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Incest दादी का खिलौना (completed)

tom riddle

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ये कहानी तो आप सबने बचपन में पढ़ी ही होगी, एक प्रसिद्ध लेखक की कहानी तो चलो एक और बार और पढ़ लो कुछ नए और आधुनिक तड़के के साथ।

मेले का दिन था। गांव में सुबह से ही चहल-पहल मची हुई थी। बच्चे नए कपड़े पहने, अपने-अपने दोस्तों के साथ मेला जाने के लिए तैयार हो रहे थे। गांव की लड़कियां भी तैयार थीं कोई अपने बाल संभाल रहा था तो कोई अपने कुर्ते पर हाथ फेरता। सबकी आंखों में खुशी और होठों पर मुस्कान थी।

हमिद भी अपने दोस्तों के साथ मेला जाने के लिए तैयार था। क्योंकि अब वो 19 साल का हो चुका था तो इस बार पहली बार अकेला अपने दोस्तों के साथ मेला घूमने जा रहा था, इस से पहले वो अक्सर अपनी दादी के साथ ही जाया करता था, मां का देहांत तो बचपन में ही हो चुका था, और उसके पिता भी उसे छोड़कर चले गए थे।

अब बात करें हामिद की दादी अमीना की तो अमीना वैसे तो 56 वर्ष की थी लेकिन फिर भी अपनी उम्र से कहीं अधिक जवान और आकर्षक दिखती थीं। पतली कमर, सुतवां नाक, बड़ी-बड़ी चमकती आंखें और गोरा, निखरा हुआ रंग। उनके बाल अब सफेद हो चले थे, लेकिन हमेशा करीने से बंधे रहते।

अमीना के शौहर का देहांत तो कई साल पहले हो गया था फिर कुछ साले बाद उसकी बहू हामिद की अम्मी की भी मौत हो गई और उसका इकलौता बेटा अपनी मां और बेटे को छोड़ कर शहर चला गया उसके बाद अमीना ने हामिद को पाल पोस के बड़ा किया।

अब बात करे अमीना की सेक्स लाइफ की तो उसकी सेक्स लाइफ वैसी ही थी जैसी हर गांव की महिला की उनके पति के जाने के बाद होती है, मतलब गाजर मूली और खीरा ही उसका सहारा था।

लेकिन उसे ये सब हामिद से छिप कर करना पड़ता था और अक्सर वो मौका ढूंढती थी कि हामिद जब घर से बाहर जाए तो वो अपनी मुनिया के साथ खेले जो लगभग कम ही होता था क्योंकी हामिद घर से कम ही बाहर जाता था लेकिन आज उसे अपनी मुनिया से जी भर खेलने का मौका मिला जब हामिद ने मेले में जाने को कहा।

अमीना ने आज पहली बार हामिद को मेले में अकेले अपने दोस्तों के साथ जाने को कहा जिस से वो भी अकेले अपनी मुनिया के साथ खेले और उसे गाजर, मूली का स्वाद चखाए।

मेला गांव से तीन मील दूर था। हमिद और उसके दोस्त, मोहसिन, नूरे, समी और मेहदी, रास्ते में बातें करते जा रहे थे।

मोहसिन ने कहा, "भाई मैने तो सोच लिया है इस बार 1500 रुपए मिले हैं, मैं तो इस बार मस्त सी रंडी चोदूंगा।"

समी : "मैं तो इस बार जापानी तेल लेने की सोच रहा हूं बस देखते जा फिर कैसे गांव की सारी औरतों को चोदूंगा।"

मेंहदी : "हामिद तूने क्या सोचा है? तू क्या करेगा?"

हमिद चुपचाप सुनता रहा। वह सोच रहा था कि 700 रुपए में वह क्या खरीद सकता है।

थोड़ी ही देर में वो लोग मेले में पहुंच गए, वहां अलग ही माहौल एक दो जगह पर स्टेज पर रंडिया नाच रही थीं और गांव वाले उनके डांस के मजे ले रहे थे। मोहसिन भी वहीं पहुंच गया।

थोड़ी आगे जाकर देखा तो वहां कुछ शहर से कुछ नई लड़कियां आई थी जो बिकनी में थी और दारू और सिगरेट बेच रही थी।

हामिद का ये सब देख कर मन कर रहा था कि वो भी रंडी चोदे सेक्सी लड़कियों के हाथों से दारू पीए।

लेकिन वो अपने पैसे ऐसे बर्बाद नहीं करना चाहता था वो कुछ ऐसे की खोज में था कि जो उसके काम आए तभी उसकी नजर एक दुकान पर गई जहां पर कुछ अलग खिलौने बिक रहे थे जहां लड़कियों और औरतों की भीड़ लगी थी

उसकी नज़र एक दुकान पर पड़ी, जहाँ औरतों और लड़कियों की भीड़ जमा थी।

वहां से दुकानदार की आवाज आ रही थी....

"अरे आओ आओ, नज़दीक आओ!
अपने दिल को ख़ुश करो, पति को भूल जाओ।"

वो दुकान के थोड़ी करीब गया उसे एक और शायरी सुनाई दी

"ले जाओ ऐसा खिलौना,
जो खोल दे शरीर का हर कोना कोना"

हमीद को ये "खिलौने" समझ में नहीं आ रहे थे। उसने ध्यान से देखा तो दुकान में अजीबोगरीब आकार के चमकते हुए सामान सजाए हुए थे। कुछ औरतें झेंपते हुए दुकान के अंदर जा रही थीं, और कुछ अपनी सहेलियों से खुसुर-फुसुर कर रही थीं।

दुकानदार और भी ऊंची आवाज़ में कहने लगा:

"घर का हर ग़म भूल जाएंगी,
जो हमारा खिलौना अपनाएंगी!"

हमीद अपनी मासूमियत में सोचने लगा, "क्या ये सच में खिलौने हैं? लेकिन इतने अजीब से क्यों दिखते हैं? और लोग इन्हें इतनी चुपके से क्यों खरीद रहे हैं?"

"पुराने ग़म मिटाइए,
नए जोश से घर सजाइए।"

जैसे ही वह दुकान के पास पहुंचा और पूछा जी क्या बेच रहे हो, तो वहां खड़ी औरतें उसे देख कर मुस्कुरा रही थी और आपस में खुसुर फुसुर कर रही थी।

दुकानदार ने उसे देखा और मुस्कुराते हुए बोला,
दुकानदार: "अरे भैया, ये आपके काम के नहीं हैं। हां, अगर घर में कोई महिला है तो बताओ।"

हामिद :"हां, मेरी दादी हैं।"

दुकानदार ने चुटकी लेते हुए कहा, "तो दादी अकेली हैं क्या?"

हामिद : "हां, अकेली हैं।"

दुकानदार हंसते हुए थोड़ा पास आया और धीरे से बोला,

दुकानदार: "तो फिर भाई, ये खिलौने आपके लिए ही हैं। ये खिलौने गाजर-मूली की जगह औरतें खुद को खुश करने के लिए इस्तेमाल करती हैं।"

हमीद की आंखें चौड़ी हो गईं। उसे याद आया कि उसकी दादी भी तो घर में अकेले छिप कर खुद को मजे देती थी और दादी हमेशा गाजर, मूली का उपयोग करती थी।

उसने सोचा क्या दादी के लिए ये खिलौना ले जाना सही होगा क्या वो इसे लेगी और कहीं उस से गुस्सा तो नहीं हो जाएगी, लेकिन उसने ठान लिया अगर दादी गुस्सा हो जाए तो हो जाए लेकिन वो ये खिलौना दादी के लिए लेकर जाएगा जिस से कम से कम दादी तो खुश रहें।

हामिद : "अच्छा भाई, दादी के लिए सबसे अच्छा खिलौना कौन सा है?"

दुकानदार ने मुस्कुराते हुए एक बैगनी रंग का बड़ा डिल्डो निकाला और बोला, "भाई, ये देखो। ये सबसे बेस्ट मॉडल है। इसकी डिमांड सबसे ज्यादा है"

हामिद : (हिचकिचाते हुए): "ये कितने का है?"

दुकानदार: "सिर्फ 700 रुपये।"

हामिद ने सोचा कि दादी को खुश करना है, लेकिन कीमत थोड़ी ज्यादा है। उसने मोल-भाव करने की ठानी।

हामिद : "भाई 500 में देना हो तो बताओ।"

दुकानदार : "भाई 500 तो कम है लेकिन फिर भी तुम्हारी दादी के लिए ले लो।"

तो बस हामिद वो डिल्डो लेकर उसे बैग में छिपा कर पहुंचता है अपने दोस्तो के पास उसके दोस्त उस से पूछते है तो वो बताता है कि दादी के लिए कुछ लिया है।

और फिर वो लोग मेला घूम कर गांव की ओर निकल पड़ते हैं।
 
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tom riddle

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Update 2

गांव पहुंच कर हामिद अपने घर पहुंचता है। और घर का दरवाजा खटखटाता है।

दरवाजे की आवाज सुन कर अमीना घबरा जाती है जो पूरी तरह नंगी ज़मीन पर लिए थी उसके बगल में एक गाजर पड़ी थी और एक मूली उसकी चूत में थी। और उसके चूत का रस पूरे फर्श पर फैला हुआ था।

उसने तुरंत ही अपने कपड़े पहने और जल्दबाजी में गाजर उसकी चूत में ही रह गई और उसने बाकी गाजर तो हटा दी लेकिन उसने अपनी रस को फर्श से हटाना भूल गई

उसने जाकर दरवाजा खोला हामिद ने अमीना की हालत देख समझ जाता है कि उसकी दादी अभी क्या कर रही थी ये पहली बार नहीं था उसने कई बार ही अपनी दादी को इस हालत में पकड़ा था।

अमीना : "आ गया बेटा।"

हामिद : "हां दादी"

अमीना : "कैसा रहा मेला, क्या खाया और झूला, झूला इस बार?"

हामिद : "दादी, मैं आपके लिए कुछ लाया हूँ।"

अमीना ने बैग देखा और आश्चर्य से पूछा,

अमीना : "क्या है बेटा? क्या लाया है?"

हमीद ने धीरे-धीरे बैग खोला और वो खिलौना बाहर निकाला। और अमीना को पकड़ा दिया

अमीना : "ये क्या है बेटा?"

हामिद डरते हुए धीरे से "दादी वो ये खिलौना औरते अपने आप को संतुष्ट करने के लिए उपयोग करती है।"

हमीद (गुस्से में): "कमीने ये सब क्या ले कर आया है? मैंने तुझे पैसे मेला घूमने के लिए दिए थे और तू कहाँ बर्बाद कर आया?"

हामिद (धैर्य से): "दादी, मुझे पता है कि आप गाजर-मूली का इस्तेमाल करती हैं अपने आप को संतुष्ट करने के लिए। लेकिन, अब और कोई जरूरत नहीं है।"

इतना सुनते ही अमीना का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है वो अपना चेहरा नीचे कर लेती है

हामिद (धीरे से, लेकिन आश्वस्त होकर): "दादी, आपको शर्माने की जरूरत नहीं है। हर औरत को अपनी खुशी का अधिकार होता है, और आप भी उस अधिकार की हकदार हैं।"

अमीना की आँखों में एक अदृश्य घबराहट थी, लेकिन हामिद के शब्दों ने उसे कुछ सुकून दिया। उसे महसूस हुआ कि उसकी स्थिति को समझने वाला एक बेटा
उसकी जिंदगी में है, जो उसके लिए सबसे अच्छा चाहता है।


फिर अमीना ने हामिद को अपनी बाँहों में खींच लिया। उनके दिल में अब एक नये प्रकार का आभार था।

अमीना : "इतना सोचता है अपनी दादी के बारे में?"

हामिद : "मेरा इस दुनिया में आपके सिवा है ही कौन दादी।"

दादी : "मेरा बच्चा अच्छा सिर्फ मेरे लिए ये खिलौना लाया या खुद के लिए भी कुछ खरीदा और कुछ खाया या नहीं।"

हामिद : "नहीं दादी नहीं खाया।"

अमीना : "क्यों नहीं खाया इतना महंगा था ये की तूने पूरे पैसे इसी पर उड़ा दिए।"

हामिद : "नहीं दादी ये 500 का आया अभी 200 बचे हैं।"

अमीना : "और तेरे दोस्त भी तो गए थे, उन लोगों ने क्या किया तू तो उनका मुंह देखता रहा होगा।"

हामिद हंसता है।

अमीना : "क्यों हंस रहा है बता,"

हामिद : "दादी मोहसिन है न 1500 रुपए लेकर रंडी चोदने गया था 2 मिनट में आ गया, और नूरी ने एक जापानी तेल लिया जिसे खोला तो उसमें नारियल का तेल भरा था।"

दोनो लोग हंसने लगते है

अमीना : "हामिद तेरा मन नहीं करता क्या इन सब के लिए।"

हामिद : "करता है दादी पर मेरे लिए मुझ से ज्यादा आप महत्वपूर्ण हो दादी।"

अमीना प्यार से हामिद के गाल सहला कर "मेरा प्यार बेटा हामिद"

अमीना : "अच्छा वो 200 रुपए बचे है न तो एक काम कर जा मुर्गा लेकर आ आज तेरा पसंद का मुर्गा और बिरयानी बनाऊंगी।"

हामिद : "सच में दादी?"

अमीना : "हां जा लेकर आ।"

और हामिद मुर्गा लेने पहुंच जाता है और अमीना घर का दरवाजा बंद करती है और आकर फर्श पर देखती है जहां उसका कामरस पड़ा था वो उसे देख कर मुस्कुराती है

फिर उसे एहसास होता है कि एक गाजर तो अभी भी उसकी चूत में थी फिर वो उस डिल्डो को देखती है और फिर से गरम हो जाती है।

वो अगले ही पल अपने सारे कपड़े उतार कर फर्श पर फेंक देती है और उस गाजर को अपनी मुनिया से निकाल कर उसके रस को चाटते हुए ले जाकर फेंक देती है

फिर वो उस बैंगनी रंग के डिल्डो को देखती है जो सच में काफी बड़ा था, वो उस डिल्डो के बटन को चालू करती है जिस से वो हिलने लगता है जिसे देख कर वो हस्ती है

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अमीना : "ओह हामिद क्या चीज लाया है तू बेटा।"

अगले ही पल अमीना वो डिल्डो अपने मुंह में डाल कर अंदर बाहर करने लगती है और एक हाथ से अपने बोबे को मसलती है उसकी मुनिया तो पहले से ही पानी छोड़ रही थी फिर वो फर्श पर टांगें फैला कर बैठ जाती है

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और अपने एक हाथ से अपनी मुनिया को सहला कर "देख कमिनी तेरा पोता क्या लाया है तेर लिए"

और इतना कह कर वो डिल्डो अपनी मुनिया के मुंह पर रख देती है और बटन चालू कर देती है जिस से उसे एक अलग एहसास होता है वो तुरंत ही जोर जोर से हस्ती है

इस बार अमीना आधे डिल्डो को अपनी चूत के अंदर डाल देती है और बटन ऑन करते ही वो तो मनो सातवें आसमान में थी

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अमीना : "ओह अह हामिद शुक्रिया बेटा तूने तो मजे दिला दिए बेटे।"

अमीना अब पूरा डिल्डो अंदर ले चुकी थी अब वो चरम पर थी और डिल्डो को अंदर बाहर करते हुए चीख कर मजे ले रही थी

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तभी फिर से दरवाजे खटखटाता है पर अमीना के अंदर तो भूत सवार था, उसने दरवाजा न खोलने की जगह अपनी मुनिया से खेलना ही उचित समझा लेकिन जब एक और बार दरवाजे की आवाज आती है

तो वो नंगी ही डिल्डो अपने अंदर लिए ही जाकर दरवाजा खोलती है सामने हामिद मुर्गा लिए खड़ा था, लेकिन अमीना को कोई फर्क नहीं पड़ता वो जाकर फिर से फर्श पर बैठ कर टांगे फैला कर डिल्डो अंदर बाहर करती है

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हामिद के तो पैरों तले जमीन खिसक गई थी उसे यकीन नहीं हो रहा था उसकी दादी उसके सामने नंगी पड़ी डिल्डो अंदर बाहर कर रही थी वैसे तो हामिद ने अमीना को छिप कर कई बार अपने आप से नंगे खेलते देखा था लेकिन आज का नजारा अलग था।

उसने हिम्मत करके कुछ शब्द बोले "दादी...."

अमीना : "बस हामिद थोड़ी देर और फिर बनाती हूं तेरा मुर्गा आह अभी बहुत मजा आ रहा है बेटा।"

हामिद को यकीन नहीं हो रहा था कि ये उसकी वही दादी थी अभी तो कुछ देर पहले खुद शर्मा रही थी और अब ये सब

हामिद : "दादी आप ये सब?"

अमीना : "मत परेशान कर न बेटा मजे करने दे न दादी को और वैसे भी तू बड़ा हो गया है तू ही तो कह रहा रह तूने पहले भी तो देखा है इसलिए तो तू ये खिलौना लाया है देख कितने आसानी ने अन्दर जा रहा है आह ओह।"

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हामिद की न चाहते हुए भी उसकी नजर अपनी दादी की उस मुनिया पर चली गई जिसमे उसका लाया डिल्डो अंदर बाहर हो रहा था अमीना की मुनिया बिल्कुल साफ थी उसमें एक भी बाल नहीं था, और पूरी मुनिया और वो डिल्डो अमीना के रस से भीग हुआ यह इस से ये प्रतीत होता था कि अमीना डिल्डो से एक बार झड़ चुकी थी।"

हामिद सीधा था लेकिन था तो लड़का ही अब वो अपनी ही दादी की मुनिया को घूरे जा रहा था धीरे धीरे उसका हथियार भी पैंट के अंदर बड़ा होने लगा था जिसका एहसास हामिद को भी हो चुका था।

अब अमीना भी हामिद को देख रही थी जो उसकी मुनिया को खाने की नजर से घूर रहा था उसे पता चल गया था उसका पोता अब बड़ा हो गया है वो भी बेशर्मों की तरह नंगी लेटी अपनी टांगे फैलाए डिल्डो को मजे से अंदर बाहर कर रही थी।

अब हामिद भी अपनी दादी की मुनिया और बोबे को देख कर अपने छोटे उस्ताद को पैंट के ऊपर से ही मसल रहा था, जिसका एहसास अमीना को भी था और वो हामिद को देख कर मुस्कुरा रही थी।

अब अमीना ने डिल्डो की रफ्तार को बढ़ा दिया था, वो तेज तेज डिल्डो को अन्दर बाहर कर रही थी।

अमीना : "आह हामिद मैं आने वाली हूं बेटा दादी आने वाली है,"

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और चिल्ला कर अमीना ने अपना कामरस एक और बार छोड़ दिया और निढाल लेट गई लेकिन वो डिल्डो निकाल कर उसे चाटने लगी उसे एहसास ही नहीं था कि उसका पोता उसकी ये हरकतें खड़ा खड़ा देख रहा है।
 
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Rudra Roy

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Bhai manna parega kamal ke ideas late ho...jo kahani bachpan me pardi thi. aaj jawanni me ek nahi shikh shikane wali hai 😅 lekin jara forum ke guidlines pard lena... aaj hi update kiya gya hai kahi ayesha na ho ki aap ki story v ban ho jaye.
 

tom riddle

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Update 3

वो निढाल बेसुध लेटी थी लेकिन उसे जब थोड़ा होश आया तो उसे एहसास हुआ कि कोई उसकी मुनिया को सहला रहा था।

उसने देखा कि उसका सगा पोता हामिद उसकी दोनों टांगों के बीच जन्मजात नंगा बैठा था वो कुछ बोलती उस से पहले ही हामिद ने अपना मुंह अपनी दादी की रस से भीगी नंगी चूत पर रख दिया और उसे चूमने चाटने लगा।

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अमीना : "हामिद रुक ये क्या कर रहा है रुक हामिद बेटा मैं तेरी दादी हूं हामिद।"

हामिद अमीना को देख कर एक उंगली चूत में डाल कर "अब मना मत करो दादी मैं हाथ जोड़ता हूं मुझे ये कर लेने दो दादी कसम से आप से कामुक औरत मैने आज तक नहीं देखी दादी।"

और अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगता है जिस से अमीना फिर से गरम होने लगती है "दादी आप बहुत गर्म हो दादी मैं आप से बहुत प्यार करता हूं दादी मेरी दादी"

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अमीना का विरोध भी कमजोर पड़ रहा था, हामिद फिर से अपनी जीभ अमीना की मुनिया पर फेरने लगता है जिस से अमीना की सिसकी निकल जाती है

अमीना : "हामिद बेटा मुर्गा नहीं खाना तुझे ?"

हामिद एक लम्बी जीभ मार कर "नहीं दादी अभी मुर्गे से भी ज्यादा स्वादिष्ट चीज है आपकी ये रसभरी चूत "

अमीना : "छी कितना गंदा बन गया है तू हामिद अपनी दादी के सामने ऐसी बात करता है तू"

हामिद : "माफ कर दो दादी।" और फिर से उसकी मुनिया चाटने लगता है

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अमीना : "ओह हामिद तूने आज पूरे 700 रुपए बर्बाद कर दिए बेटा।"

हामिद : "700 कैसे दादी?"

अमीना : "तू 200 का मुर्गा लाया उसे तूने बनाने नहीं दिया, फिर ये खिलौना जो तू 500 का लाया था ताकि मैं इस से खेल कर संतुष्ट हो है लेकिन देख अब तू खुद मुझे संतुष्ट कर रहा है अब इसका क्या काम।"

हामिद को समझने में देर नहीं लगती कि उसकी दादी ने हां कर दी है कि अब वो अपनी सगी दादी को खुद संतुष्ट करेगा।

वो हंस कर अपनी दादी की मुनिया को चूमता है और चाट कर फिर से उसे गरम करता है अमीना भी अब मजे से अपने ही पोते से अपनी चूत चुसाई के मजे ले रही थी। और उसके बालों को सहला रही थी

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हामिद भी अब अमीना के दोनों बोबे अपने हाथों से मसल रहा था और मुंह से मुनिया चूस रहा था।


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अमीना : "बस कर बेटा अब आजा दादी के ऊपर"

हामिद अगले ही पल अमीना के ऊपर चढ़ जाता है और उसके होंठ पर अपने होंठ रख देता है, अब दोनों एक दूसरे को चूमे जा रहे थे ।


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अमीना : "कमीनें इतना बड़ा हो गया कि दादी को लेटा लिया अपने नीचे।"

हामिद : "ओह दादी क्या माल हो आप"

और चूमने लगता है। और फिर उसके एक बोबे को अपने मुंह में भर कर चूसने लगता है और एक हाथ से दूसरे बोबा मसल रहा होता है

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थोड़ी देर अमीना ऐसे ही अपने बोबे चुसाई का आनंद लेती है। अमीना अब हामिद को देख रही थी जो मजे से अपनी दादी के बोबे चूसने में लगा था, अमीना प्यार से अपने हामिद के बालों को सहलाती है।

हामिद अपना चेहरा उठा कर अमीना को देखता है, जो उसे देख कर मुस्कुरा रही थी।

हामिद : "दादी बिस्तर पर चलें?"

अमीना : "बिस्तर पर क्यों?"

हामिद : "बिस्तर पर ज्यादा मजा आएगा।"

अमीना हामिद की दिलचस्पी को देख रही थी कि हामिद ने उसे चोदने का पूरा मन बना दिया था।

अमीना : "ठीक है चल"

इतना सुनते ही हामिद अपनी दादी के ऊपर से खड़ा हो जाता है और अमीना के सामने खड़ा हो जाता है जिस से पहली बार अमीना की नजर हामिद के खड़े लन्ड पर जाती है जिसे देख कर अमीना की आँखें फटी की फटी रह जाती है।

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हामिद का लन्ड उस खिलौने से थोड़ा बड़ा और मोटा था, और अमीना ने ऐसा लन्ड पहली बार देखा था। उसके पति का तो काफी छोटा था।

हामिद : "दादी उठो क्या सोच रही हो?"

हामिद की आवाज सुन अमीना का ध्यान टूटता है,

अमीना : "तू चल मैं आ रही हूं।"

फिर हामिद कमरे में जाता है जहां सिर्फ एक ही बिस्तर था जिस पर वो सोता था और उसकी दादी वही बगल में कपड़े बिछा कर लेकिन शायद आज से कुछ बदलने वाला था आज से दोनों दादी पोते एक ही बिस्तर पर खेलने वाले थे और उसी में उन्हें सोना था।

अमीना ने पहले घर का दरवाजा बंद किया और सांकर लगाई जिस से आज कोई भी दादी पोते को परेशान न करे।
 

tom riddle

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Update 4

फिर वो कमरे के अंदर जाती है और देखती है कि हामिद बिस्तर पर बैठा था उसने जाते ही

अमीना : "बैठा क्यों है बिस्तर पर लेट जा।"

और उसके करीब जाकर उसे धक्का दे दिया जिस से वो बिस्तर पर लेट गया, और फिर अमीना धीरे से हामिद की दोनों टांगों के बीच आकर बैठ गई जिस से हामिद को अनुभूति हो गई कि अब उसके साथ क्या होने वाला है।

वो धीरे से अपने दोनो हाथों से हामिद के लंड को पकड़ कर सहलाती है जिस से हामिद की सिसकी निकल जाती है जिसे देख कर अमीना मुस्कुराती है।

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फिर धीरे से हामिद की आंखों में देख कर उसके लंड के सिरे को चूमती है और धीरे धीरे चुम्मियों की बारिश कर देती है।

हामिद : "आह दादी ऐसे करोगी तो मैं अभी झड़ जाऊंगा।"

अमीना लंड चूमते हुए : "कोई बात नहीं मैं फिर तैयार कर दूंगी।"

और अमीना अगले ही पल उसके पूरे लंड को एक झटके में मुंह में ले लेती है और चाटने चूमने लगती है।


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हामिद भी मस्त आराम से लंड चुसाई के मजे लेता है।

अमीना किसी रण्डी की तरह अपने ही पोते के लंड पर मुंह चला रही थी उसका पूरा मुंह और हामिद का पूरा लिंग थूक से गिला हो चुका था। अमीना साथ में उसके टट्टे भी चूस ओर चाट रही थी।

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अमीना तो मजे कर रही थी लेकिन हामिद को अब ये सजा लग रहा था क्यूंकि उसे डर था कि चुदाई के पहले ही न झड़ जाए और हुआ भी ऐसा ही अगले ही पल हामिद ने अपना सारा माल अपनी दादी के मुंह में उगल दिया।

और अमीना भी उस माल को इतनी आसानी से निगल गई जैसे कोई शर्बत हो। हामिद निराश हो गया और हामिद की निराश देखकर

अमीना : "चिंता मत कर पहली बार ऐसा होता है चल आ मेरी मुनिया को दुबारा प्यार कर।"

फिर अमीना बिस्तर पर लेट जाती है और अपनी टांगे फैला कर अपने पोते को निमंत्रण देती है और हामिद भी अपनी दादी का निमंत्रण स्वीकार कर फिर से मुख चोदन की प्रक्रिया शुरू करता है, जिसका आनंद अमीना मजे से लेती है।

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हामिद को एहसास होता है कि अपनी दादी का मुखचोदन करने से उसके लिंग में फिर से खून का संचारण होना शुरू हो गया और थोड़ी ही देर में हामिद का लिंग अपने रौद्र रूप में आ गया।

हामिद अपनी दादी की आंखों में देखता है जिसे अमीना समझ जाती है।

अमीना : "हो गया खड़ा?"

हामिद : "हां दादी।"

अमीना : "तो अब किसका इंतजार कर रहा, आ लगा निशाना और मार चोट अपनी दादी की चूत पर।"

हामिद अपने हाथ से अपना लंड पकड़ता है, और अमीना की चूत पर टीका कर एक धक्का मारता है जिस से आधा लंड अमीना की चूत में चला जाता है, और अमीना की सिसकी निकल जाती है।

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अमीना : "आह आराम से कई सालों बाद चूद रही हूं।"

हामिद : "पर दादी अभी तो खिलौना डाला था न अन्दर।"

अमीना : "खिलौने में और लंड मे अंतर होता है बेटा और वैसे भी तेरा बहुत बड़ा है, अब तू आराम से एक और झटका मार जिस से पूरा अंदर चला जाए फिर चोद दादी को।"

हामिद भी ऐसा ही करता है, और फिर अपनी दादी की चुदाई शुरू करता है।

अब हामिद का लंड बड़ी आसानी से अंदर बाहर हो रहा था और हामिद भी मजे से अपनी अमीना दादी को भोग रहा था, और अमीना भी मजे से अपने पोते को खुदको भोगने दे रही थी।

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हामिद : "ओह दादी"

अमीना : "ओह हामिद मेरे बच्चे"

हामिद : "बहुत मज़ा आ रहा है दादी"

अमीना : "मुझे भी बहुत मजा आ रहा है बेटा ऐसे ही चोद"

हामिद : "दादी अपनी जीभ बाहर निकालो न मुझे चूसना है"

अमीना : "चूस ले बेटा सब तेरा ही तो है"

फिर अमीना अपनी जीभ बाहर निकलती हैं और हामिद उसकी जीभ चूसते हुए उसकी चुदाई करता है



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अब क्योंकि हामिद तो एक बार पहले ही झड़ चुका था तो उसका दुबारा झड़ना अभी इतना आसान नहीं था लेकिन अमीना अब अपने चरम पर थी और हामिद के अगले कुछ धक्कों में अमीना ने पानी की बौछारें छोड़ दी लेकिन हामिद ने उसे चोदना बंद नहीं किया और धक्के लगाता रहा।

हामिद को अब हवस सवार थी वो बेरहमी से अमीना को चोद रहा था अमीना भी हामिद का साथ दे रही थी, अब हामिद ने अमीना को करवट लेके लेटाया और उसके पीछे आकर पीछे से अमीना को चोदने लगा।

हामिद : "ओह दादी मेरे पैसे बरबाद नहीं हुए दादी अच्छा हुआ मैने रण्डी नहीं चोदी नहीं तो आपको नहीं चोद पाता मैं दादी"

अमीना : "जो होता है अच्छे के लिए होता है"

हामिद : "जो हम कर रहे है वो भी अच्छे के लिए कर रहे हैं न दादी"

अमीना : "हां हामिद सब अच्छे के लिए होता है ये भी अच्छे के लिए हो रहा है"

हामिद : "अब तो ये रोज़ होगा हैं न दादी"

अमीना : "हां बेटा रोज होगा"

हामिद थोड़ी देर अपनी दादी को पीछे से चोदता है अमीना भी अपनी जिंदगी के सबसे बेहतरीन संभोग के आनंद ले रही थी, अब वो अपने पोते की दीवानी हो चुकी थी उसने अपने आप को हामिद के हवाले कर दिया था।


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हामिद : "दादी घोड़ी बनो न मुझे आपको पीछे से चोदना है"

अमीना : "बेटा जब अपना लंड बाहर निकलेगा तभी तो बनूंगी हामिद"

फिर हामिद अपना लंड बाहर निकलता है, और अमीना तुरंत ही घोड़ी बनकर अपनी गांड हिलाते हुए अपने पोते का स्वागत करती है और हामिद एक झटके में अपना लंड अपनी दादी की चूत में उतार कर उसे चोदने लगता है।



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अमीना : "ओह हामिद मेरे बच्चे ऐसे ही चोद दादी को आह आह"

हामिद : "आप बहुत गरम हो दादी मजा आ गया दादी"

अमीना : "अब तो रोज मजे करने है बेटा"

फिर उसके बाद हामिद न जाने कितने आसनों में अपनी दादी अमीना को चोदता है।

अब हामिद अपनी दादी को इसे आसन में चोद रहा था जिसके बारे में अमीना को भी अंदाजा भी नहीं था, इस आसन में हामिद बिस्तर पर सीधा लेता था, और अमीना उसने लंड पर उछल रही थी। और हामिद अमीना की गांड में थप्पड़ मार रहा था।


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अमीना : "आह आह ओह हामिद बेटा ये आसन कहां से सिखा बेटा"

हामिद : "मैंने कहीं से नहीं सीखा दादी, बस अपने आप बन गया लेकिन देखो न दादी कितना मजा आ रहा है"

अमीना : "आह आह हां बेटा बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही कर हामिद"



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अमीना को अब मूतना था, जिसे वो काफी समय से रोक के रखे थी, लेकिन अब रोकना उसके बस का नहीं था

अमीना : "हामिद थोड़ी देर रुक न बेटा आह आह"

हामिद : "मगर क्यों दादी"

अमीना : "मुझे पेशाब करनी है बेटा"

हामिद तेज तेज धक्के लगा कर

हामिद : "तो है कर लो न दादी"

अमीना : "मान जा न बेटा, बाद में कर लेना मना थोड़ी कर रही हूं"

हामिद : "नहीं मैं नहीं रुक रहा मुझे अभी बहुत मजा आ रहा है"

अमीना : "तू नहीं मानेगा बहुत जिद्दी हो गया है तू, चल निकाल अपना लंड जिस से यहीं मूत लूं"

हामिद अपना लंड बाहर निकलता है, और अमीना वहीं मूतने लगती है



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अमीना : "ओह हामिद तूने तो पागल कर दिया बेटा"

हामिद दुबारा अपना लिंग अंदर पेलते हुए

हामिद : "अभी तो पूरी रात बाकी है दादी"

अमीना ये सुन कर हंसते हुए

अमीना : "तो कर बेटा किसने रोका है"

इसके बाद हामिद पूरी रात न जाने कौन कौन से आसन में अपनी दादी को भोगता है।

और जब हामिद अपने चरम पर पहुंचता है तो अपनी दादी के चूत के अंदर ही स्खलित हो जाता है और अपनी दादी के ही ऊपर ढेर हो जाता है।

अमीना भी अब संतुष्ट हो चुकी थी उसे पता था कि अब उसे गाजर मूली यहां तक कि उस खिलौने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसे संतुष्ट करने वाला उसे मिल चुका है जो अभी उसके ऊपर सो रहा था, अमीना भी उसके बालों पर हाथ फेरते फेरते सो जाती है।


सात दिन बाद

सुबह के नौ बजे थे। गाँव में हर तरफ हलचल थी। पगडंडियों पर लोग अपने-अपने खेतों और कामों पर निकलने की तैयारी में जुटे हुए थे।

गाँव का हर शख्स सुबह की इस गहमागहमी में उलझा था। किसी के चेहरे पर चिंता थी कि फसल को समय पर पानी नहीं मिला तो नुकसान हो जाएगा, कुल मिलाकर, माहौल में एक हल्की-सी चिड़चिड़ाहट थी, जो सुबह के कामों की व्यस्तता से उपजी थी।

लेकिन हामिद के घर का माहौल इससे बिल्कुल अलग था, हामिद अपनी पतली-सी रसोई में खड़ा था, जहाँ दीवारों पर हल्की-हल्की कालिख की परत चढ़ी हुई थी। लकड़ी के चूल्हे की आँच धीमी हो चुकी थी।

हामिद पूरा जन्मजात नंगा खड़ा था, और उसकी गोद में उसकी सगी दादी अमीना थी, अमीना भी पूरी तरह से नंगी थी और उसने अपनी दोनों हाथों से हामिद को जकड़ा हुआ था और अपनी दोनों टांगों को हामिद की कमर में लिपटाए हुई थी, और हामिद का लंड अमीना की रस से भीगी चूत में अंदर बाहर हो रहा था। अमीना का चेहरा शर्म से लाल हो रहा था, लेकिन उसकी आँखों में मुस्कान की शरारत साफ झलक रही थी।



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अमीना : "हामिद छोड़ न बेटा, चाय तो बना लेने दे"

हामिद : "अरे बना लेना न दादी पहले जी भर के चोद तो लेने तो"

अमीना : "रात से चोद रहा है, अब तो बस कर"

हामिद : "क्या करूं दादी आप से मन ही नहीं भरता"

तभी दरवाजे के खटखटाने की आवाज आती है।

अमीना : "हामिद देख तेरे दोस्त होंगे"

हामिद : "तो चलो न देखते हैं"

और हामिद अपनी दादी को गोद में ही लिए दरवाजे के पास जाने लगता है

अमीना : "हामिद क्या कर रहा छोड़ मुझे पागल हो गया है क्या"

हामिद : "अरे चलो तो दादी कुछ नहीं होगा"

और हामिद दरवाजे के पास आकर दरवाजा बिना खोले ही अंदर से बोलता है

हामिद : "कौन?"

मोहसिन : "मैं मोहसिन क्या कर रहा है चल न टाकीज चलते है नई पिक्चर लगी है"

हामिद : "नहीं यार तुझे पता है न कि दादी अकेली है उनकी तबियत भी ठीक है नहीं तुम लोग जाओ"

मोहसिन : "चल ठीक है"

और फिर मोहसिन चला जाता है और फिर हामिद फिर से अमीना को अपने लंड पर उछालने लगता है

अमीना : "दादी की तबीयत ठीक नहीं है ह्म्म, अभी मेरी तबीयत खराब नहीं होने वाली बेटा अभी तो मुझे ही भर के तुझ से चुदना है फिर कभी होगी मेरी तबियत खराब"

हामिद : "अरे आपकी तबियत तो अब जिंदगी भर खराब नहीं होनी क्योंकि आपको तो जिंदगी भर चोदना है"

अमीना : "तो चोद न बेटे"

हामिद : "तो चलो दादी जी भर के चोदूं आपको"

और हामिद अपनी दादी को चोदते हुए कमरे के अंदर ले जाता है और दोनों दादी पोते की घनघोर चुदाई शुरू हो जाती है।


कहानी से सीख

तो जैसे हर कहानी से हमें कोई न कोई सीख मिलती ही है तो इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि हमें हमेशा "हवस का त्याग" करना चाहिए, क्योंकि हमें हमेशा इसका फल मिलता है।

जैसे हामिद ने हवस का त्याग किया उसने मेले में रण्डी चोदने की जगह अपनी दादी के लिए खिलौना लेना उचित समझा और उसे उसका फल भी मिला और फल के रूप में उसे उसकी सगी दादी की रसभरी चूत मिली जिसे उसने जी भर के भोगा।

समाप्त
 
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tom riddle

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Bhai manna parega kamal ke ideas late ho...jo kahani bachpan me pardi thi. aaj jawanni me ek nahi shikh shikane wali hai 😅 lekin jara forum ke guidlines pard lena... aaj hi update kiya gya hai kahi ayesha na ho ki aap ki story v ban ho jaye.
Bhai waise esa kuchh galat to likha nahi hai maine sirf idgah naam rakha hai title ka naam ab use to badal nahi sakta or badal diya to kisi ko bachpan ki kahani yaad nahi aayegi na
 
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