Ramanthakur
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can you please tell, so that they may be rectified.Isme kitni galtiyan hain hadh se jada
Uffff tauba behad hasin thiवो मॉम को अंदर ले गया और दो आदमी उसके पीछे चले गये. एक जो चौथा बच गया था वो मेरी पहरेदारी करने लगा ताकि मैं वहां से भाग न जाऊं. सामने मैं देख पा रहा था कि उसने मॉम को वहीं टाइल लगे फर्श पर लिटा लिया.
फिर वो अपने कपड़े उतारने लगा. वो जल्दी से नंगा हुआ और नीचे लेट कर मॉम को अपने ऊपर खींच लिया. तब तक वो दो आदमी भी अपने आधे कपड़े खोल चुके थे. इतने में पहले वाले ने मॉम को पेट के बल ऊपर कर लिया और मेरी मां के चूचे उस आदमी के सीने पर दब गये.
वो मेरी मां की गांड को दबाते हुए उसको जोर जोर से भींचने लगा और उसका तना हुआ लंड मेरी मां की चूत के पास बार बार टकराने लगा. फिर उसने अपने लंड को हाथ से पकड़ा और नीचे ही नीचे मां की चूत में घुसा दिया.
बिना रुके वो जोर जोर से मॉम की चूत को चोदने लगा. इतने में ही वो बाकी के दोनों आदमी भी नंगे हो गये और एक ने मॉम के मुंह में लंड दे दिया और दूसरा पीछे आ गया. उसने नीचे बैठ कर मॉम की गांड में लंड पेल दिया और मॉम की चीख अंदर ही दब कर रह गयी क्योंकि उसके मुंह में दूसरे वाले का लंड था.
वो तीनों मॉम को बुरी तरह से चोदने लगे. एक चूत की चुदाई करने लगा तो दूसरा मुंह में चुसाई करवाने लगा. जबकि तीसरा गांड की ठुकाई कर रहा था. उनको जैसे तीन छेद वाली एक डॉल मिल गयी थी और वो उससे मजा लेकर खेल रहे थे.
फिर वो चौथा आदमी भी अंदर चला गया. मैं थका हुआ था और मेरी आंखें भारी हो रही थीं. इसलिए मैं चुपचाप लेटा हुआ मॉम को चुदते हुए देखता रहा. पहले तो मॉम उनको नहीं झेल पा रही थी मगर फिर वो आराम से चुदने लगी.
चौथे आदमी ने जाकर मॉम के हाथ में लंड दिया और फिर वो उन दोनों के लंड को बारी बारी से चूसने लगी. अब मॉम के पास चार लंड थे और चारों के चारों ही दमदार लौड़े थे. वो चारों लौड़ों का मजा ले रही थी.
बीच बीच में वो आदमी मॉम को थप्पड़ भी मार रहे थे. कभी गांड पर तो कभी गाल पर। कभी उसकी चूचियों को पकड़ कर खींच लेते थे तो कभी उसके बालों को खींच कर चोदने लगते थे. मॉम भी इस जबरदस्त चुदाई में जैसे मदहोश होती जा रही थी.
रात के एक बजे का समय चुका था और मेरी मॉम चार लंडों से चुद रही थी. उस सुनसान बिल्डिंग में हम छह के अलावा कोई नहीं था. मैं सोच सोच कर थोड़ा रोमांचित भी हो रहा था. मां की चुदाई देखते देखते पता नहीं कब मुझे नींद आ गयी और मैं सो गया.
जब मेरी आंख खुली तो मैं अंदर रूम में गया. मैंने देखा कि मॉम उन चारों के बीच में पड़ी हुई थी. उन आदमियों में से कोई मां की चूचियों पर मुंह रख कर सो रहा था तो कोई उसकी जांघों पर। एक ने मॉम के हाथ को लंड पर रखवाया हुआ था और चौथा उसके गाल पर लंड लगा कर सो रहा था.
टाइम देखा तो सुबह के 5 बज गये थे. मॉम शायद रात भर चुदी थी इसलिए उसको गहरी नींद आ गयी थी. मैंने मॉम को जगाया तो उसने आंखें खोलीं. फिर वो धीरे से उनके हाथ को हटाते हुए उठ कर बाहर आ गयी.
हमने जल्दी से अपने अपने कपड़े पहने और चुपचाप वहां से निकल आये. घर आकर हमने अच्छी तरह से अपने जिस्मों को साफ किया और एक दूसरे से वादा लिया कि ये बात हम दोनों के बीच में ही रहेगी.
दोस्तो, ये थी मेरी माँ बेटे की चोदाई कहानी.