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Incest यह क्या हुआ

rajesh bhagat

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चंदा जब झड़ गई तब वह कुछ समय बाद भगत से बोली भगत अब बस करो मैं झड़ गई।भगत ने chut चांटना बंद कर दिया। और बोला क्या huwa भौजी अब मजा नही आ रहा क्या?चंदा_जैसे तुम्हरा पानी निकलने के बाद तुम सुस्त पड़ गए थे वैसे ही औरतों के झड़ने के बाद वह भी सुस्त पड़ जाती है। औरतों को थोडा आराम देना चाहिए।भगत_भौजी देखो न मेरा नुनु तो फिर फिर से फूलकर खड़ा हो गया है।चंदा अपनी आंखें खोलकर भगत की land की ओर देखा।चंदा _हाय दईया तेरा तो फिर खड़ा हो गया रि।भगत _भौजी इसे चूसकर फिर से इसका पानी निकालो ना। बड़ा मजा आया था।
चंदा _अरे बहुत देर हो गई है कही कोई जग गया तो, मुसीबत हो जायेगी। अब चलो चलते हैं।

भगत _भौजी, इसका पानी पहले निकालो तभी मैं जाऊंगा। भले ही कोई आ जाए।

चंदा _तू बड़ा जिद्दी है, मानेगा नही।

ला इधर चूस दू। और वह खाट से उठकर बैठ गई।

भगत अपना अपना land अपने हाथो से पकड़ कर चंदा के मुंह के सामने ले गया।

चंदा फिर से उसका land मुंह में लेकर चूसने लगी।

तभी भगत का ध्यान चंदा का चूची मसलने का huwa वह चंदा के चूची को पकड़ कर मसलने लगा।
जिससे चंदा फिर गरम हो ने लगी।

भगत चूची मसलकर थोडा झुककर उसे पीने भी लगा जिसका असर चंदा पर ये huwa की वह फिर गर्म हो गई। उसके chut se फिर पानी रिसने लगा।

चंदा ने भगत से कहा तू अभी झड़ा है चुसने से जल्दी झड़ेगा नही एक काम कर तू अपना ये land मेरे boor pe डालकर धक्के मार जिससे तू जल्दी झड़ेगा और वह खाट पे फिर लेट गई और अपने दोनो टांगे चौड़ी कर दी।

भगत _भौजी क्या ऐसा करने से मैं जल्दी झड़ जाऊंगा।

चंदा _हा और एक काम कर अपना पैंट और अंडरवियर दोनो निकाल देताकि तुम्हे डालने में कोई परेशानी न हो।

भगत ने अपना pent और अंडर वियर निकाकर नीचे से नंगा हो गया। और खाट पे चढकर चंदा के फैली हुई टांगो के बिच में जाकर बैठ गया।

चंदा अपने boor ke दोनो फांकों को अपने हाथो से फैलाकर कहा लो अब डाल दो मेरे boor के छेद में। अपना land

भगत चंदा के boor के छेद को देखा और बोला, भौजी तुम्हारा boor का छेद तो छोटा है मेरा लैंड काफ़ी मोटा है अन्दर जायेगा कैसे।

चंदा _ हस्ते हुए बोली,यही तो खासियत है boor की ये दिखने में छेद छोटी पर बडा सा बड़ा land ko निगल जाती है। जब इतना बड़ा बच्चा बाहर आ जाती है तो ।
भगत _हा भौजी मुझे तो यकीन नहीं हो रहा हैं कि इतनी छोटी छेद से बच्चा बाहर कैसे आता होगा।

चंदा _अब ज्यादा बाते न कर जल्दी chut के छेद में land रख के धक्के लगा। फिर देख boor का कमाल।

भगत अब अपने हाथों से land ko पकड़ कर उसका टोपा boor के छेद में रखकर उसे आगे धकेला।land ka दबाव boor पर पड़ते ही टोपा boor के अन्दर चला गया।



चंदा _अब थोडा जोर लगा के धक्का दे।

भगत एक जोर का धक्का boor pe mar land चंदा के boor को चीरता huwa आधा घुस गया।
चंदा के मुंह से चीख निकल गई।

भगत _क्या huwa भौजी दर्द हो रहा है क्या? क्या land बाहर निकाल दू।

चंदा नही रि इसे बाहर न निकालना, इतना मोटा land अंदर जायेगा तो थोडा दर्द तो होगा ही। अब धीरे धीरे अन्दर बाहर कर।

भगत ने अब land ko boor में धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।
Chut गीला होने के कारण land dhire dhire boor me और अन्दर चला गया और एक समय ऐसा आया ki भगत ने देखा पुरा land chut ke अंदर समा गया है।

भगत _भौजी ये तो कमाल हो गया तुम्हारा boor to मेरा पुरा land ही निगल गई।

चंदा _मैना कहा था न ये बड़ी कमाल की चीज है।

भगत _भौजी chut के अन्दर तो काफ़ी गर्मी महसूस हो रही है।

चंदा _हा re , अब इस boor में लगी आग को अपने hand पंप के पानी से बुझा दे। अब जल्दी जल्दी hand पंप को चला जिससे तुम्हारा hand pump का पानी बाहर निकल कर मेरी boor की गर्मी और प्यास दोनो शांत हो सके।

भगत अब अपना land को आगे पीछे करते हुए उसे boor के अन्दर बाहर करने लगा जिससे भगत को एक नया मजा आने लगा।

चंदा ने भगत के हाथ को अपने चूची पर रख दिया।

भगत अब चंदा के चूची को मसलते हुवे land ko boor me अंदर बाहर करने लगा।
जिससे चंदा को बहुत मजा आने से अपने मुंह से सिसकारी निकालने लगी।

भगत _कैसा लग रहा है भौजी, मजा आ रहा है न।

चंदा_हा re ऐसा ही पेलता रह।

भगत _भौजी, मुझे भी बहुत मजा आ रहा है land ko तुम्हारे boor में डालने में।

धीरे धीरे भगत अपने गति बड़ाने लगा।l आनंद के मारे चंदा अपने आंखें बन्द कर ली उसके chut se लगातार रस बहने लगा जिससे land काफी गीला हो गया और land अंदर डालने पर fuch fuch की आवाज़ आने लगा,land बिना किसी रुकावट के chut me अंदर बाहर होने लगा।

भगत को ऐसा सुख पहली बार मिल रहा था वह पूरे जोश में आकर चंदा को जोर जोर से पेलने लगा। कमरे में कई प्रकार की कामुक आवाजे गूंजने लगी।

चंदा की सिसकने की आवाज़। खाट की चर चर बजने की आवाज़। चंदा की चूड़ियों कि खन खन खन खन खनकने की आवाजे। और land का boor में अंदर बाहर हो ने से fuch fuch guch guch की आवाज़ कमरे मे एक साथ गूंजने से कमरे का माहौल अत्यंत कामुक हो गया।

चंदा तो अपना सुध बुध खो बैठी chudai ka ऐसा मजा तो उसे चन्दन से आज तक नही मिला था। जो उसे अभी मिल रहा था वह भगत से चीखते हुवे बोली, भगत और जोर जोर से चोदो मुझे मेरा आने वाला है।

भगत भी जन्नत में पहुंच गाया था, वह भी स्खलन के काफ़ी करीब था। वह चंदा को और जोर जोर से चोदने लगा, पर अब वह बर्दास्त न कर सका और चंदा के कमर को पकड़ कर अपने land se सटा कर लंबी लम्बी पिचकारी मारते हुवे झड़ने लगा।

वीर्य के गर्भसाय में जाते ही उसके गर्म एहसास पाकर चंदा भी अपने को न रोक सकी और वो भी भगत को जोर से जकड़कर झड़ने लगी।
 

rajesh bhagat

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दमदार chudai के बाद दोनो कुछ देर खाट पर ऐसे लेटे रहे, फिर चंदा ने भगत से पूछा _कैसा लगा देवर जी तुम्हरा तो ये पहली बार था।आया boor चोदने मे मजा।भगत _भौजी क्या इसी को chudai कहते है।चंदा _और नही तो क्या?भगत _सच भौजी chudai में जो मजा आता है ऐसा मजा किसी और में नही।

चंदा _चलो देवर जी काफ़ी देर हो गई है नही तो ये मजा सजा में बदल जाहि।

भगत अपना कपड़ा पहनकर चंदा को एक बार बाहों मे भरकर मजा देने एवमunki इच्छा पूरी करने के लिए धन्यवाद देते हुवे वहा से रात के अंधेरे में छुपते छुपाते अपना घर आ गया।

एक बार chudai ka खेल सुरू होने के बाद चंदा और भगत को chudai ka Aisa चस्का लगा कि वे अक्सर रात में चंदा के बाड़ी के कमरे में यह खेल खेलने लगे।

चंदा ने भगत को chudai ka har पाठ सिखाया। अब भगत एक एसा मर्द बन गया था कि अच्छी खेली खाई औरतों को अपना गुलाम बना ले।

एक दिन चंदा रात के अंधेरे में अपने कमरे से निकलकर बाड़ी की ओर जा रही थी, तभी उसकी सास कमला,जो मूतने के लिए उठी थीं,की नज़र उस पर पड़ गई।

कमला _बहु इतनी रात को बाड़ी की ओर क्यू जा रही। उसे लगा की शायद कोई काम हों

कमला बाथरूम में जाकर मूतने लगी। मूत लेने के बाद वह अपने कमरे की ओर सोने के लिए जाने लगी तब उसने सोचा, बहु अभी तक आई नही आखिर बाड़ी में करने क्या गई होगी,।

कुछ देर इंतजार करने के बाद उससे रहा न गया और यह पता करने की बहू आखिर बाड़ी में अब तक क्या कर रही है, वह बाड़ी की ओर जाने लगीं।

बाड़ी का दरवाजा पर बाहर से कुड़ी नही लगा था वह उसे धकेल कर बाड़ी में चली गई।
और बहू को बाड़ी में ढूंढने लगी।

जब बाड़ी में बने उस कमरे की ओर गई तो उसे किसी की सिसकने और चर चर चर खाट की बजने की आवाज़ सुनाई दी जिसे सुनकर कमला की कान खड़ी हो गई उसकी दिल की धड़कन बड़ गई उसे लगा की कमरे मे कुछ चल रहा है।

कमरे का दरवाजा पुराना वा टूटा फूटा था उसमे कई छेद थे। कमला अपनी तेज चलती सांसों को काबू में करते हुवे अंदर झांकने लगी।

अंदर का नजारा देख कर दंग रह गई।
इस समय चंदा पीठ के बल खाट पर लेटी थी। और भगत उसके टांगो को अपने कंधे रखकर उसके उपर झुका हु़वा था और दनादन अपने land चंदा के chut pe डालकर चोदे जा रहा था।

चंदा के मुंह से कामुक सिसकारी निकल रही थी।

यह नजारा देखकर चंदा के उपर कमला को अत्यंत क्रोध आया वह दरवाजे को जोर का धक्का मारा, दरवाजा खुल गया।

भगत chudai बंद कर दिया, चंदा और भगत दोनो दरवाजे की ओर देखने लगे। और कमला को देखकर चौंक गए।

कमला_ कलमुही तुम्हे शर्म नही आती पराया मर्द के साथ आधी रात को रंगरेलिया मना रही है। क्या इसी दिन के लिए तुझे यहां बीहा कर लाए थे, की तू हमारे खानदान की इज्जत मिट्टी में मिला दे।

भगत _खाट से उठने लगा की चंदा ने उसे रोक दिया। भगत को आश्चर्य huwa

चंदा _माजी आपको यहां नहि आना चाहिए था आप यहां से चली जाइए। इसी में आपकी भलाई है।

कमला _कलमुही इतना सब कुछ होने के बाद तुम्हे शर्म नहि आ रही है कैसे टांगे उठाकर अभी भी लेटी हैं। बदचलन कही की।

चंदा _मां जी मेरे सब्र का इंतिहान मत लीजिए मैं कह रही हूं। मेरे जो जी में आए मै वो करूंगी। जो करना है karlo

कमला _कैसे इतना होने के बाद भी मुझसे जुबान लड़ाती है kutiya रण्डी कही की। अभी मैं तुम्हरे पति को बुलाकर लाती हूं।

चंदा _जा जा बता दें अपने बेटे को वो जानता है की मैं यहां हूं।

कमला _भोसडी कही की ये क्या बोल रही है मेरे बेटे को पता है की तू यहां गैर मर्द से chuda Rahi है।

कमला को अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था।

चंदा _हा उसे पता है मैं भगत से चुदाती हू क्यू की तुम्हारा बेटा मेरी chut की प्यास बुझा नही पाता। क्यू की वह भोसड़े की प्यास बुझा कर थक जाता है।

जिसके कारण मेरे chut प्यासी रह जाती है। और मुझे भगत का सहारा लेना पड़ा।

कमला _ये मेरे और मेरे बेटे के बारे में क्या बोले जा रही। तुम्हे शर्म नही आती मां बेटे के रिश्ते को बदनाम करते हुवे।

चंदा _शर्म तो तुम्हे नही आती जो अपने ही बेटे से chudwati हो। मैने कई बार अपने आंखो से देखा है। अगर और ज्यादा देर यहां रुकी तो सबको बता दूंगी की तुम अपने बेटे से चुदाती हो।
भगत चंदा की बातो को सुनकर, हैरान था।

कमला अब कुछ कहने की स्तिथि में नही थी, वह रोते हुवे वहा से जाने में ही अपना भलाई समझा उसे पता नही था की चंदा को मां बेटे के बीच का यह राज पता चल गया है।

कमला के चले जाने के बाद भगत चंदा से बोला, भौजी क्या ये सच है जो अभी तुम बोली हो।

चंदा _भगत हा ये सच है, मै तुम्हे नही बताना चाहती थी इसके बारे में पर आज जो परिस्थिति बनी मुझे कहना पड़ा।
भगत मुझसे वादा करो कि यह बात तुम किसी और को नहीं बताओगे। इसमें हमारे घर की बदनामी होगी। आखिर मुझे तो इसी घर में रहना है।
भगत _भौजी, तुम बेफिक्र रहो मैं यह बात किसी को नहीं बताऊंगा।
चंदा _मुझे तुमसे यही उम्मीद है।

कुछ देर बाद फिर दोनो गर्म हो गए और दोनो chudai करने लगे।

उधर कमला अपने कमरे मे जाकर बेड पर लेट गईं और आंसू बहा रही थीं। उसे चिंता सताने लगी की मेरे और मेरे बेटे के बारे में भगत को भी बहू और भगत को भी पता चल गया है अब क्या होगा अब तो पुरे गांव में हमारी बदनामी होगी।

Badi muskil से रात कटा।

सुबह उठते ही वह अपने बहु के कमरे मे गई और आवाज़ लगाई।

अपनी सास की आवाज़ सुनकर चंदा बाहर आई।

कमला _बहु मुझे तुमसे कुछ बाते करनी है।

चांद _क्या बात करनी है मां जी।
बहु मुझे माफ कर दो बेटी हमसे बहुंत बड़ी भूल हीहो गई है अब ऐसा गलती नही होगी। पर यह बात गांव वालो को पता चला तो हम गांव में किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।

चांद _तुम बेफिक्र रहो मां जी भगत किसी को कुछ नहीं बताएगा।

फिर भी मुझे डर है कही और को यह बात न बतादे तुम एक काम करना आज भगत को घर बुला, मै उससे हांथ जोड़कर निवेदन करूंगी की वह ये बात किसी को न कहे।

चंदा _ठिक है मां जी मैं भगत को हमारे घर आने के लिए कह दूंगी।


दोस्तो इसके बाद हम देखेंगे की आखिर चन्दन और कमला के बीच शारारिक संबंध कैसे बना जो खुद कमला भगत को बताएगी।

तो पढ़ते रहिए
यह क्या huwa?😃
 

Enjoywuth

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दमदार chudai के बाद दोनो कुछ देर खाट पर ऐसे लेटे रहे, फिर चंदा ने भगत से पूछा _कैसा लगा देवर जी तुम्हरा तो ये पहली बार था।आया boor चोदने मे मजा।भगत _भौजी क्या इसी को chudai कहते है।चंदा _और नही तो क्या?भगत _सच भौजी chudai में जो मजा आता है ऐसा मजा किसी और में नही।

चंदा _चलो देवर जी काफ़ी देर हो गई है नही तो ये मजा सजा में बदल जाहि।

भगत अपना कपड़ा पहनकर चंदा को एक बार बाहों मे भरकर मजा देने एवमunki इच्छा पूरी करने के लिए धन्यवाद देते हुवे वहा से रात के अंधेरे में छुपते छुपाते अपना घर आ गया।

एक बार chudai ka खेल सुरू होने के बाद चंदा और भगत को chudai ka Aisa चस्का लगा कि वे अक्सर रात में चंदा के बाड़ी के कमरे में यह खेल खेलने लगे।

चंदा ने भगत को chudai ka har पाठ सिखाया। अब भगत एक एसा मर्द बन गया था कि अच्छी खेली खाई औरतों को अपना गुलाम बना ले।

एक दिन चंदा रात के अंधेरे में अपने कमरे से निकलकर बाड़ी की ओर जा रही थी, तभी उसकी सास कमला,जो मूतने के लिए उठी थीं,की नज़र उस पर पड़ गई।

कमला _बहु इतनी रात को बाड़ी की ओर क्यू जा रही। उसे लगा की शायद कोई काम हों

कमला बाथरूम में जाकर मूतने लगी। मूत लेने के बाद वह अपने कमरे की ओर सोने के लिए जाने लगी तब उसने सोचा, बहु अभी तक आई नही आखिर बाड़ी में करने क्या गई होगी,।

कुछ देर इंतजार करने के बाद उससे रहा न गया और यह पता करने की बहू आखिर बाड़ी में अब तक क्या कर रही है, वह बाड़ी की ओर जाने लगीं।

बाड़ी का दरवाजा पर बाहर से कुड़ी नही लगा था वह उसे धकेल कर बाड़ी में चली गई।
और बहू को बाड़ी में ढूंढने लगी।

जब बाड़ी में बने उस कमरे की ओर गई तो उसे किसी की सिसकने और चर चर चर खाट की बजने की आवाज़ सुनाई दी जिसे सुनकर कमला की कान खड़ी हो गई उसकी दिल की धड़कन बड़ गई उसे लगा की कमरे मे कुछ चल रहा है।

कमरे का दरवाजा पुराना वा टूटा फूटा था उसमे कई छेद थे। कमला अपनी तेज चलती सांसों को काबू में करते हुवे अंदर झांकने लगी।

अंदर का नजारा देख कर दंग रह गई।
इस समय चंदा पीठ के बल खाट पर लेटी थी। और भगत उसके टांगो को अपने कंधे रखकर उसके उपर झुका हु़वा था और दनादन अपने land चंदा के chut pe डालकर चोदे जा रहा था।

चंदा के मुंह से कामुक सिसकारी निकल रही थी।

यह नजारा देखकर चंदा के उपर कमला को अत्यंत क्रोध आया वह दरवाजे को जोर का धक्का मारा, दरवाजा खुल गया।

भगत chudai बंद कर दिया, चंदा और भगत दोनो दरवाजे की ओर देखने लगे। और कमला को देखकर चौंक गए।

कमला_ कलमुही तुम्हे शर्म नही आती पराया मर्द के साथ आधी रात को रंगरेलिया मना रही है। क्या इसी दिन के लिए तुझे यहां बीहा कर लाए थे, की तू हमारे खानदान की इज्जत मिट्टी में मिला दे।

भगत _खाट से उठने लगा की चंदा ने उसे रोक दिया। भगत को आश्चर्य huwa

चंदा _माजी आपको यहां नहि आना चाहिए था आप यहां से चली जाइए। इसी में आपकी भलाई है।

कमला _कलमुही इतना सब कुछ होने के बाद तुम्हे शर्म नहि आ रही है कैसे टांगे उठाकर अभी भी लेटी हैं। बदचलन कही की।

चंदा _मां जी मेरे सब्र का इंतिहान मत लीजिए मैं कह रही हूं। मेरे जो जी में आए मै वो करूंगी। जो करना है karlo

कमला _कैसे इतना होने के बाद भी मुझसे जुबान लड़ाती है kutiya रण्डी कही की। अभी मैं तुम्हरे पति को बुलाकर लाती हूं।

चंदा _जा जा बता दें अपने बेटे को वो जानता है की मैं यहां हूं।

कमला _भोसडी कही की ये क्या बोल रही है मेरे बेटे को पता है की तू यहां गैर मर्द से chuda Rahi है।

कमला को अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था।

चंदा _हा उसे पता है मैं भगत से चुदाती हू क्यू की तुम्हारा बेटा मेरी chut की प्यास बुझा नही पाता। क्यू की वह भोसड़े की प्यास बुझा कर थक जाता है।

जिसके कारण मेरे chut प्यासी रह जाती है। और मुझे भगत का सहारा लेना पड़ा।

कमला _ये मेरे और मेरे बेटे के बारे में क्या बोले जा रही। तुम्हे शर्म नही आती मां बेटे के रिश्ते को बदनाम करते हुवे।

चंदा _शर्म तो तुम्हे नही आती जो अपने ही बेटे से chudwati हो। मैने कई बार अपने आंखो से देखा है। अगर और ज्यादा देर यहां रुकी तो सबको बता दूंगी की तुम अपने बेटे से चुदाती हो।
भगत चंदा की बातो को सुनकर, हैरान था।

कमला अब कुछ कहने की स्तिथि में नही थी, वह रोते हुवे वहा से जाने में ही अपना भलाई समझा उसे पता नही था की चंदा को मां बेटे के बीच का यह राज पता चल गया है।

कमला के चले जाने के बाद भगत चंदा से बोला, भौजी क्या ये सच है जो अभी तुम बोली हो।

चंदा _भगत हा ये सच है, मै तुम्हे नही बताना चाहती थी इसके बारे में पर आज जो परिस्थिति बनी मुझे कहना पड़ा।
भगत मुझसे वादा करो कि यह बात तुम किसी और को नहीं बताओगे। इसमें हमारे घर की बदनामी होगी। आखिर मुझे तो इसी घर में रहना है।
भगत _भौजी, तुम बेफिक्र रहो मैं यह बात किसी को नहीं बताऊंगा।
चंदा _मुझे तुमसे यही उम्मीद है।

कुछ देर बाद फिर दोनो गर्म हो गए और दोनो chudai करने लगे।

उधर कमला अपने कमरे मे जाकर बेड पर लेट गईं और आंसू बहा रही थीं। उसे चिंता सताने लगी की मेरे और मेरे बेटे के बारे में भगत को भी बहू और भगत को भी पता चल गया है अब क्या होगा अब तो पुरे गांव में हमारी बदनामी होगी।

Badi muskil से रात कटा।

सुबह उठते ही वह अपने बहु के कमरे मे गई और आवाज़ लगाई।

अपनी सास की आवाज़ सुनकर चंदा बाहर आई।

कमला _बहु मुझे तुमसे कुछ बाते करनी है।

चांद _क्या बात करनी है मां जी।
बहु मुझे माफ कर दो बेटी हमसे बहुंत बड़ी भूल हीहो गई है अब ऐसा गलती नही होगी। पर यह बात गांव वालो को पता चला तो हम गांव में किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।

चांद _तुम बेफिक्र रहो मां जी भगत किसी को कुछ नहीं बताएगा।

फिर भी मुझे डर है कही और को यह बात न बतादे तुम एक काम करना आज भगत को घर बुला, मै उससे हांथ जोड़कर निवेदन करूंगी की वह ये बात किसी को न कहे।

चंदा _ठिक है मां जी मैं भगत को हमारे घर आने के लिए कह दूंगी।


दोस्तो इसके बाद हम देखेंगे की आखिर चन्दन और कमला के बीच शारारिक संबंध कैसे बना जो खुद कमला भगत को बताएगी।

तो पढ़ते रहिए
यह क्या huwa?😃
Bahut mast. Ek kahani se dusri khani nikl kr aa rahi hai
 
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