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Incest मम्मी से मिली सजा और प्यार।

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शाम को हम दोनो घर आकर अपने रूम में बैठ जाते है। मम्मी सुबह हुई घटना को भूलने के लिए हमारे लिए चाय लेकर आती है। जब मैने मम्मी को देखा तो वह सामान्य लग रही थी। शायद मम्मी ये कोशिश कर रही थी उस बात पर ज्यादा ध्यान न दिया जाए।
तभी आवाज आई क्या सोच रहे हो रोहित चाय पकड़ो। मम्मी मेरे सामने चाय का कप लेकर खड़ी थी और मैं अपनी ही सोच मैं डूबा हुआ था।
मम्मी– और कैसा गया तुम दोनो का आज का दिन।
मै – हां मम्मी ठीक था।
थोड़ी देर बात करने के बाद जब मम्मी जाने लगी। मम्मी वो सुबह के लिए सोरी हमे जल्दी उठ जाना चाहिए था। आगे से कभी नहीं होगा। सूरज भी मेरी हां में हां मिलाते हुए हां आंटी सोरी आंटी आज के बाद हम जल्दी उठ जायेंगे।
मम्मी– ठीक है बेटा कोई बात नही पर आगे से जल्दी उठा करो। इस उम्र तुम्हें अपने शरीर पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। पोष्टिक फल सब्जी खाकर अपने शरीर को तंदुरुस्त बनाना चाहिए। उल्टा तुम तो आलसी की तरह पड़े रहते हो सूरज तो फिर भी शरीर में थोड़ा ठीक है तुम तो बिल्कुल दुबले पतले हो।
मै– नही मम्मी में भी चुस्त और तंदुरुस्त हुं।
मम्मी हंसते हुए हा हा ..... वो तो दिख ही रहा है कि तुम कितने शक्तिशाली हो।
मैं गुस्से मे – मम्मी में आप को यह मजाक लगता है मेरे अंदर सूरज से ज्यादा दम है। अगर आपको विश्वास नही तो आजमाकर देख लीजिए।
मम्मी– अब क्या मेरे साथ कुश्ती लड़ेगा।
मैं – में आपके साथ कुश्ती नही लड़ सकता। आपको को अगर ऐसा लगता है की सूरज में मुझसे ज्यादा दम है तो हम दोनो आपस में पंजा लड़ते हैं। जो जीतेगा उससे पता चल जाएगा कि किसमें जायदा दम है।
सूरज को देखकर उसे चुनौती देते हुए बोलता हुं। क्यूं क्या कहते हो सूरज मंजूर है।
मम्मी– अरे रहने दो तुम तो ज्यादा सीरियस हो गए में तो मजाक कर रही थी।
नही मम्मी अब हम एक खेल तो खेलकर रहेंगे।
कुछ देर बाद मम्मी हार मानकर बोलती हैं। ठीक है बाबा तुम पंजा लडाओ में तुम दोनो को प्रोत्साहित करूंगी।
मैं – मम्मी आप सिर्फ चीयर ही नहीं करेंगी।
मम्मी – तो फिर क्या और करना पड़ेगा।
मैं – आप जितने वाले की इनाम भी होगी।
मम्मी – मतलब पिछले बार की तरह मुझे इस बार भी गले लगाना होगा।
मैं – नही मम्मी इस बार का खेल थोड़ा ज्यादा कठिन है। इसीलिए इनाम भी अच्छा ही होना चाहिए।
मम्मी – अच्छा जी। तो इस बार क्या इनाम होना चाहिए।
में– इस बार आप जितने वाले के गालों पर एक चुम्बन देंगी।
मम्मी – क्या थोड़ा चौंकते हुए। नही नही ये में कैसे करूंगी।
मैं– जैसे बचपन में करती थी मां।
मम्मी – बचपन की बात अलग थी अब तुम बड़े हो गए हो। और अगर सूरज जीत गया तो उसे कैसे करूंगी। नही बिल्कुल नही।
मैं – मम्मी क्या हुआ अगर हम बड़े हो गए तो वैसे भी हम आपके बेटे जैसे ही तो है।
(थोड़ी देर सोचने के बाद)मम्मी – अच्छा ठीक है आखिर तुम दोनो मेरे बेटे जैसे हो और एक मां को अपने बच्चो को किस देने में क्या हर्ज।
मैं – चलो सूरज शुरू करते है।
फिर मैं और सूरज टेबल पर आमने सामने बैठ जाते है और खेल शुरू करते है। मैने मम्मी को गलत साबित करने के लिए जोश में बोल तो दिया था कि मेरे अंदर भी सूरज जितना दम है पर अब मुझे भी डर लगने लगा की में सूरज से आसानी से हार जाऊंगा। फिर मैने ये सब सोचना छोड़ दबाव बनाना शुरू किया। शुरुआत में हम दोनो के हाथ एक ही स्थिति में रुके रहे। फिर मैने कुछ और दम लगाया तो सूरज का हाथ झुकना शुरू हुआ। मेरा आत्मविश्वास बढ़ने लगा। में और अधिक जोर लगाकर सूरज का हाथ झुकने की कोशिश करने लगा। इस बीच मम्मी उत्सुकता से हम दोनो को देख रही थी कि कौन इस खेल में जीतेगा। मै जीतने के बाद मम्मी से मिलने वाले किस के बारे में सोचकर सूरज को जलाने की कल्पना में खोने लगा। कुछ देर बाद मेरे अंदर और जोर लगाने की शक्ति नही रही और सूरज ने मेरा हाथ झुकाना शुरू किया। में अपनी पूरा जोर लगाकर उसे रोकने के लिए कर रहा था पर मेरा हाथ लगातार झुकता जा रहा था अब बस एक दो इंच ही उपर मेरा हाथ रह गया था। कुछ ही पल में सूरज ने और जोर लगाकर मेरा हाथ नीचे लगा दिया और मुझे हरा दिया। मैने मम्मी से मिलने वाले किस को हार गया।
मेरे हारते ही मम्मी जोरों से हंसते हुए बोली देखा मैने कहा था ना कि तुम तो कमजोर हो।
मैं – नही नही मम्मी ये तो गलती से हार गया नही एक मैच और खेलते है इस बार में पक्का जीत जाऊंगा।
मम्मी – चल अब बहाने बनाना बंद कर मैने पहले ही कहा था कि तुम सूरज से कमजोर हो।
मैं – ( थोड़ा गुस्सा करते हुए) ठीक है तो अगर आपको यही लगता है तो में कमजोर हुं और सूरज ताकतवर। अब उसे ही किस कर दो , मुझे नही चाहिए आपका किस।
किस की बात सुनते ही मम्मी चुप हो गई।
मैं – क्यों अब क्या हुआ आपको, मम्मी आप भी डर गई। आपके पास भी किस करने की हिम्मत नही है। आप भी डरपोक है।
मम्मी – नही में तुम्हारी तरह डरपोक नही। मुझे किस करने में क्यों डर लगेगा मुझे तो गालों पर किस करना है। वैसे भी सूरज मेरा बेटा जैसे है। क्यूं सूरज ( सूरज की और देखते हुए ).
मैं – अच्छा तो अगर आपको कही और किस करना होता तो आपको जरूर डर लगता।
मम्मी– कही और से क्या मतलब है तुम्हारा।
मैं– मेरा मतलब है होंटो पर ।
मम्मी अपने जाल में ही फंसते जा रही थी। मम्मी अजीब स्तिथि में थी इसीलिए उन्हें समझ नही आ रहा था कि आगे क्या कहे। थोड़ी देर बाद
मम्मी– मैं तुम्हारी तरह डरपोक नही हु अगर ऐसा कभी होगा तो में इनाम में ये भी करूंगी। पर अभी तो तुम हार गए हो इसीलिए तुम्हे कुछ नही मिलने वाला ठेंगे के सिवाय। तुम बस सूरज से जल रहे हो क्योंकि उसने इनाम जीत लिया।
मैं – अगर आप इनाम में असली किस कर सकती है तो में एक राउंड और खेलना चाहूंगा।
मम्मी – तुम जब तक दोबारा हार नहीं जाओगे तब तक नही मानोगे। सूरज बेटा इसे फिर से हरा दो ये तभी मानेगा।
हम दोनो फिर से खेल शुरू करते है। हम दोनो एक बार खेल चुके थे इसलिए दोनो ही इस बार ज्यादा जोर नही लगा पा रहे थे। इस बार मैने पहले की तरह उसे हराने के लिए जोर नही लगाया। जब सूरज ने मुझे हराने के लिए मेरा हाथ झुकाना शुरू किया तब मैने अपना प्रतिरोध जारी रखा। कुछ देर बाद जब सूरज थकने लगा तो मैने सही मौका देख अपना जोर लगाना शुरू किया और उसे हरा दिया।
उसे हराने के बाद मुझे खुद पर यकीन नही हो रहा था। में खुशी से उछलने लगा जैसे मैने कोई दुनिया का नायाब चीज जीत लिया हो।
मैं – देखा मम्मी मैने सूरज को हरा दिया। मैं भी सूरज जितना ताकतवर हूं।
मम्मी भी मेरे जीतने से खुश थी। हो भी क्यों न आखिर एक मां अपने बेटे की जीत में ही अपनी ख़ुशी देखती है।
मम्मी – हां बेटा तुम भी सूरज जितने ताकतवर हो। मुझे तुम दोनो पर नाज है। ( मम्मी खड़ी होती है और हम दोनो को गले लगा लेती है।)
इस दौरान मुझे मम्मी के मुलायम स्तन अपने चेहरे के पास महसूस होते है। जिस तरह मुझे मजा आ रहा था शायद सूरज भी सबकुछ महसूस कर रहा था। कुछ देर बाद मम्मी दूर हटती है और सोने के लिए अपने कमरे में जाने लगती है।
मैं – मम्मी आप कुछ भूल रही हैं।
मम्मी – क्या।
मैं – हमारा इनाम।
मम्मी – चल हट बदमाश। में नही देने वाली।
मैं – नही मम्मी ये तो चीटिंग है। आपने कहा था।
मम्मी– हां फिर बोला था तो वैसे भी मैने तुम दोनो को गले लगाया ही है।
मैं – प्लीज मम्मी।
मम्मी – ठीक है लेकिन सिर्फ गालों पर।
मैं – नही मम्मी आपने कही और के लिए बोला था।
मम्मी – वहां नही। अगर चाहिए तो बताओ वर्ना में सोने जा रही हूं।
मैं – रूठकर ठीक है गालों पर ही कर दो।
मम्मी – पर पहले तो सूरज जीता, इनाम भी उसे ही मिलेगा। दूसरा गेम तो तुमने जबरदस्ती खेलकर उसे हराया इसीलिए तुम्हे तो इनाम नही मिलेगा।
सूरज बस मम्मी को देखे जा रहा था वह मम्मी को मना भी कर मम्मी के कोमल होंटो से मिलने वाले किस को खोना नही चाहता था। मम्मी उसकी और बढ़ती है। और उसके गालों पर अपने होंटों को रख देती है। इस दौरान मैं उनके चेहरे की और देख रहा था। सूरज की आंखे एक पल के लिए बंद हो जाती है वह उस हर एक पल का आनंद ले रहा था। चार पांच सेकंड बाद जब सूरज के गाल को चूमकर पीछे हटती है तो कमरे में धीमी से पुच की आवाज गुंज जाती है।
जब मम्मी मेरी और देखती है तो मैं प्यासे आदमी की तरह उन्हें देख रहा था। मम्मी मेरी हालत देख हंस देती है।
मम्मी – देख कैसे देख रहा है। आ तुझे भी कर देती हु।
मम्मी ने जब ये कहा तो मुझे तो अलग ही खुशी मिल गई। मम्मी मेरी ठोड़ी के नीचे से एक हाथ से मेरे चेहरे को पकड़ती है और मेरे गाल पर अपने होंटों की छाप लगाने के लिए आगे बढ़ती है। मैं अपनी आंखे बंद कर लेता हु और मम्मी के किस का इंतजार करता हु। कुछ ही पल बाद मुझे मम्मी के होंट अपने गालों की बजाय होंटो पर महसूस होते है जैसे ही मेरी आंख खुलती है मम्मी पीछे हट जाती है।
मम्मी –( मुस्कुराते हुए) यही चाहिए था ना मेरे लाडले बेटे को बस खुश अब। और मम्मी तेजी से अपने कमरे में चली जाती है।
हमारे होंटो का स्पर्श भले ही एक दो सेकंड के लिए रहा हो, पर मेरे लिए यह एक अदभुत आनंदायक था। मम्मी के होंटों की मिठास मुझे अभी भी मेरे होंटों पर महसूस हो रही थी।
 

Shetan

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अब तक की जितनी भी incast स्टोरी पढ़ी. उसमे ये सबसे अलग है. सेम टॉपिक होने के बावजूद अलग ही. एक अलग ही रोमांच है कहानी मे. स्टोरी की रफ़्तार भी परफेक्ट है. बस अपडेट बहोत ही ज्यादा स्लो है. ऐसे तो आप के रिडर्स कहानी के फ्लो से भटक जाएंगे. अच्छी कहानी के बावजूद भी कहानी भूल जाने के कारण स्टोरी छोड़ सकते है. प्लीज अपडेटेड fast दीजिये.
 
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iloveall

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अब तक की जितनी भी incast स्टोरी पढ़ी. उसमे ये सबसे अलग है. सेम टॉपिक होने के बावजूद अलग ही. एक अलग ही रोमांच है कहानी मे. स्टोरी की रफ़्तार भी परफेक्ट है. बस अपडेट बहोत ही ज्यादा स्लो है. ऐसे तो आप के रिडर्स कहानी के फ्लो से भटक जाएंगे. अच्छी कहानी के बावजूद भी कहानी भूल जाने के कारण स्टोरी छोड़ सकते है. प्लीज अपडेटेड fast दीजिये.
Thanks for your precious comment.
 

iloveall

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Good just be simple n slow n seductive. Go inch by inch, get open very slowly n no hurry for sex
Slow seduction hi meri story ki khaas baat hai.
Koi bhi maa itni jaldi bete ke saath nahi khul sakti hai. Isiliye aisi situation banani padti hai jisme dono karib aaye aur thoda seduction ho.
Keep patience tabhi is story ka asli maja aayega.
Ager kuch hi update me sex kara dunga to story ka saara maja kharaab ho jayega.
 

Sanjana.

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Slow seduction hi meri story ki khaas baat hai.
Koi bhi maa itni jaldi bete ke saath nahi khul sakti hai. Isiliye aisi situation banani padti hai jisme dono karib aaye aur thoda seduction ho.
Keep patience tabhi is story ka asli maja aayega.
Ager kuch hi update me sex kara dunga to story ka saara maja kharaab ho jayega.
Ekdom sahi.Slow and steady seduction makes a mom son incest story extremely hot and erotic.Please add more hot,erotic and double meaning naughty conversations between mom and son.
 
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