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Incest मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

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aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


पेशे खिदमत है वो कहानी जिसके पहले भाग को पढ़ कर मैंने लिखना शुरू किया . जिनकी ये कहानी है अगर वो कभी इसे पढ़े तो अपने कमेंट जरूर दे .

कहानी के सभी भाग कहीं नहीं मिले तो उन्हें पूरा करने का प्रयास किया है

उम्मीद है मेरा लेखन पसंद आएगा .

आमिर हैदराबाद


मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

INDEX
UPDATE 01मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 01
UPDATE 02मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 02.
UPDATE 03रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 04मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ- रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 05मेरी बहन का निकाह मेरे कजिन के साथ और सुहागरात.
UPDATE 06मेरी बहन सलमा की चुदाई की दास्ताँ.
UPDATE 07मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 08मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 09मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - सेक्सी छोटी बीवी जूनी.
UPDATE 10चुदाई किसको कहते है.
UPDATE 11छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 12छोटी बेगम की जूनी. सुहागरात-2
UPDATE 13मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 14छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की सुबह
UPDATE 15अल्हड़ छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की चटाकेदार सुबह.
UPDATE 16दोनों कजिन्स जूनी जीनत.चुदासी हुई.
UPDATE 17ज़ीनत आपा के साथ स्नान
UPDATE 18ज़ीनत आपा का स्तनपान
UPDATE 19में ही ऊपर से चोदूंगी फिर लंड चुसाई और चुदाई
UPDATE 20लंड चुत चुदाई और चुदाई
UPDATE 21कमसिन और अल्हड़ जूनि की चुदाई
UPDATE 22तीसरी बेगम कमसिन अर्शी
UPDATE 23तीसरी बेगम कमसिन अर्शी की चुदाई
UPDATE 24तीसरी बेगम अर्शी की चुदाई
UPDATE 25तीसरी बेगम अर्शी की तृप्ति वाली चुदाई
UPDATE 26तीन सौत कजिन जूनी जीनत अर्शी
UPDATE 27मीठा, नमकीन, खट्टा- जीनत जूनी अर्शी
UPDATE 28दुल्हन बनी चौथी कजिन रुखसार
UPDATE 29मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 30मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 31कुंवारी चौथी कजिन रुखसार.
UPDATE 32तीखा कजिन रुखसार
UPDATE 33लंड चुसाई
UPDATE 34बुलंद चीखे
UPDATE 35चारो बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत- जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 36बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत -जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 37जीनत जूनी अर्शी रुखसार बेगमो के साथ कहानी अभी बाकी है-
UPDATE 38ज़ीनत आपा की मदहोश अदा
UPDATE 39चारो बेगमो ने लंड चूसा और चाटा
UPDATE 40चलो अब एक साथ नहाते हैं
UPDATE 41नहाते हुए चुदाई
UPDATE 42खूबसूरती
UPDATE 43मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ मस्ती करने दो
 
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aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 157

प्रेम के निराले खेल

शबनम ने कहा ' फिर मीटिंग ख़त्म करने के बाद सलमान मैं वापस तुम्हारे पास चली आउंगी और हम मधुर समय साथ में बिताएँगे!

अब, शबनम एक आखिरी चुम्बन और आप नफीसा को ले जाओ और उसे बताओ कि हमने क्या तय किया है-मैं फ़लक और राफ़िया से मिलता हूँ जिससे वे मेरे साथ और सहज हो जाएँ; शबनम तुम फलक को यह भी बता दो कि कल रात उसके सेक्स जीवन की शुरआत के लिए आरक्षित रखी गयी है-जिससे वह आज रात ज़्यादा सहज रहेगी और हम उसे इस बात से उत्तेजित करने के लिए इस्तेमाल करेंगे। ! ' और होंठों से होंठ मिलाते हुए, फिर एक लंबे जोशीले चुम्बन के बाद, हम बगीचे में टहलने लगे। जैसा तय किया था जब हम लौटे तब तक लड़किया अपने कमरों में चली गयी थी।

शबनम नफीसा के कमरे की तरफ़ चली गयी।

मैं अपने कमरे में कपड़े बदलने चला गया और अपना सामान और कपड़े अलमारी में लगाने में मुझे कुछ समय लगा और फिर मैं फलक से मिलने उसके कक्ष की तरफ़ चल दिया । मुझे नफीसा ने बताया था मेरे कक्ष से अगला कक्ष शबनम का था और उसके सामने का कक्ष नफीसा का था और मेरे दायी तरफ़ का पहला कक्ष फलक का था और उसके सामने का कक्ष राफिया का था ।

मुझे मेरे दाहिने तरफ़ जाना था औअर मुझे फलक के कक्ष से खिलखिला कर हसने की आवाज़ सुनाई दी, मैं उसकी तरफ़ गया पर्दे से अंदर झाँक कर देखा की उस कमरे में नफीसा और फलक कुर्सी पर टेबल से टिक कर बैठी हुई थी । मैं वहीँ रुक कर परदे के पीछे छिप कर उन्हें देखने और उनकी बाते सुनने लगा ।

अचानक फलक उठ के खड़ी हो गयी और उसी समय नफीसा भी सीधी होने जा रही थी, परिणामवश हम दोनों भी जोरोसे टकरा गई. इस अचानक हुई टक्क्र से फलक की कोहनी नफीसा की छाती से जा टकराई।

नफीसा: उई अम्मी ... मर गई!

मै: सॉरी नफीसा बाजी ... बहोत लगा क्या?

नफीसा छाती से हाथ लगाये बैठ गई।

फलक ने उसे फिर पूछा " बहोत दर्द हो रहा है क्या?

और फलक ने उसकी छाती पर हाथ रखा, नफीसा ने पटाक से फलक का हाथ अपने सिने पर दबाते हूए लम्बी साँसे लेना शुरू किया ।

फलक nने सोचा की मालिश करने से नफीसा को कुछ राहत मिलेंगी इसलिए फलक ने धीरे से उसकी छाती को मसलना शुरू किया।

अब नफीसा ने आपनी आँखे बंद कर ली थी और उसने फलक का दूसरा हाथ पकडके अपने दुसरे स्तन पर रख दिया और फलक के हाथो से उपर से ही अपने स्तन दबाने लगी।

फलक ने भी अनजाने में उसके स्तानोका मर्दन करना शुरू किया।

नफीसा कराह रही थी ।

थोड़ी देर बाद फलक ने रुकना चाहा, तो नफीसा बोली "प्लीज फलक, रुक मत ... और जोरो से दबा ... प्लीज़!"

और नफीसा ने अपना टॉप थोडा खिसका कर फलक के हाथो को अपनी टॉप के अन्दर खीचा, अन्दर ब्रा नहीं थी, उसकी नंगी छतिया फलक के हाथो में थी ।

असमंजस में फलक थोड़ी देर रुक गई।

नफीसा फिर बोली "प्लीज़ फलक ... दबा इनको ... ज़ोर से दबा दे इनको!"

फलक फिर नफीसा के बूब्स दबाने लग गई।

अब मुझे भी ये सब देख अजीब-सा मज़ा आने लगा था।

नफीसा अपनी आखें बंद करके पूरी मस्ती में झूम रही थी,मैंने महसूस किया की नफीसा के निप्पल एकदम कड़े होने लगे, उसने आँखे खोली तो उसकी आँखे गुलाबी लगने लगी।

उसने एक झटकेसे फलक को अपनी और खीचा और उसके होंठो पर अपने होठ रख कर पागलो की तरह चूमने लगी।

फलक कसमसाई, ताकत लगाकर उसे दूर धकेला।

फलक: बाजी ये आप क्या कर रही हो?

नफीसा फिरसे फलक की आमने पास खीचते हुए बोली "मेरी जान आ जा मेरी प्यास बुझा दे, मेरे बदन में आग लगी है... आजा मेरी जान!"

मै: "ये आप क्या पागलो जैसी हरकत कर रही हो नफीसा बाजी ... छोडो मुझे..." और फलक ने उसे जबरदस्ती अपनेसे अलग किया ।

नफीसा: प्लीज फलक ... प्लीज ..फिरसे दबा दे ... देख मैं कैसी जल रही हूँ...मेरा बदन कैसे तप रहा है! "

इतना कहके उसने फलक का हाथ फिरसे अपनी टॉप के अन्दर डाल दिया।

फलक ने महसूस किया की नफीसा का बदन भट्टी की तरह तप रहा था। उसकी आँखे लाल हो गई थी ।

घबराकर फलक बोली "अरे बाजी आपका बदन तो बहोत ज़्यादा गरम लग रहा है... बुखार आया क्या?"

नफीसा: "हा मेरी जान..ये जवानी का बुखार चढ़ा है मेरे ऊपर ...जल्दी से इसे ठंडा कर दे..।."

फिर से फलक हाथो से उसकी छतिया दबाने लगी ।

फलक: "नफीसा बाजी मैं आंटी से मांग के कुछ मेडिसिन लाती हूँ ।"

फलक ने फिरसे अपने आप को छुडाने का असफल प्रयास किया।

नफीसा ने फिर से फलक का हाथ जबरदस्ती से भिचते हूए बोली-"हाय रे मेरी भोली बहन ... मेरी मेडिसिन तो जिसके पास है वह पता नहीं मेरी ख़बर लेने कब आएगा?"

फलक "मैं समझी नहीं नफीसा बाजी ... ये आप क्या बोल रही हो?"

नफीसा: "मैं सब समझाती हूँ मेरी भोली बहन फलक ... तू बस इनको दबाती जा।"

अब फलक ने हथियार डालते हुए उसके स्तनों को दबाना शुरू किया ।

फलक को देख लग रहा था कि ये फलक के लिए भी ये नया अनुभव था । फलक को कुछ-कुछ अच्छा भी लगने लगा था।

नफीसा ने फिर से फलक को आपने पास खीचा और उसके होंठो पर चुम्बन किया ।

नफीसा: "क्या तुमने अभी तक ऐसा नहीं किया?"

फलक: "ऐसा यानी ... मैं समझी नहीं।"

नफीसा: "मेरी भोली रानी ... क्या आजतक तुमने किसी को चुम्मा नहीं दिया।"

फलक "छि ... गन्दी बात बाजी!"

नफीसा ने बड़े प्यारसे फलक की तरफ़ देखा और बोली-"आज मैं मेरी भोली बहन को ... जवानी का अद्भुत खेल समझाने वाली हूँ ।"

मैं: "जवानी का अद्भुत खेल? ये क्या है?"

उसने फिर एक बार अपने होठो से फलक के होंठ बंद किये...और फलक की उभरती हुयी छातियो को अपने हाथोसे भीचना शुरू किया।

ये नजारा देख मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड कड़ा हो रहा था, मुझे लगा की मेरी और शबनम की बात के बाद से हमारी योजना अनुसार नफीसा को सेक्स के लिए त्यार कर रही है।

जैसे ही नफीसा के हाथ फलक की छातियो से लगे ...फलक और मैंने एक अजीब-सा रोमांच महसूस किया ... फलक को एक नशा-सा होने लगा था ...नफीसा ने फलक के निचले होठ पर अपनी ज़ुबान फिराना शुरू किया ... उसके हाथ अब फलक की टॉप के अन्दर जाने की कोशिश कर रहे थे ...।

फलक को थोडा अजीब लगा पर उसे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। जल्द ही नफीसा के हाथ फलक की टॉप के अन्दर थे ।

लेकिन उन हाथो ने फलक के नग्न स्तनों को छू लिया... उफ़। आह कराह पड़ी फलक और ... मेरी तो साँस जैसे थम गई.।

एक पल के लिए फलक को लगा की ... वह हवा में है ... उड़ रही है और नफीसा ने फिर फलक को ज़मीं पर उतरने का मौका ही नहीं दिया और वह उसके स्तनों को जोरसे दबाने लगी और चूमने लगी ।

फलक का-का पहला स्तनमर्दन हो रहा था।

एक अजीब-सा ...मीठा-सा दर्द महसूस कर रही थी फलक और हलके हल्की कराह रही थी ... स्पष्ट थे उसने आज तक ऐसा कभी अनुभव ही नहीं किया था ।

नफीसा ने तो जैसे फलक को पूरी तरह से उत्तेजित कर पागल करने की ठान ली थी, उसने फलक के स्तानाग्रो और फिर चुचकोंको चुटकी में भर कर उमेठा ...।

स्स ।स्स। स्स। स्स ।स्स......... आह कर फलक कराह रही थी ।

उसकी आहे हाय-हाय सुन मेरी तो जान ही निकल गई!

फलक को देख लगा फलक चीखना चाहती थी ... मगर चीख नहीं सकती थी ... क्योंकि उसके होठ तो नफीसा ने अपने होठो से बंद किये हुए थे। पर जब नफीसा ने थड़ा कास कर मसला तब फलक का मुँह थोडा-सा खुल गया और नफीसा ने इसी मौके का फायदा लेते हूए अपनी जीभ को फलक के होठो से अन्दर की और सरका दिया ... ।अब नफीसा की जीभ फलक की जीभ से टकरा रही थी ... फलक को अजीब-सा मज़ा आ रहा था ... फलक ने अपने जीभ से नफीसा की जीभ को धकेलना चाहा...और उसकी इस कोशिश में फलक की जीभ नफीसा के मुह में चली गई ... जिससे बाद अब नफीसा फलक की जीभ को अपने मुह में लेकर चूस रही थी ..., उत्तेजना से फलक के रे निप्पल अब पूरी तरहसे कठोर हो गए थे ।

नफीसा ने फलक के बूब्स दबाना, निप्पल उमेठना और होटो को और जीभ चूसना जारी था और ये सब मिल कर फलक को पूरी तरह से पागल कर रहा था। न जाने कितनी देर तक दोनों वैसे ही रही कराह रही थी और तड़प रही थी।

मेरी महबूबाये मेरे सामने तड़प रही थी और मैं बस देख सकता था और कुछ कर नहीं सकता था ।

जारी रहेगी ।
 

Premkumar65

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मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 05

सलमा के साथ रिज़वान का निकाह

(मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगा. क्योंकि रुक्सर के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम है. रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँ. कर दी दन दना दन अब सब्र रखोl मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगा. )

दोस्तों मैं सलमान मेरी पहली कहानी भाग १-२ में आपने मेरे ज़ीनत आपा के साथ निकाह के बाद सुहागरात की दास्तान पढ़ी,, भाग 3-4 में आपने मेरी कजिन भाई रिज़वान के निकाह के बाद मेरी बहन रुखसाना की सुहागरात की कहानी पढ़ी अब आगे

जब रिज़वान ने रुखसाना के साथ अपनी सुहागरात की कहानी ख़त्म करि तो उसे सुन मेरा ११ इंची लुंड पूरा तन गया थाl और पायजामा में टेंट बन गया था तभी रुकसाना अंदर आ गयी और पूछने लगी क्या चल रहा हैl मैंने कहा रिज़वान भाई तुम्हारे साथ अपनी सुहागरात की कहानी सुना रहे थे तो रुकसाना बोली मुझे भी सलमान तुम्हारी और ज़ीनत आपा की सुहागरात की दास्ताँ बताओ

फिर मैंने फिर कहा रुकसाना आपा कुछ कीजिये डॉक्टर ने ३ दिन ज़ीनत की चुदाई के लिए मना किया है मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगाl क्योंकि रुखसार के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम हैl रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँl कर दी दे दन दना दन अब सब्र रखो मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगाl आपा को मुझ पर कुछ दया आ गयी बोली अच्छा कुछ करती हूँ लेकिन पहले तुम अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी मुझे सुनाओl इतने में वहां रुखसार और आरसी भी आ गयी और बोली हमें भी सुहाग रात की कहानी सुननी है सलमान पूरी तफ्सील से बताना l रिज़वान भी कहने लगा हैं भाई सुनाओ न तुम्हारे कमरे से बहुत आवाज़े मुझे भी आ रही थी ज़ीनत आपा के चीखने चिल्लाने की आवाज़ों से मेरा भी जोश बढ़ गया था और मैंने भी चीखे सुन कर सलमा को बढ़ चढ़ कर कस कस कर चोदाl

मैं उन्हें संक्षेप में अपनी सुहागरात की कहानी सुनाई मैं कमरे में ले गया तो सेज़ पर ज़ीनत बैठी थी और ज़ीनत हरे रंग की बनारसी साड़ी और पूरी गहनों से लदी हुई थीl कहानी की तफ्सील भाग 1-३ में पढ़ ले l

फिर में उनके पास गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही मेरे लंड को फौलादी बन गया था फिर मैंने धीरे से उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थीl


ZEENAT1


अब में ज़ीनत आपा के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा थाl मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उनके सारे कपडे उतार दिए उनका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में नंगा था उनके बदन पर सिर्फ आभूषण थेl फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ज़ीनत के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगाl

फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई फिर अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर आपा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाईl


ZEENAT3

फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहाl बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि जीनत की चीख निकल पड़ी, सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गयाl फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा और मेरा लंड उसकी चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गयाl


ZEENA3

अब वो अम्मी अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थीमें मर जाउंगी, फिट मैं कुछ देर रुका और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गयाl फिर जो वो चीखी, तो पूरी हवेली जाग गयी होगी, लेकिन में उसे चोदता रहा, चोदता रहाl

फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगाl फिर अचानक से आपा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दियाl

फिर उस रात मैंने ज़ीनत को 4 बार चोदा और जब वो सुबह लंगडाते हुए चल रही थी,

फिर आपा बोली अब कल रात क्या हुआ वह भी सुनाओ क्योंकि आज सुबह तक बहुत चिल्लाने की आवाज़े आ रही थी तुम्हारे कमरे से

मैंने कहा जब अब्बू ने मुझे और रिज़वान को बुला कर कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी वह नवाबी तेहज़ीब के मताबिक सही नहीं हैं जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो l सारे नौकर नौकरानी सुनते है और बातें बहार जा सकती है




ZEENAT5
फिर कल रात मैं जब ज़ीनत के कमरे में गया तो मैंने देखा ज़ीनत आपा की चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत सलवार की ऊपर से ही को सहलाया फिर अपने हाथो के उसके मोमे दबाये मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को आपा कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैंl तो मैं बोला आज इसे थोड़ा आराम देता हूँ मैंने कहा आओ आपा अपनी बांहो में सुला दो सुबह चार बजे का अलार्म लगा देते है अगर तुम्हारा मन करे तो फिर मेरे को करने देना और हम दोनों एक दुसरे को चूमते हुए लिपट कर सो गए l

मेरी नींद खुली करीब रात के तीन बजे थे ,आपा मेरे सीने से लिपटी हुई सो रही थी उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया और दबोच कर लिप्स किस करने लगा , मैंने कहाँ आपा इसकी फ़िक्र न करे , आप सबसे सुन्दर ,गोरी और मेरे से 5 साल बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो l आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाये जैसे की मैं हूँ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत हैl मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो और फिर मैंने कहा आपा हमारे खानदान में गांड मरने की रिवाज़ है और आप चीखती बहुत हैं इसलिए अगर आप इज़ाज़त दे तो आपकी कलाई में रस्सी बांधकर आपको उल्टा कर आपके दोनों हाथ बीएड पोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपडे से बांध कर आपकी गांड मार लेता हूँ l

आपा बोली मेरे राजा सलमान पहले मेरी चुत चोदो फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से ताकि दर्द न हो l मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा। और उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। मैंने अपनी पेंट खोली और आपा मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगीlहाईईईईई, म्‍म्म्मम। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई।


RUKH15

फिर मैंने कहा इस बार आपा आप ऊपर आ जाओ फिर में उनके नीचे और आपा मेरे ऊपर मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दियाl मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी l फिर मैंने ज़ीनत आपा की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराइ । फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरूकिया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी
आपा निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला आपा क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआl आपा बोली बहुत मजा आयाl मे l चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी l लेकिन मैं एक बार भी नहीं झडा था और लंड तनतनय हुआ खड़ा थाl आपा ने लंड को सहलाते हुए कहा आज क्या बात है मैंने कहा आज इसका ये गांड मारे बिना नहीं रूकेगा आपा शर्मा कर सिकुड़ गयी और मुझसे लिपट गयी


फिर रिज़वान ने मुझसे पुछा क्या तुमने फिर ज़ीनत आपा की गांड भी मारी?

मैंने कहा पूरी बात सुनो और आगे सुनाने लगा फिर थोड़ी देर बाद आपा ने मुझसे कहा कि तुम मेरे हाथ पैर दोनों को बांध दो और फिर मेरी जमकर मेरी गांड की चुदाई करो, में आज तुम्हे नहीं रोकूंगी। और फिर उनके हाथ बांध कर मुंह पर सलवार बांध दी और खूब देर तक उनकी पीठ पर चुम्बन करते हुए बॉडी लोशन उनकी प्यारी बिन बालों वाली गोरी गांड पर लगाया और मैंने टनटनाया हुआ 9 इंची लोडा उनकी गांड में दे डाला और पहच की आवाज़ के साथ खून के फुव्वारे छूटे और एक ही धक्के में लंड समां गया l क्योंकि उनका मुंह बंधा था बेचारी केवल पाऊँ पटक सकती थी जिन्हे मैंने अपने हांथो से जकड रखा था और में अब लगातार धक्के देकर चोदता रहा और फिर ३० मिनट उस नाज़ुक गांड की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये। में धन्य हो गया l क्या गद्देदार चूतड़ थे , नरम मुलायम गोरी चमड़ी जो लाल सुर्ख हो गयी थी और सख्त टाइट मांस और बस मत पूछो यार मज़ा आ गया l आपा की आँखो से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

मैंने अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी ख़त्म की तो देखा रिज़वान और रुखसाना आपा दोनों गर्म हो चुके थेl रिज़वान का लंड भी पूरा तन गया था मैंने देखा रिज़वान ने आपा का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया था और आपा उसे धीरे धीरे सहला और दबा रही थी और दोनों लिप किश कर रहे थेl मेरा भी लंड पूरा तन गया था और मुझे लगा वह पजामा फाड् कर बाहर आ जायेगा फिर दोनों को ख्याल आया के मैं भी वही हूँ तो दोनों शर्मा गएl आपा ने मेरा तना हुआ पायजामा देखा तो बोली सलमान सब्र करो अभी तो सुबह ही हुई है देखती हूँ तुम्हार्रे लिए क्या हो सकता है मैंने कहा रिज़वान अब तुम भी सलमा के साथ अपनी सुहाग रात की कहानी सुनाओ रुखसार और आरसी भी बोली हमें भी सलमा भाभी की सुहाग रात की कहानी सुननी है रिज़वान पूरी तफ्सील से बताना जूनि चूँकि छोटी थी वह स्कूल चली गयी थी l

रुखसाना आपा बोली मुझे भी सुननी है रिज़वान प्लीज बताईये क्या हुआ l हमारे बहुत कहने पर रिज़वान शुरू हुआ l

सलमान भाई अपने खानदान के परंपरा के अनुसार मुझे पहले से ही पता था के रुकसाना सलमा और फातिमा मेरी ही होंगीl क्योंकि खानदान में तुम्हारे सिवा और कोई लड़का तो है नहीं इसलिए इन तीनो कजिन का निकाह मुझसे ही होगा और तीनो की खूबसूरती और नजाकत का मैं कायल था और मन ही मन तीनो को बहुत चाहता था फिर वह बोला मेरा बस चलता तो कब का तीनो को चोद देताl



SALMA2


रिज़वान बोला भाई निकाह के बाद दुल्हा, दुलहन दोनों को इन्तजार रहता है सुहागरात का… यह दोनों के विवाहित जीवन की पहली और सबसे ख़ास रात होती है जिसके सपने लड़का लड़की दोनों बरसों से देख रहे होते हैं! दोनों अपनी इर रात को यादगार बनाना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी की होती है, लड़की के मन में पहले सेक्स का डर समाया होता है तो रोमांच भी होता है, वहीं लड़का भी रोमांचित होने के साथ साथ कुछ डरा हुआ होता है की उससे सब कुछ ठीक ठाक हो भी पाएगा या नहीं!

मेरे दोस्त मेरे पास बैठे गप्पे मार रहे थे पर मेरा मन सलमा के बारे में ही सोच रहा था मुझे खोया खोया देख दोस्त बोलो ये भाई तो दुल्हन के खयालो में अभी से खो गया है अब इसे और मत तडपायो और अपनी नयी दुल्हन के पास जाने दो फिर दोस्त एक एक का चले गए थोड़ी देर बाद लगभग ११ बजे और मेरी शरीके हयात रुखसाना और मेरी बहन आरसी मेरे पास आयी तो मैंने पुछा ज़ीनत आपा कहाँ है तो आरसी बोली आपाको सलमान के कमरे में छोड़ कर आये हैं और सलमा आपका आपके कमरे में इंतज़ार कर रही हैं फिर वह मुझे पकड़ कर मेरे फूलों से सजे कमरे में हमारी सुहागरात के लिए आयी मैंने देखा वहां सुहाग से सेज पर गहनों और फूलों से सजी धजी सलमा सिकुड़ और शर्मा सुहागरात की सेज पर छुईमुई सी सजी बैठीl अपने सपनों के राजकुमार का इंतजार कर रही थी।


वो आए और मेरे पास आकर मुझसे ज़माने भर की बात करने लगे। फिर आरसी मुझे छेड़ने लगी है भाई आराम से करना हमारी भाभी बहुत नाजुक हैंl आँख मारते हुए रुखसार मेरे कान में बोली मेरी बहन सलमा को मेरी तरह बेदर्दी से मत चोदना ये बहुत नाज़ुक और कमसिन है फिर दोनों दरवाजा बंद कर बहार चली गयीl मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया ।


ओए होएl क्या बताऊँl सलमा जो की २१ साल की बला की ख़ूबसूरत हैl निकाह के समय उसे देख मेरा लंड बेकाबू हो गयाl सलमा का भी रंग दूध से भी गोरा, इतना गोरा के छूने से मैली हो जाए l बड़ी बड़ी काली मदमस्त आँखे गुलाबी होंठ हलके भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्सl नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर ३४ २४ ३६ थाl कद ५ फुट ५ इंच था दिखने में एकदम माधुरी जैसी है और आवाज़ मीठी कोयल जैसी सुहाग की सेज सजी धजी गहनों और फूलों से लड़ी पर बैठी सलमा किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। सलमा ने गुलाबी रंग का लेहंगा और ब्लाउज पहना हुआ था और ऊपर लम्बी सी ओढ़नी का घूँघट किया हुआ था lइस रूप में अगर कोई 70 साल का बूढ़ा भी उसे देख लेताl तो उसका भी लंड खड़ा हो जाता। मेरा १० इंची हथियार शिकार के लिए तैयार होने लगाl मैं थोड़ा सा आगे होकर बैठ गया और उसका हाथ पर अपना हाथ रख दिया l उसका नरम मुलायम मखमल जैसा गर्म हाथ पकड़ते ही मेरा लंड फुफकारे मारने लगा और सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गयाl


वह फिर पूनम की चांदनी रात थी और कमरा चांदनी से नहाया हुआ थाl सलमा का रंग गुलाबी कपड़ो के कारन गुलाबी लगने लगा थाl उसकी चमड़ी इतनी नरम मुलायम नाजुक और पारर्दर्शी थी के उसकी फूली हुई नसे साफ़ नज़र आ यही थी मैंने एक गुलाब उठा कर उसके हाथो को छू दिया और वह कांप कर सिमटने लगी मैंने कहा की मैं आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता थाl lफिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक नौलखा हार उनको अपनी शादीशुदा जिंदगी के पहले नज़राने के तौर पर दियाl वह बोली आप ही पहना दीजिये और उसके गहने खड़कने लगेl


मैंने उसे हार पहनाया फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था, ढेर सारे गहनों ले लदी और फूलों से लदी अप्सरा लग रही थी इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !! तुम तो बला की क़यामत हो मेरी जान l मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया सलमा की आँखे बंद थी l उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायीl



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फिर बड़े प्यार से से पूछा, “क्या मैं तुम्हे किस कर सकता हूँ?”

मैंने उसका ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया और सलमा के चेहरे को अपने हाथों में लेकर गाल पर किस किया और सलमा को बताया कि इस दिन का मै जबसे सलमा जवान हुई थी तबसे इंतज़ार कर रहा था l l ये उसका पहला चुम्बन था वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयीl मैंने सलमा को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा कर पुछा उसकी पीठ बहुत नरम मुलायम और चिकनी थी उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ सलमा की कमर तक पहुँच गए थेl


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क्या चिकनी नरम और नाजुक कमर थी फिर मैंने उसका दुपट्टा सीने से हटा दिया। और उसे घूरने लगा मेरे इस तरह घूरने से सलमा को शर्म आने लगी और वो पलट गयी और अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी। मैं आगे बढ़ गया उसे अपनी लोहे जैसी बांहो में कस कर जकड़ लिया, मैंने अपना मुँह सलमा की गर्दन पर किया और उस पर किस करने लगा। उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी! मैंने सलमा के गले पर किस करते हुए अपना मुँह सलमा के कान के पास किया और मेरे कान में कहा- आय लव यू जान! तू बहुत अच्छी लग रही है! आज मैं तेरी सील तोड़ दूँगा!

सलमा ने कहा- "हम्म्म्म ll" फिर मैंने सलमा के होंठों पर अपने होंठों रख दिए होंठ चसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया। उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके पूरे जिश्म में कंपन होने लगी।

मेरी ऐसी बातों से सलमा पागल हो गयी , उसकी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था!



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मैंने सलमा को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को सलमा के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और सलमा के होंठों पर ही टूट पड़ा। फिर मैंने सलमा को अपनी गोद में खींच लिया और उसकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा। सलमा में अपनी आँख बंद कर ली। मैंने उसके बलाउज के बटन खोल दिए। उसकी रेड ब्रा को मैंने बिना हक खोले ऊपर कर दिया। अब सलमा के दोनों कबूतर मेरे सामने नंगे थे। मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा।

सलमा की धड़कन तेज हो गई थी। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मुँह में ले लिया और उसकी पहली चूची को जोर से दबाया। सलमा ने एक सिसकी सी ली। अबकी बार मैंने थोड़ा सा और जोर से दबाया। अब उसकी सिसकी में दर्द पैदा हो गया। अब मैंने ऋत को पलंग से उतार कर नीचे खड़ा होने को कहा। वो नीचे आकर खड़ी हो गई। मैंने उसके ब्लाउज को उसके जिएम से अलग कर दिया। फिर मैंने उसकी साड़ी को खोल दिया। अब त मेरे सामने सिर्फ सफेद पेटीकोट में खड़ी थी।


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मैंने उसको कहा- "अपने दोनों हाथ अपने सिर के पीछे रख लोl"

सलमा में चुपचाप रख लिए। मैंने अब उसके पेटीकोट को ऊपर उठा दिया और उसके पेटीकोट के नाड़े में उसका पेंटीकोट मोड़कर फैंसा दिया। फिर मैंने सलमा की पैटी के ऊपर से उसकी चूत को हल्का सा सहलाया। उसकी टांगों की कंपन में साफ देख रहा था। मैंने उसकी दोनों जांघों को अपने हाथ से पकड़कर घुमा दिया। अब अत की गाण्ड मेरे सामने थी। उसकी लाल रंग की कच्छी में उसके गोरे-गोरे चूतड़ बड़े प्यारे लग रहे थे। फिर मैंने उसकी कच्छी के इलास्टिक में उंगली डालकर कच्छी को आधा नीचे किया। उसके चूतड़ों की दरार में मैंने अपनी उंगली फिरानी शुरू कर दी। चिकने चूतड़ों में उंगली फिसली जा रही थी।

जारी रहेगी
mast chudai ho rahi hai.
 

Premkumar65

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मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 05

सलमा के साथ रिज़वान का निकाह

(मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगा. क्योंकि रुक्सर के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम है. रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँ. कर दी दन दना दन अब सब्र रखोl मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगा. )

दोस्तों मैं सलमान मेरी पहली कहानी भाग १-२ में आपने मेरे ज़ीनत आपा के साथ निकाह के बाद सुहागरात की दास्तान पढ़ी,, भाग 3-4 में आपने मेरी कजिन भाई रिज़वान के निकाह के बाद मेरी बहन रुखसाना की सुहागरात की कहानी पढ़ी अब आगे

जब रिज़वान ने रुखसाना के साथ अपनी सुहागरात की कहानी ख़त्म करि तो उसे सुन मेरा ११ इंची लुंड पूरा तन गया थाl और पायजामा में टेंट बन गया था तभी रुकसाना अंदर आ गयी और पूछने लगी क्या चल रहा हैl मैंने कहा रिज़वान भाई तुम्हारे साथ अपनी सुहागरात की कहानी सुना रहे थे तो रुकसाना बोली मुझे भी सलमान तुम्हारी और ज़ीनत आपा की सुहागरात की दास्ताँ बताओ

फिर मैंने फिर कहा रुकसाना आपा कुछ कीजिये डॉक्टर ने ३ दिन ज़ीनत की चुदाई के लिए मना किया है मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगाl क्योंकि रुखसार के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम हैl रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँl कर दी दे दन दना दन अब सब्र रखो मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगाl आपा को मुझ पर कुछ दया आ गयी बोली अच्छा कुछ करती हूँ लेकिन पहले तुम अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी मुझे सुनाओl इतने में वहां रुखसार और आरसी भी आ गयी और बोली हमें भी सुहाग रात की कहानी सुननी है सलमान पूरी तफ्सील से बताना l रिज़वान भी कहने लगा हैं भाई सुनाओ न तुम्हारे कमरे से बहुत आवाज़े मुझे भी आ रही थी ज़ीनत आपा के चीखने चिल्लाने की आवाज़ों से मेरा भी जोश बढ़ गया था और मैंने भी चीखे सुन कर सलमा को बढ़ चढ़ कर कस कस कर चोदाl

मैं उन्हें संक्षेप में अपनी सुहागरात की कहानी सुनाई मैं कमरे में ले गया तो सेज़ पर ज़ीनत बैठी थी और ज़ीनत हरे रंग की बनारसी साड़ी और पूरी गहनों से लदी हुई थीl कहानी की तफ्सील भाग 1-३ में पढ़ ले l

फिर में उनके पास गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही मेरे लंड को फौलादी बन गया था फिर मैंने धीरे से उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थीl


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अब में ज़ीनत आपा के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा थाl मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उनके सारे कपडे उतार दिए उनका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में नंगा था उनके बदन पर सिर्फ आभूषण थेl फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ज़ीनत के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगाl

फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई फिर अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर आपा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाईl


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फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहाl बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि जीनत की चीख निकल पड़ी, सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गयाl फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा और मेरा लंड उसकी चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गयाl


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अब वो अम्मी अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थीमें मर जाउंगी, फिट मैं कुछ देर रुका और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गयाl फिर जो वो चीखी, तो पूरी हवेली जाग गयी होगी, लेकिन में उसे चोदता रहा, चोदता रहाl

फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगाl फिर अचानक से आपा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दियाl

फिर उस रात मैंने ज़ीनत को 4 बार चोदा और जब वो सुबह लंगडाते हुए चल रही थी,

फिर आपा बोली अब कल रात क्या हुआ वह भी सुनाओ क्योंकि आज सुबह तक बहुत चिल्लाने की आवाज़े आ रही थी तुम्हारे कमरे से

मैंने कहा जब अब्बू ने मुझे और रिज़वान को बुला कर कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी वह नवाबी तेहज़ीब के मताबिक सही नहीं हैं जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो l सारे नौकर नौकरानी सुनते है और बातें बहार जा सकती है




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फिर कल रात मैं जब ज़ीनत के कमरे में गया तो मैंने देखा ज़ीनत आपा की चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत सलवार की ऊपर से ही को सहलाया फिर अपने हाथो के उसके मोमे दबाये मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को आपा कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैंl तो मैं बोला आज इसे थोड़ा आराम देता हूँ मैंने कहा आओ आपा अपनी बांहो में सुला दो सुबह चार बजे का अलार्म लगा देते है अगर तुम्हारा मन करे तो फिर मेरे को करने देना और हम दोनों एक दुसरे को चूमते हुए लिपट कर सो गए l

मेरी नींद खुली करीब रात के तीन बजे थे ,आपा मेरे सीने से लिपटी हुई सो रही थी उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया और दबोच कर लिप्स किस करने लगा , मैंने कहाँ आपा इसकी फ़िक्र न करे , आप सबसे सुन्दर ,गोरी और मेरे से 5 साल बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो l आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाये जैसे की मैं हूँ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत हैl मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो और फिर मैंने कहा आपा हमारे खानदान में गांड मरने की रिवाज़ है और आप चीखती बहुत हैं इसलिए अगर आप इज़ाज़त दे तो आपकी कलाई में रस्सी बांधकर आपको उल्टा कर आपके दोनों हाथ बीएड पोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपडे से बांध कर आपकी गांड मार लेता हूँ l

आपा बोली मेरे राजा सलमान पहले मेरी चुत चोदो फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से ताकि दर्द न हो l मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा। और उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। मैंने अपनी पेंट खोली और आपा मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगीlहाईईईईई, म्‍म्म्मम। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई।


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फिर मैंने कहा इस बार आपा आप ऊपर आ जाओ फिर में उनके नीचे और आपा मेरे ऊपर मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दियाl मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी l फिर मैंने ज़ीनत आपा की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराइ । फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरूकिया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी
आपा निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला आपा क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआl आपा बोली बहुत मजा आयाl मे l चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी l लेकिन मैं एक बार भी नहीं झडा था और लंड तनतनय हुआ खड़ा थाl आपा ने लंड को सहलाते हुए कहा आज क्या बात है मैंने कहा आज इसका ये गांड मारे बिना नहीं रूकेगा आपा शर्मा कर सिकुड़ गयी और मुझसे लिपट गयी


फिर रिज़वान ने मुझसे पुछा क्या तुमने फिर ज़ीनत आपा की गांड भी मारी?

मैंने कहा पूरी बात सुनो और आगे सुनाने लगा फिर थोड़ी देर बाद आपा ने मुझसे कहा कि तुम मेरे हाथ पैर दोनों को बांध दो और फिर मेरी जमकर मेरी गांड की चुदाई करो, में आज तुम्हे नहीं रोकूंगी। और फिर उनके हाथ बांध कर मुंह पर सलवार बांध दी और खूब देर तक उनकी पीठ पर चुम्बन करते हुए बॉडी लोशन उनकी प्यारी बिन बालों वाली गोरी गांड पर लगाया और मैंने टनटनाया हुआ 9 इंची लोडा उनकी गांड में दे डाला और पहच की आवाज़ के साथ खून के फुव्वारे छूटे और एक ही धक्के में लंड समां गया l क्योंकि उनका मुंह बंधा था बेचारी केवल पाऊँ पटक सकती थी जिन्हे मैंने अपने हांथो से जकड रखा था और में अब लगातार धक्के देकर चोदता रहा और फिर ३० मिनट उस नाज़ुक गांड की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये। में धन्य हो गया l क्या गद्देदार चूतड़ थे , नरम मुलायम गोरी चमड़ी जो लाल सुर्ख हो गयी थी और सख्त टाइट मांस और बस मत पूछो यार मज़ा आ गया l आपा की आँखो से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

मैंने अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी ख़त्म की तो देखा रिज़वान और रुखसाना आपा दोनों गर्म हो चुके थेl रिज़वान का लंड भी पूरा तन गया था मैंने देखा रिज़वान ने आपा का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया था और आपा उसे धीरे धीरे सहला और दबा रही थी और दोनों लिप किश कर रहे थेl मेरा भी लंड पूरा तन गया था और मुझे लगा वह पजामा फाड् कर बाहर आ जायेगा फिर दोनों को ख्याल आया के मैं भी वही हूँ तो दोनों शर्मा गएl आपा ने मेरा तना हुआ पायजामा देखा तो बोली सलमान सब्र करो अभी तो सुबह ही हुई है देखती हूँ तुम्हार्रे लिए क्या हो सकता है मैंने कहा रिज़वान अब तुम भी सलमा के साथ अपनी सुहाग रात की कहानी सुनाओ रुखसार और आरसी भी बोली हमें भी सलमा भाभी की सुहाग रात की कहानी सुननी है रिज़वान पूरी तफ्सील से बताना जूनि चूँकि छोटी थी वह स्कूल चली गयी थी l

रुखसाना आपा बोली मुझे भी सुननी है रिज़वान प्लीज बताईये क्या हुआ l हमारे बहुत कहने पर रिज़वान शुरू हुआ l

सलमान भाई अपने खानदान के परंपरा के अनुसार मुझे पहले से ही पता था के रुकसाना सलमा और फातिमा मेरी ही होंगीl क्योंकि खानदान में तुम्हारे सिवा और कोई लड़का तो है नहीं इसलिए इन तीनो कजिन का निकाह मुझसे ही होगा और तीनो की खूबसूरती और नजाकत का मैं कायल था और मन ही मन तीनो को बहुत चाहता था फिर वह बोला मेरा बस चलता तो कब का तीनो को चोद देताl



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रिज़वान बोला भाई निकाह के बाद दुल्हा, दुलहन दोनों को इन्तजार रहता है सुहागरात का… यह दोनों के विवाहित जीवन की पहली और सबसे ख़ास रात होती है जिसके सपने लड़का लड़की दोनों बरसों से देख रहे होते हैं! दोनों अपनी इर रात को यादगार बनाना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी की होती है, लड़की के मन में पहले सेक्स का डर समाया होता है तो रोमांच भी होता है, वहीं लड़का भी रोमांचित होने के साथ साथ कुछ डरा हुआ होता है की उससे सब कुछ ठीक ठाक हो भी पाएगा या नहीं!

मेरे दोस्त मेरे पास बैठे गप्पे मार रहे थे पर मेरा मन सलमा के बारे में ही सोच रहा था मुझे खोया खोया देख दोस्त बोलो ये भाई तो दुल्हन के खयालो में अभी से खो गया है अब इसे और मत तडपायो और अपनी नयी दुल्हन के पास जाने दो फिर दोस्त एक एक का चले गए थोड़ी देर बाद लगभग ११ बजे और मेरी शरीके हयात रुखसाना और मेरी बहन आरसी मेरे पास आयी तो मैंने पुछा ज़ीनत आपा कहाँ है तो आरसी बोली आपाको सलमान के कमरे में छोड़ कर आये हैं और सलमा आपका आपके कमरे में इंतज़ार कर रही हैं फिर वह मुझे पकड़ कर मेरे फूलों से सजे कमरे में हमारी सुहागरात के लिए आयी मैंने देखा वहां सुहाग से सेज पर गहनों और फूलों से सजी धजी सलमा सिकुड़ और शर्मा सुहागरात की सेज पर छुईमुई सी सजी बैठीl अपने सपनों के राजकुमार का इंतजार कर रही थी।


वो आए और मेरे पास आकर मुझसे ज़माने भर की बात करने लगे। फिर आरसी मुझे छेड़ने लगी है भाई आराम से करना हमारी भाभी बहुत नाजुक हैंl आँख मारते हुए रुखसार मेरे कान में बोली मेरी बहन सलमा को मेरी तरह बेदर्दी से मत चोदना ये बहुत नाज़ुक और कमसिन है फिर दोनों दरवाजा बंद कर बहार चली गयीl मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया ।


ओए होएl क्या बताऊँl सलमा जो की २१ साल की बला की ख़ूबसूरत हैl निकाह के समय उसे देख मेरा लंड बेकाबू हो गयाl सलमा का भी रंग दूध से भी गोरा, इतना गोरा के छूने से मैली हो जाए l बड़ी बड़ी काली मदमस्त आँखे गुलाबी होंठ हलके भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्सl नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर ३४ २४ ३६ थाl कद ५ फुट ५ इंच था दिखने में एकदम माधुरी जैसी है और आवाज़ मीठी कोयल जैसी सुहाग की सेज सजी धजी गहनों और फूलों से लड़ी पर बैठी सलमा किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। सलमा ने गुलाबी रंग का लेहंगा और ब्लाउज पहना हुआ था और ऊपर लम्बी सी ओढ़नी का घूँघट किया हुआ था lइस रूप में अगर कोई 70 साल का बूढ़ा भी उसे देख लेताl तो उसका भी लंड खड़ा हो जाता। मेरा १० इंची हथियार शिकार के लिए तैयार होने लगाl मैं थोड़ा सा आगे होकर बैठ गया और उसका हाथ पर अपना हाथ रख दिया l उसका नरम मुलायम मखमल जैसा गर्म हाथ पकड़ते ही मेरा लंड फुफकारे मारने लगा और सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गयाl


वह फिर पूनम की चांदनी रात थी और कमरा चांदनी से नहाया हुआ थाl सलमा का रंग गुलाबी कपड़ो के कारन गुलाबी लगने लगा थाl उसकी चमड़ी इतनी नरम मुलायम नाजुक और पारर्दर्शी थी के उसकी फूली हुई नसे साफ़ नज़र आ यही थी मैंने एक गुलाब उठा कर उसके हाथो को छू दिया और वह कांप कर सिमटने लगी मैंने कहा की मैं आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता थाl lफिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक नौलखा हार उनको अपनी शादीशुदा जिंदगी के पहले नज़राने के तौर पर दियाl वह बोली आप ही पहना दीजिये और उसके गहने खड़कने लगेl


मैंने उसे हार पहनाया फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था, ढेर सारे गहनों ले लदी और फूलों से लदी अप्सरा लग रही थी इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !! तुम तो बला की क़यामत हो मेरी जान l मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया सलमा की आँखे बंद थी l उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायीl



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फिर बड़े प्यार से से पूछा, “क्या मैं तुम्हे किस कर सकता हूँ?”

मैंने उसका ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया और सलमा के चेहरे को अपने हाथों में लेकर गाल पर किस किया और सलमा को बताया कि इस दिन का मै जबसे सलमा जवान हुई थी तबसे इंतज़ार कर रहा था l l ये उसका पहला चुम्बन था वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयीl मैंने सलमा को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा कर पुछा उसकी पीठ बहुत नरम मुलायम और चिकनी थी उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ सलमा की कमर तक पहुँच गए थेl


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क्या चिकनी नरम और नाजुक कमर थी फिर मैंने उसका दुपट्टा सीने से हटा दिया। और उसे घूरने लगा मेरे इस तरह घूरने से सलमा को शर्म आने लगी और वो पलट गयी और अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी। मैं आगे बढ़ गया उसे अपनी लोहे जैसी बांहो में कस कर जकड़ लिया, मैंने अपना मुँह सलमा की गर्दन पर किया और उस पर किस करने लगा। उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी! मैंने सलमा के गले पर किस करते हुए अपना मुँह सलमा के कान के पास किया और मेरे कान में कहा- आय लव यू जान! तू बहुत अच्छी लग रही है! आज मैं तेरी सील तोड़ दूँगा!

सलमा ने कहा- "हम्म्म्म ll" फिर मैंने सलमा के होंठों पर अपने होंठों रख दिए होंठ चसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया। उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके पूरे जिश्म में कंपन होने लगी।

मेरी ऐसी बातों से सलमा पागल हो गयी , उसकी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था!



SALMA4
मैंने सलमा को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को सलमा के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और सलमा के होंठों पर ही टूट पड़ा। फिर मैंने सलमा को अपनी गोद में खींच लिया और उसकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा। सलमा में अपनी आँख बंद कर ली। मैंने उसके बलाउज के बटन खोल दिए। उसकी रेड ब्रा को मैंने बिना हक खोले ऊपर कर दिया। अब सलमा के दोनों कबूतर मेरे सामने नंगे थे। मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा।

सलमा की धड़कन तेज हो गई थी। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मुँह में ले लिया और उसकी पहली चूची को जोर से दबाया। सलमा ने एक सिसकी सी ली। अबकी बार मैंने थोड़ा सा और जोर से दबाया। अब उसकी सिसकी में दर्द पैदा हो गया। अब मैंने ऋत को पलंग से उतार कर नीचे खड़ा होने को कहा। वो नीचे आकर खड़ी हो गई। मैंने उसके ब्लाउज को उसके जिएम से अलग कर दिया। फिर मैंने उसकी साड़ी को खोल दिया। अब त मेरे सामने सिर्फ सफेद पेटीकोट में खड़ी थी।


SALMA10


मैंने उसको कहा- "अपने दोनों हाथ अपने सिर के पीछे रख लोl"

सलमा में चुपचाप रख लिए। मैंने अब उसके पेटीकोट को ऊपर उठा दिया और उसके पेटीकोट के नाड़े में उसका पेंटीकोट मोड़कर फैंसा दिया। फिर मैंने सलमा की पैटी के ऊपर से उसकी चूत को हल्का सा सहलाया। उसकी टांगों की कंपन में साफ देख रहा था। मैंने उसकी दोनों जांघों को अपने हाथ से पकड़कर घुमा दिया। अब अत की गाण्ड मेरे सामने थी। उसकी लाल रंग की कच्छी में उसके गोरे-गोरे चूतड़ बड़े प्यारे लग रहे थे। फिर मैंने उसकी कच्छी के इलास्टिक में उंगली डालकर कच्छी को आधा नीचे किया। उसके चूतड़ों की दरार में मैंने अपनी उंगली फिरानी शुरू कर दी। चिकने चूतड़ों में उंगली फिसली जा रही थी।

जारी रहेगी
mast chudai ho rahi hai.
 

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 158

जवानी के निराले खेल के नज़ारे


नफीसा ने फलक के स्तानाग्रो और फिर चुचकोंको चुटकी में भर कर उमेठा!.

स्स ।स्स। स्स। स्स ।स्स......... आह कर फलक कराह रही थी ।

उसकी आहे हाय-हाय सुन मेरी तो जान ही निकल गई ।

फलक को देख लगा फलक चीखना चाहती थी ... मगर चीख नहीं सकती थी ... क्योंकि उसके होठ तो नफीसा ने अपने होठो से बंद किये हुए थे। पर जब नफीसा ने थड़ा कास कर मसला तब फलक का मुँह थोडा-सा खुल गया और नफीसा ने इसी मौके का फायदा लेते हूए अपनी जीभ को फलक के होठो से अन्दर की और सरका दिया ... ।अब नफीसा की जीभ फलक की जीभ से टकरा रही थी ... फलक को अजीब-सा मज़ा आ रहा था ... फलक ने अपने जीभ से नफीसा की जीभ को धकेलना चाहा...और उसकी इस कोशिश में फलक की जीभ नफीसा के मुह में चली गई ... जिससे बाद अब नफीसा फलक की जीभ को अपने मुह में लेकर चूस रही थी ..., उत्तेजना से फलक के रे निप्पल अब पूरी तरहसे कठोर हो गए थे ।

नफीसा ने फलक के बूब्स दबाना, निप्पल उमेठना और होटो को और जीभ चूसना जारी था और ये सब मिल कर फलक को पूरी तरह से पागल कर रहा था। न जाने कितनी देर तक दोनों वैसे ही रही कराह रही थी और तड़प रही थी ।

मेरी महबूबाये मेरे सामने तड़प रही थी और मैं बस देख सकता था और कुछ कर नहीं सकता था ।

अचानक नफीसा ने चुम्बन तोडा और अपने हाथ खीच कर अलग खड़ी हो गई ।

फलक को लगा जैसे उसे आसमान से उठाकर ज़मीं पर पटक दिया गया है ।

फलक नफीसा की तरफ़ असंजस भरी नजरो से देखने लगी।

नफीसा मंद मुस्कुरा रही थी । फलक की समझ में कुछ नहीं आ रहा था ।

नफीसा धीमे कदमोसे चलते हुए फलक के पास आई, उसकी पीठ सहलाते हूए उसे पलंग की ओर ले गयी और उसे बिठाया।

फलक एक नयी नवेली दुल्हन की तरह शर्म से लाल हो गई. नफीसा ने धीरे से पुछा-"फलक मेरी जान ... कैसा लगा?"

फलक शर्म से मरी जा रही थी, उसने अपना चेहरा नफीसा की छातियो में छुपाना चाहा।

उसने फिर से फलक का चेहरा हाथो में लेकर एक चुम्बन दिया और फिर पुछा-"मेरी भोली रानी ... कैसा लगा यह खेल?"

फलक ने मुस्कुराकर निचे देखा।

नफीसा: "देखो फलक, अगर तुम जवानी का यह अद्भुत खेल सीखना चाहती हो तो शर्मना छोडो और बताओ की तुम्हे ये सब कैसा लगा?"

फलक "आपा! क्या कैसा लगा?"

नफीसा: "ओह, तो तुझे अच्छा नहीं लगा ... ठीक है मैं चलती हूँ ।"

फलक घबरा गयी और फट से उसका हाथ पकड़ कर उसे जबरदस्ती निचे बैठाते बोली-"नफीसा बाजी मैंने ऐसा तो नहीं बोला ।"

उसने फिर से फलक का चेहरा पकड़कर एक जोरदार चुम्बन किया और बोली "तो जानी! तुम्हे जवानी का ये अद्भुत खेल खेलना है?"

जवाब में इसबार फलक ने ख़ुद को समर्पित करते हूए नफीसा के होंठो पर अपने होठ रख दिए ।

नफीसा ने ख़ुशी के मारे फलक को अपने सिने से लगाया और बोली "चलो मेरी जान अब इस खेल की शुरुवात करते है"

नफीसा ने बतया " देखो फलक इस खेल के कुछ नियम है उनका पालन कठोरता से करना पड़ेगा-

1 मेरी सभी बाते बिना हिचक माननी होगी,

2 कोई भी शंका अभी नहीं पूछनी। वैसे बादमे कोई भी शंका बाकि नहीं रहेगी।

फलकने कहा "मुझे तुम्हारी हर शर्त काबुल है नफीसा आपा ... लेकिन आप जल्दी शुरू करो ।"

नफीसा ने हसते हुए फलक के निप्पल को उमेठा ... स्स्स्सस्स्स्स ... हाय! ।

नफीसा ने फलक की टॉप को निचेसे पकड़ा और उसे खीचकर उसके सर से निकाल दिया।

अब नफीसा सिर्फ़ समीज पहनकर बैठी थी और उसे शर्म आ रही थी, उसने हाथोसे अपनी छातियो को ढकना चाहा पर नफीसा ने उसके हाथो को पकड़ कर मना कर दिया।

नफीसा बड़े प्यार से फलक के रूप को देख रही थी और मैं भी पर्दे की आड़ से छुपा हुआ फलक का रूप देख रहा था । ।

नफीस को ऐसे देखते हुए देख फलक ने शर्मा के नजरे नीची कर ली ।

नफीसा ने फिरसे फलक की ठोड़ी पकड़कर उसका चेहरा ऊपर किया और बोली-"मेरी जान अब शर्माना छोडो और मेरी आंखो मे आँखे डाल कर देखो!"

अब फलक ने उसके हुक्म का पालन करते हूए उसी की आँखों में देखा। नफीसा अभी भी फलक की तरफ़ तारीफ भरी निगाह से नाजारे देख रही थी ।

अब नफीसा ने उसकी समीज को निचे से पकड़ा, उसके समीज पकड़ते ही फलक उसका इरादा भाप गयी और उसके हाथ पकड़ लिये। नफीसा ने भी ज़ोर लगा कर समीज को ऊपर की तरफ़ खीचना चालू किया और समीज को ऊपर खीचते वह बोली-"मेरी जान तुम मेरी सारी शर्ते काबुल कर चुकी हो ... अब ये शर्माना छोड़ दो"

फलक ने हार कर अपने हाथ ढीले छोड़ दिए।

नफीसा ने एक झटके में फलक की समीज को उसकी सर से निकल दिया।

अब फलक ऊपर से पूरी तरह नंगी थी।

मैंने देखा फलक के संतरे जैसे स्तन कठोर हो गए थे उसके गुलाबी निप्पल पूरी तरह फुल चुके थे। और मेरा लंड भी ये नजारा देख अकड़ गया था।

मुझे लगा मेरा माल लूटने वाला है पर फिर मुझे याद आया की नफीसा हमारे तय किये गए प्लान के अनुसार फलक को मेरे लिए त्यार कर रही है ।

इधर नफीसा अपनी आँखे बड़ी-बड़ी करके फलक के सौन्दर्य का रस पान कर रही थी।

उनकी नजरे उससे मिली तो वह दोनों प्यार से मुस्कुरा दी ।

फिर नफीसा ने एक पल में अपना भी टॉप निकल फेका।

उसने टॉप के निचे कुछ भी नहीं पहना था ।

टॉप के निकलते ही उसके दो बड़े संतरे जैसे स्तन सामने उछल पड़े।

फलक मंत्रमुग्ध नफीस के उन दो बड़े आमो को देखने लगी,

मन ही मन मैं अपने और उसके स्तन की तुलना करने लगी ।

नफीसा की रंगत दूधिया जबकि फलक गोरी जैसा दूध में हल्का केसर मिक्स करने के बाद जैसा होता है वैसा था ।

नफीसा के निप्पल भूरे थे तो फलक के गुलाबी । लेकिन उसके स्तन फलक के स्तनो से आकार में डेढ़ गुना थे। फलक को इस तरह उसे देखता पा कर नफीसा हस दी और बोली-"मेरी जान माल पसंद आया की नहीं"

फलक बस शरमाकर मुस्कुराई।

नफीसा ने फलक का हाथ पकड़कर आपने स्तनों पर रखा और बोली-"फलक रानी ये सब तुम्हारे लिये ही है चूमो"

अब फलक तो जैसे हिप्नोटाइस हो चुकी थी उसका सर अनायास ही उसकी छाती पर झुका और फलक के लरजते हुए होठो ने नफीसा के निप्पलस को छुआ और अपने हाथ से उसके स्तन को सहलाने लगी ।

नफीसा ने एक लम्बी सिसकारी भरी।

"स्स्स्सस्स्स्सSSSSS!"

और उसने फलक के सर को स्तानोके ऊपर दबाया ।

फिर फलक उसके निप्पल को बारी-बारी अपने मुह में लेकर जोरोसे चूसने लगी। जब से उसने अपनी अम्मी का दूध पीना छोड़ा था उसके बाद ये पहला मौका था जब वह किसी लड़की के स्तन चूस रही थी ।

जैसे मैं उन दो आमो को पूरी तरह से चूस-चूस कर खा जाना चाहती थी ।

बिच बिच में जब भी फलक के दात उन कोमल स्तनों को लग जाते थे और नफीसा जोरो से सिसक उठती थी ।

फलक एक स्तन को चूसती तो दुसरे स्तन को बेदर्दी से अपने हाथ से दबाती भी रहती।


नफीसा आँखे बंद करके सिसक रही थी और मेरा हाथ अपने लंड पर था और मैं उसे सहला रहा था, मेरा मन कर रहा था कि मैं भी अभी इन के साथ इस खेल में शामिल हो कर इन रसभरे बूब्स के साथ खेलूं और रसपान करूँ पर मैं अपने लिए शबनम के साथ जो प्लान निर्धारित किया था उस का ध्यान कर बस अपना लंड सहलाते हुए उन्हें देखता रहा ।


जारी रहेगी
 
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 149

सेक्सी बम्ब से निकाह

मैंने सही मौका देखकर तुरंत उसको अपनी बाहों में जकड़कर उसके नरम गुलाबी होंठो पर एक जबरदस्त किस कर दिया और उसी समय मैंने उसके चूचियों को भी पकड़ लिया। मैंने उसके पूरे चूचियों का आकार और उसकी गोलाई और चूचियों को छूकर महसूस किया कि वह एकदम रुई की तरह मुलायम थे। अब थोड़ी देर के बाद मैंने उसको एक बार फिर से अपनी आगोश में लेकर किस किया। अब महरीन धीरे-धीरे मेरे साथ मज़े करने लगी थी और में अब उसके चूचियों को धीरे-धीरे दबाने लगा था। उफफफ्फ़ क्या मस्त चूचियों थी उसकी? एकदम नरम रुई जैसे और फिर मैंने महसूस किया कि जब में उसके निप्पल को सहलाने लगा तो वह गरम होकर एकदम से बेकाबू हो गयी और वह मुझसे लिपटकर मेरी बाहों में आकर मुझे वह पागलों की तरह किस करने लगी। फिर वह लगातार मुझे चूमने लगी थी और उसकी तेज़ी से चलती गरम-गरम सांसे मुझे मेरी गर्दन व् गालों पर महसूस होने लगी थी और वह उस समय बहुत जोश में थी।

वैसे मुझे लगा की लोहा गर्म है अब हथोड़ा मार सकता हूँ पर मैंने सोचा इस कच्ची कमसिन कली का रस अगर में आराम से पिऊंगा तो ज़्यादा मज़ा आयेगा। इसकी अम्मी ने इसे मुझे सौंप ही दिया है और ये भी समर्पण के लिए त्यार है तो जल्दी किस बात की है, इस कच्ची कली को आराम से प्यार से मसलना चाहिए।

तभी महरीन शर्मा कर थोड़ा-सा पीछे हट गई तो में बिल्कुल अंजान बनकर उससे पूछने लगा कि क्या हुआ? लेकिन वह कुछ नहीं बोली और थोड़ा-सा शरमा गई. फिर मैंने देखा कि उसका गाल शरम से एकदम लाल हो गया था और तब मैंने सही मौका देखकर तुरंत उसको अपनी बाहों में जकड़कर उसके नरम गुलाबी होंठो पर एक जबरदस्त किस कर दिया।

और उसी समय मैंने उसके चूचियों को भी पकड़ लिया। उस दिन मैंने पहली बार उसके पूरे चूचियों का आकार और उसकी गोलाई और चूचियों को छूकर महसूस किया कि वह एकदम रुई की तरह मुलायम थे। तभी कुछ देर बाद उसने एक झटके से मुझे अपने से दूर हटा दिया और वह रोने लगी। उसको रोता हुआ देखकर मेरे तो सर से पसीना छूट गया क्योंकि में अब यह बात सोच रहा था कि अगर वह बाहर सभी को मेरी इस हरकत के बारे में बता देगी तो मेरी बहुत बदनामी हो जायेगी और में किसी को कुछ भी कहने लायक नहीं रहूँगा और फिर मैंने बहुत ही धीरज से काम लिया और अब में उसको समझाने लगा। में उससे बोला कि तुम मुझसे इस तरह से डर क्यों रही हो? यह तो बस मैंने मज़े करने के लिए किया था और में तो कभी भी तुम्हारा बुरा नहीं चाहूँगा। तुम्हारी अम्मी मुझे तुम्हे मुझे सौंपा है और अपने साथ रखने के लिए कहा है और इसके बदले मुझे तुम्हे पढ़ाने के लिए कहा है और मैं इसके बदले तुमसे जो मर्जी ले सकता हूँ।

में हमेशा पढ़ाऊंगा और तुम्हे कंप्यूटर सिखाऊंगा और इंग्लिश सिखाऊंगा और तुम्हे एक अच्छी-सी नौकरी मिल जाये इस लायक बनाऊँगा। उससे कहा मैं उससे निकाह करूंगा और उसके बाद ही उसके साथ सम्बन्ध बनाऊंगा ।

फिर इस तरह में उसको कुछ देर समझाता रहा और उसके साथ-साथ में उसकी पीठ को भी सहलाता रहा जिसकी वज़ह से उसने अब रोने के साथ-साथ मेरा विरोध करना बंद कर दिया था। मेरे से रहा नहीं गया और मेरा होठ उसके होठ के तरफ़ बढ़ गया पर उसने अपना फेस घुमा ली। मैं एक दम से रुक गया। लगा मेरे से गलती हो गई। पर दूसरे ही पल वह अपना फेस मेरे तरफ़ की और मेरे होठ पर अपना होठ रख दी। ओह्ह्ह्हह ऐसा लगा मैं स्वर्ग में हूँ और मेरे सामने हुस्न की परी मुझे चूम रही रही। मेरा हाथ उसके बूब्स पर अनायास ही चला गया। मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा। वह मदहोश होने लगी। वह मुझे चूमते हुए निहारने लगी और इस बार वह मुझसे कुछ भी नहीं बोली। फिर में तुरंत समझ गया कि अब मेरा काम बन सकता है क्योंकि वह भी अब धीरे-धीरे मेरे साथ मज़े करने लगी थी और में अब उसके चूचियों को धीरे-धीरे दबाने लगा था। उफफफ्फ़ क्या मस्त चूचियों थे उसके? एकदम नरम रुई जैसे और फिर मैंने महसूस किया कि जब में उसके निप्पल को सहलाने लगा तो वह गरम होकर एकदम से बेकाबू हो गयी और वह मुझसे लिपटकर मेरी बाहों में आकर मुझे वह पागलों की तरह किस करने लगी।

फिर वह लगातार मुझे चूमने लगी थी और उसकी तेज़ी से चलती गरम-गरम सांसे मुझे मेरी गर्दन व् गालों पर महसूस होने लगी थी और वह उस समय बहुत जोश में थी।

महरीन बोली पहले हम दोनों नहा लेते हैं। इतनी जल्दीवाजी ठीक नहीं आराम से करेंगे ये मेरा पहला सेक्स है इसलिए मैं इसको यादगार बनाना चाहती हूँ इसलिए हम दोनों तैयार हो जाते हैं। मैंने कहा ठीक है और हम दोनों नहाने चले गए। मैं जल्दी नहा लिया था। मैंने अनवर से खाना मंगवा लिया और उसे बिस्तर सजाने के लिए कह दिया। हम दोनों ने खाना खाया और सोफा पर बैठे रहे महरीन एक गुलाबी ड्रेस में बहुत ही खूबसूरत लग रही थी अपनी पिंक ड्रेस में। पर मैं महरीन की पहली चुदाई मैं यादगार बनाना चाहता था इसलिए जल्दीबाजी नहीं करना चाह रहा था।

यह एक बड़ी हवेली थी, जिसमें बहुत बड़ा लॉन, बगीचा, स्विमिंग पूल और ऐशो0 आराम के सभी साधन थे। फिर मैंने महरीन के साथ चारों ओर घूमकर इसे देखा।

मैंने उससे कहा मैं उससे निकाह करूंगा और उसके बाद ही उसके साथ सम्बन्ध बनाऊंगा ।

मैंने कहा कि मैंने हॉल में कुछ ख़ास इंतज़ाम करवाया है जहाँ हम निकाह मिस्यार करेंगे, तुम्हारी कजिन आपा अफरोजा और जीजा अनवर तुम्हारे बड़ो और गवाह की भूमिका निभाएँगे। तुम्हारी अम्मी ने तुम्हे मुझे दे दिया है ताकि मैं तुम्हे पढ़ा कर तुम्हारा भविष्य सवार सकूँ,
मुझे उम्मीद है तुम्हारी अम्मी ने तुम्हे ये पहले ही बता दिया है, इस पर महरीन ने सहमति में सर हिलाया और शर्मा कर सर झुका लिया ।

मैंने उसे बताया की मैंने काजी से मालूम किया है कि ये मिस्यार निकाह शरिया के हिसाब से निकाह की सभी ज़रूरी आवश्यकताओं को पूरा करता है, निकाह मिस्यार और मुताह निकाह निकाह चार निकाह में नहीं आता है इसलिए मैं ये निकाह कर सकता हूँ, जिसमे शामिल है:-

दोनों पक्षों की सहमति

दो कानूनी गवाह (शहीदैन)

इसमें अनुबंध के लिए कोई अवधि तय नहीं है ।

तुम्हारी अम्मी मुझे तुम्हे मुझे सौंपा है और अपने साथ रखने के लिए कहा है और इसके बदले मुझे तुम्हे पढ़ाने के लिए कहा है और मैं इसके बदले तुमसे जो मर्जी ले सकता हूँ। तुम्हारी पढ़ाई का खर्चा इसमें मेहर है

हम इस शर्त को अनुबंध में शामिल करने के लिए सहमत हैं और इस निकाहनामे पर दस्तखत करेंगे ये निकाह शरिया कानून के अनुरूप जायज है

और हम फिर यहाँ बेडरूम में आएँगे और मौज-मस्ती करेंगे। अनवर ने हमारे निकाह का सब इंतज़ाम कर दिया है ।

फिर हम हाल में गए जहाँ अनवर और अफरोजा के साथ काजी ने निकाह पढ़ा और फिर हम हवेली में दाखिल हुए। यह एक बड़ा हॉल था और मैंने महरीन से कहा कि उसके लिए एक सरप्राइज है। मैं उसे बेडरूम में ले गया। बेडरूम बहुत बड़ा था और उसमें एक बिस्तर था जिसे फूलों से सजाया गया था जैसे कि किसी की पहली रात हो। उसने उससे पूछा कि यह सब क्यों किया गया है? मैंने कहा, " महरीन, यह तुम्हारा पहला मौका है, मैं इसे यादगार बनाना चाहता था।

फिर मैंने अलमारी और बक्सा खोला और उसे कुछ दुल्हन के कपड़े और गहने दिखाए, मैंने उसे उन्हें पहनने के लिए कहा। एक मेकअप किट भी थी। गहने बहुत सारे थे। वह यह सोचकर मंत्रमुग्ध थी कि इन गहनों के साथ वह कैसी दिखेगी।

मैंने कहा कि ऐसे गहने हैं जो तुम्हारे पूरे शरीर को ढँक देंगे और तुम बिल्कुल शानदार दिखोगी। मेरी बात पर वह शरमा गई और मैंने कहा कि मैं भी त्यार होता हूँ, मैंने उसे तैयार होने के लिए कहा। मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया और मैंने एक कैमरा लगाया हुआ था और मैंने देखा कि उसने अपनी ड्रेस उतार दी,। उसने अपनी पैंटी उतार दी, जो थोड़ी गीली थी और उसने सोचा कि मैं सिर्फ़ दुल्हन की पोशाक और गहने पहनकर मेरे सामने जायेगी। उसने अपनी ब्रा उतारी और आईने के सामने बैठ गई। उसने अपने सुंदर रेशमी चिकने शरीर पर क्रीम लगाई, चेहरे पर थोड़ा मेकअप, आई शैडो, काजल, लिपस्टिक जो गहरे लाल रंग की थी, लिप ग्लॉस जो उसके होंठों को रसीला और चमकदार बना रहा था। फिर उसने लहंगा पहना और फिर बैकलेस लाल छोटी ब्रा जैसी चोली और फिर गहनों को देखा कुछ सोचा।

फिर महरीन ने अपनी चोली और लहंगा उतार दिया और फिर से नग्न हो गई। मैंने अपने लंबे काले रेशमी बालों में कंघी की और उन्हें चोटी बनाकर एक सजावटी क्लिप से क्लिप कर दिया, फिर उसने आभूषणों का डिब्बा खोला और आभूषण पहनने शुरू कर दिए। सबसे पहले माथे का आभूषण फिर बिंदी, कान की बाली, नाक की नथ और फिर बहुत सारे हार थे, शायद चोकर हार से लेकर लंबे लटके हुए हार तक कुछ। उन्होंने लगभग उसके सख्त गोल स्तनों को चारों ओर से ढक लिया था। ह्रीं के निप्पल हार के पीछे थे और धातु को सीधे महसूस कर रहे थे। फिर कमरबंद जो कमर के चारों ओर लटक रहा था, जिसमें एक लंबा सजावटी टुकड़ा था जो लगभग उसके सामने के हिस्से को ढक रहा था। कमरबंद के पीछे भी आभूषणों की लट थी जो लगभग महरीन के सख्त गोल नितंबों को ढक रही थी। फिर पायल हाथो के कंगन चुडिया और बाजूबंद।


ZA2



फिर उसने दवाजा खोला और मैं अंदर आया और उसे देख दंग रह गया, मैंने कहा कि तुम एक बम की तरह लग रही हो और मैंने कहा की किस्मतवाला हूँ कि तुम मेरे साथ हो और मुझे यक़ीन है कि हम साथ में बहुत अच्छा समय बितायेंगे और मौज करेंगे ।

जारी रहेगी
Hot mahrin ke chudne ka time aa gaya hai.
 

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 150

सेक्सी बम्ब के साथ सुहागरात

फिर महरीन ने अपनी चोली और लहंगा उतार दिया और फिर से नग्न हो गई। मैंने अपने लंबे काले रेशमी बालों में कंघी की और उन्हें चोटी बनाकर एक सजावटी क्लिप से क्लिप कर दिया, फिर उसने आभूषणों का डिब्बा खोला और आभूषण पहनने शुरू कर दिए। सबसे पहले माथे का आभूषण फिर बिंदी, कान की बाली, नाक की नथ और फिर बहुत सारे हार थे, शायद चोकर हार से लेकर लंबे लटके हुए हार तक कुछ। उन्होंने लगभग उसके सख्त गोल स्तनों को चारों ओर से ढक लिया था। ह्रीं के निप्पल हार के पीछे थे और धातु को सीधे महसूस कर रहे थे। फिर कमरबंद जो कमर के चारों ओर लटक रहा था, जिसमें एक लंबा सजावटी टुकड़ा था जो लगभग उसके सामने के हिस्से को ढक रहा था। कमरबंद के पीछे भी आभूषणों की लट थी जो लगभग महरीन के सख्त गोल नितंबों को ढक रही थी। फिर पायल हाथो के कंगन चुडिया और बाजूबंद।


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upload photo

फिर उसने दरवाज़ा खोला और मैं अंदर आया और उसे देख मैंने कहा कि तुम एक बम की तरह लग रही हो और मैंने कहा की किस्मतवाला हूँ कि तुम मेरे साथ हो और मुझे यक़ीन है कि मैं तुम्हारे साथ बहुत अच्छा समय बिताऊँगा।

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मुझे देखकर मेरा लंड सख्त और खड़ा हो गया। अफरोजा ने मुझे और महरीन को मुबारकबाद दी। अनवर ने कहा, "नवाब साहब आपको कितनी खूबसूरत, हसीन और कमसिन बेगम मिली है।" महरीन उसकी टिप्पणी पर शरमा गई॥ फिर मैं उसे बेडरूम में ले गया, दरवाज़ा बंद किया और बिस्तर के पास रखी कुर्सियों पर बैठ गया।
za5


तुम तो चौदहवीं का चाँद हो! "मैं बोला। जी जैसी भी हूँ अब मैं आपकी हूँ।"

मैं बोला "महरीन जान! आप बहुत हसीन और खूबसूरती का मुजस्समा हैं, मेरी क़िस्मत बहुत अच्छी है कि मैं आप मेरा बन गयी ।"

"नवाब साहब! अब मैं आपकी हूँ। आप मुझसे बस प्यार की बातें करो। मेरी जवानी और खूबसूरत सिर्फ़ आपकी है" महरीन ने शर्माते हुए कहा।


za4


फिर में उनके पास गया और मैं उसे सिर से पाँव तक ताड़ने लगा । उफ़फ्फ़ बनाने वाले ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उसका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरा पास था।

और फिर उसका हाथ पकड़ लिया और उससे बातें करने लगा और बोला कि आप तो यह बताओ कि मुझे आपके साथ करना क्या है? उसने शर्मा कर मुँह नीचे कर लिया मैंने फिर पूछा तब महरीन बोली जी आपकप सब पता है क्या करना है मैंने आपको अफरोजा आपा के साथ प्यार मुहब्बत करते हुए देखा था।

मैंने महरीन को अपने से चिपका लिया। मैंने अपने दोनों हाथो से उसके कन्धो पकड़ कर दबोच लिया। महरीन सिर से पाँव तक खरा सोना था। गोरी-गोरी टाँगे, पतला सपाट पेट, बड़े-बड़े दूध, खूबसूरत लम्बा चेहरा और बिलकुल चिकनी मखमली जवां त्वचा थी उसकी। फिर मैंने जल्दी से अपना मुंह उसके मुंह पर रख दिया और चूसने लगा। फिर मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया और किस करने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगी और बराबर किस किये जा रही थी। हम दोनों की आँखे बंद थी। । मैंने खड़े होकर ही 10 मिनट उसके संतरे की फांक जैसे दिखने वाले लब चूस डाले। अब मामला दोनों तरफ़ से गरमा गया।


za3



आयी लव यू! महरीन।! "

वह कहने लगी "! आयी लव यू तू हजूर"

उसके बाद वह ही किस करने लगी। मेरे गले में उसने अपने दोनों हाथ डाल दिए और अपनी एड़ियों को उपर उठा दिया और मेरे लब चूसने लगी। फिर उसे और जोश चढ़ गया और मेरे गले और सीने को चूमने लगी, किस करने लगी। मेरी शर्ट की 2 बटन को महरीन ने जल्दी से खोल दिया और मेरे सीने पर चुम्बन जड़ने लगी। मैंने भी उसकी कमर को दोनों हाथो से पकड़ लिया और सहलाने लगा।

अब में महरीन के चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वह सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। महरीन आहे भरने लगी उसकी आहें भरने के सेक्सी आवाज़ और नंगे जिस्म पर गहने मेरे लंड के लिए एक वियाग्रा की गोली से कम नहीं थे।

ZA2


मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी महरीन के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के गुलाबी रंग की चूत, केले के खंभे जैसी चिकनी जांघे और गोरा मखमली बदन।

मैंने धीरे-धीरे उसके गहने उतारने शुरू कर दिए और गहने उतार कर जो अंग उजागर हुए उन्हें चुनने लगा उसने कहा। "महरीन तुम जानती हप आज मैं तुम्हारे साथ सुहाग रात मनाऊँगा।" महरीन शरमा गई ।

और मैं एक-एक करके उसके गहने उतारता रहा जब तक कि वह केवल कमरबंद, नाक की नथ, कान की बाली और ऊँची एड़ी में नहीं रह गई। उसके ग्रुत्वकर्षण को धत्ता बताते हुए सख्त गोल स्तन उजागर हो गए थे और निप्पल सख्त हो रहे थे। मैंने उसके शरीर की तारीफ करना शुरू कर दिया और मेरा कड़ा लंड हिलना शुरू हो गया।

मेरे मुँह से निकला "वाह क्या चुदक्कड़ माल मिला है मुझे। आज मैं तुम्हे जी भर कर चोदूँगा। मंजूर है ना तुम्हें? आज मज़ा आएगा" ।फिर मैंने उसके स्तन सहलाये और दबाये और कहा, "क्या बॉल है महरीन तेरी। मस्त बड़े टाइट और कड़क।" महरीन कराहने लगी, "उन्नघ्ह्ह इसे दबाओ ना हजूरर आराम से करो ... उन्न्घ्ह्ह्ह्ह!"

धीरे-धीरे हम प्यार करने लगे। मैंने उसके मम्मे दबाने लगा। चूचियाँ 34″ की थी और बहुत सेक्सी और हाट गोल-गोल और रसीली थी। महरिनं "...अह! सी! आह!" करने लगी। मुझे मज़ा आ रहा था। मैं दूध को हाथ से दबा और सहला भी रहा था।

उसकी गोल-गोल हॉट गोरी चूचियों का मैं दीवाना हो गया था। ओह्ह्ह्हह्हह! जब उसके नीपल को अपने मुँह में लिया मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया मेरे तन बदन में आग लग गयी थी। मैंने महरीन की चूचियों को पीने लगा धीरे-धीरे सरक कर निचे गया और उसकी कमरबंद हटा कर उसकी चूत को ख़ूब सुंघा ग़ज़ब की खुशबु आ रही थी। ओह्ह्ह्हह फिर क्या था दोनों टांगो को अलग-अलग किया और बिच में बैठकर चूत चाटने लगा बार-बार वह पानी छोड़ती और मैं उसके चूत के पानी को चाट जाता ओह्ह्ह्हह्ह ऐसा नसीब।

अपनी बूब्स की तरफ़ मुझे चिपका रही थी। मैंने दोनों नींबू का रस ख़ूब निचोड़-निचोड़ कर पिया। उसके बाद मैंने अपना भी कपड़ा निकाल कर अपना इंच का लंड आजाद कर दिया। वह भी फ़न फन करने लगा। चोदने की बेकरारी मेरी भी बढ़ने लगी।

मैं साथ-साथ उसके स्तनों को सहलाता रहा और निपल्स को भींचता रहा। फिर मैंने उसकी पीछे जा कर उसकी कमरबंद हटा दिया और उसकी बड़ी गोल गांड खुल गयी और उसकी चूत भी। मेरा लौड़ा उसके चूतड़ों के बीच में था और मैंने पीछे से धक्के मार रहा था। मेरा लंड जो कि अब 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया था, फंनफना कर पीछे से महरीन की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था।

फिर मैंने अपने हाथों में महरीन के लंबे बंधे हुए बाल पकड़कर घुमाया और उसे चलने को कहा। महरीन सिर्फ़ ऊँची एड़ी के जूते में नंगी थी और जब महरीन चलती थी तो उसके लम्बे मेरे बालों का क्लिप उसकी चूतड़ो से टकरा रहा था। बालों को चूतड़ से टकराते देख मैं मस्त हो गया। फिर मैं उसे मुझे बिस्तर पर ले गया और उसे लिटा दिया। मैं उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों को चाटने लगा और गालों को चूमने लगा। फिर उसके निप्पलों को अपने मुँह में लिया और उन्हें चूसने और चूमने लगा।

फिर उसकी उभरी हुई बूर को देखकर मेरे अंदर एक अजीब-सा जोश आ रहा था। मैंने देखा कि उसकी बूर में छोटे-छोटे नरम झांट के बाल थे और वह बहुत सुंदर कामुक नज़र आ रहे थे। फिर में उसकी बूर में अपनी उंगली को डालकर बूर के दाने को सहलाने लगा, जिसकी वज़ह से अब वह धीरे-धीरे सिसकियाँ लेने लगी और मेरे ऐसा करने की वज़ह से कुछ ही देर में उसकी बूर अब बिल्कुल गीली हो गई थी और जब में अपनी उंगली को बूर के अंदर डालने की कोशिश करने लगा तो मैंने महसूस किया कि उसकी बूर बहुत टाइट थी। फिर मेरे कुछ देर तक बूर में उंगली डालने की वज़ह से वह और भी ज़्यादा जोश में आकर तड़पने लगी।

फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया पहले वह सकपका रही थी फिर से आराम से अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। धीरे-धीरे मेरा लंड बहुत ही मोटा और लम्बा हो गया था। वह अंगड़ाइयाँ ले रही थी और मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी। मुझे ऐसा करने में बड़ा जोश और मज़ा आ रहा था और उसकी बूर अब बिल्कुल गीली हो गयी थी और मेरा लंड एकदम तनकर डंडे जैसा हो गया था। वह उसकी प्यासी वर्जिन बूर को सलामी देने लगा था। मुझसे अब और सहन नहीं हो रहा था ऐसे ही कभी चूमते कभी बूब्स सहलाते दबाते, कभी बुर छेड़ते करीब 30 मिनट तक जिस्म से खेलने के बाद अपना मोटा लंड महरीन की चूत की छेद पर रखा और घुसाने लगा। पर मेरा लंड उसकी चूत में आसानी से जा नहीं रहा था। पांच मिनट कर कोशिश करता रहा जब कभी लगता था इस बार अंदर चला जायेगा महरीन हर बार अपने कमर को पीछे खींच लेती थी क्यों की उसको दर्द होता था।

और फिर मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगा कर उसके दोनों पैरों को फैलाकर मैंने अपने लंड को उसकी बूर के मुहं पर रखकर एक हल्का-सा धक्का दे दिया जिसकी वज़ह से मेरा लंड करीब एक इंच बूर के अंदर चला गया, लेकिन अब महरीन उस धक्के की वज़ह से दर्द से चीख उठी और वह कहने लगी आह्ह्ह में मर गई ऊईईईइ अम्मी मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊह्ह्ह्हह हजूर अब छोड़ दो मुझे, में मर जाउंगी और अब वह बहुत ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने के साथ-साथ दर्द से छटपटाने लगी। फिर उसकी उस हालत को देखकर में तुरंत समझ गया कि उसकी बूर की सील मेरे उस धक्के की वज़ह से अब फटने वाली है इसलिए वह इतना तडप रही है। फिर मैंने धक्के देना बंद करके में उसके एक निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और कुछ देर बाद मैंने फिर से थोड़ा दबाव करके अपने लंड का सुपाड़ा उसकी बूर पर रख दिया।

फिर बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि महरीन की चीख निकल पड़ी, आह्हः आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी चीख से में और मदहोश हो गया और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया। अब दर्द से दोहरी महरीन आह आपा, आह अम्म्म्मी अम्मी जान कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी। फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया।

अब वह अम्मी-अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थी, अम्मी मुझे मार डाला आआईईईईई रे प्लीज़ नवाब साहब मुझ पर रहम करिये । मैंने धीरे से उसे सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड थोड़ा बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया। फिर जो चीखी, लेकिन में उसे उसकी चीखो से बेपरवाह उसे चोदता रहा, चोदता रहा।

वो एक बार फिर से चीखने लगी, लेकिन कुछ देर तक धीरे-धीरे धक्के देने के साथ-साथ उसकी निप्पल चूसने चूचियों को सहलाने की वज़ह से वह अब दर्द कम होने पर मोन करने लगी थी और में भी सही मौका देखकर अपने लंड को आगे पीछे करने के साथ-साथ अपनी स्पीड को पहले से ज़्यादा तेज करने लगा था और तभी मैंने देखा कि वह भी अब अपनी दोनों आंखे बंद करके मेरे साथ अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेने लगी थी और में लगातार जोरदार धक्के देता रहा।

दर्द से कराहते हुए वह हौले-हौले से गांड को घुमाना शुरू की और मैं ऊपर से चोट देने लगा। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह हाईए कर वह कराहती हुई चुदवाती रही मैं ज़ोर जोर से धक्के दे-दे कर चोदने लगा।

फिर करीब बीस मिनट तक अलग-अलग तरह से महरीन को चोदने के बाद महरीन बार-बार झड़कर बिल्कुल शांत हो गई और कुछ ही मिनट में मेरा भी वीर्य उसकी बूर के अंदर निकल गया और कुछ देर उसके ऊपर लेटे रहने के बाद मैंने उससे पूछा क्यों तुम्हे यह सब मज़ा मस्ती कैसी लगी?

तो वो मुस्कुराकर बोली कि थोड़ा दर्द तो मुझे अब भी हो रहा है, लेकिन मुझे आज तक पता ही नहीं था कि चुदाई करवाने में इतना मज़ा भी आता है, इसलिए अब आज से मुझे अपनी चुदाई आपसे करवाने के लिए ऐसा हर दर्द कबूल है क्योंकि आज में एक कुंवारी लड़की से एक औरत बन गई हूँ और आज अपने मुझे वो सुख देकर मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान किया है इसलिए मुझे अब आप जब भी जी चाहे कैसे भी चोद देना, मुझे आपके साथ यह सब करना बहुत अच्छा लगेगा ।

फिर मैंने उससे बोला कि देखना तुम्हारा यह दर्द जल्दी ही ठीक हो जाएगा और तुम देखना अगली बार जब हम दोबारा चुदाई करेंगे तब तुम्हे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा और तुम्हे सिर्फ़ मज़ा आएगा और फिर में उसको अपनी गोद में उठाकर बाथरूम ले जाने के लिए मैंने उसको उठाया और मैंने उसको बाथरूम में ले जाकर उसकी बूर पर पानी डालकर अच्छी तरह से धो डाला और बूर के साफ हो जाने के बाद वो वापस अपने कमरे में चली गई।


जारी रहेगी
Wowww bahut mast hai Maureen.
 

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 150

सेक्सी बम्ब के साथ सुहागरात

फिर महरीन ने अपनी चोली और लहंगा उतार दिया और फिर से नग्न हो गई। मैंने अपने लंबे काले रेशमी बालों में कंघी की और उन्हें चोटी बनाकर एक सजावटी क्लिप से क्लिप कर दिया, फिर उसने आभूषणों का डिब्बा खोला और आभूषण पहनने शुरू कर दिए। सबसे पहले माथे का आभूषण फिर बिंदी, कान की बाली, नाक की नथ और फिर बहुत सारे हार थे, शायद चोकर हार से लेकर लंबे लटके हुए हार तक कुछ। उन्होंने लगभग उसके सख्त गोल स्तनों को चारों ओर से ढक लिया था। ह्रीं के निप्पल हार के पीछे थे और धातु को सीधे महसूस कर रहे थे। फिर कमरबंद जो कमर के चारों ओर लटक रहा था, जिसमें एक लंबा सजावटी टुकड़ा था जो लगभग उसके सामने के हिस्से को ढक रहा था। कमरबंद के पीछे भी आभूषणों की लट थी जो लगभग महरीन के सख्त गोल नितंबों को ढक रही थी। फिर पायल हाथो के कंगन चुडिया और बाजूबंद।


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फिर उसने दरवाज़ा खोला और मैं अंदर आया और उसे देख मैंने कहा कि तुम एक बम की तरह लग रही हो और मैंने कहा की किस्मतवाला हूँ कि तुम मेरे साथ हो और मुझे यक़ीन है कि मैं तुम्हारे साथ बहुत अच्छा समय बिताऊँगा।

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मुझे देखकर मेरा लंड सख्त और खड़ा हो गया। अफरोजा ने मुझे और महरीन को मुबारकबाद दी। अनवर ने कहा, "नवाब साहब आपको कितनी खूबसूरत, हसीन और कमसिन बेगम मिली है।" महरीन उसकी टिप्पणी पर शरमा गई॥ फिर मैं उसे बेडरूम में ले गया, दरवाज़ा बंद किया और बिस्तर के पास रखी कुर्सियों पर बैठ गया।
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तुम तो चौदहवीं का चाँद हो! "मैं बोला। जी जैसी भी हूँ अब मैं आपकी हूँ।"

मैं बोला "महरीन जान! आप बहुत हसीन और खूबसूरती का मुजस्समा हैं, मेरी क़िस्मत बहुत अच्छी है कि मैं आप मेरा बन गयी ।"

"नवाब साहब! अब मैं आपकी हूँ। आप मुझसे बस प्यार की बातें करो। मेरी जवानी और खूबसूरत सिर्फ़ आपकी है" महरीन ने शर्माते हुए कहा।


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फिर में उनके पास गया और मैं उसे सिर से पाँव तक ताड़ने लगा । उफ़फ्फ़ बनाने वाले ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था? अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और उसका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरा पास था।

और फिर उसका हाथ पकड़ लिया और उससे बातें करने लगा और बोला कि आप तो यह बताओ कि मुझे आपके साथ करना क्या है? उसने शर्मा कर मुँह नीचे कर लिया मैंने फिर पूछा तब महरीन बोली जी आपकप सब पता है क्या करना है मैंने आपको अफरोजा आपा के साथ प्यार मुहब्बत करते हुए देखा था।

मैंने महरीन को अपने से चिपका लिया। मैंने अपने दोनों हाथो से उसके कन्धो पकड़ कर दबोच लिया। महरीन सिर से पाँव तक खरा सोना था। गोरी-गोरी टाँगे, पतला सपाट पेट, बड़े-बड़े दूध, खूबसूरत लम्बा चेहरा और बिलकुल चिकनी मखमली जवां त्वचा थी उसकी। फिर मैंने जल्दी से अपना मुंह उसके मुंह पर रख दिया और चूसने लगा। फिर मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया और किस करने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगी और बराबर किस किये जा रही थी। हम दोनों की आँखे बंद थी। । मैंने खड़े होकर ही 10 मिनट उसके संतरे की फांक जैसे दिखने वाले लब चूस डाले। अब मामला दोनों तरफ़ से गरमा गया।


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आयी लव यू! महरीन।! "

वह कहने लगी "! आयी लव यू तू हजूर"

उसके बाद वह ही किस करने लगी। मेरे गले में उसने अपने दोनों हाथ डाल दिए और अपनी एड़ियों को उपर उठा दिया और मेरे लब चूसने लगी। फिर उसे और जोश चढ़ गया और मेरे गले और सीने को चूमने लगी, किस करने लगी। मेरी शर्ट की 2 बटन को महरीन ने जल्दी से खोल दिया और मेरे सीने पर चुम्बन जड़ने लगी। मैंने भी उसकी कमर को दोनों हाथो से पकड़ लिया और सहलाने लगा।

अब में महरीन के चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वह सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। महरीन आहे भरने लगी उसकी आहें भरने के सेक्सी आवाज़ और नंगे जिस्म पर गहने मेरे लंड के लिए एक वियाग्रा की गोली से कम नहीं थे।

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मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी महरीन के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, सपाट पेट, लहराती हुई कमर, गहरी नाभि और बूब्स पर तनी हुई निपल्स, आँखे अधमुंदी चेहरा और गला मेरे चाटने के कारण गीला और शेव्ड हल्के गुलाबी रंग की चूत, केले के खंभे जैसी चिकनी जांघे और गोरा मखमली बदन।

मैंने धीरे-धीरे उसके गहने उतारने शुरू कर दिए और गहने उतार कर जो अंग उजागर हुए उन्हें चुनने लगा उसने कहा। "महरीन तुम जानती हप आज मैं तुम्हारे साथ सुहाग रात मनाऊँगा।" महरीन शरमा गई ।

और मैं एक-एक करके उसके गहने उतारता रहा जब तक कि वह केवल कमरबंद, नाक की नथ, कान की बाली और ऊँची एड़ी में नहीं रह गई। उसके ग्रुत्वकर्षण को धत्ता बताते हुए सख्त गोल स्तन उजागर हो गए थे और निप्पल सख्त हो रहे थे। मैंने उसके शरीर की तारीफ करना शुरू कर दिया और मेरा कड़ा लंड हिलना शुरू हो गया।

मेरे मुँह से निकला "वाह क्या चुदक्कड़ माल मिला है मुझे। आज मैं तुम्हे जी भर कर चोदूँगा। मंजूर है ना तुम्हें? आज मज़ा आएगा" ।फिर मैंने उसके स्तन सहलाये और दबाये और कहा, "क्या बॉल है महरीन तेरी। मस्त बड़े टाइट और कड़क।" महरीन कराहने लगी, "उन्नघ्ह्ह इसे दबाओ ना हजूरर आराम से करो ... उन्न्घ्ह्ह्ह्ह!"

धीरे-धीरे हम प्यार करने लगे। मैंने उसके मम्मे दबाने लगा। चूचियाँ 34″ की थी और बहुत सेक्सी और हाट गोल-गोल और रसीली थी। महरिनं "...अह! सी! आह!" करने लगी। मुझे मज़ा आ रहा था। मैं दूध को हाथ से दबा और सहला भी रहा था।

उसकी गोल-गोल हॉट गोरी चूचियों का मैं दीवाना हो गया था। ओह्ह्ह्हह्हह! जब उसके नीपल को अपने मुँह में लिया मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया मेरे तन बदन में आग लग गयी थी। मैंने महरीन की चूचियों को पीने लगा धीरे-धीरे सरक कर निचे गया और उसकी कमरबंद हटा कर उसकी चूत को ख़ूब सुंघा ग़ज़ब की खुशबु आ रही थी। ओह्ह्ह्हह फिर क्या था दोनों टांगो को अलग-अलग किया और बिच में बैठकर चूत चाटने लगा बार-बार वह पानी छोड़ती और मैं उसके चूत के पानी को चाट जाता ओह्ह्ह्हह्ह ऐसा नसीब।

अपनी बूब्स की तरफ़ मुझे चिपका रही थी। मैंने दोनों नींबू का रस ख़ूब निचोड़-निचोड़ कर पिया। उसके बाद मैंने अपना भी कपड़ा निकाल कर अपना इंच का लंड आजाद कर दिया। वह भी फ़न फन करने लगा। चोदने की बेकरारी मेरी भी बढ़ने लगी।

मैं साथ-साथ उसके स्तनों को सहलाता रहा और निपल्स को भींचता रहा। फिर मैंने उसकी पीछे जा कर उसकी कमरबंद हटा दिया और उसकी बड़ी गोल गांड खुल गयी और उसकी चूत भी। मेरा लौड़ा उसके चूतड़ों के बीच में था और मैंने पीछे से धक्के मार रहा था। मेरा लंड जो कि अब 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया था, फंनफना कर पीछे से महरीन की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था।

फिर मैंने अपने हाथों में महरीन के लंबे बंधे हुए बाल पकड़कर घुमाया और उसे चलने को कहा। महरीन सिर्फ़ ऊँची एड़ी के जूते में नंगी थी और जब महरीन चलती थी तो उसके लम्बे मेरे बालों का क्लिप उसकी चूतड़ो से टकरा रहा था। बालों को चूतड़ से टकराते देख मैं मस्त हो गया। फिर मैं उसे मुझे बिस्तर पर ले गया और उसे लिटा दिया। मैं उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों को चाटने लगा और गालों को चूमने लगा। फिर उसके निप्पलों को अपने मुँह में लिया और उन्हें चूसने और चूमने लगा।

फिर उसकी उभरी हुई बूर को देखकर मेरे अंदर एक अजीब-सा जोश आ रहा था। मैंने देखा कि उसकी बूर में छोटे-छोटे नरम झांट के बाल थे और वह बहुत सुंदर कामुक नज़र आ रहे थे। फिर में उसकी बूर में अपनी उंगली को डालकर बूर के दाने को सहलाने लगा, जिसकी वज़ह से अब वह धीरे-धीरे सिसकियाँ लेने लगी और मेरे ऐसा करने की वज़ह से कुछ ही देर में उसकी बूर अब बिल्कुल गीली हो गई थी और जब में अपनी उंगली को बूर के अंदर डालने की कोशिश करने लगा तो मैंने महसूस किया कि उसकी बूर बहुत टाइट थी। फिर मेरे कुछ देर तक बूर में उंगली डालने की वज़ह से वह और भी ज़्यादा जोश में आकर तड़पने लगी।

फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया पहले वह सकपका रही थी फिर से आराम से अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। धीरे-धीरे मेरा लंड बहुत ही मोटा और लम्बा हो गया था। वह अंगड़ाइयाँ ले रही थी और मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी। मुझे ऐसा करने में बड़ा जोश और मज़ा आ रहा था और उसकी बूर अब बिल्कुल गीली हो गयी थी और मेरा लंड एकदम तनकर डंडे जैसा हो गया था। वह उसकी प्यासी वर्जिन बूर को सलामी देने लगा था। मुझसे अब और सहन नहीं हो रहा था ऐसे ही कभी चूमते कभी बूब्स सहलाते दबाते, कभी बुर छेड़ते करीब 30 मिनट तक जिस्म से खेलने के बाद अपना मोटा लंड महरीन की चूत की छेद पर रखा और घुसाने लगा। पर मेरा लंड उसकी चूत में आसानी से जा नहीं रहा था। पांच मिनट कर कोशिश करता रहा जब कभी लगता था इस बार अंदर चला जायेगा महरीन हर बार अपने कमर को पीछे खींच लेती थी क्यों की उसको दर्द होता था।

और फिर मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगा कर उसके दोनों पैरों को फैलाकर मैंने अपने लंड को उसकी बूर के मुहं पर रखकर एक हल्का-सा धक्का दे दिया जिसकी वज़ह से मेरा लंड करीब एक इंच बूर के अंदर चला गया, लेकिन अब महरीन उस धक्के की वज़ह से दर्द से चीख उठी और वह कहने लगी आह्ह्ह में मर गई ऊईईईइ अम्मी मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊह्ह्ह्हह हजूर अब छोड़ दो मुझे, में मर जाउंगी और अब वह बहुत ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने के साथ-साथ दर्द से छटपटाने लगी। फिर उसकी उस हालत को देखकर में तुरंत समझ गया कि उसकी बूर की सील मेरे उस धक्के की वज़ह से अब फटने वाली है इसलिए वह इतना तडप रही है। फिर मैंने धक्के देना बंद करके में उसके एक निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और कुछ देर बाद मैंने फिर से थोड़ा दबाव करके अपने लंड का सुपाड़ा उसकी बूर पर रख दिया।

फिर बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि महरीन की चीख निकल पड़ी, आह्हः आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी चीख से में और मदहोश हो गया और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया। अब दर्द से दोहरी महरीन आह आपा, आह अम्म्म्मी अम्मी जान कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी। फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया।

अब वह अम्मी-अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थी, अम्मी मुझे मार डाला आआईईईईई रे प्लीज़ नवाब साहब मुझ पर रहम करिये । मैंने धीरे से उसे सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड थोड़ा बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया। फिर जो चीखी, लेकिन में उसे उसकी चीखो से बेपरवाह उसे चोदता रहा, चोदता रहा।

वो एक बार फिर से चीखने लगी, लेकिन कुछ देर तक धीरे-धीरे धक्के देने के साथ-साथ उसकी निप्पल चूसने चूचियों को सहलाने की वज़ह से वह अब दर्द कम होने पर मोन करने लगी थी और में भी सही मौका देखकर अपने लंड को आगे पीछे करने के साथ-साथ अपनी स्पीड को पहले से ज़्यादा तेज करने लगा था और तभी मैंने देखा कि वह भी अब अपनी दोनों आंखे बंद करके मेरे साथ अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेने लगी थी और में लगातार जोरदार धक्के देता रहा।

दर्द से कराहते हुए वह हौले-हौले से गांड को घुमाना शुरू की और मैं ऊपर से चोट देने लगा। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह हाईए कर वह कराहती हुई चुदवाती रही मैं ज़ोर जोर से धक्के दे-दे कर चोदने लगा।

फिर करीब बीस मिनट तक अलग-अलग तरह से महरीन को चोदने के बाद महरीन बार-बार झड़कर बिल्कुल शांत हो गई और कुछ ही मिनट में मेरा भी वीर्य उसकी बूर के अंदर निकल गया और कुछ देर उसके ऊपर लेटे रहने के बाद मैंने उससे पूछा क्यों तुम्हे यह सब मज़ा मस्ती कैसी लगी?

तो वो मुस्कुराकर बोली कि थोड़ा दर्द तो मुझे अब भी हो रहा है, लेकिन मुझे आज तक पता ही नहीं था कि चुदाई करवाने में इतना मज़ा भी आता है, इसलिए अब आज से मुझे अपनी चुदाई आपसे करवाने के लिए ऐसा हर दर्द कबूल है क्योंकि आज में एक कुंवारी लड़की से एक औरत बन गई हूँ और आज अपने मुझे वो सुख देकर मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान किया है इसलिए मुझे अब आप जब भी जी चाहे कैसे भी चोद देना, मुझे आपके साथ यह सब करना बहुत अच्छा लगेगा ।

फिर मैंने उससे बोला कि देखना तुम्हारा यह दर्द जल्दी ही ठीक हो जाएगा और तुम देखना अगली बार जब हम दोबारा चुदाई करेंगे तब तुम्हे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा और तुम्हे सिर्फ़ मज़ा आएगा और फिर में उसको अपनी गोद में उठाकर बाथरूम ले जाने के लिए मैंने उसको उठाया और मैंने उसको बाथरूम में ले जाकर उसकी बूर पर पानी डालकर अच्छी तरह से धो डाला और बूर के साफ हो जाने के बाद वो वापस अपने कमरे में चली गई।


जारी रहेगी
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अपडेट 154


भाग्यशाली आदमी

"फलक और राफिया को हमे मनाने में कोई कठिनाई नहीं हुई "नफीसा ने मुस्कुराते हुए कहा, जिसे सुन मैं फलक और रफ़ीया के पुराने इतिहास के अपने विचारो से बाहर आया, " सलमान! तुम्हें तो अच्छी तरह से पता है कि अम्मी के लिए फलक और राफिया कुछ भी करने को तैयार हैं। "

"हम्म"

नफीसा ने अपनी बात जारी राखी "उसी दोपहर, हम उनके कमरे में गयी और हमने देखा की दोनों आलिंगन में तुम्हार्रा नाम ले कराह रही थी। मैंने उन्हें बताया कि हम दोनों उनके बारे में बहुत चिंतित हैं और क्योंकि हम देख सकती थी कि उनकी प्राकृतिक इच्छाएँ उनके स्वास्थ्य और रूप को प्रभावित करने लगी थीं।"

ये बात सुन और हमे वहाँ देख फलक और राफ़िया बुरी तरह से लड़खड़ा गईं। फिर अम्मी ने उन्हें अपनी गोद में खींच लिया और अपनी बाहों में ले लिया, कोमलता से चूमा और प्यार से कहा:

"मेरी प्यारी, मेरी बेटीयो, दुनिया में एकमात्र आदमी जिसे हम मानते हैं कि तुम प्यार करती हो, -तुम्हारा सलमान! कुछ दिनों के लिए यहाँ आ रहा है"

ये सुन फलक और राफ़िया बहुत शरमा गईं।

"अगर तुम उसे सहमत हो, तो नफीसा और मैं तुम्हारा साथ देंगे और उसे हमारे साथ ही रहने देंगे, ताकि हम सब कमरे में एक साथ रह सकें जहाँ हम तुम्हारी देखभाल कर सकें! क्या तुम सहमत हो, डार्लिंग?"

बेचारी फलक और राफ़िया को समझ में नहीं आया कि क्या कहें-वह भयानक रूप से हैरान थी!

"हाँ कहो, डार्लिंग," माँ ने प्यार से फुसफुसाया। 'धीरे-धीरे जवाब आया: "अगर आप चाहो, आंटी, हाँ!"' हम दोनों ने उसे गले लगाया, चूमा और शांत किया और अब सब ठीक है और तुम्हारा इन्तजार हो रहा है, हालाँकि दोनों बहुत डरी हुई है! सलमान, तुम एक "भाग्यशाली आदमी" बनने जा रहे हो! '

'बनने जा रहे हैं' मैंने उसे कोमलता से देखते हुए कहा, जैसे ही मेरा हाथ उसकी गोद में सरका और प्यार से उसके क्षेत्र को दबाया। 'क्या मैं पहले से ही ऐसा नहीं हूँ, क्योंकि मेरे पास इस खजाने का पूरा अधिकार है!'-और फिर से मेरा हाथ उसके यौन अंग पर टिक गया। 'और क्या यह किसी भी आदमी के लिए पर्याप्त भाग्यशाली होना नहीं है, और तुम मुझे सबसे सुंदर लड़कीयो का प्रेमी बनाने जा रही हो! नफीसा डार्लिंग, मैं तुम्हारा कभी भी पर्याप्त धन्यवाद कैसे कर सकता हूँ?'

नफीसा दुष्टता से हँसी। 'बस मेरे लिए थोड़ा-सा प्रेम बचा कर रखो, डार्लिंग,' उसने जवाब दिया-'हम तुमसे बहुत मेहनत करवाने वाली हैं, हाँ इसके अतिरिक्त मेरी दलाली मत भूलना!'

मैं हँसा। 'तुम जानती ही हो, अगर मुझमें सिर्फ़ एक बूँद बची हो और तुम उसे चाहती हो, डार्लिंग, तो तुम्हें मिल जाएगी! अब बताओ, तुम इस काम को कैसे करना चाहती हो?-क्या तुमने मेरे लिए भी घोड़ों की तरह काम के घंटे और अपॉइंटमेंट की लिस्ट बना रखी है या फिर मुझे तब तक सीढ़ियों पर बैठना है जब तक कोई दरवाज़ा न खुल जाए और मुझे अंदर आने का इशारा न किया जाए?'

नफ़ीसा ने हँसते हुए कहा। 'तुम्हें चाय के बाद अम्मी से यह सब तय करना होगा,' उसने कहा-'वह तुमसे बात करना चाहती है और मैंने तुम्हे अम्मी के साथ अकेले छोड़ने का इंतज़ाम कर लिया है, ताकि तुम दोनों को साथ छोड़ सकूँ। सलमान, मुझे लगता है कि अम्मी के इरादा है कि घर में दोपहर ढलते ही हम उसके बेडरूम में मिलेंगे, और वहीं शाम का कार्यक्रम तय करेंगे।'

इसके साथ ही कार फिर से चल पड़ी और कुछ पल में हम हवेली के दरवाज़े से अंदर चले गए। 'सलमान देखो वह , अम्मी वहाँ है...देखो, उसने फलक और राफिया का हाथ थाम लिया है ताकि वह तुमसे उन्हें मिलवा सके और देखो ...फलक और राफिया कैसे शरमा रही हैं!'

'हम तुम्हें देखकर बहुत खुश हैं, सलमान! मेरे प्यारे!' शबनम फूफी ने मेरे गाडी से उतरते ही कहा। 'हमें तुम्हारा सन्देश पाकर बहुत ख़ुशी हुई कि तुम आओगे!' और उसने मुझे गले लगा लिया और प्यार से चूमा, नफीसा को कुछ हद तक आश्चर्य हुआ, क्योंकि यह उसकी अम्मी की एक असामान्य कार्यवाही थी।

'तुम्हें नहीं पता कि मैं कितना खुश था, फूफी!' मैंने उसे सलाम करते हुए जवाब दिया। 'तुम कैसी हो, फलक और राफिया?-तुम बिल्कुल ठीक नहीं दिख रही हो!' मैंने उनके छोटे हाथों को अपने हाथों में लेते हुए उसे अपनी ओर खींचते हुए कहा-'मुझे लगता है की अब वास्तव में मुझे ही तुम्हारा ख़्याल रखना चाहिए!' मैंने जारी रखा।

फिर राफिया और फलक को गले लगा कर पहली बार मैंने पहले राफिया फिर फलक के कुंवारे गालों को चूमा, जो अब शर्म से ढके हुए थे, दोनों पूरे घटनाक्रम को स्पष्ट रूप से मेरे इस सार्वजनिक चुंबन से कुछ परेशानी अनुभव कर रही थी। फूफी ने उन्हें प्यार से देखा, लेकिन मैं देख सकता था कि मेरी दुस्साहस और फलक और राफिया पर इसके प्रभाव को देखकर फूफी को मुस्कुराहट को दबाने में कठिनाई हो रही थी।

'सलमान को उसके कमरे में ले चलो, नफीसा,' शबनम फूफी ने कहा और प्यार से अभी भी शरमा रही फलक और राफिया के चारों ओर अपना हाथ फेरा।

'पांच मिनट में चाय तैयार हो जाएगी!' 'नफीसा ने कहा, जब हम मेरे कमरे में पहुँचे तो नफीसा हंसी से मेरे साथ लिपट गयी-' बेचारी फलक और राफिया' मैंने जवाब दिया, जैसे ही मैं उसकी ख़ामोश ख़ुशी में शामिल हुआ, 'यह सब एक अचानक प्रेरणा से हुआ और मुझे लगता है कि ये एक सुखद प्रेरणा थी!'

'बहुत सुखद प्रेरणा!' उसने बड़बड़ाया-फिर मेरी आँखों में कोमलता से देखते हुए ख़ुद को मेरे खिलाफ दबाया। मैंने उसकी इच्छा को भांप लिया और धीरे से फुसफुसाया, 'उंगली या जीभ, प्रिय?'

'उंगली!' उसने बड़बड़ाया-'अभी दूसरे के लिए समय नहीं है, लेकिन मुझे जल्दी से कुछ चाहिए!'

मैं तुरंत एक आरामकुर्सी पर बैठ गया और उसे अपने घुटनों पर ले गया और उसे चूमा और जैसे ही मेरा हाथ उसके कपड़ों के नीचे घुस गया और उसकी स्वादिष्ट टांगों पर चला गया, उसने अपनी बाहें मेरी गर्दन के चारों ओर डाल दीं, अपने होंठ मेरे होंठों पर दबा दिए और अपनी जाँघों को मेरे हाथ की मदद करने के लिए फैला दिया जो उस समय उसकी चड्डी के अंदर घुस कर छेद की तलाश कर रहा था-जिसे मेरी ऊँगली ने जल्द ही पा लिया; फिर मेरी उत्सुक उंगलियाँ नफीसा की योनि के पहले से ही नम होंठों पर टिकी हुई थीं, जो अब यौन उत्तेजना से धड़क रही थीं और मुँह बना रही थीं। मुझे कसकर गले लगाते हुए, नफीसा अब मेरे घुटनों पर सबसे दिव्य तरीके से मचलने लगी क्योंकि उसने महसूस किया कि मेरी उंगली उसकी योनि में स्वादिष्ट उत्तेजना में घुस रही है और फिर चालाकी से उसके उत्तेजित भगशेफ पर हमला कर रही है।

'ओह! सलमान! ...ओह! ...डार्लिंग!' वह आनंदित परमानंद में टूट कर हांफने लगी-फिर मुझे अपने पास खींच कर उसने स्खलित होकर कहा, ' मैं आ रही हूँ! ...मैं आ रही हूँ! ...ओह! मैं गयी !!"

तुरंत मेरी उंगली उसके भगशेफ पर खेलने लगी। मैंने महसूस किया कि उसके अंदर एक अवर्णनीय कंपन दौड़ गई-और फिर उसने अपने आनंदित आनंद में अपने सिर को मेरे कंधे पर गिराते हुए एक प्रचुर स्खलन के साथ मेरी उंगलीयो को भर दिया।

मैंने उसे तब तक आराम करने दिया जब तक कि वह अपनी आधी बेहोशी से उबर नहीं गई। जैसे ही वह अपने होश में आई, नफीसा ने एक लंबी सांस ली, धीरे से अपना सिर उठाया-फिर प्यार से मेरी ओर देखते हुए उसने मुझे अभी भी नम आँखों से देखा और भावुकता से मुझे चूमा और बुदबुदायी। 'ओह! डार्लिंग! यह अच्छा था!' और धीरे से मेरे घुटनों से उठी। अचानक वह झुकी और मेरे कान में फुसफुसायी, 'क्या मैं तुम्हारे साथ कुछ करूँ, सलमान?' उसी समय उसने अपना हाथ धीरे से मेरी पतलून के ऊपर रख दिया। मैं उसके स्पर्श से ख़ुशी से काँप उठा और लगभग प्रलोभन में पड़ गया, लेकिन ख़ुद पर इतना नियंत्रण बनाए रखा कि वह मुझे जो मीठा आनंद दे रही थी।

'नहीं, डार्लिंग!' मैंने कहा, 'मुझे यह बहुत पसंद आएगा, लेकिन मुझे आज रात और तुम चारो के लिए ख़ुद को बचाकर रखना होगा!'

'ओह, तुम बहुत अच्छे हो!' उसने फुसफुसाते हुए कहा-फिर मुझे फिर से चूमने के बाद उसने अपनी सामान्य आवाज़ में कहा, 'अब मैं तुम्हे चाय पर मिलूंगी अब मैं आज रात तक अच्छी तरह से रह सकती हूँ! ओह, सलमान! मुझे उम्मीद है कि तुम पहले मेरे पास आओगे!' और फिर अपने कमरे की तरफ़ चली गयी।

जब मैं डाइनिंग रूम में गया तब मैंने देखा कि शबनम फूफी, फलक और राफिया पहले से ही चाय की मेज पर थी। मुझे देखकर फलक और राफिया फिर से शरमा गईं और मुझे लगा कि शबनम फूफी मेरी ओर कुछ पूछताछ भरी नज़रों से देख रही हैं। 'नफीसा कहाँ है?' उन्होंने पूछा।

'मुझे उम्मीद थी कि वह यहाँ मिलेगी,' मैंने जवाब दिया-' वह मुझे मेरा कमरा दिखाने के बाद अपने कमरे में चली गई; फिर उसके कम की तरफ़ देख कहा -'उधर, वह आ रही है!'

हमने हँसी-मज़ाक किया। मैंने उन्हें दिल्ली और हवेली में मेरी अम्मी, खाला और मेरी बीवियों और बहनो के बारे में ताज़ा समाचार दिए और उन्होंने मुझे अपनी खेती, फ़सल, व्यापार और परिवार के बारे में विस्तार से बताया, क्योंकि मैं-मैं उनके ससुराल के परिवार को जानता था। फलक और राफिया कुछ खुल कर बात करने लगी थी और अब खुश दिख रही थी, इस तरह चाय ख़त्म हुई और जब हम उठे तो मुझे यह देखकर ख़ुशी हुई कि फलक और राफिया की शर्म और हिचक गायब हो गए थे।


जारी रहेगी
Wow char chat chut ek sath mil rahi hain Salman ko.
 

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अपडेट 155

किस्मत वाला

हमने हँसी-मज़ाक किया। मैंने शबनम फूफी, नफीसा, फलक और राफिआ को अपने दिल्ली दौरे की कुछ बातें और हवेली में मेरी अम्मी, खाला और मेरी बीवियों और बहनो के बारे में ताज़ा समाचार दिए और उन्होंने मुझे अपनी खेती, फ़सल, व्यापार और परिवार के बारे में विस्तार से बताया, क्योंकि मैं-मैं उनके ससुराल के परिवार को जानता था। फलक और राफिया कुछ खुल कर बात करने लगी थी और अब खुश दिख रही थी, इस तरह चाय ख़त्म हुई और जब हम उठे तो मुझे यह देखकर ख़ुशी हुई कि फलक और राफिया की शर्म और हिचक गायब हो गए थे।

अपने वादे के अनुसार, नफीसा ने फलक और राफिया की बांह अपने हाथों में लेकर ड्राइंग रूम के दूसरे कोने में उनसे बाते करने लगी, जबकि मैं शबनम फूफी से बातें करता रहा और चूंकि मैं लंबे समय से वहाँ नहीं गया था, इसलिए हमने उसके बगीचे के बारे में बात की और मैंने शबनम से अनुरोध किया कि वह मुझे बगीचे में किए गए सुधार और नए फूल और पौधे दिखाए

उसने सब नए बदलाव दिखाए और नए लगे पौधे और वहाँ लगे फूलो की किस्मे दिखाई और उनके बारे में बताया । ऐसे ही, एक छायादार रास्ते पर, चलते चले बाते करते, हम काफ़ी दूर चले गए, जहाँ पेड़ों की ओट में किसी के लिए हमे देखना और हमारी बाचीत सु पाना संभव नहीं था । इसलिए मैं थोड़ा और खुलकर आगे बढ़ा। "शबनम निश्चित रूप से तुम, प्यार में हो। मैं तुम्हारी तरल आंखों और धड़कती उभरी हुई छाती से यह बता सकता हूँ।"

उसकी सुंदर ढली हुई छाती के बारे में मेरे संकेत पर उसके चेहरे पर लाल रंग की लाली छा गई, लेकिन यह स्पष्ट रूप से सुखद था और उसके चंचल शब्दों से यह अनुमान लगाना कि "ओह! सलमान, कुछ शर्म करो!"

फिर शबनम मुड़ी और वहाँ कुछ झाडिया थी उनमे चली गयी और मैं उसके पीछे-पीछे चला गया। जैसे ही हम उस झाड़ियों के झुण्ड में पहुँचे, मैंने अपनी बात दोहराई, "सच शबनम निश्चित रूप से तुम, प्यार में हो। " शबनम पहले शर्मायी फिर अपने बाहे खोली और अपनी खूबसूरत आँखों में प्यार लिए मेरी ओर आई, मुझे अपनी ओर खींचा और प्यार से मुझे चूमा, फुसफुसाते हुए बोली, 'सलमान! हम बेचारी महिलाओं की मदद के लिए आना बहुत तुम्हारा अच्छा काम है-लेकिन तुमने ऐसा क्या किया सोच लिया है?'

मैंने भी प्यार से उसके चुंबन का जवाब दिया, फिर अपनी बांह उसकी कमर के चारों ओर घुमाई और उसे वहाँ दो लोगों के लिए बने एक बेंच पर ले गया, जहाँ हम दोनों ने एक-दूसरे के साथ बहुत ही सुखद और अंतरंग ढंग से एक-दूसरे से चिपक गए। 'मैं सिर्फ़ एक ही बात सोच सकता हूँ, शबनम फूफी,' मैंने उसकी आँखों में देखते हुए धीरे से कहा-'तुम, नफीसा और फलक और राफिया वाकई फ़रिश्ते हैं।'

वह हँसी और शरमा गई, फिर फुसफुसाते हुए बोली, 'तुमने आते ही मुझे शबनम कहा-मैं तुम्हारे लिए शबनम ही रहना चाहती हूँ और चाहती हूँ तुम मुझे सिर्फ़ शबनम ही पुकारो क्योंकि अब हम इतने...इतने...अंतरंग होने जा रहे हैं!' उसने मुझे अपनी ओर खींचा और शरमाती हुई शबनम के गले में अपनी बाहें डालकर मैंने उसके लाल होठों को चूमा और उसे अपने पास खींचते हुए कहा, "अब, शबनम, प्रिय, मैं इन खूबसूरत होठों को चूमे बिना नहीं रह सकता, जिन्हें मैं तब से हमेशा चूमता था जब हम छोटे थे; अब तुम्हें सब कबूल करना होगा, उसके बाद ही मैं तुम्हें जाने दूँगा।"

"लेकिन मेरे पास कबूल करने के लिए कुछ भी नहीं है।"

"क्या तुम कह सकती हो कि मेरा तुम्हारे लिए प्यार तुम्हारे सीने के लिए अजनबी है, तो मेरी तरफ़ देखो," मैंने अपने हाथ को उसके गले में तब तक रखा जब तक कि मेरा दाहिना हाथ उसकी छाती के एक उभरे हुए गोले पर नहीं आ गया। उसने अपना चेहरा मेरी तरफ़ घुमाया, जो पहले से कहीं ज़्यादा लाल हो गया था, जैसे कि उसकी गहरी आँखें मेरी आँखों से मिलीं, मेरे मतलब की निडर खोज में, लेकिन इस मूक अपील के जवाब में बोलने के बजाय, मैंने उसे उत्साहपूर्वक चूमा, उसकी मीठी साँसों की ख़ुशबू को तब तक चूसा जब तक कि वह भावनाओं से काँप नहीं उठी। शाम होने ही वाली थी, मेरे हाथ उसकी खूबसूरत गर्दन के सफ़ेद, दृढ़ मांस को सहला रहे थे, धीरे-धीरे नीचे की ओर उभरे हुए स्तनों की ओर बढ़ रहे थे; अंत में मैंने फुसफुसाते हुए कहा, "वाह क्या बढ़िया, क्या सुंदर स्तन विकसित हुए हैं?"

वह गर्म थी और जलती हुई लग रही थी, भावनाओं का रोमांच हम दोनों में फैल रहा था और कई क्षणों तक वह मेरी बाहों में लगभग गतिहीन पड़ी रही, उसका एक हाथ मेरी जांघ पर टिका हुआ था। मेरा लिंग भी जाग गया था और काम के लिए तैयार था।

कुछ देर बाद उसने मुझे चूमा और ख़ुद को आज़ाद किया। 'मैं तुमसे बात करना चाहती हूँ, सलमान-तुम्हें और मुझे सब कुछ व्यवस्थित करना है! नफीसा ने मुझे बताया है कि तुम...प्रेम के इस खेल में सहयोग करोगे! अब क्या तुम कुछ सुझा सकते हो?'

'मैं ख़ुद को तुम्हारे हाथों में छोड़ना चाहता हूँ, शबनम डार्लिंग,' मैंने कहा, मेरे सम्बोधन के तरीके पर उसकी ख़ुशी को देखते हुए। 'मुझे यक़ीन है कि तुमने और नफीसा ने मामले पर चर्चा की होगी और तुम्हारे पास कोई न कोई योजना ज़रूर होगी और प्यारी-सी फलक और राफ़िया है, जो तुम दोनों से अलग है-मुझे यक़ीन है कि तुम उसके कौमार्य खोने का इंतज़ाम मुझसे बेहतर तरीके से कर सकती हो! लेकिन मुझे बताओ, शबनम, क्या फलक और राफिया वाकई अपनी कौमार्य को मुझे सौंपने के लिए तैयार हैं?-यह अविश्वसनीय लगता है!'

'वह वाकई तैयार है, सलमान,' शबनम फूफी ने जवाब दिया; 'तुम्हारे पास उनका दिल हैं और तुम उनके प्यार हो, सलमान और वह तुम्हें अपना शरीर, अपना कौमार्य, अपना सब कुछ देने के लिए बिल्कुल तैयार है! और सलमान, मैं यह भी कहना चाहती हूँ कि मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ, और स्वेच्छा से ख़ुद को तुम्हें सौंपती हूँ!' और मुझे अपनी ओर खींचते हुए उसने मुझे जोश से चूमा।

मैं बहुत भावुक हो गया। 'मेरे पास यह कहने के लिए शब्द नहीं हैं कि मैं क्या महसूस कर रहा हूँ, शबनम डार्लिंग,' मैंने उसके कान में फुसफुसाया-'लेकिन क्या मुझे आज रात तुम्हें यह दिखाने का मौका मिल सकता है कि मैं तुम्हारी इस अद्भुत दयालुता और प्यार की कितनी सराहना करता हूँ!'

... मैंने जवाब दिया और उसे अपने पास खींचा ताकि वह फुसफुसा सके-क्योंकि मैं जानता था कि वह फुसफुसाकर ही वह कह सकती है जो वह सामान्य तरीके से नहीं कह सकती और उस मधुर अंतरंगता को दर्शाने के लिए जिसमें उसने मुझे अब स्वीकार कर लिया था, मेरा खुला हाथ उसकी छाती की ओर बढ़ा और प्यार से उसके कामुक वक्ष पर फिरने लगा।


जारी रहेगी
Shabnam fufu to aa gai Salmaan ke neeche.
 

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खानदानी निकाह

अपडेट 156

प्रेम के खेल का कार्यक्रम बना

मैं बहुत भावुक हो गया। 'मेरे पास यह कहने के लिए शब्द नहीं हैं कि मैं क्या महसूस कर रहा हूँ, शबनम डार्लिंग,' मैंने उसके कान में फुसफुसाया-'लेकिन क्या मुझे आज रात तुम्हें यह दिखाने का मौका मिल सकता है कि मैं तुम्हारी इस अद्भुत दयालुता और प्यार की कितनी सराहना करता हूँ!'

... मैंने जवाब दिया और उसे अपने पास खींचा ताकि वह फुसफुसा सके-क्योंकि मैं जानता था कि वह फुसफुसाकर ही वह कह सकती है जो वह सामान्य तरीके से नहीं कह सकती और उस मधुर अंतरंगता को दर्शाने के लिए जिसमें उसने मुझे अब स्वीकार कर लिया था, मेरा खुला हाथ उसकी छाती की ओर बढ़ा और प्यार से उसके कामुक वक्ष पर फिरने लगा।

शबनम ने फिर कहना शुरू किया। ', सलमान कि सभी नौकर हवेली में अलग से नौकरो के लिए अलग से बने कमरों में सोते हैं, जिससे हवेली के मुख्य भाग में हम अकेले रह जाते हैं। नौकरो के कमरे ऐसे स्थान पर हैं कि वे रात में हमारे कमरे की रोशनी नहीं देख सकते और वे जानते हैं कि मैं कभी-कभी सोने के बाद घंटों पढ़ती रहती हूं-क्योंकि मैं अकेली होती हूँ!' उसने शरमाते और मुस्कुराते हुए कहा। 'भोजन के बाद जब नौकर अपने कमरों में चले जाते हैं तब रात में लगभग नौ बजे तक घर बिल्कुल शांत हो जाता है। मेरा विचार है कि हमारे अपने कमरों में बारी-बारी तुमसे मिलने के बजाय, हम सभी को मेरे बेडरूम में मिलना चाहिए जिससे हममे से किसी को कोई ईर्ष्या नहीं होगी-सभी कुछ कमोबेश उसी समय सब की उपस्थिति में शुरू किया जाएगा-और यह भावना कि आननद के लिए हर कोई दूसरों की मदद कर रहा है और अपनी उपस्थिति से कार्यवाही की रोचकता में योगदान दे रहा है, हमारे आनंद में उत्साह भर देगी। यह तुम्हें कैसा लगा?-मुझे तुम्हारे होठों पर मुस्कान दिख रही है!'

'मुझे तुम्हारा विचार सबसे आकर्षक लगा,' मैंने उसे प्यार से देखते हुए और उसके वक्ष के उभार के साथ प्रेमपूर्वक खेलते हुए उत्तर दिया-'मैं अपने थोड़े से अनुभव से यह जानता हूँ कि एक औरत के होने का आनंद... दूसरी लड़की की उपस्थिति से कितना बढ़ जाता है। लेकिन हमारा मामला इससे बहुत अधिक असाधारण है और इसकी ख़ासियत ने मुझे बहुत रोमांचित किया है!'

'किस तरह से?' उसने पूछा।

मैंने कुछ सोचा। क्या मैं साफ़-साफ़ शब्दों का इस्तेमाल करूँ? ' मैंने पूछा।

'निश्चित रूप से, सलमान,' उसने संकोची मुस्कान और शर्मिंदगी के साथ उत्तर दिया।

'ठीक है, शबनम, तुम और नफीसा माँ और बेटी हो-बहुत कम बेटियाँ अपनी माँ की आँखों के सामने ...चुदती हैं और बहुत कम माँएँ अपनी बेटियों को उन्हें चुदते हुए देखने देती हैं! क्या तुम्हें यक़ीन है कि तुम और नफीसा इसका बुरा नहीं मानेंगी? मैं इस पर ज़ोर दूँगा कि तुम उस समय मेरे साथ बिल्कुल नंगी रहो!'

'बिलकुल!' शबनम ने दृढ़ता से उत्तर दिया-लेकिन वह बुरी तरह से शरमा गई। मैंने उसे प्यार से चूमा।

'यह बहुत मजेदार होगा!' मैंने प्रसन्नता से कहा और मैंने महसूस किया कि उसके अंदर एक संवेदनशील कंपन दौड़ गई। मुझे याद आ गया की कैसे मैंने खाला इकरा और उनकी बेटी, मेरी कजिन और बीवी रुखसार की एक साथ और दूसरे के सामने चुदाई की थी। और कैसे मैंने अम्मी के कहने से अपनी बहन रुखसाना आपा की अपनी अम्मी के सामने चुदाई की थी और इससे हमारे सम्बन्ध कितने प्रगाढ़ हुए थे । ये सब याद कर मेरे लिंग कड़ा हो गया था ।

मैंने आगे कहा। 'अब हम फ़लक और राफ़िया पर आते हैं। साफ़-साफ़ कहूँ तो, मुझे उन्हें लड़की से औरत बनाने का सौभाग्य मुझे मिलना है-है न शबनम?'

'यही सच है, सलमान,' उसने धीरे से, बहुत शरमाते हुए उत्तर दिया।

'क्या वह सार्वजनिक रूप से अपना कौमार्य मुझे समर्पित करने के लिए सहमत होगी, या वह अपने कमरे की गोपनीयता और मेरे साथ अकेले अपना कौमार्य खोना पसंद नहीं करेगी?'

'मुझे ऐसा नहीं लगता, सलमान,' शबनम ने मेरी ओर गंभीरता से देखते हुए उत्तर दिया; 'सलमान तुम जानते हो फलक और रफिया में से फलक बड़ी है, पर फिर भी दोनों अभी कमसिन है और बहुत डरपोक और घबराई हुई है और वास्तव में नफ़ीसा और मुझे दोनों को लगा कि वह राहत महसूस कर रही थी जब हमने उसे बताया कि उनका कौमार्य बहनड़ किये जाते समय हम उनकी देखभाल करने के लिए उनके पास ही मौजूद रहेंगी!'

'तो, शबनम, मुझे लगता है कि तुम्हारा विचार वास्तव में शानदार है और मैं इसके लिए तैयार हूँ। मैं सिर्फ़ एक सुझाव देना चाहूँगा-हममें से किसी एक को हर शाम कार्यवाही का निर्देशन करने और यह बताने के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए कि क्या किया जाना है और बाक़ी लोगों को पूरी तरह से उनके प्रति आज्ञाकारिता दिखानी पड़ेगी। हर शाम जब हम तुम्हारे कमरे में मिलें, तो ताश के पत्ते बाँटें और जिसके पास भी हुकुम का इक्का होगा, वह उस शाम की रानी या राजा होगा।'

'ओह, सलमान! क्या बढ़िया विचार है!' उसने ख़ुशी से कहा-'तो हम हर मुलाक़ात को एक नियमित मौज-मस्ती बना सकते हैं!'

मैंने उसे चूमा। 'मुझे यक़ीन है कि तुम सबको यह खेल इस प्रकार खेलने में मज़ा आएगा! एक और सवाल-क्या हम आज शाम मिलेंगे?'

वह शरमा गई। 'हमने सोचा कि हम ऐसा कर सकते हैं, सलमान, अगर तुम तैयार हो और अपनी यात्रा के बाद बहुत थके हुए नहीं हो!'

'शबनम, अगर किसी तरह की कोई थकान होती तो भी मिट गयी होती, क्योंकि तुम्हें तुम्हारी पूरी नग्न सुंदरता में देखने और तुम्हें अपनी बाहों में लेकर आनंद मिलने की संभावना ही सारी थकान को दूर करने के लिए पर्याप्त है, पर सचाई ये है कि मुझे कोई थकान नहीं है। इसलिए हम मिलेंगे!' और शबनम ने मुझे ख़ुशी से चूमा।

'क्या फलक और राफिया को आज शाम को...अपना कौमार्य खोना है, या तुम यह प्रस्ताव रखती हो कि ये कल के लिए बचा लिया जाए और आज रात तुम्हारे और नफीसा द्वारा उसे थोड़ा शिक्षित किया जाए? तुम क्या सोचती हो, शबनम?'

'हमने सोचा कि हम इसे तुम पर छोड़ देंगे, सलमान,' उसने जवाब दिया, -'हमने सोचा कि तुम्हें चुनने का अधिकार होना चाहिए।'

मैंने उसे अपने पास खींचा। 'तो हम कल रात फलक के लिए और फिर उससे अदली रात राफिया के लिए रखते हैं, डार्लिंग और मैं आज रात ख़ुद को तुम्हारे और नफीसा को समर्पित करूंगा। लेकिन हम आज रात फलक और राफिया ख़ुद को हमारे सामने नग्न दिखाएंगी-और उनके सामने हमारी प्रेमपूर्ण शरारतें निश्चित रूप से उनके कुंवारीपन को उत्तेजित करेंगी, और वे इस प्रेम को प्राप्त करने की लालसा करेगी। अब शबनम प्रिय, बस एक बात और; क्या तुम्हें कोई आपत्ति होगी अगर मैं पहले नफीसा को और फिर तुम्हें?'

'बिलकुल नहीं, सलमान,' शबनम ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया-'मुझे लगता है कि तुम्हें ऐसा करना चाहिए, खासकर अगर वह ऐसा चाहती है।' 'मुझे यक़ीन है कि वह ऐसा चाहती है, क्योंकि वह वासना से बहुत पागल है!' मैंने कहा। 'तुम्हारे मेरी बाहों में होने का दृश्य, परमानंद से कांपते हुए, शायद उसे पागल कर देगा! इसके अलावा, शबनम, फ़लक और राफ़िया के लिए यह बेहतर होगा कि जब वह पहली बार चुदाई... देखेगी तो तुम उन दोनों के साथ हो!' (शबनम ने मुझे उत्साह से चूमा) । 'मैं नफ़ीसा के साथ ऐसा ही करूँगा-फिर हम फ़लक और राफ़िया के साथ थोड़ा खेलेंगे और हमें उत्तेजित करने के लिए उसके नग्न आकर्षण का उपयोग करेंगे-और फिर, मेरे प्रिय, तुम और मैं एक लंबी मीठी चुदाई करेंगे!' (शबनम ने फिर मुझे जोश से चूमा।)

'फिर मीटिंग ख़त्म करने के बाद मैं वापस तुम्हारे पास चली आउंगी और हम मधुर समय साथ में बिताएँगे! अब, एक आखिरी चुम्बन, औरआप नफीसा को ले जाओ और उसे बताओ कि हमने क्या तय किया है-मैं फ़लक और राफ़िया का मनोरंजन करूँगा जिससे वे मेरे साथ और सहज हो जाएँ; तुम फलक को यह भी बता दो कि कल रात उसके सेक्स जीवन की शुरआत के लिए आरक्षित रखी गयी है-जिससे वह आज रात ज़्यादा सहज रहेगी और हम उसे इस बात से उत्तेजित करने के लिए इस्तेमाल करेंगे। अब, शबनम डार्लिंग!' और फिर एक लंबे जोशीले चुम्बन के बाद, होंठों से होंठ मिलाते हुए, हम बगीचे में टहलने लगे। जैसा तय किया था हम लौटे तब तक लड़किया अपने कमरों में चली गयी थी और, शबनम नफीसा के कमरे की तरफ़ चली गयी ।


जारी रहेगी
Woww kya kismet pai hai Salman ne. Do MILF aur do seal pack chuten ek sath mil rahi hain.
 

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खानदानी निकाह

अपडेट 157


प्रेम के निराले खेल

शबनम ने कहा ' फिर मीटिंग ख़त्म करने के बाद सलमान मैं वापस तुम्हारे पास चली आउंगी और हम मधुर समय साथ में बिताएँगे!

अब, शबनम एक आखिरी चुम्बन और आप नफीसा को ले जाओ और उसे बताओ कि हमने क्या तय किया है-मैं फ़लक और राफ़िया से मिलता हूँ जिससे वे मेरे साथ और सहज हो जाएँ; शबनम तुम फलक को यह भी बता दो कि कल रात उसके सेक्स जीवन की शुरआत के लिए आरक्षित रखी गयी है-जिससे वह आज रात ज़्यादा सहज रहेगी और हम उसे इस बात से उत्तेजित करने के लिए इस्तेमाल करेंगे। ! ' और होंठों से होंठ मिलाते हुए, फिर एक लंबे जोशीले चुम्बन के बाद, हम बगीचे में टहलने लगे। जैसा तय किया था जब हम लौटे तब तक लड़किया अपने कमरों में चली गयी थी।

शबनम नफीसा के कमरे की तरफ़ चली गयी।

मैं अपने कमरे में कपड़े बदलने चला गया और अपना सामान और कपड़े अलमारी में लगाने में मुझे कुछ समय लगा और फिर मैं फलक से मिलने उसके कक्ष की तरफ़ चल दिया । मुझे नफीसा ने बताया था मेरे कक्ष से अगला कक्ष शबनम का था और उसके सामने का कक्ष नफीसा का था और मेरे दायी तरफ़ का पहला कक्ष फलक का था और उसके सामने का कक्ष राफिया का था ।

मुझे मेरे दाहिने तरफ़ जाना था औअर मुझे फलक के कक्ष से खिलखिला कर हसने की आवाज़ सुनाई दी, मैं उसकी तरफ़ गया पर्दे से अंदर झाँक कर देखा की उस कमरे में नफीसा और फलक कुर्सी पर टेबल से टिक कर बैठी हुई थी । मैं वहीँ रुक कर परदे के पीछे छिप कर उन्हें देखने और उनकी बाते सुनने लगा ।

अचानक फलक उठ के खड़ी हो गयी और उसी समय नफीसा भी सीधी होने जा रही थी, परिणामवश हम दोनों भी जोरोसे टकरा गई. इस अचानक हुई टक्क्र से फलक की कोहनी नफीसा की छाती से जा टकराई।

नफीसा: उई अम्मी ... मर गई!

मै: सॉरी नफीसा बाजी ... बहोत लगा क्या?

नफीसा छाती से हाथ लगाये बैठ गई।

फलक ने उसे फिर पूछा " बहोत दर्द हो रहा है क्या?

और फलक ने उसकी छाती पर हाथ रखा, नफीसा ने पटाक से फलक का हाथ अपने सिने पर दबाते हूए लम्बी साँसे लेना शुरू किया ।

फलक nने सोचा की मालिश करने से नफीसा को कुछ राहत मिलेंगी इसलिए फलक ने धीरे से उसकी छाती को मसलना शुरू किया।

अब नफीसा ने आपनी आँखे बंद कर ली थी और उसने फलक का दूसरा हाथ पकडके अपने दुसरे स्तन पर रख दिया और फलक के हाथो से उपर से ही अपने स्तन दबाने लगी।

फलक ने भी अनजाने में उसके स्तानोका मर्दन करना शुरू किया।

नफीसा कराह रही थी ।

थोड़ी देर बाद फलक ने रुकना चाहा, तो नफीसा बोली "प्लीज फलक, रुक मत ... और जोरो से दबा ... प्लीज़!"

और नफीसा ने अपना टॉप थोडा खिसका कर फलक के हाथो को अपनी टॉप के अन्दर खीचा, अन्दर ब्रा नहीं थी, उसकी नंगी छतिया फलक के हाथो में थी ।

असमंजस में फलक थोड़ी देर रुक गई।

नफीसा फिर बोली "प्लीज़ फलक ... दबा इनको ... ज़ोर से दबा दे इनको!"

फलक फिर नफीसा के बूब्स दबाने लग गई।

अब मुझे भी ये सब देख अजीब-सा मज़ा आने लगा था।

नफीसा अपनी आखें बंद करके पूरी मस्ती में झूम रही थी,मैंने महसूस किया की नफीसा के निप्पल एकदम कड़े होने लगे, उसने आँखे खोली तो उसकी आँखे गुलाबी लगने लगी।

उसने एक झटकेसे फलक को अपनी और खीचा और उसके होंठो पर अपने होठ रख कर पागलो की तरह चूमने लगी।

फलक कसमसाई, ताकत लगाकर उसे दूर धकेला।

फलक: बाजी ये आप क्या कर रही हो?

नफीसा फिरसे फलक की आमने पास खीचते हुए बोली "मेरी जान आ जा मेरी प्यास बुझा दे, मेरे बदन में आग लगी है... आजा मेरी जान!"

मै: "ये आप क्या पागलो जैसी हरकत कर रही हो नफीसा बाजी ... छोडो मुझे..." और फलक ने उसे जबरदस्ती अपनेसे अलग किया ।

नफीसा: प्लीज फलक ... प्लीज ..फिरसे दबा दे ... देख मैं कैसी जल रही हूँ...मेरा बदन कैसे तप रहा है! "

इतना कहके उसने फलक का हाथ फिरसे अपनी टॉप के अन्दर डाल दिया।

फलक ने महसूस किया की नफीसा का बदन भट्टी की तरह तप रहा था। उसकी आँखे लाल हो गई थी ।

घबराकर फलक बोली "अरे बाजी आपका बदन तो बहोत ज़्यादा गरम लग रहा है... बुखार आया क्या?"

नफीसा: "हा मेरी जान..ये जवानी का बुखार चढ़ा है मेरे ऊपर ...जल्दी से इसे ठंडा कर दे..।."

फिर से फलक हाथो से उसकी छतिया दबाने लगी ।

फलक: "नफीसा बाजी मैं आंटी से मांग के कुछ मेडिसिन लाती हूँ ।"

फलक ने फिरसे अपने आप को छुडाने का असफल प्रयास किया।

नफीसा ने फिर से फलक का हाथ जबरदस्ती से भिचते हूए बोली-"हाय रे मेरी भोली बहन ... मेरी मेडिसिन तो जिसके पास है वह पता नहीं मेरी ख़बर लेने कब आएगा?"

फलक "मैं समझी नहीं नफीसा बाजी ... ये आप क्या बोल रही हो?"

नफीसा: "मैं सब समझाती हूँ मेरी भोली बहन फलक ... तू बस इनको दबाती जा।"

अब फलक ने हथियार डालते हुए उसके स्तनों को दबाना शुरू किया ।

फलक को देख लग रहा था कि ये फलक के लिए भी ये नया अनुभव था । फलक को कुछ-कुछ अच्छा भी लगने लगा था।

नफीसा ने फिर से फलक को आपने पास खीचा और उसके होंठो पर चुम्बन किया ।

नफीसा: "क्या तुमने अभी तक ऐसा नहीं किया?"

फलक: "ऐसा यानी ... मैं समझी नहीं।"

नफीसा: "मेरी भोली रानी ... क्या आजतक तुमने किसी को चुम्मा नहीं दिया।"

फलक "छि ... गन्दी बात बाजी!"

नफीसा ने बड़े प्यारसे फलक की तरफ़ देखा और बोली-"आज मैं मेरी भोली बहन को ... जवानी का अद्भुत खेल समझाने वाली हूँ ।"

मैं: "जवानी का अद्भुत खेल? ये क्या है?"

उसने फिर एक बार अपने होठो से फलक के होंठ बंद किये...और फलक की उभरती हुयी छातियो को अपने हाथोसे भीचना शुरू किया।

ये नजारा देख मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड कड़ा हो रहा था, मुझे लगा की मेरी और शबनम की बात के बाद से हमारी योजना अनुसार नफीसा को सेक्स के लिए त्यार कर रही है।

जैसे ही नफीसा के हाथ फलक की छातियो से लगे ...फलक और मैंने एक अजीब-सा रोमांच महसूस किया ... फलक को एक नशा-सा होने लगा था ...नफीसा ने फलक के निचले होठ पर अपनी ज़ुबान फिराना शुरू किया ... उसके हाथ अब फलक की टॉप के अन्दर जाने की कोशिश कर रहे थे ...।

फलक को थोडा अजीब लगा पर उसे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। जल्द ही नफीसा के हाथ फलक की टॉप के अन्दर थे ।

लेकिन उन हाथो ने फलक के नग्न स्तनों को छू लिया... उफ़। आह कराह पड़ी फलक और ... मेरी तो साँस जैसे थम गई.।

एक पल के लिए फलक को लगा की ... वह हवा में है ... उड़ रही है और नफीसा ने फिर फलक को ज़मीं पर उतरने का मौका ही नहीं दिया और वह उसके स्तनों को जोरसे दबाने लगी और चूमने लगी ।

फलक का-का पहला स्तनमर्दन हो रहा था।

एक अजीब-सा ...मीठा-सा दर्द महसूस कर रही थी फलक और हलके हल्की कराह रही थी ... स्पष्ट थे उसने आज तक ऐसा कभी अनुभव ही नहीं किया था ।

नफीसा ने तो जैसे फलक को पूरी तरह से उत्तेजित कर पागल करने की ठान ली थी, उसने फलक के स्तानाग्रो और फिर चुचकोंको चुटकी में भर कर उमेठा ...।

स्स ।स्स। स्स। स्स ।स्स......... आह कर फलक कराह रही थी ।

उसकी आहे हाय-हाय सुन मेरी तो जान ही निकल गई!

फलक को देख लगा फलक चीखना चाहती थी ... मगर चीख नहीं सकती थी ... क्योंकि उसके होठ तो नफीसा ने अपने होठो से बंद किये हुए थे। पर जब नफीसा ने थड़ा कास कर मसला तब फलक का मुँह थोडा-सा खुल गया और नफीसा ने इसी मौके का फायदा लेते हूए अपनी जीभ को फलक के होठो से अन्दर की और सरका दिया ... ।अब नफीसा की जीभ फलक की जीभ से टकरा रही थी ... फलक को अजीब-सा मज़ा आ रहा था ... फलक ने अपने जीभ से नफीसा की जीभ को धकेलना चाहा...और उसकी इस कोशिश में फलक की जीभ नफीसा के मुह में चली गई ... जिससे बाद अब नफीसा फलक की जीभ को अपने मुह में लेकर चूस रही थी ..., उत्तेजना से फलक के रे निप्पल अब पूरी तरहसे कठोर हो गए थे ।

नफीसा ने फलक के बूब्स दबाना, निप्पल उमेठना और होटो को और जीभ चूसना जारी था और ये सब मिल कर फलक को पूरी तरह से पागल कर रहा था। न जाने कितनी देर तक दोनों वैसे ही रही कराह रही थी और तड़प रही थी।

मेरी महबूबाये मेरे सामने तड़प रही थी और मैं बस देख सकता था और कुछ कर नहीं सकता था ।


जारी रहेगी ।
Falak ko tayyar kiya jaa raha hai seal tudwane ke liye.
 
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