रात के 3 बजे उसको सपना आता है कि उसकी शादी शैतान से हो गयी है और वो बहुत खुश है शैतान बहुत पैसे वाला हो गया है और उसके 2 बेटे हुए जुड़वा। जिसमे से पहले बेटे को शैतान ने बलि दे दी और दूसरे ने शैतान को मार दिया।" हड़बड़ा के पसीने से भरी हुई तेज़ साँसो के साथ जाग के बैठ जाती है।" ये क्या है ऐसा कैसे सपना आया मुझे ये ?""क्या वाकई शैतान अपने ही बच्चे को मार देगा?"" क्या है ये?"
पानी पी के सांस नियंत्रित करते हुए वो टहलने लगती है ।तभी उंसके सामने से एक रोशनी जाती हुई दिखती है जंगल की तरफ। वो कुछ सोचती है "ये क्या है जो इतना प्रकाश फैला हुआ है क्या कोई चोर है जो जंगल जा रहा है या कुछ और देखना पड़ेगा।"
सोचते हुए वो भागने लगती है उस प्रकाश के पीछे। दूर तक पीछा करने पे उस प्रकाश को एक पेड़ के नींचे देख के पास पहुच के देखती है वो कोई साधु है।उनके पैर पे गिर जाती है। "आओ रजनी "
अपना नाम सुनते ही रजनी चौंक के देखती है "क्या सोच रही हो मुझे नाम किसे पता?"
"ज ज जी"
"अभी जो सपना देख के आ रही हो वो सत्य होगा इसमें संदेह नही है। तुम्हारा छोटा बेटा बहुत शक्तिशाली और तेजस्वी होगा। बहुत बलवान।"
"परंतु मेरे पति और बड़े बेटे की मृत्यु होगी वो भी अपने ही पिता पुत्र के हाथ उसका क्या?"
"वो विधि का विधान है तुमको 2 काम करने होंगे बोलो करोगी ?"
"जी कहिये"
"पहला जब जुड़वा बच्चे पैदा हो जाये तब एक बच्चे जो कि छोटा होगा उसको मेरे पास भिजवा देना और बड़े बेटे को अपने पति के पास छोड़ के तपस्या करने चली जाना जो मैं मंत्र बताउ उसको सिद्ध करने।और 10 वर्ष तक मंत्र का जाप करने के बाद वापस आना ।"
"मगर महाराज मैं अपने बच्चों से दूर कैसे जा सकती हूं वो भी नवजात ?"
"अगर तुम ऐसा नही करती हो तो तुम खुद बच्चे से पहले मर जाओगी ।"
"मगर".
"मैने बता दिया है तुमको क्या करना है मेरा आश्रम यही है यहां कोई दिक्कत नही होगी तुमको न बच्चे को।बाकी तुम्हारी मर्ज़ी अब आंख बन्द करो।"
रजनी आंख बंद कर के बैठ जाती है और जब आंख खोलती है तो अपने घर के खुद को पाती है। वो समझ जाती है महाराज कोई सिद्ध परुष है।
उधर सुबह रजनी नहर में नहा रही होती है तो प्रेतनाथ देखता है और वो नहर में नहा रही रजनी के पास आ के खड़ा हो जाता है।रजनी देख के उसको उससे गुस्से में बोलती है "शर्म नही है किसी लड़की को नहाते हुए देखते हो?"
"शर्म नही है मुझे क्यों के मैं अघोरी कापालिक हुँ। मैं तुझपे फिदा हु बोल शादी करेगी मुझसे ?"
रजनी नंगी ही कपाली के सामने नहर से निकल के बाहर आती है । उंसके यौवन को देख के कपाली प्रेतनाथ सब भूल जाता है कसा हुआ सीना जिसमे बड़े चूचे और गुलाबी निप्पल्स, पतली कमर , गुलाबी चूत जिसमे रोए तक नही है। हद्द गोरा रंग ।उफ़्फ़फ़फ़ कपाली का लण्ड खड़ा हो गया। जिसको रजनी ने देख के मुस्कुराती हुई बोली।"खुद को साधक कहते हो और एक नंगी लड़की देख के रह भी नही पा रहे?"
"तू तो स्वर्ग की अप्सरा है तुझे पाने को मैं तड़प रहा हु ।"
"हा हाहा हा हा हा हा"मैं अप्सरा नही हु सामान्य लड़की हु।""ज़्यादा माखन न लगाओ समझे"
"तू तो पहले से ही चिकनी है माखन लगा के और चिकना नही करूंगा।सच बोल रहा हु।"
"चल ठीक है बता कैसे शादी करेगा?तेरे पास पैसा है?तेरे पास घर है? तेरे पास खाने को कुछ है?"
"बस यही तेरी इच्छा है तो मैं सब कर दूंगा।"
"खुद शमशान और जंगल मे रहता है और मेरे लिए महल और खाने पीने के व्यंजन ला देगा। हूह बड़े फेकू देखे पर तुझसे बड़ा नही।" बोल के कपड़े पहन चुकी थी वो घर की तरफ चल देती है।
"अगर सब व्यवस्था कर दी तो शादी करेगी?"
"करूँगी मगर घर यहां नही दूसरे किसी जगह पे किसी जंगल मे बनाना क्यों के शहर मुझे पसंद नही है यहां से 100 किलोमीटर दूर क्यों के घर से भाग के शादी करूगी समझा।"
"आ हा हा हा हा हा हा हा"क्या बोल दिया तूने दिल खुश कर दिया।"
कपाली चला जाता है।