• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica मेरी रूपाली दीदी और जालिम ठाकुर..

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

babasandy

Active Member
1,387
2,644
159
क्या नजारा था? ठाकुर साहब ने देखा कि उनकी आंखों के सामने दो बड़ी-बड़ी चूचियां अपनी चोली में ऊपर नीचे ऊपर नीचे हो रही है.. मेरी दीदी का क्लीवेज कुछ ज्यादा ही बड़ा था... आधी से ज्यादा चूंचियां चोली के बाहर झांक रही थी... ठाकुर साहब को तो समझ में आ गया था कि मेरी बहन की चूचियां, जितना उन्होंने सोचा था उससे कहीं ज्यादा बड़ी और मदमस्त है... मेरी दीदी ने तो शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर ली थी... होने वाले समय के इंतजार में..
ठाकुर साहब ने अपनी शर्ट उतार के नीचे जमीन पर फेंक दी.. चौड़ी छाती के ऊपर काले घने बाल देखकर मेरी रुपाली दीदी शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी... ठाकुर साहब की मर्दानगी और मेरी रूपाली दीदी की जवानी आग और घी का काम कर रहे थे..
ठाकुर रणवीर सिंह एक तगड़े मजबूत जानवर की तरह अपनी छाती खुली करके मेरी बहन को गोद में बिठाकर आनंद ले रहे थे.. मेरी बहन सिमटी हुई डरी हुई केवल अपनी साड़ी और चोली में ठाकुर साहब के सामने प्रस्तुत थी.. ठाकुर साहब ने मेरी बहन के सीने से उनकी साड़ी का आंचल हटा दिया था.. मेरी रूपाली दीदी एक बेबी डॉल की तरह ठाकुर साहब की गोद में बैठी हुई थी..
ठाकुर साहब की चौड़ी छाती देख कर मेरी रूपाली दीदी घबरा रही थी शर्म आ रही थी.. पर साथ ही साथ उनसे नफरत भी कर रही थी.. मेरी बहन की गोलाई देखकर ठाकुर रणवीर सिंह का मुंह खुला का खुला रह गया था.. उन्होंने मेरी बहन की पतली कमर थाम ली और अपना मुंह मेरी दीदी के खुले गले पर रख दिया और चूमने लगे. उनका एक हाथ पीछे मेरी रूपाली दीदी की पीठ के ऊपर घूम रहा था.. ठाकुर साहब का चेहरा मेरी बहन के पहाड़ों के ऊपरी हिस्से पर आ गया था.. मेरी रूपाली दीदी ने पीछे की तरफ झुकने का प्रयास किया परंतु ठाकुर साहब ने उनकी कमर को अच्छी तरह जकड़ रखा था.. ठाकुर साहब किसी जंगली जानवर की तरह हुंकार भरते हुए मेरी बहन को दबोच उनकी छाती के ऊपरी भाग को चूम रहे थे... बड़ी तेजी से हो उन्होंने अपना एक हाथ मेरी रुपाली दीदी की बाईं चूची पर रख दिया और मसल दिया पूरी ताकत से.. मेरी बहन तड़पने और कसमसआने लगी..
मेरी बहन की चूचियों की नरमी और गर्मी अपने हाथों में महसूस करके ठाकुर साहब को बेहद आश्चर्य हुआ.. उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरी बहन की दोनों चुचियों को जकड़ लिया और दबाने और मसलने लगे,
चोली के ऊपर से ही.
मेरी रूपाली दीदी: अह्ह्ह ! आहह… ठाकुर साहब... प्लीज.. आराम से... धीरे कीजिए ना..
ठाकुर साहब: आह्ह्हह्ह ! रूपाली... यह क्या है.. क्या चीज हो तुम.. कयामत हो तुम रूपाली... इतने बड़े बड़े..आह्ह्.. रूपाली..
बड़ी नरम हो तुम..


video2gif-20190129-120331



aslimonalisa-post-2019-04-03-10-56
ठाकुर रणवीर सिंह मेरी बहन की चोली खोलने का प्रयास करने लगे परंतु चोली का बटन ढूंढने में उन्हें परेशानी हो रही थी.. ठाकुर साहब बेहद उत्तेजित हो चुके थे...
किसी तरह प्रयास करके ठाकुर साहब ने मेरी रूपाली दीदी की चोली के सारे बटन खोल दीय.. मेरी बहन की चोली खुलते ही ठाकुर साहब का संयम टूट गया.. अपनी हवस भरी आंखों से उन्होंने मेरी बहन की दोनों बड़ी बड़ी चूचियों के दर्शन किए.. खड़े-खड़े भूरे रंग के निपल्स देखकर ठाकुर साहब के अरमान जाग चुके थे.. मेरी रूपाली दीदी ने अपनी जांघों के जोड़ के बीच में ठाकुर साहब की मर्दानगी का एहसास किया.. ठाकुर साहब के बड़े मर्दानगी का एहसास पाकर मेरी दीदी मचलने लगी थी.. मेरी दीदी उनसे नफरत तो कर रही थी पर उनका बदन उन्हें धोखा दे रहा था.. ठाकुर साहब के औजार ने मेरी बहन को बेहाल कर दिया था.. मेरी रूपाली दीदी को पूरी तरह एहसास था कि इतना बड़ा मोटा फिर से उनको कभी भी नसीब नहीं होगा...


0-LGb9-Kh-1


3-03

ठाकुर साहब ने अपना मुंह मेरी रूपाली दीदी की एक चूची पर रख दिया और बुरी तरह चूसने लगे.. ठाकुर साहब के मुंह से एक औरत की चूची पीने की आवाजें निकलने लगी थी.. मीठे दूध की धार मेरी बहन की चूचियों से निकलने लगी थी.. ठाकुर साहब ने मेरी बहन को इशारा किया कि वह उनको अपनी बाहों में भर ले... परंतु मेरी दीदी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.. मेरी रूपाली दीदी पहली और आखरी बार यह घिनौना काम कर रही थी.. उनकी आंखों में आंसू थे साथ ही साथ उनकी दोनों चूचियां चूसी जा रही थी ठाकुर साहब के द्वारा.. बारी बारी.. मेरी रूपाली दीदी.. 1 घरेलू पतिव्रता नारी... अपनी मजबूरी में ठाकुर साहब को अपना दूध पिला रही थी.. ठाकुर साहब तो अपनी पूरी मस्ती में थे.. दूध की धार निकल रही थी और ठाकुर साहब बिना एक बूंद को भी बर्बाद किए हुए मेरी बहन की छाती को पिए जा रहे थे...
अचानक मेरी बहन ने ठाकुर साहब के गले में अपनी बाहों का घेरा डाल दिया.. ठाकुर साहब मेरी बहन का दूध पिए जा रहे थे और खुद को बेहद खुशनसीब मान रहे थे. अपने सपनों की रानी , अपनी महबूबा, कि दोनों छाती उनके हवाले थी.... ठाकुर साहब मेरी बहन की चूचियों का खुलकर मजा ले रहे थे...
ऊपर की तरफ हिलने डुलने के कारण मेरी दीदी की गांड की दरार के ऊपर ठाकुर साहब का लण्ड आ गया था.. इस बात का एहसास होते ही ठाकुर साहब नीचे के झटके मारने लगे...
ठाकुर साहब पागलों की तरह उत्तेजित हो चुके थे. वह मेरी बहन की चूची से दूध पीते रहे.. और दीदी की गांड पर हाथ फिरआते रहे.. मेरी बहन की दोनों चूची और उसके ऊपर का भाग पूरी तरह गीला हो चुका था ठाकुर साहब के चूमने चूसने और चाटने के कारण.


086-1000

ठाकुर साहब नीचे से झटके मारते रहे.. मेरी रूपाली दीदी की गांड की नरमी और उनकी खूबसूरती के कारण ठाकुर साहब का संयम टूट गया , उनके लोड़े का पानी निकल गया... मेरी रूपाली दीदी ने भी महसूस किया था अपनी साड़ी के ऊपर से... ठाकुर साहब का झड़ना.
ठाकुर साहब के लोड़े से ढेर सारा पानी निकला था ,परंतु वह पानी उनकी पैंट और अंडरवियर के अंदर ही रह गया..
मेरी रूपाली दीदी ने घड़ी की तरफ देखा.. तकरीबन 30 मिनट हो चुके थे.. ठाकुर साहब ने मेरी बहन की चोटियों पर कई बार चुम्मा लिया.. फिर मेरे रूपाली दीदी को आजाद कर दिया.
मेरे रूपाली दीदी उठ कर खड़ी हो गई और अपनी चोली के बटन बंद कर ठाकुर साहब की की तरफ देखने लगी... ठाकुर साहब भी मेरी बहन को देख कर मुस्कुरा रहे थे...
 

vickyrock

Active Member
615
1,591
139
क्या नजारा था? ठाकुर साहब ने देखा कि उनकी आंखों के सामने दो बड़ी-बड़ी चूचियां अपनी चोली में ऊपर नीचे ऊपर नीचे हो रही है.. मेरी दीदी का क्लीवेज कुछ ज्यादा ही बड़ा था... आधी से ज्यादा चूंचियां चोली के बाहर झांक रही थी... ठाकुर साहब को तो समझ में आ गया था कि मेरी बहन की चूचियां, जितना उन्होंने सोचा था उससे कहीं ज्यादा बड़ी और मदमस्त है... मेरी दीदी ने तो शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर ली थी... होने वाले समय के इंतजार में..
ठाकुर साहब ने अपनी शर्ट उतार के नीचे जमीन पर फेंक दी.. चौड़ी छाती के ऊपर काले घने बाल देखकर मेरी रुपाली दीदी शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी... ठाकुर साहब की मर्दानगी और मेरी रूपाली दीदी की जवानी आग और घी का काम कर रहे थे..
ठाकुर रणवीर सिंह एक तगड़े मजबूत जानवर की तरह अपनी छाती खुली करके मेरी बहन को गोद में बिठाकर आनंद ले रहे थे.. मेरी बहन सिमटी हुई डरी हुई केवल अपनी साड़ी और चोली में ठाकुर साहब के सामने प्रस्तुत थी.. ठाकुर साहब ने मेरी बहन के सीने से उनकी साड़ी का आंचल हटा दिया था.. मेरी रूपाली दीदी एक बेबी डॉल की तरह ठाकुर साहब की गोद में बैठी हुई थी..
ठाकुर साहब की चौड़ी छाती देख कर मेरी रूपाली दीदी घबरा रही थी शर्म आ रही थी.. पर साथ ही साथ उनसे नफरत भी कर रही थी.. मेरी बहन की गोलाई देखकर ठाकुर रणवीर सिंह का मुंह खुला का खुला रह गया था.. उन्होंने मेरी बहन की पतली कमर थाम ली और अपना मुंह मेरी दीदी के खुले गले पर रख दिया और चूमने लगे. उनका एक हाथ पीछे मेरी रूपाली दीदी की पीठ के ऊपर घूम रहा था.. ठाकुर साहब का चेहरा मेरी बहन के पहाड़ों के ऊपरी हिस्से पर आ गया था.. मेरी रूपाली दीदी ने पीछे की तरफ झुकने का प्रयास किया परंतु ठाकुर साहब ने उनकी कमर को अच्छी तरह जकड़ रखा था.. ठाकुर साहब किसी जंगली जानवर की तरह हुंकार भरते हुए मेरी बहन को दबोच उनकी छाती के ऊपरी भाग को चूम रहे थे... बड़ी तेजी से हो उन्होंने अपना एक हाथ मेरी रुपाली दीदी की बाईं चूची पर रख दिया और मसल दिया पूरी ताकत से.. मेरी बहन तड़पने और कसमसआने लगी..
मेरी बहन की चूचियों की नरमी और गर्मी अपने हाथों में महसूस करके ठाकुर साहब को बेहद आश्चर्य हुआ.. उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरी बहन की दोनों चुचियों को जकड़ लिया और दबाने और मसलने लगे,
चोली के ऊपर से ही.
मेरी रूपाली दीदी: अह्ह्ह ! आहह… ठाकुर साहब... प्लीज.. आराम से... धीरे कीजिए ना..
ठाकुर साहब: आह्ह्हह्ह ! रूपाली... यह क्या है.. क्या चीज हो तुम.. कयामत हो तुम रूपाली... इतने बड़े बड़े..आह्ह्.. रूपाली..
बड़ी नरम हो तुम..


video2gif-20190129-120331



aslimonalisa-post-2019-04-03-10-56
ठाकुर रणवीर सिंह मेरी बहन की चोली खोलने का प्रयास करने लगे परंतु चोली का बटन ढूंढने में उन्हें परेशानी हो रही थी.. ठाकुर साहब बेहद उत्तेजित हो चुके थे...
किसी तरह प्रयास करके ठाकुर साहब ने मेरी रूपाली दीदी की चोली के सारे बटन खोल दीय.. मेरी बहन की चोली खुलते ही ठाकुर साहब का संयम टूट गया.. अपनी हवस भरी आंखों से उन्होंने मेरी बहन की दोनों बड़ी बड़ी चूचियों के दर्शन किए.. खड़े-खड़े भूरे रंग के निपल्स देखकर ठाकुर साहब के अरमान जाग चुके थे.. मेरी रूपाली दीदी ने अपनी जांघों के जोड़ के बीच में ठाकुर साहब की मर्दानगी का एहसास किया.. ठाकुर साहब के बड़े मर्दानगी का एहसास पाकर मेरी दीदी मचलने लगी थी.. मेरी दीदी उनसे नफरत तो कर रही थी पर उनका बदन उन्हें धोखा दे रहा था.. ठाकुर साहब के औजार ने मेरी बहन को बेहाल कर दिया था.. मेरी रूपाली दीदी को पूरी तरह एहसास था कि इतना बड़ा मोटा फिर से उनको कभी भी नसीब नहीं होगा...


0-LGb9-Kh-1
3-03

ठाकुर साहब ने अपना मुंह मेरी रूपाली दीदी की एक चूची पर रख दिया और बुरी तरह चूसने लगे.. ठाकुर साहब के मुंह से एक औरत की चूची पीने की आवाजें निकलने लगी थी.. मीठे दूध की धार मेरी बहन की चूचियों से निकलने लगी थी.. ठाकुर साहब ने मेरी बहन को इशारा किया कि वह उनको अपनी बाहों में भर ले... परंतु मेरी दीदी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.. मेरी रूपाली दीदी पहली और आखरी बार यह घिनौना काम कर रही थी.. उनकी आंखों में आंसू थे साथ ही साथ उनकी दोनों चूचियां चूसी जा रही थी ठाकुर साहब के द्वारा.. बारी बारी.. मेरी रूपाली दीदी.. 1 घरेलू पतिव्रता नारी... अपनी मजबूरी में ठाकुर साहब को अपना दूध पिला रही थी.. ठाकुर साहब तो अपनी पूरी मस्ती में थे.. दूध की धार निकल रही थी और ठाकुर साहब बिना एक बूंद को भी बर्बाद किए हुए मेरी बहन की छाती को पिए जा रहे थे...
अचानक मेरी बहन ने ठाकुर साहब के गले में अपनी बाहों का घेरा डाल दिया.. ठाकुर साहब मेरी बहन का दूध पिए जा रहे थे और खुद को बेहद खुशनसीब मान रहे थे. अपने सपनों की रानी , अपनी महबूबा, कि दोनों छाती उनके हवाले थी.... ठाकुर साहब मेरी बहन की चूचियों का खुलकर मजा ले रहे थे...
ऊपर की तरफ हिलने डुलने के कारण मेरी दीदी की गांड की दरार के ऊपर ठाकुर साहब का लण्ड आ गया था.. इस बात का एहसास होते ही ठाकुर साहब नीचे के झटके मारने लगे...
ठाकुर साहब पागलों की तरह उत्तेजित हो चुके थे. वह मेरी बहन की चूची से दूध पीते रहे.. और दीदी की गांड पर हाथ फिरआते रहे.. मेरी बहन की दोनों चूची और उसके ऊपर का भाग पूरी तरह गीला हो चुका था ठाकुर साहब के चूमने चूसने और चाटने के कारण.


086-1000

ठाकुर साहब नीचे से झटके मारते रहे.. मेरी रूपाली दीदी की गांड की नरमी और उनकी खूबसूरती के कारण ठाकुर साहब का संयम टूट गया , उनके लोड़े का पानी निकल गया... मेरी रूपाली दीदी ने भी महसूस किया था अपनी साड़ी के ऊपर से... ठाकुर साहब का झड़ना.
ठाकुर साहब के लोड़े से ढेर सारा पानी निकला था ,परंतु वह पानी उनकी पैंट और अंडरवियर के अंदर ही रह गया..
मेरी रूपाली दीदी ने घड़ी की तरफ देखा.. तकरीबन 30 मिनट हो चुके थे.. ठाकुर साहब ने मेरी बहन की चोटियों पर कई बार चुम्मा लिया.. फिर मेरे रूपाली दीदी को आजाद कर दिया.
मेरे रूपाली दीदी उठ कर खड़ी हो गई और अपनी चोली के बटन बंद कर ठाकुर साहब की की तरफ देखने लगी... ठाकुर साहब भी मेरी बहन को देख कर मुस्कुरा रहे थे...
बहुत ही कामुकता से भरा हुआ अपडेट 😍
 
  • Like
Reactions: babasandy
Top