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A small quick update
शाम हुई तो मैं जा पहुंचा हाथ में लेकर फूलो का गुलदस्ता
एक सुंदर सी साड़ी पहन कर रेखा मेरा देख रही थी रास्ता
माथे पे बिंदिया आँखों में कजरा और होठों पर गहरी लाली
हाथों में पहने रखे कंगन और कानों में लटक रही थी बाली

गांड अति विशाल और चूचे तने हुए थे जैसे पर्वत की चोटी
अद्भुत सौन्दर्य को देख किसी की भी हो जाए नियत खोटी
चूम लिया मैंने उस के सुर्ख होठों पर पास मैं उस के जाके
इरादा आज का जाहिर कर दिया मैंने उसकी गांड दबा के

घूर रहाथा दीपक हम दोन को अपनी आँखो में लिये हेरानी
कैसे उसका दोस्त चख रहा है उसकी माँ की मस्त जवानी
रेखा का अब हाल बुरा था उसकी अपनी चूत की गर्मी से
हाथो से मसल रही थी वो लौड़ा मेरा अपनी पूरी बेशर्मी से

देख कर हमारी यूं मस्तियां दीपक ने अपनी नजर झुका ली
मैंने झट आगे बढ़ कर उसकी मम्मी कंधे पे अपनी उठा ली
कमरे में रेखा ले जाने को मैंने जैसे ही आगे कदम बढ़ाया
सोफ़े से जल्दी भाग कर दीपक झट से पास में मेरे आया
अपनी आँखों से दीपक ने कुछ मुझ को किया एक इशारा
रेखा को कमरे में जाने का बोल के मैने नीचे उसे उत्तारा

कंडोम का एक लाया था दिब्बा जिसे लगा मुझे पकड़ाने
इसे लगा कर ही करना कुछ भी दीपक लगा मुझे बतलाने
कहां कभी मजा आया है पन्नी में लिपटी हुई बर्फी खाने में
मर्द को मजा आता है बिना कंडोम के ही औरत बजाने में

एक बात कहता हूं तुझको दिल पर पत्थर रख कर सह ले
तेरी प्यारी माँ को ठोक चुका हूं अब से कई बार मैं पहले
छह महीने से ज्यादा रखा हुआ है मैंने मां को तेरी पटा के
कितनी बार मैंने मारी है फुद्दी यहीं पर लन पे उसे बिठा के

देख के यह लौड़ा मेरा वो पर झट से बन जाती है कुतिया
इन सब से अंजान रहा तू अभी तक बना हुआ था चुतिया
छोड़ बेकार की बातें और मुझको जल्दी से अंदर दे जाने
सुलग रही है तेरी माँ की फुद्दी जानाहै उसकी आग बुझाने

मम्मी भी तेरी बहुत चतुर है दीपक समझ ना उसको भोली
मुझसे चुदने के बाद वो हमेशा झट से खा लेती है गोली
सुन के मेरी बात लगा बेचारे को 440 वोल्ट का झटका
पहली बार देखा था मैंने ऐसा दीपक का चेहरा यूं लटका
खोल दिये दीपक के आगे आज मैंने छिपे हुए सब राज
ठगा हुआ महसूस कर रहा था खुद को खड़ा सामने आज
देख के उसकी हालत ऐसी मुझको खुद से घिन्न सी आई
गलत सही कहाँ सूझता जब दिमाग में घुसी हो पड़ी चुदाई

vakharia komaalrani Rajizexy Seema P Love
शाम हुई तो मैं जा पहुंचा हाथ में लेकर फूलो का गुलदस्ता
एक सुंदर सी साड़ी पहन कर रेखा मेरा देख रही थी रास्ता
माथे पे बिंदिया आँखों में कजरा और होठों पर गहरी लाली
हाथों में पहने रखे कंगन और कानों में लटक रही थी बाली


गांड अति विशाल और चूचे तने हुए थे जैसे पर्वत की चोटी
अद्भुत सौन्दर्य को देख किसी की भी हो जाए नियत खोटी
चूम लिया मैंने उस के सुर्ख होठों पर पास मैं उस के जाके
इरादा आज का जाहिर कर दिया मैंने उसकी गांड दबा के



घूर रहाथा दीपक हम दोन को अपनी आँखो में लिये हेरानी
कैसे उसका दोस्त चख रहा है उसकी माँ की मस्त जवानी
रेखा का अब हाल बुरा था उसकी अपनी चूत की गर्मी से
हाथो से मसल रही थी वो लौड़ा मेरा अपनी पूरी बेशर्मी से


देख कर हमारी यूं मस्तियां दीपक ने अपनी नजर झुका ली
मैंने झट आगे बढ़ कर उसकी मम्मी कंधे पे अपनी उठा ली
कमरे में रेखा ले जाने को मैंने जैसे ही आगे कदम बढ़ाया
सोफ़े से जल्दी भाग कर दीपक झट से पास में मेरे आया
अपनी आँखों से दीपक ने कुछ मुझ को किया एक इशारा
रेखा को कमरे में जाने का बोल के मैने नीचे उसे उत्तारा



कंडोम का एक लाया था दिब्बा जिसे लगा मुझे पकड़ाने
इसे लगा कर ही करना कुछ भी दीपक लगा मुझे बतलाने
कहां कभी मजा आया है पन्नी में लिपटी हुई बर्फी खाने में
मर्द को मजा आता है बिना कंडोम के ही औरत बजाने में


एक बात कहता हूं तुझको दिल पर पत्थर रख कर सह ले
तेरी प्यारी माँ को ठोक चुका हूं अब से कई बार मैं पहले
छह महीने से ज्यादा रखा हुआ है मैंने मां को तेरी पटा के
कितनी बार मैंने मारी है फुद्दी यहीं पर लन पे उसे बिठा के



देख के यह लौड़ा मेरा वो पर झट से बन जाती है कुतिया
इन सब से अंजान रहा तू अभी तक बना हुआ था चुतिया
छोड़ बेकार की बातें और मुझको जल्दी से अंदर दे जाने
सुलग रही है तेरी माँ की फुद्दी जानाहै उसकी आग बुझाने



मम्मी भी तेरी बहुत चतुर है दीपक समझ ना उसको भोली
मुझसे चुदने के बाद वो हमेशा झट से खा लेती है गोली
सुन के मेरी बात लगा बेचारे को 440 वोल्ट का झटका
पहली बार देखा था मैंने ऐसा दीपक का चेहरा यूं लटका
खोल दिये दीपक के आगे आज मैंने छिपे हुए सब राज
ठगा हुआ महसूस कर रहा था खुद को खड़ा सामने आज
देख के उसकी हालत ऐसी मुझको खुद से घिन्न सी आई
गलत सही कहाँ सूझता जब दिमाग में घुसी हो पड़ी चुदाई






vakharia komaalrani Rajizexy Seema P Love