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Incest मेरे अंतरंग हमसफ़र

deeppreeti

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मेरे अंतरंग हमसफ़र




परिचय

दोस्तों मैं दीपक कुमार, मेरे अंतरंग हमसफर मेरी सबसे पहली कहानी है और इसके पहल्रे 3 भाग आप पढ़ सकते हैं "अंतरंग हमसफर" के नाम से जो मेरे कॉलेज के दोस्त आमिर ने पोस्ट किये हैं .

आगे के सभी भाग आपको इस फोरम पर मिलेंगे और मेरी कोशिश है आप इसे काफी कामुक पाएंगे और आपको पढ़ कर मजा भी आएगा

मैं अठारह साल की उम्र तक पढ़ाई में ही डूबा रहाl मैं हमेशा पढ़ने लिखने में होशियार, एक मेधावी छात्र थाl उस समय तक पढाई में ही डूबे रहने के कारण मेरे कोई ख़ास दोस्त भी नहीं थे और मैं स्कूल में भी अपने अध्यापकों के ही साथ अपनी पढ़ाई में ही लगा रहता थाl

आपका

दीपक कुमार




मेरे अंतरंग हमसफ़र

INDEX

प्रथम अध्याय

सेक्स से मेरा परिचय और पहला सम्भोग
भाग 1 से
भाग 3
भाग 4
भाग 5 - रूबी के साथ सेक्स, उसके बाद समूह सेक्स-
भाग 6 - टीना के साथ सेक्स-
भाग 7 - साथियो की अदला बदली.

द्वितीय अध्याय
परिवार से मेलजोल

भाग 1/ भाग 2/भाग 3/भाग 4/भाग 5/भाग 6
भाग 7/भाग 8/भाग 9/भाग 10/भाग 11/भाग 12

भाग 13


तृतीय अध्याय
खूबसूरत युवा सहेलिया

भाग 1/
भाग 2/भाग 3/भाग 4/भाग 5/भाग 6
भाग 7/भाग 8/भाग 9/भाग 10/भाग 11/भाग 12
भाग 13/ भाग 14/भाग 15 भाग 16/भाग 17/भाग 18/ भाग 19
भाग 20

चतुर्थ अध्याय
लंदन जाने की तयारी


भाग 1 -
भाग 16/
भाग 17- भाग 21/भाग 22/भाग 23/भाग 24/
भाग 25-भाग 31/भाग 32/ भाग 33-भाग 41
/भाग 42/भाग 43/भाग 44/
भाग 45

पांचवा अध्याय
लंदन की हवाई यात्रा

भाग 1-
भाग 12/

छठा अध्याय

लंदन में पढ़ाई और मस्तिया


भाग 1- भाग 15
भाग 16-नियंत्रण
भाग 17-सुंदर और अध्भुत सम्भोग का आनंद
भाग 18- अध्भुत सम्भोग का आनंद और शक्ति का संचार
भाग 19-अरबपति की ट्रॉफी पत्नी
भाग 20-टिटियन प्रकार की लड़की !
भाग 21-लड़की या कोई हूर परी !
भाग 22-चार प्रेमिकाओ के साथ सामूहिक सम्भोग
भाग 23-कामुक पागलपन
भाग 24-कामुक आजाद ख्याल
भाग 25-कामुक दृश्यम

भाग 26-रात का आखिरी पहर
भाग 27 -सुबह-सुबह टहलना - कुछ- बहुत कुछ
भाग 28-सुबह-सुबह - बहुत कुछ
भाग 29-समारोह की प्रक्रिया
भाग 30-सेक्स और सुंदरता की उपासक पुजारिने
भाग 31- मैं ही क्योे


सातवा अध्याय

लंदन का प्यार का मंदिर





astra1


भाग 1 -काफिला
भाग 2/भाग 3/भाग 4/भाग 5/भाग 6/भाग 7/भाग 8
भाग 9/
भाग 10/भाग 11/
भाग 12/
भाग 13/
भाग 14 विशेष समारोह आरंभ-प्रारम्भकर्ता या माध्यम, पहलकर्ता
भाग 15 विशेष समारोह की मालिशकर्ता
भाग 16 महायाजक
भाग 17 महायाजक द्वारा सशक्तिकरण
भाग 18 पुजारिणो द्वारा सशक्तिकरण

भाग 19 सशक्तिकरण
भाग 20 दावत कक्ष
भाग 21 मार्टिनी ग्लास में लड़की
भाग 22 दावत का समय
भाग 23- भाग 55
भाग 56 - सुगंध
भाग 57 - सुंदर सम्भोग का आनंद
भाग 58 - सुंदर आनंद
भाग 59 - नयी राजकुमारी का प्रेम परिचय

भाग 60 - भाग 62
भाग 63- हवेली
भाग 64 - जनून
भाग 65 - स्टड
भाग 66 - आज्ञा
भाग 67 - पारिश्रमिक
भाग 68 - असर
भाग 69 - अनुष्ठान का अंत





आठवा अध्याय
हवेली नवनिर्माण


भाग 1 -
नवनिर्माण
भाग 2-भाग 45


नौवा अध्याय
डॉक्टरी की पढ़ाई

भाग 1 -भाग 45


दशम अध्याय
भाग 1-भाग 55

अंतरंग हमसफ़र भाग: INDEX
अंतरंग हमसफ़र भाग 001अंतरंग जीवन की पहली हमसफ़र रोज़ी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 002पहली हमसफ़र - शारीरक सुखो से मेरा पहला परिचय.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 003अंतरंग जीवन की पहली हमसफर रोज़ी के साथ पहले सम्भोग की कहानी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 004अंतरंग जीवन की पहली हमसफर रोज़ी के साथ मानसिक सेक्स.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 005रूबी के साथ संसर्ग, उसके बाद समूह सेक्स.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 006टीना एक नयी कुंवारी युवती के साथ तालाब में पहला संसर्ग.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 007साथियो की अदला बदली.Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 008सुन्दर युवती से मुलाकात.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 009फूफेरी बहन से प्रेम का इजहार.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 010रूबी और रोजी.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 011रूबी और रोजी.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 012रोजी, रूबी के साथ सेक्स.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 013जेन के साथ सेक्स.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 014जेन के साथ मुखमैथुन और सेक्स.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 015जेन के साथ सेक्सIncest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 016अलका की पहली चुदाईFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 017अलका की पहली चुदाईIncest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 018दूसरी फूफेरी बहन के साथ सम्भोग.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 019फूफेरी बहन के साथ सम्भोग से पहले चाटना चूमना.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 020कुंवारी फूफेरी बहन की धुआंधार चुदाई.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 021कमसिन फूफेरी बहनो की धुआंधार चुदाई.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 022नयी लड़किया और तालाब पर छुप कर मस्तियो के नज़ारे.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 023लड़कियों की तालाब पर मस्ती के मादक कामुक नज़ारे.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 024तुम ने पुकारा और हम चले आये- लड़कियों के साथ तालाब पर मस्ती.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 025नग्न सामूहिक कामुक खेल और मुख मैथुन.Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 026सौतेली बहने.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 027सौत बनी साथी.Loving Wives
अंतरंग हमसफ़र भाग 028बॉब की रुखसाना के लिए बेकरारी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 029सेक्स का आरंभिक ज्ञान.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 030चुदाई के नज़ारे.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 031प्यार का असली सबकErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 032कजिन के सहेली के साथ मेरे फूफेरे भाई की आशिक़ी.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 033रुखसाना की पहली चुदाईFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 034रुखसाना की चुदाई की कहानी जारी हैErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 035हुमा की पहली चुदाईFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 036दुल्हन की लाल रंग की पोशाक में खूबसूरत हुमा.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 037चुदाई से पहले की चूमा चाटी.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 038चिकनी संकरी और छोटी से चूत वाली हुमा की पहली चुदाई.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 039हुमा की पहली चुदाई.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 040हुमा की आनंदभरी चुदाई.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 041हुमा के साथ मस्तिया जारी हैं.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 042हुमा बहुत नाराज हो गयी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 043सेक्सी मेजबान की टांग में क्रैम्प.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 044सेक्सी मेजबान के साथ पहली बार संसर्ग.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 045मेजबान के साथ संसर्ग.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 046लिली की योनि में मेरे लंड का प्रथम प्रवेश.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 047लिली ने सम्भोग का नया तरीका सिखाया.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 048सरप्राइज़.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 049सोई हुई परम् सुंदरीErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 050परम् सुंदरी का प्रभाव.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 051वूमेन ऑन टॉप.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 052नकली गुस्सा असली प्यार.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 053भाग्यशाली.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 054लिली की बहन मिली से पहली मुलाकात और आलिंगन.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 055चलती कार में चुदाई.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 056सामने चुदाई करते हुए देखना.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 057तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 058तीन गर्म बहनो की चुदाई का क्रम.Incest/Taboo
अंतरंग हमसफ़र भाग 059मिली का सौंदर्य अवलोकन.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 060मिली की सहायिका सपना की ख़ूबसूरती.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 061सपना के नग्न सौंदर्य का निरीक्षण कर उसे सराहा.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 062हुमा का निरिक्षण.BDSM
अंतरंग हमसफ़र भाग 063हुमा को सजा.BDSM
अंतरंग हमसफ़र भाग 064मिली निकली उस्ताद.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 065मिली ने दिया पहला सेक्स ज्ञान.How To
अंतरंग हमसफ़र भाग 066लिली के साथ मजे.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 067लिली ने की लंड चुसाई.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 068घट कंचुकी.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 069एमी और तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 070हुमा ने की लंड चटाईErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 071अगले सत्र की तयारी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 072मैं तरोताजा महसूस कर रहा था.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 073ज्यादातर पशु किस आसन में सेक्स करते हैं.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 074चॉकलेट खाने का सही तरीका.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 075मिली खुद चुदी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 076चकाचक माल की दावत.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 077सपना का कौमार्य भंगFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 078पहली चुदाई के बाद का दुलार.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 079सपना चुपके से मेरे कमरे में मेरे पास आयी और मेरे से लिपट गयी.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 080वीसा साक्षात्कारRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 081पहली डेटRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 082सूर्यास्तRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 083चाँद की धीमी रोशनी, नदी में नाव में हमFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 084मुखमैथुन के नए पाठFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 085कुंवारी योनि का दुर्लभ अवलोकन.First Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 086कौमार्य भंगFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 087दोबारा करेंगे तो बेहतर लगेगाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 088मैं पूरी कोशिश करूँगाGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 089लंदन की हवाई यात्रा-1Romance
अंतरंग हमसफ़र भाग 090जहाज के सफर में मनोरंजनRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 091हवाई यात्रा में छोटा ब्रेकErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 092एयरलाइंस की वो परिचारिकाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 093एयरलाइंस परिचारिका के साथ कार मेंFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 094एयरलाइंस परिचारिका के साथ कार मेंFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 095एयरलाइंस परिचारिका का पहला अनुभवFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 096नायाब एयरलाइंस परिचारिकाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 097आगे का सफर नए साथी के साथRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 098नए साथी के साथ खेलErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 099हवाई यात्रा मे हस्तमैथुनToys & Masturbation
अंतरंग हमसफ़र भाग 100इन-फ्लाइट मनोरंजनExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 101लंदन में पढ़ाई और मस्तियो की शुरुआतExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 102लंदन का ख़ास पैराडाइस मनोरजन क्लबGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 103साथी का चयनFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 104भोजन, संगीत और प्रेम का इजहारRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 105प्रेम और मस्तियाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 106प्रेम आलिंगन और नृत्यGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 107सार्वजानिक और खुले तौर पर सम्भोगExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 108चुदाई के दौरान बिस्तर ने हवा उछाल दियाExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 109बिस्तर में लगे ताकतवार स्प्रिंगों का स्प्रिंगिंग एक्शनExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 110लंदन में पढ़ाई और मस्तिया कामुकता और ऐयाशीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 111लंदन में पढ़ाई और मस्तिया सामूहिक ऐयाशीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 112लंदन में पढ़ाई और मस्तिया, नफीसा का स्वागतGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 113सुंदरता, सेक्स की देवी की पुजारिन.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 114सेक्स की देवी की पुजारिन.Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 115लंदन में पढ़ाई और मस्तिया, पुजारिन के ख़ुशी के आंसू!Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 116लंदन में पढ़ाई और मस्तिया नियंत्रणMind Control
अंतरंग हमसफ़र भाग 117सुंदर और अध्भुत सम्भोग का आनंदCelebrities & Fan Fiction
अंतरंग हमसफ़र भाग 118अध्भुत सम्भोग का आनंद और शक्ति का संचार.Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 119लंदन में पढ़ाई और मस्तिया अरबपति की ट्रॉफी पत्नीGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 120लंदन में मस्तिया टिटियन प्रकार की लड़कीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 121लड़की या कोई हूर परी!Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 122चार प्रेमिकाओ के साथ सामूहिक सम्भोगExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 123लंदन में पढ़ाई और मस्तिया कामुक पागलपन .Exhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 124कामुक ख्यालGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 125लंदन में मस्तिया कामुक दृश्यमExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 126लंदन में मस्तिया और उस रात का आखिरी पहरGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 127सुबह-सुबह टहलना-कुछ-बहुत कुछExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 128सुबह-सुबह-बहुत कुछGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 129समारोह की प्रक्रियाHow To
अंतरंग हमसफ़र भाग 130सेक्स और सुंदरता की उपासक पुजारिनेExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 131मैं ही क्योे?Romance
अंतरंग हमसफ़र भाग 132काफिलाExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 133पुजारिन के उद्धारकर्ता की जयNon-English
अंतरंग हमसफ़र भाग 134प्यार का मंदिर प्रेम भरी प्राथनाRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 135स्नानागारErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 136शुद्धिकरण स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 137ऐयाशी - जब रात हैं ऐसी मतवाली तो फिर सुबह का आलम क्या होगा!Group Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 138जनाना स्नान्नगारLesbian Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 139प्यार की देवीNon-English
अंतरंग हमसफ़र भाग 140स्नान और सम्भोगGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 141सफाई और स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 142विशेष समारोह आरंभGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 143विशेष समारोह शुद्धिकरण दुग्ध स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 144विशेष समारोह - दुग्ध स्नानGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 145विशेष समारोह-प्रारम्भकर्ता या माध्यम, पहलकर्ताGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 146विशेष समारोह की मालिशकर्ताGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 147विशेष समारोह महायाजकGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 148महायाजक द्वारा सशक्तिकरणGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 149पुजारिणो द्वारा सशक्तिकरणGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 150सशक्तिकरणGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 151दावत कक्षGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 152मार्टिनी ग्लास में नर्तकीExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 153दावत - 13. मुख्य व्यंजन - 1. जूस, 2 फल. 3 स्नैक्स 4. सूपGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 154दावत - 13. मुख्य व्यंजन - 5. ऐपेटाइज़र, 6. सलादGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 155दावत - 13. मुख्य व्यंजन 6- सलादGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 156दावत - 13. 7 - तालू की सफाई के लिए वाइन. स्तन निरीक्षणErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 157दावत - 13. 8 मुख्य व्यंजनExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 158दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 8- मुख्य व्यंजनGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 159दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 9 शैंपेन से मुख शुद्धि -Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 160दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 10 अगली मुख्य डिशGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 161दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 10- एक बार फिरGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 162दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 -मजेदार आनद का अनुभवGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 163दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 - सामूहिक आनद का अनुभवGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 164दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन 11 - मजेदार अनुभवGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 165दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मजेदार मीठाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 166असुविधा को दूर करने का प्रयासFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 167दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मीठा त्यार हैFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 168दावत - 13 प्रकार के मुख्य व्यंजन -12- मीठा परोस दिया हैGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 169मालिशGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 170सैंडविच मालिशGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 171जुड़वाँ बहनो के साथ मालिश और सम्भोगGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 172बेकरार महायाजकFetish
अंतरंग हमसफ़र भाग 173समारोह की तयारीNonConsent/Reluctance
अंतरंग हमसफ़र भाग 174उद्घाटन समारोह शुरू करेंErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 175दाता को प्रेम, सेक्स और सम्भोग से सशक्त करनाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 176मुख्य पुजारिन की दीक्षाCelebrities & Fan Fiction
अंतरंग हमसफ़र भाग 177सेक्सी और खूबसूरत मुख्य पुजारिन की दीक्षाFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 178सेक्सी और खूबसूरत मुख्य पुजारिन की कामुकताFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 179सेक्सी अपना कौमार्य अर्पित कर दोErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 180मुख्य पुजारिन का कौमार्य भंगErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 181कौमार्य भंग करने के साथ प्रथम सम्भोगFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 182नयी मुख्य पुजारिन का प्रथम सम्भोगNon-English
अंतरंग हमसफ़र भाग 183शक्ति का स्थापनErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 184नई प्रधान महायाजकErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 185मंदिर में दीक्षा के दौरान माहौल का प्रभावExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 186सर्वदा तैयार, पुनःErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 187प्रथम गुदा प्रवेशAnal
अंतरंग हमसफ़र भाग 188लंदन का प्यार का मंदिर और कुंवारी की सुगंधErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 189प्रशिक्षु महायाजक पुजारिन के साथ सुंदर सम्भोग का आनंद.Erotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 190सुंदर आनंदFirst Time
अंतरंग हमसफ़र भाग 191नयी राजकुमारी का प्रेम परिचयNonConsent/Reluctance
अंतरंग हमसफ़र भाग 192राजकुमारी का प्रेमErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 193रसGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 194उपहारGroup Sex
अंतरंग हमसफ़र भाग 195हवेलीRomance
अंतरंग हमसफ़र भाग 196लंदन का मंदिर, महायाजक का प्यार का जनूनErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 197स्टडErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 198प्रेम की देवी की आज्ञा और हम सब पुजारिणो की ओर से उपहारErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 199पारिश्रमिक- रेशमी लबादे में लिपटी सुन्दरियाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 200सुंदर स्वागत योग्य रमणीय स्त्रीत्वErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 201अनुष्ठान का अंतExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 202आठवा अध्याय हवेली नवनिर्माणErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 203हवेली नवनिर्माण इंस्तांबुल टर्की हरम की यात्राExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 204टोपकापी पैलेस के हरम की योजना का विस्तारExhibitionist & Voyeur
अंतरंग हमसफ़र भाग 205उत्कृष्ट वासना का सत्रErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 206हाहाकारी चुदाई का एक उत्कृष्ट नमूनाErotic Couplings
अंतरंग हमसफ़र भाग 207विशेष सेविका कैपरीInterracial Love
अंतरंग हमसफ़र भाग 208चालाक संदेहInterracial Love
अंतरंग हमसफ़र भाग 209मेरे लिए इनामNovels and Novellas
अंतरंग हमसफ़र भाग 210फूफा या मामू का परिवारIncest/Taboo
 
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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

यूक्रैन-कीव

भाग 2


विश्वसुंदरी की सहेली

आह, मनमोहक साशा और एंजेला, उस रात तुम्हारी बांहों में रहते हुए मुझे कितना आनंद आया। तीन बार, मैंने अपनी उग्र वासनाओं से प्रेरित होकर, प्रेम के भंडार से आनंद की धारा द्वारा प्रचुर मात्रा में आपूर्ति किए गए अनमोल तरल पदार्थ की बाढ़ से अपनी दो महान प्रेमिकाओ की योनी को भिगोया।

सुबह मैंने ख़ुद को थोड़ा संभाला और अगली सुबह मैं इस्तांबुल जाने के लिए अपनी तैयारी पूरी करने के लिए पुरुष पोशाक पहने एंजेला के साथ इस्तांबुल के लिए निकलने के लिए त्यार हो साशा से मिलने के लिए एंजेला के साथ निकला, जिसे मैंने उस समय अकेली पाया।

उसे गले लगाने के बाद, मैंने एंजेला का उससे परिचय कराया और पूछा कि वह मेरे साथ मेरे महल में जाने के लिए कब तैयार होगी; उसने उत्तर दिया कि वह तैयार है, हम कभी भी चल सकते हैं।

फिर मैंने साशा से उसकी सहेली, प्यारी लैला की पूछताछ की। साशा ने मुझे बताया की वह उसे एक विवाह के लिए आमंत्रित करने आयी थी और उसने आपको भी आमंत्रित किया है ।

मैंने साशा से कहा कि लैला बहुत सुंदर है और मैं किसी न किसी तरह से उसकी दोस्त लैला को अपने वश में करने के लिए प्रतिबद्ध हो गया हूँ और उसे-उसे पाने में मेरी सहायता अवश्य करनी चाहिए और चूँकि मैं उसे हासिल करने का कई उपाय नहीं सोच पाया


इसलिए साशा ने प्रस्ताव दिया कि वह आज शाम शादी में समारोह के दौरान, सार्वजनिक पार्क में घूमने के लिए आमंत्रित कर उसे घूमने के लिए बाहर ले आयेगी और फिर एकांत स्थान पर मैं उनके पास आऊंगा, उसे गाड़ी से उतरूंगा और लैला और उसे गाडी से को बाहर निकाल टहलने के लिए आमंत्रित करूंगा, और फिर टहलने के दौरान मैं लैला के सिर पर एक शॉल डाल दूंगी, फिर हम उसे अपनी कार में बिठा, अपने किसी गुप्त गंतव्य के लिए चलेंगे।

मुझे ये प्रस्ताव ठीक लगा और साशा ने तदनुसार एक गाडी का प्रबंध किया जिसे शाशा ख़ुद चलाने वाली थी ।

हम शादी में जाने की तयारी कर रहे थे की वहाँ पर याना और स्वेतलाना भी आ गयी उनके साथ ग्रेस भी थी । याना एक पुरुष के वेश में थी । याना ने मेरे हाथों में तीन मिलियन से अधिक यूरो और कई मिलियन से भी अधिक बहुमूल्य गहने रखे। मैंने फ्रेया की मदद से याना का बैंक में नया खाता खुलवाया और याना की पूरी संपत्ति याना के खाते में जमा करवा दी । मैंने याना स्वेतलाना और ग्रेस को लैला से सम्बंधित हमारी पूरी योजना बताई और हम सबने उस पर चलने का फ़ैसला किया ।

हम विवाह में गए ये एक निकाह समारोह था जिसमे लैला के किसी चचेरे भाई का निकाह था । हमे लैला की एक झलक नज़र आयी उसने बहुत सुंदर पोषाक पहनी हुई थी जिसमे वह बहुत सुंदर लग रही थी । निकाह का फंकशन एक मैरिज हाल में था। ग्रेस ने मुझे एक लड़की का रूप दिया और याना मेरे रूप में और एंजेला लड़के फ्रेडी के रूप में थी, वहाँ हम डी जे के गानों पर ख़ूब नाचे, लड़की वालों के रिश्तेदार भी हमें ही देख रहे थे और मैं थोड़ी ही देर में लड़की वालो के परिवार में भी फ़ेमस हो गयी। सभी लड़कियाँ खूबसूरत लग रही थी वहाँ एक लड़की अलीजा जो दुल्हन की मौसेरी बहन थी लैला के बाद सबसे खूबसूरत और अलग लग रही थी, ये वहाँ के लड़कों की नजरें बता रही थी।

फिर लड़किया नाश्ता करने चली गयी। तो खाना खाते-खाते एलिजा ने लड़का बनी याना की तरफ़ इशारा करते हुए लैला से कहा-"यार, वह लड़का देख कितना क्यूट है, कब से तुझे देखे जा रहा है।"

लैला ने पहले उस पर ध्यान नहीं दिया था पर उसके कहने पर याना की तरफ़ ध्यान से देखा तो सच में उसे याना का पुरुष रूप बहुत स्वीट और हैंडसम लगा। । फिर करीब 5-10 सेकंड तक वह दोनों मुझे लगातार देखती रही। फिर जब अलीजा को लगा कि लैला याना के पुरुष रूप को लगातार देखे जा रही हैं उसने लैला को कोहनी मारी तो लैला शरमा के मुस्कुरा के नीचे देखने लगी। लैला ने अलीजा से कहा-लैला पता तो कर कि ये कौन है । मैं लड़की बना हुआ उनके पास ही खड़ा हुआ उनकी सब बाते सुन रहा था ।

अलीजा ने कहा-तुझे क्या करना है, सेटिंग करनी है क्या? लैला ने कहा-यार करा दे तो तेरा एहसान मानूँगी।

अलीजा ने कहा-चल देखते हैं, जब कोई रिश्तेदार न हो आसपास तब देखते हैं, अभी कुछ और खाते हैं।

फिर दोनों खाने चली गई, याना बना वह लड़का भी उनके आसपास ही घूमता रहा। अलीजा ने लैला से कहा-देख यार, यहीं घूम रहा है।

फिर अलीजा ने लैला से ज़ोर से कहा ताकि वह लड़का भी सुन सके-चल यार, बाथरूम चलते हैं। फिर वह दोनों बाथरूम चली गयी।

मैंने याना को इशारा किया वह भी लड़के के वेश में वाशरूम जाने का बहाना करके उनके पीछे-पीछे आ गयी।

अलीजा ने मज़ाक में गुस्से से उससे कहा-तुम हम दोनों का पीछा क्यूँ कर रहे हो, बताऊँ अभी भाई को? अभी हड्डी पसली एक कर देंगे। इससे लड़का बनी याना डर गयी और सॉरी बोल के वह से चली गयी।

उसके जाने के बाद वह दोनों ख़ूब हँसी. लैला बोली-अलीजा बेचारे को तुमने इतना क्यूँ डरा दिया?

अलीजा ने कहा-ओह हो बेचारा! यार मैं तो मज़ाक कर रही थी, मुझे क्या पता था कि वह सच में डर जाएगा। फिर लड़का बनी याना रुआंसी हो उन्हें बस दूर से ही देखती रही,

कुछ देर बाद अलीजा को उसपे बहुत तरस-सा आया कि 'यार इतना सीधा कौन होता है आज के ज़माने में!' फिर निकाह की रस्म शुरू हो गयी और सब बहुत खुश थे। सबने दूल्हा दुल्हन के साथ फोटो खिंचाई पर हमने नहीं खिंचाई, हम कैमरे से बचते रहे।

परिवार वाले शादी में बिजी थे पर हम लैला पर ही ध्यान दे रहे थे। थोड़ी देर में मेहमान भी खाना खाकर इधर उधर होने लगे थे, भीड़ कम-सी होने लगी थी। मौका-सा देख के अलीजा ने लड़का बनी याना को चुपके से मुस्कुरा के इशारा किया और मुड़ के बाथरूम की तरफ़ जाने लगी।

लैला को अलीजा वहीं पर छोड़ गयी थी। अब याना ने मुझे इशारा किया जैसे ही मैं बाथरूम से निकली तो मैं अपने पुरुष रूप में उसके सामने खड़ा था। मैं मुसकुराते हुए नीचे देखते हुए थोड़ा साइड में चली गयी और जब देखा कि कोई नहीं देख रहा तो उसे अपने पास बुलाया। वह आया तो मैंने बोला-सॉरी यार, मैंने तुम्हें डरा दिया, मैं मज़ाक कर रही थी। मैं बोला-सच में आपने तो मुझे डरा ही दिया।

एलिजा ने कहा-हम्म ... अब बताओ कि तुम मेरी बहन को क्यूँ देखे जा रहे हो?

मैंने बोला-सॉरी आपको ऐसा लगा ऑटो मैं माफ़ी चाहता हूँ, मैं उसे नहीं, आप को देखे जा रहा हूँ। सच बताऊँ तो मैंने आप जितनी खूबसूरत लड़की कहीं नहीं देखी, आप बहुत क्यूट और प्यारी लग रही हो इस ड्रेस में।

एलिजा ने कहा-थैंक यू!

मैंने बोला-क्या मैं आपका नाम जान सकता हूँ?

अलीजा ने कहा-मेरा नाम अलीजा है, मैं दूल्हे की मौसेरी बहन हूँ तुम्हारा नाम क्या है?

मैंने कहा-मेरा नाम राजा (नकली नाम) है, मैं दुल्हन दुल्हन की बहन की सहेली का भाई हूँ

उसने कहा-अच्छा, तुम्हारे बहन की दोस्त की अपनी शादी में बहुत सुंदर लग रही है ... और तुम भी काफ़ी हैंडसम लग रहे हो।

मैं मुस्कुराने लगा और बोला-आप भी बहुत खूबसूरत लग रही हो, तो क्या मुझे आप का नंबर मिल सकता है?

फिर उसने अपना नंबर दिया और कहा-अब चलो यहाँ से, वरना किसी ने देख लिया तो अभी हमारी भी शादी यहीं करवा दी जाएगी।

फिर वह लैला के पास वापस आ गयी और मज़ाक में बोली-सॉरी यार, वह मेरे पर फिदा है, तेरा पत्ता कट गया।

लैला बोली-हाय! ज़िन्दगी की राहों में रंजो ग़म के मेले हैं। भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं... तु रख ले उसे मेरी जान ... मैं दूसरा ढूँढ लूँगी।

जारी रहेगी


 
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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

यूक्रैन-कीव

भाग 3

यूक्रैनी दुल्हन की बहन


उसने कहा-अच्छा, तुम्हारे दोस्त की बहन अपनी शादी में बहुत सुंदर लग रही है ... और तुम भी काफ़ी हैंडसम लग रहे हो।

मैं मुस्कुराने लगा और बोला-आप भी बहुत खूबसूरत लग रही हो, तो क्या मुझे आप का नंबर मिल सकता है?

फिर उसने अपना नंबर दिया और कहा-अब चलो यहाँ से, वरना किसी ने देख लिया तो अभी हमारी भी शादी यहीं करवा दी जाएगी।

फिर वह लैला के पास वापस आ गयी और मज़ाक में बोली-सॉरी यार, वह मेरे पर फिदा है, तेरा पत्ता कट गया।

लैला बोली-हाय! ज़िन्दगी की राहों में रंजो ग़म के मेले हैं। भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं... तु रख ले उसे मेरी जान ... मैं दूसरा ढूँढ लूँगी।

हम दोनों की दोस्ती कुछ पलो में ही बढ़ गयी। मैंने पूछा-क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड है? तो उसने मना कर दिया।

फिर उसने पूछा-तुमने क्यूँ पूछा?

मैंने बोला-यक़ीन नहीं आता कि आप जितनी खूबसूरत लड़की को आज तक किसी ने प्रोपोज़ नहीं किया?

अलीजा ने कहा-किया तो बहुतों ने है ... पर मैंने ही मना कर दिया।

मैंने बोला-ओह ... मतलब मेरा कोई चान्स नहीं है।

उसने कहा-मैंने तुम्हें मना कब किया?

तभी दुल्हन के पापा उसके पास आए और, मैं वहाँ से हट गया, उसके पापा बोले-बेटा जाओ घर चले जाओ, वहाँ पर तुम्हारी बड़ी फूफी और खाला हैं घर पर अकेली रुकी हुई क्योंकि घर की रखवाली के लिए वे वहीं रुक गयी थी। जाओ, उन्हें ले आओ गाड़ी से! ये लो गाडी की चाबी और फिर तुम घर चली जाना अभी फंक्शन और खाने में तीन चार घंटे और लगेंगे। फिर बाद में बिदाई के समय आ जाना।

अलीजा ने पूछा क्या वह लैला को साथ ले जाए तब अलीजा के पापा ने कहा । वह दुल्हन के साथ कुछ तयारी कर रही है, उसकी और भी रस्म में ज़रूरत है । तुम सब संभल लो । मैं उनकी बातचीत सुन रहा था और समझ गया अभी लैला व्यस्त है हमे उसके लिए और इन्तजार करना होगा

मैंने मैसेज कर के ये सब याना, साशा और बाक़ी सब को बताया इस बीच अलीजा अपने एक चचेरे भाई के साथ अपनी फूफी और खाला को लेने चली गयी। दुल्हन के घर से 15 मिनट बाद ही वह उन्हें लेकर आ गयी और मुझे मैसेज किया-कार पार्किंग में आओ जल्दी से।

मैंने एंजेला को बताया-मैं थोड़ी देर के लिए जा रहा हूँ और मैं मौका देख के पार्किंग में पहुँच गया। अलीजा मुझे कार की चाबी देते हुईं आँख मार कर बोली-मुझे 2 घंटे के लिए घर जाना होगा, वहाँ कोई नहीं है।

मैंने पूछा-तो ये बोलने के लिए तुमने मुझे यहाँ बुलाया है, ये तो फ़ोन पर बता दिया था तुमने।

उसने बोला-नहीं मैं तो ये कह रही थी मुझे कार चलानी नहीं आती कि तुम मुझे घर ले चलो, फिर हम बहुत सारी बातें करेंगे। मैं यही चाह रही थी कि थोड़ा टाइम मिला जाये तुमसे आराम से बात करने को ... तो मैंने कहा-ठीक है और वह मेरे साथ गाड़ी में बैठ गयी।

हम दोनों दुल्हन के घर आ गए। घर की चाबी उसके पास थी, शादी की वज़ह से पूरा घर सजा हुआ था और बहुत खूबसूरत लग रहा था। हम दोनों अंदर गए और उसने बोला-घर लॉक कर देती हूँ अंदर से, यहाँ चोरों का डर रहता है।

मैं उसके पास गया और आँखों में आँखें डाल कर बोला-एलिजा जी, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, जब से तुम्हें देखा है, मैं तो तुम्हारा दीवाना हो गया हूँ, सिर्फ़ तुम्हारे बारे में ही सोच रहा हूँ, क्या तुम मेरी बनोगी?

वह सिर्फ़ मुस्कुरा दी!

मैंने कहा-आपकी इस मुस्कराहट का मतलब मैं हाँ समझूँ?

एलिजा ने कहा-हाँ इडियट हाँ। बुद्धू कहीं के! लड़की लड़के को घर में अकेला ऐसे बुलाती है तब इसका मतलब हाँ ही होता क्या, इतना भी नहीं जानते?

मैं उछल के ज़ोर से अलीजा के गले लग गया। जब हम गले लग के अलग हुए तो हम दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे और कभी मैं उसके पिंक होंठों को देखता कभी वह मेरे होंठों को।

मुझे यह समझने में ज़्यादा देर नहीं लगी कि अब वह किस करना चाहती है। मैं उसका सिर अपने हाथों में पकड़ा अपने होंठों को उसके होंठ के पास ले आया, उसने भी अपनी बांहें मेरे गले में डाल दी और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। हम दोनों की आँखें बंद हो गयी और हम दोनों उस लम्हे में डूब गए। अब किस से कब उस रोमांटिक पल से काम वासना की ओर चल दिये हमें पता ही नहीं चला। हम दोनों की किस और गहरी होती चली गयी और मैंने उसे धकेल के दीवार से सटा दिया और हम दोनों काफ़ी ज़ोर से एक दूसरे को किस कर रहे थे, हम दोनों एक दूसरे के होंठों की होंठों से रगड़ रहे थे, अब वह मेरे और मैं उसके होंठों को चूस रहा था। लगभग 10 मिनट के किस के बाद हम हटे, हम दोनों के दिल ज़ोरों से धड़क रहे थे।

मैंने पहल करते हुए अलीजा को अपनी बांहों में उठाया और बेडरूम में ले आया। वहाँ लाकर उसके खुले बालों में हाथ फिराने लगा और अपने हाथ उसके झुमके को छूते हुए कंधे पर लाकर उसकी ड्रेस की डोरी सरका के खोली फिर नीचे गिरा दी।

सररर से ड्रेस गिरी और अलीजा अब मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा पैंटी में खड़ी थी। उसकी सांसें तेज़ चल रही थी छाती ऊपर नीचे हो रही थी। मेरा ध्यान उसके बूब्स पर गया और मैं बड़ी ग़ौर से उसके क्लीवेज में से उसके उभार देख रहा था। मैं ग़ौर से उसकी ब्रा में फंसे उसके बूब्स को देख रहा था। उसने आँखों ही आँखों में हर चीज़ की अनुमति दे दी थी। मैं अपने हाथ उसके कंधे से सरकाता हुआ बूब्स पर ले आया हाथों में भर के प्यार से हल्का-हल्का दबाने लगा। धीरे-धीरे बूब्स कठोर होने लगे थे।

मैं उसकी कमर पर हाथ ले गया धीरे-धीरे अपना हाथ पूरी पीठ पर फिराने लगा, उसे इस प्यार भरे स्पर्श से बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैं पीछे गया और मैंने एक-एक कर के ब्रा की हुक खोलनी शुरू की और उसने अपने हाथ आगे कर दिये तो मैंने ब्रा आगे से खींच के उतार दी। उसकी ब्रा उसके पैरों में गिर गयी और वह ऊपर से उसके सामने पूरी नंगी हो गयी। मैं सामने शीशे में उसके गोरे और सख्त बूब्स को देख रहा था और उसकी नंगी पीठमेरी तरफ़ थी जिस पर मैं प्यार से हाथ फिरा रहा था।

हाथ फिरने से वह बहुत उत्तेजित हो रही थी और मुझे उस रोमांटिक पल में बहुत आनंद आ रहा था।

मैंने उसके बाएँ कंधे पर अपनी ठुड्डी रखी और उसकी कमर के चारों ओर अपने हाथ ले जा के पकड़ लिया और उसके आधे नंगे शरीर को शीशे में देखने लगा। फिर अपने हाथ उसके बूब्स पर रखे और प्यार से दबाने लगा और निप्पल को धीरे-धीरे प्यार से मसलने लगा।

अलीजा काम वासना में डूबी जा रही थी और अपने निचले होंठ को दाँतों से दबा के स्सस स्सश स्शस कर रही थी। कुछ देर ऐसे ही नंगे चूचे दबाने के बाद मैंने उसकी पैंटी पर हाथ ले जा के ऊपर से ही उसकी चूत को हल्के से भींच दिया। अलीजा ने ज़ोर की सिसकारी भरी और कसमसा गयी। फिर वह मेरी तरफ़ घूमी और मेरा कोट उतार के साइड में रख दिया। इतने में मैंने अपनी टाई उतार दी।

अलीजा ने मेरी चौड़ी छाती पर अपने हाथ फिराये और एक-एक कर के मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी। सारे बटन खोल के उसने मेरी शर्ट उसकी बाजुओं में से निकाल के पीछे फ़र्श पर गिरा दी। अब मैं भी पूरा जोश में आ चुका था। उसने मेरी पैंट में खड़ा लंड अपनी चूत पर सटा हुआ महसूस किया। मैंने उसकी कमर में हाथ डाल रखा था और कस के पकड़ा हुआ था। मेरे लंड का उभार और हलचल उसे अपनी चूत पर साफ़ महसूस हो रही थी। मैंने कहा-आगे बढे डियर?

तो मैंने अपनी पेण्ट को भी खोल दिया और वह वहीं गिर गयी। अब व मेरे सामने सिर्फ़ सफ़ेद पैंटी में खड़ी थी और मैं भी सिर्फ़ अपने अंडरवेअर में था। मैंने भी अपन दायाँ हाथ अपनी लंड पर फिराया। उसने अपनी उंगलियाँ से मेरा कच्छा भी उतार दिया। अब मेरा तना हुआ लंड उसके सामने था जो किसी साँप की तरह फुँकार मार के ऊपर नीचे हो रहा था।

जारी रहेगी
 
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मेरे अंतरंग हमसफ़र

402

दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

यूक्रैन-कीव

भाग 4


दुल्हन की बहन बनी महबूबा



अलीजा काम वासना में डूबी जा रही थी और अपने निचले होंठ को दाँतों से दबा के स्सस स्सश स्शस कर रही थी। कुछ देर ऐसे ही नंगे चूचे दबाने के बाद मैंने उसकी पैंटी पर हाथ ले जा के ऊपर से ही उसकी चूत को हल्के से भींच दिया। अलीजा ने ज़ोर की सिसकारी भरी और कसमसा गयी। फिर वह मेरी तरफ़ घूमी और मेरा कोट उतार के साइड में रख दिया। इतने में मैंने अपनी टाई उतार दी।

अलीजा ने मेरी चौड़ी छाती पर अपने हाथ फिराये और एक-एक कर के मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी। सारे बटन खोल के उसने मेरी शर्ट उसकी बाजुओं में से निकाल के पीछे फ़र्श पर गिरा दी। अब मैं भी पूरा जोश में आ चुका था। उसने मेरी पैंट में खड़ा लंड अपनी चूत पर सटा हुआ महसूस किया। मैंने उसकी कमर में हाथ डाल रखा था और कस के पकड़ा हुआ था। मेरे लंड का उभार और हलचल उसे अपनी चूत पर साफ़ महसूस हो रही थी। मैंने कहा-आगे बढे डियर?

तो मैंने अपनी पेण्ट को भी खोल दिया और वह वहीं गिर गयी। अब व मेरे सामने सिर्फ़ सफ़ेद पैंटी में खड़ी थी और मैं भी सिर्फ़ अपने अंडरवेअर में था। मैंने भी अपन दायाँ हाथ अपनी लंड पर फिराया। उसने अपनी उंगलियाँ से मेरा कच्छा भी उतार दिया। अब मेरा तना हुआ लंड उसके सामने था जो किसी साँप की तरह फुँकार मार के ऊपर नीचे हो रहा था।

मैंने उसे अपने हाथों में भरा प्यार से सहलाया। फिर उसे पीछे धकेल के बेड पर गिरा दिया और उसकी पैंटी उतार दी। कुँवारी चुत थी। मैंने उसकी टांगें चौड़ी की अपना मुँह चूत में देकर चाटने लगा। वह जोश और वासना के समुंदर में डूब चुकी थी और स्सस शस्सस स्सशस करके कामुक सिसकारियाँ ले रही थी ज़ोर-ज़ोर से। क्योंकि घर पर हम दोनों के अलावा कोई और नहीं था तो हम दोनों खुल के आवाज़ कर सकते थे।

ऐसे ही लगभग 2-3 मिनट चूत चाटने के बाद चूत गीली हो चुकी थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। उसने मेरा सिर अपने हाथों से पकड़ के निकाला और बोली-अब देर न करो और मुझे ऐसा प्यार करो कि मैं कभी न भूल पाऊँ। "

फिर मैं ऊपर आ गया, मेरे होंठों को किस कर के बोला-आई लव यू डियर अलीजा! उसने भी कहा-आई लव यू टू। अब लंड चोदने के लिए और वह मुझसे चुदने को तयार थी।

मैंने अपना बड़ा और मोटा लंड चूत पर सेट किया और धीरे-धीरे अंदर धकेलना शुरू किया। हालांकि उसकी चूत कुँवारी थी और मेरा लंड काफ़ी लंबा और मोटा था, तकरीबन 9 इंच का और 3 इंच मोटा। वह थोड़ा घबराई और कहा-काफ़ी बड़ा है तुम्हारा लंड ... मुझे डर-सा लग रहा है।

मैंने कहा-कोई बात नहीं, मैं प्यार से डालूँगा तुम्हें तकलीफ नहीं होने दूंगा।

उसने कहा-कोई बात नहीं, मैंने थोड़ी तकलीफ तो मैं बर्दाश्त कर लूँगी, तुम घुसाओ। मैंने लंड चूत पर रखा और रगड़ा फिर छेद पर लगा और हल्का-हल्का ज़ोर लगाने लगा, उसे हल्का-सा दर्द हो रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था। गर्म लंड गर्म चूत से रगड़ खा रहा था।

मेरा लंड पूरा कड़ा था और एक सेकंड में ही अपने विशाल आकार में कठोर चट्टान बन गया और अलीजा की चुत से निकले रस से चिकना किया। मैंने अपने दोनों हाथ उसके पैरों के नीचे रखे, उन्हें तब तक मोड़ा जब तक कि उसके घुटने उसके कंधों को छूने नहीं लगे और अपने मोटे लंड के बेहतर प्रवेश के लिए उसके टांगो को भी अलग कर दिया।

यह उसकी पहली चुदाई थी; वह बहुत घबरा रही थी।

फिर मैंने उसकी योनि के बाहरी होंठों को ऊँगली से अलग करते हुए अपने लंड का सुपारा उसकी योनि के प्रवेश द्वार पर रखा और एक हल्का-सा धक्का लगाया। मेरे लंड का सिर, उसकी योनी के होंठों को अलग करते हुए, उसकी योनि में प्रवेश कर गया।

उसकी योनी केवल उसकी अपनी पतली-पतली उंगलियों से ही परिचित थी, उसे इसमें संदेह था कि वह इतने बड़े लिंग को अपने अंदर समा सकेगी या नहीं। वह दर्द से कराह उठी। लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कह पाती या मेरा लंड बाहर निकाल पाती, मैंने पूरी ताकत से उसकी चूत में घुसेड़ते हुए एक जोरदार धक्का मारा और एक ही बार में मेरा आधा लंड उसकी योनि में घुस गया।

अलीजा ने एक दर्द भरी चीख निकाली, उसे लगा कि इससे उसकी हाइमन टूट गई है। फिर मैंने और अधिक ताकत से उसके अंदर धक्का दिया और इस बार उसकी योनिद्वार की झिल्ली टूट गई, मैंने उसका कौमार्य भंग कर दिया। अब, मेरा आधा लंड ही उसके अन्दर था और उसकी चूत से खून निकलने लगा था। वह रो रही थी।

मैंने उसे चूमा और मैंने प्यार भरे लहजे में पूछा, "अलीजा, आधा लंड ही अंदर गया है। अब तुम्हें कैसा लग रहा है? अगर तुम्हें दर्द हो रहा है तो क्या मैं इसे बाहर निकाल लूँ? तुम मेरी जान हो और मैं तुम्हारी मर्जी के बिना तुम्हें नहीं चोदूँगा या नहीं।" तुम्हें दर्द हो रहा है, कृपया बताओ तुम्हें लंड कैसा लग रहा है? "

वो दर्द से रोने लगी। मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसे सांत्वना दी कि यह ठीक है, पहली बार ऐसा होता है और उसकी चूत का खून पोंछ दिया। वह बेचैन थी। मैंने प्यार से उसके दोनों स्तनों को अपने हाथों में लिया और धीरे से दबाया, अपना मुँह उसके कोमल होंठों पर रख दिया और उसे जोश से चूमना शुरू कर दिया। साथ ही, मैं उसके स्तन दबा रहा था और अपने अंगूठे और उंगलियों से निपल्स को रगड़ रहा था।

इससे उसे कुछ राहत मिली। उसके दर्द को कम करने के कुछ क्षण बीतने के बाद, मैंने प्यार भरे स्वर में पूछा, "अलीजा, मुझे लगता है कि अब तुम कुंवारी नहीं हो क्योंकि तुम्हारी योनी का मार्ग अब मेरे लंड को समायोजित करने के लिए स्वतंत्र है। क्या अब मैं अपना लंड तुम्हारे अंदर डालु? यदि तुम्हें अब भी दर्द हो रहा है तो हम आज चुदाई बंद कर देंगे।" उसने सहमति में सिर हिलाया और मुझे भींच लिया।

ये कहते हुए मैंने फिर से उसके होंठों पर किस किया और अपना मोटा लंड धीरे से उसके अन्दर डाल दिया। अलीजा को थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था, लेकिन हर गुजरते सेकंड के साथ दर्द कम हो रहा था और चमत्कारिक रूप से कुछ सेकंड के बाद, दर्द चला गया, जबकि इस बीच मेरा विशाल लंड आधे से ज़्यादा अंदर जा चुका था।

उसे मेरे बड़े लंड से असीम आनंद मिल रहा था, इसलिए उसने शर्म से अपना चेहरा मेरी छाती में छिपा लिया और फुसफुसाई, "राजा, तुम्हारा लंड मेरे लिए बहुत बड़ा है। मैंने पहले कभी नहीं चुदाई की है और मुझे इतने बड़े लंड की आदत नहीं है।"

"तुमने मेरी योनी को उसकी सीमा तक फैला दिया है। तुम्हारा लंड मेरी योनी की अज्ञात गहराइयों तक पहुँच रहा है, मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरी योनी इतने विशाल आकार के लंड को झेलने के लिए इतनी एडजस्ट हो जाएगी। लेकिन अब आप केवल कुछ समय के लिए शांत रहें और मुझे अपने अंदर की इतनी बड़ी चीज़ के लिए समायोजित होने का मौका दें।"

मैं मुस्कुराया और उसे चूमता रहा और उसके मम्मे मसलता रहा, लेकिन अपना लंड नहीं हिलाया। 5 मिनट के भीतर, अलीजा को ठीक महसूस हो रहा था और उसने मुझे ज़ोर लगाने और चोदने का संकेत देने के लिए अपनी श्रोणि को ऊपर धकेलना शुरू कर दिया, लेकिन मुस्कुराते हुए मैं शांत रहा और उसकी आँखों में देखा और उससे पूछा, "अलीजा, अब कैसी हो? अब मुझे क्या करना चाहिए?"

अलीजा को पता था कि मैं उसकी स्थिति जानता हूँ, लेकिन मैं उसे छेड़ रहा था। तो, उसने मेरी छाती पर अपनी छोटी-छोटी मुट्ठियाँ बना के मुक्के मारे और फिर मुझे कसकर गले लगा लिया और फुसफुसाई, "राजा, अब सब ठीक है। अब तुम मुझे अपनी ताकत दिखाओ। मैं देखना चाहती हूँ कि तुम किस प्रकार की चुदाई कर सकते हो, राजा, अब मुझे अपनी पूरी ताकत से चोदो और मुझे एक असली मर्द के साथ चुदाई का एहसास कराओ, प्लीज़ अभी कुछ मत बोलो जल्दी करो, मुझे चोदो।"

यह मुझे उत्तेजित करने के लिए काफ़ी था। मैंने लंड की पूरी लंबाई के साथ पूरा निकाल कर आगे धकेल कर ज़ोर से उसे चोदना शुरू कर दिया। अलीजा ने अपनी टाँगें मेरी कमर पर लपेट लीं और मुझे कस कर गले लगा लिया।

फिर मैंने पूरा लंड एक बार में घुसा दिया और उसे धक्के से हल्का-सा झटका लगा। वह 'आआह ...' करके हल्के से चिल्लाई और उसकी आंखों में एक दो आँसू से आ गए तो मैं बोला-सॉरी सॉरी, तुम्हें दर्द हो रहा होगा न ... मैं अभी निकालता हूँ। उसने मेरी बाजुओ को पकड़ा और कहा-रहने दो, तुम धक्के मारना शुरू करो, मैं ठीक हूँ।

उसने मुझे होंठों पर ज़ोर से किस किया और मैंने हल्के-हल्के धक्के मारना शुरू किया। हमे मु मज़ा आने लगा और वह स्सस्स उम्म्ह... अहह... हय... याह... स्सस्सस आह-आह करके आवाज़ करने लगी। मैं भी उम्मह-उम्मह अम्महह उम्म करके धक्के मार रहा था। उसके बूब्स मेरे धक्कों से ऊपर नीचे हिल रहे थे और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। कमरे में हम दोनों की ज़ोर-ज़ोर की सिसकारियों की और जिस्म से जिस्म टकराने की पट्ट-पट्ट की हल्की-सी आवाज़ आ रही थी।

ऐसे ही मैंने उसे लगभग 7-8 मिनट तक प्यार से चोदता रहा और अलीजा मजे ले-ले के चुदती रही।

हम दोनों हाँफते हुए सांसें काबू करने लगे और आराम करने लगे। मैंने कहा-घर तो बहुत अच्छा है, अच्छा सजाया हुआ है। फिर मैं हंसने लगा तो उसने पूछा-क्या हुआ?

मैंने बोला-यार, ख़ुशी हो रही है तुम्हारे साथ ये पल बिता के! मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि इन कुछ घंटों में हम यहाँ तक पहुँच जाएंगे।

उसने कहा-हम्म ... अब देखो न ... शादी मेरी मौसेरी बहन की है और सुहागरात हम दोनों मना रहे हैं।

"कितना टाइम है अभी हमारे पास?" मैंने पूछा।

उसने घड़ी देखी और कहा-अभी एक डेढ़ घंटा है।

मैंने कहा-तो देर नहीं करनी चाहिए, चलो शुरू करते हैं। मैंने लंड बाहर निकाल कर हाथ में पकड़ के चूत पर रगड़ा फिर उसे गोदी में बिठा लिया फिर लंड अंदर घुसाया और उसे चूमने लगा, अलीजा मुझे चूमते हुए लंड पर बैठ के कूदने लगी। मेरे मुँह से 'आह उम्म्ह आह-आह ...' की आवाज़ निकलने लगी ज़ोर-ज़ोर से।

सांस फूलने की वज़ह से अलीजा थकने लगी 'हूह हूह हुहह हूहह ...' की आवाज़ भी आ रही थी। " राजा! मैं थक गयी । पर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैं भी हम्म-हम्म हम्म कर आवाज़ कर रहा था, कूदते हुए अलीजा के बूब्स ज़ोर-ज़ोर से ऊपर नीचे हिल रहे थे और मैं उन्हें हाथ से दबा रहा था।

करीब ऐसे ही 4-5 मिनट तक अलीजा मेरे लंड पर बैठ के चुदती रही और फिर थक कर उसके साइड में गिर गयी। हम दोनों सांसें भरने लगे और अलीजा मेरी आँखों में देखते हुए मेरा लंड सहला रही थी, जिससे लंड बिलकुल कड़ा था।

उसने कहा-मुझे नहीं पता था कि तुम में इतनी देर तक चोदने की ताकत है। उसने कहा-अरे रानी, आपको धीरे-धीरे पता चलेगा मेरी क्षमता के बारे में। चलो अब जल्दी से घोड़ी बन जाओ! अलीजा मुस्कुरा के बेड पर घोड़ी बन गयी और शीशे की तरफ़ मुँह कर लिया।

मैंने पूछा-शीशे में क्या देखोगी जो इस तरफ़ मुंह कर लिया?

अलीजा-अपने को चुदती हुई देखूँगी, तुम लंड डालो ना।

मैं हंसा और एक बार में पूरा लंड घुसा के अंदर तक दबा दिया और रुक गया।

उसने आहह भरी और कहा-क्या हुआ, रुक क्यूँ गए? धक्के नहीं मारोगे तो कैसे चलेगा।

मैंने फिर भी धक्के मारना शुरू नहीं किया अलीजा बोली-क्या हुआ, रुक क्यूँ गए? मैं कुछ नहीं बोला टी अलीजा ने कहा प्लीज मुझे बताओ तुम क्या चाहते हो?

मैंने अलिजा से कहा कि वास्तव में मैं उसकी दोस्त लैला को किसी न किसी तरह से अपने वश में करने के लिए कृतसंकल्प हूँ और उसे-उसे पाने में उसे मेरी सहायता करनी होगी!

अब अलीजा इतनी ज़्यादा कामुक थी की वह बोली मैं सब करुँगी पर तुम मत रुको । तुम जो भी कहोगे मैं वह सब करुँगी पर प्लीज अब रुकना मत । को, प्लीज करो!

मैं फिर से पट्ट-पट्ट धक्के मारने लगा। उसके मुँह से 'आह आह-आह हम्म म्म्ह्ह उम्म ...' की आवाजें निकालने लगी। उसका पूरा शरीर, बूब्स, बाल, झुमके सब कुछ धक्कों से हिलने लगे।

मैं शीशे में हैरानी से उसे देखने लगा तो उसने पूछा-ऐसे क्या देख रहे हो? मैंने कहा-यार, तुम्हारा जिस्म कितना खूबसूरत है, आधे से ज़्यादा जोश तो मुझे शीशे में तुम्हारे हिलते बाल और बूब्स देख के ही मिल रहा है।

अलीजा ने कहा-जोश मिल रहा है ना ... तो स्पीड बढ़ाओ और तेज़।

मैंने और स्पीड बढ़ा दी और वह ज़ोर-ज़ोर से बिना डरे 'आआआ आआह आह अः आहह ...' चिल्लाने लगी और मैं भी हम्म-हम्म हम्म ... करके पट्ट-पट्ट करके धक्के मार रहा था।

इसी पोजिशन में 8-10 मिनट तक चुदवाने के बाद अलीजा अपने चरम सुख की ओर चल दी थी, उसे पूरे शरीर में सुरसुरी-सी होने लगी और आनंद से भर गयी, पूरे शरीर में झनझननाहट-सी होने लगी तो उसने कहा-करो और तेज़ और तेज़ और तेज़ आह उम्म्ह... अहह... हय... याह... अह आ आ... आ... आ... आ... आ आआ आआहहह... कर के ज़ोर से चिल्ला के वहीं फच्च-फच्च फच्च के साथ झड़ गयी।

मेरा लंड उसकी चूत के अंदर ही फंसा था मैंने लंड निकाल उसे पीठ के बल लिटाया और उसने टाँगें सीधी कर ली। मैंने उसकी गीली चूत में अपना लंड डाला और ऊपर आ के धक्के मारने लगा ज़ोर-ज़ोर से!

हालांकि अलीजा झड़ चुकी थी पर फिर भी मेरा पूरा साथ अपनी चूतड़ उठा कर दे रही थी और आह-आह आह हह-हह कर रही थी। लगभग 2-3 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ज़ोर की आहहह के साथ 4-5 झटके ले के झड़ गया और उसकी रे बगल में आ के गिर गया और हाँफने लगा।

हम दोनों हाँफ रहे थे और एक दूसरे को देख रहे थे। उसकी चूत से हमारा मिलाजुला पानी बह रहा था और उसके पेट पर वीर्य की बूंदें भी पड़ी हुई थी। मेरा लंड भी मेरे वीर्य पानी और उसके रस से सना हुआ था। हम दोनों संतुष्ट हो चुके थे और मुस्कुरा रहे थे। जब हम दोनों नॉर्मल हो गए तब तक रात काफ़ी हो चुकी थी,

उसने कहा-अब हमे चलना चाहिए और जल्दी से कपड़े पहन लो।

हमने ख़ुद के शरीर को बाथरूम में जाकर साफ़ किया और पानी से पौंछ के कपड़े पहनने लगे। मैंने बेड की गीली और खून के धबबे से ख़राब हो चुकी चादर बदल दी और उसपे जान बूझ कर टमाटर की लाल चटनी गिरा दी ताकि किसी को शक न हो और उस चादर को गंदे कपड़ों के साथ वॉशिंग मशीन में डाल आया।

फिर हम दोनों ने घर लॉक किया और गाड़ी में अमीने उसे लैला को हासिल करने की अपनी योजना बताइ। मैरिज हाल में पहुँच आ सबकी नज़र बचा के अलीजा लैला के पास अंदर चली गयी और मैंने अपनी साथिनों क त्यार रहने का इशारा किया ।


जारी रहेगी
 
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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

यूक्रैन-कीव

भाग 5

लैला मजनू

फिर हम दोनों ने घर लॉक किया और गाड़ी में मैंने उसे लैला को हासिल करने की अपनी योजना बताइ। मैरिज हाल में पहुँच सबकी नज़र बचा के अलीजा लैला के पास अंदर चली गयी और मैंने अपनी साथिनों को त्यार रहने का इशारा किया।

लैला वहीं स्टेज के पास कुर्सी पर बैठी ऊंघ रही थी। निकाह समारोह में अब थोड़े से ही मेहमान बचे थे,। सब दुल्हन की बिदाई की तयारी में व्यस्त थे। लैला अलीजा को देख उठ बैठी? लैला ने अलीजा से कहा-सच बता चुदवा के आई है न?

एलिज़ा ने कहा-नहीं तो, पागल है क्या? ऐसे ही बात करने गयी थी।

लैला ने बोला-तू मुझे बेवकूफ नहीं बना सकती अभी नहीं बता रही तो बाद में बताएगी।

चल एक तरफ़ सारी बात बताती हूँ उससे मिलवाती हूँ।

उसने मुझे फ़ोन पर सन्देश दिया मैं गेट के बाहर लैला को लेकर आ रही हूँ तुम भी मौका देख के पीछे-पीछे आ जाओ। मैं गेट के पास पहुँच छुप के खड़ा हो गया और उन्हें देखने लगा। फिर मैं गाडी जंगल की तरफ़ ले गया और एक सुनसान जगह पर अपनी गाडी रोक दी । उधर अलीजा ने लैला को गाडी में बिठाया और गाडी बाहर की पास के जंगल की तरफ़ चल दी । हम घूम के मैरिज हाल की दीवार के पीछे आ गए, वहाँ बिल्कुल सुनसान था, पीछे दूर-दूर तक सिर्फ़ जंगल ही था क्योंकि मैरीज हाल शहर से थोड़ा हट के था। हालांकि दीवारों पर मैरिज हाल की लाइट जल रही थी पर बाक़ी जगह सिर्फ़ सिर्फ चाँद की चाँदनी ही थी।

कुछ दूर जंगल की तरफ़ जाने के बाद मेरी गाडी खड़ी देख उस एकांत जगह पर उसने अपनी गाडी रोक दी। मैं गाडी से बाहर निकला तब मुझे देख अलीजा भी गाडी से बाहर निकली, मैंने उसको गले लगाया और हम कुछ देर गले लगे रहे। मैं उसे और वह मुझे छोड़ने को ही तैयार नहीं थी। मैंने उसे चूमा तब उसने कहा-छोड़ो भी अब!

मैंने कहा-रुको, जी भर के गले तो लगने दो।

उसने कहा-कोई देख लेगा तो बखेड़ा हो जाएगा ... छोड़ो मुझे!

मैंने कहा यहाँ कोई नहीं है।

मैंने कहा-यहाँ तो कोई नहीं है, कोई नहीं देखेगा यहाँ तो जी भर के गले लग सकता हूँ न। उसने मुस्कुरा के कहा-अच्छा! और हम दोनों एकदम टाइट होकर गले लग गए। मुझे उसकी बांहों की गर्मी में बहुत सुकून मिल रहा था, वह ख़ुद भी मुझे नहीं छोड़ना नहीं चाह रही थी। मैंने उसे कहा-एक किस नहीं दोगी? मैंने मुस्कुरा के उसको देखा तो गले लगे-लगे ही उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये और हम गहरी किस करने लगे। मैं उसके हाथ अपनी कमर पर फिरते हुए महसूस कर रहा था। मेरा लंड फिर से टाइट होने लगा था जो उसे हम दोनों के आपस में चिपके होने के कारण महसूस हो रहा था।

फिर उसने कहा-अब छोड़ो भी ... तुम्हारा इरादा क्या है? मैंने अपना हाथ उसकी ड्रेस के ऊपर से रख के उसकी चूत को भींच दिया तो वह कसमसा गयी। मैं बोला-ये है अब मेरा इरादा। अलीजा आंखें बंद कर के सिसकारियाँ लेने लगी। मैंने उसे कहा-ऐसे आंखें बंद कर के सिसकारियाँ लेते हुए तुम बहुत प्यारी और सेक्सी लगती हो। वह मुस्कुरा दी और अपने हाथों से मेरा चेहरा पकड़ के होंठों को किस करने लगी। हम दोनों ही गर्म हो चुके थे और पूरे जोश में थे। मैं उसे बूब्स दबाने लगा तब वह मुझे रोक कर बोली-अरे राजा रुको, यहाँ कोइ है चलो तुम्हे उससे मिलवाती हूँ ।

वो गाडी की तरफ़ गयी और दरवाज़ा खोल उसने लैला को उतारा और मुझ से मिलवाया मैं उसे देखता ही रह गया ।

उसका रूप सुंदरता को परिभाषित करता था, हे भगवान, कोई भी पूरे दिन बिना पलक झपकाए उसके चेहरे को देख सकता था।

उसका पतला शरीर और सुडौल शरीर था। उसकी आकृति सुतली जैसी पतली और सुडौल थी, उसकी लंबाई 5' 6" थी। उसने अपनी नाभि के ठीक नीचे एक गुलाबी रंग की स्कर्ट पहनी थी। उसका पेट सपाट था और उसकी नाभि बहुत आकर्षक थी। उसकी बाहें बहुत चिकनी और संगमरमर की तरह सफेद थीं उसकी कलाइयाँ कांच और सोने की चूड़ियों से ढकी हुई थीं वह दूध की तरह सफेद थी, उसका अंडाकार चेहरा था। उसके कूल्हों तक फैले हुए भूरे, लंबे बालों को देखना सुखद था, मैं पूरी तरह से मंत्रमुग्ध था क्योंकि यह पहली बार था, वह उसे इतने करीब से देख रहा था। उसकी स्त्री सुगंध मेरे नासिका छिद्रों से होते हुए मेरे पूरे शरीर में गहराई से समा गयी, मैं नशे में था।

उसकी लंबी पलकों के साथ चौड़ी आंखें थीं। उसकी भौहें पतली और सुडौल थीं जो निश्चित रूप से उसके सुंदर चमकदार माथे से मेल खाती थीं। उसकी बाँस के पत्तों के आकार की बड़ी-बड़ी सुंदर और वाक्पटु आँखें थीं, जो थोड़ी ऊपर की ओर झुकी हुई थीं। कौन आदमी उन गहरी नीली भव्य आँखों को देखना पसंद नहीं करेगा? उसकी मोहक, नक्षत्र-जैसी नीली आँखें उसकी तीखी नाक, बायीं ओर एक नथ और फूले हुए, दिल के आकार के केसरिया होंठों से मुझे घूर रही थीं।

उसके डीप कट टॉप से उसके मध्यम आकार के लेकिन सख्त स्तन और ढीले-ढाले ब्रा से उसके पतले टॉप में दिख रहे निपल्स झलक रहे थे। उसका सुडौल शरीर था और उसके स्तन "साइड सेट" (बीच में गैप) थे, उनका आकार 34 था। उसकी कमर पतली थी, उसके नितम्ब 36" चौड़े लग रहे थे और उसकी टाँगे लम्बी, चिकनी सफेद, दूधिया, पिलपिली, मांसल और सुडौल जांघें और नितंब उसके पारदर्शी गुलाबी रंग की स्कर्ट से दिखाई दे रहे थे। उसकी पिंडलियाँ बड़ी थीं और उसके सफ़ेद पैर मेहंदी से ढके हुए थे।

मुझे ऐसे बूत बने देख अलीजा बोली लैला ये राजा तो असल में मजनू निकला, ये तेरा दीवाना है, देख कैसे बूत बना तुझे देख रहा है ये तुझे बहुत चाहता है और अपने साथ अपने साथ ले जाके तुझे अपनी रानी बनाना चाहता है।

अब मुझे जैसे होश आया और मैंने लैला से कहा आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो । मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ । आप मेरे साथ चलो ।

मैंने उसे उसके प्रति अपने अजेय प्रेम के बारे में बताया, उन भावनाओं के बारे में बताया जो पहली बार मेरे दिल में उसके प्रति जगी थीं जब मैंने उसे साशा के घर पर देखा था और फिर मैंने उसे महल में ले जाने का दृढ़ संकल्प किया। मैंने कैसे ये ठान लिया था कि किसी और के पास इतनी सुंदरता नहीं होनी चाहिए, न ही ऐसे आकर्षण में आनंदित होना चाहिए जैसा कि उसके पास था।

जब मैंने उसे अपने ये विचार बताए और अपने बारे में और भी बताया तो उसने प्रस्तावित व्यवस्था के लिए अपनी सहमति दे दी।

फिर सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा बिलकुल नहीं हुआ जैसा मैंने व्यवस्थित किया था।

लैला ने मेरा निमंत्रण स्वीकार कर लिया। हम उसकी गाडी को पार्क करने गए, फिर लैला सबसे पहले आगे बढ़ी और मेरी गाडी का दरवाज़ा खोल दिया फिर उसने अलीजा के सिर पर एक बड़ा शॉल फेंक दिया और कोनों को उसकी गर्दन के चारों ओर बंद कर दिया, ताकि उसकी आवाज़ बाहर न सूना जा सके। मैंने पूछा ये क्या कर रही हो? तब लैला बोली हमे इसे भी साथ ले जाना पड़ेगा क्योंकि इसे हमारी पूरी योजना पता है, हम इसे यहाँ नहीं छोड़ सके फिर उसे अपनी बाहों में पकड़ लिया और हम उसे अपनी विशेष गाडी में ले गए, उसके पीछे लैला, साशा, याना स्वेतलाना और अंजेला तुरंत अंदर आ गयी और मैं उन सभी के उसके साथ फुल गति से उस विशेष गाडी को चला कर ओडेसा के समुद्र तात की तरफ़ ले गया।

हम अपने साथ उस विशेष तेज गति से चलने वाले वाहन में सभी खाद्य पदार्थ, फल और जलपान ले गए थे। बिना रुके लगभग 5 घंटे सड़क मार्ग से यात्रा कर रात में ही हम ओडेस के समुद्र तट पर पहुँचकर, मैं अपने साथियों के साथ अपने जहाज़ में गया जो हमारे लिए इन्तजार कर रहा था जिसमे हमारे लिए तैयार किए गए एक बड़े कमरे में हम सबने आराम किया।

हमारे रे आगमन के तुरंत बाद रात का खाना परोसा गया। सभी परिचारकों को बर्खास्त करते हुए, मैंने दरवाजे में चाबी घुमा दी और जब से मैंने उसे अपनी गाड़ी में जबरदस्ती बिठाया था, उसके बाद मैंने पहली बार लैला और अलीजा से बात की।

मैंने उसे उसके प्रति अपने अजेय प्रेम के बारे में बताया, उन भावनाओं के बारे में बताया जो पहली बार साशा के घर पर उसे देखने पर मेरे दिल में उसके प्रति जागृत हुई थीं और मैं उसे कितना ा पसंद करता हूँ और उसका मेरे साथ आने के लिए उसका धन्यवाद दिया और उसे अब आनंदित होना चाहिए।

मैंने उससे कहा कि मेरा इरादा मेरे लंदन स्तिथ निवास को महल की तरह सारी भव्यता से सुसज्जित करना है और वास्तव में, साथ-साथ उन सभी सुंदर महिलाओं को हासिल करना है जो मेरी इच्छाओं को बहुत अधिक उत्तेजित करती थीं, मुझे इसके लिए जो भी करना होगा व मैं करूंगा मुझे उसे अपनाना है और अपने महल में ले जाना है।

मैंने लैला के सामने भविष्य की अपनी योजनाएँ खोल दीं। मैंने उसे बताया कि मैंने पुराने महल को कैसे और किस उद्देश्य से सुसज्जित किया है और उसे बताया कि उसे वहाँ विश्वसुंदरी साशा मिलेगी, जो उसकी पुरानी सहेली है और अन्य सुंदरियों के साथ याना और एंजेला भी वहीँ मेरे साथ रहेगी जो स्वेच्छा से मेरे साथ आई हैं। मैंने उसे याना से मिलवाया, उसके बारे में बताया और, कैसे मैंने उस पर विजय प्राप्त की और उसने अपने भाग्य को मेरे भाग्य से जोड़ा और कैसे वह मेरे पीछे यूक्रेन तक चली गई।

मैंने भावी विलासता पूर्ण आराम और आनंद के जीवन पर कुछ विस्तार से चर्चा की, जिसका हमें अपने महल में आननद लेना है जिसमे संभोग की सभी अनियंत्रित स्वतंत्रता में मेरे साथ रहने की अनंत खुशियों और परमानंदों पर विस्तार से बताया।

लैला अपने परिवार से इस तरह अलग होने पर दुखी और उदास थी । साशा और अंजेला ने भी उससे मेरे साथ बिताये आनंदपूर्ण जीवन के बारे में बात की, उसे एक आदमी की बाहों में लेटने और अच्छी तरह से चुदाई करने की चरम विलासिता का वर्णन किया; और अनुनय-विनय की अपनी सारी शक्तियों का उपयोग करके उसे मेरे और उनके साथ शांतिपूर्वक महल में जाने के लिए प्रेरित किया।

लैला, पहले बहुत उदास रहने के कारण, न तो खाना खा रही थी और न ही हममें से किसी से ज़्यादा बात कर रही थी, साशा और एंजेला से बात करने के बाद कुछ हद तक शांत हो गई, जिससे उसने रात का खाना खाया और मेरी दो प्रेमिकाओ द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए।

रात्रि भोजन समाप्त होने के बाद मैंने शराब मंगवाई और जब हम बैठे बातें कर रहे थे और शराब पी रहे थे तो मैंने इस बात का ख़्याल रखा कि बातचीत मुख्य रूप से केवल एक ही विषय पर हो-प्यार और उसके प्राकृतिक परिणाम, दो लिंगों का संभोग। मैंने कहा मैं उसके प्यार में मजनू बन गया हूँ।


जारी रहेगी
 
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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा
यूक्रैन - कीव

भाग 6


मजनू की लैला के नज़ारे

लैला, पहले बहुत उदास रहने के कारण, न तो खाना खा रही थी और न ही हममें से किसी से ज्यादा बात कर रही थी, साशा और एंजेला से बात करने के बाद कुछ हद तक शांत हो गई, जिससे उसने रात का खाना खाया और मेरी दो प्रेमिकाओ द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए।

रात्रि भोजन समाप्त होने के बाद मैंने शराब मंगवाई, और जब हम बैठे बातें कर रहे थे और शराब पी रहे थे तो मैंने इस बात का ख्याल रखा कि बातचीत मुख्य रूप से केवल एक ही विषय पर हो - प्यार और उसके प्राकृतिक परिणाम, दो लिंगों का संभोग। मैंने उसे कहा मैं उसके प्यार में मजनू बन गया हूँ

जहाज समुद्री मार्ग से इस्तांबुल की तरफ चल दिया , फिर मैंने ग्रैंड हॉल में घंटी बजाई, और सफेद ब्रांडी की एक बोतल का ऑर्डर दिया, जैसे ही सफ़ेद ब्रांडी लायी गयी , मैंने उसे खोल दिया, और उसके गिलास में डालते हुए, मैंने अंजेला, याना , स्वेतलाना और साशा को साथ में पीने के लिए आमंत्रित किया। । जैसे ही मैंने गिलास उठाया, उन सभी ने घोषणा की कि लैला को भी उनके साथ पीना चाहिए। थोड़ी झिझक के बाद उसने गिलास उठाया और उसे अपने होठों से लगाकर थोड़ी सी शराब चखी और उसे नीचे रख दिया।

याना और अंजेला ने मनमोहक लैला को स्वतंत्र रूप से ब्रांडी पीने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से तब तक एक के बाद एक गिलास पीती रही , जब तक कि लैला ने घूंट पीना बंद करके हमारे साथ-साथ गिलास पीना शुरू नहीं कर दिया।

जब मैंने उन्हें रात में आराम करने जाने के लिए संकेत दिया, तो लैला इतनी नशे में हो गई थी कि उसे अपनी चाल में लड़खड़ाहट के बिना चलने में सक्षम बनाने के लिए अन्य दो की सहायता की आवश्यकता थी।

उनके अपने शयनकक्ष में जाने के बाद, मैं पूरी तरह से नग्न हुआ , अंजेला ने लैला के कक्ष का दरवाज़ा थोड़ा खुला छोड़ दिया, मैंने चुपके से लैला के कमरे में कदम रखा; अपने आप को बिस्तर के पर्दे के पीछे छिपाकर मैंने अपने दो प्यारीयो अंजेला और याना की लैला के साथ चालें देखीं।

उन्होंने पहले खुद को बिल्कुल नग्न किया फिर लैला क नग्न करना शुरू किया . मैं अपनी आँखें झपकाए बिना यह सब उस पर्दे के पीछे छुपा हुआ स्पष्ट देख सकता था। फिर अंजेला ने लैला की स्कर्ट को कमर तक ऊपर उठाया, उसके नीचे कोई पैंटी नहीं थी और उसने स्कर्ट के निचले सिरे को लैला की कमर में खोंस दिया ।

अब वह अपनी नाभि के ठीक नीचे और जांघ तक पूरी तरह नग्न थी। मैं अपनी आँखों से कुछ ही इंच की दूरी पर दो चिकनी सुडौल सफ़ेद जांघें देख सकता था। उन्होंने उसे घुमाया और मैं उसके , योनि क्षेत्र को स्पष्ट रूप से देख सकता था जो बालों ( झांटो) की घनी झाड़ियों से ढका हुआ था। उसके बाहरी होंठ घने बालों के नीचे छिपे हुए थे।

फिर मैंने देखा, अंजेला ने अपने बाएं हाथ के अंगूठे और तर्जनी की मदद से लैला की योनि के बाहरी होंठों को बड़ी मुश्किल से अलग किया और दोनों बाहरी होंठों को बड़ी मुश्किल से चौड़ा किया। अब, मैं उसके दोनों अंदरूनी होंठों को हल्के गुलाबी रंग में और ऊपर भगशेफ की कली को देख सकता था। उसके भीतरी होंठ थोड़े खुले हुए थे, और मैं गुलाबी भीतरी दीवारें देख सकता था।

अंजेला ने अपनी उंगलियों से इसे और अधिक चौड़ा किया, और अब मैं गुलाबी दीवारों के बीच दूर के छोर पर छोटा सा छेद देख सकता था। फिर अंजेला ने अपने दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली को उसकी योनि के द्वार के पास रखा और उसे गहराई तक अंदर डाल दिया। अब वह उसकी योनि में उंगली करने लगी।

मैं अपने चेहरे से कुछ इंच की दूरी पर उसकी कुंवारी नछुयी योनि की ताज़ा खुशबू महसूस कर सकता था, और उसकी मीठी सुगंध मेरी नाक में प्रवेश कर रही थी, आस-पास का वातावरण इस सुगंध से भर गया था। मैं उसकी उंगली को उसकी गुलाबी योनि में अंदर-बाहर जाते हुए देख सकता था। कुछ देर बाद कमरे में 'फच्च्ह्ह...फच्च्ह्ह...फच्च्ह्ह' की आवाज गूँज उठी जो उसकी योनि से आ रही थी।

तभी मुझे लैला की गुर्राने की आवाज सुनाई दी। वह हल्की-हल्की कराहती हुई आवाज निकाल रही थी, "आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ कुछ निकल निकल रहा है...ओह्ह्ह्ह गॉडडड...ओह्ह्ह्हह्हह्हह्हह्ह!"

अंजेला ने अपनी मध्यमा उंगली को अपनी योनी के अंदर बहुत कसकर दबाया, और स्थिर रही। अचानक, लगातार गर्म साँसों की आवाज़ और मेरे कानों के पास लैला की फुसफुसाहट और आह की आवाज़ को छोड़कर, आसपास का वातावरण शांत, शांत हो गया।

मैं अंजेला की मध्य उंगली के किनारे से लैला की योनि से दो/तीन रेखाओं में सफेद धाराओं के प्रवाह को अंदर आते हुए और उसकी दोनों जाँघों तक लुढ़कते हुए देख सकता था। मेरा भी लंड फटने को हो गया था, लेकिन बड़ी मुश्किल से मैंने खुद पर काबू पाया

यह याना के लिए भी उत्तेजना और कामोत्तेजना का संकेत था। हाँ! अंजेला और याना का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था। फिर उसने लैला के ब्लाउज के बटन खोले और धीरे से उसे उतार दिया। उसने लैला के स्तनों को धीरे-धीरे उजागर किया ताकि मुझे उसके स्तन अच्छे से दिखें।

फिर याना ने लैला को घुमा उसकी पीठ मेरी तरफ कर दी और मुझे दिखाने के लिए अपने हाथों को अपनी पीठ के पीछे धकेला कि वह क्या कर रही है। फिर अंजेला की उंगलियाँ उसकी ब्रा के हुक पर गयी और उसने धीरे से उसे खोल दिया। अंजेला मुझे इस तरह से देख नहीं सकती थी लेकिन याना मुझे देख रही थी।

याना ने धीरे से लैला की ब्रा उतारी और फिर दूर फेंक दी। ओह! यहाँ वह अपने शयनकक्ष में मुझे लैला के कपड़े उतारते हुए दिखा रही थी। मेरा लंड उत्तेजना के मारे फट रहा था और पर्दों में जहाँ मैं छिपा था, तंबू बना रहा था। मेरे लंड को तम्बू बनाते देखकर याना की योनि गीली हो गई और उसे अपना रस बहता हुआ महसूस हुआ।

यह याना के लिए भी उत्तेजना और कामोत्तेजना का संकेत था। फिर उसने लैला के ब्लाउज के बटन खोले और धीरे से उसे उतार दिया। उसने लैला के ब्रा में छिपे स्तनों को धीरे-धीरे उजागर किया ताकि मुझे उसके ब्रा में छिपे स्तन अच्छे से दिखें। अंजेला और याना का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था। फिर याना ने लैला को घुमा कर उसकी पीठ मेरी ओर कर ली और मुझे दिखाने के लिए अपने हाथों को उसकी पीठ के पीछे धकेला ताकि मैं देख सकूँ कि वह क्या कर रही है। पर अब अंजेला की उंगलियाँ उसकी ब्रा के हुक पर गईं और उसने धीरे से उसे खोल दिया। अंजेला मुझे इस तरह से देख सकती थी लेकिन याना देख सकती थी।

याना ने धीरे से लैला की ब्रा उतारी और फिर मेरे पास फेंक दी। ओह! वह धीरे धीरे शयनकक्ष में मुझे लैला के कपड़े उतारते हुए दिखा का उत्तेजित कर रही थी। मेरा लंड उत्तेजना के मारे फट रहा था और पर्दों में जहाँ मैं छिपा था, तंबू बना रहा था। मेरे लंड को देखकर याना की योनि गीली हो गई और उसे अपना रस बहता हुआ महसूस हुआ।

याना अब मुझे लगातार देख रही थी! याना ने लैला की घुमाया और उसके स्तनों को अपने हाथों से ढँक कर उसे मेरे सामने खड़ी कर दिया थी और मुझे उसके स्तन देखने से रोक रही थी। उसने महसूस किया कि उत्तेजना से लैला के निपल्स बड़े हो गए हैं और उसके स्तन सूज गए हैं। अंजेला ने धीरे से अपने हाथ लैला के स्तनों पर रखे जैसे कि वह उन्हें ढकने की कोशिश कर रही हो, और और उन्हें लैला के स्तनो को दबाया

फिर एंजेला ने लैला की अपनी स्कर्ट उठाने के लिए नीचे झुका दिया जो नीचे गिर गई थी। जैसे ही लैला नीचे झुकी, अंजेला को पता था कि उसके स्तन गुरुत्वाकर्षण के कारण हिलेंगे और नीचे गिरेंगे। उसके हिलने पर लैला के दोनों खरबूजे हिल गए और मुझे उन्हें देखने का मौक़ा मिला . याना ने मुझे गौर से लैला के देखते हुए देख लिया। जब लैला सीधी हो गई और याना ने उसकी स्कर्ट खोल दी।


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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

यूक्रैन-कीव

भाग 7

लैला री लैला

याना अब मुझे लगातार देख रही थी! याना ने लैला की घुमाया और उसके स्तनों को अपने हाथों से ढँक कर उसे मेरे सामने खड़ी कर दिया थी और मुझे उसके स्तन देखने से रोक रही थी। उसने महसूस किया कि उत्तेजना से लैला के निपल्स बड़े हो गए हैं और उसके स्तन सूज गए हैं। अंजेला ने धीरे से अपने हाथ लैला के स्तनों पर रखे जैसे कि वह उन्हें ढकने की कोशिश कर रही हो और-और उन्हें लैला के स्तनो को दबाया । फिर एंजेला ने लैला की अपनी स्कर्ट उठाने के लिए नीचे झुका दिया जो नीचे गिर गई थी। जैसे ही लैला नीचे झुकी, अंजेला को पता था कि उसके स्तन गुरुत्वाकर्षण के कारण हिलेंगे और नीचे गिरेंगे। उसके हिलने पर लैला के दोनों खरबूजे हिल गए और मुझे उन्हें देखने का मौक़ा मिला । याना ने मुझे ग़ौर से लैला के देखते हुए देख लिया। जब लैला सीधी हो गई और याना ने उसकी स्कर्ट खोल दी।

याना लैला का नग्न सौंदर्य मुझे दिखाना चाहती थी! उसने लैला की स्कर्ट उतारनी शुरू कर दी और धीरे-धीरे उसे नीचे धकेल दिया। लैला की टाइट स्कर्ट उसके कूल्हों से चिपक गयी और तब याना ने स्कर्ट को नितंबों से नीचे जाने देने के लिए लैला को अपनी गांड हिलाने पर मजबूर कर दिया। ऐसा लग रहा था कि लैला नाच रही थी! मैं उसका प्रेमी उसे देख रहा था और उसे ग़ौर से देख रहा था मेरा मन गुनगुना रहा था । "लैला औ लैला"।

लैला औ लैला, ऐसी है लैला

मैं चाहूँ इससे मिलना अकेला

जो भी इसे देखे उसे दुनिया भुला दे

मजनू बना दे ऐसी ये लैला॥

फिर याना ने सोचा ये देख मैं क्या सोचूंगा?

तभी अंजेला ने धीरे से अपना एक हाथ हटाया और लैला का एक नग्न बूब मेरे सामने कर दिया, गोल, गुरुत्वाकर्षण को धत्ता बता रहे स्तन जिन पर लाल निप्पल चेरी की तरह सजा हुआ था ... फिर धीरे-धीरे उसने उसके दूसरे बूब को सहलाया और फिर अपना हाथ उसके निपल पर ले गई और सख्त निप्पल पर चुटकी काट ली। जिससे मेरे मुँह से आह निकली।

मेरे मुँह से निकली हलकी-सी आह सुन याना ने अचानक हड़बड़ी में उसकी स्कर्ट उतार दी उसे लगा जैसे लैला ने उस आह के कारन शायद मुझे देख लिया हो। लेकिन लैला इतनी नशे में थी की उसे कुछ आभास नहीं था कि क्या हो रहा है।

उन्होंने नशे में धुत लैला को अब पूरी तरह से नंगा कर दिया था और लैला मेरे सामने अपनी पूरी नग्न सुंदरता में खड़ी थी, मेरी उत्साही निगाहों के सामने में अपने आकर्षण उनके कुदरती रूप प्रदर्शित कर रही थी, उन सबसे अधिक सुंदर, जिसका मैंने अब तक कभी आनंद लिया था।

लैला के कपड़े उतारने के बाद, उन्होंने उसकी नग्न सुंदरता को देखा और उसकी प्रशंसा की, उसकी ग्रीक सुंदरता और सेक्स की देवी से भी बढ़कर उसकी प्रशंसा की, उसे बिस्तर पर गिरा दिया, उसे बार-बार घुमाया, उसके स्तनों को दबाया, उसकी पीठ पर चुटकी ली, उसकी जांघो को खोला यहाँ तक कि उनके बीच उसके प्यारे छोटे से होंठ भी खोले। वे इसकी सुंदरता की प्रशंसा करती रही, उसके योनि के होठों की कामुक कोमलता की प्रशंसा की और यहाँ तक कि इस पर अपना चुंबन देने के लिए भी आगे बढ़ कर उन्हें चूमा।

बातचीत प्रशंसा की ही चल रही थी, फिर उन्होंने लैला से उन न सुखों की निर्बाध प्रशंसा की जिनका वह मेरे साथ पारस्परिक रूप से आनंद लेगी और मैं कितना भाग्यशाली हूँ कि उसकी योनि कुंवारी सुरक्षा की झिल्ली को फाड़ दंगा जो उसकी इतनी स्वादिष्ट छोटी योनी के प्रवेश द्वार की रक्षा कर रही है।

अब मैंने देखा कि याना ने अपनी उंगली की नोक को लैला की प्यारी भट्ठी में डाल दिया जिसके साथ उसने प्रशंसा करते हुए खेलना शुरू किया था और उसे गुदगुदी करना शुरू कर दिया, जबकि एंजेला ने अपनी बाहों को उसकी गर्दन के चारों ओर फेंक दिया और उसे करीब से गले लगाने के लिए अपने आलिंगन में खींच लिया, उसे चूमा, अपनी जीभ उनके मुँह में अंदर डाल दी। जिसने याना से उसे मिल रही संवेदनाओ से मिल कर उसे सबसे आनंददायक संवेदनाओं का अनुभव कराया, जिसका मैं उसकी विस्मयादिबोधक आहो से और उसकी पीठ की हरकतों से अनुमान लगा पाया, जिससे वह बिस्तर पर गिरी हुई छटपटा रही थी।

फिर याना ने अपने हाथों को लैला की योनि पर धकेला और पाया कि उसकी भगनासा धड़क रही थी। उसने उसकी भगनासा की मालिश की और फिर दो उंगलियाँ सीधे उसकी योनि में डाल दीं।

ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह! नशे में धुत्त लैला की योनी हिल गई और याना ने अपनी गीली हुई उंगलियों को चूस लिया।

लैला की हरकतों से मुझे यह एहसास हुआ कि वह जल्द ही, पहली बार, उस आनंदमय आनंद का थोड़ा-सा अनुभव करेगी जिसका पूरा आनंद महिलाएँ केवल तभी प्राप्त कर सकती हैं जब वह किसी पुरुष की बाहों में हो। यह देखकर मैं अपने छिपने के स्थान से बाहर निकल गया और जाकर लैला की उसकी जाँघों के बीच की जगह याना की जगह मैंने ले ली (लौरा को इसका पता नहीं चला, जिसका चेहरा एंजेला की छाती में छिपा हुआ था) और अपनी उंगली उसके क्रीम भरे जग जैसे योनि में डालकर, मैंने जल्द ही उसे नीचे गिरा दिया और बहुमूल्य तरल पदार्थ की प्रचुर मात्रा से मेरा हाथ प्रचुर मात्रा में सन गया, इसलिए एक बार रस का प्रवाह शुरू होने के बाद योनिरस रूपी तरल पदार्थ स्वतंत्र रूप से बाहर निकलने लगा।

अपनी जाँघों को मेरे शरीर के ऊपर से पार करते हुए और टूटे हुए लहजे में बोली "ओह, अब यह आ रहा है! मुझे कुछ होरहा है फिर-हे भगवान! मैं बेहोश हो रही हूँ। मैं मर गयी!"

अपनी पकड़ ढीली करते हुए, उसने पहले की तरह, एक हल्की-सी कंपकंपी के साथ ख़ुद को फैलाया, क्योंकि परमानंद के कारण वह लगभग बेहोश हो गई थी।

जब लैला आनंद की मदहोशी में लेटी हुई थी, तब मैंने ख़ुद को उसकी बाहों में लेटा दिया, अपना गाल उसकी छाती पर रख दिया, मेरे होंठ उसके होंठों को छू रहे थे, मेरा हाथ अभी भी उस प्यारी दरार को ढक रहा था, जिसने मेरे हाथ को गिला कर दिया था और मेरी उंगली अभी भी उसकी आंतरिक परतों पर कब्ज़ा बनाए हुए थी।

जैसे ही मुझे लगा कि लैला अपने परमानंद से उबरने लगी है, मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसे चूमना फिर से शुरू कर दीया। मैंने उससे पूछा कि क्या वह अभी भी उसे मेरे साथ ले आने के लिए मुझसे नाराज है, मैंने उससे कहा कि जैसे ही हम इस्तांबुल पहुँचेंगे, उसे उस अवास्तविक एहसास की सारी वास्तविकता का आनंद लेना चाहिए जिस मजे का एक नमूना उसने अभी-अभी मेरी उंगलियों के माध्यम से चखा था।

यदि उसकी विनम्रता और सदाचार को मैंने अभी तक पूरी तरह से नहीं जीता था, तो मेरी उंगली की गति ने उसमें आनंद की स्वादिष्ट संवेदनाओं को पुन: उत्पन्न कर दिया, जिससे वह अभी-अभी उबरी थी और जिसका आनंद वह दूसरी बार लेने वाली थी। वह मुझे कोई जवाब नहीं दे सकी, लेकिन अपनी बाहें मेरी गर्दन के चारों ओर डाल दीं और अपने होंठ मेरे होठों से चिपका दिए।


जारी रहेगी
 
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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा

यूक्रैन-कीव

भाग 8

लैला की उंगलिया

जैसे ही मुझे लगा कि लैला अपने परमानंद से उबरने लगी है, मैंने उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसे चूमना फिर से शुरू कर दीया। मैंने उससे पूछा कि क्या वह अभी भी उसे मेरे साथ ले आने के लिए मुझसे नाराज है, मैंने उससे कहा कि जैसे ही हम इस्तांबुल पहुँचेंगे, उसे उस अवास्तविक एहसास की सारी वास्तविकता का आनंद लेना चाहिए जिस मजे का एक नमूना उसने अभी-अभी मेरी उंगलियों के माध्यम से चखा था।

यदि उसकी विनम्रता और सदाचार को मैंने अभी तक पूरी तरह से नहीं जीता था, तो मेरी उंगली की गति ने उसमें आनंद की स्वादिष्ट संवेदनाओं को पुन: उत्पन्न कर दिया, जिससे वह अभी-अभी उबरी थी और जिसका आनंद वह दूसरी बार लेने वाली थी। वह मुझे कोई जवाब नहीं दे सकी, लेकिन अपनी बाहें मेरी गर्दन के चारों ओर डाल दीं और अपने होंठ मेरे होठों से चिपका दिए।

मेरी कामुक इच्छाएँ चरम सीमा तक उत्तेजित थीं। लैला और मैं लिपटे और मेरा लिंग उसकी जांघो पर चुभा, जिससे मुझे उसकी बेहद नरम जांघो से स्पर्श कर बहुत अच्छा लगा।

मैंने "प्रिय लैला," कह उसे उस ख़ुशी का वर्णन किया जिसे वह तब अनुभव करेगी, जब तट पर महल में पहुँचने के बाद और अपने लंड के सिर से मैं उसका कौमार्य भंग कर दूंगा, "मैंने फिर कहा और मैंने उसका एक हाथ मेरी लंड पर रख दिया और उसने उसे चारों ओर से अपने हाथ में थाम लिया।" फिर उसके बाद, "मैंने कहा," इससे , तुम्हें असली चुदाई के सारे सुख और आनंद मिलेंगे। "

लैला के हाथ में कुछ बहुत गर्म और सख्त महसूस हुआ और अब लैला ने नीचे की तरफ़ देखा की मैंने उसके हाथ में क्या थमाया है ? जब उसने देखा की उसके हाथ में मेरा लंड था तो वह इतना बड़ा विकराल लंड देखकर बहुत हैरान हो गई। वह हतप्रभ थी और उसने मेरे औज़ार को देखने के लिए अपनी आँखें चौड़ी कर लीं और मेरे विकराल लिंग को छत की ओर ऊपर की ओर खड़ा देखकर उसके आश्चर्य के साथ-साथ उसकी ख़ुशी की भी कोई सीमा नहीं थी। यह उसके लिए आश्चर्य की बात थी कि किसी व्यक्ति का इस प्रकार का इरेक्शन हो सकता है। यह उसके जीवन में पहली बार था, जब वह एक बड़ा लंड साक्षात् देख रही थी।

मेरा विशाल खड़ा लंड और गेंदें उसकी दिशा में लक्षित थीं। लंड देखने के बाद मैं उसकी प्रतिक्रिया के बारे में निश्चित नहीं था।पर मेरे लिए यह जानना एक यौन रोमांच था कि वह मेरे लंड और गेंदों को देख रही थी। उसने मेरे लंड को इतना सख्त, लंबा और धड़कता हुआ देखा था, उसके हाथ पर उसे मेरे लंड में धड़कन महसूस होने लगी और वह बढ़ने लगा और उसने देखा कि उसका आकार बढ़ रहा था।

लैला को अपनी चूत के अंदर झुनझुनी, चुभने वाली तेज जलन महसूस हुई जो उसके नियंत्रण से बाहर थी। मैंने देखा कि लैला अपनी आँखें झपकाए बिना मुँह खोले उसके विशाल लंड को देख रही थी जो अब बुरी तरह से धड़क रहा था पर उभरे हुए लंडमुंड के कारण लैला को मेरा लंड किसी फुफकारते हुए सर्प जैसा लग रहा था।

वह मेरा पूरा विशाल धड़कता हुआ लंड देख रही थी जो छत की और ऊपर सीधा खड़ा था।

मेरा लंड गर्म और सख्त था लेकिन, उसका हाथ बहुत गर्म और चिकना था। लेकिन लंड के धड़कने के कारण उसने अपनी पकड़ ढीली कर दी पर छोड़ा नहीं। मैं फुसफुसाया "खेलो इससे, ये तुम्हारा है । घबराओ नहीं ये बिलकुल नहीं काटेगा । ये हानि रहित है ।"

फिर मैंने महसूस किया उसने लंड फिर से पकड़ा और ऊपर कर लंडमुंड पर उंगलिया कस ली । जब उसका आत्मविश्वास थोड़ा बढ़ा तब महसूस किया कि उसे जैसा मैंने कहा इससे उसे कोई ख़तरा नहीं है, तब उसकी उंगलियाँ मेरे लिंग के उभार के चारों ओर कसकर लिपट गयी। उसने अपना हाथ उसके लिंग के उभार पर रखा और अपनी उंगलियों को उसके लिंग के घेरे के चारों ओर लपेटा हुआ था। फिर उसने धीरे-धीरे लंड सहलाना शुरू कर दिया, लगभग ऐसे जैसे उसने ये पहली बार किया हो। जैसे ही उसने अपना हाथ लंड की पूरी लंबाई तक सरकाया, उसने मेरे लंड के सिर को महसूस किया। जब वह लिंग के आधार तक पहुँची तो वह कई बार रुकी और हल्का-सा दबाव डाला। उसने चमड़ी को पीछे खींच लिया जिससे उसे लंड के बैंगनी बल्बनुमा सिर की स्पष्ट झलक मिली।

हालाँकि ये उसका पहली बार था फिर भी प्यार भरे सकुचाते हुए हल्के हाथ से उसका सहलाना दिव्य था; उसकी लय अध्भुत थी। उसने कुछ डरते कुछ सकुचाते अपनी तर्जनी को लंड के सिरे पर भी फिराया जहाँ अब प्री-कम बह रहा था। फिर उसने उंगिलो पर लगे प्री-कम से लंड के टोपे को गीला कर दिया। अपनी उंगली से मेरे लंड के सिर को धीरे से मालिश करते हुए देखकर, मुझे अपने पूरे शरीर में एक अलग तरह की कामुक अनुभूति और आनंद महसूस हुआ। मैं अब केवल लैला की उन नरम, गर्म और चिकनी उंगलियों के बारे में सोच रहा था जो मेरे लंड और अंडकोषों से खेल रही थीं। जैसे ही उसने मेरी गेंदों को सहलाया, मैं उसके चेहरे पर ख़ुशी की अभिव्यक्ति देख सकता था। मेरी गेंदें उसके हाथ में बड़े अंडे की तरह महसूस हुई होंगी और जिससे उसका हाथ गर्म और कामुक लगने लगा था।

उसने अपना दूसरा हाथ भी ले लिया और मेरे दोनों अंडकोष को सहलाते हुए मसलने लगी। मुझे याद नहीं है कि इसमें उसने कितने झटके लगाए, लेकिन जल्द ही मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ, लेकिन मैंने किसी तरह ख़ुद को नियंत्रित किया क्योंकि मैं चाहता था कि ये हमेशा के लिए ऐसे ही चलता रहे।

बीच में जब वह कभी-कभी सहलाना बंद कर देती थी तो मेरे लिंग का शाफ्ट ऊपर-नीचे उछलता था और वह टिप को धीरे से थपथपाती थी। लैला ने मेरे लंड को 5 या 6 इंच उछलते हुए देखा और फिर लगभग 105-डिग्री के कोण पर वापस आकर उसके हाथ के वापस आने का इंतज़ार करते हुए पाया। वह फिर से अपनी उंगलियों को लंड के चारों ओर लपेटती थी और धीरे-धीरे स्ट्रोक की एक और शृंखला शुरू करती थी।

फिर मैंने उसे मेरे डिक के पास अपना सिर झुकाते हुए देखा। मैं उसके अगले क़दम को लेकर बहुत आश्चर्यचकित, स्तब्ध और उत्सुक था। मुझे अपने लंड के टोपे पर उसकी गर्म साँसें महसूस हुईं। उसने लंड को ऊपर से ही सूंघा। जब वह मेरा लंड सूंघ रही थी और उसने आँखे उठा कर मेरी तरफ़ देखा ठीक उसी समय मेरे कूल्हे लगभग अनैच्छिक रूप से ऊपर की ओर उछल गए, जैसे ही मेरे कूल्हों उछले, उसने लंड सूंघना और सहलाना बंद कर दिया और बस मेरे लंड को पकड़ लिया और घबरा गई, उसने घबरा अक मेरी तरफ़ देखा, फिर लंड की तरफ़ देखा लेकिन फिर उसे समझ आया कि ये जो भी हुआ था वह पूरी तरह से अनैच्छिक क्रिया थी क्योंकि मैंने अपने शरीर को आगे की ओर धकेल दिया था और वहीं रुक गया था।

कुछ देर तक इसे देखने के बाद और आश्वस्त होने के बाद कि यह मेरे अवचेतन मन की क्रिया थी, लैला ने लंड को अब छोड़ दिया।

"ओह्ह! "मेरे मुँह से आह निकली और मैंने उसे कहा" देखा लैला ये कितना प्यारा है और जैसा मैंने कहा था इसने आपको कोई हानि नहीं पहुँचाई । ये न सिर्फ़ बिलकुल हानिरहित है बल्कि उन सभी सुने अनसुने आनंदो को प्राप्त करने का औजार है जिन्हे इस संसार में स्त्री और पुरुष मिल कर प्राप्त कर सकते हैं । "

मैंने जारी रखा, "अब आप इस औजार की सहायता से उन सभी मीठे आनन्दो का अनुभव करेंगी, जो आपने अब तक महसूस किये है, उन सब आनन्द से बहुत अलग है।"

जारी रहेगी
 

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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा
यूक्रैन-कीव

भाग 9

समुद्री मार्ग से जहाज़ में यात्रा

ओह्ह "मेरे मुँह से आह निकली और मैंने उसे कहा" देखा लैला ये कितना प्यारा है और जैसा मैंने कहा था इसने आपको कोई हानि नहीं पहुँचाई । ये न सिर्फ़ बिलकुल हानि रहित है बल्कि उन सभी सुने अनसुने आनंदो को प्राप्त करने का औजार है जिन्हे इस संसार में स्त्री और पुरुष मिल कर प्राप्त कर सकते हैं । "

मैंने जारी रखा, "अब आप इस औजार की सहायता से उन सभी मीठे आनन्दो का अनुभव करेंगी, जो आपने अब महसूस किये है उन सबसे बहुत अलग है।"

एंजेला ने अब अपने हाथों को लैला की योनि पर धकेला और पाया कि उसकी भगनासा सूजी हुई थी और धड़क रही थी। उसने उसकी भगनासा की मालिश की।

ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह!। और लैला कराहते हुए बोली "ओह, मुझे कुछ हो रहा है-हे भगवान! मैं गयी!"

फिर लैला आनंद की मदहोशी में लेट गयी और अपने परिवार से इस तरह से अलग होने के ग़म के कारण और दिन भर के सफ़र लैला जल्द ही गहरी नींद में चली गयी ।

फिर मैं अपने बिस्तर की ओर चला गया, मेरे पीछे मेरी सभी प्यारी लड़कियाँ थीं। उन्हें ख़ुद को नग्न अवस्था में लाने में बस एक पल लगा।

ओह, किस ख़ुशी से, किस प्यार से, मैंने उन सबके गर्म नग्न शरीरों को अपने से चिपका लिया! जब वे मेरी बाँहों में लिपटी हुए थी तो उनके पेट की मुलायम, चिकनी, सफ़ेद त्वचा, उनके नरम गोल नितम्ब, चिकनी जाँघे, शानदार स्तन कितने सुखद लग रहे थे! किस जोश और अधीरता के साथ उन्होंने अपने गीले, उभरे हुए होंठ मेरे होंठों से चिपका दिए, मुझे अपने गर्म चुम्बनों से जला दिया, उनकी चमकदार आँखें चमक उठीं और वासना भरी आग से चमक उठीं।

मैंने कामुक याना को बिस्तर पर खींचा। मेरे जुनून उच्चतम स्तर तक बढ़ गए थे। मेरा लंड लगभग फटने के करीब सूज गया था, लंड का सिन्दूरी सिर मेरे पेट के सामने सीधा खड़ा थे और बिलकुल झुक नहीं रहा था। मैंने एक ही झटके में लंड उसकी योनि में डाल दिया और झटके मारे, बाक़ी लड़किया याना के अंगो से खेलने लगी, स्वेतलाना याना के बाए स्तन को चूस रही थी । एंजेला याना के बाए स्तन को दबा और सहला रही थी, अलीजा जो अभी तक आराम से लेटी हुई सब खेल देख रही थी याना के ओंठ चूसने लगी । क्सांद्रा डॉ हिल, वेरोनिका, केप्री जो की उसी जहाज़ पर थी एक दूसरे को चूमने लगी । एक साथ इतनी उत्तेजना से कुछ ही देर में याना कराहती हुई झड़ गयी।

फिर स्वेतलाना अपनी पीठ के बल लेट गयी उसकी जांघें अलग हुई उसकी सुस्वादु योनी के होंठ थोड़े खुले हुए थे, उत्सुकता से मेरे हमले का इंतज़ार कर रही थी।

मैंने अपने आप को उस पर थोपा और उसे बहुत तेजी से चौदा। वह दर्द और ख़ुशी से मिश्रित होकर चिल्लाने लगी।

मेरे लंड का विशाल सिर स्वेतलाना की योनी की परतों और होंठों को उनके अधिकतम खिंचाव तक फैला देता है। तूफ़ान बढ़ जाता है, सब कुछ कांप उठता है, बिजली चमकती है, बारिश होती है, मूसलाधार बारिश होती है! और मैंने पिचकारी मार दी! क्या आनंद! !

हम लुढ़के, हम चिल्लाये, हम अपनी ख़ुशी के अतिरेक से राक्षसों की तरह चिल्लाये। उसकी योनी शुक्राणु की एक छोटी-सी झील बन गयी मेरा लंड उसमें तैरता रहा। मैंने इसे बाहर खींचा और मोती जैसा तरल पदार्थ बाहर निकला, जिससे उसकी जांघें और चादरे हमारे शरीर के समृद्ध मिश्रित सार से भर गयी।

आह, फिर मेरी आकर्षक एंजेला मेरे से चुंबन करने लगी, कुछ ही देर में मेरा लंड फिर कड़ा हुआ तो मैंने उसकी बाओ में समाते हुए लिंड उसकी चूत में घुसाया और आगे पीछे करने लगा । मैं ये ब्यान नहीं कर सकता की उस रात एंजेला की बांहों में रहते हुए मुझे कितना आनंद आया। दूसरी बार में मैंने, अपनी उग्र वासनाओं से प्रेरित होकर, प्रेम के भण्डार से आनंद की धारा द्वारा प्रचुर मात्रा में आपूर्ति किए गए बहुमूल्य तरल पदार्थ की बाढ़ से अपनी इस महान प्रेमिका की योनी को भिगोया।

फिर मैंने अपने आप को थोड़ा संभाला और डॉ एड़ी, केप्री, क्सान्द्रा, विरोनिका, लूना, अलीजा, डॉ हेलेन और ग्रेस से मुलाकात की, जिनमें से प्रत्येक के साथ मैंने न्याय किया, मैंने उनमें से किसी को भी उनके छोटे-छोटे पंजों पर उस प्रिय तरल पदार्थ से अच्छी तरह से तेल लगाए बिना नहीं छोड़ा, जिसकी मेरी उन प्रेमिकाओं को हमेशा तलाश रहती है।

रात सफ़र लगातार समुद्री मार्ग से जहाज़ में यात्रा करने के बाद, सुबह लगभग 9 बजे इस्तांबुल के पास पहुँचे, तब मैं अपनी प्यारी एंजेला और याना की बाहो में सो रहा था । जहाज़ इस्तांबुल से लगभग 50 मील दूर समुद्र में था और जहाज़ के कप्तान ने एंजेला को सूचित किया की हम अपनी अगली मंज़िल पर लगभग एक घंटे में पहुँच जाएंगे ।

जारी रहेगी
 

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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा
इस्तांबुल

भाग 1

इस्तांबुल आगमन

रातभर लगातार सफ़र कर समुद्री मार्ग से जहाज़ में यात्रा करने के बाद सुबह लगभग 9 बजे इस्तांबुल के पास पहुँचे तब मैं अपनी प्यारी एंजेला और याना की बाहो में सो रहा था । जहाज़ इस्तांबुल से लगभग 50 मील दूर समुद्र में था और जहाज़ के कप्तान ने एंजेला को सूचित किया की हम अपनी अगली मंज़िल पर लगभग एक घंटे में पहुँच जाएंगे ।

जहाज के कप्तान के सुचना देने से सुबह लगभग 9.15 बजे, एंजेला ने लैला को जगाया, लैला अभी भी रात में उसने जो ब्रॉडी पी थी उसके हलके नशे में थी एंजेला उसके कान में कुछ फुसफुसाई और उसका मुँह धुलवाया और लैला को पूरे कपड़े और टॉप पहना मुझे जगाने मेरे पास भेजा, लैला ने मुझे ब्रॉडी के हलके नशे में प्यार से गुड मॉर्निंग जानू, कह कर जगाया।

आँखे खोलते ही अपनी लैला के प्रिय चेहरे को अपने सामने देखने पर मैं बहुत प्रसन्न हुआ और मुझे अपने शरीर में बहुत ऊर्जा महसूस हो रही थी। मैंने उसे गले लगा कर गुड़ मॉर्निंग बोल प्यार से चुंबन किया और फिर शौचालय जाने और दांत साफ़ करने के बाद, मैं अपने कक्ष में चला गया।

लैला मेरे लिए कुछ कुकीज़ के साथ चाय लेकर आई और सेंटर टेबल पर रख दी थी। ऐसा करते समय उसे झुकना पड़ा, उसका टॉप नीचा था और उसके आधे स्तन बाहर छलक रहे थे। वह आवश्यकता से अधिक समय तक उसी स्थिति में रही और उसने मुझे उसके ब्लाउज में उसके स्तनो और निप्पलों को घूरते हुए देख लिया। जैसे ही मैंने चाय का कप उठाया, मेरे हाथ काँप रहे थे और मेरी साँसें तेज़ हो गईं। मैंने बाथरूम से निकलते समय तौलिया लपेट लिया था जिससे जब उसने मेरे लण्ड की तरफ़ देखा तब उसने देखा की तौलिये के बीच से मेरा लण्ड सीधा खड़ा बाहर झाँक रहा था। वह घबरा कर अंजेला के पास वापस दौड़ी।

फिर अंजेला ने लैला को मेरे बिस्तर के पास वॉशरूम में स्नान करने का निर्देश दिया।

KENZI0

वह मेरे कक्ष के बाथरूम की ओर चली गई। उसने मुझे कमरे में बैठ चाय पीते हुए देखा और वह जानती थी कि मैं चाय पीते हुए उसे देख रहा था। बाथरूम में काले रंग के शीशे का पार्टिशन था। बाथरूम से कमरे में कुछ भी नहीं देखा जा सकता था, लेकिन जब वॉशरूम में रोशनी जला कर वॉशरूम की हर चीज़ देखी जा सकती थी और लैला को इसके बारे में पता नहीं था। अंजेला चाहती थी कि जब लैला नहा रही हो तो मैं इसके माध्यम से लैला के नग्न शरीर को देखूँ।


KENZIE9I KENZIE9H KENZIE9G KENZIE9F KENZIE9E KENZIE9D KENZIE9D KENZIE9B KENZIE9A KENZIE9 KENZIE6 KENZIE5 KENZIE4 KENZIE3 KENZI
लैला ने बाथरूम में जा कर दरवाज़ा बंद कर दिया और लाइट जलाई और अपने कपड़े उतार दिए. जब वह अपने कपड़े उतार रही थी तो उसने मेरे लंड के बारे में सोचा और मैंने कल रात उससे जो कहा था उसके बारे में सोचा। इससे वह बहुत गर्म हो गयी और उसके हाथ उसके स्तनों पर चले गये और उसने उन्हें ज़ोर से भींच लिया। वह सनसनी से कराह उठी और फिर अपने निपल्स को भींच लिया।

जब से उसने लाइट जलाई तब से मैं उसे ही देख रहा था! उसने अपनी पीठ दरवाजे की ओर कर ली जिससे मैं उसे स्पष्ट देख रहा था और अपने स्तनों को मसलती रही और अपने निपल्स को भींचती रही। जल्द ही उसकी योनी गीली हो गई और उसे अपनी भगनासा को रगड़ना पड़ा और अपनी उंगलियों को अंदर डालना पड़ा।

उसने अभी भी अपने शरीर पर पानी नहीं डाला था, लैला को अंदेशा हुआ की कहीं मैं उसे कीहोल से देख तो नहीं रहा, तो उसने कीहोल में देखा और पाया कि मैं अपनी जगह पर ही बैठा हुआ था और अब वह जानती थी कि मैं वहाँ उसका इंतज़ार कर रहा हूँ। इससे वह और गर्म हो गई और उसने अपनी टांगें फैला दीं। वह मुड़ी और उसकी पीठ मेरी ओर थी। उसकी गांड अच्छी और चौड़ी थी, निश्चित रूप से वह चलते समय बहुत सारे पुरुषों को आकर्षित करती थी और उसे इस पर बहुत गर्व था। उसने अपने पैर फैलाए और दोनों गांड के गालों को मेरे सामने कर दिया। फिर उसने अपनी गांड को आकर्षक तरीके से हिलाया और फिर अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाकर वहाँ के प्यारे मांस को सहलाया। फिर वह नीचे झुकी और वहाँ रगड़ते हुए अपनी गांड की दरार को खोला और उसे फैलने दिया जिससे नीचे उसकी योनि दिखाई देने लगी।

फिर वह सीधी हो गयी और नहाने लगी। उसने अपने कंधों पर गर्म पानी डाला और वहाँ की त्वचा को रगड़ा। उसने साबुन लिया और उसे अपने शरीर पर लगाया। फिर वह बग़ल में घूम गई और अपने स्तनों पर साबुन मल लिया। वह मेरी ओर और अधिक मुड़ गयी। उसने अपने मांसल नितम्बो पर झाग रगड़ा और आह भरी, "ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह! !"

उसने अपने दोनों स्तनों को अपने हाथों में पकड़ा और उन्हें एक साथ मसल दिया। उसके निपल्स पहले से ही सख्त थे।

उसने दोनों निपल्स खींचे और फिर आह भरी। "ओहहहहहह! मेरे प्रिय! तुम मुझे सत्ता रहे हो? तुम मेरे पास क्यों नहीं आते? मैं एक महिला हूँ! मैं ऐसा नहीं कर सकती और तुमसे मुझे चोदने के लिए नहीं कह सकती हूँ! ओह्ह जानू! अब मैं तुम्हारी हूँ! मेरे पास आओ!" उसने बस ये शब्द फुसफुसाए और इससे उसका पूरा शरीर कांप गया।

क्या वह कभी मुझसे ये बात ऐसे कह पाएगी? उसे संदेह था, वह ऐसा कभी नहीं कह पाएगी। वह गर्म थी, उसने अपने स्तनों को ऊपर की ओर धकेला और निपल्स को चूसने की कोशिश की।

उसकी जीभ सिर्फ़ निपल्स को छू पायी थी और वह हर एक स्तन पर अपनी जीभ हल्के से घुमाकर उन्हें छेड़ रही थी। फिर उसने फिर से अपनी पीठ पीछे की तरफ़ कर ली और अपनी टाँगें चौड़ी करके अपना हाथ अपनी योनि पर रख दिया। उसकी दो उंगलियाँ आसानी से रसदार योनी के अंदर घुस गईं और वह उन्हें अंदर-बाहर करने लगी। उसका हाथ उसके पैरों के बीच से साफ़ दिखाई दे रहा था मुझे अंदर का अच्छा दृश्य मिल रहा है।

वह कराह उठी, "ओह्ह्ह जानू आ जाऔ! चोदो मुझे! चोदो मुझे!"

ओह, फिर वह शर्मा गयी की वह मुझे ऐसा कैसे कह सकती है? लेकिन इससे वह और अधिक उत्साहित हो गयी। उसने अपनी योनि को रगड़ना जारी रखा और फिर उसने अपनी योनि में एक उंगली डाली और फिर से कराह उठी। उंगली उसकी योनी के अंदर तक गई लेकिन गहराई तक नहीं और उसे बेहतर महसूस हुआ। उसने अपनी योनि में उंगली को अंदर-बाहर किया। मेरा लंड बहुत सख्त हो गया था। फिर उसने सबसे आश्चर्यजनक कार्य किया। वह बाथरूम के फ़र्श पर दरवाजे की ओर अपनी गांड करके पीठ के बल लेट गई, अपने पैर फैलाए और मुझे अपने गुप्तांगों का करीब से नजारा दिया। उसने अपनी टाँगें हवा में उठा लीं और इससे उसकी मस्त गांड ऊपर उठ गयी। इससे मुझे उसकी दरार और गांड के छेद का अच्छा दृश्य दिखा। उस स्थिति में, उसने अपनी उंगलियाँ अपनी योनि में डालीं और मुझे दिखाया कि वह कितनी गर्म थी।

फिर उसे याद आया की उसे अपना स्नान पूरा करना था इसलिए वह उठी और जल्दी से स्नान पूरा कर लिया। अब उसे दरवाज़ा खोलना पड़ा। वह अभी भी नंगी थी और अपने शरीर पर सिर्फ़ एक तौलिया लपेटे हुए बाथरूम से बाहर आना चाहती थी। उसने सोचा कि यह उस स्थिति के अनुरूप होगा। उसने की होल से मेरी ओर देखा और पाया की मैं अभी भी वहीं था और शौचालय की ओर देख रहा था।

उसने जल्दी से अपने शरीर पर तौलिया लपेटा और दरवाज़ा खोलकर बाहर आ गई। वह नहीं जानती थी कि उसने यह कहने की हिम्मत कैसे की, "ओह! मेरे कपड़े, आपको पता ही है, मेरे पास बदलने के लिए कुछ भी नहीं है।" उसने साहसपूर्वक और मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा।

मैंने चौंककर उसे देखा, लेकिन उसकी ओर मुस्कुराते हुए कहा, "ओह! प्रिय, याना और अंजेला तुम्हें कुछ दें देंगी।"

जब हम बात कर रहे थे, मेरी नज़र उसके स्तनों और निचले हिस्से पर थी, जो महिला शरीर रचना को स्कैन कर रही थी।

वह पहली बार सीधे मेरी आँखों में देख रही थी और उसे लगा कि वह उत्तेजना से फट सकती है। उसने मेरे तौलिया की ओर देखा और वहाँ तंबू बना हुआ देखा। एक बड़ा तम्बू बना हुआ था। मैं मुस्कुरा रहा था और उसकी तरफ़ देख रहा था। कुछ देर के लिए एकदम सन्नाटा छा गया और हम दोनों बस एक-दूसरे को देख रहे थे। बर्फ अभी टूटी नहीं थी। वह फिर मुस्कुराई और अंजेला की ओर चली गई।

उसे अंजेला के पास अपने कपड़ों तक पहुँचने के लिए लिविंग रूम को पार करना पड़ा। वह दूसरे कमरे की ओर चली गई और लिविंग रूम से गुजरते हुए उसने लापरवाही से मेरी तरफ़ देखा।

फिर भी मैं उसे ही देख रहा था। अब कोई दिखावा नहीं। मैं सीधे उसकी ओर देख रहा था, इंतज़ार कर रहा था कि कुछ और देखने को मिलेगा।

लैला ने मुझे निराश न करने का निर्णय लिया। वह मेरी दृष्टि की सीमा में खड़ी थी, लेकिन उसने मेरी ओर पीठ कर ली और साहसपूर्वक अपने शरीर को ढकने वाले तौलिये को हटा दिया। अब वह बिल्कुल नंगी थी और उसकी गांड मेरी नज़र की तरफ़ थी। चलते समय वह मुझे अपनी नंगी गांड के सुंदर उभार दिखाने के लिए थोड़ा हिली। वह जानती थी कि मैं उसे ही देख रहा हूँ, वह और अधिक साहसी हो गई और उसने अपने हाथों से अपनी गांड के गालों को पकड़ लिया और उन्हें रगड़ा। ओह, मेरे सामने ऐसा करना उसे बहुत अद्भुत लग रहा था। यह कामुक था।



वह मुझे बहका रही थी। मैंने पहली बार में ही उसके नशे में अपने विशाल लंड उसे दिखा मैंने उसे उत्तेजित और आकर्षित किया था और वह अब वह मेरे सामने समर्पण कर रही थी। फिर उसने अपनी गांड फैलाई ऊपर उठायी और मुझे औरत का खजाना, अपनी योनि दिखाई। वह बहुत चाहती थी कि मैं उसके पास आऊँ और उसे चोदूं। लैला ने फिर अपनी गांड को आकर्षक ढंग से घुमाया और मेरी ओर झुकाया। वह मुझे उसे चोदने का स्पष्ट निमंत्रण दे रही थी और वह चाहती थी कि मैं उसकी चुदाई करूँ लेकिन फिर भी वह डर भी रही थी।

फिर लैला ने कुछ देर तक अपनी योनि को रगड़ा, वह सिर्फ़ अपनी योनि, अपने स्तन और भगनासा को छूने लगी। तीव्र कामोन्माद की पीड़ा से उसका शरीर कांपने लगा और लैला अभी भी ब्रॉडी के हलके नशे में थी, अधिक देर खड़ी नहीं रह सकी, वह जल्दी से बिस्तर पर गई और वहीं आराम से नग्न लेटी रही ।


जारी रहेगी

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मेरे अंतरंग हमसफ़र

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दशम अध्याय

आनंद की तालाश की यात्रा
इस्तांबुल

भाग 2

इस्तांबुल में हमारा आगमन

लैला ने कुछ देर तक अपनी योनि को रगड़ा, वह सिर्फ़ अपनी योनि, अपने स्तन और भगनासा को छूने लगी। तीव्र कामोन्माद की पीड़ा से उसका शरीर कांपने लगा और लैला अभी भी ब्रॉडी के हलके नशे में थी, अधिक देर खड़ी नहीं रह सकी, वह जल्दी से बिस्तर पर गई और वहीं आराम से नग्न लेटी रही।

लैला को अपने शरीर पर कोई भार महसूस नहीं हुआ और वह तितली की तरह बहुत हल्का था। वह नग्न ही हवा में उड़ रही थी भारहीन, उसे पता ही नहीं चला कि इतने गहन चरमोत्कर्ष के बाद कब उसे अच्छी नींद आ गई।

मैं उसके पास गया और उसके माथे को चूमा और मदहोश लैला ने बिना किसी शिकायत के मुझे गले लगा लिया, बिना किसी हिचकिचाहट के ख़ुद को मेरे हवाले कर दिया और हम एक-दूसरे की बाहों में लेट गए। उसे पता ही नहीं चला कि कब हमें झपकी आ गई।

एक झपकी के बाद, जब लैला जागी और उसने ख़ुद को मेरी बाहों में लेटा हुआ पाया, तो वह उछली और बिस्तर से एक कंबल उठाकर ख़ुद को उसमें लपेट लिया और एक कोने में बैठ गई, सिसकने और रोने लगी जैसे उसका दिल टूटने से रो रहा हो।

उसका सिसकना सुन मैं भी उठ गया और मैंने उसे सांत्वना देने की कोशिश की, लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी और फिर मैं अपने कपड़े पहनकर मैं दूसरे कमरे में चला गया, जबकि याना और अंजेला ने उसे फिर से अपने समझाने की कोशिश की और वे उसे नाश्ते के लिए बाहर लाने में सफल रही, जो कुछ ही समय बाद परोसा गया।

मेज पर उन्होंने मेरे साथ इतनी आनंददायक रात और सुबह बिताने के बाद, लैला को छेड़ रही थी की उसने मेरी उंगली से वह उत्तम आनंद प्राप्त किया है जिसने उसे इतनी स्वादिष्ट बेहोशी में डाल दिया था। उसे बताते हुए कि कैसे, जब उत्तेजना का दौरा उस पर आता था तो वह अपनी बाहें मेरे चारों ओर फेंक देती थी, मेरे हाथ को अपनी जाँघों के बीच दबा लेती थी, अपने मोटे छोटे नितंबों को हिलाती थी।

नाश्ते में स्वादिष्ट ब्रांडी के कुछ गिलास पीने के बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गई थी।

मैं गाड़ी का ऑर्डर देने के लिए कमरे से बाहर गया और वापस लौटने पर मैंने उसे अन्य लड़कियों के साथ खेलते हुए देखा जो उसे उस आनंद का स्वाद देने के उद्देश्य से उसे नीचे लिटाने की कोशिश कर रही थी।

जब मैंने प्रवेश किया तो दोनों ने मुझे आने और उनकी मदद करने के लिए बुलाया, जबकि लैला ने मुझसे उसे उसके उत्पीड़कों के हाथों से बचाने की विनती की।

जब वे मुझे इस प्रकार बुला रही थी तभी जहाज़ के कप्तान ने यह घोषणा की कि हम बंदरगाह शहर इस्तांबुल पहुँच गए हैं और हमे गाड़ी के आगमन की सुचना दी, लैला को बांह से पकड़ते हुए, मैं उसे बाहर ले गया, उसके बाद अन्य लोग भी हमारे पीछे आए। हमने गाड़ी में प्रवेश किया और चल पड़े।

दोपहर का समय था जब हम सड़क मार्ग से प्रेम के मंदिर के पास स्थित हमारे गंतव्य महल में पहुँचे। थकी हुई लैला बिस्तर पर चली गई और सो गई, सभी लड़कियाँ उसके चारों ओर सो रही थीं, मैंने उनमें से किसी को भी छूने का निश्चय नहीं किया, प्यारी लैला के कौमार्य से पूर्ण न्याय करने के उद्देश्य से अपने भीतर सारी शक्तियाँ सुरक्षित रखने का निश्चय किया।

इस अवसर पर जब लड़किया आराम कर रही थी मैंने अपने एजेंट के माध्यम से कुछ सबसे अमीर और प्रभावशाली तुर्की के निवासियों को एक काल्पनिक नवाब आमिर हमजा के नाम से अपने सन्देश पहुँचाए और जल्द ही कई धनी तुर्कों और तीन चार व्यापारियों से भी परिचित हो गया।

फिर मैंने एक दुभाषिया एहसान को काम पर रखा और एक व्यापारी बिलाल से मुलाकात की और उसे बाज़ार में उपलब्ध सबसे सुंदर महिलाओं का पता लगाने और उन्हें हासिल करने के लिए अपने एजेंट के रूप में नियुक्त किया। मुझे मालूम था कि आस पास के गरीब वर्ग के निवासी अपनी काफ़ी सुंदर लड़कियों को बेच देते थे जो कि फिर अमीर और वासनापूर्ण तुर्क अपने हरम की शोभा बढ़ाने के लिए उनसे ले लेते थे, मैंने अपने-अपने एक अन्य एजेंट खलील को कुछ दूतों को ऐसी सभी सुंदर लड़कियो की खोज के काम में पहले ही लगा दिया था। मैंने खलील को अपने सभी एजेंटो को बुलाने का निर्देश दिया। खलील ने मुझे बताया की आसपास के गरीब इलाकों के ऐसे परिवार हैं जिनके पास खूबसूरत लड़कियाँ थीं और जो उन्हें सोने के बदले में देने के इच्छुक थे।

फिर मैंने अपने दुभाषिये एहसान से हमारे प्यार के मंदिर में जाने के लिए व्यवस्था करने के लिए कहा और उसे मुख्य पुजारिन को दमे के लिए एक ख़त दिया।

कुछ ही देर बाद लैला ने जब उसने अपने कमरे के दरवाजे पर दस्तक सुनी तब लैला अपनी क्षणिक नींद से जाग गई। उसे होश आया और उसने ख़ुद को बिस्तर पर पूरी तरह नग्न पाया। उसे याद आया कि सुबह वह बाथरूम से स्नान कर के आने के बाद, खुले दरवाजे से मुझे अपना नग्न शरीर दिखा रही थी, फिर वह मेरे सामने अपनी योनी में उंगली कर रही थी और तीव्र संभोग सुख तक पहुँचने के बाद, वह सो गई। उस समय दरवाज़ा खुला था। फिर दरवाज़ा किसने बंद किया? हे भगवान! कौन था जिसने दरवाज़ा बंद किया? । फिर उसे याद आया की वह कब और कैसे इस महल मेंआ गयी।

वह यही सब सोचती हुई पारदर्शी गुलाबी साटन की ढीली तुर्की पैंट और समृद्ध कढ़ाई वाले कपड़े पहन कर तैयार हो गई और फिर उसने दरवाज़ा खोला।

जारी रहेगी
 
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