• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,963
22,510
189
रागिनी अनुज स्पेशल
EROTIC SUNDAY

IMG-20250811-200323

इस हफ्ते के अंत में होने जा रहा है
इरोटिका का धमाका

Be ready for Erotic Sunday of this journey
:jerker:




:listen: ( चूतिया बना रहा है राइटर अपडेट लेट कर देगा :D )
 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,963
22,510
189
badhe dino baad ye kahani padhi , kyunki aur koi acchi kahani bachi nahi aur jise mai padhta tha wo padhne layak bachi nahi !

Devnagri lipi aise khadhe aur abhadra shabd padh ke maza aa gaya , is kahani ko koi kah sakta hai ki ye sach me ek sex story hai !!
vaise shaadi ki taiyaariyon ke din ko bakhubi prastut kiya gaya but ek baat kahunga ki
shaadi ko badhi hadbadhi me aur jaldi jaldi khatam kar diya gaya , sangeeta ke saath sex bhi kaafi forced aur jaldi jaldi tha , natural nahi laga

vaise ek baat badhi ajeeb lagi apki ki aap adhed aur buzurg mardo pe badhe mahrbaan hain
Raj ko to bilkul sideline hi kar diya aapne
aur Shaadi ke waqt ek do scene raj aur sonal ke dekhne ko mil jate to maza aa jata , lagta hai bhai-bahan ki kaafi kahaniyan padh ke aap isse bore ho gayen hain !
Raj aur Mamta ke bich bhi kuch aise incidents bante jisse un dono ke bich me kuch sexual tension aati to aur bhi maza aata !!

khair intazaar agle updates ka aur aasha hai ki Raj ko story me aur laya jayega aur ye banwari aur kamalnath bkl mujhe badha irritate karte han dono !!
kripya inhe story se bahar rakhen

------------keep up the good work , keep updating ------------------
Shurkiya bhai itna pyara review dene ke liye
Rahi sahi kasar aage puri kr paunga ummid krta hu
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,963
22,510
189
UPDATE 194 A


दोपहर के खाने के बाद लगभग सभी लोग खाली थे खासकर औरतों को तो बिल्कुल भी काम नहीं था ।
वही राज की मामी सुनीता का बडा मन था कि वो चमनपुरा का बाजार घुमे
इसपे रज्जो और शिला ने भी सहमती दिखाई तो बाकी बची महिलाए भी जाने को उत्सुक थी । इधर लड़को के गैंग में राज को छोड़ कर सारे जाने को तैयार हुए ।

मगर राहुल की वजह से बबिता ने घूमने जाने से इंकार कर दिया और ये उसके लिए अच्छा भी था उसे अकेले अपने बॉयफ्रेंड से बात करने का समय भी मिल जाता ।

रागिनी को छोड़ कर घर की सारी औरतें ( रज्जो , सुनिता ,शालिनी , शिला , रीना , निशा ) और तीन लड़के ( अरून राहुल अनुज ) बाजार के लिए निकल गये ।

वही रागिनी घर के बचे खुचे काम निपटाने के लिए रुक गयी ।
वही जंगी और कमलनाथ काफी खुल गये थे तो जंगी उसे अपने साथ अपने दुकान पर ले गया और रंगी अपने शादी के हिसाब किताब के लिए घर पर ही रुक गया ।

राज अपने नाना के साथ फूलपुर गाव की सैर पर निकल गया क्योकि उसके नाना का मन नही लग रहा था ।

"थकान तो नही हो ना नानू " राज ने मुस्कुरा कर बागों मे टहलते हुए बोला ।

बनवारी- अरे क्या तु भी , अरे हम गाव के मर्द है ऐसी हल्की फुल्की सैर से हमे थकान नही होती

राज - तो फिर चले क्या ताई के यहाँ हिहिहिही

बनवारी के मन मे राज के ऑफ़र से थोडा उत्साहित हुआ मगर उसके हाल के अनुभव से वो खुश नही था ।

राज - क्या सोच रहे हो नानू , अरे यहा पापा नही है और मै आपको बेस्ट फ्रेंड हु ना हिहिहिही

बनवारी हस कर - अरे वो बात नही है बेटा, दरअसल कल तेरी ताई कुछ खास खुश नही थी मेरे व्यव्हार से

राज - अरे तो आज मना लो ना नानू चलो चलते हैं

बनवारी- अरे लेकिन घर पर सब होगे ना
राज - अरे इतना टाईम कोई नही होगा , सिवाय पंखुडी भाभी के

बनवारी - फिर कैसे और यू किसी के घर ऐसे जाना अच्छा नही लगता

राज - ओहो नानू आप सोचते बहुत हो मै कह रहा हु ना चलो

बनवारी हस कर रंजू ताई के घर की ओर बढ़ गया ।
साढ़े तीन बजे का वक्त हो रहा था और घर के दरवाजे पर कोई दिखा नही था ।

राज अपने नानू को चुपचाप अन्दर आने को कहा

"अरे कोई देखेगा तो क्या सोचेगा , कि हम लोग कोई चोर है । ऐसे क्यू जा रहा है आवाज दे ना " , बनवारी ने राज का हाथ पकड कर उसको रोकते हुए फूसफुसाया ।

राज हस कर - अरे नानू घर मे ऐसे ही घुसने का मजा ज्यादा है हिहिहिही कुछ ना कुछ देखने को मिल जाता है आजाओ

फिर राज घर का दरवाजा हौले से धकेल कर जैसे भीतर घुसा , बनवारी भी उसके पीछे घुसने लगा तो बनवारी का हाथ दरवाजे के कंडे पर लगा गया

जिसकी आवाज की प्रतिक्रिया मे भीतर आंगन से पायलों की छनक के साथ एक आवाज आई - कौन है ?


अमन के घर

"चल यही आराम कर अब " ममता मुस्कुरा कर अमन से बोली ।
अमन - मम्मी मेरे सर मे दर्द हो रहा है बाम लगा दोगी

ममता ने अपने लाड़ले की हालत को देखा और उसका उतरा हुआ मुह देख कर आलमारी से बाम निकाल कर आई और बिस्तर पर पालथी मारकर बैठते हुए - आजा मेरी गोदी मे

अमन खुश हुआ और अपनी मा के गोद मे उसकी बाई ओर आकर लेट गया ।
गुदाज जांघो मे लेटकर अमन की बहुत आराम मिला - आह्ह मम्मी कितने सोफ्टी हो आप , मेरा आधा दर्द तो ऐसे ही गायब हो गया ।

ममता शर्मा कर हस्ती हुई - चुप कर , आज भर सो ले मेरी गोद मे फिर तो रोज बहू की गोद में निद आयेगी क्यूँ?

अमन नजरे उठा कर अपनी मा को देखता हुआ - ऊहु मै तो मम्मी की गोदी मे ही सोउँगा

ममता - अच्छा तो क्या बहू अकेले रहेगी
अमन - उसका वो जाने शादी मे हमारी साथ सोने वाली बात नही हुई थी हिहिहिही

ममता उसके हस्ते गालो पर चपट लगाती हुई - बदमाश कही का

फिर ममता बाम की सीसी ने उंगली डाल कर अमन के लिलाट पर बाम मलने लगी और अमन आंखे बन्द कर गहरी सासे लेते हुए रिलैक्स होने लगा ।

ममता अपनी उंगलियो से अमन के सर पर मासाज करती हुई - तब कुछ सरप्राइज लाया है बहू के लिए या नही

अमन - सरप्राइज मतलब कुछ गिफ्ट देना होगा क्या ?

ममता - हे भगवान, तुझे कुछ पता भी है । तुने सच मे कोई तैयारी नही की आज रात के लिए
अमन - इसमे तैयारी कैसी मम्मी , जाके सोना ही तो है ना

ममता मुस्कुरा कर अमन के लिलाट पर अपनी उंगलियाँ दरती हुई - अरे पागल पहली रात पर दुल्हन को मुह दिखाई पर कुछ देगा नही

अमन - लेकिन मै तो देख चुका हु ना उसे कई बार

ममता - धत्त शैतान कही का , अरे बुधु ये रस्म होती है कि सुहागरात पर पति अपनी बीवी को निशानी के तौर पर गिफ्ट देता है ।

अमन - अच्छा? तो आपको क्या मिला था
ममता हसती हुई - हे भगवान , तु घूम फिर कर मेरे उपर क्यू आ जाता है ?

अमन - अरे अब अपने मम्मी पापा से नही पूछूंगा तो किस्से पुछूंगा , बताओ ना मम्मी क्या दिये थे पापा आपको

ममता शर्मा कर मुस्कुराने लगी ।
अमन - मम्मी बताओ ना ?

मम्मी - तेरे पापा भी तेरी भुलक्कड़ थे और अगले दिन मेरे लिए गिफ्ट लाये थे

अमन हस्ता हुआ - हिहिहिही सच मे क्या दिये थे आपको फिर
ममता - सोने के कंगन और

अमन अपनी मा को मुस्कुराता देख - और क्या मम्मी बोलो ना ?
ममता - वो तब के समय मे अंदर के कपडे नही पहनती थी गाव मे जब मायके थी क्योकि अम्मा ने कभी दिलाए नही तो हिहिहिही जब सुहागरात पर तेरे पापा को पता चला तो वो हिहिहिही अगले दिन बाजार से लेके आये थे ।

अमन का ये सुनकर लन्ड उफना गया कि उसकी मा ने अपनी बढ़ती जवानी की उम्र बिना अंडरगार्मेंट्स के निकाली थी और अभी भी वो पैंटी नही पहनती ।

अमन हस कर - तो क्या साइज़ सही थे हिहिहिही

ममता - धत्त बदमाश कहि का
अमन - बताओ ना मम्मी हिहिहिही प्लीज
ममता हस्ती हुई - नही !!
अमन - फिर
ममता - फिर अगले दिन नये लेके आये उसके साइज़ थोड़े ढीले थे

अमन हस्कर - हाहाहहा पापा को फिर जाना पड़ा होगा ना हिहिहिही
ममता - नही
अमन - तो क्या आप ढीले अंडरगार्मेंट पहन रहे थे

ममता शर्मा कर हसती हुई - हम्म्म्म
अमन को शक हुआ उसकी मा कुछ छिपा रही थी उसके चेहरे से साफ जाहिर है - मम्मी क्या छिपा रहे हो सच सच बताओ हिहिहिही प्लीज

ममता - तु पागल है , मुझसे यही सब बाते करेगा अब
अमन - ओह मम्मी प्लीज बोलो ना , देखो आपसे बात करके मेरा सर दर्द फुररर हो गया हिहिही प्लीज ना

ममता - बताया तो मै वही अंडरगार्मेंट यूज़ कर रही थी और महीने भर मे वो फीट हो गये थे

अमन अपनी भौहे सिकोड़ कर पल कर आंख मून्दा और फिर आंखे बडी कर - लेकिन कैसे , इतना खाती थी आप कि महीने भर मे मोटी हो गयी

ममता खिलखिला कर हसी - भक्क पगलेट , खा खा कर नही

अमन - तो ?
ममता आंखे चढा कर उसको घूरती हुई हस रही थी - सच मे नही पता तुझे !!
अमन शरारत भरी मुस्कान के साथ ना मे सर हिलाया ।

ममता - शादी के बाद औरतों के शरीर मे थोडा बदलाव आता ही है
अमन- कैसे?
ममता हस कर - जा अपने पापा से पुछ हा नही तो , ये क्यूँ वो कैसे ? हिहिहिही

अमन - मम्मी प्लीज बताओं ना ?
ममता - अरे पागल जैसे सभी औरतें होती हैं मै भी हुई थी , तेरे पापा के प्यार से हिहिही

tumblr-oxuhu2b4hd1qkwzqpo1-250
अमन का मुसल ये सब सोच कर तनमनाया हुआ था - अच्छा तो ऐसे बोलो ना कि ज्यादा सेक्स करने की वजह से

ममता शर्मा कर हसती हुई अपने ललाट पर हाथ रख लेती है ।
अमन - क्या सही नही बोल रहा क्या मै ?
ममता खुद पर हस्ती हुई थोडी लजाती थोड़ी झेपती - चुप कर , कुछ भी बोलता है ।

अमन ने देखा उसकी मा के ब्लाउज मे उसके चुचो के निप्प्ल उभर आये हैं और साफ साफ झलक रहे थे निचे से

अमन का लण्ड और ठूमका ।
अमन ने जिज्ञासु होकर - मम्मी एक बात पूछू
ममता - हा बोल ना ?
अमन - मम्मी क्या पापा ने आपको पहली रात ही .....हिहिहिही

ममता हसते हुए फिर से झेप गयि और अपने बाई ओर मुह फेर कर हसने लगी और तभी उसकी नजर अमन के पजामा मे बने त्म्बू पर गयी जो कुर्ते को पुरा उठाए हुए था ।

ममता समझ गयि कि इसको ये सब बाते करने मे क्यू रस आ रहा है ।
अमन - मम्मी बोलो ना
ममता - हम्म क्या ?
अमन - वही जो पुछा?
ममता - क्या ? अच्छा वो ? हिहिहिही नही
अमन - फिर उनको कैसे पता चला कि आपके पास अंडरगार्मेंट नही थे
ममता शर्मा कर - वो मै रात मे जब साड़ी उतार कर सूट डाल रही थी तब और वो सोने का नाटक कर चुपके से मुझे निहार रहे थे ।

अमन खिलखिलाकर - हिहिही सच मे
ममता हसने लगी ।
अमन - फिर
ममता - फिर क्या ?
अमन - अरे हुआ किस दिन वो सब
ममता लजाती हुई - तीसरी दोपहर को
अमन - दोपहर को ?
ममता हा मे गरदन हिलाया
अमन - दोपहर मे क्यूँ?
ममता लजा कर हस्ती हुई - जा तेरे पापा से पुछ कि दोपहर मे क्यूँ मन हुआ उनका हिहिहिही

अमन ने मह्सूस किया कि उसके मा के शरीर के रोये रोए तन गये हैं और उसका शरीर ठण्डा हो रहा है ।
अमन - तो कैसा लगा था आपको मम्मी उस दिन?

ममता - आज रात तुझे भी पता चल जायेगा , ठिक है । हा नही तो कैसा सवाल है कैसा लगा

अमन हस कर - नही मै भी आज नही करूंगा , मै भी पापा के जैसे तीसरी दोपहर को करूंगा हिहिहिही

"अच्छा, लेकिन इसे देख कर तो लगता नही कि ये रात तक भी इन्तजार करना चाहता है ", ममता ने हस कर अमन के खडे लण्ड के मजे लेते हुए बोली ।
अमन हस के - फिर तो उस हिसाब से आप भी आज पापा के साथ कर के ही मानोगे हिहिहिही

ममता अचरज से हस्ती हुई - तुझे बड़ा पता है , मेरा क्या खड़ा है हिहिहिही

20240213-193140
अमन ने लपक कर हाथ उपर कर ममता के साडी के पल्लू के निचे से ममता ब्लाउज के ऊपर से उसकी मोटी चुची पकड कर - येह्ह्ह

ममता अमन के स्पर्श सिहरी और आंख बन्द कर गहरी तेज सासे लेने लगी ।

अमन ने सोचा क्यू ना इस मौके का फाय्दा लिया जाये और वो झट से उठ कर बैठ गया

ममता चौकी और आंखे उठा कर इशारे से पूछी क्या हुआ
अमन मुस्कुरा कर उसके बगल मे बैठता हुआ उसके पीछे हाथ ले जाकर दाये तरफ से कन्धे पर रखता हुआ - मम्मी , एक बात पूछू

ममता - हम्म पुछ ले
अमन - मम्मी क्या उस दोपहर पापा ने ही आपको उपर ब्रा पहनाया था ना

ममता उस पल को याद कर सिहर गयी और चुप रही ।
अमन - बोलो ना मम्मी
ममता - अह क्यू पुछ रहा है ये सब बेटा
अमन हौले से अपना बाया हाथ आगे किया और अपनी मा के पल्लू ने निचे से और ब्लाऊज के उपर से ही उसकी चुची सहलाकर - बस ऐसे ही सुनने का मन कर रहा है , बताओ ना
ममता अमन के स्पर्श से काप गयी थी - हम्म्म बेटा पहनाया उन्होने ही पीछे हुक लगाये थे
अमन - और पैंटी
ममता अमन कि ओर झुकी आंखे बन्द किये मुस्कुराई - धत्त पागल , रहने दे ना क्यू पुछ रहा है !!
अमन ने अपने हाथ आगे बढ़ाते हुए दुसरे चुचे के निप्प्ल पर हथेली को घुमाया - बताओ ना मम्मी

ममता कसमसाई- आह्ह नही उन्होने तो उतारी थी
अमन - कैसे ?
ममता की सासे तेज थी वो पूरी तरह से उस दोपहर के पल मे खोई थी जब उसके पति से उस्का पहला संसर्ग होने को था ।
ममता थुक गटक कर - वो वोह्ह्ह ऊहु न्हीईई बेटा मै नही बता पाऊंगी मुझे शर्म आ रही है

अमन अपनी मा की चुची को हथेली मे कसता हुआ - प्लीज ना मम्मी बताओ ना
ममता कापते हुए स्वर मे - अह्ह्ह बेटा उस दिन घर के लोग यही शिव मंदिर गये थे पूजा के लिए और बस हम दोनो थे उस समय और तेरे पापा बाजार से वही ब्रा पैंटी लेके आये थे । मुझेह्ह

"आह्ह सीईईई मत कर ना नही तो मै नही बताउंगी " , ममता ने अमन को चुचियॉ मिजने से रोकती हुई बोली ।
अमन ने अपने हाथ रोक दिये और वैसे ही उसकी चुची को पकड़े रहा ।

ममता मुस्कुराई और आन्के बन्द किये -
फिर उन्होने मुझे देके बोला कि मैं ट्राई करू , उस समय भी वो बहुत लजा रहे थे और कमरे मे ना आकर बाहर ही बैठे रहे ।
मैने अपनी साडी उठा कर पैंटी ट्राई की तो वो थोड़ी ढीली थी , मगर लास्टीक ठिक थी तो कोई दिक्कत की बात नही थी । फिर मैने ब्लाउज उतार कर ब्रा ट्राई करने लगी मगर हुक मेरे से लग नही रहे थे और मुझे पता नही था कि वो दरवाजे की ओट से भीतर मुझे ही निहार रहे थे ।
मैने बार बार प्रयास किया मगर हुक नही लग पा रहे थे और वो मुझे परेशान देखकर हल्के से दरवाजा खोलकर अन्दर आये ।
दरवाजे पर आहत से मै सहम गयी और उन्हे कमरे मे आता देख मैने झट से वैसे ही साडी का पल्लू लेके अपने आगे ढक लिया और मेरी हिम्मत नही हो रही थी उनसे नजरे मिलाने की ।
वो भी कम काप नही रहे थे और बड़ी हिम्मत करके तो उन्के गले से आवाज आई - लाओ मै लगा देता हु
मै समझ गयी मेरे भोलू हुक लगाने आये थे ।

अमन खिलखिलाया - हिहिहि भोलू
ममता - चुपचाप सुन
अमन- फिर
ममता - फिर उन्होने भी 4 से 5 कोसिस मे किसी तरह हुक लगाये , मगर सामने मैने पल्लू हाथो से पकडा हुआ था तो उन्हे कुछ भी दिखा नही वो उत्तेजित तो थे और उन्होने मौका देख कर मेरी पीठ पर किस्स किया ।
अमन ने भी अपना हाथ अपने लण्ड पर ले जाकर उसे भिन्चा और वापस से ममता के पल्लू के नीचे हाथ डाल कर चुचियो के बिच हाथ गर्म करने लगा ।
ममता ने भी ये चीज नोटिस की और मुस्कुरा कर - फिर कब उन्होने मुझे पीछे से कस लिया और कब वो सब हो गया पता नही चला ।

अमन ने अपने पाव पसार कर पाव के साथ साथ लण्ड की नसो को भी स्ट्रेच करता हुआ - अह्ह्ह मम्मी फिर कितने बार
ममता हसती हुई उसका हाथ अपने कन्धे से उतार कर झटकती हुई अपने बालों का जुड़ा कर - भक्क पागल मै नही बताने वाली कुछ, ये सब कोई पुछता है भला अपनी मा से , तु बहुत बिगड़ गया है

अमन ने जोर की अंगड़ाई ली और अपना तना हुआ सुपाडा खुजाया - हिहिहिही

ममता - चल उठ जा और देख तेरे पापा कहा है
अमन - तो क्या आप अभी दोपहर मे ही हाहाहा
ममता - धत्त पागल , अरे पंडित जी आने वाले है कथा वार्ता होगा ना अभी 3 बजे से

अमन बेड पर खड़ा होकर अपना तना हुआ मुसल दबाते हुए एक जोर की अंगदाई लेके उबासी लेकर - आह्ह हा देखता हु

ममता उसकी हरकत पर हस्ती हुई बैठे हुए ही उसके पिछवाडे पर हाथ मारती है - मस्तीखोर कही का जा अब

अमन खिलखिलाता हुआ बाहर चला गया , अपने पापा को खोजने ।


राज के घर

इधर सारे लोग साथ बाजार थे मगर राहुल का मन नही लग रहा था , घर पर अकेली बबिता को सोच के राहुल का मूड बार बार घर जाने का हो रहा था , इसीलिए मार्केट पहुचने पर भी वो अपने मार्केट वाले मुहल्ले मे जाने के बहाने से निकल लिया ।

अरून और गीता जो समझ रहे थे कि वो क्यू गायब हुआ इसको सोच कर आपस मे मुस्कुरा रहे थे ।
राहुल एक ई रिक्शा किया और 10 मिंट मे पहुच गया ।
घर आकर वो खुद को शान्त किया और हाल मे एंटर होते ही उसने सब जगह चेक किया , कोई कही नजर नही आ रहा था और उसकी बड़ी मम्मी रागिनी के कमरे का दरवाजा बन्द था ।

उसे लगा कि शायद वो सो रही होगी इसीलिए वो खुश हुआ और लपक कर दबे पाव उपर निकल गया ।
उपर पहुचते ही बिना किसी शक के वो अनुज के कमरे के दरवाजे से कान लगा दिया


भीतर से आ रही आवाज से वो थोड़ा चौका और बड़बड़ाया - बहिनचो कौन पेल रहा है उसे यहा ,

राहुल ने वापस अपनी शंका दुर करने के लिए कान लगाया और भीतर से फिर वैसी ही सिसकी सुनाई दी ।
लेकिन इस बार कुछ अलग थी ।
राहुल - ओह बेनचो , ये रो रही है मगर क्यूँ । कही कुछ हुआ तो नही दोनो बाबू सोना मे

राहुल दरवाजे पर हल्का सा जोर दिया और दरवाजा आराम से खुल ही गया

राहुल ने जैसे ही कमरे मे देखा तो बबिता को एक दोपहर वाली ही टॉप स्कर्ट मे सोफे पर बैठे देखा और उसका स्कर्ट एक तरफ से घुटनो तक उठा हुआ था उसकी चिकनी मुलायम जान्घ साफ साफ दिख रही थी ।

बबिता डबडबाई आँखों से सामने राहुल को देखा तो एकदम से चुप हो गयि और स्कर्ट झट से निचे कर लिया
बबिता अपने गाल से बहते आँसूओ को पोछ कर उसकी ओर देखा तो राहुल कमरे मे दाखिल होकर - क्या हुआ तुम रो क्यूँ रही हो ?

बबिता चुप रही
राहुल - ठिक है मै बड़ी मम्मी से बोलता हु

राहुल घूमके कमरे से बाहर जाने के लिए हुआ कि बबिता उसको रोकने के लिए झटके से खड़ी हुई - न्हीई रुको आह्ह म्ममीईईई

वो फौरन अपना घुटना पकड कर बैठ गयी और दर्द से सिस्कने लगी ।
राहुल लपक कर उसकी ओर गया - क्या हुआ दिखाओ

बबिता - नही तुम जाओ कुछ नही हुआ मुझे
राहुल गुस्से मे तमतमाया - अभी एक उलटे हाथ की दूँगा तुम्हारा सारा ड्रामा निकल जायेगा

राहुल के तेज आवाज और उससे इरिटेट मिजाज से बबिता सहमी और बिखलने लगी - वो मै फोन पर बात कर रही थी और तभी बुआ उपर से आ रही थी और जल्दी जल्दी मे मेरा घुटना दरवाजे मे भिड़ गया ।


राहुल थोड़ा शान्त हुआ मगर उसकी भौहे अभी भी तनी हुई थी - दिखाओ मुझे
बबिता - नही वो घुटने के उपर लगा है

राहुल - ओके मै बड़ी मम्मी को भेजता हु ,,वो मलहम लगा देन्गी

बबिता इस डर मे कि कही उसकी बुआ (रागिनी ) सवाल जवाब ना करने लगे और पहले ही वो रज्जो के हत्थे चढ चुकी थी वो रिस्क नही लेना चाहती और घर मे किसी के लिए भी चर्चा का विषय नही बनना चाहती थी ।


बबिता - नही बुआ को नही , क्या तुम
मलहम खोज दोगे मिल नही रहा है और मुझसे चला नही जा रहा है ।

राहुल ने जल्दी जल्दी कमरे मे खोजा मगर उसे ऐसा कुछ नही मिला तो वो भागता हुआ किचन मे आया और बर्फ के क्यूब निकाला । तभी उसकी नजर फ्रिज के उपर ही पड़ी एक लाल बाम की डिबिया और एक दर्द निवारक गोली के पैकेट मिल गयि वो खुश हुआ ।

उसने एक ट्रे लिया उसमे पानी रखा , एक साफ कपड़ा लिया और बर्फ कुछ क्यूब को कटोरी मे लेके उपर चला आया ।
कमरे मे दाखिल होते ही

"ये सब क्या है ", बबिता ने अचरज से पुछा ।

राहुल ने कुछ नही जवाब दिया और एक गिलास पानी के साथ दर्द की दवाई उसको देता हुआ - हम्म्म खाओ इसे

बबिता ने दर्द की गोली पानी से गटक कर गिलास वापस रखा

राहुल के पास बैठ कर - दिखाओ मुझे बर्फ लगा देता हु

बबिता - नही मै कर लूंगी थैंक्स
ये बोल कर बबिता ने जैसे ही ठंडे आइस के गोले छुए वो उसके हाथो से सरक कर फर्श पर मैले हो गये ।

बबिता - अरेह्ह उप्स गिर गया हिहिहिही
राहुल - हसो मत गीला होगा फर्श तो तुम्हे ही साफ करना पड़ेगा
बबिता ने राहुल को अभी भी भौहे ताने हुए ही देखा और वो पुरा सिरिअस नजर आ रहा था तो मन मे बड़बड़ाई- देखो तो कैसे मुह बनाये हुए है जी तो कर रहा है ये बर्फ इसके मुह पर रगड़ दू हुउह
बबिता खुद से बड़बड़ाती हुई जैसे ही दुसरी आईस क्यूब उठाई वो भी उसकी उंगलियो से सरक कर निचे गिर गयी ।

राहुल ने देखा अब आखिर के 2 ही क्यूब थे वो भी पिघल रहे थे जल्दी जल्दी
राहुल ने बबिता की ओर घुर के देखा और आइस क्यूब उठा कर - हटो और दिखाओ कहा है

बबिता तुनक कर मुह बनाती हुई हलके से अपना स्किर्ट थोड़ा हिचक मे लजाती हुई एक टांग पर घुटनो के उपर जांघो तक ले आई ।

राहुल ने बबिता की गोरी गुदाज मखमाली जांघो को देखा जिस्पे एक हल्का लाल निशान सा बना हुआ था और तभी उसकी नजर बबिता के जान्घो के बिच गयी , जहा दिख तो कुछ नही रहा था मगर उसकी उत्सुकता साफ झलक रही थी उन अधियारो ने रोशनी करने की
पहले बबिता ने इस चीज पर ध्यान नही दिया और राहुल ने हल्का आगे झुक कर घाव पर धीरे से फूंक मारकर हौले ने नजरे उठा कर एक नजर वाप्स से उसकी जांघो के बिच देखा तो उसे बबिता की नीली ब्लोमर कच्छी नजर आ गयी ।
उसने नजरे वापस से घाव पर किया और पिघलते बर्फ को उसके घुटने के उपर ही रख कर हल्का हल्का घुमाते हुए मुस्कुरा दिया

20240213-192323
बबिता ने जैसे ही उसका मुस्कुराना देखा वो समझ गयी कि इसमे भी राहुल की कोई शरारत छिपी है और जब अगली बार राहुल ने दुबारा नजरे उठाइ वो समझ गयी , उसने झट से अपना स्किर्ट पकडते हुए - तु तुम आगे देखो , इधर नही !

राहुल ने बबिता की बात पर बिना कोई जवाब दिये बर्फ लगाते हुए सामने देखने लगा

उसकी नजरे बिना पलके झुकाये सामने देख रही थी और वही बबिता ने उसको देख कर मन मे सोचा - ये भले ही कमीना है लेकिन चलो इतनी शरफात तो है कि बोलने पर सामने देखने लगा

बबिता अभी ये सोच कर मुस्कुरा रही थी कि राहुल बोल पड़ा- निचे से स्किर्ट दबा लो नही तो गिला हो जायेगा ।

बबिता ने देखा कि राहुल ने ये बात बिना उसकी ओर देखे कही तो वो सोच मे पड़ गयि कि जब उसने मेरे ओर देखा नही तो कैसे इसे पता कि मैने स्किर्ट ढीला छोडा है ।

बबिता - तुम्हे कैसे पता कि गीला हो जायेगा,तुम तो इधर देख नही रहे

राहुल ने मुस्कुरा कर बबिता की ओर देखा और ठिक बिस्तर के सामने और राहुल के आगे आलमारी के सीसे की ओर इशारा किया

बबिता ने जैसे उधर देखा तो पाया कि आलमारी के सीसे मे तो उसकी जान्घे और भी ज्यादा और चुतडो तक दिख रही है ।
वही उसके बगल मे बैठा राहुल आईने मे उसे हाय कर रहा है
बबिता ने झट से अपनी स्किर्ट को निचे से उपर कर लिया और अपनी जान्घे छिपाती हुई - त तुम एक नम्बर के गंदे हो , तुम्हे शर्म नाही आती

राहुल हस कर - तुमही ने तो बोला कि सामने देखो हिहिहिही तो वही किया

बबिता अपने उपर लज्जित थी और उसे हसी भी आ रही थी , वो राहुल की चालाकी पर उसके बाल नोच लेना चाहती थी , मगर उसकी केयर और हैल्प से बन्ध गयी थी ।

बबिता बड़बड़ाती हुई राहुल पर भड़ास निकालती हुई - गंदे कही के , तुमसे अच्छा तो अरून है कितने अच्छे से पेश आता है मेरी बहन से , उसके साथ रहते हो कुछ तो मैनर सिख लेते
राहुल को उसका बड़बड़ाना भाया नही - हा तो तुम कौन सा अपनी बहन जैसी हो , जब भी बात करने जाओ फूट पड़ती हो ज्वालामुखी की तरह , सही नाम है तुम्हारा बबिता ,बड बड़ बड बड यार रुकती ही न्ही शुरु होने के बाद

बबिता राहुल की बात पर थोडा चुप थी
राहुल - अब लगाऊ मल्हम या जाऊ
बबिता - ह्म्म्ं लगा के जाओ
राहुल हसता हुआ उसकी ओर घुमा और रुमाल से उसके पैर पोछ कर साफ किया और बाम निकाल कर लगाते हुए - अब ठिक है , अभी एक दो घन्टे मे आराम हो जायेगा ।

राहुल उठा और ट्रे मे सारा गिरा पिघला बर्फ रखा और कपडे से फर्श पोछ कर कमरे से बाहर जाने लगा तो बबिता ने उसको रोका - सुनो !!

राहुल बिना उसकी ओर घुमे - हम्म बोलो
बबिता मुस्कुरा कर - थैन्क यू

राहुल मुस्कुराया और बिना कुछ बोले निकल गया

राहुल से कोई रिप्लाई ना पाकर तुन्की - हुउह अकड़ू कही का

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,963
22,510
189
Finally Marriage Is Over Thank You Bhai Super Update keep it up ❤️❤️❤️❤️💯💯❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️💯💯💯💯❤️💯 Awesome

Mast update Bhai...ab toh sonal ka shadi ho gayi dekhte hai kab Tak apne papa chacha.... sasur...etc k sath kabaddi khelega...

Waiting

Bht mast update diya bhai ji
Ab to anuj bhi khulne laga h dekhte h ki ab kisi chudai ka moka milta h anuj ko
Or ek taraf rahul ne bhi babita ki madad ki rajjo se bcha kr lagta h ab babita bhi rahul ko apni chut de degi

Nice going dude... Bechara raj kaam hi already raha.. Kuch maja nahin mila... Air rahul sayad jayada hi gunda gardi par utar aaya tha with babita.. Par aage kya hota hai dekte hain..

Banwari bhi itni jagah mouh maar kar khud ke beti ke liye chintat hai..

badhe dino baad ye kahani padhi , kyunki aur koi acchi kahani bachi nahi aur jise mai padhta tha wo padhne layak bachi nahi !

Devnagri lipi aise khadhe aur abhadra shabd padh ke maza aa gaya , is kahani ko koi kah sakta hai ki ye sach me ek sex story hai !!
vaise shaadi ki taiyaariyon ke din ko bakhubi prastut kiya gaya but ek baat kahunga ki
shaadi ko badhi hadbadhi me aur jaldi jaldi khatam kar diya gaya , sangeeta ke saath sex bhi kaafi forced aur jaldi jaldi tha , natural nahi laga

vaise ek baat badhi ajeeb lagi apki ki aap adhed aur buzurg mardo pe badhe mahrbaan hain
Raj ko to bilkul sideline hi kar diya aapne
aur Shaadi ke waqt ek do scene raj aur sonal ke dekhne ko mil jate to maza aa jata , lagta hai bhai-bahan ki kaafi kahaniyan padh ke aap isse bore ho gayen hain !
Raj aur Mamta ke bich bhi kuch aise incidents bante jisse un dono ke bich me kuch sexual tension aati to aur bhi maza aata !!

khair intazaar agle updates ka aur aasha hai ki Raj ko story me aur laya jayega aur ye banwari aur kamalnath bkl mujhe badha irritate karte han dono !!
kripya inhe story se bahar rakhen

------------keep up the good work , keep updating ------------------

Mast Update ❤️

Waiting for next
NEW UPDATE IS POSTED
 

Deepaksoni

Active Member
1,678
3,913
144
UPDATE 194 A


दोपहर के खाने के बाद लगभग सभी लोग खाली थे खासकर औरतों को तो बिल्कुल भी काम नहीं था ।
वही राज की मामी सुनीता का बडा मन था कि वो चमनपुरा का बाजार घुमे
इसपे रज्जो और शिला ने भी सहमती दिखाई तो बाकी बची महिलाए भी जाने को उत्सुक थी । इधर लड़को के गैंग में राज को छोड़ कर सारे जाने को तैयार हुए ।

मगर राहुल की वजह से बबिता ने घूमने जाने से इंकार कर दिया और ये उसके लिए अच्छा भी था उसे अकेले अपने बॉयफ्रेंड से बात करने का समय भी मिल जाता ।

रागिनी को छोड़ कर घर की सारी औरतें ( रज्जो , सुनिता ,शालिनी , शिला , रीना , निशा ) और तीन लड़के ( अरून राहुल अनुज ) बाजार के लिए निकल गये ।

वही रागिनी घर के बचे खुचे काम निपटाने के लिए रुक गयी ।
वही जंगी और कमलनाथ काफी खुल गये थे तो जंगी उसे अपने साथ अपने दुकान पर ले गया और रंगी अपने शादी के हिसाब किताब के लिए घर पर ही रुक गया ।

राज अपने नाना के साथ फूलपुर गाव की सैर पर निकल गया क्योकि उसके नाना का मन नही लग रहा था ।

"थकान तो नही हो ना नानू " राज ने मुस्कुरा कर बागों मे टहलते हुए बोला ।

बनवारी- अरे क्या तु भी , अरे हम गाव के मर्द है ऐसी हल्की फुल्की सैर से हमे थकान नही होती

राज - तो फिर चले क्या ताई के यहाँ हिहिहिही

बनवारी के मन मे राज के ऑफ़र से थोडा उत्साहित हुआ मगर उसके हाल के अनुभव से वो खुश नही था ।

राज - क्या सोच रहे हो नानू , अरे यहा पापा नही है और मै आपको बेस्ट फ्रेंड हु ना हिहिहिही

बनवारी हस कर - अरे वो बात नही है बेटा, दरअसल कल तेरी ताई कुछ खास खुश नही थी मेरे व्यव्हार से

राज - अरे तो आज मना लो ना नानू चलो चलते हैं

बनवारी- अरे लेकिन घर पर सब होगे ना
राज - अरे इतना टाईम कोई नही होगा , सिवाय पंखुडी भाभी के

बनवारी - फिर कैसे और यू किसी के घर ऐसे जाना अच्छा नही लगता

राज - ओहो नानू आप सोचते बहुत हो मै कह रहा हु ना चलो

बनवारी हस कर रंजू ताई के घर की ओर बढ़ गया ।
साढ़े तीन बजे का वक्त हो रहा था और घर के दरवाजे पर कोई दिखा नही था ।

राज अपने नानू को चुपचाप अन्दर आने को कहा

"अरे कोई देखेगा तो क्या सोचेगा , कि हम लोग कोई चोर है । ऐसे क्यू जा रहा है आवाज दे ना " , बनवारी ने राज का हाथ पकड कर उसको रोकते हुए फूसफुसाया ।

राज हस कर - अरे नानू घर मे ऐसे ही घुसने का मजा ज्यादा है हिहिहिही कुछ ना कुछ देखने को मिल जाता है आजाओ

फिर राज घर का दरवाजा हौले से धकेल कर जैसे भीतर घुसा , बनवारी भी उसके पीछे घुसने लगा तो बनवारी का हाथ दरवाजे के कंडे पर लगा गया

जिसकी आवाज की प्रतिक्रिया मे भीतर आंगन से पायलों की छनक के साथ एक आवाज आई - कौन है ?



अमन के घर

"चल यही आराम कर अब " ममता मुस्कुरा कर अमन से बोली ।
अमन - मम्मी मेरे सर मे दर्द हो रहा है बाम लगा दोगी

ममता ने अपने लाड़ले की हालत को देखा और उसका उतरा हुआ मुह देख कर आलमारी से बाम निकाल कर आई और बिस्तर पर पालथी मारकर बैठते हुए - आजा मेरी गोदी मे

अमन खुश हुआ और अपनी मा के गोद मे उसकी बाई ओर आकर लेट गया ।
गुदाज जांघो मे लेटकर अमन की बहुत आराम मिला - आह्ह मम्मी कितने सोफ्टी हो आप , मेरा आधा दर्द तो ऐसे ही गायब हो गया ।

ममता शर्मा कर हस्ती हुई - चुप कर , आज भर सो ले मेरी गोद मे फिर तो रोज बहू की गोद में निद आयेगी क्यूँ?

अमन नजरे उठा कर अपनी मा को देखता हुआ - ऊहु मै तो मम्मी की गोदी मे ही सोउँगा

ममता - अच्छा तो क्या बहू अकेले रहेगी
अमन - उसका वो जाने शादी मे हमारी साथ सोने वाली बात नही हुई थी हिहिहिही

ममता उसके हस्ते गालो पर चपट लगाती हुई - बदमाश कही का

फिर ममता बाम की सीसी ने उंगली डाल कर अमन के लिलाट पर बाम मलने लगी और अमन आंखे बन्द कर गहरी सासे लेते हुए रिलैक्स होने लगा ।

ममता अपनी उंगलियो से अमन के सर पर मासाज करती हुई - तब कुछ सरप्राइज लाया है बहू के लिए या नही

अमन - सरप्राइज मतलब कुछ गिफ्ट देना होगा क्या ?

ममता - हे भगवान, तुझे कुछ पता भी है । तुने सच मे कोई तैयारी नही की आज रात के लिए
अमन - इसमे तैयारी कैसी मम्मी , जाके सोना ही तो है ना

ममता मुस्कुरा कर अमन के लिलाट पर अपनी उंगलियाँ दरती हुई - अरे पागल पहली रात पर दुल्हन को मुह दिखाई पर कुछ देगा नही

अमन - लेकिन मै तो देख चुका हु ना उसे कई बार

ममता - धत्त शैतान कही का , अरे बुधु ये रस्म होती है कि सुहागरात पर पति अपनी बीवी को निशानी के तौर पर गिफ्ट देता है ।

अमन - अच्छा? तो आपको क्या मिला था
ममता हसती हुई - हे भगवान , तु घूम फिर कर मेरे उपर क्यू आ जाता है ?

अमन - अरे अब अपने मम्मी पापा से नही पूछूंगा तो किस्से पुछूंगा , बताओ ना मम्मी क्या दिये थे पापा आपको

ममता शर्मा कर मुस्कुराने लगी ।
अमन - मम्मी बताओ ना ?

मम्मी - तेरे पापा भी तेरी भुलक्कड़ थे और अगले दिन मेरे लिए गिफ्ट लाये थे

अमन हस्ता हुआ - हिहिहिही सच मे क्या दिये थे आपको फिर
ममता - सोने के कंगन और

अमन अपनी मा को मुस्कुराता देख - और क्या मम्मी बोलो ना ?
ममता - वो तब के समय मे अंदर के कपडे नही पहनती थी गाव मे जब मायके थी क्योकि अम्मा ने कभी दिलाए नही तो हिहिहिही जब सुहागरात पर तेरे पापा को पता चला तो वो हिहिहिही अगले दिन बाजार से लेके आये थे ।

अमन का ये सुनकर लन्ड उफना गया कि उसकी मा ने अपनी बढ़ती जवानी की उम्र बिना अंडरगार्मेंट्स के निकाली थी और अभी भी वो पैंटी नही पहनती ।

अमन हस कर - तो क्या साइज़ सही थे हिहिहिही

ममता - धत्त बदमाश कहि का
अमन - बताओ ना मम्मी हिहिहिही प्लीज
ममता हस्ती हुई - नही !!
अमन - फिर
ममता - फिर अगले दिन नये लेके आये उसके साइज़ थोड़े ढीले थे

अमन हस्कर - हाहाहहा पापा को फिर जाना पड़ा होगा ना हिहिहिही
ममता - नही
अमन - तो क्या आप ढीले अंडरगार्मेंट पहन रहे थे

ममता शर्मा कर हसती हुई - हम्म्म्म
अमन को शक हुआ उसकी मा कुछ छिपा रही थी उसके चेहरे से साफ जाहिर है - मम्मी क्या छिपा रहे हो सच सच बताओ हिहिहिही प्लीज

ममता - तु पागल है , मुझसे यही सब बाते करेगा अब
अमन - ओह मम्मी प्लीज बोलो ना , देखो आपसे बात करके मेरा सर दर्द फुररर हो गया हिहिही प्लीज ना

ममता - बताया तो मै वही अंडरगार्मेंट यूज़ कर रही थी और महीने भर मे वो फीट हो गये थे

अमन अपनी भौहे सिकोड़ कर पल कर आंख मून्दा और फिर आंखे बडी कर - लेकिन कैसे , इतना खाती थी आप कि महीने भर मे मोटी हो गयी

ममता खिलखिला कर हसी - भक्क पगलेट , खा खा कर नही

अमन - तो ?
ममता आंखे चढा कर उसको घूरती हुई हस रही थी - सच मे नही पता तुझे !!
अमन शरारत भरी मुस्कान के साथ ना मे सर हिलाया ।

ममता - शादी के बाद औरतों के शरीर मे थोडा बदलाव आता ही है
अमन- कैसे?
ममता हस कर - जा अपने पापा से पुछ हा नही तो , ये क्यूँ वो कैसे ? हिहिहिही

अमन - मम्मी प्लीज बताओं ना ?
ममता - अरे पागल जैसे सभी औरतें होती हैं मै भी हुई थी , तेरे पापा के प्यार से हिहिही

tumblr-oxuhu2b4hd1qkwzqpo1-250
अमन का मुसल ये सब सोच कर तनमनाया हुआ था - अच्छा तो ऐसे बोलो ना कि ज्यादा सेक्स करने की वजह से

ममता शर्मा कर हसती हुई अपने ललाट पर हाथ रख लेती है ।
अमन - क्या सही नही बोल रहा क्या मै ?
ममता खुद पर हस्ती हुई थोडी लजाती थोड़ी झेपती - चुप कर , कुछ भी बोलता है ।

अमन ने देखा उसकी मा के ब्लाउज मे उसके चुचो के निप्प्ल उभर आये हैं और साफ साफ झलक रहे थे निचे से

अमन का लण्ड और ठूमका ।
अमन ने जिज्ञासु होकर - मम्मी एक बात पूछू
ममता - हा बोल ना ?
अमन - मम्मी क्या पापा ने आपको पहली रात ही .....हिहिहिही

ममता हसते हुए फिर से झेप गयि और अपने बाई ओर मुह फेर कर हसने लगी और तभी उसकी नजर अमन के पजामा मे बने त्म्बू पर गयी जो कुर्ते को पुरा उठाए हुए था ।

ममता समझ गयि कि इसको ये सब बाते करने मे क्यू रस आ रहा है ।
अमन - मम्मी बोलो ना
ममता - हम्म क्या ?
अमन - वही जो पुछा?
ममता - क्या ? अच्छा वो ? हिहिहिही नही
अमन - फिर उनको कैसे पता चला कि आपके पास अंडरगार्मेंट नही थे
ममता शर्मा कर - वो मै रात मे जब साड़ी उतार कर सूट डाल रही थी तब और वो सोने का नाटक कर चुपके से मुझे निहार रहे थे ।

अमन खिलखिलाकर - हिहिही सच मे
ममता हसने लगी ।
अमन - फिर
ममता - फिर क्या ?
अमन - अरे हुआ किस दिन वो सब
ममता लजाती हुई - तीसरी दोपहर को
अमन - दोपहर को ?
ममता हा मे गरदन हिलाया
अमन - दोपहर मे क्यूँ?
ममता लजा कर हस्ती हुई - जा तेरे पापा से पुछ कि दोपहर मे क्यूँ मन हुआ उनका हिहिहिही

अमन ने मह्सूस किया कि उसके मा के शरीर के रोये रोए तन गये हैं और उसका शरीर ठण्डा हो रहा है ।
अमन - तो कैसा लगा था आपको मम्मी उस दिन?

ममता - आज रात तुझे भी पता चल जायेगा , ठिक है । हा नही तो कैसा सवाल है कैसा लगा

अमन हस कर - नही मै भी आज नही करूंगा , मै भी पापा के जैसे तीसरी दोपहर को करूंगा हिहिहिही

"अच्छा, लेकिन इसे देख कर तो लगता नही कि ये रात तक भी इन्तजार करना चाहता है ", ममता ने हस कर अमन के खडे लण्ड के मजे लेते हुए बोली ।
अमन हस के - फिर तो उस हिसाब से आप भी आज पापा के साथ कर के ही मानोगे हिहिहिही

ममता अचरज से हस्ती हुई - तुझे बड़ा पता है , मेरा क्या खड़ा है हिहिहिही

20240213-193140
अमन ने लपक कर हाथ उपर कर ममता के साडी के पल्लू के निचे से ममता ब्लाउज के ऊपर से उसकी मोटी चुची पकड कर - येह्ह्ह

ममता अमन के स्पर्श सिहरी और आंख बन्द कर गहरी तेज सासे लेने लगी ।

अमन ने सोचा क्यू ना इस मौके का फाय्दा लिया जाये और वो झट से उठ कर बैठ गया

ममता चौकी और आंखे उठा कर इशारे से पूछी क्या हुआ
अमन मुस्कुरा कर उसके बगल मे बैठता हुआ उसके पीछे हाथ ले जाकर दाये तरफ से कन्धे पर रखता हुआ - मम्मी , एक बात पूछू

ममता - हम्म पुछ ले
अमन - मम्मी क्या उस दोपहर पापा ने ही आपको उपर ब्रा पहनाया था ना

ममता उस पल को याद कर सिहर गयी और चुप रही ।
अमन - बोलो ना मम्मी
ममता - अह क्यू पुछ रहा है ये सब बेटा
अमन हौले से अपना बाया हाथ आगे किया और अपनी मा के पल्लू ने निचे से और ब्लाऊज के उपर से ही उसकी चुची सहलाकर - बस ऐसे ही सुनने का मन कर रहा है , बताओ ना
ममता अमन के स्पर्श से काप गयी थी - हम्म्म बेटा पहनाया उन्होने ही पीछे हुक लगाये थे
अमन - और पैंटी
ममता अमन कि ओर झुकी आंखे बन्द किये मुस्कुराई - धत्त पागल , रहने दे ना क्यू पुछ रहा है !!
अमन ने अपने हाथ आगे बढ़ाते हुए दुसरे चुचे के निप्प्ल पर हथेली को घुमाया - बताओ ना मम्मी

ममता कसमसाई- आह्ह नही उन्होने तो उतारी थी
अमन - कैसे ?
ममता की सासे तेज थी वो पूरी तरह से उस दोपहर के पल मे खोई थी जब उसके पति से उस्का पहला संसर्ग होने को था ।
ममता थुक गटक कर - वो वोह्ह्ह ऊहु न्हीईई बेटा मै नही बता पाऊंगी मुझे शर्म आ रही है

अमन अपनी मा की चुची को हथेली मे कसता हुआ - प्लीज ना मम्मी बताओ ना
ममता कापते हुए स्वर मे - अह्ह्ह बेटा उस दिन घर के लोग यही शिव मंदिर गये थे पूजा के लिए और बस हम दोनो थे उस समय और तेरे पापा बाजार से वही ब्रा पैंटी लेके आये थे । मुझेह्ह

"आह्ह सीईईई मत कर ना नही तो मै नही बताउंगी " , ममता ने अमन को चुचियॉ मिजने से रोकती हुई बोली ।
अमन ने अपने हाथ रोक दिये और वैसे ही उसकी चुची को पकड़े रहा ।

ममता मुस्कुराई और आन्के बन्द किये -
फिर उन्होने मुझे देके बोला कि मैं ट्राई करू , उस समय भी वो बहुत लजा रहे थे और कमरे मे ना आकर बाहर ही बैठे रहे ।
मैने अपनी साडी उठा कर पैंटी ट्राई की तो वो थोड़ी ढीली थी , मगर लास्टीक ठिक थी तो कोई दिक्कत की बात नही थी । फिर मैने ब्लाउज उतार कर ब्रा ट्राई करने लगी मगर हुक मेरे से लग नही रहे थे और मुझे पता नही था कि वो दरवाजे की ओट से भीतर मुझे ही निहार रहे थे ।
मैने बार बार प्रयास किया मगर हुक नही लग पा रहे थे और वो मुझे परेशान देखकर हल्के से दरवाजा खोलकर अन्दर आये ।
दरवाजे पर आहत से मै सहम गयी और उन्हे कमरे मे आता देख मैने झट से वैसे ही साडी का पल्लू लेके अपने आगे ढक लिया और मेरी हिम्मत नही हो रही थी उनसे नजरे मिलाने की ।
वो भी कम काप नही रहे थे और बड़ी हिम्मत करके तो उन्के गले से आवाज आई - लाओ मै लगा देता हु
मै समझ गयी मेरे भोलू हुक लगाने आये थे ।

अमन खिलखिलाया - हिहिहि भोलू
ममता - चुपचाप सुन
अमन- फिर
ममता - फिर उन्होने भी 4 से 5 कोसिस मे किसी तरह हुक लगाये , मगर सामने मैने पल्लू हाथो से पकडा हुआ था तो उन्हे कुछ भी दिखा नही वो उत्तेजित तो थे और उन्होने मौका देख कर मेरी पीठ पर किस्स किया ।
अमन ने भी अपना हाथ अपने लण्ड पर ले जाकर उसे भिन्चा और वापस से ममता के पल्लू के नीचे हाथ डाल कर चुचियो के बिच हाथ गर्म करने लगा ।
ममता ने भी ये चीज नोटिस की और मुस्कुरा कर - फिर कब उन्होने मुझे पीछे से कस लिया और कब वो सब हो गया पता नही चला ।

अमन ने अपने पाव पसार कर पाव के साथ साथ लण्ड की नसो को भी स्ट्रेच करता हुआ - अह्ह्ह मम्मी फिर कितने बार
ममता हसती हुई उसका हाथ अपने कन्धे से उतार कर झटकती हुई अपने बालों का जुड़ा कर - भक्क पागल मै नही बताने वाली कुछ, ये सब कोई पुछता है भला अपनी मा से , तु बहुत बिगड़ गया है

अमन ने जोर की अंगड़ाई ली और अपना तना हुआ सुपाडा खुजाया - हिहिहिही

ममता - चल उठ जा और देख तेरे पापा कहा है
अमन - तो क्या आप अभी दोपहर मे ही हाहाहा
ममता - धत्त पागल , अरे पंडित जी आने वाले है कथा वार्ता होगा ना अभी 3 बजे से

अमन बेड पर खड़ा होकर अपना तना हुआ मुसल दबाते हुए एक जोर की अंगदाई लेके उबासी लेकर - आह्ह हा देखता हु

ममता उसकी हरकत पर हस्ती हुई बैठे हुए ही उसके पिछवाडे पर हाथ मारती है - मस्तीखोर कही का जा अब

अमन खिलखिलाता हुआ बाहर चला गया , अपने पापा को खोजने ।



राज के घर

इधर सारे लोग साथ बाजार थे मगर राहुल का मन नही लग रहा था , घर पर अकेली बबिता को सोच के राहुल का मूड बार बार घर जाने का हो रहा था , इसीलिए मार्केट पहुचने पर भी वो अपने मार्केट वाले मुहल्ले मे जाने के बहाने से निकल लिया ।

अरून और गीता जो समझ रहे थे कि वो क्यू गायब हुआ इसको सोच कर आपस मे मुस्कुरा रहे थे ।
राहुल एक ई रिक्शा किया और 10 मिंट मे पहुच गया ।
घर आकर वो खुद को शान्त किया और हाल मे एंटर होते ही उसने सब जगह चेक किया , कोई कही नजर नही आ रहा था और उसकी बड़ी मम्मी रागिनी के कमरे का दरवाजा बन्द था ।

उसे लगा कि शायद वो सो रही होगी इसीलिए वो खुश हुआ और लपक कर दबे पाव उपर निकल गया ।
उपर पहुचते ही बिना किसी शक के वो अनुज के कमरे के दरवाजे से कान लगा दिया


भीतर से आ रही आवाज से वो थोड़ा चौका और बड़बड़ाया - बहिनचो कौन पेल रहा है उसे यहा ,

राहुल ने वापस अपनी शंका दुर करने के लिए कान लगाया और भीतर से फिर वैसी ही सिसकी सुनाई दी ।
लेकिन इस बार कुछ अलग थी ।
राहुल - ओह बेनचो , ये रो रही है मगर क्यूँ । कही कुछ हुआ तो नही दोनो बाबू सोना मे

राहुल दरवाजे पर हल्का सा जोर दिया और दरवाजा आराम से खुल ही गया

राहुल ने जैसे ही कमरे मे देखा तो बबिता को एक दोपहर वाली ही टॉप स्कर्ट मे सोफे पर बैठे देखा और उसका स्कर्ट एक तरफ से घुटनो तक उठा हुआ था उसकी चिकनी मुलायम जान्घ साफ साफ दिख रही थी ।

बबिता डबडबाई आँखों से सामने राहुल को देखा तो एकदम से चुप हो गयि और स्कर्ट झट से निचे कर लिया
बबिता अपने गाल से बहते आँसूओ को पोछ कर उसकी ओर देखा तो राहुल कमरे मे दाखिल होकर - क्या हुआ तुम रो क्यूँ रही हो ?

बबिता चुप रही
राहुल - ठिक है मै बड़ी मम्मी से बोलता हु

राहुल घूमके कमरे से बाहर जाने के लिए हुआ कि बबिता उसको रोकने के लिए झटके से खड़ी हुई - न्हीई रुको आह्ह म्ममीईईई

वो फौरन अपना घुटना पकड कर बैठ गयी और दर्द से सिस्कने लगी ।
राहुल लपक कर उसकी ओर गया - क्या हुआ दिखाओ

बबिता - नही तुम जाओ कुछ नही हुआ मुझे
राहुल गुस्से मे तमतमाया - अभी एक उलटे हाथ की दूँगा तुम्हारा सारा ड्रामा निकल जायेगा

राहुल के तेज आवाज और उससे इरिटेट मिजाज से बबिता सहमी और बिखलने लगी - वो मै फोन पर बात कर रही थी और तभी बुआ उपर से आ रही थी और जल्दी जल्दी मे मेरा घुटना दरवाजे मे भिड़ गया ।


राहुल थोड़ा शान्त हुआ मगर उसकी भौहे अभी भी तनी हुई थी - दिखाओ मुझे
बबिता - नही वो घुटने के उपर लगा है

राहुल - ओके मै बड़ी मम्मी को भेजता हु ,,वो मलहम लगा देन्गी

बबिता इस डर मे कि कही उसकी बुआ (रागिनी ) सवाल जवाब ना करने लगे और पहले ही वो रज्जो के हत्थे चढ चुकी थी वो रिस्क नही लेना चाहती और घर मे किसी के लिए भी चर्चा का विषय नही बनना चाहती थी ।


बबिता - नही बुआ को नही , क्या तुम
मलहम खोज दोगे मिल नही रहा है और मुझसे चला नही जा रहा है ।

राहुल ने जल्दी जल्दी कमरे मे खोजा मगर उसे ऐसा कुछ नही मिला तो वो भागता हुआ किचन मे आया और बर्फ के क्यूब निकाला । तभी उसकी नजर फ्रिज के उपर ही पड़ी एक लाल बाम की डिबिया और एक दर्द निवारक गोली के पैकेट मिल गयि वो खुश हुआ ।

उसने एक ट्रे लिया उसमे पानी रखा , एक साफ कपड़ा लिया और बर्फ कुछ क्यूब को कटोरी मे लेके उपर चला आया ।
कमरे मे दाखिल होते ही

"ये सब क्या है ", बबिता ने अचरज से पुछा ।

राहुल ने कुछ नही जवाब दिया और एक गिलास पानी के साथ दर्द की दवाई उसको देता हुआ - हम्म्म खाओ इसे

बबिता ने दर्द की गोली पानी से गटक कर गिलास वापस रखा

राहुल के पास बैठ कर - दिखाओ मुझे बर्फ लगा देता हु

बबिता - नही मै कर लूंगी थैंक्स
ये बोल कर बबिता ने जैसे ही ठंडे आइस के गोले छुए वो उसके हाथो से सरक कर फर्श पर मैले हो गये ।

बबिता - अरेह्ह उप्स गिर गया हिहिहिही
राहुल - हसो मत गीला होगा फर्श तो तुम्हे ही साफ करना पड़ेगा
बबिता ने राहुल को अभी भी भौहे ताने हुए ही देखा और वो पुरा सिरिअस नजर आ रहा था तो मन मे बड़बड़ाई- देखो तो कैसे मुह बनाये हुए है जी तो कर रहा है ये बर्फ इसके मुह पर रगड़ दू हुउह
बबिता खुद से बड़बड़ाती हुई जैसे ही दुसरी आईस क्यूब उठाई वो भी उसकी उंगलियो से सरक कर निचे गिर गयी ।

राहुल ने देखा अब आखिर के 2 ही क्यूब थे वो भी पिघल रहे थे जल्दी जल्दी
राहुल ने बबिता की ओर घुर के देखा और आइस क्यूब उठा कर - हटो और दिखाओ कहा है

बबिता तुनक कर मुह बनाती हुई हलके से अपना स्किर्ट थोड़ा हिचक मे लजाती हुई एक टांग पर घुटनो के उपर जांघो तक ले आई ।

राहुल ने बबिता की गोरी गुदाज मखमाली जांघो को देखा जिस्पे एक हल्का लाल निशान सा बना हुआ था और तभी उसकी नजर बबिता के जान्घो के बिच गयी , जहा दिख तो कुछ नही रहा था मगर उसकी उत्सुकता साफ झलक रही थी उन अधियारो ने रोशनी करने की
पहले बबिता ने इस चीज पर ध्यान नही दिया और राहुल ने हल्का आगे झुक कर घाव पर धीरे से फूंक मारकर हौले ने नजरे उठा कर एक नजर वाप्स से उसकी जांघो के बिच देखा तो उसे बबिता की नीली ब्लोमर कच्छी नजर आ गयी ।
उसने नजरे वापस से घाव पर किया और पिघलते बर्फ को उसके घुटने के उपर ही रख कर हल्का हल्का घुमाते हुए मुस्कुरा दिया

20240213-192323
बबिता ने जैसे ही उसका मुस्कुराना देखा वो समझ गयी कि इसमे भी राहुल की कोई शरारत छिपी है और जब अगली बार राहुल ने दुबारा नजरे उठाइ वो समझ गयी , उसने झट से अपना स्किर्ट पकडते हुए - तु तुम आगे देखो , इधर नही !

राहुल ने बबिता की बात पर बिना कोई जवाब दिये बर्फ लगाते हुए सामने देखने लगा

उसकी नजरे बिना पलके झुकाये सामने देख रही थी और वही बबिता ने उसको देख कर मन मे सोचा - ये भले ही कमीना है लेकिन चलो इतनी शरफात तो है कि बोलने पर सामने देखने लगा

बबिता अभी ये सोच कर मुस्कुरा रही थी कि राहुल बोल पड़ा- निचे से स्किर्ट दबा लो नही तो गिला हो जायेगा ।

बबिता ने देखा कि राहुल ने ये बात बिना उसकी ओर देखे कही तो वो सोच मे पड़ गयि कि जब उसने मेरे ओर देखा नही तो कैसे इसे पता कि मैने स्किर्ट ढीला छोडा है ।

बबिता - तुम्हे कैसे पता कि गीला हो जायेगा,तुम तो इधर देख नही रहे

राहुल ने मुस्कुरा कर बबिता की ओर देखा और ठिक बिस्तर के सामने और राहुल के आगे आलमारी के सीसे की ओर इशारा किया

बबिता ने जैसे उधर देखा तो पाया कि आलमारी के सीसे मे तो उसकी जान्घे और भी ज्यादा और चुतडो तक दिख रही है ।
वही उसके बगल मे बैठा राहुल आईने मे उसे हाय कर रहा है
बबिता ने झट से अपनी स्किर्ट को निचे से उपर कर लिया और अपनी जान्घे छिपाती हुई - त तुम एक नम्बर के गंदे हो , तुम्हे शर्म नाही आती

राहुल हस कर - तुमही ने तो बोला कि सामने देखो हिहिहिही तो वही किया

बबिता अपने उपर लज्जित थी और उसे हसी भी आ रही थी , वो राहुल की चालाकी पर उसके बाल नोच लेना चाहती थी , मगर उसकी केयर और हैल्प से बन्ध गयी थी ।

बबिता बड़बड़ाती हुई राहुल पर भड़ास निकालती हुई - गंदे कही के , तुमसे अच्छा तो अरून है कितने अच्छे से पेश आता है मेरी बहन से , उसके साथ रहते हो कुछ तो मैनर सिख लेते
राहुल को उसका बड़बड़ाना भाया नही - हा तो तुम कौन सा अपनी बहन जैसी हो , जब भी बात करने जाओ फूट पड़ती हो ज्वालामुखी की तरह , सही नाम है तुम्हारा बबिता ,बड बड़ बड बड यार रुकती ही न्ही शुरु होने के बाद

बबिता राहुल की बात पर थोडा चुप थी
राहुल - अब लगाऊ मल्हम या जाऊ
बबिता - ह्म्म्ं लगा के जाओ
राहुल हसता हुआ उसकी ओर घुमा और रुमाल से उसके पैर पोछ कर साफ किया और बाम निकाल कर लगाते हुए - अब ठिक है , अभी एक दो घन्टे मे आराम हो जायेगा ।

राहुल उठा और ट्रे मे सारा गिरा पिघला बर्फ रखा और कपडे से फर्श पोछ कर कमरे से बाहर जाने लगा तो बबिता ने उसको रोका - सुनो !!

राहुल बिना उसकी ओर घुमे - हम्म बोलो
बबिता मुस्कुरा कर - थैन्क यू

राहुल मुस्कुराया और बिना कुछ बोले निकल गया

राहुल से कोई रिप्लाई ना पाकर तुन्की - हुउह अकड़ू कही का

जारी रहेगी
Superb bhai ji kya mast update diya
Waise bhai ab buddho ko hta kr ab ladko me aap intrest dikhao ge to jada maja ayega waise anuj Ko bhi thodi masti karni cahiye apni chachi mami bua or mossi ke sath bhai arun to geeta ke sath kya krta h ye dekhte h waise raj apne nana ke sath kya krta h agle update me dekhte.
Waise bhai ji ek bat h jo aap se bolni thi bhai ji aap pic or gif bht kam dal rahe ho please thoda jada daloge to jada maja ayega na
 
Last edited:
Top