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Incest यह क्या हुआ

Ek number

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आपने पढ़ा की किस तरह भगत रात मे छिपते छिपाते चंदा के घर के पीछे बाड़ी में पहुंचकर वहां कमरे मे रखे खाट पर लेटकर चंदा की आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।दरअसल huwa ये था कि जब उन दोनो के बीच मोबाईल पर बात चीत सुरु huwa फिर वे विडियो काल कर बात चीत करने लगे।एक दिन चंदा सुंदर साड़ी पहनकर भगत को विडियो काल कर दिखा रही थी की मैं कैसी लग रही हूं।इस साड़ी में चंदा काफी हॉट लग रही थी। उसके स्तन काफ़ी बड़े एवम आकर्षक दिखाई पड़ रहे थे।भगत का ध्यान जब चंदा के चूचे पर गया तो वह देखता रह गया। वह बोला भौजी तुम तो इस साड़ी में काफ़ी खूबसूरत और हॉट लग रही हो। आपके wo काफी बड़े बड़े लग रहे है।चंदा ने कहा क्या बड़े बड़े लग रहे है।भगत ने लड़खड़ाते शब्दो में कहा आपके दूदू।चंदा ने कहा धत तुम बदमाश होते जा रहे हों।भगत ने कहा मैं सच कह रहा हूं। भौजी आपके दूदू काफी बड़े एवम आकर्षक लग रहे है।
चंदा शर्मा गई।भगत ने कहा भौजी मुझे अपना दूदू दिखाओ ना।चंदा धत पागल ये क्या कह रहा है न बाबा मैं नही दिखाने वाली।भगत _प्लीज भौजी दिखाओ ना।मुझे देखना है।चंदा _ना बाबा कोई आ गया तो।भगत _भौजी दिखाओ ना सिर्फ एकबार। अपने देवर की इतनी इच्छा पुरी नही कर सकती।चंदा _ना बाबा मुझे शर्म आती है।भगत _भौजी अब मुझसे क्या शर्माना। प्लीज दिखाओ ना।भगत के जिद करने पर चंदा ने कहा ठिक है सिर्फ एक बार ही दिखाऊंगा। बार बार दिखाने न बोलना।चंदा पहले कमरे के बाहर घर का मुआयना, कर ली kआपने पढ़ा की किस तरह भगत रात मे छिपते छिपाते चंदा के घर के पीछे बाड़ी में पहुंचकर वहां कमरे मे रखे खाट पर लेटकर चंदा की आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।

दरअसल huwa ये था कि जब उन दोनो के बीच मोबाईल पर बात चीत सुरु huwa फिर वे विडियो काल कर बात चीत करने लगे।

एक दिन चंदा सुंदर साड़ी पहनकर भगत को विडियो काल कर दिखा रही थी की मैं कैसी लग रही हूं।

इस साड़ी में चंदा काफी हॉट लग रही थी। उसके स्तन काफ़ी बड़े एवम आकर्षक दिखाई पड़ रहे थे।

भगत का ध्यान जब चंदा के चूचे पर गया तो वह देखता रह गया। वह बोला भौजी तुम तो इस साड़ी में काफ़ी खूबसूरत और हॉट लग रही हो। आपके wo काफी बड़े बड़े लग रहे है।

चंदा ने कहा क्या बड़े बड़े लग रहे है।

भगत ने लड़खड़ाते शब्दो में कहा आपके दूदू।

चंदा ने कहा धत तुम बदमाश होते जा रहे हों।

भगत ने कहा मैं सच कह रहा हूं। भौजी आपके दूदू काफी बड़े एवम आकर्षक लग रहे है।
चंदा शर्मा गई।

भगत ने कहा भौजी मुझे अपना दूदू दिखाओ ना।

चंदा धत पागल ये क्या कह रहा है न बाबा मैं नही दिखाने वाली।

भगत _प्लीज भौजी दिखाओ ना।मुझे देखना है।

चंदा _ना बाबा कोई आ गया तो।

भगत _भौजी दिखाओ ना सिर्फ एकबार। अपने देवर की इतनी इच्छा पुरी नही कर सकती।

चंदा _ना बाबा मुझे शर्म आती है।

भगत _भौजी अब मुझसे क्या शर्माना। प्लीज दिखाओ ना।

भगत के जिद करने पर चंदा ने कहा ठिक है सिर्फ एक बार ही दिखाऊंगा। बार बार दिखाने न बोलना।

चंदा पहले कमरे के बाहर घर का मुआयना, कर ली कोई आ तो नही रहा। जब उसे आस पास कोई नज़र नही आया तब वह कमरे मे जाकर दरवाजा बंद कर मोबाईल के सामने खड़ी हो गई और बोली लो देख लो। देवर जी अपनी भौजी की दूदू। नही तो बाद में मुझसे नाराज़ हो जाओगे।

भगत खुश हो गया वह एक टक मोबाइल पर देखने लगा। उसका दिल ka धड़कन बड़ गया।
इधर चंदा अपनी साडी का पल्लू नीचे गिरा दिया। और अपने ब्लाउज का बटन निकालने लगी।
बटन ज्यों ज्यों खुलता जा रहा था।
त्यो त्यों भगत का दिल का धड़कन बड़ने लगा।

जब सारे बटन खुल गए तब , चंदा अपने ब्लाउज को दोनो हाथो से पकड़कर थोड़ा खोल दिया जिससे उसके चूचे भगत के आंखो के सामने आ गया।

भगत का तो चंदा के बड़े बड़े सुडौल स्तन को देखकर हालत खराब हो गया। वह पहली बार किसी जान पहचान वाली महीला की स्तन को देख रहा था।
वह चंदा की चूचे देखकर गर्म हो गया।

उसके शरीर में खून दोगने गति से दौड़ने लगा , असर ये huwa की उसका land उसके पेंट में तनकर खड़ा हो गया। और उसका हांथ न चाहते हुवे भी उसके land पर चला गया। वह अपने land ko सहलाते हुवे। एक टक चंदा के बड़े बड़े मम्मे को देखने लगा।

चंदा ने भगत को कहा क्या huwa देवर जी कहा खो गए। अगर दर्शन कर लिए तो इसे बंद कर दू।
लगता है कि मेरे दूदू आपको पसंद नहीं आया क्यू?

तब भगत कपकपाते जुबान से_बोला नही भौजी आपके दूदू तो कमाल के हैi कितने बड़े बड़े है। चंदू भैया तो बहुत किस्मत वाले है।

चंदा _ शरमाते हुवे पूछा वो क्यू।

भगत _चंदू भईया को तो रोज ही इसका दर्शन लाभ मिलता होगा।

चंदा _अब देख लिये हो तो इसे बंद करू। मुझे बड़ी शर्म आ रही और अपने दोनों हाथो कोसे अपने चहरे को छिपा ली।

भगत _नही भाभी अभी मेरा मन भरा नहीं है वहअपने land ko सहलाते हुवे कहा । थोड़ा देर ऐसे ही खुला रहने दो ना।

चंदा _ना बाबा कोई आ गया तो।
अब बस और वह अपना ब्लाउज का बटन बंद करने लगी।

भगत निराश हो गया।

भगत के उतरे चहरे को देखकर चंदा बोली, क्या huwa देवर जी तुम्हरा चेहरा क्यू उतर गया। लगता है भौजी का दूदू कुछ ज्यादा ही पसंद आ गया।
अब चेहरा ऐसा उतार कर मत रहो, मुझे तुम्हरा उतरा चेहरा अच्छा नही लगता।

भगत _भौजी थोड़ा देर और दिखा देती तो क्या हो जाता।

चंदा_अरे बाबा तू तो नाराज हो गया रि ।
अच्छा मुझसे नाराज़ न हो अब कल देख लेना।

भगत _खुश होते हुवे,सच भौजी मुझे कल दिखाउगी न पक्का।

चंदा _ हा बाबा पक्का।

भगत _भौजी कल का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा।
अब दोनो अपने काम में लग गए।

दूसरे दिन फिर निर्धारित समय पर विडियो काल कर बात चीत करने लगे।
भगत ने कहा भौजी तुम तो आज भी दिखाने वाली थीं न अपने दूदू, दिखाओ न।

चंदा _क्यू, इसे देखे बिना नहीं रह सकता।

भगत _आपके दूदू है ही इतनी खूबसूरत मन करता है इसे देखता ही रहूं ।

चंदा _लो देख लो तुम भी क्या याद रखो ge किस भौजी से पाला पड़ा है।

चंदा अपने ब्लाउज के बटन खोलनेउसे अपने स्तन को फिर से आजाद कर दिया।

भगतचंदा के दूदू देखकर फिर गर्म हो गया उसका land pent में अकड़ गया जिसे अपने हाथो से सहलाते हुवे अपने आंखो से चंदा के दूदू का रसपान करने लगा।

भगत _सच में भौजी आपके दूदू कितने मस्त है।भौजी इसमें दूध भी तो आता होगा।

चंदा _शर्माते हुवे बोली, इसमें दूध भरा है तभी तो इतने बड़े है। भाभी थोडा इसको मसलकर दूध निकलकर दिखाओ ना, मै भी तो देखूंइससे दूध कैसे बाहर आता है।

चंदा _धत पागल, अब तो तुम्हारी नईं नईं ख्वाइश बढ़ती जा रही है। न बाबा मैं अपने ही हाथों से ऐसा गंदा काम नहीं करूंगी।

भगत _प्लीज भाभी इसे एकबार मसलकर दूध निकालो ना। चंदू भैया भी तो मसलते होंगेइन्हे।

चंदा _छी कैसी गंदी बाते कर रहा। तुम तो बड़े अच्छे लड़के थे। किसने बताया ये सब।

भगत _वो भाभी मेरे दोस्तो ने बताया कि औरतों के दूदू मसलने पर बडा मजा आता है तो मुझे लगा की चंदू भईया भी आपके दूदू मसलते होंगे।

चंदा _तू बड़ा बदमाश हो गया है। मै तुझे कितना शरीफ समझती थी।

भगत _भौजी सिर्फ एक बार इसे मसलकर दूध निकालो ना मुझे देखना है प्लीज।

चंदा _तू मानेगा नही, बड़ा जिद्दी है।

पर प्रोमिस कर तुम अपने दोस्तो को इन सब के बारे मे कभी नही बताओगे बोलो।

भगत _मै तुमसे प्रोमिस करता हू भाभी मैं किसी को भी हमारे बारे मे नही बताऊंगा।

चंदा _लो देख लो और अपनी देखने की इच्छा पूरी कर लो।
चंदा अपने दोनो हाथो से अपने चूचे मसलकर उससे दूध निकालने लगी। दूध के दबते ही उसके स्तनों के चुचक से लम्बी लंबी पिचकारी निकलेने लगीं।

जिसे देख कर भगत का land उसके पैंट पर ही ठुनकी मारने लगा।

कुछ देर मसलकर दूध निकाल कर दिखाने के बाद अपने हाथों से ही अपने मम्मे मसलने से ही चंदा भी काफ़ी गर्म हो गई। अब वह ज्यादा देर बर्दास्त नही कर सकती थीं । वह दबाना बंद कर बोली।

चंदा _अब देख लिया न हो गया tumhari मुरादे पूरी अब इसे बंद करू।

भगत _भौजी थोड़ी देर और करो ना।

चंदा नाबाबा और नही नही तो तुम फिर नया डिमांड कर दोगे।

और चंदा अपने ब्लाउज का बटन लगा दी।

इस तरह अब रोज ही भगत चंदा के दूदू का अपने आंखो से रसपान करने लगा।

भगत का ख्वाइश अब चंदा के स्तन को मसलने एवम उसके दूध को पीने का होने लगा


भगत ने चंदा से एक दिन कहा भौजी मुझे आपके दूदू पीने की इच्छा है प्लीज भौजी मेरी यह इच्छा पुरी करो।

चंदा _हसने लगी क्या तुम बच्चे हो जो मेरे दूध पियोगे!

भगत_हा भौजी, मै तो अभी बच्चा ही हू। मुझे आपके दूदू पीने है। मैभी तो जानू की मेरे भौजी के दूध k का स्वाद कैसा है!

चंदा अच्छे से जानती थी कि भगत जिद्दी है। वह बोली।

मै जानती हू तू बड़ा जिद्दी है तू अपनीबात मनवाकरही रहेगा । मना करो तो अपना चहेरा उतार कर बैठ जाता है। जो मुझे पसंद नहीं।

अच्छा बताओ तुम मेरे दूदू पियोगे कैसे बाहर तो मैं जाती नही। अगर मैं बहाने बनाकर कही बाहर निकली भी तो गांव वालो की नज़र से कैसे बचूंगी।

न बाबा ना बहुत बदनामी हो जायेगी।

तुम दूदू पीने का ख्याल अपने मन से निकाल दो।

भगत _नही भौजी तुमहे ये मेरी इच्छा पुरी करनी ही होगी तुम्हे ही कोई उपाय निकालना होगा।

चंदाy यह सोचकर की यह मानने वाला नही, वैसे तो वह भी भगत के करीब जाना चाहती थी, पर बदनामी से डरती थी।

कुछ समय सोचने के बाद वह भगत से बोली, देखो भगत दिन में तो यह संभव नहीं है अगर रात में गांव वालो के सो जाने के बाद तुम मेरे घर आ सको तो तुम्हारी इच्छा पुरी हो सकती है।

भगत तो बावरा हो गया था वह चंदा के दूदू को मसल मसल कर पीना चाहता था वह अपनी इच्छा पूरी करने के लिए कुछ भी कर सकता था।

अतः निर्धारित समय पर वह रात में चंदा के घर के पीछे बाड़ी में पहुंच गया और कमरे में रखा पुरानी खाट मे लेटकर चंदा के आने का इंतजार करने लगा। वह खाट में लेटकर चंदा के चूचे को ही याद कर रहा था की आज भौजी कि दूदू को अपने हाथो में लेकर मसलने को मिलेगा। आज भौजी के चूचे को पकड़कर वह खूब मसल मसल कर दूध पिएगा।

यह सोचकर ही उसका land तनकर खड़ा हो गया था। वह एक हांथ से land सहलाते हुवे चंदा के मम्मे को इमेज करते हुवे खाट में लेटकर चंदा की आने का इंतजार करने लगा।
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राजेश खाट में लेटकर चंदा के आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। उधर चंदा भी बेताब थी भगत से मिलने के लिए। जब उसने देखा की चन्दन उसका पति नींद में खर्राटे ले रहा है तब वह अपने बेड से उठी और दबे पांव चलते हुए कमरे से बाहर निकल गई घर में सन्नाटा पसरा था। वह सीधे घर के पीछे बाड़ी की ओर चली गई जहा भगत उनका इंतजार कर रहा था।

भगत को किसी की आने की आहट महसूस हुई इसका दिल का धड़कन बढ़ गया। चंदा कमरे मे पहुंचकर आवाज लगाई भगत कहा हो। कमरे में अंधेरा था।

चंदा कि आवाज़ सुनकर भगत मोबाइल का टार्च ओन किया। वह बोला भौजी मै यहां हू, काफ़ी इंतजार करा दी आपने मै कब से तुम्हरा इंतजार कर रहा था।

चंदा,_इंतजार का फल मीठा होता है देवर जी।
भगत खाट से उठकर बैठ गया।

चंदा भी खाट पर बैठ गई। चंदा ने कहा तुम्हे यहां आते किसी ने देखा तो नही।

भगत _नही भौजी किसी ने नहीं देखा।

चंदा _तुम्हारी क्या इच्छा थी देवर जी? लो कर लो अपनी इच्छा पूरा।

भगत _भौजी मेरी इच्छा तो तुमको मालूम है?

चंदा _हा मै जानती हू। तुम मुझसे मिलने क्यू तड़प रहे थे। तुम्हे मेरे दूदू पीने है चंदा खिलखिलाकर हस पड़ी।

चंदा _लो कर लो अपनी इच्छा पूरी। और चंदा खाट पर लेट गया।

भगत ने कहा, भौजी अपनी ब्लाउज तो खोलो।

चंदा _हा हा सब समझती हूं तुम मेरी चूंची देखने मरा जा रहा है। ले देख ले और पीले मेरे दूध।

चंदा अपने ब्लाउज के बटन खोलने लगी।

भगत का दिल जोरों से धड़क रहा था इस पल के लिए वह कब से इंतजार कर रहा था। उसका land तो पहले ही तन कर पैंट फाड़ने की कोशिश कर रहा था।

जैसे ही ब्लाउज का बटन खुला, चंदा के सुडौल, बड़े बड़े स्तन स्तन बाहर आ गया। जिसे भगत एकटक देखने लगा।

चंदा_अब देखता ही रहेगा, कि दूध पिएगा भी। लगता है किसी महीला का स्तन पहली बार देख रहे हो।

भगत _हा भौजी पहली बार मैं किसी के स्तन को ऐसा देख पा रहा हूं। कितने खूबसूरत है।

चंदाखिलखिलाकर हसने लगी।

भगत _भौजी क्या मैं इसे छू कर देखू।

चंदा _बिना छुए दूध पियेगा कैसे?

भगत ने अपने हांथ आगे बड़ाकर, चंदा के मम्मे पकड़ लिया उसे दबाकर देखने लगा।

भगत _भौजी आपके दूदू तो काफ़ी मुलायम है। और भगत उसे हल्का हल्का दबाने लगा।

चंदा _अब जल्दी इसे पियो कोई आ न जाए।

भगत अब अपना मुंह में चंदा के चूचक को भरकर चूसना शुरु किया। जैसे ही स्तन को दबाकर उसके चूचक को चूसा, दूध की एक तेज धार चंदा की चूची से निकलकर भगत के मुंह में जाने लगा।

मुंह में दुध जाने पर भगत उसे गटकने लगा। वह बोला, आह भौजी आपके दूध तो कितना मीठा और स्वादिष्ट है।
चंदा _इसी के लिए तू तड़प रहा था न पीले जी भर के अपने भौजी के दूदू।

चंदा _मेरे भोले देवर जी, मेरे चूल्हे में जो आग लगी है उसे बुझाने

अब भगत अपने हाथों से चंदा के दोनो दूदू को मसल मसल कर उसके दूध निकलकर पीने लगा।

भगत की इस हरकत से चंदा गर्म होने लगी।
भगत भी अब जोश में आ रहा था। अब वह और भी जोर जोर से उसके स्तन मसलने लगा और एक हांथ की ऊंगली से उसके चूचक को छेड़ते हुवे दुसरे चुचक को मुंह से जो जोर से चूसकर दूध पीने लगा।

भगत की इन हरकत से चंदा बहुत अधिक गर्म हो गई। वह बर्दास्त ना कर सकी और मुंह से सिसकारी निकालने लगी।

भगत_क्या huwa भौजी काहे सिसक रही।

चंदा _tu नही समझेगा रि तू अभी बच्चा है।

भगत_अब इतना छोटा बच्चा भी नही मैं, अगर समझाओगी तो मैं समझ जाऊंगा।

चंदा _अरे देवर जी तुम्हारी हरकतों ने मेरे चूल्हे पे आग लगा दी है। इस आग की जलन से मेरे मुंह सिसकारी निकल रही।

भगत _भौजी तुम ये क्या कह रही मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।

चंदा _मैने कहा था न कि तू अभी बच्चा है नही समझेगा। अब तो यह आग तुम्हरे भईया ही बुझा पाएगा।

भगत_मम्मे को जोर जोर से मसलते हुवे कहा भौजी भईया ऐसे क्या करेंगे जो मैं नही कर पाऊंगा।
तुम मुझ बताओ तुम मुझे बताओ की क्या करना है। कैसे तुम्हारी चूल्हे की आग बुझेगी।

चंदा _भगत की हरकतों से अत्यंत कामुक हो गई। लगातार उसके मुख से कामुक सीत्कार निकलने लगी। वह बोली देवर जी मेरे अन्दर जो आग लगी है उसे बुझाने के लिए कुआ खोदना पड़ेगा। कुवे से पानी निकालला पड़ेगा तभी ये आग बुझेगी। कुआ खोदने के लिए हथियार चाहिए।
चंदा _जोश में आ गई थी, तू अभी बच्चा है । तुम्हरा हथियार अभी kuwa खोदने लायक नहीं huwa है।

भगत _भौजी ये तुम क्या बोल रही हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा तुम किस हथियार की बात कर रही।
भगत लगातार चंदा के मम्मे मसल मसल कर उसके दूध निकाल कर मुंह में भर कर गटके जा रहा था।

चंदा काम विहिल होकर बोली, अरे वही हथियार जो तुमने पैंट में छुपा रखा है।

भगत _भौजी कही तुम नुन्नू की बात तो नही कर रही।

चंदा _हा अब कुछ समझे।

भाभी _आप भी न।

चंदा _ तू तो शर्माने लगा रि। चल तो दिखा अपना नुन्नु कुछ करने लायक huwa hai ki नही।

भगत _भौजी मुझे शर्म आयेगी।

चंदा _चलो दिखाओ लुल्ली अपनी भौजी को तभी दूध पीने दूगी नही तो छोड़ो मेरे दूदू पीना।

भगत _नही भौजी मुझे अभी और दूदू पीना है, लो देख लो मेरी लुल्ली।

भगत खड़ा होकर अपने पैंट का चेन खींचकर अपना अंडर वियर नीचे खिसका दिया।

भगत के land ko देखकर चंदा की आंखें फटी की फटी रह गई।

चंदा ने देखा भगत का लैंड एक दम तनकर खड़ा हवा में चंदा केसामने ही ठुमक रहा था। उसका land तो चंदन के land se bhi बड़ा था।
जिसे देखते ही चंदा की आंखें फटी की फटी रह गई।

चंदा_देवर जी तुम तो बड़े भोले बनते थे। अपने लुल्ली को कब से फुलाकर रखा है। हाय दईया कितना लम्बा और और मोटा हो गया है तेरा नुनू । मै तो तुम्हे बच्चा ही समझ रहा था। तू तो काफ़ी बड़ा हो गया है रि। कब से खड़ा कर रखा है इसे बता।


भगत _भौजी जब से आपके दूदू देखे है तब से ये ऐसे ही खड़ा हो कर मुझे परेशान करता है। भौजी मेरे लुल्ली को क्या हो हो जाता है।

चंदा _अब तू छोटा बच्चा नहीं रहा और ये अब लुल्ली नही land बन चुका है। ये नल से हैंड पंप बन चुका है।

तू जानना चाहता है कि ये खड़ा क्यू हो जाता है? अरे तुम्हरे हैंड पंप का पानी बाहर निकलना चाहता है।

अपना हैंड पंप का पानी कभी बाहर निकाला है।

भगत _कैसी बाते कर रही हो भाभी मैं तो इससे हमेशा पानी निकलता रहता हू।

चंदा _अरे बुद्धू मै मूतने की बात नहि कर रहा। वह पानी जो इसे हिलाने या कुवा खोदने से निकलता है।

भगत _भौजी तुम किस पानी की बात कर रही हो मुझे कुछ समझ नहि आ रहा।

चंदा _लगता है तुम अभी इसे हिलाना नही सीखे हो। आओ मेरे पास मै दिखाता हूं पुरुष अपना दूसरा पानी कैसे निकलता है।

चंदा भगत के land को अपने हाथो में लेकर सहलाने लगी।
भगत _भौजी ये क्या कर रही हो। मुझे शर्म आ रही है।

चंदा _अरे क्या लड़कियों की तरह शर्मा रहा है।मै तुम्हरा land ka पानी निकालकर रही हू इससे तुम्हे राहत और आनद मिलेगा। तुम्हारा यह land fir लुल्ली बन जायेगा।

भगत _ठीक है भौजी ऐसी बात है तो मुझे जल्दी राहत दिलाओ। कब से ये फूलकर मुझे परेशान कर रहा है।

चंदा अब अपने हाथो की गति बड़ाने लगी अब वहभगत के land पर मूठ मारने लगी और पूछी कैसा लग रहा है देवर जी।

भगत _भौजी बहुत अछा लग रहा है ऐसे ही हिलाते रहो रूको मत।

चंदा भगत के land ko देखकर बहुत अधिक उत्तेजित हो गई। उसके boor का रस झरने की तरह बहने लगी।

चंदा से रहा न गया और वह land हिलाना छोड़कर उसे अपने जीभ से चाटने लगा।

भगत _भौजी ये क्या कर रही हो?

चंदा _अरे देवर जी क्या तुम्हे ये अछा नही लग रहा।

भगत _बहुत अछा लग रहा है भौजी।

चंदा_तो चुप रहकर मजा लो।

चंदा अब land ko मुंह में भरकर चुसने लगी। चंदा की इस हरकत से भगत के मुंह से सिसकारी निकलने लगीं।
आह भौजी बहुँत मजा आ रहा है और चूसो चूसती रहो।

चंदा अब जोर जोर से land ko अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।land उसके मुंह मे गपागप अन्दर बाहर होने लगा।

भगत तो जन्नत में पहुंच गया।

उसे अब बर्दास्त ना huwa और वह चंदा के सिर के बाल को पकड़कर लेंड मुंह में पेलने लगा और आह आह करते हुवे चंदा के मुंह में ह झड़ने लगा।

पहली बार वह झड़ने का आनंद लें ने लगा वह इस समय जन्नत में था।
 

Premkumar65

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राजेश खाट में लेटकर चंदा के आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। उधर चंदा भी बेताब थी भगत से मिलने के लिए। जब उसने देखा की चन्दन उसका पति नींद में खर्राटे ले रहा है तब वह अपने बेड से उठी और दबे पांव चलते हुए कमरे से बाहर निकल गई घर में सन्नाटा पसरा था। वह सीधे घर के पीछे बाड़ी की ओर चली गई जहा भगत उनका इंतजार कर रहा था।

भगत को किसी की आने की आहट महसूस हुई इसका दिल का धड़कन बढ़ गया। चंदा कमरे मे पहुंचकर आवाज लगाई भगत कहा हो। कमरे में अंधेरा था।

चंदा कि आवाज़ सुनकर भगत मोबाइल का टार्च ओन किया। वह बोला भौजी मै यहां हू, काफ़ी इंतजार करा दी आपने मै कब से तुम्हरा इंतजार कर रहा था।

चंदा,_इंतजार का फल मीठा होता है देवर जी।
भगत खाट से उठकर बैठ गया।

चंदा भी खाट पर बैठ गई। चंदा ने कहा तुम्हे यहां आते किसी ने देखा तो नही।

भगत _नही भौजी किसी ने नहीं देखा।

चंदा _तुम्हारी क्या इच्छा थी देवर जी? लो कर लो अपनी इच्छा पूरा।

भगत _भौजी मेरी इच्छा तो तुमको मालूम है?

चंदा _हा मै जानती हू। तुम मुझसे मिलने क्यू तड़प रहे थे। तुम्हे मेरे दूदू पीने है चंदा खिलखिलाकर हस पड़ी।

चंदा _लो कर लो अपनी इच्छा पूरी। और चंदा खाट पर लेट गया।

भगत ने कहा, भौजी अपनी ब्लाउज तो खोलो।

चंदा _हा हा सब समझती हूं तुम मेरी चूंची देखने मरा जा रहा है। ले देख ले और पीले मेरे दूध।

चंदा अपने ब्लाउज के बटन खोलने लगी।

भगत का दिल जोरों से धड़क रहा था इस पल के लिए वह कब से इंतजार कर रहा था। उसका land तो पहले ही तन कर पैंट फाड़ने की कोशिश कर रहा था।

जैसे ही ब्लाउज का बटन खुला, चंदा के सुडौल, बड़े बड़े स्तन स्तन बाहर आ गया। जिसे भगत एकटक देखने लगा।

चंदा_अब देखता ही रहेगा, कि दूध पिएगा भी। लगता है किसी महीला का स्तन पहली बार देख रहे हो।

भगत _हा भौजी पहली बार मैं किसी के स्तन को ऐसा देख पा रहा हूं। कितने खूबसूरत है।

चंदाखिलखिलाकर हसने लगी।

भगत _भौजी क्या मैं इसे छू कर देखू।

चंदा _बिना छुए दूध पियेगा कैसे?

भगत ने अपने हांथ आगे बड़ाकर, चंदा के मम्मे पकड़ लिया उसे दबाकर देखने लगा।

भगत _भौजी आपके दूदू तो काफ़ी मुलायम है। और भगत उसे हल्का हल्का दबाने लगा।

चंदा _अब जल्दी इसे पियो कोई आ न जाए।

भगत अब अपना मुंह में चंदा के चूचक को भरकर चूसना शुरु किया। जैसे ही स्तन को दबाकर उसके चूचक को चूसा, दूध की एक तेज धार चंदा की चूची से निकलकर भगत के मुंह में जाने लगा।

मुंह में दुध जाने पर भगत उसे गटकने लगा। वह बोला, आह भौजी आपके दूध तो कितना मीठा और स्वादिष्ट है।
चंदा _इसी के लिए तू तड़प रहा था न पीले जी भर के अपने भौजी के दूदू।

चंदा _मेरे भोले देवर जी, मेरे चूल्हे में जो आग लगी है उसे बुझाने

अब भगत अपने हाथों से चंदा के दोनो दूदू को मसल मसल कर उसके दूध निकलकर पीने लगा।

भगत की इस हरकत से चंदा गर्म होने लगी।
भगत भी अब जोश में आ रहा था। अब वह और भी जोर जोर से उसके स्तन मसलने लगा और एक हांथ की ऊंगली से उसके चूचक को छेड़ते हुवे दुसरे चुचक को मुंह से जो जोर से चूसकर दूध पीने लगा।

भगत की इन हरकत से चंदा बहुत अधिक गर्म हो गई। वह बर्दास्त ना कर सकी और मुंह से सिसकारी निकालने लगी।

भगत_क्या huwa भौजी काहे सिसक रही।

चंदा _tu नही समझेगा रि तू अभी बच्चा है।

भगत_अब इतना छोटा बच्चा भी नही मैं, अगर समझाओगी तो मैं समझ जाऊंगा।

चंदा _अरे देवर जी तुम्हारी हरकतों ने मेरे चूल्हे पे आग लगा दी है। इस आग की जलन से मेरे मुंह सिसकारी निकल रही।

भगत _भौजी तुम ये क्या कह रही मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।

चंदा _मैने कहा था न कि तू अभी बच्चा है नही समझेगा। अब तो यह आग तुम्हरे भईया ही बुझा पाएगा।

भगत_मम्मे को जोर जोर से मसलते हुवे कहा भौजी भईया ऐसे क्या करेंगे जो मैं नही कर पाऊंगा।
तुम मुझ बताओ तुम मुझे बताओ की क्या करना है। कैसे तुम्हारी चूल्हे की आग बुझेगी।

चंदा _भगत की हरकतों से अत्यंत कामुक हो गई। लगातार उसके मुख से कामुक सीत्कार निकलने लगी। वह बोली देवर जी मेरे अन्दर जो आग लगी है उसे बुझाने के लिए कुआ खोदना पड़ेगा। कुवे से पानी निकालला पड़ेगा तभी ये आग बुझेगी। कुआ खोदने के लिए हथियार चाहिए।
चंदा _जोश में आ गई थी, तू अभी बच्चा है । तुम्हरा हथियार अभी kuwa खोदने लायक नहीं huwa है।

भगत _भौजी ये तुम क्या बोल रही हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा तुम किस हथियार की बात कर रही।
भगत लगातार चंदा के मम्मे मसल मसल कर उसके दूध निकाल कर मुंह में भर कर गटके जा रहा था।

चंदा काम विहिल होकर बोली, अरे वही हथियार जो तुमने पैंट में छुपा रखा है।

भगत _भौजी कही तुम नुन्नू की बात तो नही कर रही।

चंदा _हा अब कुछ समझे।

भाभी _आप भी न।

चंदा _ तू तो शर्माने लगा रि। चल तो दिखा अपना नुन्नु कुछ करने लायक huwa hai ki नही।

भगत _भौजी मुझे शर्म आयेगी।

चंदा _चलो दिखाओ लुल्ली अपनी भौजी को तभी दूध पीने दूगी नही तो छोड़ो मेरे दूदू पीना।

भगत _नही भौजी मुझे अभी और दूदू पीना है, लो देख लो मेरी लुल्ली।

भगत खड़ा होकर अपने पैंट का चेन खींचकर अपना अंडर वियर नीचे खिसका दिया।

भगत के land ko देखकर चंदा की आंखें फटी की फटी रह गई।

चंदा ने देखा भगत का लैंड एक दम तनकर खड़ा हवा में चंदा केसामने ही ठुमक रहा था। उसका land तो चंदन के land se bhi बड़ा था।
जिसे देखते ही चंदा की आंखें फटी की फटी रह गई।

चंदा_देवर जी तुम तो बड़े भोले बनते थे। अपने लुल्ली को कब से फुलाकर रखा है। हाय दईया कितना लम्बा और और मोटा हो गया है तेरा नुनू । मै तो तुम्हे बच्चा ही समझ रहा था। तू तो काफ़ी बड़ा हो गया है रि। कब से खड़ा कर रखा है इसे बता।


भगत _भौजी जब से आपके दूदू देखे है तब से ये ऐसे ही खड़ा हो कर मुझे परेशान करता है। भौजी मेरे लुल्ली को क्या हो हो जाता है।

चंदा _अब तू छोटा बच्चा नहीं रहा और ये अब लुल्ली नही land बन चुका है। ये नल से हैंड पंप बन चुका है।

तू जानना चाहता है कि ये खड़ा क्यू हो जाता है? अरे तुम्हरे हैंड पंप का पानी बाहर निकलना चाहता है।

अपना हैंड पंप का पानी कभी बाहर निकाला है।

भगत _कैसी बाते कर रही हो भाभी मैं तो इससे हमेशा पानी निकलता रहता हू।

चंदा _अरे बुद्धू मै मूतने की बात नहि कर रहा। वह पानी जो इसे हिलाने या कुवा खोदने से निकलता है।

भगत _भौजी तुम किस पानी की बात कर रही हो मुझे कुछ समझ नहि आ रहा।

चंदा _लगता है तुम अभी इसे हिलाना नही सीखे हो। आओ मेरे पास मै दिखाता हूं पुरुष अपना दूसरा पानी कैसे निकलता है।

चंदा भगत के land को अपने हाथो में लेकर सहलाने लगी।
भगत _भौजी ये क्या कर रही हो। मुझे शर्म आ रही है।

चंदा _अरे क्या लड़कियों की तरह शर्मा रहा है।मै तुम्हरा land ka पानी निकालकर रही हू इससे तुम्हे राहत और आनद मिलेगा। तुम्हारा यह land fir लुल्ली बन जायेगा।

भगत _ठीक है भौजी ऐसी बात है तो मुझे जल्दी राहत दिलाओ। कब से ये फूलकर मुझे परेशान कर रहा है।

चंदा अब अपने हाथो की गति बड़ाने लगी अब वहभगत के land पर मूठ मारने लगी और पूछी कैसा लग रहा है देवर जी।

भगत _भौजी बहुत अछा लग रहा है ऐसे ही हिलाते रहो रूको मत।

चंदा भगत के land ko देखकर बहुत अधिक उत्तेजित हो गई। उसके boor का रस झरने की तरह बहने लगी।

चंदा से रहा न गया और वह land हिलाना छोड़कर उसे अपने जीभ से चाटने लगा।

भगत _भौजी ये क्या कर रही हो?

चंदा _अरे देवर जी क्या तुम्हे ये अछा नही लग रहा।

भगत _बहुत अछा लग रहा है भौजी।

चंदा_तो चुप रहकर मजा लो।

चंदा अब land ko मुंह में भरकर चुसने लगी। चंदा की इस हरकत से भगत के मुंह से सिसकारी निकलने लगीं।
आह भौजी बहुँत मजा आ रहा है और चूसो चूसती रहो।

चंदा अब जोर जोर से land ko अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।land उसके मुंह मे गपागप अन्दर बाहर होने लगा।

भगत तो जन्नत में पहुंच गया।

उसे अब बर्दास्त ना huwa और वह चंदा के सिर के बाल को पकड़कर लेंड मुंह में पेलने लगा और आह आह करते हुवे चंदा के मुंह में ह झड़ने लगा।

पहली बार वह झड़ने का आनंद लें ने लगा वह इस समय जन्नत में था।
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rajesh bhagat

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चंदा भगत के land के पानी को अपने मुंह में भर रखी थी फिर जब भगत अपने आंखें खोला और चंदा की ओर देखा, चंदा ने land का पानी अपने हाथ अपने हाथ पर उगल कर भगत को दिखाने लगीं।

।चंदा _देखो तुम्हारा land ka पानी।

भगत अपने पानी को अपने उंगली से छूकर देखने लगा और बोला भौजी ये तो काफ़ी चिकना, चिपचिपा और गाड़ा है। इससे अलग ही गंध आ रही है।

चंदा _इसका गंध तो औरतों को मदहोश कर देती है। यही जब औरत के कोख में जाती है तो वह मां बनती है।
भगत _क्या इससे औरते मां बनती हैपर कैसे?।

चंदा _ये land ka पानी कोई साधारण पानी नहीं है। ये पुरुषों का बिज है। इसे वीर्य भी कहते हैं। जब पुरुष अपना बीज औरतों के कोख में छोड़ता है तो औरत पेट से हो जाती है और 9माह बाद बच्चे को जन्म देती है।

भगत _पर, भौजी ये औरतों के कोख में जाता कैसे है? क्या औरते इसको पीते हैं?
चंदा _अरे तू तो पुरा बुद्धू है! क्या तुम किसी कुत्ते को किसी kutiya के उपर चढ़ा huwa नही देखा।

भगत _हा भौजी देखा है। कुत्ता तो अपना नुनु निकालकर kutiya की पिछवाड़े में डालकर खूब धक्का मारता है।

चंदा _अरे बुद्धू कुत्ता धक्के मारकर अपना बीज kutiya के अन्दर छोड़ता है जिससे वह मां बनती है।

भगत _तो क्या? पुरुष भी औरतों के अन्दर उसके पिछवाड़े में धक्का मारकर अपना बीज छोड़ता है।

चंदा _उसके पिछवाड़े में नही उसकेउसके boor में।
तुमने किसी औरत की boor देखी है।

भगत _वही न जिससे औरते पेशाब करती है।

चंदा _हा वही, सही पकड़े।

भगत _नही भौजी अभी तक नहीं देखी। मुझे अपनी boor दिखाओ ना, आखिर मैं भी तो अपना नुनु दिखाया है।

चंदा _अच्छा फिर boor देखकर क्या करेगा?

भगत _उसे देखूंगा कि आखिर ओ दिखता कैसे हैं।

चंदा _लो कर लो अपनी मुराद पूरी। देख लो अपनी भौजी की बुरिया।
चंदा खाट पर लेट गईं और अपनी साड़ी और पेटीकोट उपर उठाकर अपनी कच्छी नीचे सरका दी।
जिससे उसकी chut भगत के सामने आ गया।

चंदा की गोरी गोरी फुली हुई चिकनी chut को देखते ही भगत का land fir से लुल्ली से land ban गया।

भगत नीचे झुककर चंदा की boor को देखने लगा।
भगत _भौजी आपकी boor तो बहुंट सुंदर है।
क्या इसी से पुरुष अपना land का पानी औरत के अन्दर डालता है।

चंदा _हू।

भगत_पर भौजी इससे तो औरते मूतती है न।

चंदा _सिर्फ मूत ती ही नहीं इससे,land ka pani अन्दर जाता है और बच्चा इसी से बाहर आता है।

भौजी क्या मैं इसे छूकर देखू।

चंदा _कर लो अपनी मुराद पूरी।

भगत _चंदा के boor को से छूकर देखने लगा।chut ke उठे भाग को जब भगत अपने उंगली से सहलाया तो चंदा सिसक उठी।
भगत _क्या huwa भौजी काहे सिसक रही हो।

भगत _अभी तुमने जिसे छुआ उसे boor की भग्नाशा कहते हैं जब कोई पुरुष उसको छूता है तो औरत के शरीर में करेंट लगता है। इसका शरीर गरम होने लगता है। जिससे औरत के muh से सिसकारी निकलने लगती है।

भगत _kya मै इसे अच्छे से सहलाऊ ।

चंदा _जैसी तुम्हारी मर्जी।

अब भगत अपने हाथों से चंदा के boor ko अच्छे से सहलाने लगा उसे अपने ऊंगली से कुरेदने लगा जिससे चंदा के मुख से कामुक सीत्कारी निकलने लगी।

भगत समझ गया की ऐसा करने से भौजी को मजा आ रहा है। इधर चंदा बहुन्त गर्म हो गई थी।

वह भगत से बोली सिर्फ सहलाता रहेगा कि कुछ करेगा भी।

भगत_भौजी और क्या करू।

चंदा _अरे वही जो एक मर्द औरत के boor ke साथ करता है।
भगत_बताओ न भौजी और क्या करू?

चंदा _अरे मैने तेरा land चूस कर मज़ा दिया था ना। वैसे ही पुरुष चाहे तो boor चांटकर, उसे चूसकर औरत को मजा दे सकता है।

भगत _भौजी मै भी तुम्हारा boor चांटू ।

चंदा _अगर तुमे अच्छा लगे तो!

भगत अपना मुंह चंदा के chut ke paas ले गया और उसे अपना जिब निकलकर चाटने लगा।

भगत के ऐसी हरकत से चंदा सातवे आसमान में पहुंच गई और जोर जोर से सिसकने लगीं।

भगत समझ गया कि भौजी को बहुत मजा आ रहा है। वह और जोर जोर से boor चाटने लगा। चंदा के boor se pani बहने लगा।

भगत _ये क्या भौजी तुम तो मूतने लगी?

चंदा _अरे ये मूत नही है ये chut रस है जो औरत को मजा आने पर अपने chut se बहाने लगती है। अब बाते कम करो और जोर जोर से चांटो मुझे बहुंत मजा आ रहा है।

भगत जोर जोर से चंदा के chut ko चाटने एवम चूसने लगा। जिससे चंदा बर्दास्त न कर सकी।
वह दोनो हाथों से भगत के सर को पकड़कर दबा दिया ओर जोर जोर से सिसकारी मारते huwe झड़ने लगी।
 
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