रजनी भी कुटिल मुस्कान के साथ चली जाती है।
इधर सरोज को दिन में शैतान की याद आती है और वो सोचती है काश शैतान आ जाये और मेरी चूत की गर्मी बुझ जाए रजनी भी नही है अभी ।"
उधर रजनी दुकान पे होती है शैतान कहता है "क्या बात है बहुत खूबसूरत लग रही हो।"
"चल झूठा कुछ भी बोलता है।"
"सही कह रहा है वो " बापू
"अच्छा बापू"
"क्या मैं झूठ बोलता हूं जो बापू कहेंगे तो ही सच होगा।"
"अच्छा "
"बापू सुनो आज शालिनी ऋतु और रोमा आ रही है।"
शैतान के कान खड़े हो गए "ये कौन है?"
"मेरी बुआ,मौसी की लड़किया है।"
"बस से आने वाली है उनको घर भिजवा देना।"
"हैं घर क्यों? उनको वापस भेज दूंगा ।"
"क्या बापू आप भी "
"हा हा हा हा हा हा बस आने वाली होगी रुक जा लेती जाना साथ मे।"
तभी एक बस रुकती है उसमें से 3 लडकिया जो कि 17 से 19 साल की होंगी उतर जाती है।
शैतान देखता है तीनो ही बला की सुंदर मगर शैतान कुछ नही करता क्यों के उंसके मकसद में लड़कियां नही भगवान बनना होता है।वो सिर्फ देख के काम मे लग जाता है जिसको देख के रजनी खुश हो जाती है क्यों के वो उसकी ओर नही देख रहा।
तभी तीनो लड़कियां आ के गले लगती है बापू बिठा के कोल्ड ड्रिंक पिलाते है फिर सब जंगल की तरफ बढ़ जाती है गाँव के लिए।
"वो राक्षस जैसा कौन था तेरी दुकान पे?"
"अरे वो शैतान है शैतान सिंह नौकर है।"
"बाप रे कितना बड़ा था वो 7 फुट का।"
"अरे उसका भी तो बड़ा ही होगा"आंख मारते हुए ऋतु बोली।
"तुझे बस वही दिखता है "शालिनी
"मुझसे ज़्यादा तो तू भूखी रहती है कब मिले कब गप्प कर जाउ।"
"हुँ जैसे मैं गप्प करती हूं तो तू सामने होती है"
"चलो अब लड़ो मत घर चलो फिर नहा के खाना खाते है।"
"हम तो सोच रही है यही नहर में नहा ले ?"
"नहर में ?"इस टाइम?कोई निकल पड़ा तो देख लेगा के 3 कुँवारी लड़कियां नहा रही है।"रजनी
"अरे हम कुँवारी नही है सील खुल चुकी है ।"तीनो साथ मे
"तो चूत नहा रही है देख के लौड़ा टनटना जाएगा और चूत भोसड़ा बन जाएगी। समझी"रजनी
"हाए तो बन जाये भोसड़ा बहुत परेशान करती है।" तीनो साथ मे।
"हद्द है चलो घर बकवास नही।"
"तेरी अभी सील पैक है इसलिए इतरा रही है जिस दिन कोई बड़ा सा घुस गया उस दिन से खुजली शुरू हो जाएगी।"शालिनी
ऐसे ही हसते हुए घर पहुच जाती है चारो हम उम्र होने के साथ साथ पक्की सहेली भी थी।तीनो पढ़ रही थी मगर रजनी के गाँव मे 10वी तक स्कूल होने के कारण उससे आगे नही पढ़ पाई क्यों के बापू उसको शहरों में नही भेजना चाहते थे। उनकी मौसी और बुआ ने भी बुलाया मगर बापू नही तो नही।
खैर घर पहुँच के तीनों कपड़े उतार के खड़ी हो गयी और रजनी से बोली "तू भी उतार साथ मे नहाते है।"
"नही तुम नहाओ मैं सुबह नहा चुकी ।सुबह नहर पे हनाएँगे 5 बजे कोई नही होगा बिना कपडों के ।"
"ओऊ मज़ा आ जायेगा मेरी बिल्लो"
जल्दी से नहा के तीनो तयार हो गयी।खाना खा के घूमने के लिए गांव में निकल पड़ी।
मगर गांव के 5 बदमाश की नज़र इन 4 लड़कियों पे पड़ चुकी थी। अब वो सोच रहे थे कि किसी को पता चले बिना इन कलियों का रस चूस के मसल दिया जाये ताकि कुछ दिनों तक चूत की व्यवस्था हो सके।हालाकि उन सबकी ऑस पास के गाँव मे कई भौजाई सेट थी तो कमी नही थी मगर वो कुँवारी माल ढूंढ रहे थे।
सब छिपकर उनका पीछा करते हुए रजनी के घर को तड़ लेते है और सुबह 4 बजे आ के बैठ जाते है क्यों के रजनी चलते हुए बोलती है"कल सुबह सबको 4 बजे जगा दूंगी फिर जंगल टहलने जाएंगे लौटने में नहर में नहाते हुए वापस आएंगे।"