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Incest जीवन रस की एक - एक घूंट पिए जा पिए जा

motabansh

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सन्जु : दीदी तुम्हें मेरा क्या अच्छा लगता है।

रीता हंस दी और बोली "ये तेरा लण्ड है न, मैं जब भी इसे तुम्हरी निकर में तने हुए देखती हूँ मेरी चुत में खुजली होने लगती है। एक बार तुम सो रहे थे और तुम्हरी निकर के अन्दर से तुम्हारे लण्ड के नीचे वाले अण्डे साफ़ दिखाई दे रहे थे। उस दिन मैंने खुब बैंगन चलाया।"

रीता, सन्जु का लौड़ा मसलने लगी ।

सन्जु : दीदी मुझे तुम्हारी चूत को छुना है। प्लीज अपनी चूत दे दो।

रीता : अभी दिया तो था, यहाँ पर तुम ठिक से नहीं छु पाओगे ।

रीता ने अपनी दोनों टांगों को फैला कर सन्जू के हाथ को अपनी जांघो के बीच घुसा दिया ।

सन्जू ने रीना की दोनो गरम गरम जांघो के बीच में हाथ डाल कर दवाया ।

रीता :और नीचे सन्जू । हाँ और नीचे लडकीयों की लड़कों से कुछ नीचे होती है।

"दीदी ये है क्या।"

"नही सन्जू और नीचे की तरफ हाँ ये ही है।"

सन्जू ने रीता की फूली हुई जगह को दबा दिया ।

"हाव दीदी ये तो गीली लग रही है। सलवार चुत वाली जगह से गीली हो गई है।"

रीता : चल हट सन्जु एसे तुझे सलवार के बाहर से चुत का मजा नही आएगा। तु मेरे मम्मे ही दबा दे बस । सन्जु ने न चाहते हुए भी अपना हाथ रीता की जांघो से हटा लिया ओर फिर से रीता के मम्मो को दबाना शुरु कर दिया ।

रीता : अरे तु तो उदास ही हो गया। ले मैं तुझे चूत देती हूँ।"

रीता ने अपना हाथ अपनी सलवार में डाल कर अपनी उन्गली से अपनी चुत की फुली हुई फ़ांको को दबा दिया और फ़िर हाथ बाहर निकाल कर सन्जु की नाक के पास ले गई। लो सन्जु मेरी चूत की खुशबु ले कर देख। रीता की उन्गली से चूत की तीखी गन्ध आ रही थी। सन्जु ने अपना एक हाथ से अपने लण्ड को पकड़ लिया और जोर जोर से लण्ड झटकने लगा ।

रीता ने सन्जु को रोकते हुए कहा क्या "क्या करते हो सन्जु कोई देख लेगा तुम लण्ड को छोड़ दो। लो इसे में दबाती हुँ । तुम चूत का स्वाद चख लो।" कहती हुई रीता ने अपनी ऊँगली सन्जु के होंठो में डाल दी।

रीता : ले चुस ले चूत को मेरी । सन्जु ने अपनी बहन की उन्गली को चाट लीया । रीता ने अब अपने हाथ से सन्जु का फुला हुआ लौड़ा पकड लिया और सुपाड़ा निकाल कर फिर से दबाने लगी ।

सन्जु : हाय दीदी तुम बहुत मजा दे रही हो। रीता ने अपने दुसरे हाथ को फिर से अपनी चुत में डाल कर दबाया और फ़िर अपने हाथ को निकाल कर सन्जु के मुह में दे दिया । रीता की उन्गली पर इस बार चुत का पानी काफ़ी ज्याद था और सन्जु के मुह का स्वाद नमकीन हो गया।

रीता ने सन्जु से पुछा अच्छा लगा सन्जु का लण्ड अब झड़ने के कगार पर था। रीता का हाथ सन्जु के लौड़े पर फिर से कस गया था।

रीता ने सन्जु के लण्ड को जोर से झटका तो सन्जु रह नहीं पाया। उसके लण्ड के छेद से विर्य बड़ी तेजी से निकल कर शाल पर आ गिरा। फ़िर लण्ड झटके ले ले कर विर्य उगलने लगा। विर्य रीता के हाथ पर से बह कर सन्जू की पैंट पर गिर रहा था। रीता ने लण्ड को तब तक नहीं छोडा जब तक झटके आने बन्द नहीं हो गए। फिर लण्ड को अपनी शाल से पोछ कर अपना हाथ हटा लिया ।

लन्ड अब छोटा सा हो कर सिकुड़ गया था।

सन्जू ने लन्ड को पैंट में डाल कर जिप बंद कर दिया ।

दीदी मेरी पैंट गीली हो गई है।

रीता कोई बात नही, सुन तु शाल ले लें। घर तक जाने जाते वैसे भी सूख जायगी।

रीता ने शाल सन्जु को दे दी और फिर फिल्म देखने लगी।
 

motabansh

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सन्जु : दीदी तुम्हारा नहीं हुआ न ।

रीता : कोई बात नही मेरे पास बैंगन है न। कह कर रीता मुस्कुरा दी।

जब सन्जु और रीता ऑटो से उतरे तो रात के 10 बज चुके थे। घर में उमा दोनो बच्चो का इन्तज़ार कर रही थी।

उमा : "उफ़ आ गए। मैं तो घबरा रही थी।

रीता : तुम ऐसे ही घबराती हो माँ। मेरे साथ सन्जु था तो सही।

उमा : पर ये भी तो अभी बच्चा ही है न।

रीता : अरे नही माँ सन्जु अब बडा हो गया है। क्यु है न सन्जु कह कर रीता और सन्जु हॅसने लगे । फ़िर उमा ने रीता और सन्जु को खाना खिलाया ।

सोने जाने से पहले रीता ने सन्जु को एक बडा सा चुम्मा दिया और फ़िर दरवाजा बन्द करके सन्जु की दी हुई किताब पढने लगी। सन्जु अपने पास सोती हुई अपनी माँ और सरोज के डर से रीता के कमरे में नहीं जा सकता था। आखिर सन्जु ने अपने लौड़े को अपने हाथ में ले लिया और दबाने लगा और धीरे धीरे दबा दबा कर मुठ मारने लगा ।
 

Ek number

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रीता ने जल्दी से अपने बाहर निकले मम्मो को वापीस ब्रा में ठुस दिया और अपनी शाल को सम्हाल कर उठती हुए बोली। सन्जु मुझे बडी जोर से पेशाब आ रही है । तुमने बाहर आना है मेरे साथ।

सन्जु : हाँ दीदी मुझे भी जाना है।

सन्जु : पेशाब करने का बाद औरतो के बाथरूम के सामने खड़ा हो गया और दरवाजे से अन्दर बाहर जाती औरतो को देखने लगा ।

रीता को बाहर आते काफ़ी देर लगी। जब सन्जु ने रीता को बाहर आते देख तो मुसकरा दिया । रीता भी मुसकरा दी और फिर सन्जु के पास आ गई।

सन्जु ने रीता को देखते हीं कहा "दीदी तुमने कितनी देर लगा दी। क्या कर रही थी अन्दर।"

रीता हँसते हुए बोली "मूत रही थी और क्या कर सकती हूँ ।"

सन्जु ने रीता को धीरे से कहा "दीदी तुम यहाँ बैंगन तो नही ले आई न ।"

रीता ने सन्जू के सिर पर चपत लगाते हुए कहा "तु बहुत बोलने लग गया है।"

रीता ने सन्जु को पैप्सी ले कर दी ओर फ़िर दोनो आपस में एक ही ग्लास से पीने लगे। सन्जु रीता के बड़ो बड़ो मम्मो को बार बार घूर रहा था। रीता सन्जु से बांते कर रही थी ओर अपनी शाल नीचे कर के सन्जु को अपने फूले हुए मम्मे भी दिखा रही थी।

फिल्म शुरु हुए अभी कुछ ही देर हुई थी की रीता ने फिर से अपनी शाल खोल कर

सन्जु को देते हुए पूछा "सन्जू तुझे मैं कैसी लगती हूँ।"

"बहुत अच्छी दीदी" सन्जु ने अपनी बहन के मम्मे पर हाथ रखते हुए कहा। रीता ने सन्जु से फिर पूछा "अच्छा जी, तो ये बताओ तुझे मुझ में सबसे अच्छा क्या लगता है।"

सन्जू : सब कुछ।

रीताः नहीं कुछ वो बताओं जिस से तुम को सबसे जयादा मजा आता है।

सन्जु दीदी जब तुम स्कूल की स्कर्ट पहनकर आती हो तो तुम्हारी मोटी गोरी टांगे और बड़ी बडी गोल जांघे देखते ही मेरा झटके लेने लगता है।

रीता : हाय सन्जु तुझे मेरी जांघे इतनी सैक्सी लगती हैं क्या?

सन्तु : हाँ दीदी। मै तो कई बार नीचे झुक कर तुम्हारी जांघो के अन्दर देखने की कोशिश करता हूँ।

रीना: उफ़ तुम्हें एसे चोरी से देखने की क्या जरूरत है। मुझे कहते तो मैं अपनी स्कर्ट उपर उठा कर दिखा देती ।

रीता : सन्जू मैं कल लहंगा पहन लुंगी तुम अपने हाथ से उपर उठा कर देख लेना ।

सन्जु । सच दीदी।

"हाँ" सच" रीता ने सन्जु के कान के पास मुँह ले जा कर सन्जु का गाल चुम लिया । रीता के गरम गरम होंठो का चुम्बन मिलने से सन्जु को नशा सा हो गया और फ़िर उसने भी रीता के गाल को चुम लिया ।

सन्जु : दीदी तुम्हारी दोनो टांगो के बीच वाली जगह को छुना है। रीता हंस दी। अरे बुद्ध तुम तो बिल्कुल लडकी हो। नाम ले कर बताओ उसे क्या कहते हैं। सन्जु ने धीरे से कहा “चूत।“ रीता ने फ़िर से हँस कर कहा। "हा तो एसे कहो न कि दीदी तुम्हारी चुत चाहीए।"

सन्जु : हाय दीदी जब तुम ऐसे बोलती हो तो मेरा झटके लेने लगता है देखो कैसे खडा हो गया है।

रीता : देखो सन्जु मैं तुम्हरी बहन हूँ पर में एक जवान लडकी भी हूँ । तुम अगर मेरे साथ खुल कर बात करोगे तो हम दोनो को मजा आएगा रीता ने सन्जु की पैण्ट के अन्दर तने लण्ड को पक्ड कर चुट्की काट दी।

सन्जू का सारा शरीर डझन्झना गया । सन्जू ने रीता के मम्मे को हाथ में ले कर दबाते हुए कहा दीदी मुझे तुम्हारी चुत देखनी है। मैंने कभी नहीं देखी बस सुना है की बहुत गरम होती है।

रीता: ठिक है तुम्हें चूत मिल जाएगी पर किसी से कहना नहीं। सन्जु ने रीता की शाल के नीचे हाथ घुसा कर मम्मो को पकड़ लिया। रीता ने फ़िर से अपने उपर के बट्न खोल कर अपने मम्मो को ब्रा से बाहर कर दिया और सन्जू से दबवाने लगी ।

रीता : चल अब तु मेरी चुच्ची को जोर जोर से मसल ।
Fantastic update
 

Ek number

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सन्जु : दीदी तुम्हें मेरा क्या अच्छा लगता है।

रीता हंस दी और बोली "ये तेरा लण्ड है न, मैं जब भी इसे तुम्हरी निकर में तने हुए देखती हूँ मेरी चुत में खुजली होने लगती है। एक बार तुम सो रहे थे और तुम्हरी निकर के अन्दर से तुम्हारे लण्ड के नीचे वाले अण्डे साफ़ दिखाई दे रहे थे। उस दिन मैंने खुब बैंगन चलाया।"

रीता, सन्जु का लौड़ा मसलने लगी ।

सन्जु : दीदी मुझे तुम्हारी चूत को छुना है। प्लीज अपनी चूत दे दो।

रीता : अभी दिया तो था, यहाँ पर तुम ठिक से नहीं छु पाओगे ।

रीता ने अपनी दोनों टांगों को फैला कर सन्जू के हाथ को अपनी जांघो के बीच घुसा दिया ।

सन्जू ने रीना की दोनो गरम गरम जांघो के बीच में हाथ डाल कर दवाया ।

रीता :और नीचे सन्जू । हाँ और नीचे लडकीयों की लड़कों से कुछ नीचे होती है।

"दीदी ये है क्या।"

"नही सन्जू और नीचे की तरफ हाँ ये ही है।"

सन्जू ने रीता की फूली हुई जगह को दबा दिया ।

"हाव दीदी ये तो गीली लग रही है। सलवार चुत वाली जगह से गीली हो गई है।"

रीता : चल हट सन्जु एसे तुझे सलवार के बाहर से चुत का मजा नही आएगा। तु मेरे मम्मे ही दबा दे बस । सन्जु ने न चाहते हुए भी अपना हाथ रीता की जांघो से हटा लिया ओर फिर से रीता के मम्मो को दबाना शुरु कर दिया ।

रीता : अरे तु तो उदास ही हो गया। ले मैं तुझे चूत देती हूँ।"

रीता ने अपना हाथ अपनी सलवार में डाल कर अपनी उन्गली से अपनी चुत की फुली हुई फ़ांको को दबा दिया और फ़िर हाथ बाहर निकाल कर सन्जु की नाक के पास ले गई। लो सन्जु मेरी चूत की खुशबु ले कर देख। रीता की उन्गली से चूत की तीखी गन्ध आ रही थी। सन्जु ने अपना एक हाथ से अपने लण्ड को पकड़ लिया और जोर जोर से लण्ड झटकने लगा ।

रीता ने सन्जु को रोकते हुए कहा क्या "क्या करते हो सन्जु कोई देख लेगा तुम लण्ड को छोड़ दो। लो इसे में दबाती हुँ । तुम चूत का स्वाद चख लो।" कहती हुई रीता ने अपनी ऊँगली सन्जु के होंठो में डाल दी।

रीता : ले चुस ले चूत को मेरी । सन्जु ने अपनी बहन की उन्गली को चाट लीया । रीता ने अब अपने हाथ से सन्जु का फुला हुआ लौड़ा पकड लिया और सुपाड़ा निकाल कर फिर से दबाने लगी ।

सन्जु : हाय दीदी तुम बहुत मजा दे रही हो। रीता ने अपने दुसरे हाथ को फिर से अपनी चुत में डाल कर दबाया और फ़िर अपने हाथ को निकाल कर सन्जु के मुह में दे दिया । रीता की उन्गली पर इस बार चुत का पानी काफ़ी ज्याद था और सन्जु के मुह का स्वाद नमकीन हो गया।

रीता ने सन्जु से पुछा अच्छा लगा सन्जु का लण्ड अब झड़ने के कगार पर था। रीता का हाथ सन्जु के लौड़े पर फिर से कस गया था।

रीता ने सन्जु के लण्ड को जोर से झटका तो सन्जु रह नहीं पाया। उसके लण्ड के छेद से विर्य बड़ी तेजी से निकल कर शाल पर आ गिरा। फ़िर लण्ड झटके ले ले कर विर्य उगलने लगा। विर्य रीता के हाथ पर से बह कर सन्जू की पैंट पर गिर रहा था। रीता ने लण्ड को तब तक नहीं छोडा जब तक झटके आने बन्द नहीं हो गए। फिर लण्ड को अपनी शाल से पोछ कर अपना हाथ हटा लिया ।

लन्ड अब छोटा सा हो कर सिकुड़ गया था।

सन्जू ने लन्ड को पैंट में डाल कर जिप बंद कर दिया ।

दीदी मेरी पैंट गीली हो गई है।

रीता कोई बात नही, सुन तु शाल ले लें। घर तक जाने जाते वैसे भी सूख जायगी।

रीता ने शाल सन्जु को दे दी और फिर फिल्म देखने लगी।
Shandaar update
 
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सन्जु : दीदी तुम्हारा नहीं हुआ न ।

रीता : कोई बात नही मेरे पास बैंगन है न। कह कर रीता मुस्कुरा दी।

जब सन्जु और रीता ऑटो से उतरे तो रात के 10 बज चुके थे। घर में उमा दोनो बच्चो का इन्तज़ार कर रही थी।

उमा : "उफ़ आ गए। मैं तो घबरा रही थी।

रीता : तुम ऐसे ही घबराती हो माँ। मेरे साथ सन्जु था तो सही।

उमा : पर ये भी तो अभी बच्चा ही है न।

रीता : अरे नही माँ सन्जु अब बडा हो गया है। क्यु है न सन्जु कह कर रीता और सन्जु हॅसने लगे । फ़िर उमा ने रीता और सन्जु को खाना खिलाया ।

सोने जाने से पहले रीता ने सन्जु को एक बडा सा चुम्मा दिया और फ़िर दरवाजा बन्द करके सन्जु की दी हुई किताब पढने लगी। सन्जु अपने पास सोती हुई अपनी माँ और सरोज के डर से रीता के कमरे में नहीं जा सकता था। आखिर सन्जु ने अपने लौड़े को अपने हाथ में ले लिया और दबाने लगा और धीरे धीरे दबा दबा कर मुठ मारने लगा ।
Behtreen update
 
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Motaland2468

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सन्जु : दीदी तुम्हारा नहीं हुआ न ।

रीता : कोई बात नही मेरे पास बैंगन है न। कह कर रीता मुस्कुरा दी।

जब सन्जु और रीता ऑटो से उतरे तो रात के 10 बज चुके थे। घर में उमा दोनो बच्चो का इन्तज़ार कर रही थी।

उमा : "उफ़ आ गए। मैं तो घबरा रही थी।

रीता : तुम ऐसे ही घबराती हो माँ। मेरे साथ सन्जु था तो सही।

उमा : पर ये भी तो अभी बच्चा ही है न।

रीता : अरे नही माँ सन्जु अब बडा हो गया है। क्यु है न सन्जु कह कर रीता और सन्जु हॅसने लगे । फ़िर उमा ने रीता और सन्जु को खाना खिलाया ।

सोने जाने से पहले रीता ने सन्जु को एक बडा सा चुम्मा दिया और फ़िर दरवाजा बन्द करके सन्जु की दी हुई किताब पढने लगी। सन्जु अपने पास सोती हुई अपनी माँ और सरोज के डर से रीता के कमरे में नहीं जा सकता था। आखिर सन्जु ने अपने लौड़े को अपने हाथ में ले लिया और दबाने लगा और धीरे धीरे दबा दबा कर मुठ मारने लगा ।
Mast update bro
 
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