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Incest मेरे अंतरंग हमसफ़र

deeppreeti

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मेरे अंतरंग हमसफ़र




परिचय

दोस्तों मैं दीपक कुमार, मेरे अंतरंग हमसफर मेरी सबसे पहली कहानी है और इसके पहल्रे 3 भाग आप पढ़ सकते हैं "अंतरंग हमसफर" के नाम से जो मेरे कॉलेज के दोस्त आमिर ने पोस्ट किये हैं .

आगे के सभी भाग आपको इस फोरम पर मिलेंगे और मेरी कोशिश है आप इसे काफी कामुक पाएंगे और आपको पढ़ कर मजा भी आएगा

मैं अठारह साल की उम्र तक पढ़ाई में ही डूबा रहाl मैं हमेशा पढ़ने लिखने में होशियार, एक मेधावी छात्र थाl उस समय तक पढाई में ही डूबे रहने के कारण मेरे कोई ख़ास दोस्त भी नहीं थे और मैं स्कूल में भी अपने अध्यापकों के ही साथ अपनी पढ़ाई में ही लगा रहता थाl

आपका

दीपक कुमार




मेरे अंतरंग हमसफ़र

INDEX

प्रथम अध्याय

सेक्स से मेरा परिचय और पहला सम्भोग
भाग 1 से
भाग 3
भाग 4
भाग 5 - रूबी के साथ सेक्स, उसके बाद समूह सेक्स-
भाग 6 - टीना के साथ सेक्स-
भाग 7 - साथियो की अदला बदली.

द्वितीय अध्याय
परिवार से मेलजोल

भाग 1/ भाग 2/भाग 3/भाग 4/भाग 5/भाग 6
भाग 7/भाग 8/भाग 9/भाग 10/भाग 11/भाग 12

भाग 13


तृतीय अध्याय
खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग 1/
भाग 2/भाग 3/भाग 4/भाग 5/भाग 6
भाग 7/भाग 8/भाग 9/भाग 10/भाग 11/भाग 12
भाग 13/ भाग 14/भाग 15 भाग 16/भाग 17/भाग 18/ भाग 19
भाग 20

चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी


भाग 1 -
भाग 16/
भाग 17- भाग 21/भाग 22/भाग 23/भाग 24/
भाग 25-भाग 31/भाग 32/ भाग 33-भाग 41
/भाग 42/भाग 43/भाग 44/
भाग 45

पांचवा अध्याय
लंदन की हवाई यात्रा

भाग 1-
भाग 12/

छठा अध्याय

लंदन में पढ़ाई और मस्तिया


भाग 1- भाग 15
भाग 16-नियंत्रण
भाग 17-सुंदर और अध्भुत सम्भोग का आनंद
भाग 18- अध्भुत सम्भोग का आनंद और शक्ति का संचार
भाग 19-अरबपति की ट्रॉफी पत्नी
भाग 20-टिटियन प्रकार की लड़की !
भाग 21-लड़की या कोई हूर परी !
भाग 22-चार प्रेमिकाओ के साथ सामूहिक सम्भोग
भाग 23-कामुक पागलपन
भाग 24-कामुक आजाद ख्याल
भाग 25-कामुक दृश्यम

भाग 26-रात का आखिरी पहर
भाग 27 -सुबह-सुबह टहलना - कुछ- बहुत कुछ
भाग 28-सुबह-सुबह - बहुत कुछ
भाग 29-समारोह की प्रक्रिया
भाग 30-सेक्स और सुंदरता की उपासक पुजारिने
भाग 31- मैं ही क्योे


सातवा अध्याय

लंदन का प्यार का मंदिर





astra1


भाग 1 -काफिला
भाग 2/भाग 3/भाग 4/भाग 5/भाग 6/भाग 7/भाग 8
भाग 9/
भाग 10/भाग 11/
भाग 12/
भाग 13/
भाग 14 विशेष समारोह आरंभ-प्रारम्भकर्ता या माध्यम, पहलकर्ता
भाग 15 विशेष समारोह की मालिशकर्ता
भाग 16 महायाजक
भाग 17 महायाजक द्वारा सशक्तिकरण
भाग 18 पुजारिणो द्वारा सशक्तिकरण

भाग 19 सशक्तिकरण
भाग 20 दावत कक्ष
भाग 21 मार्टिनी ग्लास में लड़की
भाग 22 दावत का समय
भाग 23- भाग 55
भाग 56 - सुगंध
भाग 57 - सुंदर सम्भोग का आनंद
भाग 58 - सुंदर आनंद
भाग 59 - नयी राजकुमारी का प्रेम परिचय

भाग 60 - भाग 62
भाग 63- हवेली
भाग 64 - जनून
भाग 65 - स्टड
भाग 66 - आज्ञा
भाग 67 - पारिश्रमिक
भाग 68 - असर
भाग 69 - अनुष्ठान का अंत





आठवा अध्याय
हवेली नवनिर्माण


भाग 1 -
नवनिर्माण
भाग 2-भाग 45


नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई

भाग 1 -भाग 45


दशम अध्याय
भाग 1-भाग 55

अंतरंग हमसफ़र भाग: INDEX
अंतरंग हमसफ़र भाग 001अंतरंग जीवन की पहली हमसफ़र रोज़ी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 002पहली हमसफ़र - शारीरक सुखो से मेरा पहला परिचय.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 003अंतरंग जीवन की पहली हमसफर रोज़ी के साथ पहले सम्भोग की कहानी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 004अंतरंग जीवन की पहली हमसफर रोज़ी के साथ मानसिक सेक्स.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 005रूबी के साथ संसर्ग, उसके बाद समूह सेक्स.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 006टीना एक नयी कुंवारी युवती के साथ तालाब में पहला संसर्ग.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 007साथियो की अदला बदली.Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 008सुन्दर युवती से मुलाकात.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 009फूफेरी बहन से प्रेम का इजहार.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 010रूबी और रोजी.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 011रूबी और रोजी.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 012रोजी, रूबी के साथ सेक्स.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 013जेन के साथ सेक्स.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 014जेन के साथ मुखमैथुन और सेक्स.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 015जेन के साथ सेक्सIncest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 016अलका की पहली चुदाईFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 017अलका की पहली चुदाईIncest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 018दूसरी फूफेरी बहन के साथ सम्भोग.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 019फूफेरी बहन के साथ सम्भोग से पहले चाटना चूमना.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 020कुंवारी फूफेरी बहन की धुआंधार चुदाई.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 021कमसिन फूफेरी बहनो की धुआंधार चुदाई.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 022नयी लड़किया और तालाब पर छुप कर मस्तियो के नज़ारे.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 023लड़कियों की तालाब पर मस्ती के मादक कामुक नज़ारे.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 024तुम ने पुकारा और हम चले आये- लड़कियों के साथ तालाब पर मस्ती.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 025नग्न सामूहिक कामुक खेल और मुख मैथुन.Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 026सौतेली बहने.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 027सौत बनी साथी.Loving Wives
अंतरंग हमसफ़र भाग 028बॉब की रुखसाना के लिए बेकरारी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 029सेक्स का आरंभिक ज्ञान.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 030चुदाई के नज़ारे.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 031प्यार का असली सबकErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 032कजिन के सहेली के साथ मेरे फूफेरे भाई की आशिक़ी.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 033रुखसाना की पहली चुदाईFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 034रुखसाना की चुदाई की कहानी जारी हैErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 035हुमा की पहली चुदाईFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 036दुल्हन की लाल रंग की पोशाक में खूबसूरत हुमा.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 037चुदाई से पहले की चूमा चाटी.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 038चिकनी संकरी और छोटी से चूत वाली हुमा की पहली चुदाई.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 039हुमा की पहली चुदाई.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 040हुमा की आनंदभरी चुदाई.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 041हुमा के साथ मस्तिया जारी हैं.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 042हुमा बहुत नाराज हो गयी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 043सेक्सी मेजबान की टांग में क्रैम्प.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 044सेक्सी मेजबान के साथ पहली बार संसर्ग.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 045मेजबान के साथ संसर्ग.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 046लिली की योनि में मेरे लंड का प्रथम प्रवेश.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 047लिली ने सम्भोग का नया तरीका सिखाया.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 048सरप्राइज़.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 049सोई हुई परम् सुंदरीErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 050परम् सुंदरी का प्रभाव.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 051वूमेन ऑन टॉप.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 052नकली गुस्सा असली प्यार.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 053भाग्यशाली.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 054लिली की बहन मिली से पहली मुलाकात और आलिंगन.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 055चलती कार में चुदाई.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 056सामने चुदाई करते हुए देखना.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 057तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 058तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 059मिली का सौंदर्य अवलोकन.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 060मिली की सहायिका सपना की ख़ूबसूरती.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 061सपना के नग्न सौंदर्य का निरीक्षण कर उसे सराहा.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 062हुमा का निरिक्षण.BDSM
अंतरंग हमसफ़र भाग 063हुमा को सजा.BDSM
अंतरंग हमसफ़र भाग 064मिली निकली उस्ताद.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 065मिली ने दिया पहला सेक्स ज्ञान.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 066लिली के साथ मजे.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 067लिली ने की लंड चुसाई.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 068घट कंचुकी.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 069एमी और तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 070हुमा ने की लंड चटाईErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 071अगले सत्र की तयारी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 072मैं तरोताजा महसूस कर रहा था.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 073ज्यादातर पशु किस आसन में सेक्स करते हैं.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 074चॉकलेट खाने का सही तरीका.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 075मिली खुद चुदी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 076चकाचक माल की दावत.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 077सपना का कौमार्य भंगFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 078पहली चुदाई के बाद का दुलार.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 079सपना चुपके से मेरे कमरे में मेरे पास आयी और मेरे से लिपट गयी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 080वीसा साक्षात्कारRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 081पहली डेटRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 082सूर्यास्तRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 083चाँद की धीमी रोशनी, नदी में नाव में हमFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 084मुखमैथुन के नए पाठFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 085कुंवारी योनि का दुर्लभ अवलोकन.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 086कौमार्य भंगFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 087दोबारा करेंगे तो बेहतर लगेगाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 088मैं पूरी कोशिश करूँगाGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 089लंदन की हवाई यात्रा-1Romance
अंतरंग हमसफ़र भाग 090जहाज के सफर में मनोरंजनRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 091हवाई यात्रा में छोटा ब्रेकErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 092एयरलाइंस की वो परिचारिकाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 093एयरलाइंस परिचारिका के साथ कार मेंFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 094एयरलाइंस परिचारिका के साथ कार मेंFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 095एयरलाइंस परिचारिका का पहला अनुभवFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 096नायाब एयरलाइंस परिचारिकाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 097आगे का सफर नए साथी के साथRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 098नए साथी के साथ खेलErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 099हवाई यात्रा मे हस्तमैथुनToys & Masturbation
अंतरंग हमसफ़र भाग 100इन-फ्लाइट मनोरंजनExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 101लंदन में पढ़ाई और मस्तियो की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 102लंदन का ख़ास पैराडाइस मनोरजन क्लबGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 103साथी का चयनFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 104भोजन, संगीत और प्रेम का इजहारRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 105प्रेम और मस्तियाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 106प्रेम आलिंगन और नृत्यGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 107सार्वजानिक और खुले तौर पर सम्भोगExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 108चुदाई के दौरान बिस्तर ने हवा उछाल दियाExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 109बिस्तर में लगे ताकतवार स्प्रिंगों का स्प्रिंगिंग एक्शनExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 110लंदन में पढ़ाई और मस्तिया कामुकता और ऐयाशीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 111लंदन में पढ़ाई और मस्तिया सामूहिक ऐयाशीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 112लंदन में पढ़ाई और मस्तिया, नफीसा का स्वागतGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 113सुंदरता, सेक्स की देवी की पुजारिन.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 114सेक्स की देवी की पुजारिन.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 115लंदन में पढ़ाई और मस्तिया, पुजारिन के ख़ुशी के आंसू!Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 116लंदन में पढ़ाई और मस्तिया नियंत्रणMind Control
अंतरंग हमसफ़र भाग 117सुंदर और अध्भुत सम्भोग का आनंदCelebrities & Fan Fiction
अंतरंग हमसफ़र भाग 118अध्भुत सम्भोग का आनंद और शक्ति का संचार.Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 119लंदन में पढ़ाई और मस्तिया अरबपति की ट्रॉफी पत्नीGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 120लंदन में मस्तिया टिटियन प्रकार की लड़कीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 121लड़की या कोई हूर परी!Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 122चार प्रेमिकाओ के साथ सामूहिक सम्भोगExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 123लंदन में पढ़ाई और मस्तिया कामुक पागलपन .Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 124कामुक ख्यालGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 125लंदन में मस्तिया कामुक दृश्यमExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 126लंदन में मस्तिया और उस रात का आखिरी पहरGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 127सुबह-सुबह टहलना-कुछ-बहुत कुछExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 128सुबह-सुबह-बहुत कुछGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 129समारोह की प्रक्रियाHow To
अंतरंग हमसफ़र भाग 130सेक्स और सुंदरता की उपासक पुजारिनेExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 131मैं ही क्योे?Romance
अंतरंग हमसफ़र भाग 132काफिलाExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 133पुजारिन के उद्धारकर्ता की जयNon-English
अंतरंग हमसफ़र भाग 134प्यार का मंदिर प्रेम भरी प्राथनाRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 135स्नानागारErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 136शुद्धिकरण स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 137ऐयाशी - जब रात हैं ऐसी मतवाली तो फिर सुबह का आलम क्या होगा!Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 138जनाना स्नान्नगारLesbian Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 139प्यार की देवीNon-English
अंतरंग हमसफ़र भाग 140स्नान और सम्भोगGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 141सफाई और स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 142विशेष समारोह आरंभGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 143विशेष समारोह शुद्धिकरण दुग्ध स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 144विशेष समारोह - दुग्ध स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 145विशेष समारोह-प्रारम्भकर्ता या माध्यम, पहलकर्ताGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 146विशेष समारोह की मालिशकर्ताGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 147विशेष समारोह महायाजकGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 148महायाजक द्वारा सशक्तिकरणGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 149पुजारिणो द्वारा सशक्तिकरणGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 150सशक्तिकरणGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 151दावत कक्षGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 152मार्टिनी ग्लास में नर्तकीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 153दावत - 13. मुख्य व्यंजन - 1. जूस, 2 फल. 3 स्नैक्स 4. सूपGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 154दावत - 13. मुख्य व्यंजन - 5. ऐपेटाइज़र, 6. सलादGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 155दावत - 13. मुख्य व्यंजन 6- सलादGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 156दावत - 13. 7 - तालू की सफाई के लिए वाइन. स्तन निरीक्षणErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 157दावत - 13. 8 मुख्य व्यंजनExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 158दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 8- मुख्य व्यंजनGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 159दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 9 शैंपेन से मुख शुद्धि -Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 160दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 10 अगली मुख्य डिशGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 161दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 10- एक बार फिरGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 162दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 -मजेदार आनद का अनुभवGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 163दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 - सामूहिक आनद का अनुभवGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 164दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 - मजेदार अनुभवGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 165दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मजेदार मीठाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 166असुविधा को दूर करने का प्रयासFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 167दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मीठा त्यार हैFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 168दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मीठा परोस दिया हैGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 169मालिशGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 170सैंडविच मालिशGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 171जुड़वाँ बहनो के साथ मालिश और सम्भोगGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 172बेकरार महायाजकFetish
अंतरंग हमसफ़र भाग 173समारोह की तयारीNonConsent/Reluctance
अंतरंग हमसफ़र भाग 174उद्घाटन समारोह शुरू करेंErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 175दाता को प्रेम, सेक्स और सम्भोग से सशक्त करनाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 176मुख्य पुजारिन की दीक्षाCelebrities & Fan Fiction
अंतरंग हमसफ़र भाग 177सेक्सी और खूबसूरत मुख्य पुजारिन की दीक्षाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 178सेक्सी और खूबसूरत मुख्य पुजारिन की कामुकताFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 179सेक्सी अपना कौमार्य अर्पित कर दोErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 180मुख्य पुजारिन का कौमार्य भंगErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 181कौमार्य भंग करने के साथ प्रथम सम्भोगFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 182नयी मुख्य पुजारिन का प्रथम सम्भोगNon-English
अंतरंग हमसफ़र भाग 183शक्ति का स्थापनErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 184नई प्रधान महायाजकErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 185मंदिर में दीक्षा के दौरान माहौल का प्रभावExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 186सर्वदा तैयार, पुनःErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 187प्रथम गुदा प्रवेशAnal
अंतरंग हमसफ़र भाग 188लंदन का प्यार का मंदिर और कुंवारी की सुगंधErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 189प्रशिक्षु महायाजक पुजारिन के साथ सुंदर सम्भोग का आनंद.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 190सुंदर आनंदFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 191नयी राजकुमारी का प्रेम परिचयNonConsent/Reluctance
अंतरंग हमसफ़र भाग 192राजकुमारी का प्रेमErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 193रसGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 194उपहारGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 195हवेलीRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 196लंदन का मंदिर, महायाजक का प्यार का जनूनErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 197स्टडErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 198प्रेम की देवी की आज्ञा और हम सब पुजारिणो की ओर से उपहारErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 199पारिश्रमिक- रेशमी लबादे में लिपटी सुन्दरियाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 200सुंदर स्वागत योग्य रमणीय स्त्रीत्वErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 201अनुष्ठान का अंतExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 202आठवा अध्याय हवेली नवनिर्माणErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 203हवेली नवनिर्माण इंस्तांबुल टर्की हरम की यात्राExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 204टोपकापी पैलेस के हरम की योजना का विस्तारExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 205उत्कृष्ट वासना का सत्रErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 206हाहाकारी चुदाई का एक उत्कृष्ट नमूनाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 207विशेष सेविका कैपरीInterracial Love
अंतरंग हमसफ़र भाग 208चालाक संदेहInterracial Love
अंतरंग हमसफ़र भाग 209मेरे लिए इनामNovels and Novellas
अंतरंग हमसफ़र भाग 210फूफा या मामू का परिवारIncest/Taboo
 
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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

इस्तांबुल

भाग 13

थाई सुंदरी
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मैंने उबैद से मेरे रहने के दौरान हरम सहित अपने घर के एक हिस्से का उपयोग करने देने की इजाज़त मांगी, ताकि मैं अपनी लड़कियों की सुरक्षा कर सकूँ और उनकी उचित देखभाल कर सकूँ। साथ ही, उसे तुरंत मेरे लिए छह या आठ दासिया और षंडो का इंतज़ाम करने के लिए कहा, जिनका उसने मेरे लिए तुरंत बंदोबस्त कर दिया, फिर मैं अपने पैसे, गहने, सामान आदि लेने के लिए अपने तदर्थ कैंप हाउस लौट आया और फिर लैला, एंजेला, साशा, याना और इत्यादि अपनी साथिनो को भी अपने नए तत्कालीन अस्थायी हरम में ले आया।

जब मैं अपने तत्कालीन अस्थायी हरम में अपनी सभी प्रेमिकाओ के साथ आया तब उबैद ने मेरा स्वागत किया और मेरे मेज़बान ने मुझे अपने साथ ले लिया, और मुझे उन मूक-बधिरों और हिजड़ों से मिलवाया, जिन्हें उन्होंने मेरी सेवा के लिए व्यवस्थित किया था, और उन्होंने मुझे मेरी सेवा के लिए समर्पित अपार्टमेंट के सुइट दिखाए, जिनमें से एक मुझे एक शयन-कक्ष लगा, जो अत्यंत भव्यता से सुसज्जित था, जिसमें बीस बिस्तर और एक अन्य कक्ष जिसमे एक बड़ा मास्टर बेड था।

उबैद मुझे उस कक्ष में अकेला ये बप्ल कर छोड़ गया की मालिक अब आप कुछ आराम कीजिये और तरोताजा हप जाईये . उबैद के बाहर जाते ही मैंने एक ठंडी बीयर पी और थोड़ी झपकी ली। जब मैं उठा, तो मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कितनी देर सोया था। मैं उठा और शॉवर में चला गया। फिर मैंने सुना कि कोई मेरे दरवाजे पर लगातार दस्तक दे रहा है। मुझे अपने बाल धोने बंद करने पड़े, एक तौलिया पकड़ा और दरवाजे की ओर भागा। मेरे आश्चर्य के लिए, दरवाजे पर पॉली यिंग नाम की एक थाई सुंदरी थी! जब उसने मुझे मेरे तौलिये में और मेरे बालों में शैम्पू भरा हुआ देखा, तो वह हँस पड़ी।

मैं काफी शर्मिंदा हुआ और मैंने उसे अंदर बुलाया। मैं वास्तव में आश्चर्यचकित था कि वह मेरे कमरे में किस लिए आयी है, मैंने उसे सोफे पर बैठने दिया और अपना शॉवर स्नान खत्म करने के लिए वापस चला गया। मैंने जल्दी से अपना शॉवर स्नान खत्म किया और खुद को सुखाया। मैं अपनी कमर के चारों ओर एक तौलिया लपेटे हुए शॉवर से बाहर आया। मुझे बहुत खुशी थी कि मैं नियमित रूप से जिम जाता था। मेरा शरीर अच्छी स्थिति में था।

उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और मुस्कुराई। मैंने भी उसे देखकर मुस्कुराया और शर्मिंदगी को छिपाने की कोशिश की कि वह मेरे शरीर को देख रही थी।

फिर उसने कहा, "तुम्हारा शरीर बहुत अच्छा है।"

"मुझे लगता है मुझे जिम में ज़्यादा जाना चाहिए।"

"तुम्हें ज्यादा की ज़रूरत नहीं है। तुम अपनी उम्र के आदमी के लिए बिल्कुल सही दिखते हो।"

" मेहरबानी । शुक्रिया।"

बाथरूम में वापस जाकर पहनने के लिए मैंने अपने सामान से एक अंडरवियर निकाला लेकिन इससे पहले कि मैं वहाँ से निकल पाता, उसने कहा " मालिश करवाते हुए तुम्हें इसकी ज़रूरत नहीं है।"

उसने अपना लबादा उतार दिया और अब वो मेरे सामने नग्न थी, जब मैंने अपनी आँखें खोलीं, तो मुझे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ क्योंकि वह टॉपलेस थी! उसके दुबले-पतले शरीर के बावजूद, उसके स्तन वास्तव में भरे हुए और गोल थे। " मुझे जो दिखता है वह मुझे पसंद है," मैंने पोली के सुडौल शरीर, उसके छोटे स्तन, सुडौल पैर और बड़ी गोल गांड की प्रशंसा करते हुए कहा।

पोली मुस्कुराई और मेरे बड़े, मांसल शरीर को देखा। लंबा, तगड़ा भारतीय बालों वाला और मर्दाना आदमी, और मेरे पास एक अच्छा बड़ा लिंग था जो अभी तौलिये में आधा सो रहा था ।

फिर उसने एक अलमारी से एक मसाज मैट निकाली और उसे बिस्तर पर रख दिया और मुझे मुँह के बल लेटने को कहा। उसने अपने हाथों को कुछ मसाज ऑयल से गीला किया जिसकी महक लेमनग्रास जैसी थी। उसने मेरे कंधों से शुरू किया और फिर धीरे-धीरे मेरी पीठ तक पहुँची। उसके स्ट्रोक गर्म और दृढ़ थे। मैं हैरान था कि उसके दुबले-पतले शरीर के बावजूद उसके हाथ कितने शक्तिशाली थे। तब मुझे लगा कि वह मेरा तौलिया खोलने की कोशिश कर रही थी। मैं पहले भी मालिश कई बार करवा चूका था ।

मैंने अपना पेट थोड़ा ऊपर उठाया ताकि वह मेरा तौलिया खोल सके। उसने तौलिया मेरे नितंबों पर रखा और तौलिया के नीचे, मेरी जांघों तक और मेरी जांघों के बीच मालिश जारी रखी...जब वह मेरी आंतरिक जांघों की मालिश कर रही थी तो मैं झुनझुनी महसूस कर सकता था। मेरे शरीर में उत्तेजना की लहर दौड़ गई। फिर उसने मेरे पैरों और टांगों की मालिश की।

उसने मुझसे पूछा कि मुझे कैसा लग रहा है और मुझे घुमा दिया। मैंने उसे बताया कि ये शानदार था लेकिन मैं भूल गया था कि मेरा तौलिया खुल चूका था क्योंकि जब मैं मुड़ा, तो तौलिया मेरे शरीर से गिर गया और मैं उसके सामने पूरी तरह से नंगा हो गया। जब उसने देखा कि मेरा लिंग आधा उत्तेजित हो गया है तो उसने मुझे एक प्यारी सी मुस्कान दी। उसने मुझे तौलिया के बारे में चिंता न करने के लिए कहा और मेरी छाती पर मालिश जारी रखी। मैं तब ठीक से सोच नहीं पाया और उसे यह तय करने दिया कि क्या सबसे अच्छा है। मैं ईमानदारी से कहूं तो में शर्मिंदा? उत्तेजित? उलझन में? घबराया हुआ? उत्साहित? रिलैक्स्ड, आनंदित ! शायद यह सब कुछ और उससे भी अधिक का मिश्रण महसूस कर रहा था ।

मेरा ध्यान इधर-उधर भटक रहा था और जैसे-जैसे वह अपनी हथेलियाँ मेरी छाती पर घुमा रही थी, मेरी साँसें भारी होती जा रही थीं। मेरे निप्पल बहुत संवेदनशील थे। हर बार जब उसके हाथ मेरे निप्पल को छूते, तो मेरे पूरे शरीर में तीव्र संवेदना होती।

वह सचमुच मेरे ऊपर थी और मेरी छाती की मालिश कर रही थी, हमारे शरीर इतने करीब थे कि हम एक-दूसरे की साँस सुन सकते थे। मैं उसकी गंध भी सूंघ सकता था...मुझे ज़्यादा नहीं सोचना चाहिए था, इसलिए मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं, अपनी लार निगल ली और उसके मेरे शरीर पर काम करने का आनंद लिया। मेरा शरीर उससे बड़ा था । उसके लिए मेरी मालिश करना कठिन काम रहा होगा। मैं महसूस कर सकता था कि उसने बहुत ताकत लगाई है। फिर मैंने उससे कहा कि उसे आराम करना चाहिए। उसने सिर हिलाया और बाथरूम में चली गई।

फिर मुझे शायद झपकी आ गई और जब उसने मालिश जारी नहीं रखी, मुझे इसका एहसास नहीं हुआ। मैंने अपनी जांघों पर उसका स्पर्श महसूस किया और भी बहुत कुछ..... मैं पूरी तरह से जाग गया और मेरे लिंग और अंडकोष पर उसके स्पर्श से प्रतिक्रिया की। यह बहुत नरम, गर्म और नम था। मेरा लिंग बहुत ज़ोर से खड़ा हुआ और मेरी चमड़ी पूरी तरह से पीछे हट गई। पोली ने मेरे बड़े लिंग को पकड़ा और उसे सहलाया। जब पोली ने मेरे बड़े लिंग को चूमना शुरू किया तो मैं खुशी से आहें भरने लगा। उसने मेरे लिंग को सहलाते हुए मुझे चूसा। मुझे कोई आपत्ति नहीं थी।


मैं बैठ गया, जबकि वह मेरे लिंग को मालिश कर रही थी। मैंने उसे अपने पास खींचा और अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसने धीरे से अपनी बाहें मेरी गर्दन के चारों ओर लपेट लीं, पैर मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिए और अपना सिर मेरे कंधे पर टिका दिया। मैं महसूस कर सकता था कि उसके निप्पल मेरी छाती से दब रहे थे और यह बिजली की तरह था। मैंने उसके चेहरे को देखा। कितना प्यारा मीठा चेहरा। मैंने उसे धीरे से चूमा। उसने जोश से प्रतिक्रिया की और अपनी छोटी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और हमने जोश से चूमा। चूमते समय उसने मेरे निप्पल को सहलाया। तब तक मेरा लिंग और भी कठोर हो गया था। मैंने उसे लिटाया, उसके ऊपर लेट गया, मैंने उसके स्तनों को सहलाया, चूमा और पागलों की तरह चूसा, जैसे कि मैंने पहले कभी प्यार नहीं किया था। फिर मैंने उसके कानों के पीछे, उसकी गर्दन को चूमा। उसे बहुत मज़ा आया। उसकी आँखें पीछे की ओर मुड़ गईं। वह कराह उठी। वह कराह उठी। मुझे पता था कि वह यह चाहती थी। उसे इसकी ज़रूरत थी। जितना ज़्यादा वो कराहती और कराहती, उतना ज़्यादा वो मुझे उत्तेजित करती। मैं उसे देना चाहता था...

मैं पहले कभी इतना उत्तेजित और उत्तेजित नहीं हुआ था। यह विस्फोटक था। मेरा लंड बहुत सख्त था और उसमें से प्रीकम टपक रहा था। यह मेरे पूरे पेट पर था। मैंने उसकी छोटी से तंग योनि देखि । मैंने उसकी तरफ़ देखा, उसने मुझे उसे चखने का इशारा किया। मैंने अपना सिर नीचे किया और अपना मुँह उसकी योनि में डाल लिया। मेरे मुँह में रेशमी महसूस हुआ। फिर उसने भी जवाब दिया, वह मेरे शरीर पर रेंगती रही, अपने मोटे होंठों को मेरे 9 इंच के लंड के चारों ओर लपेट लिया। उसे मेरा लंड इतना पसंद आया कि उसने "म्मम्म म्मम्म" की आवाज़ निकालते हुए उसे ऊपर-नीचे चूसा। वह भूखी और लालची थी। उसने मेरे अंडकोष चाटे और उन्हें अपने मुँह में निगल लिया। वह निश्चित रूप से जानती थी कि मुझे कैसे खुश करना है। मुझे उसे अपना लंड ज़्यादा चूसने से रोकना पड़ा, इससे पहले कि मैं उसके मुँह में फट जाऊँ। मुझे वाकई तब तक वीर्यपात हो जाना था। मैं बहुत उत्तेजित था।

मैंने अपने लिंग पर और उसकी योनि और गुदा के आस-पास भरपूर मात्रा में मसाज ऑयल लगाया। मैंने उसे अपने करीब खींचा, उसके पैरों को अपने कंधों पर टिकाया। वह पूरी तरह से खुली हुई थी और मेरे द्वारा उसके अंदर प्रवेश करने के लिए तैयार थी। मैं उसकी योनि का छेद देख सकता था। मैंने अपने लिंग को अपने दाहिने हाथ में पकड़ लिया, उसके छेद पर निशाना साधते हुए, मैंने तब तक पूरा अंदर डाला जब तक कि मैं और आगे नहीं जा सका। वह कराह उठी, कराह उठी। वह गीली, गर्म और कसी हुई थी। जब हम दोनों सहज हो गए, तो मैंने उसे लयबद्ध तरीके से चोदना शुरू कर दिया। हम दोनों दो जंगली जानवरों की तरह कराह उठे और कराह उठे। हम एक मदहोशी में थे, हम स्वर्ग में थे। यह कभी इतना सही नहीं लगा।

कुछ मिनटों के बाद, मैंने उसे उठाया और उसे एक मेज पर रख दिया और फिर से उसे चोदना शुरू कर दिया। मैंने उसके स्तनों के साथ खेला और उसने मेरे निप्पलों के साथ खेला, जबकि मैं उसे बेतहाशा चोद रहा था। हम जानवर थे। मुझे उसके मीठे चेहरे पर जो भाव दिखाई दे रहे थे, वो मुझे बहुत पसंद आए, जब मैंने उसे गहराई से आनंद दिया। मैंने उसे बार-बार चूमा, जैसे उसके मुंह में शहद हो। मैं बस इतना ही नहीं कर पा रहा था।

फिर हमने फिर से पोजीशन बदली। इस बार जब मैं उसे पीछे से ले रहा था, तो वो घोड़ी बन गयी । मैं इस पोजीशन में उसे सबसे गहराई तक भेद सकता था। अपने अंडकोषों को उसकी गांड पर पटक रहा था। हमने एक दूसरे के शरीर का आनंद लेते हुए खूब शोर मचाया। मैंने देखा कि वो इस समय झड़ गई थी।

तुम एक बढ़िया सरप्राइज़ हो, कुमार," पोली ने धीरे से कहा, और मैंने सिर हिलाया। मैंने सेक्सी एशियाई महिला को आँख मारी, फिर वह चारों पैरों पर खड़ी हो गई। मैंने उसकी गांड को देखा और मुस्कुराया। मुझे लगा कि मेरा लिंग सख्त हो गया है। पिछले एक साल में, मैंने गोरी लड़कियों और यहाँ तक कि कुछ अरब महिलाओं और निश्चित रूप से, बहुत सारी भारतीय लड़कियों को चोदा है। मुझे पहले कभी इतनी सेक्सी पूर्वी एशियाई बूटी नहीं मिली थी। लोशन और कंडोम लेकर, मैंने उनका अच्छा इस्तेमाल किया।

मुझे दिखाओ कि मैं क्या ढूँढ रहा हूँ,"पोली ने कहा, और मैंने उसकी नकल करते हुए कहा। उसके कूल्हों को पकड़ते हुए, मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसा दिया। यह सही है, मैंने अपने बड़े लंड से थाई पोली की गांड चोदना शुरू कर दिया। जब मैंने अपने लंड से उसकी गांड को भरा तो वह गहरी कराह उठी। बहुत से लोगों का मानना है कि एशियाई लंड के बारे में बात करने लायक नहीं हैं। पोली ने मेरे एशियाई लंड को उसकी गांड में भरते ही सराहनापूर्वक गुर्राहट की। मैंने अपनी सेक्सी एशियाई थाई महिला की गर्दन और कानों को कोमलता से चूमा और उसकी गांड में चोदा। मैंने पोली को तब तक चोदा जब तक कि मैं झड़ नहीं गया ।

जहाँ तक मेरा सवाल है, मैं अब और नहीं रुक सकता था। मुझे वीर्य निकालना था और मैंने अपने सबसे बड़ा और सबसे गर्म वीर्य उसके अंदर छोड़ा। मैंने इतना वीर्य निकाला कि वीर्य उसकी गांड में रिसने लगा। तब तक हम दोनों थक चुके थे। मैं उसके अंदर तब तक रहा जब तक मैं नरम नहीं हो गया। यह मेरा अब तक का सबसे अच्छा सेक्स था ।


"तुर्की में आपका स्वागत है, मेरे राजा ," पोली ने मुझसे बहुत बाद में कहा। मैं मुस्कुराया और सिर हिलाया, फिर धीरे से पोली के हाथ को चूमा।

बाद में जब मैं उबैद से मिला और उसे पोल्ली को मेरे पास भेजने के लिए शुक्रिया कहा तब उबैद वोला " मास्टर कुमार " आप आनंद की खोज में निकले हैं और ऑस्ट्रेलिया और यू.के. से पुरुष स्थायी रूप से थाईलैंड में बसने के लिए जा रहे हैं । यह थाई महिलाओं का प्रभाव है! जब थाई महिला पुरुष पर हावी होती है, तब भी वह औसत पश्चिमी नारीवादी महिला की तुलना में एक पुरुष के लिए अधिक अच्छी होती है। एशिया में रहने वाले पश्चिमी पुरुष यह जानते हैं। मास्टर, आप भी अपने हरम में थाई महिलाये पा ले !"

जारी रहेगी

 
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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

इस्तांबुल

भाग 14

अरब सुंदरी

ज़िंदगी के खेल भी बड़े ही निराले होते है कुछ लोग कहते है कि खूबसूरत होती है ज़िंदगी कुछ कहते है कि बड़ी ही अच्छी होती है पर कुछ अभागे लोग भी होते है। कुछ बड़ा ही खुल के जीना चाहते है पर जी नहीं पाते है हमेशा कोई ना कोई अड़चन राह रोक लेती है । कुछ मेरे तरह से खुल कर जीते है और ज़िन्दगी उन्हें नए-नए मौके देती रहती है ।

उस दिन सुबह में कसरत करने और धुप सेकने छत पर गया कि मेरी नज़र उबैद के उस अपार्टमेंट (जो अब मेरा अस्थायी निवास था) की पड़ोस के आँगन में पड़ गयी और जो कुछ मैने देखा ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। पड़ोस के आंगन में एक गोरी सुनहरे बालो वाली सुंदरी दुनिया से बेख़बर आँगन में नंगी नहा रही थी उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी पर नज़ारा बहुत ही अच्छा था । मेरी नज़र बस ठहर-सी गयी उसका वह गोरा बदन धूप में सोने जैसा चमक रहा था।

मुझे तुरंत ही उधर से हट जाना चाहिए था पर मैं हट नहीं सका मुंडेर पर छिप मैं उसे नहाती हुई देखने लगा जबकि वह बेख़बर पूरी मस्ती से नहाए जा रही थी । कुछ देर बाद वह खड़ी हुई अबकी बार उसका चेहरा मेरी तरफ़ था उसके खुले हुवे बाल जो कमर तक आ रहे थे, अच्छे लगे। उसकी चूचिया ज़्यादा मोटी नहीं थी तो पतली भी नहीं थी, मीडियम से थोड़ा ज़्यादा साइज़ की गहरी नाभि और जाँघो के बीच सुनहरे बालो में छिपी हुई वह लाल लाल-सी योनि जिसकी बस एक झलक ही देख पाया था।

उसने अपने एक पैर को हल्का-सा उपर किया और साबुन लगाने लगी। अब इस से ज़्यादा मजेदार नज़ारा कहाँ मिलता मुझे कुछ होश ही ना रहा जब वह अपनी गोल सुडोल चुचियो पर साबुन लगा रही थी। लग रहा था जैसे वह लड़की दो गेंदो से खेल रही हो वह करीब दस मिनिट तक मैं उसको देखता रहा पर तभी उसने मेरी तरफ़ देखा तो मैं तुरंत ही उधर से खिसक लिया। क्या उसकी नज़र मुझ पर पड़ गयी थी । क्या ये उबैद को शिकायत तो नहीं कर देगी कि मैं उसको नहाती हुई देख रहा था ।

पर उसके नंगे बदन ने मुझे आकर्षित कर दिया दिल में यही ख़याल बार-बार आ रहा था कि अगर ये पट जाए तो इसे चोदने में मज़ा आएगा।

फिर जब मैं बगीचे में टहल रहा था कि वही लड़की पास में ही बगीचे में पौधों क पानी दे रही थी जब वह झुकी तो उसके टॉट में से बाहर को आते हुए चूचे मेरी नज़रो में आ गये तो मेरी जीभ लॅप लपा गयी और मेरे मुँह में उसके स्तन पास से देख पानी आ गया । तभी उधर ओबैद आ गया और मुझे उस लड़की को ताकते हुए देख बोला कुमार ये मेरी बहन की बेटी है, मनायरा और मनायरा ये कुमार है, हमारे बहुत ख़ास मेहमान है, लन्दन में डाक्टरी कर रहे है और कुछ दिन छुट्टियाँ बिताने आये हैं और इधर ही रहेंगे और जब तक ये यहाँ है आप इनका ख़्याल रखना ।

हमारा तारुफ़ करवाने के बाद उबैद चला गया ।

मनायरा-कुमार आप डाक्टरी कर रहे है क्या आपके पास बदन दर्द की कई दवा है, मुझे चाहिए थी ।

मैं-हाँ क्यो नहीं मैंने उससे कुछ सवाल पूछे और अपने कक्ष में गया और मेडिकल बॉक्स में से दवा ला कर उसे दे दी और कहा आप कुछ खा कर अभी आप ये दवा ले लीजिये । ।

फिर अंदर आ कर मैंने चाय नाश्ता किया और फिर कुछ देर किताबें लेकर बैठ गया पर दिल नहीं लग रहा था दिमाग़ में मनायरा का हुस्न ही घूम रहा था।

फिर एक नौकर को भेज मेडिकल की दूकान से कुछ और दवाये मंगा ली दोपहर का समय था और उसके घर गया तो दरवाज़ा खुला था पर कोई दिखा नहीं । मैं अंदर की तरफ़ चला गया तो मैने पाया कि मनायरा अपने कमरे में सोई पड़ी थी गहरी नींद में सोते टाइम बड़ी प्यारी-सी लगी मुझे वो। उसकी छातिया सांस लेने से उपर नीचे को हो रही थी पतली कमर और सुतवा पेट गहरी नाभि होतो पर लाल लिपीसटिक किसी का भी मन भटका दे। उसकी धोन्कनी की तरह उपर को उठती चूचिया जैसे मुझे अपने पास बुला रही हो।

थोड़ा-सा उसके पास गया तो उसके बदन से आती भीनी भीनी-सी ख़ुश्बू मुझे पागल बनाने लगी तभी उसने एक करवट-सी ली और अपनी टाँगो को सीधा कर लिया । उसकी स्कर्ट उसकी टाँगो पर बुरी तरह से चिपकी हुई थी और जाँघो के जोड़ वाले हिस्से पर वी शेप बना रहा था । जिस से उसकी योनि वाले हिस्से का अच्छा दीदार हो रहा था पर मैं ज़्यादा देर तक नहीं रुक सकता था, तो मैने थोड़ी-सी शरारत करने का तो सोचा और उसके बोबे को हाथ से हल्का-सा दबा दिया उसने कुछ रिएक्ट नहीं किया।

तो दो तीन बार ऐसी ही करने के बाद फिर आवाज़ दे कर मैने उसे जगा दिया और उसकी तबीयत पूछी और फिर एक और गोली देकर घर आ गया। अपने कमरे में पड़ा-पड़ा मैं सोच रहा था कि कुछ भी करके मुझे मनायरा को अपनी बनाना है पर कैसे, ये नहीं पता?

जारी रहेगी


 

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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

इस्तांबुल

भाग 15

सुंदरीयो का मेला

उस दिन अपने कमरे में पड़ा-पड़ा मैं सोच रहा था कि कुछ भी करके मुझे मनायरा को अपनी बनाना है पर कैसे ये नहीं पता ।

उस शाम, जब मैं बगीचे की छत पर ये सोचते हुए टहल रहा था कि कैसे मनायरा को अपनी बनाया जाए, तो मैंने देखा कि उबैद एक अरबी घोड़े पर सवार होकर पूरी गति से उस घोड़े को मेरी और भगा रहा था। मैं उतरा और सब समाचार जानने के लिए, यह सोचकर कि शहर में मेरे घर में कुछ गड़बड़ हो सकती है उससे गेट पर मिला।

पूछने पर, उसने मुझे बताया कि सुल्तान के वंशजों के आदेश के अधहार पर यहाँ के अधिकारी की निगरानी में कुछ दिनों में महिलाओं का एक बड़ा समूह बेचा जाना है।

उबैद ने कहा कि वे महिलाएँ राज्य के किसी अधिकारी के हरम का हिस्सा थीं, और उस अधिकारी की मृत्यु लगभग एक वर्ष पहले हो चुकी थी और जिनके एकमात्र उत्तराधिकारी, दो भतीजे, तब से उनके कब्जे को लेकर झगड़ रहे थे और इस विषय पर भतीजे किसी भी नतीजे पर अभी तक नहीं पहुँचे है। इसलिए सुल्तान के उत्तराधिकारियों ने उन्हें बेचने और आय को दो उत्तराधिकारियों के बीच विभाजित करने का आदेश दिया है; और उसने कहा कि शहर में फैली खबरों के अनुसार, उन महिलाओ में कुछ बेहद खूबसूरत दासियाँ भी होंगी और उसने मुझे सीधे उसके साथ उस नीलामी की निगरानी करता व्यापारी के पास चलने की सलाह दी और कहा कि वह रिश्वत देकर मुझे उनसे निजी तौर पर मिलवा देगा, ताकि मैं अपने खाली समय में उनका निरीक्षण कर सकूँ और अपनी पसंद की लड़किया और दासियाँ चुन सकूँ और बिक्री के दिन उबैद उन्हें मेरे लिए खरीद लेगा।

अगले दिन मैं उबैद के साथ उस व्यापारी के घर गया, जिसके पास दासियाँ थीं।

व्यापारी हमें दरवाजे पर मिला और मुझे तुरंत एक कमरे में ले गया, जिसमें महिलाएँ थीं। वे सभी बड़े सफेद कपड़े में लिपटी हुई थीं, जो उन्हें सिर से पैर तक ढके हुए थे।

व्यापारी का नांम मुस्तकिल था, उबैद ने मुस्तकिल से बात की, फिर मुस्तकिल ने लड़कियों से बात की और वे कमरे के चारों ओर एक पंक्ति में खड़ी हो गईं, फिर वह चला गया और मुझसे कहा कि जैसे ही वह कमरे से बाहर जाएगा, वे सभी अपने लबादे उतार देंगी और मैं उन्हें आराम से देख परख सकता हूँ।

मुझे छोड़कर, वह बाहर चला गया और अपने पीछे दरवाज़ा बंद कर लिया।

मेरे सबसे करीब वाली महिला के पास जाकर मैंने उसका आवरण हटा दिया। जिसे देख दूसरी सभी लड़कियों और दासियो ने भी ऐसा ही किया और मेरी आँखों में कामुकता की ऐसी तस्वीर भर गयी जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।

मेरे सामने लगभग पचास सुंदर महिलाएँ खड़ी थीं, बिल्कुल नग्न, मेरे आसपास सुंदरियों का मेला लगा हुआ था और aमुझे लगता है कि पूर्व का कोई भी हरम उनसे बेहतर कोई नहीं हो सकता। वहाँ, कामुक अरबी, भारतीय, थाई, और कारकासिआ की महिलाएँ थीं जिनके काले बाल, तीखी काली आँखें और चमकदार सफेद त्वचा थी, जो उनके होंठों की गहरी लाली, उनके स्तनों के निप्पल और उनकी योनियों पर काले घने बालों से अलग थी।

फिर, वहाँ ग्रीस के द्वीपों से लाई गई नीली आँखों, सुनहरे बाल वाली रुसी सुस्त सुंदरियाँ और कामुक जॉर्जियाई लड़किया थीं; कामुक और सुंदर लैटिन महिलाये, यहाँ तक कि अफ्रीका की काली सुंदरियों को उन सभी सुंदर दासियों जिन्हे उनके मालिक की वासनाओं की पूर्ति के लिए उनके हवाले कर दिया था, सभी मेरे आस-पास खड़ी थी।

मैंने प्रत्येक की अलग-अलग बारीकी से परखा, एक पारखी की नज़र से उनकी सुंदरता के दावों पर ग़ौर किया। ओह, मैं बता नहीं सकता की कमरे में इधर-उधर दौड़ती हुई प्यारी, सुस्वादु चूतों की कतार को देखकर कितना आनंदित हुआ। मैंने उन सभी को देख, छुआ, उन्हें महसूस किया, उन्हें सहलाया और उनके मखमली जिस्म के किनारों के चारों ओर सहलाया और उनके बालो को सहला कर प्यार किया ।

मैं इतनी सारी चूतों को छूने, देखने, स्पर्श करने, जांचने और संभालने से इतना उत्तेजित हो गया कि मैंने एक आकर्षक छोटी-सी लड़की की कमर में अपना हाथ डाल दिया, जो दिखने में बहुत ही प्यारी क्यूट और कामुक थी और उसे एक छोटे से साइड-अपार्टमेंट में ले गया, जहाँ मैंने उसे अपनी पहनी हुई एक बढ़िया सोने की चेन दी, उसे मैंने कुशन के ढेर पर लिटा दिया और उसके ऊपर से उतरने से पहले दो बार उसे सबसे अधिक आनंद का अनुभव कराया।

मैंने उसे उस उलझन से उबरने के लिए कुछ समय दिया, जिसमें मैंने उसे डाल दिया था, इससे पहले कि हम उस अपार्टमेंट में वापस लौटें, जिसमें महिलाएँ खड़ी थीं, जिन्होंने हमारे लौटने पर अपना सिर उठाकर उस चेन को देखने के अलावा और कुछ नहीं देखा।

मैंने उस लड़की को एक तरफ़ कर दिया जिसके साथ मैंने अभी-अभी संभोग किया था और उसके अतिरिक्त मैंने कूल बीस कामुक अरबी, भारतीय महाद्वीप की सुन्दरिया, थाई, कारकासिआ, ग्रीस के द्वीपों से लाई गई नीली आँखों वाली, सुनहरे बाल वाली रुसी सुस्त सुंदरियाँ और कामुक जॉर्जियाई, लैटिन, अमरीकी, यूरोपियन, फ़्रांसिसी, जर्मन और ब्रिटिश सुन्दरिया और एक से बढ़ कर एक अन्य लड़कियों को चुना, जिनमें से एक अश्वेत थी, एक युवा अफ़्रीकी जो अभी भी कुंवारी गुलाब थी और जो कुल मिलाकर, सबसे कामुक महिला थी जिसे मैंने कभी देखा था और जाहिर तौर पर मेरे पास मौजूद किसी भी महिला की तुलना में प्रेम का आनंद लेने के लिए बेहतर थी। उसके बाल बिल्कुल सीधे और कौवे के पंख की तरह काले थे; उसके स्तन भरे हुए और बड़े थे, जैसे कि हाथीदांत के हों। उसकी कमर पतली थी, जबकि उसके कूल्हे इतनी चौड़ाई में फैले हुए थे जो मैंने पहले कभी नहीं देखा था। उसकी जाँघें इतनी बड़ी थीं कि मैंने कभी भी किसी के साथ संभोग नहीं किया था। इसके इलावा मैंने कामुक अरबी, भारतीय महाद्वीप की सुन्दरिया, थाई, कारकासिआ, ग्रीस के द्वीपों से लाई गई नीली आँखों वाली, सुनहरे बाल वाली रुसी सुस्त सुंदरियाँ और कामुक जॉर्जियाई, लैटिन, अमरीकी, यूरोपियन, फ़्रांसिसी, जर्मन और ब्रिटिश सुन्दरिया चुनी ।

जिन सुंदरियों को मैं खरीदना चाहता था, उन्हें एक तरफ़ खड़ा करके, मैंने व्यापारी और उबैद को बुलाया और उन्हें दिखाया और चूंकि बिक्री अगले दिन होनी थी, इसलिए मैंने उबैद को मेरे लिए उन्हें खरीदने के लिए समय पर उपस्थित होने का आदेश दिया और वहाँ से चला गया।

अगले दिन दोपहर तक उबैद ने मेरे अपार्टमेंट में उन चुनी हुई सुंदरियों को पहुँचा दिया जिन्हें मैंने उस रात चुना था। मैंने उनमें से चार को परीक्षण के लिए रखा, पहली बार उन्हें यह जानने का मौका दिया कि एक बूढ़े तुर्क की बाहों में लेटे रहना और एक युवा और जीवंत भारतीय द्वारा अच्छी तरह से चोदे जाने के बीच का क्या अंतर है, जो कीमती वीर्य और कामुकता से भरा हुआ है, जिसके लिए सभी महिलाएँ इतनी लालची होती हैं।

जारी रहेगी

 
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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

इस्तांबुल

भाग 16

डाक्टरी जांच

उसी शाम मुझे उबैद पास ही एक कमरे में ले गया जहाँ एक क्लिनिक था और उसने मुझे यहाँ पर कुछ मरीजों का इलाज़ करने की सलाह दी । हालाँकि मैं अभी मेडिकल की पढ़ाई ही कर रहा था पर प्राथमिक जांच करना सिख चूका था इसलिए उबैद की सलाह मान मैंने वहाँ मरीज देखने और उनका प्राथमिक इलाज़ शुरू कर दिया ।

सबसे आख़िर में मेरे पास एक लड़की आई जिसका नाम दानिआ था। उसका टखना मुड़ गया था और उसे "बहुत बुरा" दर्द हो रहा था। मैंने उसे मेडिकल जांच की मेज पर चढ़ने के लिए कहा। वह अपने खराब टखने पर कोई भार नहीं डाल पाने के कारण लड़खड़ा कर ऊपर चढ़ी और जब वह गिर रही थी तो मैंने उसे पकड़ लिया। जब मैंने उसे पकड़ा, तो उसके स्तन मेरी बाहों और छाती पर रगड़ खा रहे थे, हमारे चेहरे एक दूसरे से थोड़ा टकरा रहे थे। मैंने उसे मेज पर चढ़ने में मदद की और उसने कहा, "मेरे पैर पर भी दर्द हो रहा है"।

"दानिआ, टाइट जींस पहनने के कारण, मैं आपकी पिंडली नहीं देख सकता, आपकी जींस उतारनी पड़ेगी ताकि मैं आपके पूरे पैर की जांच कर सकूं" मैंने जवाब दिया और मैंने कमरे से बाहर जाने की पेशकश की, लेकिन उसने मुझे "जींस उतारने में मेरी मदद करने" के लिए कहा, क्योंकि वह पीछे लेट गई और बटन और ज़िप खोली।

मैंने उसकी जींस के दोनों पैरों को खींचा और उसकी पैंटी दिखाई देने लगी। वे पारदर्शी और हल्के गुलाबी रंग की थीं। मैं उसकी योनि के होंठ देख सकता था, लेकिन वह कराह रही थी कि उसके "टखने में बहुत दर्द हो रहा है और उसके घुटने से लेकर कमर तक दर्द कर रहा है"।

मैंने उसके टखने और पिंडली की हड्डियों को धीरे से छुआ और उसकी चोटों की जांच की। वह बहुत संवेदनशील थी, हालाँकि, मुझे कोई टूटी हुई हड्डी महसूस नहीं हुई, इसलिए मैंने एक्स-रे का आदेश दिया। मैंने कुछ दर्द की दवाएँ भी लीखी ताकि उसे इतनी तकलीफ़ न हो।

" दानिया!जांच में और एक्स-रे में सिर्फ़ कुछ भी दिखाई नहीं दिया कोई मोच भी नहीं दिख रही थी, कुछ भी टूटा हुआ नहीं है। लेकिन, मुझे पता है कि मासपेशियो में खिचाव भी कभी-कभी टूटी हुई हड्डी या नोच की तरह दर्द कर सकती है। आपको बस उस जगह पर बर्फ लगाने की ज़रूरत है, कुछ दिनों के लिए अपने पैर पर ज़ोर मत डाले हें, उसे ऊपर उठाएँ और आराम करें। मैंने आपके लिए 5 दिनों की दर्द की दवाएँ लिख देता हूँ और आपको बहुत जल्दी आराम मिल जाएगा।"

फिर मैंने उसे आराम से बैठने के लिए कहा । फिर मैंने उसे देखने में थोड़ा समय बिताया और पाया कि वह बहुत प्यारी है और 18 साल की उम्र में मुझे यक़ीन था कि लड़के उसे देखकर लार टपकाते होंगे।

फिर मैं बाथरूम गया और उस भरपूर छाती, सपाट टोंड पेट और मांसल पैरों, ओह और उस कसी हुई, चिकनी बाल रहित और खूबसूरत चूत के बारे में सोचते हुए हस्तमैथुन किया।

जब मैं वापिस आया तब दानिया वही बैठी थी और उसने अपनी जींस अभी तक नहीं पहनी थी।

मैं: दानिया! तुम अभी भी यहाँ ऐसे ही बैठी हो, बताओ तुम्हें क्या कोई और परेशानी है। (हमे अपने पढ़ाई में सिखाया गया था कि कई बार मरीज अपनी परेशानी छुपाता है और जब उसे हम पर विश्वास हो जाता है तभी असली समस्या बताता है ।) मुझे लगा की असली बात कुछ और ही है ।

दानिया शर्मा गयी।

मैं: दानिया! मैं डॉक्टर हूँ, तुम मुझे कोई भी समस्या बता सकती हो।

दानिया: डॉक्टर, दरअसल मेरे बॉयफ्रेंड द्वारा मेरे स्तन और निप्पल दबाने पर मुझे दर्द होता है। उसने मुझे बताया कि वे थोड़े नमकीन स्वाद के हैं।

डॉक्टर: मुझे जाँच करनी पड़ेगी और उसके बाद ही मैं दवाई बता सकता हूँ।

दानिया ने सिर्फ़ टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसने इनरवियर या ब्रा नहीं पहनी थी। वह फिर शर्माने लगी और धीरे से शर्ट ऊपर उठाई, जिससे उसके स्तन आंशिक रूप से दिखाई देने लगे और उसने मुझसे पूछा, "क्या यह ठीक है डॉक्टर?"

मैंने तुरंत इंटरकॉम पर कॉल किया और नर्स से कहा कि अब किसी को भी अंदर न आने दे। फिर उसने अपनी शर्ट पूरी तरह ऊपर कर ली ताकि दोनों स्तन मेरे सामने आ जाएँ। मैं एक पल के लिए दंग रह गया और फिर उसके पास आकर उसके ओंठ चूमे और उसके स्तनों को हर जगह दबाने लगा। मैंने निप्पल को दबाया और उन्हें चूसा ताकि जाँच कर सकूँ कि वे नमकीन हैं या नहीं। वह बहुत उत्तेजित हो गई और उसे आनंद आने लगा।

फिर मैंने थोड़ी क्रीम लगाई और मालिश की। इससे मुझे और दानिया को भी मज़ा आया। यह 10 मिनट तक चलता रहा और उसकी चूत से पानी निकल रहा था और उसकी पारदर्शी पैंटी गीली हो गयी थी। मैं अब और कंट्रोल नहीं कर सकता था।

दनिया: डाक्टर मुझे फिंगरिंग के दौरान ऑर्गेज्म तक पहुँचने में दर्द होता है।

मैं: मुझे चेक करने दो। प्लीज़ बिस्तर पर लेट जाओ।

दानिया ने मेरी बात मान ली। मैंने उसकी चूत के ठीक ऊपर दानिया के पेट के निचले हिस्से को दबाया और पैंटी निकाल दी, चूत पूरी तरह से शेव की हुई थी। में समझ गया कि दानिया चुदाई के लिए तैयार आयी है। उसका पूरा सुंदर, नग्न शरीर मेरी आँखों और हाथों के लिए खुला हुआ मेरे सामने था।

जारी रहेगी


 

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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

इस्तांबुल

भाग 17

इलाज

दानिया का पूरा सुंदर, नग्न शरीर उसकी आँखों और हाथों के लिए खुला था। उसने मुझे अपने सुंदर शरीर को मेरी इच्छानुसार संभालने दीया।

मेरा लिंग दानिया की गर्माहट को सलाम करने लगा। वह भी मेरे उभार को देखकर शर्मीली और कामुक महसूस कर रही थी। मैंने उसे गले लगाया, उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और जोर-जोर से चूमना शुरू कर दिया। पहले तो वह अपने होंठ नहीं खोल रही थी।

लेकिन थोड़ी देर बाद, दानिया चूमने में पागल हो गई। हमने लगभग 20 मिनट तक चूमना जारी रखा जब तक कि हमें ऑक्सीजन के लिए साँस लेने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई। उसके होंठ बहुत स्वादिष्ट थे। अपना चुंबन समाप्त करने के बाद, हमने एक-दूसरे की आँखों में देखा।

हम एक-दूसरे के साथ बिस्तर पर नग्न होने की उत्सुकता को समझ गए। मैंने उसे फिर से चूमा। शुरू में, उसने थोड़ा प्रतिरोध दिखाया लेकिन वह भी यही चाहती थी। मैं उसकी बॉडी लैंग्वेज से समझ गया। हम दोनों उत्साहित थे। मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और हम अपने बेडरूम में चले गए। हमने सचमुच जीभ से लड़ाई शुरू कर दी, एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे।

मैं उसे कराहने पर मजबूर कर रहा था। मैंने दानिया की गर्दन, पूरे चेहरे, कानों के लोब को चूमा। उसे अपने शरीर में झुनझुनी की लहर महसूस हुई। वह पानी के बाहर मछली की तरह हिल रही थी। उसे यह अच्छा लग रहा था और वह पूरी तरह से सहयोग कर रही थी। वह जोर-जोर से कराह रही थी। पड़ोसी यह सुन सकते थे। इसलिए मैं हर बार उसकी कराह को रोकने के लिए उसे चूम रहा था।

मैंने कहा, "दानिया तुम्हारी जाँघें सबसे खूबसूरत जाँघें हैं जो मैंने कभी देखी हैं" और उन्हें अपने नंगे हाथों से 10 मिनट तक सहलाया और चूमा। दानिया की चुत में से और भी ज़्यादा पानी निकलने लगा। मैंने उसे अपनी जाँघों को ऊपर उठाने और मोड़ने के लिए कहा। दानिया ने तुरंत मेरी बात मान ली और अपनी चूत को एक अजनबी के सामने जिसे वह सभी कुछ देर पहले मिली थी, उजागर कर दिया।

मैंने अपनी उंगली दनिया की चुत में डाली और चूत को सहलाया। दनिया अपने स्तन सहलाति हुई कराह रही थे उसे अपने स्तन दबाते हुए देखकर, मैंने अपनी उंगली गीली चूत से बाहर निकाली और उसे चूसा। फिर मैंने उसकी क्लिट को चाटा और तेज़ी से उँगलियाँ फेरी। यह लगभग 10 मिनट तक चलता रहा और दानिया अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गई।

मैंने दानिया से पूछा क्या उसने कभी पहले सेक्स किया है?

दानिया ने ना में सर हिलाया और मैं दानिया के ऊपर चढ़ गया और उसके दूधिया गोरे बदन को चूमने लगा, उसके स्तनों को बार-बार चूमा। उसके स्तन इतने मुलायम, कोमल, गुलाबी निप्पल खड़े हो गए। मैंने तुरंत एक निप्पल को अपने मुँह में लिया और दूसरे के साथ खेला। वह ज़ोर से कराह रही थी। मैंने उसके स्तनों के साथ खेला, उन्हें चूमा और ज़ोर से चूसा, उन्हें लाल कर दिया। वह इसका आनंद ले रही थी।

स्तनों से, मैं दानिया की नाभि पर चला गया। बहुत सेक्सी और गहरी। मैं उसके पेट को चूमता रहा, सहलाता रहा। मैं उसकी गोल मांसल सुडौल गांड को महसूस कर रहा था। फिर मैं और नीचे चला गया, उसकी दूधिया जांघों को चूमता रहा, सहलाता रहा, उसके साथ खेलता रहा। मैंने उसकी कसी कुंवारी चूत में भी उँगलियाँ फेरना शुरू कर दिया। उसने ऐसी पागल आवाज़ें निकालीं जिन्हें मैं शब्दों में बयाँ नहीं कर सकता।

दानिया चिल्लाई, "ओह करते रहो। जल्दी करो। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, परम स्वर्ग।" वह काँप रही थी और कराह रही थी। और मेरे लिंग के साथ खेलने लगी, उसे सहलाने लगी, मेरे कड़े लिंग को महसूस करने लगी।

मैंने दानिया की साफ-सुथरी चिकनी चूत से सारा रस चाट लिया। फिर अपनी पैंट खोली, अपना लिंग निकाला और उसकी चूत में डालने के लिए तैयार हो गया। अब दानिया ने कहा, "मैं पहले इसे चूसना चाहती हूँ, फिर मुझे चोदना।"

मैंने अपना सिर हिलाया और अपना लिंग दानिया के मुँह में डाल दिया और दानिया ने उसे 5 मिनट तक चूसा।

फिर दानिया ने जब लिंग बाहर निकाला तब कहा कि यह मेरी छोटी-सी चूत में कैसे जा सकता है। वह दर्द से डर रही थी। मैंने उसे शांत किया। मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसके ऊपर आ गया, वह डरी हुई थी लेकिन अपने जीवन के पहले चुदाई के लिए उत्साहित भी थी। मैं उसकी चूत से खेल रहा था, उसके भगशेफ को उत्तेजित कर रहा था। वह आनंद ले रही थी और चुदाई के लिए तड़प रही थी।

मैंने उसे कसकर गले लगाया। मेरा लिंग सीधे दानिया की चूत पर चुभ रहा था। उसने कुछ नहीं कहा। मैंने धीरे-धीरे अपने कूल्हे हिलाना शुरू कर दिया। दानिया ने अपनी आँखें बंद कर लीं और मेरे कंधे पर आराम से लेट गई। कुछ ही समय में मैंने उसके नितंबों को पकड़ लिया और अपनी उंगली सीधे उसके गुदा पर रगड़ दी। वह बादलों में थी। मैं उसे आगे की ओर खींच रहा था और अपने लिंग को उसकी चूत पर ज़ोर से दबा रहा था।

मेरा लंड दानिया की चूत पर फिसल रहा था और भगशेफ पर रगड़ रहा था। उस समय मेरी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मेरे पास वास्तव में कोई शब्द नहीं है। वह बार-बार झड़ी, मुझे नहीं पता कि उस दिन उसने कितनी बार वीर्यपात किया।

दानिया: मुझे यह तरीक़ा पसंद है कृपया रुकें नहीं। कृपया इसे ऐसे ही करें। कृपया रुकें नहीं।

यह सुनने के बाद मैंने उसे फिर से कसकर गले लगाया और मैंने बहुत ही उग्रता से अपना लिंग उसकी चूत पर सहलाना शुरू कर दिया। दानिया समझ गयी कि उसके शब्दों ने मुझे पागल कर दिया है। वह भी इसका आनंद ले रही थी। अचानक मैं उसके नितंबों को बहुत ज़ोर से दबा रहा था।

मैं उसके लिंग को इतनी उग्रता से सहला रहा था कि मैंने उसे बिस्तर पर धकेल दिया और उसे हिलने का कोई मौका नहीं दिया और उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया, अपने होंठ उसके होंठों पर बंद कर दिए और मेरा लिंग सचमुच हर झटके के साथ उसकी चूत में घुस रहा था (अंदर नहीं जा रहा था, बल्कि भगशेफ के ऊपर जा रहा था) ।

मैंने अपने लंड को अपने हाथ में लिया और दानिया की योनि पर सेट कर दिया।

उसे मुझे यह बताने की ज़रूरत नहीं थी मैं आराम से करूं ... क्योंकि अब वह मुझ पर पूरा भरोसा कर चुकी थी।

उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि अब तेल की या किसी और चीज़ की ज़रूरत नहीं थी।

मैंने चूत के ऊपर ही पांच छह बार अपने लंड को फेरा, मुझे उसकी सिसकारियाँ सुनने में बहुत मज़ा आ रहा था।

तब मैंने देर ना करते हुए थोड़ा-सा अपने लंड को दानिया की चूत में सरकाया।

उसने अपनी मुट्ठियों में चादर को भींच लिया।

तब दानिया ने मुझसे कहा-अब रुकना नहीं, चाहे मैं जितना भी दर्द से शोर करूँ।

उसको भी यह पता-पता था कि पहली बार में दर्द होता है पर वह इसके लिए तैयार थी। फिर मैंने ख़ुद को उसके पैरों के बीच में रखा और धीरे-धीरे उसके अंदर प्रवेश किया।

मैंने एक झटका और दिया और आधा लंडउसके अंदर तक पहुँचा दिया। ऐसा करते समय वह कराह उठी, जैसे ही मैंने उसके अंदर गहराई तक धक्का दिया, उसकी हाइमन टूट गई।

तब मैंने अपने लंड को अंदर डाले-डाले उसके होठों पर किस करना शुरू कर दिया।

बस मैं हाथ से उसके बूब्स को छेड़ रहा था और उसको किस कर रहा था।

कूछ मिनट बाद मैंने नीचे से एक करारा झटका मारा और लंड को पूरा उसके अंदर कर दिया।

दानिया तड़पकर रह गई।

मैं उसको किस करने लगा और उसके सिर पर हाथ फेरने लगा।

2 मिनट के बाद मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर सरकाना शुरू किया।

उसके अभी भी दर्द हो रहा था।

कुछ देर तक मैंने ऐसे ही धीरे-धीरे किया। मैंने एक पल के लिए रुककर उसे अपने अंदर मेरे लिंग की भावना के साथ तालमेल बिठाने का समय दिया। एक बार जब उसने मुझे जारी रखने का संकेत दिया, तो मैंने उसके अंदर और बाहर धक्का देना शुरू कर दिया। मैंने धीरे-धीरे शुरू किया, लेकिन जल्दी ही मैंने गति बढ़ा दी। जब मैं उसे चोद रहा था, तो वह कराह रही थी, उसका शरीर मेरी लय के साथ हिल रहा था।

मैं महसूस कर सकता था कि उसकी योनि मेरे लिंग के चारों ओर कस रही थी, जिससे मैं पहले से कहीं अधिक ज़ोर से वीर्यपात कर रहा था। फिर मैंने उसे बाहर निकाला और उसे साफ़ किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि वह सहज थी।

इसके बाद मैं ऊपर हुआ। अब वह अच्छे से चुदाई के लिए तैयार थी।

मैंने उसको मिशनरी पोजिशन में ही रगड़ना जारी रखा। उसकी आहें निकल रही थी।

अब वह भी नीचे से थोड़ा साथ देने लगी थी। मैंने लंड को बाहर निकाला और साइड में पड़े हुए तौलिये से मैंने उसकी चूत को अच्छे से साफ़ कर दिया।

मैंने दुबारा लंड दानिया की चूत के अंदर डाला। पर अब उसके दर्द ज़्यादा नहीं हुआ।

मैं उसको थोड़े तेज झटके लगाने लगा।

2 मिनट ही हुए थे कि दोबारा झड़ गयी।

मैं भी बस झड़ने वाला ही था ... मैं उसके ऊपर आया और उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करने लगा और कस-कस कर झटके लगाने लगा।

उसके ऊपर रहते हुए ही मैं दानिया की चूत के अंदर झड़ गया।

मैंने उसकी तरफ़ देखो तो वह शर्मा कर रह गयी।तब मैं उसक ऊपर से उठ गया।

उसने मुझे लेटा दिया और मेरे लंड को अच्छी तरह से साफ़ कर दिया।

वह मेरे ऊपर आ गई और मेरी छाती पर सिर रखकर लेट गयी।

उसने कहा-जितना उसने सोचा था, आज का अनुभव उससे भी ज़्यादा अच्छा रहा है।

मैंने उस को पूरी तरह से अपना बना लिया था।

उसके होठों को मैंने बहुत अच्छे से चूसा।

क्यूट लड़की दानिया के साथ लव सेक्स के थोड़ी देर में मैंने कपड़े पहने।

उसने भी कपड़े पहने, फिर बतौर डॉक्टर मैंने कुछ दवाइयाँ दीं और विस्तृत जाँच के लिए अगले दिन अपने घरेलू क्लिनिक में जाने का सुझाव दिया। दनिया अगले दिन मुझसे मिलने की बात से उत्साहित लग रही थी।

तब मैं उससे विदा लेकर अपने अपार्टमेंट आ गया।

जारी रहेगी
 
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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

इस्तांबुल

भाग 18

नहाती हुई अरबी सुंदरी

उस रात मैंने मरहूम तुर्क के हरम की उन चार चुनी हुई सुंदरियों की जबरदस्त चुदाई कर उन्हें यह जानने का मौका दिया कि एक बूढ़े तुर्क की बाहों में लेटे रहना और एक युवा और जीवंत भारतीय द्वारा अच्छी तरह से चोदे जाने के बीच का क्या अंतर है, जो कीमती वीर्य और कामुकता से भरा हुआ है, जिसके लिए सभी महिलाएँ इतनी लालची होती हैं।

अब मैंने रात उन नई सुंदरियों का आनंद लेते हुए बिताई जिन्हें मैंने खरीदा था, इन चार के अतिरिक्त बाक़ी सभी सुन्दरिया कुंवारी थी और जिनके कुंवारी गुलाब की काली को सींग वाले बूढ़े लम्पट तुर्क ने नहीं तोड़ा था, जो उनके दिवंगत स्वामी थे। मैंने इन प्रत्येक कुंवारी के साथ अपने लंदन स्तिथ निर्मानाधीन हरम में पूरा समय दे उनके कौमार्य का पूरा आननद लेने का निश्चय किया।

अगले दिन सुबह मैं बगीचे में गया और मैंने वहाँ मनायरा को एक खुली खिड़की से फिर नंगी नहाते हुए देखा और मैं एक दिवार की ओट में छिप उसे नहाती हुई देखने लगा जबकि वह बेख़बर पूरी मस्ती से नहाए जा रही थी।

मनायरा बहुत खूबसूरत थी, उसका फिगर कमाल का था, रंग गोरा था, उसकी लंबाई लगभग 5' 5″ थी और लंबे रेशमी बाल थे। उसकी पतली कमर थी, उसके कूल्हों के मोड़ इतने कामुक थे कि आपको लगेगा जैसे कि उसे बनाने वाले ने संगमरमर से तराश कर बड़ी सावधानी से तराशा हो और उसके कूल्हों के मोड़, उसकी छाती की परिपूर्णता पूर्णता के विचार की याद दिलाती थी। जब वह अपने बाल ठीक कर रही थी, उन लंबी पतली भुजाओं के साथ, उसकी नाभि मेरे नंगी नज़र आ रही थी, चमकती त्वचा और लगभग मिल्क चॉकलेट जैसे क्रीम का रंग, जिसमें कोको का एक संकेत मिला हुआ था, लालिमा को आश्चर्यजनक रूप से संतुलित कर रहा था और मैंने अंदाज़ा लगाया कि उसके 34B साइज़ के गोल उभरे हुए स्तन थे।

मनायरा अपनी चूत और स्तन ख़ूब अच्छे से साफ़ कर रही थी और बीच-बीच में वह ऊपर की मुंडेर की तरफ़ देख रही थी । उसे अपने स्तनों से खेलते देख ऐसा लगा की जैसे वह अपनी दो गेंदो से खेल रही हो।

करीब दस मिनिट तक मैं उसको देखता रहा पर तभी उसने मेरी तरफ़ देखा और मुस्कुरा कर नहाने लगी ।

नहाने के बाद मैंने मनायरा को गीले बालों में, गीले तौलिये में लिपटी, अपने स्तनों के हिस्से को एक मोटे तौलिये से ढके हुए अपने कमरे की तरफ़ चली गयी ।

जब मैं इस तरह अपने सुंदरियो की बाहों में अपना समय व्यतीत कर रहा था, तो उस समय मेरा दुभाषिया एहसान मेरे पास आया और में मुझे बताया कि उसे अरब की सबसे सुंदर लड़कियों में से एक गरीब मैकेनिक के घर में मिली है और पूछताछ करने पर उसने किसी भी क़ीमत पर या किसी भी राशि के लिए उसे छोड़ने से इनकार कर दिया है, लेकिन उसने कहा कि अगर मैं उसे हासिल करने के लिए इच्छुक हूँ तो ये मुश्किल काम चुराने से संभव हो सकता है।

मैंने उसे एक बड़ी रक़म देने का वादा किया अगर वह उसे मेरे लिए हासिल कर ले और बिलाल से मिलने पर, मेरे एजेंट ने एहसान के साथ उसे लाने के सर्वोत्तम तरीके के बारे में उससे परामर्श किया।

वे रात को घर के आसपास ही रहने के लिए सहमत हो गए, जब तक कि वे बूढ़े आदमी को बाहर जाते हुए न देख लें और फिर, कुछ हिजड़ों की सहायता से, घर में घुसकर उसका मुंह बंद कर दें, उसे बाहर ले जाएँ और उसे एक गाडी में डालकर मेरे पास ले आएँ, जिसे मैंने स्वीकार कर लिया और वादा किया कि यदि वे ऐसा करने में सफल रहे तो उन्हें एक बड़ा इनाम दिया जाएगा।

वह रात मैंने उन नई सुंदरियों का आनंद लेते हुए बिताई जो मैं अपने साथ लंदन से लाया था और जो मेरे साथ इस यात्रा के दौरान जुडी थी ।

मेरी खुशकिस्मती से एहसान और बिलाल ने योजना बना कर ने उसी रात उस मेकैनिक को एक खराब कार ठीक करने के बहाने घर से बाहर भेज दिया और उसकी अनुपस्थिती में अंधेरे में वे उसे चुराने और मेरे पास लाने में सफल हो गए और जब मैं अपने एक प्यारी महबूबा याना की बाहों में लेटा हुआ था और मैंने उसी रात वे उसे ले जाने में सफल हो गए और मुझे सुखद आश्चर्य हुआ जब मैंने देखा कि मेरे दो मूक सेवक मेरे कमरे में अपनी बाहों में चुराया हुआ सुंदर पुरस्कार लेकर आए। मैंने उसे उनकी बाहों से बाहर निकाला और उसे एक बिस्तर पर बैठाकर, उसका चेहरा खोला और उसके मुंह पर बंधी पट्टी को निकाला।

मैंने पाया कि वह पीछे से देखने पर भी बहुत प्यारी लग रही थी और मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए ताकि मैं उसे पूरी तरह से नग्न देख सकूँ और उसके सभी छिपे हुए आकर्षणों को देख सकूँ।

ओह! क्या आकर्षण, क्या सुंदरता मेरी उग्र नज़र से मिली। मेरे उसे नग्न करने के प्रयास पर और जब मैं उसके नग्न आकर्षणो को महसूस कर रहा था और उसकी प्रशंसा कर रहा था, उसने भागने का प्रयास किया और मुझे उसे पकड़ने में मदद करने के लिए कई महिलाओं को बुलाना पड़ा, मैं उसका आनंद लेने की इच्छा से जल रहा था, मैंने उसके शरीर के हर हिस्से पर अपने उत्सुक चुंबन बरसाए। मैंने अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए। मैंने उसके स्तनों के गुलाबी निप्पल चूसे; उसकी योनि के होंठों ने अपने हिस्से से ज़्यादा प्राप्त किया।

मैं उसके अंदर अपना लिंग घुसाने ही वाला था, की मुझे याद आया की मैंने उन सभी को, जो अभी कुंवारी है और जिनका कौमार्य अक्षुण हैं, उन्हें लंदन लौटने तक सुरक्षित रखने का निश्चय कर लिया था, मैं उसके ऊपर से हट गया और एंजेला की बाहों में गिर गया और पूरी तरह से उसके अन्दर समा गया, ताकि मेरा वीर्य फ़र्श पर न फैल जाए।

जारी रहेगी

 

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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

इस्तांबुल

भाग 19

मुसीबत में अरबी सुंदरी

उस रात मैं अभी तक इस आनद के खोज की सफ़र के नतीजो का आंकलन करने लगा और मुझे संतुष्टि हुई की मैंने एंजेला की मदद कर उसकी समस्या का समाधान कर दिया था और फिर इस सफ़र का मकसद अपने लंदन स्तिथ निवास को महल की तरह सारी भव्यता से सुसज्जित कर और साथ में उन सभी सुंदर महिलाओं को हासिल करना था जो मेरी इच्छाओं को बहुत अधिक उत्तेजित करती थीं, मुझे इसके लिए जो भी करना होगा, मैं करूंगा चाहे इसके लिए मुझे अपनी प्रेयसियों को चुराना पड़े, खरीदना पड़े, हेराफेरी करनी पड़े, मांगना पड़े, प्रेमपूर्वक जीतना पड़े, अपनी पूरी ताकत लगा कर, उन्हें अपना कर उन्हें अपने महल में ले जाना चाहता था। मैंने अभी तक इस आननद की खोज में अपने साथ जितनी भी लड़किया और महिलाये जोड़ी थी उनके बारे में सोचने लगा।

मुझे एक-एक कर सब याद आने लगा की ये सफ़र मैंने केपरी, क्सान्द्रा, वेरोनिका, मोनिका, लूना, डॉ हेलन, डॉ एडी, अंजेला और ग्रेस के साथ शुरू किया था।

सबसे पहले मुझे बेल्जियम के उस बूढ़े मुखिया की आकर्षक, गुलाबी गालों वाली, जीवंत दिखने वाली लगभग बीस साल की युवा पत्नी मिकी, फिर नर्तकी (मर्लिन मुनरो) जैसी सुंदरी नोर्मा मिली फिर जिम की दोनों बेटिया एलिजबेथ जस्मिन और जिम की नव विवाहित पत्नी लेस्ली मिली, फिर मैंने किटी वेंडी फिर क्लब में "मिला" , "लैरी" एम्स्टर्डम की राजसी सुंदरी "जोराना" जर्मन दुल्हन "मीका" मीका की बहन "लिलिया" प्यारी बैंकर "फ्रिया" को अपनी बनाया और उसे अपने साथ आने के लिए मना लिया, फिर जर्मनी में हेल फायर क्लब में बेर्टा, , एल्दा, मैरी, फिर कैंडी ब्रिगिट इसाबेला और लीरा और जर्मन कार्ला के साथ मैंने मजे किये।

उसके बाद पोलैंड के सेक्स रिसोर्ट परिचारिका रोंडा, याना फिर पूलसाइड गेट-टुगेदर पार्टी में 6 लड़कियों के साथ समूह सेक्स, फिर कुंवारी पोला, उसकी बहन ओलिविआ, कैरोल, मरीना और अस्मा के साथ पोर्न फ़िल्म की शूटिंग की और पोला, उसकी बहन ओलिविआ का कौमार्य भंग किया।

फिर विमान परिचारिका स्वेतलाना, विश्वसुंदरीया याना और शाशा, शाशा की सहेली लैला, अलीजा के साथ सेक्स करने के बाद उन्हें ले इस्तांबुल के प्रेम की देवी के मंदिर में अंजेलिया को दीक्षा दे उसका प्रेम के आनन्दो से परिचय करवाया, फिर उबैद की मदद से फैरुजा के साथ छे: अन्य सुंदरियों की प्राप्ति की फिर थाई सुंदरी पाली यिंग, फिर अरबी सुंदरी मानयरा से तारुफ़ हुआ।

फिर उबैद की मदद से एक मरहूम बूढ़े तुर्क अधिकारी के हरम में से बीस कामुक और अगल-अगल तरह की पूरी विश्व की सुंदरियों में से अरबी, भारतीय महाद्वीप की सुन्दरिया, थाई, कारकासिआ, ग्रीस के द्वीपों से लाई गई नीली आँखों वाली, सुनहरे बाल वाली रुसी सुस्त सुंदरियाँ और कामुक जॉर्जियाई, लैटिन, अमरीकी, यूरोपियन, फ़्रांसिसी, जर्मन और ब्रिटिश सुन्दरिया और एक से बढ़ कर एक अन्य लड़कियों को चुना, जिनमें से एक अश्वेत सुंदरी भी चुनी।

फिर दानिया की डाक्टरी जांच और इलाज़ और फिर बूढ़े अरबी मकैनिक की बहन के आकर्षणों का निरीक्षण किया । लेकिन फिर भी मुझे मनायरा को हासिल करने का कोई तरीक़ा नहीं सुझा।

आखिरकार मैंने उबैद से मिल कर मनायरा के लिए सीधे बात करने का निश्चय किया । अगले दिन सुबह जब मैं उबैद से मिलने उसके घर की तरफ़ जा रहा था और मैं मनायरा के घर के आगे से निकल रहा था तब मैंने एक खिड़की से उसे नहाती हुई देखा और मेरा सारा रहा सहा संयम टूट गया और मैं दिवार कूद कर उसके घर में पहुँच गया । मेरे सामने मनायरा नग्न नहा रही थी और मैं उसे निहारने लगा ।

तभी वहाँ एक लड़का कहीं से आया और अगले ही क्षण मैंने इस असभ्य देहाती लड़के को मनायरा को भोजन कक्ष के एक कोने में रखे सोफ़े की ओर खींचते हुए देखा; जिस पर मनायरा ने प्रतिरोध किया, बचाओ! हे खुदा! कोई मेरी मदद करो! और इतनी ज़ोर से चिल्ला रही थी! कि मैं जो दरवाजे पर खड़ा उसे देख रहा था, मुश्किल से उसे सुन पा रहा था, " कृपया मुझे अकेली छोड़ दे । मैं आपकी नहीं हूँ। आप निश्चित रूप से मेरे जैसी के बेचारे शरीर के साथ अपने आप को अपमानित नहीं कर सकते । बचाओ! हे खुदा! कोई मेरी मदद करो! बचाओ!

श्रीमान, मेरे चाचा कभी भी घर आ सकते हैं । बचाओ! अगर उन्होंने आपको ये सब करते देख या सुन लिया तो आप बहुत बड़ी मुसीबत में आ जाएंगे । आपको ऐसे यहाँ, इस समय वास्तव में नहीं आना चाहिए । मैं चिल्लाऊँगी। बचाओ! "

जारी रहेगी

 

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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

इस्तांबुल

भाग 20


लौट चले


आखिरकार मैंने उबैद से मिल कर मनायरा के लिए सीधे बात करने का निश्चय किया । अगले दिन सुबह जब मैं उबैद से मिलने उसके घर की तरफ़ जा रहा था और मैं मनायरा के घर के आगे से निकल रहा था तब मैंने एक खिड़की से उसे नहाती हुई देखा और मेरा सारा रहा सहा संयम टूट गया और मैं दिवार फाड़ कर कूद कर उसके घर में पहुँच गया । मेरे सामने मनायरा नग्न नहा रही थी और मैं उसे निहारने लगा ।

तभी वहाँ एक लड़का कहीं से आया और अगले ही क्षण मैंने इस असभ्य देहाती लड़के को मनायरा को भोजन कक्ष के एक कोने में रखे सोफ़े की ओर खींचते हुए देखा; जिस पर मनायरा ने प्रतिरोध किया, बचाओ! हे खुदा! कोई मेरी मदद करो! और इतनी ज़ोर से चिल्ला रही थी! कि मैं जो दरवाजे पर खड़ा उसे देख सुन रहा था, मुश्किल से उसे सुन पा रहा था, " श्रीमान, कृपया मुझे अकेली छोड़ दे । मैं आपकी नहीं हूँ। आप निश्चित रूप से मेरे जैसी के बेचारे शरीर के साथ अपने आप को अपमानित नहीं कर सकते । बचाओ! हे खुदा! कोई मेरी मदद करो!

श्रीमान, मेरे चाचा कभी भी घर आ सकते हैं । अगर उन्होंने आपको ये सब करते देख या सुन लिया तो आप बहुत बड़ी मुसीबत में आ जाएंगे । आपको ऐसे यहाँ इस समय वास्तव में नहीं आना चाहिए । मैं चिल्लाऊँगी। " और उसने एक कपड़ा उठा कर ख़ुद को छिपाने और अपने अंगो को ढकने का प्रयास किया ।

इन सब बातों ने उस घुसपैठिये को-को सोफ़े तक लाने से नहीं रोका; बिना किसी शक्तिशाली हिंसा के, उस लड़के द्वारा दिया गए, धक्का देने से वह बहुत आसानी से गिर गई और उस बदमाश ने उसके स्तन और उसके आनंद के अंगो के गढ़ पर अपने हाथ बढ़ा लिए, इसके बाद मनायरा को लगा और उसने निस्संदेह यही सोचा कि अब अनुनय छोड़ने का समय आ गया है और आगे का सारा बचाव व्यर्थ होगा: और उस बदमाश ने उसके कपडे को छीना और उसके चेहरे की तरफ़ दूर फेंक दिया, जो अब लाल रंग की तरह लाल हो गया था। एक स्वस्थ दिखने वाली, सुडौल देहाती लड़की को नग्न देखकर मेरे अंदर अचानक वासना की लहर उठी जिससे ये सब देख मैं भी उत्तेजित हो गया और अपना लिंग सहलाने लगा क्योंकि मेरे स्वभाव में यह नहीं था कि मैं ऐसे पूरे गर्म दृश्य को देखने के लिए धैर्य रख पाता।

उसने उसकी एक जोड़ी मोटी, मोटी और सहनीय रूप से सफेद ठोस जांघें देखीं, उन्हें सहलाया, उन्हें चौड़ी किया और उसने उन्हें अपने कूल्हों के चारों ओर लपेटा और अपने लिंग को बाहर निकाला और अपने कड़े खींचे हुए हथियार को उस फटे हुए स्थान पर लगा दिया, जहाँ उसे पूरा प्रयास करने पर भी प्रवेश नहीं मिला । इस बीच मनायरा लगातार चिल्ला रही थी मुझे छोड़ दो, बचाऔ!

बस मैं भी तभी हरकत में आया और चिलाते हुए आगे बढ़ा, छोडो, दुष्ट छोडो उसे, लड़की से दूर हटो, वास्तव में मेरी आवाज़ सुन वह बदमाश तेजी से वहाँ से हटा और कुछ पैसे निकालकर उसे दे दिए, उसे एक अच्छी लड़की बनने और किसी से इस बारे में कुछ न कहने का आदेश देते हुए भाग गया और उसकी सभी हरकतों से पता चलता था कि वह काफ़ी हद तक आज़ाद था।

उसके भाग जाने के बाद, प्यारी मनायरा उठती है और आकर मेरे साथ चिपक जाती है, मैंने उसे ढाढ़ंद बंधाया और उसने अपने कपडे उठा कर अपने पेटीकोट को पहना और अपने बाक़ी कपड़े पहन कर और रूमाल और आबया को ठीक किया।

मैंने उससे पूछा क्या तुम उसे जानती हो कौन है वह?

मनायरा बोली-ये मेरे चचा के दोस्त का बेटा है और मुझे कई बार प्रेम प्रस्ताव दे चुका है ।

मैंने उससे पूछा क्या तुम उसे चाहती हो?

अगर मैं इस आदमी से प्यार करती तो ऐसे नहीं चिल्लाती और सुबुकने लगी ।

मैंने उसे प्यार से चुप करा कर शांत कराया, तब तक शोर सुन कुछ लोग और उबैद और उसके कुछ नौकर और नौकरानियाँ आ गए और उन्होंने पूरा मामला पता लगने पर मुझे धन्यवाद दिया ।

शाम को उबैद ने मुझे पांच और लड़कियाँ दीं, जिनमें दो क्यूबा से लाई गई थीं और एक ब्राजील एक वेनेजुएला और एक जापानी सुंदरी थी ।

अब मेरे पास पैसे लगभग ख़त्म हो चुके थे और मेरी छुटिया भी ख़त्म होने वाली थी । मैं घर जाने की तैयारी कर रहा था, तभी मनयारा मुझे धन्यवाद देने आई और मैंने उसके लिए अपना प्यार और लगाव व्यक्त किया और वह मेरे साथ आने के लिए तैयार हो गई. जब मैंने उसे सुंदरियों को पाने का अपना उद्देश्य बताया और उसने मुझे बताया कि उबैद की बेटी पूरे तुर्की की किसी भी महिला से अधिक सुंदर है और मैंने कुछ समय प्रतीक्षा करने और किसी न किसी तरह से उसे अपने कब्जे में लेने का निश्चय किया।

मेरे पास इतना पैसा नहीं बचा था कि मैं उसकी लालच को भड़काने के लिए पर्याप्त राशि देने के बारे में सोच सकूं, इसलिए मैंने उसे चुराने की पूरी व्यवस्था की, जिसके लिए मैंने उसे और लड़कियों की खज में दूर भेज दिया।

उसी दिन मुझे मनयारा घर के उस हिस्से के बारे में बताया जिसमें उबैद ने अपनी बेटी को मेरी नज़रों से दूर रखने की उम्मीद में बंद कर रखा था; और मैंने उसी रात अँधेरा होते ही उसे चुराने के लिए सब कुछ तैयार कर लिया।

मैंने अपना सारा सामान और लड़्कियों और महिलाओ को, हिजड़ों और मूक-बधिरों के साथ जहाज़ पर भेज दिया।

उस रात में इस काम में मनयारा ने एक योजना बनाई और दुभाषिए की सहायता से, जिसे मैंने इस काम में मेरी मदद करने के लिए काफ़ी पैसे दिए थे और मनयारा ने मेरी मदद की, मैं उबैद की बेटी शाज़ाना के कमरे में पहुँचने में सफल रहा, जिसे मैंने सोते हुए देखा। बिना किसी शोर के हमने उसका मुंह बंद कर दिया और उसे मेरे अन्य खजानों के साथ जहाज़ में पहुँचा दिया, फिर मनयारा के साथ हम जल्दी से जल्दी समुद्र की तरफ़ भागे; जब हमारा जहाज़ तुरंत बंदरगाह से बाहर निकला और जब तक हम एक बार भूमध्य सागर में नहीं पहुँच गए, तब तक मैंने ख़ुद को पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना।

जारी रहेगी
 

deeppreeti

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नव वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं।

यह नया वर्ष आपको ऐश्वर्य, धन समृद्धि, सौभाग्य प्रदान करे ऐसी कामना करता हूँ।
 

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Annual Story Contest - XForum
Hello everyone!
We are thrilled to present the annual story contest of XForum!
"The Ultimate Story Contest" (USC).

"Win cash prizes up to Rs 8500!"


Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 8000 words ke bich honi chahiye (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 25th March ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th April 2025 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.

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Winner 3500 ₹ + image Award + 7000 Likes + 30-day Sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 2000 ₹ + image1 Award + 5000 Likes + 15-day Sticky Thread (Stories)
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