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मॉम मेरी तरफ एक स्माइल देती है और फिर तुरंत ही अपनी साड़ी को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर ब्लाउज और पेटिकोट भी उतार देती है... अब वो रेड कलर की छोटी सी ब्रा और पेन्टी मे थि, जिसमे वो बहोत सेक्सी लग रही थी मे तुरंत ही उनकी कमर के पीछे अपना हाथ ले जाकर उन्हें अपनी तरफ खिंच लेता हु... अब में उनके होंठो को अपने होंठो मे भर कर चुस्ने लगता हु, माँ मेरी पीठ को अपने हाथों से सहला रही थी और अपने लेफ्ट हैंड से उनके लेफ्ट स्तन को जोकि आधे से ज्यादा ब्रा से बाहर निकला हुआ था पकड़ कर मसलने लगता हूँ और दूसरा हाथ निचे उनकी चुत पर पेन्टी के ऊपर से ही रख कर मसलने लगता हु, उनकी चुत बहोत पनिया गई थी जिससे उनकी पेन्टी गिली हो गई थी... माँ अब मेरे होंठो को चुसते हुए अपना हाथ निचे ले जाती है और मेरे लंड को अपने हाथो मे लेकर मुठियाने लगती है... बसंती वहि पर खड़ी हुई अपनी हैरत भरी नजरो से हम माँ बेटे को देख रही थी...
ओर हम सबसे बेख़बर अपने मे खोये हुए थे, काफी देर तक हम एक दूसरे को किस करने के बाद हम अलग होते हैं हम दोनों की साँसे फूल रही थी और हम अपनी साँसे कण्ट्रोल करने लगते है तभी मुझे किसी का मुह अपने लंड पर महसूश होता है... मे नीचे देखता हूँ तो निचे बसंती बिलकुल नंगी बैठि हुई थी और वो मेरे लंड को अपने मुह मे भर कर चुस रही थी.... मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो लंड को मुह से बाहर निकल कर एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर टोपे पर अपनी जीभ फिरती है उसकी इस हरक़त से मेरे मुह से एक सिसकि निकल जाती है...
ओर जब मे माँ की तरफ देखता हूँ तो वो भी बसंती को ही देख रही थी और फिर वो मेरी तरफ देखति है मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर मेरी और देखते हुए बड़ी अदा से अपनी ब्रा को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर वो मुड जाती है अब उनकी पीठ मेरी तरफ थी और मेरी नजर उनके नितम्बो पर जाम जाती है, माँ की छोटी से पेन्टी उनके भारी नितम्बो को छुपाने मे पूर्णतया असमर्थ थी.. माँ पलट कर देखति है और मुझे अपने नितम्बो को देखता पाकर वो अपने हाथ से अपने नितम्ब पै थप्पड़ मारती है और फिर अपनी पेन्टी मे अपनी उंगलियाँ फसा कर वो आगे की और झुक जाती है जिससे उनके चुत्तड़ और उभार कर मेरे सामने आ जाते है... अब वो अपनी गर्दन पीछे करके मेरे चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन को देखते हुए अपनी पेन्टी धीरे धीरे निचे खिसकाने लगती है, और थोड़ा सा पेन्टी को खिसकाने के बाद वो अपने चूतडो को गोल गोल घुमने लगती है, अब वो अपने चूतडो को मटकाते हुए अपनी पेन्टी को निचे खिसका रही थि, और मे तो आँखे फाडे उनके इस शो को देख रहा था, उनकी हर अदा मुझ पर जुल्म ढा रही थी अब उनकी पेन्टी उनकी गांड से निचे आ गई थी और मे सोच लेता हूँ की इस मस्तानी गांड मे तो अपना लंड जरूर चोदना है....
एक तो माँ की अदायें और ऊपर से बसंती का मेरे लंड को चुसना मे अपने ऊपर से कण्ट्रोल खो देता हूँ और मेरा लंड एक के बाद एक पिचकारी बसन्ती के मुह मे छोडने लगता है जोकि बसंती पूरा पि जाती है... और मस्ती मे मेरी आँखें बंद हो जाती है...
अब बसंती मेरे लंड को चाट चाट कर साफ़ कर देती है और उधर माँ भी अपनी पेन्टी उतार कर फेक देती है और मेरी तरफ देख कर अपनी गांड मटकते हुए अपने रूम मे चलि जाती है...
माँ अपनी गांड मटकाते हुए कमरे मे चलि जाती है और मे भी बसंती को आने का इशारा करके उनके पीछे चल देता हूँ और बसंती भी मेरे साथ चल देती है....
हम दोनों रूम मे एंटर होते है... अंदर माँ नंगी ही अपने मुह मे अपनी ऊँगली लिये लेटी थी और अपने एक हाथ से अपनी चुत को सेहला रही थी... क्या लग रही थी माँ उस समय, कसम से एक सेक्स की देवी लग रही थी....
मै बेड पर पहुच कर उनके पैरों के बीच बैठ जाता हूँ और उनके हाथ को पकड़ कर उनकी चुत के रस मे भीगी उँगलियों को अपने मुह मे लेकर चूसता हूँ और फिर उनकी टाँगो को फैला कर अपना मुह उनकी चुत पर रख देता हु....
अब में माँ की चुत को अपने मुह मे भरकर चुस्ने लगता हूँ और जब्कि ऊपर बसंती माँ के पास आकर उनके होंठो को अपने होंठो मे भर लेती है और साथ ही साथ उनके मम्मो को मसलने लगती है.... थोड़ी देर चुत को चुस्ने और चाटने के बाद मे अब टाँगो के बीच बैठ जाता हूँ और अपना लंड माँ की चुत पर सेट करके एक जोर का शॉट मारता हूँ और मेरा आधे से ज्यादा लंड अब उनकी चुत की गहराई मे चला गया था बसंती के किस के कारन उनकी आवाजें बसंती के मुह मे ही दम तोड़ रही थि, पर फिर भी मुझे ऊऊह्ह्ह्हम्मम्मम्ह....यमममममम की आवाजें सुनाइ दे रही थी.... अब मे दूसरा शॉट मारकर अपना लंड पूरा अंदर कर देता हूँ और लंड को पूरा अंदर करके धक्के लगाने लगता हु..... जब्कि उधर बसंती अब माँ के होंठो को छोड़ देती है और उनके मुह के ऊपर अपने दोनों पेर करके बैठ जाती है
अब उसकी चुत मम्मी के मुह पर थी और माँ अपने होंठो से उसकी चुत चुस्ने लगती है और बसंती आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगती है... मुझे थ्रीसम मे बहोत मजा आ रहा था, में माँ की चुत मे अपना लंड डाले हुये उनकी चुदाई कर रहा था और साथ ही साथ बसंती के होंठो को भी चुस रहा था... और बसंती भी मुझे किस करते हुए अपनी चुत माँ से चटवा रही थी... इस एक्ससाइटमेंट से माँ का बाँध भी अब तूट जाता है और उनकी चुत अपना रस छोड़ देती है.... माँ के झरते ही मे अपने लंड को उनकी चुत से निकाल लेता हूँ मेरे लंड निकलते ही बसंती भी माँ के ऊपर से उठ जाती है... माँ का मुह बसंती की चुत के रास से साना हुआ था और वो झरने के कारन गहरी गहरी साँसे ले रही थी....
मै बसंती को डॉगी पोजीशन मे लाता हूँ अब उसका मुह मम्मी की चुत के पास था वो आगे बढ़ के माँ की चुत से निकले हुए रस को अपनी जीभ से चाट्ने लगती है.... और में पीछे आकर उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके एक तेज का धक्का मारकर लंड को एक ही बार मे चुत मे घुसेड देता हूँ और फिर तेज धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु.... बसंती की चुत माँ की चुत से ढीली थी पर फिर भी मजा आ रहा था....पर माँ की चुत की तो बात ही अलग है.... में अपने दोनों हाथो को आगे ले जाकर उसके मम्मो को पकड़ कर मसलते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु... बसंती माँ की चुत चाट और चुस रही थी..... और माँ सिसकियाँ लेते हुए अपने दूधों को मसल रही थी...
मै अब अपने लंड को तेजी मे बाहर निकलता और फिर उसी तेजी से लंड को वापस अंदर करके उसकी चुदाई करने लगा....
मेरे हर धक्के पर बसंती अपनी गांड आगे पीछे करके ताल से ताल मिला रही थी....
मेरे धक्को की स्पीड अब बढ्ने लगी थी और मे झड़ने के करीब था....
मै- आआअह्ह्ह्हह.....मेरा छूटने वाला है हीीी....आआह्ह्ह्ह
ओर में अपना सारा माल उसकी चुत मे ही दाल देता हूँ और बसंती भी मेरे गरम लावे को महसूस करके झड जाती है.....
मै बसंती की चुत से अपना लंड बाहर निकल कर बेड पर लेट जाता हूँ और अपनी आँखें बांध कर अपनी साँसे कण्ट्रोल मे करने लगता हु.... तभी मुझे अपने मुरझाये लंड पर किसी का हाथ महसूस होता है में अपनी आँखे खोल कर देखता हूँ तो मेरे पैरों के बीच मे माँ बैठि हुई मेरे लंड को मुठिया रही थी... थोड़ी देर तक लंड को मुठियाने के बाद भी जब लंड खड़ा नहीं होता तो माँ उसे पूरा अपने मुह मे लेकर चुस्ने लगती है, माँ पुरे लंड को बड़ी आसानी से अपने मुह मे लेकर चुस रही थी और उनकी चूसाइ का असर भी लंड पर दिखाइ दिया, मेरा २ बार झडा हुआ लंड फिर से अपना सर उठाने लगा था...
मै बसंती की तरफ देखता हु, वो हम दोनों को देखते हुए अपनी चुत मे उँगलियाँ कर रही थी...
तभी बसंती वहां से उठकर मम्मी के पास आ जाती है और मेरी गोटियों को अपने हाथों मे लेकर मसलने लगती है... अब सीन ये था की दो कामुक औरतेँ मेरे पैरों की दोनों तरफ बैठ कर मेरे लंड और गोटियों से खेल रही थी.....
मै- आह्ह्ह्हह्ह्ह्...... सक इटतत्त्त.....
मेरा लंड अब अकड कर पूरा खड़ा हो गया था.... अब बसंती मेरे लंड को निचे से पकड़ कर उसे हिलाते हुये मेरी गोटियों को एक एक करके अपने मुह मे लेकर चुस रही थी... और मम्मी लंड को आधा अपने मुह मे लेकर चुस रही थी.... थोड़ी देर तक मेरी गोटियों को चुस्ने के बाद वो गोटियों को छोड़कर लंड पर हमला कर देती है और अपनी जीभ निकालकर उसे चाटने लगती है... में तो मजे की अलग ही दुनिया मे था, माँ मेरे लंड को अपने मुह से निकाल कर वहां से उठ कर मेरे पास आती है और फिर मेरे मुह के दोनों तरफ अपने पेर करके अपना मुह मेरे लंड की तरफ करे हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रख कर बैठने लगती है और में भी अपनी जीभ बाहर निकल कर उनकी चुत का स्वागत करता हूँ और जैसी ही माँ की चुत से मेरी जीभ का स्पर्श होता है, माँ एकदम से मेरी जीभ पर बैठ जाती है और मेरी जीभ और होंठ भी उनकी चुत मे गुम हो जाते है....
अब में माँ की चुत की चूसाई करने लगता हु, जब्कि नीचे बसंती, मम्मी के लंड को छोड़ते ही उसे अपने मुह मे भर कर चुस्ने लगती है.... बसंती मेरे लंड को जितना ले सकती थी अपने मुह मे लेकर लॉलीपोप की तरह चुस्ने लगती है और साथ ही साथ अपने हाथ से मेरी गोटियों को भी सहला रही थी..... और ऊपर माँ अपने चुत्तड़ हिलाते हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रगड़ने लगती है.....
सोनाली : आआह्ह्ह्हह्ह्.....स्स्स्सह्ह्हह्ह्....हाआनं ऐसीईए ही चुसस्स ली बेटाआह
तभी वो ६९ की पोजीशन मे आते हुए मेरे लंड को अपने हथेलियों मे भर कर उसे मसलने लगती है.... और फिर अपनी जीभ निकल कर उसपर फेरने लगती है.... बसंती मम्मी का उतावला पण देख कर लंड से अपना मुह हटा लेती है, शायद वो सोच रही होगी की इस लंड की पहली हक़दार मेरी माँ है जोकि सही भी था.... माँ बसंती को हटता देख कर उसके बालों को पकड़ कर अपनी तरफ खिंच कर उसके होंठो को अपने होंठो मे लेकर चुस्ने लगती है.... और थोड़ी देर मे दोनों अलग होते है और फिर दोनों मेरे लंड पर किस करने लगते है....
आहाहठ क्या मजा आ रहा था....
फिर दोनों अपनी जीभ निकालकर मेरे लंड पर ऊपर से निचे तक चलाते हुये उसे चाटने लगते है.... अब माँ मेरे लंड को अपने मुह मे लेकर एक चुप्पा लगाती है और फिर उसे अपने मुह से निकल देती है उसके लंड को छोड़ते ही बसंती लंड.को अपने मुह में.भर एक चुप्पा लगाती है और फिर दोनों एक एक करके मेरे लंड चूम चाट और चुस्ने लगते है और मे तो जैसे जन्नत मे था....
तभी माँ मेरे ऊपर से हट जाती है और बसंती भी लंड को छोड़कर मेरी तरफ बाद कर मेरे मुह पर अपनी चुत रख कर बैठ जाती है... वो मेरी मुह की तरफ मुह करके बैठि थी इस्लिये उसकी बड़ी बड़ी २ बॉल्स मुझे दिखाइ दे रही थी....
वइसे तो माँ की चुत चाट चाट के मेरी जीभ थक गई थी पर में बसंती का मजा ख़राब नहीं करना चाहता था इस्लिये में अपनी जीभ निकाल कर उसकी चुत मे दाल कर चुस्ने लगता हुं.....
Sorry for late update
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मॉम मेरी तरफ एक स्माइल देती है और फिर तुरंत ही अपनी साड़ी को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर ब्लाउज और पेटिकोट भी उतार देती है... अब वो रेड कलर की छोटी सी ब्रा और पेन्टी मे थि, जिसमे वो बहोत सेक्सी लग रही थी मे तुरंत ही उनकी कमर के पीछे अपना हाथ ले जाकर उन्हें अपनी तरफ खिंच लेता हु... अब में उनके होंठो को अपने होंठो मे भर कर चुस्ने लगता हु, माँ मेरी पीठ को अपने हाथों से सहला रही थी और अपने लेफ्ट हैंड से उनके लेफ्ट स्तन को जोकि आधे से ज्यादा ब्रा से बाहर निकला हुआ था पकड़ कर मसलने लगता हूँ और दूसरा हाथ निचे उनकी चुत पर पेन्टी के ऊपर से ही रख कर मसलने लगता हु, उनकी चुत बहोत पनिया गई थी जिससे उनकी पेन्टी गिली हो गई थी... माँ अब मेरे होंठो को चुसते हुए अपना हाथ निचे ले जाती है और मेरे लंड को अपने हाथो मे लेकर मुठियाने लगती है... बसंती वहि पर खड़ी हुई अपनी हैरत भरी नजरो से हम माँ बेटे को देख रही थी...
ओर हम सबसे बेख़बर अपने मे खोये हुए थे, काफी देर तक हम एक दूसरे को किस करने के बाद हम अलग होते हैं हम दोनों की साँसे फूल रही थी और हम अपनी साँसे कण्ट्रोल करने लगते है तभी मुझे किसी का मुह अपने लंड पर महसूश होता है... मे नीचे देखता हूँ तो निचे बसंती बिलकुल नंगी बैठि हुई थी और वो मेरे लंड को अपने मुह मे भर कर चुस रही थी.... मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो लंड को मुह से बाहर निकल कर एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर टोपे पर अपनी जीभ फिरती है उसकी इस हरक़त से मेरे मुह से एक सिसकि निकल जाती है...
ओर जब मे माँ की तरफ देखता हूँ तो वो भी बसंती को ही देख रही थी और फिर वो मेरी तरफ देखति है मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर मेरी और देखते हुए बड़ी अदा से अपनी ब्रा को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर वो मुड जाती है अब उनकी पीठ मेरी तरफ थी और मेरी नजर उनके नितम्बो पर जाम जाती है, माँ की छोटी से पेन्टी उनके भारी नितम्बो को छुपाने मे पूर्णतया असमर्थ थी.. माँ पलट कर देखति है और मुझे अपने नितम्बो को देखता पाकर वो अपने हाथ से अपने नितम्ब पै थप्पड़ मारती है और फिर अपनी पेन्टी मे अपनी उंगलियाँ फसा कर वो आगे की और झुक जाती है जिससे उनके चुत्तड़ और उभार कर मेरे सामने आ जाते है... अब वो अपनी गर्दन पीछे करके मेरे चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन को देखते हुए अपनी पेन्टी धीरे धीरे निचे खिसकाने लगती है, और थोड़ा सा पेन्टी को खिसकाने के बाद वो अपने चूतडो को गोल गोल घुमने लगती है, अब वो अपने चूतडो को मटकाते हुए अपनी पेन्टी को निचे खिसका रही थि, और मे तो आँखे फाडे उनके इस शो को देख रहा था, उनकी हर अदा मुझ पर जुल्म ढा रही थी अब उनकी पेन्टी उनकी गांड से निचे आ गई थी और मे सोच लेता हूँ की इस मस्तानी गांड मे तो अपना लंड जरूर चोदना है....
एक तो माँ की अदायें और ऊपर से बसंती का मेरे लंड को चुसना मे अपने ऊपर से कण्ट्रोल खो देता हूँ और मेरा लंड एक के बाद एक पिचकारी बसन्ती के मुह मे छोडने लगता है जोकि बसंती पूरा पि जाती है... और मस्ती मे मेरी आँखें बंद हो जाती है...
अब बसंती मेरे लंड को चाट चाट कर साफ़ कर देती है और उधर माँ भी अपनी पेन्टी उतार कर फेक देती है और मेरी तरफ देख कर अपनी गांड मटकते हुए अपने रूम मे चलि जाती है...
माँ अपनी गांड मटकाते हुए कमरे मे चलि जाती है और मे भी बसंती को आने का इशारा करके उनके पीछे चल देता हूँ और बसंती भी मेरे साथ चल देती है....
हम दोनों रूम मे एंटर होते है... अंदर माँ नंगी ही अपने मुह मे अपनी ऊँगली लिये लेटी थी और अपने एक हाथ से अपनी चुत को सेहला रही थी... क्या लग रही थी माँ उस समय, कसम से एक सेक्स की देवी लग रही थी....
मै बेड पर पहुच कर उनके पैरों के बीच बैठ जाता हूँ और उनके हाथ को पकड़ कर उनकी चुत के रस मे भीगी उँगलियों को अपने मुह मे लेकर चूसता हूँ और फिर उनकी टाँगो को फैला कर अपना मुह उनकी चुत पर रख देता हु....
अब में माँ की चुत को अपने मुह मे भरकर चुस्ने लगता हूँ और जब्कि ऊपर बसंती माँ के पास आकर उनके होंठो को अपने होंठो मे भर लेती है और साथ ही साथ उनके मम्मो को मसलने लगती है.... थोड़ी देर चुत को चुस्ने और चाटने के बाद मे अब टाँगो के बीच बैठ जाता हूँ और अपना लंड माँ की चुत पर सेट करके एक जोर का शॉट मारता हूँ और मेरा आधे से ज्यादा लंड अब उनकी चुत की गहराई मे चला गया था बसंती के किस के कारन उनकी आवाजें बसंती के मुह मे ही दम तोड़ रही थि, पर फिर भी मुझे ऊऊह्ह्ह्हम्मम्मम्ह....यमममममम की आवाजें सुनाइ दे रही थी.... अब मे दूसरा शॉट मारकर अपना लंड पूरा अंदर कर देता हूँ और लंड को पूरा अंदर करके धक्के लगाने लगता हु..... जब्कि उधर बसंती अब माँ के होंठो को छोड़ देती है और उनके मुह के ऊपर अपने दोनों पेर करके बैठ जाती है
अब उसकी चुत मम्मी के मुह पर थी और माँ अपने होंठो से उसकी चुत चुस्ने लगती है और बसंती आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगती है... मुझे थ्रीसम मे बहोत मजा आ रहा था, में माँ की चुत मे अपना लंड डाले हुये उनकी चुदाई कर रहा था और साथ ही साथ बसंती के होंठो को भी चुस रहा था... और बसंती भी मुझे किस करते हुए अपनी चुत माँ से चटवा रही थी... इस एक्ससाइटमेंट से माँ का बाँध भी अब तूट जाता है और उनकी चुत अपना रस छोड़ देती है.... माँ के झरते ही मे अपने लंड को उनकी चुत से निकाल लेता हूँ मेरे लंड निकलते ही बसंती भी माँ के ऊपर से उठ जाती है... माँ का मुह बसंती की चुत के रास से साना हुआ था और वो झरने के कारन गहरी गहरी साँसे ले रही थी....
मै बसंती को डॉगी पोजीशन मे लाता हूँ अब उसका मुह मम्मी की चुत के पास था वो आगे बढ़ के माँ की चुत से निकले हुए रस को अपनी जीभ से चाट्ने लगती है.... और में पीछे आकर उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके एक तेज का धक्का मारकर लंड को एक ही बार मे चुत मे घुसेड देता हूँ और फिर तेज धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु.... बसंती की चुत माँ की चुत से ढीली थी पर फिर भी मजा आ रहा था....पर माँ की चुत की तो बात ही अलग है.... में अपने दोनों हाथो को आगे ले जाकर उसके मम्मो को पकड़ कर मसलते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु... बसंती माँ की चुत चाट और चुस रही थी..... और माँ सिसकियाँ लेते हुए अपने दूधों को मसल रही थी...
मै अब अपने लंड को तेजी मे बाहर निकलता और फिर उसी तेजी से लंड को वापस अंदर करके उसकी चुदाई करने लगा....
मेरे हर धक्के पर बसंती अपनी गांड आगे पीछे करके ताल से ताल मिला रही थी....
मेरे धक्को की स्पीड अब बढ्ने लगी थी और मे झड़ने के करीब था....
मै- आआअह्ह्ह्हह.....मेरा छूटने वाला है हीीी....आआह्ह्ह्ह
ओर में अपना सारा माल उसकी चुत मे ही दाल देता हूँ और बसंती भी मेरे गरम लावे को महसूस करके झड जाती है.....
मै बसंती की चुत से अपना लंड बाहर निकल कर बेड पर लेट जाता हूँ और अपनी आँखें बांध कर अपनी साँसे कण्ट्रोल मे करने लगता हु.... तभी मुझे अपने मुरझाये लंड पर किसी का हाथ महसूस होता है में अपनी आँखे खोल कर देखता हूँ तो मेरे पैरों के बीच मे माँ बैठि हुई मेरे लंड को मुठिया रही थी... थोड़ी देर तक लंड को मुठियाने के बाद भी जब लंड खड़ा नहीं होता तो माँ उसे पूरा अपने मुह मे लेकर चुस्ने लगती है, माँ पुरे लंड को बड़ी आसानी से अपने मुह मे लेकर चुस रही थी और उनकी चूसाइ का असर भी लंड पर दिखाइ दिया, मेरा २ बार झडा हुआ लंड फिर से अपना सर उठाने लगा था...
मै बसंती की तरफ देखता हु, वो हम दोनों को देखते हुए अपनी चुत मे उँगलियाँ कर रही थी...
तभी बसंती वहां से उठकर मम्मी के पास आ जाती है और मेरी गोटियों को अपने हाथों मे लेकर मसलने लगती है... अब सीन ये था की दो कामुक औरतेँ मेरे पैरों की दोनों तरफ बैठ कर मेरे लंड और गोटियों से खेल रही थी.....
मै- आह्ह्ह्हह्ह्ह्...... सक इटतत्त्त.....
मेरा लंड अब अकड कर पूरा खड़ा हो गया था.... अब बसंती मेरे लंड को निचे से पकड़ कर उसे हिलाते हुये मेरी गोटियों को एक एक करके अपने मुह मे लेकर चुस रही थी... और मम्मी लंड को आधा अपने मुह मे लेकर चुस रही थी.... थोड़ी देर तक मेरी गोटियों को चुस्ने के बाद वो गोटियों को छोड़कर लंड पर हमला कर देती है और अपनी जीभ निकालकर उसे चाटने लगती है... में तो मजे की अलग ही दुनिया मे था, माँ मेरे लंड को अपने मुह से निकाल कर वहां से उठ कर मेरे पास आती है और फिर मेरे मुह के दोनों तरफ अपने पेर करके अपना मुह मेरे लंड की तरफ करे हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रख कर बैठने लगती है और में भी अपनी जीभ बाहर निकल कर उनकी चुत का स्वागत करता हूँ और जैसी ही माँ की चुत से मेरी जीभ का स्पर्श होता है, माँ एकदम से मेरी जीभ पर बैठ जाती है और मेरी जीभ और होंठ भी उनकी चुत मे गुम हो जाते है....
अब में माँ की चुत की चूसाई करने लगता हु, जब्कि नीचे बसंती, मम्मी के लंड को छोड़ते ही उसे अपने मुह मे भर कर चुस्ने लगती है.... बसंती मेरे लंड को जितना ले सकती थी अपने मुह मे लेकर लॉलीपोप की तरह चुस्ने लगती है और साथ ही साथ अपने हाथ से मेरी गोटियों को भी सहला रही थी..... और ऊपर माँ अपने चुत्तड़ हिलाते हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रगड़ने लगती है.....
सोनाली : आआह्ह्ह्हह्ह्.....स्स्स्सह्ह्हह्ह्....हाआनं ऐसीईए ही चुसस्स ली बेटाआह
तभी वो ६९ की पोजीशन मे आते हुए मेरे लंड को अपने हथेलियों मे भर कर उसे मसलने लगती है.... और फिर अपनी जीभ निकल कर उसपर फेरने लगती है.... बसंती मम्मी का उतावला पण देख कर लंड से अपना मुह हटा लेती है, शायद वो सोच रही होगी की इस लंड की पहली हक़दार मेरी माँ है जोकि सही भी था.... माँ बसंती को हटता देख कर उसके बालों को पकड़ कर अपनी तरफ खिंच कर उसके होंठो को अपने होंठो मे लेकर चुस्ने लगती है.... और थोड़ी देर मे दोनों अलग होते है और फिर दोनों मेरे लंड पर किस करने लगते है....
आहाहठ क्या मजा आ रहा था....
फिर दोनों अपनी जीभ निकालकर मेरे लंड पर ऊपर से निचे तक चलाते हुये उसे चाटने लगते है.... अब माँ मेरे लंड को अपने मुह मे लेकर एक चुप्पा लगाती है और फिर उसे अपने मुह से निकल देती है उसके लंड को छोड़ते ही बसंती लंड.को अपने मुह में.भर एक चुप्पा लगाती है और फिर दोनों एक एक करके मेरे लंड चूम चाट और चुस्ने लगते है और मे तो जैसे जन्नत मे था....
तभी माँ मेरे ऊपर से हट जाती है और बसंती भी लंड को छोड़कर मेरी तरफ बाद कर मेरे मुह पर अपनी चुत रख कर बैठ जाती है... वो मेरी मुह की तरफ मुह करके बैठि थी इस्लिये उसकी बड़ी बड़ी २ बॉल्स मुझे दिखाइ दे रही थी....
वइसे तो माँ की चुत चाट चाट के मेरी जीभ थक गई थी पर में बसंती का मजा ख़राब नहीं करना चाहता था इस्लिये में अपनी जीभ निकाल कर उसकी चुत मे दाल कर चुस्ने लगता हुं.....
Sorry for late update
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मॉम मेरी तरफ एक स्माइल देती है और फिर तुरंत ही अपनी साड़ी को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर ब्लाउज और पेटिकोट भी उतार देती है... अब वो रेड कलर की छोटी सी ब्रा और पेन्टी मे थि, जिसमे वो बहोत सेक्सी लग रही थी मे तुरंत ही उनकी कमर के पीछे अपना हाथ ले जाकर उन्हें अपनी तरफ खिंच लेता हु... अब में उनके होंठो को अपने होंठो मे भर कर चुस्ने लगता हु, माँ मेरी पीठ को अपने हाथों से सहला रही थी और अपने लेफ्ट हैंड से उनके लेफ्ट स्तन को जोकि आधे से ज्यादा ब्रा से बाहर निकला हुआ था पकड़ कर मसलने लगता हूँ और दूसरा हाथ निचे उनकी चुत पर पेन्टी के ऊपर से ही रख कर मसलने लगता हु, उनकी चुत बहोत पनिया गई थी जिससे उनकी पेन्टी गिली हो गई थी... माँ अब मेरे होंठो को चुसते हुए अपना हाथ निचे ले जाती है और मेरे लंड को अपने हाथो मे लेकर मुठियाने लगती है... बसंती वहि पर खड़ी हुई अपनी हैरत भरी नजरो से हम माँ बेटे को देख रही थी...
ओर हम सबसे बेख़बर अपने मे खोये हुए थे, काफी देर तक हम एक दूसरे को किस करने के बाद हम अलग होते हैं हम दोनों की साँसे फूल रही थी और हम अपनी साँसे कण्ट्रोल करने लगते है तभी मुझे किसी का मुह अपने लंड पर महसूश होता है... मे नीचे देखता हूँ तो निचे बसंती बिलकुल नंगी बैठि हुई थी और वो मेरे लंड को अपने मुह मे भर कर चुस रही थी.... मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो लंड को मुह से बाहर निकल कर एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर टोपे पर अपनी जीभ फिरती है उसकी इस हरक़त से मेरे मुह से एक सिसकि निकल जाती है...
ओर जब मे माँ की तरफ देखता हूँ तो वो भी बसंती को ही देख रही थी और फिर वो मेरी तरफ देखति है मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर मेरी और देखते हुए बड़ी अदा से अपनी ब्रा को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर वो मुड जाती है अब उनकी पीठ मेरी तरफ थी और मेरी नजर उनके नितम्बो पर जाम जाती है, माँ की छोटी से पेन्टी उनके भारी नितम्बो को छुपाने मे पूर्णतया असमर्थ थी.. माँ पलट कर देखति है और मुझे अपने नितम्बो को देखता पाकर वो अपने हाथ से अपने नितम्ब पै थप्पड़ मारती है और फिर अपनी पेन्टी मे अपनी उंगलियाँ फसा कर वो आगे की और झुक जाती है जिससे उनके चुत्तड़ और उभार कर मेरे सामने आ जाते है... अब वो अपनी गर्दन पीछे करके मेरे चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन को देखते हुए अपनी पेन्टी धीरे धीरे निचे खिसकाने लगती है, और थोड़ा सा पेन्टी को खिसकाने के बाद वो अपने चूतडो को गोल गोल घुमने लगती है, अब वो अपने चूतडो को मटकाते हुए अपनी पेन्टी को निचे खिसका रही थि, और मे तो आँखे फाडे उनके इस शो को देख रहा था, उनकी हर अदा मुझ पर जुल्म ढा रही थी अब उनकी पेन्टी उनकी गांड से निचे आ गई थी और मे सोच लेता हूँ की इस मस्तानी गांड मे तो अपना लंड जरूर चोदना है....
एक तो माँ की अदायें और ऊपर से बसंती का मेरे लंड को चुसना मे अपने ऊपर से कण्ट्रोल खो देता हूँ और मेरा लंड एक के बाद एक पिचकारी बसन्ती के मुह मे छोडने लगता है जोकि बसंती पूरा पि जाती है... और मस्ती मे मेरी आँखें बंद हो जाती है...
अब बसंती मेरे लंड को चाट चाट कर साफ़ कर देती है और उधर माँ भी अपनी पेन्टी उतार कर फेक देती है और मेरी तरफ देख कर अपनी गांड मटकते हुए अपने रूम मे चलि जाती है...
माँ अपनी गांड मटकाते हुए कमरे मे चलि जाती है और मे भी बसंती को आने का इशारा करके उनके पीछे चल देता हूँ और बसंती भी मेरे साथ चल देती है....
हम दोनों रूम मे एंटर होते है... अंदर माँ नंगी ही अपने मुह मे अपनी ऊँगली लिये लेटी थी और अपने एक हाथ से अपनी चुत को सेहला रही थी... क्या लग रही थी माँ उस समय, कसम से एक सेक्स की देवी लग रही थी....
मै बेड पर पहुच कर उनके पैरों के बीच बैठ जाता हूँ और उनके हाथ को पकड़ कर उनकी चुत के रस मे भीगी उँगलियों को अपने मुह मे लेकर चूसता हूँ और फिर उनकी टाँगो को फैला कर अपना मुह उनकी चुत पर रख देता हु....
अब में माँ की चुत को अपने मुह मे भरकर चुस्ने लगता हूँ और जब्कि ऊपर बसंती माँ के पास आकर उनके होंठो को अपने होंठो मे भर लेती है और साथ ही साथ उनके मम्मो को मसलने लगती है.... थोड़ी देर चुत को चुस्ने और चाटने के बाद मे अब टाँगो के बीच बैठ जाता हूँ और अपना लंड माँ की चुत पर सेट करके एक जोर का शॉट मारता हूँ और मेरा आधे से ज्यादा लंड अब उनकी चुत की गहराई मे चला गया था बसंती के किस के कारन उनकी आवाजें बसंती के मुह मे ही दम तोड़ रही थि, पर फिर भी मुझे ऊऊह्ह्ह्हम्मम्मम्ह....यमममममम की आवाजें सुनाइ दे रही थी.... अब मे दूसरा शॉट मारकर अपना लंड पूरा अंदर कर देता हूँ और लंड को पूरा अंदर करके धक्के लगाने लगता हु..... जब्कि उधर बसंती अब माँ के होंठो को छोड़ देती है और उनके मुह के ऊपर अपने दोनों पेर करके बैठ जाती है
अब उसकी चुत मम्मी के मुह पर थी और माँ अपने होंठो से उसकी चुत चुस्ने लगती है और बसंती आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगती है... मुझे थ्रीसम मे बहोत मजा आ रहा था, में माँ की चुत मे अपना लंड डाले हुये उनकी चुदाई कर रहा था और साथ ही साथ बसंती के होंठो को भी चुस रहा था... और बसंती भी मुझे किस करते हुए अपनी चुत माँ से चटवा रही थी... इस एक्ससाइटमेंट से माँ का बाँध भी अब तूट जाता है और उनकी चुत अपना रस छोड़ देती है.... माँ के झरते ही मे अपने लंड को उनकी चुत से निकाल लेता हूँ मेरे लंड निकलते ही बसंती भी माँ के ऊपर से उठ जाती है... माँ का मुह बसंती की चुत के रास से साना हुआ था और वो झरने के कारन गहरी गहरी साँसे ले रही थी....
मै बसंती को डॉगी पोजीशन मे लाता हूँ अब उसका मुह मम्मी की चुत के पास था वो आगे बढ़ के माँ की चुत से निकले हुए रस को अपनी जीभ से चाट्ने लगती है.... और में पीछे आकर उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके एक तेज का धक्का मारकर लंड को एक ही बार मे चुत मे घुसेड देता हूँ और फिर तेज धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु.... बसंती की चुत माँ की चुत से ढीली थी पर फिर भी मजा आ रहा था....पर माँ की चुत की तो बात ही अलग है.... में अपने दोनों हाथो को आगे ले जाकर उसके मम्मो को पकड़ कर मसलते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु... बसंती माँ की चुत चाट और चुस रही थी..... और माँ सिसकियाँ लेते हुए अपने दूधों को मसल रही थी...
मै अब अपने लंड को तेजी मे बाहर निकलता और फिर उसी तेजी से लंड को वापस अंदर करके उसकी चुदाई करने लगा....
मेरे हर धक्के पर बसंती अपनी गांड आगे पीछे करके ताल से ताल मिला रही थी....
मेरे धक्को की स्पीड अब बढ्ने लगी थी और मे झड़ने के करीब था....
मै- आआअह्ह्ह्हह.....मेरा छूटने वाला है हीीी....आआह्ह्ह्ह
ओर में अपना सारा माल उसकी चुत मे ही दाल देता हूँ और बसंती भी मेरे गरम लावे को महसूस करके झड जाती है.....
मै बसंती की चुत से अपना लंड बाहर निकल कर बेड पर लेट जाता हूँ और अपनी आँखें बांध कर अपनी साँसे कण्ट्रोल मे करने लगता हु.... तभी मुझे अपने मुरझाये लंड पर किसी का हाथ महसूस होता है में अपनी आँखे खोल कर देखता हूँ तो मेरे पैरों के बीच मे माँ बैठि हुई मेरे लंड को मुठिया रही थी... थोड़ी देर तक लंड को मुठियाने के बाद भी जब लंड खड़ा नहीं होता तो माँ उसे पूरा अपने मुह मे लेकर चुस्ने लगती है, माँ पुरे लंड को बड़ी आसानी से अपने मुह मे लेकर चुस रही थी और उनकी चूसाइ का असर भी लंड पर दिखाइ दिया, मेरा २ बार झडा हुआ लंड फिर से अपना सर उठाने लगा था...
मै बसंती की तरफ देखता हु, वो हम दोनों को देखते हुए अपनी चुत मे उँगलियाँ कर रही थी...
तभी बसंती वहां से उठकर मम्मी के पास आ जाती है और मेरी गोटियों को अपने हाथों मे लेकर मसलने लगती है... अब सीन ये था की दो कामुक औरतेँ मेरे पैरों की दोनों तरफ बैठ कर मेरे लंड और गोटियों से खेल रही थी.....
मै- आह्ह्ह्हह्ह्ह्...... सक इटतत्त्त.....
मेरा लंड अब अकड कर पूरा खड़ा हो गया था.... अब बसंती मेरे लंड को निचे से पकड़ कर उसे हिलाते हुये मेरी गोटियों को एक एक करके अपने मुह मे लेकर चुस रही थी... और मम्मी लंड को आधा अपने मुह मे लेकर चुस रही थी.... थोड़ी देर तक मेरी गोटियों को चुस्ने के बाद वो गोटियों को छोड़कर लंड पर हमला कर देती है और अपनी जीभ निकालकर उसे चाटने लगती है... में तो मजे की अलग ही दुनिया मे था, माँ मेरे लंड को अपने मुह से निकाल कर वहां से उठ कर मेरे पास आती है और फिर मेरे मुह के दोनों तरफ अपने पेर करके अपना मुह मेरे लंड की तरफ करे हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रख कर बैठने लगती है और में भी अपनी जीभ बाहर निकल कर उनकी चुत का स्वागत करता हूँ और जैसी ही माँ की चुत से मेरी जीभ का स्पर्श होता है, माँ एकदम से मेरी जीभ पर बैठ जाती है और मेरी जीभ और होंठ भी उनकी चुत मे गुम हो जाते है....
अब में माँ की चुत की चूसाई करने लगता हु, जब्कि नीचे बसंती, मम्मी के लंड को छोड़ते ही उसे अपने मुह मे भर कर चुस्ने लगती है.... बसंती मेरे लंड को जितना ले सकती थी अपने मुह मे लेकर लॉलीपोप की तरह चुस्ने लगती है और साथ ही साथ अपने हाथ से मेरी गोटियों को भी सहला रही थी..... और ऊपर माँ अपने चुत्तड़ हिलाते हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रगड़ने लगती है.....
सोनाली : आआह्ह्ह्हह्ह्.....स्स्स्सह्ह्हह्ह्....हाआनं ऐसीईए ही चुसस्स ली बेटाआह
तभी वो ६९ की पोजीशन मे आते हुए मेरे लंड को अपने हथेलियों मे भर कर उसे मसलने लगती है.... और फिर अपनी जीभ निकल कर उसपर फेरने लगती है.... बसंती मम्मी का उतावला पण देख कर लंड से अपना मुह हटा लेती है, शायद वो सोच रही होगी की इस लंड की पहली हक़दार मेरी माँ है जोकि सही भी था.... माँ बसंती को हटता देख कर उसके बालों को पकड़ कर अपनी तरफ खिंच कर उसके होंठो को अपने होंठो मे लेकर चुस्ने लगती है.... और थोड़ी देर मे दोनों अलग होते है और फिर दोनों मेरे लंड पर किस करने लगते है....
आहाहठ क्या मजा आ रहा था....
फिर दोनों अपनी जीभ निकालकर मेरे लंड पर ऊपर से निचे तक चलाते हुये उसे चाटने लगते है.... अब माँ मेरे लंड को अपने मुह मे लेकर एक चुप्पा लगाती है और फिर उसे अपने मुह से निकल देती है उसके लंड को छोड़ते ही बसंती लंड.को अपने मुह में.भर एक चुप्पा लगाती है और फिर दोनों एक एक करके मेरे लंड चूम चाट और चुस्ने लगते है और मे तो जैसे जन्नत मे था....
तभी माँ मेरे ऊपर से हट जाती है और बसंती भी लंड को छोड़कर मेरी तरफ बाद कर मेरे मुह पर अपनी चुत रख कर बैठ जाती है... वो मेरी मुह की तरफ मुह करके बैठि थी इस्लिये उसकी बड़ी बड़ी २ बॉल्स मुझे दिखाइ दे रही थी....
वइसे तो माँ की चुत चाट चाट के मेरी जीभ थक गई थी पर में बसंती का मजा ख़राब नहीं करना चाहता था इस्लिये में अपनी जीभ निकाल कर उसकी चुत मे दाल कर चुस्ने लगता हुं.....
Sorry for late update
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मॉम मेरी तरफ एक स्माइल देती है और फिर तुरंत ही अपनी साड़ी को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर ब्लाउज और पेटिकोट भी उतार देती है... अब वो रेड कलर की छोटी सी ब्रा और पेन्टी मे थि, जिसमे वो बहोत सेक्सी लग रही थी मे तुरंत ही उनकी कमर के पीछे अपना हाथ ले जाकर उन्हें अपनी तरफ खिंच लेता हु... अब में उनके होंठो को अपने होंठो मे भर कर चुस्ने लगता हु, माँ मेरी पीठ को अपने हाथों से सहला रही थी और अपने लेफ्ट हैंड से उनके लेफ्ट स्तन को जोकि आधे से ज्यादा ब्रा से बाहर निकला हुआ था पकड़ कर मसलने लगता हूँ और दूसरा हाथ निचे उनकी चुत पर पेन्टी के ऊपर से ही रख कर मसलने लगता हु, उनकी चुत बहोत पनिया गई थी जिससे उनकी पेन्टी गिली हो गई थी... माँ अब मेरे होंठो को चुसते हुए अपना हाथ निचे ले जाती है और मेरे लंड को अपने हाथो मे लेकर मुठियाने लगती है... बसंती वहि पर खड़ी हुई अपनी हैरत भरी नजरो से हम माँ बेटे को देख रही थी...
ओर हम सबसे बेख़बर अपने मे खोये हुए थे, काफी देर तक हम एक दूसरे को किस करने के बाद हम अलग होते हैं हम दोनों की साँसे फूल रही थी और हम अपनी साँसे कण्ट्रोल करने लगते है तभी मुझे किसी का मुह अपने लंड पर महसूश होता है... मे नीचे देखता हूँ तो निचे बसंती बिलकुल नंगी बैठि हुई थी और वो मेरे लंड को अपने मुह मे भर कर चुस रही थी.... मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो लंड को मुह से बाहर निकल कर एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर टोपे पर अपनी जीभ फिरती है उसकी इस हरक़त से मेरे मुह से एक सिसकि निकल जाती है...
ओर जब मे माँ की तरफ देखता हूँ तो वो भी बसंती को ही देख रही थी और फिर वो मेरी तरफ देखति है मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर मेरी और देखते हुए बड़ी अदा से अपनी ब्रा को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर वो मुड जाती है अब उनकी पीठ मेरी तरफ थी और मेरी नजर उनके नितम्बो पर जाम जाती है, माँ की छोटी से पेन्टी उनके भारी नितम्बो को छुपाने मे पूर्णतया असमर्थ थी.. माँ पलट कर देखति है और मुझे अपने नितम्बो को देखता पाकर वो अपने हाथ से अपने नितम्ब पै थप्पड़ मारती है और फिर अपनी पेन्टी मे अपनी उंगलियाँ फसा कर वो आगे की और झुक जाती है जिससे उनके चुत्तड़ और उभार कर मेरे सामने आ जाते है... अब वो अपनी गर्दन पीछे करके मेरे चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन को देखते हुए अपनी पेन्टी धीरे धीरे निचे खिसकाने लगती है, और थोड़ा सा पेन्टी को खिसकाने के बाद वो अपने चूतडो को गोल गोल घुमने लगती है, अब वो अपने चूतडो को मटकाते हुए अपनी पेन्टी को निचे खिसका रही थि, और मे तो आँखे फाडे उनके इस शो को देख रहा था, उनकी हर अदा मुझ पर जुल्म ढा रही थी अब उनकी पेन्टी उनकी गांड से निचे आ गई थी और मे सोच लेता हूँ की इस मस्तानी गांड मे तो अपना लंड जरूर चोदना है....
एक तो माँ की अदायें और ऊपर से बसंती का मेरे लंड को चुसना मे अपने ऊपर से कण्ट्रोल खो देता हूँ और मेरा लंड एक के बाद एक पिचकारी बसन्ती के मुह मे छोडने लगता है जोकि बसंती पूरा पि जाती है... और मस्ती मे मेरी आँखें बंद हो जाती है...
अब बसंती मेरे लंड को चाट चाट कर साफ़ कर देती है और उधर माँ भी अपनी पेन्टी उतार कर फेक देती है और मेरी तरफ देख कर अपनी गांड मटकते हुए अपने रूम मे चलि जाती है...
माँ अपनी गांड मटकाते हुए कमरे मे चलि जाती है और मे भी बसंती को आने का इशारा करके उनके पीछे चल देता हूँ और बसंती भी मेरे साथ चल देती है....
हम दोनों रूम मे एंटर होते है... अंदर माँ नंगी ही अपने मुह मे अपनी ऊँगली लिये लेटी थी और अपने एक हाथ से अपनी चुत को सेहला रही थी... क्या लग रही थी माँ उस समय, कसम से एक सेक्स की देवी लग रही थी....
मै बेड पर पहुच कर उनके पैरों के बीच बैठ जाता हूँ और उनके हाथ को पकड़ कर उनकी चुत के रस मे भीगी उँगलियों को अपने मुह मे लेकर चूसता हूँ और फिर उनकी टाँगो को फैला कर अपना मुह उनकी चुत पर रख देता हु....
अब में माँ की चुत को अपने मुह मे भरकर चुस्ने लगता हूँ और जब्कि ऊपर बसंती माँ के पास आकर उनके होंठो को अपने होंठो मे भर लेती है और साथ ही साथ उनके मम्मो को मसलने लगती है.... थोड़ी देर चुत को चुस्ने और चाटने के बाद मे अब टाँगो के बीच बैठ जाता हूँ और अपना लंड माँ की चुत पर सेट करके एक जोर का शॉट मारता हूँ और मेरा आधे से ज्यादा लंड अब उनकी चुत की गहराई मे चला गया था बसंती के किस के कारन उनकी आवाजें बसंती के मुह मे ही दम तोड़ रही थि, पर फिर भी मुझे ऊऊह्ह्ह्हम्मम्मम्ह....यमममममम की आवाजें सुनाइ दे रही थी.... अब मे दूसरा शॉट मारकर अपना लंड पूरा अंदर कर देता हूँ और लंड को पूरा अंदर करके धक्के लगाने लगता हु..... जब्कि उधर बसंती अब माँ के होंठो को छोड़ देती है और उनके मुह के ऊपर अपने दोनों पेर करके बैठ जाती है
अब उसकी चुत मम्मी के मुह पर थी और माँ अपने होंठो से उसकी चुत चुस्ने लगती है और बसंती आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगती है... मुझे थ्रीसम मे बहोत मजा आ रहा था, में माँ की चुत मे अपना लंड डाले हुये उनकी चुदाई कर रहा था और साथ ही साथ बसंती के होंठो को भी चुस रहा था... और बसंती भी मुझे किस करते हुए अपनी चुत माँ से चटवा रही थी... इस एक्ससाइटमेंट से माँ का बाँध भी अब तूट जाता है और उनकी चुत अपना रस छोड़ देती है.... माँ के झरते ही मे अपने लंड को उनकी चुत से निकाल लेता हूँ मेरे लंड निकलते ही बसंती भी माँ के ऊपर से उठ जाती है... माँ का मुह बसंती की चुत के रास से साना हुआ था और वो झरने के कारन गहरी गहरी साँसे ले रही थी....
मै बसंती को डॉगी पोजीशन मे लाता हूँ अब उसका मुह मम्मी की चुत के पास था वो आगे बढ़ के माँ की चुत से निकले हुए रस को अपनी जीभ से चाट्ने लगती है.... और में पीछे आकर उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके एक तेज का धक्का मारकर लंड को एक ही बार मे चुत मे घुसेड देता हूँ और फिर तेज धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु.... बसंती की चुत माँ की चुत से ढीली थी पर फिर भी मजा आ रहा था....पर माँ की चुत की तो बात ही अलग है.... में अपने दोनों हाथो को आगे ले जाकर उसके मम्मो को पकड़ कर मसलते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु... बसंती माँ की चुत चाट और चुस रही थी..... और माँ सिसकियाँ लेते हुए अपने दूधों को मसल रही थी...
मै अब अपने लंड को तेजी मे बाहर निकलता और फिर उसी तेजी से लंड को वापस अंदर करके उसकी चुदाई करने लगा....
मेरे हर धक्के पर बसंती अपनी गांड आगे पीछे करके ताल से ताल मिला रही थी....
मेरे धक्को की स्पीड अब बढ्ने लगी थी और मे झड़ने के करीब था....
मै- आआअह्ह्ह्हह.....मेरा छूटने वाला है हीीी....आआह्ह्ह्ह
ओर में अपना सारा माल उसकी चुत मे ही दाल देता हूँ और बसंती भी मेरे गरम लावे को महसूस करके झड जाती है.....
मै बसंती की चुत से अपना लंड बाहर निकल कर बेड पर लेट जाता हूँ और अपनी आँखें बांध कर अपनी साँसे कण्ट्रोल मे करने लगता हु.... तभी मुझे अपने मुरझाये लंड पर किसी का हाथ महसूस होता है में अपनी आँखे खोल कर देखता हूँ तो मेरे पैरों के बीच मे माँ बैठि हुई मेरे लंड को मुठिया रही थी... थोड़ी देर तक लंड को मुठियाने के बाद भी जब लंड खड़ा नहीं होता तो माँ उसे पूरा अपने मुह मे लेकर चुस्ने लगती है, माँ पुरे लंड को बड़ी आसानी से अपने मुह मे लेकर चुस रही थी और उनकी चूसाइ का असर भी लंड पर दिखाइ दिया, मेरा २ बार झडा हुआ लंड फिर से अपना सर उठाने लगा था...
मै बसंती की तरफ देखता हु, वो हम दोनों को देखते हुए अपनी चुत मे उँगलियाँ कर रही थी...
तभी बसंती वहां से उठकर मम्मी के पास आ जाती है और मेरी गोटियों को अपने हाथों मे लेकर मसलने लगती है... अब सीन ये था की दो कामुक औरतेँ मेरे पैरों की दोनों तरफ बैठ कर मेरे लंड और गोटियों से खेल रही थी.....
मै- आह्ह्ह्हह्ह्ह्...... सक इटतत्त्त.....
मेरा लंड अब अकड कर पूरा खड़ा हो गया था.... अब बसंती मेरे लंड को निचे से पकड़ कर उसे हिलाते हुये मेरी गोटियों को एक एक करके अपने मुह मे लेकर चुस रही थी... और मम्मी लंड को आधा अपने मुह मे लेकर चुस रही थी.... थोड़ी देर तक मेरी गोटियों को चुस्ने के बाद वो गोटियों को छोड़कर लंड पर हमला कर देती है और अपनी जीभ निकालकर उसे चाटने लगती है... में तो मजे की अलग ही दुनिया मे था, माँ मेरे लंड को अपने मुह से निकाल कर वहां से उठ कर मेरे पास आती है और फिर मेरे मुह के दोनों तरफ अपने पेर करके अपना मुह मेरे लंड की तरफ करे हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रख कर बैठने लगती है और में भी अपनी जीभ बाहर निकल कर उनकी चुत का स्वागत करता हूँ और जैसी ही माँ की चुत से मेरी जीभ का स्पर्श होता है, माँ एकदम से मेरी जीभ पर बैठ जाती है और मेरी जीभ और होंठ भी उनकी चुत मे गुम हो जाते है....
अब में माँ की चुत की चूसाई करने लगता हु, जब्कि नीचे बसंती, मम्मी के लंड को छोड़ते ही उसे अपने मुह मे भर कर चुस्ने लगती है.... बसंती मेरे लंड को जितना ले सकती थी अपने मुह मे लेकर लॉलीपोप की तरह चुस्ने लगती है और साथ ही साथ अपने हाथ से मेरी गोटियों को भी सहला रही थी..... और ऊपर माँ अपने चुत्तड़ हिलाते हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रगड़ने लगती है.....
सोनाली : आआह्ह्ह्हह्ह्.....स्स्स्सह्ह्हह्ह्....हाआनं ऐसीईए ही चुसस्स ली बेटाआह
तभी वो ६९ की पोजीशन मे आते हुए मेरे लंड को अपने हथेलियों मे भर कर उसे मसलने लगती है.... और फिर अपनी जीभ निकल कर उसपर फेरने लगती है.... बसंती मम्मी का उतावला पण देख कर लंड से अपना मुह हटा लेती है, शायद वो सोच रही होगी की इस लंड की पहली हक़दार मेरी माँ है जोकि सही भी था.... माँ बसंती को हटता देख कर उसके बालों को पकड़ कर अपनी तरफ खिंच कर उसके होंठो को अपने होंठो मे लेकर चुस्ने लगती है.... और थोड़ी देर मे दोनों अलग होते है और फिर दोनों मेरे लंड पर किस करने लगते है....
आहाहठ क्या मजा आ रहा था....
फिर दोनों अपनी जीभ निकालकर मेरे लंड पर ऊपर से निचे तक चलाते हुये उसे चाटने लगते है.... अब माँ मेरे लंड को अपने मुह मे लेकर एक चुप्पा लगाती है और फिर उसे अपने मुह से निकल देती है उसके लंड को छोड़ते ही बसंती लंड.को अपने मुह में.भर एक चुप्पा लगाती है और फिर दोनों एक एक करके मेरे लंड चूम चाट और चुस्ने लगते है और मे तो जैसे जन्नत मे था....
तभी माँ मेरे ऊपर से हट जाती है और बसंती भी लंड को छोड़कर मेरी तरफ बाद कर मेरे मुह पर अपनी चुत रख कर बैठ जाती है... वो मेरी मुह की तरफ मुह करके बैठि थी इस्लिये उसकी बड़ी बड़ी २ बॉल्स मुझे दिखाइ दे रही थी....
वइसे तो माँ की चुत चाट चाट के मेरी जीभ थक गई थी पर में बसंती का मजा ख़राब नहीं करना चाहता था इस्लिये में अपनी जीभ निकाल कर उसकी चुत मे दाल कर चुस्ने लगता हुं.....
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मॉम मेरी तरफ एक स्माइल देती है और फिर तुरंत ही अपनी साड़ी को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर ब्लाउज और पेटिकोट भी उतार देती है... अब वो रेड कलर की छोटी सी ब्रा और पेन्टी मे थि, जिसमे वो बहोत सेक्सी लग रही थी मे तुरंत ही उनकी कमर के पीछे अपना हाथ ले जाकर उन्हें अपनी तरफ खिंच लेता हु... अब में उनके होंठो को अपने होंठो मे भर कर चुस्ने लगता हु, माँ मेरी पीठ को अपने हाथों से सहला रही थी और अपने लेफ्ट हैंड से उनके लेफ्ट स्तन को जोकि आधे से ज्यादा ब्रा से बाहर निकला हुआ था पकड़ कर मसलने लगता हूँ और दूसरा हाथ निचे उनकी चुत पर पेन्टी के ऊपर से ही रख कर मसलने लगता हु, उनकी चुत बहोत पनिया गई थी जिससे उनकी पेन्टी गिली हो गई थी... माँ अब मेरे होंठो को चुसते हुए अपना हाथ निचे ले जाती है और मेरे लंड को अपने हाथो मे लेकर मुठियाने लगती है... बसंती वहि पर खड़ी हुई अपनी हैरत भरी नजरो से हम माँ बेटे को देख रही थी...
ओर हम सबसे बेख़बर अपने मे खोये हुए थे, काफी देर तक हम एक दूसरे को किस करने के बाद हम अलग होते हैं हम दोनों की साँसे फूल रही थी और हम अपनी साँसे कण्ट्रोल करने लगते है तभी मुझे किसी का मुह अपने लंड पर महसूश होता है... मे नीचे देखता हूँ तो निचे बसंती बिलकुल नंगी बैठि हुई थी और वो मेरे लंड को अपने मुह मे भर कर चुस रही थी.... मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो लंड को मुह से बाहर निकल कर एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर टोपे पर अपनी जीभ फिरती है उसकी इस हरक़त से मेरे मुह से एक सिसकि निकल जाती है...
ओर जब मे माँ की तरफ देखता हूँ तो वो भी बसंती को ही देख रही थी और फिर वो मेरी तरफ देखति है मुझे अपनी तरफ देखता पाकर वो एक सेक्सी सी स्माइल देती है और फिर मेरी और देखते हुए बड़ी अदा से अपनी ब्रा को अपने बदन से अलग कर देती है और फिर वो मुड जाती है अब उनकी पीठ मेरी तरफ थी और मेरी नजर उनके नितम्बो पर जाम जाती है, माँ की छोटी से पेन्टी उनके भारी नितम्बो को छुपाने मे पूर्णतया असमर्थ थी.. माँ पलट कर देखति है और मुझे अपने नितम्बो को देखता पाकर वो अपने हाथ से अपने नितम्ब पै थप्पड़ मारती है और फिर अपनी पेन्टी मे अपनी उंगलियाँ फसा कर वो आगे की और झुक जाती है जिससे उनके चुत्तड़ और उभार कर मेरे सामने आ जाते है... अब वो अपनी गर्दन पीछे करके मेरे चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन को देखते हुए अपनी पेन्टी धीरे धीरे निचे खिसकाने लगती है, और थोड़ा सा पेन्टी को खिसकाने के बाद वो अपने चूतडो को गोल गोल घुमने लगती है, अब वो अपने चूतडो को मटकाते हुए अपनी पेन्टी को निचे खिसका रही थि, और मे तो आँखे फाडे उनके इस शो को देख रहा था, उनकी हर अदा मुझ पर जुल्म ढा रही थी अब उनकी पेन्टी उनकी गांड से निचे आ गई थी और मे सोच लेता हूँ की इस मस्तानी गांड मे तो अपना लंड जरूर चोदना है....
एक तो माँ की अदायें और ऊपर से बसंती का मेरे लंड को चुसना मे अपने ऊपर से कण्ट्रोल खो देता हूँ और मेरा लंड एक के बाद एक पिचकारी बसन्ती के मुह मे छोडने लगता है जोकि बसंती पूरा पि जाती है... और मस्ती मे मेरी आँखें बंद हो जाती है...
अब बसंती मेरे लंड को चाट चाट कर साफ़ कर देती है और उधर माँ भी अपनी पेन्टी उतार कर फेक देती है और मेरी तरफ देख कर अपनी गांड मटकते हुए अपने रूम मे चलि जाती है...
माँ अपनी गांड मटकाते हुए कमरे मे चलि जाती है और मे भी बसंती को आने का इशारा करके उनके पीछे चल देता हूँ और बसंती भी मेरे साथ चल देती है....
हम दोनों रूम मे एंटर होते है... अंदर माँ नंगी ही अपने मुह मे अपनी ऊँगली लिये लेटी थी और अपने एक हाथ से अपनी चुत को सेहला रही थी... क्या लग रही थी माँ उस समय, कसम से एक सेक्स की देवी लग रही थी....
मै बेड पर पहुच कर उनके पैरों के बीच बैठ जाता हूँ और उनके हाथ को पकड़ कर उनकी चुत के रस मे भीगी उँगलियों को अपने मुह मे लेकर चूसता हूँ और फिर उनकी टाँगो को फैला कर अपना मुह उनकी चुत पर रख देता हु....
अब में माँ की चुत को अपने मुह मे भरकर चुस्ने लगता हूँ और जब्कि ऊपर बसंती माँ के पास आकर उनके होंठो को अपने होंठो मे भर लेती है और साथ ही साथ उनके मम्मो को मसलने लगती है.... थोड़ी देर चुत को चुस्ने और चाटने के बाद मे अब टाँगो के बीच बैठ जाता हूँ और अपना लंड माँ की चुत पर सेट करके एक जोर का शॉट मारता हूँ और मेरा आधे से ज्यादा लंड अब उनकी चुत की गहराई मे चला गया था बसंती के किस के कारन उनकी आवाजें बसंती के मुह मे ही दम तोड़ रही थि, पर फिर भी मुझे ऊऊह्ह्ह्हम्मम्मम्ह....यमममममम की आवाजें सुनाइ दे रही थी.... अब मे दूसरा शॉट मारकर अपना लंड पूरा अंदर कर देता हूँ और लंड को पूरा अंदर करके धक्के लगाने लगता हु..... जब्कि उधर बसंती अब माँ के होंठो को छोड़ देती है और उनके मुह के ऊपर अपने दोनों पेर करके बैठ जाती है
अब उसकी चुत मम्मी के मुह पर थी और माँ अपने होंठो से उसकी चुत चुस्ने लगती है और बसंती आगे बढ़ कर मुझे किस करने लगती है... मुझे थ्रीसम मे बहोत मजा आ रहा था, में माँ की चुत मे अपना लंड डाले हुये उनकी चुदाई कर रहा था और साथ ही साथ बसंती के होंठो को भी चुस रहा था... और बसंती भी मुझे किस करते हुए अपनी चुत माँ से चटवा रही थी... इस एक्ससाइटमेंट से माँ का बाँध भी अब तूट जाता है और उनकी चुत अपना रस छोड़ देती है.... माँ के झरते ही मे अपने लंड को उनकी चुत से निकाल लेता हूँ मेरे लंड निकलते ही बसंती भी माँ के ऊपर से उठ जाती है... माँ का मुह बसंती की चुत के रास से साना हुआ था और वो झरने के कारन गहरी गहरी साँसे ले रही थी....
मै बसंती को डॉगी पोजीशन मे लाता हूँ अब उसका मुह मम्मी की चुत के पास था वो आगे बढ़ के माँ की चुत से निकले हुए रस को अपनी जीभ से चाट्ने लगती है.... और में पीछे आकर उसकी चुत पर अपना लंड सेट करके एक तेज का धक्का मारकर लंड को एक ही बार मे चुत मे घुसेड देता हूँ और फिर तेज धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु.... बसंती की चुत माँ की चुत से ढीली थी पर फिर भी मजा आ रहा था....पर माँ की चुत की तो बात ही अलग है.... में अपने दोनों हाथो को आगे ले जाकर उसके मम्मो को पकड़ कर मसलते हुए उसकी चुदाई करने लगता हु... बसंती माँ की चुत चाट और चुस रही थी..... और माँ सिसकियाँ लेते हुए अपने दूधों को मसल रही थी...
मै अब अपने लंड को तेजी मे बाहर निकलता और फिर उसी तेजी से लंड को वापस अंदर करके उसकी चुदाई करने लगा....
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मै बसंती की चुत से अपना लंड बाहर निकल कर बेड पर लेट जाता हूँ और अपनी आँखें बांध कर अपनी साँसे कण्ट्रोल मे करने लगता हु.... तभी मुझे अपने मुरझाये लंड पर किसी का हाथ महसूस होता है में अपनी आँखे खोल कर देखता हूँ तो मेरे पैरों के बीच मे माँ बैठि हुई मेरे लंड को मुठिया रही थी... थोड़ी देर तक लंड को मुठियाने के बाद भी जब लंड खड़ा नहीं होता तो माँ उसे पूरा अपने मुह मे लेकर चुस्ने लगती है, माँ पुरे लंड को बड़ी आसानी से अपने मुह मे लेकर चुस रही थी और उनकी चूसाइ का असर भी लंड पर दिखाइ दिया, मेरा २ बार झडा हुआ लंड फिर से अपना सर उठाने लगा था...
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तभी बसंती वहां से उठकर मम्मी के पास आ जाती है और मेरी गोटियों को अपने हाथों मे लेकर मसलने लगती है... अब सीन ये था की दो कामुक औरतेँ मेरे पैरों की दोनों तरफ बैठ कर मेरे लंड और गोटियों से खेल रही थी.....
मै- आह्ह्ह्हह्ह्ह्...... सक इटतत्त्त.....
मेरा लंड अब अकड कर पूरा खड़ा हो गया था.... अब बसंती मेरे लंड को निचे से पकड़ कर उसे हिलाते हुये मेरी गोटियों को एक एक करके अपने मुह मे लेकर चुस रही थी... और मम्मी लंड को आधा अपने मुह मे लेकर चुस रही थी.... थोड़ी देर तक मेरी गोटियों को चुस्ने के बाद वो गोटियों को छोड़कर लंड पर हमला कर देती है और अपनी जीभ निकालकर उसे चाटने लगती है... में तो मजे की अलग ही दुनिया मे था, माँ मेरे लंड को अपने मुह से निकाल कर वहां से उठ कर मेरे पास आती है और फिर मेरे मुह के दोनों तरफ अपने पेर करके अपना मुह मेरे लंड की तरफ करे हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रख कर बैठने लगती है और में भी अपनी जीभ बाहर निकल कर उनकी चुत का स्वागत करता हूँ और जैसी ही माँ की चुत से मेरी जीभ का स्पर्श होता है, माँ एकदम से मेरी जीभ पर बैठ जाती है और मेरी जीभ और होंठ भी उनकी चुत मे गुम हो जाते है....
अब में माँ की चुत की चूसाई करने लगता हु, जब्कि नीचे बसंती, मम्मी के लंड को छोड़ते ही उसे अपने मुह मे भर कर चुस्ने लगती है.... बसंती मेरे लंड को जितना ले सकती थी अपने मुह मे लेकर लॉलीपोप की तरह चुस्ने लगती है और साथ ही साथ अपने हाथ से मेरी गोटियों को भी सहला रही थी..... और ऊपर माँ अपने चुत्तड़ हिलाते हुए अपनी चुत को मेरे मुह पर रगड़ने लगती है.....
सोनाली : आआह्ह्ह्हह्ह्.....स्स्स्सह्ह्हह्ह्....हाआनं ऐसीईए ही चुसस्स ली बेटाआह
तभी वो ६९ की पोजीशन मे आते हुए मेरे लंड को अपने हथेलियों मे भर कर उसे मसलने लगती है.... और फिर अपनी जीभ निकल कर उसपर फेरने लगती है.... बसंती मम्मी का उतावला पण देख कर लंड से अपना मुह हटा लेती है, शायद वो सोच रही होगी की इस लंड की पहली हक़दार मेरी माँ है जोकि सही भी था.... माँ बसंती को हटता देख कर उसके बालों को पकड़ कर अपनी तरफ खिंच कर उसके होंठो को अपने होंठो मे लेकर चुस्ने लगती है.... और थोड़ी देर मे दोनों अलग होते है और फिर दोनों मेरे लंड पर किस करने लगते है....
आहाहठ क्या मजा आ रहा था....
फिर दोनों अपनी जीभ निकालकर मेरे लंड पर ऊपर से निचे तक चलाते हुये उसे चाटने लगते है.... अब माँ मेरे लंड को अपने मुह मे लेकर एक चुप्पा लगाती है और फिर उसे अपने मुह से निकल देती है उसके लंड को छोड़ते ही बसंती लंड.को अपने मुह में.भर एक चुप्पा लगाती है और फिर दोनों एक एक करके मेरे लंड चूम चाट और चुस्ने लगते है और मे तो जैसे जन्नत मे था....
तभी माँ मेरे ऊपर से हट जाती है और बसंती भी लंड को छोड़कर मेरी तरफ बाद कर मेरे मुह पर अपनी चुत रख कर बैठ जाती है... वो मेरी मुह की तरफ मुह करके बैठि थी इस्लिये उसकी बड़ी बड़ी २ बॉल्स मुझे दिखाइ दे रही थी....
वइसे तो माँ की चुत चाट चाट के मेरी जीभ थक गई थी पर में बसंती का मजा ख़राब नहीं करना चाहता था इस्लिये में अपनी जीभ निकाल कर उसकी चुत मे दाल कर चुस्ने लगता हुं.....
Sorry for late update
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बसन्ती काफी गरम हो गई थी वो अपने हाथो से मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुह को अपने चुत पर रगड़ने लगती है.....
ओर निचे बसंती के लंड को छोड़ते ही सोनाली सतीश के दोनों और पेर करके अपने हाथ से उसके लंड को अपनी चुत के छेद पर सेट करती है और धीरे धीरे लंड पर बैठने लगती है थोड़ी देर.मे ही सतीश का पूरा लंड सोनाली की.चुत मे था, अब सोनाली उसके लंड को अपनी चुत मे लेकर अपनी गांड गोल गोल घुमाने लगती है.... सतीश तो एक अलग ही दुनिया मे था ऐसा मजा उसे ज़िन्दगी मे पहली बार आ रहा था...
अब सोनाली अपनी गांड तेजी से सतीश के लंड पर ऊपर निचे करने लगी थि, उसके चूतडो का सतीश की जाँघों से टकराने से थप थप की आवाज हो रही थी.... सतीश भी अब अपनी कमर को ऊपर निचे करके अपनी मोम.की हेल्प करने लगता है.....
सोनाली अब जोश मे आकर उसके लंड के ऊपर अब तेजी से ऊपर निचे कुदने लगी थि, जिससे बीच बीच मे सतीश का लंड उसकी चुत से बाहर आ जाता पर वो तुरंत उसे अपनी चुत पर सेट करके उसे अंदर लेकर उसपर कुदने लगती... और और साथ ही साथ उसके मुह से सिसकारी भी निकल रही थी...
सोनाली- आआआह्ह्ह्हह्ह्..... क्या मस्त लंड है..... एकदम कसा हुआ अंदर जा रहा है... स्स्स्सह्ह्हह्ह कितना चुड़क्कड़ बेटा पैदा किया है मैंने जो आज मेरी ही चुत मार रहा है...
अब बसंती मेरे ऊपर से हट जाती है शायद अब उसे भी अपनी चुत की कुटाई करवानी थी..... में उसके हटते ही माँ को अपनी बाजुओं से पकड़ कर निचे लीटा लेता हूँ और खुद उनके ऊपर आकर ताबाड तोड़ धक्के लगाने लगता हु.... में बसंती को मम्मी के ऊपर आने का इशारा करता हु, बसंती मम्मी के ऊपर अपने दोनों पेर उनकी कमर के दोनों और करके उनके ऊपर झुक जाती है और उनके होंठो को चुसते हुये उनके मम्मो को मसलने लगती है... में उसकी कमर को पकड़ कर थोड़ा पीछे की और खींचता हु जिससे उसक चुत माँ की चुत के थोड़ा ऊपर उभार कर बाहर की तरफ आ जाती है....
अब पोजीशन ये थी की में माँ के पैरों को फैला कर उनके पैरों के बीच उनकी चुत मे अपना लंड डाले बैठा था और बसंती माँ के ऊपर अपने दोनों पेर साइड मे करे हुए लाइटी हुई थी और उसकी चुत माँ की चुत के ऊपर थी...
मैने माँ की चुत से लंड निकल कर बसंती की चुत मे दाल दिया और धक्के लगाने लगा, में उसकी मोटी गांड को मसलते हुए अब अपना लंड उसकी चुत मे अंदर बाहर कर रहा था....
थोड़ि देर तक उसकी चुत चोदने के बाद में अपना लंड उसमे से निकाल कर माँ की चुत मे दाल कर धक्के लगने लगता हु....
ऐसे ही में उन दोनों को १० मिनट तक चोदता हु, कभी माँ की चुत मे लंड दाल कर और कभी बसंती की चुत मे लंड दाल कर.... और ऊपर वो दोनों एक दूसरे को किस करते हुए अपनी छातियाँ एक दूसरे से रगड रही थी....
अब में माँ की चुत मे लंड दाल चोद रहा होता हु की माँ का बाँध टूट जाता है और उनकी चुत अपना रस बहा देती है, माँ झड चुकी थी इस्लिये में अपना लंड बसंती की चुत मे दाल कर उसे पेलने लगता हूँ और ५ मिनट की चुदाई के बाद उसकी चुत भी पानी छोड़ देती है और उसके पानी को अपने लंड पर महसूश करके मेरा लंड भी पानी उगलने को होता है में तुरंत उसकी चुत से अपना लंड निकाल लेता हूँ और उन दोनों के मुह के पास ले जाता हूँ वो दोनों भी तुरंत उठ कर बैठ जाती है में अपने लंड को हिलाते हुए अपन सारा पानी उन दोनों के चेहरे पर दाल देता हु... उनदोनो का चेहरा मेरे सफ़ेद पानी से भिग जाता है और मेरा कुछ पानी उनकी चूचि और पेट् पर भी गिर जाता है....
ओर में वहि बैठ कर अपनी साँसे दुरस्त करने लगता हु, आज की चुदाई से शरीर मे काफी वीकनेस फिल हो रही थी....
मों बसंती का चेहरा पकड़ कर अपनी जीभ निकल कर उसके चेहरे से मेरा सारा पानी चाट लेती है और फिर बसंती भी माँ के चेहरे से सारा पानी चाट कर उसे साफ़ कर देती है.... में तो बस हैरत भरी नजऱों से उन्हें देखता रह जाता हूँ की कैसे वो मेरे पानी को एक दूसरे के चेहरे से साफ़ कर रही है...
उन दोनों के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे, वो दोनों ही काफी खुश नजर आ रही थी.... वो दोनों अपनी चूचि पर पड़े मेरे पानी को अपने हाथो से अपनी चूचियों पर मल लेती है.... और पेट् पर गिरे पानी को अपनी ऊँगली से लेकर, ऊँगली को लेकर अपने मुह मे दाल कर चुस लेती है.... कसम से दोनों पक्की रंडी लग रही थी उस वक़्त.. फिर वो दोनों उठ कर वाशरूम जाकर अपने आप को साफ़ करके बाहर आती है....
दोनो कपडे पहनती है, कपडे पहनने के बाद बसंती किचन मे चलि जाती है और माँ मेरे पास आकर मेरे होंठो पर किस करते हुये....
सोनाली : कपडे पहन लो शिप्रा के आने का टाइम हो रहा है....
मैन-ह्म्मम्... पहनता हु...
माँ शायद मेरी मरी हुई आवाज से समझ जाती हैं की मुझे वीकनेस हो रही है.... इस्लिये वो उठ कर किचन मे चलि जाती है और थोड़ी देर मे ही एक दूध का गिलास लिए रूम मे एंटर होती है.... में उस समय अपना शार्ट पहनना रहा था....
माँ गिलास आगे बड़ा देती है....
मै बेध्यानि मे- इसमें क्या है माँ?
सोनाली : तेरे लिए बादाम दूध लाइ हूँ इसे पीकर तुझे अच्छा महसूस होगा.... देखो इतनी मेहनत करने के बाद कैसे चेहरा लटक गया है तेरा....
मैन- अरे माँ आप के साथ तो में दिन रात ऐसी मेहनत कर सकता हु...
ओर इसी के साथ में माँ की कमर मे हाथ रख कर उन्हें अपनी तरफ खिंच कर छाती से लगा लेता हु....
माँ-आरेरे क्या कर रहा है दूध गिर जायेगा...
मै माँ के दूध को अपने हाथो मे लेते हुये...
मैन- चिंता मत करो माँ मैंने हाथ लगा लिया है में आपका दूध नहीं गिरने दूंगा....
माँ मुस्कुराती हुई मुझसे अलग होते हुये- हट बदमाश कही का में इस गिलास मे भरे दूध की बात कर रही हु, अपने दूध की नहि...
मै- अच्छा में संमझा की....
इससे पहले मेरी बात पूरी होती...
सोनाली : मुझे पता है की तूने क्या समझा, तेरी इस शैतान खोपड़ी मे यहि सब चलता रहता है.... ले पकड इसे और पीले मुझे बिस्तर भी सही करना है अगर शिप्रा ने देख लिया तो सब गड़बड़ हो जायेगा....
मै माँ के हाथ से गिलास ले लेता हूँ और एक ही सांस मे सारा दूध पि जाता हु...
जबकी माँ हमारी धमा चौकडी से ख़राब हुई चादर को बिस्तर से हटा कर धोने को दाल देती है और नयी चादर बिचाने के लिए ले आती है...
माँ झुक कर बेडशीट बिछाने लगती है... झुकने के कारन उनकी गांड सारी मे से उभर कर मेरी आँखों के सामने आ जाती है...
मेरे अंदर फिर से ठरक आ जाती है... में आगे बढ़ कर उनके चूतडो से अपने लंड को सटा देता हु.... और उनके चूतडो को अपने हाथों से साड़ी के ऊपर से ही मसलने लगता हु.....
सोनाली : आआह्ह्ह्हह, क्या कर रहा है.... इतना सब करने के बाद भी तेरा मन नहीं भरा...
मै- जब आप जैसी सेक्सी आइटम अपने इतने मस्त चूतडो को दीखाती है तो मन कैसे भरेगा...
ओर में अपने लंड को उनके चूतडो के ऊपर मसलने लगता हु...
सोनाली : हाय दयां, तुझे शर्म नहीं आती अपनी माँ को आइटम कहते हुये.... और में अपने चुत्तड़ तुझे नहीं दिखा रही ये तो तू ही है जो मेरे चूतडो के पीछे पड़ा हुआ है...
मै- आअह्ह्ह्हह... क्या करू माँ आपके इन चूतडो का तो में दीवाना हो गया हु, पागल कर दिया है आपके चूतडो ने मुझे.... मन तो कर रहा है की अभी आपकी गांड मे अपना लंड डाल दु....
मेरा लंड भी अब अपना सर उठाने लगता है, जिसका एहसाश माँ को भी हो गया था.....
सोनाली : हाय दया तीन बार झड़ने के बाद भी इसे चैन नहीं है.... देखो कैसे खड़ा हो रहा है.... चल हट शिप्रा आने वाली होगी और मुझे और भी काम निपटाने है...
मै- अरे माँ इसे तो चैन तब आएगा जब ये आपकी गांड़ मे जायेगा....
माँ मुझे धक्का देते हुये...
सोनाली : चल हट ठरकी कही का.... हे हे ह
ओर माँ रूम से निकल जाती है और में रूम मे अपना लंड मसलता रह जाता हु....
तभी डोर वेल बजती है में उठ कर गेट खोलने जाता हु, बाहर शिप्रा थि, में साइड मे हो जाता हूँ वो अंदर आकर सीधा अपने रूम मे चलि जाती है... और में डोर लॉक करके सोफ़े पर बैठ जाता हूँ और टीवी ऑन कर लेता हु..
दोस्तो अब कहानी में नये पात्रो की एन्ट्री हो रहि है
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ईशा:-उम्र-19 वर्ष मेरी बहुत अच्छी दोस्त इसके साथ अब तक सेक्स का रिश्ता नही है उसका बॉय फ्रेंड है
कुणाल :-उम्र 22 वर्ष ईशा का बॉय फ्रेंड
निर्मला आंटी:-ईशा की माँ उम्र 40 वर्ष जिन्हें मैं आंटी कहता हूं यह इस कहानी में ज्यादा नही है
बाकी पत्रों से आगे मिलता रहूंगा
अगले दिन शनिवार था सुबह सुबह मेरा फोन बज रहा था फोन देखा तो ईशा का था मैंने आपको पहले ही बताया था कि मेरी बहुत सी लड़कियों से संबंध थे पर ईशा मेरी दोस्त थी वह भी बहुत अच्छी सिर्फ दोस्त हम आपस मे बहुत क्लोज थे उसे मेरे सब लफडोके बारे में पता था हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं जो हर बात के बारे में खुले तरीके से बाते करते हैं और हमारे बीच में सेक्स सम्बन्धी बातें भी ऐसे ही होती थी जैसे कोई सामान्य बातें हो रही हों, उसे भी वयस्क फिल्में देखने का बहुत शौक था तो वो मुझसे माँगा करती थी क्योंकि मैं इन्टरनेट से डाउनलोड कर लिया करता था और उसे दिया करता था. एक दिन शनिवार को सुबह 11 बजे ईशा का फोन आया, मैं तब सो ही रहा था मैंने जैसे ही फोन उठाया तो वो चिल्लाते हुए बोली- गधे, एस एम एस का जवाब क्यों नहीं देता?
मैंने कहा- तू तो ऐसे बोल रही है जैसे तुझे पता ही नहीं मैं शनिवार और रविवार को 12 बजे तक सोता हूँ?
वो बोली- पता है लेकिन फिर भी मेरे मैसेज का जवाब देना चाहिए ना, मैसेज का जवाब दे !
और यह बोल कर उसने फोन काट दिया
हाँ ! ऐसी ही है वो पागल !दो महीने से वह अपने गांव गई हुई थी दो दिन पहले वह वापस आगई थी
मैंने एस एम एस पढ़ा, लिखा था,”सतीश सुन ना ! कुछ बोलना था, बोलूँ क्या?”
मैंने जवाब दिया,”नहीं, मत बोल. तुझे कब से जरूरत पड़ने लगी है मुझसे कुछ बोलने के लिए?”
ईशा ने जवाब दिया,,”सुन तो ले क्या कह रही हूँ !”
मैंने कहा,”तो बोल ना गधी?”
वो बोली,”अच्छा मैसेज पर नहीं बोलती, मिल कर बताऊँगी, तू काफी शॉप पर आ जा ! जैसा है वैसा ही आ जा ! सजने-संवरने की जरूरत नहीं है, तू ऐसे ही बहुत स्मार्ट लगता है.”
मैं क्या बोलता, उसके सामने कुछ बोलने का कोई मतलब था नहीं, मैंने जवाब दिया,”ठीक है, 15 मिनट में पहुँच रहा हूँ !”
और उधर से जवाब आया- ओके.
मैं बिना नहाये बिना कपडे बदले बरमूडा और टीशर्ट में ही वहाँ पहुँच गया तो वो मोहतरमा पहले से ही पहुँची हुई थी और मेरी केपेचिनो का ऑर्डर भी दे रखा था.
मैंने कहा,”कहो, क्या हुकुम है?”
बोली,”रुक तो जा यार, पहले काफी पी ले, ठीक से जाग तो जा, फिर बात करते हैं !”
मैंने कहा,”ठीक है, ठीक है, ला दे मेरी कॉफ़ी !”
तब तक कॉफी आ गई मैंने कॉफी पी उसने उसका स्ट्राबेरी शेक.
उसके बाद मैंने कहा,”अब तो बोल, क्या हुआ? क्या बोलना था?”
ईशा फिर बोली,”क्या हुआ, बता दूँगी जल्दी क्यों मचा रखी है?”
अब मैं भड़क गया, मैंने कहा,”जल्दी मैंने मचा रखी है या तूने मचा रखी थी, जैसा मैं था वैसे हालत में मैंने तुझे बुलाया था या तूने मुझे बुलाया है, अब बता वरना मार खायेगी.”
फिर वो बोली,”ठीक है तू घर जा, मैं फोन करके बता दूँगी.”
उसके दिमाग में क्या चल रहा था मेरे समझ के बाहर था लेकिन आज मैंने उसकी आँखों में अजीब बात देखी थी, आज वो मुझ से आँखे मिलाने से कतरा रही थी, हर बार जब मैं उससे कुछ भी पूछता कि क्या कहना था तो वो शरमाए जा रही थी.
मैंने उसे कहा,”सुन जरा !”
वो बोली,”क्या?”
मैंने कहा,”इधर देख !”
उसने ऊपर देखा तो मैंने कहा,”आज मुझे ही ऐसा लग रहा है या तू सच में शरमा रही है?”
मेरी बात सुन कर वो लाल सी हो गई और शर्माते हुए बोली,”मैं घर जा रही हूँ तुझे घर जा कर फोन करती हूँ.” .
वो उठ कर जाने लगी तो मैंने पीछे से उसके बाल पकड़े और उसके चेहरे को मेरे चेहरे के सामने लाकर कहा,”अब बताएगी हुआ क्या है !!! नहीं तो मैं तुझे नहीं जाने दे रहा हूँ.”
उसके बाल पकड़ कर इस तरह कुछ पूछना मेरे लिए बिलकुल सामान्य बात थी और कैफे वालों के लिए भी क्योंकि इसके पहले भी हम लोग इस तरह की बातें करते रहे हैं.
पर आज जब मैंने उसे पकड़ा तो वो पहले तो चौंक गई फिर मेरे और पास में आ गई और उसने आँखे बंद कर ली, ऐसा उसने पहले कभी नहीं किया था तो इस बार मैं चौंक गया.
मैंने उसे कहा,”जागो मैडम कहा हो तुम?”
तो उसने आँखे खोली मेरी तरफ देखा और मेरे दाएँ गाल को उसने चूम लिया.
मैं कुछ कहता या समझता वो उसके पहले ही कैफे से बाहर थी, मैं मेरे गाल को सहला रहा था और बिल माँगा तो पता चला कि आज मोहतरमा पहले ही पैसे दे कर जा चुकी थी.
तभी मेरे फोन पर उसका एक मैसेज आया !
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बसन्ती काफी गरम हो गई थी वो अपने हाथो से मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुह को अपने चुत पर रगड़ने लगती है.....
ओर निचे बसंती के लंड को छोड़ते ही सोनाली सतीश के दोनों और पेर करके अपने हाथ से उसके लंड को अपनी चुत के छेद पर सेट करती है और धीरे धीरे लंड पर बैठने लगती है थोड़ी देर.मे ही सतीश का पूरा लंड सोनाली की.चुत मे था, अब सोनाली उसके लंड को अपनी चुत मे लेकर अपनी गांड गोल गोल घुमाने लगती है.... सतीश तो एक अलग ही दुनिया मे था ऐसा मजा उसे ज़िन्दगी मे पहली बार आ रहा था...
अब सोनाली अपनी गांड तेजी से सतीश के लंड पर ऊपर निचे करने लगी थि, उसके चूतडो का सतीश की जाँघों से टकराने से थप थप की आवाज हो रही थी.... सतीश भी अब अपनी कमर को ऊपर निचे करके अपनी मोम.की हेल्प करने लगता है.....
सोनाली अब जोश मे आकर उसके लंड के ऊपर अब तेजी से ऊपर निचे कुदने लगी थि, जिससे बीच बीच मे सतीश का लंड उसकी चुत से बाहर आ जाता पर वो तुरंत उसे अपनी चुत पर सेट करके उसे अंदर लेकर उसपर कुदने लगती... और और साथ ही साथ उसके मुह से सिसकारी भी निकल रही थी...
सोनाली- आआआह्ह्ह्हह्ह्..... क्या मस्त लंड है..... एकदम कसा हुआ अंदर जा रहा है... स्स्स्सह्ह्हह्ह कितना चुड़क्कड़ बेटा पैदा किया है मैंने जो आज मेरी ही चुत मार रहा है...
अब बसंती मेरे ऊपर से हट जाती है शायद अब उसे भी अपनी चुत की कुटाई करवानी थी..... में उसके हटते ही माँ को अपनी बाजुओं से पकड़ कर निचे लीटा लेता हूँ और खुद उनके ऊपर आकर ताबाड तोड़ धक्के लगाने लगता हु.... में बसंती को मम्मी के ऊपर आने का इशारा करता हु, बसंती मम्मी के ऊपर अपने दोनों पेर उनकी कमर के दोनों और करके उनके ऊपर झुक जाती है और उनके होंठो को चुसते हुये उनके मम्मो को मसलने लगती है... में उसकी कमर को पकड़ कर थोड़ा पीछे की और खींचता हु जिससे उसक चुत माँ की चुत के थोड़ा ऊपर उभार कर बाहर की तरफ आ जाती है....
अब पोजीशन ये थी की में माँ के पैरों को फैला कर उनके पैरों के बीच उनकी चुत मे अपना लंड डाले बैठा था और बसंती माँ के ऊपर अपने दोनों पेर साइड मे करे हुए लाइटी हुई थी और उसकी चुत माँ की चुत के ऊपर थी...
मैने माँ की चुत से लंड निकल कर बसंती की चुत मे दाल दिया और धक्के लगाने लगा, में उसकी मोटी गांड को मसलते हुए अब अपना लंड उसकी चुत मे अंदर बाहर कर रहा था....
थोड़ि देर तक उसकी चुत चोदने के बाद में अपना लंड उसमे से निकाल कर माँ की चुत मे दाल कर धक्के लगने लगता हु....
ऐसे ही में उन दोनों को १० मिनट तक चोदता हु, कभी माँ की चुत मे लंड दाल कर और कभी बसंती की चुत मे लंड दाल कर.... और ऊपर वो दोनों एक दूसरे को किस करते हुए अपनी छातियाँ एक दूसरे से रगड रही थी....
अब में माँ की चुत मे लंड दाल चोद रहा होता हु की माँ का बाँध टूट जाता है और उनकी चुत अपना रस बहा देती है, माँ झड चुकी थी इस्लिये में अपना लंड बसंती की चुत मे दाल कर उसे पेलने लगता हूँ और ५ मिनट की चुदाई के बाद उसकी चुत भी पानी छोड़ देती है और उसके पानी को अपने लंड पर महसूश करके मेरा लंड भी पानी उगलने को होता है में तुरंत उसकी चुत से अपना लंड निकाल लेता हूँ और उन दोनों के मुह के पास ले जाता हूँ वो दोनों भी तुरंत उठ कर बैठ जाती है में अपने लंड को हिलाते हुए अपन सारा पानी उन दोनों के चेहरे पर दाल देता हु... उनदोनो का चेहरा मेरे सफ़ेद पानी से भिग जाता है और मेरा कुछ पानी उनकी चूचि और पेट् पर भी गिर जाता है....
ओर में वहि बैठ कर अपनी साँसे दुरस्त करने लगता हु, आज की चुदाई से शरीर मे काफी वीकनेस फिल हो रही थी....
मों बसंती का चेहरा पकड़ कर अपनी जीभ निकल कर उसके चेहरे से मेरा सारा पानी चाट लेती है और फिर बसंती भी माँ के चेहरे से सारा पानी चाट कर उसे साफ़ कर देती है.... में तो बस हैरत भरी नजऱों से उन्हें देखता रह जाता हूँ की कैसे वो मेरे पानी को एक दूसरे के चेहरे से साफ़ कर रही है...
उन दोनों के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे, वो दोनों ही काफी खुश नजर आ रही थी.... वो दोनों अपनी चूचि पर पड़े मेरे पानी को अपने हाथो से अपनी चूचियों पर मल लेती है.... और पेट् पर गिरे पानी को अपनी ऊँगली से लेकर, ऊँगली को लेकर अपने मुह मे दाल कर चुस लेती है.... कसम से दोनों पक्की रंडी लग रही थी उस वक़्त.. फिर वो दोनों उठ कर वाशरूम जाकर अपने आप को साफ़ करके बाहर आती है....
दोनो कपडे पहनती है, कपडे पहनने के बाद बसंती किचन मे चलि जाती है और माँ मेरे पास आकर मेरे होंठो पर किस करते हुये....
सोनाली : कपडे पहन लो शिप्रा के आने का टाइम हो रहा है....
मैन-ह्म्मम्... पहनता हु...
माँ शायद मेरी मरी हुई आवाज से समझ जाती हैं की मुझे वीकनेस हो रही है.... इस्लिये वो उठ कर किचन मे चलि जाती है और थोड़ी देर मे ही एक दूध का गिलास लिए रूम मे एंटर होती है.... में उस समय अपना शार्ट पहनना रहा था....
माँ गिलास आगे बड़ा देती है....
मै बेध्यानि मे- इसमें क्या है माँ?
सोनाली : तेरे लिए बादाम दूध लाइ हूँ इसे पीकर तुझे अच्छा महसूस होगा.... देखो इतनी मेहनत करने के बाद कैसे चेहरा लटक गया है तेरा....
मैन- अरे माँ आप के साथ तो में दिन रात ऐसी मेहनत कर सकता हु...
ओर इसी के साथ में माँ की कमर मे हाथ रख कर उन्हें अपनी तरफ खिंच कर छाती से लगा लेता हु....
माँ-आरेरे क्या कर रहा है दूध गिर जायेगा...
मै माँ के दूध को अपने हाथो मे लेते हुये...
मैन- चिंता मत करो माँ मैंने हाथ लगा लिया है में आपका दूध नहीं गिरने दूंगा....
माँ मुस्कुराती हुई मुझसे अलग होते हुये- हट बदमाश कही का में इस गिलास मे भरे दूध की बात कर रही हु, अपने दूध की नहि...
मै- अच्छा में संमझा की....
इससे पहले मेरी बात पूरी होती...
सोनाली : मुझे पता है की तूने क्या समझा, तेरी इस शैतान खोपड़ी मे यहि सब चलता रहता है.... ले पकड इसे और पीले मुझे बिस्तर भी सही करना है अगर शिप्रा ने देख लिया तो सब गड़बड़ हो जायेगा....
मै माँ के हाथ से गिलास ले लेता हूँ और एक ही सांस मे सारा दूध पि जाता हु...
जबकी माँ हमारी धमा चौकडी से ख़राब हुई चादर को बिस्तर से हटा कर धोने को दाल देती है और नयी चादर बिचाने के लिए ले आती है...
माँ झुक कर बेडशीट बिछाने लगती है... झुकने के कारन उनकी गांड सारी मे से उभर कर मेरी आँखों के सामने आ जाती है...
मेरे अंदर फिर से ठरक आ जाती है... में आगे बढ़ कर उनके चूतडो से अपने लंड को सटा देता हु.... और उनके चूतडो को अपने हाथों से साड़ी के ऊपर से ही मसलने लगता हु.....
सोनाली : आआह्ह्ह्हह, क्या कर रहा है.... इतना सब करने के बाद भी तेरा मन नहीं भरा...
मै- जब आप जैसी सेक्सी आइटम अपने इतने मस्त चूतडो को दीखाती है तो मन कैसे भरेगा...
ओर में अपने लंड को उनके चूतडो के ऊपर मसलने लगता हु...
सोनाली : हाय दयां, तुझे शर्म नहीं आती अपनी माँ को आइटम कहते हुये.... और में अपने चुत्तड़ तुझे नहीं दिखा रही ये तो तू ही है जो मेरे चूतडो के पीछे पड़ा हुआ है...
मै- आअह्ह्ह्हह... क्या करू माँ आपके इन चूतडो का तो में दीवाना हो गया हु, पागल कर दिया है आपके चूतडो ने मुझे.... मन तो कर रहा है की अभी आपकी गांड मे अपना लंड डाल दु....
मेरा लंड भी अब अपना सर उठाने लगता है, जिसका एहसाश माँ को भी हो गया था.....
सोनाली : हाय दया तीन बार झड़ने के बाद भी इसे चैन नहीं है.... देखो कैसे खड़ा हो रहा है.... चल हट शिप्रा आने वाली होगी और मुझे और भी काम निपटाने है...
मै- अरे माँ इसे तो चैन तब आएगा जब ये आपकी गांड़ मे जायेगा....
माँ मुझे धक्का देते हुये...
सोनाली : चल हट ठरकी कही का.... हे हे ह
ओर माँ रूम से निकल जाती है और में रूम मे अपना लंड मसलता रह जाता हु....
तभी डोर वेल बजती है में उठ कर गेट खोलने जाता हु, बाहर शिप्रा थि, में साइड मे हो जाता हूँ वो अंदर आकर सीधा अपने रूम मे चलि जाती है... और में डोर लॉक करके सोफ़े पर बैठ जाता हूँ और टीवी ऑन कर लेता हु..
दोस्तो अब कहानी में नये पात्रो की एन्ट्री हो रहि है
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ईशा:-उम्र-19 वर्ष मेरी बहुत अच्छी दोस्त इसके साथ अब तक सेक्स का रिश्ता नही है उसका बॉय फ्रेंड है
कुणाल :-उम्र 22 वर्ष ईशा का बॉय फ्रेंड
निर्मला आंटी:-ईशा की माँ उम्र 40 वर्ष जिन्हें मैं आंटी कहता हूं यह इस कहानी में ज्यादा नही है
बाकी पत्रों से आगे मिलता रहूंगा
अगले दिन शनिवार था सुबह सुबह मेरा फोन बज रहा था फोन देखा तो ईशा का था मैंने आपको पहले ही बताया था कि मेरी बहुत सी लड़कियों से संबंध थे पर ईशा मेरी दोस्त थी वह भी बहुत अच्छी सिर्फ दोस्त हम आपस मे बहुत क्लोज थे उसे मेरे सब लफडोके बारे में पता था हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं जो हर बात के बारे में खुले तरीके से बाते करते हैं और हमारे बीच में सेक्स सम्बन्धी बातें भी ऐसे ही होती थी जैसे कोई सामान्य बातें हो रही हों, उसे भी वयस्क फिल्में देखने का बहुत शौक था तो वो मुझसे माँगा करती थी क्योंकि मैं इन्टरनेट से डाउनलोड कर लिया करता था और उसे दिया करता था. एक दिन शनिवार को सुबह 11 बजे ईशा का फोन आया, मैं तब सो ही रहा था मैंने जैसे ही फोन उठाया तो वो चिल्लाते हुए बोली- गधे, एस एम एस का जवाब क्यों नहीं देता?
मैंने कहा- तू तो ऐसे बोल रही है जैसे तुझे पता ही नहीं मैं शनिवार और रविवार को 12 बजे तक सोता हूँ?
वो बोली- पता है लेकिन फिर भी मेरे मैसेज का जवाब देना चाहिए ना, मैसेज का जवाब दे !
और यह बोल कर उसने फोन काट दिया
हाँ ! ऐसी ही है वो पागल !दो महीने से वह अपने गांव गई हुई थी दो दिन पहले वह वापस आगई थी
मैंने एस एम एस पढ़ा, लिखा था,”सतीश सुन ना ! कुछ बोलना था, बोलूँ क्या?”
मैंने जवाब दिया,”नहीं, मत बोल. तुझे कब से जरूरत पड़ने लगी है मुझसे कुछ बोलने के लिए?”
ईशा ने जवाब दिया,,”सुन तो ले क्या कह रही हूँ !”
मैंने कहा,”तो बोल ना गधी?”
वो बोली,”अच्छा मैसेज पर नहीं बोलती, मिल कर बताऊँगी, तू काफी शॉप पर आ जा ! जैसा है वैसा ही आ जा ! सजने-संवरने की जरूरत नहीं है, तू ऐसे ही बहुत स्मार्ट लगता है.”
मैं क्या बोलता, उसके सामने कुछ बोलने का कोई मतलब था नहीं, मैंने जवाब दिया,”ठीक है, 15 मिनट में पहुँच रहा हूँ !”
और उधर से जवाब आया- ओके.
मैं बिना नहाये बिना कपडे बदले बरमूडा और टीशर्ट में ही वहाँ पहुँच गया तो वो मोहतरमा पहले से ही पहुँची हुई थी और मेरी केपेचिनो का ऑर्डर भी दे रखा था.
मैंने कहा,”कहो, क्या हुकुम है?”
बोली,”रुक तो जा यार, पहले काफी पी ले, ठीक से जाग तो जा, फिर बात करते हैं !”
मैंने कहा,”ठीक है, ठीक है, ला दे मेरी कॉफ़ी !”
तब तक कॉफी आ गई मैंने कॉफी पी उसने उसका स्ट्राबेरी शेक.
उसके बाद मैंने कहा,”अब तो बोल, क्या हुआ? क्या बोलना था?”
ईशा फिर बोली,”क्या हुआ, बता दूँगी जल्दी क्यों मचा रखी है?”
अब मैं भड़क गया, मैंने कहा,”जल्दी मैंने मचा रखी है या तूने मचा रखी थी, जैसा मैं था वैसे हालत में मैंने तुझे बुलाया था या तूने मुझे बुलाया है, अब बता वरना मार खायेगी.”
फिर वो बोली,”ठीक है तू घर जा, मैं फोन करके बता दूँगी.”
उसके दिमाग में क्या चल रहा था मेरे समझ के बाहर था लेकिन आज मैंने उसकी आँखों में अजीब बात देखी थी, आज वो मुझ से आँखे मिलाने से कतरा रही थी, हर बार जब मैं उससे कुछ भी पूछता कि क्या कहना था तो वो शरमाए जा रही थी.
मैंने उसे कहा,”सुन जरा !”
वो बोली,”क्या?”
मैंने कहा,”इधर देख !”
उसने ऊपर देखा तो मैंने कहा,”आज मुझे ही ऐसा लग रहा है या तू सच में शरमा रही है?”
मेरी बात सुन कर वो लाल सी हो गई और शर्माते हुए बोली,”मैं घर जा रही हूँ तुझे घर जा कर फोन करती हूँ.” .
वो उठ कर जाने लगी तो मैंने पीछे से उसके बाल पकड़े और उसके चेहरे को मेरे चेहरे के सामने लाकर कहा,”अब बताएगी हुआ क्या है !!! नहीं तो मैं तुझे नहीं जाने दे रहा हूँ.”
उसके बाल पकड़ कर इस तरह कुछ पूछना मेरे लिए बिलकुल सामान्य बात थी और कैफे वालों के लिए भी क्योंकि इसके पहले भी हम लोग इस तरह की बातें करते रहे हैं.
पर आज जब मैंने उसे पकड़ा तो वो पहले तो चौंक गई फिर मेरे और पास में आ गई और उसने आँखे बंद कर ली, ऐसा उसने पहले कभी नहीं किया था तो इस बार मैं चौंक गया.
मैंने उसे कहा,”जागो मैडम कहा हो तुम?”
तो उसने आँखे खोली मेरी तरफ देखा और मेरे दाएँ गाल को उसने चूम लिया.
मैं कुछ कहता या समझता वो उसके पहले ही कैफे से बाहर थी, मैं मेरे गाल को सहला रहा था और बिल माँगा तो पता चला कि आज मोहतरमा पहले ही पैसे दे कर जा चुकी थी.
तभी मेरे फोन पर उसका एक मैसेज आया !
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