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Adultery चाहत

Ajju Landwalia

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भाग 4
━━━━━━━━━━━━

दोनो ही गाड़ियों के नंबर प्लेट पर एक ही नंबर अंकित था और दोनो ही गाडियों के रंग , आकार और यहां तक की दोनो गाडियां ही मानो एक दूसरे का हमशक्ल हो ! - ' मैं जाधव की ओर देखते हुए बोला।*
क्या तुम्हे नंबर याद है? -जाधव बोला!

कोई फायदा नहीं नंबर जानकर सर, मैंने पहले ही नंबर की जांच करवाई तो कुछ पता नहीं चल पाया! यानी की ये नंबर सरकारी दस्तवेजो में है ही नहीं! -जाधव की उत्सुकता को खत्म करते हुए बोला मैं।
ओह! काफ़ी शातिर निकले फिर वो। -जाधव मायूस होते हुए बोला।
' बिलकुल सर ! और इसका सीधा मतलब ये निकलता है की एक ही गाड़ी दो अलग अलग जगहों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती हैं! भले ही गाड़ी दो क्यों न हो।"

खैर आज सुबह भी एक उसके जैसा ही संदिग्ध घटना हुई है सर! एक बूढ़े व्यक्ति की लाश मिली है गोली लगने की वजह से ही! - मैंने सोचा जाधव को बता देता हूं।*

"क्या ? लाश मिली ? और तुम मुझे ये बात अभी बता रहे हो? -जाधव अपने चेहरे पर थोड़ी सी हैरानी भाव लाते हुए बोला।"

सर मैं बताने ही वाला थी की आपने सीधा मुद्दे पर आने की बात ला दी?
क्या कोई संबंध हो सकता है इन दो खूनों का आपस में? -जाधव उत्सुकतावस बोला।
"अभी तो कुछ कहा नहीं जा सकता सर,शायद हो भी सकता है !
उस व्यक्ति ने मरते मरते भी सिर्फ इतना ही बोला की तुम्हे उन्हे रोकना होगा? अब किसे और किसलिए रोके,ये तो अपने आप में ही एक रहस्य रह गया जो वो अपने मरने के साथ ही ले गया।
मुझसे एक गलती ये हो गई की मैने उनका पीछा नहीं किया! मैंने सोचा वो व्यक्ति शायद जिंदा होगा तो उसे अस्पताल ले जाता! पर खूनी भी कितने शातिर थे की गोली सीधा उसके दिल पर मारी थी ,और शायद उन्हें ये भी पता थी अब शहर के मुख्य इलाके से इतनी दूर कोई अस्पताल है भी नहीं तो उसका बचना नामुमकिन ही था।*"

खैर छोड़ो इन सब बातों को ये बताओ की किधर रहते हो? क्या यहीं के रहने वाले हो?- जाधव ने पूछा।
"नहीं सर मैं यहां का नहीं हूं ? मेरा अपना घर तो यहां सीतारामपुर गांव में है! इस शहर से करीबन साठ किलोमीटर दूर। और मैं यहीं सेक्टर 10A में रहता हूं। सरकारी फ्लैट में।*

सेक्टर 10A में ,यार सेक्टर 10B में तो मैं रहता हुं? पर तुम्हे कभी देखा नहीं ? -जाधव उत्सुक होते हुए तुरन्त पूछा।

शायद आप हाइवे से चले जाते होंगे ,आपको लंबी दूरी तय करनी होती है ना।
हां शायद ! -जाधव बोला।
पर sir आप उधर कैसे रहने लगे । आपको तो अपने थाने के आस पास ही रहना चाहिए था। मैं पूछना तो नहीं चाहता था पर जब वो मेरे बारे पूछने लगे तो सोचा मैं भी पूछ ही लेता हू।

अरे बात ऐसी है की मेरी बीवी को सजने संवरने का काफी शौक है तो इसीलिए ब्यूटी पार्लर चलती है! अब शहर की औरतों का इन सबमें लगाव कुछ ज्यादा ही होती हैं तो दुकान भी अच्छी खासी चलती हैं। - जाधव थोड़ा फीकी मुस्कान लेते हुए बोला।

तो फिर मिलते हैं इंस्पेक्टर अजय इस रविवार को आपके यहां या हमारे यहां? क्या बोलते हो ?
बिलकुल सर जैसा विचार होगा ! अब मैं तो नया हूं इधर तो आप ही आ जाइए मैडम को साथ लेकर। - मैं बोला।
ठीक है तो फिर ! मैं निकलता हूं ! केस के बारे में कुछ पता चलता है तो बताऊंगा।

साला कितना पका दिया। एक तो सुबह सुबह ही खून और ऊपर से ये इंस्पेक्टर जाधव। - पानी पीते हुए मेरे मुंह से अनायास ही निकल गया।

फ्लैशबैक:-
"अबे तुम लोगों के अकल ठिकाने है की नहीं? इतनी बड़ी मिस्टेक कैसे कर सकते हो? अभी हमने अपने धंधे को शुरू भी नहीं किया और तुम लोगो ने दो दो फिर से एक खून कर दी? तुम लोगों को क्या लगता हैं की पुलिस चुतिया है !"

सामने कुर्सी पर बैठा वो आदमी जिसके चेहरे पर इस समय गुस्सा साफ देखा जा सकता था। पर चेहरा उसका काले मास्क के पीछे छिपा हुआ था। काले रंग की सूट पहने वो किसी दरिंदे से कम नहीं लग था इस वक्त । ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे सामने खड़े व्यक्तियों को जो उसके जैसा ही वेशभूषा में थे उन्हें अभी के अभी जिंदा जला देगा।

एक अजीब सी जगह जो किसी खौफनाक किले से कम नहीं लग रहा था ।

I am sorry boss , वो बूढ़ा आदमी अचानक ही हमारे सामने आ गया । उसने हमारी बातें सुन ली थी ।

सालों काम तो बना नहीं और ऊपर से नुकसान करके आए हो।
क्या किया जाए तुम लोगों के साथ ?
सर, ऐसी गलती दुबारा नहीं होंगी ! Please forgive us।
चलों एक मौका देता हूं तुम्हे ! पर जल्द ही मुझे अच्छी खबर चाहिए।


वर्तमान में:-
यार वरुण चल कहीं चलके खाना खाते है? कोई अच्छी सी होटेल हो तो बताओ जहां थोड़ी पीने की व्यवस्था हो जाए ? आज बीवी को बता देता हूं की तू पार्टी दे रहा है अपने आने की खुशी में। - मैं वरुण की ओर देखते हुऐ और थोड़ा हंसते हुए बोला।

Sure sir! यहीं कोई चार पांच किलोमीटर के आस पास ही अच्छा होटल है! हम चल सकते हैं वहां ।
तो चले फिर?
yes sir।
यार वरुण तु शराब पीता भी है की नहीं? -अपनी गिलास में पैग बनाते हुए मैने वरुण से पूछा।
sir ज्यादा नहीं बस थोड़ी बहुत कभी कभार ले लेता हूं।

अबे शर्मा क्यूं रहा है? यहां कोई सीनियर जूनियर नहीं? खुल के पी। उसके चेहरे पर आई शर्म को भांपते हुए मैं बोला।
अब देख भाई पैग भी तु मुझसे बनवा रहा है। - मैंने सोचा थोड़ा मजे ले ही लेता हूं इसकी।

अरे sorry sir! दीजिए मैं बनाता हूं! थोड़ी डर उसके चेहरे पर स्वता ही आ गई।
"अरे यार तू फिर सेंटी हो गया। मजाक कर रहा था भाई मैं!
चल आज तुझे मैं पिलाता हुं। "

यार बीवी आज तो काफी चिल्लाएगी? -थोड़ी सी नशा चढ़ गई थी मुझे।
sir संभलके जाइएगा। - वरुण मुझे good night बोलते हुए बोला।
अबे तू अपनी देख ! मैं चला जाऊंगा । चल good night bro।

मैं अपनी बाइक को सड़क पर धीरे धीरे दौड़ाते हुए ले जा रहा था की अचानक ही मुझे सड़क पर कुछ विचित्र सा नजर आया।
सड़क काफी सुनसान सी मालूम पड़ रही थी इस वक्त , शायद सड़क पर इस वक्त ज्यादा लोग आते ही नहीं।
मैने अपनी बाइक रोकी और चल पड़ा उनके पास।



Bahut hi badhiya updates he dono ki dono TheEndgame Bro,

Ye murder mystery to badhti hi ja rahi he.........pehle ek murder hua fir dusra...............aur dono murder karne wala gang bhi ek hi he.......

Agli update ki pratiksha rahegi
 

TheEndgame

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भाग 5


कौन हो तुम लोग और इतनी रात गए इधर क्या कर रहे हो ? मैंने देखा एक आदमी जो की उम्र में करीब मेरे जितना ही होगा, वो सामने खड़े आदमी को बोल रहा था .....यार मज़ा नहीं आया ,चलना एक बार और चलते हैं।

पुलिस के वर्दी में देख एक व्यक्ति मुझसे घबरा गया जो की शायद कम पिया हुआ था।

क क ... कुछ नही sir, हम तो बस यूं ही पास से ही शराब पीकर वापस लौट रहे थे। इसे थोड़ी पेसाब लगी थी तो उत्तर गया।
कौन है बे? जिसे तू सर बोल रहा है? उसकी इतनी धाक है क्या हमारे सामने? -सामने वाला आदमी अपनी जिप बंद करते हुए बोला।

अबे मुंह संभाल कर बात कर, पुलिस है?
क्या पुलिस ? उसने हड़बड़ाते हुए मेरी ओर देखा!

i am sorry sir, वो मैने देखा नहीं!

hmmm! अमीर बाप के बिगड़े औलाद लगते हो । इसे अच्छे से घर ले जाना और आइंदा से ऐसे पीकर सड़क में दिखाई दिए तो सीधे अंदर कर दूंगा। - "उन दोनो को चेतवानी देते हुए मैं बोला।*

दरवाज़ा खोलकर मैं अंदर घुसा तो देखा कोमल सोफे पर सो रही थी! शायद मेरी राह देखते देखते आंख लग गई होगी उसकी।

खैर मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और अपने बेडरूम में ले आया।
कितनी सुंदर दिख रही थी वो ! सोते हुए उसकी चेहरे आई तेज मानो जैसे किसी पहाड़ी पर बह रहे स्वच्छ जल के समान थी।
वाकई कुदरत ने उसे मानो काफी फुर्सत से बनाया था।

कभी कभी तो मुझे खुद अपनी किस्मत पर जलन होने लगती थी, आखिर इतनी सुंदर और सेक्सी बीवी मुझे कैसे मिल गई।
अब ऐसा नहीं था की मैं हैंडसम नहीं था पर उसकी सुंदरता के सामने मैं खुद को कम ही आंकता था।


मैं अपने खयालों में ही खोया हुआ था की अचानक से उसका फोन की स्क्रीन लाइट जलती हुई दिखाई दी मुझे ! यूं तो उसका फ़ोन मैं चेक कभी करता नहीं था। पर पता नहीं क्यों मैने फोन उठा लिया।
देखा उसमे किसी अनजाने नंबर से मैसेज आया हुआ था।
उसने सिर्फ okay लिख कर भेजा था।
मैने ऊपर स्क्रोल किया तो मुझे कोमल के द्वारा भेजे गए एक मैसेज दिखा! उसने लिखा था "मैं अगले हफ़्ते तक जॉब पर आने की कोशिश करूंगी"!

मेरा माथा ठनका ! आखिर इतनी जल्दी कोमल को जॉब करने की क्या जरूरत आन पड़ी?
फिर सोचा कोमल बड़े घराने से ताल्लुक रखती थी तो उसके लिए सिर्फ एक टिपिकल हाउसवाइफ बने रहना मुस्किल होता होगा।

कोमल ने मुझे पहले ही बता दिया था की वो भी जॉब करेगी अगर भविष्य में अवसर मिल पाया तो।

"अरे उठिए न! अभी तक उतरी नहीं क्या रात की?
कोमल बार बार अपने भींगे बालों की पानी को झटका देकर मेरे मुंह पर गिरा रही थी, शायद मैं कुछ ज्यादा ही सोया हुआ था।" अब पीने के बाद नींद तो अच्छी खासी आती हैं।

मैं आखिरकार उठा ! और उठते ही जो नजारा मुझे देखने को मिला ! उसके भींगे बाल जो उसने अपने गर्दन के दूसरे साइड से नीचे किए हुई थी! मेरी और झुकने के कारण उसकी साड़ी जो उसके बूब्स को ढंकने का काम करती थी वो नीचे बेड पर आ चुकी थी। हल्के पीले रंग की ब्लाउज जो की शायद उसके भींगे बालों से थोड़ी भींग गई थी, वो ब्लाउज भी अपने अंदर की लाल ब्रा को छिपा पाने में असमर्थ हो रही थी।
ऊपर से लगभग छह इंच लंबा क्लीवेज जो मेरे सामने उजागर हो रही थी । जिसमे से उसकी चूचियां जैसे मानो बाहर आने को अमातुर थी ।

बार बार अपने बालों को झटका देने की वजह से उसकी चूचियां हिलोरे मार रही थी।

मुझसे रहा नहीं गया और तुरंत मैने उन्हे दबोच लिया। अचानक हुए इस हमले से वो उछल पड़ी और मुझसे छुटकारा पाने के लिए कसमसने लगी ।

"छोड़िए मुझे ! सुबह सुबह उठते ही शुरू हो गए। "

चेहरे पर आई बालों के कारण मेरी पकड़ थोड़ी ढीली हो गई और वो मुझसे बच निकलने में कामयाब हो गई।

जैसे ही वो थोड़ा दरवाजे तक पहुंची ,मेरी नजर उसके स्लीवलेस- बैकलेस डिप नेक ब्लाउज जिसमे उसकी गोरी पीठ उजागर हो रही थी पर पड़ी।

अब तो मुझसे बर्दास्त कर पाना नहीं हो पाया। और उठते ही मैने उसे फिर से दबोच लिया।

मेरे दबोचने से उसके मुंह से आह निकल गई।
डार्लिंग क्या सेक्सी लग रही हो तुम ,इस वक्त। उसके गर्दन पर चुम्बनो की बरसात कर दी मैने!

आखिरकार उसकी सब्र का बांध भी टूटने लगा ,और मुख से सिसकारियां निकलने लगी।
कितनी तेजी से मैने उसके अंग की एक एक वस्त्र को निकालने लगा इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की जहां उसके शरीर कपड़े के नाम पर अब सिर्फ ब्रा ही रह गई थी !
और वो अभी तक केवल मेरी ऊपर की गंजी को निकाल पाने में सफल हुई थी। इस पूरे प्रकरण में मैने अपने होंठो को उसके होंठो से अलग नहीं होने दिया ।

आखिरकार जब सांस लेने में मुश्किल होने लगी तो हम अलग हुए ! आधे मिनट में ही हमारे सारे वस्त्र जमीन पर थे । मैं उसकी गीली चूत के दाने को चूसने के साथ साथ एक उंगली भी तेजी से घुसाए निकाल बाहर कर रहा था ।

जानू प्लीज अब बर्दास्त नहीं होता। जल्दी से अंदर डालो । आह आह ! नहीं प्लीज ! हाय राम।

उसकी गीली योनि जो भट्टी की तरह तप रही थी इस वक्त।

अपने ऊपर ताकत से उसने मुझे अपनी योनि से हटाया और मुझे नीचे ले लिया। मुझे संभलने का भी समय नहीं मिला और वो अपनी चूत के मुहाने को मेरे लिंग से सटाकर अंदर लेने लगी।
कुछ ही देर में कमरे में ही हम दोनो की सिसकारियों की आवाजे गूंजने लगी।
पूरा कमरा जैसे उसकी आंहो से भरने लगा ।

*बेबी और तेजी से आह! मैं आने वाली हुं। " आह ओह.....ummm maaaa....

बेबी मैं भी आने वाला हुं। " yes ohhh my God!

उसके ऊपर चढ़ा मैं उसके होंठो को चूसने लगा।
मेरा पीठ थपथपाते हुए वो मुझे अपने आगोश में लेने लगी।

"Hello! कैसे है भैया? चाचा चाची कैसे है? "

"हम सब ठीक है! एक खुसखबरी है !"

क्या खुशखबरी? कैसी खुशखबरी?
तेरी भाभी की नौकरी लग गई है ब्यूटीशियन की ? वो भी एक अच्छी कंपनी में! और बात ये है की तेरे ही शहर में लगी है नौकरी!

ये तो बहुत ही खुशी की बात है भैया! मुबारक हो आपको।
thanks , छोटे!

*पर चाचा चाची फिर अकेले हो जायेंगे! " मैं थोड़ा घबराते हुए बोला।

चिंता की बात नही है छोटे ,पिताजी जल्दी ही दुकान को किसी ईमानदार को सौंपकर तेरे ही शहर में आ जाएंगे।

तब ठीक है भैया! जब आइएगा तो मुझे बता दीजिएगा।

उर्मिला भाभी को ब्यूटीशियन का शौक काफी पहले से ही था । उन्होंने एक स्पेशल कोर्स भी किया था इसका । शायद उनकी मेहनत रंग लाई । कॉल रखते ही मैं सोचने लगा।

ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग.....i कई बार दरवाज़े की बेल बजी जा रही थी।

"अजी सुनते हो ! दरवाजा तो खोलो! किधर हो आप? मैं यहां किचन में हुं? मेरी बीवी चिल्ला रही थी!

मेरी तंदभद्रा टूटी ! हां हां खोलता हूं! "

दरवाजा खोलते ही मैं चौंका ?






 
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उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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भाग 5


कौन हो तुम लोग और इतनी रात गए इधर क्या कर रहे हो ? मैंने देखा एक आदमी जो की उम्र में करीब मेरे जितना ही होगा, वो सामने खड़े आदमी को बोल रहा था .....यार मज़ा नहीं आया ,चलना एक बार और चलते हैं।

पुलिस के वर्दी में देख एक व्यक्ति मुझसे घबरा गया जो की शायद कम पिया हुआ था।

क क ... कुछ नही sir, हम तो बस यूं ही पास से ही शराब पीकर वापस लौट रहे थे। इसे थोड़ी पेसाब लगी थी तो उत्तर गया।
कौन है बे? जिसे तू सर बोल रहा है? उसकी इतनी धाक है क्या हमारे सामने? -सामने वाला आदमी अपनी जिप बंद करते हुए बोला।

अबे मुंह संभाल कर बात कर, पुलिस है?
क्या पुलिस ? उसने हड़बड़ाते हुए मेरी ओर देखा!

i am sorry sir, वो मैने देखा नहीं!

hmmm! अमीर बाप के बिगड़े औलाद लगते हो । इसे अच्छे से घर ले जाना और आइंदा से ऐसे पीकर सड़क में दिखाई दिए तो सीधे अंदर कर दूंगा। - "उन दोनो को चेतवानी देते हुए मैं बोला।*

दरवाज़ा खोलकर मैं अंदर घुसा तो देखा कोमल सोफे पर सो रही थी! शायद मेरी राह देखते देखते आंख लग गई होगी उसकी।

खैर मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और अपने बेडरूम में ले आया।
कितनी सुंदर दिख रही थी वो ! सोते हुए उसकी चेहरे आई तेज मानो जैसे किसी पहाड़ी पर बह रहे स्वच्छ जल के समान थी।
वाकई कुदरत ने उसे मानो काफी फुर्सत से बनाया था।

कभी कभी तो मुझे खुद अपनी किस्मत पर जलन होने लगती थी, आखिर इतनी सुंदर और सेक्सी बीवी मुझे कैसे मिल गई।
अब ऐसा नहीं था की मैं हैंडसम नहीं था पर उसकी सुंदरता के सामने मैं खुद को कम ही आंकता था।


मैं अपने खयालों में ही खोया हुआ था की अचानक से उसका फोन की स्क्रीन लाइट जलती हुई दिखाई दी मुझे ! यूं तो उसका फ़ोन मैं चेक कभी करता नहीं था। पर पता नहीं क्यों मैने फोन उठा लिया।
देखा उसमे किसी अनजाने नंबर से मैसेज आया हुआ था।
उसने सिर्फ okay लिख कर भेजा था।
मैने ऊपर स्क्रोल किया तो मुझे कोमल के द्वारा भेजे गए एक मैसेज दिखा! उसने लिखा था "मैं अगले हफ़्ते तक जॉब पर आने की कोशिश करूंगी"!

मेरा माथा ठनका ! आखिर इतनी जल्दी कोमल को जॉब करने की क्या जरूरत आन पड़ी?
फिर सोचा कोमल बड़े घराने से ताल्लुक रखती थी तो उसके लिए सिर्फ एक टिपिकल हाउसवाइफ बने रहना मुस्किल होता होगा।

कोमल ने मुझे पहले ही बता दिया था की वो अपनें भी जॉब करेगी अगर भविष्य में अवसर मिल पाया तो।

"अरे उठिए न! अभी तक उतरी नहीं क्या रात की?
कोमल बार बार अपने भींगे बालों की पानी को झटका देकर मेरे मुंह पर गिरा रही थी, शायद मैं कुछ ज्यादा ही सोया हुआ था।" अब पीने के बाद नींद तो अच्छी खासी आती हैं।

मैं आखिरकार उठा ! और उठते ही जो नजारा मुझे देखने को मिला ! उसके भींगे बाल जो उसने अपने गर्दन से के दूसरे साइड से नीचे किए हुई थी! मेरी और झुकने के कारण उसकी साड़ी जो उसके बूब्स को ढंकने का काम करती थी वो नीचे बेड पर आ चुकी थी। हल्के पीले रंग की ब्लाउज जो की शायद उसके भींगे बालों से थोड़ी भींग गई थी, वो ब्लाउज भी अपने अंदर की लाल ब्रा को छिपा पाने में असमर्थ हो रही थी।
ऊपर से लगभग छह इंच लंबा क्लीवेज जो मेरे सामने उजागर हो रही थी । जिसमे से उसकी चूचियां जैसे मानो बाहर आने को अमातुर थी ।

बार बार अपने बालों को झटका देने की वजह से उसकी चूचियां हिलोरे मार रही थी।

मुझसे रहा नहीं गया और तुरंत मैने उन्हे दबोच लिया। अचानक हुए इस हमले से वो उछल पड़ी और मुझसे छुटकारा पाने के लिए कसमसने लगी ।

"छोड़िए मुझे ! सुबह सुबह उठते ही शुरू हो गए। "

चेहरे पर आई बालों के कारण मेरी पकड़ थोड़ी ढीली हो गई और वो मुझसे बच निकलने में कामयाब हो गई।

जैसे ही वो थोड़ा दरवाजे तक पहुंची ,मेरी नजर उसके स्लीवलेस- बैकलेस डिप नेक ब्लाउज जिसमे उसकी गोरी पीठ उजागर हो रही थी पर पड़ी।

अब तो मुझसे बर्दास्त कर पाना नहीं हो पाया। और उठते ही मैने उसे फिर से दबोच लिया।

मेरे दबोचने से उसके मुंह से आह निकल गई।
डार्लिंग क्या सेक्सी लग रही हो तुम ,इस वक्त। उसके गर्दन पर चुम्बनो की बरसात कर दी मैने!

आखिरकार उसकी सब्र का बांध भी टूटने लगा ,और मुख से सिसकारियां निकलने लगी।
कितनी तेजी से मैने उसके अंग की एक एक वस्त्र को निकालने लगा इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की जहां उसके शरीर कपड़े के नाम पर अब सिर्फ ब्रा ही रह गई थी !
और वो अभी तक केवल मेरी ऊपर की गंजी को निकाल पाने में सफल हुई थी। इस पूरे प्रकरण में मैने अपने होंठो को उसके होंठो से अलग नहीं होने दिया ।

आखिरकार जब सांस लेने में मुश्किल होने लगी तो हम अलग हुए ! आधे मिनट में ही हमारे सारे वस्त्र जमीन पर थे । मैं उसकी गीली चूत के दाने को पर चूसने के साथ साथ एक उंगली भी तेजी से घुसाए निकाल बाहर कर रहा था ।

जानू प्लीज अब बर्दास्त नहीं होता। जल्दी से अंदर डालो । आह आह ! नहीं प्लीज ! हाय राम।

उसकी गीली योनि जो भट्टी की तरह तप रही थी इस वक्त।

अपने ऊपर ताकत से उसने मुझे अपनी योनि से हटाया और मुझे नीचे ले लिया। मुझे संभलने का भी समय नहीं मिला और वो अपनी चूत के मुहाने को मेरे लिंग से सटाकर अंदर लेने लगी।
कुछ ही देर में कमरे में ही हम दोनो की सिसकारियों की आवाजे गूंजने लगी।
पूरा कमरा जैसे उसकी आंहो से भरने लगा ।

*बेबी और तेजी से आह! मैं आने वाली हुं। " आह ओह.....ummm maaaa....

बेबी मैं भी आने वाला हुं। " yes ohhh my God!

उसके ऊपर चढ़ा मैं उसके होंठो को चूसने लगा।
मेरा पीठ थपथपाते हुए वो मुझे अपने आगोश में लेने लगी।

"Hello! कैसे है भैया? चाचा चाची कैसे है? "

"हम सब ठीक है! एक खुसखबरी है !"

क्या खुशखबरी? कैसी खुशखबरी?
तेरी भाभी की नौकरी लग गई है ब्यूटीशियन की ? वो भी एक अच्छी कंपनी में! और बात ये है की तेरे ही शहर में लगी है नौकरी!

ये तो बहुत ही खुशी की बात है भैया! मुबारक हो आपको।
thanks , छोटे!

*पर चाचा चाची फिर अकेले हो जायेंगे! " मैं थोड़ा घबराते हुए बोला।

चिंता की बात नही है छोटे ,पिताजी जल्दी ही दुकान को किसी ईमानदार को सौंपकर तेरे ही शहर में आ जाएंगे।

तब ठीक है भैया! जब आइएगा तो मुझे बता दीजिएगा।

उर्मिला भाभी को ब्यूटीशियन का शौक काफी पहले से ही था । उन्होंने एक स्पेशल कोर्स भी किया था इसका । शायद उनकी मेहनत रंग लाई । कॉल रखते ही मैं सोचने लगा।

ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग.....i कई बार दरवाज़े की बेल बजी जा रही थी।

"अजी सुनते हो ! दरवाजा तो खोलो! किधर हो आप? मैं यहां किचन में हुं? मेरी बीवी चिल्ला रही थी!

मेरी तंदभद्रा टूटी ! हां हां खोलता हूं! "

दरवाजा खोलते ही मैं चौंका ?






बढ़िया जा रहे हो भाई, लेकिन अभी कहानी को कुछ खोलने का टाइम आ गया है। 5 अपडेट में भी कुछ जानकारी मिली नही है अभी तक।
 

TheEndgame

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बढ़िया जा रहे हो भाई, लेकिन अभी कहानी को कुछ खोलने का टाइम आ गया है। 5 अपडेट में भी कुछ जानकारी मिली नही है अभी तक।
हां जल्द ही कहानी और भी पारदर्शी करूंगा। धन्यवाद।
 

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Bahut hi badhiya updates he dono ki dono TheEndgame Bro,

Ye murder mystery to badhti hi ja rahi he.........pehle ek murder hua fir dusra...............aur dono murder karne wala gang bhi ek hi he.......

Agli update ki pratiksha rahegi
धन्यवाद भाई! Just stay connected
 
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भाग 6

आपको कैसे पता चला की हम यहीं रहते हैं? ..... सामने खड़े इंस्पेक्टर जाधव से मैने पूछा!

अरे भूलों मत की मैं तुमसे पहले से ही यहां रहता हूं, अब सरकार पुलिस वालों को कहां रखती हैं इसकी जानकारी हमें नहीं रहेगी तो और किसे रहेगी भला? ....जाधव मेरी दुविधा को दूर करते हुए थोड़ा हंसते हुए बोला।

पर सर!
अरे सारी बातें यहीं कर लोगे या हमे अंदर भी बुलाओगे? पीछे से जाधव की बीवी सामने आते हुए बोली।

ओह! माफ करना मैडम जी! जरूर आइए न अंदर !
जाधव की बीवी क्या लग रही थी इस वक्त! पूरी की पूरी सेक्स बॉम्ब थी।
उम्र के हिसाब से वो उनतीस से तीस के आसपास की होगी । जाधव के अनुसार उसकी बीवी एक ब्यूटी पार्लर चलाती थी तो जाहिर सी बात है की शरीर को कैसे मेंटेन रखना है ये उसे बखूबी आता होगा।

गोरे गोरे चेहरे पर वो हलकी लिपस्टिक जो धूप में चमक रही थी।
एक पल के लिए तो मानो मेरा भी ईमान डोल गया था।

अरे कोमल जल्दी आवो! वो जो इंस्पेक्टर जाधव के बारे में बताया था न मैने सुबह वो आए हैं और साथ में मिसेज जाधव भी आई है। ...." मैने अपनी बीवी को आवाज देते हुए बोला।

नमस्ते जाधव सर! इतना ही बोली थी मेरी बीवी को वो और जाधव दोनो ही एक साथ बोल उठे " आप यहां"!

उनके साथ साथ मैं और मिसेज जाधव भी चौंक पड़े! आखिर माजरा क्या है भाई?

आप दोनो एक दूसरे को जानते हो? मैं चौंकते हुए बोला?

"हां! जी ये मुझे कॉलेज की एक cultural program के समय में मिले थे।"
मतलब? मैं थोड़ा हैरान होते हुए बोला!

"मैं बताता हूं अजय! दरअसल आपके एरिया के मंत्री जी एक cultural program के उदघाटन समारोह में आपकी बीवी के कॉलेज गए थे।
और मुझे ड्यूटी दी गई थी उस वक्त उनकी सुरक्षा की! आपकी बीवी उस प्रोग्राम को होस्ट कर रही थी तो इसी क्रम में हमारी जान पहचान हो गई थी। बड़ी तेज है आपकी बीवी .... अब मेरा मतलब है की होंसियार है। .... जाधव मेरी दुविधा को समाप्त करते हुए बोला।


ओह! ये तो वाकई एतेफाक ही हो गया फिर..... थोड़ी हैरानी से बोला मैं।

उसके बाद बातों का सिलसिला चालू हो गया। जाधव की बीवी ' साधना ' कोमल को ब्यूटी टिप्स देने लगी !

इधर मेरी और जाधव की की बातचीत होने लगी मेरी बालकनी में। उन खूनोंं के बारे में जिक्र करने पर जाधव मुझे इन सब चक्करों में न ही पड़ने की हिदायत देने लगे।
बोलने लगे की किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई अभी तक।

इसी क्रम में मुझे जोरो से पेशाब लगी तो मैं वाशरूम चला गया।

थोड़ी देर में आने के बाद देखता हूं तो जाधव मेरी बीवी से बातें करने लगा था। तीनों ही अपनी बातों में मशगूल थे पर मैंने एक बार नोटिस की , जाधव की नजर बार बार मेरी बीवी की क्लीवेज पर चली जाती थी और बड़ी चालाकी से वो अपनी इस चोर नजर को अपनी बीवी से छुपा पाने में कामयाब भी हो गया था।

मैं भी थोड़ी देर बाद उनके समक्ष हाजिर हो जाता हुं। हालांकि मेरी नज़रे भी कहीं न कहीं जाधव की बीवी पर चली जाती थी।

"जान कैसे ताड़ रहा थे जाधव सर तुम्हे? तुमने ध्यान दिया की नहीं?
बिलकुल दिया ! काफी ठरकी लगता हैं! पर इतनी सुंदर बीवी है तो है ही उनकी !
अरे हां! तुम्हारी भी तो नज़रे उनकी बीवी पर टिकी थी!
क्यों इंस्पेक्टर साहब? कोमल कुटिल मुस्कान लेते हुए बोली। "

मेरी नज़रे संभवत: ही झुक गई।
"कितनी चालू है मेरी जान ! सबकी आंखे एक बार में ही पढ़ लेती हैं! "

उसकी नज़रे तुम्हारी इन गोरी गोरी चूचियों पर तो जैसे टिक ही गई थी! मैने कोमल को दबोचते हुए बोला।

आह! तुम्हे जलन हो रही है क्या? इठलाते हुए बोली वो?

नहीं जान मुझे क्यों जलन होंगी? मैं तो तुमसे प्यार करता हुं और तुम मुझसे!

हां ये बात तो है पर आपका ये छोटा इंस्पेक्टर खड़ा क्यों हो गया है?

अब वो इंस्पेक्टर ऐसे ताड़ रहा था तो उसकी बीवी को मैं भी ताड़े बिना रह नही पाया। उसकी याद में हो सकता है की खड़ा हो गया हो।

आह ! थोड़ा आराम से जी! कहीं भागी थोड़ी ना जा रही हूं। पलक झपकते ही तन के सारे कपड़े निकल चुके थे और हम संभोग क्रिया में एक बार फिर लिप्त हो गए।

बाप रे ! थोड़ा धीरे जी! आज तो काफी जोश में हो आप! जाधव सर के कारण !

डार्लिंग तुम्हारी भी तो चूत काफी गीली है उनकी बातें सुनकर!
अब तुम बार बार ऐसे गैर मर्द के बारे में बोलोगे तो यही न होगा। आखिर मैं भी इंसान हूं।

ऐसी संभोग शायद हमने पहली बार किया था शादी के बाद। शरीर की सारी ऊर्जा मानो खत्म हो गई थी।

रात के उस सुनसान गली में! जहां अगर शायद कोई अगर कोई सामान्य इंसान अगर किसी कुत्ते को भी देख ले तो शायद हार्ट अटैक आ जाए उसे!
ऐसी सुनसान जगह पर दो आदमी काले कोट और चेहरे पर काली मास्क पहने इस वक्त किसी के आने का इंतजार कर रहे थे।

अबे कब आयेगा वो हरामखोर' पवन '! एक ने दूसरे को पूछते हुए बोला।
अरे भाई आ जायेगा ! आखिर बचके जायेगा कहां ! ऐसी चीज है उसको हमारे पास की एक बार वायरल कर दिया तो किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा।
एक जानवर की हंसी हंसने लगे वो दोनो।

भोंसड़ी के ! इतना समय लगाता है कोई भला? लगता है तुझे अपनी इज्जत नहीं प्यारी?
"मुझे माफ करो दो ! प्लीज ! दरअसल सबके सोने का इंतजार कर रहा था!

बेचारा पवन अपनी माथे पर आई पसीने को पोछते हुए उनसे विनती करने लगा।"

जल्दी से बता अब अपने दूसरे साथियों को कब ला रहे हो अड्डे पर?
जल्द ही लाऊंगा !
जल्द ही नहीं बे कल से ही लाना शुरू कर ! अगर तू अपने कॉलेज के सभी साथियों को एक एक करके लाता रहेगा तो बेशक हम तेरी वो कमजोरी किसी को नहीं दिखाएंगे।

हेलो! हां बोलो वरुण?
क्या ये क्या बोल रहा है तु?


 
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TheEndgame

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भाग 7


वरुण - सर , चक्रवर्ती सर का कॉल आया था ! कह रहे थे की मंत्री जी के घर के पास उनके बॉडीगार्डस ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को देखा था।
पीछा करने पर वो सड़क पर एक कागज का टुकड़ा फेंक गए थे जिसमे लिखा था की आने वाली जन्मदिन मंत्री की आखरी जन्मदिन होगी।
बचा पाओगे तो बचालो"!

मैं - यार चक्रवर्ती सर( डीएसपी) कब आए ,वो भी तो छुट्टी पर थे न?

"सर कल शाम को ही वो आ गए थे जब उन्हें मंत्री जी का कॉल आया था।" - वरुण बोला।

ठीक है वरुण मैं अभी आ रहा हूं!

घर से निकलने के क्रम में मैने फिर से उस आदमी को देखा जो मुझे देखते ही अपनी साइकिल उठाके भाग खड़ा हो गया!
आसपास के लोगों ने बताया था की ये किसी को भी देखने पर ऐसा ही करता है ! खैर मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया !

"नमस्ते सर - कैसे है आप? मैंने डीएसपी ,चक्रवर्ती सर की ओर अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा!"


' मैं तो पूरा वैसा का वैसा ही हूं जैसा तुमने मुझे देखा था अजय*!

और हां ! वरुण ने मुझे उन दो संदिग्ध मौतों के बारे में भी बता दिया है !
उनका भी अपने स्तर से ध्यान दो! कुछ रहे तो मुझे बताओ!

बिलकुल सर!

**रात के अंधेरे में मैं और वरुण दोनो ही उस सुनसान गली में थे जहां से मंत्री जी का घर करीबन सौ मीटर ही होगा।

"यार वरुण ये मंत्री इतनी सुनसान जगह पर घर क्यों बनाया है?
आसपास इक्का दुक्का ही घर है ! शहर से काफी अंदर और हटके?"

"सर चक्रवर्ती सर बता रहे थे की वो बड़े ही रहस्मयी किस्म के इंसान है ! "

अरे यार 12 बजने को आएं है और उन दो अज्ञात लोगों का कोई अता पता नहीं?

थोड़ी देर और रुकते है सर!


"सीसीटीवी फुटेज तो यही घर की गली को दिखा रही थी! शायद अब आने ही वाले हो वो!"

यार मंत्री तो काफी चालक निकला ! इस खंडहर पड़े घर में भी सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं!
अगर हमारा अंदाजा सही निकला तो वो जरूर आज भी यहां आयेंगे ! अब कैमरे में तो उनको हर दिन देखा गया है!

वरुण तैयार हो ना ! और अपने हवलदारों को भी मैसेज भेज दो ! उनकी गाड़ी को लाइट जल रही है वो पहुंचने वाले है!

वरुण जब मैं बोलूं तो शूट कर देना ! सोचा था इनको जिंदा पकड़ेंगे पर शायद एक को मरना ही पड़ेगा! हमने तो ध्यान ही नहीं दिया ! वो लोग जहां पे खड़े है वहां से मंत्री जी की रूम को खिड़की साफ दिख रही है! उनके गन भी काफी नए जान पड़ते है!


वरुण shoot now! एक तो वहीं ढेर हो गया। और दूसरा जब अपने साथी को मरते देख मंत्री जी पर अपनी गन तानी तो उसे हवालादारो ने उड़ा दिया। दोनो के दोनो ढेर हो गए थे।


क्यों बे? पहले उस सुनसान इलाके में उस आदमी को मारा और फिर हो ना हो बूढ़े को भी तुमने ही मारा होगा ,आखिर दोनो के शरीर से एक जैसा ही गोली पाया गया था। मैने उनके चेहरे से काले मास्क को हटाते हुए बोला।

उनमें से एक अभी भी अपनी अंतिम सांसे गिन रहा था? मंत्री जी को टपकाने चले थे! मैं बोला
ब बताओ क्या वजह थी उन पर हमला करने की?


आप जैसा सोच रहे हैं वैसा.....इतना ही बोल पाया की उसने भी दम तोड़ दिया।

*"बहुत शानदार अजय और वरुण ! मंत्री जी ने कल तुम दोनो को आमंत्रित किया है अपने पार्टी में!


मैं तो निकल रहा हूं मुंबई ! वरना रुक जाता "


"जानू ! यहां के मंत्री जी ने कल शाम को पार्टी दी है अपने जन्मदिन की! हमे चलना होगा! तैयार रहना! मैं लेने आऊंगा!* ....घर पहुंचते ही मैने कोमल को ये बात बताई!

क्या नाम है मंत्री जी का? - वो पूछी!


श्यामलाल नाम है!

क्या श्यामलाल ? वो चौंकते हुए बोली!
"अरे हां श्यामलाल ही नाम है ! इसमें इतना चौंकेने वाली क्या बात है? "

यही तो आए थे हमारे उस प्रोग्राम में!
अब चौंकाने की बात मेरी थी!
क्या सच में ?

हां जी! सच में यही थे!

चलो फिर दुबारा मिल लेना उनसे ! मैं भी तो देखूं कैसा है ये मंत्री!

अच्छे आदमी है वो! इतना तो जानती हूं!


ओह ! अच्छा! कोई नही!

शाम रंगीन थी। मैं और मेरी बीवी दोनो मंत्री जी के स्पेशल पार्टी में पहुंच चुके थे! शराब की बोतले तोड़ी जा रही थी ! एक स्पेशल कॉर्नर भी था जहां कुछ लड़कियां छोटे छोटे कपड़े पहन कर नाच रही थी। चकाचौंध रौशनी में जगमगाया हुआ वो मंत्री का हॉल!
कई अमीर लोग सूट बूट में आए हुए थे !
शायद अमीरों को अपने पैसे उड़ाने का कोई गम नहीं रहता !

जाधव और उसकी बीवी भी आई थी साथ में!
हमे देखते ही वो हमारे पास चले आए! मैं फिर से एक बारे जाधव की सेक्सी बीवी को ताड़ने लगा।

"अरे इंस्पेक्टर अजय ! शाबाश ! बड़े बहादुर और होशियार लगते हो तुम! तुम नहीं होते तो शायद हम आज यहां अपनी जन्मदिन की पार्टी न दे रहे होते! मंत्री जी अपनी हाथ को मेरी और बढ़ाते हुए बोले!"

अरे नहीं मंत्री जी ये तो मेरा फर्ज था। आखिर पुलिस वाला जो हुं। मैं बोला!

बहुत खुद्दारी है तुम में! बढ़िया है ! मंत्री बोला।

मंत्री जी अपने आदमियों से बोलकर हमें शराब ऑफर करने लगे।

हम सभी शराब की जाम पीते पीते पार्टी इंजॉय करने लगे।


पार्टी पूरे शबाब पर थी। आधे से ज्यादा लोग नशे में धुत कॉर्नर में डांस करने वाली उन लड़कियों के पास जा पहुंचे । उन सबके चेहरे पर मानो वासना का भूत सवार था।
कुछ की बीवियां दूसरे मर्दों के साथ डांस करने लग गई।

पता नहीं शराब में ऐसा क्या मिला हुआ था या शराब ही मानो किस खास पदार्थ से बनी हुई थी। शराब का नशा मुझ पर काफी तेजी से चढ़ता जा रहा था।

के तभी मैने देखा मेरी बीवी इंस्पेक्टर जाधव के साथ डांस कर रही थी। और मुझे इशारे दे रही थी। मुझे इतनी जलन होने लगी की मानो उसका गुस्सा मैं शराब पर निकाल रहा था।

अभी कुछ ही देर पहले जाधव ने मुझसे इजाजत मांगी थी ।
इधर जाधव की बीवी मुझसे लिपट रही थी।

शराब का नशा ऐसा था की सोचने समझने की क्षमता मानो खत्म हो रही थी मेरी।

किसी तरह जाधव की बीवी को साइड करके मैने धुंधली आंखो से देखा तो पाया मेरी बीवी अब मंत्री जी के बाहों में लिपटी हुई डांस करने में व्यस्त थी।

मैं आगे बढ़कर कुछ कर पाता इस से पहले ही देखा की मेरी बाहों में मेरी बीवी थी।


दिमाग मानो सुन पड़ गया था मेरा। आखिर ये हो क्या रहा है मेरे साथ।





 

Ajju Landwalia

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भाग 7


वरुण - सर , चक्रवर्ती सर का कॉल आया था ! कह रहे थे की मंत्री जी के घर के पास उनके बॉडीगार्डस ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को देखा था।
पीछा करने पर वो सड़क पर एक कागज का टुकड़ा फेंक गए थे जिसमे लिखा था की आने वाली जन्मदिन मंत्री की आखरी जन्मदिन होगी।
बचा पाओगे तो बचालो"!

मैं - यार चक्रवर्ती सर( डीएसपी) कब आए ,वो भी तो छुट्टी पर थे न?

"सर कल शाम को ही वो आ गए थे जब उन्हें मंत्री जी का कॉल आया था।" - वरुण बोला।

ठीक है वरुण मैं अभी आ रहा हूं!

घर से निकलने के क्रम में मैने फिर से उस आदमी को देखा जो मुझे देखते ही अपनी साइकिल उठाके भाग खड़ा हो गया!
आसपास के लोगों ने बताया था की ये किसी को भी देखने पर ऐसा ही करता है ! खैर मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया !

"नमस्ते सर - कैसे है आप? मैंने डीएसपी ,चक्रवर्ती सर की ओर अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा!"


' मैं तो पूरा वैसा का वैसा ही हूं जैसा तुमने मुझे देखा था अजय*!

और हां ! वरुण ने मुझे उन दो संदिग्ध मौतों के बारे में भी बता दिया है !
उनका भी अपने स्तर से ध्यान दो! कुछ रहे तो मुझे बताओ!

बिलकुल सर!

**रात के अंधेरे में मैं और वरुण दोनो ही उस सुनसान गली में थे जहां से मंत्री जी का घर करीबन सौ मीटर ही होगा।

"यार वरुण ये मंत्री इतनी सुनसान जगह पर घर क्यों बनाया है?
आसपास इक्का दुक्का ही घर है ! शहर से काफी अंदर और हटके?"

"सर चक्रवर्ती सर बता रहे थे की वो बड़े ही रहस्मयी किस्म के इंसान है ! "

अरे यार 12 बजने को आएं है और उन दो अज्ञात लोगों का कोई अता पता नहीं?

थोड़ी देर और रुकते है सर!


"सीसीटीवी फुटेज तो यही घर की गली को दिखा रही थी! शायद अब आने ही वाले हो वो!"

यार मंत्री तो काफी चालक निकला ! इस खंडहर पड़े घर में भी सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं!
अगर हमारा अंदाजा सही निकला तो वो जरूर आज भी यहां आयेंगे ! अब कैमरे में तो उनको हर दिन देखा गया है!

वरुण तैयार हो ना ! और अपने हवलदारों को भी मैसेज भेज दो ! उनकी गाड़ी को लाइट जल रही है वो पहुंचने वाले है!

वरुण जब मैं बोलूं तो शूट कर देना ! सोचा था इनको जिंदा पकड़ेंगे पर शायद एक को मरना ही पड़ेगा! हमने तो ध्यान ही नहीं दिया ! वो लोग जहां पे खड़े है वहां से मंत्री जी की रूम को खिड़की साफ दिख रही है! उनके गन भी काफी नए जान पड़ते है!


वरुण shoot now! एक तो वहीं ढेर हो गया। और दूसरा जब अपने साथी को मरते देख मंत्री जी पर अपनी गन तानी तो उसे हवालादारो ने उड़ा दिया। दोनो के दोनो ढेर हो गए थे।


क्यों बे? पहले उस सुनसान इलाके में उस आदमी को मारा और फिर हो ना हो बूढ़े को भी तुमने ही मारा होगा ,आखिर दोनो के शरीर से एक जैसा ही गोली पाया गया था। मैने उनके चेहरे से काले मास्क को हटाते हुए बोला।

उनमें से एक अभी भी अपनी अंतिम सांसे गिन रहा था? मंत्री जी को टपकाने चले थे! मैं बोला
ब बताओ क्या वजह थी उन पर हमला करने की?


आप जैसा सोच रहे हैं वैसा.....इतना ही बोल पाया की उसने भी दम तोड़ दिया।

*"बहुत शानदार अजय और वरुण ! मंत्री जी ने कल तुम दोनो को आमंत्रित किया है अपने पार्टी में!


मैं तो निकल रहा हूं मुंबई ! वरना रुक जाता "


"जानू ! यहां के मंत्री जी ने कल शाम को पार्टी दी है अपने जन्मदिन की! हमे चलना होगा! तैयार रहना! मैं लेने आऊंगा!* ....घर पहुंचते ही मैने कोमल को ये बात बताई!

क्या नाम है मंत्री जी का? - वो पूछी!


श्यामलाल नाम है!

क्या श्यामलाल ? वो चौंकते हुए बोली!
"अरे हां श्यामलाल ही नाम है ! इसमें इतना चौंकेने वाली क्या बात है? "

यही तो आए थे हमारे उस प्रोग्राम में!
अब चौंकाने की बात मेरी थी!
क्या सच में ?

हां जी! सच में यही थे!

चलो फिर दुबारा मिल लेना उनसे ! मैं भी तो देखूं कैसा है ये मंत्री!

अच्छे आदमी है वो! इतना तो जानती हूं!


ओह ! अच्छा! कोई नही!

शाम रंगीन थी। मैं और मेरी बीवी दोनो मंत्री जी के स्पेशल पार्टी में पहुंच चुके थे! शराब की बोतले तोड़ी जा रही थी ! एक स्पेशल कॉर्नर भी था जहां कुछ लड़कियां छोटे छोटे कपड़े पहन कर नाच रही थी। चकाचौंध रौशनी में जगमगाया हुआ वो मंत्री का हॉल!
कई अमीर लोग सूट बूट में आए हुए थे !
शायद अमीरों को अपने पैसे उड़ाने का कोई गम नहीं रहता !

जाधव और उसकी बीवी भी आई थी साथ में!
हमे देखते ही वो हमारे पास चले आए! मैं फिर से एक बारे जाधव की सेक्सी बीवी को ताड़ने लगा।

"अरे इंस्पेक्टर अजय ! शाबाश ! बड़े बहादुर और होशियार लगते हो तुम! तुम नहीं होते तो शायद हम आज यहां अपनी जन्मदिन की पार्टी न दे रहे होते! मंत्री जी अपनी हाथ को मेरी और बढ़ाते हुए बोले!"

अरे नहीं मंत्री जी ये तो मेरा फर्ज था। आखिर पुलिस वाला जो हुं। मैं बोला!

बहुत खुद्दारी है तुम में! बढ़िया है ! मंत्री बोला।

मंत्री जी अपने आदमियों से बोलकर हमें शराब ऑफर करने लगे।

हम सभी शराब की जाम पीते पीते पार्टी इंजॉय करने लगे।


पार्टी पूरे शबाब पर थी। आधे से ज्यादा लोग नशे में धुत कॉर्नर में डांस करने वाली उन लड़कियों के पास जा पहुंचे । उन सबके चेहरे पर मानो वासना का भूत सवार था।
कुछ की बीवियां दूसरे मर्दों के साथ डांस करने लग गई।

पता नहीं शराब में ऐसा क्या मिला हुआ था या शराब ही मानो किस खास पदार्थ से बनी हुई थी। शराब का नशा मुझ पर काफी तेजी से चढ़ता जा रहा था।

के तभी मैने देखा मेरी बीवी इंस्पेक्टर जाधव के साथ डांस कर रही थी। और मुझे इशारे दे रही थी। मुझे इतनी जलन होने लगी की मानो उसका गुस्सा मैं शराब पर निकाल रहा था।

अभी कुछ ही देर पहले जाधव ने मुझसे इजाजत मांगी थी ।
इधर जाधव की बीवी मुझसे लिपट रही थी।

शराब का नशा ऐसा था की सोचने समझने की क्षमता मानो खत्म हो रही थी मेरी।

किसी तरह जाधव की बीवी को साइड करके मैने धुंधली आंखो से देखा तो पाया मेरी बीवी अब मंत्री जी के बाहों में लिपटी हुई डांस करने में व्यस्त थी।

मैं आगे बढ़कर कुछ कर पाता इस से पहले ही देखा की मेरी बाहों में मेरी बीवी थी।


दिमाग मानो सुन पड़ गया था मेरा। आखिर ये हो क्या रहा है मेरे साथ।






Sabhi updates ek se badhkar ek he TheEndgame Bhai,

Komal jitni pativarta lagti he utni ho he nahi...............

Pehle jadhav ko pehle se janana for mantri ko bhi............

Koi na koi bada kaand kiya jarur he komal ne

Agli update ka inezar rahega Bhai
 
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Visgu

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Nice story
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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पुराने लोग मिल रहे हैं, रातें रंगीन हो रही हैं।

लगता है जिनको मारा गया वो कोई अपराधी नहीं थे बल्कि उनको फंसा कर मरवा दिया गया है।

बढ़िया अपडेट भाई।
 
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