगा और रीना भलभला झड़ने लगती है
ओह्हह बाबुउऊ उम्म्ं ओह्ह इह्ह उम्म्ंम्ं रुको रुको ओह्हह
राज हाफ्ता हुआ - क्या हुआ भाभीई
रीना आगे बिस्तर पर चढ कर पीठ के बल लेटते हुए अपनी टांग उठाती हुई - अब आजाओ
राज मुस्कुराया और बिस्तर पर चढ कर रीना की टाँगे उठा कर वापस से अपना मुसल सेट करते हुए लन्ड को उसकी बुर मे उतार दिया
रीना खुमारी भरी आंखो से उसकी ओर देखती हुई अपने होठ चबाने लगती है जिससे राज और भी जोश मे आकर उसके होठ अपने होठ मे भर कर ह्च्क ह्च्क के लण्ड पेलने लगता है और रीना हवा मे टाँगे उठाए चुद रही है
राज - आह्ह भौजी आप भी रुक जाओ ना मौसी के साथ जाना
रीना अपने कुल्हे उठाती हुई -आह्ह बाबू तुम्हारे भैया अकेले है ना
राज - अरे कौन सा वो आपकी चुत के लिए तरस रहे है जैसे मै तडप रहा हु
रिन मुस्कुराई- ओह तो मेरे देवर बाबू बहुत तरस रहे थे उम्म्ं अब लेलो ना हचक मे मेरे राजा , आज रात तो मैं तुम्हारि हु ना उन्म्ं आह्हह ऐसे ही ओह्ह ओह्ह और तेज पेलो उम्म्ंम माईयाआ य्ह्ह बाबू ऊहह
राज - आह्ह भौजी उह्ह्ह आयेगा उम्म्ंम ओह्हह
राज तेजी से लन्ड निकाला और रिना के उपर हिलाने लगा और रिना भी जीभ निकाल कर उठने को हुई कि राज के लन्ड ने तेज पिचकारी छोड़ी
कुछ जीभ कुछ गालो पर और बाकी सारा जोबनो पर
रीना राज के रसिले नमकिन लण्ड का टोपा चुसती हुई राज को देखते हुए मुस्कुराने लगी
जारी रहेगी