सन्जु रीता से नोट ले कर खुश हो गया। आज पहली बार रीता ने उसे कुछ दिया था ओर सन्जु खुशी में झूमता हुआ कॉमिक लेने बाजार भाग गया ।
रीता ने अपने कमरे का दरवाजा बन्द किया और बिस्तर पर लेट गई।
रीता का धयान बार बार सन्जु की तरफ़ जा रहा था। वो सन्जु के बारे में सोचते हुए अपने हाथ को बार बार अपनी छाती पर सहलाने लगी और बहुत जल्दी ही उसका हाथ फिर से उसकी दोनो जांघों के बीच में था। रीता अवसर अपने पड़ोस के लड़को या अपने स्कूल के लड़को के बारे में सोचा करती थी पर आज उसे अपने भाई के बारे में सोच कर बहुत ही अधिक मजा आ रहा था।
जब रीता ने फिर से अपने कमरे का दरवाजा खोला तो सन्जु सामने सोफे पर बैठा कॉमिक पढ़ रहा था ।
रीता को देख कर वो कुछ घबरा गया ओर अपनी कॉमिक को जल्दी से नीचे रख कर शरारत से मुस्करा दिया। रीता भी मुस्करा दी और फ़िर सन्जु के पास आ गई।
सन्जु ने अपनी जेब से बचे हुए पैसे निकाल कर रीता को दे दिए। "लो दीदी ये तुम्हारे पैसे रीता: "अरे तु रख ले। अब ये तेरे पैसे हैं ओर ये कोन सी कॉमिक है, -हूँ स्पाइडरमैन दिखा तो। "
सन्जु अपने हाथ में कॉमिक के पीछे कुछ छुपा रहा था ।
रीता: ला दिखा तो ये क्या है।
रीता ने अचानक ही सन्जु की कॉमिक को खींच लिया और खोल कर देखा तो सन्जु की कॉमिक के पीछे एक नंगी फोटो वाली किताब थी।
सन्जु रीता के अचानक ही आ जाने से बहुत घबरा गया था और अब तो उसकी आवाज़ ही बन्द हो गई थी।
रीता हंस दी "तो ये बात है चल शरारती कहीं का।"
रीता : वाह क्या किताब है, दिखा तो ।
सन्जु : नही दीदी ।
सन्जु ने किताब को कॉमिक के अन्दर बन्द कर दिया ।
रीता: अरे दिखा न। मैं कुछ नही कहूंगी। बस देखना चाहती हूँ कि कौन सी किताब है।
सन्जु ने कॉमिक, किताब समेत रीता के हवाले कर दी।
रीता ने किताब को खोल कर देखा, किताब में गंदी कहानीयाँ ओर कुछ अध नंगी औरतो की तस्वीरे थी।
रीता किताब के पन्ने पलट पलट कर तस्वीरें देखने लगी और फ़िर कॉमिक को वापस दे कर बोली “अच्छी है। ले पढ़ ले। फ़िर मुझे देना मैं भी पढ़ लुंगी।“
सन्ज : ओ सच दीदी।
रीता : हाँ क्यु नहीं। अब तो हम दोस्त हैं न। तुम पढ़ सकते हो तो मैं क्यु नही पढ सकती । अच्छा तुम पढो मैं माँ के पास बैठती हूँ । अगर माँ या सरोज अन्दर आयगी तो मैं आवाज़ दे कर तुम्हें बता दूंगी। तुम किताब छुपा देना । सन्जू रीता के बरताव से हैरान था। उसने इससे पहले कभी रीता को एक दोस्त की तरह बर्ताव करने नही देखा था। आज अचानक ही उसे रीता एक अच्छी दोस्त लगी। उसने अब किताब को खोल कर पढना शुरु कर दिया और रीता बाहर चली गई।