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Awesome poem & super dupr gifsI am currently not in my home town so not getting sufficient time for new update. Posting a small update for my readers with a promise that a new update will be posted soon….
घुसते ही रेखा ने गले में डाल दिया अपनी बाहों का हार
मुझे लगा था फिर से पागल करने चुचो का सख्त उभार
मैंने उसके गर्दन और गालों पर कर दी चुम्बन की बौछार
और उसके नरम हाथों में दे दिया अपना खड़ा हथियार
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अपनी रेशमी साड़ी का पल्लू आंटी ने खुद ही दिया हटा
और मेरे सर को थाम के अपने नरम चुचो में दिया घुसा
चूस चूस के मैंने रेखा के चुचो को अच्छी तरह निचोडा
आंटी भी अपने हाथो में लेकर मेरा रही मसलती लौड़ा
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बिस्तर के कोने पर बिठा कर मैं लगा चूमने उसके पैर
आख़िर आज मैं निकल पड़ा जन्नत की करने को सैर
चूमते चूमते जैसे मैं आंटी की मांसल जांघों तक आया
कामरस से भीगी हुई उसकीचड्ढी मुझे होने लगी नुमाया
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समय लगा ना मुझे तनिक भी चड्ढी हल्की सरकाने में
चिप 2 करती चुत के फांको पर अपनी जीभ चलाने में
सच में क्या चीज़ रहेगी होगी तू अपनी भरपूर जवानी में
दो पैग का तो नशा अभी भी है आंटी तेरे चूत के पानी में
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मेरी उम्र पर मत जाना बेटा बोली रेखा लंड के मेरे मरोड़
तेरे जैसे को तो सिर्फ हाथ में लेकर देती हूं पूरा निचोड़
फिर अपने साथ चिपका उसका मैं लगा खोलने साया
लगा मचलने मेरी बाहों में उसका मस्त बदन गदराया
लाल चोली और पैंटी में रेखा बरपा रही गजब कयामत
और देख रेखा का रूप ये कामुक लौड़े की आई शामत
बदन के दो कपडे भी आंटी के मुझे लगे थे लगने भारी
पहले खुली ब्रा आंटी की और फिर पैंटी भी गई उतारी
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जितना सोचा था आंटी के बारे में उस भी बढकर पाया
मस्त चुची व चूत देख सामने लंड और भी मेरा तन्नाया
खुद को रखना दुर इस हुस्न से अब रहा ना मेरे बस में
लड लगा रेखा की गांड पे मैंने दबोच लिया उसे कस के
रेखा बोली पकड़ कर मुझको अब देर ना कर मेरे राजा
ले चल मुझको बिस्तर पर और बजा दे चूत का बाजा
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बहुत ही मजेदारI am currently not in my home town so not getting sufficient time for new update. Posting a small update for my readers with a promise that a new update will be posted soon….
घुसते ही रेखा ने गले में डाल दिया अपनी बाहों का हार
मुझे लगा था फिर से पागल करने चुचो का सख्त उभार
मैंने उसके गर्दन और गालों पर कर दी चुम्बन की बौछार
और उसके नरम हाथों में दे दिया अपना खड़ा हथियार
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अपनी रेशमी साड़ी का पल्लू आंटी ने खुद ही दिया हटा
और मेरे सर को थाम के अपने नरम चुचो में दिया घुसा
चूस चूस के मैंने रेखा के चुचो को अच्छी तरह निचोडा
आंटी भी अपने हाथो में लेकर मेरा रही मसलती लौड़ा
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बिस्तर के कोने पर बिठा कर मैं लगा चूमने उसके पैर
आख़िर आज मैं निकल पड़ा जन्नत की करने को सैर
चूमते चूमते जैसे मैं आंटी की मांसल जांघों तक आया
कामरस से भीगी हुई उसकीचड्ढी मुझे होने लगी नुमाया
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समय लगा ना मुझे तनिक भी चड्ढी हल्की सरकाने में
चिप 2 करती चुत के फांको पर अपनी जीभ चलाने में
सच में क्या चीज़ रहेगी होगी तू अपनी भरपूर जवानी में
दो पैग का तो नशा अभी भी है आंटी तेरे चूत के पानी में
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मेरी उम्र पर मत जाना बेटा बोली रेखा लंड के मेरे मरोड़
तेरे जैसे को तो सिर्फ हाथ में लेकर देती हूं पूरा निचोड़
फिर अपने साथ चिपका उसका मैं लगा खोलने साया
लगा मचलने मेरी बाहों में उसका मस्त बदन गदराया
लाल चोली और पैंटी में रेखा बरपा रही गजब कयामत
और देख रेखा का रूप ये कामुक लौड़े की आई शामत
बदन के दो कपडे भी आंटी के मुझे लगे थे लगने भारी
पहले खुली ब्रा आंटी की और फिर पैंटी भी गई उतारी
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जितना सोचा था आंटी के बारे में उस भी बढकर पाया
मस्त चुची व चूत देख सामने लंड और भी मेरा तन्नाया
खुद को रखना दुर इस हुस्न से अब रहा ना मेरे बस में
लड लगा रेखा की गांड पे मैंने दबोच लिया उसे कस के
रेखा बोली पकड़ कर मुझको अब देर ना कर मेरे राजा
ले चल मुझको बिस्तर पर और बजा दे चूत का बाजा
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Kya khubsurti se kamukhta ko darsaya hai. Wah.. man gae. Amezing.I am currently not in my home town so not getting sufficient time for new update. Posting a small update for my readers with a promise that a new update will be posted soon….
घुसते ही रेखा ने गले में डाल दिया अपनी बाहों का हार
मुझे लगा था फिर से पागल करने चुचो का सख्त उभार
मैंने उसके गर्दन और गालों पर कर दी चुम्बन की बौछार
और उसके नरम हाथों में दे दिया अपना खड़ा हथियार
![]()
अपनी रेशमी साड़ी का पल्लू आंटी ने खुद ही दिया हटा
और मेरे सर को थाम के अपने नरम चुचो में दिया घुसा
चूस चूस के मैंने रेखा के चुचो को अच्छी तरह निचोडा
आंटी भी अपने हाथो में लेकर मेरा रही मसलती लौड़ा
![]()
बिस्तर के कोने पर बिठा कर मैं लगा चूमने उसके पैर
आख़िर आज मैं निकल पड़ा जन्नत की करने को सैर
चूमते चूमते जैसे मैं आंटी की मांसल जांघों तक आया
कामरस से भीगी हुई उसकीचड्ढी मुझे होने लगी नुमाया
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समय लगा ना मुझे तनिक भी चड्ढी हल्की सरकाने में
चिप 2 करती चुत के फांको पर अपनी जीभ चलाने में
सच में क्या चीज़ रहेगी होगी तू अपनी भरपूर जवानी में
दो पैग का तो नशा अभी भी है आंटी तेरे चूत के पानी में
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मेरी उम्र पर मत जाना बेटा बोली रेखा लंड के मेरे मरोड़
तेरे जैसे को तो सिर्फ हाथ में लेकर देती हूं पूरा निचोड़
फिर अपने साथ चिपका उसका मैं लगा खोलने साया
लगा मचलने मेरी बाहों में उसका मस्त बदन गदराया
लाल चोली और पैंटी में रेखा बरपा रही गजब कयामत
और देख रेखा का रूप ये कामुक लौड़े की आई शामत
बदन के दो कपडे भी आंटी के मुझे लगे थे लगने भारी
पहले खुली ब्रा आंटी की और फिर पैंटी भी गई उतारी
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जितना सोचा था आंटी के बारे में उस भी बढकर पाया
मस्त चुची व चूत देख सामने लंड और भी मेरा तन्नाया
खुद को रखना दुर इस हुस्न से अब रहा ना मेरे बस में
लड लगा रेखा की गांड पे मैंने दबोच लिया उसे कस के
रेखा बोली पकड़ कर मुझको अब देर ना कर मेरे राजा
ले चल मुझको बिस्तर पर और बजा दे चूत का बाजा
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खंडहर जता रहा है की इमारत कभी बुलंद थीI am currently not in my home town so not getting sufficient time for new update. Posting a small update for my readers with a promise that a new update will be posted soon….
घुसते ही रेखा ने गले में डाल दिया अपनी बाहों का हार
मुझे लगा था फिर से पागल करने चुचो का सख्त उभार
मैंने उसके गर्दन और गालों पर कर दी चुम्बन की बौछार
और उसके नरम हाथों में दे दिया अपना खड़ा हथियार
![]()
अपनी रेशमी साड़ी का पल्लू आंटी ने खुद ही दिया हटा
और मेरे सर को थाम के अपने नरम चुचो में दिया घुसा
चूस चूस के मैंने रेखा के चुचो को अच्छी तरह निचोडा
आंटी भी अपने हाथो में लेकर मेरा रही मसलती लौड़ा
![]()
बिस्तर के कोने पर बिठा कर मैं लगा चूमने उसके पैर
आख़िर आज मैं निकल पड़ा जन्नत की करने को सैर
चूमते चूमते जैसे मैं आंटी की मांसल जांघों तक आया
कामरस से भीगी हुई उसकीचड्ढी मुझे होने लगी नुमाया
![]()
समय लगा ना मुझे तनिक भी चड्ढी हल्की सरकाने में
चिप 2 करती चुत के फांको पर अपनी जीभ चलाने में
सच में क्या चीज़ रहेगी होगी तू अपनी भरपूर जवानी में
दो पैग का तो नशा अभी भी है आंटी तेरे चूत के पानी में
![]()
मेरी उम्र पर मत जाना बेटा बोली रेखा लंड के मेरे मरोड़
तेरे जैसे को तो सिर्फ हाथ में लेकर देती हूं पूरा निचोड़
फिर अपने साथ चिपका उसका मैं लगा खोलने साया
लगा मचलने मेरी बाहों में उसका मस्त बदन गदराया
लाल चोली और पैंटी में रेखा बरपा रही गजब कयामत
और देख रेखा का रूप ये कामुक लौड़े की आई शामत
बदन के दो कपडे भी आंटी के मुझे लगे थे लगने भारी
पहले खुली ब्रा आंटी की और फिर पैंटी भी गई उतारी
![]()
![]()
जितना सोचा था आंटी के बारे में उस भी बढकर पाया
मस्त चुची व चूत देख सामने लंड और भी मेरा तन्नाया
खुद को रखना दुर इस हुस्न से अब रहा ना मेरे बस में
लड लगा रेखा की गांड पे मैंने दबोच लिया उसे कस के
रेखा बोली पकड़ कर मुझको अब देर ना कर मेरे राजा
ले चल मुझको बिस्तर पर और बजा दे चूत का बाजा
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बहुत खूब वखारिया जी। अब मेरा अगला अपडेट पोस्ट करने की जरूरत नहीं है। आपने सब कुछ तो बयां कर दिया है। अति सुंदरखंडहर जता रहा है की इमारत कभी बुलंद थी
जिस्म के उभारों की दिलकशी अब भी अकबंद थी
नशा पुरानी शराब का गदराए जिस्म मे समेटे थी
पैर अपने फैलाकर वह बिस्तर पर जो लेटे थी
रहा न जा रहा क्यों रेखा से ऐसा था अब आलम
बना हुआ सा था खिलौना उसका छोटा सा बालम
उभरती जवानी और अनुभव के बीच हुआ है ऐसा खेल
लड़के ने निकाला लौडा और दिया रेखा में पेल..
सिसक सिसक के लगी निगलने उस लड़के का लोडा
लड़के ने भी पकड़ पकड़कर चूचियों को बहुत मरोड़ा
धधकती चूत की भरसक ठुकाई से गिरा चिपचिपा पानी
थिरक रहा था लोडा अंदर दमक रही थी रवानी
लेकर टांग अपने कंधे पर रहा वो ऐसे चोद
बना रहा था गुफा उसकी बुर को रहा था खोद
मसल रहा था बबलों को चाटते उसके होंठ
झांटों के बीच रगड़ रहा जामुन सा उसका भगोष्ठ
चूत के युद्धक्षेत्र में लंड ने किया था हल्लाबोल
धक्के लगाते, उंगली से वो गांड को रहा टटोल
गदराई रेखा ने तब ही गजब की चीख मारी
लड़के ने जब पेल दी अपनी उंगली गांड में सारी
चुची, चूत और गांड तीनों पर हुआ जो हमला प्रचंड
रेखा पर भारी पड़ रहा था उस लड़के का लंड
कम आंककर लड़के को रेखा ने कर दी भूल
चोद-चोद कर रेखा को वो चटा रहा था धूल
अरे, मैंने तो बस आपके भावों की धारा में तैरने की कोशिश मात्र की थी, पर आपकी कविता का स्तर तो समुद्र है.. और मेरी पंक्तियाँ एक छोटी सी नदी..! आपकी अधूरी कविता को मैंने पूरा कर दिया, यह सोचकर मुझे थोड़ा गर्व तो हुआ, पर यह भी पता है कि मैंने जो लिखा, वह आपके मुकाबले में बस एक 'फैन फिक्शन' जैसा है..!!! आपकी कलम की ताकत के आगे मेरी कलम तो बस 'छन्नी' है!बहुत खूब वखारिया जी। अब मेरा अगला अपडेट पोस्ट करने की जरूरत नहीं है। आपने सब कुछ तो बयां कर दिया है। अति सुंदर![]()
बहुत ही बढ़िया अपडेटI am currently not in my home town so not getting sufficient time for new update. Posting a small update for my readers with a promise that a new update will be posted soon….
घुसते ही रेखा ने गले में डाल दिया अपनी बाहों का हार
मुझे लगा था फिर से पागल करने चुचो का सख्त उभार
मैंने उसके गर्दन और गालों पर कर दी चुम्बन की बौछार
और उसके नरम हाथों में दे दिया अपना खड़ा हथियार
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अपनी रेशमी साड़ी का पल्लू आंटी ने खुद ही दिया हटा
और मेरे सर को थाम के अपने नरम चुचो में दिया घुसा
चूस चूस के मैंने रेखा के चुचो को अच्छी तरह निचोडा
आंटी भी अपने हाथो में लेकर मेरा रही मसलती लौड़ा
![]()
बिस्तर के कोने पर बिठा कर मैं लगा चूमने उसके पैर
आख़िर आज मैं निकल पड़ा जन्नत की करने को सैर
चूमते चूमते जैसे मैं आंटी की मांसल जांघों तक आया
कामरस से भीगी हुई उसकीचड्ढी मुझे होने लगी नुमाया
![]()
समय लगा ना मुझे तनिक भी चड्ढी हल्की सरकाने में
चिप 2 करती चुत के फांको पर अपनी जीभ चलाने में
सच में क्या चीज़ रहेगी होगी तू अपनी भरपूर जवानी में
दो पैग का तो नशा अभी भी है आंटी तेरे चूत के पानी में
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मेरी उम्र पर मत जाना बेटा बोली रेखा लंड के मेरे मरोड़
तेरे जैसे को तो सिर्फ हाथ में लेकर देती हूं पूरा निचोड़
फिर अपने साथ चिपका उसका मैं लगा खोलने साया
लगा मचलने मेरी बाहों में उसका मस्त बदन गदराया
लाल चोली और पैंटी में रेखा बरपा रही गजब कयामत
और देख रेखा का रूप ये कामुक लौड़े की आई शामत
बदन के दो कपडे भी आंटी के मुझे लगे थे लगने भारी
पहले खुली ब्रा आंटी की और फिर पैंटी भी गई उतारी
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जितना सोचा था आंटी के बारे में उस भी बढकर पाया
मस्त चुची व चूत देख सामने लंड और भी मेरा तन्नाया
खुद को रखना दुर इस हुस्न से अब रहा ना मेरे बस में
लड लगा रेखा की गांड पे मैंने दबोच लिया उसे कस के
रेखा बोली पकड़ कर मुझको अब देर ना कर मेरे राजा
ले चल मुझको बिस्तर पर और बजा दे चूत का बाजा
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