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चूत में घुसी चींटी ने मां चुदवा दी
सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम राजेश है और मैं आपको अपनी हॉट सेक्सी मॉम स्टोरी बताने जा रहा हूं.
कहानी को आगे बढ़ाने से पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ और जानकारी दे देता हूं. मेरी उम्र 20 साल है. मेरी हॉट सेक्सी मॉम, नाम नेहा (बदला हुआ) है और वो 44 साल की है. मेरी मॉम का फिगर बहुत सेक्सी है. 42-36-44.
वो घर में हो या बाहर हो, हमेशा साड़ी ही पहनती है. उसकी साड़ी उसकी नाभि के काफी नीचे तक रहती है जिससे उसकी नाभि से नीचे का पेट का हिस्सा दिखता रहता है और किसी भी मर्द की नज़र सबसे पहले वहीं पर जा टिकती है.
उसके छोटे ब्लाउज में उसके स्तन एकदम तने हुए रहते हैं क्योंकि मेरी मॉम ब्लाउज का साइज बहुत छोटा रखती है. छोटा ब्लाउज होने के कारण उसकी पीठ का काफी बड़ा हिस्सा दिखता रहता है और मोटी मोटी चूचियां हमेशा ब्लाउज से बाहर निकलने को हुई रहती हैं.
जिस दिन ये घटना हुई थी उस दिन मैं अपनी मॉम के साथ अपनी मौसी के घर से लौट रहा था. मौसम दोपहर बाद से ही खराब हो रहा था और आसमान में गहरे काले बादल मंडरा रहे थे. जब हम मौसी के यहां से निकले तो करीबन 6 बजे का टाइम रहा होगा.
हम लोग बाइक पर थे और अपने घर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर थे. उस वक्त सांय के 7 बजे का टाइम हो चुका था और अंधेरा होने लगा था. तभी बीच रास्ते में ही जोर से बारिश गिरने लगी. देखते ही देखते हम दोनों ऊपर से नीचे तक पूरे भीग गये.
मैंने सामने देखा तो एक निर्माणाधीन इमारत थी जिसका काम शायद काफी समय से बंद पड़ा हुआ लग रहा था. वह लगभग 70 प्रतिशत बन कर तैयार हो चुकी थी. मैंने मॉम से कहा कि सामने वाली बिल्डिंग में जाकर खड़े हो जाते हैं ताकि बारिश से बच सकें.
मेरे कहने पर मॉम भी तैयार हो गयी और हम दोनों बिल्डिंग में चले गये. बाइक को मैंने बिल्डिंग के नीचे पार्क कर दिया. उस इमारत में 10 मंज़िलें थीं. चलते चलते हम लोग ऊपर चौथे माले पर पहुंच गये. वहां पर थोड़ा साफ था और उस फ्लोर का काम लगभग पूरा हो चुका था.
बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी. हमने काफी देर तक इंतजार किया. फिर भी बारिश बंद नहीं हो रही थी. इसलिए हम अपार्टमेंट में अंदर चले गये और टहलकर उसको देखने लगे. फिर बालकनी में जाकर खड़े हो गये.
काफी देर तक खड़े रहे लेकिन बारिश होती रही. वैसे तो हम लोगों को किसी बात की जल्दी नहीं थी. मेरे पापा भी काम से बाहर गये हुए थे और खाना हम लोग मौसी के यहां पर ही खाकर आ गये थे. इसलिए इंतजार करने को तो लम्बे समय तक किया जा सकता था लेकिन समस्या केवल बारिश की नहीं थी. हमारे कपड़े भी पूरे गीले हो गये थे और अब मुझे ठंड लगनी शुरू हो गयी थी.
मॉम बोली- बेटा, बारिश तो रुक ही नहीं रही है.
मैं- हां मॉम, एक घंटे से ज्यादा हो गया है हमें यहां रुके हुए. अब मुझे ठंडी लग रही है.
उस दिन मॉम ने एक लाल रंग की साड़ी पहनी थी जो काफी हद तक पारदर्शी थी और बारिश में भीगने के बाद तो और भी ज्यादा पारदर्शी हो गयी थी. मॉम की साड़ी उसके बदन से पूरी चिपकी हुई थी.
उसमें से उसका ब्लाउज साफ दिख रहा था. कपड़े गीले होने की वजह से अंदर का सब कुछ साफ पता लग रहा था. हॉट सेक्सी मॉम ने ब्लाउज के अंदर ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी. वैसे मैंने ये देखा था कि मेरी मॉम ब्रा और पैंटी बहुत कम पहनती थी.
ये बात मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैंने अपनी मॉम को कभी भी पैंटी या ब्रा खरीदते हुए नहीं देखा था. यहां तक कि मैंने कभी उनकी ब्रा और पैंटी को छत पर सूखते हुए भी नहीं देखा था.
उनके भीगे ब्लाउज में मॉम की चूचियों के निप्पल साफ साफ उभरे हुए दिख रहे थे. उनकी गहरी और गोल नाभि भी बिल्कुल चमक रही थी. मेरा मन कर रहा था कि मैं मॉम की नाभि में जीभ डालूं और उसको चूसूं.
अब मुझे कंपकंपी चढ़ने लगी थी.
मेरी हालत को देख कर मॉम ने कहा- जब इतनी ठंड लग रही है तो अपने कपड़े उतार कर तू सुखा क्यों नहीं लेता?
मॉम के कहने पर मैंने अपनी शर्ट को उतार दिया. अब मैं ऊपर से बनियान में था. मगर मेरी पैंट भी गीली थी और पैंट के नीचे अंडरवियर भी पूरा पानी में तर हो गया था. इसलिए मुझे अभी भी ठंड लग रही थी.
मुझे अभी भी कांपता हुआ देख कर मॉम बोली- पैंट भी उतार ले.
मैं मॉम के सामने पैंट उतारने में थोड़ा हिचकिचा रहा था. मगर फिर मैंने पैंट भी उतार दी. अब मैं मॉम के सामने केवल अंडरवियर और बनियान में था.
मॉम को भी ठंड लग रही थी. मैंने उनसे भी कह दिया- अगर आपको ठंड लग रही है तो आप भी उतार लो अपने कपड़े और सुखा लो.
वो कुछ नहीं बोली और कांपती रही.
मैंने फिर कहा- आपको ठंड जल्दी लगती है मां, आप अपने कपड़े उतार लो.
मॉम ने अपनी साड़ी उतार ली. उनके भीगे हुए ब्लाउज में उनकी मोटी मोटी चूचियों के निप्पल देख कर मेरी नजरें बार बार मॉम के बूब्स पर ही टिकने लगीं.
मॉम ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मगर उनको अभी भी ठंड लग रही थी.
मैंने कहा- आप अपना पेटीकोट भी क्यों नहीं उतार देतीं?
वो बोली- मैंने नीचे से कुछ नहीं पहना हुआ है. मैं पूरे कपड़े नहीं उतार सकती.
मैंने कहा- ठीक है, मैं कहीं देखता हूं शायद कोई कपड़ा यहां रखा हो जिसे आप बदन पर लपेट सको.
फिर मैं बिल्डिंग में यहां वहां देखने लगा. मुझे कुछ कपड़े मिल गये. मगर वो पहनने वाले कपड़े नहीं थे. बस कपड़ों के कुछ टुकड़े थे जो रुमाल से तीन-चार गुना बड़े थे.
सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम राजेश है और मैं आपको अपनी हॉट सेक्सी मॉम स्टोरी बताने जा रहा हूं.
कहानी को आगे बढ़ाने से पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ और जानकारी दे देता हूं. मेरी उम्र 20 साल है. मेरी हॉट सेक्सी मॉम, नाम नेहा (बदला हुआ) है और वो 44 साल की है. मेरी मॉम का फिगर बहुत सेक्सी है. 42-36-44.
वो घर में हो या बाहर हो, हमेशा साड़ी ही पहनती है. उसकी साड़ी उसकी नाभि के काफी नीचे तक रहती है जिससे उसकी नाभि से नीचे का पेट का हिस्सा दिखता रहता है और किसी भी मर्द की नज़र सबसे पहले वहीं पर जा टिकती है.
उसके छोटे ब्लाउज में उसके स्तन एकदम तने हुए रहते हैं क्योंकि मेरी मॉम ब्लाउज का साइज बहुत छोटा रखती है. छोटा ब्लाउज होने के कारण उसकी पीठ का काफी बड़ा हिस्सा दिखता रहता है और मोटी मोटी चूचियां हमेशा ब्लाउज से बाहर निकलने को हुई रहती हैं.
जिस दिन ये घटना हुई थी उस दिन मैं अपनी मॉम के साथ अपनी मौसी के घर से लौट रहा था. मौसम दोपहर बाद से ही खराब हो रहा था और आसमान में गहरे काले बादल मंडरा रहे थे. जब हम मौसी के यहां से निकले तो करीबन 6 बजे का टाइम रहा होगा.
हम लोग बाइक पर थे और अपने घर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर थे. उस वक्त सांय के 7 बजे का टाइम हो चुका था और अंधेरा होने लगा था. तभी बीच रास्ते में ही जोर से बारिश गिरने लगी. देखते ही देखते हम दोनों ऊपर से नीचे तक पूरे भीग गये.
मैंने सामने देखा तो एक निर्माणाधीन इमारत थी जिसका काम शायद काफी समय से बंद पड़ा हुआ लग रहा था. वह लगभग 70 प्रतिशत बन कर तैयार हो चुकी थी. मैंने मॉम से कहा कि सामने वाली बिल्डिंग में जाकर खड़े हो जाते हैं ताकि बारिश से बच सकें.
मेरे कहने पर मॉम भी तैयार हो गयी और हम दोनों बिल्डिंग में चले गये. बाइक को मैंने बिल्डिंग के नीचे पार्क कर दिया. उस इमारत में 10 मंज़िलें थीं. चलते चलते हम लोग ऊपर चौथे माले पर पहुंच गये. वहां पर थोड़ा साफ था और उस फ्लोर का काम लगभग पूरा हो चुका था.
बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी. हमने काफी देर तक इंतजार किया. फिर भी बारिश बंद नहीं हो रही थी. इसलिए हम अपार्टमेंट में अंदर चले गये और टहलकर उसको देखने लगे. फिर बालकनी में जाकर खड़े हो गये.
काफी देर तक खड़े रहे लेकिन बारिश होती रही. वैसे तो हम लोगों को किसी बात की जल्दी नहीं थी. मेरे पापा भी काम से बाहर गये हुए थे और खाना हम लोग मौसी के यहां पर ही खाकर आ गये थे. इसलिए इंतजार करने को तो लम्बे समय तक किया जा सकता था लेकिन समस्या केवल बारिश की नहीं थी. हमारे कपड़े भी पूरे गीले हो गये थे और अब मुझे ठंड लगनी शुरू हो गयी थी.
मॉम बोली- बेटा, बारिश तो रुक ही नहीं रही है.
मैं- हां मॉम, एक घंटे से ज्यादा हो गया है हमें यहां रुके हुए. अब मुझे ठंडी लग रही है.
उस दिन मॉम ने एक लाल रंग की साड़ी पहनी थी जो काफी हद तक पारदर्शी थी और बारिश में भीगने के बाद तो और भी ज्यादा पारदर्शी हो गयी थी. मॉम की साड़ी उसके बदन से पूरी चिपकी हुई थी.
उसमें से उसका ब्लाउज साफ दिख रहा था. कपड़े गीले होने की वजह से अंदर का सब कुछ साफ पता लग रहा था. हॉट सेक्सी मॉम ने ब्लाउज के अंदर ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी. वैसे मैंने ये देखा था कि मेरी मॉम ब्रा और पैंटी बहुत कम पहनती थी.
ये बात मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैंने अपनी मॉम को कभी भी पैंटी या ब्रा खरीदते हुए नहीं देखा था. यहां तक कि मैंने कभी उनकी ब्रा और पैंटी को छत पर सूखते हुए भी नहीं देखा था.
उनके भीगे ब्लाउज में मॉम की चूचियों के निप्पल साफ साफ उभरे हुए दिख रहे थे. उनकी गहरी और गोल नाभि भी बिल्कुल चमक रही थी. मेरा मन कर रहा था कि मैं मॉम की नाभि में जीभ डालूं और उसको चूसूं.
अब मुझे कंपकंपी चढ़ने लगी थी.
मेरी हालत को देख कर मॉम ने कहा- जब इतनी ठंड लग रही है तो अपने कपड़े उतार कर तू सुखा क्यों नहीं लेता?
मॉम के कहने पर मैंने अपनी शर्ट को उतार दिया. अब मैं ऊपर से बनियान में था. मगर मेरी पैंट भी गीली थी और पैंट के नीचे अंडरवियर भी पूरा पानी में तर हो गया था. इसलिए मुझे अभी भी ठंड लग रही थी.
मुझे अभी भी कांपता हुआ देख कर मॉम बोली- पैंट भी उतार ले.
मैं मॉम के सामने पैंट उतारने में थोड़ा हिचकिचा रहा था. मगर फिर मैंने पैंट भी उतार दी. अब मैं मॉम के सामने केवल अंडरवियर और बनियान में था.
मॉम को भी ठंड लग रही थी. मैंने उनसे भी कह दिया- अगर आपको ठंड लग रही है तो आप भी उतार लो अपने कपड़े और सुखा लो.
वो कुछ नहीं बोली और कांपती रही.
मैंने फिर कहा- आपको ठंड जल्दी लगती है मां, आप अपने कपड़े उतार लो.
मॉम ने अपनी साड़ी उतार ली. उनके भीगे हुए ब्लाउज में उनकी मोटी मोटी चूचियों के निप्पल देख कर मेरी नजरें बार बार मॉम के बूब्स पर ही टिकने लगीं.
मॉम ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मगर उनको अभी भी ठंड लग रही थी.
मैंने कहा- आप अपना पेटीकोट भी क्यों नहीं उतार देतीं?
वो बोली- मैंने नीचे से कुछ नहीं पहना हुआ है. मैं पूरे कपड़े नहीं उतार सकती.
मैंने कहा- ठीक है, मैं कहीं देखता हूं शायद कोई कपड़ा यहां रखा हो जिसे आप बदन पर लपेट सको.
फिर मैं बिल्डिंग में यहां वहां देखने लगा. मुझे कुछ कपड़े मिल गये. मगर वो पहनने वाले कपड़े नहीं थे. बस कपड़ों के कुछ टुकड़े थे जो रुमाल से तीन-चार गुना बड़े थे.
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