UPDATE 008
अब आगे
अगली सुबह आंख खुली तो मौसी नही थी मै उठा और टॉयलेट मे ही फ्रेश हुआ और नहा के नीचे गया तो पापा बर्तन वाली दुकान के लिए निकल गये थे और दीदी अपने कॉलेज
क्योकि उसने 12वी के बाद boilogy ले लिया जबकि मै BA कर रहा था तो ज्यादा क्लास नही करता था ।
बस शाम को 4 बजे कोचिंग जाता था । अनुज भी अपने स्कूल जा चुका था ।
मै भी नास्ता किया और अपना नया दुकान को खोलने नीचे आ गया ।
कुछ टाईम बाद मम्मी नीचे आई और एक 44 साइज़ की panty और 42 की ब्रा लेके ऊपर चली गयी । मै समझ गया कि वो मौसी के लिए था क्योकि मौसी हमारे यहा रूकने का प्रोग्राम नही बना के आयी थी ।
फिर दोपहर में मै खाना खाने ऊपर गया तो मौसी को देख कर फिर से लंड खड़ा हो गया क्योकि उन्होने बिना ब्लाऊज के ही सिर्फ ब्रा के ऊपर से मा की साडी पहनी थी ।
मौसी को देख कर लगा कि उस काले रंग की ब्रा मे मानो मौसी ने अपने चुचो को ठूस के भरा हो क्योकि 42 साइज़ के भारी और बडे चुचे के कुछ भाग कन्धे के निचे से भी निकले हुए थे ऊपर से एक हल्के अंगूरी कलर की सारी को लपेटा था जो चाह के भी उनके उभरे हुए चुचो को छिपा नही सकता था
एक नजर मे मौसी की रसभरी जवानी को ताडने के बाद जब मेरी नजर उनकी आँखो से मिली तो मै थोड़ा हिचकिचाते हुए खाना खाने बैठ और बिना कोई खास बातचित के खाना खा के नीचे आ गया ।
फिर मा ने मुझे पापा के लिए टिफ़िन दिया बर्तन वाले दुकान पर ले जाने के लिए
मै थोडी देर में दुकान पर और खाना देकर वापस आ गया तो मम्मी ने अपने 2 ब्लाऊज और 2 पेतिकोट दिये
और बोले करीम खां के यहा देते आओ बोल्ना 2 इन्च ढिला करना है ।
नया परिचय
करीम खां - मुहल्ले मे एक दर्जी है जिसकी दुकान चंदू के घर के ठीक सामने ही थी ।
इसका कुछ खास रोल नही है बस जानकारी के लिए
मै करीम खां के दुकान पर गया और जैसा मा ने बोला था उसको कपड़े देके सोचा चंदू से मिलता चलू
तो मै उसके घर गया तो कमरे सिस्कियो की आवाजे आने लगी
मुझे लगा कही रामवीर रजनी के साथ लगा तो नही चलो और आज मै ये मौका छोड़ना नही चाह्ता था मुझे रजनी दीदी की वो कसे चुचे को देखने का मन करने लगा और धीरे धीरे कमरे के पास गया और खिडकी से अन्दर देखा
तो मेरी नजर बेड प अपना ब्लाऊज खोले चुचियो को रगड़ते हुए चंदू की मा पर गयी
उफ्फ्फ क्या कयामत थी वो चुचिया एक बराबर की गोलाई लिये उसके स्तन और उन नरम गोरे चुचो पर बड़ा सा चाकलेती घेरा लिये दो किसमिस की तरह कड़े निप्प्ल
उफ्फ़फ्फ
मै सोचने लगा काश मैं उन किस्मिस जैसे नर्म और कडक दाने को अपनी जीभ से गिला कर पाता
फिर मैने नजर निचे की तो उनकी साडी घुटनो तक ऊपर थी और कोई आदमी उनकी साडी मे घुस कर चुत चाट रहा था !
ये सीन देख कर मेरा लण्ड फनफनाने लगा
तभी रजनी ने ऐसा कुछ बोला कि मेरे लण्ड मे और कड़क और जान आ गयी साथ मे मेरे कान खड़े हो गए
रजनी उसके सर को अपनी चुत पर दबा रही थी और बोली - ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह च्च्च्ंंदऊऊऊ ऐसे ही चुस मेरी चुत लल्ला ,,तेरा बाप को पसंद नही एसिलिये तो तुझसे चुस्वती हू आह्हह ओज्ज्ज उम्म्ं उफ्फ्फ
मै तो कूछ समय के लिए भूल ही गया कि अन्दर क्या हो रहा है मै सोचने की रजनी दीदी अपने बेटे से अपनी चुत चटवा रही है
फिर मै अपने विचारो से बाहर आया तो देखा चंदू ने अपना सर अपनी मा के साडी से बाहर निकाली
फिर चंदू उठा और लंड को अपनी मा के चुत मे डाल के चोदने लगा
ओह्ह्ज उम्म्ं हा अम्म्ंंं उफ्फ्फ और तेज़ और तेज़ से चोद चंदू अपनी मा को
चंदू चोदते हुए बोला - हुउह्ह्ह मा चम्पा दीदी को कब बुला रही हो बहुत याद आ रही है
रजनी - ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह अभी पिछ्ले महीने तो गयी है और चोद चोद कर उसकी गाड़ मुझ्से भी बड़ी कर दी है तुने
अह्ह्ज ऐसे ही और कस के चोद अपनी मा को मदर्चोद बन गया है तूतो और तेज़ आह्हह अह्ह्ह्ह ऐह्ह्ह्ह इह्ह्ह्हग्ग्ग्ग।उफ्फ़फ्फ्फ उफ्फ्फ हा निकाल दे मेरा पानी मै झ्द्ने वाली हू ,,,,
ये सब बातें सुन कर मै पिछ्ली घटनाओ को जोडने लगा कि क्यू आखिर चंपा हॉस्टल गयी और कैसे रजनी चंदू से किन हालातो मे चुद्ने को तैयार हो गयी ,,कुछ बातो का राज मुझे जानना अब जरुरी हो गया था इसका एक ही उपाय था कि मै चंदू को फ्साऊ अपने बातो मे
मेरे मन मे ये सब बातें चल रही थी और अन्दर चंदू भी अपनी मा को चोद्ते हुए झड़ कर अपने मा के ऊपर गिर पड़ा
ये सब देख सुन कर मेरा दिमाग फटने लगा और मै वहा से निकल कर करीम के यहा से कपड़े लेकर घर आ गया ।
अब आगे क्या क्या होता है जानने के लिए जुड़े रहे ।
UPDATE 009 ( MEGA )
अब आगे
मै घर आया तो देखा दुकान मे ग्राहक है और मा बिज़ी है तो मै खुद कपड़े लेकर ऊपर चला गया और मौसी को दे दिया फिर नीचे जाने वाला था कि मौसी ने रोका और बोली
मौसी - राज सुनो बेटा , थोडी देर रुको मै ये ब्लाऊज नाप लू कही अभी भी छोटा तो नही
मै शर्मा गया और उनकी तरफ देखते हुए बोला ठीक ह मौसी
फिर मौसी ने मेरे सामने ही सारी का पल्लू हटाया और काली ब्रा मे कैद उनके रसिले नरम चूचे दिखने लगे जो उसमे से हर साइड से बाहर की तरफ निकल रहे थे ,,,मै पहली बार मौसी की चुचियो को इतने पास से देख रहा था ये वही रसभरी थन जैसी चुचिया थी जिनका पापा के बाद मै भी दीवाना होने लगा था ।
फिर मौसी ने ब्रा के ऊपर से ब्लाऊज चढ़ाया लेकिन एक भी बटन उनसे बंद नही हो रहा था
उनकी हर बार बटन बंद करने की कोसिस मे वो चुचियो को आपस मे दबाती थी और जब हाथ थक गये ब्लाऊज छोड देते ,,,, और हाथ हटाते ही उनकी चुचिया उछल पड़ती थी
3 से 4 बार कोसिस के बाद जब मौसी का ब्लाऊज बंद नही हुआ तो मै बोला - रुकिये मौसी मै मदद करता हूँ
मौसी - हा लल्ला देख एक भी बटन नही लग रहा है
मै मौसी के पास गया और उन्के थन जैसी भारी और मुलायम चुचियो को ब्लाऊज के दोनो तरफ से उठाते हुए दबा के बोला - हा मौसी अब बन्द करो
बड़ी मुस्किल से 2 निचे से दो बटन बंद हुए
मौसी - ये अब भी खुला है राज
त्भी मेरे दिमाग मे मौसी के साथ मस्ती करने का और उनकी रसभरी चुचियो को देखने का शानदार आइडिया आया
मै - अरे मौसी ब्रा निकाल के ट्राई करो शायद उसकी वजह से दिक्कत हो रहा हो
मौसी - हा ल्लला तू ठीक कह रहा है ,रुक मै देखती हू
फिर मौसी ने ब्लाऊज उतारा और ब्रा खोला दिया ,,,ब्रा खुलते ही उनकी चुचिया उछल पडी हवा मे ,,,, और 3 4 सैकेण्ड ऊपर निचे होती रही
मैने पहली बार मौसी के कडक बडे दाने वाले भूरे निप्पल को देखा और गोरे गोरे थन दिखने मे इतने नरम मह्सूस हो रहे थे ,,,मै बस उनकी चुचियो मे खो ही गया
मौसी ने मुझे अपनी चुचियो को देखते हुए देखा तो बोला
मौसी - ऐसा क्या देख रहा है राज , तुने भी इसका दूध पिया है बचपन मे बहुत बार
मै आश्चर्यचकित हो गया और मौसी के ऐसा बोलने से थोडी हिम्मत आई सोचा क्यो ना मौसी से थोड़ा मज़ा लिया जाय
मै आश्चर्यचकित होने के अन्दाज़ मे बोला - क्या बात कर रही हो मौसी ,, ऐसा कैसे हो सकता है मुझे तो नही याद
मौसी - अरे तु तब बहुत छोटा था और अपने नाना के यहा था । जब तेरी मा बाहर चली जाती कही तो मै ही तुझे दूध पिलाती थी ।
मै नाटक करते हुए बोला - अगर सच मे ऐसा हुआ होता तो मुझे अपके दूध का स्पर्श याद रहता है
मौसी बोली -यकीन ना हो तो एक बार छू कर यादे ताजा कर ले
उफ्फ़ वो बड़े बड़े भारी नरम चुचे पर गोल गोल भूरे दाने के निप्प्ल मुह मे पुरा पानी भर गया
मौसी - आ इसको फिर से चुस के देख की स्पर्श याद आता है की नही
मैने भी थोड़ा हिचकिचा और हिम्मत करते हुए मौसी की ओर गया और एक चूचि को लेकर उसके निप्प्ल को हल्का सा चूसा
उफ्फ्फ इतना आनद मिला मुझे और मेरे तन मे करेंट दौडने लगा और मै भर भर के अच्छे से मौसी की चुचिया चूसने ल्गा
नतिजन मौसी मधोश होने लगी और मेरे सर पर हाथ फिराते हुए बोली बस कर लल्ला याद आ गया ना
मै उनकी चुचियो से अलग होते हुए बोला - हा मौसी याद आ गया अब तो आपके चुचे और नरम हो गये है ।
मौसी शर्मा गयी और बोली हट बदमाश और ब्लाऊज पहनने लगी ,,,,फिर भी उनके ऊपर के 2 बटन नही बंद हो रहे थे तो बोली देख ये भी तंग है अभी
मै - अरे नही मौसी अच्छे लग रहे हैं ऐसे ,,, और ये कहते हुए उन्के बाहर निकले चुचो को छूने ल्गा और बोला - मौसी मुझे फिर से आपके दूध पीने है
मौसी - अभी नही बेटा फिर कभी समय ठीक नही है और मुझे हग कर ली मै भी उन्के भारी गांड की छूते हुए उन्से अलग हुआ और दुकान मे जाकर काम करने लगा
फिर शाम 4 बजे कोचिंग के लिए निकल गया
शाम को घर आया तो चाय नास्त किया फिर दुकान बंद करके टहलने निकल गया ।
और ऐसे ही मन हुआ कि चाचा के यहा जाऊ फिर मै टहलते हुए चाचा के घर गया तो दुकान मे राहुल बैठा था
मै उससे हाल चाल लिया और घर मे च्ला गया चाची से मिलने वो खाना बनाने की तैयारी मे थी और निशा दीदी अपनी पढाई कर रही थी
चुकि चंदू के राज जानने और मेरे घर मे हुई घटनाओ ने मेरा मन बदल दिया था तो हर औरत और लडकी को मै सेक्स से देखने लगा ।
निशा दी एक टी शर्ट और घाघरा मे बैठ के पढ रही थी
उनका घाघरा घुटने तक उठा था ,, उनकी गोरी गोरी टाँगे दिख रही थी और घाघरे मे उनके चुतड का फैलाव स्पष्ट दिख रहा था
मै उनके पास बैठ गया और उनकी किताब की जगह नजर उन्के टी शर्ट से झाँकते 32 साइज़ की चूचि पर लगा ली
थोडी देर हुई थी की दीदी ने अपने पेन से मेरे सर पर मारा और इशारे से पुछा ध्यान कहा है
मै शर्मा गया और मुस्कुराते हुए ना मे सर हिलाया
फिर वो मुझे चेहरा बना कर प्यार से डाटने लगी मै भी एक कान पकड के सॉरी बोला इशारे मे ही ।
वो मुस्कुरायी और धीरे से बोली - इतना ही मन है तो पता ले कोई ,,,कह तो मै हैल्प कर दूँगी
मै - पटा तो लू लेकिन वो मुझे पेन से मारेगी तो ,,,, मै उसे छेद्ते हुए बोला
निशा धीरे से और इस बार पेन को मेरे पेट मे हल्का का चुबाया और बोली - अच्छा बेटा दीदी पर ही लाईन मरेगा
मै उनको लपटेते हुए - मै तो हमेशा से ही आपको लाईन दे रहा था लेकिन आपको आज पता चला
निशा - अच्छा वो कैसे
मै - देखती नही बचपन से आखिर क्यों मै आता हू यहा ,,,,,हिहिहिही ,,, टीवी देखना तो आपको देखने का एक बहाना था
निशा शर्मा गयी और मुझे अपनी लाईन थोडी क्लियर दिखी तो मै बोला - तो मैडम क्या आप अपने इस बचपन के आशिक पर कुछ रहमोकरम करेगी ।
निशा मुस्कुराये जा रही थी ,, और मैने उसकी सॉफ़्ट चिकनी एडी को हल्का सा सहलाना शुरू किया तो वापस उसने मेरे हाथ पर पेन मारा और चाची की तरफ इशारा किया जो किचन मे खाना बना रही थी
मै उधर चाची को देखता तब तक निशा दीदी उठी और छत की सीढ़ी की तरफ पहूची और मुझे आवाज देकर ठेंगा दिखाने लगी ।
मै उनकी तरफ उनको पकड़ने गया भागते हुए तो चाची बोली - क्या हुआ निशा ,,, फिर से तुम दोनो लड़ना सुरु कर दिये
मै - हा चाची ये दीदी हमेशा मुझे चिढ़ा के भाग जाती है आज मै इसको नही छोडने वाला
चाची - जो मन करे करो तुम दोनो ,,तुम्हारे चक्कर मेरी सब्जी जल रही है ,,हे राम क्या होगा इन दोनो का और कब बडे होगे ,,,
मौसी ऐसे ही बड़बड़ाते हुए किचन मे चली गयी और मैने एक शैतानी मुस्कान से दीदी की तरफ देखां ,, बदले मे दीदी ने ना मे सर हिलाते हुए ऊपर छत पर चली गयी और मै भी उनकेपीछे भागता हुआ छत पर गया तो देखा दीदी कही नजर नही आ रही है ,,,, फिर मैने थोड़ा सा पानी वाली टंकी की तरफ देखा तो दीदी वही छिप के टंकी के ठीक नीचे खडी है
मुझे एक शैतानी सुझी और मैने वापस जीने पर आकर मोटर का स्विच आन कर दिया और करीब 1 मिंट के लगभग मे पानी टंकी से ओवरफलो होने लगा और निशा दीदी पुरा भीग गयी
मैने वापस से स्विच ऑफ़ किया और उनके सामने हस्ते हुए गया और देखा
दीदी पुरा भीग चुकी है उनकी सफेद रंग की टीशर्ट भीगने से उनकी ब्लैक रन की ब्रा साफ दिख रही थी और निचे उनका घाघरा पुरा उन्के बदन से चिपक चुका था जिससे उनकी दोनो गुदाज जान्घे साफ दिख रही थी
फिर मैने निशा का चेहरा देखा तो वो रो रही थी मै दौड़ के उनके पास गया और बोला अरे मै तो मज़ाक कर रहा था दीदी ,, फिर मै उनको गले लगाया और सॉरी बोला -
निशा रोते हुए - ऐसा कोई करता है क्या
मै - सॉरी दीदी अब ऐसे नही करूँगा ,,, और वैसे मुझे नही पता था की मेरी दीदी इतनी हॉट भी है
निशा मेरे सीने पर मुक्का मारने लगी - चल बड़ा आया दीदी को पटाने
फिर मैने निशा को सामने किया और उनकी आँखो मे देखते हुए बोला - सच मे दीदी आप बहुत खूबसूरत हो
और वो एक टक मेरी आँखो मे देखे जा रही थी
शाम का समय था और अंधेरा भी बढ गया था और पता नहीं मुझसे कैसे हिम्मत आई और मैने निशा दीदी के नाजुक होठो को झुक कर चूम लिया और वापस हुआ ही था की दीदी ने खुद ही मेरे सर को पकड कर मेरे लिप्स को चूसना सुरु कर दिया
फिर मै भी उनका साथ देने लगा और धीरे धीरे अपना हाथ उन्के भिगे घाघरे के ऊपर से ही उनकी नरम गुदाज गांड पर ले गया और उनको निचे से उठाते हुए मस्लने लगा
तभी चाची ने निचे से निशा दीदी को आवाज दी और दीदी ने मुझे छोडा और एक नजर मेरी आँखो मे देखा फिर शर्मा कर निचे देखते हुएअपने गीले लटो को कान के पीछे किया और निचे जाने लगी
मैने लपक कर उनका एक हाथ पकड़ा और बोला - दीदी
वो वही रुक गयी फिर मै उनको पीछे से हग करते हुए अपना हाथ उन्के टीशर्ट में डाल कर उन्के पेट को सहलाते हुए उनके एक तरफ कंधे पर सर रख के बोला - दीदी आई लव यू
फिर निशा ने घूमी और मेरे गाल को चूमते हुए निचे चली गयी
मै बहुत खुश हुआ की चलो एक गरमा गरम ताज़ी चुत का इन्तेजाम हो गया है बस उसे समय पर भोगने की चाह है
फिर थोडी देर बाद मै वापस घर आ गया तो पापा आ गये थे अनुज औंर दीदी भी थी सब लोग साथ मिल कर चाय नास्ता किये फिर दीदी और मा खाना बनाने मे लग गये ,,, अनुज अपने होमवर्क करने नीचे पापा के रुम मे चला गया,
तो मैने भी सोचा क्यो ना इन दोनो ( मौसी और पापा ) को मौका दू और देखू क्या बात होती है ।
फिर मै बेडरूम से निकल कर स्टोर रुम की तरफ जाने ल्गा
मेरे निकलते ही मेरा अनुमान सही हुआ
तुरंत पापा बोले - और दीदी यहा कोई दिक्कत तो नही आपको ,,, अगर कुछ जरुरत हो मुझसे कहिये
मौसी - नही जमाई जी कोई दिक्कत नही है बस यहा गर्मी ज्यादा है
पापा - तो आप मेरे कमरे मे क्यो नही आ जाया करती है सोने
मौसी मज़ा लेते हुए - आ तो जाऊ जमाई जी आपके कमरे मे लेकिन मुझे आपके साथ सोता देख छोटी ( मा ) नाराज हो जायेगी कि मैने आपको कब्जा लिया ,,,, हिहुहिहिही
पापा - अरे आप आईये तो सही दीदी मेरे कमरे मे आप दोनो बहनो के लिए भरपूर जगह है तो आज रात आ रही है न सोने रागिनी और मेरे साथ
मौसी शर्माते हुए - ठीक है जमाई जी जब आपको नही दिक्कत तो आ जाऊंगी लेकिन एक बार छोटी से पूछ लेजिये आप
पापा - अरे दीदी उसकी चिन्ता आप ना करे
ये सब बातें सुन के मै मस्त हो गया और रात के लिये काफी उत्तेजित हो गया ।
आगे के अपडेट मे हम देखेंगे की क्या होने वाला है ।
UPDATE 010.
रात को सभी लोग खाना खा लिये और गर्मी की वजह से हम सभी लोग छत पे टहलने गये
थोडी देर बाद मै जान बुझ के चाताई पर लेट गया ,, करीब 10 मिनत बाद दीदी अनुज को लिवा के सोने चली गयी ।
फिर थोडी देर बाद पापा मा से बोले - रागिनी , रज्जो दीदी बता रही थी को यहा गर्मी बहुत लगती है और सो नही पा रही है तो तुम इनको भी लिवा के आजाना मेरे कमरे,,, वहा इनको भी आराम रहेगा ।
इसके बाद पापा नीचे चले गये
फिर मौसी और मा आपस मे बात करने लगी
मा - क्या बात है दीदी आज अपने दीवाने के साथ सोने जा रही है , कल की चुदाई देख कही आपका मन तो नही ना कर रहा है
मौसी - मन तो बहुत है छोटी लेकिन वो तेरा पति है और मेरे नीचे सोने से तु भी नही चुद पायेगी
मा - काहे का पति दीदी देखी नही कैसे तडप रहे थे कल आपसे अपना लंड चुस्वाने के लिए
मौसी - हा छोटी उसका तो पुरा मन है मेरे ऊपर चढने का ,,,, हहहहह
मा - तो चलो दीदी आज पुरा कर दो अपने आशिक का अरमान ,,, हिहिही
मौसी - सोच रही हू आज थोडी सी दया दिखा दू अपने दीवाने जमाई को
मा - अरे ऐसे जाओगी क्या दीदी सब कुछ ढक कर तो कैसे मेरे पति अपनी रसदार गदरायी सपनो की रानी का दिदार कर पायेंगे
मौसी - तो तू बता कैसे जाऊ
मा - अरे दीदी ये साडी उतार दो ना आपके रसिले दूध देख कर ही वो पागल हो जायेगे ,,,,हिहिही
फिर मौसी ने साडी उतार दी और अब मौसी ब्लाऊज पेतिकोट मे थी फिर मा ने भी सारी निकाल दी
और दोनो मुस्कराते हुए चल दी नीचे पापा के रुम मे
करीब 2 मिनत बाद मै भी नीचे गया तो देखा की मा और मौसी अभी कमरे के बाहर ही है कुछ बात कर रही है ह्स्ते हुए
मौसी ने ऊपर से एक चुनरि ली हुई है लेकिन मा वैसे ही है
फिर पापा भी हाफ़ चढ्ढा और फुल बनियान पहने बाहर आते है और मौसी का चौड़ा चुतड़ देख के मस्त हो जाते और कहते है
पापा - लग्ता है दीदी जी आपको गर्मी सच मे ज्यादा लग रहा है,,, आज आप कूलर की तरफ ही सोयियेगा
फिर तीनो कमरे मे जाते है
कमरे मे नाइट बल्ब जलता है
फिर कमरे का दरवाजा बंद हो जाता है और मै फुर्ती से दबे पाव खिडकी के पास पहुच जाता हूँ ।
कमरे मे
पापा- आप इधर सो जाईये दीदी , और मुझे भी गर्मी ज्यादा लगती है तो आपको अगर दिक्कत ना हो तो बिच मे मै सो जाऊ
मौसी - अरे दिक्कत कैसी जमाई जी सोना ही तो है ,,,, ये बोल के अपनी चुनरी उतार के रख देती है
ऐसा होते ही पापा की नजर उनकी आधी बाहर आई चुचियो पर रुक जाती है और चड्धे मे उनका लंड सलामी देने लगता है
मा - अरे अब खड़े रहना है क्या कि सोना भी है
पापा हड़बड़ा कर बिस्तर पर आ जाते है फिर मौसी और मा भी हस्ते हुए अपने जगह आ जाते है ।
फिर थोडी देर बाद पापा मौसी की तरफ घूम के उनकी चुचियो को घूरते हुए बोले - देख रहा हू दीदी आपके पास आरामदायक कपड़े नही है
मौसी समझ गयी की बात किस लिये किये पापा और मुस्कुराते हुए बोली - हा जमाई जी ये छोटी के कपडे है इसिलिए बहुत तंग है
पापा - आप चाहे तो रिलैक्स हो कर सो सकती है क्यू रागिनी ठीक कह रहा हू ना
मा - हा दीदी आप ब्लाऊज निकाल दो और चुनरि ऊपर से डाल लो वैसे भी यहा कोई बाहर का थोडी है
मौसी - हा ठीक कह रही हो छोटी ,,, फिर पापा को कहती है कि - जमाई जी क्या आप,,,,
पापा- हा हा मै घूम जा रहा हू आप आराम से बदल ले
फिर पापा मा की तरफ घूम जाते है और दोनो के चेहरे पर एक खास मुस्कान होती है
फिर मा अपना हाथ नीचे ले जा कर पापा लंड ऊपर से ही सह्लती है और पापा भी मा की चूचि पर काटने की कोसिस करते है ।
तभी मौसी बोली - हा जमाई जी अब आप घूम सकते है
पापा भी घूम के देखते है तो मौसी ने अपना ब्लाऊज निकाल के वही ट्रांसपरेंट चुनरि लेली ऊपर से ,,, और गुलाबी नाइट बल्ब की रोशनी में उन्के गोरे चुचे साफ दिख रहे थे
पापा - हा दीदी अब ठीक है और फिर मा को बोले रागिनी तुम भी निकाल दो ब्लाऊज गर्मी बहुत है
मौसी - हा छोटी जमाई जी ठीक कह रहे है जबसे ब्लाऊज निकाला है एकदम से आराम मिला है
मा - ठीक है दीदी ,, फिर मा ने भी ब्लाऊज निकाल दिया और मै मा को देख के पागल होने लगा
आज पहली बार मा को अधनंगा देखा
उनकी गोल गोल बड़ी चूचि और डार्क कडक निप्प्ल उफ्फ्फ कयामत थी मा
फिर कुछ देर शान्ति थी मगर एक तरफ जहां पापा मौसी की चुचियो के दर्शन का जुगाड लगा रहे थे वही मा को लंड की तलब होने लगी थी और वो पापा के चढ़ढे मे हाथ डाल के लंड सहलाने लगी लेकिन पापा की नजर एकटक मौसी की चुचियो मे था
इधर मा के लण्ड हिलाने से पापा थोड़े ध्यान भंग हुए तो देखा मा एकदम नशे मे और अपनी चूचि चूसने का इशारा करती है
पापा भी नग्न चुचियो को देख मा की तरफ घूम कर चुची पीने लगते है तभी मौसी को शरारत सुझी और वो चुनरि को कूलर की हवा मे उड़ा देती और बोल्ती है - अरे अरे अरे पकड़ो पकड़ो जमाई जी लेकिन तब तक चुनरि जमीन पर पड़ जाती है ।
इस हडबडी मे जब पापा घूम के देख्ते है तो मौसी बेड पर दोनो हाथ से अपनी चुचियो को ढकने की नाकाम कोसिस मे लगी है
पापा और मा - क्या हुआ दीदी
मौसी - अरे छोटी वो चुनरि उड़ कर नीचे गिर गयी है
मा समझ गयी और जानबूझ कर बोली - अब तो वो गंदी हो गयी होगी , रहने दो ऐसे ही सो जाओ
मौसी - मै तो सो जाऊ लेकिन जमाई जी को दिक्कत न हो
पापा- अरे नही दीदी , मेरे लिए जैसे रागिनी वैसे आप
मौसी - अच्छा जी मतलब आप मेरे साथ भी वही करना चाहते है जो अभी छोटी के साथ कर रहे थे ,,, पापा को छेद्ते हुए बोली
पापा - अरे नही ऐसा कुछ नही है दीदी
कहा रगिनी कहा आप
मौसी - मतलब मेरे दूध अच्छे नही है क्या
पापा थोडा शर्माते हुए - अब जिस चीज़ को देखा नही उसकी कोरी तारिफ कैसे करू
मौसी - तो ये बात है देख लीजिये फिर आप तो अपने है
फिर मौसी ने पापा के सामने अपने चुचो को नंगा कर दिया
और फिर लेट गयी
पापा भी करवट लेकर मौसी की तरफ उनकी चुचियो को एक तक देखने लगे इसी बिच मा का सेक्स का नशा और हो रहा था वो पापा के लोवर मे हाथ डाल के लंड हिला रही थी
जिसको देख मौसी हस्ते हुए बोली - जमाई जी यहा से नजर हटा कर अब अपनी पत्नी के साथ समय बिताईए वो तडप रही है
पापा- उसे अपके सामने मुझे प्यार करने मे संकोच हो रहा है दीदी
मौसी - छोटी तू कब से शर्म करने लगी ,,, चलिये मै घूम जाती हू आप लोग अपना काम कर ले
पापा - क्यो दीदी आप नही चाहेगी ये देखना की आपकी स्टूडेंट आपके सिखाये काम को सही रूप से करती है या नही
मौसी जानबूझ के - मतलब
पापा - रागिनी ने मुझे बताया था एक बार की उसे लिंग से प्यार करना अपने ही सिखाया है
मौसी शर्मा जाती है - क्या जमाई जी आप भी ऐसी बाते कोई करता और ये छोटी भी मेरी बाते बताने लगी
मा - अरे दिदी यहा कोई बाहर का थोडी न है रुको मै दिखाती हू
इतना बोल मा झट से पापा के पैर के बिच मे गयी और चढ़ढे को निकाल दिया और पापा का लंड फन्फना के खड़ा हो गया
मौसी भी एक टक पापा के लंड को देखने लगी
देखते ही देखते पापा का लंड मा के मुह मे था
ऐसा कामुक सिन देख कर मै भी लण्ड बाहर निकाल के हिलाने ल्गा
उधर मा पापा का लंड चुस रही थी और पापा की नजर अब भी मौसी की चुचियो पर थी
इसी बिच पापा बोले - रागिनी बता रही थी कि आपको भी लिंग से प्यार करना पन्सद है क्या ये सच है
मौसी थोड़ा हिचकिचा गयी और बोली - ये छोटी भी ना पता नही क्या क्या बता दी आपको
पापा - देखिये आप कुछ संकोच ना करिये दीदी अगर आपका मन है तो आप रागिनी पास जा सकती है ऐसा कहते हुए पापा अपना हाथ मौसी के हाथ पर रख देते है ।
इतने में मा लंड को मुह से बाहर करके बोली - आईये ना दीदी
मौसी थोडा सा नीचे की तरफ सरकती है तो पापा बोलते है आप निसंकोच जाईये ,,,, ये बात हमारे बिच ही रहेगी
आगे के अपडेट मे देखते क्या होता है क्या रज्जो , रन्गिलाल के इस खेल मे शामिल होगी या नही
कमेंट करके अपनी राय दे
UPDATE. 011
अब तक
पापा - देखिये आप कुछ संकोच ना करिये दीदी अगर आपका मन है तो आप रागिनी पास जा सकती है ऐसा कहते हुए पापा अपना हाथ मौसी के हाथ पर रख देते है ।
इतने में मा लंड को मुह से बाहर करके बोली - आईये ना दीदी
मौसी थोडा सा नीचे की तरफ सरकती है तो पापा बोलते है आप निसंकोच जाईये ,,,, ये बात हमारे बिच ही रहेगी
अब आगे
फिर मा बोली - आओ ना दीदी मज़ा लो आप भी ,,, ये कहकर वो पापा के पैर के किनारे हो जाती है ।
फिर मौसी भी पापा के दुसरे किनारे आ कर थोड़ा हिचकिचा के एक नजर पापा के फुकार मारते लंड को देखती फिर थोड़ा सा पापा को देखा जो उनको लंड की तरफ इशारा करते है फिर मौसी पापा के गीले और कडक लण्ड पकड़ के उसकी चमडी सुपारे से नीचे उतर के पापा की आँखो मे देखते हुए अपना जीभ सूपाडे पर घुमाती है और फिर पुरा लण्ड एक साथ मुह मे भर लेती हैं,,, इधर पापा पुरे जोश मे आँखे बंद किये मुखमैथुन का आनंद लेने लगते है ,
मौसी पापा के सुपाडे को चुस्ते हुए उनके आड़ो को सहलाती है
पापा - ओझ्ह्ह्ह्ह अह्ह्ब्ब क्या चुस्ती हो आप दीदी लंड को उम्म्ंम आह्हह ऐसे ही हाआ उम्म्ं उफ्फ्फ्फ और अन्दर लो दीदी उम्म्म्मह्ह्ह्ह उफ्फ़फ्फ्फ अझ्ह्ह्ह्ज्ज उह्ह्ह्ह
करिब 5 मिनट की चुसायि से पापा मौसी के मुह में ही झड़ जाते है जिसे मौसी के बाद मा भी चाट कर उन्के लण्ड को साफ करती है
फिर पापा उठ के बैठ जाते और दीवाल से टेक लगा बैठ जाते है फिर कहते है - आज कितने साल मेरी एक इच्छा पुरी हुई
मौसी - कैसी इच्छा जमाई जी
मा - अरे दीदी जबसे मैने इनको बताया कि मैने लंड चूसना आपसे सिखा है तबसे ये आपसे अपना लंड चुस्वाना चाह्ते है
मौसी - अच्छा ,,,अब तो खुश है ना जमाई जी आपकी मनोकामना पूरी हो गई
पापा - अभी कहा
मौसी - क्यो अभी भी कोई इच्छा अधूरी है क्या जमाई जी ,,, अपने हाथो से पापा का लंड सहलाते हुए बोली
पापा - एक हो तो बताऊ दीदी ,,,, फिर पापा मौसी की चुचियो को देखने लगे
मा पापा के एक साइड मे उन्के कन्धे पर सर रख के लेती हुई उन्के पेट सहला रही थी जबकि मौसी पापा के सामने बैठ के उनका लंड हिला रही थी
मौसी - अब कौन सी ख्वाईश बाकी है जमाई जी
पापा मा की चुचियो को अपने हाथो से मौसी के सामने से मिजते हुए बोले - नही नही दिदी वो उचित नही होगा
मा - अरे दीदी ये ऐसे ही शर्माते रहेंगे ,,,मै बताती हू
मौसी - अच्छा बता फिर
मा - जानती हो दीदी ,, ये आपके चुचियो के दीवाने हमारे सादी के दिन से है और तबसे लेकर रोज आपके चुचियो को भोगना चाहते है
मौसी शर्माने का नाटक करते हुए बोली - क्या छोटी तु भी ,,, ऐसा कुछ नही है,,है ना जमाई जी
पापा आपना हाथ मा की चुची से हटाकर मौसी के हाथ को पकड़ लेते है और कहटे है - ये सच कह रही है दीदी ,,, मै दिवानो की तरह आपको भोगना चाहता हू ,,और आपकी इजाजत हो तो क्या मै ....
मौसी अपनी तारिफ से शर्मा के घूम गयी
और मा ने पापा को इशारा किया की जाओ आपका काम हो गया
पापा ने तुरन्त अपना बनियान निकाला और मौसी को पीछे से उन्के कन्धो को पकड़ा और गरदन को चूम लिया
मौसी को मदहोसी होने लगी उनकी तेज़ सांसो से उनकी भारी चुचिया ऊपर नीचे होने लगी
उधर मा दीवाल से लग कर पापा और मौसी को देखते हुए अपनी चुची मसलने लगी
अनदर का माहौल पुरा सेक्स से भरा था और मै तेज़ी से अपना लंड सहला रहा था
पापा ने हाथ आगे ले जा कर मौसी के नरम पेट पर ले और फिर चुचीयो को नीचे से उठा कर उन्हे मसल्ने लगे और मौसी आहे भरने लगी
ईइसीईई उम्म्म्म्म्मह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं उद्फ्फ्फ जमाई जी ये क्या कर रहे हैं आप
पापा - ओह्ह्ह रज्जो रानी तूम्हारी चुचिया कितनी मस्त है और नरम है ,,,, मै इन्ही का तो दीवाना हू
मौसी नशे में मदमस्त होकर उह्ह्ह्ह्ह इस्स्स्स्स उफ्फ्फ्फ हम्म्मम्ं कर रही थी
फिर पापा ने मौसी को बोला - रज्जो मेरी जान आजाओ लेट जाओ , मुझे तुम्हारी चुचियो को चूसना है
फिर मौसी बिना कुछ बोले लेट गयी और पापा मौसी के बाई तरफ लेट के उनकी चुचियो पर हाथ घुमाने लगे और फिर मौसी के होटों के चूसने लगे
मौसी पूरी तरह से पापा के काबू मे थी और उधर जब मेरी नज़र अचानक मा पर गयी तो देखा मा अपना पेतिकोट ऊपर से ही चुत को सहलाए जा रही थी
ये सब मुझे एक सपने जैसा लग रहा था
उधर मौसी पूरी तरह खुल के पापा का साथ दे रही थी और फिर वो पल आया जब पहली बार पापा ने अपने जीभ से मौसी के डार्क चोकोलेटी निप्प्ल को चाटा और
मौसी - उह्ह्ह्ज जमाई जी
फिर पापा ने भर भर के मौसी की चुचियो को चूसने लगे और मौसी आहे भरने लगी
मौसी - आह्हह जमाई जी ,,,, और चुसो इस निगोड़ी को ओह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं आअह्ह्ह ऐसे ही मेरे राजा ,,, आज मेरी प्यास बुझा दो
पापा - हा रज्जो मेरी जान,,, आज बरसो बाद मेरी आपको भोगने की इच्छा पूरी हो रही है
मौसी - उह्ह्ज्ज उह्ज्ज मम्मंंं उफ्फ्फ्फ आह्हह ,,,, भोग लो मेरे राजा, मै अब तुम्हारी हू
पापा फिर चुचियो को छोड़ नीचे गये और मौसी का पेतिकोट खोल दिया और निकाल दिया
मौसी की मोटी मोटी गदराई जांघो के बिच पापा उनकी फुली हुई चुत देखने लगे जिसपर हल्के बाल और अपना लंड हिला रहे थे
और फिर मा को इशारे से बुलाया ,,,मा समझ गई और पापा के लंड को मुह में लेकर चूसने लगी फिर जब लंड गिला हो गया तो मा पापा को देखते हुए मौसी की चुत को दुलारने लगी,,,मनो पापा को बोल रही हो कि आओ अपने सपने को हकीकत बना लो
मौसी आँखे बंद किये अपनी चुचियो को रगड़ रही
फिर पापा ने भी मौसी की जन्गो को फैला देर ना करते हुए उनकी गीली चुत में अपना लंड डाल दिया और मौसी की आह्ह्ज निकल गयी
फिर पापा मौसी को चोदने लगे
मा - क्यो दीदी मज़ा आ रहा है ना चुद के ,,,, मै ना कहती आपको की ये आपको बहुत जोर से चौदेंगे
मौसी --- उम्म्ंम आअह्ह्ह ओह्ह्ह हाआआ छोटी
पापा मौसी की जांघो को ऊचा कर उन्के ऊपर आ कर उनकी दोनो चुचियो को चुस्ते हुए चोदने लगे और मौसी और तेज़ आहे भरने लगी
पापा - तो मतलब मेरी रज्जो रानी भी मुझसे चुद्ना चाहती थी
मौसी - उह्ज्म्ंं इफ्फ्फ आआह्ह्ह इह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह उम्म्ं हा जमाई जी , छोटी हमेशा बताती की आप उसे चोदते वक़्त मुझे ही याद करते है तो मेरा मन भी आपकी मेरी जिस्म की तडप के लिए मचल उठता था उम्मममं ओह्ह्ह्ह्ह और तेज़ चोदो जमाई जी मेरा होंने वाला है
पापा - जरुर मेरी रन्डी रज्जो जान और फिर पापा थप थप थप थप करके कस कस के मौसी को चोदने लगे ,,,,,
करीब 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद
पापा -मेरा भी होने वाला है रज्जो दीदी
और फिर पापा ने लंड को चुत से निकाला और फुर्ती से मौसी के पेट पर बैठ के सारा माल उनकी भारी चुचो पर गिराने लगे फिर लंड को उनकी चुचो पर रगड़ कर उनके चेहरे के पास गये और मौसी ने तुरंत लपक कर लंड मुह मे ले लिया और बचा कुच माल भी चुस के लण्ड छोड दिया
उधर मा भी अपना पानी निकाल चुकी थी
और मै तो 2 बार झड़ गया था
फिर थोडी देर बाद मा बोली - अरे दीदी चलो हम साफ होकर आते है
मुझे लगा अब मुझे य्हा से निकल जाना चाहिये
तभी मौसी बोली - नही छोटी ये मेरे आशिक़ का मेरे जिस्म पर उनका प्यार है और अपनी चुची पर लगा माल को उगली से मुह मे चातते हुए बोली - आज रात ऐसे ही रहना है मुझे और पापा को देखने लगी
फिर मै वहा से निकल गया और ऊपर आकर सो गया
अब देख्ते है आगे क्या होता है
Thank you broNi
Nice update and awesome story
Thank you broबहुत ही मजेदार शानदार और गजब का रोमांचक अपडेट है भाई मजा आ गया
Thank you broGreat
Thank you broBahut ji jabardast padke hi kuch kuch hone laga hai... Amazing writing skills bro... Jab likh aisa rahe ho to dimag me kya kya chal raha hoga... Waiting for raj anuj and ragini... Àapne itne seen bana diye hai bhai special requesthai ek episode only sonam or aman ka honeymoon part with geeta and Babita seen please
Thank you broAwesome Update Bhai![]()
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superb Keep it up Waiting for next Update