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Erotica ड्रेगन हार्ट (लव, सेक्स एण्ड क्राईम)

redhat.ag

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Update 081 -

मैं अभी कबीर के बारे में सोच ही रही थी कि तभी श्रेया अपने हाथों में दो कप कॉफी लेकर टैरेस पर आती हुई बोली

श्रेया- तो तुम यहाँ पर हो… और मैं तुम्हें पूरे घर में ढूंड रही थी…

इतना बोलकर श्रेया ने मेरे हाथों में कॉफी का कप पकडाते हुए मुझसे सबाल किया

श्रेया- यार अमृता आखिर तुझे हुआ क्या है…. पिछले कुछ दिनों से मैं नोटिस कर रही हूँ कि तुम चुप चाप अपने में ही कहीँ खोई हुई रहती हो….

मैंने कॉफी शिप करते हुए कहा

अमृता- नहीं कुछ नहीं… बस ऐसे ही…

श्रेया- कहीँ यह सब उस डफर कबीर शर्मा के कारण तो नहीं है ना….. सारा सारा दिन वो किसी पागल आशिक की तरह तुझे ही देखता रहा है… कहीँ तुझे भी तो उससे प्यार ब्यार नहीं हो गया है ना….

श्रेया की बात सुनकर मैं उससे चिढते हुए बोली

अमृता- तू पागल है क्या….. मेरे मन में ऐसा बैसा कुछ भी नहीं है…. बैसे भी तू अच्छी तरह से जानती है कि मैं इन सब लफडों में पडने बाली लडकी नहीं हूँ…..

श्रेया- हाँ यह बात तो है… वर्ना रवि कब का तुझे अपनी हॉफ गर्लफ्रेंड से फुल टाईम गर्लफ्रेंड बना चुका होता

अमृता- शटआप…. वो तो हमने बस रश्मि को चिढाने के लिए एक नाटक किया था। बैसे भी वो मेरे टाईप का लडका नहीं है….

श्रेया- पर रवि के मन में तुम्हारे लिए फीलिंग थीं…..

अमृता- हो सकता है…. पर आई डोंट केयर….. मुझे प्यार ब्यार जैसी बातों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है….. बैसे भी मैं सबसे ऊपर दोस्ती के रिस्ते को रखती हूँ….

श्रेया- हूम्म वो तो है….. बैसे क्या सच में तुम्हारे और रवि के बीच कुछ भी नहीं है

अमृता- नहीं यार…. कुछ भी नहीं है… पर तुम बार बार यह सबाल मुझसे क्यों पूछ रही हो…. कहीं तुम्हारे और रवि के बीच कुछ चल तो नहीं रहा है…

मेरी बात सुनकर श्रेया मुस्कुराते हुए बोली

श्रेया- नहीं.. फिलहाल तो ऐसा कुछ भी नहीं है….. पर वो मुझे पसंद है……

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- क्या बात कर रही हो….. यह तो बहुत खुशी की बात है…. तूने अभी तक उसे इस बारे में बताया या नहीं…. मुझे पूरा यकीन है कि वो तेरे जैसी सैक्सी लडकी को कभी ना कर ही नहीं सकता।

श्रेया- नहीं यार अभी तक तो नहीं बताया

श्रेया की बात सुनकर मैंने कुछ देर सोचा और फिर सीरियस होते हुए बोली

अमृता- कहीं रश्मि के कारण तो तुमने….

मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया मुझे बीच में टोकते हुए बोली

श्रेया- नहीं यार बो बात नहीं है….. उन दोनों के ब्रेकअप के बाद से वो दोनों बस अच्छे दोस्त हैं… बैसे भी रश्मि आज कल किसी और लडके में इंट्रेस्ट ले रही है

श्रेया की बात सुनकर मैं हैरान होते हुए बोली

अमृता- किसमें….

श्रेया- वो तुम्हारे इंदौर बाले मॉल का मैनेजर और तुम्हारा बिजिनेश पार्टनर राघवेन्द्र शर्मा है ना…. उसी में….

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- रघू….. क्या सच में रश्मि और रघू के बीच कुच चल रहा है…

श्रेया- पक्का तो नहीं कह सकती… पर मुझे ऐसा शक तो है… जब से तुमने हमारे सभी दोस्तों के साथ मिलकर अपनी कंपनी शुरू की है। तब से रश्मि और रघू का आपस में मिलना जुलना बड गया है और वो दोनों अक्सर रात के समय फोन पर घंटों बातें भी करते रहते हैं।

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- मतलब रघू ने मुर्गी फंसा ही ली…. बैसे मैं उन दोनों के लिए बहुत खुश हूँ… रघू एक अच्छा और ईमानदार लडका है…. वो कभी भी रश्मि को धोखा नहीं देगा और गगन के साथ हुए हादशे के बाद रश्मि में भी काफी चेंजिस आऐ हैं। मेरे ख्याल से वो दोनों ही एक दूसरे के लिए परफेक्ट हैं।

श्रेया- हूम्म वो तो है…..

अमृता- तो फिर तूने अभी तक रवि से अपने दिल की बात क्यों नहीं बताई

श्रेया- यार मैं पूरी तरह से श्योर नहीं हूँ कि मैं उसे सच में पसंद करती हूँ या नहीं…. और फिर मुझे रवि के दिल की बात भी तो नहीं पता है… अगर मेरे अप्रोच करने के बाद भी उसने मना कर दिया तो…..

अमृता- ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर तू उसे अपने दिल की बात कहेगी तो वो पक्का कभी भी तुझे मना नहीं करेगा। लेकिन फिर भी अगर तेरे मन में कोई डाऊट हो तो मैं उससे तेरे बारे में बात कर लेती हूँ…. हाँ बो बात अलग है कि तेरे मन में रवि के पास्ट रिलेशन को लेकर या फिर मुझे लेकर कोई डाऊट हो तो……

एक बार फिर मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया ने मुझे बीच मेें टोकते हुए कहा

श्रेया- अरे नहीं यार… ऐसा कुछ भी नहीं है… अगर उसका पास्ट में कोई रिलेशनशिप था तो उससे क्या फर्क पडता है…. आखिर मेरा भी तो एक पास्ट रहा है ना… गगन के बारे में तो तुम पहले से ही जानती हो… उससे पहले भी मेरा एक एक्स रह चुका है।

अमृता- और अगर मेरे और रवि के बीच में कुछ रहा हो तो…..

श्रेया- तो भी कोई फर्क नहीं पडता है…. लेकिन अगर अब भी तुम दोनों के बीच ऐसा कुछ है तो मैं पीछे हट जाऊँगी… मैं प्यार के लिए अपनी दोस्त नहीं खोना चाहती

अमृता- अरे डफर हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है….. बल्कि सच कहूँ तो पिछले एक साल से हमारी बीच बस बिजिनेश को लेकर ही बातें हुईं हैं। इसलिए तेरी लाईन एकदम क्लीयर है….

श्रेया- तुम सच बोल रही हो ना… कहीं तुम मेरे कारण रवि से अपना रिलेशन टोडने के बारे में तो नहीं सोच रही हो ना….

अमृता- तू पागल है क्या… मैंने कहा ना कि हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर होता तो मैं भला तुझसे क्यों छिपाती…. हाँ यह बात सही है कि जब मैं भोपाल में थी तो हम दोनों कुछ एक बार ड्रिंक करने के बाद एक दूसरे के थोडा बहुत करीब आ गए थे। पर मेरे दिल रवि के लिए कोई फीलिंगस् नहीं थी… इसलिए मैंने खुद ही उससे दूरी बना ली थी…. ताकि उसके मन में मुझे लेकर कोई गलत फहमी ना हो जाऐ। हमारे बीच थोडा बहुत जो कुछ भी हुआ था वो बस हीट ऑफ मूवमेंट में हुआ था। जिसे मैं अपनी गलती समझकर पूरी तरह से भुला चुकी हूँ। हम दोनों अब बस एक अच्छे दोस्त हैं। लेकिन अगर तुम्हारे मन में अब भी कोई डाऊट हो तो मैं पूरी तरह से उससे अपने कांटेक्ट खत्म कर लूँगी।

श्रेया- अरे पागल ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है….. मुझे तेरी बातों पर पूरा यकीन है…. तुम्हारे बीच क्या हुआ क्या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पडता। हमारी उम्र ही ऐसी है कि यह सब होना नैचुरल है। बैसे भी मुझे तुझपर पूरा यकीन है, अगर तुम कह रही हो कि तुम दोनोें के बीच कुछ भी नहीं है, तो इतना ही मेरे लिए काफी है। इसलिए तुझे रवि से अपने वर्किंग रिलेशन और अपनी दोस्ती खत्म करने की कोई जरूरत नहीं है। बैसे भी अगर फ्यूचर में मैं और रवि साथ आऐ तो क्या तुम रवि की बजह से मुझसे भी दूरी बना लोगी।

अमृता- नहीं कभी नहीं… मैं तुमसे दूरी नहीं बना सकती

श्रेया- इसीलिए मेरी जान… जो हो गया सो हो गया…. उसे एक बार फिर भूल जाओ… आज के बाद हमारे बीच में इस बारे में कोई बात नहीं होगी।

अमृता- ठीक है….. तो फिर रवि से बात तुम करोगी या मैं….

श्रेया- उम्मम् देखते हैं… बैसे जनाब कुछ दिनों बाद यहाँ कानपुर आने बाले हैं। तो सोच रही हूँ कि तभी मैं उसे अपने दिल की बात भी बता दूँगी।

अमृता- वो कानपुर क्यों आ रहा है……

श्रेया- अरे भूल गई क्या…. तुम्हारी कम्पनी यहाँ कानपुर में अपना शॉपिंग मॉल शुरू करने बाली है।

श्रेया के याद दिलाने पर मुझे याद आया कि मेरी कम्पनी ने कानपुर में भी शॉपिग मॉल शुरू करने का प्लान किया था। पर पिछले कुछ समय से मैं अपने बिजिनेश पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाई थी। इसलिए मेरे बिजिनेश पार्टनर और मेरे दोस्त ही यह सब मैनेज कर रहे थे। इस बारे में याद आते ही मैंने मुस्कुराते हुए कहा

अमृता- हाँ याद आया….. बैसे सच कहूँ तो मैंं इस बारे में भूल ही गई थी….

श्रेया- होता है… होता है…. बडे बडे बिजिनेश मैन इन छोटी मोटी बातों को याद नहीं रखते हैं।

अमृता- अरे यार ऐसा कुछ नहीं है…. बात बस इतनी सी है कि मुझे अपने दोस्तों पर पूरा भरोसा है।

श्रेया- हुम्म बो तो है….. बैसे तूमने मुझे बताया नहीं कि इतने दिनोें सेे तुम गुमसुम क्यों हो और बार बार तुम सामने की तरफ क्या देख रही हो…. एक मिनट…. क्या मैं सोच रही हूँ ऐ वही तो नहीं है…..

अचानक मुझसे बातें करते करते श्रेया की नजर चाय की टपरी के पास खडे कबीर पर पडी.. जो अब भी मुझे ही देखे जा रहा था। जैसे ही श्रेया ने कबीर को पहचाना तो वो गुस्से में भडकते हुए बोली

श्रेया- कबीर के बच्चे…. इसका यह नाटक अब कुछ ज्यादा ही हो गया है… साला हमारे घर तक आ गया…. आज मैं इसकी खबर लेकर ही रहूँगी…..

श्रेया को गुस्से से भडकता हुआ देखकर मैंने उसे रोकते हुए कहा

अमृता- अरे यार श्रेया रहने दे ना… .उसके ऐसे देखने से क्या फर्क पडता है… कौन सा हमें देखकर वो मोटा हो जाऐगा..

श्रेया- आखिर यह तुमसे चाहता क्या है….

अमृता- मुझे क्या पता…..

श्रेया- कहीं वो तुम्हारे प्यार ब्यार में तो नहीं पड गया…..

अमृता- पागल है क्या….

श्रेया- नहीं मैं सच कह रही हूँ… ऐसी हरकतें तो पागल आशिक ही करते हैं…. पक्का वो तुझे पटाने के चक्कर में है….

अमृता- जो भी हो मुझे उससे कोई मतलब नहीं है….

श्रेया- हुम्मममम…. वो तो दिख ही रहा है…. तुझे उससे कोई मतलब नहीं है, इसीलिए हम सब से छिपकर यहाँ टैरेस पर खडी हुई थी… ताकि वो तुझे निहार सके

श्रेया की बात सुनकर मैं चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया….. क्या बकवास कर रही हो…. तुम्हें तो पता ही है कि मैं उसे जानती तक नहीं और ना ही हमारे बीच आज तक कोई बात हुई है। बैसे भी मैं यहाँ टैरेस पर तो रोज ही आती हूँ। तो अब तू क्या चाहती है कि मैं इस कबीर के चक्कर में टैरेस पर आना भी बंद कर दूँ।

श्रेया- अरे नहीं बाबा नहीं… तू इतनी भडक क्यों रही है…. मैं तो बस तुझे ऐसे ही छेड रही थी। बैसे मैंने इस कबीर के बारे में थोडा बहुत पता किया है… वो एक अच्छा लडका है… अगर तू चाहे तो उसके साथ रिलेशनशिप में आगे बड सकती है। मुझे कबीर को अपना जीजू बोलने में कोई प्राब्लम नहीं होगी।

अमृता- शटआप…. ऐसा कभी नहीं होने बाला…. इनफेक्ट मैं कभी शादी ही नहीं करने बाली….. इसलिए तेरे दिमाग में किसी भी ऐसे गैरे को अपना जीजू बनाने की जो फैंटसी है ना…. उसे अपने दिमाग से बाहर निकाल दे……

श्रेया- पर कबीर में आखिर कमी क्या है… अच्छा खासा हैंडसम तो है… इन्फेक्ट वो तो पूरे कॉलेज का सबसे ज्यादा हैंडसम लडका है…. ऊपर से काफी इंटेलीजेंट भी है… मैंने उसकी प्रोग्रामिंग स्किल भी देखी है, वो पक्का तुम्हारी टक्कर का ही है। इसलिए तुझे कम से कम एक बार कबीर को अपना लाईफ पार्टनर बनाने के बारे में जरूर सोचना चाहिए….

अमृता- मैंने तुमसे पहले ही कहा है कि मैं अपनी जिंदगी में कोई भी लाईफ पार्टनर नहीं चाहती.. और अगर कभी मैंने अपना यह फैसला बदला भी तो कबीर वो लडका कभी नहीं होगा, जिसे मैं अपना लाईफ पार्टनर बनाऊँगी….

श्रेया- पर क्यों…

अमृता- इसका जबाब मेरे पास नहीं है……..

श्रेया- जबाब नहीं है… या देना नहीं चाहती…

अमृता- तुम्हें जो सही लगे वो सोच सकती हो……

श्रेया- यह तो कोई जबाब नहीं हुआ…. मैं सच जानना चाहती हूँ

श्रेया की बात सुनकर मैंने मन ही मन सोचा

“बेबकूफ लडकी तू क्यों भाई बहन के बीच अफेयर करवाने के पीछे पडी हुई है… मैं इससे अपना पीछा छुडवाना चाहती हूँ और तू मेरे ही भाई से मेरा गठबंधन करवाने के प्लान में है। अगर मैंने तुझे सच बता दिया ना तो तू शर्म के कारण खुद ही चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाऐगी।”

पर यह सब मैं बस मन में ही सोच सकती थी। इसलिए मैंने श्रेया को टालते हुए कहा

अमृता- अगर तुम सच ही सुनना चाहती हो तो सुनो… कबीर मेरे टाईप का लडका बिल्कुल भी नहीं है…. मुझे अपनी जिंदगी में सिंसियर और मैच्योर लडका चाहिए… कबीर की तरह लफंगा और लापरवाह लडका नहीं…

श्रेया- ओ ओ…. तो यह बात है…. और अगर कबीर किसी सिंसियर और मैच्योर लडके की तरह बिहेब करे, तो क्या तब भी तुम उसे पसंद नहीं करोगी….

अमृता- तुम पूजा और कबीर के बीच में ब्रोकर का काम क्यों नहीं करती…. जहाँ तक मुझे पता है, पूजा तो उसे अपने ग्रुप में सामिल करने के लिए मरी जा रही है। मेरे ख्याल से अब तक तो उसने अपने और कबीर के बच्चों के नाम भी सोच लिए होंगे।

श्रेया- बकवास…. उन दोनों का आपस में कोई मैच नहीं है…. बैसे भी कबीर जो इतने दिनों से तुम्हारे आस पास मंडरा रहा है। उसे देखकर पूजा का दिल पहले ही टूट चुका है। और फिर तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो, इसलिए तुम्हें लाईफ पार्टनर भी बेस्ट ही मिलना चाहिए ना…..

श्रेया की बात सुनकर फिर से चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया… बस बहुत हुआ…. अब मुझे इस टॉपिक पर कोई बात नहीं करनी है..

मुझे ऐसे चिढते हुए देख श्रेया खिलखिलाकर हंसते हुए बोली

श्रेया- हा हा हा अच्छा बाबा ठीक है ठीक है… छोडो यह सब…. मैं तो बस अपना मूढ फ्रेस कर रही थी।

अमृता- अपना मूढ फ्रेस करने के चक्कर में मेरा मूढ तो ऑफ कर दिया ना…. चल सुट्टा मार कर आते हैं….

मेरी बात सुनकर श्रेया हैरान होते हुए बोली

श्रेया- सुट्टा…. और तू…. अरे बाबा तुम कबसे सुट्टा मारने लगी… मैंने तो आज तक तुम्हें सिगरेट से हाथ लगाते हुए भी नहीं देखा है….

अमृता- हाँ पर आज तूने मेरा मूढ कुछ ज्यादा ही खराब कर दिया है…. इसलिए मुझे नहीं लगता की आज कॉफी से मेरा काम चलेगा….

श्रेया- अच्छा जी…. तो फिर ठीक है…. चलो चलते हैं सामने बाली टपरी पर…. वहाँ तूम सुट्टा के साथ साथ अपने आशिक पर नजर भी मार लियो।

श्रेया की बात सुनकर मैंने गुस्से में उसे देखा तो वो मुझसे दूर भागने लगी। यह देखकर मैं समझ गई कि उसने मुझे परेशान करने के लिए जानबूझकर वो सब कहा था। इसलिए मैं भी उसे गुस्से में डांटते हुए उसके पीछे भागी

अमृता- श्रेया की बच्ची रुक मैं अभी बाताती हूँ तुझे

इससे पहले मैं उसे पकडती श्रेया ने अपने कान पकडते हुए कहा

श्रेया- आच्छा बाबा सॉरी…… अब नहीं कहूँगी….

श्रेया के यूँ माफी मांगने पर मैं भी हंस पडी और फिर हम दोनों अपने घर से निकलकर चाय की टपरी की तरफ चल पडे।


कहानी जारी है..............
 
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kas1709

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श्रेया- तो तुम यहाँ पर हो… और मैं तुम्हें पूरे घर में ढूंड रही थी…

इतना बोलकर श्रेया ने मेरे हाथों में कॉफी का कप पकडाते हुए मुझसे सबाल किया

श्रेया- यार अमृता आखिर तुझे हुआ क्या है…. पिछले कुछ दिनों से मैं नोटिस कर रही हूँ कि तुम चुप चाप अपने में ही कहीँ खोई हुई रहती हो….

मैंने कॉफी शिप करते हुए कहा

अमृता- नहीं कुछ नहीं… बस ऐसे ही…

श्रेया- कहीँ यह सब उस डफर कबीर शर्मा के कारण तो नहीं है ना….. सारा सारा दिन वो किसी पागल आशिक की तरह तुझे ही देखता रहा है… कहीँ तुझे भी तो उससे प्यार ब्यार नहीं हो गया है ना….

श्रेया की बात सुनकर मैं उससे चिढते हुए बोली

अमृता- तू पागल है क्या….. मेरे मन में ऐसा बैसा कुछ भी नहीं है…. बैसे भी तू अच्छी तरह से जानती है कि मैं इन सब लफडों में पडने बाली लडकी नहीं हूँ…..

श्रेया- हाँ यह बात तो है… वर्ना रवि कब का तुझे अपनी हॉफ गर्लफ्रेंड से फुल टाईम गर्लफ्रेंड बना चुका होता

अमृता- शटआप…. वो तो हमने बस रश्मि को चिढाने के लिए एक नाटक किया था। बैसे भी वो मेरे टाईप का लडका नहीं है….

श्रेया- पर रवि के मन में तुम्हारे लिए फीलिंग थीं…..

अमृता- हो सकता है…. पर आई डोंट केयर….. मुझे प्यार ब्यार जैसी बातों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है….. बैसे भी मैं सबसे ऊपर दोस्ती के रिस्ते को रखती हूँ….

श्रेया- हूम्म वो तो है….. बैसे क्या सच में तुम्हारे और रवि के बीच कुछ भी नहीं है

अमृता- नहीं यार…. कुछ भी नहीं है… पर तुम बार बार यह सबाल मुझसे क्यों पूछ रही हो…. कहीं तुम्हारे और रवि के बीच कुछ चल तो नहीं रहा है…

मेरी बात सुनकर श्रेया मुस्कुराते हुए बोली

श्रेया- नहीं.. फिलहाल तो ऐसा कुछ भी नहीं है….. पर वो मुझे पसंद है……

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- क्या बात कर रही हो….. यह तो बहुत खुशी की बात है…. तूने अभी तक उसे इस बारे में बताया या नहीं…. मुझे पूरा यकीन है कि वो तेरे जैसी सैक्सी लडकी को कभी ना कर ही नहीं सकता।

श्रेया- नहीं यार अभी तक तो नहीं बताया

श्रेया की बात सुनकर मैंने कुछ देर सोचा और फिर सीरियस होते हुए बोली

अमृता- कहीं रश्मि के कारण तो तुमने….

मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया मुझे बीच में टोकते हुए बोली

श्रेया- नहीं यार बो बात नहीं है….. उन दोनों के ब्रेकअप के बाद से वो दोनों बस अच्छे दोस्त हैं… बैसे भी रश्मि आज कल किसी और लडके में इंट्रेस्ट ले रही है

श्रेया की बात सुनकर मैं हैरान होते हुए बोली

अमृता- किसमें….

श्रेया- वो तुम्हारे इंदौर बाले मॉल का मैनेजर और तुम्हारा बिजिनेश पार्टनर राघवेन्द्र शर्मा है ना…. उसी में….

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- रघू….. क्या सच में रश्मि और रघू के बीच कुच चल रहा है…

श्रेया- पक्का तो नहीं कह सकती… पर मुझे ऐसा शक तो है… जब से तुमने हमारे सभी दोस्तों के साथ मिलकर अपनी कंपनी शुरू की है। तब से रश्मि और रघू का आपस में मिलना जुलना बड गया है और वो दोनों अक्सर रात के समय फोन पर घंटों बातें भी करते रहते हैं।

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- मतलब रघू ने मुर्गी फंसा ही ली…. बैसे मैं उन दोनों के लिए बहुत खुश हूँ… रघू एक अच्छा और ईमानदार लडका है…. वो कभी भी रश्मि को धोखा नहीं देगा और गगन के साथ हुए हादशे के बाद रश्मि में भी काफी चेंजिस आऐ हैं। मेरे ख्याल से वो दोनों ही एक दूसरे के लिए परफेक्ट हैं।

श्रेया- हूम्म वो तो है…..

अमृता- तो फिर तूने अभी तक रवि से अपने दिल की बात क्यों नहीं बताई

श्रेया- यार मैं पूरी तरह से श्योर नहीं हूँ कि मैं उसे सच में पसंद करती हूँ या नहीं…. और फिर मुझे रवि के दिल की बात भी तो नहीं पता है… अगर मेरे अप्रोच करने के बाद भी उसने मना कर दिया तो…..

अमृता- ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर तू उसे अपने दिल की बात कहेगी तो वो पक्का कभी भी तुझे मना नहीं करेगा। लेकिन फिर भी अगर तेरे मन में कोई डाऊट हो तो मैं उससे तेरे बारे में बात कर लेती हूँ…. हाँ बो बात अलग है कि तेरे मन में रवि के पास्ट रिलेशन को लेकर या फिर मुझे लेकर कोई डाऊट हो तो……

एक बार फिर मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया ने मुझे बीच मेें टोकते हुए कहा

श्रेया- अरे नहीं यार… ऐसा कुछ भी नहीं है… अगर उसका पास्ट में कोई रिलेशनशिप था तो उससे क्या फर्क पडता है…. आखिर मेरा भी तो एक पास्ट रहा है ना… गगन के बारे में तो तुम पहले से ही जानती हो… उससे पहले भी मेरा एक एक्स रह चुका है।

अमृता- और अगर मेरे और रवि के बीच में कुछ रहा हो तो…..

श्रेया- तो भी कोई फर्क नहीं पडता है…. लेकिन अगर अब भी तुम दोनों के बीच ऐसा कुछ है तो मैं पीछे हट जाऊँगी… मैं प्यार के लिए अपनी दोस्त नहीं खोना चाहती

अमृता- अरे डफर हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है….. बल्कि सच कहूँ तो पिछले एक साल से हमारी बीच बस बिजिनेश को लेकर ही बातें हुईं हैं। इसलिए तेरी लाईन एकदम क्लीयर है….

श्रेया- तुम सच बोल रही हो ना… कहीं तुम मेरे कारण रवि से अपना रिलेशन टोडने के बारे में तो नहीं सोच रही हो ना….

अमृता- तू पागल है क्या… मैंने कहा ना कि हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर होता तो मैं भला तुझसे क्यों छिपाती…. हाँ यह बात सही है कि जब मैं भोपाल में थी तो हम दोनों कुछ एक बार ड्रिंक करने के बाद एक दूसरे के थोडा बहुत करीब आ गए थे। पर मेरे दिल रवि के लिए कोई फीलिंगस् नहीं थी… इसलिए मैंने खुद ही उससे दूरी बना ली थी…. ताकि उसके मन में मुझे लेकर कोई गलत फहमी ना हो जाऐ। हमारे बीच थोडा बहुत जो कुछ भी हुआ था वो बस हीट ऑफ मूवमेंट में हुआ था। जिसे मैं अपनी गलती समझकर पूरी तरह से भुला चुकी हूँ। हम दोनों अब बस एक अच्छे दोस्त हैं। लेकिन अगर तुम्हारे मन में अब भी कोई डाऊट हो तो मैं पूरी तरह से उससे अपने कांटेक्ट खत्म कर लूँगी।

श्रेया- अरे पागल ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है….. मुझे तेरी बातों पर पूरा यकीन है…. तुम्हारे बीच क्या हुआ क्या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पडता। हमारी उम्र ही ऐसी है कि यह सब होना नैचुरल है। बैसे भी मुझे तुझपर पूरा यकीन है, अगर तुम कह रही हो कि तुम दोनोें के बीच कुछ भी नहीं है, तो इतना ही मेरे लिए काफी है। इसलिए तुझे रवि से अपने वर्किंग रिलेशन और अपनी दोस्ती खत्म करने की कोई जरूरत नहीं है। बैसे भी अगर फ्यूचर में मैं और रवि साथ आऐ तो क्या तुम रवि की बजह से मुझसे भी दूरी बना लोगी।

अमृता- नहीं कभी नहीं… मैं तुमसे दूरी नहीं बना सकती

श्रेया- इसीलिए मेरी जान… जो हो गया सो हो गया…. उसे एक बार फिर भूल जाओ… आज के बाद हमारे बीच में इस बारे में कोई बात नहीं होगी।

अमृता- ठीक है….. तो फिर रवि से बात तुम करोगी या मैं….

श्रेया- उम्मम् देखते हैं… बैसे जनाब कुछ दिनों बाद यहाँ कानपुर आने बाले हैं। तो सोच रही हूँ कि तभी मैं उसे अपने दिल की बात भी बता दूँगी।

अमृता- वो कानपुर क्यों आ रहा है……

श्रेया- अरे भूल गई क्या…. तुम्हारी कम्पनी यहाँ कानपुर में अपना शॉपिंग मॉल शुरू करने बाली है।

श्रेया के याद दिलाने पर मुझे याद आया कि मेरी कम्पनी ने कानपुर में भी शॉपिग मॉल शुरू करने का प्लान किया था। पर पिछले कुछ समय से मैं अपने बिजिनेश पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाई थी। इसलिए मेरे बिजिनेश पार्टनर और मेरे दोस्त ही यह सब मैनेज कर रहे थे। इस बारे में याद आते ही मैंने मुस्कुराते हुए कहा

अमृता- हाँ याद आया….. बैसे सच कहूँ तो मैंं इस बारे में भूल ही गई थी….

श्रेया- होता है… होता है…. बडे बडे बिजिनेश मैन इन छोटी मोटी बातों को याद नहीं रखते हैं।

अमृता- अरे यार ऐसा कुछ नहीं है…. बात बस इतनी सी है कि मुझे अपने दोस्तों पर पूरा भरोसा है।

श्रेया- हुम्म बो तो है….. बैसे तूमने मुझे बताया नहीं कि इतने दिनोें सेे तुम गुमसुम क्यों हो और बार बार तुम सामने की तरफ क्या देख रही हो…. एक मिनट…. क्या मैं सोच रही हूँ ऐ वही तो नहीं है…..

अचानक मुझसे बातें करते करते श्रेया की नजर चाय की टपरी के पास खडे कबीर पर पडी.. जो अब भी मुझे ही देखे जा रहा था। जैसे ही श्रेया ने कबीर को पहचाना तो वो गुस्से में भडकते हुए बोली

श्रेया- कबीर के बच्चे…. इसका यह नाटक अब कुछ ज्यादा ही हो गया है… साला हमारे घर तक आ गया…. आज मैं इसकी खबर लेकर ही रहूँगी…..

श्रेया को गुस्से से भडकता हुआ देखकर मैंने उसे रोकते हुए कहा

अमृता- अरे यार श्रेया रहने दे ना… .उसके ऐसे देखने से क्या फर्क पडता है… कौन सा हमें देखकर वो मोटा हो जाऐगा..

श्रेया- आखिर यह तुमसे चाहता क्या है….

अमृता- मुझे क्या पता…..

श्रेया- कहीं वो तुम्हारे प्यार ब्यार में तो नहीं पड गया…..

अमृता- पागल है क्या….

श्रेया- नहीं मैं सच कह रही हूँ… ऐसी हरकतें तो पागल आशिक ही करते हैं…. पक्का वो तुझे पटाने के चक्कर में है….

अमृता- जो भी हो मुझे उससे कोई मतलब नहीं है….

श्रेया- हुम्मममम…. वो तो दिख ही रहा है…. तुझे उससे कोई मतलब नहीं है, इसीलिए हम सब से छिपकर यहाँ टैरेस पर खडी हुई थी… ताकि वो तुझे निहार सके

श्रेया की बात सुनकर मैं चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया….. क्या बकवास कर रही हो…. तुम्हें तो पता ही है कि मैं उसे जानती तक नहीं और ना ही हमारे बीच आज तक कोई बात हुई है। बैसे भी मैं यहाँ टैरेस पर तो रोज ही आती हूँ। तो अब तू क्या चाहती है कि मैं इस कबीर के चक्कर में टैरेस पर आना भी बंद कर दूँ।

श्रेया- अरे नहीं बाबा नहीं… तू इतनी भडक क्यों रही है…. मैं तो बस तुझे ऐसे ही छेड रही थी। बैसे मैंने इस कबीर के बारे में थोडा बहुत पता किया है… वो एक अच्छा लडका है… अगर तू चाहे तो उसके साथ रिलेशनशिप में आगे बड सकती है। मुझे कबीर को अपना जीजू बोलने में कोई प्राब्लम नहीं होगी।

अमृता- शटआप…. ऐसा कभी नहीं होने बाला…. इनफेक्ट मैं कभी शादी ही नहीं करने बाली….. इसलिए तेरे दिमाग में किसी भी ऐसे गैरे को अपना जीजू बनाने की जो फैंटसी है ना…. उसे अपने दिमाग से बाहर निकाल दे……

श्रेया- पर कबीर में आखिर कमी क्या है… अच्छा खासा हैंडसम तो है… इन्फेक्ट वो तो पूरे कॉलेज का सबसे ज्यादा हैंडसम लडका है…. ऊपर से काफी इंटेलीजेंट भी है… मैंने उसकी प्रोग्रामिंग स्किल भी देखी है, वो पक्का तुम्हारी टक्कर का ही है। इसलिए तुझे कम से कम एक बार कबीर को अपना लाईफ पार्टनर बनाने के बारे में जरूर सोचना चाहिए….

अमृता- मैंने तुमसे पहले ही कहा है कि मैं अपनी जिंदगी में कोई भी लाईफ पार्टनर नहीं चाहती.. और अगर कभी मैंने अपना यह फैसला बदला भी तो कबीर वो लडका कभी नहीं होगा, जिसे मैं अपना लाईफ पार्टनर बनाऊँगी….

श्रेया- पर क्यों…

अमृता- इसका जबाब मेरे पास नहीं है……..

श्रेया- जबाब नहीं है… या देना नहीं चाहती…

अमृता- तुम्हें जो सही लगे वो सोच सकती हो……

श्रेया- यह तो कोई जबाब नहीं हुआ…. मैं सच जानना चाहती हूँ

श्रेया की बात सुनकर मैंने मन ही मन सोचा

“बेबकूफ लडकी तू क्यों भाई बहन के बीच अफेयर करवाने के पीछे पडी हुई है… मैं इससे अपना पीछा छुडवाना चाहती हूँ और तू मेरे ही भाई से मेरा गठबंधन करवाने के प्लान में है। अगर मैंने तुझे सच बता दिया ना तो तू शर्म के कारण खुद ही चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाऐगी।”

पर यह सब मैं बस मन में ही सोच सकती थी। इसलिए मैंने श्रेया को टालते हुए कहा

अमृता- अगर तुम सच ही सुनना चाहती हो तो सुनो… कबीर मेरे टाईप का लडका बिल्कुल भी नहीं है…. मुझे अपनी जिंदगी में सिंसियर और मैच्योर लडका चाहिए… कबीर की तरह लफंगा और लापरवाह लडका नहीं…

श्रेया- ओ ओ…. तो यह बात है…. और अगर कबीर किसी सिंसियर और मैच्योर लडके की तरह बिहेब करे, तो क्या तब भी तुम उसे पसंद नहीं करोगी….

अमृता- तुम पूजा और कबीर के बीच में ब्रोकर का काम क्यों नहीं करती…. जहाँ तक मुझे पता है, पूजा तो उसे अपने ग्रुप में सामिल करने के लिए मरी जा रही है। मेरे ख्याल से अब तक तो उसने अपने और कबीर के बच्चों के नाम भी सोच लिए होंगे।

श्रेया- बकवास…. उन दोनों का आपस में कोई मैच नहीं है…. बैसे भी कबीर जो इतने दिनों से तुम्हारे आस पास मंडरा रहा है। उसे देखकर पूजा का दिल पहले ही टूट चुका है। और फिर तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो, इसलिए तुम्हें लाईफ पार्टनर भी बेस्ट ही मिलना चाहिए ना…..

श्रेया की बात सुनकर फिर से चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया… बस बहुत हुआ…. अब मुझे इस टॉपिक पर कोई बात नहीं करनी है..

मुझे ऐसे चिढते हुए देख श्रेया खिलखिलाकर हंसते हुए बोली

श्रेया- हा हा हा अच्छा बाबा ठीक है ठीक है… छोडो यह सब…. मैं तो बस अपना मूढ फ्रेस कर रही थी।

अमृता- अपना मूढ फ्रेस करने के चक्कर में मेरा मूढ तो ऑफ कर दिया ना…. चल सुट्टा मार कर आते हैं….

मेरी बात सुनकर श्रेया हैरान होते हुए बोली

श्रेया- सुट्टा…. और तू…. अरे बाबा तुम कबसे सुट्टा मारने लगी… मैंने तो आज तक तुम्हें सिगरेट से हाथ लगाते हुए भी नहीं देखा है….

अमृता- हाँ पर आज तूने मेरा मूढ कुछ ज्यादा ही खराब कर दिया है…. इसलिए मुझे नहीं लगता की आज कॉफी से मेरा काम चलेगा….

श्रेया- अच्छा जी…. तो फिर ठीक है…. चलो चलते हैं सामने बाली टपरी पर…. वहाँ तूम सुट्टा के साथ साथ अपने आशिक पर नजर भी मार लियो।

श्रेया की बात सुनकर मैंने गुस्से में उसे देखा तो वो मुझसे दूर भागने लगी। यह देखकर मैं समझ गई कि उसने मुझे परेशान करने के लिए जानबूझकर वो सब कहा था। इसलिए मैं भी उसे गुस्से में डांटते हुए उसके पीछे भागी

अमृता- श्रेया की बच्ची रुक मैं अभी बाताती हूँ तुझे

इससे पहले मैं उसे पकडती श्रेया ने अपने कान पकडते हुए कहा

श्रेया- आच्छा बाबा सॉरी…… अब नहीं कहूँगी….

श्रेया के यूँ माफी मांगने पर मैं भी हंस पडी और फिर हम दोनों अपने घर से निकलकर चाय की टपरी की तरफ चल पडे।


कहानी जारी है..............
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Update 081 -

मैं अभी कबीर के बारे में सोच ही रही थी कि तभी श्रेया अपने हाथों में दो कप कॉफी लेकर टैरेस पर आती हुई बोली

श्रेया- तो तुम यहाँ पर हो… और मैं तुम्हें पूरे घर में ढूंड रही थी…

इतना बोलकर श्रेया ने मेरे हाथों में कॉफी का कप पकडाते हुए मुझसे सबाल किया

श्रेया- यार अमृता आखिर तुझे हुआ क्या है…. पिछले कुछ दिनों से मैं नोटिस कर रही हूँ कि तुम चुप चाप अपने में ही कहीँ खोई हुई रहती हो….

मैंने कॉफी शिप करते हुए कहा

अमृता- नहीं कुछ नहीं… बस ऐसे ही…

श्रेया- कहीँ यह सब उस डफर कबीर शर्मा के कारण तो नहीं है ना….. सारा सारा दिन वो किसी पागल आशिक की तरह तुझे ही देखता रहा है… कहीँ तुझे भी तो उससे प्यार ब्यार नहीं हो गया है ना….

श्रेया की बात सुनकर मैं उससे चिढते हुए बोली

अमृता- तू पागल है क्या….. मेरे मन में ऐसा बैसा कुछ भी नहीं है…. बैसे भी तू अच्छी तरह से जानती है कि मैं इन सब लफडों में पडने बाली लडकी नहीं हूँ…..

श्रेया- हाँ यह बात तो है… वर्ना रवि कब का तुझे अपनी हॉफ गर्लफ्रेंड से फुल टाईम गर्लफ्रेंड बना चुका होता

अमृता- शटआप…. वो तो हमने बस रश्मि को चिढाने के लिए एक नाटक किया था। बैसे भी वो मेरे टाईप का लडका नहीं है….

श्रेया- पर रवि के मन में तुम्हारे लिए फीलिंग थीं…..

अमृता- हो सकता है…. पर आई डोंट केयर….. मुझे प्यार ब्यार जैसी बातों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है….. बैसे भी मैं सबसे ऊपर दोस्ती के रिस्ते को रखती हूँ….

श्रेया- हूम्म वो तो है….. बैसे क्या सच में तुम्हारे और रवि के बीच कुछ भी नहीं है

अमृता- नहीं यार…. कुछ भी नहीं है… पर तुम बार बार यह सबाल मुझसे क्यों पूछ रही हो…. कहीं तुम्हारे और रवि के बीच कुछ चल तो नहीं रहा है…

मेरी बात सुनकर श्रेया मुस्कुराते हुए बोली

श्रेया- नहीं.. फिलहाल तो ऐसा कुछ भी नहीं है….. पर वो मुझे पसंद है……

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- क्या बात कर रही हो….. यह तो बहुत खुशी की बात है…. तूने अभी तक उसे इस बारे में बताया या नहीं…. मुझे पूरा यकीन है कि वो तेरे जैसी सैक्सी लडकी को कभी ना कर ही नहीं सकता।

श्रेया- नहीं यार अभी तक तो नहीं बताया

श्रेया की बात सुनकर मैंने कुछ देर सोचा और फिर सीरियस होते हुए बोली

अमृता- कहीं रश्मि के कारण तो तुमने….

मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया मुझे बीच में टोकते हुए बोली

श्रेया- नहीं यार बो बात नहीं है….. उन दोनों के ब्रेकअप के बाद से वो दोनों बस अच्छे दोस्त हैं… बैसे भी रश्मि आज कल किसी और लडके में इंट्रेस्ट ले रही है

श्रेया की बात सुनकर मैं हैरान होते हुए बोली

अमृता- किसमें….

श्रेया- वो तुम्हारे इंदौर बाले मॉल का मैनेजर और तुम्हारा बिजिनेश पार्टनर राघवेन्द्र शर्मा है ना…. उसी में….

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- रघू….. क्या सच में रश्मि और रघू के बीच कुच चल रहा है…

श्रेया- पक्का तो नहीं कह सकती… पर मुझे ऐसा शक तो है… जब से तुमने हमारे सभी दोस्तों के साथ मिलकर अपनी कंपनी शुरू की है। तब से रश्मि और रघू का आपस में मिलना जुलना बड गया है और वो दोनों अक्सर रात के समय फोन पर घंटों बातें भी करते रहते हैं।

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- मतलब रघू ने मुर्गी फंसा ही ली…. बैसे मैं उन दोनों के लिए बहुत खुश हूँ… रघू एक अच्छा और ईमानदार लडका है…. वो कभी भी रश्मि को धोखा नहीं देगा और गगन के साथ हुए हादशे के बाद रश्मि में भी काफी चेंजिस आऐ हैं। मेरे ख्याल से वो दोनों ही एक दूसरे के लिए परफेक्ट हैं।

श्रेया- हूम्म वो तो है…..

अमृता- तो फिर तूने अभी तक रवि से अपने दिल की बात क्यों नहीं बताई

श्रेया- यार मैं पूरी तरह से श्योर नहीं हूँ कि मैं उसे सच में पसंद करती हूँ या नहीं…. और फिर मुझे रवि के दिल की बात भी तो नहीं पता है… अगर मेरे अप्रोच करने के बाद भी उसने मना कर दिया तो…..

अमृता- ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर तू उसे अपने दिल की बात कहेगी तो वो पक्का कभी भी तुझे मना नहीं करेगा। लेकिन फिर भी अगर तेरे मन में कोई डाऊट हो तो मैं उससे तेरे बारे में बात कर लेती हूँ…. हाँ बो बात अलग है कि तेरे मन में रवि के पास्ट रिलेशन को लेकर या फिर मुझे लेकर कोई डाऊट हो तो……

एक बार फिर मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया ने मुझे बीच मेें टोकते हुए कहा

श्रेया- अरे नहीं यार… ऐसा कुछ भी नहीं है… अगर उसका पास्ट में कोई रिलेशनशिप था तो उससे क्या फर्क पडता है…. आखिर मेरा भी तो एक पास्ट रहा है ना… गगन के बारे में तो तुम पहले से ही जानती हो… उससे पहले भी मेरा एक एक्स रह चुका है।

अमृता- और अगर मेरे और रवि के बीच में कुछ रहा हो तो…..

श्रेया- तो भी कोई फर्क नहीं पडता है…. लेकिन अगर अब भी तुम दोनों के बीच ऐसा कुछ है तो मैं पीछे हट जाऊँगी… मैं प्यार के लिए अपनी दोस्त नहीं खोना चाहती

अमृता- अरे डफर हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है….. बल्कि सच कहूँ तो पिछले एक साल से हमारी बीच बस बिजिनेश को लेकर ही बातें हुईं हैं। इसलिए तेरी लाईन एकदम क्लीयर है….

श्रेया- तुम सच बोल रही हो ना… कहीं तुम मेरे कारण रवि से अपना रिलेशन टोडने के बारे में तो नहीं सोच रही हो ना….

अमृता- तू पागल है क्या… मैंने कहा ना कि हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर होता तो मैं भला तुझसे क्यों छिपाती…. हाँ यह बात सही है कि जब मैं भोपाल में थी तो हम दोनों कुछ एक बार ड्रिंक करने के बाद एक दूसरे के थोडा बहुत करीब आ गए थे। पर मेरे दिल रवि के लिए कोई फीलिंगस् नहीं थी… इसलिए मैंने खुद ही उससे दूरी बना ली थी…. ताकि उसके मन में मुझे लेकर कोई गलत फहमी ना हो जाऐ। हमारे बीच थोडा बहुत जो कुछ भी हुआ था वो बस हीट ऑफ मूवमेंट में हुआ था। जिसे मैं अपनी गलती समझकर पूरी तरह से भुला चुकी हूँ। हम दोनों अब बस एक अच्छे दोस्त हैं। लेकिन अगर तुम्हारे मन में अब भी कोई डाऊट हो तो मैं पूरी तरह से उससे अपने कांटेक्ट खत्म कर लूँगी।

श्रेया- अरे पागल ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है….. मुझे तेरी बातों पर पूरा यकीन है…. तुम्हारे बीच क्या हुआ क्या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पडता। हमारी उम्र ही ऐसी है कि यह सब होना नैचुरल है। बैसे भी मुझे तुझपर पूरा यकीन है, अगर तुम कह रही हो कि तुम दोनोें के बीच कुछ भी नहीं है, तो इतना ही मेरे लिए काफी है। इसलिए तुझे रवि से अपने वर्किंग रिलेशन और अपनी दोस्ती खत्म करने की कोई जरूरत नहीं है। बैसे भी अगर फ्यूचर में मैं और रवि साथ आऐ तो क्या तुम रवि की बजह से मुझसे भी दूरी बना लोगी।

अमृता- नहीं कभी नहीं… मैं तुमसे दूरी नहीं बना सकती

श्रेया- इसीलिए मेरी जान… जो हो गया सो हो गया…. उसे एक बार फिर भूल जाओ… आज के बाद हमारे बीच में इस बारे में कोई बात नहीं होगी।

अमृता- ठीक है….. तो फिर रवि से बात तुम करोगी या मैं….

श्रेया- उम्मम् देखते हैं… बैसे जनाब कुछ दिनों बाद यहाँ कानपुर आने बाले हैं। तो सोच रही हूँ कि तभी मैं उसे अपने दिल की बात भी बता दूँगी।

अमृता- वो कानपुर क्यों आ रहा है……

श्रेया- अरे भूल गई क्या…. तुम्हारी कम्पनी यहाँ कानपुर में अपना शॉपिंग मॉल शुरू करने बाली है।

श्रेया के याद दिलाने पर मुझे याद आया कि मेरी कम्पनी ने कानपुर में भी शॉपिग मॉल शुरू करने का प्लान किया था। पर पिछले कुछ समय से मैं अपने बिजिनेश पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाई थी। इसलिए मेरे बिजिनेश पार्टनर और मेरे दोस्त ही यह सब मैनेज कर रहे थे। इस बारे में याद आते ही मैंने मुस्कुराते हुए कहा

अमृता- हाँ याद आया….. बैसे सच कहूँ तो मैंं इस बारे में भूल ही गई थी….

श्रेया- होता है… होता है…. बडे बडे बिजिनेश मैन इन छोटी मोटी बातों को याद नहीं रखते हैं।

अमृता- अरे यार ऐसा कुछ नहीं है…. बात बस इतनी सी है कि मुझे अपने दोस्तों पर पूरा भरोसा है।

श्रेया- हुम्म बो तो है….. बैसे तूमने मुझे बताया नहीं कि इतने दिनोें सेे तुम गुमसुम क्यों हो और बार बार तुम सामने की तरफ क्या देख रही हो…. एक मिनट…. क्या मैं सोच रही हूँ ऐ वही तो नहीं है…..

अचानक मुझसे बातें करते करते श्रेया की नजर चाय की टपरी के पास खडे कबीर पर पडी.. जो अब भी मुझे ही देखे जा रहा था। जैसे ही श्रेया ने कबीर को पहचाना तो वो गुस्से में भडकते हुए बोली

श्रेया- कबीर के बच्चे…. इसका यह नाटक अब कुछ ज्यादा ही हो गया है… साला हमारे घर तक आ गया…. आज मैं इसकी खबर लेकर ही रहूँगी…..

श्रेया को गुस्से से भडकता हुआ देखकर मैंने उसे रोकते हुए कहा

अमृता- अरे यार श्रेया रहने दे ना… .उसके ऐसे देखने से क्या फर्क पडता है… कौन सा हमें देखकर वो मोटा हो जाऐगा..

श्रेया- आखिर यह तुमसे चाहता क्या है….

अमृता- मुझे क्या पता…..

श्रेया- कहीं वो तुम्हारे प्यार ब्यार में तो नहीं पड गया…..

अमृता- पागल है क्या….

श्रेया- नहीं मैं सच कह रही हूँ… ऐसी हरकतें तो पागल आशिक ही करते हैं…. पक्का वो तुझे पटाने के चक्कर में है….

अमृता- जो भी हो मुझे उससे कोई मतलब नहीं है….

श्रेया- हुम्मममम…. वो तो दिख ही रहा है…. तुझे उससे कोई मतलब नहीं है, इसीलिए हम सब से छिपकर यहाँ टैरेस पर खडी हुई थी… ताकि वो तुझे निहार सके

श्रेया की बात सुनकर मैं चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया….. क्या बकवास कर रही हो…. तुम्हें तो पता ही है कि मैं उसे जानती तक नहीं और ना ही हमारे बीच आज तक कोई बात हुई है। बैसे भी मैं यहाँ टैरेस पर तो रोज ही आती हूँ। तो अब तू क्या चाहती है कि मैं इस कबीर के चक्कर में टैरेस पर आना भी बंद कर दूँ।

श्रेया- अरे नहीं बाबा नहीं… तू इतनी भडक क्यों रही है…. मैं तो बस तुझे ऐसे ही छेड रही थी। बैसे मैंने इस कबीर के बारे में थोडा बहुत पता किया है… वो एक अच्छा लडका है… अगर तू चाहे तो उसके साथ रिलेशनशिप में आगे बड सकती है। मुझे कबीर को अपना जीजू बोलने में कोई प्राब्लम नहीं होगी।

अमृता- शटआप…. ऐसा कभी नहीं होने बाला…. इनफेक्ट मैं कभी शादी ही नहीं करने बाली….. इसलिए तेरे दिमाग में किसी भी ऐसे गैरे को अपना जीजू बनाने की जो फैंटसी है ना…. उसे अपने दिमाग से बाहर निकाल दे……

श्रेया- पर कबीर में आखिर कमी क्या है… अच्छा खासा हैंडसम तो है… इन्फेक्ट वो तो पूरे कॉलेज का सबसे ज्यादा हैंडसम लडका है…. ऊपर से काफी इंटेलीजेंट भी है… मैंने उसकी प्रोग्रामिंग स्किल भी देखी है, वो पक्का तुम्हारी टक्कर का ही है। इसलिए तुझे कम से कम एक बार कबीर को अपना लाईफ पार्टनर बनाने के बारे में जरूर सोचना चाहिए….

अमृता- मैंने तुमसे पहले ही कहा है कि मैं अपनी जिंदगी में कोई भी लाईफ पार्टनर नहीं चाहती.. और अगर कभी मैंने अपना यह फैसला बदला भी तो कबीर वो लडका कभी नहीं होगा, जिसे मैं अपना लाईफ पार्टनर बनाऊँगी….

श्रेया- पर क्यों…

अमृता- इसका जबाब मेरे पास नहीं है……..

श्रेया- जबाब नहीं है… या देना नहीं चाहती…

अमृता- तुम्हें जो सही लगे वो सोच सकती हो……

श्रेया- यह तो कोई जबाब नहीं हुआ…. मैं सच जानना चाहती हूँ

श्रेया की बात सुनकर मैंने मन ही मन सोचा

“बेबकूफ लडकी तू क्यों भाई बहन के बीच अफेयर करवाने के पीछे पडी हुई है… मैं इससे अपना पीछा छुडवाना चाहती हूँ और तू मेरे ही भाई से मेरा गठबंधन करवाने के प्लान में है। अगर मैंने तुझे सच बता दिया ना तो तू शर्म के कारण खुद ही चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाऐगी।”

पर यह सब मैं बस मन में ही सोच सकती थी। इसलिए मैंने श्रेया को टालते हुए कहा

अमृता- अगर तुम सच ही सुनना चाहती हो तो सुनो… कबीर मेरे टाईप का लडका बिल्कुल भी नहीं है…. मुझे अपनी जिंदगी में सिंसियर और मैच्योर लडका चाहिए… कबीर की तरह लफंगा और लापरवाह लडका नहीं…

श्रेया- ओ ओ…. तो यह बात है…. और अगर कबीर किसी सिंसियर और मैच्योर लडके की तरह बिहेब करे, तो क्या तब भी तुम उसे पसंद नहीं करोगी….

अमृता- तुम पूजा और कबीर के बीच में ब्रोकर का काम क्यों नहीं करती…. जहाँ तक मुझे पता है, पूजा तो उसे अपने ग्रुप में सामिल करने के लिए मरी जा रही है। मेरे ख्याल से अब तक तो उसने अपने और कबीर के बच्चों के नाम भी सोच लिए होंगे।

श्रेया- बकवास…. उन दोनों का आपस में कोई मैच नहीं है…. बैसे भी कबीर जो इतने दिनों से तुम्हारे आस पास मंडरा रहा है। उसे देखकर पूजा का दिल पहले ही टूट चुका है। और फिर तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो, इसलिए तुम्हें लाईफ पार्टनर भी बेस्ट ही मिलना चाहिए ना…..

श्रेया की बात सुनकर फिर से चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया… बस बहुत हुआ…. अब मुझे इस टॉपिक पर कोई बात नहीं करनी है..

मुझे ऐसे चिढते हुए देख श्रेया खिलखिलाकर हंसते हुए बोली

श्रेया- हा हा हा अच्छा बाबा ठीक है ठीक है… छोडो यह सब…. मैं तो बस अपना मूढ फ्रेस कर रही थी।

अमृता- अपना मूढ फ्रेस करने के चक्कर में मेरा मूढ तो ऑफ कर दिया ना…. चल सुट्टा मार कर आते हैं….

मेरी बात सुनकर श्रेया हैरान होते हुए बोली

श्रेया- सुट्टा…. और तू…. अरे बाबा तुम कबसे सुट्टा मारने लगी… मैंने तो आज तक तुम्हें सिगरेट से हाथ लगाते हुए भी नहीं देखा है….

अमृता- हाँ पर आज तूने मेरा मूढ कुछ ज्यादा ही खराब कर दिया है…. इसलिए मुझे नहीं लगता की आज कॉफी से मेरा काम चलेगा….

श्रेया- अच्छा जी…. तो फिर ठीक है…. चलो चलते हैं सामने बाली टपरी पर…. वहाँ तूम सुट्टा के साथ साथ अपने आशिक पर नजर भी मार लियो।

श्रेया की बात सुनकर मैंने गुस्से में उसे देखा तो वो मुझसे दूर भागने लगी। यह देखकर मैं समझ गई कि उसने मुझे परेशान करने के लिए जानबूझकर वो सब कहा था। इसलिए मैं भी उसे गुस्से में डांटते हुए उसके पीछे भागी

अमृता- श्रेया की बच्ची रुक मैं अभी बाताती हूँ तुझे

इससे पहले मैं उसे पकडती श्रेया ने अपने कान पकडते हुए कहा

श्रेया- आच्छा बाबा सॉरी…… अब नहीं कहूँगी….

श्रेया के यूँ माफी मांगने पर मैं भी हंस पडी और फिर हम दोनों अपने घर से निकलकर चाय की टपरी की तरफ चल पडे।


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मैं अभी कबीर के बारे में सोच ही रही थी कि तभी श्रेया अपने हाथों में दो कप कॉफी लेकर टैरेस पर आती हुई बोली

श्रेया- तो तुम यहाँ पर हो… और मैं तुम्हें पूरे घर में ढूंड रही थी…

इतना बोलकर श्रेया ने मेरे हाथों में कॉफी का कप पकडाते हुए मुझसे सबाल किया

श्रेया- यार अमृता आखिर तुझे हुआ क्या है…. पिछले कुछ दिनों से मैं नोटिस कर रही हूँ कि तुम चुप चाप अपने में ही कहीँ खोई हुई रहती हो….

मैंने कॉफी शिप करते हुए कहा

अमृता- नहीं कुछ नहीं… बस ऐसे ही…

श्रेया- कहीँ यह सब उस डफर कबीर शर्मा के कारण तो नहीं है ना….. सारा सारा दिन वो किसी पागल आशिक की तरह तुझे ही देखता रहा है… कहीँ तुझे भी तो उससे प्यार ब्यार नहीं हो गया है ना….

श्रेया की बात सुनकर मैं उससे चिढते हुए बोली

अमृता- तू पागल है क्या….. मेरे मन में ऐसा बैसा कुछ भी नहीं है…. बैसे भी तू अच्छी तरह से जानती है कि मैं इन सब लफडों में पडने बाली लडकी नहीं हूँ…..

श्रेया- हाँ यह बात तो है… वर्ना रवि कब का तुझे अपनी हॉफ गर्लफ्रेंड से फुल टाईम गर्लफ्रेंड बना चुका होता

अमृता- शटआप…. वो तो हमने बस रश्मि को चिढाने के लिए एक नाटक किया था। बैसे भी वो मेरे टाईप का लडका नहीं है….

श्रेया- पर रवि के मन में तुम्हारे लिए फीलिंग थीं…..

अमृता- हो सकता है…. पर आई डोंट केयर….. मुझे प्यार ब्यार जैसी बातों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है….. बैसे भी मैं सबसे ऊपर दोस्ती के रिस्ते को रखती हूँ….

श्रेया- हूम्म वो तो है….. बैसे क्या सच में तुम्हारे और रवि के बीच कुछ भी नहीं है

अमृता- नहीं यार…. कुछ भी नहीं है… पर तुम बार बार यह सबाल मुझसे क्यों पूछ रही हो…. कहीं तुम्हारे और रवि के बीच कुछ चल तो नहीं रहा है…

मेरी बात सुनकर श्रेया मुस्कुराते हुए बोली

श्रेया- नहीं.. फिलहाल तो ऐसा कुछ भी नहीं है….. पर वो मुझे पसंद है……

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- क्या बात कर रही हो….. यह तो बहुत खुशी की बात है…. तूने अभी तक उसे इस बारे में बताया या नहीं…. मुझे पूरा यकीन है कि वो तेरे जैसी सैक्सी लडकी को कभी ना कर ही नहीं सकता।

श्रेया- नहीं यार अभी तक तो नहीं बताया

श्रेया की बात सुनकर मैंने कुछ देर सोचा और फिर सीरियस होते हुए बोली

अमृता- कहीं रश्मि के कारण तो तुमने….

मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया मुझे बीच में टोकते हुए बोली

श्रेया- नहीं यार बो बात नहीं है….. उन दोनों के ब्रेकअप के बाद से वो दोनों बस अच्छे दोस्त हैं… बैसे भी रश्मि आज कल किसी और लडके में इंट्रेस्ट ले रही है

श्रेया की बात सुनकर मैं हैरान होते हुए बोली

अमृता- किसमें….

श्रेया- वो तुम्हारे इंदौर बाले मॉल का मैनेजर और तुम्हारा बिजिनेश पार्टनर राघवेन्द्र शर्मा है ना…. उसी में….

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- रघू….. क्या सच में रश्मि और रघू के बीच कुच चल रहा है…

श्रेया- पक्का तो नहीं कह सकती… पर मुझे ऐसा शक तो है… जब से तुमने हमारे सभी दोस्तों के साथ मिलकर अपनी कंपनी शुरू की है। तब से रश्मि और रघू का आपस में मिलना जुलना बड गया है और वो दोनों अक्सर रात के समय फोन पर घंटों बातें भी करते रहते हैं।

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- मतलब रघू ने मुर्गी फंसा ही ली…. बैसे मैं उन दोनों के लिए बहुत खुश हूँ… रघू एक अच्छा और ईमानदार लडका है…. वो कभी भी रश्मि को धोखा नहीं देगा और गगन के साथ हुए हादशे के बाद रश्मि में भी काफी चेंजिस आऐ हैं। मेरे ख्याल से वो दोनों ही एक दूसरे के लिए परफेक्ट हैं।

श्रेया- हूम्म वो तो है…..

अमृता- तो फिर तूने अभी तक रवि से अपने दिल की बात क्यों नहीं बताई

श्रेया- यार मैं पूरी तरह से श्योर नहीं हूँ कि मैं उसे सच में पसंद करती हूँ या नहीं…. और फिर मुझे रवि के दिल की बात भी तो नहीं पता है… अगर मेरे अप्रोच करने के बाद भी उसने मना कर दिया तो…..

अमृता- ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर तू उसे अपने दिल की बात कहेगी तो वो पक्का कभी भी तुझे मना नहीं करेगा। लेकिन फिर भी अगर तेरे मन में कोई डाऊट हो तो मैं उससे तेरे बारे में बात कर लेती हूँ…. हाँ बो बात अलग है कि तेरे मन में रवि के पास्ट रिलेशन को लेकर या फिर मुझे लेकर कोई डाऊट हो तो……

एक बार फिर मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया ने मुझे बीच मेें टोकते हुए कहा

श्रेया- अरे नहीं यार… ऐसा कुछ भी नहीं है… अगर उसका पास्ट में कोई रिलेशनशिप था तो उससे क्या फर्क पडता है…. आखिर मेरा भी तो एक पास्ट रहा है ना… गगन के बारे में तो तुम पहले से ही जानती हो… उससे पहले भी मेरा एक एक्स रह चुका है।

अमृता- और अगर मेरे और रवि के बीच में कुछ रहा हो तो…..

श्रेया- तो भी कोई फर्क नहीं पडता है…. लेकिन अगर अब भी तुम दोनों के बीच ऐसा कुछ है तो मैं पीछे हट जाऊँगी… मैं प्यार के लिए अपनी दोस्त नहीं खोना चाहती

अमृता- अरे डफर हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है….. बल्कि सच कहूँ तो पिछले एक साल से हमारी बीच बस बिजिनेश को लेकर ही बातें हुईं हैं। इसलिए तेरी लाईन एकदम क्लीयर है….

श्रेया- तुम सच बोल रही हो ना… कहीं तुम मेरे कारण रवि से अपना रिलेशन टोडने के बारे में तो नहीं सोच रही हो ना….

अमृता- तू पागल है क्या… मैंने कहा ना कि हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर होता तो मैं भला तुझसे क्यों छिपाती…. हाँ यह बात सही है कि जब मैं भोपाल में थी तो हम दोनों कुछ एक बार ड्रिंक करने के बाद एक दूसरे के थोडा बहुत करीब आ गए थे। पर मेरे दिल रवि के लिए कोई फीलिंगस् नहीं थी… इसलिए मैंने खुद ही उससे दूरी बना ली थी…. ताकि उसके मन में मुझे लेकर कोई गलत फहमी ना हो जाऐ। हमारे बीच थोडा बहुत जो कुछ भी हुआ था वो बस हीट ऑफ मूवमेंट में हुआ था। जिसे मैं अपनी गलती समझकर पूरी तरह से भुला चुकी हूँ। हम दोनों अब बस एक अच्छे दोस्त हैं। लेकिन अगर तुम्हारे मन में अब भी कोई डाऊट हो तो मैं पूरी तरह से उससे अपने कांटेक्ट खत्म कर लूँगी।

श्रेया- अरे पागल ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है….. मुझे तेरी बातों पर पूरा यकीन है…. तुम्हारे बीच क्या हुआ क्या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पडता। हमारी उम्र ही ऐसी है कि यह सब होना नैचुरल है। बैसे भी मुझे तुझपर पूरा यकीन है, अगर तुम कह रही हो कि तुम दोनोें के बीच कुछ भी नहीं है, तो इतना ही मेरे लिए काफी है। इसलिए तुझे रवि से अपने वर्किंग रिलेशन और अपनी दोस्ती खत्म करने की कोई जरूरत नहीं है। बैसे भी अगर फ्यूचर में मैं और रवि साथ आऐ तो क्या तुम रवि की बजह से मुझसे भी दूरी बना लोगी।

अमृता- नहीं कभी नहीं… मैं तुमसे दूरी नहीं बना सकती

श्रेया- इसीलिए मेरी जान… जो हो गया सो हो गया…. उसे एक बार फिर भूल जाओ… आज के बाद हमारे बीच में इस बारे में कोई बात नहीं होगी।

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श्रेया- उम्मम् देखते हैं… बैसे जनाब कुछ दिनों बाद यहाँ कानपुर आने बाले हैं। तो सोच रही हूँ कि तभी मैं उसे अपने दिल की बात भी बता दूँगी।

अमृता- वो कानपुर क्यों आ रहा है……

श्रेया- अरे भूल गई क्या…. तुम्हारी कम्पनी यहाँ कानपुर में अपना शॉपिंग मॉल शुरू करने बाली है।

श्रेया के याद दिलाने पर मुझे याद आया कि मेरी कम्पनी ने कानपुर में भी शॉपिग मॉल शुरू करने का प्लान किया था। पर पिछले कुछ समय से मैं अपने बिजिनेश पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाई थी। इसलिए मेरे बिजिनेश पार्टनर और मेरे दोस्त ही यह सब मैनेज कर रहे थे। इस बारे में याद आते ही मैंने मुस्कुराते हुए कहा

अमृता- हाँ याद आया….. बैसे सच कहूँ तो मैंं इस बारे में भूल ही गई थी….

श्रेया- होता है… होता है…. बडे बडे बिजिनेश मैन इन छोटी मोटी बातों को याद नहीं रखते हैं।

अमृता- अरे यार ऐसा कुछ नहीं है…. बात बस इतनी सी है कि मुझे अपने दोस्तों पर पूरा भरोसा है।

श्रेया- हुम्म बो तो है….. बैसे तूमने मुझे बताया नहीं कि इतने दिनोें सेे तुम गुमसुम क्यों हो और बार बार तुम सामने की तरफ क्या देख रही हो…. एक मिनट…. क्या मैं सोच रही हूँ ऐ वही तो नहीं है…..

अचानक मुझसे बातें करते करते श्रेया की नजर चाय की टपरी के पास खडे कबीर पर पडी.. जो अब भी मुझे ही देखे जा रहा था। जैसे ही श्रेया ने कबीर को पहचाना तो वो गुस्से में भडकते हुए बोली

श्रेया- कबीर के बच्चे…. इसका यह नाटक अब कुछ ज्यादा ही हो गया है… साला हमारे घर तक आ गया…. आज मैं इसकी खबर लेकर ही रहूँगी…..

श्रेया को गुस्से से भडकता हुआ देखकर मैंने उसे रोकते हुए कहा

अमृता- अरे यार श्रेया रहने दे ना… .उसके ऐसे देखने से क्या फर्क पडता है… कौन सा हमें देखकर वो मोटा हो जाऐगा..

श्रेया- आखिर यह तुमसे चाहता क्या है….

अमृता- मुझे क्या पता…..

श्रेया- कहीं वो तुम्हारे प्यार ब्यार में तो नहीं पड गया…..

अमृता- पागल है क्या….

श्रेया- नहीं मैं सच कह रही हूँ… ऐसी हरकतें तो पागल आशिक ही करते हैं…. पक्का वो तुझे पटाने के चक्कर में है….

अमृता- जो भी हो मुझे उससे कोई मतलब नहीं है….

श्रेया- हुम्मममम…. वो तो दिख ही रहा है…. तुझे उससे कोई मतलब नहीं है, इसीलिए हम सब से छिपकर यहाँ टैरेस पर खडी हुई थी… ताकि वो तुझे निहार सके

श्रेया की बात सुनकर मैं चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया….. क्या बकवास कर रही हो…. तुम्हें तो पता ही है कि मैं उसे जानती तक नहीं और ना ही हमारे बीच आज तक कोई बात हुई है। बैसे भी मैं यहाँ टैरेस पर तो रोज ही आती हूँ। तो अब तू क्या चाहती है कि मैं इस कबीर के चक्कर में टैरेस पर आना भी बंद कर दूँ।

श्रेया- अरे नहीं बाबा नहीं… तू इतनी भडक क्यों रही है…. मैं तो बस तुझे ऐसे ही छेड रही थी। बैसे मैंने इस कबीर के बारे में थोडा बहुत पता किया है… वो एक अच्छा लडका है… अगर तू चाहे तो उसके साथ रिलेशनशिप में आगे बड सकती है। मुझे कबीर को अपना जीजू बोलने में कोई प्राब्लम नहीं होगी।

अमृता- शटआप…. ऐसा कभी नहीं होने बाला…. इनफेक्ट मैं कभी शादी ही नहीं करने बाली….. इसलिए तेरे दिमाग में किसी भी ऐसे गैरे को अपना जीजू बनाने की जो फैंटसी है ना…. उसे अपने दिमाग से बाहर निकाल दे……

श्रेया- पर कबीर में आखिर कमी क्या है… अच्छा खासा हैंडसम तो है… इन्फेक्ट वो तो पूरे कॉलेज का सबसे ज्यादा हैंडसम लडका है…. ऊपर से काफी इंटेलीजेंट भी है… मैंने उसकी प्रोग्रामिंग स्किल भी देखी है, वो पक्का तुम्हारी टक्कर का ही है। इसलिए तुझे कम से कम एक बार कबीर को अपना लाईफ पार्टनर बनाने के बारे में जरूर सोचना चाहिए….

अमृता- मैंने तुमसे पहले ही कहा है कि मैं अपनी जिंदगी में कोई भी लाईफ पार्टनर नहीं चाहती.. और अगर कभी मैंने अपना यह फैसला बदला भी तो कबीर वो लडका कभी नहीं होगा, जिसे मैं अपना लाईफ पार्टनर बनाऊँगी….

श्रेया- पर क्यों…

अमृता- इसका जबाब मेरे पास नहीं है……..

श्रेया- जबाब नहीं है… या देना नहीं चाहती…

अमृता- तुम्हें जो सही लगे वो सोच सकती हो……

श्रेया- यह तो कोई जबाब नहीं हुआ…. मैं सच जानना चाहती हूँ

श्रेया की बात सुनकर मैंने मन ही मन सोचा

“बेबकूफ लडकी तू क्यों भाई बहन के बीच अफेयर करवाने के पीछे पडी हुई है… मैं इससे अपना पीछा छुडवाना चाहती हूँ और तू मेरे ही भाई से मेरा गठबंधन करवाने के प्लान में है। अगर मैंने तुझे सच बता दिया ना तो तू शर्म के कारण खुद ही चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाऐगी।”

पर यह सब मैं बस मन में ही सोच सकती थी। इसलिए मैंने श्रेया को टालते हुए कहा

अमृता- अगर तुम सच ही सुनना चाहती हो तो सुनो… कबीर मेरे टाईप का लडका बिल्कुल भी नहीं है…. मुझे अपनी जिंदगी में सिंसियर और मैच्योर लडका चाहिए… कबीर की तरह लफंगा और लापरवाह लडका नहीं…

श्रेया- ओ ओ…. तो यह बात है…. और अगर कबीर किसी सिंसियर और मैच्योर लडके की तरह बिहेब करे, तो क्या तब भी तुम उसे पसंद नहीं करोगी….

अमृता- तुम पूजा और कबीर के बीच में ब्रोकर का काम क्यों नहीं करती…. जहाँ तक मुझे पता है, पूजा तो उसे अपने ग्रुप में सामिल करने के लिए मरी जा रही है। मेरे ख्याल से अब तक तो उसने अपने और कबीर के बच्चों के नाम भी सोच लिए होंगे।

श्रेया- बकवास…. उन दोनों का आपस में कोई मैच नहीं है…. बैसे भी कबीर जो इतने दिनों से तुम्हारे आस पास मंडरा रहा है। उसे देखकर पूजा का दिल पहले ही टूट चुका है। और फिर तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो, इसलिए तुम्हें लाईफ पार्टनर भी बेस्ट ही मिलना चाहिए ना…..

श्रेया की बात सुनकर फिर से चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया… बस बहुत हुआ…. अब मुझे इस टॉपिक पर कोई बात नहीं करनी है..

मुझे ऐसे चिढते हुए देख श्रेया खिलखिलाकर हंसते हुए बोली

श्रेया- हा हा हा अच्छा बाबा ठीक है ठीक है… छोडो यह सब…. मैं तो बस अपना मूढ फ्रेस कर रही थी।

अमृता- अपना मूढ फ्रेस करने के चक्कर में मेरा मूढ तो ऑफ कर दिया ना…. चल सुट्टा मार कर आते हैं….

मेरी बात सुनकर श्रेया हैरान होते हुए बोली

श्रेया- सुट्टा…. और तू…. अरे बाबा तुम कबसे सुट्टा मारने लगी… मैंने तो आज तक तुम्हें सिगरेट से हाथ लगाते हुए भी नहीं देखा है….

अमृता- हाँ पर आज तूने मेरा मूढ कुछ ज्यादा ही खराब कर दिया है…. इसलिए मुझे नहीं लगता की आज कॉफी से मेरा काम चलेगा….

श्रेया- अच्छा जी…. तो फिर ठीक है…. चलो चलते हैं सामने बाली टपरी पर…. वहाँ तूम सुट्टा के साथ साथ अपने आशिक पर नजर भी मार लियो।

श्रेया की बात सुनकर मैंने गुस्से में उसे देखा तो वो मुझसे दूर भागने लगी। यह देखकर मैं समझ गई कि उसने मुझे परेशान करने के लिए जानबूझकर वो सब कहा था। इसलिए मैं भी उसे गुस्से में डांटते हुए उसके पीछे भागी

अमृता- श्रेया की बच्ची रुक मैं अभी बाताती हूँ तुझे

इससे पहले मैं उसे पकडती श्रेया ने अपने कान पकडते हुए कहा

श्रेया- आच्छा बाबा सॉरी…… अब नहीं कहूँगी….

श्रेया के यूँ माफी मांगने पर मैं भी हंस पडी और फिर हम दोनों अपने घर से निकलकर चाय की टपरी की तरफ चल पडे।


कहानी जारी है..............
Bahut hi badhiya update diya hai redhat.ag bhai....
Nice and beautiful update....
 

dhparikh

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Update 081 -

मैं अभी कबीर के बारे में सोच ही रही थी कि तभी श्रेया अपने हाथों में दो कप कॉफी लेकर टैरेस पर आती हुई बोली

श्रेया- तो तुम यहाँ पर हो… और मैं तुम्हें पूरे घर में ढूंड रही थी…

इतना बोलकर श्रेया ने मेरे हाथों में कॉफी का कप पकडाते हुए मुझसे सबाल किया

श्रेया- यार अमृता आखिर तुझे हुआ क्या है…. पिछले कुछ दिनों से मैं नोटिस कर रही हूँ कि तुम चुप चाप अपने में ही कहीँ खोई हुई रहती हो….

मैंने कॉफी शिप करते हुए कहा

अमृता- नहीं कुछ नहीं… बस ऐसे ही…

श्रेया- कहीँ यह सब उस डफर कबीर शर्मा के कारण तो नहीं है ना….. सारा सारा दिन वो किसी पागल आशिक की तरह तुझे ही देखता रहा है… कहीँ तुझे भी तो उससे प्यार ब्यार नहीं हो गया है ना….

श्रेया की बात सुनकर मैं उससे चिढते हुए बोली

अमृता- तू पागल है क्या….. मेरे मन में ऐसा बैसा कुछ भी नहीं है…. बैसे भी तू अच्छी तरह से जानती है कि मैं इन सब लफडों में पडने बाली लडकी नहीं हूँ…..

श्रेया- हाँ यह बात तो है… वर्ना रवि कब का तुझे अपनी हॉफ गर्लफ्रेंड से फुल टाईम गर्लफ्रेंड बना चुका होता

अमृता- शटआप…. वो तो हमने बस रश्मि को चिढाने के लिए एक नाटक किया था। बैसे भी वो मेरे टाईप का लडका नहीं है….

श्रेया- पर रवि के मन में तुम्हारे लिए फीलिंग थीं…..

अमृता- हो सकता है…. पर आई डोंट केयर….. मुझे प्यार ब्यार जैसी बातों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है….. बैसे भी मैं सबसे ऊपर दोस्ती के रिस्ते को रखती हूँ….

श्रेया- हूम्म वो तो है….. बैसे क्या सच में तुम्हारे और रवि के बीच कुछ भी नहीं है

अमृता- नहीं यार…. कुछ भी नहीं है… पर तुम बार बार यह सबाल मुझसे क्यों पूछ रही हो…. कहीं तुम्हारे और रवि के बीच कुछ चल तो नहीं रहा है…

मेरी बात सुनकर श्रेया मुस्कुराते हुए बोली

श्रेया- नहीं.. फिलहाल तो ऐसा कुछ भी नहीं है….. पर वो मुझे पसंद है……

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- क्या बात कर रही हो….. यह तो बहुत खुशी की बात है…. तूने अभी तक उसे इस बारे में बताया या नहीं…. मुझे पूरा यकीन है कि वो तेरे जैसी सैक्सी लडकी को कभी ना कर ही नहीं सकता।

श्रेया- नहीं यार अभी तक तो नहीं बताया

श्रेया की बात सुनकर मैंने कुछ देर सोचा और फिर सीरियस होते हुए बोली

अमृता- कहीं रश्मि के कारण तो तुमने….

मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया मुझे बीच में टोकते हुए बोली

श्रेया- नहीं यार बो बात नहीं है….. उन दोनों के ब्रेकअप के बाद से वो दोनों बस अच्छे दोस्त हैं… बैसे भी रश्मि आज कल किसी और लडके में इंट्रेस्ट ले रही है

श्रेया की बात सुनकर मैं हैरान होते हुए बोली

अमृता- किसमें….

श्रेया- वो तुम्हारे इंदौर बाले मॉल का मैनेजर और तुम्हारा बिजिनेश पार्टनर राघवेन्द्र शर्मा है ना…. उसी में….

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- रघू….. क्या सच में रश्मि और रघू के बीच कुच चल रहा है…

श्रेया- पक्का तो नहीं कह सकती… पर मुझे ऐसा शक तो है… जब से तुमने हमारे सभी दोस्तों के साथ मिलकर अपनी कंपनी शुरू की है। तब से रश्मि और रघू का आपस में मिलना जुलना बड गया है और वो दोनों अक्सर रात के समय फोन पर घंटों बातें भी करते रहते हैं।

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- मतलब रघू ने मुर्गी फंसा ही ली…. बैसे मैं उन दोनों के लिए बहुत खुश हूँ… रघू एक अच्छा और ईमानदार लडका है…. वो कभी भी रश्मि को धोखा नहीं देगा और गगन के साथ हुए हादशे के बाद रश्मि में भी काफी चेंजिस आऐ हैं। मेरे ख्याल से वो दोनों ही एक दूसरे के लिए परफेक्ट हैं।

श्रेया- हूम्म वो तो है…..

अमृता- तो फिर तूने अभी तक रवि से अपने दिल की बात क्यों नहीं बताई

श्रेया- यार मैं पूरी तरह से श्योर नहीं हूँ कि मैं उसे सच में पसंद करती हूँ या नहीं…. और फिर मुझे रवि के दिल की बात भी तो नहीं पता है… अगर मेरे अप्रोच करने के बाद भी उसने मना कर दिया तो…..

अमृता- ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर तू उसे अपने दिल की बात कहेगी तो वो पक्का कभी भी तुझे मना नहीं करेगा। लेकिन फिर भी अगर तेरे मन में कोई डाऊट हो तो मैं उससे तेरे बारे में बात कर लेती हूँ…. हाँ बो बात अलग है कि तेरे मन में रवि के पास्ट रिलेशन को लेकर या फिर मुझे लेकर कोई डाऊट हो तो……

एक बार फिर मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया ने मुझे बीच मेें टोकते हुए कहा

श्रेया- अरे नहीं यार… ऐसा कुछ भी नहीं है… अगर उसका पास्ट में कोई रिलेशनशिप था तो उससे क्या फर्क पडता है…. आखिर मेरा भी तो एक पास्ट रहा है ना… गगन के बारे में तो तुम पहले से ही जानती हो… उससे पहले भी मेरा एक एक्स रह चुका है।

अमृता- और अगर मेरे और रवि के बीच में कुछ रहा हो तो…..

श्रेया- तो भी कोई फर्क नहीं पडता है…. लेकिन अगर अब भी तुम दोनों के बीच ऐसा कुछ है तो मैं पीछे हट जाऊँगी… मैं प्यार के लिए अपनी दोस्त नहीं खोना चाहती

अमृता- अरे डफर हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है….. बल्कि सच कहूँ तो पिछले एक साल से हमारी बीच बस बिजिनेश को लेकर ही बातें हुईं हैं। इसलिए तेरी लाईन एकदम क्लीयर है….

श्रेया- तुम सच बोल रही हो ना… कहीं तुम मेरे कारण रवि से अपना रिलेशन टोडने के बारे में तो नहीं सोच रही हो ना….

अमृता- तू पागल है क्या… मैंने कहा ना कि हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर होता तो मैं भला तुझसे क्यों छिपाती…. हाँ यह बात सही है कि जब मैं भोपाल में थी तो हम दोनों कुछ एक बार ड्रिंक करने के बाद एक दूसरे के थोडा बहुत करीब आ गए थे। पर मेरे दिल रवि के लिए कोई फीलिंगस् नहीं थी… इसलिए मैंने खुद ही उससे दूरी बना ली थी…. ताकि उसके मन में मुझे लेकर कोई गलत फहमी ना हो जाऐ। हमारे बीच थोडा बहुत जो कुछ भी हुआ था वो बस हीट ऑफ मूवमेंट में हुआ था। जिसे मैं अपनी गलती समझकर पूरी तरह से भुला चुकी हूँ। हम दोनों अब बस एक अच्छे दोस्त हैं। लेकिन अगर तुम्हारे मन में अब भी कोई डाऊट हो तो मैं पूरी तरह से उससे अपने कांटेक्ट खत्म कर लूँगी।

श्रेया- अरे पागल ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है….. मुझे तेरी बातों पर पूरा यकीन है…. तुम्हारे बीच क्या हुआ क्या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पडता। हमारी उम्र ही ऐसी है कि यह सब होना नैचुरल है। बैसे भी मुझे तुझपर पूरा यकीन है, अगर तुम कह रही हो कि तुम दोनोें के बीच कुछ भी नहीं है, तो इतना ही मेरे लिए काफी है। इसलिए तुझे रवि से अपने वर्किंग रिलेशन और अपनी दोस्ती खत्म करने की कोई जरूरत नहीं है। बैसे भी अगर फ्यूचर में मैं और रवि साथ आऐ तो क्या तुम रवि की बजह से मुझसे भी दूरी बना लोगी।

अमृता- नहीं कभी नहीं… मैं तुमसे दूरी नहीं बना सकती

श्रेया- इसीलिए मेरी जान… जो हो गया सो हो गया…. उसे एक बार फिर भूल जाओ… आज के बाद हमारे बीच में इस बारे में कोई बात नहीं होगी।

अमृता- ठीक है….. तो फिर रवि से बात तुम करोगी या मैं….

श्रेया- उम्मम् देखते हैं… बैसे जनाब कुछ दिनों बाद यहाँ कानपुर आने बाले हैं। तो सोच रही हूँ कि तभी मैं उसे अपने दिल की बात भी बता दूँगी।

अमृता- वो कानपुर क्यों आ रहा है……

श्रेया- अरे भूल गई क्या…. तुम्हारी कम्पनी यहाँ कानपुर में अपना शॉपिंग मॉल शुरू करने बाली है।

श्रेया के याद दिलाने पर मुझे याद आया कि मेरी कम्पनी ने कानपुर में भी शॉपिग मॉल शुरू करने का प्लान किया था। पर पिछले कुछ समय से मैं अपने बिजिनेश पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाई थी। इसलिए मेरे बिजिनेश पार्टनर और मेरे दोस्त ही यह सब मैनेज कर रहे थे। इस बारे में याद आते ही मैंने मुस्कुराते हुए कहा

अमृता- हाँ याद आया….. बैसे सच कहूँ तो मैंं इस बारे में भूल ही गई थी….

श्रेया- होता है… होता है…. बडे बडे बिजिनेश मैन इन छोटी मोटी बातों को याद नहीं रखते हैं।

अमृता- अरे यार ऐसा कुछ नहीं है…. बात बस इतनी सी है कि मुझे अपने दोस्तों पर पूरा भरोसा है।

श्रेया- हुम्म बो तो है….. बैसे तूमने मुझे बताया नहीं कि इतने दिनोें सेे तुम गुमसुम क्यों हो और बार बार तुम सामने की तरफ क्या देख रही हो…. एक मिनट…. क्या मैं सोच रही हूँ ऐ वही तो नहीं है…..

अचानक मुझसे बातें करते करते श्रेया की नजर चाय की टपरी के पास खडे कबीर पर पडी.. जो अब भी मुझे ही देखे जा रहा था। जैसे ही श्रेया ने कबीर को पहचाना तो वो गुस्से में भडकते हुए बोली

श्रेया- कबीर के बच्चे…. इसका यह नाटक अब कुछ ज्यादा ही हो गया है… साला हमारे घर तक आ गया…. आज मैं इसकी खबर लेकर ही रहूँगी…..

श्रेया को गुस्से से भडकता हुआ देखकर मैंने उसे रोकते हुए कहा

अमृता- अरे यार श्रेया रहने दे ना… .उसके ऐसे देखने से क्या फर्क पडता है… कौन सा हमें देखकर वो मोटा हो जाऐगा..

श्रेया- आखिर यह तुमसे चाहता क्या है….

अमृता- मुझे क्या पता…..

श्रेया- कहीं वो तुम्हारे प्यार ब्यार में तो नहीं पड गया…..

अमृता- पागल है क्या….

श्रेया- नहीं मैं सच कह रही हूँ… ऐसी हरकतें तो पागल आशिक ही करते हैं…. पक्का वो तुझे पटाने के चक्कर में है….

अमृता- जो भी हो मुझे उससे कोई मतलब नहीं है….

श्रेया- हुम्मममम…. वो तो दिख ही रहा है…. तुझे उससे कोई मतलब नहीं है, इसीलिए हम सब से छिपकर यहाँ टैरेस पर खडी हुई थी… ताकि वो तुझे निहार सके

श्रेया की बात सुनकर मैं चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया….. क्या बकवास कर रही हो…. तुम्हें तो पता ही है कि मैं उसे जानती तक नहीं और ना ही हमारे बीच आज तक कोई बात हुई है। बैसे भी मैं यहाँ टैरेस पर तो रोज ही आती हूँ। तो अब तू क्या चाहती है कि मैं इस कबीर के चक्कर में टैरेस पर आना भी बंद कर दूँ।

श्रेया- अरे नहीं बाबा नहीं… तू इतनी भडक क्यों रही है…. मैं तो बस तुझे ऐसे ही छेड रही थी। बैसे मैंने इस कबीर के बारे में थोडा बहुत पता किया है… वो एक अच्छा लडका है… अगर तू चाहे तो उसके साथ रिलेशनशिप में आगे बड सकती है। मुझे कबीर को अपना जीजू बोलने में कोई प्राब्लम नहीं होगी।

अमृता- शटआप…. ऐसा कभी नहीं होने बाला…. इनफेक्ट मैं कभी शादी ही नहीं करने बाली….. इसलिए तेरे दिमाग में किसी भी ऐसे गैरे को अपना जीजू बनाने की जो फैंटसी है ना…. उसे अपने दिमाग से बाहर निकाल दे……

श्रेया- पर कबीर में आखिर कमी क्या है… अच्छा खासा हैंडसम तो है… इन्फेक्ट वो तो पूरे कॉलेज का सबसे ज्यादा हैंडसम लडका है…. ऊपर से काफी इंटेलीजेंट भी है… मैंने उसकी प्रोग्रामिंग स्किल भी देखी है, वो पक्का तुम्हारी टक्कर का ही है। इसलिए तुझे कम से कम एक बार कबीर को अपना लाईफ पार्टनर बनाने के बारे में जरूर सोचना चाहिए….

अमृता- मैंने तुमसे पहले ही कहा है कि मैं अपनी जिंदगी में कोई भी लाईफ पार्टनर नहीं चाहती.. और अगर कभी मैंने अपना यह फैसला बदला भी तो कबीर वो लडका कभी नहीं होगा, जिसे मैं अपना लाईफ पार्टनर बनाऊँगी….

श्रेया- पर क्यों…

अमृता- इसका जबाब मेरे पास नहीं है……..

श्रेया- जबाब नहीं है… या देना नहीं चाहती…

अमृता- तुम्हें जो सही लगे वो सोच सकती हो……

श्रेया- यह तो कोई जबाब नहीं हुआ…. मैं सच जानना चाहती हूँ

श्रेया की बात सुनकर मैंने मन ही मन सोचा

“बेबकूफ लडकी तू क्यों भाई बहन के बीच अफेयर करवाने के पीछे पडी हुई है… मैं इससे अपना पीछा छुडवाना चाहती हूँ और तू मेरे ही भाई से मेरा गठबंधन करवाने के प्लान में है। अगर मैंने तुझे सच बता दिया ना तो तू शर्म के कारण खुद ही चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाऐगी।”

पर यह सब मैं बस मन में ही सोच सकती थी। इसलिए मैंने श्रेया को टालते हुए कहा

अमृता- अगर तुम सच ही सुनना चाहती हो तो सुनो… कबीर मेरे टाईप का लडका बिल्कुल भी नहीं है…. मुझे अपनी जिंदगी में सिंसियर और मैच्योर लडका चाहिए… कबीर की तरह लफंगा और लापरवाह लडका नहीं…

श्रेया- ओ ओ…. तो यह बात है…. और अगर कबीर किसी सिंसियर और मैच्योर लडके की तरह बिहेब करे, तो क्या तब भी तुम उसे पसंद नहीं करोगी….

अमृता- तुम पूजा और कबीर के बीच में ब्रोकर का काम क्यों नहीं करती…. जहाँ तक मुझे पता है, पूजा तो उसे अपने ग्रुप में सामिल करने के लिए मरी जा रही है। मेरे ख्याल से अब तक तो उसने अपने और कबीर के बच्चों के नाम भी सोच लिए होंगे।

श्रेया- बकवास…. उन दोनों का आपस में कोई मैच नहीं है…. बैसे भी कबीर जो इतने दिनों से तुम्हारे आस पास मंडरा रहा है। उसे देखकर पूजा का दिल पहले ही टूट चुका है। और फिर तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो, इसलिए तुम्हें लाईफ पार्टनर भी बेस्ट ही मिलना चाहिए ना…..

श्रेया की बात सुनकर फिर से चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया… बस बहुत हुआ…. अब मुझे इस टॉपिक पर कोई बात नहीं करनी है..

मुझे ऐसे चिढते हुए देख श्रेया खिलखिलाकर हंसते हुए बोली

श्रेया- हा हा हा अच्छा बाबा ठीक है ठीक है… छोडो यह सब…. मैं तो बस अपना मूढ फ्रेस कर रही थी।

अमृता- अपना मूढ फ्रेस करने के चक्कर में मेरा मूढ तो ऑफ कर दिया ना…. चल सुट्टा मार कर आते हैं….

मेरी बात सुनकर श्रेया हैरान होते हुए बोली

श्रेया- सुट्टा…. और तू…. अरे बाबा तुम कबसे सुट्टा मारने लगी… मैंने तो आज तक तुम्हें सिगरेट से हाथ लगाते हुए भी नहीं देखा है….

अमृता- हाँ पर आज तूने मेरा मूढ कुछ ज्यादा ही खराब कर दिया है…. इसलिए मुझे नहीं लगता की आज कॉफी से मेरा काम चलेगा….

श्रेया- अच्छा जी…. तो फिर ठीक है…. चलो चलते हैं सामने बाली टपरी पर…. वहाँ तूम सुट्टा के साथ साथ अपने आशिक पर नजर भी मार लियो।

श्रेया की बात सुनकर मैंने गुस्से में उसे देखा तो वो मुझसे दूर भागने लगी। यह देखकर मैं समझ गई कि उसने मुझे परेशान करने के लिए जानबूझकर वो सब कहा था। इसलिए मैं भी उसे गुस्से में डांटते हुए उसके पीछे भागी

अमृता- श्रेया की बच्ची रुक मैं अभी बाताती हूँ तुझे

इससे पहले मैं उसे पकडती श्रेया ने अपने कान पकडते हुए कहा

श्रेया- आच्छा बाबा सॉरी…… अब नहीं कहूँगी….

श्रेया के यूँ माफी मांगने पर मैं भी हंस पडी और फिर हम दोनों अपने घर से निकलकर चाय की टपरी की तरफ चल पडे।


कहानी जारी है..............
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मैं अभी कबीर के बारे में सोच ही रही थी कि तभी श्रेया अपने हाथों में दो कप कॉफी लेकर टैरेस पर आती हुई बोली

श्रेया- तो तुम यहाँ पर हो… और मैं तुम्हें पूरे घर में ढूंड रही थी…

इतना बोलकर श्रेया ने मेरे हाथों में कॉफी का कप पकडाते हुए मुझसे सबाल किया

श्रेया- यार अमृता आखिर तुझे हुआ क्या है…. पिछले कुछ दिनों से मैं नोटिस कर रही हूँ कि तुम चुप चाप अपने में ही कहीँ खोई हुई रहती हो….

मैंने कॉफी शिप करते हुए कहा

अमृता- नहीं कुछ नहीं… बस ऐसे ही…

श्रेया- कहीँ यह सब उस डफर कबीर शर्मा के कारण तो नहीं है ना….. सारा सारा दिन वो किसी पागल आशिक की तरह तुझे ही देखता रहा है… कहीँ तुझे भी तो उससे प्यार ब्यार नहीं हो गया है ना….

श्रेया की बात सुनकर मैं उससे चिढते हुए बोली

अमृता- तू पागल है क्या….. मेरे मन में ऐसा बैसा कुछ भी नहीं है…. बैसे भी तू अच्छी तरह से जानती है कि मैं इन सब लफडों में पडने बाली लडकी नहीं हूँ…..

श्रेया- हाँ यह बात तो है… वर्ना रवि कब का तुझे अपनी हॉफ गर्लफ्रेंड से फुल टाईम गर्लफ्रेंड बना चुका होता

अमृता- शटआप…. वो तो हमने बस रश्मि को चिढाने के लिए एक नाटक किया था। बैसे भी वो मेरे टाईप का लडका नहीं है….

श्रेया- पर रवि के मन में तुम्हारे लिए फीलिंग थीं…..

अमृता- हो सकता है…. पर आई डोंट केयर….. मुझे प्यार ब्यार जैसी बातों पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है….. बैसे भी मैं सबसे ऊपर दोस्ती के रिस्ते को रखती हूँ….

श्रेया- हूम्म वो तो है….. बैसे क्या सच में तुम्हारे और रवि के बीच कुछ भी नहीं है

अमृता- नहीं यार…. कुछ भी नहीं है… पर तुम बार बार यह सबाल मुझसे क्यों पूछ रही हो…. कहीं तुम्हारे और रवि के बीच कुछ चल तो नहीं रहा है…

मेरी बात सुनकर श्रेया मुस्कुराते हुए बोली

श्रेया- नहीं.. फिलहाल तो ऐसा कुछ भी नहीं है….. पर वो मुझे पसंद है……

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- क्या बात कर रही हो….. यह तो बहुत खुशी की बात है…. तूने अभी तक उसे इस बारे में बताया या नहीं…. मुझे पूरा यकीन है कि वो तेरे जैसी सैक्सी लडकी को कभी ना कर ही नहीं सकता।

श्रेया- नहीं यार अभी तक तो नहीं बताया

श्रेया की बात सुनकर मैंने कुछ देर सोचा और फिर सीरियस होते हुए बोली

अमृता- कहीं रश्मि के कारण तो तुमने….

मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया मुझे बीच में टोकते हुए बोली

श्रेया- नहीं यार बो बात नहीं है….. उन दोनों के ब्रेकअप के बाद से वो दोनों बस अच्छे दोस्त हैं… बैसे भी रश्मि आज कल किसी और लडके में इंट्रेस्ट ले रही है

श्रेया की बात सुनकर मैं हैरान होते हुए बोली

अमृता- किसमें….

श्रेया- वो तुम्हारे इंदौर बाले मॉल का मैनेजर और तुम्हारा बिजिनेश पार्टनर राघवेन्द्र शर्मा है ना…. उसी में….

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- रघू….. क्या सच में रश्मि और रघू के बीच कुच चल रहा है…

श्रेया- पक्का तो नहीं कह सकती… पर मुझे ऐसा शक तो है… जब से तुमने हमारे सभी दोस्तों के साथ मिलकर अपनी कंपनी शुरू की है। तब से रश्मि और रघू का आपस में मिलना जुलना बड गया है और वो दोनों अक्सर रात के समय फोन पर घंटों बातें भी करते रहते हैं।

श्रेया की बात सुनकर मैं खुश होते हुए बोली

अमृता- मतलब रघू ने मुर्गी फंसा ही ली…. बैसे मैं उन दोनों के लिए बहुत खुश हूँ… रघू एक अच्छा और ईमानदार लडका है…. वो कभी भी रश्मि को धोखा नहीं देगा और गगन के साथ हुए हादशे के बाद रश्मि में भी काफी चेंजिस आऐ हैं। मेरे ख्याल से वो दोनों ही एक दूसरे के लिए परफेक्ट हैं।

श्रेया- हूम्म वो तो है…..

अमृता- तो फिर तूने अभी तक रवि से अपने दिल की बात क्यों नहीं बताई

श्रेया- यार मैं पूरी तरह से श्योर नहीं हूँ कि मैं उसे सच में पसंद करती हूँ या नहीं…. और फिर मुझे रवि के दिल की बात भी तो नहीं पता है… अगर मेरे अप्रोच करने के बाद भी उसने मना कर दिया तो…..

अमृता- ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर तू उसे अपने दिल की बात कहेगी तो वो पक्का कभी भी तुझे मना नहीं करेगा। लेकिन फिर भी अगर तेरे मन में कोई डाऊट हो तो मैं उससे तेरे बारे में बात कर लेती हूँ…. हाँ बो बात अलग है कि तेरे मन में रवि के पास्ट रिलेशन को लेकर या फिर मुझे लेकर कोई डाऊट हो तो……

एक बार फिर मेरी बात पूरी होने से पहले ही श्रेया ने मुझे बीच मेें टोकते हुए कहा

श्रेया- अरे नहीं यार… ऐसा कुछ भी नहीं है… अगर उसका पास्ट में कोई रिलेशनशिप था तो उससे क्या फर्क पडता है…. आखिर मेरा भी तो एक पास्ट रहा है ना… गगन के बारे में तो तुम पहले से ही जानती हो… उससे पहले भी मेरा एक एक्स रह चुका है।

अमृता- और अगर मेरे और रवि के बीच में कुछ रहा हो तो…..

श्रेया- तो भी कोई फर्क नहीं पडता है…. लेकिन अगर अब भी तुम दोनों के बीच ऐसा कुछ है तो मैं पीछे हट जाऊँगी… मैं प्यार के लिए अपनी दोस्त नहीं खोना चाहती

अमृता- अरे डफर हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है….. बल्कि सच कहूँ तो पिछले एक साल से हमारी बीच बस बिजिनेश को लेकर ही बातें हुईं हैं। इसलिए तेरी लाईन एकदम क्लीयर है….

श्रेया- तुम सच बोल रही हो ना… कहीं तुम मेरे कारण रवि से अपना रिलेशन टोडने के बारे में तो नहीं सोच रही हो ना….

अमृता- तू पागल है क्या… मैंने कहा ना कि हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है…. अगर होता तो मैं भला तुझसे क्यों छिपाती…. हाँ यह बात सही है कि जब मैं भोपाल में थी तो हम दोनों कुछ एक बार ड्रिंक करने के बाद एक दूसरे के थोडा बहुत करीब आ गए थे। पर मेरे दिल रवि के लिए कोई फीलिंगस् नहीं थी… इसलिए मैंने खुद ही उससे दूरी बना ली थी…. ताकि उसके मन में मुझे लेकर कोई गलत फहमी ना हो जाऐ। हमारे बीच थोडा बहुत जो कुछ भी हुआ था वो बस हीट ऑफ मूवमेंट में हुआ था। जिसे मैं अपनी गलती समझकर पूरी तरह से भुला चुकी हूँ। हम दोनों अब बस एक अच्छे दोस्त हैं। लेकिन अगर तुम्हारे मन में अब भी कोई डाऊट हो तो मैं पूरी तरह से उससे अपने कांटेक्ट खत्म कर लूँगी।

श्रेया- अरे पागल ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है….. मुझे तेरी बातों पर पूरा यकीन है…. तुम्हारे बीच क्या हुआ क्या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पडता। हमारी उम्र ही ऐसी है कि यह सब होना नैचुरल है। बैसे भी मुझे तुझपर पूरा यकीन है, अगर तुम कह रही हो कि तुम दोनोें के बीच कुछ भी नहीं है, तो इतना ही मेरे लिए काफी है। इसलिए तुझे रवि से अपने वर्किंग रिलेशन और अपनी दोस्ती खत्म करने की कोई जरूरत नहीं है। बैसे भी अगर फ्यूचर में मैं और रवि साथ आऐ तो क्या तुम रवि की बजह से मुझसे भी दूरी बना लोगी।

अमृता- नहीं कभी नहीं… मैं तुमसे दूरी नहीं बना सकती

श्रेया- इसीलिए मेरी जान… जो हो गया सो हो गया…. उसे एक बार फिर भूल जाओ… आज के बाद हमारे बीच में इस बारे में कोई बात नहीं होगी।

अमृता- ठीक है….. तो फिर रवि से बात तुम करोगी या मैं….

श्रेया- उम्मम् देखते हैं… बैसे जनाब कुछ दिनों बाद यहाँ कानपुर आने बाले हैं। तो सोच रही हूँ कि तभी मैं उसे अपने दिल की बात भी बता दूँगी।

अमृता- वो कानपुर क्यों आ रहा है……

श्रेया- अरे भूल गई क्या…. तुम्हारी कम्पनी यहाँ कानपुर में अपना शॉपिंग मॉल शुरू करने बाली है।

श्रेया के याद दिलाने पर मुझे याद आया कि मेरी कम्पनी ने कानपुर में भी शॉपिग मॉल शुरू करने का प्लान किया था। पर पिछले कुछ समय से मैं अपने बिजिनेश पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाई थी। इसलिए मेरे बिजिनेश पार्टनर और मेरे दोस्त ही यह सब मैनेज कर रहे थे। इस बारे में याद आते ही मैंने मुस्कुराते हुए कहा

अमृता- हाँ याद आया….. बैसे सच कहूँ तो मैंं इस बारे में भूल ही गई थी….

श्रेया- होता है… होता है…. बडे बडे बिजिनेश मैन इन छोटी मोटी बातों को याद नहीं रखते हैं।

अमृता- अरे यार ऐसा कुछ नहीं है…. बात बस इतनी सी है कि मुझे अपने दोस्तों पर पूरा भरोसा है।

श्रेया- हुम्म बो तो है….. बैसे तूमने मुझे बताया नहीं कि इतने दिनोें सेे तुम गुमसुम क्यों हो और बार बार तुम सामने की तरफ क्या देख रही हो…. एक मिनट…. क्या मैं सोच रही हूँ ऐ वही तो नहीं है…..

अचानक मुझसे बातें करते करते श्रेया की नजर चाय की टपरी के पास खडे कबीर पर पडी.. जो अब भी मुझे ही देखे जा रहा था। जैसे ही श्रेया ने कबीर को पहचाना तो वो गुस्से में भडकते हुए बोली

श्रेया- कबीर के बच्चे…. इसका यह नाटक अब कुछ ज्यादा ही हो गया है… साला हमारे घर तक आ गया…. आज मैं इसकी खबर लेकर ही रहूँगी…..

श्रेया को गुस्से से भडकता हुआ देखकर मैंने उसे रोकते हुए कहा

अमृता- अरे यार श्रेया रहने दे ना… .उसके ऐसे देखने से क्या फर्क पडता है… कौन सा हमें देखकर वो मोटा हो जाऐगा..

श्रेया- आखिर यह तुमसे चाहता क्या है….

अमृता- मुझे क्या पता…..

श्रेया- कहीं वो तुम्हारे प्यार ब्यार में तो नहीं पड गया…..

अमृता- पागल है क्या….

श्रेया- नहीं मैं सच कह रही हूँ… ऐसी हरकतें तो पागल आशिक ही करते हैं…. पक्का वो तुझे पटाने के चक्कर में है….

अमृता- जो भी हो मुझे उससे कोई मतलब नहीं है….

श्रेया- हुम्मममम…. वो तो दिख ही रहा है…. तुझे उससे कोई मतलब नहीं है, इसीलिए हम सब से छिपकर यहाँ टैरेस पर खडी हुई थी… ताकि वो तुझे निहार सके

श्रेया की बात सुनकर मैं चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया….. क्या बकवास कर रही हो…. तुम्हें तो पता ही है कि मैं उसे जानती तक नहीं और ना ही हमारे बीच आज तक कोई बात हुई है। बैसे भी मैं यहाँ टैरेस पर तो रोज ही आती हूँ। तो अब तू क्या चाहती है कि मैं इस कबीर के चक्कर में टैरेस पर आना भी बंद कर दूँ।

श्रेया- अरे नहीं बाबा नहीं… तू इतनी भडक क्यों रही है…. मैं तो बस तुझे ऐसे ही छेड रही थी। बैसे मैंने इस कबीर के बारे में थोडा बहुत पता किया है… वो एक अच्छा लडका है… अगर तू चाहे तो उसके साथ रिलेशनशिप में आगे बड सकती है। मुझे कबीर को अपना जीजू बोलने में कोई प्राब्लम नहीं होगी।

अमृता- शटआप…. ऐसा कभी नहीं होने बाला…. इनफेक्ट मैं कभी शादी ही नहीं करने बाली….. इसलिए तेरे दिमाग में किसी भी ऐसे गैरे को अपना जीजू बनाने की जो फैंटसी है ना…. उसे अपने दिमाग से बाहर निकाल दे……

श्रेया- पर कबीर में आखिर कमी क्या है… अच्छा खासा हैंडसम तो है… इन्फेक्ट वो तो पूरे कॉलेज का सबसे ज्यादा हैंडसम लडका है…. ऊपर से काफी इंटेलीजेंट भी है… मैंने उसकी प्रोग्रामिंग स्किल भी देखी है, वो पक्का तुम्हारी टक्कर का ही है। इसलिए तुझे कम से कम एक बार कबीर को अपना लाईफ पार्टनर बनाने के बारे में जरूर सोचना चाहिए….

अमृता- मैंने तुमसे पहले ही कहा है कि मैं अपनी जिंदगी में कोई भी लाईफ पार्टनर नहीं चाहती.. और अगर कभी मैंने अपना यह फैसला बदला भी तो कबीर वो लडका कभी नहीं होगा, जिसे मैं अपना लाईफ पार्टनर बनाऊँगी….

श्रेया- पर क्यों…

अमृता- इसका जबाब मेरे पास नहीं है……..

श्रेया- जबाब नहीं है… या देना नहीं चाहती…

अमृता- तुम्हें जो सही लगे वो सोच सकती हो……

श्रेया- यह तो कोई जबाब नहीं हुआ…. मैं सच जानना चाहती हूँ

श्रेया की बात सुनकर मैंने मन ही मन सोचा

“बेबकूफ लडकी तू क्यों भाई बहन के बीच अफेयर करवाने के पीछे पडी हुई है… मैं इससे अपना पीछा छुडवाना चाहती हूँ और तू मेरे ही भाई से मेरा गठबंधन करवाने के प्लान में है। अगर मैंने तुझे सच बता दिया ना तो तू शर्म के कारण खुद ही चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाऐगी।”

पर यह सब मैं बस मन में ही सोच सकती थी। इसलिए मैंने श्रेया को टालते हुए कहा

अमृता- अगर तुम सच ही सुनना चाहती हो तो सुनो… कबीर मेरे टाईप का लडका बिल्कुल भी नहीं है…. मुझे अपनी जिंदगी में सिंसियर और मैच्योर लडका चाहिए… कबीर की तरह लफंगा और लापरवाह लडका नहीं…

श्रेया- ओ ओ…. तो यह बात है…. और अगर कबीर किसी सिंसियर और मैच्योर लडके की तरह बिहेब करे, तो क्या तब भी तुम उसे पसंद नहीं करोगी….

अमृता- तुम पूजा और कबीर के बीच में ब्रोकर का काम क्यों नहीं करती…. जहाँ तक मुझे पता है, पूजा तो उसे अपने ग्रुप में सामिल करने के लिए मरी जा रही है। मेरे ख्याल से अब तक तो उसने अपने और कबीर के बच्चों के नाम भी सोच लिए होंगे।

श्रेया- बकवास…. उन दोनों का आपस में कोई मैच नहीं है…. बैसे भी कबीर जो इतने दिनों से तुम्हारे आस पास मंडरा रहा है। उसे देखकर पूजा का दिल पहले ही टूट चुका है। और फिर तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो, इसलिए तुम्हें लाईफ पार्टनर भी बेस्ट ही मिलना चाहिए ना…..

श्रेया की बात सुनकर फिर से चिढते हुए बोली

अमृता- श्रेया… बस बहुत हुआ…. अब मुझे इस टॉपिक पर कोई बात नहीं करनी है..

मुझे ऐसे चिढते हुए देख श्रेया खिलखिलाकर हंसते हुए बोली

श्रेया- हा हा हा अच्छा बाबा ठीक है ठीक है… छोडो यह सब…. मैं तो बस अपना मूढ फ्रेस कर रही थी।

अमृता- अपना मूढ फ्रेस करने के चक्कर में मेरा मूढ तो ऑफ कर दिया ना…. चल सुट्टा मार कर आते हैं….

मेरी बात सुनकर श्रेया हैरान होते हुए बोली

श्रेया- सुट्टा…. और तू…. अरे बाबा तुम कबसे सुट्टा मारने लगी… मैंने तो आज तक तुम्हें सिगरेट से हाथ लगाते हुए भी नहीं देखा है….

अमृता- हाँ पर आज तूने मेरा मूढ कुछ ज्यादा ही खराब कर दिया है…. इसलिए मुझे नहीं लगता की आज कॉफी से मेरा काम चलेगा….

श्रेया- अच्छा जी…. तो फिर ठीक है…. चलो चलते हैं सामने बाली टपरी पर…. वहाँ तूम सुट्टा के साथ साथ अपने आशिक पर नजर भी मार लियो।

श्रेया की बात सुनकर मैंने गुस्से में उसे देखा तो वो मुझसे दूर भागने लगी। यह देखकर मैं समझ गई कि उसने मुझे परेशान करने के लिए जानबूझकर वो सब कहा था। इसलिए मैं भी उसे गुस्से में डांटते हुए उसके पीछे भागी

अमृता- श्रेया की बच्ची रुक मैं अभी बाताती हूँ तुझे

इससे पहले मैं उसे पकडती श्रेया ने अपने कान पकडते हुए कहा

श्रेया- आच्छा बाबा सॉरी…… अब नहीं कहूँगी….

श्रेया के यूँ माफी मांगने पर मैं भी हंस पडी और फिर हम दोनों अपने घर से निकलकर चाय की टपरी की तरफ चल पडे।


कहानी जारी है..............
Nice and superb update....
 
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