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Adultery डॉक्टर की कहानी डॉक्टर की जुबानी

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mastmast123

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सरिता ने कुछ देर तक लंड चूसा फिर बाहर निकाल दिया, शरद ने सवालिया नजरों से सरिता को देखा वो बोली मैं नहीं चाहती कि तुम मेरे अंदर के अलावा बाहर कहीं अपना माल निकालें तुमको आज सिर्फ और सिर्फ मेरे अंदर ही निकालना है।
शरद बहुत ज्यादा exite हो गया था, उसने सरिता को पलंग पर पीठ के बल लिटाया और mango icecream टेबल से लेकर उसको सरिता के बूब्स पर melt कर के लपेटने लगा, सरिता को ठंडे ठंडे अहसास से बूब्स और निप्पल पर सनसनी होने लगी और बूब्स ठंडे पन से और चूत में हो रही हलचल से एकदम कड़क होने लगे, उसे आज पहली बार लंड मिलने वाला था, खूबसूरत औरत को लाइन तो बहुत मारते हैं पर चूत कोई दो चार ही मार पाते हैं, आज सरिता की उद्घाटन रात थी, जिसे वो पूरा पूरा एंजॉय करना चाहती थी , इसीलिए उसने शरद का लंड ज्यादा नहीं चूसा उसे ये लंड उसकी चूत में चाहिए था और वो भी देर तक ओर सारी रात में काम से कम तीन बार।
अब शरद ने सरिता के बॉब्स ice cream और चूत में इस ठंडक से आग लगा कर पूरी तरह से तैयार कर दिए थे फिर उसके कान में बोला देख सरिता डार्लिंग मैने कहा था न कि सुहाग रात मनाऊंगा , तूने भी लाजवाब इंतजाम किया है और जो खुद को प्रेजेंट किया है आज तक ऐसा तो किसी दुल्हन ने नहीं किया होगा, जान तूने मुझे जो सुख दिया है अब मैं वही तुझे देने जा रहा हूं चल तैयार हो जा
सरिता बोली मैं तो तब से तैयार हूं जब मुझे तू मेरे कमरे में शादी के जोड़े में मेरे बूब्स और मेरी चूत में उंगली कर के सुहाग रात मनाने का वादा कर के गया था , अब वक्त आ गया है तुम मुझे लूट लो इससे पहले कि प्रथम पति के आने का दिन आ जाए।
शेखर तुम गलत कह रही हो प्रथम पति तो मैं हूं क्योंकि प्रथम बार मेरा लंड इस कुंवारी चूत में होगा, क्योंकि जिस भी लड़की या औरत की चूत में जिस मर्द का लंड प्रथम बार प्रवेश करता है वही मर्द उस औरत का प्रथम पति होता है चाहे फिर उस औरत की शादी किसी के भी साथ हो।
सरिता जी आप ही मेरे प्रथम पति हो, अब कुछ करोगे पतिदेव या सिर्फ भाषण ही, चलो अब बिल्कुल चुप और लग जाओ अपनी बीबी के बूब्स और चूत के काम पर , और शरद की दोनों निप्पल की जोर से कुरेद दिया,।
शरद पहले ही उत्तेजित था इसने आग में घी का काम किया और शरद सरिता के कड़क हो चुके चूचों पे टूट पड़ा, एक तो ice cream का स्वाद और दूजे सरिता की कयामत जवानी शरद पागल होकर जोर जोर से दांए बूब को चूसने लगा और बांई निप्पल को उंगली और अंगूठे से दबाने और कुचलने लगा, सरिता को जिंदगी में पहली बार बॉब्स और चूत में एक साथ वो मजा आ रहा था वो उसने सिर्फ उसकी शादी शुदा सहेलियों से आज तक सुना था वो तड़प रही थी मचल रही थी और जोर जोर से आहैं और सिसकियां भर रही थी, चुकी रूम साउंड प्रूफ था आवाज का बाहर जाना नामुमकिन था, सरिता पैरों के पटकती जा रही थी और शरद का अब बांए चूचे का चूसना शुरू हो गया था
ओह शरद ये क्या हाल कर रहे हो तुम मेरा क्या यही तुम कहना चाह रहे थे जब तुमने कहा था मेरे साथ सुहाग रात मनाओगे, ऐसी हालत होगी मेरी मैं जानती न थी, ओह आआ आआ आआ आआ आऊऊऊआऊ ऊऊऊ ईआईआईआईआई मरी री मेरी मम्मी, कोई बताए ये मेरी चूत में क्या हो रहा है, मम्मी तूने भी क्यों नहीं बताया कि इतनी जोरदार होती है सुहागरात , ये तो मां और भी खास है री मेरा जबरन पति मेरे साथ है, तूने जो पति मुझे दिया था मां वो तो कहीं और ही रह गया और ये जालिम तेरी बेटी को पहले ही चोद देगा, मैं क्या कहूंगी तुझे जब तू पूछेगी मम्मी की कैसी रही मेरी सुहाग रात , किस के साथ वाली बताऊंगी री मैं।
शरद ने बहुत देर तक सरिता के चूचों को प्यार से और बुरी तरह भी चूसा, सरिता का हाल किसी मछली सा था, अब शरद उठा और लिक्विड चॉकलेट की बॉटल उठा कर लाया और ढेर सारी चॉकलेट सरिता की चूत पर उड़ेल दी फिर सरिता की आंखों में देखकर बोला क्या मैं मेरी बीबी के गोल्डन गेट को खोलने के समारोह का प्रारंभ कर सकता हूं हे सरिता देवी मुझे यह कार्य करने की अनुमति दीजिए। सरिता की चूत उबल रही थी वो अपने आपे में नहीं थी, कराहती हुई बोली मुझसे कुछ न पूछो मेरे बालम जी आपको क्या पता किसी कुंवारी औरत की क्या हालत होती है जब पहली बार कोई मर्द उसकी नंगी चूत के पास मुंह रख रहा होता है, बस इस चूत का उद्धार कर दो मेरे पतिदेव ये चूत आपको लाख लाख दुआए देगी अब देर ना करो जी, कहीं चूत की भभकती आग में मेरा ये बदन न स्वाहा हो जाए।
शरद ने अब देर ना करते हुए सरिता की चूत पर लगे गीले गीले चॉकलेट को चाटना शुरू किया उस में सरिता का चूत रस भी भरी मात्रा में मिल चुका था, शरद को जो खट्टा मीठा स्वाद मिल रहा था वो इस दुनियां में कहीं भी किसी भी कीमत पर नहीं मिल सकता है, वो सपड़ सपड़ चाट रहा था उसकी जुबान सरिता के चूत के दाने को भी रगड़ रही थी और सरिता मजे के समंदर में गोते लगा रही थी कोई पंद्रह मिनिट की चुसाई के बाद शरद ने अपना लोड़ा सरिता की चूत के मुंह पर रखा सरिता बोली बलम देखो आपकी ही पत्नी हूं कोई गैर औरत नही अपनी बीबी समझ कर ही चोदन करना मुझे बहुत डर लग रहा है, शरद उठा और तेल की शीशी लाया उसने बहुत सारा तेल चूत के छेद से भीतर डाला फिर अपने लंड को दोनों हाथों में तेल लेकर पूरा भिगोया और फिर लंड सरिता की चूत के मुंह पर रक्खा लंड टन टनाया हुआ था सरिता ने चादर मुठ्ठी में भर ली थी टोपा आहिस्ता से अंदर घुसा शरद ने थोड़ा जोर लगाया चूत की झिल्ली से टकराया शरद बोला बस एक बार सरिता जान, फिर तुम सारी जिंदगी आराम से लंड खा सकोगी, और एक झटके के साथ अपना लंड चूत में पेल दिया, सरिता ओह बोलकर और कुछ बोल ही नहीं पाई उसकी सांस रुक गई गाल आंसु से गीले हो गए शरद एक मिनिट ऐसे ही रुका और एक और तेज झटका और पूरा लंड चूत की जड़ तक जा पहुंचा, सरिता दर्द से बेहाल और कोई दो मिनिट बाद शरद के लंड का पिस्टन सरिता की चूत के ब्लॉक में धड़ाधड़ सर्विस करने लगा और घमासन युद्ध के दौरान सरिता की नई नवेली चूत कोई पांच बार झड़ी और अंत में शरद लोड़ा भी दम तोड़ता हुआ चूत को अपने अमृत रस से भरने लगा,। सरिता निहाल हो गई और झड़ती हुई शरद को बेतहाशा चूमती रही रोती रही प्रेम रस में डूबी, क्योंकि वासना का चरम प्रेम का आरंभ बिंदु होता है और ये प्रेम सच्चे ह्रदय वाले कभी भूलते नहीं है। यही प्रेम दोनों शरद और सरिता के मन में पड़ा।
उस रात शरद ने सरिता को चार बार चोदा और सरिता की चूत को अपने वीर्य से सिंचित किया।
उसका परिणाम प्रफुल्ल है ,

प्रफुल्ल का असली बाप शरद ही है आज ये बात श्रद्धा मैं तेरे सामने स्वीकार करती हूं, ये गोपनीय बात इस दुनियां में सिर्फ तू ही जानती है, अब भी यदि तू अपने दिल की बात मुझे नहीं बताना चाहे तो बेटी श्रद्धा तेरी मर्जी , अब मैं तुझे फोर्स नहीं करूंगी।
 

mastmast123

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श्रद्धा बोली आप ने मुझ पर पूरा विश्वास कर के अपना अतीत बता दिया, में कितनी खुशनसीब हूं कि मुझे इतनी अच्छी सास मिली, मम्मी अब आप सुनिए, जब मैं 22 बरस की हुई मेरे बोबे आम लड़कियों से दो गुना थे, इनमें हरदम सुरसुराहट सी रहती थी और मेरी चूत में एक टीस सी उठती रहती थी, मैने अपनी मम्मी को बताया तो मम्मी समझ गई थी कि उसकी बेटी बहुत चुदासी है इसके शरीर की बनावट से और चूत की सरसराहट से, मुझसे बोली बेटी तेरा क्या होगा, यदि तुझे दमदार लंड नहीं मिला तो तुझे कभी शांति नहीं मिलेगी, तेरे लिए एक ताकतवर दूल्हा ढूंढूंगी, और किस्मत से मुझे प्रफुल्ल मिले, जो मेरे लिए सब तरह से फिट थे, देखते देखते 12 साल अच्छे से बीत गए मुझे कभी लगा ही नहीं कि कुछ कमी है, लेकिन पिछले तीन चार साल से प्रफुल्ल का काम धीरे धीरे बढ़ गया और मुझ पर ध्यान देना उनके लिए मुश्किल होने लगा और पिछले एक साल से वो 12 से 14 घंटे हॉस्पिटल में busy रहने लगे तो मेरे ऊपर ध्यान नही रहने लगा, में उनको बिलकुल भी दोष नहीं दे रही हूं, वो हमारे लिए ही इतना काम करते हैं, लेकिन मम्मी मेरी चूत की प्यास इतनी है कि यदि ये बुझती नहीं है तो मैं धीरे धीरे मुरझाने लगती हूं और यही मेरे साथ हो रहा है में क्या करूं, मैं कहीं बाहर नहीं जाना चाहती हूं ना ही अपने पति के साथ बेवफाई करना चाहती हूं, मैं क्या करूं मम्मी, में किसी से भी ये बात नहीं बताना चाहती थी और चुपचाप सहती जा रही थी लेकिन आपने आज मुझे मजबुर किया बताने को, मम्मी मैं क्या करूं, और श्रद्धा सरिता के गले लग कर जोर जोर से रोने लगी।
सरिता मत रो मेरी बच्ची, में तेरे लिए डिल्डो वाइब्रेटर और दूसरे कई सेक्स टॉयज लाकर तेरी चूत को सेटिस्फाई करूंगी, मेरी बच्ची तुझे मैं इस तरह मुरझाने नहीं दूंगी।
श्रद्धा मम्मी मैं ये सब कर के देख चुकी हूं ये कोई काम नहीं आ रहे हैं मेरी चूत को तो असली वाला लंड, वो भी मोटा ताजा जैसा आपने शरद अंकल का बताया है वैसा ही चाहिए होता है ऐसा अब कहां से मिलेगा।
अच्छा ये बात है, सरिता बोली लेकिन शरद तेरे अंकल नहीं बेटी तेरे ससुर हैं, माना कि ये बात किसी को पता नहीं है प्रफुल्ल को भी नहीं, मगर तुझे तो पता चल ही है तो अब उनको तू ससुर ही मानेगी, ठीक है
श्रद्धा ठीक है मम्मी ।
सरिता आगे बोली श्रद्धा सुन मैने तुझे अपनी बेटी माना है तो आज से तेरी सारी जरूरतों को में ही पूरा करूंगी, तेरी चूत की प्यास की व्यवस्था भी मैंने ही करना है, और इस बारे में तू प्रफुल्ल को कुछ भी नहीं बताएगी, और गिल्टी भी फील नहीं करेगी कि दूसरे मर्दों से चुद रही है, में ये तुझे तेरी सासू होने के नाते कह रही हूं, ताकि तू मन ही मन दुखी न रहे।
अब सुन आज से जैसे में तेरे सामने बेशर्म हूं तू भी मेरे सामने बेशर्म रहेगी और जो भी बात तेरे मन में तेरी चूत की प्यास को लेकर आए मुझसे बेशर्म होकर वैसी की वैसी ही बताएगी।
श्रद्धा शरमाते हुए सिर हिलाने लगी
सरिता ऐसे नहीं मेरे सिर पे हाथ रख कर मेरी कसम खा के बोल।
श्रद्धा ने सरिता के सिर पर हाथ रख कर बोला मैं आपकी कसम खा कर कहती हूं मम्मी मैं आपसे सब कुछ कहूंगी साफ साफ
सरिता और बोल बेशर्म होकर चूत की सब बातें
श्रद्धा शरारत से मुस्कराई और बोली जी हां मम्मी मैं बेशर्म होकर मेरी चूत की प्यास की ओर जो लंड मुझे पसंद आएगा उसको आप से कहकर मांग लूंगी। बस, इतना कह कर उसने हाथ हटा लिया।
सरिता बोली देख ये फोटो, और उसने एक फोटो दिखाया , श्रद्धा ने पूछा कौन है ये, सरिता बोली ये तेरे ससुर हैं शरद,
श्रद्धा ने देखा शरद बहुत कुछ प्रफुल्ल की तरह ही थे थोड़े बाल सफेद हुए थे और चेहरे पर थोड़ी उम्र का असर था लेकिन पूरे हट्टे कट्टे नौजवान बलिष्ठ थे।
सरिता बोली कैसे है
श्रद्धा बोली ठीक हैं अच्छे हैं।
सरिता बोली एक मर्द के रूप में तुझे ये पसंद हैं?
श्रद्धा क्या मतलब?
सरिता मेरी प्यासी बहु बेटी मैं सबसे पहले तेरी चूत में तेरे ससुर का लंड पेलावाना चाहती हूं बोल चलेगा तुझे, बेशर्म ही कर बोल अभी कसम खाई है तूने।
श्रद्धा की चूत में चसक उठी ये सुन कर उसके गाल लाल हो गए , पहला लंड वो भी सगे ससुर का, मम्मी ये क्या कह रही हो आप, ससुर जी का ही वो भी पहली बार कितनी शर्म आयेगी मुझे, जरा सोचा है आपने मेरे बारे में।
सरिता हां सोचा है, मुझे अपना वो पहली बार वाला किस्सा याद आ रहा है शरद के साथ, वही तेरे साथ दोहराया जाएगा, वो सब सम्हाल लेंगे मुझे पूरा विश्वास है उन पर, तू बस बोल तुझे पसंद है कि नहीं मेरे पति शरद और तेरे ससुर शरद।
श्रद्धा ठीक है जैसा आप कहो सासू मां, और उसकी गोदी में सिर छुपा लिया, हाय मेरी लाडली बहु रानी, बोलकर सरिता को गले लगा कर चूम लिया।
फिर सरिता ने शरद को फोन लगा कर आज शाम को यहां आने का बोला जरूरी काम है आपको सब से मिलवाना है पहली बार तुरंत शाम तक आ जाओ। शरद बोला ठीक है आता हूं।
तब सरिता ने श्रद्धा से कहा बेटी अब तुझे मैं तड़पने नहीं दूंगी ये मेरा वादा है तुझ से।
 
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Badhiya hai..beta doctor bankar patient ka sexual treatment kar raha hai aur edhar uski mata ji apne ghar me hi sexual therapy ka arrangement kar rahi hai.
Outstanding update brother.
 
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mastmast123

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कुछ मन नहीं हो रहा है , पता नहीं क्यों? लेकिन लिखता हूं जल्द ही। पहले एक अपडेट मां बेटे का सफर 2 दूं फिर इसको।
 
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कुछ मन नहीं हो रहा है , पता नहीं क्यों? लेकिन लिखता हूं जल्द ही। पहले एक अपडेट मां बेटे का सफर 2 दूं फिर इसको।
होता है , ऐसा अक्सर होता है । लोग सोचते हैं कि इन्सेस्ट रिलेशनशिप स्टोरी पर रीडर्स का मेला जैसा माहौल बन जाएगा पर यह सच नही है।
एक एडल्टरी राइटर की यही परेशानी है कि वह सिर्फ सेक्स और सेक्स को अपना मेन सब्जेक्ट बनाए रखना पसंद करता है । रीडर्स एक स्टोरी पढ़ना चाहते है जहां ढंग से इमोशंस हो , प्रेम या फरेब हो , कुछ एक्सन या थ्रिल हो , कुछ फाॅरविडेन चीजें हो और सबसे महत्वपूर्ण एक बेहतरीन कहानी हो।
आप एक वक्त मे तीन स्टोरी पर अपडेट दे रहे है जो बिल्कुल ही गलत है। खासकर एक दूसरे राइटर की स्टोरी को अपने अंदाज से लिखना तो बिल्कुल ही गलत है। बहुत मुश्किल होता है किसी दूसरे राइटर के अधूरे कहानी को अपने स्टाइल से लिखना ।
बढ़िया यह होता कि आप सिर्फ एक स्टोरी पर अपना ध्यान केंद्रित करें और उसे भरसक बेहतर बनाने की कोशिश करें।
 

mastmast123

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होता है , ऐसा अक्सर होता है । लोग सोचते हैं कि इन्सेस्ट रिलेशनशिप स्टोरी पर रीडर्स का मेला जैसा माहौल बन जाएगा पर यह सच नही है।
एक एडल्टरी राइटर की यही परेशानी है कि वह सिर्फ सेक्स और सेक्स को अपना मेन सब्जेक्ट बनाए रखना पसंद करता है । रीडर्स एक स्टोरी पढ़ना चाहते है जहां ढंग से इमोशंस हो , प्रेम या फरेब हो , कुछ एक्सन या थ्रिल हो , कुछ फाॅरविडेन चीजें हो और सबसे महत्वपूर्ण एक बेहतरीन कहानी हो।
आप एक वक्त मे तीन स्टोरी पर अपडेट दे रहे है जो बिल्कुल ही गलत है। खासकर एक दूसरे राइटर की स्टोरी को अपने अंदाज से लिखना तो बिल्कुल ही गलत है। बहुत मुश्किल होता है किसी दूसरे राइटर के अधूरे कहानी को अपने स्टाइल से लिखना ।
बढ़िया यह होता कि आप सिर्फ एक स्टोरी पर अपना ध्यान केंद्रित करें और उसे भरसक बेहतर बनाने की कोशिश करें।
नहीं ऐसा नहीं है हर स्टोरी की अगली कड़ी मेरे दिमाग में पहले से ही सेट रहती है या यूं कहूं अगले दो updates की रूपरेखा तैयार रहती है बस लिखने का आलस रहता है, कभी मन करता है कभी लिखने की इच्छा नहीं होती है कभी एक ही दिन में तीनों को लिख देता हूं कभी तीन चार दिन तक कुछ नहीं, यही एक बुरी आदत है मेरी, क्या करूं कोई कंट्रोल नहीं है मूड पर,,,
 

SKYESH

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कुछ मन नहीं हो रहा है , पता नहीं क्यों? लेकिन लिखता हूं जल्द ही। पहले एक अपडेट मां बेटे का सफर 2 दूं फिर इसको।
kuchh le lo... sarkar ...... waise aaj aur kal to JASN ka mahol hai .......

enjoy the life ....................................
 
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